मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
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  • निर्वाचकों से निर्वाचनों तक, मतदाता से मतदान तक और अभ्यर्थियों से मतगणना तक: आईसीटी एप एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं  

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    नए तकनीकी उपकरणों ने आयोग को हाल के दिनों में निर्वाचनों के स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन में अधिक दक्षता लाने, व्यापक पहुंच बनाने और जवाबदेही तय करने में सक्षम बनाया है।.

    459528557_image(3).png.19ad1f8050ea70b4b9cc9240c07016a9.pngभारत निर्वाचन आयोग ने संस्थागत निर्माण करके, पारदर्शिता और पहुंच बनाकर, समावेशी दृष्टिकोण अपनाकर तथा प्रक्रिया सरलीकरण और सक्रिय हस्तक्षेप के जरिए इसे सुदृढ़ बनाने के माध्यम से निर्वाचकीय लोकतंत्र को गहराई तक ले जाने का संवैधानिक कार्य पूरा किया है। विशेष रूप से, विभिन्न तकनीकी उपकरणों ने आयोग को हाल के दिनों में निर्वाचनों के स्वतंत्र और निष्पक्ष संचालन में अधिक दक्षता लाने, व्यापक पहुंच बनाने और जवाबदेही तय करने में सक्षम बनाया है।.

    भारत निर्वाचन आयोग में नए ऐप्स, विशेष रूप से मोबाइल ऐप्स के इकोसिस्टम ने निर्वाचनों में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। मोबाइल एप्लिकेशन बेहतर वैयक्तिकरण, सूचनाएं भेजने में आसानी, मोबाइल-विशिष्ट सुविधाओं जैसे फोटो कैप्चर करने के लिए कैमरा, संपर्क सूची तक पहुंच, भौगोलिक नेविगेशन प्रणाली, फोन कॉल, एक्सेलेरोमीटर, कम्पास और ऑफ़लाइन काम करने की क्षमता जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं जो इसे मतदाताओं और निर्वाचन अधिकारियों के लिए और अधिक प्रयोक्ता अनुकूल बनाते हैं। 

    भारत निर्वाचन आयोग ने इस अवसर का उपयोग किया है और 20 ऐप्स का एक संग्रह (सूट) विकसित किया है जो रजिस्ट्रेशन से लेकर परिणाम तक की निर्वाचन प्रणाली के विशाल चक्र को आगे बढ़ाने के लिए एक सही पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है। निर्वाचनों के बाद 4 तकनीकी चरण होते हैं जहां इन एप्लीकेशंस के पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग किया जाता है। इन चार चरणों को नीचे संक्षेप में वर्णित किया गया है::

    1. गैर-निर्वाचन: यह चरण निरंतर चरण को दर्शाता है जब मतदाता प्रणाली में रजिस्टर किए जाते हैं और कोई प्रमुख निर्वाचन आयोजित नहीं हो रहे होते हैं।
    2. निर्वाचन पूर्व: यह चरण आम तौर पर निर्वाचनों के एक साल/6 महीने पहले शुरू होता है और निर्वाचनों की घोषणा की तारीख तक विस्तारित होता है। यह चरण निर्वाचन योजना और तैयारी को अभिलक्षित करता है।
    3. निर्वाचन के दौरान: यह चरण सबसे महत्वपूर्ण चरण है जो घोषणा की तारीख से शुरू होता है, मतदान के दिन से शुरू होकर मतगणना के समापन पर समाप्त होता है।
    4. निर्वाचन के बाद: यह चरण उस समय को दर्शाता है जब निर्वाचन समाप्त होने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है और पश्च लेखापरीक्षा की जाती है।
       

    ये ऐप गैर-निर्वाचन, निर्वाचन से पहले, निर्वाचन के समय और निर्वाचन के बाद के चरणों में काम करते हैं और सभी पक्षकारों के लिए निर्बाध इंटरफेस प्रदान करते हुए एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं। इन एप्लीकेशंस को सावधानी से इस प्रकार डिजाइन किया गया है, कि वे सभी चरणों को प्रभावी ढंग से कवर करते हैं।

    चरण 1: गैर-निर्वाचन चरण

    voter-portal1.jpg.90a6396f5c8c46b999ac946c9d5d2203.jpgगैर-निर्वाचन चरण के लिए पहला एप्लीकेशन, जहां निर्वाचन की तैयारी के लिए कोई स्पष्ट कार्यकलाप नहीं किया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से मतदाता नामांकन, मतदान केंद्र की सुविधाओं में सुधार और निर्वाचक नामावली को सुदृढ़ बनाया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग नए मतदाता रजिस्ट्रेशन, प्रविष्टियों में सुधार, और मतदान केंद्र युक्तिकरण के अलावा प्रवासन मामलों के लिए आईसीटी एप्लीकेशन का उपयोग करता है।.

    ऐसी चार विधियाँ हैं जिनके माध्यम से नए मतदाता को नियोजित किया जाता है।  

    पहली विधि मतदाता पोर्टल (Voter Portal) का उपयोग करके अपनाई जाती है। यह पोर्टल एपिक नंबर या व्यक्तिगत विवरण का उपयोग करके निर्वाचक नामावली में नाम की खोज करने, नए मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन करने, विवरणों में सुधार करने, और विधानसभा क्षेत्र के अंदर या बाहर स्थानांतरण करने की सुविधा प्रदान करता है। मतदाता इस ऐप का उपयोग करके आसानी से फॉर्म जमा कर सकता है और संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर सकता है। दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एक बार फॉर्म जमा करने के बाद, नागरिक पोर्टल पर विजिट करके जमा किए गए आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं।

    डिजिलॉकर के साथ एकीकरण की सुविधा दस्तावेजों को आसानी से अपलोड करने की सुविधा प्रदान करती है।

    vha.jpg.34f5f7b6aa9c9fd0ee2b7255181a1d5c.jpgदूसरी विधि पुरस्कार विजेता मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल ऐप (Voter Helpline App) के माध्यम से उपयोग की जाती है। यह मोबाइल एप्लिकेशन भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पांच डेटाबेस को एक साथ जोड़ता है जिससे नागरिकों के लिए निर्बाध सेवाएं पेश की जाती हैं। मोबाइल एप्लिकेशन भारतीय मतदाताओं को 920 मिलियन मतदाताओं में से कुछ ही क्षणों में उनके नाम खोजने की अनुमति देता है। मतदाता अपना नाम, मतदान केंद्र, मतदाता कार्ड में विवरण और निर्वाचन कार्यक्रम भी सत्यापित कर सकता है। अगर किसी मतदाता के पास पहले से ही मतदाता पहचान पत्र है, तो ऐप केवल मतदाता आईडी कार्ड के बारकोड को स्कैन करके विवरण को सत्यापित करने की सुविधा प्रदान करता है।

     

    vha1.jpg.7f9ee8f1e20f34b2fab9916cd186610e.jpgमोबाइल ऐप मतदाता रजिस्ट्रेशन, स्थानांतरण और सुधार के लिए फॉर्म जमा करने की सुविधा प्रदान करता है। उपयोगकर्ता केवल दस्तावेजों को अपलोड कर सकता है और फॉर्म भर सकता है। निर्णय के लिए यह प्रपत्र सीधे संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पास जाता है। 

    अगर मतदाता सेवाओं का लाभ उठाने में असमर्थ है, तो वह सीधे मोबाइल ऐप का उपयोग करके भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में शिकायत दर्ज कर सकता है। वोटर हेल्पलाइन ऐप आईओएस और एंड्रॉइड दोनों पर उपलब्ध है। ऐप को 25 मिलियन बार डाउनलोड किया गया है और अब तक 54 मिलियन निर्वाचकीय खोज की जा चुकी हैं। 

    तीसरी विधि एसएमएस द्वारा होती है। एक निर्दिष्ट संख्या पर एक छोटा संदेश भेजकर, कोई मतदाता चुनावी व्यवस्था में अपने नामों की उपस्थिति को सत्यापित कर सकता है।

    चौथा तरीका टोल फ्री 1950 को कॉल करके है: 1950 पूरे भारत में उपलब्ध एक सार्वभौमिक नंबर है जिसके द्वारा कोई भी उपयोगकर्ता किसी भी मोबाइल ऑपरेटर से कॉल कर सकता है और 22 से अधिक भाषाओं में निर्वाचन से संबंधित मुद्दों पर बात कर सकता है। एजेंटों को मतदाताओं के नाम की खोज करने, नए प्ररूपों के अनुरोध लेने और किसी भी शिकायत के मामले में शिकायत दर्ज करने के लिए एक सार्वभौमिक पोर्टल पर संचालित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।  

    कॉल सेंटर की अनूठी विशेषता यह है कि यह सभी जिलों और राज्य मुख्यालयों में उपलब्ध है, लेकिन वे सभी आईसीटी एप्लिकेशन के एक सामान्य आधार स्तंभ से जुड़े हुए हैं जिसे राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल कहा जाता है।

    pwd-app.jpg.40e22c6b9877f4b4bfd8589ae601d57e.jpgनिर्वाचन आयोग ने लोकसभा निर्वाचन 2019 को सुगम निर्वाचन घोषित किया था। दिव्यांगजनों के लिए आईसीटी सक्षमता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए थे। पीडब्ल्यूडी ऐप (PWD App) नाम का यह दूसरा एप्लिकेशन दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। 

    इस एप्लिकेशन को विशेष रूप से दृष्टि दोष, श्रवण दोष और अन्य विकलांगताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया किया गया है। दिव्यांगजन उपयोगकर्ता इस ऐप का उपयोग करके अपने नाम और अपने मतदाता पहचान पत्र का विवरण खोज सकते हैं। आयोग ने दिव्यांग मतदाताओं को फार्म भरने के लिए दरवाजे तक सुविधा देने का अनुरोध करने के लिए विस्तृत सुविधाएं प्रदान की हैं। इस एप्लीकेशन ने दिव्यांगजनों को चलने-फिरने में असमर्थ होने संबंधी अपनी दिव्यांगता का वर्णन करके स्वयं को दिव्यांग के रूप में चिह्नित करने और व्हीलचेयर के लिए अनुरोध करने की सुविधा प्रदान की। दृष्टिबाधित व्यक्ति फार्म 7 क में मतपत्र के ठीक अनुक्रम में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची सुन सकते हैं। इस प्रकार, वे आत्मविश्वास से मतदान केंद्र पर जा सकते हैं और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में सही बटन दबा सकते हैं। एप्लिकेशन एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म दोनों पर उपलब्ध है। 

    तीसरा एप्लीकेशन ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) का आरटीआई पोर्टल (RTI Portal) है जो सूचना का अधिकार अनुरोध हेतु ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। यह एप्लीकेशन न केवल आरटीआई आवेदन दायर करने की सुविधा प्रदान करता है अपितु यह अपील और आरटीआई शुल्क के भुगतान की सुविधा भी प्रदान करता है। यह एप्लीकेशन पारदर्शिता और प्रकटन में सुधार करने के लिए एक उचित माध्यम प्रदान करता है।

    चौथा एप्लीकेशन, जो गैर-निर्वाचन अवधि के दौरान अत्यंत सक्रिय रहता है, 'सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम' के नाम से जाना जाता है। यह भारत में मतदाता शिक्षा, मतदाता जागरूकता का प्रसार करने और मतदाता साक्षरता को बढ़ावा देने का काम करता है। स्वीप पोर्टल (SVEEP Portal) डिजिटल तरीके से कार्य करने का एक प्रभावी मंच प्रदान करता है। वेबसाइट में फोरम, क्विज़, मैनुअल, ट्यूटोरियल शामिल हैं और यह मतदाताओं को मतदान के दिन के दौरान की तस्वीरें साझा करने की सुविधा भी प्रदान करता है।

    पाँचवाँ एप्लीकेशन ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) वेबसाइट के बारे में है जो मोबाइल अनुप्रयोगों के गहन एकीकरण और विभिन्न सुलभता और मोबाइल-अनुकूल सुविधाओं को प्रदान करने के लिए ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) द्वारा बनाया गया है। वेबसाइट में एक आधुनिक इंटरफ़ेस, आसान पहुंच और खोज एवं विषय-वस्तु संचालित ढांचा है। नई वेबसाइट में 1952 के निर्वाचन तथा उसके बाद की जानकारी शामिल है और इसे निरंतर अपडेट किया गया है। 

    pprtms.jpg.31942ee7544850aca37fc7ba9541f281.jpgआयोग द्वारा तैयार किया गया छठा एप्लीकेशन राजनैतिक दलों के रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन ट्रैकिंग (Political Party registration tracking online) की सुविधा के लिए है। एक बार जब राजनैतिक दल अपना आवेदन जमा कर देता है, तो एक विशिष्ट नंबर आबंटित किया जाता है, और उसके बाद इस नंबर का उपयोग करके वह अपने मोबाइल पर अपने आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक कर सकता/सकती है। आवेदन की सभी प्रकार की विसंगतियों को पोर्टल से ही सूचित किया जाता है और पंजीकरण की सूचना ऑनलाइन प्रेषित की जाती है। इससे राजनैतिक दल के पंजीकरण में समयबद्ध निपटान और खुलापन आया है। 

    चरण 2: निर्वाचन से पूर्व  
    योजना चरण
    निर्वाचन की प्रकृति के आधार पर निर्वाचन से छह महीने से एक वर्ष पहले, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को स्थानांतरित करने और सामग्री व संसाधनों के लिए तैयारी करने के विचार से एक बड़े पैमाने पर योजना कार्यकलाप चलाए जाते हैं। मशीनों की आवश्यकता का आकलन किया जाता है और फिर मशीनों को विनिर्माता से जिला मालगोदामों में ले जाया जाता है और आवश्यकताओं के आधार पर राज्यों के एक जिला मालगोदाम से दूसरे जिला मालगोदामों में भी ले जाया जाता है। 

    नियोजन से विनष्ट करने तक प्रत्येक मशीन के प्रारंभ से लेकर अंत तक के स्थानान्तरण पर नजर रखने और रिकॉर्ड करने के लिए, एक सातवें एप्लिकेशन को एक नए केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर के रूप में विकसित किया गया था और इसे ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) मैनेजमेंट सिस्टम (ईएमएस) (EVM Management System (EMS)) कहा जाता है। ईएमएस को ईवीएम इकाइयों की सूची का प्रबंधन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है अर्थात् निर्माता से राज्य, राज्य से राज्य और जिले से जिले तक इकाइयों की ट्रैकिंग करने के लिए डिजाइन किया गया है। निर्वाचन आयोग इस वेब एप्लिकेशन का उपयोग करके जिला मालगोदामों द्वारा प्रबंधित इन मशीनों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर अत्यधिक सुरक्षित, हस्तक्षेप रहित और हेरफेर रहित वितरण को सख्ती से सुनिश्चित करता है।

    बैलट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट (मतदाता सत्यापनीय पेपर ऑडिट पर्ची) के यादृच्छिकीकरण की पूरी प्रक्रिया राजनैतिक दलों की मौजूदगी में कई बार की जाती है और फिर ईएमएस सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करके इसे अंतिम रूप दिया जाता है। इससे ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन) मशीनों की तटस्थता स्थापित करने में भरोसा कायम करने के लिए एक और परत जुड़ गई है।. 

    मशीन के लाने-ले जाने (मूवमेंट) के अलावा, निर्वाचक नामावली की शुद्धता में सुधार, नए मतदाता पंजीकरण और रिकॉर्ड को अपडेट करने जैसे विभिन्न चुनावी कार्यकलाप ईआरओ नेट (ERO Net) नामक ऑनलाइन एप्लीकेशन का उपयोग करके किए जाते हैं।

    चरण 3: निर्वाचन में
    मतदान की तारीख की घोषणा की तारीख 

    cvigil.jpg.e7d2b4664d0e23f38f45ab1d709ad55f.jpgआयोग द्वारा बनाया गया आठवां एप्लीकेशन सी-विजिल (नागरिक सतकर्ता) (cVIGIL) नामक एक और पुरस्कार विजेता एप है जो नागरिकों की सतर्कता के लिए है। यह भारत निर्वाचन आयोग द्वारा डिज़ाइन किया गया एक मोबाइल एप्लिकेशन है, जिसमें निर्वाचन संहिता के उल्लंघन की नागरिकों द्वारा सीधे रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान की गई है। यह व्यापक रूप से उपलब्ध है, उपयोग में आसान है, प्रशासकों के लिए विधिक तौर पर मान्य और अभियोग चलाने योग्य जानकारी सृजित करता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी, उड़न दस्ता और पुलिस, ये सभी आईसीटी एप्लिकेशन का उपयोग मॉडल कोड, व्यय उल्लंघन मामलों के त्वरित निपटान में करते हैं। 

    एक साथ काम करने वाले कारकों की त्रिमूर्ति सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) को सफल बनाती है। उपयोगकर्ता मौके पर ही ऑडियो, फ़ोटो या वीडियो कैप्चर करते हैं, और शिकायतों के समयबद्ध निपटान के लिए"100 मिनट" की उलटी गिनती सुनिश्चित की जाती है। किसी उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए उपयोगकर्ता द्वारा सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) में अपने कैमरे पर स्विच करते ही एप स्वचालित रूप से एक जियो-टैगिंग सुविधा सक्षम करता है। इसका मतलब यह है कि उड़न दस्ते किसी कथित उल्लंघन के सटीक स्थान को जान सकते हैं, और नागरिकों द्वारा कैप्चर की गई छवि को अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

    परिणाम: 2019 के संसदीय निर्वाचन की अवधि में लगभग 1,42,250 शिकायतें प्राप्त हुईं; जिनमें से 99% का निस्तारण किया गया और इनमें से 80% शिकायतें सही पाई गई । पहले केवल 20-25% शिकायतें आदर्श आचार संहिता के तहत दर्ज मामलों के लिए सही पाई जाती थीं।

    नौवाँ एप्लीकेशन सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) का एक विस्तारित पोर्टल है जिसे एमसीसी उल्लंघन पोर्टल (MCC violation portal) कहा जाता है ताकि एमसीसी के उल्लंघन के आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हो सकें। यह इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण एमसीसी उल्लंघन मामलों, नोटिस जारी करने और ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) के निर्णय के प्रकाशन की अनुमति देता है। यह महत्वपूर्ण नेताओं द्वारा किए गए उल्लंघन का व्यापक प्रचार-प्रसार करता है। 

    ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) का दसवां एप अभ्यर्थी नाम-निर्देशन एप्लीकेशन (Candidate Nomination Application) है। अभ्यर्थियों को अपनी अभ्यर्थिता ऑनलाइन दर्ज करने, अपने हलफनामे को डिजिटाइज़ करने और ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से जमानत राशि जमा करने का विकल्प प्रदान किया जाता है। यह प्रणाली रिटर्निंग ऑफिसर के पास आसानी से जमा करने के लिए क्यूआर कोड से युक्त मुद्रण योग्य भरा हुआ फॉर्म सृजित करती है। यह अभ्यर्थी नाम-निर्देशन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान प्रासंगिक है। एक बार आवेदन सफलतापूर्वक दर्ज होने के बाद, अभ्यर्थी ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) के एक विशिष्ट अभ्यर्थी एप 'कैंडीडेट सुविधा एप' (Candidate suvidha app) का उपयोग करके अपने आवेदन की संवीक्षा की स्थिति पर नजर रख सकते हैं। 

    भारत निर्वाचन आयोग ने एनकोर (ENCORE) नामक सॉफ्टवेयर के माध्यम से संपूर्ण अभ्‍यर्थी और निर्वाचन प्रबंधन के लिए एक इन-हाउस सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसका पूरा रूप है ‘वास्तविक अवधि वातावरण में संचार व्यवस्थाओं को चालू करना’ (एनेबलिंग कम्यूनिकेशंस ऑन रियल टाइम एनवायर्नमेंट)। यह रिटर्निंग अधिकारी को अभ्यर्थी नाम-निर्देशन, शपथ-पत्र, वोटर टर्नआउट, मतगणना, परिणाम और डाटा प्रबंधन आदि की प्रक्रिया के लिए सहज सुविधा उपलब्ध कराता है। 

    ग्यारहवें एप्लीकेशन को एनकोर संवीक्षा एप्लीकेशन (ENCORE Scrutiny Application) कहा जाता है। यह एनकोर का एक भाग है, जो रिटर्निंग अधिकारियों को अभ्यर्थियों द्वारा फाइल किए गए नाम-निर्देशन की संवीक्षा करने की अनुमति प्रदान करता है। प्रत्येक नाम-निर्देशन का सत्यापन किया जाता है और अभ्यर्थी के नाम-निर्देशन के ‘स्वीकार किए जाने’, ‘अस्वीकार किए जाने’ या अभ्यर्थिता वापिस लिए जाने’ के आधार पर इसके स्टेटस के लिए ‘स्वीकार किया गया’, ‘अस्वीकृत’ या ‘वापिस लिया गया’ के रूप में चिह्नित किया जाता है। इससे रिटर्निंग अधिकारी को निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की अंतिम सूची बनाने और प्रतीकों के निर्धारण में सहायता मिलती है।

    affidavit.jpg.a65569bd1bf7e0f94085b64ceef86799.jpgबारहवें एप्लीकेशन को अभ्यर्थी शपथ-पत्र पोर्टल (Candidate Affidavit Portal ) कहा जाता है जो अभ्यर्थियों की वित्त, परिसंपत्तियों और उनकी देयताओं की सूचना को प्रदर्शन करता है। शपथ पत्र पोर्टल :   https://affidavit.eci.gov.in/ पर उपलब्ध है।  शपथ पत्र की ये विशेषताएं मतदाता हेल्पलाइन एप पर भी उपलब्ध हैं। प्रत्येक अभ्यर्थी का मूल शपथ-पत्र पीडीएफ प्रारूप/फॉर्मेट में डाउनलोड किया जा सकता है। इसी तरह दूसरों द्वारा दायर किए गए काउंटर शपथ-पत्र भी इस पोर्टल पर हर नागरिक के पढ़ने और अपने अभ्यर्थियों के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए उपलब्ध हैं। 

    तेरहवां एप्लीकेशन एक एनकोर नोडल एप (ENCORE Nodal App) है। अग्निशमन, शिक्षा, पुलिस, पर्यावरण, सीपीडब्ल्यूडी जैसे विभिन्न विभाग राजनैतिक दल / अभ्यर्थियों से रैलियों / रोडशो, बैठक आदि के संदर्भ में किसी भी अनुमति के अनुरोध से पहले अनापत्ति प्रमाण-पत्र देते हैं। इससे पहले, मामला व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक नोडल अधिकारी के पास जाता था, जिससे बहुत समय बर्बाद हो जाता था। यह नोडल ऐप उन्हें तत्‍काल अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की अनुमति देता है, जिससे काफी समय की बचत होती है। अभ्यर्थी / राजनैतिक दल https://suvidha.eci.gov.in  पोर्टल पर अनुमति हेतु अनुरोध ऑनलाइन कर सकते हैं। 

    मतदान की तारीख

    पंद्रहवें एप्लिकेशन को बूथ एप (Booth App) कहा जाता है जो मतदाताओं की डिजिटल रूप से चिह्नित प्रति से एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड का उपयोग करके मतदाताओं की शीघ्र पहचान करने की सुविधा देता है। यह मतदान केंद्र में कतार को कम करता है, तेजी से मतदान में मदद करता है, और न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ ठीक उसी समय  मतदान के लिए आए मतदाताओं की त्रुटि रहित रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराता है।

    booth-app1.jpg.6285a8f95947b79d0dda9421f51620a7.jpgमतदाताओं को अपने मोबाइल एप्लिकेशन में डिजिटल मतदाता पर्ची डाउनलोड करने में सक्षम बनाने के लिए, मतदाता अपने मोबाइल फोन को वोटर हेल्पलाइन एप पर ईपीआईसी कार्ड के साथ जोड़ सकते हैं और क्यूआर कोड वाले डिजिटल मतदाता पर्ची को डाउनलोड कर सकते हैं जिसे बूथ ऐप के लिए इस्तेमाल किया जाना है। बूथ एप मतदाता टर्नआउट डेटा  का तत्‍काल एवं साथ-साथ संग्रह करने सहित मतदान में किसी व्‍यावधान, ईवीएम की खराबी के संबंध में संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट / डीईओ को तुरंत रिपोर्ट करने की अनुमति देता है।  

    बूथ एप सीधे निर्वाचक नामावली से आनेवाले रंगीन फोटो के माध्‍यम से निर्वाचकों की आसानी से पहचान करने की अनुमति देता है। यहां तक कि यह प्रतिरूप (डुप्लिकेट) मतदाताओं को मतदान करने से भी रोकता है।

    अंत में, बूथ ऐप न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ पीठासीन अधिकारी की डायरी के सबमिशन (प्रस्तुत करने) की अनुमति देता है।  

    voter-turnout.jpg.d5ba3e4bd78387b2c84926254ea7028e.jpgसबसे महत्वपूर्ण विशेषता कतार सूचना प्रणाली है। मतदाता मतदान केंद्र पर जाने से पहले ही अपने मतदान केंद्र में लगी कतार देख सकते हैं। . 

    वोटर टर्नआउट ऐप (Voter Turnout App) यह प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र / संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का तत्‍काल उसी समय के टर्नआउट का विवरण प्रदान करता है, जिसमें कुल जनसंख्‍या की तुलना में पुरुषों, महिलाओं और थर्डजेंडर की संख्या भी दर्ज होती है। यह मतदाता टर्नआउट एप केवल नागरिकों द्वारा उपयोग में लाया जाता है और यह मीडिया घरानों द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला प्रमुख तरीका रहा है। यह एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

    मतगणना की तारीख

    result.jpg.003a8d6341c7544f442e87c76f4db8dd.jpgनिर्वाचनों के तेज और प्रामाणिक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण एप्लीकेशन विकसित की गई है। यह पूरे भारत में मतगणना केंद्रों को सुरक्षित तरीके से जोड़ता है और मतगणना के आंकड़ों की गणना इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से करके दर्ज की जाती है। एक बार जैसे ही मतगणना स्टाफ द्वारा इसके सही होने का सत्यापन कर दिया जाता है, परिणामों को ऑनलाइन प्रस्‍तुत कर दिया जाता है। जिस क्षण परिणामों को पंच कर दिया जाता है, उसी क्षण वे विभिन्न माध्यमों से नागरिकों के लिए  उपलब्ध हो जाते हैं।  

    इसने परिणामों को प्रदर्शित करने के तरीके में क्रांति ला दी है। यह न केवल अटकलों को कम करता है, बल्कि तत्‍काल उसी समय परिणाम उपलब्ध करा देता है।

    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने वेबसाइट https://results.eci.gov.in पर परिणाम प्रदर्शित किया। यह वेबसाइट 2019 के लोकसभा निर्वाचन के दौरान एक दिन में 812.3 मिलियन बार देखे जाने की साक्षी बनी।

    दूसरी बात, मतदाता हेल्पलाइन और दिव्यांगजन एप पर भी परिणाम उपलब्ध रहते हैं। कोई उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार परिणामों को अनुकूलित करके रूचिकर बना सकता है। वह किसी निश्चित अभ्यर्थी, निर्वाचन क्षेत्र और राज्य को बुकमार्क कर सकता है या अपने निर्वाचन क्षेत्र के परिणाम सीधे ही देखने के लिए वह एपिक कार्ड को स्केन कर सकता है।  

    treds-tv.jpg.6082136da3288a1c5d09607ca63b97c6.jpgतीसरी बात, हमने परिणाम रुझान टीवी (इलेक्शन ट्रेंड टीवी) लॉन्‍च किया, जो अनुकूलन-योग्‍य ऑटो स्क्रॉलिंग पैनल है जो तत्‍काल साथ-ही-साथ परिणाम प्रदर्शित कर देता है। ये मतगणना केंद्रों के बाहर, सार्वजनिक स्थानों पर संस्थापित किए जाते हैं तथा परिणामों का अनुवीक्षण कर रहे अधिकारियों के लिए स्तरीय मॉनिटर के रूप में भी उपयोग में लाए जाते हैं।

    चरण 4: निर्वाचनों के बाद

    उन्नीसवां विकसित एप अभ्यर्थियों द्वारा किए गए दैनिक निर्वाचन खर्चों की निगरानी करने के लिए है और इसे निर्वाचन व्यय एप (Election Expenditure App) कहा जाता है। प्रचार अभियान अवधि के दौरान निर्वाचन खर्चों की निगरानी नियमित रूप में की जानी है ताकि अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों द्वारा प्रचार अभियान अवधि के दौरान किए गए निर्वाचन खर्चे का उचित और सही तरह से लेखा-जोखा रखा जा सके। 

    indexcard.jpg.8f7a80d93da1314c0e940e0bd612e380.jpgबीसवां एप्लीकेशन सूचकांक कार्ड (Index card) एनकोर का एक महत्वपूर्ण मॉड्यूल है। निर्वाचन की अंतिम सांखिकीय रिपोर्ट का प्रबंधन इंडेक्स कार्ड एप्लीकेशन में किया जाता है। निर्वाचन के प्रत्येक ब्योरे का रिटर्निंग अधिकारी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा वस्‍तुगत रिकॉर्ड से मिलान किया जाता है, उसे विधिमान्य किया जाता है तथा उसका सत्यापन किया जाता है और उसके बाद ही जनता द्वारा देखने व विश्लेषण करने के लिए वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया जाता है। इंडेक्स कार्ड एप्लीकेशन को सफलतापूर्वक आरंभ करके प्रकाशन और सत्यापन के तरीके को आसान बना दिया गया है। 

    निष्कर्ष
    हाल के दिनों में विकसित किए गए एप्लीकेशनों का संग्रह भारत निर्वाचन आयोग के विभिन्न विभागों के बीच परस्‍पर सहयोग से कार्य करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे आंकड़ों के प्रबंधन और इन्‍हें साझा करने के कार्य में आसानी होती है। दूसरी बात, भारत निर्वाचन आयोग का आईसीटी प्लेटफॉर्म सभी निर्वाचनकर्मियों के लिए व्यवसाय प्रक्रिया में सुधार करने के साथ-साथ निर्वाचन प्रबंधन के प्रवाह की पारदर्शिता को बढ़ाता है। तीसरी बात, सॉफ्टवेअर का समन्‍वय भारत निर्वाचन आयोग को आईटी सुविधाओं का विकास आसानी से करके निर्वाचनों एवं निर्वाचकों की बढ़ती अपेक्षाओं पर अविलम्‍ब खरे उतरने में सहायता करता है। और अंत में, इन आईसीटी एप्लीकेशनों ने संचार व्यवस्था को और आसान बना कर, समय और प्रयासों को कम करके, बेहतर कार्यक्षमता व बेहतर नियंत्रण से भारत निर्वाचन आयोग को सक्षम बनाया है, जिसके कारण निर्वाचनों के संचालन की क्षमता में वृद्धि हुई है।

    वेब-आधारित और मोबाइल एप्‍स का संग्रह निर्वाचनों की शुरू से अंत तक की प्रक्रियाओं को आपस में जोड़ते हैं और निर्णय लेने वालों को बहुमूल्य सहयोग प्रदान करते हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आईसीटी में किए गए विकास ने वर्ष 2024 में होने वाले संसद के अगले साधारण निर्वाचनों की नींव तैयार कर दी है। 

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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