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  1. मतगणना हॉल के भीतर रिटर्निंग अधिकारियों/सहायक रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा मोबाइल फोन ले जाना – ओटीपी

    No. 464/INST/EPS-2019                                                                               Dated:  21st May, 2019
     
    To
    The Chief Electoral Officer of,
    All the States/Union Territories.
     
    Subject:       Carrying of Mobile Phone by Returning Officers/ Assistant Returning Officers inside the Counting Hall – reg.
    Reference:    1. The ECI’s instruction No.470/INST/2014-EPS, dated 8th May, 2014.
                         2. The ECI’s instruction No.470/INST/2014-EPS, dated 15th May, 2014. 
     Sir/Madam,
                        I am directed to invite your attention to the Commission’s instructions referred above and to state that in view of inception of Electronically Transmitted Postal Ballot Paper System (RTPBS) wherein One-Time Password (OTP) is received on mobile phones, the Commission has directed that on the day of counting,
    (i)  Only that mobile phone of the RO/ARO/Counting supervisor/s, linked to ETPBS, to be used to receive ‘OTP’ to log into ETPBS to start counting thereof have to be brought inside the counting hall;
    (ii)   The mobile handsets will be switched on only to receive ‘OTP’ and be switched off once the system is logged on to ETPBS;
    (iii)   Inside the counting hall, such mobile handsets are to be kept in the custody of ARO/RO/Observer, whosoever is the senior most officer in the Counting Hall for ETPBS counting, in switched off mode till the counting is over.
    (iv)  In case login is closed for some reasons, Counting Supervisor can get the mobile from the officer to whom the mobile set was submitted to receive OTP once again for enabling him to re-login, and after re-login, he should return the mobile to same officer in switched off mode.
    (v)   A declaration be got signed by all users separately about Dos and Don’ts for mobile usage.
    (vi)   Specific permission be sought from concerned CEO for number of users in each case with the requisite mobile phone numbers being used. Mobile phones are to be allowed inside the Counting hall for all such users.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  2. लोक सभा साधारण निर्वाचन – 2019 और आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्‍किम विधान सभा निर्वाचन, 2019 – मतगणना का समय

    लोक सभा साधारण निर्वाचन – 2019 और आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्‍किम विधान सभा निर्वाचन, 2019 – मतगणना का समय 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  3. लोकसभा निर्वाचन, 2019-आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन - श्री अरुण सुभाष चंद्र यादव, को आयोग का नोटिस

    नोटिस
    सं.437/मध्‍य प्रदेश-लोकसभा/2019(शिकायतें)                     दिनांक : 18 मई, 2019
     यत:, आयोग ने दिनांक 10.03.2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/2019 के तहत लोकसभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है और राजनैतिक दलों तथा अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उसी तारीख से प्रवृत्‍त हो गए हैं; तथा
    2.    यत:, श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से आयोग को दिनांक 03.05.2019 की एक शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि इंडियन नेशनल काँग्रेस मध्‍य प्रदेश नामत: खंडवा, बुरहानपुर तथा खारगौन जिलों में ‘’न्‍याय’’ योजना संबंधी नामाकंन पैम्फलैट/प्ररूप के वितरण में अवैध रूप से संलिप्‍त थी। (पैम्‍फलेट प्रति संलग्‍न हैं); तथा
    3.    यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश से दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत एक रिपोर्ट मंगाई गई थी और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी ने दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी; तथा
    4.    यत:, जांच में यह पाया गया है कि उक्‍त पैम्‍फलेट/प्ररूपों, जिन पर ‘हाथ’ के प्रतीक के साथ श्री राहुल गांधी और अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव की फोटो हैं, को खंडवा जिले में किसी श्री सुधान सिंह ठाकुर द्वारा भरा और वितरित किया जा रहा था और श्री सुधान सिंह ठाकुर के विरूद्ध दिनांक 05.05.2019 को प्रथम सूचना रिपोर्ट पहले ही दर्ज की जा चुकी थी जिसमें यह उल्‍लेख किया गया था कि यह कृत्‍य दिनांक 02.05.2019 को किया गया था; तथा
    5.    यत:, राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के ‘’सामान्‍य आचरण’’ के भाग I के पैरा (4) में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नलिखित प्रावधान हैं:-
          ‘’सभी दल और अभ्‍यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से निष्‍ठापूर्वक परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्‍ट आचरण और अपराध होते हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना..............’’; और
    6.    यत:, प्रथम दृष्‍टया, इसमें प्रदर्शित होता है कि उपर्युक्‍त कृत्‍य 28-खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड रहे इंडियन नेशनल कांग्रेस के, अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव द्वारा अथवा उनकी ओर से और उनकी जानकारी में किया गया है; तथा
    7.    यत:, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव, द्वारा अथवा उनकी ओर से तथा उनकी जानकारी में किया गया उपर्युक्‍त कृत्‍य आदर्श आचार संहिता के समान आचरण के भाग (1) के पैरा(4) के उपबंधों का उल्‍लंघन है, जैसा कि ऊपर उद्धृत है।
    8.    अत:, अब आयोग ने इस मामले में उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधानों तथा इस विषय से संबधित अनुदेशों पर विचार करने के बाद खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से निर्वाचन लड़ रहे अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव को इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इस मामले में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, प्रस्‍तुत करने का मौका देने का निर्णय लिया है, स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत न करने पर आयोग उन्‍हें और संदर्भ दिए बगैर निर्णय लेगा।
     आदेश से, 
     (एस.बी.जोशी)
    सचिव
    प्रति:- श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव,
          खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस के निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी
          (मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश के माध्‍यम से)  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  4. निर्वाचन के सातवें (7वें) चरण के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों की सूची (प्ररूप 7क) – शुद्धिपत्र

    निर्वाचन के सातवें (7वें) चरण के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों की सूची (प्ररूप 7क) – शुद्धिपत्र 
     

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  5. निर्वाचन के सातवें (7वें) चरण के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों की सूची (प्ररूप 7क)

    निर्वाचन के सातवें (7वें) चरण के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों की सूची (प्ररूप 7क) 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  6. लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019- अधिकारियों का स्थानांतरण एवं तैनाती-तत्संबंधी।

    सं. 464/पश्चिम बंगाल- लो.स./2019                                       दिनांक: 15.05.2019
    सेवा में,
          मुख्य सचिव,
          पश्चिम बंगाल सरकार,
          कोलकाता ।
    विषय:   लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019- अधिकारियों का स्थानांतरण एवं तैनाती-तत्संबंधी।
     महोदय,
    मुझे उद्धृत विषय को संदर्भित करने और यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्राप्त जानकारी पर विचार करने के पश्चात, निम्नलिखित निदेश जारी किए हैं:
    श्री राजीव कुमार, आईपीएस, अपर महानिदेशक, सीआईडी को कार्यभार मुक्त कर दिया गया है और गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के साथ अटैच किया जाता है। वह 16 मई, 2019 को पूर्वाह्न 10 बजे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगे।  श्री अत्री भट्टाचार्य, भा.प्र.से., प्रधान सचिव, गृह एवं पर्वतीय मामले, पश्चिम बंगाल सरकार को, उनके दिनांक 13.05.2019 के अर्ध शासकीय पत्र सं. 629/एच एस/पीए/19 के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निदेश देकर निर्वाचन संचालन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के कारण उनके वर्तमान प्रभार से उन्हें तुरंत कार्यमुक्त किया जाता है। मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल गृह सचिव, पश्चिम बंगाल का प्रभार भी संभालेंगे।  कृपया आयोग को अनुपालन रिपोर्ट आज अधिकतम अपराहन 10.00 बजे तक भेज दें।
     भवदीय,
    (राकेश कुमार)
    सचिव
     प्रतिलिपि: मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल, कोलकाता ।
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  7. आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य में लोक सभा के साधारण निर्वाचनों के सातवें चरण के लिए 22 अप्रैल, 2019 को अधिसूचना (सं.464/ईपीएस/2019(7))

    फा.सं. 576/विविध/2019/एसडीआर                                15 मई, 2019
     
    आदेश
    यतः, आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य में लोक सभा के साधारण निर्वाचनों के सातवें चरण के लिए 22 अप्रैल, 2019 को अधिसूचना (सं.464/ईपीएस/2019(7)) जारी की गई और इस चरण के सभी नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों (पीसी) अर्थात, पीसी-16 दमदम, पीसी-17 बारासात, पीसी-18 बसीरहात, पीसी-19 जयनगर (अ.जा.), पीसी-20 मथुरापुर (अ.जा.), पीसी-21 डायमण्ड हारबर, पीसी-22 जादवपुर, पीसी-23 कोलकाता दक्षिण, और पीसी-24 कोलकाता उत्तर में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूचियों को 02 मई, 2019 को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है और इन निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचन 19 मई, 2019 (रविवार) को आयोजित किया जाना है; और
          यतः, आयोग की जानकारी में यह लाया गया है कि लोक सभा के चल रहे साधारण निर्वाचनों के दौरान पश्चिम बंगाल राज्य में राजनीतिक अभियानों/जुलूसों के दौरान निरन्तर गड़बड़ी और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं; और
          यतः, पश्चिम बंगाल के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त ने 13 मई, 2019 को पश्चिम बंगाल राज्य का दौरा किया और सभी नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में लोक सभा के निर्वाचनों की तैयारी का जायजा लिया जिनमें 19 मई, 2019 (रविवार) को मतदान होना है और आयोग को यह रिपोर्ट प्रस्तुत की कि:
    "प्रक्षेकों के साथ स्थिति की समीक्षा करते समय स्पष्ट रूप से यह सामने आया कि मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण सहित सेवा एवं साज-समान की व्यवस्था इत्यादि भारत निर्वाचन आयोग की अपेक्षाओं के अनुरूप है, किन्तु, जहां तक अभियान के लिए सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर उपलब्ध कराने एवं मतदाताओं को बिना किसी डर और भय के मतदान का वातावरण उपलब्ध कराने का संबंध है जिला प्रशासन और जिला पुलिस इसमें सहयोग नहीं करता है और इसका विरोध करता है। प्रेक्षकों ने यह उल्लेख किया कि देखने में तो पूरी व्यवस्था सही लगती है लेकिन लोगों के साथ मिलकर बात करने पर वे बताते हैं कि चारों ओर भय का वातावरण है। उन्होंने बताया कि एआईटीसी के वरिष्ठ नेता धमकी भरे स्वर में ये कहते हैं कि "केन्द्रीय बल तो निर्वाचन के बाद चले जाएंगे लेकिन हम तो यहीं रहेंगे" जिससे अधिकारी और मतदाता भी बहुत डरे हुए हैं।"
    यतः, आयोग ने पश्चिम बंगाल में निर्वाचनों की देखरेख, निदेशन और नियंत्रण में आयोग को सहायता करने के लिए विशेष प्रेक्षकों अर्थात श्री अजय नायक (भा.प्र.से. सेवानिवृत्त) और विशेष पुलिस प्रेक्षक श्री विवेक दुबे (भा.पु.से. सेवानिवृत्त) को प्रतिनियुक्त किया है और दोनों विशेष प्रेक्षकों ने अपनी दिनांक 15 मई, 2019 की रिपोर्ट में राजनीतिक अभियान के दौरान हिंसा की अन्य घटनाओं की सूचना दी, जिनमें 14 मई, 2019 को हुई हिंसक घटनाओं के आधार पर मामले दर्ज किए गए। इन मामलों की जांच के दौरान, लगभग सौ व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए इन व्यक्तियों में से 58 व्यक्तियों को दो मामलों में गिरफ्तार किया गया; और
    यतः, पिछले 24 घंटों में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि आयोग से मिले हैं और उन्होंने कानून एवं व्यवस्था के वर्तमान हालात पर अपनी चिन्ता प्रकट की; और
    यतः, अभियान से जुड़ी इन हिसंक घटनाओं से मतदान वाले क्षेत्रों में भय और घृणा का माहौल पैदा हो रहा है जिससे राज्य में समस्त निर्वाचन प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है; और
    यतः, इन नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित सभी राजीनितक दल और अभ्यर्थी पहले से ही उन संबंधित मतदान क्षेत्रों में 02 मई, 2019 से प्रचार कर रहे हैं और यहां मतदान 19 मई, 2019 को होगा; और
    यतः, इन रिपोर्टों और जानकारियों को देखते हुए, आयोग आम निर्वाचकों की सुरक्षा के प्रति चिंतित है जिन्हें स्वतन्त्र, भयमुक्त और अनुकूल वातावरण में सभी राजनैतिक दलों के अभ्यर्थियों के निर्वाचन अभियान में उन्हें सुनने और जानने का अधिकार है;
    यतः, आयोग को सुरक्षित अभियान के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती करके बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा है; और
    यतः, आयोग ने भारत के संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के संगत उपबंधों को ध्यान में रखकर विशेष प्रेक्षकों और उप-निर्वाचन आयुक्तों की उपर्युक्त रिपोर्टों पर विचार किया है; और
    यतः, माननीय उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने केशवनाडा भारती के मामले में तथा ऐसे ही अनेक निर्णयों में यह कहा है कि लोकतंत्र भारत के सविधान का मूलभूत ढांचा है; और
    यतः, उच्चतम न्यायालय ने मोहिन्द्र सिंह गिल और अन्य बनाम मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य (1978 एआईआर 851) के प्रकरण में भी यह कहा है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन, देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का मूल आधार है; और
    यतः, संविधान के अनुच्छेद 324 में संसद और राज्य विधान सभाओं तथा भारत के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के पदों के स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन आयोजित करने की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग में निहित है; और
    यतः, स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन के लिए यह अनिवार्य है कि निर्वाचन अवधि के दौरान स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण निर्वाचनों के अनुकूल समुचित कानून एवं व्यवस्था बनी रहे; और
    यतः, माननीय उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने भारत निर्वाचन आयोग बनाम हरियाणा राज्य (एआईआर 1984 एससी 1406) के मामले में यह कहा है कि मतदान वाले क्षेत्रों में कानून एवं व्यवस्था के संबंध में राज्य सरकार के बजाय भारत निर्वाचन आयोग का निर्णय मान्य होना चाहिए और यहां तक कि उच्च न्यायालय को भी इस प्रकार के मामलों में अपना दृष्टिकोण और मत नहीं देना चाहिए; और
    यतः, माननीय उच्चतम न्यायालय की अन्य संविधान पीठ ने एम.एस. गिल बनाम मुख्य निर्वाचन आयुक्त के मामले में यह कहा है कि संविधान का अनुच्छेद 324 ऐसे अस्पष्ट क्षेत्रों में निर्वाचन आयोग के लिए शक्तियों का भण्डार है जहां निर्वाचनों के संचालन में निर्वाचन आयोग से टकराव करने वाली संस्था से निपटने के लिए बनाए गए कानून में कोई प्रावधान नहीं है या "अपर्याप्त प्रावधान हैं"; और
    यतः, आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के उपबंधों को  नोट किया है, जिसके तहत अन्य बातों के साथ-साथ, मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की अवधि के दौरान निर्वाचन के सिलसिले में कोई भी जनसभा करने अथवा जुलूस निकालने, निर्वाचन प्रचार करने, उसमें भाग लेने अथवा उसमें भाषण देने पर रोक लगाई गई है; और
    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 30 (घ) में यह विनिर्दिष्ट है कि,
    "वह तारीख या वे तारीखें जिसको या जिनको, यदि आवश्यक हो तो, मतदान होगा और जो तारीख या जिन तारीखों में से पहली तारीख अभ्यर्थिताएं वापस लेने के लिए नियत अंतिम तारीख के पश्चात (चौदहवें दिन) से पूर्वतर न होने वाली तारीख होगी"
    और इन नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अभ्यर्थिता वापस लेने की तारीख 02 मई, 2019 थी; और
    यतः, उपर्युक्त उपबंध पश्चिम बंगाल में इन नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में इस समय व्याप्त परिस्थितियों, जैसा उपर्युक्त उल्लिखित विशेष प्रक्षेकों और उप निर्वाचन आयुक्त ने रिपोर्ट दी है और जिसका उन्होंने ऊपर उल्लेख किया है, से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है; और
    यतः उपरोक्त एम.एस. गिल बनाम भारत निर्वाचन आयोग के मामले के पैरा 113 में माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह कहा है कि:
          "जहां ये (विधियां) विद्यमान नहीं है, और लेकिन किसी स्थिति से निपटना है, तो मुख्य निर्वाचन आयुक्त को हाथ जोड़कर ईश्वर से प्रार्थना नहीं करनी है कि ईश्वर उसे अपने कार्य और ड्यूटी का निर्वहन करने के लिए दैवीय शक्ति प्रदान करे अथवा उस स्थिति से निपटने की शक्तियां प्रदान करने के लिए किसी बाहरी प्राधिकारी की सहायता नहीं लेनी है।"
    यतः, आयोग का यह दृढ़ विचार है कि इन नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में इस समय व्याप्त स्थिति को और खराब होने से रोकने और कानून एवं व्यवस्था की ऐसी स्थिति जो इन नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन करवाने में सहायक हो, तैयार करने के लिए कुछ विशेष उपाय करने की तत्काल आवश्यकता है; और
    अतः, अब भारत निर्वाचन आयोग, संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत प्रदत्त अपनी शक्तियों, और इस सबंध में प्रदत्त अन्य सभी सक्षमकारी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के व्यापक हित में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचनों का संचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एतद्द्वारा निदेश देता है कि कोई भी व्यक्ति इन नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों, अर्थात्, पीसी-16 दमदम, पीसी-17 बारासात, पीसी-18 बसीरहात, पीसी-19 जयनगर (अ.जा.), पीसी-20 मथुरापुर (अ.जा.), पीसी-21 डायमण्ड हारबर, पीसी-22 जादवपुर, पीसी-23 कोलकाता दक्षिण, और पीसी-24 कोलकाता उत्तर के मतदान क्षेत्रों के भीतर 16 मई, 2019 को रात्रि 10.00 बजे से 19 मई, 2019 को निर्वाचनों के समापन होने तक (क) निर्वाचन के सिलसिले में कोई जनसभा नहीं करेगा अथवा जुलूस नहीं निकालेगा, उनमें भाग नहीं लेगा अथवा उसे संबोधित नहीं करेगा; अथवा (ख) सिनेमा, टेलीविजन अथवा इसी प्रकार के अन्य उपकरणों के माध्यम से लोगों को कोई भी निर्वाचन सामग्री प्रदर्शित नहीं करेगा; अथवा (ग) इन निर्वाचनों में लोगों को आकर्षित करने के लिए संगीत का कोई कार्यक्रम अथवा कोई नाटक मंचन, प्रदर्शन अथवा अन्य कोई मनोरंजन अथवा हास्यविनोद के कार्यक्रम का आयोजन करके अथवा इसकी व्यवस्था करके लोगों में किसी निर्वाचन सामग्री का प्रचार नहीं करेगा; और किसी होटल, भोजनालय, मधुशाला, दुकान अथवा किसी अन्य स्थान, चाहे वह सार्वजनिक हो अथवा निजी, में कोई स्प्रिटयुक्त, खमीर से बनी मदिरा अथवा मादक पदार्थ अथवा इसी प्रकार के किसी अन्य पदार्थ की बिक्री नहीं करेगा, उसे नहीं परोसेगा अथवा उसका वितरण नहीं करेगा।
     
     
       हस्ता./- 
    (सुशील चन्द्रा)
    निर्वाचन आयुक्त
    हस्ता./-
    (सुनील अरोड़ा)
     मुख्य निर्वाचन आयुक्त
    हस्ता./-
    (अशोक लवासा)
    निर्वाचन आयुक्त
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  8. आयोग का दिनाँक 12 मई, 2019 का भारतीय जनता पार्टी के नेता श्री गिरिराज सिंह को आदेश

    सं.437/ईएस-1/बिहार-लो.स./2019                                                             दिनांक 12 मई, 2019
    आदेश
    यत:, आयोग ने दिनांक 10/03/2019 के प्रेस नोट संख्‍या ईसीआई/प्रेनो/2019 के तहत  लोक सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 आयोजित करवाने के लिए अनुसूची की घोषणा की है और उसी तारीख से ही राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और
    यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, बिहार ने दिनांक 25 अप्रैल, 2019 के अपने पत्र के तहत बिहार में जी0 डी0कालेज, बेगुसराय में, दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को श्री गिरिराज सिंह द्वारा दिए गए भाषण की एक वीडियो क्लिप की प्रति अग्रेषित की, जिसमें उन्‍होंने  निम्‍नलिखित वक्‍तव्‍य दिया था:-
     ‘’…………….. जो वन्‍दे मातरम् न‍हीं कह सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन न‍हीं कर सकता, अरे गिरिराज के तो बाबा –दादा सिमरिया घाट में गंगा के किनारे मरे उसी भूमि पर कब्र भी नहीं बनाया, तुम्‍हें तो तीन हाथ की जगह भी चाहिए अगर तुम नहीं कर पाओगे तो देश कभी माफ न‍हीं करेगी...........’’ ; और
    यत:, य‍ह भी सूचित किया गया है कि लोक प्रति‍निधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 125, 123  (3क) और भारतीय दंड संहिता अधिनियम की धारा 153क, 153 ख, 295 क,  171 ग, 188, 298 और 505 (ii) के अधीन इन वक्‍तव्‍यों के लिए बेगुसराय नगर थाना में एफ आई आर दर्ज करवाई गई है; और
    यत:, आयोग ने उपर्युक्‍त उद्धत वक्‍तव्‍य देने के लिए आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के उल्‍लंघन हेतु 24-बेगुसराय संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से श्री गिरिराज सिंह, भारतीय जनता पार्टी के नेता और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थ‍ी को दि‍नांक 29 अप्रैल, 2019 को कारण बताओ नोटिस सं.437/ईएस-1/बिहार-लो.स./2019 जारी कि‍या है;
    यत:, आयोग के ऊपर उल्‍ल‍िखित नोटिस के जवाब में श्री गिरि‍राज सिंह से दिनांक 30.04.2019 को एक उत्‍तर प्राप्‍त हुआ है; और
    यत:, आयोग ने श्री गिरिराज सिंह के दिनांक 30.04.2019 के पूर्वोक्‍त उत्‍तर में दी गई विषय-वस्‍तु और प्रकथनों को ध्‍यानपूर्वक पढ़ा, जिसमें उन्‍होंने अन्‍य बातों के साथ-साथ विवादास्‍पद कथन देना स्‍वीकार किया है; और
    यत:, दिनांक 30.04.2019 के उपर्युक्‍त उल्‍ल‍िखित उत्‍तर में यह बताया गया है कि,    ‘’याचिकाकर्ता गिरिराज सिंह ने लोक प्रतिनिधि‍त्‍व अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्‍लंघन नहीं किया है और न ही उन्‍होंने किसी भी जाति या धर्म के खिलाफ ऐसा किसी भी प्रकार का कथन कहा है’’ ;  और  
    यत:, इसके अतिरिक्‍त उन्‍होंने यह भी कहा है कि ‘’ पूरे कथन को पढ़ने के पश्‍चात ऐसा कुछ नहीं लगता है कि याचिकाकर्ता का इरादा किसी धर्म या जाति के प्रति द्वेष करने का है या था ’’, और
    यत: आयोग ने उसके विवादास्‍पद भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग को एक बार फिर देखा है और यह आश्‍वस्‍त है कि उन्‍होंने एक आपत्‍त‍िजनक भाषण दिया है जिसकी भाषा एवंम भाव ऐसा है जिससे वर्तमान मतभेद बढ़ेंगें या विभि‍न्‍न धार्मिक समुदायों के बीच द्वेष पैदा होगा और इस प्रकार से यह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्‍लंघन है; और
    यत: आयोग ने यह पाया है कि, श्री गिरिराज सिंह को निर्वाचनों का ध्रुवीकरण करने की संभावना एवं प्रकृति वाले बयान देने से स्‍वयं को रोकना चाहिए था, जो केवल उसी निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं होता है जहाँ बयान दिया गया है, अपितु इस डि‍जिटल युग में सूचना का तेजी से प्रसार होने की वजह से यह अन्‍य क्षेत्रों तक भी पहुंच जाता है; और
    यत:, आयोग ने, इस मामले पर विचार-विमर्श करते हुए, ऐसी सार्वजनिक बयानबाजी  पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त की है, जो निर्वाचन प्रक्रिया को दूषि‍त करती है; और
    यत:, आयोग का यह भी विचार है कि श्री गिरिराज सिंह ने अपने विवादास्‍पद भाषण में धार्मिक आधार पर बयानबाजी की है जो ‘’ राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थ‍ियों के मार्ग‍दर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता ’’ के ‘साधारण संचालन’ के भाग I के पैरा 3 और पैरा 4 के प्रावधानों के उल्‍लंघन के समान है जिसमें यह विनिर्द‍िष्‍ट है कि:-
    (3)    मतों को हासिल करने के लिए जाति‍ या सांप्रदायि‍क भावनाओं की कोई अपील नहीं की जाएगी........................
    (4)    सभी दल और अभ्‍यर्थी ईमानदारी से ऐसे सभी कार्यकलापों से बचेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन “भ्रष्‍ट आचरण” और अपराध होते हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्‍वत देना………………, मतदाताओं को डराना-धमकाना और यह की उन्‍होंने वर्ष 1995 की सिविल अपील सं.8339 के साथ-साथ वर्ष 1992 की सिविल अपील सं.37 (अभिराम सिंह बनाम सी.डी.कोम्‍माचेन एवं अन्‍य) में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गए निर्णय की अवमानना की है।
    अत: अब, आयोग उन्‍हें एमसीसी के उल्‍लंघनों से संबंधित मामले में जारी किए गए या जारी किए जाने वाले कि‍सी भी आदेश/नोटिस के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, बेगुसराय में निर्वाचन प्रचार के दौरान उनके द्वारा दिए गए विवादास्‍पद बयानों की निंदा करता है और ऊपर उल्‍ल‍िखित कदाचार के लिए 24-बेगुसराय संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से श्री गिरिराज सिंह, नेता, भारतीय जनता पार्टी और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी की भर्त्‍सना करता है। आयोग आदर्श आचार संहिता की वैध-अवधि‍ के दौरान श्री गिरि‍राज सिंह को अपने सार्वजनिक बयानों में सावधान रहने के लिए भी सख्‍त चेतावनी देता है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  9. लोकसभा निर्वाचन , 2019- मप्र के कांग्रेस राज्य के स्टार प्रचारक को आयोग का दिनाँक 12 मई, 2019 का नोटिस

    सं.437/मध्यप्रदेश-लो.स./2019(शिकायत)                               दिनांक: 10 मई, 2019
     नोटिस
                   यत:, आयोग ने दिनांक 10-3-2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/2019 के त‍हत लोकसभा हेतु साधारण निर्वाचन, 2019 आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है और उक्‍त तारीख से राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और
    2.     यत:, आयोग में श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से दिनांक 30-4-2019 को एक शिकायत प्राप्‍त की गई है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू, इंडियन नेशनल काँग्रेस के स्‍टार प्रचारक ने दिनांक 29.04.2019 को भोपाल, मध्य प्रदेश में जन सभाओं को संबांधित करते हुए प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ निम्‍नलिखित आपत्तिजनक कथन कहे हैं:
    "….हिन्दुस्तान के सब सरकारी बैंकों के पैसे चुरा कर मोदी साहब गरीबों को बोलते हैं,  अमीरों को बोलते हैं, भागते रहो, भागते रहो....."
    "….तुमने जम कर खाया और तुमने अंबानी को ठोक के खिलाया, खिलाया की नहीं खिलाया, ये तुमने रू. 30,000/- करोड़ रूपये की घूस ली की नहीं राफेल में, और उड़ना था राफेल और उड़ा दी फाइल......."
    "….आए थे तुम 2014 में गंगा के लाल बन के जब जाओगे तुम 2019 में राफेल के दलाल बन के......."
    "….क्या बात करते हो नरेन्द्र मोदी तुम। तुमसे बड़ा राष्ट्र द्रोही कोई देखा नहीं......."
    "…. जवानों की लाशों पर राजनीति होती है। देश को बांटने का राजनीति होती है......."; और
    3.    यत:, शिकायत को आयोग के दिनांक 02.05.2019 के पत्र के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकरी, मध्य प्रदेश को उनकी रिपोर्ट के लिए भेजा गया था; और
    4.     यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश ने दिनांक 02-05-2019 एवं दिनांक 09-05-2019 के अपने पत्र के तहत श्री नवजोत सिंह सिद्धू, द्वारा दिनांक 29-05-2019 को भोपाल में  आयोजित जनसभाओं में दिए गए उनके भाषण की ट्रांस्क्रिप्‍ट सहित अपनी टिप्पणी भेजी है; और
    5.    यत:, राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्ग-दर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'साधारण आचरण' के भाग 1 का पैरा (2), में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नानुसार उपबंध है:- "अन्‍य राजनैतिक दलों की जब आलोचना की जाए तो इसे उनकी नीतियों एवं कार्यक्रम, विगत रिकार्ड एवं कार्य तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। दल एवं अभ्‍यर्थी, अन्‍य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक कार्यकलापों से संबंध नहीं रखने वाले निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से परहेज करेगें। असत्‍यापित आरोपों या मिथ्‍या आरोपों  के आधार पर अन्‍य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना नहीं की जाएगी।"
     6.     यत:, आयोग का दृष्टिकोण है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ऊपर यथा उल्लिखित आदर्श आचार के सामान्‍य आचरण के भाग (।) के भाग (2) के उपर्युक्त उपबंधों का प्रथम दष्‍टया उल्‍लंघन किया है; और
    7.     अब, इसीलिए, आयोग ने उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा उपबंधों एवं इस मामले से संबंधित अनुदेशों पर विचार करने के पश्‍चात श्री नवजोत सिंह सिद्धू, स्‍टार प्रचारक, इंडियन नेशनल काँग्रेस को यह नोटिस मिलने के बाद 48 घण्टे के अन्दर इस बारे में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, उपलब्‍ध कराने के लिए एक अवसर  देने का निर्णय लिया है जिसमें विफल रहने पर आयोग उन्‍हें  आगे का संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।
    आदेश से,
    (मलय मलिक)
    सचिव
    सेवा में,
     श्रीनवजोत सिंह सिद्धू,
    स्टार प्रचारक, इंडियन नेशनल काँग्रेस
    (मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पंजाब के माध्यम से)
     1.   कोठी सं. 42,
    सैक्टर-02, चण्डीगढ़।
    2.   इंडियन नेशनल काँग्रेस
    24–अकबर रोड
    नई दिल्‍ली-110001

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 11 May 2019

  10. श्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन और राजस्‍व मंत्री, मध्‍य प्रदेश राज्‍य सरकार को आयोग का नोटिस

    श्री गोविंद सिंह राजपूत,
    परिवहन और राजस्‍व मंत्री, मध्‍य प्रदेश राज्‍य सरकार
    को आयोग का नोटिस

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 10 May 2019

  11. Commission's Notice to Shri. Omkar Singh Markam,Minister Govt of Madhya Pradesh-reg.

    Commission's Notice to
    Shri. Omkar Singh Markam,
    Minister Govt of Madhya Pradesh-reg.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 10 May 2019

  12. LIST OF CONTESTING CANDIDATES FOR THE SIXTH (6) PHASE OF ELECTIONS (FORM 7A)

    LIST OF CONTESTING CANDIDATES FOR THE SIXTH (6) PHASE OF ELECTIONS (FORM 7A)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 10 May 2019

  13. Commission's Notice dated 03.05.2019 to Dr. Mahesh Sharma

    Commission’s Notice to
    Dr. Mahesh Sharma,
    Minister of State (IC) of Culture,
    Govt. of India

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  14. Commission`s Order to Sh. K. Chandrashekar Rao

    Commission`s Order to
    Sh. K. Chandrashekar Rao
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  15. Commission's Notice dated 02.05.2019 to Shri Yogi Adityanath.

    Commission's Notice to
    Shri Yogi Adityanath
    Chief Minister of Uttar Pradesh.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  16. Commission’s order to Sh Babubhai Rayka

    Commission’s order to
    Sh Babubhai Rayka,
    Surat City Dist. Congress Committee

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  17. Commission's Notice to Shri Rahul Gandhi, President INC

    Commission's Notice to
    Shri Rahul Gandhi,
    President Indian National Congress

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  18. साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 72 घंटे के लिए प्रतिबंधित करने हेतु आयोग का आदेश- तत्संबंधी

    साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 72 घंटे के लिए प्रतिबंधित करने हेतु आयोग का आदेश- तत्संबंधी

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  19. Commission's Notice to Sh. Navjot Singh Sidhu

    Commission's Notice to Sh. Navjot Singh Sidhu
    (Through CEO Punjab)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  20. LIST OF CONTESTING CANDIDATES FOR THE FIFTH PHASE OF ELECTIONS (FORM 7A)

    LIST OF CONTESTING CANDIDATES FOR THE FIFTH PHASE OF ELECTIONS (FORM 7A)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  21. श्री जीतूभाई वघानी, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष भाजपा द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन

    सं. 437/गुजरात-लोक सभा/2019                                   दिनांक : 30 अप्रैल, 2019
    आदेश
    यत:, आयोग ने सूरत (गुजरात) के अमरोली में दिनांक 7 अप्रैल, 2019 को पार्टी कार्यकर्ताओं के समूह और मतदाताओं को सम्‍बोधित करते हुए निम्‍नलिखित कथन ‘’ एक घटना हो चुकी है, यदि एक और घटना होगी तो, हमें उन्‍हें सूरत से बाहर निकालने में देर नहीं लगेगी.............. मैं यहां से राज्‍य के लोगों को आगाह करना चाहता हूं कि लोग यहां के इन लोगों को अच्‍छी तरह से जान लें  कि ये लोग हरामजादे हैं।‘’ कहते हुए आदर्श आचार संहिता के पैरा (1)  के उप-पैरा (1) और (3) का उल्‍लघंन करने के लिए आपको दिनांक 18.04.2019 का नोटिस सं. 437/गुजरात-लोक-सभा/2019 जारी किया था: और
          यत:, आयोग को आपके दिनांक 20.04.2019 का उत्‍तर प्राप्‍त हुआ है, जिसमें आपने कहा है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का आपके द्वारा कोई प्रथम दृष्‍टया या सारवान उल्‍लंघन या विरोध नहीं किया गया है और इसलिए आदर्श आचार संहिता के साधारण संचालन के पैरा(1) के उप-पैरा (1) एवं (3) के प्रावधानों का कोई उल्‍लंघन नहीं हुआ है; और
          यत:, आयोग ने आपके जवाब पर विचार किया है। शिकायत में संदर्भित भाषण के भाग पर विचार करने पर, आयोग इस बात से संतुष्‍ट है कि इसमें दिए गए कथन में आदर्श आचार संहिता के पैरा (1) के उप-पैरा (1) एवं (3) के प्रावधानों का उल्‍लंघन किया गया है। शिकायत और आपके जवाब पर सम्‍यक विचार करने पर, आयोग ने आपके जवाब को संतोषजनक नहीं पाया है;
          अत: अब निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता के पैरा (1) के उप-पैरा (1) एवं (3) के प्रावधानों का उल्‍लंघन करने और शालीनता की सीमा को लांघते हुए असंयमी और अनुचित भाषा का उपयोग करने के लिए आपकी भर्त्‍सना करता है और यह आशा करता है कि एक जिम्‍मेदार राजनीतिक नेता होने के नाते आप निर्वाचन के दौरान ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग दुबारा नहीं करेंगें ।
          आयोग, भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 और इस निमित्‍त प्रदत्‍त अन्‍य सभी समर्थकारी शक्तियों के अधीन, श्री जीतूभाई वघानी, राज्‍य अध्‍यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, गुजरात पर 02 मई 2019 (बृहस्‍पतिवार) से 05 मई, 2019 (रविवार) 4 बजे अपराह्न तक वर्तमान निर्वाचनों के संबंध में देश के किसी भी भाग में किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, जन रैली, रोड शो और साक्षात्‍कारों, मीडिया(इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिन्‍ट, सोशल मीडिया इत्‍यादि) में सार्वजनिक बयान देने के लिए भी रोक लगाता है।
    आदेश से,
    (वरिन्‍दर कुमार)
    प्रधान सचिव
    सेवा में,
    श्री जीतूभाई वघानी,
    गुजरात राज्‍य अध्‍यक्ष,
    भारतीय जनता पार्टी, गुजरात
    (मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, गुजरात के द्वारा)  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  22. आयोग का श्री आज़म खान को आदेश दिनांक 30.04.2019

    सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019
    30 अप्रैल, 2019
    आदेश
     
          यत:, आयोग ने श्री आज़म खान, समाजवादी पार्टी के नेता, जो 07-रामपुर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र, उत्‍तर प्रदेश से एक अभ्‍यर्थी भी है, को (i) 05 अप्रैल, 2019 को 34-स्‍वार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषण, (ii) 07 अप्रैल, 2019 और 08 अप्रैल, 2019 को 38-मिलक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषणों और (iii) 09 अप्रैल, 2019 और 12 अप्रैल, 2019 को 36-बिलासपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषणों के दौरान कतिपय आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य देकर आदर्श आचार संहिता के कतिपय उपबंधों और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की संबद्ध धाराओं का उल्‍लंघन करने के लिए दिनांक 16 अप्रैल, 2019 को कारण बताओ नोटिस सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019, जारी किया था; और
          यत:, आयोग को श्री आज़म खान से उपर्युक्‍त नोटिस का उत्‍तर 17 अप्रैल, 2019 को मिला है; और
          यत:, श्री आज़म खान ने अपने उपर्युक्‍त उत्‍तर में, अन्‍य बातों के साथ-साथ, निम्‍नलिखित निवेदन किया है:-
          '' यदि इस प्रगतिरत साधारण निर्वाचन, 2019 में मेरे राजनीतिक कृत्‍यों और निर्वाचन अभियान के दौरान मैंने निर्वाचकीय महत्‍ता की किसी विधि का जानबूझकर अथवा अन्‍जाने में उल्‍लंघन किया हो तो सर्वप्रथम और अपना उत्‍तर/स्‍पष्‍टीकरण देने से पहले, मैं बिना शर्त क्षमा याचना करता हूं, बिना शर्त यह क्षमा याचना, इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति मेरे अत्‍यधिक स्‍नेह एवं आदर के कारण की जा रही है, कहने की आवश्‍यकता नहीं है कि निर्वाचकीय मत द्वारा स्‍थापित लोकतंत्र में मेरा पूर्ण विश्‍वास है और भारत निर्वाचन आयोग, एक निकाय जिस पर हमारे प्रिय देश के लोकतंत्र के संरक्षण का दायित्‍व है, के प्रति भी मेरा अत्‍यधिक आदर है।
          मैं एक बार फिर बिना शर्त क्षमा याचना करता हूँ और यह श्री निवेदन करता हूँ कि भविष्‍य में निर्वाचकीय अभियान के दौरान मैं ऐसे बयान नहीं दूंगा जो किसी भी प्रकार से आपत्तिजनक हों।
          मैं एतद्द्वारा यह भी निवेदन करता हूँ कि मेरे द्वारा दिए गए भाषणों, जो आपत्तिजनक पाए गए हैं, में से कोई भी इस मंशा से नहीं दिया गया था जिससे आदर्श आचार संहिता अथवा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के उपबंध अथवा देश की किसी अन्‍य विधि का उल्‍लंघन हो। भविष्‍य में मेरे द्वारा निर्वाचन अभियान के दौरान ऐसे बयान अथवा इसी तरह के बयान देने से बचने के लिए विशेष सावधानी बरती जाएगी''; और
     
          यत:, आयोग ने श्री आज़म खान द्वारा प्रस्‍तुत स्‍पष्‍टीकरण और प्रमाणों की जांच की है तथा  उनके विवादास्‍पद भाषणों की वीडियो रिकार्डिंग भी दोबारा देखी है; और
          यत:, आयोग का मानना है कि श्री आज़म खान ने अपनी सार्वजनिक अभिव्‍यक्तियों में जिला निर्वाचन तंत्र के प्रति और धार्मिक विषयों पर अत्‍यधिक उत्‍तेजक भाषण दिए हैं, जो निर्वाचनों के ध्रुवीकरण की प्रवृति के हैं तथा जो केवल उस निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित नहीं थे जहां पर भाषण दिया जाता है, बल्कि वे अन्‍य भागों में प्रसारित भी हुए क्‍योंकि इस डिजिटल युग में सूचना का प्रसार तेजी से होता है; और
          यत:, वास्‍तविक तथ्‍यों और साक्ष्‍यों की जांच करने के पश्‍चात, आयोग, आश्‍वस्‍त है कि श्री आज़म खान ने अपने विवादास्‍पद भाषणों में धर्म के आधार पर वोट लेने के लिए ऐसी अपील की है जो ''राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता'' के 'सामान्‍य आचरण' के भाग-। के पैरा 3 और पैरा 4 के उपबंधों का उल्‍लंघन करने के समान है, जिनमें विनिर्दिष्‍ट किया गया है कि:-
    (3) ........... मत लेने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावनाओं संबंधी कोई अपील नहीं की जाएगी।
    (4) ..... सभी राजनीतिक दल और अभ्‍यर्थी ऐसे सभी कृत्‍यों से बचेंगे जो विधि के अंतर्गत 'भ्रष्‍ट आचरण' और अपराध है जैसे मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना  .... और उन्‍होंने 1995 की सिविल अपील सं.8339 सहित 1992 की सिविल अपील सं. 37 (अभिराम सिंह बनाम सी.डी. कोम्‍मचेन एवं अन्‍य) में दिए गए उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय की अवज्ञा की है; और
          यत:, श्री आज़म खान पर लोकसभा के साधारण निर्वाचन, 2014 के दौरान भी उनके कदाचार और उत्‍तेजक भाषणों के लिए उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में सार्वजनिक सभाएं, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, रोड शोज इत्‍यादि निकालने पर 11 अप्रैल, 2014 से आगे की अवधि के लिए रोक लगाई गई थी तथा आयोग के दिनांक 16 अप्रैल, 2014 के आदेश के तहत उनकी भर्त्‍सना भी की गई थी; और
          यत:, आयोग ने, एक अन्‍य मामले में, अपने दिनांक 15 अप्रैल, 2019 के आदेश सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019 के तहत 7-रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों में से एक अभ्‍यर्थी के विरूद्ध अपमानजनक वक्‍तव्‍य देने पर श्री आज़म खान की भर्त्‍सना की है और प्रगतिरत निर्वाचनों में उन पर 16 अप्रैल, 2019 को प्रात: 10.00 बजे से 72 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो करने और साक्षात्‍कार देने, मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) पर सार्वजनिक वक्‍तव्‍य देने पर रोक लगाई थी: और
          यत:, श्री आज़म खान के विरूद्ध कथित उल्‍लंघनों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153-क, 153-ख, 171-छ, 505(1), 505(2) और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के अंतर्गत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है, जिन पर कानून अपनी कार्रवाई करेगा:-
          अत: अब, आयोग आदर्श आचार संहिता से संबंधित मामले में उन्‍हें जारी अथवा जारी किए जाने वाले किसी आदेश/नोटिस के संबंध में बिना किसी पूर्वाग्रह के रामपुर में संचालित निर्वाचन अभियान के दौरान उनके द्वारा दिए गए विवादास्‍पद वक्‍तव्‍य की, एतद्द्वारा कड़ी भर्त्‍सना करता है और श्री आज़मखान को भविष्‍य में ऐसा कदाचार न करने की चेतावनी देता है। इसके अतिरिक्‍त, आयोग भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 के अंतर्गत और इस संबंध में दी गई अन्‍य सभी समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत इन प्रगतिरत निर्वाचनों के संबंध में 1 मई, 2019 (बुधवार) प्रात: 06.00 बजे से 48 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो करने और साक्षात्‍कार देने, मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिन्‍ट, सोशल मीडिया) में सार्वजनिक वक्‍तव्‍य देने के लिए उन पर रोक लगाता है।
    आदेश से,
    हस्‍त./-
    (अनुज जयपुरियार)
    प्रधान सचिव
    श्री आज़म खान,
    समाजवादी पार्टी के नेता,
    रामपुर, उत्‍तर प्रदेश         

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  23. Commission's Notice dated 29th April, 2019 to Shri Giriraj Singh, Leader of Bharatiya Janata Party

    Commission's Notice to
    Shri Giriraj Singh,
    Leader of Bharatiya Janata Party

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  24. Commission's order dated 29.04.2019 issued to Smt. Maneka Sanjay Gandhi.

    Commission's order to
    Smt. Maneka Sanjay Gandhi,
    Minister for Women and Child Development, Govt. of India

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  25. Complaint for using party's name in the polling ballots

    Complaint for using party's name in the polling ballots

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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