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  1. ECI notice to Shri Guntakandla Jagadish Reddy, Minister of Energy, Govt of Telangana for violation of MCC in 93- Munugode Assembly Constituency Bye-Election 2022

    ECI notice to Shri Guntakandla Jagadish Reddy, Minister of Energy, Govt of Telangana for violation of MCC in 93- Munugode Assembly Constituency Bye-Election 2022

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 October 2022

  2. राजनीतिक दलों को जारी की गई एडवाइजरी को साझा करना।

    सं.437/केटी-एलए/2023                                        
     दिनांक: 07.05.2023
     
    योग को विज्ञापनों एवं निर्वाचन अभियान के दौरान कथित रूप से किए गए असत्यापित दावों और प्रतिदावों वाली बयानबाजियों के संबंध में कुछ राष्ट्रीय दलों द्वारा शिकायतें एवं प्रति-शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
    2.    वर्तमान में प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन के लिए पूर्व-प्रमाणन हेतु समय-सीमा भारत निर्वाचन आयोग के दिनांक 31.03.2023 के अनुदेशों में निहित हैं। कर्नाटक विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन के संबंध में इस अनुदेश के माध्यम से, “कोई भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी या अन्य कोई संगठन या कोई व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान दिवस से एक दिन पूर्व प्रिंट, मीडिया में कोई विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं करेगा, जब तक कि उसके द्वारा राजनीतिक विज्ञापन की सामग्री राज्य/जिला स्तर पर, जैसा भी मामला हो, एमसीएमसी समिति से पूर्व-प्रमाणित नहीं करवा ली जाए।”
    “यह भी सूचित किया जाता है कि उपरोक्त पैरा 2 में उल्लिखित आवेदकों को मतदान के दिन और मतदान दिवस से एक (01) दिन पहले, विज्ञापन के प्रकाशन की प्रस्तावित तारीख से 02 (दो) दिन पूर्व एमसीएमसी के समक्ष आवेदन करना होगा।”
    “आयोग के उपर्युक्त निदेश राज्य में सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों और समाचार पत्रों के ध्यान में लाएं जाएं और सामान्य सूचना और सख्त अनुपालन के लिए इनका     मॉस मीडिया में व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।”
    3.    जैसा कि पूर्व-प्रमाणन समयसीमा के प्रवृत्त में आने के लिए अभी भी 24 घंटे हैं, अत: आयोग एक बार पुन: दोहराता है कि दिनांक 31.03.2023 के निदेश के पैरा 1 में समाविष्ट दिनांक 31.03.2023 के इसके निदेश की मूल भावना का राजनीतिक दलों द्वारा पालन किए जाने की आवश्यकता है अर्थात् “कि अतीत में प्रिंट मीडिया में प्रकाशित अपमानजनक एवं भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के दृष्टांतों को आयोग के संज्ञान में लाया गया है। निर्वाचन के अंतिम चरण में ऐसे विज्ञापन, संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को निष्प्रभावित करते हैं। प्रभावित अभ्यर्थी और दलों के पास ऐसे मामलों में स्पष्टीकरण देने/खंडन करने का कोई अवसर नहीं होगा।”
    4.    भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष रिकार्ड के आधार पर, जिसमें राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी  शामिल है, पूर्व-प्रमाणन की समय-सीमा को ज्यादा अवधि तक बढ़ाने के विकल्प पर विचार किया गया था। हालांकि, शेष निर्वाचन प्रचार अवधि के संबंध में समय की कमी को देखते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे कदम उठाने से परहेज किया है। इसके बजाय, यह दोहराता है कि प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के लिए पूर्व-प्रमाणन की समय-सीमा पर ध्यान दिए बिना, निर्वाचन प्रचार अवधि के दौरान हर समय सभी हितधारकों द्वारा निर्वाचन प्रचार करते समय स्वच्छ एवं गंभीर बयानबाजी के अनुदेशों को समझा जाना चाहिए और उन्हें कायम रखा जाना चाहिए।
    5.    निर्वाचन प्रचार के दौरान किए गए विज्ञापनों एवं बयानबाजियों के संदर्भ में, आदर्श आचार संहिता के खण्ड 4.4.2 (ख) (फ) की ओर एक बार पुन: ध्यान आकृष्ट किया जाता है, अर्थात् “अन्य दलों एवं उनके कार्यकर्ताओं के असत्यापित आरोपों एवं तोड़-मरोड़ कर बयानबाजी के आधार पर आलोचना नहीं की जाएगी।”
    6.    उपर्युक्त के क्रम में एवं उपर्युक्त के अनाधीन, भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रचार की शेष अवधि कम रह जाने की स्थिति को देखते हुए, प्रत्यक्ष: इस चिंता को नोट किया है कि राष्ट्रीय दल एवं स्टार प्रचारक निर्वाचन प्रचार के दौरान बयानबाजी के अपेक्षित प्रतिमानकों के प्रति कर्तव्यबद्ध हैं। तद्नुसार, आयोग भी अपने दिनांक 02/05/23 के निदेश को पुन: दोहराता है और निर्वाचन आयोग के दौरान दिए गए विज्ञापनों एवं बयानबाजी के संबंध में इसके सख्त अनुपालन पर अधिकाधिक जोर देता है।
     
     
     
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 24 May 2023

  3. Speech of Shri V.S. Sampath, Chief Election Commissioner of India on occassion of signing of MOU between ECI and Republic of Korea

    Speech of Shri V.S. Sampath, Chief Election Commissioner of India on occassion of signing of MOU between ECI and Republic of Korea
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 01 August 2012

  4. Security measures for polled Electronic Machines stored in Strong Rooms for counting of votes and setting up of Counting Centre-regarding.

    Security measures for polled Electronic Machines stored in Strong Rooms for counting of votes and setting up of Counting Centre-regarding.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 10 April 2014

  5. महाराष्‍ट्र के माननीय राज्‍यपाल द्वारा 2015 के सन्‍दर्भ मामला सं. 2 में पारित आदेश – श्री धनन्‍जय पंडितराव मुंडे, एम.एल.ए. की कथित निरर्हता सम्‍बन्‍धी।

    महाराष्‍ट्र के माननीय राज्‍यपाल द्वारा 2015 के सन्‍दर्भ मामला सं. 2 में पारित आदेश – श्री धनन्‍जय पंडितराव मुंडे, एम.एल.ए. की कथित निरर्हता सम्‍बन्‍धी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 16 November 2017

  6. 154 – राजाराजेश्वेरीनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के बारे में अधिसूचना

    154 – राजाराजेश्वेरीनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के बारे में अधिसूचना

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 11 May 2018

  7. हरियाणा राज्य में अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2020 के संदर्भ में सेवा मतदाताओं से संबंधित निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार पुनरीक्षण- तत्‍संबंधी।

    सं. 24/2019-ईआरएस (खंड-IV)                               दिनांक: 5 फरवरी, 2020
    सेवा में,
    1.   संयुक्‍त सचिव (स्‍था./पीजी) एवं सीवीओ ,रक्षा मंत्रालय, साउथ ब्‍लाक, नई दिल्‍ली ।  
    2.   संयुक्‍त सचिव, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, नॉर्थ ब्‍लाक, नई दिल्‍ली  
    3.   संयुक्‍त सचिव (प्रशासन) विदेश मंत्रालय, साउथ ब्‍लाक, नई दिल्‍ली – 110011 
    4.   निदेशक, सीमा सड़क महानिदेशालय, सीमा सड़क भवन, रिंग रोड, दिल्‍ली छावनी, नई दिल्‍ली – 110010  
    5.   मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणा, चंडीगढ़। 
     
    विषय: - हरियाणा राज्य में अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2020 के संदर्भ में सेवा मतदाताओं से संबंधित निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार पुनरीक्षण-  तत्‍संबंधी।  
    महोदय
          मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि गैर-नामांकित पात्र सेवा निर्वाचकों, विशेषतः वे जो अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2020 को पात्र हो जाएंगे, के नामांकन के लिए एक अवसर देने, ताकि वे नामांकित होने के पश्‍चात आसन्‍न साधारण निर्वाचन में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके और साथ ही अंतिम भाग अद्यतन किया जा सके, के लिए आयोग ने हरियाणा राज्य में अर्हक तिथि के रूप में 01 जनवरी, 2020 के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार-पुनरीक्षण नीचे दी गई सूची के अनुसार आयोजित करवाने का निदेश दिया है:-
         
    हरियाणा राज्‍य में निर्वाचक नामावली, 2020 के अंतिम भाग के विशेष सार पुनरीक्षण की अनुसूची
    क्रम सं.
    निर्वाचक नामावली, 2020 के अंतिम भाग के विशेष सार पुनरीक्षण के चरण
    दिनांक/अवधि
      निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भागों का प्रारूप प्रकाशन
    (मूल नामावली अर्थात् अंतिम भाग के हाल ही में समाप्‍त हुए दूसरे (2) विशेष सार पुनरीक्षण में अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2019 के संदर्भ में अंतिम रूप से यथाप्रकाशित + निरन्‍तर अद्यतन अवधि के एक अथवा दो अनुपूरक, जैसा भी मामला हो)
    10.02.2020(सोमवार) को
      संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिग अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा फार्म प्राप्‍त करने की अवधि
    -फार्मों का सत्‍यापन एवं स्‍कैन करना। 
    -एक्‍सएमएल फाइलों की तैयारी,
    -संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिंग अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा हस्‍ता‍क्षरित एवं सत्‍यापित करने के साथ-साथ एक्‍सएमएल फाइलों को अपलोड करना।
    10.02.2020(सोमवार) से 12.03.2020 (गुरूवार) तक
      निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा एक्‍सएमएल फाइलों सहित हस्‍ताक्षरित एवं सत्‍यापित फार्मों की प्रक्रिया एवं निपटान
    -संबंधित निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा अपूर्ण फार्मों/एक्‍सएमएल फाइलों को लौटाना।
    24.03.2020 (मंगलवार) तक
      संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिंग अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा सही फार्मों/एक्‍सएमएल फाइलों का पुन: प्रस्‍तुतीकरण
    -ईआरओ द्वारा अंतिम आदेश।
    22.04.2020 (बुधवार) तक
      निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भागों का अंतिम प्रकाशन
    30.04.2020 (गुरूवार) तक
     2.    आपके राज्‍य में अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2019 के संदर्भ में निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग का अंतिम प्रकाशन पहले ही किया जा चुका है और वर्तमान में निर्वाचक नामावली का निरंतर अद्यतन किया जा रहा है। मौजूदा पुनरीक्षण के आदेश गैर-नामांकित पात्र सेवा कार्मिकों के अधिकतम रजिस्‍ट्रेशन के लिए और अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2019 से निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग के सार पुनरीक्षण के दौरान रजिस्‍ट्रेशन नहीं करवा सकने वाले और तैनातियों में निरंतर परिवर्तन अथवा किसी अन्‍य कारण से तथा अपनी पूर्व घोषणाओं को बदलवाने के इच्‍छुक पंजीकृत सेवा मतदाताओं के लिए दिए जा रहें हैं। इसके अतिरिक्‍त, निर्धारित फार्मेट में रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिंग अधिकारियों द्वारा किए गए विलोपन की सिफारिश पर, ऐसे व्‍यक्ति, जो मृत्‍यु, सेवानिवृत्ति, स्‍थानान्‍तरण या किसी अन्‍य कारण से सेवा मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र नहीं रह गए हैं, के नामों को उचित सम्‍यक प्रक्रिया अपनाने के पश्‍चात संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा हटा दिया जाएगा।      
    3. सेवा निर्वाचक के रूप में पंजीकरण हेतु पात्रता 
     3.1  लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1950 की धारा 19 के प्रावधानों के अधीन, किसी निर्वाचन क्षेत्र में सामान्‍य निवासी होना निर्वाचक नामावली में पंजीकरण हेतु मूलभूत शर्तों में से एक है। हालांकि, धारा 20(3) में उक्‍त शर्त के अपवाद के लिए प्रावधान है, जिसमें यह निर्धारित है कि सेवा अर्हता रखने वाले किसी भी व्‍यक्ति को आमतौर पर उस निर्वाचन क्षेत्र का निवासी माना जाएगा जिसका वह अपनी सेवा अर्हता की वजह से उस तारीख को सामान्‍य रूप से निवासी होगा। दूसरे शब्‍दों में, सेवा अर्हता रखने वाले व्‍यक्ति को अपने मूल जन्‍म स्‍थान पर सेवा मतदाता के रूप में नामांकित किया जा सकता है, भले ही वह वास्‍तव में तैनाती के स्‍थान पर रह रहा हो, जो कि उसके मूल स्‍थान से अलग हो।
     
    3.2   लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1950 की धारा 20 की उप-धारा(8) के अधीन निम्‍नलिखित श्रेणियों के सेवा कार्मिक के पास “सेवा अर्हता” होती है:-
    (क) संघ के सशस्‍त्र बलों का एक सदस्‍य होना; या
    (ख) ऐसे बल का एक सदस्‍य होना, जिस पर सेना अधिनियम, 1950 (1950
        का 46) के उपबंध, संशोधन सहित या उसके बिना, लागू किए गए हैं,
    (ग) किसी राज्‍य के सशस्‍त्र पुलिस बल का एक सदस्‍य होना, और उस राज्‍य से बाहर
        सेवा करना; या
    (घ) एक ऐसा व्‍यक्ति होना, जो भारत सरकार के अधीन भारत से बाहर किसी
       पद पर कार्यरत हो।
     3.3   सेवा मतदाताओं के नाम प्रत्‍येक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग में शामिल होते हैं।
     3.4   उपर्युक्‍त चार श्रेणियों में से किसी भी श्रेणी के सेवा मतदाता और साधारण रूप से उसके साथ निवास करने वाली पत्‍नी भी अपने पति के साथ एक निर्वाचक के रूप में निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग में पंजीकृत होने के लिए पात्र है। हालांकि, किसी महिला सेवा कार्मिक का पति उसके साथ रहता है तो यह छूट उसे उपलब्‍ध नहीं है।
    3.5   निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग में निर्वाचक के रूप में नामांकन के प्रयोजनार्थ, उपर्युक्‍त सेवा अर्हता धारक, प्रत्‍येक व्‍यक्ति को निर्धारित सांविधिक फार्म 2, 2क, या 3 (निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 में संलग्‍न), जैसा भी लागू हो, में उसमें मांगे गए पूर्ण विवरण देते हुए आवेदन करना होगा। तत्‍काल संदर्भ के लिए, उक्‍त फार्मों की प्रत्‍येक की एक-एक प्रति संलग्‍न है। ये फार्म ‘’ई-नामावली में पंजीकरण के लिए फार्म’’ शीर्षक के अधीन आयोग की वेबसाइट http://eci.gov.in पर भी उपलब्‍ध है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 February 2020

  8. राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता' के भाग I

    सं. 437/केटी-एलए/2023                                              06 मई, 2023
     
    नोटिस
     
     
    यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने अपने दिनांक 29 मार्च, 2023 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/24/2023 के अनुसार कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2023 की घोषणा की है और राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उसी तारीख से लागू हो गए हैं; और
     
    2.       यतः, 'राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता' के भाग I 'साधारण आचरण' का खंड 2 उपबंधित करता है किः-
     
    "जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाए, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दल और अभ्यर्थी व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना से बचेंगे, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़-मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हों"
     
    3.   यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (4) उपबंधित करती है किः-
     
    "किसी अभ्यर्थी के वैयक्तिक शील या आचरण के सम्बन्ध में या किसी अभ्यर्थी की अभ्यर्थिता या अभ्यर्थिता वापस लेने के सम्बंन्ध में या अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता द्वारा या [अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से] किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी ऐसे तथ्य के कथन का प्रकाशन जो मिथ्या है और या तो जिसके मिथ्या होने का उसको विश्वास है या जिसके सत्य होने का वह विश्वास नहीं करता है और जो उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए युक्तियुक्त रूप से प्रकल्पित कथन है।"
     
    4.   यतः, भारतीय दंड संहिता की धारा 171 छ उपबंधित करती है किः-
     
    "निर्वाचन के सिलसिले में मिथ्या कथन- जो कोई निर्वाचन के परिणाम पर प्रभाव डालने के आशय से किसी अभ्यर्थी के वैयक्तिक शील या आचरण के सम्बन्ध में तथ्य का कथन तात्पर्यित होने वाला की ऐसा कथन करेगा या प्रकाशित करेगा, जो मिथ्या है, और जिसका मिथ्या होना वह जानता या विश्वास करता है अथवा जिसके सत्य होने का विश्वास नहीं करता है, वह जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।"
     
    5.  यतः, आयोग ने दिनांक 2 मई, 2023 के अपने अनुदेश सं. 437/6/अनु/भानिआ./प्रकार्य/आआसं/2023 के अनुसार सभी दलों और हितधारकों को, अन्य बातों के साथ-साथ, यह सलाह दी है कि वे निर्वाचन प्रचार के दौरान अपनी बयानबाजी देते समय आदर्श आचार संहिता और विधिक प्रावधानों (फ्रेमवर्क) के दायरे में रहें ताकि राजनैतिक बयानों की गरिमा बनी रहे और प्रचार अभियान तथा निर्वाचन माहौल दूषित न हो;
     
    6.  यतः, आयोग को श्री ओम पाठक, भारतीय जनता पार्टी से दिनांक 5 मई, 2023 की एक शिकायत (प्रति संलग्न) प्राप्त हुई है कि इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी ने 5 मई, 2023 को राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार-पत्रों, नामतः द टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, द हिन्दू और संयुक्ता कर्नाटक में एक विज्ञापन प्रकाशित करवाया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध असभ्य, प्रतिकूल, मिथ्या और भ्रामक आरोप लगाए हैं;
     
    7.   यतः, प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इंडियन नेशनल कांग्रेस ने उक्त विज्ञापन प्रकाशित करवाकर आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त उपबंध का उल्लंघन किया है;
     
    8.   संविधान के तहत विरोधी दलों की नीतियों और शासन की आलोचना करने के अधिकार की गारंटी दी गई है और इसके साथ ही हमारी निर्वाचन प्रक्रिया के अधीन विभिन्न राजनेताओं का यह अनिवार्य कार्य भी है। तथापि, इस अधिकार का प्रयोग और इस अनिवार्य कार्य को करते समय राजनैतिक दलों से उम्मीद की जाती है कि वे सार्वजनिक बयान देते समय उच्च मानकों की मर्यादा बनाए रखेंगे तथा आदर्श आचार संहिता और संबंद्ध कानूनों के विभिन्न उपबंधों का पालन करेंगे। हालांकि उपलब्धियों की कथित विहीनता, कुकृत्य, राजनैतिक विरोधियों द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित नहीं करना, सामान्य संदर्भ और संकेतित प्रसंग राजनैतिक निर्वाचन प्रचारों के दौरान उठाए जाते हैं, लेकिन विशिष्ट दोषारोपणों और आरोपों को अलग करने की आवश्यकता है क्योंकि ये सत्यापनीय तथ्यों पर आधारित होने चाहिए। बिना किसी तथ्यात्मक आधार के विशिष्ट आरोप लगाना, दंड संहिता के तहत प्रतिबंधित कार्रवाई है, जैसा कि ऊपर पैरा 3 और 4 में उल्लेख किया गया है। स्वतंत्र रूप से, किसी संगत सूचनात्मक सत्यापन के बिना आरोप, संभावित रूप से मतदाता को भ्रमित करके एक जागरूक विकल्प चुनने की प्रक्रिया में और साथ ही, सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने में विध्न डालकर निर्वाचकीय प्रक्रिया को दूषित करते हैं।
    9.   उक्त विज्ञापन में लगाए गए दोषारोपण और आरोप, सामान्य किस्म के नहीं हैं। विज्ञापन की सामग्री और फार्मेट ही सरकारी तंत्र (राजनैतिक और नौकरशाही) के सभी स्तरों पर यह विशिष्ट आरोप लगाते हैं कि यह तंत्र समझौता करने वाला और बिक जाने वाला तंत्र है। यह पूरे प्रशासन तंत्र को बदनाम करता है जो बड़े पैमाने पर सरकारी प्रणाली की वैधता के प्रति अविश्वास और सरकारी तंत्र को कम आंकने की भावना को उकसाता है, जो अन्यथा, अन्य बातों के साथ-साथ, मतदान के सुचारू संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
     
    10.  जैसा कि आयोग की दिनांक 02.05.2023 की एडवाइजरी में कहा गया था कि राष्ट्रीय दलों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विशेष अधिकार प्राप्त हैं और, अतः उनसे आशा की जाती है कि वे आदर्श आचार संहिता और विधिक ढांचे का पूरी तरह से अनुपालन करें। यह एक उचित धारणा है कि इंडियन नेशनल कांग्रेस के पास महत्वपूर्ण/अनुभवजन्य/सत्यापन योग्य साक्ष्य हैं, जिनके आधार पर ये विशिष्ट/स्पष्ट 'तथ्य' प्रकाशित कराए गए हैं, यह एक ऐसी कार्रवाई है जिसका मूल्यांकन लेखक द्वारा इस्तेमाल किए गए उसके प्रचुर ज्ञान और उद्देश्य एवं मंशा के आधार पर निष्पक्षतापूर्वक किया जा सकता है। अतः, आपको उसके अनुभवजन्य साक्ष्य, उदाहरणार्थ, आपके द्वारा दिए गए विज्ञापन में उल्लिखित नियुक्तियों और स्थानांतरणों के प्रकारों, नौकरियों के प्रकारों और कमीशन के प्रकारों की दरों के साक्ष्य, स्पष्टीकरण सहित, यदि कोई हों, 7 मई, 2023  को सायं 7.00 बजे तक प्रस्तुत करने और उसे जन साधारण की सूचना (पब्लिक डोमेन) के लिए प्रकाशित करवाने हेतु निदेश दिया जाता है।
     
    11.  उपरोक्त कार्रवाई करने में विफल रहने की स्थिति में, आपको निदेश दिया जाता है कि 7 मई, 2023 को सायं 7.00 बजे तक ये कारण बताएं कि आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता के तहत प्रासंगिक विधिक उपबंधों का उल्लंघन करने के लिए आपके विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं आरंभ की जानी चाहिए?
     
    12.   नोट करें कि यदि आपने निर्धारित समय के भीतर कोई उत्तर नहीं दिया, तो यह मान लिया जाएगा कि इस मामले में आपको कुछ नहीं कहना है और आपको आगे सूचित किए बिना भारत निर्वाचन आयोग इस मामलें में उपयुक्त कार्रवाई अथवा निर्णय करेगा।
     
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 24 May 2023

  9. Bye Elections Results Uttrakhand West Bengal

    Bye Elections Results Uttrakhand  West Bengal
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 13 October 2012

  10. General Elections to Lok Sabha, 2014 – Maintenance of public tranquility and peaceful law and order – complaints against Shri Amit Shah and Shri Azam Khan – regarding.

    General Elections to Lok Sabha, 2014 – Maintenance of public tranquility and peaceful law and order – complaints against Shri Amit Shah and Shri Azam Khan – regarding.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 11 April 2014

  11. एआईएडीएमके के विवाद मामले में आयोग का आदेश दिनांक 23.11.2017

    एआईएडीएमके के विवाद मामले में आयोग का आदेश दिनांक 23.11.2017

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 23 November 2017

  12. Notice to Sh. Arvind Kejriwal, Chief Minister of Delhi

    General Election to legislative Assembly of NCT of Delhi, 2020-Notice to Sh. Arvind Kejriwal in the matter of violation of provisions of Model Code of Conduct -regarding

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 February 2020

  13. ECI Order to Shri Guntakandla Jagadish Reddy, Minister of Energy, Govt of Telangana for violation of MCC in 93-Munugode Assembly Constituency Bye-Election 2022

    ECI Order to Shri Guntakandla Jagadish Reddy, Minister of Energy, Govt of Telangana for violation of MCC in 93-Munugode Assembly Constituency Bye-Election 2022

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 29 October 2022

  14. निर्वाचन प्रचार अभियान के दौरान विशेष रूप से स्टार प्रचारकों, मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों द्वारा दिए जाने वाले सार्वजनिक बयान के गिरते हुए स्तर और गरिमा के अपेक्षित स्तर के संबंध में अनुदेश

    सं. 437/6/अनु./ईसीआई/प्रकार्या/एमसीसी/2023                        
    दिनांकः 2 मई, 2023
     
          आयोग ने सभी हितधारकों, विशेष रूप से राजनीतिक दल और उनके अभ्यर्थियों के साथ परामर्श और सहयोग से, निर्वाचन प्रचार अभियान के दौरान ऐसे राजनीतिक संवाद के स्तर को कायम रखने के लिए सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास किए हैं, जो भारतीय लोकतंत्र की दुनियाभर में विश्वव्यापी सराहना और प्रतिष्ठा के अनुरूप हैं।
     
    2.    कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन की समयावधि में, निर्वाचन प्रचार अभियान के दौरान बयानबाजी के गिरते स्तर की ओर आयोग का ध्यान आकर्षित किया गया है। प्रगतिरत निर्वाचन प्रचार के दौरान लोगों द्वारा, विशेष रूप से उनके द्वारा जिन्हें स्टार प्रचारक की हैसियत से सांविधिक स्थिति प्राप्त है, प्रयुक्त अनुचित शब्दावली और भाषा की अनेक शिकायतों, शिकायतों के बदले शिकायतों के मौके आए हैं और मीडिया का नकारात्मक ध्यान भी इस ओर देखने को मिला है।
     
    3.    आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुसार, उकसाने और भड़काने वाले बयानों का प्रयोग, असंयमित और मर्यादा की सीमा को लांघते हुए अपमानजनक भाषा का प्रयोग और व्यक्तिगत चरित्र और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के आचरण पर आक्षेप निर्वाचन प्रक्रिया के एकसमान अवसर प्रदान करने के स्तर को दूषित करता है। राजनीतिक दलों का ध्यान, आदर्श आचार संहिता के नीचे दिए गए उपबंधों और निर्वाचन प्रचार के दौरान अपेक्षित बयानबाजी के क्षेत्र को नियंत्रित और तय करने वाले अन्य सांविधिक उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है।
          3.1) आदर्श आचार संहिता उपबंधः आदर्श आचार संहिता मैनुअल के अध्याय 3 और 4 में यथा समाविष्ट (मार्च, 2019), जिसमें निम्नलिखित प्रावधान हैं:-
    (क) अध्याय 3 के पैरा 3.8.2 (ii) में प्रावधान है, "किसी भी व्यक्ति को ऐसी गतिविधि में लिप्त नहीं होना चाहिए या ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन पर आक्रमण करने के समान हो या ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो दुर्भावनापूर्ण हो या जिससे शालीनता और नैतिकता का हनन होता हो।"
    (ख) अध्याय 4 के पैरा 4.3.1 में प्रावधान है "राजनीतिक दल और अभ्यर्थी निजी जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचेंगे, जो अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से नहीं जुड़ा है। इस में यह भी प्रावधान है कि कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ाए या आपसी घृणा पैदा करे या जिसके कारण तनाव पैदा हो।"
    (ग) अध्याय 4 के पैरा 4.3.2 में "निर्वाचन अभियान के उच्च स्तर को बनाए रखने" का प्रावधान है।
    (घ) अध्याय 4 के पैरा 4.3.2(ii) में प्रावधान है, "निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक संवाद के गिरते स्तर पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए, राजनीतिक दलों को नोटिस दिया कि आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन किए जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है।"
    (ङ) अध्याय 4 के पैरा 4.4.2(ख)(iii) में प्रावधान है कि "ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी, जिससे विभिन्न जातियों/समुदायों/धार्मिक/भाषाई समूहों के बीच मौजूदा मतभेद बढ़ सकते हों अथवा उनके बीच आपसी घृणा या तनाव पैदा हो सकते हों।"
    (च)  अध्याय 4 के पैरा 4.4.2(ख)(v) में प्रावधान है "असत्यापित आरोपों के आधार पर या बयान को तोड़-मरोड़ कर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने की अनुमति नहीं होगी।"
     
    3.2) इसके अतिरिक्त, भारतीय दंड संहिता के निम्नलिखित उपबंधों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है-
    (क) भारतीय दंड संहिता की धारा 171छ – "निर्वाचनों के संबंध में झूठा बयान"
    (ख) भारतीय दंड संहिता की धारा 499 में प्रावधान है कि "मानहानि- जो कोई बोले गए या पढ़े जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा, या दृश्यरूपणों द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में कोई लांछन इस आशय से लगाता या प्रकाशित करता है कि ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि की जाए या यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए लगाता या प्रकाशित करता है ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि होगी, एतस्मिनपश्चात् अपवादित दशाओं के सिवाय उसके बारे में कहा जाता है कि वह उस व्यक्ति की मानहानि करता है।"
    (ग)  भारतीय दंड संहिता की धारा 500 में प्रावधान है कि "मानहानि के लिए दण्ड- जो कोई किसी अन्य व्यक्ति की मानहानि के लिए दण्ड करेगा, वह साधारण कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।"
    (घ)  भारतीय दंड संहिता की धारा 504 – "जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करे, इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग करने, या अन्य अपराध का कारण हो सकती है को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा।"
     
    4.   आदर्श आचार संहिता की मूलभावना केवल प्रत्यक्ष उल्लंघन का परिहार ही नहीं है अपितु यह सांकेतिक या अप्रत्यक्ष बयानों या व्यंग्यों के माध्यम से निर्वाचकीय क्षेत्र को दूषित करने के प्रयासों को भी निश्चित तौर पर रोकती है। कर्नाटक में प्रगतिरत निर्वाचनों में, प्रचार अभियान के दौरान, कुछ स्टार प्रचारकों/राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपेक्षित उच्च मानकों को पूरा नहीं किया है और ऐसे बयान दिए हैं जिनसे निर्वाचन का माहौल दूषित हुआ है।
     
    5.   आयोग ने प्रचार अभियान के दौरान बयानों के ऐसे गिरते हुए स्तर पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया है। राष्ट्रीय दल और स्टार प्रचारक, लोक प्रतिनिधित्व के अधीन अतिरिक्त अधिकारों का लाभ उठाते हैं। यह अनिवार्य है कि प्रचार करते समय अपने बयान देते समय सभी दलों और हितधारकों को आदर्श आचार संहिता की सीमा और विधिक ढ़ांचे के भीतर रहना चाहिए ताकि राजनीतिक बयानों की गरिमा को कायम रखा जा सके और निर्वाचन का माहौल और प्रचार अभियान दूषित न हो। इस प्रकार, उनसे 'मुद्दा' आधारित परिचर्चा के लिए बयानों के स्तर को कायम रखने और उठाने में योगदान देने, स्थानीय मुद्दों को अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य में गंभीरतापूर्वक रखने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन में भयमुक्त होकर सभी वर्गों के निर्वाचकों की पूर्ण रूप से भागीदारी के लिए आश्वस्त होने की अपेक्षा की जाती है।
     
    6.   तदनुसार, आयोग आदर्श आचार संहिता के अनुदेशों को दोहराता है और सभी राष्ट्रीय और राज्यीय दलों, आरयूपीपी और निर्दलीय अभ्यर्थियों को कड़े शब्दों में यह सलाह देता है एवं सचेत करता है कि वे अपने बयानों में संयम बरतें और और अनुचित बयानों से परहेज करें। सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निदेश दिया जाता है कि वे इसे सभी राष्ट्रीय और राज्यीय दलों द्वारा  कड़ाई से अनुपालन के लिए उनके ध्यान में लाएं। वे इस एडवाइजरी का व्यापक प्रचार सुनिश्चित करें और उसके अनुपालन में असफल होने पर वर्तमान विनियामक/विधिक ढ़ांचे के अनुसार उचित कार्रवाई आरंभ की जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 12 June 2023

  15. Commission's order to Shri Dilip Sanghani, Agriculture Minister, Govt. of Gujarat

    Commission's order to Shri Dilip Sanghani, Agriculture Minister, Govt. of Gujarat 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 19 October 2012

  16. Prompt intervention and follow up action in case of Model Code violations and electoral offences - regarding

    Prompt intervention and follow up action in case of Model Code violations and electoral offences - regarding
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 11 April 2014

  17. अरूणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल की राज्‍य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता लागू होने सम्‍बन्‍धी अनुदेश-तत्‍सम्‍बन्‍धी।

    अरूणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल की राज्‍य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता लागू होने सम्‍बन्‍धी अनुदेश-तत्‍सम्‍बन्‍धी।

     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 24 November 2017

  18. आयोग ने 93-मुनुगोडे विधान सभा उप-निर्वाचन तेलंगाना 2022 में मतदाताओं के उत्प्रेरण के लिए कथित निधि अंतरण पर टीआरएस से चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री के. राजगोपाल रेड्डी के अभ्यावेदन पर 31 अक्तूबर, 2022 तक स्पष्टीकरण मांगा।

    आयोग ने 93-मुनुगोडे विधान सभा  उप-निर्वाचन तेलंगाना 2022 में मतदाताओं के उत्प्रेरण के लिए कथित निधि अंतरण पर टीआरएस से चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री के. राजगोपाल रेड्डी के अभ्यावेदन पर 31 अक्तूबर, 2022 तक स्पष्टीकरण मांगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Sunday 30 October 2022

  19. Commission's notice to Shri Maulana Faiyaz Laturi

    Commission's notice to Shri Maulana Faiyaz Laturi
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 October 2012

  20. Notification dated 12.04.2014 issued under sub-section (2) of Section 14 of the Representation of the People Act, 1951

    Notification dated 12.04.2014 issued under sub-section (2) of Section 14 of the Representation of the People Act, 1951
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 12 April 2014

  21. उप निर्वाचन - सांसद/विधायक स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियाँ जारी करना

    उप निर्वाचन - सांसद/विधायक स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियाँ जारी करना

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 24 November 2017

  22. Commission's notice to Shri Maksud A Kazi

    Commission's notice to Shri Maksud A Kazi
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 October 2012

  23. ECI Launches 2014 Election Visitors Programme

    ECI Launches 2014 Election Visitors Programme
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 12 April 2014

  24. जनता दल (यूनाईटेड) के विवादित मामले में दिनांक 25.11.2017 का आयोग का विस्तृत आदेश।

    जनता दल (यूनाईटेड) के विवादित मामले में दिनांक 25.11.2017 का आयोग का विस्तृत आदेश।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 25 November 2017

  25. 93-मुनुगोडे विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का उप निर्वाचन: 93-मुनुगोडे विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी श्री के. राजागोपाल रेड्डी द्वारा विभिन्न कंपनियों/निवासियों को 5.24 करोड़ रु. की धनराशि अंतरित...

    93-मुनुगोडे विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का उप निर्वाचन: 93-मुनुगोडे विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी श्री के. राजागोपाल रेड्डी द्वारा विभिन्न कंपनियों/निवासियों को 5.24 करोड़ रु. की धनराशि अंतरित करने के संबंध में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का अभ्यावेदन और उक्त अभ्यावेदन पर श्री के. राजागोपाल रेड्डी का उत्तर – तत्संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 01 November 2022

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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