मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
अंग्रेज़ी में देखें   |   मुख्य विषयवस्तु में जाएं   |   स्क्रीन रीडर एक्सेस   |   A-   |   A+   |   थीम
Jump to content

वर्तमान मुद्दे

1,325 files

  1. अर्हक तारीख के रूप में दिनांक 01.01.2023 के संदर्भ में फोटो निर्वाचक नामावलियों का विशेष सार पुनरीक्षण-कार्यक्रम-तत्संबंधी।

    The following associated files can be downloaded from this link:
    Special Summary Revision of Photo Electoral Rolls w.r.t. 01.01.2023 as the qualifying date - Programme - regarding.  
    Reference - (i) Notification dated 30th December, 2021 by Mo Law and Justice,
    (ii) Notification dated 17th June 2022 by M/o Law and Justice,
    (iii) Commission's letter No. 3/ER/2021/SDR/Vol.II dated 23rd June 2022,
    (iv) Commission's letter No. 22/02/2022-ERS, dated 27th June 2022,
    (v) Commission's letter No. 23/Inst/2022-ERS, dated 12th July 2022,
    (vi) Commission's letter No. 23/Inst/2022-ERS, dated 4th July 2022,
    (vii) Commission's letter No.23/LET/ECI/FUNC/ERD-ER/2019, dated 14th February, 2019,
    (viii) Commission's letter No. 23/LET /ECI/FUNC/ERD/ER/2018-11, dated 25th September 2018,
    (ix) Commission's letter No.23/INST2020-ERS, dated 30th July 2020, and
    (x) Commission's letter No. 485/ERONet/PSE/2021/IT-1 dated 25th November 2021

    67 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 July 2022

  2. सभी राज्यों (गुजरात, हिमाचल प्रदेश और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) में दिनांक 01.01.2023 के संदर्भ में सेवा मतदाताओं के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार पुनरीक्षण-तत्संबंधी।

    सभी राज्यों (गुजरात, हिमाचल प्रदेश और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) में दिनांक 01.01.2023 के संदर्भ में सेवा मतदाताओं के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार पुनरीक्षण-तत्संबंधी।
    Letter to
    Joint Secretary (Estt./PG) & CVO,Ministry of Defence, South Block New Delhi. Joint Secretary to the Govt. of India,Ministry of Home Affairs, North Block, New Delhi Joint Secretary (Administration)Ministry of External Affairs, South Block, New Delhi-110011. The Director, Directorate General Border Roads, Seema Sadak Bhawan, Ring Road, Delhi Cantonment, New Delhi-110010. Chief Electoral Officers of all States/UTs (except Gujarat, Himachal Pradesh and UT of Jammu and Kashmir)

    32 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 05 August 2022

  3. निर्वाचक नामावलियों में जनांकिकीय रूप से समान प्रविष्टियों (डीएसई) और एक समान फोटो वाली प्रविष्टियों (पीएसई) की हैंडलिंग तथा प्रोसेसिंग के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया-तत्संबंधी।

    The following associated file can be downloaded from this link
    Standard Operating Procedure (SOP) for handing and processing Demographic Similar Entries (DSEs) and Photo Similar Entries (PSEs) in electoral rolls - regarding.  
    Reference:
    Commission's letter no. 23/2021-ERS dated 13.08.2021 Commission's letter no. 485/ERONT/PSE/2021/IT-I dated 25.11.2021 Commission's letter No. 23/2022-ERS9Vol.II) dated 25.07.2022

    79 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 23 August 2022

  4. रजिस्ट्रीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों (आरयूपीपीएस) के संदर्भ में अनुपालन के प्रवर्तन से संबंधित दिनांक13/09/2022 का आयोग का आदेश

    सं.56/राजनैतिक दल/पीपीएस-।।।/2021                             
    दिनांक: 13 सितबंर, 2022
    आदेश
           आयोग के दिनांक 25.05.2022 एवं 20.06.2022 के आदेश के क्रम में आगे यह निर्णय लिया गया है कि उन 86 रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों को सूची से हटा दिया जाए जिनके संबंध में संबंधित राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों ने आयोग के दिनांक 26.05.2022 के अर्धशासकीय पत्र और दिनांक  27.11.2019 के आयोग के पत्र के अनुपालन में डाक प्राधिकारियों द्वारा दी गई टिप्‍पणी के आधार पर अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत कीं हैं।
    यत:, भारत के व्‍यक्तिगत नागरिकों की संस्‍था/निकाय का एक राजनैतिक दल के रूप में रजिस्‍ट्रेशन, लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951  की धारा 29क के उपबंधों द्वारा शासित है; और
    यत: उपर्युक्‍त धारा 29क के तहत निर्वाचन आयोग में किसी संस्‍था के एक राजनैतिक दल के रूप में रजिस्‍ट्रेशन के प्रयोजन का उल्‍लेख उसी धारा में किया गया है, नामत: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के प्रयोजनों के लिए उक्‍त धारा के उपबंधों का लाभ उठाना, जिसका अर्थ उक्‍त अधिनियम के तहत आयोग द्वारा संचालित निर्वाचनों में भाग लेना है; और
    यत:, इन 86 रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों के पते, धारा 29क (4) के तहत रजिस्‍ट्रीकरण अपेक्षा के रूप में सांविधिक रूप से अपेक्षित थे। पते में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की सूचना धारा 29क (9) के तहत भारत निर्वाचन आयोग को देनी अपेक्षित थी, जिसका उन्‍होंने अनुपालन नहीं किया है। इन सभी रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों का अस्तित्‍व नहीं पाया गया है चाहे संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा इनका वास्‍तविक सत्‍यापन किया गया हो अथवा संबंधित राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा इन दलों के रजिस्‍टर्ड पतों पर भेजे गए अवितरित पत्रों के संबंध में डाक प्राधिकारियों द्वारा दी गई टिप्‍पणी के आधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई हो। अत: अब, इस मामले के सभी संबद्ध तथ्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, और भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 तथा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 29क के तहत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने उक्‍त धारा 29क और निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश, 1968 के पैरा 17 के तहत आयोग द्वारा अनुरक्षित रजिस्‍ट्रीकृत राजनैतिक दलों की सूची से इन रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों के नाम हटा दिए हैं। इससे व्‍यथित कोई भी दल, राजनैतिक दल के अस्तिव में होने के सभी साक्ष्‍यों, वर्षवार वार्षिक परीक्षित लेखों सहित अन्‍य विधिक एवं विनियामक अनुपालनों, अंशदान रिपोर्ट, व्‍यय रिपोर्ट, वित्‍तीय लेन-देन (बैंक खाते सहित) के लिए अधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ताओं सहित अद्यतित पदाधिकारियों के विवरण के साथ इस आदेश के जारी होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/निर्वाचन आयोग से संपर्क करें। ऐसे रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों की पृथक्‍कृत सूची, मौजूदा विधिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत अपेक्षित कार्रवाई हेतु संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और सीबीडीटी को भेजी जाएगी।

    85 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 16 September 2022

  5. आयोग का दिनांक 20/06/2022 का आदेश तत्संसबंधी रजिस्ट्रीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों (आरयूपीपी) से संबंधित अनुपालनों के प्रर्वतन के संबंध में।

    सं.56/राजनैतिक दल/पीपीएस-।।।/2021
    दिनांक: 20 जून, 2022
    आदेश
          आयोग के दिनांक 25.05.2022 के आदेश के क्रम में आगे यह निर्णय लिया गया है कि उन 111 रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों को सूची से हटा दिया जाए जिनके संबंध में संबंधित राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों ने आयोग के दिनांक 26.05.2022 के अर्धशासकीय पत्र और दिनांक  27.11.2019 के आयोग के पत्र के अनुपालन में डाक प्राधिकारियों द्वारा दी गई टिप्‍पणी के आधार पर अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत की हैं।
    यत:, भारत के व्‍यक्तिगत नागरिकों की संस्‍था/निकाय का एक राजनैतिक दल के रूप में रजिस्‍ट्रेशन, लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 29क के उपबंधों द्वारा शासित है; और
    यत: उपर्युक्‍त धारा 29क के तहत निर्वाचन आयोग में किसी संस्‍था के एक राजनैतिक दल के रूप में रजिस्‍ट्रेशन के प्रयोजन का उल्‍लेख उसी धारा में किया गया है नामत: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के प्रयोजनों के लिए उक्‍त धारा के उपबंधों का लाभ उठाना,  जिसका अर्थ उक्‍त अधिनियम के तहत आयोग द्वारा संचालित निर्वाचनों में भाग लेना है; और
    यत:, इन 111 रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों के पते, धारा 29क(4) के तहत रजिस्‍ट्रीकरण अपेक्षा के रूप में सांविधिक रूप से अपेक्षित थे। पते में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की सूचना धारा 29क(9) के तहत भारत निर्वाचन आयोग को देनी अपेक्षित थी,  जिसका उन्‍होंने अनुपालन नहीं किया है। इन सभी रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों का अस्तित्‍व नहीं पाया गया है चाहे संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा इनका वास्‍तविक सत्‍यापन किया गया हो अथवा संबंधित राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा इन दलों के रजिस्‍टर्ड पतों पर भेजे गए अवितरित पत्रों के संबंध में डाक प्राधिकारियों द्वारा दी गई टिप्‍पणी के आधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई हो। अत: अब, इस मामले के सभी संबद्ध तथ्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, और भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 29क के तहत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने उक्‍त धारा 29क और निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश, 1968 के पैरा 17 के तहत आयोग द्वारा अनुरक्षित रजिस्‍ट्रीकृत राजनैतिक दलों की सूची से इन रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों के नाम हटा दिए हैं। इससे व्‍यथित कोई भी दल, राजनैतिक दल के अस्तिव में होने के सभी साक्ष्‍यों, वर्षवार वार्षिक अंकेक्षित लेखों सहित अन्‍य विधिक एवं विनियामक अनुपालनों, अंशदान रिपोर्ट, व्‍यय रिपोर्ट, वित्‍तीय लेन-देन (बैंक खाते सहित) के लिए अधिकृत हस्‍ताक्षरकर्ताओं सहित अद्यतित पदाधिकारियों के विवरण के साथ इस आदेश के जारी होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/निर्वाचन आयोग से संपर्क करें। ऐसे रजिस्‍ट्रीकृत अमान्‍यताप्राप्‍त राजनैतिक दलों की पृथक्‍कृत सूची, मौजूदा विधिक फ्रेमवर्क के तहत अपेक्षित कार्रवाई हेतु संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और सीबीडीटी को भेजी जाएगी।

    49 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 20 June 2022

  6. Commission's Order dated 13/09/2022 regarding Enforcement of compliances in r/o Registered Unrecognized Political Parties (RUPPs)(Inactive Parties)

    Commission's Order dated 13/09/2022 regarding Enforcement of compliances in r/o Registered Unrecognized Political Parties (RUPPs)(Inactive Parties)

    121 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 16 September 2022

  7. निर्वाचक नामावली डाटा को लिंक करने और इसके प्रमाणीकरण के लिए स्‍वैच्छिक आधार पर निर्वाचकों से आधार डाटा एकत्रित करना – अधिनियम/नियमों में संशोधनों की अधिसूचनाएं प्रचालित करना – तत्‍संबंधी।

    निर्वाचक नामावली डाटा को लिंक करने और इसके प्रमाणीकरण के लिए स्‍वैच्छिक आधार पर निर्वाचकों से आधार डाटा एकत्रित करना – अधिनियम/नियमों में संशोधनों की अधिसूचनाएं प्रचालित करना – तत्‍संबंधी।
    संदर्भ:-
    (i) विधि एवं न्‍याय मंत्रालय की दिनांक 30 दिसंबर, 2021 की अधिसूचना
    (ii) विधि एवं न्‍याय मंत्रालय की दिनांक 17 जून, 2022 की अधिसूचना
    (iii) आयोग का दिनांक 23 जून, 2022 का पत्र सं. 3/ईआर/2021/एसडीआर/खंड।।

    77 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 July 2022

  8. निर्वाचकों के रजिस्‍ट्रीकरण के लिए प्रपत्र नं. 1, 2, 2क, 3, 6, 7, 8, 11, 11क, 11ख, 18, और 19 में संशोधन – तत्‍संबंधी।

    निर्वाचकों के रजिस्‍ट्रीकरण के लिए प्रपत्र नं. 1, 2, 2क, 3, 6, 7, 8, 11, 11क, 11ख, 18, और 19 में संशोधन – तत्‍संबंधी।
    संदर्भ:- दिनांक 23 जून, 2022 का पत्र सं. 3/ईआर/2021/एसडीआर/खंड-।।

    56 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 July 2022

  9. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

    सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

    19 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 04 May 2022

  10. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

    सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

    40 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 20 June 2022

  11. विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप- निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन से संबंधित अनुदेश- तत्संबंधी।

    विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप- निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन से संबंधित अनुदेश- तत्संबंधी।

    37 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 04 May 2022

  12. असम राज्य की विधान सभा में आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश।

    असम राज्य की विधान सभा में आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश।

    29 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 February 2022

  13. श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती, 275-पांडबेश्वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक को आयोग का दिनांक 29.03.2022 का आदेश

    सं. 100/प.ब.(एचपी/एलए)/01/2022                             
    दिनांकः 29 मार्च, 2022
     
    आदेश 
          यतः, आयोग ने दिनांक 12 मार्च, 2022 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/32/2022 के तहत पश्चिम बंगाल के 40-आसनसोल संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और 161-बालीगंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के उप-निर्वाचन कराने के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है एवं राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उसी दिन से लागू हो गए हैं; और 
          यतः, पश्चिम बंगाल राज्य के श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती, विधायक 275-पांडाबेश्‍वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की वीडियो क्लिप विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्मों पर व्यापक रूप से परिचालित हो रही है; और
          यतः, इस मामले में पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से एक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था जिसमें यह सूचित किया गया है कि श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती, विधायक 275-पांडाबेश्‍वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र  को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिन्‍हें वीडियो क्लिप में निम्‍नलिखित कहते हुए सुना है:- 
    ‘‘जो कट्टर भाजपाई हैं, जिन्‍हें मनाया नहीं जा सकता उन्‍हें डराना ही होगा (चोमकाटे होने)। उन्‍हें बताएं कि यदि वे वोट करने जाएंगे तो यह मान लिया जाएगा कि आप बीजेपी को वोट डालेंगे और उसके बाद आप जहां भी रहेंगे अपने जोखिम पर रहेंगे। यदि आप वोट डालने नहीं जाते तो यह मान लिया जाएगा कि आपने हमें समर्थन दिया है और आप यहां रह सकते हैं, कहीं भी कारोबार कर सकते हैं जहां भी आप को अच्‍छा लगता है, काम कर सकते हैं और हम आपके साथ हैं। समझ गए;’’ और 
     यत:, श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती, विधायक, 275-पांडाबेश्‍वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, पांडाबेश्‍वर से उपर्युक्‍त नोटिस के जवाब में अं‍तरिम उत्‍तर प्राप्‍त हुआ है जिसमें उन्‍होंने उन पर लगाए गए आरोपों से इंकार किया है; और     
    यत:, राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग ।  ‘सामान्‍य आचरण’ के खंड (4) में, अन्‍य बातों के साथ-साथ, प्रावधान है कि 
    ‘‘(4) सभी दल और अभ्‍यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन ‘‘भ्रष्‍ट आचरण’’ एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी के अंतर्गत प्रचार करना, मतदान समाप्‍त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वहन उपलब्‍ध कराना’’; और 
          यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उप-धारा 2 (क) (i), जो भ्रष्ट आचरण से संबंधित है, में निम्नलिखित प्रावधान हैं:- 
    "123. भ्रष्ट आचरण- निम्नलिखित इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए भ्रष्ट आचरण समझे जाएंगेः- 
          (2) असम्यक् असर डालना, अर्थात् किसी निर्वाचन अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता की या [अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से] किसी अन्य व्यक्ति की ओर से किया गया कोई प्रत्यक्ष या परतः हस्तक्षेप या हस्तक्षेप का प्रयत्नः
    परन्तु— 
    (क) इस खंड के उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना उसमें यथानिर्दिष्ट ऐसे किसी व्यक्ति की बाबत जो-- 
          (i) किसी अभ्यर्थी या किसी निर्वाचक या ऐसे किसी व्यक्ति को, जिससे अभ्यर्थी या निर्वाचक हितबद्ध है, किसी प्रकार की क्षति, जिसके अन्तर्गत सामाजिक बहिष्कार और किसी जाति या समुदाय से बाहर करना या निष्कासन आता है, पहुंचाने की धमकी देता है………;
          ……….. यह समझा जाएगा कि ऐसे अभ्यर्थी या निर्वाचक के निर्वाचन अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में इस खंड के अर्थ के अंदर हस्तक्षेप करता है ; और 
    यत:,  भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 171-ग की उपधारा 2(क), जो ‘निर्वाचनों में असम्‍यक असर डालने’ से संबंधित है, में निम्‍नलिखित उपबंधित है:-
    (2) उप-धारा (1) के उपबंधों की व्‍यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, जो कोई –
    (क) किसी अभ्‍यर्थी या मतदाता को, या किसी ऐसे व्‍यक्ति को जिससे अभ्‍यर्थी या मतदाता हितबद्ध है, किसी प्रकार की क्षति करने की धमकी देता है, अथवा; और
          यत:, भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 171-च जो ‘निर्वाचनों में असम्‍यक असर डालने या प्रतिरूपण के लिए दंड’ से संबंधित है, में निम्‍नलिखित उपबंधित है:- 
          जो किसी निर्वाचन में असम्‍यक असर डालने या प्रतिरूपण का अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक हो सकेगी, या जुर्माने से, दोनों से, दंडित किया जाएगा; और 
          यतः, आयोग ने अवलोकन किया है कि उपरोक्त बयान शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन के लिए निर्वाचन ड्यूटी पर लगाए गए अधिकारियों सहित विभिन्न अधिकारियों के लिए डराने वाला है एवं इसलिए बयान में उपर्युक्त उल्लिखित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उपधारा 2, भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 171-ग और 171-च में यथा परिभाषित मतदाताओं के निर्वाचन अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग में हस्तक्षेप करने की क्षमता है; और 
          यतः, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन, भारत गणराज्य के मेरुदंड हैं जिनके बिना इसके अस्तित्व की बुनियाद खतरे में पड़ जाती है; और 
          यतः, भारतीय संविधान द्वारा भारत के सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं में स्वतंत्र व निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन के लिए निर्वाचन आयोग को शक्तियां और जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं; और 
    यतः, आयोग का प्रथम दृष्‍टया विचार है कि श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती, विधायक, 275-पांडाबेश्‍वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र ने विवादित बयान देकर आदर्श आचार संहिता के उपरोक्त उपबंध और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के संबद्ध उपबंधों का उल्लंघन किया है जैसा इस आदेश में वर्णित किया गया है; और           
          अतः, अब आयोग मामले की गंभीरता को देखते हुए, एतद्द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य के 275-पांडाबेश्‍वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से, श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती, विधायक द्वारा दिए गए, विवादित बयान की भर्त्सना करता है एवं उक्त उल्लंघन के लिए उनकी कड़ी परिनिंदा करता है। इसके अलावा, आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संदर्भ में समर्थ बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों के अन्तर्गत, मौजूदा उप-निर्वाचन के संबंध में उनको किसी भी प्रकार की जनसभाओं, सार्वजनिक जुलूसों, सार्वजनिक रैलियों, रोड शोज के आयोजन और मीडिया (इलेक्ट्रानिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में साक्षात्कार देने, सार्वजनिक बयान देने पर एक सप्‍ताह अर्थात दिनांक 30 मार्च, 2022 (बुधवार) को प्रात: 10.00 बजे से 6 अप्रैल, 2022 (बुधवार) को रात 08.00 बजे तक 7 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाने हेतु आदेश देता है।
    आदेश से,
    (राकेश कुमार)
    सचिव
    सेवा में,
    श्री नरेंद्रनाथ चक्रबर्ती,
    विधायक, 275-पांडाबेश्‍वर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र,
    पश्चिम बंगाल
    (द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल)

    35 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 07 April 2022

  14. 306-डोमरियागंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से बीजेपी अभ्यर्थी श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन किए जाने के संबंध में आयोग का आदेश।

    सं.:-437/यूपी-एलए/2022                                 
     दिनांक 27 फरवरी, 2022
     
    आदेश
    यतः, आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के धारा 125; "राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता" के भाग-I 'सामान्य आचरण' के पैरा 1 और पैरा 4 के 'प्रथम दृष्ट्या' उल्लंघन करने के लिए 306-डोमरियागंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी के अभ्यर्थी, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह को पेडारी गाँव, डोमरियागंज की जनसभा में दिनांक 19.02.2022 को उनके द्वारा दिए गए आपतिजनक बयान के लिए कारण-बताओ नोटिस सं. 437/यूपी-एलए/2022 दिनांक 26 फरवरी, 2022 को जारी किया है। उस ब्यान का वीडियो विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से परिचालित हो रहा है, जिसकी अनुलिपि नीचे दी गई हैं- 
    "ई बताई दो कौनो मियां हमके वोट देई?  तो ई जान लेयो यह गांव कै जउन हिन्दू अगर दूसरे तरफ जात बा, तो इ जान लेयो ओकरे अन्दर मियां के खून दउड़त बा। ठीक है, नहीं ठीक है? उ गद्दार है, जयचन्द के नाजायज औलाद है। अपने बाप के हरामखोर औलाद है। इतना अत्याचार होने के बाद भी हिन्दू अगर दूसरे तरफ जाता है, तो उसको सड़क पर मुंह दिखाने लायक नहीं रखना चाहिए।...(अस्पष्ट)... में कुछ नहीं बोलता था। मैनें कहां, पांच साल मैं भी विधायक होने के बाद देखूंगा, जरा परखूंगा, समझूंगा और एक बार अगर वार्निंग देने के साथ समझ में नहीं आयेगा तो, इस बार मैं बता दूंगा कि राघवेन्द्र सिंह कौन है। मेरे साथ गद्दारी करोगे तो चलेगा, मैं अपमान सह लूंगा। मुझे अपमानित करोगे तो भी मैं अपमानित सह लूंगा, अगर हमारे हिन्दू समाज को अपमानित करने का प्रयास करोगे तो बर्बाद कर के रख दूंगा"; और
    यतः, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह को उक्त नोटिस प्राप्त होने के उपरान्त 24 घंटे के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था; और
    यतः, पूर्वोक्त नोटिस के संबंध में निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय की ओर से आयोग में जवाब प्राप्त हुआ है; और
    यतः, पूर्वकथित जवाब में, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने निवेदन किया है कि उक्त नोटिस के संबंध में उनको जवाब प्रस्तुत करने के लिए दिया गया समय पर्याप्त नहीं है और उन्होंने जवाब प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय की माँग की है। अन्य बातों के साथ- साथ यह बात भी बल देकर कही गई है कि यह अनुमान अधुरे वीडियो/अनुलिपि के आधार पर लगाया गया है और यह वक्तव्य उनके द्वारा सिर्फ कुछ खास स्थानीय लोगों द्वारा किए गए अत्याचारों की शिकायत के संबंध में सांत्वना के संकेत के रूप में दिया गया था; और 
    यतः, निर्वाचन एक समयबद्ध प्रक्रिया होने के नाते कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को प्रभावशाली ढ़ंग से नियन्त्रित करने और इस तरह की आवांछनीय घटनाओं से होने वाली क्षति को यथासंभव कम करने के लिए निर्वाचन प्रधिकारियों द्वारा तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है और इन सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए, श्री राघवेन्द्र को जवाब प्रस्तुत करने के लिए उनके द्वारा मांगे गए अतिरिक्त समय प्रदान करने के अनुरोध को आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है; और 
    यत; आयोग ने उक्त बयान वाली विडियो रिकार्डिंग का पुनः देखा है और पाया है कि विवादित बयान में दिए गए संदर्भ एकदम गैरजिम्मेदाराना, भड़काऊ और धमकाने वाली प्रकृति का है और इसमें समाज के धार्मिक सौहार्द को भंग करने की छिपी हुई भावना और प्रवृत्ति विद्यमान है; और
    यतः भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 153क, 295क, 505 (2), 506 के अंतर्गत एवं लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के अंतर्गत डोमरियागंज थाना, जो सिद्धार्थनगर जिला के अन्तर्गत आता है, में विवादित बयान देने के लिए श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह के खिलाफ पहले हीं प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है; और 
    यतः, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिहं द्वारा दिए गए उनके पूर्व कथित जवाब के संबंध में उपलब्ध सभी महत्वपूर्ण तथ्यों और प्रमाणों पर विचार करते हुए, आयोग का मत है कि श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने विवादित बयान देकर "राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग I सामान्य आचरण" के पैरा 1, और 4 का उल्लंघन किया है।
    अतः, अब, आयोग इस मामले में जारी किए गए या जारी किए जानेवाले किसी भी आदेश/नोटिस बिना पक्षपात के, एतदद्वारा श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, 306-डोमरियागंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी के अभ्यर्थी, द्वारा दिए गए विवादित बयान की भर्त्सना करता है और उपरोक्त उल्लंघन के लिए उनकी निंदा करता है। आयोग एतदद्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत एवं इस संबंध में अन्य सभी प्रदत्त शक्तियों के आधार पर चल रहे निर्वाचनों के संबंध में आदेश देता है और उन्हें दिनांक 28.02.22 (सोमवार) को 6 बजे सुबह से 24 घंटे के लिए किसी भी जनसभा के आयोजन करने, सार्वजनिक जुलूसों, सार्वजनिक रैलियों, रोड शो करने और साक्षात्कार देने, मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) इत्यादि में सार्वाजनिक रूप से बोलने के संबंध में उन पर रोक लगाने का आदेश देता है।
    आदेश से
    अजय कुमार
    (सचिव)
    सेवा में
    श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह
    306- डोमरियागंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मे भाजपा के अभ्यर्थी 
    जिला-सिद्धार्थनगर, उत्र प्रदेश

    14 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 17 March 2022

  15. श्री टी. राजा सिंह, तेलंगाना के विधान सभा के सदस्य, द्वारा दिए गए बयान के संबंध में आयोग का आदेश।

    श्री टी. राजा सिंह, तेलंगाना के विधान सभा के सदस्य, द्वारा दिए गए बयान के संबंध में आयोग का आदेश।

    32 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 21 February 2022

  16. श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, 178-तिलोई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से भाजपा के उम्मीदवार, को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के लिए, आयोग का कारण बताओ नोटिस।

    श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, 178-तिलोई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से भाजपा के उम्मीदवार, को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के लिए, आयोग का कारण बताओ नोटिस।

    50 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 21 February 2022

  17. विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लड़ने वाले अभ्यर्थी 356-मऊ उत्तर प्रदेश के अब्बास अंसारी द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में आयोग का आदेश।

    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लड़ने वाले अभ्यर्थी 356-मऊ उत्तर प्रदेश के अब्बास अंसारी द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में आयोग का आदेश।

    16 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 17 March 2022

  18. आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन के लिए भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 05.02.2022 का नोटिस।

    सं. 437/ईसीआई/यूकेडी/एलए/एनएस-II/2022                       
     दिनांकः 5 फरवरी, 2022
     
    नोटिस 
          यतः, आयोग ने दिनांक 08 जनवरी, 2022 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/3/2022 के तहत उत्तराखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 आयोजित करने के लिए अनुसूची की घोषणा की है और निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और 
    2.    यतः, राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग "सामान्य आचरण" के खंड (1) और (2) में अन्य बातों के साथ-साथ उपबंध हैं, कि-
    (1) "कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफरत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।"
    (2) "यदि राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो यह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, गत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखी जाएगी। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से असंबद्ध निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा। असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा।"
    3.    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) अन्य बातों के साथ-साथ उपबंध करती है, कि-
    "किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सहमति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर संप्रवर्तन या संप्रवर्तन का प्रयत्न करना।"; और 
    4.    यतः, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 (ए) (1) (क) अन्य बातों के साथ-साथ उपबंध करती है, कि-
    "153क. धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना- (1) जो कोई – (क) बोले गए या लिखे गए शब्दों या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द अथवा शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा।"; और
    5.    यतः, आयोग को दिनांक 04.02.2022 को ऑल इंडिया काँग्रेस कमेटी (एआईसीसी) से एक शिकायत मिली है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड (@BJP4UK) ने दिनांक 03.02.2022 को रात 9:34 बजे, अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से, उत्तराखंड प्रदेश कॉग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, श्री हरीश रावत की एक विकृत छवि प्रस्तुत की है, जिसमें उन्हें एक विशेष समुदाय से संबंधित होने के रूप में गलत तरीके से चित्रित किया गया है (प्रतिलिपि संलग्न) और निम्नानुसार ट्वीट किया गया है- 
    हार दा, लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने के लिए पुलिस का सहारा, किस बात का डर है आपको, ऐसे क्यों बौखला गए हैं आप? लेकिन आप जितनी मर्जी FIR करवा लीजिए भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता नहीं झुकेगा और देवभूमि की संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ता रहेगा। 
    6.    यतः, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और उसकी सुविचारित राय है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तराखंड ने राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग "सामान्य आचरण" में निर्धारित खंड (1) और (2) तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-123 की उप-धारा (3क) एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 153(क) की उप-धारा 1(क) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन करके ऐसे बयान दिए गए हैं जो उत्तेजक है और भावनाओं को गंभीर रूप से भड़का सकते हैं तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ सकते हैं जिससे निर्वाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 
    7.    अब, जैसा कि एआईसीसी द्वारा आरोप लगाया गया है, इसलिए, आयोग भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर श्री हरीश रावत की विकृत छवि डालने पर अपना रुख स्पष्ट करने का अवसर देता है। इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घण्टे के भीतर स्पष्टीकरण आयोग के पास पहुंच जाना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर आयोग इस मामले में भाजपा उत्तराखंड को आगे संदर्भ दिए बिना उचित निर्णय लेगा।
    आदेश से, 
    (राहुल शर्मा)
    प्रधान सचिव
    सेवा में,
          राज्य अध्यक्ष,
          भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड
          29, बलबीर रोड, डालनवाला
          देहरादून, उत्तराखंड-248001

    167 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 February 2022

  19. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- मतदान के दिन कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश का अनुदान - तत्संबंधी।

    78/ईपीएस/2022                                                  
    दिनांक: 19 जनवरी, 2022
    सेवा में
    सचिव, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग,
    नार्थ ब्लॉक, नई दिल्ली। मुख्य सचिव,       
    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश। मुख्य निर्वाचन अधिकारी,       
    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश।  
    विषय:   गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- मतदान के दिन कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश का अनुदान - तत्संबंधी। 
    महोदय/महोदया,
          मुझे उपर्युक्त विषय का संदर्भ देने एवं यह सूचित करने का निदेश हुआ है कि आयोग ने दिनांक 8 जनवरी, 2022 के अपने प्रेस नोट के जरिए गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और पंजाब विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिवर्तित कार्यक्रम के संबंध में दिनांक 17 जनवरी, 2022 का प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/9/2022 के तहत घोषणा की है जो यूआरएल  http://eci.gov.in/files/file/13931-press-note-for-the-general-election-to-legislative-assemblies-of-goa-manipur-pujab-uttarakhand-and-uttar-pradesh-2022-reg/  और  http://eci.gov.in/files/file/13957-press-note-change-in-election-schedule-of-general-election-tp-legislative-assembly-of-punjab-2022/. पर ‘प्रेस विज्ञप्ति’ शीर्षक के अधीन आयोग की वेबसाइट http://eci.in पर उपलब्ध है।
    2.     इस संबंध में, मुझे लोक प्रतिनिधित्‍व  अधिनियम, 1951 की धारा 135ख की ओर आपका ध्‍यान आकृष्ट करने का निदेश हुआ है जिसमें मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश दिए जाने का उपबंध है। धारा 135ख नीचे पुन:प्रस्‍तुत की गई है:- 
    ''135ख मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश की मंजूरी
    (1) किसी कारोबार, व्‍यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्‍य स्‍थापन में नियोजित प्रत्‍येक व्‍यक्ति को, जो लोक सभा या किसी राज्‍य/संघ शासित प्रदेश की विधान सभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है, मतदान के दिन अवकाश मंजूर किया जाएगा।
    (2) उपधारा (1) के अनुसार अवकाश मंजूर किए जाने के कारण किसी ऐसे व्‍यक्त्‍िा की मजदूरी से कोई कटौती या उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी और यदि ऐसा व्‍यक्ति इस आधार पर नियोजित किया जाता है कि उसे सामान्‍यतया किसी ऐसे दिन के लिए मजदूरी प्राप्‍त नहीं होगी तो इस बात के होते हुए भी, उसे ऐसे दिन के लिए वह मजदूरी संदत्‍त की जाएगी, जो उस दिन उसे अवकाश मंजूर न किए जाने की दशा में दी गई होती।
    (3) यदि कोई नियोजक उपधारा (1) या उपधारा (2) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा, तो ऐसा नियोजक जुर्माने से, जो पांच सौ रूपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा।
    (4) यह धारा किसी ऐसे निर्वाचक पर लागू नहीं होगी जिसकी अनुपस्थिति से उस नियोजन के संबंध में जिसमें वह लगा हुआ है, कोई खतरा या कोई बड़ी हानि हो सकती है।’’
    3.  उपर्युक्‍त उपबंधों में यह अपेक्षा है कि ऐसे सभी निर्वाचकों, जो प्रतिष्ठानों और दुकानों के कर्मचारी हैं तथा वे भी, जो पारी के आधार पर काम करते हैं, उनको उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के दिन सवेतन अवकाश दिया जाएगा जहां साधारण निर्वाचन आयोजित किया जाना है। इसके अलावा, ऐसे मामले हो सकते हैं जिनमें कोई व्‍यक्ति निर्वाचन-क्षेत्र का सामान्‍य रूप से निवासी हो और एक निर्वाचक के रूप में पंजीकृत हो लेकिन साधारण निर्वाचन वाले निर्वाचन-क्षेत्र से बाहर अवस्थित औद्योगिक उपक्रम या प्रतिष्ठान में सेवारत/नियुक्‍त हो। यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि ऐसी परिस्थिति में संबंधित निर्वाचन-क्षेत्र से बाहर काम करने वाले वे निर्वाचक भी, जिनमें अनियत मजदूर शामिल हैं, लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 135ख (1) के अंतर्गत दिए गए सवेतन अव‍काश के हितलाभ के हकदार होंगे।
    4. दैनिक मजदूर/अनियत कामगार भी मतदान दिवस के दिन अवकाश और मजदूरी के हकदार हैं जैसा कि लो.प्र. अधिनियम, 1951 की धारा 135ख में उपबंध किया गया है।
    5.  आयोग ने इच्‍छा व्‍यक्‍त की है कि सभी संबंधितों को उपयुक्‍त अनुदेश दिए जाएं और उनकी एक प्रति आयोग के सूचनार्थ एवं अभिलेख हेतु पृष्‍ठांकित की जाए।
    6.  कृपया इस पत्र की पावती दें।
     
                                                                                                                                                  भवदीय
    ह/-
    (संजीव कुमार प्रसाद)
    सचिव
     
    प्रति संबंधित जोनल अनुभाग

    28 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 15 February 2022

  20. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 - मतदान/मतगणना के दिन मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध - तत्संबंधी।

    सं.576/14/2022/ईपीएस                                   
    दिनांक: 19 जनवरी, 2022
     
    सेवा में
    1.       मुख्य सचिव,
              गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश।
    2.       मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
               गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश।
    विषय:   गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 – मतदान/मतगणना के दिन मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध – तत्संबंधी।
    महोदय/महोदया,
                        मुझे उपर्युक्त विषय का संदर्भ देने एवं यह सूचित करने का निदेश हुआ है कि आयोग ने दिनांक 8 जनवरी, 2022 के अपने प्रेस नोट के जरिए गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की है और पंजाब विधान सभा के साधारण निर्वाचन की परिवर्तित अनुसूची के संबंध में दिनांक 17 जनवरी, 2022 का प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/9/2022 की घोषणा की है, जो यूआरएल  http://eci.gov.in/files/file/13931-press-note-for-the-general-election-to-legislative-assemblies-of-goa-manipur-pujab-uttarakhand-and-uttar-pradesh-2022-reg/ and http://eci.gov.in/files/file/13957-press-note-change-in-election-schedule-of-general-election-to-legislative-assembly-of-pujab-2022/. पर ‘प्रेस विज्ञप्ति’ शीर्षक के अधीन आयोग की वेबसाइट http://eci.in पर उपलब्ध है।
    2. इस संबंध में, आपका ध्यान लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135ग की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें यह उपबंध है कि मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान के समापन होने हेतु निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाली अड़तालीस घंटे की अवधि के दौरान किसी भी मतदान क्षेत्र में किसी होटल, भोजनालय, ट्रैवर्न, दुकान या किसी अन्य स्थान, चाहे सार्वजनिक हो या निजी, पर कोई मादक, किण्वित या नशीली मदिरा या ऐसी ही प्रकृति के अन्य पदार्थ बेचे, दिए या वितरित नहीं किए जाएंगे।
    3. उपर्युक्त संवैधानिक उपबंध को देखते हुए, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के साधारण निर्वाचन आयोजित किए जा रहे मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिए 48 घंटे के दौरान, यथा-उपर्युक्त सुसंगत राज्य विधियों के अधीन ‘शुष्क दिवस’ घोषित और अधिसूचित किया जाएगा जो मतदान दिवस के संबंध में आयोग की अधिसूचना में यथासूचित मतदान के समापन की निर्धारित अवधि के साथ समाप्त होगा। इसमें पुनर्मतदान की तिथियों, यदि कोई हैं, को शामिल किया जाएगा।
    4.  इसके अतिरिक्त आयोग यह निदेश देता है कि वह तारीख, जिसको मतों की गणना की जानी है, उपर्युक्त राज्यों में सुसंगत विधि के अधीन ‘शुष्क दिवस’ के रूप में घोषित की जाएगी।
    5.  उपर्युक्त दिनों में मदिरा बेचने/परोसने वाली दुकानों, होटलों, रेस्तरां, क्लबों एवं अन्य प्रतिष्ठानों को किसी को भी, चाहे कोई हो, मदिरा बेचने/परोसने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
    6. गैर-स्वामित्व वाले (नॉन- प्रप्राइअटेरी) क्लब, स्टार होटल, रेस्तरां आदि तथा किसी के भी द्वारा संचालित होटलों, को भी इन दिनों में मदिरा बेचने/परोसने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए चाहे उन्हें शराब रखने और उसकी आपूर्ति के लिए विभिन्न श्रेणियों के लाइसेंस जारी किए गए हों।
    7. उक्त अवधि के दौरान व्यक्तियों द्वारा मदिरा के भंडारण पर रोक लगाई जाएगी और बिना लाइसेंस वाले परिसरों में मदिरा के भंडारण पर आबकारी कानून में दिए गए प्रतिबंधों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
    8. आयोग निदेश देता है कि राज्य सरकार उपरोक्त उपायों को सख्ती से  लागू करें। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे उपर्युक्त निषेधों को लागू करने के लिए उचित एवं कानूनी रूप से प्रभावी उपाय करने हेतु सभी संबंधित प्राधिकारियों को विस्तृत एवं व्यापक अनुदेश जारी करें तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान के शांतिपूर्ण एवं सुचारू संचालन में निर्वाचन प्राधिकारियों की सहायता करें।
    9.   कृपया इस पत्र की पावती दें।
     
    भवदीय, 
    (संजीव कुमार प्रसाद)
    सचिव
    संबंधित जोनल अनुभागों को प्रति

    30 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 15 February 2022

  21. असम की राज्य विधान सभा में आकस्मिक रिक्ति भरने के लिए उप-निर्वाचन-सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत निधियों को जारी करना।

    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु./प्रकार्या./एमसीसी/2022        दिनांक: 5 फरवरी, 2022
     
    सेवा में
    मंत्रिमंडल सचिव,
       भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन,
       नई दिल्ली।   सचिव, भारत सरकार,
       कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग,
       सरदार पटेल भवन, नई दिल्ली।   मुख्य सचिव
    असम सरकार,
    दिसपुर।  मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    असम,
    दिसपुर।  
    विषय:- असम राज्य की विधान सभा में आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन-सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना-तत्संबंधी।
    महोदय,
           मुझे आयोग के दिनांक 5 फरवरी, 2022 के प्रेस नोट (ईसीआई की वेबसाइटः- http://eci.gov.in/ ” पर उपलब्‍ध है), जिसमें असम के 99-माजुली (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन के लिए अनुसूची की घोषणा की गई है, का संदर्भ देने और यह कहने का निदेश हुआ है कि इस घोषणा के साथ, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
     
    2.   सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के अधीन निधियों को जारी करने से संबंधित मामलों पर उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता को लागू करने के संबंध में आयोग के पत्र सं.
    437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह भी उपबंध है कि-  
    क)    सांसद (राज्य सभा सदस्य सहित) स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत,  जिले के ऐसे किसी भी भाग में, जिसमें विधान सभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र स्थित हैं, जहां निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने तक निर्वाचन प्रक्रियाधीन है, कोई नई निधि जारी नहीं की जाएगी। यदि निर्वाचन क्षेत्र राज्य की राजधानी/महानगरीय शहरों/नगर निगमों में शामिल हैं, तो उपरोक्त अनुदेश संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र में ही लागू होंगे। इसी प्रकार, निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक विधान सभा सदस्‍य/विधान परिषद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन, यदि कोई ऐसी योजना प्रचालन में है, नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी।
    ख)  ऐसे कार्य के संदर्भ में कोई कार्य शुरू नहीं किया जाएगा जिसमें इस पत्र के जारी होने से पहले कार्य आदेश तो जारी कर दिए गए हैं परन्‍तु फील्‍ड में वास्‍तव में काम शुरू नही हुआ है। ये कार्य निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्‍तव में शुरू हो चुका है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
    ग)   पूरे हो गए कार्य (कार्यों) के लिए भुगतानों को जारी करने पर कोई रोक नहीं होगी बशर्ते संबंधित अधिकारी पूर्ण रूप से संतुष्‍ट हों।
    घ)   जहां योजनाएं अनुमोदित कर दी गई हैं तथा निधियां उपलब्‍ध करवा दी गई हैं या जारी कर दी गई हैं और सामग्रियों का प्रापण कर लिया गया है एवं कार्यस्‍थल पर पहुच गई हैं ऐसी योजनाएं कार्यक्रम के अनुसार कार्यान्वित की जा सकती हैं। 
     
    भवदीय,
    ह./-
                                (अश्वनी कुमार मोहाल)
    सचिव 

    44 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 February 2022

  22. आयोग का भारतीय जनता पार्टी को दिनांक 09.02.2022 को जारी आदेश - वितरण - तत्संबंधी।

    437/ईसीआई/यूकेडी-एलए/एनएस-।।/2022               
    दिनांक: 09 फरवरी, 2022
     
    आदेश
     
    यत:, राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के ‘‘सामान्‍य आचरण’’ भाग के पैरा (1) और पैरा (2) में निहित प्रावधानों के उल्‍लंघन के लिए आयोग ने भारतीय जनता पार्टी, उत्‍तराखंड (बीजेपी-यूके) को एक नोटिस सं.:437/ईसीआई/यूकेडी-एलए/एनएस-।।/2022, दिनांक 05.02.2022 जारी किया था;
    2. यत:, आयोग को भारतीय जनता पार्टी उत्‍तराखंड से दिनांक 05.02.2022 के पूर्वोक्‍त नोटिस का दिनांक 08.02.2022 को स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त हुआ है;
    3. यत:, भारतीय जनता पार्टी उत्‍तराखंड ने अपने पूर्वोक्‍त जवाब में, अन्‍य बातों के साथ-साथ बताया है कि उक्‍त ट्वीट का उद्देश्‍य न तो आदर्श आचार संहिता के किसी प्रावधान का उल्‍लंघन करना और न ही धर्म, वंश, जाति, भाषा इत्‍यादि के आधार पर समूहों के बीच कोई मतभेद उत्‍पन्‍न करना था और उक्‍त ट्वीट को अब इसके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हटा दिया गया है।
    4. यत:, उपलब्‍ध साक्ष्‍यों और सारवान तथ्‍यों के आधार पर, आयोग ने भारतीय जनता पार्टी, उत्‍तराखंड के दिनांक 08.02.2022 के उत्‍तर को संतोषजनक नहीं पाया है;
    5. यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, उत्‍तराखंड द्वारा आयोग के संज्ञान में यह लाया गया है कि भारतीय दण्‍ड संहिता 1860 की धारा 153-क, 153-ख, 295-क, 505, 171-छ और 188 और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1950, 1951 और 1989 की धारा 125 के तहत फेसबुक पोस्‍ट से संबंधित इस मामले पर दिनांक 05.02.2022 को एक प्राथमिकी (एफआईआर) भी दर्ज की गई है, जो इसके तार्किक निष्‍कर्ष का अनुसरण करेगी।
    6. अब, इसलिए, आयोग भारतीय जनता पार्टी, उत्‍तराखंड को भविष्‍य में और अधिक सावधान रहने की चेतावनी देता है और आदर्श आचार संहिता के सभी प्रावधानों और आयोग के अन्‍य दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन करने की सलाह देता है।
    आदेश से, 
    ह./-
    (राहुल शर्मा)
    प्रधान सचिव
    सेवा में,
          राज्‍य अध्‍यक्ष,
          भारतीय जनता पार्टी, उत्‍तराखंड
          29, बलबीर रोड, डालनवाला
          देहरादून, उत्‍तराखंड - 248001

    74 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 15 February 2022

  23. कोविड - 19 वैश्विक महामारी के हालात में निर्वाचन - विचार एवं सुझाव मंगवाना।

    Election Commission has issued several guidelines/instructions/Orders for campaigning during general election/bye election in wake of COVID-19 pandemic in the country, which may be seen at the Commission's website https://eci.gov.in and the direct path is https://eci.gov.in/candidate-politicalparties/instructions-on-covid-19/
    The Commission has desired to seek the views of the Political Parties on the above referred guidelines/instructions/Orders.

    54 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 23 August 2021

  24. ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्थगन मतदान एवं आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन - आदर्श आचार सहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश।

    ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्थगन मतदान एवं आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन - आदर्श आचार सहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश।

    119 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

  25. असम राज्य की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन, 2021 के संबंध में श्री हेमंत बिस्वा शर्मा को नोटिस।

    असम राज्य की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन, 2021 के संबंध में श्री हेमंत बिस्वा शर्मा को नोटिस। 

    45 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

मतदाता हेल्पलाइन ऍप

हमारा मोबाइल ऐप ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ प्‍ले स्‍टोर एवं ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ ऐप आपको निर्वाचक नामावली में अपना नाम खोजने, ऑनलाइन प्ररूप भरने, निर्वाचनों के बारे में जानने, और सबसे महत्‍वपूर्ण शिकायत दर्ज करने की आसान सुविधा उपलब्‍ध कराता है। आपकी भारत निर्वाचन आयोग के बारे में हरेक बात तक पहुंच होगी। आप नवीनतम  प्रेस विज्ञप्ति, वर्तमान समाचार, आयोजनों,  गैलरी तथा और भी बहुत कुछ देख सकते हैं। 
आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

×
×
  • Create New...