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  1. विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी।

    सं. 437/6/1/ईसीआई/आईएनएसटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2021     
    दिनांकः 28 सितम्बर, 2021
     
    सेवा में,
    1.   मंत्रिमंडल सचिव,
    भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 
    2.   मुख्य सचिवः-
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)   असम सरकार, दिसपुर;
    ग)    बिहार सरकार, पटना;
    घ)    हरियाणा सरकार, चंडीगढ़;
    ङ)    हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला;
    च)    कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू;
    छ)   मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    ज)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    झ)   मेघालय सरकार, शिलांग;
    ञ)    मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ट)    नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    ठ)    राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ड)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ढ)    पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता;
    ण)   दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार
     3.   मुख्य निर्वाचन अधिकारीः- 
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)   असम सरकार, दिसपुर;
    ग)    बिहार सरकार, पटना;
    घ)    हरियाणा सरकार, चंडीगढ़;
    ङ)    हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला;
    च)    कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू;
    छ)   मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    ज)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    झ)   मेघालय सरकार, शिलांग;
    ञ)    मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ट)    नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    ठ)    राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ड)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ढ)    पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता;
    ण)   दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार
    विषय:-  विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी।
    महोदय,
    मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/83/2021, दिनांक 28 सितम्बर, 2021 के तहत निम्‍नलिखित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा की है:- 
    राज्‍य का नाम
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्‍या
    दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र
    दादरा और नागर हवेली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    आंध्र प्रदेश
    124-बाडवेल (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    असम
    28-गोस्साईगाँव विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    41-भबानीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    58-तमुलपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    101-मरियानी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    107-थोवरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    बिहार
    78-कुशेश्वर स्थान (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    164-तारापुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    हरियाणा
    46-ऐलनाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    हिमाचल प्रदेश
    2-मण्डी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    08-फतेहपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    50-अर्की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    65-जुब्बल-कोटखाई विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    कर्नाटक
    33-सिन्डगी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    82-हानगल विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मध्य प्रदेश
    28-खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    45-पृथ्वीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    62-रैगाँव (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    192-जोबट (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    महाराष्ट्र
    90-देगलुर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मेघालय
    13-मावरेंगकेंग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    24-मावफलांग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    47-राजबाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मिजोरम
    4-तुईरिअल (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    नागालैंड
    58-शामटोर-चेस्सोरे (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    राजस्थान
    155-वल्लभनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    157-धरियावद (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    तेलंगाना
    31-हुजूराबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    पश्चिम बंगाल
    7-दिनहाटा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    86-सान्तिपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    109-खारडाह विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    127-गोसाबा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
     
    2.     आदर्श आचार संहिता के प्रावधान आयोग द्वारा इसके पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017,  पत्र सं. 437/6/एमआईएससी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2017, दिनांक 18 जनवरी, 2018 और पत्र सं. 437/6//एमआईएससी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2019, दिनांक 14 अक्तूबर, 2019 (प्रति संलग्‍न) के तहत यथा जारी आंशिक संशोधनों के अध्‍यधीन उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिनमें उप-निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का सम्‍पूर्ण या कोई भाग अवस्थित है।
    3.     इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।   
     
    भवदीय, 
    ह./-
    (अश्वनी कुमार मोहाल)
    सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 October 2021

  2. Use of vehicles for distribution of publicity material - Regarding

    Use of vehicles for distribution of publicity material - Regarding

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    फ़ाइल सबमिट की गई Sunday 18 November 2018

  3. फॉर्म -26 में शपथ -पत्र -स्पष्टीकरण

    फॉर्म -26 में शपथ -पत्र -स्पष्टीकरण

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 08 June 2016

  4. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी।

    लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 November 2019

  5. Provisions of Section 126 of the Representation of the People Act, 1951-reg.

    Section 126 of the RP Act, 1951, inter-alia, prohibits election campaign activities through public meetings, processions, etc, and displaying of election matter by means of television and similar apparatus. The purpose sought to be served by this prohibition is to provide a period of tranquil (silence period) for the electors before the voting day.
    In a multi-phased election, the silence period of last 48 hours may be on in certain constituencies while campaign is ongoing in other constituencies. In such event, there should not be any direct or indirect reference amounting to soliciting support for parties or candidates in the constituencies observing the silence period. During the silence period, star campaigners and other Political Leaders should refrain from addressing the media by way of press conferences and giving interviews on election matters.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 15 March 2019

  6. Instructions on First Level Checking of EVMs and VVPATs (FLC)

    Instructions on First Level Checking of EVMs and VVPATs (FLC)
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 18 October 2017

  7. FAQs on Criminal Antecedents, if any, of a candidate and its publicity in pursuance of Hon’ble Supreme Court Judgement dated 25/09/2018 in (C) No. 536 of 2011 regarding.

    FAQs on Criminal Antecedents, if any, of a candidate and its publicity in pursuance of Hon’ble Supreme Court Judgement dated 25/09/2018 in (C) No. 536 of 2011 regarding. 

    325 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 November 2018

  8. Engagement of Legal Researchers-regarding

    Engagement of Legal Researchers-regarding
     
    NOTICE
    A Circular regarding engagement of Legal Researchers was placed on the website of the Commission on 08.09.2018.
    Subsequently a Written Examination was conducted on 26.09.2018 at the premises of the Commission i.e. Nirvachan Sadan, Ashoka Road, New Delhi-110001.
                However, in view of the grievance expressed by many candidates about scheduling the test at short notice, some of them for not getting chance to appear in the said written test, the Commission has decided to call off the said process including the exam held on 26.09.2018 and decided to hold a fresh examination of all the eligible candidates whose applications were received upto the last date i.e. 11.00 AM on 24.09.2018.
                The examination would be conducted on 25.11.2018 (Sunday) at N. P. Bengali Girls Senior Secondary School, Gole Market, New Delhi and N. P. Girls Senior Secondary School, Gole Market, New Delhi from 10.00 A.M. onwards.
                A Roll No. wise list of candidates in both the categories i.e. ‘Fresh’ and ‘Experienced’ will be put on the website on or before 19.11.2018 at 05.00 P.M.
            

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 16 November 2018

  9. 3 स्नातक तथा 2 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों हेतु उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक निर्वाचन- 2017 –तत्संबंधी।

    3 स्नातक तथा 2 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों हेतु उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक निर्वाचन- 2017 –तत्संबंधी। 

    73 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 10 January 2017

  10. ईटीपीबीएस के अंतर्गत डाक मतपत्र का इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषण – डाक मतपत्रों तथा संबंधित कागजातों के प्रेषण की समय – सीमा।

    ईटीपीबीएस के अंतर्गत डाक मतपत्र का इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषण – डाक मतपत्रों तथा संबंधित कागजातों के प्रेषण की समय – सीमा।
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 August 2018

  11. कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन - अधिकारियों का स्थानांतरण/तैनाती – तत्संबंधी।

    कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन - अधिकारियों का स्थानांतरण/तैनाती – तत्संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 08 December 2022

  12. National Media Award for best campaign on Voters' Education and Awareness-2018 (Memorandum)

    National Media Award for best campaign on Voters' Education and Awareness-2018 (Memorandum) 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 15 November 2018

  13. मतदाता शिक्षा और जागरूकता पर सर्वोत्तम प्रचार अभियान हेतु राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार -2020  

    सं.491/मीडिया पुरस्कार/2020/संचार
    दिनांक: 23 नवंबर, 2020
    ज्ञापन
          मतदाता शिक्षा और जागरूकता पर सर्वोत्तम प्रचार अभियान हेतु राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार -2020  
          भारत निर्वाचन आयोग के अपने ज्ञापन दिनांक 20 अक्टूबर, 2020 के तहत वर्ष 2020 के दौरान मतदाता शिक्षा और जागरूकता पर सर्वोत्तम प्रचार अभियान हेतु राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार के लिए मीडिया घरानों से प्रविष्टियां आमंत्रित की थी।  
    2.    अब, आयोग ने नामांकन प्राप्त करने की अंतिम तिथि बढाने का निर्णय लिया है और 10 दिसंबर, 2020 को बढ़ाई गई अंतिम तिथि के रूप में नियत किया हैं।  
    3.     प्रविष्टियां 10 दिसंबर, 2020 या उससे पहले निम्मलिखित पते पर अवश्य पहुंच जानी चाहिए।  
     
          श्री प्रमोद कुमार शर्मा, सचिव (मीडिया और संचार)
          भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन
          अशोक रोड, नई दिल्ली  - 110001
          ई-मेल: media.election.eci.@gmail.com
          दूरभाष : 011-23052057

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 13 January 2021

  14. सिक्किम विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2014-भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सिक्किम की वेबसाइट पर निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री जी.एम. गुरूंग द्वारा प्रस्तुत गलत फार्म 26 (शपथ पत्र) अपलोड करना-तत्संबंधी।

    सिक्किम सरकार
    जिला कलेक्टर का कार्यालय
    दक्षिण सिक्किम
    नामची
    www.southsikkim.nic.in    दूरभाष सं.-03595-263734
    emailed-dmnamchi@gmail.com     फैक्स-03595-264734
     
    संदर्भ सं. 475/डीसी(एस)/निर्वाचन    दिनांक-23/10/2018
     
    सेवा में
    अवर सचिव,
    भारत निर्वाचन आयोग
    निर्वाचन सदन, अशोक रोड,
    नई दिल्ली-110001
     
    विषय- सिक्किम विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2014-भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सिक्किम की वेबसाइट पर निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री जी.एम. गुरूंग द्वारा प्रस्तुत गलत फार्म 26 (शपथ पत्र) अपलोड करना-तत्संबंधी।
     
    महोदय,
                उपर्युक्त विषय के संबंध में आपके दिनांक 9 अक्तूबर, 2018 के पत्र सं. 464/सिक्किम/2017 के संदर्भ में आपको सूचित किया जाता है कि सिक्किम विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2014 में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री जी.एम. गुरूंग द्वारा यथा प्रस्तुत फार्म 26 (शपथ पत्र) की दोनों प्रकार की प्रतियां, हार्ड प्रति तथा सॉफ्ट प्रति आपके रिकॉर्ड तथा भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए अग्रेषित की जा रही हैं।
     
    धन्यवाद।
     भवदीय,
    जिला निर्वाचन अधिकारी,
    दक्षिण सिक्किम

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 01 November 2018

  15. मतदाता शिक्षा और जागरूकता-2019 के संबंध में सर्वश्रेष्‍ठ अभियान के लिए राष्‍ट्रीय मीडिया अवार्ड (ज्ञापन)

    सं. 491/मीडिया अवार्ड/2019/संचार
    दिनांक: 9 अक्तूबर, 2019
     
    ज्ञापन
     मतदाता शिक्षा एवं जागरूकता पर सर्वश्रेष्‍ठ अभियान हेतु
    राष्‍ट्रीय मीडिया पुरस्‍कार-2019
     भारत निर्वाचन आयोग वर्ष 2019 के दौरान मतदाता शिक्षा एवं जागरूकता पर सर्वश्रेष्‍ठ  अभियान के लिए राष्‍ट्रीय मीडिया पुरस्‍कार हेतु मीडिया हाउसों से प्रविष्टियाँ आमंत्रित करता है। इनमें चार पुरस्‍कार होंगे, प्रिंट मीडिया, टेलीविजन (इलेक्‍ट्रॉनिक), रेडियो (इलेक्‍ट्रॉनिक) और ऑनलाइन (इंटरनेट)/सोशल मीडिया में से प्रत्‍येक के लिए एक।
    2.     ये पुरस्‍कार सुगम निर्वाचनों के बारे में जागरुकता लाकर, निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान करके और मतदान तथा पंजीकरण की प्रासंगिकता और महत्ता के बारे में जन साधारण के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मीडिया हाउसों द्वारा किए गए असाधारण योगदानों को मान्‍यता प्रदान करने के लिए हैं।
    3.     यह/ये पुरस्‍कार प्रशस्ति पत्र और फलक के रूप में होगा/होंगे और राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस (25 जनवरी, 2020) के समारोह में दिए जाएंगे।
     मानदंड
     निर्णायक-मंडल का आकलन निम्‍नलिखित मानदंडों पर आधारित होगा:
    मतदाता जागरूकता अभियान की गुणवत्ता कवरेज/मात्रा का विस्तार जनता पर प्रभाव का प्रमाण कोई अन्‍य संगत कारक  प्रविष्टि की शर्तें
     
    प्रविष्टियां संगत अवधि के दौरान अवश्‍य प्रकाशित या प्रसारित/टेली-प्रसारित हुई होनी चाहिए।
     
    प्रिंट प्रविष्टियों में निम्‍नलिखित अवश्‍य शामिल होना चाहिए:-
     1.   संगत अवधि के दौरान निष्पादित कार्य का सार जिसमें निम्‍नलिखित शामिल होना चाहिए:-
                  i.      न्‍यूज आइटम/आलेखों की संख्‍या
                 ii.      वर्ग सेंटीमीटर में कुल प्रिंट क्षेत्रफल
    2.   समाचार पत्र/आलेखों की पीडीएफ सॉफ्ट प्रति या संगत वेब पते का लिंक या एक पूर्ण आकार की फोटोकॉपी/प्रिंट प्रति;
    3.   कोई अन्‍य कार्यकलाप जैसे जनता से प्रत्‍यक्ष जुड़ाव कायम करना इत्‍यादि का विवरण।
    4.   कोई अन्‍य सूचना
     टेलीविज़न (इलेक्‍ट्रॉनिक) एवं रेडियो (इलेक्‍ट्रॉनिक) प्रसारण की प्रविष्टियों में निम्‍नलिखित अवश्‍य शामिल होना चाहिए:
    1.        संगत अवधि के दौरान निष्पादित अभियान/कार्य पर एक संक्षिप्‍त विवरण जिसमें निम्‍नलिखित अवश्य शामिल होने चाहिए
        i.      प्रसारण/टेली-प्रसारण की समयावधि एवं बारम्बारता के साथ सामग्री (सीडी या डीवीडी या पेन ड्राइव में) और उक्‍त कालावधि के दौरान प्रत्‍येक स्‍पॉट के ऐसे प्रसारण का कुल समय
        ii.      सभी स्‍पॉट/समाचार हेतु कुल प्रसारण समय का योग
        iii.      समयावधि, टेली-प्रसारण/प्रसारण की तारीख एवं समय तथा बारम्बारता के साथ सीडी या डीवीडी या पेन ड्राइव या अन्‍य डिजीटल मीडिया में मतदाता जागरूकता पर न्‍यूज़ फीचर्स या प्रोग्राम
    2.        कोई अन्‍य कार्यकलाप जैसे जनता से प्रत्‍यक्ष जुड़ाव कायम करना
    3.        कोई अन्‍य सूचना
     
    ऑनलाइन (इंटरनेट)/सोशल मीडिया की प्रविष्टियों में निम्‍नलिखित अवश्‍य शामिल होना चाहिए:
     1    संगत अवधि के दौरान निष्पादित कार्य का सार जिसमें पोस्‍ट/ब्‍लॉग/अभियानों/टवीट्/आलेख इत्‍यादि की संख्‍या शामिल होनी चाहिए।
     2.     संबंधित आलेखों की पीडीएफ सॉफ्ट कॉपी या संगत वेब पता का लिंक
    3.     कोई अन्‍य कार्यकलाप जैसे जनता से प्रत्‍यक्ष जुड़ाव कायम करना
    4.     ऑनलाइन गतिविधि का प्रभाव (विवरण)
    5.     कोई अन्‍य सूचना
    महत्‍वपूर्ण
         I.      अंग्रेजी/हिंदी से इतर भाषा में प्रस्‍तुत प्रविष्टियों के लिए साथ में अंग्रेजी अनुवाद अपेक्षित होगा।   
       II.      प्रसारण सामग्री प्रस्‍तुत करने वाले प्रवेशकों को इस बात से अवगत होना चाहिए कि निर्णायक मंडल फीचर्स/प्रोग्राम के केवल प्रथम दस मिनटों का उपयोग कर सकता है।
      III.      आयोग का निर्णय अंतिम होगा और इस संबंध में कोई भी पत्र व्‍यवहार नहीं किया जाएगा। आयोग इस संबंध में सभी प्रकार के अधिकार सुरक्षित रखता है।
     IV.      प्रविष्टियों में मीडिया हाउस का नाम, पता, टेलीफोन एवं फैक्‍स नम्‍बर तथा ई-मेल होना चाहिए।
      V.     नियत तिथि: प्रविष्टियाँ निम्‍नलिखित पते पर 31 अक्‍तूबर, 2019 से पहले पहुँच जानी चाहिए:
     
    श्री पवन दीवान, अवर सचिव (संचार)
    भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन,
    अशोक रोड, नई दिल्‍ली 110001
    ई-मेल: media[.]election.eci[at]gmail.com, diwaneci[at]yahoo.co.in
    दूरभाष नं.: 011-23052133

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 09 October 2019

  16. Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll in Chhattisgarh– regarding.

    Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll in Chhattisgarh– regarding.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 13 November 2018

  17. झारखण्‍ड की राज्‍य विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019-निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग का आदेश-तत्‍संबंधी।

    सं.3/4/आई.डी./2019/एसडीआर/खण्ड-I
    दिनांक:15 नवंबर, 2019
    सेवा में
          मुख्य निर्वाचन अधिकारी
          झारखण्‍ड, रांची।
     
    विषय: झारखण्‍ड की राज्‍य विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019-निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग का आदेश-तत्‍संबंधी।
     महोदय,
          मुझे झारखण्‍ड की राज्‍य विधान सभा के साधारण निर्वाचन में निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग के दिनांक 15 नवंबर, 2019 का आदेश इसके साथ संलग्न करने का निदेश हुआ है।
      2.    आयोग ने यह निदेश दिया है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी निर्वाचकों, जिन्‍हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) जारी किए गए हैं, उन्हें अपने मत देने से पहले मतदान केन्‍द्र में अपनी पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र  (एपिक) प्रस्‍तुत करना है। जो निर्वाचक एपिक प्रस्‍तुत करने में सक्षम नही होंगे उन्‍हें अपनी पहचान स्‍थापित करने के लिए आदेश के पैरा 7 में उल्लिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्‍तावेजों में से कोई एक दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करना होगा। स्पष्टीकरण के दस्तावेजों की सूची नीचे पुन: प्रस्तुत है-
    (i)  पासपोर्ट,
    (ii)  ड्राइविंग लाइसेंस,
    (iii)   केंद्र/राज्‍य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए  गए  फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र,
    (iv)   बैंक/डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक,
    (v)    पैन कार्ड,
    (vi)    एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड,
    (vii)    मनेरगा जॉब कार्ड,
    (viii)   श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    (ix)       फोटोयुक्‍त पेंशन दस्‍तावेज,
    (x)         सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र
    (xi)       आधार कार्ड
     3.     एपिक के मामले में, उसमें प्रविष्टियों की मामूली विसंगतियां नजरअंदाज कर दी जानी चाहिएं बशर्ते एपिक द्वारा निर्वाचक की पहचान स्थापित की जा सके। अगर निर्वाचक कोई ऐसा निर्वाचक फोटो पहचान कार्ड प्रस्तुत करते हैं जो दूसरे विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो तो ऐसे कार्ड भी पहचान के लिए स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते उस निर्वाचक का नाम उस मतदान केन्द्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में मौजूद हो जहां निर्वाचक मतदान करने उपस्थित हुए हैं। अगर फोटोग्राफ, आदि के बेमेल होने की वजह से निर्वाचक की पहचान स्थापित करना संभव नहीं हो तो निर्वाचक को आदेश के पैरा 7 में उल्लिखित वैकल्पिक फोटो दस्तावेजों में से कोई एक पेश करना होगा।
    4.    पूर्व के अवसरों पर, आयोग ने फोटो मतदाता पर्ची को पहचान के लिए एक दस्तावेज के रूप में अनुमति दी थी। हालांकि, इसके दुरुपयोग के आधार पर स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में इसके उपयोग के विरूद्ध अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं क्योंकि ये नामावली को अंतिम रूप देने के पश्चात मुद्रित होती हैं और बूथ स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से मतदान के नजदीक वितरित की जाती हैं। फोटो मतदाता पर्ची के डिज़ाइन में किसी भी प्रकार का सुरक्षा लक्षण शामिल नहीं है। वास्तव में, फोटो मतदाता पर्ची को एक वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में शुरू किया गया था क्योंकि निर्वाचक फोटो पहचान पत्र का कवरेज पूरा नहीं हुआ था। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के पास निर्वाचक फोटो पहचान पत्र हैं और 99 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने अब यह निर्णय लिया है कि इसके पश्चात से मतदान के लिए फोटो मतदाता पर्ची को स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, फोटो मतदाता पर्ची को तैयार करना जारी रखा जाएगा और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास के एक हिस्से के रूप में मतदाताओं को जारी किया जाएगा। निर्वाचकों को यह स्पष्ट करने के लिए कि मतदान के लिए फोटो मतदाता पर्ची को एक स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा तथा ये शब्द “इस पर्ची को मतदान केंद्र में पहचान के उद्देश्य के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा। आपसे अपेक्षित है कि आप मतदान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र या आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक अपने साथ अवश्य लाएं” बड़े अक्षरों में फोटो मतदाता पर्ची पर मुद्रित किया जाएगा। फोटो मतदाता पर्ची का मुद्रण जारी रहेगा।
    5.    प्रवासी निर्वाचकों को पहचान के लिए केवल अपना मूल पासपोर्ट प्रस्तुत करना होगा।
    6.    यह आदेश, रिटर्निंग अधिकारियों और सभी पीठासीन अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए। इस आदेश की प्रादेशिक भाषा में अनूदित एक प्रति हर एक पीठासीन अधिकारी को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आदेश राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित करवाया जाएगा। इस आदेश का सामान्य जनता एवं निर्वाचकों की जानकारी के लिए प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से तत्काल एवं मतदान का तारीख तक नियमित रूप से बहुत कम अन्तराल पर  व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। इसमें, समाचार-पत्रों में पेड विज्ञापन शामिल होने चाहिए। आपके राज्‍य/संघ शासित क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों को इन दिशा-निर्देशों के संबंध में लिखित में भी सूचित किया जाए।
    7.         रिटर्निंग अधिकारियों को अनुदेश दिए जाएंगे कि वे इस आदेश की विवक्षाएं नोट करें और विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से सभी पीठासीन अधिकारियों को उसकी विषय-वस्तु से अवगत कराएं। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस पत्र की एक प्रति निर्वाचन-क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों/बूथों में उपलब्ध हो।
    8.         कृपया पावती दें और की गई कार्रवाई की पुष्टि करें।
     
    भवदीय,
    ह./-
    (बिनोद कुमार)
    अवर सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 November 2019

  18. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना-तत्‍संबंधी।

    Elections to fill casual vacancy and adjourned poll in the Assembly Constituencies of Odisha and West Bengal– सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना-तत्‍संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

  19. छत्तीसगढ़ में मतदान दिवस को और मतदान दिवस से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन-तत्संबंधी।

    सं491/एमसीएमसी/2018/संचार       दिनांकः 6 नवम्बर, 2018
     सेवा में,
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    छत्तीसगढ़,
    रायपुर।
     विषयः छत्तीसगढ़ में मतदान दिवस को और मतदान दिवस से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन-तत्संबंधी।
     महोदय,
          मुझे, यह कहने का निदेश हुआ है कि प्रिंट मीडिया में प्रकाशित अपमानजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों संबंधी घटनाएं विगत में आयोग के ध्यान में लाई गई हैं। निर्वाचनों के अंतिम चरण में ऐसे विज्ञापन, सम्‍पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को दूषित करते हैं। ऐसे मामलों में प्रभावित अभ्यर्थियों और दलों के पास स्पष्टीकरण देने/खंडन करने संबंधी कोई भी अवसर नहीं होता है।
    2.     ऐसे उत्तेजक, भ्रामक और घृणापूर्ण विज्ञापनों के कारण कोई अप्रिय घटना न घटित हो और ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं, इसके लिए आयोग, संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन इसकी शक्तियों और इस हेतु इसे सक्षम बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एतद्द्वारा निदेश देता है कि राज्य में 11 एवं 12 नवम्बर, 2018 को प्रिंट मीडिया में राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों या किसी अन्य संगठन या व्यक्ति द्वारा तब तक कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाएगा जब तक कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित विज्ञापन की सामग्री को राज्य/जिला स्तर पर, जैसा भी मामला हो, एमसीएमसी समिति से राजनैतिक दलों, अभ्यर्थी आदि द्वारा पूर्व प्रमाणित न करवाया गया हो।
    3.     इसके अतिरिक्त यह भी निदेश दिए जाते हैं कि उपर्युक्त निदेशानुसार और समाचार पत्र विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, राज्य/जिला स्तर पर एमसीएमसी को तत्काल एलर्ट और क्रियाशील कर दिया जाए ताकि राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों तथा अन्यों से प्राप्त ऐसे सभी विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन और जांच की जा सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एमसीएमसी द्वारा अविलम्ब निर्णय दिया जाए।
    4.     आयोग के उपर्युक्त निदेशों को राज्‍य के सभी राजनैतिक दलों के अध्‍यक्षों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों तथा समाचार पत्रों के ध्यान में लाया जाए तथा सामान्य सूचनार्थ और कड़े अनुपालन हेतु जन-संचार की सभी प्रकार की मीडिया में इसका व्यापक प्रचार भी किया जाए।
    5.     ये निदेश तत्काल प्रभावी होंगे।
    6.     इस संबंध में जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति तत्काल आयोग को भी पृष्ठांकित की जाए।
    भवदीय,
    (अजय कुमार)
    सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 November 2018

  20. फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 23 February 2022

  21. Notice to Sh. Arvind Kejriwal, Chief Minister of Delhi

    General Election to legislative Assembly of NCT of Delhi, 2020-Notice to Sh. Arvind Kejriwal in the matter of violation of provisions of Model Code of Conduct -regarding

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 February 2020

  22. श्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन और राजस्‍व मंत्री, मध्‍य प्रदेश राज्‍य सरकार को आयोग का नोटिस

    श्री गोविंद सिंह राजपूत,
    परिवहन और राजस्‍व मंत्री, मध्‍य प्रदेश राज्‍य सरकार
    को आयोग का नोटिस

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 10 May 2019

  23. आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन के लिए भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 05.02.2022 का नोटिस।

    सं. 437/ईसीआई/यूकेडी/एलए/एनएस-II/2022                       
     दिनांकः 5 फरवरी, 2022
     
    नोटिस 
          यतः, आयोग ने दिनांक 08 जनवरी, 2022 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/3/2022 के तहत उत्तराखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 आयोजित करने के लिए अनुसूची की घोषणा की है और निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता के उपबंध लागू हो गए हैं; और 
    2.    यतः, राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग "सामान्य आचरण" के खंड (1) और (2) में अन्य बातों के साथ-साथ उपबंध हैं, कि-
    (1) "कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफरत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।"
    (2) "यदि राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो यह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, गत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखी जाएगी। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से असंबद्ध निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा। असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा।"
    3.    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) अन्य बातों के साथ-साथ उपबंध करती है, कि-
    "किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सहमति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए शत्रुता या घृणा की भावनाएं भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर संप्रवर्तन या संप्रवर्तन का प्रयत्न करना।"; और 
    4.    यतः, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 (ए) (1) (क) अन्य बातों के साथ-साथ उपबंध करती है, कि-
    "153क. धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा इत्यादि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना- (1) जो कोई – (क) बोले गए या लिखे गए शब्दों या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द अथवा शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा।"; और
    5.    यतः, आयोग को दिनांक 04.02.2022 को ऑल इंडिया काँग्रेस कमेटी (एआईसीसी) से एक शिकायत मिली है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड (@BJP4UK) ने दिनांक 03.02.2022 को रात 9:34 बजे, अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से, उत्तराखंड प्रदेश कॉग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, श्री हरीश रावत की एक विकृत छवि प्रस्तुत की है, जिसमें उन्हें एक विशेष समुदाय से संबंधित होने के रूप में गलत तरीके से चित्रित किया गया है (प्रतिलिपि संलग्न) और निम्नानुसार ट्वीट किया गया है- 
    हार दा, लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने के लिए पुलिस का सहारा, किस बात का डर है आपको, ऐसे क्यों बौखला गए हैं आप? लेकिन आप जितनी मर्जी FIR करवा लीजिए भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता नहीं झुकेगा और देवभूमि की संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ता रहेगा। 
    6.    यतः, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और उसकी सुविचारित राय है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तराखंड ने राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग "सामान्य आचरण" में निर्धारित खंड (1) और (2) तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-123 की उप-धारा (3क) एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 153(क) की उप-धारा 1(क) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन करके ऐसे बयान दिए गए हैं जो उत्तेजक है और भावनाओं को गंभीर रूप से भड़का सकते हैं तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ सकते हैं जिससे निर्वाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 
    7.    अब, जैसा कि एआईसीसी द्वारा आरोप लगाया गया है, इसलिए, आयोग भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखंड को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर श्री हरीश रावत की विकृत छवि डालने पर अपना रुख स्पष्ट करने का अवसर देता है। इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घण्टे के भीतर स्पष्टीकरण आयोग के पास पहुंच जाना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर आयोग इस मामले में भाजपा उत्तराखंड को आगे संदर्भ दिए बिना उचित निर्णय लेगा।
    आदेश से, 
    (राहुल शर्मा)
    प्रधान सचिव
    सेवा में,
          राज्य अध्यक्ष,
          भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड
          29, बलबीर रोड, डालनवाला
          देहरादून, उत्तराखंड-248001

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 February 2022

  24. हरियाणा/महाराष्ट्र की राज्‍य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन-निर्वाचनों के संचालन से संबंधित अधिकारियों का स्‍थानांतरण/तैनाती के लिए परामर्श–तत्‍संबंधी।

    सं.: 437/6/1/अनुदेश/ईसीआई/प्रकार्या./एमसीसी/2019                                    दिनांक: 11 जुलाई, 2019
    सेवा में,
    1.   मुख्‍य सचिव,
    क)    हरियाणा सरकार, चण्डीगढ़।
    ख)    महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई।
     
    2.   मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    क)    हरियाणा, चण्डीगढ़।
    ख)    महाराष्ट्र, मुम्बई।
    विषय: हरियाणा/महाराष्ट्र की राज्‍य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन-निर्वाचनों के संचालन से संबंधित अधिकारियों का स्‍थानांतरण/तैनाती के लिए परामर्श–तत्‍संबंधी।
    महोदय/महोदया,
    हरियाणा/महाराष्ट्र की विद्यमान विधान सभा का कार्यकाल क्रमश: 02 नवम्बर, 2019, तथा 09 नवम्बर, 2019 तक है।
     
    2.     स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए, आयोग इस आशय की एक सुसंगत नीति का अनुपालन कर रहा है कि निर्वाचनरत राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों के निर्वाचन से सीधे जुड़े अधिकारियों को अपने गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जाता है जहाँ उन्होंने लंबे समय तक सेवा की है। इसे ध्यान में रखते हुए, लोकसभा और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2019 के संबंध में दिनांक 16 जनवरी, 2019 के सम संख्यक पत्र द्वारा विस्तृत स्‍थानांतरण/तैनाती निदेश  जारी किए गए हैं। (प्रतिलिपि संलग्न)
    3.     तद्नुसार, यह परामर्श दिया जाता है कि निर्वाचन के संचालन से सीधे जुड़े सभी सरकारी अधिकारियों के संबंध में निम्नलिखित सुनिश्चित किया जाए-
    कि वह अपने गृह जिले में तैनात न हो कि पिछले चार (4) वर्षों के दौरान उस जिले में उसने 3 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं या 31 अक्तूबर, 2019 को या उससे पहले तीन वर्ष पूर्ण कर लेंगे। कि किसी भी डीईओ/आरओ/एआरओ/पुलिस इंस्‍पेक्‍टर/सब-इंस्‍पेक्‍टर या उनसे उच्‍चतर अधिकारियों को ऐसे विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र/जिले में वापस तैनात न किया जाए या न बने रहने दिया जाए जहां वे 31 अक्तूबर, 2017 से पूर्व के विधान सभा/संसदीय निर्वाचन में आयोजित साधारण/उप-निर्वाचन के दौरान तैनात थे। कि ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों जिनके विरूद्ध आयोग ने विगत में अनुशासनात्‍मक कार्रवाई की सिफारिश की थी और जो लंबित है या जिसकी परिणति में दंड दिया गया था अथवा जिन्‍हें विगत में निर्वाचन या निर्वाचन संबंधी किसी कार्य में कोई चूक के लिए आरोपित किया गया है, उन्‍हें निर्वाचन संबंधी कोई भी ड्यूटी नहीं सौंपी जाएगी। इसके अतिरिक्‍त, कोई भी अधिकारी जो आने वाले छह महीनों के भीतर सेवानिवृत होने वाला है, को निर्वाचन संबंधी किसी भी कार्य से नहीं जोड़ा जाएगा। 4.     आयोग की उपर्युक्त परामर्शिका को सख्ती से तथा समय पर अनुपालन के लिए सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 24 July 2019

  25. कांग्रेस नेता श्री आचार्य प्रमोद कृष्णन को नोटिस

    सं. 100/एमपी-एलए/2020-(बाय.)
    दिनांक: 31 अक्तूबर,  2020
    नोटिस
    यत:, आयोग द्वारा,  मध्यप्रदेश की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचनों की घोषणा दिनांक 29 सितंबर, 2020 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/67/2020 के माध्यम से कर दी गई है और उक्त प्रेस नोट के पैरा 4 के अनुसार, आदर्श आचार संहिता के उपबंध उस तारीख से लागू कर दिए गए हैं; और    
    2.    यत:, आदर्श आचार संहिता के भाग 1 के पैरा (2) में उल्लेख है कि, अन्य बातों के साथ-साथ, ‘सभी दल और सभी अभ्यर्थी दलों के नेताओं अथवा कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचेंगे’ यदि वे सार्वजनिक गतिविधियों से सम्बद्ध न हों,; और  
    3.    यत:, आयोग को मुख्य निर्वाचन अधिकारी,  मध्य प्रदेश से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें यह कहा गया है कि 27 अक्तूबर, 2020 को जौरा, मुरैना में एक रैली को संबोधित करने के दौरान, कांग्रेस नेता श्री आचार्य प्रमोद कृष्णन ने श्री शिवराज सिंह चौहान के लिए अपमानजनक  भाषा का प्रयोग किया है; और       
    4.    यत:, आयोग को कथित संबोधन की प्राधिकृत प्रतिलिपि (अनुबंध-I) प्राप्त हुई, जो निम्नानुसार है:
          " द्वापर में मारीच मामा, द्वापर के अंत में कंस जिसने अपनी बहन के सभी बच्चों को कुर्सी सलामत रखने के लिए मर दिया, तीसरा सकुनि मामा, जिसने छल कपट कर कौरवों का नाश कराया, तीनों प्रपंची मामाओं को मिला दिया जाये तो एक मामा बनता है शिवराज, इन तीनों का घोटाला, इन तीनों के कमीनापन एक जगह निचोड़ दिया जाये तो यह आदमी बनता है" और  
    5.   यत:,  श्री आचार्य प्रमोद कृष्णन द्वारा 27 अक्तूबर, 2020 को रैली को संबोधित करते हुए दिए गए भाषण की प्रतिलिपि की जांच आयोग में की गई है और उक्त वक्तव्य को राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के ‘सामान्य आचरण’ के भाग I के पैरा (2) में उल्लिखित उपबंधों का उल्लंघन पाया गया है।  
    6.   अत:, अब आयोग श्री आचार्य प्रमोद कृष्णन को उक्त वक्तव्य देने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए इस नोटिस की प्राप्ति के 48 घंटों के अन्दर उत्तर देने का एक अवसर देता है और ऐसा न करने पर भारत निर्वाचन आयोग उन्हें कोई और सूचना दिए बिना निर्णय लेगा।  
     
    संलग्नक: यथोक्त।                                                
     
    अनुबंध-1
    दिनांक 27.10.2020 को विधान सभा क्षेत्र 04 जौरा में सचिन पायलट की
    आमसभा में श्री प्रमोद कृष्णन द्वारा दिए गए वक्तव्य की स्क्रिप्ट
    “मारीच, द्वापर के प्रारम्भ में हुआ कंस मामा, जिसने अपनी सगी बहन देवकी के तमाम बच्चों का वध इसलिए किया कि उसकी कुर्सी सलामत रहे। तीसरा मामा हुआ महाभारत के दौर में  शकुनि, जिसने छल और प्रपंच से पांडवों को बर्बाद करने का षड़यंत्र रचा था। लेकिन आज जौरा की पवित्र भूमि को नमन करते हुए, पवित्र मंच को प्रणाम करते हुए, चम्बल की माटी को माथे पर लगाते हुए मैं ऐलान के साथ कहना चाहता हूँ अगर इन तीनों प्रपंची मामाओं को मिला दिया जाये तो एक मामा बनता है शिवराज मामा। इन तीनों का घोटाला, इन तीनों का कमीनापन अगर एक जगह निचोड़ दिया जाये तो ये आदमी बनता है”

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 03 November 2020

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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