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  1. कोविड - 19 के दौरान साधारण निर्वाचन/उप-निर्वाचन आयोजित करवाने के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश।

    कोविड - 19 के दौरान साधारण निर्वाचन/उप-निर्वाचन आयोजित करवाने के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 08 January 2022

  2. गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को प्रसारण/टेलीकास्ट के समय का आवंटन- तत्संबंधी।

    No. 437/TA-LA/1/2021/Communication
    Dated: 31st January 2022
     
     CORRIGENDUM ORDER 
    Sub:-General Election to the Legislative Assembly of Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh 2022-Allotment of Broadcast/ Telecast time to National/State Political Parties-reg.
     In partial modification, the Commission’s Order of even No. dated 14th January, 2022 w.r.to allotment of Broadcast/Telecast time to National/State Political Parties in respect of Manipur State, has been amended as under:
    Time available to National/State Parties on
    Regional Kendras/State Capital Kendras of Doordarshan/All India Radio 
    Name of State/UT
    Name of National/ State Party
    Total time allotted in minutes for
    No. of Time Vouchers issued for
     
     
    Broadcast
    Telecast
    Broadcast
    Telecast
    Manipur
    AITC
    105
    105
    21 (5 minutes each)
    21 (5 minutes each)
    BSP
    90
    90
    18 (5 minutes each)
    18 (5 minutes each)
    BJP
    466
    466
    93 (5 minutes each) + 1 (1 minute)
    93 (5 minutes each) + 1 (1 minute)
    CPI
    98
    98
    19 (5 minutes each) +1 (3 minutes)
    19 (5 minutes each) +1 (3 minutes)
    CPI (M)
    90
    90
    18 (5 minutes each)
    18 (5 minutes each)
    INC
    454
    454
    90 (5 minutes each) +1 (4 minutes)
    90 (5 minutes each) +1 (4 minutes)
    NCP
    100
    100
    20 (5 minutes each)
    20 (5 minutes each)
    NPP
    142
    142
    28 (5 minutes each) +1 (2 minutes)
    28 (5 minutes each) +1 (2 minutes)
    NPF
    164
    164
    32 (5 minutes each) +1 (4 minutes)
    32 (5 minutes each) +1 (4 minutes)
    PDA
    92
    92
    18 (5 minutes each) +1 (2 minutes)
    18 (5 minutes each) +1 (2 minutes)
    Total
    1801
    1801
    1801
    1801
    2.       The rest content of the said Order remains unchanged.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 31 January 2022

  3. 14.01.2022 को मौजूदा दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए समाजवादी पार्टी को निर्वाचन आयोग का नोटिस

    सं.- 464/यूपी-एलए/2022
    दिनांकः-15 जनवरी, 2022
     
    नोटिस 
          यतः, आयोग ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 का आयोजन करने के लिए दिनांक 08 जनवरी, 2022 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/3/2022 के तहत कार्यक्रम की घोषणा कर दी है; और 
          यतः, आयोग ने अपने उपर्युक्त प्रेस नोट के तहत कोविड-19 के दौरान निर्वाचन के संचालन के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश भी जारी किए हैं; और 
          यतः, उक्त कोविड दिशा-निर्देश में, अन्य बातों के साथ-साथ, उपबंध है किः-
    "I. राजनैतिक दलों/निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों/अन्य द्वारा अभियान
    1.      यह उम्मीद की जाती है कि सभी स्टेकहोल्डर नामतः राजनैतिक दल, अभ्यर्थी, प्रचारकर्ता, मतदाता और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े प्राधिकरण जनता के स्वास्थ्य/सुरक्षा के प्रति अपने प्रमुख कर्तव्य के प्रति सदैव सचेत रहेंगे और अतः, इन सामान्य अनुदेशों एवं  विधि के अधीन विहित संबंधित प्राधिकारियों द्वारा यथा-अधिदेशित कोविड उपयुक्त व्यवहार के अन्य मानदंडों का पालन करेंगे।
    2.      किसी भी प्रकार के रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैली और जूलुस की 15 जनवरी, 2022 तक अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग बाद में स्थिति की समीक्षा करेगा और तदनुसार आगे अनुदेश जारी करेगा।
    3.      राजनैतिक दलों या संभावित अभ्यर्थियों अथवा निर्वाचन से संबंधित किसी अन्य समूह की 15 जनवरी, 2022 तक किसी भी प्रत्यक्ष रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। आयोग बाद में स्थिति की समीक्षा करेगा और तदनुसार आगे अनुदेश जारी करेगा।"; और 
    यतः, 14.1.2022 को कुछ संचार माध्यमों ने गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन, लखनऊ के अंतर्गत 19-विक्रमादित्य मार्ग पर समाजवादी पार्टी के कार्यालय परिसर में एक जनसभा में आयोग के मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों के उल्लंघन की सूचना दी। 
    यतः, उपर्युक्त उल्लंघन पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश से तत्काल रिपोर्ट की मांग की गई; और 
    यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दिनांक 14.01.2022 की अपनी रिपोर्ट में सूचित किया है कि वर्चुअल रैली के नाम पर समाजवादी पार्टी द्वारा गौतमपल्ली पुलिस स्टेश्न के अंतर्गत आने वाले उक्त परिसर में जनसभा का आयोजन करके मौजूदा कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया; और 
    यतः, उक्त रिपोर्ट में यह भी सूचित किया गया था कि 14.01.2022 को 06:13 बजे समाजवादी पार्टी के 2000-2500 राजनैतिक पदाधिकारियों के खिलाफ उपर्युक्त पुलिस स्टेशन में आईपीसी, 1860 की धारा 188, 269, 270 और 341; आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 तथा महामारी अधिनियम, 1897 की धारा 03 के अधीन एफआईआर दर्ज की गई है; और 
    यतः, राजनैतिक दल निर्वाचन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर होते हैं और वे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी निर्वाचनों के संचालन के अपने सांविधानिक कर्तव्यों को निभाने में निर्वाचन आयोग का सदैव सहयोग करते हैं; और 
    यतः, राजनैतिक दलों से अपेक्षा की जाती है कि वे निर्वाचनों की अवधि के दौरान देश के कानूनों का अक्षरश: पालन करके समग्र जनता के बीच उच्च मानक स्थापित करें; और 
    यतः, उपलब्ध रिपोर्टों से, प्रथम दृष्टया, यह संकेत मिलता है कि समाजवादी पार्टी ने आयोग के उपर्युक्त विधिपूर्ण निदेशों का उल्लंघन किया है;  
    अतः, अब, आयोग ने उपलब्ध सामग्री और मामले में मौजूदा अनुदेशों पर विचार करने के बाद आपको उक्त उल्लंघन के संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए एक अवसर देने का निर्णय लिया है। आयोग में आपका स्पष्टीकरण इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर पहुंच जाना चाहिए, ऐसा करने में विफल रहने पर आयोग आपसे आगे पत्र-व्यवहार किए बिना मामले में उपयुक्त निर्णय करेगा।
     
    आदेश से,
    ह./-
    (अजय कुमार)
    सचिव
     
    सेवा में
          महासचिव,
          समाजवादी पार्टी,
          19, विक्रमादित्य मार्ग,
          लखनऊ, उ.प्र.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 January 2022

  4. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 – मतगणना – तत्संबंधी।

    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 – मतगणना – तत्संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 15 February 2022

  5. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में निर्दिष्‍ट अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी।

    सं. 491/मीडिया नीति/2022/संचार                                 
    दिनांक: 02 फरवरी, 2022
    सेवा में,
           समस्‍त प्रिन्‍ट एवं इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया
    विषय:  लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में निर्दिष्‍ट अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी।
     
    महोदया/महोदय, 
           समस्‍त मीडिया का ध्‍यान आयोग के दिनांक 30 मार्च, 2017 के पत्र सं.491/मीडिया नीति/2017-संचार (प्रति संलग्‍न) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा आयोग ने स्‍वतन्‍त्र, निष्‍पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन सुनिश्चित करने हेतु लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क  के अधीन निषेध अवधि के दौरान निर्वाचनों के परिणामों की किसी भी प्रकार की भविष्‍यवाणी करने संबंधी प्रसारण/प्रकाशन संबंधी कार्यक्रमों से बचने के लिए समस्‍त मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिन्‍ट) को परामर्शी (एडवाइजरी) जारी की थी।
    2.     आयोग का यह विचार है कि निषेध अवधि के दौरान ज्‍योतिषियों, टैरो रीडरों, राजनैतिक विश्‍लेषकों या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा भविष्‍यवाणी करके निर्वाचनों के परिणामों का किसी भी प्रकार या तरीके से पूर्वानुमान लगाना लोकप्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126क में निहित भावना का उल्‍लंघन है जिसका उद्देश्‍य मतदान होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचकों को विभिन्‍न राजनैतिक दलों की संभावनाओं के बारे में ऐसी भविष्‍यवाणी द्वारा उनके मतदान को प्रभावित करने से रोकना है।
    3.     उपर्युक्‍त को ध्‍यान में रखते हुए, समस्‍त मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक तथा प्रिंट) को एतद्द्वारा सलाह दी जाती है कि गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्‍तराखंड और उत्‍तर प्रदेश राज्‍य विधान सभाओं में वर्तमान साधारण निर्वाचन में आयोग के पत्र में ऊपर यथावर्णित स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष निर्वाचनों को सुनिश्चित करने के लिए निषेध अवधि में अर्थात् दिनांक 10 फरवरी, 2022 (गुरूवार) को सुबह 7.00 बजे से दिनांक 07 मार्च, 2022 (सोमवार) को सांय 6.30 बजे तक के बीच परिणामों के प्रसार से संबंधित किसी भी ऐसे लेख/कार्यक्रम को प्रकाशित/प्रचारित न करें।
     भवदीय, 
     
    (अनुज चांडक) 
    संयुक्‍त निदेशक
    फोन-011-23052205 (एक्‍सटेंशन 448)
    प्रतिलिपि प्रेषित:
    सचिव, प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया, सूचना भवन, 8-सीजीओ काम्‍प्‍लेक्‍स, लोधी रोड, नई दिल्‍ली- 110003 श्रीमती एनी जोसफ, महासचिव, समाचार प्रसारक और डिजिटल संघ, मैनटेक हाउस, सी-56/5, दूसरा तल, सेक्‍टर 62, नोएडा-201301

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 February 2022

  6. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2022 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई- तत्संबंधी।

    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2022 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई- तत्संबंधी।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 12 January 2022

  7. अभियानों, रैलियों, सार्वजनिक सभाओं, आदि पर आयोग का दिनांक 16.4.2021 का आदेश

    सं. 464/प. बं.-वि. स./2021                              
    दिनांक 16 अप्रैल, 2021
     
    आदेश 
          यतः, आयोग ने चल रहे कोविड-19 महामारी का संज्ञान लेते हुए दिनांक 21.08.2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें मतदाताओं तथा मतदान अधिकारियों के साथ-साथ, बिहार राज्य में विधानसभा निर्वाचनों के संचालन के दौरान अनुसरण हेतु राजनैतिक अभियान के लिए मतदान केंद्रों की व्यवस्था निर्धारित की है। उन्हीं दिशा-निर्देशों को सभी उप-निर्वाचनों के लिए निर्धारित किया गया था जो वर्ष 2020 में संचालित किए गए थे।
          यतः, दिनांक 26.02.2021 को असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु राज्यों और पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र के लिए विधान सभा निर्वाचनों की घोषणा के दौरान उपर्युक्त कोविड दिशा-निर्देशों को दोहराया गया था।
          यतः, आयोग ने जन सभाओं, रैलियों, आदि के दौरान कोविड के दिशानिर्देशों का उल्लंघन होते पाया और सुरक्षित निर्वाचनों के संचालन के लिए 09.04.2021 को कोविड दिशानिर्देशों को एक बार फिर से दोहराया, जिसमें आयोग ने सख्त चेतावनी भी दी कि उल्लंघन के मामले में आयोग जन सभाओं, रैलियों आदि पर प्रतिबंध लगाने से नहीं हिचकिचाएगा; और
          यतः, माननीय उच्चतम न्यायालय ने मोहिंदर सिंह गिल और एक अन्य बनाम मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य [1978 एआईआर 851] में यह माना कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन सभी लोकतांत्रिक संस्थानों का मूल है; और
          यतः, मोहिंदर सिंह गिल (उपरोक्त) में यह बताया गया है कि अनुच्छेद 324 ऐसे खाली क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आयोग के लिए शक्ति का भंडार है जहां अधिनियमित कानून से कोई प्रावधान नहीं बनता या निर्वाचनों के संचालन में आयोग द्वारा सामना करने वाली आकस्मिकताओं से निपटने के लिए अपर्याप्त प्रावधान बनता है; और
          यतः, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मोहिंदर सिंह गिल (उपरोक्त) में यह बताया गया है किः
          "113....चूंकि निर्वाचन आयोग में अनुच्छेद 324 (1) के तहत विभिन्न विधान सभा निकायों और राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के पदों के लिए सभी निर्वाचनों का संचालन निहित है, संविधान के निर्माताओं ने आयोग द्वारा अवशिष्ट शक्ति के उपयोग के लिए इसके अधिकार में गुंजाइश छोड़ने का ध्यान रखा, जो हमारे (देश) जैसे बड़े लोकतंत्र में समय-समय पर उभरने वाली विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में संविधान के एक भाग के रूप में है। हर आकस्मिकता की पूर्वाभास, या सटीकता के साथ प्रत्याशा नहीं की जा सकती है। यही कारण है कि अनुच्छेद 324 में बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। आयोग को कुछ ऐसी परिस्थितियों से निपटने की आवश्यकता पड़ सकती है जिनके बारे में अधिनियमित कानूनों और नियमों में उल्लेख न हो। ऐसा लगता है कि अनुच्छेद 327 और 328 में ओपनिंग क्लॉज होने का उद्देश्य यही है, जो अनुच्छेद 324 के तहत शक्तियों के प्रयोग करने को क्रियाशील और प्रभावी बनाता है, जब इसका प्रयोग किसी ऐसे क्षेत्र में किया जाता है, जहां स्पष्ट नियम या प्रावधान मौजूद नहीं है..."(जोर दिया गया)
          यतः, भारत संघ बनाम एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स [(2002) 5 एससीसी 294] में माननीय उच्चतम न्यायालय ने पाया कि आयोग को निर्वाचन के सुचारू संचालन के लिए व्यापक शक्तियां प्रदान की गईं हैं और आयोग के पास अनपेक्षित या अप्रत्याशित परिस्थितियों में आदेश जारी करने की संपूर्ण शक्तियां हैं जो विधान द्वारा कवर नहीं की जाती हैं। यह बताया गया था किः
          "26. ... अनुच्छेद 324 विधान में उल्लेख न किए गए क्षेत्रों में संचालित होता है और शब्द "अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण" और साथ ही "सभी निर्वाचनों का संचालन" सबसे व्यापक शब्द हैं। कानून के मौन होने का कोई विशेष प्रभाव नहीं है, सिवाय इसके कि यह आवश्यक निहितार्थ से निकलकर आता है। इसलिए, हमारे विचार में, मध्यक्षेपकर्ता (इंटरविनर) की ओर से मुकदमा लड़ने वाले श्री साल्वे, प्रबुद्ध सॉलिसिटर-जनरल और श्री अश्विनी कुमार, प्रबुद्ध वरिष्ठ वकील द्वारा विवाद को स्वीकार करना मुश्किल होगा, कि यदि अधिनियम या नियमों में कोई प्रावधान नहीं है, तो उच्च अदालत को निर्वाचन आयोग को इस तरह के निर्देश जारी नहीं करने चाहिए। यह तय हो गया है कि आयोग की शक्ति उसके प्रयोग करने में परिपूर्ण तरीके का है। वैधानिक प्रावधानों या नियमों में, यह ज्ञात है कि प्रत्येक आकस्मिकता का ठीक-ठीक पूर्वाभास या अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए, आयोग आवश्यक आदेश जारी करके ऐसी स्थिति का सामना कर सकता है जहां कोई स्पष्ट नियम या प्रावधान नहीं है...
    46. .... निर्वाचन आयोग का अधिकार क्षेत्र निर्वाचनों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक सभी शक्तियों को शामिल करने के लिए पर्याप्त है और "निर्वाचनों" शब्द का उपयोग व्यापक रूप से निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया को शामिल करने के लिए किया जाता है जिसमें कई चरण होते हैं और कई कदम उठाए जाते हैं।
    (जोर दिया गया)
          यतः, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कज़गम और अन्य बनाम मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य [2001 का डब्ल्यू पी 3346] में माननीय मद्रास उच्च न्यायालय ने निम्नलिखित टिप्पणियां की हैं:
          "44. संयोग से, जैसा कि पहले ही देखा गया है कि अनुच्छेद 324 सर्वोपरि है और संविधान में किसी प्रावधान के अध्यधीन नहीं है और वास्तव में अनुच्छेद 326 और 327 अनुच्छेद 324 के अध्यधीन हैं। संविधान के निर्माताओं ने आयोग द्वारा अपने अधिकार में अवशिष्ट शक्ति के प्रयोग की गुंजाइश छोड़ने का ध्यान रखा और निर्वाचन का संचालन करना, यह निर्वाचन आयोग के अधिकार-क्षेत्र में है तथा यह सरकार पर है कि वह अपनी नीति को स्पष्ट करे और निर्णय आयोग (ईसी) द्वारा लागू किया जाना है, जिसका विवरण अधिनियमित कानून में प्रदान नहीं किया जा सकता है और इसके बाद स्थिति का सामना करने के लिए यह कुछ समय लेने के लिए यह बाध्य है।
          यतः, आयोग द्वारा जारी पूर्वोक्त दिशा-निर्देश गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दिशा-निर्देशों और केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जारी किए गए आदेश के पूरक हैं; और
          यतः, आयोग को संसद और राज्य विधान सभाओं तथा भारत के राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति के पदों के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन का उत्तरदायित्व दिया गया है; और
          यतः, यह एक सुव्यवस्थित कानून है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 में "अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण ... और प्रत्येक राज्य के विधान सभा के लिए सभी निर्वाचनों के संचालन ... के मामले में आयोग को सर्वव्यापक संभव शक्ति प्रदान की गई है...”; और
          यतः, आयोग ने निर्वाचकीय सभाओं और अभियानों की कई घटनाओं को नोट किया है जिसमें सामाजिक दूरी, मास्क पहनना आदि के मानकों संबंधी आयोग के पूर्वोक्त दिशा-निर्देशों की स्पष्ट अवहेलना की गई है; और
          यतः, आयोग ने स्टार प्रचारकों/राजनैतिक नेताओं/ अभ्यर्थियों द्वारा बार-बार किए जा रहे उल्लंघनों को गंभीरता से लिया है, जिन्हें कोविड-19 के खिलाफ अभियान के लिए टॉर्च बीयरर होना चाहिए, वही कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे स्वयं के साथ-साथ जनता में भी संक्रमण का खतरा बढ़ता है; और
          यतः, अभूतपूर्व जन स्वास्थ्य चिंताओं के मद्देनजर, आयोग का यह सुविचारित मत है कि पश्चिम बंगाल राज्य में निर्वाचन के शेष चरणों (चरण 6, चरण 7 और चरण ? के लिए अभियान की अवधि को बड़े जनहित में कम करने की आवश्यकता है; और
          अब, इसलिए, आयोग उपर्युक्त को देखते हुए, अनुच्छेद 324 के तहत अपनी पूर्ण शक्तियों का आह्वान करते हुए, एतद्दावारा निम्नलिखित आदेश देता है:
    1. 16.04.2021 की अपराह्न 7 बजे से प्रारंभ अभियान के दिनों के किसी भी दिन के दौरान अपराह्न 7 बजे से पूर्वाह्न 10 बजे के बीच किसी भी रैली, जनसभाओं, नुक्कड़ नाटकों, नुक्कड़ सभाओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।
    2. पश्चिम बंगाल राज्य में अभियान के उद्देश्य के लिए रैलियों, जन सभाओं, स्ट्रीट प्लेज़, नुक्कड़ सभाओं, बाइक रैलियों या किसी भी सभा की साइलेंस अवधि को चरण 6, चरण 7 और चरण 8 के लिए मतदान समाप्त होने से 72 घंटे पूर्व तक बढ़ाया जाएगा। अतः, इन चरणों के लिए अभियान क्रमशः दिनांक 19.04.2021; 23.04.2021; और 26.04.2021 को अपराह्न 6.30 बजे समाप्त हो जाएगा। 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  8. श्री दिलीप घोष को दिनांक 15 अप्रैल, 2021 को आयोग का आदेश

    सं. 437/पश्चिम बंगाल-विधान सभा/2021                   
    दिनांकः 15 अप्रैल, 2021
     
    आदेश
          यतः, आयोग ने श्री दिलीप घोष, भारतीय जनता पार्टी के राज्यीय अध्यक्ष को पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए चल रहे साधारण निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए दिनांक 13 अप्रैल, 2021 को नोटिस सं. 437/पश्चि. बंगा.-वि. स./2021 जारी किया था; और 
    2.    यतः, आयोग ने दिनांक 14 अप्रैल, 2021 को उपर्युक्त नोटिस का श्री दिलीप घोष से एक उत्तर प्राप्त किया है; और 
    3.    यतः, श्री दिलीप घोष ने उपर्युक्त जवाब के साथ-साथ निम्नलिखित प्रस्तुत किया हैः-
    क.            वे देश के एक जिम्मेदार नागरिक हैं और माननीय निर्वाचन आयोग का सर्वाधिक सम्मान करते हैं। वह किसी भी अभ्यर्थी पर बिना किसी दुर्भावना, हिंसा या हमले के शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, निष्पक्ष और भेदभाव रहित निर्वाचन के संचालन में दृढ़ विश्वास रखते हैं।
    ख.            पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई निर्वाचन संबंधी हिंसा विशिष्ट है। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान इस स्तर की हिंसा भारत के किसी भी अन्य राज्य में नहीं देखी गई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता के कारण ही माननीय आयोग ने मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ कर्मियों को तैनात करना ठीक समझा था, जिससे उन्हें अपने मताधिकार का स्वतंत्रतापूर्वक उपयोग करने की अनुमति मिल सके और निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी हिंसा के हो सके।
    ग.             ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा भय और डराने-धमकाने का माहौल बनाया गया है, जिसने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन के संचालन को खतरे में डाल दिया है। राज्यीय दल के अध्यक्ष के रूप में यह उनका सत्यनिष्ठ कर्तव्य था कि वे अपनी दल के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हों और मतदाताओं को बिना किसी डर के मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें। किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जाना चाहिए।
    घ.             उनका इरादा कभी भी ऐसा कोई बयान देने का नहीं था जो आदर्श आचार संहिता (एम सी सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम/भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन करता हो। वह हमेशा सतर्क रहे हैं और ऐसा/ऐसे कोई भी बयान देने से परहेज किया है जिससे मतभेद पैदा हो या बढ़े। यह लोकतंत्र की भावना का सबसे अच्छा उदाहरण होगा यदि हम सभी राजनैतिक दलों के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल में हिंसा मुक्त निर्वाचन सुनिश्चित करने में सक्षम हो सकें। उनका बयान केवल उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों को ओर था जो गड़बड़ी पैदा करते हैं तथा कानून और व्यवस्था के रखरखाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
    ङ.             ङ. उपरोक्त के बावजूद, यदि उनकी किसी भी अभिव्यक्ति को एमसीसी के किसी प्रावधान के उल्लंघन के रूप में माना गया है, तो वह सम्मानपूर्वक निवेदन करते हैं कि वह भविष्य में सावधान रहेंगे। उन्हें अपनी टिप्पणी पर खेद है। भारतीय जनता पार्टी और स्वयं उनमें भारत निर्वाचन आयोग जैसे लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए दृढ़ विश्वास और सम्मान है, और वे ईसीआई के किसी भी निर्देश का पालन करेंगे। 
    4.    यतः, आयोग ने श्री दिलीप घोष के उत्तर पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और आयोग का यह सुविचारित मत है कि उन्होंने 'राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के साधारण संचालन' के भाग I के खंड (1) और (4) का उल्लंघन किया है और अत्यधिक भड़काऊ और उकसाने वाली टिप्पणी की जो कानून और व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 
    5.     अब, इसलिए, आयोग एतद्दवारा श्री दिलीप घोष को सख्त चेतावनी देता है और जब आदर्श आचार संहिता लागू हो तब उस अवधि के दौरान सावर्जनिक बयान देते हुए उन्हें ऐसे वक्तव्य का उपयोग करने से बचने की सलाह देता है तथा दिनांक 15 अप्रैल, 2021 को अपराह्न 7 बजे से दिनांक 16 अप्रैल, 2021 को अपराह्न 7 बजे तक 24 घंटे का प्रतिबंध लगाता है, जिसके दौरान उन्हें (चुनाव) प्रचार की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  9. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 12 January 2022

  10. आदर्श आचार संहिता लागू होना- गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022-तत्संबंधी।

    आदर्श आचार संहिता लागू होना- गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2022-तत्संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 12 January 2022

  11. श्री अशोक सिंघल को दिनांक 27.10.2021 को आयोग का नोटिस

    सं. 100/एएस-एलए/2021/एनईएस-II                        
    दिनांकः 27 अक्तूबर, 2021 
    नोटिस 
          यतः, आयोग ने अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/83/2021, दिनांक 28.09.2021 के तहत असम में 5 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों सहित कई राज्यों में कुछ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों/संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप-निर्वाचनों का आयोजन करवाने के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है और राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उस तारीख से ही लागू हो गए हैं; 
          यतः, आयोग ने श्री देवब्रत सैकिया से सं. एएलए/एलओपी/ओ/2021/423, दिनांक 24/10/2021 की एक शिकायत प्राप्त की है (प्रति संलग्न), जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ आरोप लगाया गया है कि आपने राज्य मंत्री, असम रहते हुए, "सार्वजनिक वक्तव्य देते समय संवैधानिक प्रावधानों और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। गोसांईगांव निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचन रैली में भाग लेने के दौरान, मंत्री ने कहा कि यदि लोग उप-निर्वाचन में बीजेपी को मत नहीं देंगे, तो निर्वाचन क्षेत्र में कोई विकास नहीं होगा और यह कि सत्ता में बीजेपी को वोट देने के दो महीने के भीतर एक बांध पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा......."     
          यतः, आयोग के पत्र सं. 100/एएस-एलए/2021/एनईएस-II, दिनांक 25.10.2021 के द्वारा संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्टों और भाषणों की अंग्रेजी ट्रांसक्रिप्ट प्राप्त करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम को वीडियो क्लिपिंग के साथ शिकायत की एक प्रति की भेज दी गई है; और 
          यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम के माध्यम से दिनांक 27.10.2021 को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त आपके भाषणों की अंग्रेजी ट्रांसक्रिप्ट को देखने के बाद, यह पुष्टि की जाती है कि आपने निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर सभाओं को संबोधित करने के दौरान निम्नलिखित वक्तव्य देते समय वादे और घोषणाएं की- 
    "पहली बड़ी समस्या गंगाधर नदी पर तटबंध की है। 1600 आपने पहले ही कहा था, यदि आप 1400 मत देते हैं, तो दो महीनों के भीतर मैं तटबंध का काम शुरू करवा दूंगा। तालियां काफी नहीं हैं, आपको मत देने हैं। एक हाथ से दीजिए और दूसरे से लीजिए। पहले आप दीजिए और तब मैं आपको दूंगा। यदि कल कांग्रेस, बीपीएफ और एआईयूडीएफ के लोग आते हैं और अन्यथा समझाते हैं तथा वोट मांगते हैं, तब तटबंध का काम शुरू नहीं होगा। अगर हम यह उप-निर्वाचन हार भी गए तो भी हमारी सरकार नहीं गिरेगी। अगर हम यह उप-निर्वाचन हार भी गए, तो भी हमारी सरकार बनी रहेगी, मैं मंत्री बना रहूंगा और हिमंता बिस्वा सर्मा सर मुख्यमंत्री बने रहेंगे, इस सीट से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगर हम यह सीट नहीं भी जीतते हैं तो इससे कोई अंतर नहीं होगा। यह! आप भी समझते हैं! क्या आप समझ रहे हैं? इसलिए मैं आपसे कह रहा हूं कि अगले 4.5 वर्षों तक सरकार के साथ बने रहिए/सरकार का समर्थन कीजिए। यदि आप सरकार का समर्थन करते हैं तो आपको लाभ मिलेगा। यदि आप बीपीएफ, कांग्रेस, एआईयूडीएफ का समर्थन करते हैं तो आपको ये लाभ नहीं मिलेंगे। क्या आप तटबंध चाहते हैं या नहीं? माताओं, अपने हाथ उठाओ! बहनों, आवाज़ उठाओ! पीछे बैठी जनता, आवाज़ उठाओ! क्या आप तटबंध चाहते हैं या नहीं? मैं आप सभी से वादा करता हूं। इस भाषण में, मैं कहना चाहता हूं कि- आप 1400 वोट दीजिए और दो महीनों के भीतर तटबंध का कार्य शुरू हो जाएगा। मैं आपको वचन देता हूं। "     
          यतः, इसके अलावा, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), असम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, उपर्युक्त बैठक के लिए  गोसांईगांव निर्वाचन जिले के अनुज्ञा प्रकोष्ठ से कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी। 
          यतः, आदर्श आचार संहिता के भाग-II के पैरा-1 और भाग-I के पैरा-4 में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नानुसार प्रावधान हैं:- 
    "I. (4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि,­­­ के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं, जैसे मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को धमकाना।
    II. (1) दल या अभ्यर्थी किसी भी प्रस्तावित बैठक के आयोजन स्थल और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को समय पर सूचित करेंगे ताकि पुलिस को यातायात को नियंत्रित करने तथा शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में सक्षम बनाया जा सके।"   
    यतः, आयोग का सुविचारित मत है कि उपर्युक्त वक्तव्य देते समय और सक्षम प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त किए बिना निर्वाचन बैठक आयोजित करवाकर आपने आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है। 
    अब, इसलिए, आयोग आपको 28.10.2021 (गुरुवार) को 1700 बजे तक या उससे पूर्व इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का एक अवसर प्रदान करता है। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो आयोग आपको कोई पत्र-व्यवहार किए बिना निर्णय देगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  12. "निर्वाचक प्रशिक्षणः सामग्री विकास, प्रौढ़ शिक्षा पद्धति (एंड्रागॉजी) और प्रशिक्षण पद्धतियां" पर ऑनलाइन तकनीकी कार्यशाला

    उद्देश्य
    इस कार्यशाला का आयोजन प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने के प्रयासों की समझ को बढ़ावा देने, वयस्क शिक्षण के लिए उपयुक्त प्रौढ़ शिक्षा पद्धति और कार्यप्रणालियों की पहचान करने और निर्वाचन प्रबंधन एवं अध्ययन में नियमित मास्टर पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले विश्वविद्यालय प्रणाली के भीतर विकास पर अतिरिक्त ध्यान देने के लिए किया जा रहा है।
     
    चर्चा के विषयः
    विषयवस्तुः प्रचालनात्मक प्रशिक्षण
    शीर्षकः विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण दृष्टिकोण के लिए ऑनलाइन हाइब्रिड/मिश्रित मोड पर ध्यान देकर प्रौढ़ शिक्षा पद्धति के प्रशिक्षण में अभिनव विकास।
     
    विषयवस्तुः व्यावसायिक विकास
    शीर्षकः ऑनलाइन प्रशिक्षण में पारंपरिक प्रौढ़ शिक्षा पद्धति की चुनौतियाँ।
     
    विषयवस्तुः तृतीयक संगठन
    शीर्षकः निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के बाहर सामग्री बनाना।
    दिनांक: 16-17 नवम्बर, 2021, 5:30-08:00 अपराह्न [भारतीय मानक समय]
    आयोजक:  आईएफईएस  और आई-आईडीईए, नई दिल्ली, भारत के सहयोग से आईआईआईडीईएम, भारत निर्वाचन आयोग

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  13. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना-तत्‍संबंधी।

    Elections to fill casual vacancy and adjourned poll in the Assembly Constituencies of Odisha and West Bengal– सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना-तत्‍संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

  14. डॉ. हिमंता बिस्वा सर्मा को आयोग का आदेश, दिनांक 27.10.2021

    डॉ. हिमंता बिस्वा सर्मा, मुख्यमंत्री एवं स्टार प्रचारक, भारतीय जनता पार्टी को आयोग का आदेश, दिनांक 27.10.2021

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  15. राष्ट्रीय मीडिया अवार्ड, 2021

    No. 491/Media Award/2021/Communication 
    Dated: 21st October, 2021
     
    MEMORANDUM 
    NATIONAL MEDIA AWARD FOR BEST CAMPAIGN ON
    VOTERS’ EDUCATION & AWARENESS-2021 
              Election Commission of India invites entries from Media Houses for the National Media Award for best campaign on Voters’ Education and Awareness during the year 2021. There shall be four Awards, one each for Print media, Television (Electronic), Radio (Electronic) and Online (Internet)/Social media. 
    2.       The awards are to recognize the outstanding contributions by Media Houses to promote electoral participation by creating awareness about accessible elections, educating people about the electoral process and raising awareness among the general public about the relevance and importance of voting and registration. 
    3.       The award(s) will be in the form of a citation and plaque and will be presented on the National Voters’ Day (25th January 2022).
    Criteria
    The Jury will base their assessment on the following criteria: 
    Quality of Voter awareness campaign Extent of coverage / quantity Evidence of impact on the public Coverage on awareness about Accessible Elections. Any other relevant factor(s)  
    CONDITIONS OF ENTRY 
    Entries must have been published or broadcast/telecast during the relevant period. 
    Print entries must include:
    Summary of the work carried out during the relevant period which should include number of news items/articles total print area in sqcms  A PDF soft copy OR a link to a relevant web address OR a full size photocopy/print copy of the newspaper/articles;  Detail of any other activity like direct public engagement etc.  Any other information Broadcast Television (Electronic) and Radio (Electronic) entries must include: 
    A brief on the campaign/work carried out during the relevant period which should include  Material (in a CD or DVD or Pen drive) with duration and frequency of broadcast/telecast and total time of such broadcast of each spot during the period  Sum of the total broadcast time for all spots/news  News features or programmes on Voter awareness in a CD or DVD or Pen drive or other digital media, along with duration, telecast/broadcast date and time and frequency  Any other activity like direct public engagement etc.  Any other information  Online (Internet)/Social media entries must include: 
    Summary of the work carried out during the relevant period which should include number of posts/ blogs/ campaigns/ tweets/ articles etc.          A PDF soft copy of concerned articles OR a link to a relevant web address;  Detail of any other activity like direct public engagement etc.  Impact of online activity (details)  Any other information  Important 
    Entries submitted in a language other than English/Hindi will require an accompanying English translation, failing which subject to rejection. Entrants submitting broadcast material should be aware that Jury may use only the first ten minutes of features/programme. The Commission’s decision will be final and no correspondence will be entered into. The Commission reserves all the rights in this regard. Entries should carry the name, address, telephone and fax numbers and email of the Media House. Due date: Entries must reach before 30th November, 2021 at the following address:            Shri Pawan Diwan, Under Secretary (Communication)
              Election Commission of India, Nirvachan Sadan,
              Ashoka Road, New Delhi 110001.
              Email: media-division@eci.gov.in
              Ph. No.: 011-23052133

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  16. विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी।

    सं. 437/6/1/ईसीआई/आईएनएसटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2021     
    दिनांकः 28 सितम्बर, 2021
     
    सेवा में,
    1.   मंत्रिमंडल सचिव,
    भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 
    2.   मुख्य सचिवः-
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)   असम सरकार, दिसपुर;
    ग)    बिहार सरकार, पटना;
    घ)    हरियाणा सरकार, चंडीगढ़;
    ङ)    हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला;
    च)    कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू;
    छ)   मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    ज)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    झ)   मेघालय सरकार, शिलांग;
    ञ)    मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ट)    नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    ठ)    राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ड)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ढ)    पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता;
    ण)   दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार
     3.   मुख्य निर्वाचन अधिकारीः- 
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)   असम सरकार, दिसपुर;
    ग)    बिहार सरकार, पटना;
    घ)    हरियाणा सरकार, चंडीगढ़;
    ङ)    हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला;
    च)    कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू;
    छ)   मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    ज)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    झ)   मेघालय सरकार, शिलांग;
    ञ)    मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ट)    नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    ठ)    राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ड)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ढ)    पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता;
    ण)   दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार
    विषय:-  विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी।
    महोदय,
    मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/83/2021, दिनांक 28 सितम्बर, 2021 के तहत निम्‍नलिखित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा की है:- 
    राज्‍य का नाम
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्‍या
    दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र
    दादरा और नागर हवेली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    आंध्र प्रदेश
    124-बाडवेल (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    असम
    28-गोस्साईगाँव विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    41-भबानीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    58-तमुलपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    101-मरियानी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    107-थोवरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    बिहार
    78-कुशेश्वर स्थान (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    164-तारापुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    हरियाणा
    46-ऐलनाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    हिमाचल प्रदेश
    2-मण्डी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    08-फतेहपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    50-अर्की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    65-जुब्बल-कोटखाई विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    कर्नाटक
    33-सिन्डगी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    82-हानगल विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मध्य प्रदेश
    28-खण्डवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    45-पृथ्वीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    62-रैगाँव (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    192-जोबट (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    महाराष्ट्र
    90-देगलुर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मेघालय
    13-मावरेंगकेंग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    24-मावफलांग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    47-राजबाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मिजोरम
    4-तुईरिअल (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    नागालैंड
    58-शामटोर-चेस्सोरे (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    राजस्थान
    155-वल्लभनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    157-धरियावद (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    तेलंगाना
    31-हुजूराबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    पश्चिम बंगाल
    7-दिनहाटा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    86-सान्तिपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    109-खारडाह विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    127-गोसाबा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
     
    2.     आदर्श आचार संहिता के प्रावधान आयोग द्वारा इसके पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017,  पत्र सं. 437/6/एमआईएससी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2017, दिनांक 18 जनवरी, 2018 और पत्र सं. 437/6//एमआईएससी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2019, दिनांक 14 अक्तूबर, 2019 (प्रति संलग्‍न) के तहत यथा जारी आंशिक संशोधनों के अध्‍यधीन उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिनमें उप-निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का सम्‍पूर्ण या कोई भाग अवस्थित है।
    3.     इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।   
     
    भवदीय, 
    ह./-
    (अश्वनी कुमार मोहाल)
    सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 October 2021

  17. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना – तत्संबंधी

    सेवा में,
    1.   मंत्रिमंडल सचिव, 
    भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 
    2.   सचिव, भारत सरकार,
    कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग, सरदार पटेल भवन, नई दिल्ली।
    3.   मुख्य सचिवः-
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)   असम सरकार, दिसपुर;
    ग)    बिहार सरकार, पटना;
    घ)    हरियाणा सरकार, चंडीगढ़;
    ङ)    हिमाचल सरकार, शिमला;
    च)    कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू;
    छ)   मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    ज)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    झ)   मेघालय सरकार, शिलांग;
    ञ)    मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ट)    नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    ठ)    राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ड)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ढ)    पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता;
    ण)   दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार
     4.   मुख्य निर्वाचन अधिकारी-
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)   असम सरकार, दिसपुर;
    ग)    बिहार सरकार, पटना;
    घ)    हरियाणा सरकार, चंडीगढ़;
    ङ)    हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला;
    च)    कर्नाटक सरकार, बेंगलुरू;
    छ)   मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    ज)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    झ)   मेघालय सरकार, शिलांग;
    ञ)    मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ट)    नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    ठ)    राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ड)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ढ)    पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता;
    ण)   दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, दमन संघ राज्य क्षेत्र सरकार
    विषय: सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना – तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट, दिनांक 28 सितम्बर, 2021  (ईसीआई की वेबसाइटः-"https://eci.gov.in/" पर उपलब्‍ध) का संदर्भ देने का निदेश हुआ है, जिसके द्वारा विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों हेतु अनुसूची की घोषणा की गई है और यह कहने का निदेश हुआ है कि उप-निर्वाचनों की इस घोषणा के परिणामस्वरूप राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। 
    2.     सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के अंतर्गत निधियों को अवमुक्‍त करने के मामलों पर, उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता को लागू करने के संबंध में, आयोग के पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह भी उपबंध है कि-    
    क)   जिले के ऐसे किसी भी भाग में, जिसमें विधान सभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र स्थित हैं, जहां निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने तक सांसद (राज्‍य सभा सदस्‍य सहित) स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन कोई भी नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी। यदि निर्वाचन क्षेत्र राज्य की राजधानी/महानगरीय शहरों/नगर निगमों में शामिल हैं, तो उपरोक्त अनुदेश संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र में ही लागू होंगे। इसी प्रकार, निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक विधान सभा सदस्‍य/विधान परिषद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन, यदि कोई ऐसी योजना प्रचालन में है, नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी।
    ख)   ऐसे कार्य के संदर्भ में कोई कार्य शुरू नहीं किया जाएगा जिसमें इस पत्र के जारी होने से पहले कार्य आदेश तो जारी कर दिए गए हैं परन्‍तु फील्‍ड में वास्‍तव में काम शुरू नहीं हुआ है। ये कार्य निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्‍तव में शुरू हो चुका है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
    ग)    पूरे हो गए कार्य(र्यों) के लिए भुगतानों को जारी करने पर कोई रोक नहीं होगी बशर्ते संबंधित अधिकारी पूर्ण रूप से संतुष्‍ट हों।
    घ)    जहां योजनाएं अनुमोदित कर दी गई है तथा निधियां उपलब्‍ध करा या जारी कर दी गईं हैं और सामग्रियों का प्रापण कर लिया गया है एवं कार्यस्‍थल पर पहुंच गई हैं ऐसी योजनाएं कार्यक्रम के अनुसार कार्यान्वित की जा सकती हैं। 
     
    भवदीय
    ह./-
                                  (अश्वनी कुमार मोहाल)
    सचिव 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 October 2021

  18. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी।

    491/मीडिया नीति/2021-संचार
    दिनांक: 26 मार्च, 2021
    सेवा में
                  सभी प्रिन्‍ट एवं इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया
    विषय: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज-उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी।
    महोदया/महोदय, 
                  सभी मीडिया का ध्‍यान आयोग के दिनांक 30 मार्च, 2017 के पत्र सं.491/मीडिया नीति/2017-संचार (संलग्‍न) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा आयोग ने स्‍वतन्‍त्र, निष्‍पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन सुनिश्चित करने हेतु धारा 126क  के अधीन निषेध अवधि के दौरान निर्वाचनों के परिणामों की किसी भी प्रकार की भविष्‍यवाणी करने संबंधी प्रसारण/प्रकाशन कार्यक्रमों से बचने के लिए सभी मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिन्‍ट) को परामर्शी जारी की थी।
    2.           आयोग का यह विचार है कि निषेध अवधि के दौरान ज्‍योतिषियों, टैरो रीडर, राजनैतिक विश्‍लेषकों या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा भविष्‍यवाणी के माध्‍यम से किसी भी रूप अथवा तरीके से निर्वाचनों के परिणामों की किसी भी प्रकार से भविष्‍यवाणी धारा 126क की भावना का उल्‍लंघन है जिसका उद्देश्‍य मतदान संपन्‍न होने वाले निर्वाचन क्षेत्रों, के निर्वाचकों को विभिन्‍न राजनैतिक दलों की संभावनाओं के बारे में ऐसी भविष्‍यवाणी करके उनके मतदान को प्रभावित होने से रोकना है।
    3.           उपर्युक्‍त को ध्‍यान में रखते हुए, सभी मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक तथा प्रिंट) को एतद्द्वारा सलाह दी जाती है कि वे असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं में वर्तमान साधारण निर्वाचन 2021 में निषेध अवधि के दौरान दिनांक 27 मार्च, 2021 (शनिवार) पूर्वाह्न 7.00 बजे और दिनांक 29 अप्रैल, 2021 (गुरूवार) को अपराह्न 7.30 बजे तक के बीच परिणामों के प्रसार से संबंधित किसी भी ऐसे लेख/कार्यक्रम को प्रकाशित/प्रचारित न करें।
     भवदीय, 
    (पवन दीवान) 
    अवर सचिव
    फोन-01123052133
    ई-मेल:diwaneci@yahoo.co.in
    प्रतिलिपि प्रेषित:
    सचिव, प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया, सूचना भवन, 8-सीजीओ काम्‍प्‍लेक्‍स, लोधी रोड, नई दिल्‍ली- 110003 श्रीमती एनी जोसफ महासचिव, न्‍यूज ब्राडकास्‍टर्स एसोशिएशन मैनटेक हाउस, सी-56/5,दूसरा तल,सेक्‍टर 62, नोएडा-201301 गार्ड फाइल *********************
    भारत निर्वाचन आयोग
    निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्‍ली-110001
    सं. 491/मीडिया नीति/2017-संचार/11-12
    दिनांक: 30 मार्च, 2017
     
    सेवा में,
           सभी प्रिंट और इलेक्‍टॉनिक मीडिया 
    विषय: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क में सं‍दर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज- उल्‍लंघन-तत्‍संबंधी।
     
    महोदया/महोदय, 
           लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क (1) यह उपबंधित करती है कि ‘‘कोई भी व्‍यक्ति किसी भी प्रकार के एग्‍जिट पोल का संचालन नहीं करेगा तथा प्रिंट या इलेक्‍ट्रॅानिक मीडिया के द्वारा उसका प्रकाशन अथवा प्रचार या किसी भी प्रकार से इस संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा यथा अधिसूचित ऐसी अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के परिणाम जो भी हो, का प्रचार नहीं करेगा।’’  लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की उप धारा (2) के उपबंधों के अधीन उपर्युक्‍त अवधि सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में मतदान के पहले दिन मतदान के लिए निर्धारित समय से शुरू होने से आरंभ होगी तथा मतदान समाप्‍त होने के आधा घंटा बाद तक जारी रहेगी। 
    2.     इस संबंध में, आयोग ने दिनांक 04 मार्च, 2017 की अपनी अधिसूचना द्वारा, उक्‍त धारा 126क के अर्थों में, पांच राज्‍यों की विधान सभाओं के हाल ही में आयोजित साधारण निर्वाचनों के संबंध में दिनांक 04.02.17 को पूर्वाह्न 7:00 बजे से प्रारंभ होकर और दिनांक 09.03.17 को अपराह्न 05:30 बजे तक जारी अवधि को ऐसी अवधि के रूप में विनिर्दिष्‍ट किया है जिसके दौरान किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन और किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के परिणामों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबन्‍ध था। 
    3.     आयोग की अधिसूचना और धारा 126क के उपर्युक्‍त उपबंधों के बावजूद, यह देखा गया है कि कुछ टी.वी चैनल ऐसे कार्यक्रम प्रसारित करते हैं जिनमें राजनैतिक दलों द्वारा जीती जाने वाली संभावित सीटों की संख्‍या का उल्‍लेख किया जाता है। ऐसा उस अवधि के दौरान किया गया है जिसके दौरान एग्जिट पोल और उसके परिणामों के प्रसार पर प्रति‍बन्‍ध था। किसी एक चैनल में कार्यक्रम के पेनलिस्‍ट, जो कि राजनैतिक विश्‍लेषकों सहित विभिन्‍न क्षेत्रों से संबंधित व्‍यक्ति थे, ने उत्‍तर प्रदेश में विभिन्‍न राजनैतिक दलों द्वारा जीती जाने वाली संभावित सीटों की अनुमानित संख्‍या के बारे में बताया था। 
    4.     आयोग का यह विचार है कि निषेध अवधि के दौरान किसी भी प्रकार से निर्वाचनों के परिणामों की भविष्‍यवाणी या ज्‍योतिषियों, टैरो रीडर, राजनैतिक विश्‍लेषकों या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा की गई भविष्‍यवाणी का कोई तरीका, धारा 126क के अर्थों में उल्‍लंघन है, जो ऐसे राज्‍यों जहां मतदान होने हैं, के निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचकों को विभिन्‍न राजनैतिक दलों की संभावनाओं के बारे में ऐसी भाविष्‍यवाणी द्वारा उनके मतदान में उन्‍हें प्रभावित होने से रोकती है। 
    5.     निर्वाचन आयोग को इसे रिकॉर्ड करने में कोई दुविधा नहीं हैं कि संवैधानिक आधार, स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका, व्‍यापक स्‍तर पर नागरिकों, राजनैतिक दलों और विशेषत: सिविल सोसाइटी संगठनों की अत्‍याधिक आस्‍था और विश्‍वास, वस्‍तुनिष्‍ठ मीडिया रिपोर्टिंग जिसमें निर्धारित आचार संहिता, नियमों, विधियों इत्‍यादि का अनुपालन शामिल है, के बिना भारत निर्वाचन आयोग को इतनी पहचान न मिली होती जितनी इसे विश्‍व भर में निर्वाचन प्रबंधन के कारण मिली है। इस पृष्‍ठभूमि में ऐसे प्रयास जो कि मात्र वाणिज्‍यिक कारणों से प्रतिद्वंद्वियों के विरूद्ध केवल ब्राउनी प्‍वाइंटस प्राप्‍त करने के लिए हैं, उपयुक्‍त प्रतीत नहीं होते हैं। 
    6.     सभी मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक और प्रिंट) को धारा 126क के अधीन निषेध अवधि के दौरान आगामी निर्वाचनों में इस प्रकार के कार्यक्रमों के प्रसारण/प्रकाशन से दूर रहने की सलाह दी जाती है ताकि स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन संचालित किए जा सकें।
     
    भवदीय, 
    (एस.के.दास)
    अवर सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 March 2021

  19. 2 मई, 2021 को मतगणना के दौरान कोविड सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश-तत्संबंधी 

    पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 एवं विभिन्‍न राज्यों में उप-निर्वाचन : 2 मई, 2021 को मतगणना के दौरान कोविड सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश-तत्संबंधी 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  20. सुश्री सुजाता मंडल खान, एआईटीसी को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 16.04.2021 का नोटिस

    सं. 437/प. बं.-वि.स./2021                               
    दिनांकः 16 अप्रैल, 2021
    नोटिस
    यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./16/2021 के अधीन पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और
    2.     यतः, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग I के खंड (1) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि
    (1) "कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर घृणा पैदा हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।" और
    3.     यतः, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के खण्ड 153 (क) (1) (क) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि
    153 क. धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना, और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना।--------
    (1) कोई भी हो--------(क) बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा, या संकेतों द्वारा या दृश्य अभ्यावेदन या अन्यथा धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार के आधारों पर प्रचार करने का प्रयास, जो भी हो, असहमति या विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषा या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच दुश्मनी, घृणा या शत्रुता की भावनाएं; और 
    4.     यतः, इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 505 (2) में यह उपबंधित है :
    505(2).विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन - जो भी कोई जनश्रुति या संत्रासकारी समाचार अन्तर्विष्ट करने वाले किसी कथन या सूचना, इस आशय से कि, या जिससे यह संभाव्य हो कि, विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर पैदा या संप्रवर्तित हो, को रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा; और 
    5.     यतः, आयोग को श्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि सुश्री सुजाता मंडल खान, जो ऑल इंडिया तृणमूल काँग्रेस की नेता है, ने न्यूज 18 बांग्लादेश न्यूज चैनल को साक्षात्कार देते हुए जो मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है, अनुसूचित जाति समुदाय के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी की; और
    6.     यतः, जिला निर्वाचन अधिकारी, हुगली से कथित भाषण का प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट भी प्राप्त हुआ है। इस भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः
    "----------जैसा कि अनुसूचित जाति के परिवारों में संसाधनों की कमी है।कितनी भी, ममता बंद्योपाध्याय ने उनकी मदद की हो, फिर भी यह कमी नहीं जाएगी।जैसेकि एक कहावत है, कुछ वास्तव में भिखारी होते हैं और अन्य स्वभाव से भिखारी होते हैं।अनुसूचित जातियां यहां स्वभाव से भिखारी हैं, और इसके बावजूद ममता बंद्योपाध्याय ने उनकी इतनी मदद की, फिर भी वे क्षुद्र राशि पर बीजेपी के हाथों बिक गए हैं और अब हमें प्रताड़ित कर रहे हैं।आज मेरे वाहन का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है और वे मुझे मारने के लिए लाठियों, बंदूकों और बमों के साथ थे और मैं स्पष्ट रूप से यह बता सकती हूं कि वे बीजेपी के समर्थक हैं।उन्हें बीजेपी द्वारा समर्थन और संरक्षण दिया गया है।मैं निश्चित रूप से भारत निर्वाचन आयोग को सूचित करूंगी, और अगर आज भारत निर्वाचन आयोग का कोई नाम है, तो वह तटस्थ होगा, तब मुझे लगेगा कि किसी भी अभ्यर्थी या उसके वाहन पर इस प्रकार का अत्याचार/उत्पीड़न संभव नहीं होगा--------"; और
    7.     यतः, सुश्री सुजाता मंडल खान द्वारा दिए गए उपर्युक्त कथन (वक्तव्य), की आयोग में जांच की गई है और यह भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 153क(1) (क) और धारा 505(2) तथा राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए दिशा-निर्देश के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण के भाग I के खण्ड (1) का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।
    8.     अब, इसलिए, आयोग आपको एक अवसर देता है कि इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटों के भीतर कुछ दिनों के लिए स्टार प्रचारक के रूप में अपने स्टेटस को निलंबित करने के लिए नहीं बल्कि उपर्युक्त कथित बयान देते समय अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आगे आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।
    आदेश से,
    संलग्नकः उपरोक्त।
    (मधुसूदन गुप्ता)
    सचिव
    सेवा में,
    सुश्री सुजाता मंडल खान,
    ऑल इंडिया तृणमूल काँग्रेस की नेता,
    पश्‍चिम बंगाल।
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  21. श्री राहुल सिन्‍हा को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 13 अप्रैल, 2021 का आदेश

    सं. 437/प.बं.-वि.स./2021                              
    दिनांक : 13 अप्रैल, 2021
     
    आदेश
    यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./16/2021 के द्वारा पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 
    2.     यतः, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग I के खंड (1) और (4) में, अन्य बातों के साथ-साथ, ये प्रावधान हैं किः-
    " (1) कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफरत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।" 
    "(4) सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन "भ्रष्ट आचरण" एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देना,  मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्रों से 100 मीटर दूरी के भीतर प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्त होने से 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वाहन उपलब्ध करना।"; और 
    3.     यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उप-धारा (3क) के अधीन उपबंध में, अन्य बातों के साथ-साथ, उपबंधित है किः-
    "(3क) किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच, धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर शत्रुता या घृणा की भावनाओं का संप्रवर्तन करना, अथवा संप्रवर्तन का प्रयत्न करना।"; और 
    4.     यतः, भारतीय दंड संहिता की धारा 153(क) की उप-धारा (1) (क) के उपबंध में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है किः- 
    "153क. धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा इत्यादि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना। -(1) जो कोई - (क) बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषाई या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द अथवा शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाओं को धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा"; और 
    5.     यतः श्री राहुल सिन्हा, बीजेपी ने एक भाषण दिया है जिसे न्यूज़ 18 बांग्ला चैनल पर 12.04.2021 को प्रातः 11.30 बजे प्रसारित किया गया है; और 
    6.     यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से भी कथित भाषण की प्रमाणीकृत ट्रांसक्रिप्ट प्राप्त हुई है जो निम्नानुसार हैः 
    " ………… केंद्रीय बलों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। यदि वे दोबारा ऐसे करते हैं तो उन्हें फिर इसी प्रकार का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। केंद्रीय बलों को शीतलकुची में चार की बजाय आठ को मारना चाहिए था। केंद्रीय बलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए कि उन्होंने उनमें से केवल चार को ही क्यों मारा …………….."; और 
    7.     यतः, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक स्वतः संज्ञान लिया है और इसका यह सुविचारित मत है कि श्री राहुल सिन्हा ने राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्ग दर्शन की आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण' के भाग I के खंड (1) और (4) तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उप-धारा (3क) में विनिर्दिष्ट उपबंधों और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 153(क) की उप धारा (1) (क) के उल्लंघन में बलों को उकसाकर, मानव जीवन का मजाक उड़ाते हुए अत्यधिक उकसाने वाला भाषण दिया जिससे कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती थी तथा इससे निर्वाचन प्रक्रिया भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती थी। 
    8.     अतः, अब आयोग, एतद्द्वारा श्री राहुल सिन्हा, बीजेपी द्वारा दिए गए उपरोक्त बयानों की कड़ी भर्त्सना करता है और कड़ी चेतावनी देता है कि लागू आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक भाषण देते समय वे ऐसे कथनों का प्रयोग करने में पूरी सावधानी बरतें। आयोग श्री राहुल सिन्हा पर किसी भी प्रकार से प्रचार-प्रसार करने के लिए आज 12.00 बजे से आरंभ करके 15.04.2021 को 12.00 बजे तक, अगले 48 घंटे की रोक भी लगाता है।
    9.     मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने राहुल सिन्हा, बीजेपी को बिना कोई नोटिस दिए इस आदेश को जारी करने का निर्णय लिया है। 
     
     अनुलग्‍नक : यथोपरि।
     
    (राकेश कुमार)
    सचिव
     
    सेवा में, 
    श्री राहुल सिन्हा,
    भारतीय जनता पार्टी,
    पश्चिम बंगाल
     
     
    अनुबंध ख के रूप में चिह्नित, राहुल सिन्हा के भाषण की ट्रांसक्रिप्ट, जैसी सीडी में पाई गई। यह शिकायतकर्ता द्वारा प्रदान की गई है और न्यूज़ 18 बांग्ला चेनल पर 12.04.2021 को प्रातः 11:30 बजे प्रसारित की गई वीडियो से मेल खाती है।
     
    केंद्रीय बलों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। यदि वे दोबारा ऐसा करते हैं तो उन्हें फिर इसी प्रकार का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। केंद्रीय बलों को शीतलकुची में चार की जगह आठ को मारना चाहिए था। केंद्रीय बलों को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए कि उन्होंने उनमें से केवल चार को क्यों मारा। 
     
     
    द्वारा अनुवादित 
    हस्ता./-  
     पदमिनी चक्रवर्ती
    अनुवादक
    12.4.21

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  22. श्री दिलीप घोष को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 13 अप्रैल, 2021 का नोटिस

    सं. 437/प.बं.-वि.स./2021                                      
    दिनांकः 13 अप्रैल, 2021
    नोटिस 
    यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./16/2021 के द्वारा पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा कर दी गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 
    2.     यतः, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग I के खंड (1) और (4) में, अन्य बातों के साथ-साथ, ये प्रावधान हैं कि 
    (1) "कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर घृणा पैदा हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।" 
    "(4) सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन "भ्रष्ट आचरण" एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देना,  मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्रों से 100 मीटर दूरी के भीतर प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्त होने से 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वाहन उपलब्ध करना।"; और 
    3.     यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में, अन्य बातों के साथ-साथ, उपबंधित है किः- 
    "(3क) किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच, धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर शत्रुता या घृणा की भावनाओं का संप्रवर्तन करना, अथवा संप्रवर्तन का प्रयत्न करना।"; और 
    4.     यतः, भारतीय दंड संहिता की धारा 153क (1) (क) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है किः- 
    "153क. धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा इत्यादि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना। -(1) जो कोई - (क) बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषाई या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द अथवा शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाओं को धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा"; और 
    5.     यतः, आयोग को श्री डेरेक 'ओ' ब्राइन, एआईटीसी से एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि श्री दिलीप घोष, भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष ने बारांगर, उत्तर 24 परगना में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए एक भड़काऊ भाषण दिया जो बंगाल और इसके लोगों को खुली धमकी है, मीडिया में भी इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रसारित की गई है; और 
     6.     यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से भी कथित भाषण की प्रमाणीकृत ट्रांसक्रिप्ट प्राप्त हुई है। उनके भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः 
    " ………… इतने सारे शैतान लड़के कहां से आए थे?उन शैतान लड़कों को कल शीतलकुची में गोली मार दी गई। ऐसे शैतान लड़के बंगाल में नजर नहीं आएंगे।यह तो केवल शुरूआत है। जो यह सोचते थे कि केंद्रीय बलों की राइफलें केवल दिखाने के लिए हैं, अब गोलियों की ताकत अच्छी तरह से जान चुके हैं। और ऐसा ही पूरे बंगाल में किया जाएगा। जो भी कानून अपने हाथ में लेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी 17 अप्रैल की सुबह अपना वोट डालने के लिए कतार में खड़े होंगे। बूथों पर केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। कोई भी आपको आंख नहीं दिखा सकता। क्योंकि हम यहां पर हैं। और यदि कोई अपनी सीमा लांघता है तो आप देख चुके हैं कि शीतलकुची में क्या हुआ था। ऐसे स्थानों पर शीतलाकुची जैसा हाल किया जाएगा। इसलिए सावधान रहें………”; और 
    7.     यतः, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और इसका यह सुविचारित मत है कि श्री दिलीप घोष, जो बीजेपी के राज्य अध्यक्ष भी हैं, ने 'राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्ग दर्शन की आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण' के भाग I के खंड (1) और (4)  तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उप-धारा (3क) में विनिर्दिष्ट उपबंधों और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 153(क) की उप धारा (1) (क) के उल्लंघन में ऐसे कथन किए हैं जो उकसाने वाले हैं और जो गंभीर रूप से भावनाएं भड़का सकते हैं और कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। 
    8.     अतः, अब आयोग द्वारा आपको कल सुबह 10.00 बजे तक उपर्युक्त भाषण दिए जाने पर अपना स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया जाता है जिसके विफल रहने पर आपको बिना कोई सूचना दिए आयोग निर्णय करेगा।
     
     
     आदेश से, 
          हस्‍ता/-
                                                                      (राकेश कुमार)
    सचिव
     
    सेवा में,
    श्री दिलीप घोष,
    भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष,
    पश्चिम बंगाल
     
     
     
     
     
     
    11.04.2021 को अपराह्न 2:01:24 बजे से अपराह्न 2:02:04 बजे तक एबीपी न्यूज चैनल पर प्रसारित बारांगर में दिलीप घोष द्वारा दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट
     
    इतने सारे शैतान लड़के कहां से आए थे? उन शैतान लड़कों को कल शीतलकुची में गोली मार दी गई। ऐसे शैतान लड़के बंगाल में नजर नहीं आएंगे। यह तो केवल शुरूआत भर है। जो यह सोचते थे कि केंद्रीय बलों की राइफलें केवल दिखाने के लिए हैं, अब गोलियों की ताकत अच्छी तरह से जान चुके हैं। और ऐसा ही पूरे बंगाल में किया जाएगा। जो भी कानून अपने हाथ में लेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी 17 अप्रैल की सुबह अपना वोट डालने के लिए कतार में खड़े होंगे। बूथों पर केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। कोई भी आपको आंख नहीं दिखा सकता। क्योंकि हम यहां पर हैं। और यदि कोई अपनी सीमा लांघता है तो आप देख चुके हैं कि शीतलकुची में क्या हुआ था। ऐसे स्थानों पर शीतलाकुची जैसा हाल किया जाएगा। इसलिए सावधान रहें।
     
     
      
    द्वारा अनुवादित
    हस्‍ता/-
    पदमिनी चक्रवर्ती 
     अनुवादक
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  23. पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021 एवं विभिन्न राज्यों में उप-निर्वाचन- कोविड के लिए व्यापक दिशानिर्देश-2 मई, 2021 को होनी वाली मतगणना के दौरान मतदान कवर करने के लिए प्राधिकृत मीडिया के लिए सुरक्षा....

    सं. 491/एएल-आईएनएसटी/2021/संचार
     दिनांक: 29 अप्रैल, 2021 
    सेवा में,
                मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
              सभी राज्य/संघ शासित क्षेत्र   
     
    विषय: पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021 एवं विभिन्न राज्यों में उप-निर्वाचन- कोविड के लिए व्यापक दिशानिर्देश-2 मई, 2021 को होनी वाली मतगणना के दौरान मतदान कवर करने के लिए प्राधिकृत मीडिया के लिए सुरक्षा-तत्संबंधी
     
    महोदय/महोदया,
              मुझे 2 मई, 2021 को होने वाली मतगणना के लिए कोविड सुरक्षा के लिए आयोग के दिनांक 28 अप्रैल, 2021 के विस्तृत दिशानिर्देश सं. 464/आईएनएसटी/2021/ईपीएस और मीडिया के प्रभावी उपयोग से संबंधित आयोग के दिनांक 26.02.2021 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/16/2021, जिसमें निम्नलिखित उल्लिखित किया गया है, का संदर्भ लेने का निदेश हुआ है,
    “मीडिया से भी अपेक्षा की जाती है कि वे निर्वाचन संबंधी अपने सभी कवरेज के दौरान गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा कोविड-19 कंटेनमेंट उपायों के संबंध में जारी सभी वर्तमान दिशानिर्देशों का अनुपालन करें। साथ ही, मतदान और मतगणना आदि के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया के कवरेज के लिए मीडिया कर्मियों को प्रवेश की अनुमति देते समय कोविड-19 के दौरान निर्वाचनों के संचालन के संबंध में 21 अगस्त, 2020 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देश भी लागू होंगे”
    आयोग ने इस संबंध में दिनांक 28.04.2021 को समेकित दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके द्वारा यह स्पष्ट किया जाता है कि:
    (i)       ये दिशानिर्देश, जहां भी लागू हैं, आवश्यक परिवर्तनों सहित मतगणना प्रक्रिया को कवर करने के लिए प्राधिकृत मीडिया कर्मियों पर भी लागू होंगे। 
    (ii)      जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसे मामलों में आरटी-पीसीआर/आरएटी जांच की सुविधा उपलब्ध करा सकता है। हालांकि, केवल निगेटिव आरटी-पीसीआर/आरएटी रिपोर्ट/टीकाकरण की दो खुराक की रिपोर्ट ही स्वीकार की जाएगी। प्राधिकृत लैब की रिपोर्ट भी इस प्रयोजन के लिए स्वीकार की जाएगी।  
    (iii)     मतगणना केंद्र परिसर के अंदर मीडिया कक्ष सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए पर्याप्त रूप में बड़ा होना चाहिए और उसे हवादार, खिड़कियों और एग्जॉस्ट फैन से युक्त होना चाहिए। 
    (iv)     मीडिया कर्मियों के प्रवेश को उचित रूप से विनियमित किया जाना चाहिए। उन्हें मतदान हॉल में अंतरालों पर बहुत छोटे बैच में इस तरह ले जाया जाएगा कि सामाजिक दूरी के मानदंडों का कोई उल्लंघन नहीं हो।   
    (v)      इस प्रयोजन के लिए नोडल अधिकारी होने के नाते जिला निर्वाचन अधिकारी  मतदान केंद्रों पर प्राधिकृत मीडिया कर्मियों के लिए/द्वारा कोविड-19 से संबंधित सभी मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करवाएगा।   
    ये अनुदेश सभी संबंधितों के ध्यान में लाए जाएं। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 May 2021

  24. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी की राज्य विधानसभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्‍न राज्यों में विभिन्‍न संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता का हटाया जाना - तत्संबंधी

    सं. 437/6/1/आईएनएसटी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2021   दिनांक: 3 मई, 2021
     
    सेवा में
    1.   कैबिनेट सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली ।
    2.   मुख्य सचिव, राज्य सरकार:-
    क)   आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापुड़ी; ख)  असम, दिसपुर; ग)   गुजरात, गांधीनगर; घ)   झारखंड, रांची; ङ)    कर्नाटक, बेंगलुरू; च)   केरल, तिरुवनंतपुरम; छ)   मध्य प्रदेश, भोपाल; ज)   महाराष्ट्र, मुंबई; झ)  मिजोरम, आइजॉल; ञ)   नागालैंड, कोहिमा; ट) ओडिशा, भुवनेश्वर; ठ) पुड्डुचेरी, पुड्डुचेरी;   ड) राजस्थान, जयपुर; ढ) तमिलनाडु, चेन्नई; ण) तेलंगाना, हैदराबाद; त) उत्तराखंड, देहरादून; थ) पश्चिम बंगाल, कोलकाता; 
    3.   मुख्य निर्वाचन अधिकारी:- 
    क) आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापुड़ी; ख) असम, दिसपुर; ग)   गुजरात, गांधीनगर; घ)   झारखंड, रांची; ङ)    कर्नाटक, बेंगलुरू; च)   केरल, तिरुवनंतपुरम; छ)   मध्य प्रदेश, भोपाल; ज)   महाराष्ट्र, मुंबई; झ)  मिजोरम, आइजॉल; ञ)   नागालैंड, कोहिमा: ट)    ओडि़शा, भुवनेश्वर; ठ)    पुड्डुचेरी, पुड्डुचेरी;    ड)    राजस्थान, जयपुर; ढ)    तमिलनाडु, चेन्नई; ण)  तेलंगाना, हैदराबाद; त)   उत्तराखंड, देहरादून; थ)   पश्चिम बंगाल, कोलकाता;   
    विषय: असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी की राज्य विधानसभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्‍न राज्यों में विभिन्‍न संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता का हटाया जाना - तत्संबंधी      
    महोदय,
                मुझे कहने का निदेश हुआ है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान, निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से प्रवर्तित कर दिए जाते हैं और वे निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक क्रियाशील बने रहते हैं।  
    2.   अब, चूंकि, असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी की राज्य विधानसभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्न राज्यों में विभिन्‍न संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों के संबंध में संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, इसलिए आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से अस्तित्‍व में न रह गई है।  
    3.    इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।    

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 May 2021

  25. पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021- विजय जुलूस पर प्रतिबंध।

    सं. 464/अनु./2021/ईपीएस
    दिनांक: 27 अप्रैल, 2021
    सेवा में,
          सभी राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
     
    विषय: पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021- विजय जुलूस पर प्रतिबंध।  
    संदर्भ: 21 अगस्‍त, 2020 को कोविड-19 के दौरान साधारण निर्वाचन/उप-निर्वाचन के संचालन के लिए आयोग के व्‍यापक दिशा-निर्देश। 
    महोदय,
          आयोग ने राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों से विचारों/सुझावों को प्राप्‍त करने के बाद 21 अगस्‍त, 2020 को कोविड-19 के दौरान साधारण निर्वाचन/उप-निर्वाचन के संचालन के लिए व्‍यापक दिशा-निर्देश जारी किए। आयोग ने इसके अतिरिक्‍त, निर्वाचन अभियान और जन सभाओं के संबंध में राज्यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के विभिन्‍न मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्‍त विचारों/सुझावों पर और विचार किया है।  
    2. आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के साथ-साथ विभिन्‍न राज्‍यों में उप-निर्वाचनों के साधारण निर्वाचन के लिए दिनांक 02.05.2021 को मतगणना निर्धारित कर दी है। देश भर में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए, आयोग ने दिनांक 21 अगस्‍त, 2020 के मौजूदा व्‍यापक दिशा-निर्देशों के अलावा, मतगणना की प्रक्रिया के दौरान पालन किए जाने हेतु और ज्यादा कठोर प्रावधान बनाने का निर्णय लिया है और निदेश दिया है कि –
    क.   02.05.2021 को मतगणना के बाद विजय जुलूस अनुमत्य नहीं होगा।
    ख.   विजयी अभ्‍यर्थी के साथ दो से अधिक व्‍यक्तियों को जाने की अनुमति नहीं होगी या उसका/उसकी प्राधिकृत प्रतिनिधित्‍व संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से निर्वाचन का प्रमाण पत्र प्राप्‍त करेगा।
            यह सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।
    भवदीय,
    ह./-
    (सुमित मुखर्जी)
    वरि.प्रधान सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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