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वर्तमान मुद्दे

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  1. पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्‍न राज्‍यों में उप-निर्वाचन के लिए 02.05.2021 को मतगणना संबंधी व्‍यवस्‍थाएं-आयोग के निदेशों का सख्‍त अनुपालन-तत्‍संबंधी।

    सं. 464/अनु./2021/ईपीएस
    दिनांक: 01 मई, 2021
     
    सेवा में,
          सभी राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
     
    विषय: पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्‍न राज्‍यों में उप-निर्वाचन के लिए 02.05.2021 को मतगणना संबंधी व्‍यवस्‍थाएं-आयोग के निदेशों का सख्‍त अनुपालन-तत्‍संबंधी।
     
    महोदय,
     मुझे आयोग के दिनांक 21.08.2020 और 28.04.2021 को जारी किए गए व्‍यापक दिशा-निर्देशों का संदर्भ देने का निदेश हुआ है, जो आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/files/file/12167-broad-guidelines-for-conduct-of-general-electonbye-election-during-covid-19/ और https://eci.gov.in/files/file/13361-broad-guidelines-for-covid-safety-during-counting-of-votes-on-2nd-may-2021/ पर उपलब्‍ध है। ये दिशा-निर्देश आपको भी अग्रेषित किए गए हैं।  
    2. आयोग ने निदेश दिया है कि यह पुनः बताया जाए कि मतगणना आदि की प्रक्रिया के दौरान एनडीएमए/एसडीएमए के मौजूदा अनुदेशों का पालन करने के लिए सभी संबंधित प्राधिकरणों (कोविड-19 के उपायों) द्वारा इन दिशा-निर्देशों का कड़ाईपूर्वक अनुपालन किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतगणना/विजय संबंधित जन सभाओं, जन उत्‍सवों आदि को अनुमति नहीं दी जाएगी। यह भी निदेश दिया गया था कि विजय जूलूस पर प्रतिबंध में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में संबंधित राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र द्वारा निर्धारित की गई अधिकतम संख्या से ज्यादा संख्या में विजयी अभ्‍यर्थियों के समर्थकों का समूह या किसी भी प्रकार का जुलूस शामिल होगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 May 2021

  2. Biennial Elections to the Legislative Councils of Andhra Pradesh and Telangana by the members of respective Legislative Assemblies (MLAs)- Deferment of elections– reg.

    Biennial Elections to the Legislative Councils of Andhra Pradesh and Telangana by the members of respective Legislative Assemblies (MLAs)- Deferment of elections– reg.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 May 2021

  3. पश्चिम बंगाल के 210-नन्दीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से श्री सुवेंदु अधिकारी, भाजपा के अभ्यर्थी को दिनांक 08.04.2021 को आयोग का नोटिस

    सं. 437/पश्चिम बंगाल-वि. स./2021
    दिनांकः 8 अप्रैल, 2021
    सूचना
          यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./16/2021 के तहत पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और  
    2.    यत:, राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग-। के खंड (2) और (3) में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि 
    "(2) अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए;" 
    "(3) मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य किसी भी पूजा स्थल को निर्वाचन संबंधी प्रचार के लिए मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा;" और 
    3.    यतः, आयोग को सुश्री कविता कृष्णन, सीपीआईएमएल केंद्रीय समिति से एक शिकायत मिली है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि दिनांक 29 मार्च, 2021 को भारतीय जनता पार्टी के 210-नन्दीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी श्री सुवेंदु अधिकारी ने नन्दीग्राम में एक जन सभा को संबोधित करते हुए द्वेषपूर्ण भाषण दिया, जिसे व्यापक रूप से मीडिया में रिपोर्ट किया गया है; और
    4.    यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से कथित भाषण का प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट (टेप) भी प्राप्त हुआ है। इस भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः
          "....मुझे गाना गाने और कीर्तन सुनने का शौक है। खैर, मेरे पास आपको बताने के लिए कुछ भी नया नहीं है। एक तरफ बेगम हमारे खिलाफ लड़ रहीं हैं। दूसरी तरफ, यहां आपके परिवार का बेटा है, आपका छोटा भाई, आपका दोस्त, अपने कनिष्ठों के लिए बड़ा भाई है। आप किसे स्वीकार करना चाहेंगे, मुझे बताइए? निर्वाचन दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। आप बेगम को मत नहीं देंगे। यदि आप बेगम को मत देंगे तो छोटा पाकिस्तान बन जाएगा। (मुश्किल से सुनाई दे रहा है)... आपके इलाके में दाउद इब्राहिम आ गया है...हम सबकुछ नोट करेंगे। सरकार क्या कर रही है? इसका क्या फायदा है? अगला त्यौहार कौन सा आ रहा है? रामनबमी। रामचंद्र किस पुष्प से मां दुर्गा की पूजा करते थे? इसलिए, आप सभी को कमल के लिए वोट करना चाहिए। आपको 1 नंबर के सामने वाला बटन दबाना चाहिए। निर्वाचन के पहले चरण में तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ मत पड़े हैं। क्या आप सभी तुष्टिकरण का मतलब समझते हैं? चूंकि निर्वाचन चल रहे हैं, अतः हमें अपनी भाषा के प्रति सतर्क रहना होगा। क्या आप समझते हैं कि तुष्टिकरण का क्या मतलब होता है? क्या आप तुष्टिकरण का अर्थ समझते हैं? हां, आप समझते हैं। क्या उन्होंने लोक सभा के मत के बाद यह नहीं कहा था कि वे उन लोगों से भी चोट खाने के लिए तैयार हैं जो उनके लिए फायदेमंद थे? इसे तुष्टिकरण कहते हैं। पहले चरण में तुष्टिकरण के खिलाफ मत पड़े थे। इस बार भी तुष्टिकरण के खिलाफ मत पड़ेंगे। अम्फान राहत घोटाले में शामिल टीएमसी की पंचायतें आस-पास भटक रहीं हैं......."; और
    5.    यतः, 29 मार्च, 2021 को श्री सुवेंदु अधिकारी द्वारा दिए गए उपर्युक्त वक्तव्य की आयोग में जांच की गई है और इसे 'राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण' के भाग I के खंड (2) और (3) का उल्लंघन करते हुए पाया गया है,
    6.    अब, इसलिए, आयोग आपको एक अवसर देता है कि इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटों के भीतर अपने उपर्युक्त बयान के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आगे संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।
     
    संलग्नकः यथोपरि।
     
    आदेश से
    ह./-
    (राकेश कुमार)
    सचिव
                                                                              
     
     
    सेवा में,
    श्री सुवेंदु अधिकारी,
    210-नन्दीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के अभ्यर्थी,
    पश्चिम बंगाल।
     
     
    ***********************************
    29.03.21 को पूर्वाह्न 11.25-11.29 तक सीएन समाचार चैनल पर प्रसारित सुवेंदु अधिकारी द्वारा दिया गया भाषण
    [सुवेंदु अधिकारी भगवान कृष्ण और भगवान राम का भजन गाते और नाम लेते हैं।] मैं यहां राधामाधव मंदिर में जाने के बाद आया हूँ। मैंने तुलसी (हिंदुओं के लिए एक पवित्र पौधा) पर हार चढ़ाया है। [वे तुलसी की महिमा का वर्णन करते हुए कीर्तन गाते हैं]। मैं इस्कॉन के मंदिर में गाए जाने वाले कीर्तन में भाग लेने जाता हूं। मुझे गाना गाने और कीर्तन सुनने का शौक है। खैर, मेरे पास आपको बताने के लिए कुछ भी नया नहीं है। एक तरफ बेगम हमारे खिलाफ लड़ रहीं हैं। दूसरी तरफ, यहां आपके परिवार का बेटा है, आपका छोटा भाई, आपका दोस्त, अपने कनिष्ठों के लिए बड़ा भाई है। आप किसे स्वीकार करना चाहेंगे, मुझे बताइए। निर्वाचन दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। आप बेगम को मत नहीं देंगे। यदि आप बेगम को मत देंगे तो छोटा पाकिस्तान बन जाएगा। (मुश्किल से सुनाई दे रहा है)... आपके इलाके में दाउद इब्राहिम आ गया है...हम सबकुछ नोट करेंगे। सरकार क्या कर रही है? जैसे योगी आदित्यनाथ ने उनको सबक सिखाया है, हम भी वैसा ही करेंगे। यदि उत्तर प्रदेश कर सकता है तो पश्चिम बंगाल भी कर सकता है। वोटिंग मशीन में मेरा नाम किस क्रम संख्या में है? मेरा प्रतीक चिह्न क्या है? इसका क्या फायदा है? अगला त्यौहार कौन सा आ रहा है? रामनबमी। रामचंद्र किस पुष्प से मां दुर्गा की पूजा करते थे? इसलिए, आप सभी को कमल के लिए वोट करना चाहिए। आपको 1 नंबर के सामने वाला बटन दबाना चाहिए। और हम मोदीजी के नेतृत्व में और उनकी प्रेरणा से "सोनार बांग्ला" का निर्माण करेंगे। शक्तिकेंद्र के जनक, तपस भाई, मंडल अध्यक्ष, कौशिक और कई अन्य नेता यहां पर उपस्थित हैं। मैं अलग-अलग सभी का नाम नहीं ले रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि यहां पर मुझे लोगों का समर्थन मिलेगा। निर्वाचन के पहले चरण में तुष्टिकरण की राजनीति के खिलाफ मत पड़े हैं। क्या आप सभी तुष्टिकरण का मतलब समझते हैं? चूंकि निर्वाचन चल रहे हैं, अतः हमें अपनी भाषा के प्रति सतर्क रहना होगा। क्या आप समझते हैं कि तुष्टिकरण का क्य मतलब होता है? क्या आप तुष्टिकरण का अर्थ समझते हैं? हां, आप समझते हैं। क्या उन्होंने लोक सभा के मत के बाद यह नहीं कहा था कि वे उन लोगों से भी चोट खाने के लिए तैयार हैं जो उनके लिए फायदेमंद थे? इसे तुष्टिकरण कहते हैं। पहले चरण में तुष्टिकरण के खिलाफ मत पड़े थे। इस बार भी तुष्टिकरण के खिलाफ मत पड़ेंगे। अम्फान राहत घोटाले में शामिल टीएमसी पंचायतें आस-पास भटक रहीं हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  4. पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2021- सुश्री ममता बनर्जी, एआईटीसी को दिनांक 08.04.2021 को आयोग का नोटिस-तत्संबंधी

    सं. 437/पश्चिम बंगाल-वि. स./2021                           
    दिनांकः 8 अप्रैल, 2021
    सूचना
          यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./16/2021 के तहत पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं;
          यतः, निर्वाचन आयोग ने 21 फरवरी, 2021 को पश्चिम बंगाल की यात्रा की थी और परम्परानुसार राजनैतिक दलों से फीडबैक प्राप्त कर अपना कार्य आरम्भ कर दिया था। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष अन्य साधारण मुद्दों को उठाने के अतिरिक्त अन्य बातों के साथ-साथ यह भी आरोप लगाया कि उस वक्त के आगामी विधान सभा निर्वाचनों के संदर्भ में बीएसएफ कर्मी किसी विशेष राजनैतिक दल के पक्ष में मत डालने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के गांव में रहने वालों लोगों को डरा-धमका रहे हैं। एआईटीसी के प्रतिनिधिमंडल से अनुरोध किया गया था कि वे उपाख्यानात्मक आरोप लगाने के बजाय, अनुभवजन्य साक्ष्य, यदि कोई हों, प्रस्तुत करें। हालांकि, उन्होंने आयोग के द्वारा उठाए गए इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया था। दो दिवसीय यात्रा के समापन पर, आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जो किसी भी राज्य में निर्वाचकीय तैयारियों की औपचारिक समीक्षा करने के बाद एक लंबे समय से परम्परा भी रही है। यहां फिर से कुछ पत्रकारों ने एआईटीसी द्वारा बीएसएफ के बारे में लगाए गए आरोपों का जिक्र किया। इस चरण में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निम्नानुसार कहाः
    "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक दल ने बीएसएफ के बारे में आरोप लगाए हैं। मैंने ठोस दृष्टांत बताने के लिए कहा है। वे (बीएसएफ) देश के सबसे बेहतरीन बलों में से एक हैं। किसी भी दल की किसी भी बिंदु पर आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है।"     
          यतः, सीईओ, पश्चिम बंगाल से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसके साथ सीएनएन समाचार चैनल पर प्रसारण के रूप में 28.03.2021 को सुश्री ममता बनर्जी, माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए वक्तव्य की एक प्राधिकृत ट्रांसक्रिप्ट संलग्न है, जिसमें उन्होंने कहाः
          "ममता बनर्जी बाहरी नहीं है। बाहरी कौन हैं? बंदूकों के साथ गुंडे, जिन्हें आप कहीं और से लाएं हैं। क्या उन्होंने कोंटाइ में नहीं किया था? पिता, पुत्र और अंकलों में निष्पक्ष तरीके से निर्वाचन लड़ने की क्षमता नहीं है, इसलिए उन्होंने कोंटाई में परसों रात हंगामा किया।"     
    "उन्हें किसने इतनी हिम्मत दी कि केंद्रीय पुलिस महिलाओं को धमका रही है और उन्हें मत नहीं डालने दे रही है? मैंने यही 2019 में देखा था। मैंने 2016 में भी यही देखा थाः 
    "मैं जानती हूं कि किसके अनुदेश पर वे मारते हैं और किस तरह मारते हैं। यह आपका कर्तव्य है कि आप लोगों के परिवार की रक्षा करें। यदि हमारी माताओं और बहनों को डंडे से जरा भी चोट आती है तो उन पर करछुल, खुरपे और चाकू से हमला करें। मैं बता रहीं हूं। यह महिलाओं का हक है। और यदि हमारी किसी भी माता तथा बहनों को मतदान कक्ष में प्रवेश करने नहीं दिया जाए तो आप सभी बाहर आएं और आंदोलन करें।"  
    यतः, सीईओ, पश्चिम बंगाल से एक अन्य रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसके साथ 7.04.2021 को कूच बिहार में सुश्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए भाषण की एक प्राधिकृत ट्रांसक्रिप्ट संलग्न है, जहां उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों पर निम्नलिखित अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी कीः 
    "वे असम से आतंक फैलाने के लिए गंडे लाएंगे। मैं प्रशासन से नाका जांच मजबूत करने और असम की सीमा को सील करने की मांग करूंगी। मैं निर्वाचन आयोग से असम सीमा को सील करने के लिए कहूंगी। भूटान शांतिपूर्ण देश है और हमारा अच्छा पड़ोसी है। फिर भी सीमा को सील किया जाना चाहिए। याद रखें कि कूच बिहार के आस-पास ऐसे कई अन्य क्षेत्र हैं, जो बांग्लादेश के हैं। उन सीमाओं को भी सील किया जाना चाहिए, ताकि कोई बाहरी यहां हंगामा न खड़ा कर सके। और यदि सीएपीएफ बाधाएं उत्पन्न करता है तो, मैं आप औरतों को बता रहीं हूं, आपका एक समूह जाए और उनका घेराव करे जबकि दूसरा समूह अपना मत डालने जाएगा। अपना मत बेकार न जाने दें। यदि आप सभी उनका घेराव करने में ही लग जाएंगे तो वे खुश होंगे की आप अपना मत डालने नहीं गए। यह उनकी योजना है। यह बीजेपी की योजना है। और आपकी योजना यह होगी कि यदि वे एक तरफ आपके गांव आकर आपको धमकाने की कोशिश करते हैं तो आप डरेंगे नहीं, बल्कि आप उनसे बात करेंगे। उनसे बात करने का मतलब उन पर लगाम कसना होगा। आपको उनका सच में घेराव नहीं करना पड़ेगा।"
    यतः, प्रथम दृष्टया, सुश्री ममता बनर्जी, एआईटीसी की अध्यक्षा, जो पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री भी हैं, के द्वारा पूरी तरह से गलत, भड़काऊ और तीखे वक्तव्य, निर्वाचकीय प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को अपमानित और तिरस्कृत करने का प्रयास है, जिससे इन बलों के सभी रैंक पदाघिकारी बहुत ज्यादा हतोत्साहित हो रहे हैं, जो 80 के दशक के अंत से निर्वाचनों के बाद निर्वाचनों में स्वेच्छा भाव से सेवा प्रदान करते आ रहे हैं और जिन्होंने विशेष रूप से क्षेत्राधिकार सुनिश्चित करने और अपनी वास्तविक उपस्थिति से असामाजिक गुंडों के लिए अवरोध उत्पन्न करने में एक सराहनीय योगदान दिया है, जिससे वह स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुगम निर्वाचनों का संचालन करवाने के लिए ईसीआई की सहायता करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता रहा है; 
    यतः, 28.03.2021 और 7.04.2021 के वक्तव्यों और पैरा 2 तथा 3 में वर्णित और इंगित गए अनुवर्ती वक्तव्य की ऐतिहासिकता को देखते हुए, यह और अधिक स्पष्ट है कि सुश्री ममता बनर्जी, एआईटीसी की अध्यक्षा, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को नीचा दिखाने और हतोत्साहित करने में लगीं हुईं हैं, जो अक्सर कानून और व्यवस्था को बहाल करने और/या राज्य सरकारों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में राज्य सरकारों द्वारा कभी भी मंगवाए जाने पर, संबंधित राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे भी अधिक हतोत्साहित करने वाला तथ्य यह है कि सुश्री बनर्जी महिला मतदाताओं को सीपीएफ के कर्मियों पर हमला करने के लिए उकसाने के लिए एक भावनात्मक पिच बनाने की कोशिश कर रही हैं। पैरा 1 और 2 पर दी गई ऐतिहासिकता का जानबूझकर एआईटीसी द्वारा सामान्य रूप से बिलकुल जानबूझकर अपनाए गए पैटर्न को समर्थन करने और सुश्री बनर्जी द्वारा विशेष रूप से सीपीएफ को अपमानित करने के लिए पैटर्न शुरू करने का उल्लेख किया गया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनैतिक लड़ाई अभियानों आदि में लड़ने के बजाय इस तरीके से लड़ी जा रहीं हैं। 
    केंद्रीय बलों ने अपनी जान की बाजी लगा कर भी देश के सभी क्षेत्रों में उन्हें सौंपे गए कार्यों को बखूबी निभाया है, जिसमें हाल ही में बीजापुर, छत्तीसगढ़ का प्रकरण सबसे दुखद है। यह भी रिकॉर्ड में रखा जाए कि वे और संघ सरकार के अन्य कई मंत्रालय एवं विभाग तथा राज्य सरकार के विभाग, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की निर्वाचनों के संचालन में सहायता करते हैं। परंतु, स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुगम निर्वाचन सुनिश्चित करने में केंद्रीय बलों की सराहनीय भूमिका अत्यंत उल्लेखनीय है। 
    सुश्री बनर्जी शायद यह महसूस नहीं कर रही है कि इस तरह के बयान से पश्चिम बंगाल की राज्य पुलिस में अविश्वास की भावना पैदा हो सकती है, जो एक-दूसरे के पूरक होने के बजाय केंद्रीय बलों के साथ भी अपना कार्य कर रहे हैं। वास्तव में, सुश्री बनर्जी यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं कि उनके बीच एक गहरी दरार और खाईं पैदा हो, जिसके निर्वाचन की प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद भी गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। 
    यतः, निर्वाचन आयोग का प्रथम दृष्टया समाधान हो गया है कि आपके बयान आदर्श आचार संहिता के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 186, 189 और 505 का उल्लंघन करते हैं। 
    अब, इसलिए, आयोग दिनांक 10.04.2021 को पूर्वाह्न 11.00 बजे तक आपको उपर्युक्त बयान के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का एक अवसर देता है, ऐसा न करने पर आयोग आपको आगे संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा। 
    आदेश से,
    ह./-
    (राकेश कुमार)
    सचिव
    सुश्री ममता बनर्जी,
    अध्यक्ष, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस,
    कोलकाता
     
     ************************************************
    सीएन समाचार चैनल पर दिनांक 28.3.21 को यथा प्रसारित सीएम का भाषण
     
    ममता बनर्जी बाहरी नहीं है। कौन बाहरी हैं? बंदूकधारी गुंडे, जिन्हें आप कहीं और से लाएं हैं। क्या उन्होंने यह कॉन्टाई में नहीं किया था? पिता, पुत्र और चाचाओं में निष्पक्ष तरीके से निर्वाचन जीतने की क्षमता नहीं है, इसलिए उन्होंने कॉन्टाई में कल से एक दिन पहले रात में हंगामा किया। आप बंदूकें लेकर आएं हैं। आपने बूथों पर कब्जा किया। भागबानपुर में महिलाएं को रोते हुए लौटा दिया गया। यह माताओं की बददुआएं हैं। याद रखना कि आपने दृष्टिहीन मतदाताओं को उनका मत नहीं डालने दिया। आपने अनेकों माताओं और बहनों को उनका मत नहीं डालने दिया। आपने महिलाओं को निशाना बनाया। बूथ में जाते हुए कृपया करके फेस मास्क पहनें। यह केंद्रीय पुलिस का मामला नहीं है। फिर भी उन्होंने मतदाताओं को प्रवेश नहीं करने दिया और उनके मत दिए बिना उन्हें वापस भेज दिया क्योंकि उन्होंने मास्क नहीं पहने थे। आप में से कोई भी वापस नहीं जाएगा। पुलिस से डरने का कोई कारण नहीं है। आशा है कि मैं जो कह रही हूं वह आप सभी सुन रहे होंगे। किसने उन्हें इतनी हिम्मत दी कि केंद्रीय पुलिस महिलाओं को उनका मत डालने की अनुमति दिए बिना उन्हें धमका रही है? मैंने 2019 में भी यही देखा था। मैंने 2016 में भी यही देखा था। मेरे इलाके में क्लबों को बंद कर दिया गया था। इतना दुस्साहस! आप जब काम करने के लिए बंगाल आएंगे तो हम आपके रहने और खाने का भुगतान करेंगे और आप डंडों से मारेंगे! उनकी हिम्मत कैसे हुई मारने की? किसके इशारे पर उन्होंने मारा था? मैं जानती हूं कि उन्होंने किसके कहने पर मारा और कैसे मारा। यह आपका कर्तव्य है कि आप लोगों के परिवारजनों को बचाएं। अगर हमारी माताओं और बहनों में से कोई भी छड़ी से घायल होती हैं, तो उन पर करछुल, खुरपे और चाकू से हमला करें। मैं बता रही हूं। यह महिलाओं का अधिकार है। और यदि हमारी माताओं और बहनों में से किसी को भी मतदान कक्ष में प्रवेश करने से मना किया जाता है तो आप सभी बाहर आएं और आंदोलन करें। माताओं और बहनों तुम मरी नहीं हो.....(मुश्किल से सुनाई दे रहा है)। तुम चुड़ियां पहनती हो और उसी दौरान स्टड से खाना बनाती हो। और एजेंटों, यदि मैंने देखा कि तुम डर की वजह से अपनी पीठ दिखा रहे हो....इन गुंडों के डर से, तो मैं तुमको माफ नहीं करूंगी। जमीन पर मेरे लोग हैं। मैं जानती हूं कि कान्थी और भागबनपुर में ऐसा किसने किया। मैं सब कुछ जानती हूं कि किसकी सांठ-गांठ किसके साथ है। याद रखें कि जो हमारे लिए काम कर रहे हैं वो आपके बीच हैं, जो उन एजेंटों के बारे में सब कुछ जानते हैं जो पैसे ले रहे हैं और बांट रहे हैं। अंकल का बेटा परसों पैसा बांट रहा था और रंगे-हाथों पकड़ा गया।
     
      ************************************************
    दिनांक 7.4.21 को कूच बिहार (उत्तर) में ममता बंदोपाध्याय द्वारा दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट
     
    शिकायत पत्र में यथा उल्लिखित 32 मिन. 20 सेकं. से लेकर 33 मिन. 23 सेकं. तक यह (https:/www.facebook.com/AITCofficial/videos/) लिंक पर पाया गया था
    वे दहशत पैदा करने के लिए असम से गुंडे लाएंगे। मैं प्रशासन से नाका चेकिंग को मजबूत करने और असम की सीमाओं को सील करने के लिए कहूंगी। मैं निर्वाचन आयोग से असम सीमा को सील करने के लिए कहूंगी। भूटान एक शांतिपूर्ण देश और हमारा मित्र पड़ोसी है। फिर भी सीमा को सील किया जाना चाहिए। याद रखें कि कूच बिहार के आसपास कई अन्य क्षेत्र हैं जो बांग्लादेश से संबंधित हैं। उन सीमाओं को भी सील किया जाना चाहिए, ताकि कोई बाहरी व्यक्ति यहां हंगामा न कर सके। और अगर सीआरपीएफ गड़बड़ी पैदा करती है, तो मैं आपको महिलाओं को बताती हूं, आप का एक समूह जाए और उन्हें रोके (घेराव करे) है, जबकि एक अन्य समूह अपना वोट डालने जाएगा। अपना वोट बर्बाद मत करो। यदि आप सभी उन्हें रोकने में ही लग जाएंगे, तो उन्हें खुशी होगी कि आपने अपना वोट नहीं डाला। यह उनकी योजना है। यह भाजपा की योजना है। और आपकी योजना यह होगी कि आप डरेंगे नहीं यदि वे एक तरफ आपके गाँव में आने के लिए आपको डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं, तो दूसरी तरफ आप उनसे बात करें। उनसे बात करना उन पर लगाम कसने जैसा होगा। आपको उनका सचमुच में घेराव करने की जरूरत नहीं है......

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  5. ECI Notice dated 27.04.2021 to Shri Firhad Hakim, AITC

    ECI Notice dated 27.04.2021 to Shri Firhad Hakim, AITC

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  6. ECI Order dated 22.04.2021

    ECI Order dated 22.04.2021
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  7. ECI Order dated 18.04.2021 to Shri Sayantan Basu

    ECI Order dated 18.04.2021 to Shri Sayantan Basu
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  8. ECI Order Dated 18.04.2021 to Ms. Sujata Mondal

    ECI Order Dated 18.04.2021 to Ms. Sujata Mondal
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  9. ECI letter to the National and State Political Parties on campaign, rallies, public meeting etc.

    ECI letter to the National and State Political Parties on campaign, rallies, public meeting etc.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  10. ECI Notice dt. 15.04.2021 to Shri Sayantan Basu, BJP

    ECI Notice dt. 15.04.2021 to Shri Sayantan Basu, BJP
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  11. ECI Order Dated 12th April 2021 to Shri Suvendu Adhikari

    ECI Order Dated 12th April 2021 to Shri Suvendu Adhikari

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  12. ECI Order dated 12 April 2021 to Ms. Mamata Banerjee

    ECI Order dated 12 April 2021 to Ms. Mamata Banerjee
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  13. पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2021-आयोग का दिनांक 07.04.2021 का नोटिस-तत्संबंधी।

    सं. 437/पश्चिम बंगाल-वि. स./2021                            दिनांकः 7 अप्रैल, 2021
     
    सूचना
          यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./16/2021 के तहत पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और  
    2.    यत:, राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग-। के खंड (2), (3) और (4) में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि 
    "(2) अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए;" 
    "(3) मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य किसी भी पूजा स्थल को निर्वाचन संबंधी प्रचार के लिए मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा;" और 
    "(4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं, जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को धमकाना, किसी अन्य मतदाता का मत डालना, मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना, मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित घंटे के 48 घंटे की अवधि समाप्त होने पर जनसभाएं करना और मतदाताओं को मतदान केंद्र ले जाना और लाना"; और 
    3.    यतः, आयोग को श्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल से एक शिकायत मिली है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि दिनांक 3 अप्रैल, 2021 को ऑल इंडिया तृणमूल कॉन्ग्रेस की 210-नन्दीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाली अभ्यर्थी सुश्री ममता बनर्जी ने एबीपी आनंदा टीवी चैनल पर प्रसारित हुगली में तारकेश्वर पर निर्वाचन अभियान के दौरान एक बैठक में जनता को भाषण देते हुए मुस्लिम मतदाताओं से विभिन्न राजनैतिक दलों के बीच अपना मत नहीं बँटने देने की अपील की और पश्चिम बंगाल के मौजूदा विधान सभा निर्वाचनों में तृणमूल कांग्रेस के लिए सांप्रदायिक आधार पर खुलेआम मतदान करने के लिए कहा; और
    4.    यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से कथित भाषण का प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट (टेप) भी प्राप्त हुआ है। इस भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः
          "....कन्याश्री, कन्याश्री, विश्वविद्यालय तक छात्रवृत्ति है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षाश्री है। सामान्य वर्ग के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति है। अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए ओईक्याश्री है और मैंने इसे 2 करोड़ 35 लाख लाभार्थियों को दिया है। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि शैतान व्यक्ति, जिसने बीजेपी से पैसे लिए थे, की बात सुनने के बाद अल्पसंख्यक मतों को विभाजित न होने दें। वह कई सांप्रदायिक वक्तव्य देता है और हिंदू तथा मुस्लिमों के बीच झगड़े शूरू करवाता है। वह बीजेपी के प्रचारकों में से एक है, कामरेड है। अल्पसंख्यक मतों को विभाजित करने के लिए सीपीएम और बीजेपी के कामरेड बीजेपी द्वारा दिए गए पैसों के साथ आस-पास घूम रहे हैं। कृपया उन्हें ऐसा न करने दें। इस बात को मन में रखें कि यदि बीजेपी सरकार में आ जाती है तो आप गंभीर खतरे में होंगे। मैं हिंदू भाइयों और बहनों से भी कहूंगी कि बीजेपी को सुनने के बाद हिंदू और मुस्लिम के रूप में अपने बीच में बंटवारा न होने दें। देखो। मैंने अल्पसंख्यक समुदाय के अपने भाइयों और बहनों से कहा है कि उनके बीच एक या दो बदमाश, मीर जाफर हैं, जो हमारे बीच भी हैं। क्या हमारे बीच कई सारे मीर जाफर नहीं हैं? क्या हमारे बीच कई सारे गद्दार नहीं हैं? बीजेपी में अब वहां कौन हैं?......."; और
    5.    यतः, 3 अप्रैल, 2021 को सुश्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए उपर्युक्त वक्तव्य की आयोग में जांच की गई है और इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3), 3 (क) में निहित प्रावधानों और 'राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण' के भाग I के खंड (2), (3) और (4) का उल्लंघन करते हुए पाया गया है, और
    6.    अब, इसलिए, आयोग आपको एक अवसर देता है कि इस नोटिस की प्राप्ति के 48 घंटों के भीतर अपने उपर्युक्त बयान के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आगे संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।
    संलग्नकः यथोपरि
     
    आदेश से
    ह./-
    (राकेश कुमार)
    सचिव
                                                                              
    सेवा में,
    सुश्री ममता बनर्जी,
    210-नन्दीग्राम विधान सभी निर्वाचन क्षेत्र से एआईटीसी की अभ्यर्थी,
    पश्चिम बंगाल।
     
     
    टीवी चैनल एबीपी आनंदा पर 3 अप्रैल, 2021 को प्रसारित हुगली के तारकेश्वर में एक बैठक में निर्वाचन प्रचार के दौरान जनता को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी के भाषण की ट्रांसक्रिप्ट  
     
    "....कन्याश्री 2, कन्याश्री 3, विश्वविद्यालय तक छात्रवृत्ति है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षाश्री है। सामान्य वर्ग के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति है। अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए ओईक्याश्री है और मैंने इसे 2 करोड़ 35 लाख लाभार्थियों को दिया है। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि शैतान व्यक्ति, जिसने बीजेपी से पैसे लिए थे, की बात सुनने के बाद अल्पसंख्यक मतों को विभाजित न होने दें। वह कई सांप्रदायिक वक्तव्य देता है और हिंदू तथा मुस्लिमों के बीच झगड़े शूरू करवाता है। वह बीजेपी के प्रचारकों में से एक है, कामरेड है। अल्पसंख्यक मतों को विभाजित करने के लिए सीपीएम और बीजेपी के कामरेड बीजेपी द्वारा दिए गए पैसों के साथ आस-पास घूम रहे हैं। कृपया उन्हें ऐसा न करने दें। इस बात को मन में रखें कि यदि बीजेपी सरकार में आ जाती है तो आप गंभीर खतरे में होंगे। मैं हिंदू भाइयों और बहनों से भी कहूंगी कि बीजेपी को सुनने के बाद हिंदू और मुस्लिम के रूप में अपने बीच में बंटवारा न होने दें। देखो। मैंने अल्पसंख्यक समुदाय के अपने भाइयों और बहनों से कहा है कि उनके बीच एक या दो बदमाश, मीर जाफर हैं, जो हमारे बीच भी हैं। क्या हमारे बीच कई सारे मीर जाफर नहीं हैं? क्या हमारे बीच कई सारे गद्दार नहीं हैं? बीजेपी में अब वहां कौन हैं?.......";

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  14. Order of Hon’ble Madras High Court on imposition 144 of the cr.PC by Puducherry Government

    Order of Hon’ble Madras High Court on imposition 144 of the cr.PC by Puducherry Government
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 April 2021

  15. विभिन्न राज्यों की संसदीय/राज्‍य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी

    सं. 437/6/1/ईसीआ/अनु./प्रका./एमसीसी/2021                       दिनांकः 16 मार्च, 2021
     
    सेवा में,
    1.   मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 
    2.   मुख्य सचिवः- 
    क)   आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)  गुजरात, गांधीनगर;
    ग)   झारखंड, रांची;
    घ)   कर्नाटक, बेंगलूरू;
    ङ)    मध्य प्रदेश, भोपाल;
    च)   महाराष्ट्र, मुम्बई;
    छ)   मिजोरम, एजवाल;
    ज)   नागालैंड, कोहिमा;
    झ)  ओडिशा, भुवनेश्वर;
    ञ)   राजस्थान, जयपुर;
    ट)    तेलंगाना, हैदराबाद;
    ठ)    उत्तराखंड, देहरादून;
     
    3.   मुख्य निर्वाचन अधिकारीः- 
    क)   आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)  गुजरात, गांधीनगर;
    ग)   झारखंड, रांची;
    घ)   कर्नाटक, बेंगलूरू;
    ङ)    मध्य प्रदेश, भोपाल;
    च)   महाराष्ट्र, मुम्बई;
    छ)   मिजोरम, एजवाल;
    ज)   नागालैंड, कोहिमा;
    झ)  ओडिशा, भुवनेश्वर;
    ञ)   राजस्थान, जयपुर;
    ट)    तेलंगाना, हैदराबाद;
    ठ)    उत्तराखंड, देहरादून;
     
    विषय:-  विभिन्न राज्यों की संसदीय/राज्‍य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन-आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश-तत्‍संबंधी।
     
    महोदय,
    मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने दिनांक 16 मार्च, 2021 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./28/2021 के तहत विभिन्न राज्‍यों में निम्‍नलिखित संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन की अनुसूची की घोषणा की है:- 
    राज्‍य का नाम
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्‍या
    आन्ध्र प्रदेश
    23-तिरुपति (अ. जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    गुजरात
    125-मोरवा हडफ (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    झारखंड
    13-मधुपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    कर्नाटक
    2-बेलगाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    47-बासवकल्याण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    59-मास्की (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मध्य प्रदेश
    55-दमोह विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    महाराष्ट्र
    252-पंढरपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    मिजोरम
    26-सेरछिप (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    नागालैंड
    51-नोकसेन (अ. ज. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    ओडिशा
    110-पिपिली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    राजस्थान
    24-सुजानगढ़ (अ. जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    175- राजसमन्द विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    179-सहाड़ा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    तेलंगाना
    87-नागार्जुन सागर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    उत्तराखंड
    49-सल्ट विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    2.     आदर्श आचार संहिता के प्रावधान आयोग द्वारा दिनांक 29 जून, 2017 के इसके पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीसीएस तथा दिनांक 18 जनवरी, 2018 के पत्र सं. 437/6/विविध/ईसीआई/पत्र/प्रकार्या/एमसीसी/2017 और दिनांक 14 अक्तूबर, 2019 के पत्र सं. 437/6//विविध/ईसीआई/पत्र/प्रकार्या/एमसीसी/2019 (प्रति संलग्‍न) के तहत यथा जारी आंशिक संशोधनों के अध्‍यधीन उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिनमें उप-निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का सम्‍पूर्ण या कोई भाग अवस्थित है। 
    3.     इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।   
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 16 March 2021

  16. आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) की अवधि के दौरान निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन-तत्संबधी।

    सं. 437/6/ईसीआई/अनु./प्रका./एमसीसी/2021
    दिनांकः 14 मार्च, 2021      
     
    सेवा में,
           सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों
           के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
     
    विषयः आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) की अवधि के दौरान निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन-तत्संबधी। 
    महोदय/महोदया,      
           आयोग के नोटिस में यह आया है कि कुछ अवसरों पर स्टार प्रचारक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं कर रहे हैं और अभियान के दौरान स्वयं की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है कि कुछ मामलों में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (यथा संशोधित) (उदाहरण के लिए सीट बैल्ट, आदि लगाना) में यथा निर्धारित सुरक्षा प्रावधानों का भी पालन नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से कानून के अंतर्गत मौजूदा वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। 
    2.     आयोग ने समय-समय पर अभियान के दौरान सभी अभ्यर्थियों के बचाव और सुरक्षा पर बल दिया है। इस संबंध में, आयोग के दिनांक 09.04.1996 के पत्र सं. 437/6/96-पीएलएन-III और दिनांक 24.10.2007 के पत्र सं. 437/6/2007/पीएलएन.III (प्रतियां संलग्न हैं) की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जो गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यथा-निर्धारित Z + सुरक्षा कवर प्रदान किए गए व्यक्तियों द्वारा बुलेट प्रूफ कार का उपयोग निर्दिष्ट करता है। जिन स्टार प्रचारकों को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है, उन्हें किसी भी प्रकार की सुरक्षा में सेंध, जो उन्हें जोखिम में डाल सकती है, से बचने के लिए निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, स्टार प्रचारकों सहित सभी अभ्यर्थियों को हेलिकॉप्टर सहित किसी भी वाहन आदि के उपयोग के दौरान प्रासंगिक कानूनों के अंतर्गत यथा-निर्धारित अनुदेशों का पालन करना चाहिए ताकि किसी भी ऐसी अनहोनी या दुर्घटना से बचा जा सके, जो बड़े पैमाने पर व्यक्ति(यों) और/या जनता के जीवन और संपत्ति को खतरे में डाल सकती है। 
    3.    पूर्वोक्त को देखते हुए और स्टार प्रचारकों तथा अभ्यर्थियों की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देने के मद्देनजर, आयोग ने निदेश दिया है कि इन अनुदेशों को सख्त अनुपालन के लिए सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों तथा स्टार प्रचारकों के ध्यान में लाया जाना चाहिए, जो उनके स्वयं के हित में है और किसी भी अप्रिय घटना के मामले में सम्पूर्ण राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में साधारण कानून और व्यवस्था पर पड़ने वाली संभावित सनसनीखेज प्रभाव से संबंधित हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 16 March 2021

  17. उप-निर्वाचन- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु./प्रका./एमसीसी/2021
    दिनांक: 16 मार्च, 2021
     
    सेवा में,
    1.   मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 
    2.   सचिव, भारत सरकार, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग, सरदार पटेल भवन, नई दिल्ली। 
    3.   मुख्य सचिवः-
    क)   आंध्र प्रदेश सरकार, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)  गुजरात सरकार, गांधीनगर;
    ग)   झारखंड सरकार, रांची;
    घ)   कर्नाटक सरकार, बेंगलूरू;
    ङ)    मध्य प्रदेश सरकार, भोपाल;
    च)   महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई;
    छ)   मिजोरम सरकार, एजवाल;
    ज)   नागालैंड सरकार, कोहिमा;
    झ)  ओडिशा सरकार, भुवनेश्वर;
    ञ)   राजस्थान सरकार, जयपुर;
    ट)    तेलंगाना सरकार, हैदराबाद;
    ठ)    उत्तराखंड सरकार, देहरादून;
    4.   मुख्य निर्वाचन अधिकारी-
    क)   आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापूडी;
    ख)  गुजरात, गांधीनगर;
    ग)   झारखंड, रांची;
    घ)   कर्नाटक, बेंगलूरू;
    ङ)    मध्य प्रदेश, भोपाल;
    च)   महाराष्ट्र, मुम्बई;
    छ)   मिजोरम, एजवाल;
    ज)   नागालैंड, कोहिमा;
    झ)  ओडिशा, भुवनेश्वर;
    ञ)   राजस्थान, जयपुर;
    ट)    तेलंगाना, हैदराबाद;
    ठ)    उत्तराखंड, देहरादून;
     
    विषय: उप-निर्वाचन- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।
     
    महोदय,
             मुझे निर्वाचन आयोग के दिनांक 16 मार्च, 2021 के प्रेस नोट (ईसीआई की वेबसाइटः-"https://eci.gov.in/" पर उपलब्‍ध) का संदर्भ देने का निदेश हुआ है, जिसके द्वारा विभिन्न राज्यों के संसदीय/राज्य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचनों हेतु अनुसूची की घोषणा की गई है और यह कहने का निदेश हुआ है कि उप-निर्वाचनों की इस घोषणा के परिणामस्वरूप राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। 
    2.    सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के अंतर्गत निधियों को अवमुक्‍त करने के मामलों पर, उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता को लागू करने के संबंध में, आयोग के पत्र सं. 437/6/अनु./2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह भी उपबंध है कि-  
    क)   जिले के ऐसे किसी भी भाग में, जिसमें विधान सभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र स्थित हैं, जहां निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने तक निर्वाचन प्रक्रियाधीन है, सांसद (राज्‍य सभा सदस्‍य सहित) स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन कोई भी नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी। यदि निर्वाचन क्षेत्र राज्य की राजधानी/महानगरीय शहरों/नगर निगमों में शामिल हैं, तो उपरोक्त अनुदेश संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र में ही लागू होंगे। इसी प्रकार, निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक विधान सभा सदस्‍य/विधान परिषद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन, यदि कोई ऐसी योजना प्रचालन में है, नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी।
    ख)  ऐसे कार्य के संदर्भ में कोई कार्य शुरू नहीं किया जाएगा जिसमें इस पत्र के जारी होने से पहले कार्य आदेश तो जारी कर दिए गए हैं परन्‍तु फील्‍ड में वास्‍तव में काम शुरू नही हुआ है। ये कार्य निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्‍तव में शुरू हो चुका है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
    ग)   पूरे हो गए कार्य(र्यों) के लिए भुगतानों को जारी करने पर कोई रोक नहीं होगी बशर्ते संबंधित अधिकारी पूर्ण रूप से संतुष्‍ट हों।
    घ)   जहां योजनाएं अनुमोदित कर दी गई है तथा निधियां उपलब्‍ध करा या जारी कर दी गई हैं और सामग्रियों का प्रापण कर लिया गया है एवं कार्यस्‍थल पर पहुच गई हैं ऐसी योजनाएं कार्यक्रम के अनुसार कार्यान्वित की जा सकती हैं। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 16 March 2021

  18. Regarding implementation of ECI order dated 20.03.2021.

    Regarding implementation of ECI order dated 20.03.2021.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 24 March 2021

  19. General Election to the Legislative Assemblies of Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal and Puducherry, 2021 - Equitable opportunity to have access to advertisement spaces for election related advertisement

    General Election to the Legislative Assemblies of Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal and Puducherry, 2021 - Equitable opportunity to have access to advertisement spaces for election related advertisement

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 16 March 2021

  20. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और मलप्पुरम, केरल राज्य और कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचन – सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना।

    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या/एमसीसी/2021
    दिनांकः 26 फरवरी, 2021
     
    सेवा में
    1.      मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली
    2.      सचिव, भारत सरकार, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग, सरदार पटेल भवन, नई दिल्ली
    3.      निम्नलिखित सरकारों के मुख्य सचिवः-
    असम, दिसपुर; केरल, तिरूवनन्तपुरम; तमिलनाडु, चेन्नई; पश्चिम बंगाल, कोलकाता; पुदुचेरी, पुदुचेरी; 4.      मुख्य निर्वाचन अधिकारी
    असम, दिसपुर; केरल, तिरूवनन्तपुरम; तमिलनाडु, चेन्नई; पश्चिम बंगाल, कोलकाता; पुदुचेरी, पुदुचेरी  
    विषयः असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और मलप्पुरम, केरल राज्य और कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचन – सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना। 
    महोदय/महोदया, 
          मुझे निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/16/2021 और सं. ईसीआई/पीएन/17/2021 दोनों दिनांक 26 फरवरी, 2021 (प्रेस नोट आयोग की वेबसाइट "https:/eci.nic.in" पर उपलब्ध) का संदर्भ देने का निदेश हुआ है, जिनके द्वारा असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन, 2021 और मलप्पपुरम्, केरल राज्य और कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपनिर्वाचन की घोषणा किए जाने के परिणामस्वरूप आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता को लागू करने की घोषणा की है। 
    2.    आयोग ने यह अनुदेश दिया है कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के अधीन जारी निधियां निम्नलिखित प्रतिबंधों के अधीन होगीः-
    क)    संसद सदस्य (राज्य सभा सदस्यों सहित) स्थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि के अधीन देश के किसी भी भाग में, जहां निर्वाचन जारी है, में कोई भी नई निधि जारी नहीं की जाएगी। इसी प्रकार से, विधान सभा सदस्य/विधान परिषद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत, यदि ऐसी कोई योजना क्रियाशील हैं, निर्वाचन प्रक्रिया के समाप्त होने तक कोई भी नई निधि जारी नहीं की जाएगी।
    ख)    इस पत्र के जारी होने से पूर्व, जिन कार्यों के संबंध में कार्य आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं परंतु वास्तव में क्षेत्र में उन पर कार्य शुरू नहीं किया गया है, उनके लिए कोई कार्य शुरू नहीं किया जाएगा। ये कार्य निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्तव में शुरू कर दिया गया है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
    ग)    संबंधित अधिकारियों की पूर्ण संतुष्टि के अध्यधीन पूरे किए गए कार्य(र्यों) के लिए भुगतान करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
    घ)    जहां योजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है एवं निधियां उपलब्ध करवा दी गई हों या जारी कर दी गई हों और सामग्री अधिप्राप्त कर ली गई हो और उसे कार्यस्थल पर पहुंचा दिया गया हो, उन्हें कार्यक्रम के अनुसार निष्पादित किया जा सकता है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 March 2021

  21. आदर्श आचार संहिता लागू होना

    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या./एमसीसी/2021         
    दिनांक: 26 फरवरी, 2021
     
    सेवा में 
    मंत्रिमंडल सचिव,भारत सरकार,राष्ट्रपति भवन,नई दिल्ली।  मुख्य सचिव, असम सरकार, दिसपुर; केरल सरकार, तिरुवनन्तपुरम; तमिलनाडु सरकार, चेन्नई; पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता; पुडुचेरी सरकार, पुडुचेरी मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम, दिसपुर; केरल, तिरुवनन्तपुरम; तमिलनाडु, चेन्नई; पश्चिम बंगाल, कोलकाता; पुडुचेरी, पुडुचेरी विषय : आदर्श आचार संहिता लागू होना-असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी  की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन और मलप्पुरम, केरल राज्य तथा कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।
    महोदय/महोदया, 
    मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए तथा मलप्पुरम, केरल राज्य और कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के लिए उप-निर्वाचनों को आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है (प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./16/2021 और सं. ईसीआई/प्रे. नो./17/2021, दोनों दिनांक 26 फरवरी, 2021 जो आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/ पर उपलब्ध है)। 
    2.     इस घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और तब तक लागू रहेंगे जब तक कि उपर्युक्त राज्यों में साधारण निर्वाचन सम्पन्न न हो जाएं। इसे केन्द्र और राज्य सरकार, और केन्‍द्र सरकार/राज्‍य सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों के ध्‍यान में लाया जाए। आपके द्वारा इस आशय के निमित्त जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति सूचना एवं रिकार्ड हेतु भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाए। 
    3.     आपका ध्‍यान ‘सत्‍तासीन दल’ से संबंधित आदर्श आचार संहिता के विशेष उपबंधों की ओर आकृष्‍ट किया जाता है जिसमें, अन्‍य बातों के साथ-साथ, यह कहा गया है कि सत्तासीन दल, चाहे केन्‍द्र में या संबंधित राज्‍य में, यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी ऐसी शिकायत के लिए कोई कारण न दिया जाए कि उसने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिए और विशेष रूप से निम्नलिखित के लिए अपनी आधिकारिक हैसियत का प्रयोग किया है
     (i)    (क) मंत्री अपने अधिकारिक दौरे को निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य से नहीं मिलाएंगे और निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य के दौरान अधिकारिक तंत्र या कार्मिक का उपयोग भी नहीं करेंगे;
           (ख) सरकारी हवाई-जहाज, वाहनों सहित सरकारी परिवहन, तंत्र एवं कार्मिक का उपयोग सत्तासीन दल के हित को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जाएगा;
    (ii)    निर्वाचन सभाओं को आयोजित करने के लिए सार्वजनिक स्‍थानों जैसे मैदानों आदि के उपयोग और निर्वाचनों के संबंध में एयर-फ्लाइट के लिए हैलीपैड के प्रयोग पर इसके द्वारा एकाधिकार नहीं जमाया जाएगा। अन्‍य दलों और अभ्‍यर्थियों को उन्‍हीं शर्तों एवं निबंधनों पर ऐसे स्‍थानों एवं सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी जिन पर सत्तासीन दल द्वारा उनका उपयोग किया जाता है;
    (iii)    जहां के लिए निर्वाचनों की घोषणा हुई है या जहां निर्वाचन हो रहे हैं, वहां के विश्राम गृह, डाक बंगला या अन्‍य सरकारी आवास उन राजनैतिक पदाधिकारियों को, समयपूर्ण आधार पर दिए जा सकते हैं जिन्हें विभिन्न राज्य सरकारों या केन्द्र सरकार द्वारा अपने कानूनों के उपबंधों के तहत राज्य द्वारा जेड स्केल या उससे ऊपर या समकक्ष स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसा आवास पहले से ही निर्वाचन सम्बन्धी अधिकारियों या प्रेक्षकों को आबंटित न हो या उनके द्वारा धारित न हो। सरकारी आवास गृह/विश्राम गृह या अन्य सरकारी आवास इत्यादि में ठहरने के समय ऐसे राजनैतिक पदाधिकारी कोई राजनैतिक गतिविधि नहीं करेंगे।
    (iv)   समाचार पत्रों और अन्‍य मीडिया में सरकारी राजकोष की लागत से विज्ञापन जारी करने और सत्तासीन दल की प्रत्‍याशाओं को आगे बढ़ाने की दृष्टि से उपलब्धियों के बारे में राजनैतिक समाचारों के पक्षपाती कवरेज और प्रचार के लिए निर्वाचन अवधि के दौरान आधिकारिक जन संचार माध्यमों के दुरुपयोग से अति सतर्कतापूर्वक बचा जाना चाहिए;
    (v)    मंत्री और अन्य प्राधिकारी, आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा किए जाने के समय से विवेकाधीन निधियों में से अनुदानों/भुगतानों को स्‍वीकृति प्रदान नहीं करेंगे; और
    (vi)    आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से, मंत्री और अन्‍य प्राधिकारी –
    (क) किसी रूप में कोई वित्तीय अनुदानों की घोषणा नहीं करेंगे या उनके लिए वचन नहीं देंगे; या
    (ख) किसी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशिला आदि नहीं रखेंगे (सिविल सेवकों के सिवाय); या
    (ग) सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं की व्‍यवस्‍था आदि के बारे में कोई वचन नहीं देंगे; या
    (घ) सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई तदर्थ नियुक्तियां नहीं करेंगे, जिनका सत्तासीन दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रभाव हो। 
    4.     जैसा कि उपर्युक्‍त पैरा 3{खंड IV} से देखा जा सकता है, सरकारी राजकोष की लागत पर सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि कोई विज्ञापन पहले ही प्रसारण हेतु जारी किया जा चुका है या प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हो चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया में ऐसे विज्ञापनों के प्रसारण को तत्काल रोक दिया जाए और यह कि आज से ही ऐसा कोई विज्ञापन किसी समाचारपत्र, पत्रिका आदि अर्थात प्रिंट मीडिया में प्रकाशित न किया जाए और उन्हें तत्काल वापस ले लिया जाए। 
    5.      आयोग के दिनांक 5 मार्च, 2009 के पत्र सं. 437/6/2009-सीसीबीई में अंतर्विष्ट अनुदेश आपकी सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु आयोग की वेबसाइट “https://eci.gov.in/” पर ‘महत्वपूर्ण अनुदेश’ नामक शीर्षक के अन्तर्गत उपलब्‍ध हैं। इस लिंक पर आपके मार्गदर्शन के लिए आयोग के अन्‍य सभी अनुदेश भी उपलब्‍ध हैं। 
    6.     आयोग यह भी निदेश देता है कि निर्वाचन के संचालन से संबंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण पर पूरी रोक रहेगी। इनमें निम्‍नलिखित सम्मिलित हैं किंतु ये वहीं तक सीमित नहीं हैं:-
    (i)       मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी और अपर/संयुक्‍त/उप मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी;
    (ii)       प्रभागीय आयुक्‍त;
    (iii)      जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं निर्वाचनों के संचालन से जुड़े अन्य राजस्‍व अधिकारी;
    (iv)      निर्वाचनों के प्रबंधन से जुड़े पुलिस विभाग के अधिकारी यथा, रेंज महानिरीक्षक एवं उप महानिरीक्षक, वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी यथा, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्‍य पुलिस अधिकारी, जिन्हें लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 28क के अधीन आयोग में प्रतिनियुक्‍त किया गया है;
    (v)       निर्वाचन की घोषणा की तारीख से पूर्व उपर्युक्‍त श्रेणियों के अधिकारियों की बाबत निर्गत किंतु आज की तारीख तक कार्यान्वित नहीं किए गए स्‍थानान्‍तरण आदेशों को इस संबंध में आयोग से विशिष्‍ट अनुमति लिए बिना लागू नहीं किया जाना चाहिए;
    (vi)      यह रोक निर्वाचन के पूरा होने तक प्रभावी रहेगी। आयोग यह भी निदेश देता है कि राज्‍य सरकारों को ऐसे वरिष्‍ठ अधिकारियों का स्‍थानान्‍तरण करने से बचना चाहिए जिनकी राज्‍य में निर्वाचन के प्रबंधन में भूमिका है।
    (vii)      ऐसे मामलों में, जिनमें प्रशासनिक अत्‍यावश्‍यकताओं के कारण किसी अधिकारी का स्‍थानान्‍तरण आवश्‍यक है, संबंधित राज्‍य सरकार को पूर्व अनुमोदन के लिए पूर्ण औचित्‍य के साथ आयोग से संपर्क कर सकती है। 
    7.    कृपया इस पत्र की पावती भेजी जाए। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 March 2021

  22. Immediate action to be taken for enforcement of Model Code of Conduct

    Immediate action to be taken for enforcement of Model Code of Conduct after announcement of General Elections to the Legislative Assemblies of Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal and Puducherry, 2021 and Bye elections to the Parliamentary Constituencies of Malappuram, Kerala State and Kanniyakumari, Tamil Nadu State - regarding.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 March 2021

  23. राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यरत निर्वाचन अधिकारियों की सुरक्षा के संबंध में आयोग के निदेश–तत्संबंधी। 

    सं. 154/2020
    दिनांकः 15.01.2021
     
    सेवा में,
    मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के सचिव सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी।  
    विषयः राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यरत निर्वाचन अधिकारियों की सुरक्षा के संबंध में आयोग के निदेश–तत्संबंधी। 
    महोदय/महोदया, 
          देश में संसद और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के सभी निर्वाचनों तथा राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों के संचालन की तथा निर्वाचक नामावलियों को तैयार करने के अधीक्षण, निदेश और नियंत्रण की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निर्वाचन आयोग में निहित है। 
    2.    आयोग लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 13क के अंतर्गत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के परामर्श से, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी नामित करता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आयोग के निर्वाचन संबंधी विविध कार्यों को करने के लिए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में आयोग के अनिवार्य रूप से एक विस्तार की भांति है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त हो जाने पर, वह निर्वाचन आयोग के सीधे नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अंतर्गत आ जाता है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13ग ग के अधीन तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 13क के अंतर्गत निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर रहता है। 
    3.    आयोग उपरोक्त उद्देश्यों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में अपर/संयुक्त/उप/सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य पदाधिकारियों सहित सहायक पदाधिकारियों को भी नियुक्त करता है जो उपरोक्त प्रावधानों के तहत आयोग में प्रतिनियुक्ति पर होते हैं। 
    4.    आयोग ने निर्वाचनोत्तर अवधि में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, अतिरिक्त/संयुक्त/उप/सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के उत्पीड़न की कुछ घटनाओं को नोट किया है। कई बार राज्य सरकार में उनके पूर्ववर्ती कार्यकाल के लिए उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद सारहीन आधारों पर अनुशासनात्मक मामलों के आरोप लगाकर उन्हें राजनैतिक प्रतिशोध के लिए निशाना बनाया जाता है। यह जताने के लिए डर का माहौल बनाया जाता है कि ईमानदार, दृढ़ और सत्यनिष्ठ अधिकारियों से किसी भी समय आधारहीन आरोप लगाकर बदला लिया जा सकता है। 
    5.    ऐसे परिदृश्य में ये अधिकारी न केवल हतोत्साहित हो जाते हैं, बल्कि उनका मनोबल भी बहुत गिर जाता है, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के उनके प्रयास बुरी तरह प्रभावित होते हैं। यदि इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो एक ऐसी स्थिति बन जाएगी, जहां अधिकारीगण मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के लिए अनिच्छुक होंगे और जिन लोगों को नियुक्त किया जाएगा, वे निर्वाचन के बाद के चरण में निष्पक्ष व्यवहार की अनिश्चितता का सामना करेंगे। 
    6.    निर्वाचन ड्यूटी पर किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले की भारत का माननीय उच्चतम न्यायालय लंबे अरसे से संवीक्षा कर रहा था। माननीय न्यायालय ने दिनांक 21.09.2000 के अपने आदेश द्वारा वर्ष 1993 की रिट याचिका (सि) सं. 606 (भारत निर्वाचन आयोग बनाम भारत संघ और अन्य) में यह अभिनिर्धारित किया कि निर्वाचन ड्यूटी पर अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा न तो कोई कार्रवाई शुरू की जा सकती है और न ही सरकार चूककर्ता अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए इसकी सलाह पर कार्रवाई से इंकार कर सकती है। शीर्ष न्यायालय के निर्णय के परिणामस्वरूप, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने भी अपने दिनांक 07 नवंबर, 2000 के का. ज्ञा. सं. 11012/7/98-स्था.(क) के तहत निर्वाचन ड्यूटी हेतु प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों पर निर्वाचन आयोग का अनुशासनात्मक नियंत्रण स्थापित करने के लिए तदनुसार अनुदेश जारी किए हैं। इसे  डीओपीटी के दिनांक 20 मार्च, 2008 के का.ज्ञा.सं. 11012(4)/2008-स्था.(क) और दिनांक 28 जुलाई, 2008 के का.ज्ञा. सं. 11012(4)/2008-स्था.(क) के तहत दोहराया और स्पष्ट किया गया है। 
    7.    उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए, निर्वाचन आयोग का यह सुविचारित मत है कि प्रेरित उत्पीड़न से निर्वाचन अधिकारियों को सकारात्मक संरक्षण आवश्यक है, ताकि निर्वाचन अधिकारियों को स्वतंत्र, निष्पक्ष, तटस्थ और निर्भीक तरीके से निर्वाचकीय कार्यों को निष्पादित करने में सक्षम बनाया जा सके। तदनुसार, आयोग ने निम्नानुसार निदेशित किया हैः- 
    (i) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी तक के अन्य अधिकारियों के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान और कार्यकाल की समाप्ति से एक वर्ष की अवधि तक किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई को शुरू करने से पहले निरपवाद रूप से आयोग का पूर्व-अनुमोदन लेंगी। 
    (ii) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकारें अपने कर्तव्यों के उचित निर्वहन के लिए सीईओ के कार्यालय को प्रदान की जाने वाली अन्य सुविधाएं जैसे वाहन; सुरक्षा और अन्य सुविधाएं/सहूलियतें कम नहीं करेंगी। 
    8.    आयोग को पूरी उम्मीद है कि सभी संबंधित इस नियम का कड़ाईपूर्वक पालन करेंगे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 February 2021

  24. श्री कमल नाथ, पूर्व सीएम, मध्य प्रदेश को आदेश

    सं. 100/एमपी-एलए/2020-(बाय.)
    दिनांक: 30 अक्तूबर,  2020
    आदेश  
    यत:, आयोग द्वारा  मध्यप्रदेश की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/67/2020 के माध्यम से दिनांक 29 सितंबर, 2020 को घोषित कर दिए गए थे और उक्त प्रेस नोट के पैरा 4 के अनुसार आदर्श आचार संहिता के उपबंध उसी तारीख से लागू कर दिए गए थे; और   
    2.    यत:, आदर्श आचार संहिता के भाग 1 के उप पैरा (1) में उल्लेख है कि ‘कोई भी दल या अभ्यर्थी किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो वर्तमान मतभेदों को बढ़ाए या आपसी घृणा पैदा करे या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच धार्मिक या भाषायी तनाव पैदा करे; और        
    3.    यत:, आदर्श आचार संहिता के भाग 1 के उप पैरा (2) में उल्लेख है कि, अन्य बातों के साथ-साथ, ‘सभी दल और सभी अभ्यर्थी दलों के नेताओं अथवा कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी के उन सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचेंगे जो उनकी सार्वजनिक गतिविधियों से संबद्ध न हों’; और    
    4.    यत:, आयोग को भारतीय जनता पार्टी (म.प्र.) से और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से भी शिकायतें मिली हैं कि श्री कमल नाथ, नेता प्रतिपक्ष, मध्य प्रदेश विधान सभा ने एक महिला अभ्यर्थी के लिए “आइटम” शब्द का प्रयोग किया है।         
    5.    यत:, आयोग ने श्री कमलनाथ को उक्त कथन के कहे जाने के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक अवसर प्रदान करते हुए दिनांक 21.10.2020 के नोटिस के माध्यम से एक नोटिस जारी किया। इस मामले में उनके द्वारा दिनांक 22.10.2020 को एक उत्तर प्रस्तुत किया गया था।     
    6.           यत:,  श्री कमल नाथ का उक्त उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया था और इसलिए  आयोग ने, ‘राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण’ के भाग I  के पैरा (2) में अंतर्विष्ट उपबंधों का उल्लंघन करने और मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चल रहे उप-निर्वाचनों के दौरान आयोग द्वारा दिनांक 29 अप्रैल, 2019 के  अपने पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/ईसीआई/एफएनसीटी/एमसीसी/2019 के माध्यम से जारी की गई परामर्शिका (एडवायजरी) का सम्मान न करने के लिए श्री कमल नाथ को दिनांक 26.10.2020 का एक परामर्शिका आदेश जारी किया।  
    “आयोग का सुविचारित मत है कि श्री कमल नाथ ने एक महिला के लिए “आइटम” शब्द का प्रयोग किया है और यह आयोग द्वारा जारी परामर्शिका का उल्लंघन है--------- 
    अब, इसलिए, आयोग, श्री कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश को एतद्द्वारा सलाह देता है कि सार्वजनिक रूप से बोलते समय उन्हें आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान ऐसे शब्द या कथन का प्रयोग नहीं करना चाहिए ”; और       
    7.    यत:, भारतीय जनता पार्टी (मध्य प्रदेश) से एक और शिकायत आयोग के ध्यान में लाई गई है कि श्री कमल नाथ ने 13.10.2020 को कहा है कि “शिवराज नौटंकी के कलाकार, मुम्बई जाकर एक्टिंग करें”; और   
    8.    यत:, आयोग ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचक अधिकारी, मध्य प्रदेश से एक रिपोर्ट मांगी। इस संबंध में मुख्य निर्वाचक अधिकारी, मध्य प्रदेश ने श्री कमल नाथ के दिनांक 13.10.2020 के भाषण का प्रतिलेख, जिसमें श्री कमल नाथ ने कहा है कि “आपके भगवान तो वो माफिया हैं जिससे आपने मध्य प्रदेश की पहचान बनाई आपके भगवान तो मिलावट खोर हैं।” के साथ एक रिपोर्ट भेजी है। मुख्य निर्वाचक अधिकारी, मध्य प्रदेश की रिपोर्ट भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की पुष्टि करती है; और        
    9.    यत:, निर्वाचनों से पहले प्रचार के दौरान सबको समान अवसर प्रदान करने के साथ-साथ नैतिक और गरिमापूर्ण व्यवहार बनाए रखने के लिए सभी राजनैतिक दलों की सहमति से आदर्श आचार संहिता अनेक दशकों में विकसित हुआ है; और    
    10.   यत:, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राजनैतिक दल के नेताओं (स्टार प्रचारकों) की एक सूची  दिनांक 19.10.2020 के पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई थी, जिसमें मध्य प्रदेश विधान सभा, 2020 के उप-निर्वाचन के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) के तहत श्री कमल नाथ का नाम क्रम संख्या-3 पर रखा गया था; और
    11.   यत:, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और यह अवलोकन करके नाराजगी व्यक्त की है कि श्री कमल नाथ एक राजनैतिक दल के नेता होने के बावजूद आदर्श आचार संहिता के उपबंधों का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं तथा नैतिक और गरिमापूर्ण व्यवहार का अतिक्रमण कर रहे हैं; और  
    12. अत:, अब, आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने और उन्हें जारी की गई परामर्शिका का पूरी तरह से निरादर करने के लिए आयोग, एतद्द्वारा मध्य प्रदेश विधान सभा, 2020 के लिए चल रहे उप-निर्वाचनों के लिए श्री कमल नाथ, पूर्व मुख्य मंत्री, मध्य प्रदेश को प्राप्त राजनैतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) के दर्जे को तत्काल प्रभाव से वापस लेता है।  
    13.   फलस्वरूप, जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी द्वारा श्री कमल नाथ को स्टार प्रचारक के रूप में कोई भी अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, श्री कमल नाथ द्वारा यदि अब आगे कोई प्रचार अभियान चलाया जाता है तो, यात्रा करने, ठहरने, दौरे इत्यादि से संबंधित संपूर्ण खर्च पूरी तरह से उस अभ्यर्थी के द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार अभियान चलाया जाता है।                       

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 03 November 2020

  25. श्री गिर्राज दण्डोतिया, बीजेपी अभ्यर्थी को नोटिस

    सं. 100/मध्य प्रदेश–वि.स./2020-(उप)
    दिनांकः 30 अक्तूबर, 2020
     
    नोटिस 
    यतः, आयोग द्वारा दिनांक 29 सितम्बर, 2020 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./67/2020 के तहत मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए उप-निर्वाचनों की घोषणा की गई थी और उक्त प्रेस नोट के पैरा 4 के अनुसार आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्त तारीख से लागू हो गए हैं; और 
    2.    यतः, आदर्श आचार संहिता के भाग I के उप पैरा (1) में यह प्रावधान है कि ‘किसी भी दल अथवा अभ्यर्थी को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए जो विभिन्न जातियों एवं समुदायों, विभिन्न धर्मों या अन्य भाषा भाषियों के बीच मौजूदा मतभेदों को बढ़ाए या परस्पर घृणा उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे’; और 
    3.    यतः, मध्य प्रदेश, मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा श्री गिर्राज दण्डोतिया, 07-दिमनी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी अभ्यर्थी द्वारा दिनांक 22/10/2020 को स्वराज एक्सप्रेस को दिए गए साक्षात्कार पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है तथा उक्त को वीडियो क्लिप और अधिकृत प्रतिलेख अनुलग्नक-I के साथ निम्नानुसार प्राप्त किया गया है: 
    "जब आयटम कहोगे किसी की पत्नी को, यहाँ आयटम कह दिया जाएगा, यहाँ मान्समर जाएगो, यहाँ गोलियाँ चल जाएंगी। किसी की बहन को आयटम कह देखोगे, यहाँ खून की नदियाँ बह जाएंगी। कमलनाथ जिंदा निकल गये, अपने आपको बहुत समझे, अगर जेबात यहाँ पर कह देते तो मैं कहता हूँ कि जिंदा नहीं जा पाते, कमलनाथ यहाँ से, चम्बल से।" 
    4.    यतः, श्री गिर्राज दण्डोतिया द्वारा दिए गए भाषण के प्रतिलेख (ट्रांसक्रिप्ट) की आयोग में जांच की गई है और उनके बयान को राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन हेतु आदर्श आचार संहिता के ‘साधारण संचालन’ के भाग I के उप पैरा (1) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है; और  
    5.    अब, इसलिए, आयोग श्री गिर्राज दण्डोतिया को एक अवसर देता है कि वह इस नोटिस की प्राप्ति के 48 घंटों के भीतर दिए गए उपर्युक्त बयान के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर भारत निर्वाचन आयोग इनका आगे संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 03 November 2020

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

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