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वर्तमान मुद्दे

1,330 files

  1. Readjustment of Representation of Scheduled Castes and Scheduled Tribes in Parliamentary and Assembly Constituencies Ordinance, 2013- Readjustment of SC/ST Seats in Uttar Pradesh Publication of Commission's draft proposal on 5th December, 2013- Rescheduli

    Readjustment of Representation of Scheduled Castes and Scheduled Tribes in Parliamentary and Assembly Constituencies Ordinance, 2013- Readjustment of SC/ST Seats in Uttar Pradesh Publication of Commission's draft proposal on 5th December, 2013- Rescheduling of Public sitting at Jhansi-regarding.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 24 December 2013

  2. Commission's Notice to Shri Harish Rawat

    Commission's Notice to Shri Harish Rawat
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Sunday 30 March 2014

  3. General Election to the Legislative Assemblies of Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal and Puducherry, 2021 - Equitable opportunity to have access to advertisement spaces for election related advertisement

    General Election to the Legislative Assemblies of Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal and Puducherry, 2021 - Equitable opportunity to have access to advertisement spaces for election related advertisement

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 16 March 2021

  4. Notification 02.04.2014 issued under Sections 30 and 56 of the Representation of the People Act, 1951

    Notification 02.04.2014 issued under Sections 30 and 56 of the Representation of the People Act, 1951
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 02 April 2014

  5. General election to Lok Sabha and State Legislative Assemblies, 2019 - Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll– regarding.

    General election to Lok Sabha and State Legislative Assemblies, 2019 - Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll– regarding.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 03 May 2019

  6. Readjustment of Representation of Scheduled Castes and Scheduled Tribes in Parliamentary and Assembly Constituencies on the basis of revised census figures, 2001 of Scheduled Castes and Scheduled Tribes in respect of the State of Uttar Pradesh.

    Readjustment of Representation of Scheduled Castes and Scheduled Tribes in Parliamentary and Assembly Constituencies on the basis of revised census figures, 2001 of Scheduled Castes and Scheduled Tribes in respect of the State of Uttar Pradesh.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 13 January 2014

  7. भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय में प्रतिनियुक्ति आधार पर रू. 5,400/- के तदनरूपी ग्रेड़ वेतन सहित रू.15,600-39,100/- के वेतन बैंड-3 में भारत निर्वाचन आयोग में प्रलेखन अधिकारी का एक पद प्रतिनियुक्ति आधार पर भरा जाना।

    भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय में प्रतिनियुक्ति आधार पर रू. 5,400/- के तदनरूपी ग्रेड़ वेतन सहित रू.15,600-39,100/- के वेतन बैंड-3 में भारत निर्वाचन आयोग में प्रलेखन अधिकारी का एक पद प्रतिनियुक्ति आधार पर भरा जाना।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 October 2016

  8. मेघालय, नागालैण्ड और त्रिपुरा राज्‍यों की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन- अधिकारियों का स्‍थानांतरण/तैनाती-तत्‍संबंधी।

    मेघालय, नागालैण्ड और त्रिपुरा राज्‍यों की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन- अधिकारियों का स्‍थानांतरण/तैनाती-तत्‍संबंधी। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 05 November 2022

  9. अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों के निर्वाचन व्यय-निर्वाचन प्रचार के प्रयोजनार्थ विदेशी दौरों पर जाने हेतु यात्रा व्‍यय – तत्‍संबंधी।

    अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों के निर्वाचन व्यय-निर्वाचन प्रचार के प्रयोजनार्थ विदेशी दौरों पर जाने हेतु यात्रा व्‍यय – तत्‍संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 30 April 2016

  10. रिटर्निंग अधिकारियों के लिए सर्टिफिकेशन कोर्स के संचालन हेतु विशेषज्ञों को हायर करना – तत्‍संबंधी।

    रिटर्निंग अधिकारियों के लिए सर्टिफिकेशन कोर्स के संचालन हेतु विशेषज्ञों को हायर करना – तत्‍संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 September 2016

  11. चार अर्हक तारीखों के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियां तैयार करना-तत्संबंधी।

    सं. 23/अनु./2022-ईआरएस
    दिनांक: 12 जुलाई, 2022
    सेवा में,
          सभी राज्‍यों/संघ राज्‍य-क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
     
    विषय: चार अर्हक तिथियों के संबंध में निर्वाचक नामावली की तैयारी – तत्‍संबंधी। 
    संदर्भ- (i) विधि और न्‍याय मंत्रालय द्वारा दिनांक 30 दिसम्‍बर, 2021 की अधिसूचना।
    (ii) विधि और न्‍याय मंत्रालय द्वारा दिनांक 17 जून 2022 की अधिसूचना।
    (iii) आयोग के दिनांक 14 फरवरी, 2019 का पत्र संख्‍या 23/पत्र/ईसीआई/प्रकार्या/ ईआरडी-ईआर/2019, और
    (iv) दिनांक 23 जून, 2022 का पत्र सं. 3/ईआर/2021/एसडीआर/खण्‍ड-।।
    (v) दिनांक 27 जून, 2022 का पत्र सं. 22/2/2022-ईआरएस
    (vi) दिनांक 14 सितम्‍बर, 2021 का पत्र सं. 23/2021-ईआरएस (मा‍सिक पूलिंग) 
    महोदया/महोदय,
    मुझे उद्धृत विषय का उल्लेख करने और यह बताने का निदेश हुआ है कि वर्ष की 01 जनवरी की अर्हक तिथि के रूप में निर्वाचक नामावली  तैयार करने के लिए एक व्यापक प्रणाली पहले से ही मौजूद है। हाल ही में, संसद ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किया है, जिसकी सूचना आयोग के दिनांक 23 जून, 2022 के पत्र सं. 3/ईआर/2021/एसडीआर/खण्‍ड-।। के माध्यम से मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को दी गई है। इन संशोधनों में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 14(ख) में किए गए संशोधन शामिल हैं जो निर्वाचक नामावली में नागरिकों के रजिस्‍ट्रीकरण के लिए पात्रता निर्धारित करने की अर्हक तिथि से संबंधित है। इस संशोधन के परिणामस्‍वरूप 01 जनवरी की एक अर्हक तिथि के स्थान पर चार अर्हक तिथियां अर्थात 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर लागू होंगी।
    2. उपर्युक्‍त विधिक संशोधनों के अनुसरण में, निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण नियम, 1960 में निम्नलिखित परिणामी संशोधन किए गए हैं:-
    i.   निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण नियम, 1960 के नियम 26 का उप-नियम 1(क):-
    ii.  वर्ष की जनवरी के प्रथम दिन, अप्रैल के प्रथम दिन, जुलाई के प्रथम दिन, अक्‍तूबर के प्रथम दिन, की अर्हक तारीखों के संदर्भ में उप-नियम (1) में यथोलिखित ऐसे प्रत्‍येक आवेदन को रजिस्‍ट्रीकरण ऑफिसर के पास ऐसी रीति से प्रस्‍तुत किया जाएगा, जैसा निर्वाचन आयोग निदेश दे। 
    निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण नियम, 1960 का नियम 26क:- 
    i.  ‘‘(26क) उप-नियम 1(क), में यथा विनिर्दिष्‍ट अर्हक तारीखों के संदर्भ में तैयार की गई संशोधनों की सूची पिछली अंतिम रूप से प्रकाशित नामावली के साथ आमेलित तथा एकीकृत की जाएगी तथा प्रत्‍येक साधारण निर्वाचन और उप-निर्वाचन से पहले नियम 10 के अधीन प्रारूप निर्वाचक नामावली के रूप में प्रकाशित की जाएगी तथा निर्वाचन आयोग के यथा निर्देशानुसार उक्‍त निर्वाचन की निकटतम अर्हक तारीख के संदर्भ में जनसाधारण की जानकारी के लिए सार्वजनिक डोमेन में डाली जाएगी’’। 
    3. अर्हक तारीखों से संबंधित सांविधिक प्रावधानों में उपर्युक्‍त संशोधनों ने विधानसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली को तैयार करने/पुनरीक्षण की मौजूदा प्रक्रिया में बदलाव लाने को आवश्‍यक बना दिया है। नई प्रणाली की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
    (i) अर्हक तिथि के रूप में वर्ष की 01 जनवरी के संदर्भ में वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण किया जाएगा।
    (ii) निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी, निर्वाचन रजिस्‍ट्रीकरण नियम 1960 के प्रपत्र-5 में प्रारूप निर्वाचक नामावली के प्रकाशन की सूचना जारी करते समय अगले कैलेंडर वर्ष की सभी चार उत्‍तरवर्ती अर्हक तिथियों के संबंध में दावे और आपत्तियां आमंत्रित करेंगे।
    (iii) उत्‍तरवर्ती अर्हक तिथियों यानी 01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर के संदर्भ में रजिस्‍ट्रीकरण के लिए पात्र होने वाले भावी आवेदक भी वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान अग्रिम में प्ररूप -6 में अपना दावा प्रस्‍तुत कर सकते हैं।
    दूसरे शब्दों में, जो नागरिक उपर्युक्‍त चार अर्हक तिथियों के संदर्भ में पात्र हो जाएंगे, उन्हें  वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान रजिस्‍ट्रीकरण के लिए अपना अग्रिम आवेदन दाखिल करने की सुविधा दी गई है और यह वर्ष की 01 जनवरी के संदर्भ से निर्वाचक नामावली के प्रारूप प्रकाशन की भी तिथि से प्रारंभ होगी।
    (iv) इस प्रकार प्राप्त सभी प्रपत्रों को संबंधित अर्हक तिथि के संदर्भ में आवेदकों की जन्म तिथि के आधार पर तिमाही-वार अलग-अलग किया जाएगा। 
    (v) 1 जनवरी की अर्हक तिथि से संबंधित अग्रिम आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी, निर्णय लिया जाएगा और निर्वाचक नामावली को अंतिम प्रकाशन में अद्यतन किया जाएगा। 
    (vi) वार्षिक संक्षिप्‍त पुरीक्षण के दौरान उत्‍तरवर्ती अर्हक तिथियों के संबंध में प्राप्‍त अग्रिम दावों और अंतिम प्रकाशन के उपरान्‍त प्राप्‍त अग्रिम/नियमित दावों को अधिमानत: संबंधित तिमाहियों के पहले महीनों में संबंधित तिमाहियों के दौरान निरंतर अद्यतनीकरण के तहत निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा प्रोसेस करने के लिए लिया जाएगा। उत्‍तरवर्ती तिमाहियों के दौरान निर्वाचक नामावली तैयार करने में निर्वाचक नामावली का साधारण निरंतर अद्यतनीकरण शामिल होगा, यद्यपि यह नई अर्हक तिथियों के साथ होगा। दूसरे शब्दों में, जो आवेदक वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान प्रपत्र -6 में अपने अग्रिम दावे दाखिल नहीं कर सके, उन्हें कैलेंडर वर्ष की बाद की तिमाहियों में दावे दाखिल करने से रोका नहीं जाएगा। वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान अग्रिम दावा दाखिल करने की प्रक्रिया युवा नागरिकों को प्रदान की जाने वाली एक अतिरिक्त सुविधा है। 
    4. निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण की प्रक्रिया की व्‍याख्‍या निम्नलिखित पैराग्राफों में विस्तार से  की गई है:
    क. वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण:- जैसा कि वर्तमान में किया जा रहा है, आयोग अगले वर्ष की पहली जनवरी के संबंध में आने वाले कैलेंडर वर्ष की निर्वाचक नामावली तैयार करने के लिए लगभग अगस्त माह में वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण का आदेश देगा। अगले कैलेंडर वर्ष में सभी चार अर्हक तिथियों के संदर्भ में अग्रिम दावों को दाखिल करने के लिए युवा नागरिकों के लिए वार्षिक संक्षिप्‍त संशोधन की सुविधा होगी।
    (i) संशोधन-पूर्व गतिविधियाँ- वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के इस कार्यक्रम में सभी संशोधन-पूर्व गतिविधियाँ शामिल होंगी, जैसे कि डीएसई/पीएसई को हटाना, पते/अनुभागों का मानकीकरण, मतदान केंद्रों का युक्तिकरण, अनुपूरक सूची तैयार करना, निर्वाचक नामावली का एकीकरण, निर्वाचक नामावली का प्रारूप तैयार करना, प्रारूप 1-8 तैयार करना आदि। 
    (ii) प्रारूप प्रकाशन- प्रारूप प्रकाशन के समय, पिछली अर्हक तिथि के संबंध में अंतिम अद्यतन नामावली, साथ ही निरंतर अद्यतनीकरण की अनुपूरक [विभिन्न अर्हक तिथियों (जैसा लागू हो) के लिए वर्तमान संशोधन के लिए प्रारूप निर्वाचक नामावली के प्रकाशन तक की तैयारी] और निर्वाचक नामावली में पंजीकृत परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ लाकर एकीकृत और सम्मिलित किया जाएगा। प्रारूप नामावली में, विलोपित प्रविष्टियों को हटाने और परिवार के सदस्यों की प्रविष्टियों को एक ही साथ रखने के बाद सभी प्रविष्टियों का पुन: क्रमांकन किया जाएगा। हालांकि परिवर्धन, विलोपन और आशोधन अनुपूरक, निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा ईआरओ-नेट के माध्यम से तैयार किया जाएगा और केवल भावी संदर्भ के लिए रिकॉर्ड में रखा जाएगा। एकीकृत प्रारूप निर्वाचक नामावली की प्रति को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा और मौजूदा प्रावधानों के तहत वेबसाइट पर डाला जाएगा। 
    (iii) दावे और आपत्तियां- अनुसूची के अनुसार, निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) प्रपत्र -5 में नोटिस जारी करेंगे और अगले कैलेंडर वर्ष की सभी चार अर्हक तिथियों के संदर्भ से प्रारूप निर्वाचक नामावली पर औपचारिक रूप से दावे और आपत्तियां आमंत्रित करेंगे। 
    i. संबंधित अर्हक तिथियों के संदर्भ में प्रपत्रों को, आवेदकों द्वारा दी गई जन्म तिथि के आधार पर अलग-अलग किया जाएगा।
    ii. निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) 01 जनवरी के संदर्भ में प्राप्त प्रपत्रों के संबंध में अर्हता तिथि के रूप में प्राप्त दावों और आपत्तियों की सूची सटीकतापूर्वक तैयार करेंगे और आयोग के मौजूदा निर्देशों के अनुसार नोटिस बोर्ड, निर्धारित स्थानों और वेबसाइटों पर प्रदर्शित करेंगे। 
    (iv) दावों एवं आपत्तियों का निपटान- नोटिस बोर्ड पर सूची प्रदर्शित करने की तिथि से नोटिस अवधि के सात दिनों के बाद वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण की अनुसूची में विनिर्दिष्ट, निपटान की अवधि के भीतर प्रपत्रों का निपटान किया जाएगा। 
    (v) अंतिम प्रकाशन- अंतिम प्रकाशन के समय, अर्हक तारीख के रूप में 01 जनवरी के संदर्भ में पात्र नागरिकों से प्राप्त हुए प्रपत्र-6, प्रपत्र-7 और प्रपत्र-8 के आधार पर संक्षिप्‍त पुनरीक्षण की अवधि के दौरान किए गए परिवर्धन, विलोपन और आशोधन की अनुपूरक सूची ही केवल ईआरओ-नेट से तैयार की जाएगी और जेनेरेट की जाएगी। मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के आधार पर तैयार किए गए फॉर्मेट 1-8 और अपनी विश्‍लेषणात्‍मक टिप्‍पणी, अंतिम सूची के प्रकाशन के लिए आयोग की अनुमति की अपेक्षा से भेजेंगे। अंतिम सूची एकल एकीकृत होगी, जिसमें सभी परिवर्धन प्रविष्टियां, मूल नामावली की अंतिम प्रविष्टि के बाद लगातार क्रम संख्या में आएंगी और वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान किए गए सभी आशोधन और विलोपन आयोग के मौजूदा अनुदेशों के अनुसार ही निर्वाचक नामावली में दिखाई देंगे। किसी भी प्रकार की अतिरिक्‍त परिवर्धन, विलोपन और अशोधन सूची मुद्रित नहीं की जाएगी, हालांकि निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी उन्हें अपने भावी संदर्भ के लिए रखेंगे। एकीकृत अंतिम नामावली की प्रति मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएगी और नियम 22 के अनुसार वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। 
    (ख) उत्‍तरवर्ती अर्हक तिथियों के संदर्भ में प्राप्त प्रपत्रों की प्रोसेसिंग: उत्‍तरवर्ती तिमाहियों के दौरान, इन उत्‍तरवर्ती अर्हक तिथियों के संबंध में दावे और आपत्तियाँ दायर करने और उनके निपटान के लिए औपचारिक अनुसूची जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अग्रिम दावों की सुविधा पहले से वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान प्रदान की जा चुकी है। अत: कोई भी संशोधन पूर्व गतिविधियां जैसे मतदान केंद्रों का युक्तिकरण इत्‍यादि या नियमित पुनरीक्षण गतिविधियाँ जैसे प्रारूप प्रकाशन, दावों और आपत्तियों को आमंत्रित करना, अंतिम प्रकाशन आदि नहीं की जाएंगी। 
    जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, वर्ष की 01 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर के संदर्भ में निर्वाचक नामावली में नामांकन के लिए पात्र होने वाले संभावित निर्वाचक प्रपत्र -6 में अपने दावे ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा कर सकते हैं जो वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण की निर्वाचक नामावली के प्रारूप प्रकाशन की तारीख से शुरू होगी। संभावित निर्वाचकों से संबंधित इन प्रपत्रों पर 01 जनवरी के संदर्भ में प्रपत्रों के साथ कार्रवाई नहीं की जाएगी और इन्‍हें उनकी संबंधित अर्हक तिथियों तक लंबित रखा जाएगा। 
    I. भावी आवेदकों से अग्रिम रूप से प्रपत्र प्राप्त करते समय निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी उन्हें सुस्पष्ट रूप से सूचित करेंगे कि उनके प्रपत्रों पर केवल प्रासंगिक पात्रता तिथि के संदर्भ में ही कार्रवाई की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन के मामले में, आवेदकों को एसएमएस/ई-मेल/पोस्ट द्वारा ऐसा ही संदेश भेजा जाएगा। इसके अलावा, नागरिकों को सूचित किया जाएगा कि वे निरंतर अद्यतनीकरण की अवधि के दौरान भी अपना आवेदन जमा कर सकते हैं, अर्थात् अर्हक तिथि के रूप में 1 जनवरी के संदर्भ में वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण की निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन के बाद। 
    II. उत्‍तरवर्ती अर्हक तारीखों के संदर्भ में प्राप्त दावों (प्रपत्र-6) को डिजिटाइज किया जाएगा और तिमाही आधार पर अलग-अलग करने के बाद ईआरओ-नेट में अलग-अलग संबंधित बकेट में 'अर्हक तिथि के संदर्भ में संभावित निर्वाचकों के संबंध में अग्रिम दावे……‘ शीर्षक के तहत रखा जाएगा। 
    III. निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी प्रासंगिक अर्हक तिथि के संबंध में बकेट में रखे गए लंबित अग्रिम दावों को निरंतर अद्यतनीकरण की अवधि के दौरान प्राप्त सभी दावों और आपत्तियों के साथ लेंगे। उदाहरण के लिए, 01 अप्रैल के बाद, निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) उन आवेदकों के सभी प्रपत्रों पर कार्रवाई करेंगे, जो 01 अप्रैल को या उससे पहले पात्र हो रहे हैं, तथा जिनके फार्म 01 जनवरी से और इसके बाद की अवधि के दौरान प्राप्त हुए हैं। वे ऐसे सभी प्रपत्रों के संबंध में प्रपत्र- 9,10,11 आदि तैयार करेंगे और इसे अपने कार्यालयों में नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करेंगे और आपत्तियों, यदि कोई हों, के लिए पब्लिक डोमेन में भी डालेंगे। 7 दिनों की निर्दिष्ट नोटिस अवधि के बाद, प्रपत्रों का निपटान निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए किया जाएगा। 
    IV. निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा प्रपत्रों को उसी तरह कार्रवाई की जाएगी जैसे वे निरंतर अद्यतनीकरण की अवधि के दौरान प्रपत्रों का निपटान करते हैं। 
    V.  अगली अर्हक तिथि से पहले, उस विशेष तिमाही के संबंध में अनुपूरक सूची तैयार की जाएगी। निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी(ईआरओ) द्वारा तैयार की गई अनुपूरक को मुद्रित और किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा (चूंकि, मासिक सूचियां सीईओ की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं, नीचे बिंदु vi ), अपितु केवल निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी के लिए ईआरओ-नेट/स्‍टेट सर्वर में रिकॉर्ड के लिए या भावी संदर्भ के लिए रखा जाएगा। नई प्रविष्टियां ईआर डेटाबेस में अद्यतन की जाएंगी और मौजूदा निर्वाचकों की क्रम संख्या में छेड़छाड़ किए बिना यूएनपीईआर में एकीकृत की जाएगी। तिमाही के दौरान नामांकित सभी निर्वाचकों को संबंधित भाग में निर्वाचक नामावली की पिछली प्रविष्टि के बाद कालक्रमानुसार रखा जाएगा। 
    vi. पिछली तिमाही के दौरान प्राप्त ऐसे सभी प्रपत्रों के निपटान के बाद, निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी द्वारा अनुमोदित प्रपत्रों के आधार पर परिवर्धन, विलोपन और आशोधन की अंतिम सूची ईआरओ-नेट द्वारा तैयार की जाएगी और सभी नागरिकों और अन्य हितधारकों की सूचनार्थ उस तिमाही के पहले महीने में सीईओ की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएंगी जिसमें इनका निपटान किया गया है। (कृपया आयोग के दिनांक 14 सितंबर 2020 का पत्र संख्या 23/2021-ईआरएस (मासिक पूलिंग), देखें)। 
    vii. अद्यतित यूएनपीईआर जनता के अवलोकनार्थ आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।
    viii. उत्‍तरवर्ती सभी तिमाहियों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 
    ix.यथा उपर्युक्त तैयार की गई अनुपूरक सूचियों को वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के दौरान या आयोग द्वारा आदेश दिए जाने पर किसी विशेष संक्षिप्‍त पुनरीक्षण, जो भी पहले हो, के लिए प्रारूप एकीकृत नामावली तैयार करने के उद्देश्य से एकीकृत किया जाएगा। 
    5.  एपिक जेनेरेट करना, तैयार करना और वितरण करना: दावों के निपटान के तुरंत बाद और निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी के सकारण आदेश से, व्यक्ति विशेष के लिए निर्वाचक नामावली में इस प्रकार नामांकित एपिक संख्‍या जेनेरेट होती है, जिसे निर्वाचक नामावली में रजिस्‍टर किया जाता है। जैसे ही निर्वाचक की प्रविष्टि निर्वाचक नामावली में अद्यतन की जाती है, वह एपिक के लिए हकदार हो जाएगा। 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर के संदर्भ वाली तिमाही में नामांकित किए जा रहे निर्वाचकों के एपिक के संबंध में, निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी प्रतीक्षा किए बिना यथाशीघ्र अगले वार्षिक संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के लिए एपिक प्रदान करना सुनिश्चित करेगा। 
    6. ईसीआई-आईटी डिवीजन इस उद्देश्य के लिए ईआरओ-नेट पर अपेक्षित तंत्र विकसित करेगी। 
    7. उपर्युक्‍त अनुदेशों का सख्‍ती से अनुपालन के लिए इन्‍हें तत्काल सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारियों/सहायक निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारियों और अन्य सभी अधीनस्‍थ निर्वाचन प्राधिकारियों के ध्यान में लाया जाएगा। स्‍पष्‍टता के लिए एक दृष्‍टांत संलग्न है। 
    8. मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पूरे राज्य में स्वीप उपायों के माध्यम से प्रिंट/विजुअल मीडिया के जरिए निर्वाचक नामावली तैयार करने की प्रक्रिया में परिवर्तन का व्यापक प्रचार करेंगे। वे आयोग के उपर्युक्‍त अनुदेशों के बारे में जानकारी देने के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, मीडिया और अन्य हितधारकों के साथ भी बैठक करेंगे। राजनीतिक दलों को भी लिखित में सूचित किया जाएगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 July 2022

  12. राज्‍य विधान सभाओं और लोक सभा के लिए भविष्‍य में होने वाले सभी साधारण एवं उप-निर्वाचनों में सभी मतदान केन्‍द्रों पर ईवीएम सहित वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का सर्वव्‍यापी उपयोग – तत्‍संबंधी।

    राज्‍य विधान सभाओं और लोक सभा के लिए भविष्‍य में होने वाले सभी साधारण एवं उप-निर्वाचनों में सभी मतदान केन्‍द्रों पर ईवीएम सहित वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का सर्वव्‍यापी उपयोग – तत्‍संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 19 September 2017

  13. आदर्श आचार संहिता लागू होना - गुजरात विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए साधारण निर्वाचन - तत्संबंधी।

    आदर्श आचार संहिता लागू होना - गुजरात विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए साधारण निर्वाचन - तत्संबंधी। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 03 November 2022

  14. फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 17 March 2022

  15. गुजरात विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 - सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

    गुजरात विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 - सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 03 November 2022

  16. विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप- निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन से संबंधित अनुदेश- तत्संबंधी।

    विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप- निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन से संबंधित अनुदेश- तत्संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 04 May 2022

  17. फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 24 September 2019

  18. दिनांक 14.01.2022 को मौजूदा कोविड दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए समाजवादी पार्टी को भारत निर्वाचन आयोग का आदेश।

    सं. 464/उ.प्र-वि.स./2022
    दिनांक: 18 जनवरी, 2022
    आदेश
     
          यत:, आयोग ने कोविड के मौजूदा दिशा निर्देशों के उल्‍लंघन, जिसकी गौतमपल्‍ली पुलिस स्‍टेशन, लखनऊ के अधीन 19-विक्रमादित्‍य मार्ग पर समाजवादी पार्टी के कार्यालय परिसर में 14 जनवरी, 2022 को (अर्थात् 08 जनवरी, 2022 को निर्वाचनों की घोषणा की अवधि के दौरान) जन समूह में घटित होने की सूचना थी, का संज्ञान लेते हुए आयोग ने 15 जनवरी, 2022 को पार्टी को नोटिस जारी किया; और 
    यत:, दिनांक 16 जनवरी, 2022, के अपने उत्‍तर में पार्टी ने उपर्युक्‍त उल्‍लंघन की घटना घटित होने से इंकार किया है, तथापि इसके पैरा 13 में सुस्‍पष्‍ट रूप से कहा गया है कि: 
          विधानसभा निर्वाचन लड़ने के लिए टिकट लेने के लिए समाजवादी पार्टी के कार्यालय में लगभग 4000 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। आवेदनों की संवीक्षा की जा रही है तथा अभ्‍यर्थियों के साक्षात्‍कार लिए जा रहे हैं। अभ्‍यर्थियों को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में केवल तभी प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है जब वे कोविड पोर्टोकाल और दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। उक्‍त कार्यविधि निर्वाचन प्रक्रिया का एक भाग है तथा निर्वाचन आयोग के दिनांक 8 जनवरी, 2022 के दिशा निर्देशों द्वारा इसे निषिद्ध नहीं किया गया है; और 
    3.    यत:, आयोग ने नोट कर लिया है कि उक्‍त उल्‍लंघनों के मद्देनज़र आवश्‍यक मामले पहले ही दर्ज कर लिए गए हैं, जिनके अपने खुद के तर्कसंगत निष्‍कर्ष निकलेंगे; और
    4.    यत:, उक्‍त निर्वाचनों के दिनांक 08 जनवरी, 2022 के प्रेस नोट के साथ संलग्‍न  कोविड के विस्‍तृत दिशा-निर्देश, 2022 के पैरा I(1),में यह विनिर्दिष्‍ट है कि: 
    ‘‘यह अपेक्षा की जाती है कि सभी स्‍टेकहोल्‍डर नामत: राजनैतिक दल, अभ्‍यर्थी, प्रचारक, मतदाता तथा निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल प्राधिकारी, सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य/सुरक्षा के अपने प्रमुख कर्तव्‍य के प्रति सदैव सचेत रहेंगे तथा इसलिए इन सामान्‍य अनुदेशों तथा विधि के अधीन निर्धारित संबंधित प्राधिकारियों द्वारा यथा अधिदेशित कोविड उपयुक्‍त व्‍यवहार के अन्‍य मानदण्‍डों का अनुपालन करेंगें’’; और 
    5.    अत:, अब यह देखते हुए कि यह समाजवादी पार्टी की ओर से निर्वाचन के मौजूदा चरण के दौरान उल्‍लंघन का यह पहला मामला है, आयोग पार्टी को भविष्‍य में सावधान रहने, सभी विद्यमान दिशा-निर्देशों का पूरी लगन से पालन करने तथा अपनी पार्टी के सभी सदस्‍यों को निर्वाचनों की अवधि के दौरान कोविड के मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनिवार्यत: पालन करने का अनुदेश देने की सलाह देता है।
     
    आदेश से, 
    (अजय कुमार)
    सचिव
    सेवा में,
          महासचिव,
          समाजवादी पार्टी,
          19, विक्रमादित्‍य मार्ग,
          लखनऊ, उ.प्र.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 January 2022

  19. फ़ाइल सबमिट की गई Monday 21 February 2022

  20. असम राज्य की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन, 2021 के संबंध में श्री हेमंत बिस्वा शर्मा को नोटिस।

    असम राज्य की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन, 2021 के संबंध में श्री हेमंत बिस्वा शर्मा को नोटिस। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  21. Application of Model Code of Conduct – General Elections to the State Legislative Assembly of Himachal Pradesh, 2022

    Application of Model Code of Conduct – General Elections to the State Legislative Assembly of Himachal Pradesh, 2022

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 14 October 2022

  22. Immediate action to be taken for enforcement of Model Code of Conduct after announcement of General Elections to State Legislative Assemblies of Meghalaya, Nagaland and Tripura, 2023

    Immediate action to be taken for enforcement of Model Code of Conduct after announcement of General Elections to State Legislative Assemblies of Meghalaya, Nagaland and Tripura, 2023.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 18 January 2023

  23. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु./प्रकार्या./एमसीसी/2022
    दिनांक: 3 अक्तूबर, 2022
     
    सेवा में
    1. मंत्रिमंडल सचिव,
    भारत सरकार,
    राष्ट्रपति भवन,
    नई दिल्ली।
    2. सचिव, भारत सरकार,
    कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग,
    सरदार पटेल भवन,
    नई दिल्ली। 
    3.   मुख्य सचिव:-
    क)     बिहार, पटना;                      ख) हरियाणा, चंडीगढ़; 
    ग) महाराष्ट्र, मुम्बई;                         घ) ओडिशा, भुवनेश्वर;
    ङ) तेलंगाना, हैदराबाद;                   च) उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
     
    4.   मुख्य निर्वाचन अधिकारी:-
    क)     बिहार, पटना;                     ख) हरियाणा, चंडीगढ़;
    ग) महाराष्ट्र, मुम्बई;                        घ) ओडिशा, भुवनेश्वर;
    ङ) तेलंगाना, हैदराबाद;                  च) उत्तर प्रदेश, लखनऊ। 
     
    विषयः-      सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।
     
    महोदय,
     
           मुझे आयोग के प्रेस नोट, दिनांक 3 अक्तूबर, 2022 (ईसीआई की वेबसाइट:- "https://eci.gov.in/" पर उपलब्ध), जिसमें बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश की राज्य विधान सभाओं में उप-निर्वाचनों के लिए अनुसूची की घोषणा की गई है, का संदर्भ देने एवं यह कहने का निदेश हुआ है कि इस उदघोषणा के साथ-साथ, राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। 
    2.     उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन से संबंधित, आयोग के पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 के अनुसरण में सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करने से संबंधित मामलों को निपटाया जाएगा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंध है कि-        
     क)   उस/(उन) जिले/(जिलों) के किसी भी भाग में निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने तक सांसद (राज्‍य सभा सदस्‍य सहित) स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन कोई भी नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी, जिसमें/जिनमें वह/वे विधान सभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र स्थित है/हैं, जहां निर्वाचन प्रक्रियाधीन है। यदि निर्वाचन क्षेत्र राज्य की राजधानी/महानगरों/नगर निगमों में है, तो उपर्युक्‍त अनुदेश केवल संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में लागू होंगे। इसी प्रकार निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक विधान सभा सदस्‍य/विधान परिषद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन, यदि कोई ऐसी योजना प्रचालन में है, नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी।
    ख)    इस पत्र के जारी होने से पूर्व, जिन कार्यों के संबंध में कार्य आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं परंतु वास्तव में क्षेत्र में उन पर कार्य शुरू नहीं किया गया है, न ही कोई कार्य शुरू किया जाएगा। ये कार्य केवल निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्तव में शुरू कर दिया गया है तो उसे जारी रखा जा सकता है।
    ग)    संबंधित अधिकारियों की पूर्ण संतुष्टि के अध्यधीन पूरे किए गए कार्य(र्यों) के लिए भुगतान करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
    घ)    जहां योजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है एवं निधियां उपलब्ध करवा दी गई हों या जारी कर दी गई हों और सामग्री अधिप्राप्त कर ली गई हो और उसे कार्यस्थल पर पहुंचा दिया गया हो, उन्हें कार्यक्रम के अनुसार निष्पादित किया जा सकता है।
     
     
    भवदीय,
     
     
    ह./-
    (नरेन्द्र एन. बुटोलिया)
    वरिष्ठ प्रधान सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 03 October 2022

  24. सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

    सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियां जारी करना-तत्संबंधी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 04 May 2022

  25. आयोग ने 93-मुनुगोडे विधान सभा उप-निर्वाचन तेलंगाना 2022 में मतदाताओं के उत्प्रेरण के लिए कथित निधि अंतरण पर टीआरएस से चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री के. राजगोपाल रेड्डी के अभ्यावेदन पर 31 अक्तूबर, 2022 तक स्पष्टीकरण मांगा।

    आयोग ने 93-मुनुगोडे विधान सभा  उप-निर्वाचन तेलंगाना 2022 में मतदाताओं के उत्प्रेरण के लिए कथित निधि अंतरण पर टीआरएस से चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी, श्री के. राजगोपाल रेड्डी के अभ्यावेदन पर 31 अक्तूबर, 2022 तक स्पष्टीकरण मांगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Sunday 30 October 2022

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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