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  1. लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019– सातवें चरण के निर्वाचन के लिए अधिसूचना- शुद्धिपत्र- तत्‍संबंधी

    लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019– सातवें चरण के निर्वाचन के लिए अधिसूचना- शुद्धिपत्र- तत्‍संबंधी 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  2. अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2020 से फोटो निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण – कार्यक्रम – तत्‍संबंधी

    सं.23/2019-ईआरएस (खंड-III)                                      दिनांक: 25 जुलाई, 2019
     
    सेवा में
     
          सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
    (हरियाणा, झारखंड और महाराष्‍ट्र को छोड़कर)  
     
    विषय: अर्हक तारीख के रूप में 01.01.2020 के संदर्भ में फोटो निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्‍त पुनरीक्षण-कार्यक्रम-तत्‍संबंधी।
     
    महोदय/महोदया
    मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि मौजूदा नीति के अनुसार, अर्हक तारीख के रूप में आगामी वर्ष की एक जनवरी के संदर्भ में निर्वाचन नामावलियों का पुनरीक्षण सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष की उत्‍तरवर्ती अवधि (सामान्‍य रूप से वर्ष की अंतिम तिमाही में) में किया जाता है ताकि निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन अनुवर्ती वर्ष के जनवरी माह के प्रथम सप्ताह में किया जा सके। पुनरीक्षण कार्यक्रम इस ढंग से तैयार किया जाता है कि निर्वाचक नामावलियां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (प्रतिवर्ष की 25 जनवरी) से काफी पहले अंतिम रूप से प्रकाशित कर दी जाएं ताकि नव निर्वाचकों, विशेष तौर पर युवा मतदाताओं (18-19 वर्ष) के लिए तैयार किए गए एपिक राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर उन्हें औपचारिक ढंग से वितरित किए जा सकें। आयोग ने सभी पक्षों पर विचार करते हुए सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों (हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र को छोड़कर) में अर्हक तारीख के रूप में दिनांक 01-01-2020 से निम्नलिखित तालिका के अनुसार गहन प्रकृति के फोटो निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण आरंभ करने का निर्देश दिया है:-
    क्र. सं.
    कार्यकलाप
    अवधि
    1
    पूर्व पुनरीक्षण कार्यकलाप:
    अभियान चलाकर निर्वाचक नामावली की स्थिति में सुधार करना:-
    (क)  डी एस ई, तर्क संगत त्रुटियों का निराकरण, निर्वाचक की फोटो गुणवता की जांच
    (ख)  स्वीप की सहायता से अभियान के रूप में निर्वाचक सत्यापन कार्यक्रम (ई वी पी)। कार्यक्रम के दौरान नागरिकों को आगे आने और  निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक की प्रति देते हुए इससे संबंधित मौजूदा निर्वाचकों के विवरणों को प्रमाणित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है:
    1.    भारतीय पासपोर्ट
    2.    ड्राइविंग लाइसेंस, या
    3.    आधार कार्ड
    4.    राशन कार्ड
    5.    आयोग द्वारा यथानुमोदित कोई अन्य दस्तावेज
    (ग)   नागरिक सामान्य सेवा केन्द्रों (सी एस सी) में जाकर या बी एल ओ के माध्यम से ई आर ओ को भरे हुए फार्मों की हार्ड कॉपी प्रस्तुत करके ''मतदाता हेल्पलाइन'' मोबाइल ऐप्प, एनवीएसपी पोर्टल के माध्यम से अपने निर्वाचक विवरणों का सत्यापन करेंगे।
    (घ)   गैर नामांकित नागरिकों/ मृतकों/ स्थानांतरित निर्वाचकों आदि की सूचना/ विवरण आस-पास के व्‍यक्तियों के माध्यम से एकत्रित किया जाएगा। नागरिक उपर्युक्त स्रोतों के माध्यम से विवरण देंगे।
    01.08.2019 (बृहस्पतिवार) से 31.08.2019 (शनिवार) तक
    2
    बी एल ओ द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन करना:-
    (क)  बीएलओ के द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा, जिसमें बीएलओ आस-पास के व्‍यक्तियों से एकत्रित सूचना/ विवरणों और इनकी सत्‍यता का सत्‍यापन करेगा।
    (ख)  बीएलओ गैर नामांकित/ मृतक/ स्थानांतरित निर्वाचकों की सूचना/विवरण भी एकत्रित करेगा
    01.09.2019 (रविवार) से 30.09.2019 (सोमवार) तक
    3
    अनुभाग/भागों को पुन: तैयार करना ·        निवास स्‍थान के पते का मानकीकरण
    ·        मतदान केंद्रों की जी आई एस स्थिति का पता लगाना
    ·        वैकल्पिक मतदान केंद्र की अवस्थितियों का पता लगाना और ए एम एफ का पुष्टीकरण।
    ·        बी एल ओ द्वारा डाटा/सूचना का एकत्रीकरण किया जाएगा और ए ई आर ओ/ईआरओ/डी ई ओ तथा नामावली प्रेक्षकों द्वारा सत्यापन किया जाएगा। मतदान केंद्रों के अनुभाग/भाग की सीमाओं की स्थिति की प्रस्तावित पुनर्रचना को अंतिम रूप देना और इसके बाद आयोग से मतदान केन्द्रों की सूची का अनुमोदन प्राप्त करना
    ·        आयु-समूह वार अनुमानित जनसंख्या का अद्तनीकरण
    16.09.2019 (सोमवार) से 15.10.2019 (मंगलवार) तक
    4
    पुनरीक्षण कार्यकलाप
    समेकित प्रारूप निर्वाचक नामावली का प्रकाशन
    15.10.2019 (मंगलवार)
    5
    दावों/ आपत्तियों को दायर करने की अवधि
    15.10.2019 (मंगलवार) से 30.11.2019 (शनिवार) तक
    6
    विशेष अभियान की तारीखें
    02.11.2019 (शनिवार) और
    03.11.2019 (रविवार)
    09.11.2019 (शनिवार) और
    10.11.2019 (रविवार)
    7
    दावों एवं आपत्तियों का निपटान
    15.12.2019 (रविवार) तक
    8
    दुरूस्‍तता संबंधी मानदंडों की जांच करना और अंतिम प्रकाशन के लिए आयोग की अनुमति लेना
    25.12.2019 (बुधवार) तक
    9
    डाटाबेस का अद्यतनीकरण और अनुपूरकों का मुद्रण
    31.12.2019 (मंगलवार) तक
    10
    निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन
    01.01.2020 (बुधवार) से 15.01.2020 (बुधवार) तक, आयोग द्वारा जैसा निर्णय लिया जाए।
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 09 August 2019

  3. विभिन्न राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों के संसदीय एवं विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने हेतु उप-निर्वाचन, 2019- सवेतन अवकाश दिया जाना, मदिरा इत्‍यादि की बिक्री पर प्रतिबंध - तत्‍संबंधी। 

    विभिन्न राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों के संसदीय एवं विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने हेतु उप-निर्वाचन, 2019- सवेतन अवकाश दिया जाना- तत्‍संबंधी। 
    विभिन्न राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों के संसदीय एवं विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने हेतु उप-निर्वाचन, 2019- मदिरा इत्‍यादि की बिक्री पर प्रतिबंध - तत्‍संबंधी। 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 09 October 2019

  4. लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2019- सातवें चरण के निर्वाचन के लिए विधि एवं न्‍याय मंत्रालय द्वारा अधिसूचना

    लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2019- सातवें चरण के निर्वाचन के लिए विधि एवं न्‍याय मंत्रालय द्वारा अधिसूचना 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  5. लोकसभा निर्वाचन, 2019-आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन - श्री अरुण सुभाष चंद्र यादव, को आयोग का नोटिस

    नोटिस
    सं.437/मध्‍य प्रदेश-लोकसभा/2019(शिकायतें)                     दिनांक : 18 मई, 2019
     यत:, आयोग ने दिनांक 10.03.2019 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/2019 के तहत लोकसभा के साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी है और राजनैतिक दलों तथा अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रावधान उसी तारीख से प्रवृत्‍त हो गए हैं; तथा
    2.    यत:, श्री नीरज, सदस्‍य, निर्वाचन आयोग समिति, भारतीय जनता पार्टी से आयोग को दिनांक 03.05.2019 की एक शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि इंडियन नेशनल काँग्रेस मध्‍य प्रदेश नामत: खंडवा, बुरहानपुर तथा खारगौन जिलों में ‘’न्‍याय’’ योजना संबंधी नामाकंन पैम्फलैट/प्ररूप के वितरण में अवैध रूप से संलिप्‍त थी। (पैम्‍फलेट प्रति संलग्‍न हैं); तथा
    3.    यत:, मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश से दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत एक रिपोर्ट मंगाई गई थी और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी ने दिनांक 07.05.2019 के पत्र के तहत रिपोर्ट प्रस्‍तुत कर दी; तथा
    4.    यत:, जांच में यह पाया गया है कि उक्‍त पैम्‍फलेट/प्ररूपों, जिन पर ‘हाथ’ के प्रतीक के साथ श्री राहुल गांधी और अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव की फोटो हैं, को खंडवा जिले में किसी श्री सुधान सिंह ठाकुर द्वारा भरा और वितरित किया जा रहा था और श्री सुधान सिंह ठाकुर के विरूद्ध दिनांक 05.05.2019 को प्रथम सूचना रिपोर्ट पहले ही दर्ज की जा चुकी थी जिसमें यह उल्‍लेख किया गया था कि यह कृत्‍य दिनांक 02.05.2019 को किया गया था; तथा
    5.    यत:, राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के ‘’सामान्‍य आचरण’’ के भाग I के पैरा (4) में अन्‍य बातों के साथ-साथ निम्‍नलिखित प्रावधान हैं:-
          ‘’सभी दल और अभ्‍यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से निष्‍ठापूर्वक परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्‍ट आचरण और अपराध होते हैं जैसे कि मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना..............’’; और
    6.    यत:, प्रथम दृष्‍टया, इसमें प्रदर्शित होता है कि उपर्युक्‍त कृत्‍य 28-खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड रहे इंडियन नेशनल कांग्रेस के, अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव द्वारा अथवा उनकी ओर से और उनकी जानकारी में किया गया है; तथा
    7.    यत:, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव, द्वारा अथवा उनकी ओर से तथा उनकी जानकारी में किया गया उपर्युक्‍त कृत्‍य आदर्श आचार संहिता के समान आचरण के भाग (1) के पैरा(4) के उपबंधों का उल्‍लंघन है, जैसा कि ऊपर उद्धृत है।
    8.    अत:, अब आयोग ने इस मामले में उपलब्‍ध सामग्री और आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधानों तथा इस विषय से संबधित अनुदेशों पर विचार करने के बाद खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से निर्वाचन लड़ रहे अभ्‍यर्थी श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव को इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इस मामले में अपना स्‍पष्‍टीकरण, यदि कोई हो, प्रस्‍तुत करने का मौका देने का निर्णय लिया है, स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत न करने पर आयोग उन्‍हें और संदर्भ दिए बगैर निर्णय लेगा।
     आदेश से, 
     (एस.बी.जोशी)
    सचिव
    प्रति:- श्री अरूण सुभाष चन्‍द्र यादव,
          खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस के निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी
          (मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, मध्‍य प्रदेश के माध्‍यम से)  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  6. Commission's Notification under Section 60(c) of the RP Act, 1951 for the purpose of voting through postal ballot -regarding.

    No. 52/2020/ VOL.I 
    Dated:  10th January, 2020
    To,
                The Chief Electoral Officer
                NCT of Delhi
                Delhi.                     
    Subject:  Commission’s Notification under Section 60(c) of the RP Act, 1951 for the purpose of voting through postal ballot – regarding.
    Sir,
                In continuation of the Commission's letter No. 52/2019/SDR/ETPBS-Vol.II dated 8th January, 2020, I am directed to forward herewith the Commission's Notification No. 52/2020/SDR dated 10th January, 2020 notifying the categories of electors mentioned therein for the purposes of facility of voting through postal ballot as absentee voters on essential service. This may be published in the State Gazette immediately and a copy of the same may also be forwarded to the Commission.   

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  7. Bye-elections to Andhra Pradesh Legislative Assembly 2012 from 18 ACs and 1 PC – Representation against arrest of Y.S. Jaganmohan Reddy - regarding.

    Bye-elections to Andhra Pradesh Legislative Assembly 2012 from 18 ACs and 1 PC – Representation against arrest of Y.S. Jaganmohan Reddy - regarding.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 29 May 2012

  8. लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2019– सातवें चरण के निर्वाचन के लिए अधिसूचना- तत्‍संबंधी

    लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2019– सातवें चरण के निर्वाचन के लिए अधिसूचना- तत्‍संबंधी 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  9. विधिक शोधकर्ता लिखित परीक्षा के लिए लघुकृतसूचीबद्ध अभ्यर्थी

    विधिक शोधकर्ता लिखित परीक्षा के लिए लघुकृतसूचीबद्ध अभ्यर्थी

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 25 September 2018

  10. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी की राज्य विधानसभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्‍न राज्यों में विभिन्‍न संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता का हटाया जाना - तत्संबंधी

    सं. 437/6/1/आईएनएसटी/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2021   दिनांक: 3 मई, 2021
     
    सेवा में
    1.   कैबिनेट सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली ।
    2.   मुख्य सचिव, राज्य सरकार:-
    क)   आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापुड़ी; ख)  असम, दिसपुर; ग)   गुजरात, गांधीनगर; घ)   झारखंड, रांची; ङ)    कर्नाटक, बेंगलुरू; च)   केरल, तिरुवनंतपुरम; छ)   मध्य प्रदेश, भोपाल; ज)   महाराष्ट्र, मुंबई; झ)  मिजोरम, आइजॉल; ञ)   नागालैंड, कोहिमा; ट) ओडिशा, भुवनेश्वर; ठ) पुड्डुचेरी, पुड्डुचेरी;   ड) राजस्थान, जयपुर; ढ) तमिलनाडु, चेन्नई; ण) तेलंगाना, हैदराबाद; त) उत्तराखंड, देहरादून; थ) पश्चिम बंगाल, कोलकाता; 
    3.   मुख्य निर्वाचन अधिकारी:- 
    क) आंध्र प्रदेश, अमरावती वेलागापुड़ी; ख) असम, दिसपुर; ग)   गुजरात, गांधीनगर; घ)   झारखंड, रांची; ङ)    कर्नाटक, बेंगलुरू; च)   केरल, तिरुवनंतपुरम; छ)   मध्य प्रदेश, भोपाल; ज)   महाराष्ट्र, मुंबई; झ)  मिजोरम, आइजॉल; ञ)   नागालैंड, कोहिमा: ट)    ओडि़शा, भुवनेश्वर; ठ)    पुड्डुचेरी, पुड्डुचेरी;    ड)    राजस्थान, जयपुर; ढ)    तमिलनाडु, चेन्नई; ण)  तेलंगाना, हैदराबाद; त)   उत्तराखंड, देहरादून; थ)   पश्चिम बंगाल, कोलकाता;   
    विषय: असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी की राज्य विधानसभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्‍न राज्यों में विभिन्‍न संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन- आदर्श आचार संहिता का हटाया जाना - तत्संबंधी      
    महोदय,
                मुझे कहने का निदेश हुआ है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान, निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से प्रवर्तित कर दिए जाते हैं और वे निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक क्रियाशील बने रहते हैं।  
    2.   अब, चूंकि, असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुड्डुचेरी की राज्य विधानसभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 और विभिन्न राज्यों में विभिन्‍न संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों के संबंध में संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं, इसलिए आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से अस्तित्‍व में न रह गई है।  
    3.    इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाए।    

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 May 2021

  11. अर्हक तारीख के रूप में दिनांक 01.01.2021 के संदर्भ में फोटो निर्वाचक नामावलियों का विशेष सार पुनरीक्षण-कार्यक्रम-यौक्तिकीकरण के दौरान किसी मतदान केन्द्र के लिए नियत किए जाने हेतु निर्वाचकों की अधिकतम संख्या के संबंध में स्पष्टीकरण-तत्‍संबंधी।

    सं.23/2020-ईआरएस
    दिनांक: 04 सितंबर, 2020
     
    सेवा में
          सभी राज्यों एवं संघ राज्यों क्षेत्रों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (बिहार और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख संघ राज्य क्षेत्रों को छोड़कर)
     
    विषय:-अर्हक तारीख के रूप में दिनांक 01.01.2021 के संदर्भ में फोटो निर्वाचक नामावलियों का विशेष सार पुनरीक्षण-कार्यक्रम-यौक्तिकीकरण के दौरान किसी मतदान केन्द्र के लिए नियत किए जाने हेतु निर्वाचकों की अधिकतम संख्या के संबंध में स्पष्टीकरण-तत्‍संबंधी।
    संदर्भः-
    ईसीआई पत्र सं.23/2019-ईआरएस (खंड-III), दिनांक 25 जुलाई, 2019, ईसीआई पत्र सं.23/एसईसी/2020-ईआरएस, दिनांक 23 जुलाई, 2020, ईसीआई पत्र सं. 23/2020-ईआरएस, दिनांक 07 अगस्त, 2020, और ईसीआई पत्र सं.23/2020-ईआरएस, दिनांक 24 अगस्त, 2020।  
    महोदय/महोदया 
          मुझे अर्हक तारीख के रूप में 01.01.2021 के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियों के विशेष सार पुनरीक्षण के लिए अनुसूची एवं दिशा-निर्देश के संबंध में आयोग के दिनांक 07 अगस्त, 2020 और 24 अगस्त, 2020 (हरियाणा एवं महाराष्ट्र के लिए) के समसंख्यक पत्र का संदर्भ लेने और यह कहने का निदेश हुआ है कि मौजूदा अनुदेशों के अनुसार, सार पुनरीक्षण के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के प्रारूप प्रकाशन से पहले 1,500 से अधिक निर्वाचकों वाले सभी मतदान केन्द्रों का यौक्तिकीकरण किया जाएगा।
          कोविड-19 वैश्विक महामारी के एहतियाती उपायों में से एक के रूप में बिहार राज्य और अन्य राज्यों के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों, जहां निकट भविष्य में साधारण और उप-निर्वाचन होने वाले हैं, में किसी मतदान केंद्र के लिए नियत किए जाने वाले निर्वाचकों की संख्या की सीमा 1,000 तक सीमित कर दी गई है। इस प्रयोजन के लिए, इन राज्यों को 1,000 से अधिक निर्वाचकों वाले सभी मुख्य मतदान केंद्रों के सहायक मतदान केंद्र बनाने के लिए कहा गया है, क्योंकि इन राज्यों में सार पुनरीक्षण, 2020 के पूरा होने के कारण ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्र का यौक्तिकीकरण नहीं किया जा सका, जहां अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2020 के संदर्भ में अंतिम रूप से तैयार निर्वाचक नामावली के आधार पर साधारण निर्वाचन/उप-निर्वाचनों का आयोजन किया जाना है।
    आयोग ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है कि मतदान केंद्रों का यौक्तिकीकरण/पुनर्गठन, जैसा भी मामला हो, सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में किसी मतदान केंद्र के लिए अधिकतम 1500 निर्वाचकों के आधार पर किया जाएगा।
    आयोग के उपरोक्त अनुदेशों का कड़ाई से अनुपालन करने के लिए सभी संबंधितों को तदनुसार सूचित किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 14 September 2020

  12. Handbook for Candidates - 2014

    Handbook for Candidates - 2014
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 19 March 2014

  13. गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

    गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए साधारण निर्वाचन, 2022- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 12 January 2022

  14. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई-तत्संबंधी। 

    ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु/प्रकार्या./एमसीसी/2020                         दिनांक : 6 जनवरी, 2020
     
    सेवा में,
           1. मंत्रिमंडल सचिव,  
               भारत सरकार,  
               राष्ट्रपति भवन,         
               नई दिल्ली।
    2. मुख्‍य सचिव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार, दिल्ली, और   
    3. मुख्य निर्वाचन अधिकारी,    दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र    दिल्ली।
          
    विषय : दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई-तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित कराने के लिए अनुसूची की घोषणा की है, अतः आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही ‘आदर्श आचार संहिता’ तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के साधारण निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उपबंधों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निम्नलिखित निदेश दिए हैं:-
    1.        सम्पत्ति का विरूपण- पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2015-सीसीएस, दिनांक 29 दिसम्बर, 2015; सं. 437/6/अनुदेश/2012-सीसीएण्डबीई दिनांक 18 जनवरी, 2012 तथा सं. 3/7/2008/जेएस-II दिनांक 7 अक्तूबर, 2008 में निहित ईसीआई अनुदेशों में सम्पत्ति के विरूपण के रोकथाम का प्रावधान है। आयोग ने अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा समयबद्ध रूप से कार्रवाई करने के लिए निम्नलिखित यथानिर्धारित निदेश दिए हैं-
    (क) सरकारी सम्पत्ति का विरूपण- इस प्रयोजन के लिए सरकारी परिसर में ऐसा कोई भी सरकारी कार्यालय तथा कैम्पस शामिल होगा, जिसमें कार्यालय भवन स्थित है। सरकारी सम्पत्ति पर मौजूद सभी प्रकार के भित्ति लेखन (वॉल राइटिंग), पोस्टर्स/पेपर्स या किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट/होर्डिंग, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचनों की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा दिए जाएंगे।
    (ख) सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण तथा सार्वजनिक स्थान का दुरूपयोग- सार्वजनिक सम्पत्ति में तथा सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, रेलवे पुलों, रोडवेजों, सरकारी बसों, बिजली/टेलीफोन खंभों, नगर निगम/ नगर पालिका/स्थानीय निकाय के भवनों आदि में भित्ति लेखन/पोस्टरों/ किसी अन्य रूप में विरूपण के पर्चे के रूप में सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापन या, कट आउट/ होर्डिंग, बैनर, फ्लैग इत्यादि को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 48 घंटों के भीतर हटा दिया जाएगा।
    (ग) सम्पत्ति का विरूपण- निजी सम्पत्ति पर प्रदर्शित तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निदेशों, यदि कोई हो, के अध्यधीन सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 72 घंटो के भीतर हटा दिया जाएगा।
    2.        सरकारी वाहनों का दुरूपयोग- आयोग के दिनांक 10 अप्रैल, 2014 के पत्र सं. 464/अनुदेश/2014/ईपीएस में निहित समेकित अनुदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंधित है कि किसी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी या निर्वाचन से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा (निर्वाचन से संबंधित किसी सरकारी ड्यूटी का निष्‍पादन करने वाले पदाधिकारियों को छोड़कर) निर्वाचन के दौरान प्रचार करने, निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्य या निर्वाचन से संबंधित यात्रा करने के लिए सरकारी वाहन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा (उसमें उल्लिखित कुछ अपवादों के अध्‍यधीन)। पद, ‘सरकारी वाहन’ का अर्थ ऐसे वाहनों से है और इसमें ऐसे वाहन शामिल होंगे जो परिवहन के प्रयोजनार्थ प्रयुक्त हों या प्रयुक्त किए जाने योग्य हों, चाहे वे यांत्रिक शक्ति या अन्यथा द्वारा चालित हों, और इनमें केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, केन्द्र/राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केन्द्र/राज्य सरकार के संयुक्त क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगर निगम, विपणन बोर्ड, सहकारी समितिय या ऐसे कोई अन्य निकाय शामिल होंगे जिसमें सार्वजनिक निधियां निवेशित की गई हों, भले ही कुल निधियों में से एक छोटा सा हिस्सा ही हों, । मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ईसीआई के अनुदेशों के अनुपालन के लिए निर्वाचनों की घोषणा के 24 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
    3.        सार्वजनिक-राजकोष की लागत पर विज्ञापन- दिनांक 5 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/1/2014-सीसी एंड बीई में ईसीआई अनुदेशों में यह प्रावधान है कि निर्वाचन अवधि के दौरान सत्तारूढ़ दल की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से उपलब्धियों के बारे में सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों में विज्ञापन दिए जाने और राजनीतिक समाचार एवं प्रचार-प्रसार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जनसंचार के दुरूपयोग से निरपवाद रूप से बचा जाना चाहिए। सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए सार्वजनिक राजकोष की लागत पर इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिन्ट मीडिया में कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि किसी विज्ञापन को दूरदर्शन प्रसारण या प्रिन्ट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी किया जा चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों का दूरदर्शन प्रसारण/प्रकाशन तत्काल रोक दिया जाए तथा घोषणा की तारीख से किन्हीं भी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिन्ट मीडिया में ऐसा कोई भी विज्ञापन प्रकाशित न हो, तथा इसे तत्काल वापिस ले लिया जाना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के तुरन्त पश्चात् सरकार की उपलब्धियों को दर्शाते हुए प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी विज्ञापन को हटाने/रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे।
     4.        आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक पदाधिकारी का फोटो- दिनांक 20 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2014- सीसी एंड बीई में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि केन्द्र/राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मंत्रियों, राजनीतिज्ञों या राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को हटा दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यीय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी के फोटो को हटाने/छिपाने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे।
    5.        विकास/निर्माण संबंधी कार्यकलाप-मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के 72 घंटे के भीतर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर किसी शिकायत को विधिमान्य बनाने की स्थिति में संदर्भ हेतु कार्य की निम्नलिखित सूची प्राप्त करेंगेः
                  i.     कार्य की सूची जिसे स्थल पर पहले ही आरंभ किया जा चुका है।
                 ii.      नए कार्य की सूची जिसे स्थल पर आरंभ नहीं किया गया है।
    6.        व्यय अनुवीक्षण तथा आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए कार्यकलाप-घोषणा के बाद उड़न दस्ता, एफ एस टी, वीडियो टीम, शराब/नकदी/विनिषिद्ध औषधियों के लिए गहन जांच,ड्रग/स्वापक के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग के उड़न दस्तों को तत्काल सक्रिय किया जाना चाहिए।
    7.        शिकायत निगरानी प्रणाली- निर्वाचन कराए जाने वाले राज्य में वेबसाइट तथा कॉल सेन्टर पर आधारित एक शिकायत निवारण प्रणाली होगी। कॉल सेन्टर का टोल फ्री नंबर 1950 है। टोल फ्री कॉल सेन्टर नंबर पर कॉल करके या वेबसाइट पर शिकायतें दर्ज करके की जा सकती है। शिकायतकर्ताओं को एसएमएस द्वारा या कॉल सेन्टर द्वारा भी की गई कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर की गई कार्रवाई के विवरण भी देख सकते हैं। यह प्रणाली घोषणा के 24 घंटे के भीतर क्रियाशील होनी चाहिए। सभी शिकायतों को यथासमय एवं उचित रूप से निपटाया जाना चाहिए। जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष को अवश्य सक्रिय किया जाए तथा विशेष रूप से पर्याप्त कार्मिक शक्ति तैनात की जाए एवं अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए, नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे लोगों की तैनाती की जाए तथा किसी टाल-मटोल या शंका से बचने के लिए उनका ड्यूटी रोस्टर अवश्य बनाया जाए।
    8.        आईटी एप्लीकेशन आधिकारिक  वेबसाइट तथा सोशल मीडिया सहित सभी आई टी एप्लीकेशन -घोषणा किए जाने के साथ ही चालू हो जाएंगी।
    9.        मतदाताओं तथा राजनीतिक दलों की जागरूकता के लिए सूचना का प्रचार-प्रसार करना- निर्वाचन संबंधी प्रमुख गतिविधि का प्रचार मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, सभी आवश्यक सूचना का प्रचार-प्रसार रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा के माध्यम से किया जाएगा। सरकारी चैनल में मतदाता शिक्षा सामग्री प्रदर्शित की जाएगी।
    10.      शैक्षणिक संस्थान तथा सिविल सोसाइटी से सक्रिय सहयोग- आम जनता तथा अन्य हितधारकों में निर्वाचन संबंधी सूचना का व्यापक प्रचार करने के लिए शैक्षणिक  संस्थानों तथा सिविल सोसाइटी से सहयोग लिया जा सकता है।
    11.      मीडिया सेन्टर- मीडिया के माध्यम से ईवीएम/वीवीपीएटी के प्रयोग सहित निर्वाचन प्रणाली के बारे में मतदाताओं, राजनीतिक दलों तथा अन्य स्टेकहोल्डरों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।
    12.      एमसीएमसी/डीईएमसी- दिनांक 24 मार्च, 2014 के पत्र सं. 491/एमसीएमसी/2014/संचार में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जाने वाले उनके प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन के लिए जिला तथा राज्य स्तर, जैसी भी स्थिति हो, पर मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से सम्पर्क करेंगे। आयोग ने उपर्युक्त पत्र में निहित अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निदेश दिए हैं।
    13.      नियंत्रण कक्ष- जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष तत्काल अवश्य चालू किया जाए तथा जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा पर्याप्त कार्मिक शक्ति की तैनाती तथा अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए। सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान ईसीआई सचिवालय में शिकायत निवारण केन्द्र सहित एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 14 January 2020

  15. Security Plan and Force deployment to ensure free, fair and peacefull conduct of elections to Lok Sabha and State Assemblies.

    Security Plan and Force deployment to ensure free, fair and peacefull conduct of elections to Lok Sabha and State Assemblies.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 April 2014

  16. Bye Elections to the Lok Sabha from parliamentary Constituencies of Maharashtra, Nagaland, Uttar Pradesh and in the State Legislative Assembly of Bihar, Jharkhand, Kerala, Maharashtra, Meghalaya, Punjab, Uttarakhand, Uttar Pradesh and West Bengal, 2018

    Bye Elections to the Lok Sabha from parliamentary Constituencies of Maharashtra, Nagaland, Uttar Pradesh and in the State Legislative Assembly of Bihar, Jharkhand, Kerala, Maharashtra, Meghalaya, Punjab, Uttarakhand, Uttar Pradesh and West Bengal, 2018 – Exit Poll -reg.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 23 May 2018

  17. आदर्श आचार संहिता लागू होना

    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या./एमसीसी/2021         
    दिनांक: 26 फरवरी, 2021
     
    सेवा में 
    मंत्रिमंडल सचिव,भारत सरकार,राष्ट्रपति भवन,नई दिल्ली।  मुख्य सचिव, असम सरकार, दिसपुर; केरल सरकार, तिरुवनन्तपुरम; तमिलनाडु सरकार, चेन्नई; पश्चिम बंगाल सरकार, कोलकाता; पुडुचेरी सरकार, पुडुचेरी मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम, दिसपुर; केरल, तिरुवनन्तपुरम; तमिलनाडु, चेन्नई; पश्चिम बंगाल, कोलकाता; पुडुचेरी, पुडुचेरी विषय : आदर्श आचार संहिता लागू होना-असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी  की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन और मलप्पुरम, केरल राज्य तथा कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।
    महोदय/महोदया, 
    मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए तथा मलप्पुरम, केरल राज्य और कन्याकुमारी, तमिलनाडु राज्य के लिए उप-निर्वाचनों को आयोजित करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है (प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./16/2021 और सं. ईसीआई/प्रे. नो./17/2021, दोनों दिनांक 26 फरवरी, 2021 जो आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/ पर उपलब्ध है)। 
    2.     इस घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और तब तक लागू रहेंगे जब तक कि उपर्युक्त राज्यों में साधारण निर्वाचन सम्पन्न न हो जाएं। इसे केन्द्र और राज्य सरकार, और केन्‍द्र सरकार/राज्‍य सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों के ध्‍यान में लाया जाए। आपके द्वारा इस आशय के निमित्त जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति सूचना एवं रिकार्ड हेतु भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाए। 
    3.     आपका ध्‍यान ‘सत्‍तासीन दल’ से संबंधित आदर्श आचार संहिता के विशेष उपबंधों की ओर आकृष्‍ट किया जाता है जिसमें, अन्‍य बातों के साथ-साथ, यह कहा गया है कि सत्तासीन दल, चाहे केन्‍द्र में या संबंधित राज्‍य में, यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी ऐसी शिकायत के लिए कोई कारण न दिया जाए कि उसने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिए और विशेष रूप से निम्नलिखित के लिए अपनी आधिकारिक हैसियत का प्रयोग किया है
     (i)    (क) मंत्री अपने अधिकारिक दौरे को निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य से नहीं मिलाएंगे और निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य के दौरान अधिकारिक तंत्र या कार्मिक का उपयोग भी नहीं करेंगे;
           (ख) सरकारी हवाई-जहाज, वाहनों सहित सरकारी परिवहन, तंत्र एवं कार्मिक का उपयोग सत्तासीन दल के हित को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जाएगा;
    (ii)    निर्वाचन सभाओं को आयोजित करने के लिए सार्वजनिक स्‍थानों जैसे मैदानों आदि के उपयोग और निर्वाचनों के संबंध में एयर-फ्लाइट के लिए हैलीपैड के प्रयोग पर इसके द्वारा एकाधिकार नहीं जमाया जाएगा। अन्‍य दलों और अभ्‍यर्थियों को उन्‍हीं शर्तों एवं निबंधनों पर ऐसे स्‍थानों एवं सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी जिन पर सत्तासीन दल द्वारा उनका उपयोग किया जाता है;
    (iii)    जहां के लिए निर्वाचनों की घोषणा हुई है या जहां निर्वाचन हो रहे हैं, वहां के विश्राम गृह, डाक बंगला या अन्‍य सरकारी आवास उन राजनैतिक पदाधिकारियों को, समयपूर्ण आधार पर दिए जा सकते हैं जिन्हें विभिन्न राज्य सरकारों या केन्द्र सरकार द्वारा अपने कानूनों के उपबंधों के तहत राज्य द्वारा जेड स्केल या उससे ऊपर या समकक्ष स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसा आवास पहले से ही निर्वाचन सम्बन्धी अधिकारियों या प्रेक्षकों को आबंटित न हो या उनके द्वारा धारित न हो। सरकारी आवास गृह/विश्राम गृह या अन्य सरकारी आवास इत्यादि में ठहरने के समय ऐसे राजनैतिक पदाधिकारी कोई राजनैतिक गतिविधि नहीं करेंगे।
    (iv)   समाचार पत्रों और अन्‍य मीडिया में सरकारी राजकोष की लागत से विज्ञापन जारी करने और सत्तासीन दल की प्रत्‍याशाओं को आगे बढ़ाने की दृष्टि से उपलब्धियों के बारे में राजनैतिक समाचारों के पक्षपाती कवरेज और प्रचार के लिए निर्वाचन अवधि के दौरान आधिकारिक जन संचार माध्यमों के दुरुपयोग से अति सतर्कतापूर्वक बचा जाना चाहिए;
    (v)    मंत्री और अन्य प्राधिकारी, आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा किए जाने के समय से विवेकाधीन निधियों में से अनुदानों/भुगतानों को स्‍वीकृति प्रदान नहीं करेंगे; और
    (vi)    आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के समय से, मंत्री और अन्‍य प्राधिकारी –
    (क) किसी रूप में कोई वित्तीय अनुदानों की घोषणा नहीं करेंगे या उनके लिए वचन नहीं देंगे; या
    (ख) किसी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशिला आदि नहीं रखेंगे (सिविल सेवकों के सिवाय); या
    (ग) सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं की व्‍यवस्‍था आदि के बारे में कोई वचन नहीं देंगे; या
    (घ) सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई तदर्थ नियुक्तियां नहीं करेंगे, जिनका सत्तासीन दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रभाव हो। 
    4.     जैसा कि उपर्युक्‍त पैरा 3{खंड IV} से देखा जा सकता है, सरकारी राजकोष की लागत पर सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए इलेक्‍ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि कोई विज्ञापन पहले ही प्रसारण हेतु जारी किया जा चुका है या प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हो चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया में ऐसे विज्ञापनों के प्रसारण को तत्काल रोक दिया जाए और यह कि आज से ही ऐसा कोई विज्ञापन किसी समाचारपत्र, पत्रिका आदि अर्थात प्रिंट मीडिया में प्रकाशित न किया जाए और उन्हें तत्काल वापस ले लिया जाए। 
    5.      आयोग के दिनांक 5 मार्च, 2009 के पत्र सं. 437/6/2009-सीसीबीई में अंतर्विष्ट अनुदेश आपकी सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु आयोग की वेबसाइट “https://eci.gov.in/” पर ‘महत्वपूर्ण अनुदेश’ नामक शीर्षक के अन्तर्गत उपलब्‍ध हैं। इस लिंक पर आपके मार्गदर्शन के लिए आयोग के अन्‍य सभी अनुदेश भी उपलब्‍ध हैं। 
    6.     आयोग यह भी निदेश देता है कि निर्वाचन के संचालन से संबंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण पर पूरी रोक रहेगी। इनमें निम्‍नलिखित सम्मिलित हैं किंतु ये वहीं तक सीमित नहीं हैं:-
    (i)       मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी और अपर/संयुक्‍त/उप मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी;
    (ii)       प्रभागीय आयुक्‍त;
    (iii)      जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं निर्वाचनों के संचालन से जुड़े अन्य राजस्‍व अधिकारी;
    (iv)      निर्वाचनों के प्रबंधन से जुड़े पुलिस विभाग के अधिकारी यथा, रेंज महानिरीक्षक एवं उप महानिरीक्षक, वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी यथा, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्‍य पुलिस अधिकारी, जिन्हें लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 28क के अधीन आयोग में प्रतिनियुक्‍त किया गया है;
    (v)       निर्वाचन की घोषणा की तारीख से पूर्व उपर्युक्‍त श्रेणियों के अधिकारियों की बाबत निर्गत किंतु आज की तारीख तक कार्यान्वित नहीं किए गए स्‍थानान्‍तरण आदेशों को इस संबंध में आयोग से विशिष्‍ट अनुमति लिए बिना लागू नहीं किया जाना चाहिए;
    (vi)      यह रोक निर्वाचन के पूरा होने तक प्रभावी रहेगी। आयोग यह भी निदेश देता है कि राज्‍य सरकारों को ऐसे वरिष्‍ठ अधिकारियों का स्‍थानान्‍तरण करने से बचना चाहिए जिनकी राज्‍य में निर्वाचन के प्रबंधन में भूमिका है।
    (vii)      ऐसे मामलों में, जिनमें प्रशासनिक अत्‍यावश्‍यकताओं के कारण किसी अधिकारी का स्‍थानान्‍तरण आवश्‍यक है, संबंधित राज्‍य सरकार को पूर्व अनुमोदन के लिए पूर्ण औचित्‍य के साथ आयोग से संपर्क कर सकती है। 
    7.    कृपया इस पत्र की पावती भेजी जाए। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 March 2021

  18. आयोग का श्री आज़म खान को आदेश दिनांक 30.04.2019

    सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019
    30 अप्रैल, 2019
    आदेश
     
          यत:, आयोग ने श्री आज़म खान, समाजवादी पार्टी के नेता, जो 07-रामपुर संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र, उत्‍तर प्रदेश से एक अभ्‍यर्थी भी है, को (i) 05 अप्रैल, 2019 को 34-स्‍वार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषण, (ii) 07 अप्रैल, 2019 और 08 अप्रैल, 2019 को 38-मिलक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषणों और (iii) 09 अप्रैल, 2019 और 12 अप्रैल, 2019 को 36-बिलासपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक भाषणों के दौरान कतिपय आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य देकर आदर्श आचार संहिता के कतिपय उपबंधों और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की संबद्ध धाराओं का उल्‍लंघन करने के लिए दिनांक 16 अप्रैल, 2019 को कारण बताओ नोटिस सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019, जारी किया था; और
          यत:, आयोग को श्री आज़म खान से उपर्युक्‍त नोटिस का उत्‍तर 17 अप्रैल, 2019 को मिला है; और
          यत:, श्री आज़म खान ने अपने उपर्युक्‍त उत्‍तर में, अन्‍य बातों के साथ-साथ, निम्‍नलिखित निवेदन किया है:-
          '' यदि इस प्रगतिरत साधारण निर्वाचन, 2019 में मेरे राजनीतिक कृत्‍यों और निर्वाचन अभियान के दौरान मैंने निर्वाचकीय महत्‍ता की किसी विधि का जानबूझकर अथवा अन्‍जाने में उल्‍लंघन किया हो तो सर्वप्रथम और अपना उत्‍तर/स्‍पष्‍टीकरण देने से पहले, मैं बिना शर्त क्षमा याचना करता हूं, बिना शर्त यह क्षमा याचना, इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति मेरे अत्‍यधिक स्‍नेह एवं आदर के कारण की जा रही है, कहने की आवश्‍यकता नहीं है कि निर्वाचकीय मत द्वारा स्‍थापित लोकतंत्र में मेरा पूर्ण विश्‍वास है और भारत निर्वाचन आयोग, एक निकाय जिस पर हमारे प्रिय देश के लोकतंत्र के संरक्षण का दायित्‍व है, के प्रति भी मेरा अत्‍यधिक आदर है।
          मैं एक बार फिर बिना शर्त क्षमा याचना करता हूँ और यह श्री निवेदन करता हूँ कि भविष्‍य में निर्वाचकीय अभियान के दौरान मैं ऐसे बयान नहीं दूंगा जो किसी भी प्रकार से आपत्तिजनक हों।
          मैं एतद्द्वारा यह भी निवेदन करता हूँ कि मेरे द्वारा दिए गए भाषणों, जो आपत्तिजनक पाए गए हैं, में से कोई भी इस मंशा से नहीं दिया गया था जिससे आदर्श आचार संहिता अथवा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के उपबंध अथवा देश की किसी अन्‍य विधि का उल्‍लंघन हो। भविष्‍य में मेरे द्वारा निर्वाचन अभियान के दौरान ऐसे बयान अथवा इसी तरह के बयान देने से बचने के लिए विशेष सावधानी बरती जाएगी''; और
     
          यत:, आयोग ने श्री आज़म खान द्वारा प्रस्‍तुत स्‍पष्‍टीकरण और प्रमाणों की जांच की है तथा  उनके विवादास्‍पद भाषणों की वीडियो रिकार्डिंग भी दोबारा देखी है; और
          यत:, आयोग का मानना है कि श्री आज़म खान ने अपनी सार्वजनिक अभिव्‍यक्तियों में जिला निर्वाचन तंत्र के प्रति और धार्मिक विषयों पर अत्‍यधिक उत्‍तेजक भाषण दिए हैं, जो निर्वाचनों के ध्रुवीकरण की प्रवृति के हैं तथा जो केवल उस निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित नहीं थे जहां पर भाषण दिया जाता है, बल्कि वे अन्‍य भागों में प्रसारित भी हुए क्‍योंकि इस डिजिटल युग में सूचना का प्रसार तेजी से होता है; और
          यत:, वास्‍तविक तथ्‍यों और साक्ष्‍यों की जांच करने के पश्‍चात, आयोग, आश्‍वस्‍त है कि श्री आज़म खान ने अपने विवादास्‍पद भाषणों में धर्म के आधार पर वोट लेने के लिए ऐसी अपील की है जो ''राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता'' के 'सामान्‍य आचरण' के भाग-। के पैरा 3 और पैरा 4 के उपबंधों का उल्‍लंघन करने के समान है, जिनमें विनिर्दिष्‍ट किया गया है कि:-
    (3) ........... मत लेने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावनाओं संबंधी कोई अपील नहीं की जाएगी।
    (4) ..... सभी राजनीतिक दल और अभ्‍यर्थी ऐसे सभी कृत्‍यों से बचेंगे जो विधि के अंतर्गत 'भ्रष्‍ट आचरण' और अपराध है जैसे मतदाताओं को रिश्‍वत देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना  .... और उन्‍होंने 1995 की सिविल अपील सं.8339 सहित 1992 की सिविल अपील सं. 37 (अभिराम सिंह बनाम सी.डी. कोम्‍मचेन एवं अन्‍य) में दिए गए उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय की अवज्ञा की है; और
          यत:, श्री आज़म खान पर लोकसभा के साधारण निर्वाचन, 2014 के दौरान भी उनके कदाचार और उत्‍तेजक भाषणों के लिए उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में सार्वजनिक सभाएं, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, रोड शोज इत्‍यादि निकालने पर 11 अप्रैल, 2014 से आगे की अवधि के लिए रोक लगाई गई थी तथा आयोग के दिनांक 16 अप्रैल, 2014 के आदेश के तहत उनकी भर्त्‍सना भी की गई थी; और
          यत:, आयोग ने, एक अन्‍य मामले में, अपने दिनांक 15 अप्रैल, 2019 के आदेश सं. 437/उ.प्र.-हि.प्र./2019 के तहत 7-रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों में से एक अभ्‍यर्थी के विरूद्ध अपमानजनक वक्‍तव्‍य देने पर श्री आज़म खान की भर्त्‍सना की है और प्रगतिरत निर्वाचनों में उन पर 16 अप्रैल, 2019 को प्रात: 10.00 बजे से 72 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो करने और साक्षात्‍कार देने, मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) पर सार्वजनिक वक्‍तव्‍य देने पर रोक लगाई थी: और
          यत:, श्री आज़म खान के विरूद्ध कथित उल्‍लंघनों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153-क, 153-ख, 171-छ, 505(1), 505(2) और लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के अंतर्गत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है, जिन पर कानून अपनी कार्रवाई करेगा:-
          अत: अब, आयोग आदर्श आचार संहिता से संबंधित मामले में उन्‍हें जारी अथवा जारी किए जाने वाले किसी आदेश/नोटिस के संबंध में बिना किसी पूर्वाग्रह के रामपुर में संचालित निर्वाचन अभियान के दौरान उनके द्वारा दिए गए विवादास्‍पद वक्‍तव्‍य की, एतद्द्वारा कड़ी भर्त्‍सना करता है और श्री आज़मखान को भविष्‍य में ऐसा कदाचार न करने की चेतावनी देता है। इसके अतिरिक्‍त, आयोग भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 324 के अंतर्गत और इस संबंध में दी गई अन्‍य सभी समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत इन प्रगतिरत निर्वाचनों के संबंध में 1 मई, 2019 (बुधवार) प्रात: 06.00 बजे से 48 घंटे के लिए कोई भी सार्वजनिक सभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो करने और साक्षात्‍कार देने, मीडिया (इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिन्‍ट, सोशल मीडिया) में सार्वजनिक वक्‍तव्‍य देने के लिए उन पर रोक लगाता है।
    आदेश से,
    हस्‍त./-
    (अनुज जयपुरियार)
    प्रधान सचिव
    श्री आज़म खान,
    समाजवादी पार्टी के नेता,
    रामपुर, उत्‍तर प्रदेश         

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

  19. Reply to Representations filed by Sh. K.C.Palanisamy in respect of AIADMK, a recognized party in the State of Tamil Nadu

    Reply to Representations filed by Sh. K.C.Palanisamy in respect of AIADMK, a recognized party in the State of Tamil Nadu 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 31 October 2018

  20. भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के पृष्ठों का English से हिन्दी में अनुवाद करने के लिए कुटेशन आमंत्रित करने हेतु निविदा सूचना

    भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के पृष्ठों का English से हिन्दी में अनुवाद करने के लिए कुटेशन आमंत्रित करने हेतु निविदा सूचना 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 03 June 2015

  21. आदर्श आचार संहिता लागू करना

    Application of Model Code of Conduct - General Elections to Legislative Assemblies of Haryana and Maharashtra - regarding

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 24 September 2019

  22. Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll in Haryana & Maharashtra– regarding.

    Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll in Haryana & Maharashtra– regarding.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  23. निर्वाचक नामावलियों में जनांकिकीय रूप से समान प्रविष्टियों (डीएसई) और एक समान फोटो वाली प्रविष्टियों (पीएसई) की हैंडलिंग तथा प्रोसेसिंग के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया-तत्संबंधी।

    The following associated file can be downloaded from this link
    Standard Operating Procedure (SOP) for handing and processing Demographic Similar Entries (DSEs) and Photo Similar Entries (PSEs) in electoral rolls - regarding.  
    Reference:
    Commission's letter no. 23/2021-ERS dated 13.08.2021 Commission's letter no. 485/ERONT/PSE/2021/IT-I dated 25.11.2021 Commission's letter No. 23/2022-ERS9Vol.II) dated 25.07.2022

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 23 August 2022

  24. निर्वाचन लड़ने वाले आपराधिक पूर्ववृत्त वाले व्यक्तियों के संबंध में विवरण प्रकाशित करने की अपेक्षा से संबंधित याचिका पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय

    संख्या 3/4/2019/एसडीआर/खंड IV
    दिनांक: 16 सितंबर, 2019
     
    सेवा में,
    सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों
    के मुख्य निर्वाचन अधिकारी  
    विषय:  निर्वाचन लड़ने वाले आपराधिक पूर्ववृत्त वाले व्यक्तियों के संबंध में विवरण प्रकाशित करने की अपेक्षा से संबंधित याचिका पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय;
          
    महोदय/महोदया, 
           मुझे आपका ध्यान आयोग की पत्र संख्या 3/4/2017/एसडीआर/खंड।।, दिनांक 10.10.2018 तथा दिनांक 19.03.2019 के पत्र की ओर आकृष्ट कराने का निदेश हुआ है जिसे माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 2015 की रिट याचिका संख्या 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ और अन्य) और 2011 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 536 (पब्लिक इंट्रेस्ट फाउंडेशन और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य) में निर्णय के अनुसरण में आयोग द्वारा जारी किया गया था। उक्त पत्र में आयोग ने निदेश दिया था कि अभ्यर्थी जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले, चाहे ऐसे मामले लंबित हो या विगत में दोषसिद्धि के मामले हों, और राजनीतिक दल जिन्होनें ऐसे अभ्यर्थियों को खड़ा किया है, उपर्युक्त पत्र में विहित तरीके से समाचार पत्र और टीवी चैनलों पर एक घोषणा प्रस्तुत करेगा।  
    2.     तत्पश्चात, वर्ष 2011 की रिट याचिका (सी) सं. 536 में वर्ष 2018 की अवमानना याचिका (सी) सं. 2192 में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 13.02.2020 को पारित अपने आदेश में दिए गए निर्देशों के अनुसरण में और आयोग के उपर्युक्त दो पत्रों में दिए गए निर्देशों के अलावा, आयोग ने 6 मार्च, 2020 को अपने पत्र सं. 3/4/2020/एसडीआर/खंड ।।। के जरिए भी यह निदेश दिया है कि सभी राजनैतिक दल जो आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थी को खड़ा करते हैं, चाहे उस पर मामले लंबित हों या विगत में वह दोषसिद्ध हुआ हो, वे लोक सभा और राज्य मंडलों के सभी भावी निर्वाचनों में उपर्युक्त सभी निर्देशों का निरपवाद रूप से पालन करेंगे। राजनैतिक दल द्वारा अभ्यर्थी के रूप में चुने गए आपराधिक मामलों वाले व्यक्ति से संबंधित सूचना के साथ-साथ ऐसे चयन के कारण सहित बिना आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अन्य व्यक्तियों को अभ्यर्थी के रूप में क्यों नहीं चुना गया, इससे संबंधित विवरण अभ्यर्थी का चयन किए जाने के 48 घंटों के भीतर या नामनिर्देशन दायर करने की पहली तिथि से पहले कम से कम दो सप्ताह पहले, जो भी पहले हो, समाचार पत्र, सोशल मीडिया प्लेटफार्म और दल की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाएंगे। 
    3.     आयोग ने निर्वाचन न लड़े निर्वाचित अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार से संबंधित मुद्दों पर भी विचार किया है और निदेश दिया है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के उपर्युक्त दिशानिर्देशों के आलोक में ऐसे अभ्यर्थियों को अन्य निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी यथा विहित रीति से अपने आपराधिक पृर्ववृत्त का प्रचार करना आवश्यक होगा। 
    4.     आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार ऐसे विवरण प्रकाशित करने के प्रयोजन से प्रचार अभियान के दौरान आपराधिक मामलों के संबंध में विवरण तीन अवसरों पर प्रकाशित किया जाना है। अब आयोग ने मामले पर विचार किया है और निदेश दिया है कि निर्दिष्ट अवधि को निम्नलिखित तरीके से तीन खंडों में रखा जाएगा ताकि निर्वाचकों को अभ्यर्थियों के बारे में जानने का पर्याप्त समय मिले:  
    क.     प्रथम प्रचार:     अभ्यर्थिता वापसी के प्रथम चार दिनों के भीतर
    ख.     दूसरा प्रचार:     अगले 5 से 8 दिनों के बीच
    ग.     तीसरा प्रचार:    9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान के दिन से पहले दो दिन तक)  
    (व्याख्या: यदि अभ्यर्थिता वापस लेने की अंतिम तिथि महीने का 10वां दिन है और मतदान महीने के 24वें दिन है तो घोषणा प्रकाशन के लिए पहला खंड महीने के 11वें से 14वें दिन के बीच किया जाएगा, दूसरा और तीसरा क्रमश: महीने के 15वें और 18वें दिन के बीच और 19वें और 22वें दिन के बीच किया जाएगा।)  
    5.     आयोग के पत्र में उल्लिखित पैरा 1 और 2 में यथा प्रदत्त अन्य दिशानिर्देशो का अनुपालन किया जाना जारी रहेगा।  
    6.     निर्वाचन व्यय का लेखा दायर करते समय आपराधिक पूर्ववृत्त, यदि कोई हो, संबंधी अनुदेशों का प्रचार करने से संबंधित विवरण विहित प्रारूप (सी-4) में प्रदान किया जाएगा। राज्य सभा या राज्य विधान परिषद के निर्वाचन के मामले में निर्वाचन के लिए आरओ को ये विवरण प्रस्तुत किए जाएंगे।  
    7.     यहां यह उल्लेखनीय है कि जहां तक राजनैतिक दलों का संबंध है, दिनांक 6 मार्च, 2020 के आयोग के पत्र संख्या 3/4/2020/एसडीआर/खंड ।।। के तहत प्रेषित माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 13.02.2020 के आदेश के संदर्भ में उनके द्वारा चयनित अभ्यर्थी के संबंध में विवरणों का प्रकटन किया जाना बाध्यकारी होगा, भले ही संवीक्षा के दौरान और/या उसके अभ्यर्थन वापस लेने के कारण उसका अभ्यर्थन अस्वीकृत हो जाता है, का भी अनुपालन इस संबंध में किया जाए।  
    8.     यह पुन: दोहराया जा सकता है कि उक्त आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रकाशन से संबद्ध अभ्यर्थी या राजनैतिक दल द्वारा व्यय किए गए सभी खर्चे निर्वाचन के लिए किए गए व्यय माने जाएंगे। इस संबंध में आयोग के 19 मार्च, 2019 के पत्र सं. 3/4/3029/एसडीआर/खंड-। का अवलोकन किया जा सकता है। 
    9.     आयोग द्वारा यथा विहित विद्यमान प्रारूपों को सुसंगत बनाने के लिए और माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में प्रारूप सी1, सी2, और सी3 को उपयुक्त दिशानिर्देशों को जोड़कर संशोधित किया गया है (प्रति संलग्न)।  
    10.    इस पत्र को सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों/रिटर्निंग अधिकारियों को उनकी ओर से की जाने वाली कार्रवाई के लिए परिचालित किया जा सकता है। इसे राज्य अर्थात रजिस्टर्ड दल की राज्य ईकाई तथा अन्य राज्यों के रजिस्टर्ड राज्यीय दलों तथा आपके राज्य /संघ राज्य क्षेत्र में स्थित मुख्यालय वाले सभी रजिस्टर्ड गैर-मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों को भी इस अनुदेश के साथ परिचालित किया जाएगा कि सभी भावी निर्वाचनों में दलों और उनके अभ्यर्थियों दोनों द्वारा उक्त निदेशों का सख्ती से अनुपालन किया जाए।  
    11.    कृपया इसकी पावती दें और की गई कार्रवाई की पुष्टि करें।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 23 September 2020

  25. LIST OF CONTESTING CANDIDATES FOR THE FIFTH PHASE OF ELECTIONS (FORM 7A)

    LIST OF CONTESTING CANDIDATES FOR THE FIFTH PHASE OF ELECTIONS (FORM 7A)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 May 2019

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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