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प्रेस विज्ञप्तियाँ

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  1. भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचनों से पहले की समयावधि में कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों में निर्वाचन व्यवस्था के समन्वय की समीक्षा की भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य की टीमों को 185 अंतरराज्यीय जांच चौकियों पर सतर्कता बढ़ाने का निदेश दि

    सं. ईसीआई/पीएन/29/2023                                     
    01 मई, 2023
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचनों से पहले की समयावधि में कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों में निर्वाचन व्यवस्था के समन्वय की समीक्षा की
    भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य की टीमों को 185 अंतरराज्यीय जांच चौकियों पर सतर्कता बढ़ाने का निदेश दिया

     

          भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार के नेतृत्व में कर्नाटक विधान सभा के प्रगतिरत साधारण निर्वाचन 2023 को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन व्यवस्था, कानून व्यवस्था के समन्वय की समीक्षा करने के लिए कर्नाटक और गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा केरल के सीमावर्ती राज्यों के तटरक्षक बल, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो, आयकर इत्यादि के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित मुख्य सचिवों, पुलिस महानिरीक्षकों, नोडल पुलिस अधिकारियों, सीएपीएफ के नोडल अधिकारियों और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक वीडियो सम्मेलन का आयोजन किया।
     
         
    समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने राज्य की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने के लिए राज्य की टीमों को निदेश दिया। उन्होंने छह पड़ोसी राज्यों की 185 अंतरराज्यीय जांच चौकियों पर सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष रूप से बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमा पार से किसी अवैध नकदी, मदिरा, नशीले पदार्थ, मुफ्त उपहार का संचलन न होने पाए। आज की तारीख तक 305 करोड़ रूपये से अधिक (विधान सभा साधारण निर्वाचन 2018 में केवल 83 करोड़ रू. की तुलना में) की जब्ती का संज्ञान लेते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने धन बल पर नियंत्रण करने में असफल रहने वाले स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करने के लिए कहा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पदाधिकारियों से समीपस्थ सीमावर्ती राज्यों के सहयोग से और अधिक जब्तियां करने और राज्य में प्रलोभन मुक्त निर्वाचन के आयोग के संकल्प को पूरा करने के लिए उल्लंघनकर्ताओं में प्रशासन का भय पैदा करने के लिए कहा। उन्होंने तटरक्षक बलों और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के पदाधिकारियों को कड़ी सतर्कता बरतने और नशीले पदार्थो के जोखिमों को कम करने में सहायता करने का निदेश दिया।
          मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने पदाधिकारियों को निर्वाचकीय माहौल को दूषित कर रहे किन्हीं उल्लंघनों और जाली विवरणों/बयानों के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने का भी निदेश दिया। उन्होंने पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे मतदाता टर्नआउट, लिंग, युवा और शहरी निर्वाचकों की सहभागिता पर मानक को और ऊपर उठाएं।
    राज्य
    अंतरराज्यीय जांच चौकियों की संख्या
    सीमावर्ती यूनिटों के नाम (जांच चौकियों की संख्या)
    केरल
    21
    कोडागु (03)
    दक्षिण कन्नड (09)
    मंगलोर शहर (07)
    जिला मैसूर (01)
    चामराजनगर (01)
    तमिलनाडु
    25
    बेंगलुरू जिला(06)
    कोलार (02)
    रामनगर (03)
    केजीएफ (04)
    चामराजनगर (10)
    आंध्र प्रदेश
    57
    चित्रदुर्ग (08)
    बेल्लारी (13)
    रायचूर (02)
    टुमकुर (12)
    कोलार (09)
    चिक्काबल्लापुर (09)
    केजीएफ (04)
     
    तेलंगाना
    24
    कालाबुर्गी (08)
    यादागीरी (03)
    रायचूर (03)
    बीदर (10)
    महाराष्ट्र
    53
    बेलागवी (18)
    विजयपुरा (11)
    कालाबुर्गी (08)
    बीदर (13)
    बेलागवी शहर (03)
    गोवा
    5
    उत्तर कन्नड (03)
    बेलागवी जिला (02)
    कुल
    185
     
     
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय ने भयरहित और निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए पदाधिकारियों से असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने, लंबित एनबीडब्ल्यू पर अनुवर्ती कार्रवाई करने तथा प्रचार निषेध अवधि के दौरान कड़ी सतर्कता बरतने के लिए कहा। अवैध मदिरा की जब्तियों को बढ़ाने की संभावना पर जोर देते हुए उन्होंने पदाधिकरियों को निदेश दिया कि वे सरगनाओं के विरूद्ध कार्रवाई करें, मदिरा की जमाखोरी रोकें तथा यह सुनिश्चित करें कि निर्यात के लिए अथवा विधि द्वारा यथापरिभाषित किसी अन्य उपयोग के लिए निर्धारित शीरा सामग्री किसी अन्य रूप में परिवर्तित न होने पाए।

     

    निर्वाचन आयुक्त श्री अरूण गोयल ने पदाधिकारियों से कहा कि वे लोगों के लिए असुविधा का कारण बने बिना सतर्कता कड़ी करें और जब्ती के बाद की जाने वाली कार्रवाइयों का संपूर्ण रूप से अनुपालन करें। उन्होंने कहा कि इस समीक्षा का प्रयोजन पड़ोसी राज्यों को भी जागरूक/संवेदनशील बनाना है ताकि वे निर्वाचनों के सुचारू संचालन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।
     
    अपर सचिव (पुलिस) गृह मंत्रालय, महानिरीक्षक (सीआरपीएफ), कार्यकारी निदेशक (टी.टी. एंड कोचिंग) रेलवे और आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारीगण भी इस बैठक में उपस्थित थे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 10 May 2023

  2. भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान सभा के चालू साधारण निर्वाचन में चुनावी बहस के गिरते स्‍तर के दृष्टिगत सभी स्‍टार प्रचारकों, मान्‍यताप्राप्‍त राष्‍ट्रीय एवं राज्‍यीय राजनीतिक दलों को एडवाइजरी जारी किया।

    भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान सभा के चालू साधारण निर्वाचन में चुनावी बहस के गिरते स्‍तर के दृष्टिगत सभी स्‍टार प्रचारकों, मान्‍यताप्राप्‍त राष्‍ट्रीय एवं राज्‍यीय राजनीतिक दलों को एडवाइजरी जारी किया।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 03 May 2023

  3. कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2023 – तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/24/2023
     
    दिनांक: 29 मार्च, 2023
                                             
    प्रेस नोट
     
    कर्नाटक विधान सभा के कार्यकाल और इनकी सदस्‍य संख्या के साथ-साथ संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन आदेश, 2008 द्वारा यथानिर्धारित अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों का ब्‍यौरा नीचे दिया गया है:
     
    राज्य का नाम
    विधान सभा का कार्यकाल
    विधान सभा सीटों की संख्या
    अनु. जातियों के लिए आरक्षित
    अनु. जनजातियों के लिए आरक्षित
    कर्नाटक
    25 मई, 2018 से
    24 मई, 2023
    224
    36
    15
     
    भारत निर्वाचन आयोग (इसमें इसके बाद आयोग के रूप में संदर्भित) भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 172(1) के साथ पठित अनुच्‍छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15 के तहत प्रदत्‍त प्राधिकार और शक्‍तियों का प्रयोग करते हुए कर्नाटक विधान सभा का कार्यकाल समाप्‍त होने से पहले इनका स्‍वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, सुगम्‍य, समावेशी और सुरक्षित निर्वाचन संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है।  
     
    1.     निर्वाचक नामावली –
           आयोग का दृढ़ विश्वास है कि प्रामाणिक और अद्यतन निर्वाचक नामावलियां स्‍वतंत्र, निष्पक्ष और विश्‍वसनीय निर्वाचन की आधारशिला हैं। इसलिए, इनकी गुणवत्ता, उपयुक्‍तता और विश्वसनीयता में सुधार लाने पर गहन और निरंतर ध्यान दिया जाता है। निर्वाचन विधि (संशोधन) अधिनियम, 2021 द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 14 में संशोधन होने के बाद अब मतदाता के रूप में नामांकित होने के लिए एक वर्ष में चार अर्हक तिथियों का प्रावधान किया गया है। तद्नुसार, आयोग ने 01.01.2023  की अर्हक तिथि, जो निकटतम अर्हक तिथि है, के संदर्भ में कर्नाटक में निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया है। 01.01.2023 की अर्हक तिथि के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण समयबद्ध रूप में पूरा कर लेने के उपरांत निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 05 जनवरी, 2023 को कर दिया गया है।
     
    निर्वाचक नामावली के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक राज्य में निर्वाचकों की संख्या निम्नानुसार है: 
     
    राज्य का नाम
    साधारण निर्वाचकों की संख्या
    सेवा मतदाताओं की संख्या
    निर्वाचक नामावलियों के अनुसार निर्वाचकों की कुल संख्या
    कर्नाटक
    5,23,63,948
    47,609
    5,24,11,557
     
    02 जनवरी, 2022 और 01 जनवरी, 2023 के बीच 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवा निर्वाचकों के नामांकनों की संख्या निम्नानुसार है:
     
    राज्य का नाम
    18+ आयु वाले निर्वाचक
    कर्नाटक
    9,58,806
     
    कर्नाटक राज्य में दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी), थर्ड जेंडर और वरिष्ठ नागरिक (80+) के रूप में चिह्नित निर्वाचकों की संख्या इस प्रकार हैः
     
    राज्य का नाम
    कुल पीडब्ल्यूडी निर्वाचक
    कुल थर्ड जेंडर निर्वाचक
    कुल वरिष्ठ नागरिक (80+)
    कर्नाटक
    5,60,908
    4751
    12,15,142
     
    आयोग ने समाज के सभी वर्गों की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने और निर्वाचक नामावली की वस्तुस्थिति में सुधार करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, जो इस प्रकार हैं:
    (i)     प्रतिष्ठित सिविल सोसायटी संगठनों (सीएसओ) के सहयोग से अति-संवेदनशील समूहों जैसे दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), ट्रांसजेंडरों और सेक्स वर्करों का अधिकतम नामांकन सुनिश्चित किया जाना। उदाहरण के लिए, सेक्स वर्करों का अधिकतम नामांकन सुनिश्चित करने के लिए नाको (राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन) के साथ जुड़ना।
    (ii)    उचित क्षेत्रगत सत्यापन और सांविधिक प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद सॉफ्टवेयर टूल्स का उपयोग करके निर्वाचक नामावली में तार्किक त्रुटियों, जनांकिकीय रूप से सदृश प्रविष्टियों और एकसमान फोटो वाली प्रविष्टियों को हटाना।
    (iii)    युवा मतदाताओं, विशेष रूप से 1 जनवरी, 2023 को अर्हक आयु प्राप्त करने वाले मतदाताओं के नामांकन पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।
    (iv)    मतदान केंद्रों का यौक्तिकीकरण अत्यन्त सावधानीपूर्वक किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रत्येक मतदान केंद्र का प्रत्यक्ष रूप से दौरा किया गया है और सम्यक् प्रक्रिया का पालन करके मतदान केंद्रों को नए और बेहतर बुनियादी ढांचे वाले भवन में स्थानांतरित करने पर भी विचार किया गया है।
    (v)    नागरिकों के अति-संवेदनशील समूहों के लिए समाज कल्याण विभाग, एसएसीओ आदि के डेटाबेस जैसे अन्य सरकारी डेटाबेस को बेंचमार्क के रूप में रखकर इन समूहों का पंजीकरण बढ़ाने पर विचार किया गया।
    (vi)    आयोग मतदान केंद्रों में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुगम्यता अनुकूल बुनियादी ढांचे के साथ-साथ आश्वस्त न्यूनतम सुविधाओं पर जोर देता है, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर रैंप जैसा स्थायी बुनियादी ढांचा बनाने का निर्देश दिया गया है।
    (vii)   किसी भी महामारी या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 3 या अधिक मतदान केंद्रों वाले मतदान स्थलों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास की योजना बनाई गई है।
    (viii)   आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग करने और मॉडल मतदान केंद्र तैयार करने के लिए स्थानीय संस्कृति और कला को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। प्रत्येक जिले में यथासंभव कम से कम एक ऐसा मॉडल मतदान केन्द्र होना चाहिए।
    (ix)    80+निर्वाचकों, दिव्यांगजनों आदि की सूची तैयार की गई है और उन्हें यह अहसास कराने के लिए कि वे समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं, उन्हें सम्मान/प्रशंसा पत्र भी भेजे गए हैं।
     
    2.     फोटो निर्वाचक नामावली और निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक):
    कर्नाटक के साधारण निर्वाचन के दौरान फोटो निर्वाचक नामावलियों का उपयोग किया जाएगा। निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) मतदान के समय निर्वाचक की पहचान स्थापित करने का एक दस्तावेज है। नाम-निर्देशन दाखिल करने की अंतिम तारीख से पहले सभी नव-पंजीकृत निर्वाचकों को एपिक की 100% प्रदायगी सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
     
    3.     मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस)
    मतदाता अपने मतदान केन्‍द्र में निर्वाचक नामावली की क्रम संख्या, मतदान की तारीख, समय आदि जान सकें, इन सब बातों में उनकी सहायता करने के लिए आयोग ने 'मतदाता सूचना पर्ची’ जारी करने का निर्णय लिया है। मतदाता सूचना पर्ची में मतदान केन्‍द्र, तारीख, समय आदि जैसी सूचना सम्मिलित होगी, लेकिन इसमें मतदाता का फोटो नहीं होगा। नामांकित सभी निर्वाचकों को जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा मतदान की तारीख से कम से कम 5 दिन पहले मतदाता सूचना पर्चियां वितरित की जाएंगी। हालांकि, मतदाताओं की पहचान के प्रमाण के रूप में मतदाता सूचना पर्ची को अनुमति नहीं दी जाएगी। यह स्‍मरण दिलाया जाता है कि आयोग ने 28 फरवरी, 2019 से पहचान के प्रमाण के रूप में फोटोयुक्त मतदाता पर्चियों को अनुमति देना बंद कर दिया था।
     
    4.     ब्रेल मतदाता सूचना पर्चियां:
    निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) की भागीदारी तथा सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने निदेश दिया है कि दृष्टिबाधा से ग्रस्त व्‍यक्तियों को, सामान्य मतदाता सूचना पर्चियों के साथ-साथ, ब्रेल विशिष्‍टताओं वाली अभिगम्य मतदाता सूचना पर्चियां जारी की जाएं।
     
    5.     मतदाता गाइड:
    इस निर्वाचन में, प्रत्‍येक निर्वाचक के घर-परिवार को निर्वाचनों से पहले मतदाता गाइड (हिंदी/अंग्रेजी/स्‍थानीय भाषा में) उपलब्ध करवाई जाएगी जिसमें मतदान की तारीख एवं समय, बीएलओ के संपर्क विवरण, महत्वपूर्ण वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर, मतदान केन्‍द्र में पहचान के लिए अपेक्षित दस्तावेजों के साथ-साथ मतदान केंद्र पर मतदाता ‘क्या करें और क्या न करें’, सहित अन्य महत्वपूर्ण सूचना दी जाएगी। यह मतदाता गाइड विवरणिका बीएलओ द्वारा मतदाता सूचना पर्चियों के साथ वितरित की जाएगी।
     
    6.     मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान -
    मतदान केंद्र पर मतदाताओं की पहचान के लिए मतदाता, अपने एपिक या आयोग द्वारा अनुमोदित निम्नलिखित दस्‍तावेजों में से कोई एक दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करेंगे:
    (i)        आधार कार्ड  
    (ii)       मनरेगा जॉब कार्ड  
    (iii)      बैंक/डाक घर द्वारा जारी फोटोयुक्‍त पासबुक
    (iv)      श्रम मंत्रालय की स्‍कीम के अंतर्गत जारी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा स्‍मार्ट कार्ड
    (v)       ड्राइविंग लाइसेंस
    (vi)      पैन कार्ड
    (vii)     एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्‍मार्ट कार्ड
    (viii)     भारतीय पासपोर्ट
    (ix)      फोटोयुक्‍त पेंशन दस्‍तावेज
    (x)       केन्द्रीय/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कम्‍पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्‍त सेवा पहचान पत्र,
    (xi)      सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्‍यों को जारी अधिकारिक पहचान पत्र; और
    (xii)     विशिष्ट दिव्यांग आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार 
     
    7.     मतदान केंद्र और विशेष सुविधा –
    (i)     मतदान केन्द्र में निर्वाचकों की अधिकतम संख्या
    एक मतदान केन्‍द्र में अधिकतम 1500 निर्वाचक होंगे। राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या निम्नलिखित के अनुसार परिवर्तित हुई है:
    राज्य का नाम
    2018 में मतदान केंद्रों की संख्या
    2023 में मतदान केंद्रों की संख्या
    कर्नाटक
    58,008
    58,282
     
    (ii)    मतदान केन्द्रों पर आश्वस्त न्‍यूनतम सुविधाएं (एएमएफ):
    आयोग ने कर्नाटक के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए अनुदेश जारी किए हैं कि प्रत्‍येक मतदान केन्द्र भूतल पर होने जरूरी हैं, मतदान केंद्र भवन तक जाने के लिए अच्‍छा सम्पर्क पथ हो और वह आश्वस्त न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) जैसे पेयजल, प्रतीक्षा स्थल (वेटिंग शेड), पानी की सुविधा के साथ टॉयलेट, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था, दिव्यांग निर्वाचकों के लिए उपयुक्‍त ढाल वाले रैम्प और एक मानक वोटिंग कम्पार्टमेंट आदि से युक्‍त हों। आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारियों को निदेश दिया है कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर स्थायी रैंप और स्थायी अवसंरचना तैयार करने के प्रयास करें।
     
    (iii)    सुगम्‍य निर्वाचन - दिव्‍यांगजनों और वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए सुविधाएं:
    कर्नाटक में सभी मतदान केंद्र भूतल पर स्‍थित हैं और नि:शक्‍त निर्वाचकों और व्‍हील चेयर वाले वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए उचित ढलान वाले रैम्‍प की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, नि:शक्‍त मतदाताओं को लक्षित और आवश्यकता आधारित सुविधा प्रदान करने के लिए आयोग ने निदेश जारी किए हैं कि एक विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के सभी दिव्‍यांगजनों और वरिष्‍ठ नागरिकों की पहचान की जाए और उन्‍हें उनके संबंधित मतदान केंद्रों के साथ टैग किया जाए तथा मतदान के दिन उनको सहज और सुविधाजनक मतदान अनुभव कराने के लिए निशक्तता-विशिष्‍ट आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं। अभिज्ञात दिव्यांग (पीडब्‍ल्‍यूडी) और वरिष्‍ठ नागरिक निर्वाचकों को रिटर्निंग आधिकारी (आरओ)/जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) द्वारा नियुक्त स्‍वयंसेवकों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। मतदान केंद्रों पर दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक निर्वाचकों के लिए विशेष सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही, यह निदेश भी दिया गया है कि मतदान बूथों में प्रवेश करने में नि:शक्‍त निर्वाचकों एवं वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए, मतदान केंद्र परिसर के प्रवेश के निकट उनके लिए निर्दिष्‍ट पार्किंग स्थान की व्यवस्था की जाए और वाक् एवं श्रवण बाधा से ग्रस्‍त निर्वाचकों को विशेष सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। नि:शक्‍त निर्वाचकों की विशेष जरूरतों के संबंध में मतदान कर्मियों को संवेदनशील बनाने पर विशेष ध्‍यान दिया गया है।
     
    आयोग ने मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को निदेश दिया है कि मतदान के दिन प्रत्‍येक मतदान केंद्र पर दिव्‍यांग एवं वरिष्‍ठ नागरिक निर्वाचकों के लिए उचित परिवहन सुविधा होनी चाहिए। दिव्यांग निर्वाचक सक्षम-ईसीआई ऐप पर पंजीकरण करके व्हीलचेयर सुविधा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
     
    जैसा कि निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 की धारा 49ढ में उपबंध किया गया है, मतदान केंद्र पर दृष्टिबाधित व्यक्ति अपनी ओर से मतदान करने के लिए अपने साथ एक साथी ले जा सकते हैं।
     
    इसके अलावा, मतदान केंद्रों पर ब्रेल लिपि में डमी मतपत्र भी उपलब्ध हैं। कोई भी दृष्टिबाधित मतदाता इस शीट का उपयोग कर सकता है और इस शीट की विषय-वस्तु का अध्ययन करने के उपरांत साथी की सहायता लिए बिना ईवीएम के बैलेट यूनिट पर ब्रेल सुविधा का उपयोग करके स्वयं अपना मत डाल सकता है।  
     
    (iv)    मतदाता सुविधा पोस्‍टर:
           निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 31 के अंतर्गत सांविधिक अपेक्षाओं को पूरा करने तथा प्रत्‍येक मतदान केंद्र पर मतदाता जागरूकता एवं सूचना के लिए सटीक एवं सुसंगत सूचना प्रदान करने के लिए आयोग ने यह निदेश भी दिया है कि एकसमान और मानकीकृत मतदाता सुविधा पोस्‍टर (वीएफपी) [कुल मिलाकर चार (4) प्रकार के पोस्‍टर अर्थात् 1. मतदान केंद्र विवरण, 2. अभ्यर्थियों की सूची, 3. क्या करें और क्या न करें तथा 4. पहचान के अनुमोदित दस्तावेज और मतदान कैसे करें] सभी मतदान केंद्रों पर प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे।
     
    (v)    मतदाता सहायता बूथ (वीएबी):
           प्रत्‍येक मतदान केंद्र स्थल के लिए मतदाता सहायता बूथ स्‍थापित किए जाएंगे जिनमें बीएलओ/पदाधिकारियों का एक दल होगा जो मतदाताओं की, उनके संबंधित मतदान बूथ की निर्वाचक नामावली में उनकी मतदान बूथ संख्या और क्रम संख्या का ठीक-ठीक पता लगाने में सहायता करेंगे। मतदाता सहायता बूथ (वीएबी) सुस्‍पष्‍ट पहचान सूचक के साथ और इस तरीके से स्‍थापित किए जाएंगे कि वे मतदाताओं के मतदान परिसर/भवन की ओर बढ़ने पर आसानी से उनकी नजर में आ सके जिससे वे मतदान के दिन अपेक्षित सुविधा प्राप्त करने में सक्षम हो सकें।
     
    आसानी से नाम खोजने और निर्वाचक नामावली में क्रम संख्या जानने के लिए मतदाता सहायता बूथ पर ईआरओ नेट के जरिए सृजित वर्णक्रम लोकेटर (अंग्रेजी वर्णक्रम के अनुसार) रखा गया है।
    vi)    मतदान की गोपनीयता सुनिश्‍चित करने के लिए मानकीकृत मतदान कक्ष (वोटिंग कंपार्टमेंट):    
           मतदान के समय, मत की गोपनीयता बनाए रखने तथा मतदान कक्षों (वोटिंग कंपार्टमेंट्स) के उपयोग में एकरूपता लाने के लिए आयोग ने 15 नवंबर, 2016 को अपने अनुदेशों में संशोधन किया है तथा मतदान कक्षों की ऊंचाई को 30 इंच तक बढ़ा दिया है तथा यह निदेश भी दिए हैं कि वोटिंग कंपार्टमेंट एक ऐसे टेबल पर रखा जाना चाहिए जिसकी ऊंचाई 30 इंच हो। वोटिंग कंपार्टमेंट्स बनाने के लिए स्‍टील-ग्रे रंग का पूर्णत: अपारदर्शी और पुन:-प्रयोज्‍य केवल लहरदार (कोरूगेटेड) प्‍लास्‍टिक शीट (फ्लेक्‍स बोर्ड) का उपयोग किया जाएगा। आयोग आशा करता है कि सभी मतदान बूथों में इन मानकीकृत और एकसमान वोटिंग कंपार्टमेंट्स का उपयोग करने से मतदाताओं को वृहत्तर सुविधा मिलेगी, मत की पूर्ण गोपनीयता सुनिश्‍चित होगी और मतदान बूथों के भीतर वोटिंग कंपार्टमेंट तैयार करने में असामान्यताएं और असमानताएं दूर होंगी।
     
           वोटिंग कंपार्टमेंट्स के तीनों तरफ स्वयं चिपकने वाले स्टिकर चिपकाए जाएंगे तथा उन पर निर्वाचन का नाम, पीसी/एसी संख्या और नाम तथा मतदान केंद्र संख्या और नाम और वर्ष का नाम आदि छपा होगा। 
     
    8.     दिव्यांग मतदाताओं, 80+ वरिष्ठ नागरिकों, अनिवार्य सेवाओं में नियोजित निर्वाचकों और कोविड संदिग्ध/प्रभावित मतदाताओं के लिए पहल:
    I.     निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 का नियम 27क अधिसूचना दिनांक 22.10.2019 और 19.06.2020 के माध्यम से संशोधित किया गया है। उक्त दो संशोधनों के द्वारा "अनुपस्थित मतदाता" डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने के हकदार हो गए हैं। "अनुपस्थित मतदाता" को निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम-27क के खंड (कक) में परिभाषित किया गया है, और इसमें अनिवार्य सेवाओं में नियोजित व्यक्ति, वरिष्ठ नागरिक (80+), दिव्यांगजन (बेंचमार्क या उससे अधिक की दिव्यांगता वाले) और कोविड 19 के संदिग्ध या प्रभावित व्यक्ति शामिल हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अधीन अनिवार्य सेवाओं की श्रेणी निर्वाचन आयोग द्वारा सरकार के परामर्श से अधिसूचित की जाती है।
     
    वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) और कोविड-19 संदिग्ध या प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी वाले अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के लिए मौजूदा दिशानिर्देशों में निम्नलिखित प्रक्रिया निर्दिष्ट की गई है: –
    (i)     अनुपस्थित मतदाता जो डाक मतपत्र द्वारा मतदान करना चाहता है, उसे संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को प्ररूप-12घ में सभी अपेक्षित विवरण देते हुए आवेदन करना है। डाक मतपत्र की सुविधा चाहने वाले ऐसे आवेदन निर्वाचन की घोषणा की तारीख से लेकर संबंधित निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के पांच दिन बाद तक की अवधि के दौरान आरओ के पास पहुंच जाने चाहिए।
    (ii)    यदि दिव्यांगजन श्रेणी से संबंधित अनुपस्थित मतदाता (एवीपीडी) डाक मतपत्र का विकल्प चुनते हैं तो आवेदन (प्ररूप 12घ) के साथ दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अधीन संबंधित उपयुक्त सरकार द्वारा निर्दिष्ट बेंचमार्क दिव्यांगता प्रमाण पत्र की एक प्रति संलग्न होनी चाहिए।
    (iii)    बीएलओ द्वारा प्ररूप 12घ का वितरण:
    (क)    बीएलओ मतदान केंद्र क्षेत्र में आरओ द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार एवीएससी, एवीपीडी और एवीसीओ की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के घरों का दौरा करेगा और संबंधित निर्वाचकों को प्ररूप 12घ वितरित करेगा और उनसे पावतियां प्राप्त करेगा।
    (ख)    यदि कोई निर्वाचक उपलब्ध नहीं है, तो बीएलओ उनसे अपने संपर्क विवरण साझा करेगा और अधिसूचना के पांच दिनों के भीतर प्ररूप 12घ लेने के लिए फिर से जाएगा।
    (ग)    निर्वाचक डाक मतपत्र का विकल्प चुन सकता है या नहीं चुन सकता है। यदि वह डाक मतपत्र का विकल्प चुनता है, तो बीएलओ अधिसूचना के पांच दिनों के भीतर निर्वाचक के घर से भरे हुए प्ररूप 12घ को एकत्र करेगा और आरओ के पास तत्‍काल जमा करेगा।
    (घ)    सेक्टर ऑफिसर आरओ के समग्र पर्यवेक्षण में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा द्वारा प्ररूप 12घ के वितरण और संग्रह की प्रक्रिया का पर्यवेक्षण करेंगे।
    (iv)    इसके अलावा, आरओ ऐसे सभी दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) और 80+ निर्वाचकों की सूची मुद्रित हार्डकॉपी में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के साथ साझा करेगा, जिनके डाक मतपत्र सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्ररूप 12घ में प्रस्तुत आवेदन आरओ द्वारा अनुमोदित किए गए हैं।
     
    II.     एक वीडियोग्राफर और सुरक्षा सहित 2 मतदान अधिकारियों वाला मतदान दल तब वोटिंग कंपार्टमेंट के साथ निर्वाचक के घर जाएगा और मत की पूर्ण गोपनीयता बनाए रखते हुए डाक मत-पत्र पर निर्वाचक से मतदान करवाएगा। अभ्यर्थियों को इन निर्वाचकों की सूची अग्रिम तौर पर दी जाएगी और उनको मतदान का कार्यक्रम और मतदान दलों का मार्ग चार्ट भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे अपने प्रतिनिधियों को मतदान प्रक्रिया का साक्षी बनने के लिए भेज सकें। तदुपरांत, रिटर्निंग अधिकारी द्वारा डाक मतपत्र सुरक्षित ढंग से स्टोर किया जाएगा।
    III.    यह एक वैकल्पिक सुविधा है और इसमें डाक विभाग की पत्र प्रेषण जैसी कोई व्यवस्था शामिल नहीं है।
    IV.    आयोग ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निदेश दिया है कि वे उपर्युक्त श्रेणियों के मतदाताओं में सूचना का प्रसार करने और उनको सुविधा प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
     
    9.     महिलाओं और दिव्यांगजनों द्वारा संचालित मतदान केंद्र-
    लैंगिक समानता और निर्वाचन प्रक्रिया में महिलाओं की रचनात्‍मक भागीदारी बढ़ाने के प्रति अपनी पुरजोर प्रतिबद्धता के भाग के रूप में आयोग ने यह निदेश भी दिया है कि जहां तक संभव हो, निर्वाचन होने वाले कर्नाटक राज्य में प्रत्‍येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक ऐसा मतदान केंद्र स्‍थापित किया जाएगा जो महिलाओं और दिव्यांगजनों द्वारा अनन्य रूप से संचालित होगा। महिलाओं द्वारा संचालित ऐसे मतदान केंद्रों में, पुलिस और सुरक्षाकर्मियों सहित सभी निर्वाचन स्‍टॉफ महिलाएं होंगी। प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में स्थानीय सामग्री और कला रूपों का उपयोग और चित्रण करके कम से कम एक मॉडल मतदान केंद्र तैयार किए जाएंगे। 
     
    इसके अलावा, नई पहल के तौर पर आयोग ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक जिले का कम से कम एक मतदान केंद्र उस जिले के सबसे युवा पात्र कर्मचारियों के दल द्वारा संचालित किया जाएगा।
     
    10.    नाम-निर्देशन प्रक्रिया- नाम-निर्देशन दाखिल करने की प्रक्रिया के बारे में संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:
     
    I.      नाम-निर्देशन में ऑनलाइन विधि की सुविधा प्रदान करने के लिए अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं:
    (i)     नाम-निर्देशन प्ररूप मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी उपलब्ध होंगे। कोई भी इच्छुक अभ्‍यर्थी इसे ऑनलाइन भर सकता है और रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्‍तुत करने के लिए उसका प्रिंट लिया जा सकता है जैसा कि प्ररूप-1 (निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 का नियम-3) में निर्दिष्ट है।
    (ii)    शपथ पत्र मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन भरा जा सकता है, उसका प्रिंट लेकर नोटरीकृत करने के बाद उसे रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष नाम-निर्देशन प्ररूप के साथ जमा किया जा सकता है।
    (iii)    अभ्‍यर्थी अभिहित प्‍लेटफार्म पर ऑनलाइन विधि के माध्यम से जमानत-राशि जमा कर सकते हैं। हालांकि, अभ्‍यर्थी के पास कोषागार में इसे नकद रूप में जमा कराने का विकल्प बना रहेगा।
    (iv)    अभ्‍यर्थी नाम-निर्देशन करने के प्रयोजन से अपना निर्वाचक प्रमाणन ऑनलाइन प्राप्त करने का विकल्प भी चुन सकता है।
     
    II.     इसके अतिरिक्‍त, आयोग ने निम्नलिखित निदेश दिया है:
    (i)     रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में नाम-निर्देशन, संवीक्षा और प्रतीक आबंटन कार्य का निष्‍पादन करने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
    (ii)    रिटर्निंग अधिकारी को प्रत्‍याशित अभ्‍यर्थियों के लिए अग्रिम रूप से अलग-अलग समय आबंटित करना चाहिए।
    (iii)    नाम-निर्देशन प्ररूप और शपथ-पत्र प्रस्‍तुत करने के लिए उठाए जाने वाले सभी अपेक्षित कदम लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यशील बने रहेंगे।
     
    11.    अभ्‍यर्थियों के शपथ-पत्र
    सभी कॉलम भरे जाने हैं:
    वर्ष 2008 की रिट याचिका संख्या (सी) 121 (रिसर्जेंस इंडिया बनाम भारत निर्वाचन आयोग और अन्य) में उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 13 सितंबर 2013, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ रिटर्निंग अधिकारी के लिए ‘यह जांच करना कि नामनिर्देशन पत्र के साथ शपथ पत्र भरे जाने के समय पर अपेक्षित सूचना (अभ्‍यर्थी द्वारा) पूर्णत: प्रदान की गई है या नहीं, अनिवार्य बनाया गया है, के अनुसरण में आयोग ने यह अनुदेश जारी किया है कि नामनिर्देशन पत्र के साथ दाखिल किए जाने वाले शपथ-पत्र में अभ्यर्थियों के लिए यह अपेक्षित है कि वे सभी कॉलमों को भरें। शपथ-पत्र में यदि कोर्इ कॉलम खाली छोड़ा जाता है तो रिटर्निंग ऑफिसर सभी कॉलम विधिवत रूप से भरे जाने के साथ संशोधित शपथ-पत्र दाखिल करने के लिए अभ्यर्थी को नोटिस जारी करेंगे। ऐसे नोटिस के उपरांत भी, अगर अभ्यर्थी सभी दृष्टियों से पूर्ण शपथ-पत्र दाखिल करने में असफल रहता है तो उसका नामनिर्देशन पत्र संवीक्षा के समय अस्वीकृत किए जाने का भागी बनेगा।
     
    नाम-निर्देशन प्ररूप के फार्मेट और प्ररूप 26 में शपथ-पत्र में परिवर्तन:
    दिनांक 16 सितंबर, 2016 और 07 अप्रैल, 2017 की अधिसूचनाओं के जरिए नामनिर्देशन प्ररूप 2क और 2ख के भाग ।।।क तथा नामनिर्देशन प्ररूप 2ग, 2घ और 2ङ के भाग ।। को संशोधित किया गया है। दिनांक 26 फरवरी, 2019 की अधिसूचना के जरिए प्ररूप 26 में शपथ पत्र को भी संशोधित किया गया है जिसमें (i) उन अभ्‍यर्थियों के लिए ‘पैन’ का अनिवार्य प्रकटन जिन्‍हें पैन आवंटित किया गया है या बिना पैन वाले अभ्‍यर्थी के लिए ‘कोई पैन आवंटित नहीं’ का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख करने; (ii) अभ्‍यर्थी, उसके पति या पत्नी और एचयूएफ; और आश्रितों के पिछले 5 वर्षों में दायर की गई आयकर विवरणी में दर्शाई गई कुल आय का विवरण (iii) अभ्‍यर्थियों, उनके पति/पत्‍नी, एचयूएफ या और आश्रितों द्वारा किसी विदेशी कंपनी/ट्रस्‍ट में लाभकारी हित सहित विदेशों में धारित परिसंपत्तियों (चल/अचल) का विवरण प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। संशोधित नाम-निर्देशन प्ररूप और शपथ पत्र की प्रति आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in>menu>candidate nomiation & other Forms पर उपलब्ध है।
     
    12.    आपराधिक मामलों वाले अभ्‍यर्थी-
    आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्‍यर्थियों के लिए अपेक्षित है कि वे निर्वाचन-प्रचार अवधि के दौरान तीन अवसरों पर समाचार पत्रों में और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इस संबंध में सूचना प्रकाशित करें। जो राजनैतिक दल आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्‍यर्थियों को खड़ा करते हैं, उनके लिए भी अपेक्षित है कि वे अपने अभ्‍यर्थियों की आपराधिक पृष्‍ठभूमि के बारे में, अपनी वेबसाइट में और समाचार-पत्रों और टेलीविजन चैनलों में भी, तीन अवसरों पर सूचना प्रकाशित करें।
     
    आयोग ने अपने पत्र सं. 3/4/2019/एसडीआर/खंड IV दिनांक 16 सितंबर, 2020 के जरिए यह निदेश दिया है कि विनिर्दिष्ट अवधि निम्नलिखित तरीके से तीन खंडों में रखी जाएगी ताकि निर्वाचकों को ऐसे अभ्यर्थियों की पृष्‍ठभूमि के बारे में जानने का पर्याप्त समय मिले:
     
    क.     नाम-निर्देशन वापस लेने की तारीख के प्रथम 4 दिनों के भीतर
    ख.    अगले 5 से 8 दिनों के बीच
    ग.     9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान के दिन से पहले का दूसरा दिन)
     
    (व्याख्या: यदि नाम-निर्देशन वापस लेने की अंतिम तिथि महीने का 10वां दिन है और मतदान महीने के 24वें दिन है तो घोषणा के प्रकाशन के लिए पहला खंड महीने के 11वें से 14वें दिन के बीच, दूसरा और तीसरा खंड क्रमश: महीने के 15वें और 18वें दिन के बीच और 19वें और 22वें दिन के बीच होगा)
     
    यह अपेक्षा वर्ष 2015 की रिट याचिका (सिविल) सं. 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ और अन्य) में और वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन एवं अन्य बनाम भारत संघ और अन्य) में माननीय उच्‍चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में है।
     
    13.    आपराधिक मामलों से जुड़े अभ्यर्थी खड़े करने वाले राजनैतिक दल -
    2011 की रिट याचिका (सि.) सं. 536 में 2018 की अवमानना याचिका (सि.) सं 2192 में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 13.02.2020 के अनुसरण में राजनैतिक दलों (केंद्र और राज्य निर्वाचन स्तर पर) के लिए अनिवार्य है कि वे अपनी वेबसाइट पर लंबित आपराधिक मामलों (अपराधों की प्रकृति और संगत विवरणों जैसे कि आरोपों को तय कर दिया गया या नहीं, संबंधित न्यायालय और मामला सं. आदि सहित) वाले उन व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपलोड करें, जिन्हें अभ्यर्थियों के रूप में चुना गया है, साथ ही ऐसे चयन के कारण भी बताएं कि बिना आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अन्य व्यक्तियों का चयन अभ्यर्थी के रूप में क्यों नहीं किया जा सकता था। चयन के लिए कारण संबंधित अभ्यर्थियों की योग्यताएं, उपलब्धियों और गुणों के संदर्भ में होंगे, न कि सिर्फ निर्वाचनों में "जीत हासिल करने" की योग्यता होनी चाहिए।
     
    यह सूचना निम्न माध्यमों में भी प्रकाशित की जाएगी:
    क.              स्थानीय भाषा के एक समाचार पत्र और एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में;
    ख.             फेसबुक और ट्विटर सहित राजनैतिक पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर।
     
    ये विवरण उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर या नाम-निर्देशन दाखिल करने की पहली तारीख से पहले दो सप्ताह से अनधिक की अवधि, में प्रकाशित किए जाएंगे। संबंधित राजनैतिक दल तब उक्त उम्मीदवार के चयन के 72 घंटे के भीतर निर्वाचन आयोग को इन निर्देशों के अनुपालन की एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। यदि कोई राजनैतिक दल निर्वाचन आयोग को इस तरह की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो निर्वाचन आयोग इस प्रकार के गैर-अनुपालन को न्यायालय के आदेशों/निदेशों की अवमानना मानते हुए उसे उच्चतम न्यायालय की जानकारी में लाएगा। आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध पत्र सं. 3/4/2020/एसडीआर/खंड III, दिनांक 6 मार्च, 2020 के माध्यम से जारी आयोग के अनुदेशों को देखा जा सकता है।
     
    माननीय उच्चतम न्यायालय ने ब्रजेश सिंह बनाम सुनील अरोड़ा और अन्य [डब्ल्यूपी (सी) सं. 536/2011 में अवमानना याचिका (सी) संख्या 2192/2018 में अवमानना याचिका (सी) संख्या 656/2020)] के मामले में निर्णय दिनांक 10.08.2021 के माध्यम से कुछ अतिरिक्त निर्देश जारी किए, जिसे आयोग के पत्र सं. 3/4/एसडीआर/खंड I, दिनांक 26.08.2021 के तहत परिचालित किया गया है जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। निम्नलिखित निर्देश राजनैतिक दलों से संबंधित हैं:-
     
    (क)    राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइटों के होमपेज पर अभ्यर्थियों के आपराधिक पूर्ववृत्त के बारे में सूचना प्रकाशित करनी है, जिससे मतदाता के लिए उपलब्‍ध कराई जाने वाली सूचना प्राप्त करना अपेक्षाकृत अधिक आसान हो जाए। अब होमपेज पर "आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थियों" का एक शीर्षक होना भी आवश्यक हो जाएगा;
    (ख)    हम स्पष्ट करते हैं कि हमारे आदेश दिनांक 13.02.2020 के पैराग्राफ 4.4 में निर्देश आशोधित हो जाता है और यह स्पष्ट किया जाता है कि जिन विवरणों को प्रकाशित किया जाना आवश्यक है, उन्हें अभ्यर्थी के चयन के 48 घंटों के भीतर प्रकाशित किया जाएगा, न कि नाम-निर्देशन दाखिल करने की पहली तारीख से दो सप्ताह पहले; तथा
    (ग)    हम दोहराते हैं कि यदि कोई राजनैतिक दल भारत निर्वाचन आयोग को इस तरह की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो भारत निर्वाचन आयोग इस प्रकार के गैर-अनुपालन को  इस न्यायालय के आदेशों/निदेशों की अवमानना मानते हुए उसे इस न्यायालय के संज्ञान में लाएगा, जिसे भविष्य में बहुत गंभीरता से लिया जाएगा।
     
    14.    जिला, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र स्तरीय और बूथ स्तरीय निर्वाचन प्रबंधन योजना-
     
    निर्वाचनों के संचालन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को कहा गया है कि वे एस.एस.पी./एस.पी. तथा सेक्टर अधिकारियों के परामर्श से रूट योजना और संचार योजना सहित व्यापक जिला निर्वाचन प्रबंधन योजना तैयार करें। प्रेक्षकों द्वारा इन योजनाओं की पुनरीक्षा, भारत निर्वाचन आयोग के विद्यमान अनुदेशों के अनुसार अतिसंवेदनशीलता मानचित्रण कवायद और अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण मतदान केंद्रों के मानचित्रण को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। 
     
    15.    संचार योजना -
    आयोग निर्वाचनों के सुचारू संचालन के लिए और मतदान के दिन समवर्ती हस्तक्षेप और मध्यकालिक सुधार करने के लिए जिला/निर्वाचन-क्षेत्र स्तर पर एक अचूक संचार योजना बनाने और उसका क्रियान्वयन करने को बहुत महत्व देता है। उक्त प्रयोजन के लिए, आयोग ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निदेश दिया है कि वे राज्य मुख्यालय में दूरसंचार विभाग के अधिकारियों, बीएसएनएल/एमटीएनएल के प्राधिकारियों, राज्य के अन्य अग्रणी सेवा प्रदाताओं के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय करें ताकि राज्य में नेटवर्क स्थिति का आकलन किया जा सके और संचार की कम पहुंच वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सके। मुख्य निर्वाचन अधिकारी को यह अनुदेश दिया गया है कि वे अपने राज्य में सर्वश्रेष्ठ संचार योजना तैयार करें तथा सैटेलाइट फोन, वायरलेस सेट, विशेष हरकारे आदि की व्यवस्था करके संचार की कम पहुंच वाले क्षेत्रों में उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं करें।
     
    16.    पर्यावरण अनुकूल निर्वाचन-
    निर्वाचन आयोग ने विभिन्‍न अवसरों पर राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों को उनके निर्वाचन अभियान कार्यकलापों में सिंगल-यूज प्‍लॉस्टिक और गैर-जैव-अवक्रमणीय सामग्री का उपयोग करने से बचने का अनुरोध करते हुए सलाह जारी की है।
     
    आयोग काफी समय से सभी राजनैतिक दलों से उनके प्रचार अभियान उद्देश्‍यों के लिए केवल पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग करने के लिए कहता रहा है। इस संबंध में, आयोग ने दिनांक 26.02.2019 को पुन: अनुदेश दिया है कि मानव स्‍वास्‍थ्‍य और पर्यावरण के हित में सभी राजनैतिक दलों को निर्वाचनों के दौरान प्रचार सामग्री (पोस्‍टर, बैनर आदि) के रूप में सिंगल यूज प्‍लास्‍टिक का उपयोग न करने के लिए पर्याप्‍त कदम उठाने चाहिए और आवश्यक उपाय करने चाहिए। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दिनांक 12.08.2021 को अधिसूचित प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को यह कहते हुए परिचालित कर दिया गया है कि वे इसे अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों सहित सभी हितधारकों के ध्यान में लाएं।
     
           इसके अलावा, एनजीटी ने भी सभी संबंधितों से आग्रह किया है कि वे इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के अनुदेशों की सजगता के साथ निगरानी करें।
    17.    आदर्श आचार संहिता-
    निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) तत्‍काल प्रभाव से लागू हो जाती है। आदर्श आचार संहिता के सभी प्रावधान कर्नाटक राज्य के सभी हिस्‍सों में सभी अभ्‍यर्थियों, राजनैतिक दलों और उक्त राज्य सरकार के संदर्भ में लागू हो जाएंगे। यह आदर्श आचार संहिता संघ सरकार पर भी लागू होगी, जहां तक इसका संबंध कर्नाटक राज्य के संबंध में/के लिए घोषणाएं करने/नीतिगत निर्णय लिए जाने से है।
     
    आयोग ने एमसीसी दिशा-निर्देशों का प्रभावी कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए विस्‍तृत व्यवस्थाएं की हैं। इन दिशा-निर्देशों के किसी भी प्रकार के उल्‍लंघन से कड़ाई से निपटा जाएगा और आयोग इस बात पर पुन: जोर देता है कि इस बारे में समय-समय पर जारी अनुदेशों को सभी राजनैतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों और उनके अभिकर्ताओं/प्रतिनिधियों द्वारा पढ़ा व समझा जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की भ्रांति या सूचना के अभाव या अधूरी समझ/निर्वचन से बचा जा सके। निर्वाचन करवाए जाने वाले राज्यों की सरकारों को यह निदेश भी दिए गए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सरकारी तंत्र/पद का दुरुपयोग न हो।
     
    आयोग ने निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के शुरुआती 72 घंटों के दौरान आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए त्‍वरित, प्रभावी एवं सख्‍त कार्रवाई करने के लिए और मतदान की समाप्ति से पूर्व आखिरी 72 घंटों में अतिरिक्‍त सतर्कता बरतने और सख्‍त प्रवर्तन कार्रवाई करने के लिए भी अनुदेश जारी किए हैं। ये अनुदेश फील्‍ड निर्वाचन तंत्र द्वारा अनुपालन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के रूप में जारी किए गए हैं।
     
    18.    वीडियोग्राफी/वेबकास्टिंग/सीसीटीवी कवरेज-
    सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी इस प्रयोजन के लिए पर्याप्त संख्या में वीडियो और डिजीटल कैमरे और कैमरा टीमों की व्यवस्था करेंगे। वीडियोग्राफी किए जाने वाले कार्यक्रमों में नामनिर्देशन पत्र दाखिल करना और उनकी संवीक्षा करना और प्रतीकों का आबंटन, प्रथम स्तरीय जांच, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को तैयार करना और उनका भंडारण, निर्वाचन-अभियान के दौरान महत्वपूर्ण सार्वजनिक बैठकें, जुलूस आदि, डाक मतपत्रों के प्रेषण की प्रक्रिया, अभिज्ञात अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों में मतदान प्रक्रिया, मतदान में प्रयुक्त र्इवीएम एवं वीवीपैट का भंडारण, मतों की गणना आदि शामिल होंगे। इसके अतिरिक्‍त, प्रभावी अनुवीक्षण और निगरानी करने के लिए महत्‍वपूर्ण सीमा चैक पोस्‍टों और स्‍थैतिक जांच बिन्‍दुओं पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। आयोग ने निदेश दिया है कि महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों और संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित सभी मतदान केंद्रों में अथवा सहायक मतदान केंद्रों सहित कुल मतदान केंद्रों में से कम से कम 50% मतदान केंद्रों, जो भी अधिक हो, में वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।
     
    19.    लोक उपद्रव को रोकने के उपाय-
    आयोग ने निदेश दिया है कि निर्वाचन की घोषणा की तारीख से शुरू होने वाली और निर्वाचन-परिणामों की घोषणा के साथ समाप्‍त होने वाली सम्पूर्ण निर्वाचन अवधि के दौरान निर्वाचन-प्रचार प्रयोजनों हेतु सार्वजनिक बैठकों के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली या लाउडस्पीकर या किसी भी ध्वनि एम्पलीफायर, चाहे किसी भी प्रकार के वाहनों पर फिट किए गए हों, या स्‍थैतिक स्थिति में हों, का रात्रि 10.00 बजे से पूर्वा. 6.00 बजे के बीच प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
     
    इसके अतिरिक्त, किसी भी मतदान-क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के साथ समाप्‍त होने वाली 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी तरह के वाहनों पर फिट किए गए या किसी भी अन्य तरीके से लाउडस्‍पीकरों का इस्‍तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
     
    20.    प्रचार रहित (साइलेंस) अवधि के संबंध में राजनैतिक दलों को परामर्शिका-
     
    संचार प्रौद्योगिकी में प्रगति और सोशल मीडिया के आविर्भाव के संदर्भ में धारा 126 की क्रियाशीलता की समीक्षा करने के लिए, आयोग द्वारा एक समिति का गठन किया गया था, जिसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के उपबंधों और अन्य संबंधित उपबंधों का अध्ययन करने और इस संबंध में उपयुक्त सिफारिश करने का अधिदेश दिया गया था। समिति ने 10 जनवरी, 2019 को आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति ने अन्य प्रस्तावों के अलावा, धारा 126 के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन करने के लिए राजनीतिक दलों को परामर्श दिए जाने का प्रस्‍ताव दिया है। आयोग ने सभी राजनैतिक दलों से आह्वान किया कि वे अपने नेताओं और प्रचारकों को यह सुनिश्चित करने हेतु अनुदेश दें कि वे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत यथा-परिकल्पित सभी प्रकार के संचार माध्‍यमों के संबंध में प्रचार रहित (साइलेंस) अवधि का पालन करें और उनके नेता और कैडर ऐसा कोई कार्य न करें जिससे धारा 126 की भावना का उल्‍लंघन हो।
     
    बहु-चरणीय निर्वाचनों में, अंतिम 48 घंटों की प्रचार रहित (साइलेंस) अवधि कतिपय निर्वाचन क्षेत्रों में लागू रह सकती है जबकि अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार अभियान जारी रह सकता है। ऐसी स्थिति में, प्रचार रहित (साइलेंस) अवधि का पालन कर रहे निर्वाचन क्षेत्रों में दलों या अभ्‍यर्थियों के लिए समर्थन मांगने हेतु कोई भी प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष संदर्भ नहीं दिया जाना चाहिए।
     
    प्रचार रहित (साइलेंस) अवधि के दौरान, स्‍टार प्रचारकों और अन्य राजनैतिक दलों को प्रेस कांफ्रेंस के माध्‍यम से और निर्वाचन संबंधी मामलों पर साक्षात्‍कार देकर मीडिया को संबोधित करने से बचना चाहिए।
     
    21.    कानून और व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था तथा बलों की तैनाती-
    निर्वाचनों के संचालन में विस्तृत सुरक्षा प्रबंधन शामिल होता है जिसमें न केवल मतदान कर्मियों, मतदान केन्द्रों तथा मतदान सामग्री की सुरक्षा शामिल है, अपितु इसमें निर्वाचन प्रक्रिया की समग्र सुरक्षा भी शामिल है। स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय तरीके से निर्वाचनों के सुचारू संचालन हेतु शांतिपूर्ण एवं अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती स्थानीय पुलिस बलों के अनुपूरक के रूप में की जाती है।
     
    जमीनी स्थिति के आकलन के आधार पर, निर्वाचन के दौरान केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और अन्य  राज्य से ली गर्इ राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी) की तैनाती की जाएगी। क्षेत्र पर वर्चस्व स्थापित करने, संवेदनशील पॉकेटों में रूट मार्च करने, प्‍वाइंट पेट्रोलिंग करने तथा मतदाताओं, विशेषकर कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों आदि को आश्‍वस्‍त करने तथा उनके मन में विश्वास जगाने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की समय रहते तैनाती की जाएगी। इलाके से भली-भांति अवगत होने और स्थानीय बलों के साथ तालमेल स्थापित करने हेतु केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती समय से कर दी जाएगी तथा इन क्षेत्रों में मूवमेंट, प्रवर्तन कार्यकलापों आदि के लिए अन्य सभी मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाएगा। विभि‍न्न हितधारकों के परामर्श से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जमीनी वास्तविकताओं के आकलन के आधार पर व्यय संवेदनशील निर्वाचन-क्षेत्रों तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों एवं महत्वपूर्ण मतदान केन्द्रों में भी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल/एसएपी की तैनाती की जाएगी। मतदान-दिवस की पूर्व-सन्‍ध्‍या पर, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल/एसएपी संबंधित मतदान केन्द्रों में पोजिशन ले लेंगे और उन्‍हें नियंत्रण में ले लेंगे तथा वे मतदान के दिन मतदान केन्द्रों की सुरक्षा करने तथा निर्वाचकों एवं मतदान कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। इसके अलावा, इन बलों का इस्तेमाल उन स्ट्राँग रूमों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा जहां र्इवीएम एवं वीवीपैट का भंडारण किया जाता है। इनका मतगणना केन्द्रों की सुरक्षा के लिए और यथापेक्षित अन्य प्रयोजनों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। विधान सभा खंडों में बलों की संपूर्ण तैनाती आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त केंद्रीय प्रेक्षकों के पर्यवेक्षणाधीन होगी।
          
    राज्य पुलिस कर्मियों और सीएपीएफ का इष्टतम तथा प्रभावकारी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने निदेश दिया है कि राज्य निर्वाचन सुरक्षा परिनियोजन योजना के संबंध में संयुक्त रूप से निर्णय लेने और राज्य पुलिस का यादृच्छिकीकरण सुनिश्चित करने के लिए सीईओ, राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी और राज्य सीएपीएफ के समन्वयक की एक समिति का गठन किया जाए।
     
    22.    अ.जा./अ.ज.जा. तथा अन्य कमजोर वर्गों के निर्वाचकों को सुरक्षा प्रदान करना-
          
    अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्‍याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (2015 में यथा-संशोधित) की धारा 3(1) के अनुसार कोर्इ भी व्‍यक्ति, जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को मतदान न करने के लिए या किसी विशिष्‍ट अभ्यर्थी के लिए मतदान करने के लिए या विधि द्वारा उपबंधित रीति से भिन्न रीति से मतदान करने के लिए, या एक अभ्‍यर्थी आदि के रूप में खड़ा नहीं होने के लिए मजबूर या अभित्रस्त करेगा; वह कारावास से, जिसकी अवधि छह माह से कम की नहीं होगी किंतु जो पांच वर्ष तक बढ़ार्इ जा सकेगी, और जुर्माने से दण्डनीय होगा। आयोग ने कर्नाटक राज्य से कहा है कि वे इन उपबंधों को, इन पर तत्परतापूर्वक कार्रवार्इ किए जाने के लिए, सभी संबंधितों के ध्यान में लाएं। संवेदनशील वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों आदि के मतदाताओं में आत्मविश्वास जगाने तथा मतदान प्रक्रिया की शुचिता तथा विश्‍वसनीयता में उनकी धारणा तथा विश्वास बढ़ाने के उद्देश्‍य से, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल/एसएपी को ऐसे क्षेत्रों में गश्‍त करने, रूट मार्च करने तथा केन्द्रीय प्रेक्षकों के पर्यवेक्षण में विश्वास बढ़ाने संबंधी अन्य आवश्यक उपायों के लिए व्यापक रूप से तथा बढ़-चढ़ कर उपयोग में लाया जाएगा।
     
    23.    निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण- 
           अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय के प्रभावी अनुवीक्षण के प्रयोजन से व्यापक अनुदेश जारी किए गए हैं, जिसमें व्यय प्रेक्षकों, सहायक व्यय प्रेक्षकों की तैनाती, उड़न दस्तों (एफएस), स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी), वीडियो निगरानी दलों (वीएसटी), वीडियो अवलोकन टीमों (वीवीटी), लेखा टीमों (एटी), मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमएएमसी), जिला व्यय अनुवीक्षण समिति (डीईएमसी) का गठन, राज्य पुलिस, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग, आयकर विभाग के अन्वेषण निदेशालय, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, प्रवर्तन निदेशालय, वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू-आईएनडी), डीआरआई, आरपीएफ, बीसीएएस, सीआईएसएफ, बीएसएफ, असम राइफल्स, आईटीबीपी, आईसीजी, वाणिज्य कर विभाग तथा नार्कोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो और डाक विभाग की सहभागिता शामिल है। राज्य उत्‍पाद शुल्‍क विभाग को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान शराब के उत्पादन, वितरण, बिक्री और भण्‍डारण तथा मुफ्त में सामान देकर प्रलोभन दिए जाने पर निगरानी रखने को कहा गया है। जीपीएस ट्रैकिंग/एवं सी-विजिल ऐप का उपयोग करते हुए उड़न दस्तों/सचल दलों के काम-काज तथा प्रचालनों का गहनता से अनुवीक्षण किया जाएगा। अधिकाधिक पारदर्शिता के लिए और निर्वाचन व्‍यय के अनुवीक्षण-कार्य की सहूलियत के लिए, अभ्यर्थियों के लिए यह अपेक्षित होगा कि वे एक पृथक बैंक खाता खोलें और उस खाता-विशेष से ही अपने निर्वाचन संबंधी व्‍यय करें। आयकर विभाग के अन्वेषण निदेशालय को कहा गया है कि वे राज्य के हवार्इ अडडों में हवार्इ आसूचना ईकाइयां खोलें और आसूचना भी जुटाएं तथा कर्नाटक में भारी मात्रा में धनराशि की आवाजाही की जांच करने के लिए आवश्यक कार्रवार्इ करें। पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान 24 घंटे सक्रिय रहने वाला टोल फ्री नंबर युक्त नियंत्रण कक्ष और शिकायत निगरानी केंद्र संचालित होगा। जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को बैंकों से 1 लाख रुपये से अधिक की असामान्य और संदिग्ध नकद निकासी या जमा राशि के संबंध में जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है ताकि उसका विधिवत सत्यापन किया जा सके और उसके उपरांत आवश्यक कार्रवाई की जा सके। यदि यह राशि 10 लाख रुपये से अधिक है, तो जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) आवश्यक कार्रवाई के लिए ऐसी जानकारी आयकर विभाग को देंगे। अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय की प्रभावी निगरानी के लिए एफआईयू-आईएनडी से सीबीडीटी के साथ नकद लेनदेन रिपोर्ट (सीटीआर) और संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) साझा करने का अनुरोध किया गया है।
     
    व्यय अनुवीक्षण तंत्र को सशक्त करने के लिए आयोग द्वारा शुरू की गई कुछ नई पहल निम्नलिखित हैं:
    (i)     नकदी जब्त करने एवं अवमुक्त करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी😞
    निर्वाचनों की शुचिता बनाए रखने के प्रयोजनार्थ, भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन-क्षेत्रों में अत्यधिक प्रचार व्यय, रिश्वत की वस्‍तुओं का नकद या वस्तु रूप में वितरण करने, अवैध हथियारों, गोला-बारूद, मदिरा, या असामाजिक तत्वों आदि के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए गठित उड़न दस्तों और स्थैतिक निगरानी दलों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। इसके अतिरिक्त, जनसाधारण को असुविधा से बचाने और उनकी शिकायतों, यदि कोई हों, का निवारण करने के लिए भी आयोग ने अनुदेश सं. 76/अनुदेश/ईईपीएस/2015/खंड-II दिनांक 29.05.2015 जारी किया है जिसमें यह कहा गया है कि जिले के तीन अधिकारियों, नामत: (i) मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), जिला परिषद/समुदाय विकास अधिकारी (सीडीओ)/परियोजना निदेशक (पी.डी.), डीआरडीए (ii) जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी (संयोजक) और (iii) जिला कोषागार अधिकारी को शामिल करके एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति पुलिस या एसएसटी या एफएस द्वारा की गई जब्‍ती के प्रत्‍येक मामले की स्वप्रेरणा से जांच करेगी और समिति जहां पाती है कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार जब्ती के लिए कोई एफआईआर/शिकायत दाखिल नहीं की गई है या जहां जब्‍ती कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल या कोई निर्वाचन अभियान आदि से जुड़ी हुई नहीं है, तो वह ऐसे व्‍यक्तियों, जिनसे नकदी जब्त की गई थी, को ऐसी नकदी आदि अवमुक्त (रिलीज) करने के लिए आदेश जारी करने के लिए उस आशय का सकारण आदेश पारित करने के उपरांत, तत्‍काल कदम उठाएगी। किसी भी परिस्थिति में जब्त नकदी/जब्त मूल्‍यवान वस्‍तुओं से संबंधित मामले को मतदान की तारीख के बाद 7 (सात) से अधिक दिनों के लिए मालखाने या कोषागार में तब तक लंबित नहीं रखा जाएगा जब तक कि कोई एफआईआर/शिकायत न दायर की गई हो।
     
    (ii)    प्रचार वाहनों के लिए उपगत व्यय का लेखाकरण – आयोग के ध्यान में यह आया है कि अभ्यर्थी, प्रचार के प्रयोजनार्थ रिटर्निंग अधिकारी से वाहनों के उपयोग की अनुमति लेते हैं परंतु कुछ अभ्यर्थी अपने निर्वाचन व्यय लेखे में वाहनों को भाड़े पर लेने का शुल्‍क या ईंधन व्यय नहीं दिखाते हैं। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि जब तक अभ्यर्थी, रिटर्निंग अधिकारी को वाहन को प्रचार से हटाने की सूचना नहीं देता, तब तक प्रचार वाहनों की मद में कल्पित व्यय की गणना वाहनों की उस संख्या के आधार पर की जाएगी जिसके लिए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।
     
    (iii)    लेखा समाधान बैठक: निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के व्यय लेखे से संबंधित मुकदमों को कम करने के लिए, लेखे के अंतिम प्रस्तुतीकरण से पहले, परिणामों की घोषणा के बाद 26वें दिन, जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा एक लेखा समाधान बैठक आयोजित की जाएगी।
     
    (iv)    आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार-प्रसार पर व्यय का लेखाकरण: वर्ष 2011 की रिट याचिका(सि) संख्या 536 में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 25.09.2018 के अनुसरण में, अभ्यर्थियों के साथ-साथ संबंधित राजनैतिक दल नाम-निर्देशन पत्र दाखिल करने के उपरांत कम से कम तीन बार अभ्यर्थियों के आपराधिक पूर्ववृत्त के संबंध में राज्य में व्यापक रूप से परिचालित समाचार पत्रों में और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया पर विहित फार्मेट में एक घोषणा जारी करेंगे। अभ्यर्थियों के लिए अपेक्षित है कि वे इस संबंध में उनके द्वारा उपगत व्यय का अपने लेखे में रखरखाव करें और उसे परिणामों की घोषणा के 30 दिनों के भीतर संबंधित डीईओ को उनके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले निर्वाचन व्यय के उनके सार विवरण (अनुसूची 10) में के साथ उल्लिखित किया जाएगा। राजनैतिक दलों से भी अपेक्षित है कि वे विधान सभा निर्वाचन पूर्ण होने के 75 दिनों के भीतर आयोग (मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल)/सीईओ (अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दल) को प्रस्तुत किए जाने वाले अपने निर्वाचन व्यय के विवरण (अनुसूची 23क, 23ख) में इस संबंध में उनके द्वारा उपगत व्यय को दर्शाएं।  
    (v)    अभ्यर्थियों के लेखे में अभ्यर्थी की निर्वाचकीय संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए अभ्यर्थी के बूथ/कियॉस्क पर और दल के स्वामित्व वाले टीवी/केबल चैनल/समाचार पत्र पर उपगत व्यय:
     
    आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) के संगत उपबंधों का और परीक्षण  करने पर निर्णय लिया था कि मतदान केन्द्रों के बाहर स्थापित अभ्यर्थियों के बूथ, इसके बाद से, अभ्यर्थियों द्वारा अपने व्यक्तिगत प्रचार के भाग के रूप में स्थापित किए गए माने जाने चाहिए न कि सामान्य दलीय प्रचार के द्वारा और तदनुसार, अभ्यर्थियों के ऐसे बूथों पर उपगत सभी व्यय अभ्यर्थी/उसके निर्वाचन एजेंट द्वारा उपगत/अधिकृत किए गए माने जाएंगे ताकि उन्हें निर्वाचन व्यय के उनके लेखे में शामिल किया जा सके।
     
    इसके अतिरिक्त, आयोग ने उपर्युक्त मामले में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त संदर्भों/शिकायतों पर विचार करने के उपरांत निदेश दिया है कि यदि अभ्यर्थी (अभ्यर्थियों) या उनके प्रायोजक दल अभ्यर्थी की निर्वाचकीय संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए अपने स्वामित्व वाले टीवी/केबल चैनल/समाचार पत्र का उपयोग करते हैं तो उसके निमित्त खर्च को चैनल/समाचार पत्र के मानक रेट काडर्स के अनुसार संबंधित अभ्यर्थी द्वारा अपने निर्वाचन व्यय विवरण में शामिल करना होगा, चाहे उन्होंने चैनल/समाचार पत्र को वास्तव में कोई धनराशि का भुगतान किया हो या नहीं। आयोग के पूर्वोक्त निर्णयों के अनुसरण में, निर्वाचन व्यय के सार विवरण में अनुसूची 6 और अनुसूची 4 और 4क में संशोधन कर दिया गया है और निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण पर अनुदेशों के सार-संग्रह में तदनुरूप समाविष्ट कर दिया गया है।
     
    (vi)    आभासी (वर्चुअल) प्रचार अभियान पर हुए व्यय का लेखाकरण:
    अभ्यर्थियों से अपेक्षित है कि वे अपने लेखे में इस संबंध में उनके द्वारा किए गए खर्च का हिसाब-किताब रखें और यह संबंधित डीईओ को परिणामों की घोषणा के 30 दिन के भीतर उनके द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले निर्वाचन व्यय के लेखे के साथ निर्वाचन व्यय के सार विवरण (अनुसूची 11) में परिलक्षित होगा। राजनीतिक दलों से भी यह अपेक्षित है कि वे विधानसभा निर्वाचन के समाप्त होने के 75 दिनों के भीतर इस संबंध में उनके द्वारा किए गए व्यय को आयोग (मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल)/सीईओ (अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल) को प्रस्तुत किए जाने वाले अपने निर्वाचन व्यय के विवरण (अनुसूची 24क, 24ख) में दर्शाएं।
     
    (vii)   राजनैतिक दलों द्वारा अंतिम लेखे:
    राष्ट्रीय और राज्यीय मान्यताप्राप्त दलों से अपेक्षित है कि विधान सभा निर्वाचन संपन्न होने के 75 दिनों के भीतर वे अपनी निर्वाचन व्यय विवरणी भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करें जबकि पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के लिए अपेक्षित है कि वे अपनी निर्वाचन व्यय विवरणी उस राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करें जहां उनके दल का मुख्यालय स्थित है। ऐसे लेखे आयोग की वेबसाइट पर जन सामान्य के अवलोकनार्थ अपलोड किए जाएंगे। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लेखे की पारदर्शिता और लेखा-समाधान हेतु राजनैतिक दलों को अभ्‍यर्थी राजनैतिक दल द्वारा किए गए एकमुश्त भुगतान के संबंध में निर्वाचन व्यय के अंतिम विवरण के साथ-साथ आंशिक निर्वाचन व्यय विवरण विहित फार्मेट में विधान सभा निर्वाचन के परिणामों की घोषणा के 30 दिनों के अंदर दाखिल करना है।
     
    24.    मीडिया का प्रभावी उपयोग-
    (i)     मीडिया परिनियोजन:
    आयोग ने हमेशा मीडिया को एक महत्वपूर्ण सहयोगी और प्रभावी एवं कुशल निर्वाचन प्रबंधन सुनिश्चित करने में एक सशक्त बल प्रवर्धक माना है। इसलिए, आयोग ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निदेश दिया है कि वे मीडिया के साथ सकारात्मक और प्रगतिशील सहभागिता एवं इंटरएक्शन के लिए निम्नलिखित उपाय करें:
     
    (क)    निर्वाचनों के दौरान मीडिया के साथ नियमित इंटरएक्शन और मीडिया के साथ हर समय प्रभावी और सकारात्मक संवाद बनाए रखना।
    (ख)    निर्वाचन संहिता के बारे में मीडिया को जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाना।
    (ग)    मतदान दिवस और मतगणना के दिन सभी प्रत्यायित मीडिया को प्राधिकार-पत्र जारी किए जाएंगे।
    मीडिया से भी यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी निर्वाचन संबंधी सभी कवरेज के दौरान कोविड संरोधन उपायों के संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय या किसी अन्य सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी सभी मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन करेंगे।
     
    (ii)    राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन और पेड न्यूज के संदेहास्पद मामलों का अनुवीक्षण:
    सभी जिलों और राज्यीय स्तर पर मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियां (एमसीएमसी) बनाई गई हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जाने के लिए प्रस्तावित सभी राजनैतिक विज्ञापनों के लिए संबंधित एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणन अपेक्षित होगा। गैर-सरकारी एफएम चैनल/सिनेमा हॉल/सार्वजनिक स्थानों में दृश्य-श्रव्य डिस्प्ले/वायस संदेश और फोन एवं सोशल मीडिया तथा इंटरनेट वेबसाइट पर एक साथ बड़ी संख्या में एसएमएस सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया/टीवी चैनल/केबल नेटवर्क/रेडियो में राजनैतिक विज्ञापन पूर्व-प्रमाणन के दायरे में आएंगे। आयोग सभी राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों/मीडिया से अनुरोध करता है कि वे पूर्व-प्रमाणन अनुदेशों का पालन करें।
     
    एमसीएमसी मीडिया में पेड न्यूज के संदिग्ध मामलों पर कड़ी नजर रखेगी तथा पुष्ट मामलों में सभी सम्यक् प्रक्रियाओं का पालन करने के उपरांत उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
     
    (iii)    निर्वाचन में सोशल मीडिया का उपयोग:
    सोशल मीडिया के दुरुपयोग तथा पेड न्यूज के खतरे के बढ़ते हुए दृष्टांतों को ध्यान में रखकर और भारत निर्वाचन आयोग की पुरजोर कोशिश के परिणामस्वरूप बड़े-बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्मों ने मार्च, 2019 में अपने द्वारा तैयार की गई स्वैच्छिक आचारनीति संहिता का पालन करने पर सहमति जताई। यह संहिता हाल ही में सम्पन्न हुए अन्य निर्वाचनों की भांति इस निर्वाचन पर भी लागू होगी।
     
    आयोग सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों से अनुरोध करता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके समर्थक घृणात्मक भाषणों और फर्जी खबरों में संलिप्त न हों। यह सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी नजर रखी जा रही है कि निर्वाचन का माहौल दूषित न हो। फर्जी खबरों के खतरे पर अंकुश लगाने में मीडिया सक्रिय भूमिका निभा सकता है।
     
    (iv)    इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का अनुवीक्षण:
    निर्वाचनों के दौरान सभी प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों पर निर्वाचन प्रबंधन संबंधी सभी समाचारों का अत्यन्त सतर्कतापूर्वक अनुवीक्षण किया जाएगा। यदि किसी अप्रिय घटना या किसी कानून/नियम के उल्लंघन की सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अनुवीक्षण की रिपोर्टें सीईओ को भी अग्रेषित की जाएगी। सीईओ का कार्यालय प्रत्येक मद पर वस्तुस्थिति का अभिनिश्चय करेगा और एटीआर/स्टेटस रिपोर्ट दर्ज करेगा।
     
    (v)    प्रचार रहित (साइलेंस) अवधि के दौरान और एग्जिट पोल पर मीडिया प्रतिबंध:-
    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126(1)(ख) में, अन्य बातों के साथ-साथ, किसी मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटे (साइलेंस अवधि) की अवधि के दौरान टेलीविजन या इसी तरह के उपकरणों के माध्यम से किसी भी निर्वाचन मामले को प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां ऊपर उल्लिखित निर्वाचन संबंधी मामले को ऐसे मामले के रूप में परिभाषित किया गया है जो निर्वाचनों के प्रत्येक चरण में मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने या इस पर असर डालने हेतु आशयित या अभिप्रेत हों।
     
    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126क, उसमें उल्लिखित अवधि के दौरान यानी पहले चरण में मतदान शुरू होने के लिए निर्धारित घंटे और अंतिम चरण के लिए मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के आधे घंटे के बाद तक के लिए सभी राज्यों में प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से एग्जिट पोल के संचालन और उनके परिणामों के प्रसार को प्रतिबंधित करती है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का उल्लंघन करने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
     
    सभी मीडिया घरानों को सलाह दी जाती है कि वे इस भावना को कायम रखते हुए इससे संबंधित अनुदेशों का पालन करें।
     
    25.    निर्वाचन पदाधिकारियों का प्रशिक्षण-
    भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) ने कर्नाटक राज्य की विधानसभा के आगामी साधारण निर्वाचन के लिए विहित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इसके अलावा, कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी विहित प्रशिक्षण संचालित करेंगे।
     
    26.    सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक सहभागिता (स्वीप) –
    सीईओ/डीईओ को कम मतदान वाले क्षेत्रों में लक्षित स्वीप कार्यकलाप चलाने चाहिए। मतदान न करने के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए और तदनुसार लक्षित हस्तक्षेप और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। सीईओ/डीईओ को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम मतदान वाले मतदान बूथों और उसके पीछे के कारणों की पहचान करनी चाहिए। उन्हें व्यक्तिगत रूप से इन क्षेत्रों में जाकर मुद्दों का समाधान करना चाहिए और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।
     
    इसके अलावा, चूंकि बूथ स्वीप कार्यनीति का केंद्र-बिंदु है, इसलिए आयोग ने राज्य को बूथ स्तर की कार्य योजनाओं को सुदृढ़ करने और सभी मतदाताओं को सजग और शिक्षित करने के लिए न्यूनतम स्तर की स्वीप गतिविधियों का संचालन करने का निर्देश दिया है।
     
    27.    केन्द्रीय प्रेक्षकों की तैनाती-
     
    (i)        साधारण प्रेक्षक
    आयोग निर्वाचन का सुगम संचालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में आईएएस अधिकारियों को साधारण प्रेक्षकों के रूप में नियुक्त करेगा। प्रेक्षकों से कहा जाएगा कि वे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण पर पैनी नजर रखें।
     
    (ii)    पुलिस प्रेक्षक
    आयोग जरूरत, संवेदनशीलता और जहां जरूरी हो, जिला/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की जमीनी स्थिति के आकलन के आधार पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को जिला/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर, पुलिस प्रेक्षकों के रूप में नियुक्त करेगा। शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए वे बलों की तैनाती, कानून और व्यवस्था की स्थिति से संबंधित सभी कार्यकलापों का अनुवीक्षण करने के साथ-साथ नागरिक और पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे।
     
    (iii)    मतगणना प्रेक्षक
    पहले से तैनात साधारण प्रेक्षकों के अलावा, आयोग राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के परामर्श से आवश्यकता के आधार पर अधिकारियों को जिला/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर मतगणना प्रेक्षकों के रूप में भी तैनात करेगा। ये अधिकारी मतगणना केंद्र व्यवस्था की देख-रेख करेंगे और मतगणना से संबंधित सभी कार्यकलापों का अनुवीक्षण करेंगे।
     
    (iv)    विशेष प्रेक्षक
    भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 द्वारा इसे प्रदत्त पूर्णाधिकारों का प्रयोग करते हुए आयोग जरूरत के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं और विभिन्न केंद्रीय सेवाओं से संबंधित अधिकारियों को विशेष प्रेक्षकों के रूप में नियुक्त करेगा।
     
    (v)    व्यय प्रेक्षक
    आयोग ने पर्याप्त संख्या में व्यय प्रेक्षकों को नियुक्त करने का निर्णय भी लिया है जो अनन्‍य रूप से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय का अनुवीक्षण करेंगे।
     
    (vi)    माइक्रो प्रेक्षक
    विद्यमान अनुदेशों के अनुसार, साधारण प्रेक्षक संवेदनशील/अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों में मतदान वाले दिन मतदान कार्यवाहियों का प्रेक्षण करने के लिए केंद्रीय सरकार/लोक उपक्रमों के अधिकारियों को माइक्रो प्रेक्षक के रूप में भी नियुक्त करेंगे। माइक्रो प्रेक्षक मतदान वाले दिन मतदान केंद्रों पर छद्म मतदान के आयोजन से लेकर मतदान के पूरे होने तक की कार्यवाहियों, र्इवीएम एवं वीवीपैट और अन्य दस्तावेजों को सीलबंद करने की प्रक्रिया का निरीक्षण करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान दलों और मतदान अभिकर्ताओं द्वारा आयोग के सभी अनुदेशों का अनुपालन किया जा रहा है। वे अपने आबंटित मतदान केंद्रों में मतदान कार्यवाहियों में कोई गड़बड़ी होने के संबंध में साधारण प्रेक्षकों को सीधे रिपोर्ट करेंगे।
     
    28.    निर्वाचन प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का उपयोग-
     
    आयोग ने व्यापक नागरिक सहभागिता और पारदर्शिता लाने के लिए आईटी एप्लीकेशन का उपयोग बढ़ाया है। निर्वाचन प्रबंधन के लिए उपलब्ध आईटी एप्लीकेशनों की संक्षिप्त रूपरेखा नीचे दी गई है:
     
    (i)     एनवीएसपी और मतदाता पोर्टलः
    एनवीएसपी (https://www.nvsp.in/) के माध्यम से कोई भी प्रयोक्ता अन्य सेवाओं के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकता है और उन तक पहुंच सकता है जैसे कि निर्वाचक सूची देखना, मतदाता पहचान पत्र के लिए आवेदन करना, मतदाता पहचान पत्र में संशोधन हेतु ऑनलाइन आवेदन करना, मतदान बूथ, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र और संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का ब्यौरा देखना, तथा बूथ लेवल अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का संपर्क ब्यौरा प्राप्त करना।
     
    इसी प्रकार, प्ररूप जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, 'मतदाता पोर्टल' (https://voterportal.eci.gov.in/) पंजीकरण करने, प्रविष्टियों में परिवर्तन करने, नाम हटाने, पते में परिवर्तन करने आदि के लिए एक निर्बाध इंटरफ़ेस उपलब्ध कराता है। पोर्टल में लॉग इन करने पर, नागरिक के सामने अब एक इंटरेक्टिव इंटरफ़ेस प्रस्तुत होता है, जो उसके पिछले चयन के आधार पर पसंद के चयन का सुझाव देता है।
     
    (ii)    मतदाता हेल्पलाइन ऐप (वीएचए):
    कोई भी नागरिक अन्य सेवाओं के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सेवाओं का लाभ उठा सकता है और उन तक पहुंच सकता है जैसे मतदाता पहचान पत्र के लिए आवेदन करना, मतदाता पहचान पत्र में संशोधन हेतु ऑनलाइन आवेदन करना, मतदान बूथ, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र और संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का ब्यौरा देखना, तथा बूथ लेवल अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का संपर्क ब्यौरा प्राप्त करना। यह एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर एवं एपल स्टोर, दोनों पर उपलब्ध है।
     
    (iii)    सक्षम-ईसीआई ऐप:
    सक्षम-ईसीआई ऐप दिव्यांगजनों के निमित्त है। यह पूर्ववर्ती पीडब्ल्यू ऐप का स्तरोन्नत संस्करण है। दिव्यांग निर्वाचक स्वयं को दिव्यांग के रूप में चिह्नित करवाने, नए रजिस्ट्रेशन के लिए अनुरोध करने, स्थानांतरण के लिए अनुरोध करने, एपिक विवरण में सुधार करने और व्हीलचेयर के लिए अनुरोध करने के लिए इस ऐप का उपयोग कर सकते हैं। यह दृष्टिहीनता और श्रवण निःशक्तताओं वाले मतदाताओं के लिए मोबाइल फोनों की अभिगम्यता विशिष्टताओं का उपयोग करता है। यह एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर एवं एपल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।
     
    (iv)    राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल:
    निर्वाचन आयोग द्वारा एक राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल (एनजीएसपी) तैयार किया गया है। यह प्रणाली इस प्रकार तैयार की गई है कि राष्ट्रीय, राज्यीय और जिला स्तर पर नागरिकों, निर्वाचकों, राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, मीडिया और निर्वाचन पदाधिकारियों की शिकायतों का समाधान करने के अलावा, यह सर्वनिष्ठ इंटरफेस के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने के लिए एक सर्वनिष्ठ इंटरफेस के रूप में कार्य करता है।
     
    यह ऐप्लीकेशन निर्वाचन अधिकारियों द्वारा शिकायतों का प्रबंधन करने के लिए एकल इंटरफेस प्रदान करता है। सभी निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आयोग के अधिकारी इस प्रणाली का हिस्सा हैं। इस प्रकार, मामलों का पंजीकरण होने पर यह सीधे संबंधित प्रयोक्ता को आबंटित हो जाते हैं। इस पोर्टल पर ऑनलाइन लिंक: https://eci-citizenservices.eci.nic.in से पहुंचा जा सकता है।
     
    (v)    सी-विजिल ऐप्लीकेशनः
    यह नागरिकों द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले दायर करने के लिए एक ऐप्लीकेशन है। सी-विजिल ऐप प्रत्येक नागरिक को अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके फोटो या वीडियो क्लिक करने में समर्थ बनाकर आदर्श आचार संहिता/निर्वाचन व्यय के उल्लंघन का समय-अंकित साक्ष्यपरक प्रमाण उपलब्ध कराता है। यह एप्लीकेशन जीआईएस प्रौद्योगिकी पर आधारित है और ऑटो लोकेशन की अनूठी विशेषता से काफी सही सूचना मिलती है जिसका उड़न दस्तों द्वारा घटना के सही स्थान पर दिकचालन करके जाने और तत्परतापूर्वक कार्रवाई करने के लिए अवलम्ब लिया जा सकता है। यह ऐप प्राधिकारियों द्वारा शीघ्र एवं कारगर कार्रवाई करने और प्रयोक्ताओं को 100 मिनट के भीतर वस्तुस्थिति रिपोर्टें उपलब्ध करवाने का आश्वासन देता है।
     
    यह एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर और एपल स्‍टोर, दोनों पर उपलब्ध है।
     
    (vi)    अपने अभ्यर्थी को जानें (केवाईसी) ऐप:
    भारत निर्वाचन आयोग ने अभ्यर्थियों की "आपराधिक पूर्ववृत्त" स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एंड्रॉइड और आईओएस, दोनों प्लेटफार्मों के लिए अपने अभ्यर्थी को जानें (केवाईसी) एप्लीकेशन विकसित किए हैं। यह नागरिकों को आपराधिक पूर्ववृत्त वाले/आपराधिक पूर्ववृत्त रहित अभ्यर्थियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सुविधा देता है और नागरिकों को अभ्यर्थियों के आपराधिक पूर्ववृत्त के बारे में  जानने का अधिकार देता है।
    अपने अभ्यर्थी को जानें (केवाईसी) ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल प्ले स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।
     
    (vii)   मतदाता टर्नआउट ऐप:
          मतदाता टर्नआउट ऐप का उपयोग रिटर्निंग अधिकारी द्वारा पूर्व निर्धारित अंतरालों पर दर्ज किए गए प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का अनुमानित अनंतिम मतदाता टर्नआउट विवरण प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इस एप्लीकेशन का उपयोग मीडिया द्वारा अनुमानित अनंतिम मतदाता टर्नआउट रूझानों को दर्ज करने के लिए भी किया जा सकता है। हांलाकि, इस बात को अवश्‍य समझा जाना चाहिए कि ये अनंतिम अनुमानित आंकड़ें हैं और अंतिम टर्नआउट आंकड़ें मतदान दलों के पहुंचने और कागजातों की संवीक्षा के बाद ही प्रकाशित किए जा सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से निर्वाचनों के सभी चरणों के आंकड़ें प्रदर्शित किए जाते हैं। यह एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।
          
    (viii)   परिणाम वेबसाइट और परिणाम रुझान टीवी:
    प्रामाणिक आंकड़ों का एक एकल स्रोत कायम करने के लिए चरण-वार सूचना का यथासमय प्रकाशन अत्यावश्यक हो जाता है। संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा दर्ज किया गया मतगणना डाटा, 'आयोग परिणाम वेबसाइट' https://result.eci.gov.in/ के माध्यम से जनता के अवलोकनार्थ 'रुझान और परिणाम' के रूप में उपलब्ध रहता है।
     
    ये परिणाम इन्‍फोग्राफिक्‍स के साथ दर्शाए जाते हैं और मतगणना हाल के बाहर अथवा किसी भी सार्वजनिक स्‍थान पर बड़े डिस्‍प्‍ले स्‍क्रीनों के जरिए ऑटो-स्‍क्रॉल पैनल के साथ प्रदर्शित किए जाते हैं।
     
    (ix)    सुविधा पोर्टल: यह पोर्टल ऑनलाइन नाम-निर्देशन, अनुमतियों आदि के लिए अभ्यर्थियों/राजनैतिक दलों को निम्नानुसार विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करता है-
     
    क)    अभ्यर्थी ऑनलाइन नामनिर्देशन:
    नामनिर्देशन दाखिल करने में सुविधा प्रदान करने के लिए निर्वाचन आयोग ने नामनिर्देशन एवं शपथपत्र दाखिल करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। अभ्यर्थी https://suvidha.eci.gov.in/  पर जाकर अपना खाता बना सकता है, नामनिर्देशन प्ररूप भर सकता है, प्रतिभूति राशि जमा कर सकता है, समय स्लॉट की उपलब्धता की जांच कर सकता है और रिटर्निंग अधिकारी के यहां अपने विजिट की योजना उपयुक्‍त रूप से बना सकता है।
     
    ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन दाखिल करने के उपरांत अभ्यर्थी को केवल प्रिंट लेकर, उसे नोटरीकृत करना होता है और संगत दस्तावेजों के साथ आवेदन को व्‍यक्‍तिश: रिटर्निंग अधिकारी को प्रस्तुत करना होता है।
     
    ऑनलाइन नाम-निर्देशन सुविधा, सहजता से और ठीक-ठीक नाम-निर्देशन दाखिल करने की एक वैकल्पिक सुविधा है। कानून के तहत यथाविहित नियमित ऑफलाइन रूप से जमा किए जाने की व्यवस्था जारी रहेगी।
     
    ख)    अभ्यर्थी अनुमतियां मॉड्यूल:
    अनुमति मॉड्यूल से अभ्यर्थी, राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के कोई भी प्रतिनिधि सुविधा पोर्टल https://suvidha.eci.in/ के माध्यम से बैठकों, रैलियों, लाउडस्पीकरों, अस्थायी कार्यालयों और अन्य के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी उसी पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति को भी ट्रैक कर सकते हैं।
     
    ग)     सुविधा अभ्यर्थी ऐप:
    कोविड को देखते हुए, आयोग ने निदेश दिया है कि जहां तक व्‍यवहार्य हो सके, बैठकों, रैलियों के लिए सार्वजनिक स्थानों का आबंटन, सुविधा ऐप का उपयोग करके ही किया जाना चाहिए। यह एप्लीकेशन निर्वाचनों के दौरान अभ्यर्थियों/राजनैतिक दलों/एजेंटों द्वारा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने तथा नाम-निर्देशन और अनुमति स्थिति को ट्रैक करने के लिए उपलब्ध रहेगा।
     
    (x)    गरुड़ ऐप:
    गरुड़ (जियोग्रॉफिकल ऐसेट रिकानिसेंस यूनिफाईड डिजिटल ऐप) एप्लिकेशन को आयोग की इन-हाउस आईटी टीम द्वारा विकसित किया गया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य बीएलओ के सभी कार्यों को एक स्थान/ऐप पर एकीकृत करके बीएलओ को सुविधा प्रदान करना है। यह एप्लिकेशन अखिल भारतीय आधार पर 09 अगस्त, 2021 को लॉन्च किया गया था। उक्त एप्लिकेशन के कुछ घटक निम्‍नलिखित हैं:
     
    (i)     बीएलओ द्वारा फील्ड सत्यापन
    (ii)    एएमएफ और ईएमएफ की सूचना एकत्रित करना
    (iii)    मतदान स्थल का जीआईएस निर्देशांक प्राप्त करना
    (iv)    बीएलओ द्वारा वास्तविक फोटो और पता कैप्चर किया जा सकता है
    (v)    निर्वाचकों की ओर से ऑनलाइन फॉर्म जमा करना
    (vi)    पीएसई/डीएसई द्वारा फील्ड सत्यापन
     
    यह गूगल प्ले और एप्पल ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।
     
    (xi)    ईवीएम प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस):
    ईवीएम प्रबंधन प्रणाली ईवीएम यूनिटों की मालसूची का प्रबंधन करने के लिए डिज़ाइन की गई है। ईवीएम प्रबंधन में एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण तरीकों में से एक तरीका मतदान केंद्रों में काम पर लगाए जाने से पहले मशीनों के यादृच्छिकीकरण (रैंडमाइजेशन) का प्रशासनिक प्रोटोकॉल है। यादृच्छिकीकरण पार्टियों के प्रतिनिधियों और केंद्रीय प्रेक्षकों की उपस्थिति में किया जाता है।
     
    (xii)   अभ्यर्थी शपथ पत्र पोर्टल:
    निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की प्रोफाइल, नामनिर्देशन स्थिति और शपथ-पत्रों के साथ सम्पूर्ण सूची, अभ्यर्थी शपथ-पत्र पोर्टल: https://affidavit.eci.gov.in/  के माध्यम से जनता के देखने के लिए उपलब्ध होगी।
     
    (xiii)   सेवा मतदाता के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस😞
    इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कोरे डाक मतपत्र प्रेषित करती है। सेवा मतदाता तब स्पीड पोस्ट के माध्यम से अपना मत भेज सकते हैं।
     
    (xiv)   बूथ ऐप:
    बूथ ऐप एनकोर एप्लीकेशन का एक एकीकृत ऐप है, जो निर्वाचकों की डिजिटल चिह्नित कॉपी से एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड का उपयोग करके मतदाताओं की तेजी से पहचान करने की सुविधा प्रदान करता है। यह कतार को कम करता है, मतदान करने की गति बढ़ाने में मदद करता है। इस एप्लीकेशन की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
    (i)    क्यूआर कोड आधारित मतदाता पर्ची का उपयोग करके निर्वाचकों की तेजी से खोज करना
    (ii)    तत्काल पहचान
    यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है।
          
    (xv)   एनकोर गणना:
    एन्कोर गणना एप्लीकेशन https://encore.eci.gov.in/ डाले गए मतों को डिजिटलीकृत करने, चरण-वार डेटा को तालिकाबद्ध करने और तदुपरांत मतगणना की विभिन्न सांविधिक रिपोर्टों को निकालने हेतु रिटर्निंग अधिकारी के लिए एंड-टु-एंड एप्लीकेशन है।
     
    29.    इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट):
    (i) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट)
    निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्‍वसनीयता बढ़ाने के लिए आयोग कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन में प्रत्‍येक मतदान केन्‍द्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल का उपयोग करेगा क्‍योंकि वीवीपैट से मतदाता अपना मत सत्‍यापित कर पाते हैं। निर्वाचनों के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट की उपलब्धता सुनिश्‍चित करने के लिए पहले ही व्यवस्थाएं कर दी गई हैं।
     
    (ii)    ईवीएम और वीवीपैट पर जागरूकता
    जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय एवं रिटर्निंग अधिकारी मुख्यालय/राजस्व उपखण्ड कार्यालयों में प्रत्यक्ष प्रदर्शन-सह-जागरूकता के लिए ईवीएम प्रदर्शन केन्द्र स्थापित किये गये हैं। ईवीएम और वीवीपैट के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु सभी मतदान स्थलों को कवर करने के लिए मोबाइल प्रदर्शन वैन तैनात की गई हैं। ये निर्वाचन की घोषणा तक चालू रहेंगी, जबकि घोषणा के बाद डिजिटल आउटरीच बढ़ाया जाएगा।
     
    (iii)    ईवीएम और वीवीपैट का यादृच्‍छिकीकरण
    कोई भी निश्‍चित आवंटन की संभावना समाप्‍त करने के लिए ईवीएम/वीवीपैट को विधान सभा के लिए और फिर किसी मतदान बूथ के लिए आबंटन करते समय “ईवीएम प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस)” का उपयोग करके दो बार यादृच्छिकीकृत किया जाता है। यादृच्छिकीकृत ईवीएम/वीवीपैट की सूची राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों के साथ भी साझा की जाती है।
     
    (iv)    ईवीएम और वीवीपैट को चालू करना (कमीशनिंग)  
    निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों की सूची को अंतिम रूप दिए जाने के उपरांत, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ईवीएम और वीवीपैट की कमीशनिंग (अभ्‍यर्थी सेटिंग) की जाती है। इस प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता के लिए कमीशनिंग हॉल में टीवी/मॉनिटर संस्थापित किए जाएंगे ताकि अभ्यर्थी/उनके प्रतिनिधि वीवीपैट में प्रतीकों की प्रविष्टि को साथ-साथ देख सकें। ईवीएम और वीवीपैट की कमीशनिंग (अभ्‍यर्थी सेटिंग) के उपरांत प्रत्‍येक ईवीएम और वीवीपैट में नोटा सहित प्रत्‍येक अभ्‍यर्थी को एक मत देकर छद्म मतदान किया जाता है। इसके अलावा, यादृच्‍छिक रूप से चयनित 5% ईवीएम और वीवीपैट में 1000 मतों का छद्म मतदान (मॉक पोल) किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान पेपर गिनती के साथ किया जाता है।
     
    (v)    मतदान के दिन छद्म मतदान
    (क)    मतदान वाले दिन, वास्‍तविक मतदान के प्रारंभ होने से 90 मिनट पहले प्रत्‍येक मतदान केन्‍द्र पर अभ्‍यर्थियों के मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में कम से कम 50 मत डालकर छद्म मतदान आयोजित किया जाता है और कंट्रोल यूनिट के इलेक्ट्रॉनिक परिणाम एवं वीवीपैट पर्चियों की गणना का मिलान करके उन्‍हें दिखाया जाता है। पीठासीन अधिकारियों द्वारा पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट में छद्म मतदान के सफल संचालन का एक प्रमाणपत्र तैयार किया जाएगा।
     
    (ख)    छद्म मतदान होने के तुरंत बाद, कंट्रोल यूनिट (सीयू) पर क्लियर बटन को दबाया जाता है जिससे छद्म मतदान का डाटा क्लियर हो जाए और इस तथ्‍य को उपस्थित मतदान अभिकर्ताओं को प्रदर्शित किया जाता है कि कंट्रोल यूनिट में कोई वोट दर्ज नहीं है। पीठासीन अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि मतदान आरंभ होने से पहले सभी छद्म मतदान पर्चियां वीवीपैट से बाहर निकाली जाएं और उन्‍हें एक अलग चिह्नित लिफाफे में रख दिया जाए।
     
    (ग)    छद्म मतदान के बाद, वास्तविक मतदान शुरू करने से पहले ईवीएम और वीवीपैट को मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में सीलबंद किया जाता है और सील पर मतदान अभिकर्ताओं के हस्ताक्षर लिए जाते हैं।
     
    (vi)    मतदान का दिन और मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट का स्‍ट्रांग रूम में भंडारण
    (क)      मतदान के दिन, डाले गए कुल मतों, सील (विशिष्‍ट नंबर), मतदान केंद्रों में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट की क्रम संख्याओं के विवरण वाले प्ररूप 17ग की एक प्रति अभ्‍यर्थियों के मतदान अभिकर्ताओं को प्रदान की जाती है।
    (ख)    मतदान समाप्‍त होने के बाद, ईवीएम और वीवीपैट मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में उनके संबंधित कैरेईंग केसों में सीलबंद की जाती हैं और सील पर मतदान अभिकर्ताओं के हस्‍ताक्षर लिए जाते हैं।
    (ग)    मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट अभ्‍यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी के साथ डबल लॉक सिस्टम में स्‍ट्रांग रूम में स्‍टोर करने के लिए अनुरक्षा के साथ वापस ले जाई जाती हैं।
    (घ)      अभ्‍यर्थी या उनके प्रतिनिधि स्‍ट्रांग रूम के सामने ठहर भी सकते हैं। इन स्‍ट्रांग रूम की सीसीटीवी सुविधाओं के साथ कई स्‍तरों में 24X7 पहरेदारी की जाती है।
     
    (vii)   मतगणना केंद्रों पर मतों की गणना
    (क)      मतगणना के दिन स्ट्रांग रूम वीडियोग्राफी के साथ अभ्यर्थियों, आरओ और प्रेक्षक की उपस्थिति में खोला जाता है।
    (ख)      मतयुक्त ईवीएम सीसीटीवी कवरेज में सुरक्षा के अधीन और अभ्‍यर्थियों/उनके अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मतगणना केंद्रों तक ले जाई जाती हैं।
    (ग)      सीसीटीवी की निरंतर निगरानी में राउंड-वार सीयू स्‍ट्रांग रूम से मतगणना टेबलों पर लाई जाती हैं।
    (घ)      मतगणना के दिन, कंट्रोल यूनिट से परिणाम प्राप्त करने से पहले अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिनियुक्त मतगणना अभिकर्ताओं के समक्ष सील का सत्‍यापन किया जाता है और सीयू की विशिष्‍ट क्रम संख्याओं का मिलान किया जाता है।
    (ङ)       मतगणना के दिन, मतगणना अभिकर्ता सीयू पर प्रदर्शित डाले गए मतों का प्ररूप 17ग पर दर्ज विवरण के साथ सत्‍यापन कर सकते हैं। अभ्‍यर्थी-वार पड़े मत प्ररूप 17ग के भाग-।। में अभिलिखित किए जाते हैं और उस पर मतगणना अभिकर्ताओं के हस्‍ताक्षर प्राप्त किए जाते हैं।
    (च)      निर्वाचन याचिका अवधि के समाप्त होने तक ईवीएम और वीवीपैट को अभ्‍यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में स्‍ट्रांग रूम में वापस स्टोर किया जाता है।
     
    (viii)  वीवीपैट पेपर पर्चियों का अनिवार्य सत्‍यापन-
    भारत के माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश दिनांक 08 अप्रैल, 2019 के अनुसरण में आयोग ने यह भी अधिदेश दिया है कि रिटर्निंग अधिकारी द्वारा कर्नाटक विधान सभा के प्रत्‍येक निर्वाचन-क्षेत्र में यादृच्छिक रूप से चयनित पांच (5) मतदान केन्‍द्रों की वीवीपैट पर्चियों की गणना ड्रा ऑफ लॉट के माध्यम से अभ्यर्थियों की उपस्थिति में की जाएगी ताकि कंट्रोल यूनिट से प्राप्त परिणाम का सत्‍यापन किया जा सके। प्रत्‍येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच (5) मतदान केन्‍द्रों की वीवीपैट पर्ची गणना का यह अनिवार्य सत्‍यापन, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 56(घ) के उपबंधों के अतिरिक्‍त होगा।
     
    (ix)    ईवीएम, वीवीपैट और डाक मतपत्र में ‘इनमें से कोई नहीं’ (नोटा) का विकल्‍प:
    हमेशा की तरह, निर्वाचनों के लिए ‘इनमें से कोई नहीं’ का विकल्‍प होगा। बैलेट यूनिटों में अंतिम अभ्‍यर्थी के नाम के नीचे ‘नोटा’ विकल्‍प का बटन होगा ताकि वे निर्वाचक जो किसी भी अभ्‍यर्थी को वोट नहीं देना चाहते, ‘नोटा’ के सामने का बटन दबाकर अपने विकल्‍प का प्रयोग कर सकें। इसी प्रकार से, डाक मतपत्रों पर भी अंतिम अभ्‍यर्थी के नाम के बाद नोटा पैनल भी होगा। नोटा पैनल के सामने निम्नलिखित रूप में नोटा प्रतीक मुद्रित होगा।
    file:///C:/Users/PUSHPE~1/AppData/Local/Temp/msohtmlclip1/01/clip_image002.jpg
     
     
    स्‍वीप के भाग के रूप में, इस विकल्‍प को मतदाताओं और अन्य सभी हितधारकों की जानकारी में लाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
     
    (x)    ईवीएम बैलेट पेपर पर अभ्यर्थियों की तस्वीर
    निर्वाचकों को अभ्यर्थियों की पहचान करने में सुविधा प्रदान करने के लिए, आयोग ने ईवीएम (बैलेट यूनिट) पर प्रदर्शित किए जाने वाले मतपत्र और डाक मतपत्र पेपर पर भी अभ्यर्थी की तस्वीर छापने के प्रावधान को जोड़कर एक अतिरिक्त उपाय विहित किया है। यह उस स्थिति में किसी भी भ्रम से बचाने में मदद करेगा, जब समान या लगभग समान नामों वाले अभ्यर्थी एक ही निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ते हैं। इस प्रयोजन के लिए, अभ्यर्थियों के लिए अपेक्षित है कि वे आयोग द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार, रिटर्निंग ऑफिसर को अपना हाल का स्टैम्प साइज फोटोग्राफ प्रस्तुत करें।
     
    30.    मतदान कार्मिक की तैनाती और यादृच्छिकीकरणः
    (क)    मतदान दलों का गठन विशेष यादृच्छिकीकरण आईटी एप्‍लीकेशन के माध्यम से, यादृच्छिक रूप से किया जाएगा।
    (ख)    पुलिस कार्मिक तथा होम गार्ड भी, जिन्हें मतदान दिवस को मतदान केन्द्रों में तैनात किया जाता है, के लिए भी ऐसा यादृच्छिकीकरण किया जाएगा।
     
    31.    पदाधिकारियों का आचरण:
    आयोग, निर्वाचनों के संचालन में कार्यरत सभी अधिकारियों से यह अपेक्षा करता है कि वे अपने कर्तव्यों का निष्पक्ष रूप से बिना किसी भय या पक्षपात के निर्वहन करें। उन्हें आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाता है और वे आयोग के नियंत्रण, पर्यवेक्षण और अनुशासन के अध्यधीन होंगे। उन सभी सरकारी अधिकारियों का आचरण, जिन्हें निर्वाचन संबंधी जिम्मेदारी और कर्तव्य सौंपे गए हैं, निरंतर आयोग की संवीक्षा के अधीन रहेगा तथा उन अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवार्इ की जाएगी जिनके कार्य निष्पादन में किसी भी प्रकार की कमी पार्इ जाएगी।
     
    32.    कोविड दिशानिर्देश-
    आयोग द्वारा साधारण निर्वाचन और उप-निर्वाचनों के संचालन के दौरान अनुपालन किए जाने वाले कोविड दिशानिर्देश जारी किए गए हैं जो आयोग की वेबसाइट पर लिंक- https://eci.gov.in/files/file/14492-covid-guidelines-for-general-electionbye-elections-to-legislative-assemblies-reg/. पर उपलब्ध हैं।
     
    इसके अलावा, यह निदेश दिया गया है कि निर्वाचन सामग्री का वितरण और संग्रह-
    (i)     निर्वाचन सामग्री के वितरण/संग्रह के लिए बड़े हॉल/जगह में किया जाए।
    (ii)    जहां तक व्यवहार्य हो, इसे विकेन्द्रीकृत रूप में किया जाए।
    (iii)    भीड़ से बचने के लिए निर्वाचन सामग्री के वितरण/संग्रह के लिए पहले से सूचित और सांतरित समयावधि आबंटित की जाए।
     
    33.    साधारण निर्वाचनों का कार्यक्रम
    आयोग ने राज्यों में जलवायु की स्थिति, शैक्षणिक कैलेंडर, बोर्ड परीक्षा, प्रमुख त्यौहारों, कानून और नाम-निर्देशन नाम-निर्देशन व्यवस्था की मौजूदा स्थिति, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की उपलब्धता, बलों का मूवमेंट, ट्रांसपोर्टेशन और समयबद्ध तैनाती हेतु अपेक्षित समय जैसे सभी संगत पहलुओं पर विचार करने तथा अन्य संगत जमीनी हकीकतों का गहन आकलन करने के उपरांत कर्नाटक विधान सभा का साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए कार्यक्रम तैयार किया है।
     
    सभी संगत पहलुओं पर विचार करने के उपरांत आयोग ने कर्नाटक राज्य के माननीय राज्यपाल को अनुबंध-1 के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के संगत प्रावधानों के अंतर्गत साधारण निर्वाचन के लिए अधिसूचना जारी करने हेतु सिफारिश करने का निर्णय लिया है।
     
    आयोग निर्वाचन प्रक्रिया में सभी सम्मानित हितधारकों का सक्रिय सहयोग, घनिष्ठ भागीदारी और रचनात्मक साझेदारी चाहता है और कर्नाटक में सुचारू, स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, सहभागी और उल्लासपूर्ण साधारण निर्वाचन, 2023 संपन्न कराने में समवेत प्रयासों का उपयोग करना चाहता है।
     
    कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन का कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    कर्नाटक
    (सभी 224 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र)
    राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तिथि
    13.04.2023
    (गुरुवार)
    नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख
    20.04.2023
    (गुरुवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    21.04.2023
    (शुक्रवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    24.04.2023
    (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    10.05.2023
    (बुधवार)
    मतगणना की तारीख
    13.05.2023
    (शनिवार)
    वह तारीख जिसके पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न कर लिया जाएगा
    15.05.2023
    (सोमवार)
     
     
     
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 April 2023

  4. कर्नाटक विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2023-राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/27/2023/संचार   
     दिनांक: 13 अप्रैल, 2023
     
    प्रेस नोट
       कर्नाटक विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2023 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग द्वारा जारी दिनांक 13 अप्रैल, 2023 के आदेश सं. 437/टीए-एलए/2/2023/संचार की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।
     
     
    आदेश 
         वर्ष 1998 में लोक सभा के साधारण निर्वाचनों के समय, आयोग ने दिनांक 16 जनवरी, 1998 के अपने आदेश के संदर्भ में राज्य के स्वामित्व वाले टेलीविजन तथा रेडियो के निःशुल्क प्रयोग के माध्यम से मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के राज्यीय वित्त पोषण के लिए, निदेशों के अधीन एक नई पहल की थी। तत्पश्चात, उक्त योजना को वर्ष 1998 के पश्‍चात होने वाले राज्य विधान सभाओं के सभी साधारण निर्वाचनों और लोक सभा साधारण निर्वाचन 1999, 2004, 2009, 2014 तथा 2019 तक विस्तारित कर दिया गया था।
         ''निर्वाचन तथा अन्य संबंधित विधि (संशोधन) अधिनियम, 2003’’ और उसके अधीन अधिसूचित नियमों के तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधनों के साथ, इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया पर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वारा प्रचार के लिए समय की न्यायसंगत हिस्सेदारी अब सांविधिक आधार है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 39क के नीचे के स्पष्‍टीकरण के खंड(क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने ऐसी सभी प्रसारण मीडिया जो केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या उसके द्वारा नियन्त्रित या उसके द्वारा पूर्णतः अथवा आंशिक रूप में उपलब्ध करवाई गई निधियों से वित्त पोषित हैं, को उस धारा के प्रयोजनार्थ इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया के रूप में अधिसूचित किया है। अतः, आयोग ने प्रसार भारती निगम के माध्यम से इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया पर समय की न्यायोचित हिस्सेदारी की उक्त योजना को कर्नाटक विधान सभा के आगामी साधारण निर्वाचन, 2023 पर भी इसे लागू करने का निर्णय लिया है।
         कर्नाटक में रेडियो प्रसारण समय और दूरदर्शन प्रसारण समय के प्रयोग की सुविधा केवल 'राष्‍ट्रीय दलों’ और 'मान्‍यताप्राप्‍त राज्‍यीय दलों' को प्राप्त है।
     
     
     
     
    इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार हैं:
    1.    ये सुविधाएं आकाशवाणी और दूरदर्शन के प्रादेशिक केन्द्रों में उपलब्ध होंगी और कर्नाटक के अन्दर अन्य स्टेशनों द्वारा प्रसारित की जाएंगी।
    दूरदर्शन प्रसारण/रेडियो प्रसारण हेतु आबंटित समय:
    2.    कर्नाटक में दूरदर्शन नेटवर्क और आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) नेटवर्क के प्रादेशिक केन्द्रों पर क्रमशः कर्नाटक में प्रत्येक राष्‍ट्रीय दल तथा 'मान्यताप्राप्त राज्यीय दलों' को एकसमान 45 मिनट का बेस टाइम दिया जाएगा।
    3.    दलों को आबंटित किए जाने वाले अतिरिक्त समय के बारे में निर्णय कर्नाटक के पिछले विधान सभा निर्वाचन, 2018 में दलों के प्रदर्शन के आधार पर लिया गया है।
    4.    प्रसारण के एकल सत्र में, किसी भी दल को 15 मिनट से अधिक का समय आबंटित नहीं किया जाएगा।
    दूरदर्शन प्रसारण/रेडियो प्रसारण की तारीख:
    5.    रेडियो प्रसारण और दूरदर्शन प्रसारण की अवधि, निर्वाचन के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची के प्रकाशन की तारीख और कर्नाटक में मतदान की तारीख से दो दिन पहले के बीच की अवधि होगी।
    6.    प्रसार भारती निगम, आयोग के परामर्श से रेडियो प्रसारण और दूरदर्शन प्रसारण हेतु वास्तविक तारीख और समय का निर्धारण करेगा। यह दूरदर्शन तथा आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) के पास उपलब्ध वास्तविक प्रसारण समय को शासित करने वाले व्यापक तकनीकी प्रतिबंध के अध्यधीन होगा।
    अग्रिम रूप से प्रतिलिपि प्रस्तुत करना:
    7.    दूरदर्शन प्रसारण और रेडियों प्रसारण हेतु आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा। दलों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे प्रतिलिपि और रिकॉर्डिंग को अग्रिम रूप से प्रस्तुत करें। दल इसे प्रसार भारती निगम द्वारा निर्धारित तकनीकी मानकों को पूरा करने वाले स्टूडियो में या दूरदर्शन/ऑल इंडिया रेडियो केन्द्रों में अपनी लागत पर रिकॉर्ड करवा सकते हैं। विकल्प के रूप में वे अग्रिम अनुरोध द्वारा दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर भी रिकॉर्ड करवा सकते हैं। ऐसे मामलों में, ये रिकार्डिंग दूरदर्शन/ऑल इंडिया रेडियो द्वारा अग्रिम रूप से इंगित समय पर की जाएंगी।
    पैनल परिचर्चा और वाद-विवाद:
    8.    दलों द्वारा प्रसारण के अतिरिक्त, प्रसार भारती निगम दूरदर्शन/ऑल इंडिया रेडियो के केन्द्रों/स्टेशनों पर अधिकतम दो पैनल परिचर्चाएं और/या वाद-विवाद आयोजित करवाएगा। ऐसे कार्यक्रम के लिए प्रत्येक पात्र दल अपना एक प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है।
    9.    भारत निर्वाचन आयोग प्रसार भारती निगम के परामर्श से ऐसी पैनल परिचर्चाओं और वाद-विवाद के लिए संयोजकों के नामों का अनुमोदन करेगा।
    प्रसारण/रेडियो प्रसारण में अनुपालन हेतु दिशा-निर्देश:
    10.   दूरदर्शन/ऑल इंडिया रेडियो पर निम्नलिखित दूरदर्शन प्रसारण/रेडियों प्रसारण अनुमत्‍य नहीं होंगेः
    (क)   अन्य देशों की निंदा;
    (ख)   धर्मों या समुदायों पर हमला;
    (ग)   कुछ भी अश्‍लील या अपमानजनक;
    (घ)   हिंसा भड़काना;
    (ङ)    ऐसा कुछ, जिससे न्यायालय की अवमानना हो;
    (च)   राष्‍ट्रपति और न्यायपालिका की सत्यनिष्‍ठा के प्रति निन्दा;
    (छ)   ऐसा कुछ भी, जो देश की एकता, सम्प्रभुता और अखण्डता को प्रभावित करता हो;
    (ज)   किसी व्यक्ति का नाम लेकर कोई आलोचना;
     
    दलों के लिए टाइम वाउचर्स:
    11.   1 मिनट से 4 मिनट तक के समय आबंटन के एक वाउचर सहित टाइम वाउचर्स 5 मिनट के समय वर्ग में उपलब्ध होंगे और दल उसे अपनी सुविधानुसार मिलाने के लिए स्वतन्त्र होंगे। विभिन्न राजनैतिक दलों को समय का आबंटन इसके साथ संलग्‍न विवरण में दिया गया है।
     
     
     
     
    कर्नाटक राज्‍य विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2023
    दूरदर्शन/आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) के प्रादेशिक केन्द्रों/राज्यीय राजधानी केन्द्रों पर राष्‍ट्रीय दलों/राज्यीय दलों के लिए उपलब्ध समय
    राज्य/संघ राज्य-क्षेत्र का नाम
    राष्‍ट्रीय/ राज्यीय दल का नाम
    कुल आबंटित समय, मिनटों में
    जारी किए गए टाइम वाउचरों की संख्या
     
     
     
    रेडियो प्रसारण
    दूरदर्शन प्रसारण
    रेडियो प्रसारण
    दूरदर्शन प्रसारण    
     
     
     
     
     
    कर्नाटक
    आप
    45
    45
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट)
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट)
    बी एस पी
    46
    46
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट) +1 (1मिनट)
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट) +1 (1मिनट)
    बी जे पी
     
    167
    167
    33 (प्रत्‍येक 5 मिनट) +1 (2 मिनट)
    33 (प्रत्‍येक 5 मिनट)+1 (2 मिनट)
    सी पी आई
    (एम)
    46
    46
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट)+ 1 (1 मिनट)
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट)+ 1 (1 मिनट)
    आई एन सी
    174
    174
    34 (प्रत्‍येक 5 मिनट)+1 (4 मिनट)
    34 (प्रत्‍येक 5 मिनट)+1 (4 मिनट)
    एन पी पी
    45
    45
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट)
    9 (प्रत्‍येक 5 मिनट)
    जेडी (एस)
    107
    107
    21 (प्रत्‍येक 5 मिनट) +1 (2 मिनट)
    21 (प्रत्‍येक 5 मिनट) +1 (2 मिनट)
    कुल
    630
    630
    630
    630
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
    राजनैतिक दलों की सूची
    राष्ट्रीय दलः
    क्रम सं.
    संक्षिप्त नाम
    दल का नाम
    1.    
    आप
    आम आदमी पार्टी
    2.    
    बी एस पी
    बहुजन समाज पार्टी
    3.    
    बी जे पी
    भारतीय जनता पार्टी
    4.    
    सी पी आई(एम)
    कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट)
    5.    
    आई एन सी
    इंडियन नेशनल काँग्रेस
    6.    
    एन पी पी
    नेशनल पीपल्स पार्टी
     
    राज्यीय दलः
    क्रम सं.
    संक्षिप्त नाम
    दल का नाम
    1
    जेडी (एस)
    जनता दल (सेक्युलर)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 18 April 2023

  5. पंजाब के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 1 (एक) और ओडिशा तथा उत्तर प्रदेश के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 3 (तीन) एवं मेघालय में 1 (एक) स्थगित हुए मतदान से उत्पन्न रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम

    सं. ईसीआई/पीएन/25/2023                                           
    दिनांक:  29 मार्च, 2023
     
    प्रेस नोट
     
    विषय:  पंजाब के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 1 (एक) और ओडिशा तथा उत्तर प्रदेश के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 3 (तीन) एवं मेघालय में 1 (एक) स्थगित हुए मतदान से उत्पन्न रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम – तत्संबंधी
     
           आयोग ने पंजाब के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 1 (एक) और ओडिशा, उत्तर प्रदेश एवं मेघालय के निम्नलिखित 4 (चार) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन आयोजित कराने का निर्णय लिया है-
     
     
    क्र. सं.
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
    संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    की सं. एवं नाम
    रिक्ति का कारण
    1.
    पंजाब
    04-जालंधर (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
    श्री संतोख सिंह चौधरी की मृत्यु
    2.
    ओडिशा
    07-झारसुगुडा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    श्री नब किशोर दास की मृत्यु
    3.
    उत्‍तर प्रदेश
    395-छानबे (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    श्री राहुल प्रकाश कोल की मृत्यु
    4.
    उत्‍तर प्रदेश
    34-स्वार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    श्री मोहम्मद अब्दुल्ला आज़म खान की निरर्हता
    5.
    मेघालय
    23-सोहिंआंग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थी की मृत्यु के कारण मतदान स्थगित
     
    उप निर्वाचन का और मेघालय में स्थगित हुए मतदान हेतु निर्वाचन का कार्यक्रम निम्‍नानुसार है:
     
    संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप-निर्वाचन एवं मेघालय में स्थगित हुए मतदान हेतु निर्वाचन का कार्यक्रम
    मतदान घटनाक्रम
    कार्यक्रम
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    13.04.2023
    (गुरुवार)
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    20.04.2023
    (गुरुवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    21.04.2023
    (शुक्रवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    24.04.2023
    (सोमवार)
     
     
    मतदान की तारीख
    10.05.2023
    (बुधवार)
    मतगणना की तारीख
    13.05.2023
    (शनिवार)
    वह तारीख जिसके पहले निर्वाचन संपन्न करा लिया जाएगा
    15.05.2023
    (सोमवार)
     
    1.        निर्वाचक नामावली
           उपर्युक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए निर्वाचक नामावलियां अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2023 के साथ अंतिम तौर पर दिनांक 5 जनवरी, 2023 को प्रकाशित की गईं और नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि तक अद्यतनीकृत निर्वाचक नामावलियों को इन निर्वाचनों के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा।
     
    2.     इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट
           आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर उप-निर्वाचनों में ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध करवा दिए गए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से निर्वाचन सुचारू रूप से संचालित कर लिए जाएं।
     
    3.     मतदाताओं की पहचान -
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) मुख्य दस्तावेज होगा। हालांकि, नीचे उल्लिखित पहचान दस्तावेजों में से कोई दस्तावेज भी मतदान केंद्र पर दिखाया जा सकता है:
        i.     आधार कार्ड,
       ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
      iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्‍त पासबुक,
      iv.     श्रम मंत्रालय की स्‍कीम के अंतर्गत जारी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा स्‍मार्ट कार्ड,
       v.     ड्राइविंग लाइसेंस
      vi.     पैन कार्ड
      vii.     एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्‍मार्ट कार्ड
     viii.     भारतीय पासपोर्ट
      ix.     फोटोयुक्‍त पेंशन दस्‍तावेज
       x.     केन्द्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/पब्लिक लिमिटेड कम्‍पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्‍त सेवा पहचान पत्र, और
      xi.     सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्‍यों को जारी अधिकारिक पहचान पत्र
      xii.     विशिष्ट दिव्यांगता आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार 
    4.     आदर्श आचार संहिता
           आयोग के अनुदेश सं. 437/6/अनु./2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के जरिए यथा-जारी आंशिक संशोधन के अध्यधीन आदर्श आचार संहिता उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन कराए जाने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
     
     
    5.     आपराधिक पूर्ववृत्त संबंधी सूचना
    आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्‍यर्थियों के लिए अपेक्षित है कि वे प्रचार अवधि के दौरान तीन अवसरों पर समाचार पत्रों में और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इस संबंध में सूचना प्रकाशित करें।
    कोई राजनैतिक दल, जो आपराधिक पूर्ववृत्तों वाले अभ्‍यर्थियों को खड़ा करता है, उसके लिए भी यह अपेक्षित है कि वह अपने अभ्‍यर्थियों की आपराधिक पृष्‍ठभूमि के बारे में तीन अवसरों पर अपनी वेबसाइट के साथ-साथ समाचार-पत्रों और टेलीविजन चैनलों में भी सूचना प्रकाशित करे।
     
    आयोग ने अपने पत्र, सं. 3/4/2019/एसडीआर/खंड lV, दिनांक 16 सितंबर, 2020 के जरिए यह निदेश दिया है कि विनिर्दिष्ट अवधि का निर्णय तीन ब्लॉकों के साथ निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा ताकि निर्वाचकों के पास ऐसे अभ्यर्थियों की पृष्‍ठभूमि के बारे में जानने का पर्याप्त समय हो :
     
    क.     अभ्यर्थिता वापस लेने के प्रथम 4 दिनों के भीतर
    ख.    आगामी 5वें से 8वें दिनों के बीच
    ग.     9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से पूर्व का दूसरा दिन)
     
    (उदाहरण: यदि अभ्यर्थिता वापस लेने की अंतिम तिथि महीने का 10वां दिन है और मतदान महीने के 24वें दिन है तो घोषणा के प्रकाशन के लिए पहला ब्लॉक महीने के 11वें और 14वें दिन के बीच, दूसरा और तीसरा ब्लॉक क्रमश: महीने के 15वें एवं 18वें दिन के बीच और 19वें एवं 22वें दिन के बीच होगा)
    यह वर्ष 2015 की रिट याचिका (सिविल) सं. 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ और अन्य) में और वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन एवं अन्य बनाम भारत संघ और एक अन्य) में माननीय उच्‍चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में अपेक्षित है।
    यह सूचना ''अपने अभ्‍यर्थी को जानिए'' शीर्षक वाले एक ऐप पर भी उपलब्‍ध होगी।
     
    6.     उप-निर्वाचन के दौरान कोविड संबंधी प्रबंधन
           देशभर में कोविड की स्थिति में हुए समग्र सुधार को देखते हुए और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डी एम अधिनियम के अधीन प्रतिबंधित उपाय वापिस लिए जाने को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी हिदायतों का अनुसरण किया जाए। उप-निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान, पांच फलकीय कार्यनीति पर सतत ध्यान दिया जाना चाहिए, अर्थात् टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना। जिला प्रशासन को कोविड स्थिति की प्रभावी रूप से जांच करनी चाहिए तथा अपेक्षित विधिक/प्रशासनिक मानदण्डों को निर्धारित करके कोविड उपयुक्त व्यवहार के मानदण्डों को लागू करना चाहिए।
     
    आयोग ने दिनांक 14.10.2022 को कोविड दिशानिर्देश, अक्तूबर, 2022 जारी किए हैं जो निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने के लिए आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/files/file/14492-covid-guidelines-for-general-electionbye-elecctions-to-legislative-assemblies-reg/ पर उपलब्‍ध हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 18 April 2023

  6. कर्नाटक विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2023-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।

    सं. ईसीआई/पीएन/26/2023                                    
    दिनांकः 06.04.2023
     
     
    प्रेस नोट
    विषयः कर्नाटक विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2023-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।
    कर्नाटक विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2023 आयोजित करवाने के लिए 29.03.2023 को कार्यक्रम की घोषणा की गई है। राज्य में मतदान नीचे दिए गए कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किए जाने हैं:
    राज्य का नाम
    चरण और मतदान की तारीख
    कर्नाटक
    एकल चरण- 10.05.2023
          इस संबंध में, समस्त मीडिया का ध्यान लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु नियत घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ, टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे पुन:प्रस्तुत किए गए हैं:
     (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिषेध-
    (1)    कोई भी व्‍यक्ति-
    (क)   ..............................
    (ख)  चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्‍य साधित्रों द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा;
    (ग)   ...................................................................
    किसी मतदान क्षेत्र में, किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान -
    (2) वह व्‍यक्ति, जो उप-धारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा; कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।
    (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित प्रकल्पित है।
    2.     निर्वाचनों के दौरान, कभी-कभी टीवी चैनलों द्वारा उनके पैनल चर्चाओं/वाद-विवाद तथा अन्‍य  समाचारों और करंट अफेयर्स के कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त  धारा 126 के उपबंधों के उल्‍लंघन का आरोप लगता है। आयोग ने विगत में यह स्पष्‍ट किया है कि उक्‍त  धारा 126, किसी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ, टेलीविजन या समरूप साधनों (सोशल मीडिया सहित) के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन को प्रतिबंधित करती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ को ऐसे मामले के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय है।
    3.     आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/ब्रॉडकास्ट/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय-वस्तु में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों के अभिमत/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे किसी विशेष दल या अभ्यर्थी (र्थियों) को प्रभावित करने/असर डालने की निर्वाचन संभावनाओं को आगे बढ़ाने, उस पर प्रतिकूल प्रभाव डालने अथवा निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने/पर असर डालने की संभावना हो। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपिनियन पोल तथा सामान्य पर वाद-विवाद, विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड-बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा।
    4.     इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो उसमें उल्लिखित अवधि अर्थत राज्यों में पहले चरण में मतदान प्रारंभ होने के लिए नियत समय से लेकर तथा अंतिम चरण में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक के दौरान एग्जिट पोल करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को निषिद्ध करती है। एक्जिट पोल्स के लिए निषेद्ध अवधि को विनिर्दिष्ट करते हुए अलग अनुदेश भी जारी किए जाएंगे।
    5.   धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफएम चैनल/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी ब्रॉडकास्ट/प्रसारण संबंधी कार्यक्रमों (एग्जिट पोल के अलावा) जो शालीनता, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने आदि के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अधीन निर्धारित प्रोग्राम कोड के अनुरूप हो, के संचालन हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला/स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनैतिक विषय-वस्तु पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजीटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 और भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश संख्या-491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्तूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। राजनैतिक विज्ञापनों के संबंध में, आयोग के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I, दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समितियों द्वारा इसका पूर्व-प्रमाणन किया जाना आवश्यक है।
    6.  निर्वाचन के दौरान अनुपालन हेतु प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा दिनांक 30.7.2010 को जारी दिशानिर्देशों और 'पत्रकारिता आचरण मानदंड-2020' की ओर भी सभी प्रिंट मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-I)
    7.  एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-II)
    8.     इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया मंचों के लिए “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” भी तैयार की है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा यथासम्मत, “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2023 में भी लागू होती है। इस संबंध में सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” की ओर आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-III)
    9. सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्तियों और डिजिटल मीडिया आचार नीति संहिता के लिए दिशा निदेश) नियम, 2021 जहां कहीं भी लागू होता हो, अनुपालन हेतु ध्यान में रखा जाए।
    10.    इसके अतिरिक्त, यह भी सूचित किया जाता है कि कोई भी राजनैतिक दल अथवा अभ्यर्थी अथवा अन्य कोई संगठन अथवा व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन नहीं देगा जब तक कि वे राजनैतिक विज्ञापनों के अंशों (अंतर्वस्तु) को राज्य/जिला स्तर, यथास्थिति, की मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणित नहीं करा लेते। आवेदकों को ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन की प्रस्तावित तारीख से कम से कम 02 (दो) दिन पहले आवेदन करना होगा।
    उपर्युक्‍त परामर्शिका का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।
     
    अनुलग्नक-I
    निर्वाचन के दौरान अनुपालनार्थ भारतीय प्रेस परिषद् (प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया) द्वारा दिनांक 30.07.2010 को जारी दिशा-निर्देश:
           i.          प्रेस का यह कर्तव्‍य होगा कि वह निर्वाचनों तथा अभ्‍यर्थियों के बारे में विषयपरक रिपोर्ट दे। समाचार पत्रों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे निर्वाचनों के दौरान हानिकर निर्वाचन प्रचारों में हिस्‍सा लें और किसी अभ्‍यर्थी/पार्टी या घटना के बारे में अतिशयोक्तिपूर्ण रिपोर्ट दें। व्‍यवहार में, दो या तीन कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी सारी मीडिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वास्‍तविक प्रचार पर रिपोर्ट तैयार करते समय समाचार पत्र में ऐसा कोई महत्‍वपूर्ण बिंदु नहीं छोड़ना चाहिए जो कि अभ्‍यर्थी द्वारा उठाया गया हो और जो उसके विरोधी पर आक्षेप लगाता हो।
          ii.          सांप्रदायिक या जातिगत आधार पर वोट मांगते हुए निर्वाचन प्रचार करना निर्वाचन नियमावली के अधीन निषेध है। अत:, प्रेस को धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच विद्वेष या घृणा की भावना को बढ़ावा देने वाली खबरों से बचना चाहिए।
        iii.          प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी के आचरण और उसके निजी चरित्र के संबंध में कोई मिथ्‍या या आलोचनात्‍मक वक्‍तव्‍य अथवा उसकी अभ्‍यर्थिता या नाम वापस लेने के संबंध मे ऐसे किसी प्रकार के प्रकाशन से बचना चाहिए जिससे निर्वाचनों में उस अभ्‍यर्थी की जीत की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रेस किसी अभ्‍यर्थी/दल के विरूद्ध असत्‍यापित आरोपों को प्रकाशित नहीं करेगा।
         iv.          प्रेस, किसी अभ्‍यर्थी/दल के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर कहने (प्रोजेक्ट करने) के लिए वित्‍तीय अथवा अन्‍य किसी प्रकार के प्रलोभन को स्‍वीकार नहीं करेगा। यह किसी अभ्‍यर्थी/दल की ओर से उनको दी जाने वाली कोई भी सुविधा या आतिथ्‍य स्‍वीकार नहीं करेगा।
          v.          प्रेस से किसी विशेष अभ्‍यर्थी/दल के प्रचार में शामिल होने की अपेक्षा नहीं की जाती है। यदि यह ऐसा करता है तो यह ऐसे अन्‍य अभ्‍यर्थी/दल को इस संबंध में जवाब देने के अधिकार की अनुमति भी देगा।
         vi.          प्रेस, सत्‍ताधारी दल/सरकार की उपलब्धियों के संबंध में राजकोषीय लागत पर कोई विज्ञापन स्‍वीकार/प्रकाशित नहीं करेगा।
       vii.          प्रेस, निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग अधिकारियों या मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निदेशों/आदेशों/अनुदेशों का पालन करेगा।
    'पत्रकारिता आचरण के मानदंड-2020'
    i.     समाचारपत्र को विशेष रूप से पूरक/विशेष संस्करण पर "विपणन पहल" का विशेषकर उल्लेख करना चाहिए ताकि उन्हें विभिन्न रिपोर्टों से अलग किया जा सके।
    ii.   समाचारपत्र को नेता द्वारा दिए गए बयानों को गलत या तोड़-मरोड़ कर नहीं पेश करना चाहिए। संपादकीय में दिए गए कथनों को उसी सच्ची भावना से दर्शाया जाना चाहिए जो उनके द्वारा व्यक्त किए जाने की कोशिश की जा रही है।
    iii. समाचार खबरों के ऐसे कॉलम, जो मुख्यतया जाति के आधार पर मतदाताओं और राजनैतिक दल विशेष के अभ्यर्थी के समर्थकों के नामों को इंगित करते हैं, समाचारों की प्रस्तुति के ऐसे आशय और तरीके, रिपोर्ट को पेड न्यूज़ के रूप में स्थापित करते हैं।
    iv.  ऐसे ही विषय-वस्तु के साथ प्रतिस्पर्धी समाचारपत्र में प्रकाशित राजनैतिक समाचार, ऐसी रिपोर्टों को पेड न्यूज़ होने का दृढ़ संकेत देते हैं।
    v.   दो समाचार-पत्रों द्वारा निर्वाचन के दिनों में एक ही समाचार को अक्षरशः प्रकाशित करना संयोग नहीं हैं और इससे स्पष्ट होता है कि इस तरह की खबर के सोच-समझकर प्रकाशित की गईं हैं।
    vi.  किसी दल विशेष के पक्ष में, खबर के प्रस्तुतीकरण का तरीका और साथ ही किसी विशेष दल के समर्थन में मतदान के लिए अपील करना, पेड न्यूज़ का सूचक है।
    vii.निर्वाचन में किसी ऐसे अभ्यर्थी की सफलता को दर्शाना, जिसे अभी नाम-निर्देशन करना है, पेड न्यूज़ का सूचक है।
    viii.  निर्वाचन प्रचार की बैठक और फिल्मी सितारों की मौजूदगी से उमड़े उत्साह की खबरों को, पेड न्यूज़ नहीं कहा जा सकता है।
    ix.  समाचारपत्रों को सलाह दी जाती है कि वे निर्वाचन से संबंधित समाचार कवर करने के दौरान अभ्यर्थियों की खबर/साक्षात्कार के प्रकाशन में संतुलन सुनिश्चित करें।
    x.   निर्वाचन के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों के अध्यधीन, समाचार पत्र अभ्यर्थियों या दलों की संभावनाओं का एक ईमानदारीपूर्वक मूल्यांकन करने के लिए स्वतंत्र हैं और इसका प्रकाशन तब तक पेड न्यूज नहीं होगा, जब तक यह सोच-विचार कर किया गया प्रकाशन न सिद्ध हो।
    xi.  समाचार पत्र ऐसी किसी भी खबर को सत्यापन के बगैर प्रकाशित नहीं करेंगे जिसमें किसी राजनैतिक दल की जीत की भविष्यवाणी की गई हो।
     
    अनुलग्नक-II
    एनबीएसए द्वारा दिनांक 3 मार्च, 2014 को जारी "निर्वाचन प्रसारण के लिए दिशा-निर्देश"
    i. समाचार प्रसारकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तथा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के अधीन निर्धारित नियमों तथा विनियमों के अनुसार सुसंगत निर्वाचन मामलों, राजनैतिक दलों, अभ्‍यर्थियों, प्रचार-अभियान मामलों तथा मतदान प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को निष्पक्ष तरीके से सूचित करने का प्रयास करना चाहिए।
    ii. समाचार चैनलों को किसी दल या अभ्‍यर्थी से किसी भी प्रकार की राजनैतिक संबद्धता का उल्‍लेख करना चाहिए। जब तक वे सार्वजनिक रूप से किसी विशेष दल या अभ्यर्थी का समर्थन नहीं करते हैं, समाचार प्रसारकों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे विशेष रूप से अपनी निर्वाचन संबंधी रिपोर्टिंग में संतुलित एवं निष्‍पक्ष बने रहें।
    iii. समाचार प्रसारकों को सभी प्रकार की अफवाहों, निराधार अटकलबाजियों तथा गलत सूचना देने से बचना चाहिए, विशेष रूप से जब यह किन्‍हीं विशेष राजनैतिक दलों या अभ्‍यर्थियों के संबंध में हो। ऐसा कोई भी अभ्‍यर्थी/राजनैतिक दल जो कि इस प्रकार से बदनाम किया गया है या मिथ्‍यानिरूपण, गलत सूचना देने या सूचना के प्रसारण द्वारा समान पीड़ा से पीड़ित है, तो उसमें तुरंत सुधार लाया जाए और जहां उचित लगे उसे जवाब देने का अवसर भी प्रदान किया जाए।
    iv. समाचार प्रसारकों को ऐसे सभी राजनैतिक तथा वित्‍तीय दबावों से बचना चाहिए जो कि निर्वाचनों की कवरेज तथा निर्वाचन संबंधी मामलों पर प्रभाव डालते हों।
    v. समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों में प्रसारित संपादकीय तथा विशेषज्ञ राय के बीच स्‍पष्‍ट अंतर रखना चाहिए।
    vi. वे समाचार प्रसारक, जो राजनैतिक दलों से प्राप्‍त वीडियो सामग्री  का प्रसार करते हैं, उन्‍हें इसका उल्‍लेख करना चाहिए और इसे उचित रूप से टैग भी करना चाहिए।
    vii. यह सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि निर्वाचनों तथा निर्वाचन संबंधी मामलों से संबंधित समाचारों/कार्यक्रमों का प्रत्येक अंश घटना, तारीख, स्थान और उद्धरण के बारे में एकदम सही हो। यदि गलती से या असावधानी से किसी गलत सूचना का प्रसारण हो जाता है तो जैसे ही प्रसारक के ध्‍यान में यह बात आती है वह उसे उसी तत्परता से सही करके प्रसारित करेगा जैसे कि मूल प्रसारण के समय किया था।
    viii. समाचार प्रसारकों, उनके संवाददाताओं और कर्मचारियों को कोई धन या कीमती उपहार या ऐसा कोई एहसान स्‍वीकार नहीं करना चाहिए जो उन पर किसी प्रकार का प्रभाव डाले या प्रभाव डालता हुआ प्रतीत हो, जिससे उनके हित प्रभावित होते हों या प्रसारक अथवा उसके कार्मिकों की विश्‍वसीनयता को क्षति पहुंचाता हो।
     
    ix. समाचार प्रसारक किसी प्रकार का ‘घृणापूर्ण भाषण’ या अन्‍य प्रकार के आपत्तिजनक अंशों का प्रसारण नहीं करेंगे जिससे हिंसा या जनाक्रोश में वृद्धि होती हो या अव्‍यवस्‍था फैलती हो, क्‍योंकि सांप्रदायिक या जातिगत आधार पर प्रचार करना, निर्वाचन विधि के अधीन निषिद्ध है। समाचार प्रसारकों को ऐसी रिपोर्टों से सख्त परहेज करना, चाहिए जिससे धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय, क्षेत्र या भाषा के आधार पर वैमनस्‍यता या घृणा की भावना को बढ़ावा मिले।
    x. समाचार प्रसारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाचारों तथा पेड सामग्री के बीच सावधानीपूर्वक  अंतर बनाए रखेंगे। सारी पेड सामग्री पर “पेड विज्ञापन” या “पेड सामग्री” स्‍पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए और एनबीए द्वारा जारी दिनांक 24.11.2011 के “पेड न्यूज़ पर प्रतिमान और दिशा-निर्देश” के अनुसरण में पेड सामग्री का प्रसारण किया जाना चाहिए।
    xi. ओपीनियन पोल को रिपोर्ट करते समय उसकी सटीकता और निष्‍पक्षता का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए, दर्शकों के लिए यह खुलासा किया जाना चाहिए कि ओपीनियन पोल के संचालन और उसके प्रसारण के लिए उन्‍हें किसने अधिकृत किया है, किसने उसका संचालन किया है और किसने उसके लिए भुगतान किया है। यदि कोई समाचार प्रसारक ओपीनियन पोल का परिणाम अथवा अन्‍य निर्वाचन अनुमान प्रसारित करता है तो उसे ऐसे पोल की सीमाबद्धता सहित संदर्भ और कार्यक्षेत्र तथा सीमाओं का उल्‍लेख अवश्‍य करना चाहिए। ओपीनियन पोल के प्रसारण के साथ ऐसी सूचना भी अवश्‍य दी जानी चाहिए जिससे दर्शक मतदान का महत्‍व यथा-प्रयुक्‍त पद्धति, सैंपल का आकार, त्रुटियों की गुंजाइश, फील्‍डवर्क तारीखें तथा प्रयोग किए गए आंकड़े को समझ सकें। प्रसारक को इस संबंध में भी सूचना देनी चाहिए कि वोट शेयर किस प्रकार सीट शेयर में बदल जाता है।
    xii. प्रसारक, लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम, 1951 की धारा 126(1)(ख) के अतिक्रमण में, मतदान समाप्त होने के लिए नियत समय के साथ समाप्त हो रहे 48 घंटे के दौरान कोई भी “निर्वाचन सामग्री”, अर्थात निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने या असर डालने हेतु आशयित अथवा परिकल्पित किसी सामग्री को प्रसारित नहीं करेगा।
    xiii. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई), समाचार प्रसारकों द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से निर्वाचनों की समाप्ति तक और निर्वाचन परिणामों की घोषणा के दौरान किए गए प्रसारणों का अनुवीक्षण करेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) को सदस्‍य प्रसारक द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के उल्‍लंघन के मामले की शिकायत पर एनबीएसए द्वारा इसके विनियमों के अधीन कार्रवाई की जाएगी।
    xiv. प्रसारकों को, मतदान प्रक्रिया, मतदान का महत्‍व बताने के साथ ही मतदान कैसे, कब और कहां करें, मतदान के लिए रजिस्‍टर कराने और मतपत्र की गोपनीयता बनाए रखने के बारे में मतदाताओं को प्रभावी रूप से सूचित करने के लिए यथासंभव मतदाता शिक्षा कार्यक्रम चलाने चाहिए।
    xv. समाचार प्रसारकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा औपचारिक रूप से परिणामों की घोषणा किए जाने तक किसी भी प्रकार के अंतिम, औपचारिक और निश्‍चित परिणामों का प्रसारण नहीं करना चाहिए जब तक कि ऐसे परिणामों में इस बात का स्‍पष्‍ट दावात्याग न हो कि वे अनाधिकारिक हैं या अधूरे या अपूर्ण परिणाम अथवा अनुमान हैं जिन्‍हें अंतिम परिणामों के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
     
     
    अनुलग्नक-III
    “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता”, दिनांक 20 मार्च, 2019:
                               i.          प्रतिभागी, जहां उपयुक्त हो और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, अपने उत्पादों और/या सेवाओं पर निर्वाचन मामलों के संबंध में सूचना तक पहुंच सुलभ कराने के लिए उपयुक्त नीतियों एवं प्रक्रियाओं को प्रसारित करने का प्रयास करेंगे।
     
                             ii.          प्रतिभागी निर्वाचन कानून एवं अन्य संबंधित अनुदेशों सहित जागरूकता लाने के लिए स्वैच्छिक रूप से सूचना, शिक्षा एवं संचार अभियानों को शुरू करने का प्रयास करेंगे। प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी को अपने उत्पादों/सेवाओं पर, विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अनुरोध भेजने के तंत्र सहित, प्रशिक्षण प्रदान करने का भी प्रयास करेंगे।
     
     
                            iii.          प्रतिभागियों और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक अधिसूचना तंत्र तैयार किया है जिसके द्वारा भारत निर्वाचन आयोग लोक प्रतिनिधित्व, 1951 की धारा 126 एवं विधि द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार अन्य अनुप्रयोज्य निर्वाचकीय विधियों के संभाव्य उल्लंघनों के संगत प्लेटफार्मों को अधिसूचित कर सकता है। ये विधिमान्य विधिक आदेश सिन्हा समिति की संस्तुतियों के अनुसार धारा 126 के अंतर्गत रिपोर्ट किए गए उल्लंघनों के लिए 3 घंटे के भीतर अभिस्वीकृत और/या प्रोसेस किए जाएंगे। अन्य सभी विधिमान्य विधिक अनुरोधों पर प्रतिभागियों द्वारा रिपोर्ट किए गए उल्लंघनों की प्रकृति के आधार पर, शीघ्रतापूर्वक कार्रवाई की जाएगी।
     
                            iv.          प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाला समर्पित रिपोर्टिंग तंत्र बना/खोल रहे हैं और साधारण निर्वाचनों की अवधि के दौरान समर्पित व्यक्ति(यों)/टीमों को नियुक्त कर रहे हैं जो मिल कर काम करेंगे और फीडबैक का आदान-प्रदान करेंगे जिससे भारत निर्वाचन आयोग से नियत विधिक प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए इस प्रकार का विधिसम्मत अनुरोध मिलने पर शीघ्रतापूर्वक कार्रवाई करने में सहायता मिल सके।
                              v.          प्रतिभागी उन निर्वाचन विज्ञापनों के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और/या भारत निर्वाचन आयोग के मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) द्वारा निर्गत पूर्व-प्रमाणन पत्र प्रस्तुत करने  के लिए विधि के तहत अपने दायित्वों के अनुसार संगत राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराएंगे  जिसमें प्रगतिरत विधान सभा निर्वाचनों के लिए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों के नाम दिए गए हों। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिभागियों को विधिसम्मत रूप से अधिसूचित ऐसे पेड राजनीतिक विज्ञापनों पर शीघ्रतापूर्वक प्रोसेस करेंगे/उस पर कार्रवाई करेंगे जो इस प्रकार का प्रमाणन नहीं देते हैं।
                            vi.          प्रतिभागी पेड राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे जिसमें ऐसे विज्ञापनों के लिए अपने पूर्व-विद्यमान लेबल/प्रकटन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना शामिल है।
                          vii.          इंटरनेट एण्ड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त विधिमान्य अनुरोध के अनुसरण में, प्रतिभागी अपने संबंधित प्लेटफॉर्मों के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों पर अद्यतन जानकारी (अपडेट) उपलब्ध कराएंगे।
                         viii.          आईएएमएआई इस संहिता के अन्तर्गत उठाए गए कदमों पर अपने प्रतिभागी सदस्यों के साथ समन्वयन करेंगे और निर्वाचन अवधि के दौरान आईएएमएआई के साथ-साथ प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के साथ निरंतर संपर्क में बने रहेंगे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 April 2023

  7. संबंधी समूह (कोहार्ट) के नेतृत्व के रूप में 'समावेशी निर्वाचन और निर्वाचन अखण्डता' पर तृतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा

    ईसीआई/पीएन/22/2023                                                     08.03.2023
     
    पूर्वावलोकन (कर्टेन रेज़र)
     
    भारत निर्वाचन आयोग 'निर्वाचन अखण्डता' संबंधी समूह (कोहार्ट) के नेतृत्व के रूप में 'समावेशी निर्वाचन और निर्वाचन अखण्डता' पर तृतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा
     
    मॉरीशस, ग्रीस और अंतरराष्ट्रीय संगठन आईएफईएस निर्वाचन अखण्डता पर समूह (कोहार्ट) के सह-नेतृत्व के रूप में भारत निर्वाचन आयोग से जुड़े
     
    25 निर्वाचन प्रबंधन निकाय (ईएमबी)/देश वर्चुअल सम्मेलन में भाग लेंगे
     
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) 'समावेशी निर्वाचन और निर्वाचन अखण्डता' थीम पर 09 मार्च 2023 को वर्चुअल रूप से तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा। भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन अखण्डता पर कोहार्ट का नेतृत्व कर रहा है जिसकी स्थापना दिसंबर, 2021 में वर्चुअल रूप से आयोजित 'लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन' की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में की गई थी।
     
    अंगोला, आर्मेनिया, आस्ट्रेलिया, कनाडा, चिली कोस्टा रिका, क्रोएशिया, डेनमार्क, डोमिनिका, जॉर्जिया, गुयाना, केन्या, कोरिया गणराज्य, मॉरीशस, माल्दोवा, नार्वे, फिलीपींस, पुर्तगाल, रोमानिया, सेंट लूसिया, सूरीनाम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और जाम्बिया सहित 25 देशों/निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) से 46 से अधिक प्रतिभागियों के साथ-साथ इंटरनेशल आईडीईए और इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स के अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी संगठनों जैसे इंडोनेशिया में जनरल इलेक्शन नेटवर्क फॉर डिसेबिलिटी एक्सेस और नेपाल में एसोसिएशन ऑफ यूथ आर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधियों के इस सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय तथा श्री अरुण गोयल सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
     
    इस समूह (कोहार्ट) का पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन दिनांक 31 अक्तूबर से 01 नवंबर, 2022 को 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा तथा क्षमता' विषय पर नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसमें 11 देशों के निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 23-24 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में 'प्रौदयोगिकी का उपयोग और निर्वाचन अखण्डता' थीम पर द्वितीय सम्मेलन की मेजबानी की गई, जिसमें नौ निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) या निर्वाचन प्राधिकारियों के प्रमुख/उप-प्रमुख और इंटरनेशनल आईडीईए तथा आईएफईएस के शिष्ट मंडल सहित 16 देशों के 40 से अधिक प्रतिभागियों एवं इसके अलावा नई दिल्ली स्थित 8 विदेशी मिशनों के राजनयिकों ने भाग लिया।
     
    पृष्ठभूमि
     
          'लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन' अमेरिका के राष्ट्रपति की एक पहल थी और इसकी मेजबानी दिसम्बर 2021 में की गई थी। भारत के प्रधानमंत्री ने 9 दिसम्बर, 2021 को नेताओं के पूर्ण सत्र को सम्बोधित किया था। इस शिखर सम्मेलन के बाद एक "ईयर ऑफ एक्शन" का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें लोकतंत्र से संबंधित विषयों पर कार्यक्रम और वार्ता शामिल थे।
     
    इस शिखर सम्मेलन में 'ईयर ऑफ एक्शन' में सहभागिता को सुविधाजनक बनाने के लिए 'फोकल ग्रुप' और 'डेमोक्रेसी कोहार्ट' नामक दो प्लेटफार्म तैयार किए गए थे। लोकतंत्र के लिए द्वितीय शिखर सम्मेलन दिनांक 29-30 मार्च, 2023 को आयोजित किया जाना निर्धारित है और इसकी सह-मेजबानी कोस्टा रीका, कोरिया गणराज्य, नीदरलैंड, जाम्बिया और अमेरिका सरकारों द्वारा की जाएगी। 'निर्वाचन अखंडता' संबंधी समूह (कोहार्ट) के नेतृत्व के रूप में, भारत निर्वाचन आयोग ने एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया है और ग्रीस, मॉरीशस और आईएफईएस को इस समूह (कोहार्ट) के लिए सह-नेतृत्व करने हेतु आमंत्रित किया है। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) और पूरे विश्व में निर्वाचनों के संचालन से संबंधित कार्य करने वाले सरकारी समकक्षों के अलावा, अंतरराष्ट्रीय आईडीईए को भी आमंत्रित किया है।
     
    'लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन' 'ईयर ऑफ एक्शन' के भाग के रूप में, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के माध्यम से भारत विश्व के अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ अपने ज्ञान, तकनीकी सुविज्ञता और अनुभवों को साझा करने के लिए 'निर्वाचन अखण्डता संबंधी लोकतंत्र' समूह (कोहार्ट) का नेतृत्व कर रहा है। भारत निर्वाचन आयोग ने अपने नेतृत्व में दुनिया भर में 46 निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के 60 से अधिक पदधारकों के लिए इस कोहार्ट के तत्वावधान में नवंबर, 2022 से मार्च, 2023 के दौरान चार प्रशिक्षण और क्षमता संवर्धन कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।
     
     
     
    (अनुज चांडक)
    संयुक्त निदेशक (मीडिया)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 06 April 2023

  8. 02 स्नातक और 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन एवं सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।

    ईसीआई/पीएन/19/2023                               
    दिनांकः 27 फरवरी, 2023
     
    प्रेस नोट
     
    विषय: 02 स्नातक और 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन एवं सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।
     
    बिहार विधान परिषद के 02 स्नातक एवं 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से 04 सदस्‍यों की पदावधि, आसीन सदस्‍यों के सेवानिवृत्‍त होने के कारण दिनांक 08 मई, 2023 को समाप्‍त हो रही है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:-
     
     
    बिहार
    क्र. सं.
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृत्ति
    की तारीख
    i.                  
    सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र
    विरेंद्र नारायण यादव
     
     
    08.05.2023
    ii.                 
    गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र
    अवधेश नारायण सिंह
    iii.                
    गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र
    संजीव श्याम सिंह
    iv.                
    कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र
    संजीव कुमार सिंह
     
     
    2.      बिहार विधान परिषद में निम्न विवरण के अनुसार एक आकस्मिक रिक्ति भी हुई हैः-
     
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    अवधि
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तिथि
    1
    श्री केदार नाथ पाण्डेय
    सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र
    16.11.2026
    मृत्यु
    24.10.2022
                   
    3.    आयोग ने 02 स्नातक और 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधान परिषद के लिए उप-निर्वाचन का निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालन करने का निर्णय लिया हैः-
     
     
     
    क्र. सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
     
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    06 मार्च, 2023 (सोमवार)
    2.
    नाम-निर्देशन दाखिल करने की अंतिम तारीख
    13 मार्च, 2023 (सोमवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    14 मार्च, 2023 (मंगलवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    16 मार्च, 2023 (गुरुवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    31मार्च, 2023 (शुक्रवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 08.00 बजे से अपराह्न 04.00 बजे 
    7.
    मतगणना
    05 अप्रैल, 2023 (बुधवार)
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    11 अप्रैल, 2023 (मंगलवार)
     
     
    4. दिनांक 03.11.2022 के प्रेस नोट के पैरा 33 में यथा-अंतर्विष्‍ट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश, जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/14534-general-election-to-legislative-assembly-of-gujarat-2022-reg/  पर उपलब्ध हैं, का सभी व्यक्तियों द्वारा यथा प्रयोज्‍य, सम्‍पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अनुपालन किया जाना चाहिए।
     
    5. इन निर्वाचनों से संबंधित आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया आयोग की वेबसाइट पर लिंक: https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99%-constituencies-%E2%80%93mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ पर  उपलब्‍ध विवरण देखें।
     
    6. बिहार के मुख्‍य सचिव को निर्देश दिया जा रहा है कि वे संबंधित राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करने हेतु तैनात करें कि निर्वाचनों का संचालन कराने की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।
     
     
                   (प्रफुल्‍ल अवस्‍थी)
        अवर सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 06 April 2023

  9. दिनांक 29.03.2023 को सेवानिवृत्ति होने वाले सदस्यों की सीटों को भरने के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/20/2023                                                                                                                                                                                                                   
    20.02.2023
     
    प्रेस नोट
    29.03.2023 को सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों की सीटों को भरने के लिए विधान सभा के सदस्यों (विधायकों) द्वारा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक चुनाव-रेग
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 06 April 2023

  10. भारत निर्वाचन आयोग ने 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' समूह के संचालक के रूप में 'समावेशी निर्वाचन और निर्वाचन सत्यनिष्ठा' विषय पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेज़बानी की

    सं. ईसीआई/पीएन/23/2023                                                                                                                                                                                                                   
    10.03.2023
     
    प्रेस नोट
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' समूह के संचालक के रूप में 'समावेशी निर्वाचन और निर्वाचन सत्यनिष्ठा' विषय पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेज़बानी की
     
    श्री राजीव कुमार का कहना है कि निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबीज्) द्वारा किए गए प्रमुख कार्यों का सर्वेक्षणों और श्रेणीक्रमों में कहीं उल्लेख नहीं होता; जो निर्वाचन प्रबंधन निकायों की साख को कहीं अधिक नुकसान पहुंचाते हैं
     
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन प्रबंधन निकायों से आग्रह किया कि वे सर्वेक्षणों और श्रेणीक्रमों के लिए अनिवार्य मानदंडों और मानकों को सामने लाएं
     
    भारत निर्वाचन आयोग की अगुवाई वाले 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा समूह' में 31 निर्वाचन प्रबंधन निकाय/देश शामिल हुए; सम्मेलन में 4 निर्वाचन प्रबंधन निकायों और
    आईएफईएस के प्रमुखों ने भाग लिया
     
    मॉरीशस, यूनान और अंतरराष्ट्रीय संगठन आएफईएस निर्वाचन सत्यनिष्ठा समूह के सह-संचालक के रूप में भारत निर्वाचन आयोग से जुड़े

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 06 April 2023

  11. मेघालय और नागालैंड में अग्रिम आयोजना, प्रौद्योगिकी के उपयोग और कड़ी निगरानी रखने से कुल मिलाकर शांतिपूर्वक निर्वाचन सुनिश्चित हुए

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/21/2023                      
    दिनांकः 06  मार्च, 2023
     
    प्रेस नोट
     
    मेघालय और नागालैंड में अग्रिम आयोजना, प्रौद्योगिकी के उपयोग और कड़ी निगरानी रखने से कुल मिलाकर शांतिपूर्वक निर्वाचन सुनिश्चित हुए
     
    झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल प्रत्येक में एक-एक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचनों के लिए भी आज मतदान हुआ
     मेघालय में 74 वाहन से न पहुंचे जा सकने वाले (नॉन मोटरेबल) मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए मतदान दलों ने पहाड़ी रास्तों और दुर्गम इलाकों की पैदल यात्रा की
     
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने सभी मतदाताओं और मतदान कर्मियों की, शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करने में उनके महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए सराहना की और उनके प्रति आभार प्रकट किया
     
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रलोभन मुक्त निर्वाचनों के संचालन पर ध्यान केंद्रित करने से वर्ष 2018 के विधान सभा निर्वाचनों की तुलना में 23 गुना अधिक अभिग्रहण किया गया
     
    दो राज्यों में 500 से अधिक पूर्णरूपेण महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्रों की स्थापना की गई
     
    5710 मतदान केंद्रों में से किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान नहीं हुआ

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 06 April 2023

  12. Schedule for Bye-election to clear vacancies of 1(one) Parliamentary Constituency of Punjab and 3 (three) Legislative Assemblies of Odisha and Uttar Pradesh and 1 adjourned poll in Meghalaya– reg

    No.ECI/PN/25/2023                                                   
    Dated: 29th March, 2023
     
    PRESS NOTE
    Subject:   Schedule for Bye-election to clear vacancies of 1(one) Parliamentary Constituency of Punjab and 3 (three) Legislative Assemblies of Odisha and Uttar Pradesh and 1 adjourned poll in Meghalaya– reg.
    The Commission has decided to hold bye-election to fill vacancies in 1(one) Parliamentary Constituency of Punjab and 4(Four) in the following Assembly Constituencies of Odisha, Uttar Pradesh and Meghalaya -
    Sl. No.
    Name of State/UT
    Parliamentary /Assembly Constituency No.
    & Name
    Reason for vacancy
    1.    
    Punjab
    04-Jalandhar (SC) PC
     
    Death of Sh. Santokh Singh Chaudhary
    2.    
    Odisha
    07-Jharsuguda AC
     
    Death of Sh. Naba Kisore Das
    3.    
    Uttar Pradesh
    395- Chhanbey (SC) AC
    Death of Sh. Rahul Prakash Kol
    4.    
    Uttar Pradesh
    34-Suar AC
    Disqualification of Sh. Mohammad Abdullah Azam Khan
    5.    
    Meghalaya
    23-Sohiong(ST) AC
    Poll Adjourned due to death of contesting candidate of United Democratic Party (UDP)
    Schedule for the bye election and adjourned poll in Meghalaya is as follows:
     
    Schedule for Bye-election for Parliamentary/Assembly Constituencies
    and adjourned poll in Meghalaya
     
    Poll Events
    Schedule
     
     
    Date of Issue of Gazette Notification
    13.04.2023
    (Thursday)
     
    Last Date of Nominations
    20.04.2023
    (Thursday)
     
    Date for Scrutiny of Nominations
    21.04.2023
    (Friday)
     
    Last Date for Withdrawal of candidatures
    24.04.2023
    (Monday)
     
    Date of Poll
    10.05.2023
    (Wednesday)
     
    Date of Counting
    13.05.2023
    (Saturday)
     
    Date before which election shall be completed
    15.05.2023
    (Monday)
     
    1.       ELECTORAL ROLLS
    The Electoral Rolls for the aforesaid Assembly Constituencies finally published on 5th January, 2023 with qualifying dates as 01.01.2023 and updated till last date of making nominations will be used for these elections.
    2.        ELECTRONIC VOTING MACHINES (EVMs) & VVPATs
     
    The Commission has decided to use EVMs and VVPATs in the bye-elections in all the polling stations. Adequate numbers of EVMs and VVPATs have been made available and all steps have been taken to ensure that the polls are conducted smoothly with the help of these machines.
    3.       IDENTIFICATION OF VOTERS
     
    Electoral Photo Identity Card (EPIC) shall be the main document of identification of a voter. However, any of the below mentioned identification documents can also be shown at the polling station:
             i.               Aadhar Card,
           ii.               MNREGA Job Card,
          iii.               Passbooks with photograph issued by Bank/Post Office,
          iv.               Health Insurance Smart Card issued under the scheme of Ministry of Labour,
            v.               Driving License,
          vi.               PAN Card,
        vii.               Smart Card issued by RGI under NPR,
       viii.               Indian Passport,
          ix.               Pension document with photograph,
           x.               Service Identity Cards with photograph issued to employees by Central/State Govt./PSUs/Public Limited Companies, and
          xi.               Official identity cards issued to MPs/MLAs/MLCs.
        xii.               Unique Disability ID (UDID) Card, M/o Social Justice & Empowerment, Government of India
     
    4.       MODEL CODE OF CONDUCT
           The Model Code of Conduct shall come into force with immediate effect in the district(s) in which the whole or any part of the Assembly constituency going for election is included, subject to partial modification as issued vide Commission’ s instruction No. 437/6/1NST/2016-CCS, dated 29th June, 2017 (available on the commission's website).
    5.       INFORMATION REGARDING CRIMINAL ANTECEDENTS
           Candidates with criminal antecedents are required to publish information in this regard in newspapers and through Television channels on three occasions during the campaign period. A political party that sets up candidates with criminal antecedents is also required to publish information about criminal background of its candidates, both on its website and also in newspapers and Television channels on three occasions.
     Commission vide its letter No. 3/4/2019/SDR/Vol. IV dated 16th September, 2020 has directed that the period specified will be decided with three blocks in the following manner, so that electors have sufficient time to know about the background of such candidates:
    a.       Within first 4 days of withdrawal.
    b.         Between next 5th - 8th days.
    c.          From 9th day till the last day of campaign (the second day prior to date of poll)
     (Illustration: If the last date for withdrawal is 10th of the month and poll is on 24th of the Month, the first block for publishing of declaration shall be done between 11th and 14th of the Month, second and third blocks shall be between 15th and 18th and 19th and 22nd of that Month, respectively.)
           This requirement is in pursuance of the judgment of the Hon’ble Supreme Court in Writ Petition (C) No. 784 of 2015 (Lok Prahari Vs. Union of India & Others) and Writ Petition (Civil) No. 536 of 2011 (Public Interest Foundation & Ors. Vs. Union of India & Anr.).
           This information will also be available on an App titled, ‘know your candidates’.
     
    6.       COVID RELATED ARRANGEMENT DURING BYE-ELECTION
     
    In view of overall improvement in the situation of COVID country wide and in view of withdrawal of restrictive measure under D M Act by NDMA/SDMA, it has been decided to follow the advisories issued by Ministry of Health and Family Welfare Government of India from time to time.  During the process of bye election, there should be continued focus on the five-fold strategy, i.e. Test-Track-Treat-Vaccination and adherence to COVID Appropriate Behaviour.  The District machinery should effectively monitor COVID situation and enforce the norms of COVID Appropriate Behaviour by prescribing requisite legal/administrative norms. 
    The Commission has issued COVID guidelines, October, 2022 on 14.10.2022 which are available on the Commission’s website https://eci.gov.in/files/file/14492-covid-guidelines-for-general-electionbye-elections-to-legislative-assemblies-reg/  to be followed during conduct of elections.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 March 2023

  13. General Election to Legislative Assembly of Karnataka, 2023

    No. ECI/PN/24/2023                                                
    Dated: 29th March, 2023
    PRESS NOTE
    Subject: General Election to Legislative Assembly of Karnataka, 2023 -reg.
       *****
    The term and strength alongwith seats reserved for Scheduled Castes and Scheduled Tribes of the Assembly Constituency of Karnataka, as determined by the Delimitation of Parliamentary and Assembly Constituencies Order, 2008, are as under:
    Name of State
    Term of Assembly
    No. of Assembly Seats
    Reserved for SCs
    Reserved for STs
    Karnataka
    25th May, 2018 to 24th May, 2023
    224
    36
    15
    Election Commission of India (hereinafter ECI) is committed to conduct free, fair, participative, accessible, inclusive and safe election to the Legislative Assembly of Karnataka before the cessation of its term, in exercise of the authority and powers conferred upon under Article 324 read with Article 172 (1) of the Constitution of India and Section 15 of the Representation of the People Act, 1951.
    1.          ELECTORAL ROLLS-
           Commission firmly believes that pure and updated electoral rolls are the foundation of free, fair and credible election. Hence, intensive and sustained focus is placed upon improving its quality, health and fidelity. After the amendment in the Section 14 of the Representation of the People Act, 1950 by the Election Laws (Amendment) Act, 2021, there is a provision of four qualifying dates to enrol as a voter in a year. Accordingly, Commission has conducted the Special Summary Revision of Electoral Roll in Karnataka with reference to 01.01.2023, as the qualifying date, which is the closest qualifying date. After time-bound completion of Special Summary Revision of Electoral Rolls with reference to 01.01.2023 as the qualifying date, the final publication of electoral roll has been done on 5th January, 2023.
           As per latest data of electoral roll, the number of electors in the State of Karnataka is:
    Name of State
    No. of General Electors
    No. of Service Voters
    Total No. of electors as per electoral rolls
    Karnataka
    5,23,63,948
    47,609
    5,24,11,557
    Number of enrolments of young electors who attained the age of 18 years between 2nd January, 2022 and 1st January, 2023:
    Name of State
    18+ electors
    Karnataka
    9,58,806
    Number of Electors marked as PwD, Third Gender and Senior Citizen (80+), in the State of Karnataka are:
    Name of State
    Total PwD Electors
    Total Third Gender
    Total Senior Citizens (80+)
    Karnataka
    5,60,908
    4751
    12,15,142
    The Commission, in order to maximise participation from all strata of society and improve the health of electoral roll has taken all possible efforts to: 
                I.  Ensure maximum enrolment of vulnerable groups like PwDs, transgender and sex workers by collaborating with reputed CSOs. For example, engage with NACO (National AIDS control organisation) to ensure maximum enrolment of sex workers.
              II.  Remove Logical Errors, Demographic Similar Entries and Photo Similar Entries in the electoral roll with the use of software tools after following proper field verification and Statutory processes.
            III.  Focus on the enrolment of young voters especially who attained the qualifying age on 1st January, 2023.
            IV.  Rationalise Polling Stations with due diligence. Each and every polling station has been physically visited by Senior Officers and Shifting of polling stations in new and better infrastructure building has also been considered after following due procedures.
              V.  Other Government databases like data bases of Social Welfare Department, SACO etc for vulnerable groups of citizens, as benchmark, were considered for enhanced registration of these group.
            VI.  The Commission enforces the Assured Minimum Facilities along with accessibility friendly infrastructure for PWDs and senior citizens in the polling stations, CEOs/DEOs have been directed to create permanent infrastructure such as ramps at the polling stations.
          VII.  Polling Locations with 3 or more Polling Stations have been planned for separate entry and exit so as to avoid any untoward incidences related to any epidemic or public order.
        VIII.  The Commission has encouraged the DEOs to use eco-friendly material and exhibit local culture and art to create Model Polling Stations. Each District should have at least one such Model Polling Station, as far as possible.
            IX.  List of 80+, PwDs etc. has been prepared and a communication of respect/recognition has also been sent to make them feel important part of society.
    2.  Photo Electoral Rolls and Electors Photo Identity Cards      (EPIC)-
    Photo Electoral Rolls will be used during the General Election of Karnataka. EPIC is one of the documents for establishing the identity of elector at the time of voting. All out efforts are being made to ensure 100% delivery of EPIC to all newly registered electors before the last date of filing nomination.
    3.    Voter Information Slips (VIS)
    To facilitate voters in knowing the serial number of electoral roll in their polling station, date of poll, time etc., Commission has decided to issue ‘Voter Information Slip’. Voter Information Slip will include information like Polling Station, Date, Time etc. with QR code but not the photograph of the voter. Voter Information Slips will be distributed at least 5 days before the date of poll to all enrolled electors, by the District Election Officer. However, Voter Information Slip will not be allowed as proof of identity of voters. It may be recalled that the Commission had discontinued Photo Voter Slips as an identity proof with effect from 28th February, 2019.
    4.     Braille Voter Information Slips:
    To ensure ease of participation and active engagement of Persons with Disabilities (PWDs) in the electoral process, Commission has directed to issue Accessible Voter Information Slips with Braille Features to Persons with Visual Impairment, alongwith normal Voter Information Slips.
     
     
    5.     Voter Guide:
    In these elections, a Voter Guide (in Hindi/English/Local Language) shall be provided to every elector’s household ahead of elections, giving them information about the date and time of polls, contact details of the BLOs, important websites, helpline numbers, documents required for identification at the polling station besides other important information including the Do’s and Don’ts for voters at the polling station. This Voter Guide Brochure will be distributed along with Voter Information Slips by the BLOs.
    6.     Identification of Voters at Polling Stations –
    For identification of voters at Polling Station, the Voter shall present his EPIC or any of the following identification documents approved by the Commission:
    i.        Aadhaar Card,
    ii.       MNREGA Job Card,
    iii.     Passbooks with photograph issued by Bank/Post Office,
    iv.     Health Insurance Smart Card issued under the scheme of Ministry of Labour,
    v.       Driving License,
    vi.     PAN Card,
    vii.    Smart Card issued by RGI under NPR,
    viii.  Indian Passport,
    ix.     Pension document with photograph,
    x.       Service Identity Cards with photograph issued to employees by Central/State Govt./PSUs/Public Limited Companies, and
    xi.     Official identity cards issued to MPs/MLAs/MLCs and
    xii.   Unique Disability ID (UDID) Card, M/o Social Justice & Empowerment, Government of India
    7. Polling Stations and Special Facilitation-
    (i) Maximum No. of electors in Polling Station
           There shall be maximum 1500 electors in a polling station. The change in the number of Polling Stations in the State are as follows:
    Name of State
    No. of Polling
    Stations in 2018
     
    No. of Polling Stations in 2023
    Karnataka
    58,008
    58,282
    (ii)  Assured Minimum Facilities (AMF) at Polling Stations:        
    Commission has issued instructions to the Chief Electoral Officer of Karnataka to ensure that every Polling Station needs to be on ground floor and, shall have good access road leading to polling station building and is equipped with Assured Minimum Facilities (AMF) like drinking water, waiting shed, toilet with water facility, adequate arrangements for lighting, ramp of proper gradient for the PwD electors and a standard voting compartment etc. The Commission has directed CEO/DEOs to take efforts to make permanent ramp and permanent infrastructure at every polling stations.
    (iii)     Accessible Election - Facilitation for Persons with Disabilities (PwDs) and Senior Citizens:
    In Karnataka all polling stations are located at ground floor and ramps with proper gradient are provided for the convenience of differently abled electors and Senior Citizens with wheelchairs. Further, in order to provide targeted and need-based facilitation to differently-abled voters, Commission has directed that all Persons with Disabilities and Senior Citizens in an Assembly Constituency are identified and tagged to their respective Polling Stations and necessary disability-specific arrangements made for their smooth and convenient voting experience on poll day.  Identified PwD and Senior Citizens electors will be assisted by volunteers appointed by RO/DEO. Special facilitation will be made for PwD and Senior Citizens electors at Polling Stations. Also, it has been directed that differently abled electors & Senior Citizens are given priority for entering polling booths, provision be made for designated parking spaces close to the entrance of polling station premise and special facilitation extended to electors with speech and hearing impairment. Special focus has been laid on sensitization of polling personnel regarding special needs of the differently abled electors.
    Commission has directed the Chief Electoral Officer (CEO) that there should be proper transport facility for PwD and Senior Citizens electors in each and every polling station on the day of poll. The PwD electors can request for wheelchair facility by registering on Saksham-ECI App.
    At the Polling Station, visually impaired persons can take a companion along with him/her to cast his/her vote on his/her behalf as provided in Rule 49 N of the Conduct of Election Rules, 1961.
    Besides, Dummy Ballot Sheets in Braille are available in Polling Stations. Any visually impaired voter can use this sheet and after studying content of this sheet can cast his/her vote on his/her own using Braille facility on Ballot Units of EVMs without any help from companion.
    (iv)      Voter Facilitation Posters:
    In order to fulfil the statutory requirements under Rule 31of the Conduct of Elections Rules, 1961 and to provide accurate and relevant information for voter awareness and information at each polling station, the Commission has also directed that uniform and standardized Voter Facilitation Posters (VFP) [total of FOUR (4) kind of Posters i.e. 1.Polling Station Details, 2.List of Candidates, 3.Do’s and Don’ts and 4. Approved Identification Documents & How to Vote] shall be prominently displayed at all Polling Stations.
    (v)        Voter Assistance Booths (VAB):
    Voter Assistance Booths shall be set up for every polling station location, having a team of BLO/officials in order to assist voters to correctly locate her/his polling booth number and serial number in the electoral roll of that concerned polling booth. The VABs will be set up with prominent signage and in such a manner that it will be conspicuous to the voters as they approach the polling premise/building to enable them to seek required facilitation on poll day.
           Alphabetic locator (as per English alphabet) generated with ERO Net is placed at VAB to search the name easily and to know the serial number in the Electoral Roll.
    (vi)      Standardised Voting Compartment to ensure Secrecy of Voting:
    In order to maintain the secrecy of vote at the time of poll and to achieve uniformity in use of voting compartments, Commission revised its instructions on 15th November, 2016 and increase the height of the Voting Compartments to 30 inches and also directed that the Voting Compartment should be placed on a table whose height shall be 30 inches. Only corrugated plastic sheet (flex board) of steel-grey colour, which is completely opaque and reusable, shall be used for making the voting compartments. The Commission hopes that the use of these standardized and uniform Voting Compartments in all the polling booths will translate into greater voter facilitation, ensure absolute secrecy of vote and eliminate aberrations and non-uniformity in the preparation of Voting Compartment inside the polling booths.
           The voting compartments shall also be pasted with self-adhesive stickers on three sides of the voting compartment depicting name of election, PC/AC Number & name and P.S number and Name of year etc.
    8. Initiatives for PwD Voters, 80+ Senior Citizens, Electors employed in essential services and COVID suspect/affected voters:
        I.        Rule 27A of the Conduct of Elections Rules, 1961 has been amended vide Notifications dated 22.10.2019 and 19.06.2020. By the said two amendments “Absentee voters” have become entitled to vote by postal ballot. “Absentee Voter” has been defined in clause (aa) of Rule-27A of the Conduct of Elections Rules, 1961, and includes person who is employed in essential services, senior citizens (80+), Persons with disability (with benchmark or above disability) and COVID 19 suspect or affected persons. The category of essential services is notified by the Election Commission under Section 60(C) of the RP Act, 1951 in consultation with the Government.
            The following procedure have been specified in the existing Guidelines for Voting through postal ballot by Absentee Voters in the category of Senior Citizens, PwDs and Covid-19 suspect or affected persons:-
    (i)       An Absentee Voter wishing to vote by postal ballot has to make application to the Returning Officer (RO) of the constituency concerned, in Form-12D, giving all requisite particulars. Such application seeking postal ballot facility should reach to the RO during the period from date of announcement of election to five days following the date of notification of the election concerned.
           (ii)     In case of absentee voters belonging to PwD category (AVPD), who opt for postal ballot, application (Form 12D) should be accompanied by a copy of benchmark disability certificate specified by the concerned appropriate Government, under the Rights of Persons with Disabilities Act, 2016.
       (iii)  Distribution of Form 12D by BLO: 
    (a) BLO will visit to the houses of the absentee voters in category of AVSC, AVPD and AVCO, as per details provided by the RO, in the Polling Station area and deliver Form 12D to the concerned electors and obtain acknowledgements from them.
    (b)  If an elector is not available, BLO shall share his/her contact details and revisit to collect it within five days of the notification.
    (c)  The elector may or may not opt for Postal Ballot. If he/she opts for Postal Ballot, then the BLO shall collect the filled-in-Form 12D from the house of the elector within five days of the notification and deposit with the RO forthwith.
    (d) Sector Officer shall supervise the process of distribution and collection of Form 12D by BLOs under the overall supervision of RO.
    (iv) Further, the RO shall share list of all such PwD and 80+ electors, whose applications in Form 12D for availing Postal Ballot facility have been approved by him, with the Contesting Candidates of recognized political parties in printed hardcopy.        
     II.          A polling team comprised of 2 polling officials along with a videographer and security will then go to the elector’s house along with a Voting Compartment and get the elector to vote on the Postal Ballot maintaining complete secrecy of vote. Candidates will be provided a list of these electors in advance and will also be provided the schedule of voting and the route chart of the polling parties so that they can send their representatives to witness the polling procedure. Postal ballots will then be stored securely by the Returning Officer.
     III.        This is an optional facility and does not involve any Postal Department for mailing arrangement.
    IV.    Commission has directed the Chief Electoral Officer of       Karnataka to take necessary steps for the dissemination of   information and extending facilitation to   the above categories       of Voters. 
    9.   Polling stations managed by women and Persons with Disabilities-
    As part of its firm commitment towards gender equality and greater constructive participation of women in the electoral process, the Commission has also directed that, to the extent possible, at least one polling station each managed exclusively by women and Persons with Disabilities shall be set up in every Assembly Constituency in poll going States of Karnataka. In such women manged Polling stations, all election staff, including police and security personnel, will be women. Minimum one Model Polling Station per Assembly Constituency shall also be set up using and depicting local material and art forms.
    Moreover, as a new initiative, the Commission has decided that at least one Polling Station per district shall be managed by the Polling teams consisting of available youngest eligible employee of that district.
    10. Nomination Process: - Brief description about filing of nomination are as given below:
    I. Additional option to facilitate online mode in nomination has been provided:
    (i)  Nomination form will also be available online on the website of CEO/DEO. Any intending candidate may fill it online and its print may be taken for submission before the Returning Officer as specified in Form-1 (Rule-3 of Conduct of Election Rules 1961).
    (ii) Affidavit may also be filled online on the website of CEO/DEO, its print can be taken and after notarization it may be submitted along with the nomination form before the Returning Officer.
    (iii) Candidate may deposit security money through online mode at the designated platform. However, a candidate will continue to have the option of deposit in cash in the treasury.
    (iv) Candidate may also exercise the option to seek his/her elector certification for the purpose of nomination online.
    II. Further, Commission has directed the following:
    (i)   Returning Officer’s chamber should have sufficient space to perform the functions of nomination, scrutiny and symbol allocation.  
    (ii) Returning Officer should allot staggered time in advance to prospective candidates.
    (iii)All steps required to be taken for the submission of nomination form and affidavit shall continue to operate as per the provisions contained in the Representation of the People Act, 1951.
     
     
     
    11.   Affidavits of Candidates-
    All Columns to be filled in:                
    In pursuance of the judgment dated 13thSeptember, 2013 passed by the Supreme Court in Writ Petition (C) No. 121 of 2008 (Resurgence India Vs Election Commission of India and Another), which among other things makes it obligatory for the Returning Officer to check whether the information required is fully furnished (by the candidate) at the time of filing of affidavit with the nomination paper, the Commission has issued instructions that in the affidavit to be filed along with the nomination paper, candidates are required to fill up all the columns. If any column in the affidavit is left blank, the Returning Officer will issue a notice to the candidate to file the revised affidavit with all columns duly filled in. After such notice, if a candidate still fails to file affidavit complete in all respects, the nomination paper will be liable to be rejected by the Returning Officer at the time of scrutiny.
     Changes in the Format of Nomination Form and Affidavit in Form 26:
    Vide Notifications dated 16th September, 2016 and 7th April, 2017, Part IIIA of Nomination Forms 2A & 2B and Part II of Nomination Forms 2C, 2D & 2E have been amended. Affidavit in Form 26 has also been amended vide Notification dated 26th February, 2019 making provisions of (i) Mandatory disclosure of 'PAN' for candidates who have been allotted the number or to state clearly that 'No PAN allotted' for those candidates without a PAN; (ii) Total income shown in the Income Tax return filed during the last 5 years to be declared for candidate, spouse and HUF; and dependents    (iii) Details to be provided of Assets (Movable/immovable) held abroad including beneficial interest in any offshore entity/trust by self, spouse, HUF or Dependents. Copy of amended Nomination Forms and Affidavit are available on the Commission’s website https://eci.gov.in> Menu > Candidate nomination & other Forms.
    12.   Candidates with Criminal Cases-
           Candidates with criminal antecedents are required to publish information in this regard in newspapers and through television channels on three occasions during the campaign period. A political party that sets up candidates with criminal antecedents is also required to publish information about criminal background of its candidates, both on its website and also in newspapers and television channels on three occasions.
     Commission vide its letter No. 3/4/2019/SDR/Vol.IV dated 16th September, 2020 has directed that the period specified will be decided with three blocks in the following manner, so that electors have sufficient time to know about the background of such candidates:
    (a) Within first 4 days of date of withdrawal of Nominations.
    (b)   Between next 5th- 8thdays.
    (c)   From 9th day till the last day of campaign (the second day prior to date of poll)
     (Illustration: If the last date for withdrawal is 10th of the month and poll is on 24th of the Month, the first block for publishing of declaration shall be done between 11th and 14th of the Month, second and third blocks shall be between 15th and 18th and 19th and 22nd of that Month, respectively.)
    This requirement is in pursuance of the judgment of the Hon’ble Supreme Court in Writ Petition(C) No. 784 of 2015 (Lok Prahari Vs. Union of India & Others) and Writ Petition(Civil) No. 536 of 2011 (Public Interest Foundation & Ors. Vs. Union of India & Anr.).
    13.   Political Parties setting up candidates with Criminal Cases-
    In pursuance of the Hon'ble Supreme Court Order dated 13.02.2020 in Contempt Petition (C)No. 2192 of 2018 in WP(C) No. 536 of 2011, it  is mandatory for political parties (at the Central and State election level) to upload on their website detailed information regarding individuals with pending criminal cases (including the nature of the offences, and relevant particulars such as whether charges have been framed, the concerned Court, the case number etc.) who have been selected as candidates, along with the reasons for such selection, as also as to why other individuals without criminal antecedents could not be selected as candidates. The reasons as to selection shall be with reference to the qualifications, achievements and merit of the candidate concerned, and not mere "winnability" at the polls.
    This information shall also be published in:
    (a) One local vernacular newspaper and one national newspaper;
             (b) On the official social media platforms of the political party, including Facebook & Twitter.
           These details shall be published within 48 hours of the selection of the candidate and not prior to two weeks before the first date of filing of nominations. The political party concerned shall then submit a report of compliance with these directions with the Election Commission within 72 hours of the selection of the said candidate. If a political party fails to submit such compliance report with the Election Commission, the Election Commission shall bring such non-compliance by the political party concerned to the notice of the Supreme Court as being in contempt of this Court's orders/directions. The Commission’s instructions issued vide letter no. 3/4/2020/SDR/Vol.III dated 6th March, 2020 available on the Commission’s website may be seen.
           The Hon’ble Supreme Court in Brajesh Singh v. Sunil Arora & Ors. [Contempt Petition (C) No. 656/2020 in Contempt Petition (C) No. 2192/2018 in WP(C) No. 536/2011)] issued some additional directions vide judgment dated 10.08.2021, which has been circulated vide Commission’s letter No. 3/4/SDR/VOL.I dated 26.08.2021, which is available on the Commission’s website. Following are the directions which are concerned with the political parties: -
    (a) Political parties are to publish information regarding criminal antecedents of candidates on the homepage of their websites, thus making it easier for the voter to get to the information that has to be supplied. It will also become necessary now to have on the homepage a caption which “candidates with criminal antecedents”;
    (b) We clarify that the direction in paragraph 4.4 of our Order dated 13.02.2020 be modified and it is clarified that the details which are required to be published, shall be published within 48 hours of the selection of the candidate and not prior to two weeks before the first date of filing of nominations; and
    (c)  We reiterate that if such a political party fails to submit such compliance report with the ECI, the ECI shall bring such noncompliance by the political party to the notice of this Court as being in contempt of this Court’s Orders/directions, which shall in future be viewed very seriously.
    14.  District, AC Level and Booth Level Election Management Plan-
    The District Election Officers have been asked to prepare a comprehensive District Election Management Plan in consultation with SSPs/SPs and Sector Officers, including the route plan and the communication plan for conduct of elections. These will be vetted by the Observer, taking into account vulnerability mapping exercise and mapping of critical polling stations, in accordance with Election Commission of India’s extant instructions. 
    15.  Communication Plan-
    Commission attaches great importance to preparation and implementation of a perfect communication plan at the district/constituency level for the smooth conduct of elections and to enable concurrent intervention and mid-course correction on the poll day.  For the said purpose, the Commission has directed the Chief Electoral Officer of Karnataka to coordinate with the officers of Telecommunication Department in the State headquarter, BSNL authorities, the representatives of other leading service providers in the State so that network status in the State is assessed and communication shadow areas be identified.  The CEOs have also been instructed to prepare the best communication plan in their States and make suitable alternate arrangements in the communication shadow areas by providing Satellite Phones, Wireless sets, Special Runners etc.
    16. Eco-friendly elections-
    Election Commission has issued advisories on several occasions urging political parties and candidates to avoid single-use plastic and non-biodegradable material in their election campaign activities.
    The Commission has been asking all the political parties to use only environment-friendly material for campaign purposes since long. In this connection, on 26.02.2019, Commission again instructed that all political parties should take adequate steps and measures not to use single-use plastic as campaign materials (posters, banners etc.,) during the elections in the interest of human health and environment. Plastic Waste Management Amendment Rules, 2021 notified by the M/o Environment, Forest and Climate Change on 12.08.2021 has also been circulated to all CEOs asking them to bring it to the notice of all stake holders including candidates and political parties.
    Further, NGT has also asked all concerned for close monitoring of Election Commission of India’s instructions in this regard.
    17.   Model Code of Conduct-
     Model Code of Conduct comes into effect immediately from the announcement of schedule. All the provisions of the Model Code will apply to the whole of Karnataka with regard to all candidates, political parties and the government of the said State. The Model Code of Conduct shall also be applicable to the Union Government in so far as announcements/policy decisions pertaining to/for Karnataka are concerned.
    The Commission has made elaborate arrangements for ensuring the effective implementation of MCC Guidelines. Any violation of these Guidelines would be strictly dealt with and the Commission re-emphasizes that the instructions issued in this regard from time to time should be read and understood by all political parties, contesting candidates and their agents/representatives, to avoid any misgivings or lack of information or inadequate understanding/interpretation. The Governments of the poll-bound States have also been directed to ensure that no misuse of official machinery/position is done during the MCC period.
    The Commission has also issued instructions for swift, effective and stringent action for enforcement of Model Code of Conduct during the first 72 hours of announcement of the election schedule and also for maintaining extra vigilance and strict enforcement action in the last 72 hours prior to the close of polls.  These instructions have been issued in the form of Standard Operating Procedures (SOPs) for compliance by the field election machinery.
    18.   Videography/ Webcasting/CCTV Coverage-
    All critical events will be video-graphed. District Election Officers will arrange sufficient number of video and digital cameras and camera teams for the purpose. The events for videography will include filing of nomination papers and scrutiny thereof, allotment of symbols, First Level Checking, preparations and storage of Electronic Voting Machines, important public meetings, processions etc. during election campaign, process of dispatching of postal ballot papers, polling process in identified vulnerable polling stations, storage of polled EVMs and VVPATs, counting of votes etc. Additionally, CCTVs will be installed at important Border Check Posts and Static Check Points for effective monitoring and surveillance. Commission has directed that arrangements for web casting shall be done in critical polling stations and all polling stations in vulnerable areas or at least in 50% of total polling stations including auxiliary polling stations, whichever is higher.
    19.   Measures to Prevent Public Nuisance-
    The Commission has directed that the use of public address system or loudspeakers or any sound amplifier, whether fitted on vehicles of any kind whatsoever, or in static position used for public meetings for electioneering purposes, during the entire election period starting from the date of announcement of election and ending with the date of declaration of results, shall not be permitted at night between 10:00 PM to 06:00 AM.
    Further, no loudspeakers fitted on vehicles of any kind or in any other manner whatsoever shall be permitted to be used during the period of 48 hours ending with the hour fixed for the conclusion of the poll in any polling area.
    20.   Advisory to Political Parties regarding silence period- 
    For reviewing the working of Section 126 in the context of advancements in communication technology and rise of social media, a Committee was constituted by the Commission with the mandate of studying the provisions of Section 126 of the Representation of the People Act, 1951 and other related provisions and to make suitable recommendation in this regard. The Committee submitted its report to the Commission on 10th January, 2019. Among other proposals, the Committee has proposed for an advisory to political parties for compliance with the letter and spirit of the provisions of Section 126. The Commission called upon all political parties to instruct and brief their leaders and campaigners to ensure that they observe the silence period on all forms of media as envisaged under Section 126 of the RP Act, 1951, and their leaders and cadres do not commit any act that may violate the spirit of Section 126.
           In a multi-phased election, the silence period of last 48 hours may be on in certain constituencies while campaign is ongoing in other constituencies. In such event, there should not be any direct or indirect reference amounting to soliciting support for parties or candidates in the constituencies observing the silence period.
           During the silence period, star campaigners and other political leaders should refrain from addressing the media by way of press conferences and giving interviews on election matters.
    21.   Law and Order, Security Arrangements and Deployment of Forces-
    Conduct of elections involves elaborate security management, which includes not just the security of polling personnel, polling stations and polling materials, but also the overall security of the election process. Central Armed Police Forces (CAPFs) are deployed to supplement the local police force in ensuring a peaceful and conducive atmosphere for the smooth conduct of elections in a free, fair and credible manner.
    Based on the assessment of the ground situation, Central Armed Police Forces (CAPFs) and State Armed Police (SAP) drawn from other States will be deployed during the election. The CAPFs shall be deployed well in advance for area domination, route marches in vulnerable pockets, point patrolling and other confidence building measures to re-assure and build faith in the minds of the voters, especially those belonging to the weaker sections, minorities etc. CAPFs shall be inducted well in time for undertaking area familiarization and hand-holding with local forces and all other standard security protocols for movement, enforcement activities etc in these areas will be strictly adhered to. The CAPFs/SAP shall also be deployed in Expenditure Sensitive Constituencies and other vulnerable areas and critical polling stations as per the assessment of ground realities by the CEOs of Karnataka, in consultation with various stakeholders. On the eve of poll, the CAPFs/SAP shall take position and control of the respective polling stations and will be responsible for safeguarding the polling stations and for providing security to the electors and polling personnel on the poll day. Besides, these forces will secure the strong rooms where EVMs and VVPATs are stored and for securing the counting centres and for other purposes, as required. The entire force deployment in the assembly segments shall be under the oversight of the Central Observers deputed by the Commission.
    To ensure optimum and effective utilization of State Police Official and CAPFs, Commission has directed to constitute a Committee of CEO, State Police Nodal Officer and State CAPF Coordinator to jointly decide the State Election Security Deployment Plan and to ensure randomization of State Police.
    22. Protection to Electors of SC/ST and Other Weaker Sections-
    As per Section 3 (1) of Scheduled Castes and Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act, 1989 (as amended in 2015), whoever, not being a member of a Scheduled Caste or Scheduled Tribe, forces or intimidates a member of a Scheduled Caste or a Scheduled Tribe not to vote or to vote for a particular candidate or to vote in a manner other than that provided by law, or not to stand as a candidate etc., shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than six months but which may extend to five years and with fine. The Commission has asked Karnataka to bring these provisions to the notice of all concerned for prompt action. In order to bolster the confidence of the voters hailing from vulnerable sections especially SCs, STs etc. and enhance their conviction and faith in the purity and credibility of the poll process, CAPFs/SAP shall be extensively and vigorously utilized in patrolling and conducting route marches and undertaking other necessary confidence building measures under the supervision of the Central Observers.
    23.   Election Expenditure Monitoring-
    Comprehensive instructions for the purpose of effective monitoring of the election expenditure of the candidates have been issued, which include deployment of Expenditure Observers, Assistant Expenditure Observers, formation of Flying Squads (FS), Static Surveillance Teams (SST), Video Surveillance Teams (VST), Video Viewing Teams (VVT), Account Teams (AT), Media Certification & Monitoring Committee(MCMC), District Expenditure Monitoring Committee (DEMC) involvement of State Police, State Excise, Investigation Directorate of Income Tax Deptt., CBIC, Enforcement Directorate, Financial Intelligence Unit (FIU-IND), DRI, RPF, BCAS, CISF, BSF, Assam Rifles, ITBP, ICG, Commercial Tax Department, Narcotics Control Bureau and Department of Post. State Excise Department has been asked to monitor production, distribution, sale and storage of liquor and inducements in the form of free goods during the election process. The functioning and operations of the Flying Squads/Mobile Teams shall be closely monitored using GPS Tracking/and the use of c-VIGIL App. For greater transparency and for ease of monitoring of Election Expenses, candidates would be required to open a separate bank account and incur their election expenses from only that account. The Investigation Directorate of Income Tax Dept. has been asked to activate Air Intelligence Units in the airports of the State and also to gather intelligence and take necessary action to check movement of large sums of money in Karnataka. Control room and Complaint Monitoring Centre with 24 hours toll free numbers shall be operative during the entire election process. District Election Officers (DEOs) have been directed to obtain unusual and suspicious cash withdrawal or deposit of cash exceeding Rs. 1 Lakh from banks for due verification followed by necessary action. If the amount is more than Rs. 10 Lakh, then DEOs shall pass on such information to Income Tax Department for necessary action. FIU-IND has been requested to share Cash Transaction Reports (CTRs) and Suspicious Transaction Reports (STRs) with CBDT for effective monitoring of the election expenditure of the candidates.
    Some new initiatives taken by the Commission to strengthen the Expenditure Monitoring mechanism are:
    (i)    Standard Operating Procedure (SOP) for seizure and release of cash:  For the purpose of maintaining purity of elections, the Election Commission of India has issued a Standard Operating Procedure for Flying Squads and Static Surveillance Teams, constituted for keeping vigil over excessive campaign expenses, distribution of items of bribe in cash or in kind, movement of illegal arms, ammunition, liquor, or antisocial elements etc. in the constituencies during election process. Furthermore, in order to avoid inconvenience to the public and also for redressal of their grievances, if any, the Commission has issued instruction no. 76/Instructions/EEPS/2015/ Vol-II dated 29.05.2015 stating that a committee shall be formed comprising three officers of the District, namely, (i) CEO, Zila Parishad/CDO/P.D, DRDA (ii) Nodal Officer of Expenditure Monitoring in the District Election Office (Convener) and (iii) District Treasury Officer. The Committee shall suo-moto examine each case of seizure made by the Police or SST or FS and where the Committee finds that no FIR/Complaint has been filed against the seizure or where the seizure is not linked with any candidate or political party or any election campaign etc., as per SOP, it shall take immediate steps to order release of such cash etc. to such persons from whom the cash was seized after passing a speaking order to that effect. In no case, shall any matter relating to seized cash/seized valuables shall be kept pending in Malkhana or treasury for more than 7 (seven) days after the date of poll, unless any FIR /Complaint is filed.
    (ii)  Accounting of the expenditure incurred for campaign vehicles – It has come to the notice of the Commission that the candidates take permission from the Returning Officer for use of vehicles for campaign purpose, but some candidates do not show the vehicle hiring charges or fuel expenses in their election expenditure account. Therefore, it has been decided that unless the candidate intimates the R.O. regarding withdrawing vehicles from campaigning, the notional expenditure on account of campaign vehicles will be calculated based on the number of vehicles for which permission has been granted by the Returning Officer. 
    (iii)Account Reconciliation Meeting: In order to reduce litigation relating to expenditure accounts of contesting candidates, a reconciliation meeting will be convened by the DEOs before final submission of the accounts, on the 26th day after the declaration of the results. 
    (iv) Accounting of Expenditure on publicity of criminal antecedents: In Pursuance of Hon'ble Supreme Court Judgement dated 25.09.2018 in WP(C) No. 536 of 2011, the candidates as well as the concerned political parties shall issue a declaration, in the format prescribed, in widely circulated newspapers and on electronic media in the state regarding the criminal antecedents of the candidates at least thrice after filing of the nomination papers. Candidates are required to maintain expenditure incurred by them in this regard in their accounts and the same shall be reflected in their Abstract Statement of election expenses (Schedule 10) to be submitted by them to the concerned DEOs along with their accounts of election expenses within 30 days of declaration of results. Political parties are also required to show the amount incurred by them in this regard in their Statement of Election Expenses (Schedule 23A, 23B) to be submitted by them to ECI (recognised political party)/CEO (unrecognised political party) within 75 days of completion of Assembly Election.
    (v)   Expenditure incurred on candidates' Booth/Kiosk and on TV/Cable Channel/Newspaper owned by party for promoting the electoral prospects of the candidate in the account of the candidate:
         The Commission, on further examination of the relevant provisions of section 77(1) of the R. P. Act, 1951, had decided that the candidates' booths set up outside the polling stations should hereinafter be deemed to have been set up by the candidates as part of their individual campaign and not by way of general party propaganda and as such all expenditure incurred on such candidates' booths shall be deemed to have been incurred/authorized by the candidate/his election agent so as to be included in his account of election expenses. 
    Further, the Commission, after taking into consideration various references/complaints from various sources in the above matter, has directed that if the candidate(s) or their sponsoring parties utilize TV/Cable Channels/Newspapers owned by them for promoting the electoral prospects of the candidate, the expenses for the same, as per standard rate cards of the channel/newspaper, have to be included by the candidate concerned in his Election Expenditure Statement, even if they actually do not pay any amount to the channel/newspaper. In pursuance of the Commission’s aforesaid decisions, Schedule 6 and Schedule 4 & 4A in Abstract Statement of Election Expenses have been amended and incorporated accordingly in the Compendium of Instructions on Election Expenditure Monitoring.
    (vi) Accounting of Expenditure on Virtual Campaign:
    Candidates are required to maintain expenditure incurred by them in this regard in their accounts and the same shall be reflected in their Abstract Statement of election expenses (Schedule 11) to be submitted by them to the concerned DEOs along with their accounts of election expenses within 30 days of declaration of results. Political parties are also required to show the amount incurred by them in this regard in their Statement of Election Expenses (Schedule 24A, 24B) to be submitted by them to ECI (recognised political party)/CEO (unrecognised political party) within 75 days of completion of Assembly Election.
    (vii)  Final Accounts by Political Parties:
    The National and State Recognised Political Parties are required to submit their Election Expenditure Statements with the Election Commission of India, New Delhi whereas Registered Unrecognised Political Parties are required to submit their Election Expenditure Statements with the Chief Electoral Officers of the States concerned where party HQ is situated within 75 days of completion of the Assembly Election. The same shall be uploaded on website for public viewing.  For the sake of transparency and reconciliation of accounts of political parties and candidates, the political parties have to file a part Election Expenditure Statement in addition to the final statement of election in respect of lump-sum payments made by the party to the candidate within 30 days after declaration of results of election to Legislative Assemblies in prescribed format.
    24.   Effective use of Media-
        (i) Media Engagement:
           The Commission has always considered Media as an important ally and a potent force multiplier in ensuring an effective and efficient election management. Hence, the Commission has directed CEOs of Karnataka to take the following measures for positive and progressive engagement and interaction with the media:
    (a) Regular interaction with the media during elections and maintaining an effective and positive line of communication with the media at all times.
    (b) Effective steps to sensitize the media about the Election Code.
    (c) Authority letters will be issued to all accredited media for the polling day and day of counting.
          Media is also expected to follow all the extant guidelines issued by the Ministry of Health and Family Welfare (MoH&FW) or any other competent authorities regarding COVID containment measures during all their election related coverage.
    (ii) Pre-Certification of Political Advertisements and monitoring of suspected cases of paid news:
    Media Certification and Monitoring Committees (MCMC) are in place at all the Districts and State level. All political advertisements proposed to be issued on electronic media shall require pre-certification from the concerned MCMC. Political advertisements in all electronic media/TV Channels/Cable Network/Radio including private FM channels/Cinema halls/audio-visual displays in public places/voice messages & bulk SMS over phone and social media & internet websites shall come within the purview of pre-certification. Commission requests all Political Parties/candidates/Media to follow pre-certification instructions.
    MCMCs will also keep a strict vigil on suspected cases of paid news in the media and suitable action will be taken in confirmed cases after following all due procedures.
    (iii) Use of Social Media in election:
           Keeping in view increasing incidents of misuse of Social Media & menace of Paid News and as a result of ECI’s vigorous persuasion, major Social Media Platforms agreed to observe Voluntary Code of Ethics formulated by them in March, 2019. This will be applicable in these elections as well as it was in other recent elections.
           The Commission requests all Political Parties and candidates to ensure that their supporters do not indulge in hate speeches and fake news. Strict watch on social media posts is being kept to ensure that the election atmosphere is not vitiated. Media may also play an active role in curbing the menace of fake news.
    (iv)  Monitoring of Electronic and Social Media:
    All the election management related news on all the major national and regional news channels during elections would be monitored vigorously. If any untoward incident or violation of any law/rule is noticed, action would be taken immediately. Reports of monitoring would also be forwarded to the CEOs. Office of CEO will ascertain status on each and every item and file ATR/Status Report.
    (v) Media restrictions during silence period and on Exit polls:
    Section 126 (1)(b) of the Representation of the People Act, 1951, prohibits displaying any election matter by means, inter alia, of television or similar apparatus, in any polling area during the period of forty-eight hours (silence period) ending with the hour fixed for the conclusion of the poll for any election in that polling area. Election matter referred hereinabove is defined as any matter intended or calculated to influence or affect the result of an election in any electronic media during the period of 48 hours ending with the hour fixed for conclusion of poll in each of the phases of elections.
    Section 126A of the R.P. Act 1951, prohibits conduct of Exit poll and dissemination of their results by means of print or electronic media during the period mentioned therein, i.e. between the hour fixed for commencement of poll in the first phase and half an hour after the time fixed for close of poll for the last phase in all the States. Violation of Section 126 of the R.P. Act, 1951 is punishable with imprisonment upto a period of two years, or with fine or both.
    All Media houses are advised to follow instructions in this regard keeping its spirit.
    25.   Training of Election Officials-
    India International Institute of Democracy and Election management (IIIDEM) has organized the prescribed training programmes for the forthcoming General Election to the Legislative Assembly of Karnataka: Moreover, Chief Electoral Officer of Karnataka will also be conducting prescribed training.
    26.   Systematic Voters’ Education and Electoral Participation (SVEEP)-
    The CEOs/DEOs should carry out targeted SVEEP activities, in the low voter turnout areas. The reasons behind non-voting should be found out and accordingly targeted interventions and efforts need to be taken up. CEOs/DEOs have been asked to identify low voter turnout polling booths in every constituency and reasons behind thereof. They shall personally visit these areas to address the issues and take necessary steps to increase voter turnout.
           Furthermore, with Booth being the focal point for SVEEP strategy, the Commission has directed the state to strengthen Booth Level Action Plans and to conduct minimum level of SVEEP activities to inform and educate all voters.
    27.   Deployment of Central Observers-
     (i) General Observers
    The Commission will deploy IAS officers as General Observers in adequate number to ensure smooth conduct of election. The Observers will be asked to keep a close watch on every stage of the electoral process to ensure free and fair election.
     
     
     
    (ii) Police Observers
    The Commission would deploy IPS officers as Police Observers at District/AC level, depending upon the need, sensitivity and assessment of ground situation of the District/AC, wherever required. They will monitor all activities relating to force deployment, law and order and co-ordinate with Civil and Police administration to ensure peaceful, free and fair election.
    (iii) Counting Observers
    In addition to the already deployed General Observers, the Commission would also deploy officers as Counting Observers at District/AC Level, depending upon the requirement in consultation with the CEOs of these States.  They will oversee the counting centre arrangements and monitor all activities relating to counting of votes.
    (iv) Special Observers
    In exercise of the plenary powers conferred on it by Article 324 of the Constitution of India, the Commission deploy as required, Special Observers who belong to All India Services and various Central Services.
    (v) Expenditure Observers
    The Commission has also decided to appoint adequate number of Expenditure Observers who will exclusively monitor the election expenditure of the contesting candidates.
    (vi)   Micro Observers
    As per the extant instructions, General Observers will also deploy Micro Observers, from amongst Central Government/PSUs Officials, to observe the poll proceedings on the poll day in critical/vulnerable polling stations. Micro Observers will observe the proceedings at the polling stations on the poll day, right from the conduct of mock poll, to the completion of poll and the process of sealing of EVMs and VVPATs and other documents so as to ensure that all instructions of the Commission are complied with by the Polling Parties and the Polling Agents. They will report to the General Observers directly regarding any vitiation of the poll proceedings in their allotted polling stations.
    28.   Use of IT in election management -
    The Commission has enhanced usage of IT Application, to usher in greater citizen participation and transparency. Following is the brief outline of the IT Applications available for the election management:
    (i)         NVSP & Voter portal:
    Through NVSP (https://www.nvsp.in/), a user can avail and access various services such as access the electoral list, apply for voter id card, apply online for corrections in voter's card, view details of Polling booth, Assembly Constituency and Parliamentary constituency, and get the contact details of Booth Level officer, Electoral Registration Officer among other services.
    Similarly, to ease the process of form submission, Voter Portal' (https://voterportal.eci.gov.in/) provides a seamless interface for registration, alteration in entries, deletion, change of address etc. Upon logging into the portal, the citizen is now presented with an interactive interface suggesting selection of choice based upon his previous selection.
    (ii)       Voter Helpline App (VHA):
    Citizen can avail and access various services such as apply for voter id card, apply online for corrections in voter's card, view details of Polling booth, Assembly Constituency and Parliamentary constituency, and get the contact details of Booth Level Officer, Electoral Registration Officer among other services. The application is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (iii)     Saksham-ECI App:
    Saksham-ECI App is meant for Person with Disabilities. It is upgraded version of erstwhile PwD App. The PwD elector can make requests for marking them as PwD, request for new registration, request for migration, request for correction in EPIC details, request for wheelchair. It utilises the Accessibility features of mobile phones for voters with blindness and hearing disabilities. The application is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (iv)     National Grievances Services Portal:
    A National Grievance Service Portal (NGSP) has been developed by the Election Commission. This system has been developed in such a manner that in addition to providing redress to the complaints of the Citizens, Electors, Political Parties, Candidates, Media and Election Officials at National, State and District level, it also serves as a common interface for providing services through a common interface.
    The application provides for a single interface for handling complaints by the Election officials. All Electoral Officers, District Election Officers, CEO and ECI Officials are part of the system. Thus, issues are directly assigned to the respective user upon registration. The portal can be accessed from the online link here: https://eci-citizenservices.eci.nic.in
    (v) cVIGIL Application:
    It is an application for filing Model Code of Conduct Violation cases by citizen. cVIGIL provides time-stamped evidentiary proof of the Model Code of Conduct / Expenditure Violation by empowering every citizen to click a photo or video using his or her smartphone. The application is based on GIS technology and the unique feature of auto location provides fairly correct information which can be relied upon by flying squads to navigate to the right spot of incidence and take prompt action. This app prioritizes the speedy and effective actions by authorities and promised users status reports within 100 minutes.
    The application is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (vi)       Know Your Candidate (KYC) Application:
    The Election Commission of India has developed Know your Candidate (KYC) Applications for both Android and iOS platforms for informing about “Criminal Antecedents” status of candidates. This allows citizens to browse candidates with/ without Criminal Antecedents and empowers the citizens to know the criminal antecedents of the candidates.
    The application is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (vii)  Voter Turnout App:
    Voter Turnout App is used to display estimated provisional voter turnout details of each Assembly Constituency/ Parliamentary Constituency entered by Returning Officer at pre-defined intervals.  The Application can also be used by the media to capture estimated provisional voter turnout trend only. However, it must be appreciated that these are provisional estimated data and final turn out data can only be published after arrival of Polling parties and scrutiny of papers. All phases of the elections are displayed through this app. The application is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (viii) Results Website and Results Trends TV:
    The timely publication of the round-wise information is vital for establishing a single source of authentic data. The counting data entered by respective Returning Officers is available as Trends and Results' for public view through ECI Results website http://results.eci.gov.in/
    The results are shown with the Infographics and displayed with auto scroll panels through large display screens outside the counting hall or any public place.
    (ix)         Suvidha Portal: This portal provides different facility to candidates/political parties for online nomination, Permission as given below-
    a) Candidate Online Nomination:
    To facilitate filling of nominations, the Election Commission has introduced an online portal for filling the nomination & affidavit. The Candidate can visit https://suvidha.eci.gov.in/ to create his/her account, fill nomination form, deposit the security amount, check availability of time slot and appropriately plan his visit to the Returning Officer.
    Once the application is filled through the online portal, the candidate only needs to take a print out, get it notarized and submit the application along with relevant documents to the Returning Officer in person.
    The Online Nomination Facility is an optional facility to facilitate ease of filing and correct filing. The regular offline submission as prescribed under the law shall continue too.
    (b) Candidate Permissions module:
    Permission module allows the candidates, political parties or any representatives of the candidate to apply online for the permission for meetings, rallies, loudspeakers, temporary offices, and others through SUVIDHA Portal https://suvidha.eci.gov.in/. The Candidates can also track their application status through the same portal.
    (c) Suvidha Candidate App:
    In view of COVID, the Commission has directed that allocation of public spaces for meetings, rallies must be done using the Suvidha app as far as practicable. The application will be available during elections for Candidates /Political Parties/Agents to download and use to track the nomination and permission status from the Google Play store.
    (x)           GARUDA App:
    GARUDA (Geographical Asset Reconnaissance Unified Digital App) application is developed by the in-house IT team of the Commission with the sole purpose of facilitating the BLOs by integrating all the functions of the BLOs at one place/app. This application was launched on Pan India basis on August 09th 2021. Some components of the said application are:
                (i)   Field verification by BLO
                (ii)  Collection of AMF & EMF
                (iii) Capturing GIS coordinates of the poling location
                (iv) Actual photos & address can be captured by the BLO
                (v)  Submission of online forms on behalf of electors
                (vi) Field verification by PSE/DSE.
    This is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (xi)      EVM Management System (EMS):
    EVM Management System is designed to manage inventory of EVM units. One of the important modes to ensure a fair and transparent process in EVM management is the administrative protocol of the randomization of the machines before they are deployed in the Polling stations. The randomization is done in the presence of Parties' representatives and Central observers.
    (xii)        Candidate Affidavit Portal:
    The Complete list of Contesting Candidates with their profile, nomination status and the affidavits will be available for public view through Candidate Affidavit Portal: https://affidavit.eci.gov.in/
    (xiii)Electronically Transmitted Postal Ballot System (ETPBS) for Service Voter:
    Electronically Transmitted Postal Ballot System (ETPBS) will transmit blank Postal Ballot through Electronic means to the Service Voters. Service voter can then send his vote through speed post.
    (xiv)  Booth App:
    Booth App is an integrated app of the ENCORE application, which facilitates in faster identification of voters using encrypted QR code from the digital marked copy of the electors. This reduces the queue, helps in faster polling. The features of this application are as follows:
    (i)   Fast electors search using QR code based voter slip
    (ii)  Instant identification.
    This is available on both the Google Play & Apple App Store.
    (xv)    ENCORE Counting:
    The ENCORE counting application https://encore.eci.gov.in/ is an end to-end application for returning officers to digitize the votes polled, tabulate the round-wise data and then take out various statutory reports of counting.
    29.   Electronic Voting Machines (EVMs) and Voter Verifiable Paper Audit Trail (VVPATs):
    (i) EVMs and VVPATs
    The Commission shall deploy Voter Verifiable Paper Audit Trail (VVPAT) along with Electronic Voting Machine (EVM) at every polling station in the General Election to Legislative Assemblies of Karnataka to enhance the transparency and credibility of the election process as VVPAT allows the voter to verify his/her vote. Arrangements have already been made to ensure availability of adequate number of EVMs and VVPATs for the smooth conduct of elections.
    (ii) Awareness on EVMs and VVPATs
    EVM Demonstration Centres are set up at District Election Officer Office and Returning Officer Headquarters/Revenue Sub Division Offices for physical demonstration-cum-awareness. Mobile Demonstration Vans are deployed to create awareness on use of EVMs and VVPATs to cover all polling locations. The same shall be operational till announcement of elections, whereas digital outreach will be intensified after announcement.
      (iii) Randomization of EVMs and VVPATs
    EVMs/VVPATs are randomized twice using “EVM Management System (EMS)” while being allocated to an Assembly and then to a polling booth ruling out any fixed allocation. Lists of randomized EVMs/VVPATs are also shared with political parties/candidates.
      (iv) Commissioning of EVMs and VVPATs
    After finalization of list of the contesting candidates, commissioning (candidate setting) of EVMs and VVPATs is done in the presence of the contesting candidates/their representatives. TV/Monitor will be installed in commissioning hall for simultaneously viewing of symbol loading in VVPATs by candidates/their representatives for greater transparency. After commissioning (candidate setting) of EVMs and VVPATs, in every EVM and VVPAT, mock poll with one vote to each candidate including NOTA is done. Additionally, mock poll of 1000 votes is conducted in 5% randomly selected EVMs, as well as VVPATs. The electronic result is tallied with paper count. 
     (v) Mock Poll on Poll Day
    a)     On poll day, 90 minutes before start of actual poll, mock poll is conducted by casting at least 50 votes at every polling station, in the presence of polling agents of the candidates and the electronic result of the Control Unit and the VVPAT slips count are tallied and shown to them. A certificate of successful conduct of mock poll shall be made by the Presiding Officers in Presiding Officer’s Report.
    b)    Immediately after mock poll, the CLEAR button on Control Unit (CU) is pressed to clear the data of the mock poll and the fact that no votes are recorded in the CU is displayed to the Polling Agents present. The Presiding Officer also ensures that all mock poll slips shall be taken out from the VVPAT and kept in separate marked envelope before the start of Poll.
    c)     After mock poll, EVMs and VVPATs are sealed in the presence of polling agents and signature of polling agents are obtained on seals, before starting actual poll.
    (vi)  Poll Day and Storage of polled EVMs and VVPATs at Strong Rooms
    a)       On poll day a copy of Form-17C having details of total polled votes, seals (unique number), serial numbers of EVMs and VVPATs used in polling stations is provided to polling agents of candidates.
    b)       After completion of poll, EVMs and VVPATs are sealed in the respective carrying cases in the presence of polling agents and signature of polling agents are obtained on seals.
    c)        Polled EVMs and VVPATs are escorted back to the strong room for storing in double lock system in the presence of candidates/their representatives under videography.
    d)       Candidates or their representatives can also camp in front of the strong room. These strong rooms are guarded 24x7 in multilayers, with CCTV facilities.
    (vii) Counting of Votes at Counting Centres
    a)       On the day of counting, strong room is opened in the presence of Candidates, RO and Observer under videography.
    b)       The polled EVMs are brought to the Counting Centres under security under CCTV coverage and in presence of candidates/their agents.
    c)        Round-wise CUs are brought to the counting tables from Strong Rooms under continuous CCTV Coverage. 
    d)       On the counting day, before retrieving the result from the Control Units, the seals are verified, and unique serial numbers of CU is tallied before counting agents are deputed by the candidates.
    e)        On counting day, counting agents can verify the polled votes displayed on CU with that of Form-17C. Candidate-wise polled votes are recorded in Part-II of Form-17 C and signature of counting agents are obtained thereof. 
    f)         EVMs & VVPATs are stored back in Strong Room in the presence of candidates/their representatives till the completion of the Election Petition period. 
     
     
     
    (viii) Mandatory Verification of VVPAT Paper Slip-
           In pursuance of the Hon’ble Supreme Court of India’s Order dated 8th April, 2019, the Commission has also mandated VVPAT slips count of Five (5) randomly selected Polling Stations in each Assembly Constituency of the Legislative Assemblies of Karnataka, by the Returning Officer, by draw of lot in presence of candidates, shall be done for verification of the result obtained from the Control Unit. This mandatory verification of VVPAT slip count of five (5) polling stations in each Assembly Constituency shall be in addition to the provisions of Rule 56(D) of the Conduct of Elections Rules,1961. 
    (ix)  None of the Above (NOTA) in EVMs, VVPATs and Postal Ballot: 
    As usual, there will be ‘None of the Above’ option for the elections. On the BUs, below the name of the last candidate, there will be a button for NOTA option so that electors who do not want to vote for any of the candidates can exercise their option by pressing the button against NOTA. Similarly, on Posted Ballot Papers there will be a NOTA Panel after the name of the last candidate. The symbol for NOTA as given below will be printed against the NOTA Panel.
     
     
     
    As part of the SVEEP, there are awareness programmes to bring this option to the knowledge of voters and all other stakeholders.
    (x)  Photographs of Candidates on EVM Ballot Paper
    In order to facilitate, the electors in identifying the candidates, the ECI has prescribed an additional measure by way of adding provision for printing the photograph of candidate also on the ballot paper to be displayed on the EVM (Ballot Unit) and on Postal Ballot Papers. This will help avoid any confusion, which may arise when candidates with same or similar names contest from the same constituency. For this purpose, the candidates are required to submit to the Returning Officer, their recent Stamp Size photograph as per the specifications laid down by the Commission.
    30.   Deployment of Polling Personnel and Randomization-
    a)   Polling parties shall be formed randomly, through the special randomization IT application.
    b)  There shall be such randomization for Police personnel and Home Guards also, who are deployed at the polling stations on the poll day.
    31. Conduct of Officials
    The Commission expects all officials engaged in the conduct of elections to discharge their duties in an impartial manner without any fear or favour. They are deemed to be on deputation to the Commission and shall be subject to its control, supervision and discipline. The conduct of all Government officials who have been entrusted with election related responsibilities and duties would remain under constant scrutiny of the Commission and strict action shall be taken against those officials who are found wanting on any account.
    32.   COVID Guidelines-
    The Commission has issued COVID Guidelines to be followed during conduct of General Election and Bye Elections which is available at Commission’s website at link  https://eci.gov.in/files/file/14492-covid-guidelines-for-general-electionbye-elections-to-legislative-assemblies-reg/.
    Further, it has been directed that distribution and collection of Election Material shall be done in -
    (i)    Large halls/spaces identified for distribution/collection of election material.
    (ii)  As far as practicable, it should be organized in a decentralized manner.
    (iii)        Prior and staggered timeslots should be allocated to the polling teams for distribution/collection of election material to avoid crowding.
    33.   Schedules of General Elections
            The Commission has prepared the Schedule for holding General Election to the Legislative Assembly of Karnataka after taking into consideration all relevant aspects like climatic conditions, academic calendar, board examination, major festivals, prevailing law and order situation in the State, availability of Central Armed Police Forces, time needed for movement, transportation and timely deployment of forces and in-depth assessment of other relevant ground realities. 
             The Commission, after considering all relevant aspects has decided to recommend to the Hon’ble Governor of the State of Karnataka to issue notifications for the General Election under the relevant provisions of the Representation of the People Act, 1951, as per the Annexure-1.
             The Commission seeks the active cooperation, close collaboration and constructive partnership of all the esteemed stakeholders in the electoral process and strives to employ the collective synergies towards delivering a smooth, free, fair, peaceful, participative and festive General Assembly Election, 2023 in Karnataka.                                                                           
     
     
     
    Annexure-1
    Schedule for the General Election to the Legislative Assembly of Karnataka
     
    Poll Events
    Karnataka
    (All 224 Assembly Constituencies)
    Date of Issue of Gazette Notification
     
    13.04.2023
    (Thursday)
    Last Date of making nominations
     
    20.04.2023
    (Thursday)
    Date for Scrutiny of Nominations
     
    21.04.2023
    (Friday)
    Last date for the withdrawal of
    candidatures
    24.04.2023
    (Monday)
    Date of Poll
     
    10.05.2023
    (Wednesday)
    Date of Counting
     
    13.05.2023
    (Saturday)
    Date before which election shall be completed
    15.05.2023
    (Monday)
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 March 2023

  14. Advance planning, use of technology and strict monitoring ensure largely peaceful elections in Meghalaya & Nagaland.

    No. ECI/PN/21/2023
    27.02.2023
    PRESS NOTE
    Advance planning, use of technology and strict monitoring ensure largely peaceful elections in Meghalaya & Nagaland;
    Voting also held today for bypolls in one AC each in Jharkhand, Tamil Nadu and West Bengal
    Polling parties travel through mountainous treks & inaccessible terrains to reach 74 non-motorable polling stations in Meghalaya
    CEC Shri Rajiv Kumar compliments and expresses gratitude to all voters
    and polling personnel for their momentous efforts in ensuring peaceful
    elections With ECI focus on inducement-free elections, over 23 times increase in
    seizures as compared to 2018 Assembly elections 
    Over 500 Women Managed polling stations set up in the two states
    No repoll at any of the 5710 Polling Stations

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 07 March 2023

  15. Biennial Elections to the Legislative Councils of Andhra Pradesh and Telangana by the Members of Legislative Assembly (MLAs) to fill the seats of members retiring on 29.03.2023-reg

    No. ECI/PN/20/2023
    Dated: 27th February, 2023
                                                                  
    PRESS NOTE
    Sub:-   Biennial Elections to the Legislative Councils of Andhra Pradesh and Telangana by the Members of Legislative Assembly (MLAs) to fill the seats of members retiring on 29.03.2023-reg. 
    The term of office of 10 members of Legislative Councils of Andhra Pradesh and Telangana elected by the Members of respective Legislative Assemblies (MLAs) is due to expire on their retirement on 29.03.2023 as per the following details: -
    ANDHRA PRADESH
    S. No
    Name of Member
    Date of Retirement
    1.       
    Challa Bhageerath Reddy (Vacant w.e.f. 02.11.2022)
     
     
     
    29.03.2023
     
     
     
      Nara Lokesh
      Pothula Suneetha
      Batchula Arjunudu
      Dokka Manikya Varaprasada Rao
      Varaha Venkata Suryanarayana Raju Penumatsa
      Gangula Prabhakar Reddy
     TELANGANA
      Alimineti Krishna Reddy
     
    29.03.2023
     
      Gangadhar Goud Vullolla
      Naveen Kumar Kurmaiahgari
     2.  The Commission has decided to conduct above mentioned biennial elections to the Andhra Pradesh and Telangana Legislative Councils by Members of respective Legislative Assemblies in accordance with the following programme:-
    S. No.
    Events
    Dates
    1.       
    Issue of Notification
    06th March, 2023 (Monday)
    2.       
    Last Date of making nominations
    13th March, 2023 (Monday)
    3.       
    Scrutiny of nominations
    14th March, 2023 (Tuesday)
    4.       
    Last date for withdrawal of candidatures
    16th March, 2023 (Thursday)
    5.       
    Date of Poll
    23rd March, 2023 (Thursday)
    6.       
    Hours of Poll
    09:00 am- 04:00 pm
    7.       
    Counting of Votes
    23rd March, 2023 (Thursday) at 05:00 pm
    8.       
    Date before which election shall be completed
    25th March, 2023 (Saturday)
    3. Broad Guidelines of Covid-19 issued by ECI as contained in para 33 of Press Note, dated 03.11.2022, available at link   https://eci.gov.in/files/file/14534-general-election-to-legislative-assembly-of-gujarat-2022-reg/  to be followed, wherever applicable, during entire election process by all persons.
    4.  The Chief Secretaries of Andhra Pradesh and Telangana are being directed to depute a senior officer from the concerned State to ensure that the extant instructions regarding COVID-19 containment measures are complied with while making arrangements for conducting the elections.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 07 March 2023

  16. Biennial election to the Bihar Legislative Council from 02 Graduates’ and 02 Teachers’ Constituencies and bye election to the Bihar Legislative Council from Saran Teachers’ Constituency-reg

    No. ECI/PN/19/2023
    Dated: 27th February, 2023
     
    PRESS NOTE
    Subject:    Biennial election to the Bihar Legislative Council from 02 Graduates’ and 02 Teachers’ Constituencies and bye election to the Bihar Legislative Council from Saran Teachers’ Constituency-reg.                     
     The term of office of 04 members of the Bihar Legislative Council from 02 Graduates’ and 02 Teachers’ Constituencies are expiring on 08th May, 2023 due to retirement of the sitting members as detailed below:-
    Bihar
    Sl. No.
    Name of Constituency
    Name of the Member
    Date of retirement
      Saran Graduates’ Constituency
    Virendra Narayan Yadav
     
     
    08.05.2023
    ii.                   
    Gaya Graduates’ Constituency
    Awadhesh Narain Singh
    iii.                 
    Gaya Teachers’ Constituency
    Sanjeeva Shyam Singh
    iv.                 
    Koshi Teachers’ Constituency
    Sanjeev Kumar Singh
    2.  Also, a casual vacancy has occurred in the Bihar Legislative Council as per the details below:-
    S. No.
    Name of Member
    Name of Constituency
    Term upto
    Cause of vacancy
    Date of Vacancy
    1
    Sh. Kedar Nath Pandey
    Saran Teachers' Constituency
    16.11.2026
    Death
    24.10.2022
    3. The Commission has decided to conduct biennial elections to the Bihar Legislative Council from 02 Graduates’ and 02 Teachers’ Constituencies and bye election to the Bihar Legislative Council from Saran Teachers’ Constituency in accordance with the following programme:- 
    S. No.
    Events
    Dates
    1.       
    Issue of Notification
    06th March, 2023 (Monday)
    2.       
    Last Date of making nominations
    13th March, 2023 (Monday)
    3.       
    Scrutiny of nominations
    14th March, 2023 (Tuesday)
    4.       
    Last date for withdrawal of candidatures
    16th March, 2023 (Thursday)
    5.       
    Date of Poll
    31st March, 2023 (Friday)
    6.       
    Hours of Poll
    08:00 am to 04:00 pm
    7.       
    Counting of Votes
    05th April, 2023 (Wednesday)
    8.       
    Date before which election shall be completed
    11th April, 2023 (Tuesday)
    4.  Broad Guidelines of Covid-19 issued by ECI as contained in para 33 of Press Note, dated 03.11.2022, available at link   https://eci.gov.in/files/file/14534-general-election-to-legislative-assembly-of-gujarat-2022-reg/  to be followed, wherever applicable, during entire election process by all persons.
    5. The Model Code of Conduct concerning these elections will come into force with immediate effect in the concerned Constituencies. Please see the details on Commission’s website under the link: https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/
     6. The Chief Secretary of Bihar is being directed to depute a senior officer from the State to ensure that the extant instructions regarding COVID-19 containment measures are complied with while making arrangements for conducting the elections.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 07 March 2023

  17. त्रिपुरा विधान सभा, 2023 के निर्वाचनों को व्यापक रूप से हिंसा मुक्त, निष्पक्ष, सुगम्य तथा समावेशी बनाना सुनिश्चित करने में सहायता हेतु कुशल योजना, व्यापक समीक्षा, सभी मतदान केन्द्रों पर सीएपीएफ की तैनाती

    सं. ईसीआई/पीएन/18/2023                           
     दिनांकः 16 फरवरी, 2023
    प्रेस नोट
     
    त्रिपुरा विधान सभा, 2023 के निर्वाचनों को व्यापक रूप से हिंसा मुक्त, निष्पक्ष, सुगम्य तथा समावेशी बनाना सुनिश्चित करने में सहायता हेतु कुशल योजना, व्यापक समीक्षा, सभी मतदान केन्द्रों पर सीएपीएफ की तैनाती 
    वर्ष 2019 के संसद के साधारण निर्वाचनों में 168 पुनर्मतदान की तुलना में अब तक किसी पुनर्मतदान की सूचना नहीं 
    त्रिपुरा में जब्ती में पच्चीस गुना वृद्धि; पड़ोसी राज्यों में भी कड़ी चौकसी पर ध्यान देने से उल्लेखनीय सुधार 
    त्रिपुरा में 14 हजार से भी अधिक ब्रु मतदाता अपना वोट डालने के पात्र बने

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 07 March 2023

  18. आज त्रिपुरा के सभी 60 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उत्साहपूर्ण मतदान जारी रहा

    सं. ईसीआई/पीएन 17/2023                                                    
    दिनांकः 16 फरवरी, 2023
     
    प्रेस नोट
     
    आज त्रिपुरा के सभी 60 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उत्साहपूर्ण मतदान जारी रहा 
    निर्वाचन वाले राज्यों  - त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में अभिग्रहण में 20 गुनी वृद्धि, व्यय निगरानी पर और अधिक ध्यान दिए जाने को दर्शाता है 
    इन तीन राज्यों में अब तक कुल 147 करोड़ रुपए से अधिक का अभिग्रहण दर्ज किया गया 
    अवैध मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए विशेष अंतर-एजेंसी दल का गठन किया गया;
     परिणामस्वरूप त्रिपुरा में 14.12 करोड़ रुपए मूल्य की गांजा की खेती को नष्ट किया गया 
    इन तीन राज्यों में ज्यादा कड़ी चौकसी एवं निगरानी के लिए 64 व्यय प्रेक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई; 80 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय-संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 27 February 2023

  19. स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों से आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के द्विवार्षिक निर्वाचन।

    सं. ईसीआई/ पीएन/16/2023
    दिनांकः 09 फरवरी, 2023
     
    प्रेस नोट
    विषयः स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों से आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के द्विवार्षिक निर्वाचन।
          आन्ध्र प्रदेश विधान परिषद के 08 स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों के 09 सदस्यों और तेलंगाना विधान परिषद के 01 स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के 01 सदस्य का कार्यकाल आसीन सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण नीचे दिए गए विवरण के अनुसार समाप्त हो रहा है:-
    आन्ध्र प्रदेश
    क्र.सं.
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    सीट (टों) की सं.
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृति की तारीख
    1.
    अनन्तपुर स्थानीय प्राधिकरण
    01
    दीपक रेड्डी गुणापति
    29.03.2023
     
     
    2.
    कडापा स्थानीय प्राधिकरण
    01
    मारेड्डी रवीन्द्रनाथा रेड्डी @ बीटेक., रवि
    3.
    नेल्लोर स्थानीय प्राधिकरण
    01
    वाकाटी नारायण रेड्डी
     
     
     
    01.05.2023
    4.
    पश्चिम गोदावरी स्थानीय प्राधिकरण
    02
    अंगारा राम मोहन
    मान्थेना वैंकट सत्यनारायण राजू
    5.
    पूर्व गोदावरी स्थानीय प्राधिकरण
    01
    चिकला रामचन्द्र राव
    6.
    श्रीकाकुलम स्थानीय प्राधिकरण
    01
    विजय राम राजू सत्तरूचारला
    7.
    चित्तूर स्थानीय प्राधिकरण
    01
    बी.एन. राजासिम्हुलु
    8.
    कुरनूल स्थानीय प्राधिकरण
    01
    के.ई. प्रभाकर
    तेलंगाना
    क्र.सं.
    स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    सीट (टों) की सं.
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृति की तारीख
    1.
    हैदराबाद स्थानीय प्राधिकरण
    01
    सैयद अमीनुल हसन जाफरी
    01.05.2023
    2.  आयोग ने उपर्युक्त स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों से आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया हैः-
    क्र.सं.
    कार्यक्रम का विषय
    तारीखें
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    16 फरवरी, 2023 (गुरुवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    23 फरवरी, 2023 (गुरुवार)
    3.
    नाम-निर्देशन की संवीक्षा
    24 फरवरी, 2023 (शुक्रवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    27 फरवरी, 2023 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    13 मार्च, 2023 (सोमवार)
    6.
    मतदान का नियत समय
    पूर्वाहन 8:00 बजे से अपराहन 4:00 बजे तक
    7.
    मतों की गणना
    16 मार्च, 2023 (गुरुवार)
    8.
    वह तारीख जिससे पूर्व निर्वाचन संपन्न हो जाएगा
    21 मार्च, 2023 (मंगलवार)
    3. प्रेस नोट, दिनांक 03.11.2022 के पैरा 33 में यथा-अंतर्विष्‍ट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश, जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/14534-general-election-to-legislative-assembly-of-gujarat-2022-reg/  पर उपलब्ध हैं, का सभी व्यक्तियों द्वारा जहां कहीं भी लागू हों, सम्‍पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान, अनुपालन किया जाना है। 
    4.   इन निर्वाचनों से संबंधित आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया ब्यौरा आयोग की वेबसाइट पर लिंक: http://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ पर देखें।  
    5.   आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्‍य सचिवों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे संबंधित राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करने हेतु तैनात करें कि निर्वाचनों के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित उपायों के बारे में मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 14 February 2023

  20. स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना विधान परिषद के द्विवार्षिक निर्वाचन - तत्संबंधी। 

    सं. ईसीआई/पीएन/15/2023
     दिनांक:  09 फरवरी, 2023
     
    प्रेस नोट
    विषय: स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना विधान परिषद के द्विवार्षिक निर्वाचन - तत्संबंधी। 
    आंध्र प्रदेश विधान परिषद के 03 स्नातक एवं 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से 05 सदस्‍यों और तेलंगाना विधान परिषद के 01 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 01 सदस्‍य का कार्यकाल आसीन सदस्‍यों के सेवानिवृत्‍त होने के कारण 29 मार्च, 2023 को समाप्‍त हो रहा है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:- 
    आंध्र प्रदेश
    क्र सं.
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृत्ति
    की तारीख
    i.                      
    प्रकासम-नेल्लोर-चित्तूर  स्नातक
    यंदापल्ली श्रीनिवासुलु रेड्डी
     
     
     
     
     
     
    29.03.2023
    ii.                    
    कडापा-अनन्तपुर-कुरनूल  स्नातक
    गोपाल रेड्डी वेन्नापुसा
    iii.                  
    श्रीकाकुलम-विजियानगरम-विशाखापटनम स्नातक
    पी.वी.एन. माधव
    iv.                  
    प्रकासम-नेल्लोर-चित्तूर शिक्षक
    वितापु बालासुब्रह्मन्यम
    v.                    
    कडापा-अनन्तपुर-कुरनूल शिक्षक
    कत्ती नरसिम्हा रेड्डी, सेवानिवृत्त शिक्षक
    तेलंगाना
           i
    महबूबनगर-रंगा रेड्डी-हैदराबाद शिक्षक
    कतेपल्ली जनार्दन रेड्डी
    29.03.2023
              2.      आयोग ने ऊपर उल्लिखित स्‍नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषदों के द्विवार्षिक-निर्वाचनों का निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालन करने का निर्णय लिया है:-
    क्र सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    16 फरवरी, 2023 (गुरुवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    23 फरवरी, 2023 (गुरुवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    24 फरवरी, 2023 (शुक्रवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    27 फरवरी, 2023 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    13 मार्च, 2023 (सोमवार)
    6.
    मतदान का नियत समय
    पूर्वाह्न 08:00 बजे से अपराह्न 04:00 बजे  
    7.
    मतगणना
    16 मार्च, 2023 (गुरुवार)
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    21 मार्च, 2023 (मंगलवार)
    3. प्रेस नोट, दिनांक 03.11.2022 के पैरा 33 में यथा-अंतर्विष्‍ट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश, जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/14534-general-election-to-legislative-assembly-of-gujarat-2022-reg/  पर उपलब्ध हैं, का सभी व्यक्तियों द्वारा, जहां कहीं भी लागू हों, सम्‍पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अनुपालन किया जाना है। 
    4.   इन निर्वाचनों से संबंधित आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया ब्यौरा आयोग की वेबसाइट पर लिंक: http://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99%-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ पर देखें।  
    5.  आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्‍य सचिवों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे संबंधित राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करने हेतु तैनात करें कि निर्वाचनों के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 14 February 2023

  21. आगामी चुनावों हेतु मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए निर्वाचन आयोग के गीत 'मैं भारत हूं' ने सोशल मीडिया पर हलचल मचाई

    सं. ईसीआई/पीएन/14/2023                                                      
     03.02.2023
     
    प्रेस नोट 
    आगामी चुनावों हेतु मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए निर्वाचन आयोग के गीत 'मैं भारत हूं'  ने सोशल मीडिया पर हलचल मचाई 
    लांच के एक सप्ताह के भीतर इस गीत के हिंदी और बहुभाषी फार्मेट को 3.5 लाख से अधिक बार देखा गया और 5.6 लाख इम्प्रेशन मिले 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि यह गीत उस प्रत्येक मतदाता को समर्पित है, जो अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को समझते हुए मतदान करता है

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 14 February 2023

  22. मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2023 - राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी।

    सं.: ईसीआई/पीएन/13/2023/संचार
    दिनांक: 1 फरवरी, 2023
     
    प्रेस नोट
    विषय: मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2023 - राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी।
     
    मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2023 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग के दिनांक 1 फरवरी, 2023 के आदेश, संख्‍या  437/टीए-एलए/1/2023/संचार की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 01 February 2023

  23. लक्ष्द्वीप संघ राज्य-क्षेत्र के लक्ष्द्वीप (अज़जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-निर्वाचन-उप-निर्वाचन हेतु अधिसूचना जारी करने को आस्थगित करना और रोकना-तत्संबंधी 

    सं. ईसीआई/पीएन/12/ईपीएस                             
    दिनांकः 30 जनवरी, 2023
     
    प्रेस नोट
    विषयः लक्ष्द्वीप संघ राज्य-क्षेत्र के लक्ष्द्वीप (अज़जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-निर्वाचन-उप-निर्वाचन हेतु अधिसूचना जारी करने को आस्थगित करना और रोकना-तत्संबंधी 
    भारत निर्वाचन आयोग ने दिनांक 18.01.2023 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/2/2023 के अनुसार लक्ष्द्वीप संघ राज्य-क्षेत्र के लक्ष्द्वीप (अ.ज.जा) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ अरूणाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के 6 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उप-निर्वाचनों की घोषणा की थी, जिसमें मतदान की तारीख 27.02.2023 (सोमवार) नियत की गई हैं और मतगणना की तारीख 02.03.2023 (गुरूवार) है। 
    2. लक्ष्द्वीप संघ राज्य-क्षेत्र के लक्ष्द्वीप (अ.ज.जा) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन की घोषणा, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के साथ पठित भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1)(ङ) के प्रावधानों के अनुसार, सत्र न्यायालय कावारत्ती, लक्ष्द्वीप में सत्र मुकदमा सं. 01/2017 द्वारा दोषसिद्धि के आधार पर श्री मोहम्मद फैजल पी.पी. की दोषसिद्धि की तारीख यानि 11 जनवरी, 2023 से लोकसभा की सदस्यता से उनकी निरर्हरता के कारण की गई थी। 
    3. श्री मोहम्मद फैजल पी.पी. ने माननीय केरल उच्च न्यायालय के समक्ष वर्ष 2023 की आपराधिक अपील सं.49 में वर्ष 2023 की आपराधिक एम. अपील सं. 1 दायर की थी, माननीय उच्च न्यायालय ने श्री मोहम्मद फैजल पी.पी. की दोषसिद्धि और अधिरोपित सजा को निलंबित करते हुए 25 जनवरी, 2023 को एक आदेश पारित किया। 
    4. इस मामले पर विचार करने के बाद और एर्नाकुलम में केरल के माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 25 जनवरी, 2023 के पारित आदेश का यथोचित सम्मान करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने दिनांक 18.01.2023 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी.एन/2/2023 के अनुसार लक्ष्द्वीप संघ राज्य–क्षेत्र के लक्ष्द्वीप (अ.ज.जा) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उप-निर्वाचन को रोकने और उप-निर्वाचन आयोजित करने की अधिसूचना को जारी करने को आस्थगित करने का निर्णय लिया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 30 January 2023

  24. मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधान सभाओं का साधारण निर्वाचन, 2023 - लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।

    सं. ईसीआई/पीएन/11/2023                                       
    दिनांक : 27.01.2023
     
    प्रेस नोट
     
    विषय:  मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधान सभाओं का साधारण निर्वाचन, 2023 - लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज। 
    मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2023 आयोजित कराने संबं‍धी कार्यक्रम दिनांक 18.01.2023 को घोषित कर दिया गया है। उक्त राज्यों में निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार मतदान करवाया जाना है: 
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
    चरण और मतदान की तारीख
    मेघालय
    एकल चरण-27.02.2023
    नागालैंड
    एकल चरण-27.02.2023
    त्रिपुरा
    एकल चरण-16.02.2023
     इस संदर्भ में सभी मीडिया का ध्यान लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 की ओर आकर्षित किया जाता है जो किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे (समय) से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप माध्यम/साधनों के माध्‍यम से निर्वाचन संबंधी किसी भी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे उद्धृत किए गए हैं:- 
    (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाली अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का निषेध-
    (1)       कोई भी व्‍यक्ति-
    (क) ..............................
    (ख) चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरणों के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे;
    (ग) ...................................................................
    मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए घंटे (समय) के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान 
    (2)    वह व्‍यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।
    (3)    इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या प्रकल्पित है)। 
    2.     निर्वाचनों के दौरान कभी-कभी टी.वी चैनलों द्वारा उनकी पैनल चर्चाओं/ वाद-विवाद तथा अन्‍य समाचारों और करंट अफेयर्स के कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त धारा 126 के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहता है। विगत मे भी आयोग ने यह स्‍पष्‍ट किया है कि उक्‍त धारा 126, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए घंटे (समय) के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से निर्वाचन संबंधी किसी भी बात के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या परिकल्पित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय होगा।
    3.     आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की कालावधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/ब्रॉडकास्ट/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय-वस्तु में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों के अभिमत/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की निर्वाचन संभावनाओं को आगे बढ़ाने/उस पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की संभावना हो। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपिनियन पोल तथा सामान्य वाद-विवाद, विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड-बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा। 
    4.     इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि किसी राज्य में पहले चरण में मतदान प्रारंभ होने से लेकर तथा अंतिम चरण में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है। 
    5.   धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफएम चैनल/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी ब्रॉडकास्ट/प्रसारण संबंधी कार्यक्रमों (एग्जिट पोल के अलावा) जो शालीनता, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने आदि के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के भी अनुरूप हो, के संचालन हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला/स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनैतिक विषय-वस्तु पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 और भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश संख्या-491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्तूबर, 2013 के प्रावधानों का भी पालन करना चाहिए। राजनैतिक विज्ञापनों के संबंध में, आयोग के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I, दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व-प्रमाणन किया जाना आवश्यक है। 
    6.  निर्वाचन के दौरान विधि के अनुपालन हेतु भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया) द्वारा दिनांक 30.7.2010 को जारी दिशानिर्देशों और पत्रकारिता आचरण मानदंड-2020 की ओर भी सभी प्रिंट मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-I) 
    7.  एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारणों हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-II) 
    8.     इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” भी तैयार की है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2023 में भी लागू है। इस संबंध में सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” की ओर आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-III) 
    9.     आईटी (मध्यवर्तियों के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 जहां कहीं भी लागू हो, के अनुपालन हेतु भी ध्यान आकृष्ट किया जाता है। 
    10.    इसके अलावा, यह भी सूचित किया जाता है कि कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी या कोई अन्य संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और मतदान के दिन से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा जब तक कि उनके द्वारा राजनैतिक विज्ञापनों की विषय-वस्तु को राज्य/जिला स्तरीय, जैसा भी मामला हो, एमसीएमसी समिति से पूर्व प्रमाणित न कराया गया हो। आवेदक को ऐसे विज्ञापन प्रकाशित करने की प्रस्तावित तिथि से 02 (दो) दिन पहले तक (से अनधिक) की अवधि तक एमसीएमसी को आवेदन करना होगा। 
    उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 28 January 2023

  25. राष्ट्र ने 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया 

    सं. ईसीआई/पीएन/10/2023 
    दिनांक: 25 जनवरी, 2023
     
     
    प्रेस नोट
    राष्ट्र ने 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया 
    माननीय राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के समारोह की गरिमा बढ़ाई 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने माननीय राष्ट्रपति को "प्रथम नागरिक को निर्वाचित करना-राष्ट्रपतीय निर्वाचनों का कालक्रमानुसार सचित्र अभिलेखन" पुस्तक की प्रथम प्रति भेंट की 
    भारत निर्वाचन आयोग के गीत "मैं भारत हूं - हम भारत के मतदाता हैं" का अनावरण किया गया 
    इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) का थीम ‘वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम’ है 
    आज दिनांक 25 जनवरी, 2023 को देश भर में 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया, जिसमें भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। श्री किरेन रीजीजू, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय, श्री अरुण गोयल ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। 
    माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान सभा के सदस्यों ने नागरिकों के विवेक में अपार विश्वास व्यक्त किया तथा वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचन का प्रावधान किया। भारत के नागरिकों ने उनके विश्वास को सत्य कर दिखाया है। भारत के लोकतंत्र को दुनिया के सबसे बड़े, जीवंत और स्थिर लोकतंत्र के रूप में सम्मान दिया जाता है। 
    सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से पिछले सात दशकों के दौरान हमारे देश में सामाजिक क्रांति संभव हो पाई है। यह हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी सफलता है कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाला आम मतदाता भी यह महसूस करता है कि यह तय करने में उसकी एक प्रमुख भूमिका है कि देश या राज्य पर कौन और कैसे शासन करेगा। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि निर्वाचन आयोग तथा अन्य सभी प्रतिभागियों के संयुक्त प्रयासों से हमारा लोकतंत्र और अधिक मजबूत बनेगा। 
    राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए निर्वाचन आयोग का आदर्श-वाक्य 'कोई मतदाता न छूटे', सराहनीय है। निर्वाचन आयोग एवं मतदाताओं का सामूहिक योगदान हमारे देश की निर्वाचन प्रक्रिया को मजबूत बनाता है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे मतदान को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान मानें। उन्होंने कहा कि यह हमारी निर्वाचन प्रक्रिया और हमारे लोकतंत्र की विशिष्ट उपलब्धि है कि इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी निरन्तर बढ़ रही है।  
    विशिष्ट अतिथि, श्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विधि एवं न्याय मंत्रालय निर्वाचन सुधार करने में भारत निर्वाचन आयोग की वर्षपर्यंन्त सहायता करता रहा है जैसे मतदाता पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने वाले अधिनियम में हाल ही में किया गया संशोधन। उन्होंने कहा कि सभी निर्णय सभी राजनीतिक दलों के समर्थन से उचित परामर्श करने के पश्चात लिए जा रहे हैं। 
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन में यह स्वीकार किया कि भारत निर्वाचन आयोग की सबसे सबसे बड़ी पूंजी निर्वाचनों के व्यावसायिक संचालन के कारण वक्त बीतने के साथ-साथ उपजा एक विश्वास है। उन्होंने सविस्तार बताया कि हालांकि भारत में निर्वाचकों की संख्या वर्ष 1951 में लगभग 17 करोड़ थी जो अब बढ़कर 94 करोड़ से अधिक हो गई है और हालांकि साधारण निर्वाचन, 2019 में मतदाता टर्नआउट अब तक का सबसे अधिक 67.4% था, तथापि भारत निर्वाचन आयोग मतदान करने वाले बाकी मतदाताओँ को मतदान केंद्र तक आने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रतिबद्ध है ताकि निर्वाचनों को अधिकाधिक समावेशी और सहभागी बनाया जा सके। उन्होंने आगे यह भी कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की यह आकांक्षा है कि स्कूलों में विकसित सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ) स्थायी प्रकृति की हों और ये स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए निर्वाचन प्रक्रिया का उपहार बनें। 
    अपने संबोधन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने देश के मतदाताओं को निर्वाचनों में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया और निर्वाचन प्रक्रिया एवं लोकतंत्र मजबूत करने में राजनैतिक दलों के सहयोग और समर्थन के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने भारत के निर्वाचन तंत्र को भी धन्यवाद दिया, जिसने प्रत्येक निर्वाचन संपूर्ण सटीकता एवं पूर्णता के साथ आयोजित किया है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का ध्यान दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर, विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और समाज के सभी वर्गों सहित सभी मतदाताओं तक पहुंचने पर केंद्रित है। उन्होंने आगे कहा, “हमने युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने हेतु निर्वाचन नामांकन के लिए प्रत्येक वर्ष चार अर्हक तिथियां प्रदान की हैं। लैंगिक असमानता को कम करने के लिए महिला उन्मुखी विशेष पहल शुरू की गई हैं। 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों तथा दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा शुरू की गई है। दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए मतदान बूथों पर सुगम्यता संबंधी विशेष उपाय किए गए हैं।”  
    अपने स्वागत भाषण में निर्वाचन आयुक्त श्री अरूण गोयल ने कहा कि इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति की उपस्थिति स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुगम्य, नीतिपरक और पारदर्शी निर्वाचनों के लिए भारत निर्वाचन आयोग के संवैधानिक अधिदेश की सतत पूर्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि आयोग ने मतदाता पंजीकरण, मतदान केन्द्रों के डिज़ाइन, मतदाता शिक्षा एवं मतदाताओं तक पहुंच की कार्यनीतियों को सावधानीपूर्वक तैयार करके सुविधा प्रदान करने और मतदाताओं के अनुभव को बढ़ाने का भरसक प्रयास किया है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की घोषणा, इन प्रयासों के क्रम में ही है। 
    इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति ने वर्ष 2022 के लिए सर्वोत्तम निर्वाचकीय पद्धतियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। कुल 13 पुरस्कार विजेताओं को वर्ष 2022 के दौरान विभिन्न क्षेत्रों जैसे आईटी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, निर्वाचन प्रबंधन, सुगम्य निर्वाचन, निर्वाचक नामावली और मतदाता जागरूकता एवं पहुंच (आउटरीच) के क्षेत्र में योगदान में निर्वाचनों के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कार दिए गए। सर्वोत्तम राज्य पुरस्कार मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2022 में विधान सभा निर्वाचनों के संचालन के लिए और समाचार सेवा प्रभाग, आकाशवाणी को उनके आउटरीच और जागरूकता संबंधी कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार प्रदान किया गया।
    (एनवीडी विवरणिका के लिए निम्नलिखित लिंक डाउनलोड करें:
    https://eci.gov.in/files/file/14774-nvd-brochure-2023) 
    भारत निर्वाचन आयोग के प्रकाशन ‘प्रथम नागरिक को निर्वाचित करना-भारत के राष्ट्रपतीय निर्वाचनों का कालक्रमानुसार सचित्र अभिलेखन’ की प्रथम प्रति मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार द्वारा माननीय राष्ट्रपति को भेंट की गई। यह पुस्तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन प्रभाग के सहयोग से प्रकाशित अपनी तरह का पहला प्रकाशन है। यह पुस्तक देश के राष्ट्रपतीय निर्वाचनों की ऐतिहासिक यात्रा की झलकियां दिखलाती है। यह पुस्तक पाठकों को देश में राष्ट्रपतीय निर्वाचनों की असाधारण यात्रा को दर्शाने वाले दुर्लभ चित्रों के अतिमहत्वपूर्ण और ऐतिहासिक संकलनों के पुरालेखीय झलकियां दिखलाती है। इस पुस्तक में राष्ट्रपतीय निर्वाचनों की अनुपम विशेषताओं को भी सूचीबद्ध किया गया है और इसमें राष्ट्रपतीय निर्वाचनों की प्रक्रिया के परिमाण के संबंध में प्रचुर जानकारी है।  
    इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सुभाष घई फाउन्डेशन के सहयोग से निर्मित भारत निर्वाचन आयोग का गीत “मैं भारत हूं, हम भारत के मतदाता हैं” दिखाया गया। यह गीत विश्व के सबसे बड़े और सर्वाधिक जीवंत लोकतंत्र में समावेशी, सुगम्य, नीतिपरक, सहभागितापूर्ण और उत्सवपूर्ण निर्वाचनों की भावना प्रदर्शित करता है और वोट की ताकत को दर्शाता है। 
    https://youtu.be/FnNYNiRGu0s (हिंदी में);
    https://youtu.be/to324JIljf8 (बहुभाषा में) 
    इस समारोह के दौरान, दिल्ली के पांच नवनामांकित मतदाताओं का अभिनंदन करते हुए माननीय राष्ट्रपति द्वारा उन्हें निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र (एपिक) भी सौंपा गया। 
    इस समारोह के साथ-साथ एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहलों और भारतीय निर्वाचनों के माहात्म्य को दर्शाया गया था। इस प्रदर्शनी में भारतीय लोकतंत्र के गौरव अर्थात इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) संबंधी तथ्यों, आयोग की हाल ही में की गई पहलों और नवोन्मेषों, समावेशी और सुगम्य निर्वाचनों का सिंहावलोकन दर्शाया गया था। यह प्रदर्शनी दर्शकों को हाल ही के निर्वाचनों की झलकियों और ‘कोई मतदाता न छूटे’ के आदर्श-वाक्य के साथ दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में मतदान केन्द्रों को स्थापित करने हेतु आयोग के प्रयासों से अवगत कराती है। 
    प्रत्येक बूथ पर पूरी मतदान प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक विवरण देते हुए पार्श्व आवाज (वाइस ओवर) के जरिए सभी कार्यकलापों को प्रदर्शित करने के लिए वर्चुअल रिएलिटि की मदद से एक मॉडल मतदान बूथ स्थापित किया गया था। एक इंटरएक्टिव वॉल को भी प्रदर्शित किया गया था जिसमें मतदान केन्द्र एवं महिला मतदान केन्द्र पर सुविधा प्रदान करने वाले तरीकों को दर्शाया गया था। 
    इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का थीम ‘मतदान जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम’
    मतदाताओं को समर्पित किया गया है जो उनके मत की शक्ति के माध्यम से निर्वाचकीय प्रक्रिया में भागीदारी के लिए उनकी भावना और महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। 
    विधि एवं न्याय राज्य मंत्री, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, सात (7) पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राष्ट्रीय और राज्यीय राजनैतिक दलों के 40 से अधिक प्रतिनिधि, 12 निर्वाचन प्रबंधन निकायों के प्रमुख/उप-प्रमुख, भारत निर्वाचन आयोग के गीत के निर्माता श्री सुभाष घई और विख्यात गायक कलाकार, भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय आइकॉन श्री पंकज त्रिपाठी तथा डॉ. नीरू कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
    राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस अर्थात 25 जनवरी, 1951 के प्रतीक स्वरूप पूरे देश में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) समारोह का मुख्य प्रयोजन, नागरिकों में निर्वाचकीय जागरूकता पैदा करना और उन्हें निर्वाचकीय प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 28 January 2023


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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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