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प्रेस विज्ञप्तियाँ 2019

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  1. दिल्‍ली विधान सभा निर्वाचन 2020 के लिए आयोग ने मतदान तैयारियों की समीक्षा की

    ईसीआई/प्रे.नो./121/2019                                       
     दिनांक: 26 दिसंबर, 2019
    प्रेस नोट
    दिल्‍ली विधान सभा निर्वाचन 2020 के लिए आयोग ने मतदान तैयारियों की समीक्षा की
     
          मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा, श्री अशोक लवासा निर्वाचन आयुक्‍त, और श्री सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्‍त ने आज 26 दिसंबर, 2019 को आयोग मुख्‍यालय, दिल्‍ली में दिल्‍ली विधान सभा निर्वाचनों के लिए मतदान तैयारियों की समीक्षा की। 
          जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस उपायुक्‍तों, पुलिस आयुक्‍तों, एनडीएमसी अध्‍यक्ष, एमसीडी आयुक्‍त और दिल्‍ली छावनी बोर्ड के सीईओ और विभिन्‍न प्रवर्तन एजेंसियों के नोडल अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। आयोग ने मुख्‍य सचिव और दिल्‍ली पुलिस आयुक्‍त के साथ अलग से बैठक की। 
          अधिकारियों से बात करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि भारतीय संविधान ने भारत निर्वाचन आयोग को अनुच्‍छेद 324 के अंतर्गत स्‍वंतत्र, निष्‍पक्ष और विश्‍वसनीय निर्वाचन कराने का अधिदेश दिया है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने निर्वाचन अधिकारियों से आह्ववान किया कि वे राष्‍ट्रीय राजधानी राज्‍य क्षेत्र, दिल्‍ली में दोषरहित निर्वाचन का संचालन करें।
          इस अवसर पर बोलते हुए निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अशोक लवासा ने निर्वाचन अधिकारियों को निदेश दिया कि वे सी-विजिल एप के माध्‍यम से प्राप्‍त शिकायतों पर तत्‍परतापूर्वक कार्रवाई करें और ईवीएम/वीवीपीएटी प्रशिक्षणों पर ध्‍यान दें।
          बैठक के दौरान, डॉ. रणबीर सिंह, सीईओ, दिल्‍ली द्वारा एक संक्षिप्‍त प्रस्‍तुतीकरण पेश किया गया जिसमें तैयारियों की वस्‍तुस्थिति पर प्रकाश डाला गया। उन्‍होंने निर्वाचक नामावलियों,  मैनपावर उपलब्‍धता, ईवीएम/वीवीपीएटी, सभी निर्वाचन अधिकारियों के प्रशिक्षण, और मतदाता टर्नआउट बढ़ाने के लिए कम टर्नआउट वाले स्‍थानों पर ध्‍यान केंद्रित और लक्षित करने वाली स्‍वीप गतिविधियों के संबंध में वस्‍तुस्थिति से अवगत कराया। समीक्षा के दौरान डॉ. रणबीर सिंह, सीईओ ने आयोग को दिव्‍यांगजनों और वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए, किए गए विशेष उपायों के बारे में बताया। इन उपायों में पिक एवं ड्रॉप की सुविधा भी शामिल है। उन्‍होंने सभी मतदान केंद्र स्‍थानों पर तैयार की जा रही सुविधाओं जैसे क्रैच सुविधा, रैंप, पानी की सुविधा, मोबाइल लॉकर, सेल्‍फी प्‍वाइंट, प्रतीक्षालय, व्‍हील चेयर, आदि के बारे आयोग को बताया।
          श्री प्रवीर रंजन, विशेष आयुक्‍त, दिल्‍ली पुलिस, जो राज्‍य पुलिस नोडल अधिकारी हैं, ने दिल्‍ली में कानून एवं व्‍यवस्‍था की साधारण स्थिति और आयोग द्वारा यथा-अधिदेशित सभी उपायों को लागू करने के लिए दिल्‍ली पुलिस द्वारा बनाई जा रही योजना के बारे में प्रस्‍तुतीकरण दिया।  
          आयोग ने सभी डीईओ और डीसीपी को निदेश दिया कि वे संवेदनशील जगहों का तत्‍काल आकलन सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की भयादोहन को रोका जा सके। आयोग ने सभी डीईओ को यह भी निदेश दिया कि वे 1:10 अथवा उससे कम प्रवणता के रैंप  और 6 से अधिक मतदान बूथों वाले के स्‍थानों पर मोबाइल शौचालयों की समुचित सुविधा के सहित सुनिश्चित न्‍यूनतम सुविधाओं की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करें। आयोग ने सभी स्‍थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि सभी सुविधाएं आयोग द्वारा निर्धारित एएमएफ मानकों के अनुसार सभी मतदान केंद्रों पर उपलब्‍ध हों। डीईओ को यह भी निदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर उसे दूर करने के लिए स्‍थानीय निकायों के साथ उचित समन्‍वय किया जाए। आयोग ने ईवीएम/वीवीपीएटी पर विस्‍तृत प्रत्‍यक्ष प्रशिक्षण की आवश्‍यकता पर बल दिया और इसका व्‍यक्तिगत रूप से अनुवीक्षण करने के लिए डीईओ को निदेश दिया। आयोग ने सीविजिल पर सभी एमसीसी/व्‍यय अनुवीक्षण दलों को कड़ाई से प्रशिक्षण दिए जाने पर बल दिया जिससे वो इस एप पर नागरिक द्वारा दर्ज शिकायत के खिलाफ तुरंत प्रभावी कार्रवाई कर सकें। आयोग ने डीईओ को फोटो मतदाता पर्चियों के उचित एवं यथासमय वितरण को सुनिश्चित करने का निदेश भी दिया। आयोग ने परिवहन विभाग को संकड़ी गलियों में मतदान दलों और मशीनों के सुगम मूवमेंट के लिए अपेक्षाकृत अधिक छोटे आकार के वाहनों की पर्याप्‍त संख्‍या सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।  
          मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने सभी डीईओ और डीसीपी एवं सभी अन्‍य विभागों को अब से निर्वाचन कार्य को अधिकतम प्राथमिकता देने का निदेश दिया, जिससे कि निर्वाचन का सफल संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
          मुख्‍य सचिव, प्रधान सचिव (गृह) और दिल्‍ली पुलिस के आयुक्‍त के साथ बैठक के दौरान, आयोग ने निर्वाचन के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए दिल्‍ली सरकार के सभी विभागों के साथ समग्र पर्यवेक्षण और समन्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा।  
    सम्‍पूर्ण आयोग ने जिलों के स्‍तर पर तैयारियों की स्थिति की समीक्षा की। सभी डीईओ ने अपने संबंधित डीसीपी के साथ अपने जिलों पर विस्‍तृत प्रस्‍तुतीकरण दिया। आयोग को निर्वाचक नामावलियों और जनशक्ति आवश्‍यकताओं को अंतिम रूप दिए जाने, प्रशिक्षण  व्‍यवस्‍थाओं एवं स्‍वीप पहल, आदि के संबंध में डीईओ द्वारा की गई उपक्रमात्‍मक कार्रवाई के बारे में सूचित किया गया। डीसीपी ने आयोग को जिलों की कानून और व्‍यवस्‍था पहलुओं के बारे में सूचित किया।  
          इस अवसर पर आयोग ने दिल्‍ली में लोक सभा निर्वाचन, 2019 पर सीईओ, दिल्‍ली द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल पुस्‍तक,  ‘‘सैल्‍यूटिंग द वोटर्स ऑफ दिल्‍ली’’ का विमोचन किया।   

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 30 December 2019

  2. झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों का प्रचार-प्रसार करने की व्‍यवस्‍था – 23 दिसंबर, 2019

    ईसीआई/प्रेस नोट/120/2019                                          
    दिनांक: 22.12.2019
    प्रेस नोट
     
    विषय: झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों का प्रचार-प्रसार करने की व्‍यवस्‍था – 23 दिसंबर, 2019
          भारत निर्वाचन आयोग ने एक एकीकृत आईसीटी गणना एप्‍लीकेशन विकसित की है, जो वेबसाइट http://results.eci.gov.in और वोटर हेल्‍पलाइन (एन्‍ड्रायड और आईओएस) मोबाइल एप पर परिणाम प्रदर्शित करेगी। उक्‍त वेबसाइट दिनांक 23 दिसंबर, 2019 को प्रात: 8 बजे से झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों को प्रदर्शित करना शुरू कर देगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित केंद्रीकृत साफ्टवेयर ‘एन्‍कोर’ में रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा डाटा सीधे प्रविष्‍ट किया जाता है। इस एप्‍लीकेशन से रिटर्निंग अधिकारी साफ्टवेयर में डाटा की तालिका-वार प्रविष्टि कर सकता है जिससे समय की पर्याप्‍त बचत होती है और परिणाम तथा रूझानों का त्रुटिरहित डाटा प्रदर्शित होता है।
    2.    ईसीआई के आईसीटी दल द्वारा विकसित गणना साफ्टवेयर गणना प्रक्रिया के दौरान रिटर्निंग अधिकारियों के लिए अनिवार्य विभिन्‍न प्रकार की सांविधिक रिपोर्टों जैसे कि प्ररूप-20, अंतिम परिणाम शीट, परिणामों की औपचारिक घोषणा के लिए 21-ग और 21 ड़ में निर्वाचन विवरणी तैयार करने/संकलित करने की सुविधा प्रदान करता है। रिटर्निंग अधिकारी गणना पूरी होने के बाद सिस्‍टम द्वारा सृजित इन रिपोर्टों को डाउनलोड कर सकता है और एक अबाधित परिवेश में सांविधिक अपेक्षाओं को पूरा कर सकता है।
    3.    भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन रूझान टीवी की भी शुरूआत की है, जिस पर परिणामों के रूझानों के रियल टाइम में पूर्ण ग्राफिक रूप से सूक्ष्‍म विवरण प्रकाशित किए जाते हैं। जब भी रिटर्निंग अधिकारी द्वारा आधिकारिक घोषणा के बाद प्रत्‍येक राउंड की गणना का डाटा प्रविष्‍ट किया जाता है, तो यह डाटा उन्‍नत स्रोत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके बिना किसी मैनुअल हस्‍तक्षेप के निर्वाचन रूझान टीवी पर प्रदर्शित होता है। इन पैनलों को रिटर्निंग अधिकारियों और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा बड़े टीवी पैनलों का उपयोग करके सार्वजनिक स्‍थानों पर स्‍वत: प्रदर्शित किए जाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा सकता है और समनुरूप बनाया जा सकता है।

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  3. Voting concludes in Jharkhand with Peaceful Voting in Phase-VAssembly Constituencies in General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019

    ECI/PN/119/2019                                       
    Dated: 20th December, 2019
     
    PRESS NOTE
    Voting concludes in Jharkhand with Peaceful Voting in Phase-VAssembly Constituencies in General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019
    Absentee Voter Status Facility provided for the first time in the country to PwD and 80+ aged voters of seven ACs in Jharkhand
    The Fifth and final Phase of election took place in 16 Assembly Constituencies (ACs) spread across six districts (Sahebganj, Pakur, Dumka, Jamtara, Deoghar and Giridih) in Jharkhand today.
    The poll today went off peacefully, without any incident, with very enthusiastic participation of voters including PWDs, senior citizens, youth etc. 
    • 3,690 out of 5,389 polling stations (more than 68.47%) were categorized as critical; adequate security arrangements were made.  • 1 chopper was deployed to drop 62 polling personnel. • This phase covered 40,05,287 voters, including 3,076 service voters and 50,053 PwD voters. Total 237 Candidates including 29 female Candidates are in fray. • In this phase 7,505Volunteers facilitated bringing PwD voters from their houses to the polling stations. 2,766vehicles were deployed to facilitate their transport. 2,065wheelchairs were provided at the Polling Stations. In all phases, a total of 31,833 Volunteers facilitated to bring PwD voters from their houses to the polling stations; 11,338 vehicles were deployed to facilitate their transport and 14,036 wheelchairs were provided at the Polling Stations.
    • The Absentee Voter status was provided to PwD and 80+ Voters of four Assembly Constituencies of Phase-V (namely Rajmahal, Pakur, Godda and Jamtara) and they were given the facility to vote through Postal Ballot at their doorstep.  In this phase, 802 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot.
    This facility of Absentee Voter status was provided for the first time in the country to PwD and 80+ aged voters of total 7 Assembly Constituencies in Jharkhand (viz, 01-Rajmahal AC, 05-Pakur AC, 09-Jamtara AC, 15-Deoghar AC, 17-Godda AC, 36-Bokaro AC and 40-Dhanbad AC). A total of 2,018 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot across the State.
    • Total value of seizures across the State till today is Rs 18.76Crore. • In 10 Assembly Constituencies of Phase-II, III & IV, the Booth App was used successfully. • 1. Approx. voter turnout figures (at 5.00 PM) :   At the time of release of the Press Note, the voting in some of the Polling Stations was still going on. The final Voting Turnout will be known after the verification and scrutiny of Presiding Officers’ Diaries and other documents. 
    As of reports received till 5.00 pm, the approximate voter turnout figure for all the 16 ACs of 5thphase today is 70.83%. The final voter turnout in LAE 2014 for these 16 ACs was 73.31%.
    The approximate voter Turnout for all 81 ACs across all phases of Jharkhand is 65.17%. The final voter turnout for LAE2014 was 66.53%.
    2. EVMs& VVPATs : No complaint regarding EVM/VVPAT have been reported during the poll today. Across the 16 ACs today, as per figures received till now only 0.53% BUs,0.78% CUs and 2.23% VVPATs were replaced. 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 30 December 2019

  4. नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक (ई2ई) की पूरी प्रक्रिया को दिव्यांगजनों के लिए अधिकाधिक मैत्रीपूर्ण बनाने की आवश्यकता है : मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा 

    ईसीआई/प्रे नो/118/2019
     दिनांकः 19 दिसम्बर, 2019
     
    प्रेस नोट
     
    नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक (ई2ई) की पूरी प्रक्रिया को दिव्यांगजनों के लिए अधिकाधिक मैत्रीपूर्ण बनाने की आवश्यकता है : मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा 
    आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया
     भारत निर्वाचन आयोग ने आज सुगम निर्वाचनों पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। आयोग द्वारा दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए निर्वाचनों को मैत्रीपूर्ण बनाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों और प्रक्रिया को अधिकाधिक समावेशी और अभिगम्य बनाने के लिए अभी भी अपेक्षित कदमों पर विचार-विमर्श करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया।
     मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि “हालांकि दिव्यांगता ऐसी समस्या है जिस पर लोगों और परिवार द्वारा ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है, तथापि सुगम्यता ऐसी समस्या है जिसके लिए अधिकाधिक संस्थागत उपायों की जरूरत होती है। श्री अरोड़ा ने कहा कि, “यह हमारा उद्देश्य है कि जमीनी स्तर पर हम जागरूकता और कार्यकलापों का इष्टतम स्तर प्राप्त करें। बूथ लेवल अधिकारियों से लेकर आयोग तक, प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर काम करना चाहिए। जनवरी, 2018 में, “सुगम्य निर्वाचनों” को साधारण निर्वाचन, 2019 के लिए मार्गदर्शक थीम के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया था।“ यह आवश्यक है कि हम प्रयासों और कार्यकलापों को इस तरीके से बढ़ाएं कि सुगम्यता के मुद्दे पूरी तरह से खत्म हो जाएं तथा हमारे निर्वाचन सही अर्थों में समावेशी हो जाएं।“ उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 90% से अधिक दिव्यांगजनों ने हाल ही में झारखंड में संपन्न हुए मतदान में अपना मत दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, “निर्वाचन प्रक्रिया की पूरी श्रृंखला ई2ई, अर्थात नामांकन से लेकर निर्वाचनों तक, को दिव्यांगजनों के लिए मैत्रीपूर्ण और सुगम्य होने की आवश्यकता है तथा इन मुद्दों के समाधान के लिए बीएलओ से लेकर आयोग मुख्यालय तक की पूरी प्रणाली को काम करने की आवश्यकता है।“
     आयोग की प्रतिबद्धता को पुष्ट करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और डीईओ द्वारा किए गए प्रयासों की वजह से आयोग ने लंबा सफर तय किया है तथापि अभी और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि, “हमें देश-दुनिया से सीखने की जरूरत है, हमें पता करना चाहिए कि आगे क्या है, और ऐसे ठोस कदमों को पहचानना चाहिए जो हमें आवश्यक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाए।“ एक त्रिआयामी कार्यनीति पर सुझाव देते हुए श्री लवासा जी ने कहा कि डाटा की बेंचमार्किंग करने, सुगम्यता इंडेक्स के पैमानों के समक्ष इसका निर्धारण करने, आयोग और सीईओ की वेबसाइट को विहित दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाने और निरंतर मूल्यांकन से हमें भावी क्षमता को पहचानने में मदद मिलेगी।
    निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने सिविल सोसाइटी संगठनों और निर्वाचन अधिकारियों द्वारा फील्ड में किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की। श्री चंद्रा ने दिव्यांगजनों के निर्वाचन अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि, “दिव्यांग मतदाताओं को लोकतंत्र का अभिन्न अंग बनाने के लिए, हमें सभी सिविल सोसाइटी संगठनों और संबंधित एनजीओ के सहयोग की जरूरत है।
    इस अवसर पर बोलते हुए, महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने गंभीर अंतरालों पर ध्यान देने के लिए वांछित ढांचागत बदलावों की आवश्यकता पर बल दिया और ज़मीनी स्तर पर निर्वाचन मशीनरी, सिविल सोसाइटी संगठनों और अन्य स्टेकहोल्डरों के प्रयासों को सराहा। श्री सिन्हा ने हाल ही में हुए झारखंड निर्वाचनों में अस्सी साल से नवासी साल के वृद्धों और दिव्यांगजनों के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई, घर से डाक मतपत्र के विकल्प की अतिरिक्त सुविधा पर प्रकाश डाला। उप निर्वाचन आयुक्त श्री चंद्र भूषण कुमार ने देश भर में स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सिफारिशों के महत्व को दोहराया, क्योंकि ये भावी निर्वाचनों को और अधिक समावेशी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने उन संगठनों को धन्यवाद दिया जिन्होंने आज की कार्यशाला में भाग लिया, खासतौर पर आयोग की सुगम्यता परामर्शदाता स्मिता सदासिवन को, जिन्होंने विचार-विमर्श को इतना उपयोगी बनाया।
    दिव्यांग मतदाताओं का संपूर्ण मानचित्रण, परिवहन की सुविधा प्रदान करना, विशेष स्वयंसेवकों, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं, जैसे रैम्प, व्हीलचेयर, संकेत भाषा, मतदान केंद्र पर ब्रेल युक्त ईवीएम और हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का प्रावधान कुछ ऐसी पहल हैं जो सुगमता और ‘कोई मतदाता न छूटे’ के सिद्धांत को सुनिश्चित करती हैं।
     विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों के अलावा, कार्यशाला में सिविल सोसाइटी संगठनों, सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न दिव्यांगता सेक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एनजीओ, जिसमें एएडीआई, सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट, राष्ट्रीय बधिर संघ, एनसीपीईडीपी, राष्ट्रीय दिव्यांगता नेटवर्क, सक्षम, इकोतत्व, एनआईईपीवीडी, पीडीयूएनआईपीपीडी, बीपीए अहमदाबाद और आईएसएलआरटीसी शामिल हैं, ने भाग लिया।
    पूरे भारत से उपस्थित स्टेकहोल्डरों के साथ, तकनीकी सत्रों में समूह कार्य और चार समुनदेशित विषयों जैसे कि निर्वाचक पंजीकरण और निर्वाचक नामावली में मानचित्रण; विशेष तौर पर दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मतदान केंद्र पर सुविधाएं : सुगम मतदाता शिक्षा और संप्रेषण कार्य नीतियां और सुगम निर्वाचनों में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचार-विमर्श शामिल था। आयोग के लिए बनाए गए विषयगत प्रस्तुतीकरण के अंग के रूप में, प्रतिभागियों ने वर्तमान चुनौतियों के मूल्यांकन, विद्यमान पहल और समाधान ढूंढने पर काम किया।
     आयोग ने एक पुस्तिका भी जारी की, ‘बाधाओं को पार करते हुए- मैंने भी मत डाला’, जो उन अनुभवप्राप्त मतदाताओं के बारे में थी जिन्होंने लोकतंत्र के सबसे बड़े त्यौहार में भाग लेने के लिए सभी बाधाओं को पार किया। अब तक किए गए कार्यों पर प्रकाश डालने, वर्तमान पहल और सभी राज्यों/केंद्र शासित राज्यों और विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सिफारिश युक्त “सुगम्यता रिपोर्ट 2019” नामक एक व्यापक दस्तावेज को कार्यशाला के प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध कराया गया था, जिसमें सुगम निर्वाचनों में नीतियों और मार्गदर्शी सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया था। आज कार्यशाला में संकेत भाषा इंटरप्रेटर, स्क्रीन रीडर एक्सेस दिन की कार्यवाही की महत्वपूर्ण विशेषताएं थीं।

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  5. Peaceful Voting in Phase IV of the General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019

    ECI/PN/117/2019                                        
    Dated: 16th December, 2019
     
    PRESS NOTE
    Peaceful Voting in Phase IV of the General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019
     
    The Fourth Phase of election took place in 15 Assembly Constituencies (ACs) covered in 4 districts (Deoghar, Giridih, Bokaro and Dhanbad) on 16.12.2019. 
    The poll today went off peacefully, without any incident, with very enthusiastic participation of voters including PWDs, senior citizens, youth etc. 
    • 4,203 out of 6,101 polling stations (more than 69 %) were categorized as critical; adequate security arrangements were made.  • 74 polling stations required dispatching polling teams two days in advance. • 2 choppers were deployed to drop 158 polling personnel. • This phase covered 47,85,009 voters, including 7,430 service voters and 64,318 PwD voters. 221 Candidates including 22 female and 1 third gender Candidates are in fray. • 4,039 Volunteers facilitated bringing PwD voters from their houses to the polling stations. 3,432 vehicles were deployed to facilitate their transport. 2,504 wheelchairs were provided at the Polling Stations. • For the first time Absentee Voter status was provided to PwD and 80+ Voters of 3 Assembly Constituencies and they were given the facility to vote through Postal Ballot at their doorstep. A total of 1216 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot. • The Commission put in place an elaborate mechanism to curb the misuse of money power. Total value of seizures across the State till today is Rs 16.97 Crore. • In four Assembly Constituencies of Phase-IV (viz., 15-Deoghar (SC), 31-Gandey, 36-Bokaro and 41-Jharia ACs), the Booth App to facilitate voters to know about the number of voters in the queue was used successfully. 1. Approx. voter turnout figures (at 5.00 PM) :   At the time of release of the Press Note, the voting in some of the Polling Stations was still going on. The final Voting Turnout will be known after the verification and scrutiny of Presiding Officers’ Diaries and other documents. As of reports received till 5.00 pm, the approximate voter turnout figure for all the 15 ACs of 4th phase today is 62.46 %. The final voter turnout in LAE 2014 for these 15 ACs was 64.66%. 
    2. EVMs & VVPATs :  No complaint regarding EVM/VVPAT have been reported during the poll today. Across the 15 ACs today, as per figures received till now only 0.30 % BUs, 0.28 % CUs and 0.87 % VVPATs were replaced, which is one of the lowest replacement. 

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  6. झारखंड विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के तीसरे चरण में शांतिपूर्ण मतदान

    ईसीआई/प्रे.नो./116/2019
    दिनांकः 12 दिसम्बर, 2019
     
    प्रेस नोट
    झारखंड विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के तीसरे चरण में शांतिपूर्ण मतदान
    दिनांक 12.12.2019 को 8 जिलों (कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, सरायकेला, खरसवां और रांची) में शामिल 17 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों में तीसरे चरण के निर्वाचन सम्पन्न हुए।
    मतदान दिवस बिना किसी दुर्घटना के, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, युवा-वर्ग, इत्यादि सहित मतदाताओं की अत्यन्त उत्साहपूर्ण सहभागिता के साथ शांतिपूर्वक बीता। महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे दी गई हैं:-
    7,016 में से 5,342 मतदान केंद्रों (76.14% से अधिक) को गंभीर की श्रेणी में श्रेणीकृत किया गया; पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। 188 मतदान केंद्रों में मतदान दलों को दो दिन पहले भेजे जाने की जरूरत पड़ी। 
    160 मतदान कर्मियों को पहुँचाने के लिए 3 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया। इस चरण में 56,18,267 मतदाताओं, जिसमें 10,365 सेवा मतदाता और 63,616 दिव्यांग मतदाता शामिल थे, को कवर किया गया। 32 महिला अभ्यर्थियों सहित 309 अभ्यर्थी मैदान में थे। 
    7,336 स्वयंसेवकों ने दिव्यांग मतदाताओं को उनके घरों से मतदान केंद्रों तक पहुँचाने के लिए सुविधा प्रदान की। उनके परिवहन के लिए 1,953 वाहनों की व्यवस्था की गई। मतदान केंद्रों पर 3,581 व्हीलचेयरों की व्यवस्था की गई। आयोग ने धन-बल के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एक विस्तृत तंत्र स्थापित किया। पूरे राज्य में अब तक की गई जब्ती का कुल मुल्य 16.75 करोड़ रुपए है।
    मतदाताओं को कतार में खड़े मतदाताओं की संख्या के बारे में जानकारी देने के लिए हाल में तैयार किए गए बूथ एप का तीसरे चरण के तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, नामतः, 23-रामगढ़ (405 मतदान केंद्र), 25-हजारीबाग (486 मतदान केंद्र) एवं 63-रांची (370 मतदान केंद्र) में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया।
     1.      मतदाता टर्नआउट के अनुमानित आंकड़े (अपराह्न 5.00 बजे):
    प्रेस नोट जारी होने के समय कुछ मतदान केंद्रों में मतदान चल ही रहे थे। पीठासीन अधिकारी की डायरियों एवं अन्य दस्तावेजों के सत्यापन और संवीक्षा के बाद अंतिम मतदान आंकड़ों के बारे में पता चलेगा। अप. 5.00 बजे तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, तीसरे चरण के 17 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों के लिए आज अनुमानित मतदान आंकड़ा 62.03% है। इन 17 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विधान सभा निर्वाचन 2014 के दौरान अंतिम मतदान आंकड़ा 64.02% था।
     2.      ईवीएम एवं वीवीपीएटीः-
    आज मतदान के दौरान ईवीएम/वीवीपीएटी के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होने की रिपोर्ट नहीं मिली है।
    आज, सभी 17 निर्वाचन-क्षेत्रों में, अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मतदान के दौरान केवल 0.43% बीयू, 0.44% सीयू और 1.13% वीवीपीएटी बदले गए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 30 December 2019

  7. झारखंड की विधानसभा, 2019 के साधारण निर्वाचनों के दूसरे चरण में मतदान

    सं. भा.नि.आ./प्रेसनोट/115/2019                                  दिनाँकः 7 दिसम्बर, 2019
     
     प्रेस नोट
     
         झारखंड की विधानसभा, 2019 के साधारण निर्वाचनों के दूसरे चरण में मतदान
     
    झारखंड विधानसभा के निर्वाचनों के दूसरे चरण में आज 20 विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में निर्वाचन संपन्न हुआ। तदनुसार, सात जिलों अर्थात् पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिम सिंहभूम, रांची, खूंटी, गुमला और सिमडेगा में मतदान संपन्न हुआ। इस निर्वाचन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-
    ·       20 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से 18 नक्सल प्रभावित हैं।
    ·       6,066 मतदान केंद्रों  में से 4,478 मतदान केंद्रों (73% से अधिक) को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया, पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
    ·       1,455 मतदान केंद्रों में मतदान दलों को मतदान से दो दिन पहले भेजने की आवश्यकता थी।
    ·       346 मतदान कर्मियों की तैनाती के लिए 4 हेलिकॉप्टर लगाए गए थे।
    ·       इस चरण में कुल 48,25,038 मतदाता शामिल थे, जिसमें 10,492 सेवा मतदाता और 62,565 दिव्यांग मतदाता थे। 29 महिला अभ्यर्थियों सहित कुल 260 अभ्यर्थी निर्वाचनों में भाग ले रहे हैं।
    ·       5,847 स्वयं सेवकों द्वारा दिव्यांगजनों को उनके घर से मतदान केंद्रों तक लाने, ले-जाने में सहायता प्रदान की गई। उन्हें लाने ले जाने के लिए कुल 2,079 वाहनों का प्रयोग किया गया। दिव्यांगजनों के लिए मतदान केंद्रों में 2,934 व्हील चेयर उपलब्ध कराई गईं।
    ·       धन बल का दुरुपयोग रोकने के लिए आयोग द्वारा व्यापक तंत्र स्थापित किया गया। पूरे राज्य में आज तक कुल 16.0 करोड़ रूपये जब्त किए जा चुके हैं।
    ·       दूसरे चरण के तीन विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों (अर्थातः 48-जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 293 मतदान केंद्र, 49-जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 330 मतदान केंद्र और 52-चाईबासा (अ.ज.जा.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 284 मतदान केंद्र) में नवारंभित बूथ एप का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया (क्लिप संलग्न हैं)। यह एप मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर पंक्ति में खड़े मतदाताओं की संख्या के संबंध में सही और वास्तविक सूचना लेकर देता है।
    मतदाता प्रतिशत के अनुमानित आंकड़े:- प्रेस नोट जारी करते समय कुछ मतदान केंद्रों में अभी भी मतदान चल रहा था। पीठासीन अधिकारी की डायरी और अन्य दस्तावेज़ों का सत्यापन और संवीक्षा करने के बाद अंतिम मतदान प्रतिशत का पता चल पाएगा। अपराह्न 5:00 बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार,  दूसरे चरण के सभी 20 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आज लगभग 62.40% मतदान होने का अनुमान है। विधान सभा निर्वाचन 2014 में इन 20 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम मतदान प्रतिशत 68.01 प्रतिशत था।
     
    ईवीएम और वीवीपीएटीः- आज संपन्न हुए मतदान में ईवीएम/वीवीपीएटी के बारे में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विधान सभा के सभी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में आज, अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार केवल 0.20% बैलेट यूनिट, 0.20% कंट्रोल यूनिट और 0.69% वीवीपीएटी को बदला गया था।
     
    मतदान दिवस की घटनाएं:- मुख्य निर्वाचन अधिकारी/सामान्य प्रेक्षकों द्वारा निम्नलिखित घटनाओं की रिपोर्ट भेजी गई हैः
    i.                           प्रातः लगभग 9:30 बजे मतदान केंद्र-36, सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, गुमला जिले में तैनात आरपीएफ और कुछ ग्रामीणों के बीच हाथापाई हुई। रिपोर्ट के अनुसार कुछ ग्रामीणों ने एक जवान पर हमला करने और उसका हथियार छीनने का प्रयास किया। अगली घटना में ग्रामीणों ने जवानों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए जिन्हें तदुपरांत गोली चलानी पड़ी। इस घटना में गोली लगने से जिलानी अंसारी (बाघनी निवासी) नाम का व्यक्ति  मारा गया जबकि दो अन्य ग्रामीण घायल हो गए। जिला पुलिस के पुलिस अधिकारी और आरपीएफ के कुछ जवान भी घायल हुए। वहां पुनः मतदान कराने का आदेश दिया जा रहा है।
    ii.                      52-चाईबासा में आगजनी की एक घटना हुई, जब 84-प्राथमिक विद्यालय जोजोहातू-1 के बूथ से एक बस में मतदाताओं को रिलोकेटिड बूथ मिडल स्कूल पंडावीर ले जाया जा रहा था। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
    iii.                     आज सायं खूंटी जिले के तमाड़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अडकी ब्लॉक से वापिस लौट रहे एक मतदान दल पर नक्सलियों ने गोली चलाई। बचाव और तलाशी अभियान जारी है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 30 December 2019

  8. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 क के अंतर्गत राजनीतिक दलों का पंजीकरण-अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी करना - तत्संबंधी

    भा.नि.आ./प्रेसनोट/114/2019                              
    दिनांकः 2 दिसंबर, 2019
     
    प्रेस नोट
    विषयः लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 क के अंतर्गत राजनीतिक दलों का
          पंजीकरण-अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी करना - तत्संबंधी
           राजनीतिक दलों का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 29 क के उपबंधों द्वारा शासित होता है। आयोग की उक्त धारा के अधीन पंजीकरण करवाने के इच्छुक दल को  निर्धारित फार्मेट में इसके गठन की तारीख से 30 दिन की अवधि के भीतर आयोग में आवेदन करना होता है, जिसमें उक्त धारा की उप-धारा(4) के अधीन यथा अपेक्षित दल का संपूर्ण मूल विवरण जैसे नाम, पता, विभिन्न ईकाइयों की सदस्यता का विवरण, पदाधिकारियों के नाम इत्यादि, और ऐसा कोई अन्य विवरण देना होता है, जो पंजीकरण के दिशा-निदेशों में यथोल्लिखित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 क की उप धारा (6) के अधीन आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट किया गया हो।
     आयोग ने आवेदन करने वाले दलों के द्वारा प्रस्तुत किए जाने के लिए समय समय पर अतिरिक्त विवरण विहित किए हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण की पद्धति तथा प्रक्रिया की और समीक्षा की है और अब आवेदकों द्वारा आवेदन पत्रों की स्थिति का ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुगमतापूर्वक पता लगाने के लिए "राजनीतिक दल  पंजीकरण ट्रेकिंग प्रबंधन प्रणाली" (पोल्टिकल पार्टीज रजिस्ट्रेशन ट्रेकिंग मैंनेजमेंट सिस्टम) कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। इस राजनैतिक दल पंजीकरण ट्रेकिंग प्रबंधन प्रणाली की मुख्य विशेषता यह है कि 1 जनवरी, 2020 से अपने दल का पंजीकरण कराने वाला आवेदक अपने आवेदन-पत्र की स्थिति का पता लगा सकेगा और एसएमएस और ईमेल के माध्यम से अद्यतन स्थिति से भी अवगत हो सकेगा। यदि आवेदक आवेदन पत्र की स्थिति का पता लगाना चाहता/चाहती है तो इसके लिए आवेदक को दल के आवेदन-पत्र/अपने आवेदन-पत्र में दल का/अपना मोबाइल नम्बर और ईमेल का उल्लेख करना होगा। नए दिशानिदेश 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी होंगे।
    नए दिशा-निदेश आयोग की वेबसाइट  https://eci.gov.in  पर अपलोड कर दिए गए हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 30 December 2019

  9. Peaceful & Record Voting in Phase 1 of the General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019

    Peaceful & Record Voting in Phase 1 of the General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 24 December 2019

  10. भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक साक्षरता क्लबों पर सिविल सोसायटी संगठनों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/112/2019
    दिनांक: 29 नवम्बर, 2019
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक साक्षरता क्लबों पर सिविल सोसायटी
    संगठनों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया  
     24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सिविल सोसाइटी संगठनों तथा महाराष्ट्र एवं हरियाणा के राज्‍यस्‍तरीय मास्‍टर प्रशिक्षकों के लिए निर्वाचक साक्षरता क्लबों (ईएलसी) पर 2 दिवसीय कार्यशाला/प्रबोधन कार्यक्रम 28-29 नवंबर, 2019 को यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। लोकसभा निर्वाचन, 2019 के पश्चात, यह निर्णय लिया गया था, कि मतदाता जागरूकता के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों से फीडबैक लेने और ईएलसी के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचने के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए।  
    इस कार्यशाला में देश भर के 53 प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रत्येक सदस्य को अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिला। इसका उद्देश्‍य हालिया निर्वाचनों के प्रभाव आकलन की मुख्‍य-मुख्‍य बातों, फील्‍ड से अनुभवों, फीडबैक और भावी उपायों को सामने लाना था। आगे सामूहिक इनपुट निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा और महासचिव श्री उमेश सिन्हा सहित आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत किए गए। 
    श्री सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्त ने प्रतिभागियों को क्षेत्र में उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और कहा, "आज मुझे लोकतंत्र के लिए आप लोगों ने स्‍वेच्‍छापूर्वक जो योगदान दिया है और कार्य किया है उसके बारे में सुनने के बाद बहुत अच्छा लगा। ऐतिहासिक मतदाता टर्नआउट विभिन्न हितधारकों के निरंतर प्रयासों की परिणति है। एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के पश्चात, हमारे पास अभी भी चुनौतियां हैं और जिन्हें सतत प्रयासों के माध्यम से ही हल किया जा सकता है। युवा ऊर्जा के भंडार हैं। कॉलेजों में छात्र सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमारे सबसे युवा मतदाता हैं। कॉलेज ईएलसी को मतदान के लिए उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के महत्व पर उन्‍हें जानकारी देकर उन्‍हें सशक्त बनाना चाहिए।” 
    उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के सभी मतदान बूथों में यह संदेश जाना चाहिए कि स्याही का अत्यधिक महत्व है और इसे लोगों की आम भाषा में पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने सीएसओ सहभागियों से समस्याओं और खास-खास खामियों की पहचान करने और आगामी निर्वाचनों में मतदाता की भागीदारी बढ़ाने के लिए आयोग को अपने सुझाव देने का आग्रह किया।
     
    कार्यशाला के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए महासचिव, श्री उमेश सिन्हा ने कहा, "निर्वाचक साक्षरता क्लबों की स्थापना के माध्यम से, हम एक ऐसा बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं जो बड़ा होकर निर्वाचन अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने के लिए निर्वाचन जागरूकता के दीपक के रूप में काम करेगा। मेरा मानना है कि निर्वाचन लोकतंत्र का आधार होते हैं और लोकतंत्र की इमारत में हर मतदाता ईंट की तरह होता है। मतदान करने का आपका अधिकार केवल एक अधिकार नहीं है-यह समान रूप से एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जो राष्ट्र के निर्माण में योगदान देती है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोग पर्याप्त रूप से जिम्मेदारी महसूस करें और प्रत्‍येक निर्वाचन में भाग लें।" श्री उमेश सिन्हा ने स्वीप प्रभाग को सीएसओ और अन्य प्रतिभागियों द्वारा दिए गए फीडबैक और सुझावों को संकलित करने और आयोग को प्रस्तुत करने का निदेश दिया।  
    निर्वाचक साक्षरता क्लबों पर पृष्ठभूमि टिप्‍पणी
     
    अपने प्रमुख कार्यक्रम 'सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता' (स्वीप) के तहत, शैक्षिक संस्थानों/ संगठनों के माध्यम से निर्वाचक साक्षरता को मुख्य धारा में लाने  की परियोजना शुरू की गई जिसमें प्रत्येक शिक्षण संस्थान में निर्वाचक साक्षरता क्लब स्‍थापित करने और औपचारिक शिक्षा प्रणाली से बाहर के लोगों को कवर करने के लिए प्रत्‍येक बूथ पर चुनाव पाठशाला की स्थापना करने की परिकल्पना की गई थी। ईएलसी, जिसे 25 जनवरी, 2018 को 8वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर शुरू किया गया था, प्रत्‍यक्ष अनुभव के माध्यम से निर्वाचक भागीदारी की संस्कृति को विकसित और सुदृढ़ीकृत करने के लिए निर्वाचन साक्षरता के एक जीवंत केंद्र के रूप में काम करेगा। अब तक, देश भर में 5,80,620 निर्वाचक साक्षरता क्लब स्थापित किए जा चुके हैं। 
    संपूर्ण परियोजना युवा और भावी मतदाताओं के लिए भांति-भांति के सह-पाठ्यक्रम और पाठ्येतर पद्धतियों के माध्यम से मतदाता शिक्षा को प्रासंगिक और व्यावहारिक बनाए रखने के इर्द-गिर्द केंद्रित है। संयोजक द्वारा एक संसाधन मार्गदर्शिका का उपयोग करके निर्वाचक साक्षरता क्लबों और चुनाव पाठशाला की गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं, जहाँ प्रत्येक गतिविधि के संचालन के लिए चरण-दर-चरण निर्देश दिए जाते हैं। कक्षा IX से XII, कॉलेजों और समुदायों के लिए अलग-अलग संसाधन पुस्तकें विकसित की गई हैं। हरेक वर्ष में गतिविधियों का कैलेंडर भी निर्दिष्‍ट किया गया है। प्रत्‍येक श्रेणी के लिए विशिष्ट अधिगम परिणाम सहित कुल मिलाकर 6-8 गतिविधियां, जिनमें कुल मिलाकर 4 घंटें चलने वाली सामग्री है, अभिज्ञात की गई हैं। 
    आयोग का प्रयास यह है कि ईएलसी परियोजना को दीर्घस्‍थायी बनाया जाए तथा सभी माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों, मतदान केंद्रों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों और कॉरपोरेट में ईएलसी की स्थापना के इसके विज़न को प्राप्त किया जाए। निर्वाचक साक्षरता क्लबों की परिकल्‍पना दुनिया के सबसे बड़े निर्वाचक साक्षरता आंदोलन के रूप में की गई है जिसके माध्यम से हम 'कोई भी मतदाता न छूटे' के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 24 December 2019

  11. General election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 – Ban on Exit Poll.

    No. ECI/PN/111/2019                                           
    Dated: 23rd November, 2019
     
    Press Note
    Sub: General election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 – Ban on Exit Poll.
    Election Commission of India, in exercise of the powers under sub-section(1) of Section 126A of the Representation of the People Act, 1951 has notified the period between 7.00 A.M. on 30th November, 2019 (Saturday) and 5.30 P.M. on 20th December, 2019 (Friday) as the period during which conducting any exit poll and publishing or publicizing the result of exit poll by means of the print or electronic media or in any other manner shall be prohibited in the ongoing General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019.
    Further, under Section 126(1)(b) of the Representation of the People Act, 1951, displaying any election matter including results of any opinion poll or any other poll survey, in any electronic media, would be prohibited during the period of 48 hours ending with the hour fixed for conclusion of poll in the respective polling areas in each phase of the aforesaid General election.
    Notification dated 18th November, 2019 issued in this regard is enclosed herewith for the information of all concerned.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 November 2019

  12. ECI appoints Sh M K Das as Special Police Observer for Jharkhand Assembly Elections

    No.  ECI/PN/110/2019        
    Dated: 23rd November, 2019
    ECI appoints Sh M K Das as Special Police Observer for Jharkhand Assembly Elections
    Election Commission of India has appointed Sh Mrinal Kanti Das (IPS 1977 Retd) as Special Police Observer for the ensuing Elections to the State Legislative Assembly of Jharkhand 2019. The Election Commission took the decision in light of the specific challenges of Left Wing Extremism affecting the Law and Order situation in Jharkhand. Sh M K Das will reach Ranchi today to take up his new responsibility and oversee the deployment and other security related issues there. 
    It may be recalled that Sh Das retired as Director General of Manipur Police and was also deputed earlier as Special Observer for Tripura and Mizoram during the 2019 Lok Sabha Elections.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 27 November 2019

  13. ECI to establish a Visiting Chair on Interdisciplinary Approach to Electoral Studies in memory of former CEC Sh T N Seshan

    No. ECI/PN/109/2019 
    Dated: 16th November, 2019
    PRESS NOTE
     
    ECI to establish a Visiting Chair on Interdisciplinary Approach to Electoral Studies in memory of former CEC Sh T N Seshan
    Chair will be mentored by Sh N Gopalaswami Former CEC
    CEC Delivers the Keynote Address at Law Conclave at NIRMA University, Ahmedabad
     
    To commemorate and celebrate Sh T N Seshan’s special connect with the young and aspiring India, Election Commission of India has decided to establish and fund a Visiting chair on interdisciplinary approach to Electoral Studies in the Centre for Curriculum Development at India international institute of Democracy and Election Management( IIIDEM ), New Delhi from 2020-2025. The Chair will be mentored by Sh N Gopalaswami Former CEC.
    Chief Election Commissioner Sh Sunil Arora today announced this decision while delivering the Keynote address at the Institute of Law, NIRMA University, Ahmedabad. President of NIRMA University, Dr Karsanbhai K Patel, Sh.Umesh Sinha Secretary General ECI, Vice Chancellor-Dr. Anup Singh, Dr Purvi Pokhariyal, Director, Institute of Law, faculty and students were present on the occasion. Sh Arora had been invited by the University on the occasion of Law Conclave organized in memory of the legendary Constitutional expert, economist and jurist par excellence Shri Nani Palkhiwala.  
    Speaking on the occasion Sh Arora said “Sh T N Seshan’s enduring contribution to the cause of probity, transparency and integrity in various aspects of the electoral process in India has made his name synonymous with electoral best practices worldwide. In his memory thus ECI would establish the Chair. It shall be our endeavour to ensure that the Chair becomes fully functional during the next academic session  August- September, 2020.” The detailed modalities of the establishment of the Chair shall be worked out by Sh. Umesh Sinha, Secretary General, Sh. Dharmendra Sharma, DG IIIDEM and Mona Sreenivas, Director ECI and will be presented to the Commission by March 15, 2020. The Visiting Chair programme will be targeted to young academics with proven track record in fields relatable to electoral studies. The Chair will also be expected to curate one National Level Seminar on specific aspects of Electoral Studies. The Visiting Chair will also supervise designing and development of interdisciplinary curriculum/ modules for further training and research at the IIIDEM.
    Delivering his lecture on Electoral law - its evolution and practice in India, Chief Election Commissioner said “Coincidentally, the 70th Anniversary of the adoption of the Constitution of India on 26th November, 1950 is close at hand, affording an opportunity for all of us to deliberate upon the path ahead”. 
    Sh Arora said “Our Constitution is a living document. In many ways, it is also an evolving document which has endured the test of times. From its very inception, the Constitution has spelt, for each and every Indian, a vocabulary of rights, entitlements, duties as well as the trinity of equality, freedom and dignity which make life meaningful” CEC said. The Election commission, like any institution, has to constantly reinvent itself in order to confront new and emerging challenges”, CEC stated.
     Shri Arora said “The electoral journey has been remarkable. Yet we cannot sit on past laurels. The Commission is committed to bring more reforms to ensure that the process become more in sync with the times, the current technologies and enhanced voter participation. Recently, the concept of Absentee voters has been made part of our process. We hope to have more than one qualifying dates for eligibility of voters. We have large number of overseas population and we need to devise a mechanism to facilitate their participation in the electoral process. We also need to work harder to curb the menace of money power, misinformation and to check the criminal elements in the arena of elections.” He added that “the roots of democracy run deep in our consciousness. So does an inherent sense of what constitutes right and wrong. Given this, I can say with conviction that the voter of this country is no longer naïve, passive recipient in the play of political democracy. Despite the fact that voting is not compulsory, more than 67% people come out to vote especially the women, senior citizens and persons with disability. “The strength lies in “We the People”. It is the collective power of the People that is invoked through the Constitution” Sh Arora emphasized.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 18 November 2019

  14. कर्नाटक और उत्‍तर प्रदेश से राज्‍य सभा के लिए उप-निर्वाचन-तत्‍संबंधी।

    ईसीआई/प्रेस नोट/108/2019
    दिनांक: 14 नवंबर, 2019
     
    प्रेस नोट
     
    कर्नाटक और उत्‍तर प्रदेश से राज्‍य सभा के लिए उप-निर्वाचन-तत्‍संबंधी।
    राज्‍य सभा के दो आकस्मिक रिक्तियां हैं जो निम्‍नलिखित ब्‍यौरे के अनुसार कर्नाटक और उत्‍तर प्रदेश से प्रत्‍येक से एक-एक है:
     
    राज्‍य
    सदस्‍य का नाम
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तारीख
    कार्यकाल
    कर्नाटक
    के.सी. रामामूर्ति
    त्‍यागपत्र
    16.10.2019
    30.06.2022
    उत्‍तर प्रदेश
    डा. तज़ीन फातिमा
    त्‍यागपत्र
    03.11.2019
    25.11.2020
     
    आयोग ने निम्‍नलिखित  अनुसूची के अनुसार उपर्युक्‍त रिक्तियों को भरने के लिए कर्नाटक और उत्‍तर प्रदेश से राज्‍य सभा के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करवाने का निर्णय लिया है:-
     
    क्रम सं.
    कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
     
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    25 नवम्‍बर, 2019 (सोमवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    02 दिसंबर, 2019 (सोमवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    03 दिसंबर, 2019 (मंगलवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    05 दिसंबर, 2019 (गुरूवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    12 दिसंबर, 2019 (गुरूवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराहन 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    12 दिसंबर, 2019 (गुरूवार) को अपराह्न 5.00 बजे
    8.
    वह तारीख जिससे पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न करवा लिया जाएगा
    16 दिसंबर, 2019 (सोमवार)
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 18 November 2019

  15. श्री टी.एन शेषन, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त के निधन पर आयोग द्वारा शोक प्रकट करना

    सं. ईसीआई/प्रेनो/107/2019                               
    दिनांकः 11 नवम्बर,2019
    प्रेस नोट
    श्री टी.एन शेषन, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त के निधन पर आयोग द्वारा शोक प्रकट करना
     श्री शेषन राष्ट्र के लिए सदैव एक आदर्श रहेंगेः श्री सुनील अरोड़ा, मुख्य निर्वाचन आयुक्त
          भारत निर्वाचन आयोग ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री टी एन शेषन के कल देर रात्रि चेन्नई में निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। श्री शेषन के सम्मान में आज निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में पूर्वाह्न 11:15 बजे एक शोक सभा आयोजित की गई। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त को आयोग की तरफ से अंतिम सम्मान देने के लिए श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्त चेन्नई पहुंच रहे हैं।
    आयोग द्वारा श्री टी.एन-शेषन के निधन पर शोक संदेश निम्नलिखित अनुसार हैः
     शोक संदेश
    (स्वर्गीय) श्री टी.एन. शेषन, भारत के 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त
          भारत निर्वाचन आयोग ने अपने 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री तिरूनेल्लई नारायण अय्यर शेषन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । श्री टी.एन. शेषन भारतीय प्रशासनिक सेवा के तमिलनाडु संवर्ग के 1955 बैच के एक उत्कृष्ट अधिकारी थे जो 12 दिसम्बर, 1990 से 11 दिसम्बर, 1996 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे। इससे पहले वे मंत्रिमंडल सचिव थे।
          उन्होंने आयोग के लिए उच्च मानदण्ड स्थापित किए और वे अपने जीवनकाल में ही ख्यातिप्राप्त व्यक्ति बन गये थे। वे हमारे लिए और सभी मुख्य निर्वाचन आयुक्तों एवं भावी निर्वाचन आयुक्तों के लिए सर्वदा प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे।
          श्री शेषन ने निर्वाचन प्रक्रिया के सभी सिद्धांतों को पुनः परिभाषित किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का सांवैधानिक पद धारण करते हुए उन्होंने निर्वाचकीय कुप्रथाओं पर प्रहार करते हुए आयोग का कद बढ़ाया औऱ हिंसा तथा बाहुबल पर कड़ाई से या यूँ कहिए. निष्ठरतापूर्वक कार्रवाई की, जो कि उनके कार्यभार ग्रहण करते समय चरम सीमा पर थे।
     उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन आयोग को प्रदान किए गए प्राधिकार और स्वायत्तता को भली पुनः लौटाया। उन्होंने केवल निर्वाचन प्रक्रिया के प्रबंधक के रूप में अनुवीक्षण से इंकार करते हुए धन, शराब, बाहुबल, बूथ कैप्चरिंग इत्यादि जैसी निर्वाचन संबंधी बुराइयों से निर्वाचनों का सक्रियता से शुद्धिकरण आरंभ किया। उन्होंने स्वयं को एक पेशेवर नौकरशाह से एक ऐसे 'भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त' के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिसने लोगों को मत की शक्ति से अवगत करवाया।
    श्री शेषन एक योग्य व्यक्ति थे जो अपनी योग्यता के अनुसार सही समय पर सही जगह पर थे। वे निर्वाचकीय भ्रष्टाचार को जड़ से उखाडने वाले योद्धा का प्रतीक बन गए थे। उन्होंने इस प्रकार का वातावरण और चेतना जागृत की, जिससे नागरिकों ने ऐसा महसूस किया कि वे ही निर्वाचनों में मुख्य स्टेकहोल्डर हैं।
    हालांकि अपने जीवन के आखिरी 22 वर्षों से वे सेवानिवृत जीवन व्यतीत कर रहे थे तथापि, वे अधिकांश लोगों के लिए लीविंग लीज़ैंड बन गए थे। वे आज भी युवाओं की कल्पना को उतना ही मंत्रमुग्ध कर रहे हैं जितना कि वृद्ध लोगों की। वे उत्कृष्ट सांस्कृतिक मूल्यों से परिपूर्ण थे जिसके कारण उन्होंने सम्मुख आने वाली अनेक कठिनाइयों का डट कर सामना किया।
    उन्हें सदैव भारत निर्वाचन आयोग तथा राष्ट्र के लिए एक आर्दश के रूप में देखा जाएगा। श्री शेषन ने आयोग के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ी है और वे भारत निर्वाचन आयोग के प्रत्येक पदाधिकारी के लिए सदैव प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगें।
    हम महान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 18 November 2019

  16. झारखण्‍ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी।

    सं.: ईसीआई/प्रे.नो./106/2019/संचार 
    दिनांक: 04 नवंबर, 2019
     
    प्रेस नोट
    विषय: झारखण्‍ड  विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी।
     झारखण्‍ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग द्वारा जारी दिनांक 04 नवंबर, 2019 के आदेश संख्‍या 437/टीए-वि.स/1/2019/संचार की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 06 November 2019

  17. झारखण्ड राज्य विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2019-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/105/2019     दिनांक : 04 नवम्बर, 2019
    प्रेस नोट
    विषय:    झारखण्ड राज्य विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2019-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।
     
    झारखण्ड राज्य विधान सभा के साधारण निर्वाचन,2019 आयोजित कराने संबं‍धी अनुसूची दिनांक 1 नवम्बर, 2019 को घोषित कर दी गई है। राज्य में दिनांक 30.11.2019, 07.12.2019, 12.12.2019, 16.12.2019 तथा 20.12.2019  को 05 (पांच) चरणों में मतदान आयोजित किया जाना  निर्धारित है। लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप माध्‍यम/साधनों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे उद्धृत किए गए हैं:-
     
    (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाली अड़तालीस घंटो की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिबंध-
    (1)    कोई भी व्‍यक्ति-
    (क)  ..............................
    (ख)  चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरणों के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे;
    (ग)   ...................................................................
    मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान
     
    (2) वह व्‍यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा कारावास में, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।
     
    (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या प्रकल्पित है)।
    2.     निर्वाचनों के दौरान कभी-कभी टी.वी चैनलों द्वारा उनकी पैनल चर्चाओं/ वाद-विवाद तथा अन्‍य  समाचारों और वर्तमान मामला कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त  धारा 126 के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। विगत मे भी आयोग ने यह स्‍पष्‍ट किया था कि उक्‍त  धारा 126, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’  को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या परिकल्पित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय होगा।
     
    3.     आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा टेलीविजन प्रसारित/रेडिया प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय सूची में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों द्वारा दिए गए विचारों/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की संभावनाओं को प्रोत्‍साहित करने/प्रतिकूल प्रभाव डालने का अर्थ लगाया जाए। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपीनियन पोल तथा वाद-विवादों के परिणामों विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा।
     
    4.     इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि सभी राज्यों में मतदान प्रारंभ होने से तथा मतदान समाप्त होने के आधा घंटा बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल आयोजित करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है।
    5.     लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफ एम चैनल आउटडोर किसी भी प्रसारण संबंधी घटनाओं (एग्जिट पोल के अलावा) के संचालन, जो शालीनता, सांप्रदायिक एकता के अनुसरण आदि के संबंध में केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्‍वतंत्र है। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनीतिक विषय पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और दिशानिर्देश संख्या 491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्टूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसी अनुमति देते हुए कानून और व्‍यवस्‍था की स्थिति सहित सभी संगत पहलू ध्‍यान में रखेंगे। जहां तक राजनीतिक विज्ञापनों का संबंध है, आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व प्रमाणन किया जाना आवश्यक  है।
     
    6.     निर्वाचन के दौरान पालन करने हेतु प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा जारी निम्‍नलिखित दिशा-निर्देशों की ओर सभी प्रिन्‍ट मीडिया का भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है:
     
     
    (i)        प्रेस का यह कर्तव्‍य होगा कि वह निर्वाचनों तथा अभ्‍यर्थियों के बारे में विषयपरक रिपोर्ट दें। समाचार पत्रों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे निर्वाचनों के दौरान किसी अभ्‍यर्थी/पार्टी या घटना के बारे में अतिशोक्तिपूर्ण रिपोर्टों और दूषित निर्वाचन प्रचारों में हिस्‍सा लें। व्‍यवहार में, दो या तीन कड़ी प्रतियोगिता वाले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी सारी मीडिया को अपनी ओर ध्‍याना‍कर्षित करते हैं। वास्‍तविक प्रचार पर रिपोर्ट तैयार करते समय समाचार पत्र में ऐसा कोई महत्‍वपूर्ण बिंदु नहीं छोड़ना चाहिए जो कि अभ्‍यर्थी द्वारा उठाया गया हो और जो उसके विरोधी पर आक्षेप लगाता हो।
     
    (ii)       सांप्रदायिक या जाति आधार पर वोट मांगते हुए निर्वाचन प्रचार करना निर्वाचन नियमावली के अधीन निषेध है। अत:, प्रेस को धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच विद्वेष या घृणा की भावना को बढ़ावा देने से बचना चाहिए।
     
    (iii)      प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी के आचारण और उसके निजी चरित्र के संबंध में कोई मिथ्‍या या आलोचनात्‍मक वक्‍तव्‍य अथवा उसकी अभ्‍यर्थिता या नाम वापस लेने के संबंध में किसी प्रकार के प्रकाशन से बचना चाहिए ताकि निर्वाचनों में उस अभ्‍यर्थी की अपेक्षाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित न होने पाएं। प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी/दल के विरूद्ध असत्‍यापित आरोपों को प्रकाशित नहीं करना चाहिए।
     
    (iv)         प्रेस, किसी अभ्‍यर्थी/दल को सुव्‍यक्‍त करने में वित्‍तीय अथवा अन्‍य किसी प्रकार के प्रलोभन को स्‍वीकार नहीं करेगा। यह किसी अभ्‍यर्थी/दल की ओर से उनको दी जाने वाली कोई भी सुविधा या आतिथ्‍य स्‍वीकार नहीं करेगी।
     
    (v)          प्रेस से किसी विशेष अभ्‍यर्थी/दल के प्रचार में शामिल होने की अपेक्षा नहीं की जाती है। यदि यह ऐसा करती है तो यह ऐसे अन्‍य अभ्‍यर्थी/दल को इस संबंध में जवाब देने के अधिकार की अनुमति भी देगी।
    (vi)         प्रेस, सत्‍ताधारी पार्टी/सरकार की उपलब्धियों के संबंध में सरकारी खर्च/राजकोष पर किसी विज्ञापन को स्‍वीकार/प्रकाशित नहीं करेगी।
     
    (vii)     प्रेस, निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग अधिकारियों या मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निदेशों/आदेशों/अनुदेशों का पालन करेगी।
     
    7.     एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है :-
     
    (i)        समाचार (न्‍यूज़) प्रसारकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तथा लोक प्रतिनिधित्‍व  अधिनियम, 1951 के अधीन निर्धारित नियमों तथा विनियमों के अनुसार सुसंगत निर्वाचन मामलों, राजनैतिक दलों, अभ्‍यर्थियों, अभियान मामलों तथा मतदान प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को वस्‍तुनिष्‍ठ तरीके से सूचित करने का प्रयास करना चाहिए।
    (ii)       न्‍यूज़ चैनलों को पार्टी या अभ्‍यर्थी के संबंध में किसी भी प्रकार की राजनैतिक संबद्धता का उल्‍लेख करना चाहिए। जब तक वे सार्वजनिक रूप से किसी विशेष पार्टी या अभ्यर्थी का समर्थन नहीं करते हैं, समाचार प्रसारकों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे अपनी निर्वाचन संबंधी रिपोर्टिंग में संतुलित एवं निष्‍पक्ष बने रहें।
    (iii)      न्‍यूज़ प्रसारकों को सभी प्रकार की अफवाहों, निराधार अटकलबाजियों तथा गलत सूचना देने से बचना चाहिए, विशेषत:, जब यह किन्‍ही विशेष दलों या अभ्‍यर्थियों के संबंध में हो। ऐसा कोई भी अभ्‍यर्थी/राजनैतिक दल जो कि इस प्रकार से बदनाम किया गया है या मिथ्‍या निरूपण, गलत सूचना देने या सूचना के प्रसारण द्वारा समरूप क्षति से पीडि़त है, तो उसमें तुरंत सुधार लाया जाए और जहां उचित लगे जवाब देने का अवसर भी प्रदान किया जाए।
    (iv)      समाचार प्रसारकों को ऐसे सभी राजनैतिक तथा वित्‍तीय दबावों से बचना चाहिए जो कि निर्वाचनों की कवरेज तथा निर्वाचन संबंधी मामलों पर प्रभाव डालते हों।
    (v)       समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों में प्रसारित संपादकीय तथा विशेषज्ञ राय के बीच स्‍पष्‍ट अंतर रखना चाहिए।
    (vi)      वे समाचार प्रसारक जो राजनैतिक दलों से वीडियो सामग्री प्राप्‍त करते है, उन्‍हें इसका उल्‍लेख करना चाहिए और इसे उचित रूप से टैग भी करना चाहिए।
    (vii)     घटनाओं, तारीखों, स्‍थानों और उद्धरणों के संबंध में निर्वाचनों तथा निर्वाचन संबंधी मामलों से संबंध रखने वाले समाचारों/कार्यक्रमों की प्रत्‍येक मूलवस्‍तु के संबंध में यथार्थता सुनिश्चित करते समय विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। यदि गलती से या असावधानी से किसी गलत सूचना का प्रसारण हो जाता है तो जैसे ही प्रसारक के ध्‍यान में यह बात आती है तो वह उसे उसी विशिष्‍टता से संपन्‍न करेगा जैसे कि मूल प्रसारण के समय किया था।
    (viii)    समाचार प्रसारकों, उनके संवाददाताओं और अधिकारियों को धन, किसी प्रकार का उपहार या ऐसा कोइ समर्थन स्‍वीकार नही करना चाहिए जो उन पर किसी प्रकार का प्रभाव डाले या प्रभाव डालता हुआ प्रतीत हो, हितों संबंधी विरोध उत्‍पन्‍न करे या प्रसारक अथवा उसके कार्मिक की विश्‍वसीनयता को क्षति पहुंचाए।
    (ix)       समाचार प्रसारक किसी प्रकार का ‘घृणापूर्ण भाषण’ या अन्‍य प्रकार के आपित्‍तजनक अंशों का प्रसारण नहीं करेंगे जिससे हिंसा या जनाक्रोश को बढ़ावा मिले या अव्‍यवस्‍था फैले क्‍योंकि सांप्रदायिक या जाति  के आधार पर प्रचार करना निर्वाचन विधि के अधीन निषेध है। समाचार प्रसारकों को ऐसी रिपोर्टों से कड़ाईपूर्वक परहेज करना चाहिए जिससे धर्म, वंश, समुदाय, क्षेत्र या भाषा के आधार पर वैमनस्‍यता या घृणा की भावना को बढ़ावा मिले।
    (x)        समाचार प्रचारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाचारों तथा पेड सामग्री का अंतर बनाए रखने में सावधानी बरतें। सारी पेड सामग्री पर ‘‘पेड विज्ञापन’’ या ‘‘पेड सामग्री’’ स्‍पष्‍ट रूप से
    चिहनित किया जाना चाहिए और एनबीए द्वारा जारी दिनांक 24.11.2011 के ‘‘पेड न्‍यूज़ पर प्रतिमानक और दिशा-निर्देश’’ के अनुसरण में पेड सामग्री कार्यान्वित होने चाहिएं।
     
    (XI)  ओपीनियन पोल को रिपोर्ट करते समय उसकी सटीकता और निष्‍पक्षता का विशेष ध्‍यान रखना        चाहिए, दर्शकों के लिए यह खुलासा किया जाना चाहिए, कि ओपीनियन पोल के संचालन और उसके प्रसारण के लिए उन्‍हें किसने अधिकृत किया है, किसने उसका संचालन किया है और किसने उसके लिए भुगतान किया है। यदि किसी समाचार प्रसारक के पास ओपीनियन पोल अथवा अन्‍य निर्वाचन प्रेक्षणों का परिणाम है तो उसे ऐसे मतदानों की उनकी सीमाबद्धता सहित सीमाओं तथा कार्यक्षेत्र और उसका संदर्भ या उल्‍लेख अवश्‍य करना चाहिए। ओपीनियन पोल के प्रसारण के साथ ऐसी सूचना भी अवश्‍य दी जानी चाहिए जिससे दर्शक मतदान का महत्‍व यथा प्रयुक्‍त पद्धति, सैंपल का आकार, त्रुटियों की गुंजाइश, फील्‍डवर्क तारीखें तथा प्रयोग किए गए आंकड़े को समझ सकें। प्रसारक को इस संबंध में भी सूचना देनी चाहिए कि वोट शेयर किस प्रकार सीट शेयर में बदल जाता है।
    (xii)प्रसारक, लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम,1951 की धारा (1)(ख) के उल्लंघन में, मतदान समाप्त होने के नियत समय के साथ 48 घंटे के दौरान कोई भी “निर्वाचन सामग्री”, अर्थात निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य या मंशा से प्रसारित नहीं करेगा।
    (xiii) भारत निर्वाचन आयोग, समाचार प्रसारकों द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से निर्वाचनों की समाप्ति और निर्वाचनों परिणामों की घोषणा तक किए गए प्रसारणों का अनुवीक्षण करेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण(एनबीएसए) को सदस्‍य प्रसारक द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के उल्‍लंघन के मामले की शिकायत पर एनबीएसए द्वारा इसके विनियमों के अधीन ही कार्रवाई की जाएगी।
    (xiv) प्रसारकों को, संभव स्‍तर तक, मतदान प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं को प्रभावी रूप से सूचित करने के लिए मतदान का महत्‍व बताने तथा साथ ही कैसे, कब और कहां वोट करें, वोट के लिए रजिस्‍टर कराने और मतपत्र की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदाता शिक्षा कार्यक्रम चलाने चाहिए।
    (xv)   समाचार प्रसारकों को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा औपचारिक रूप से परिणामों की घोषणा किए जाने तक किसी भी प्रकार के अंतिम, औपचारिक और निश्‍चित परिणामों का प्रसारण नहीं करना चाहिए जब‍तक कि ऐसे परिणामों में इस बात का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख न हो कि वे अनाधिकारिक हैं या अधूरे या अपूर्ण परिणाम अथवा प्रक्षपेण हैं जिन्‍हें अंतिम परिणामों के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
     
    8.     इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया के लिए “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” भी विकसित किया है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता झारखण्ड के विधान सभा निर्वाचन, 2019 में भी लागू  होती है। सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “वोलंटेरी कोड ऑफ एथिक्स” के निम्नलिखित पाठ की ओर आकर्षित किया जाता है:
    i.     प्रतिभागियों का प्रयास होगा, जहां उपयुक्त हो, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, उनके उत्पादों और / या सेवाओं पर निर्वाचकीय मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उपयुक्त नीतियों और प्रक्रियाओं को तैनात किया जाए।
    ii.    प्रतिभागियों का यह प्रयास होगा के वे स्वैच्छिक रूप से सूचना, शिक्षा और संचार अभियान चलाने के लिए निर्वाचकीय कानूनों और अन्य संबंधित निर्देशों सहित जागरूकता पैदा करने का प्रयास करेंगे। प्रतिभागियों का यह भी प्रयास होगा कि वे अपने उत्पादों/सेवाओं पर ईसीआई में नोडल अधिकारी को प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रयास करेंगे, जिसमें कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अनुरोध भेजने के लिए तंत्र भी शामिल है।
    iii.    प्रतिभागियों और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक अधिसूचना तंत्र विकसित किया है जिसके द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, विधि द्वारा स्थापित प्रक्रियायों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 और अन्य प्रयोज्य निर्वाचन विधियों के संभावित उल्लंघनों के बारे में प्रासंगिक प्लेटफार्मों को अधिसूचित कर सकता है। सिन्हा समिति की सिफारिशों के अनुसार धारा 126 के तहत उल्लिखित उल्लंघनों के 3 घंटे के भीतर लिए इन वैध कानूनी आदेशों को स्वीकृत और/या कार्रवाई की जाएगी। अन्य सभी वैध कानूनी अनुरोधों पर उल्लंघन की रिपोर्ट की प्रकृति के आधार पर प्रतिभागियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी।    
    iv.    प्रतिभागी साधारण निर्वाचनों की अवधि के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाली समर्पित रिपोर्टिंग तंत्र तैयार/उसका मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं और समर्पित व्यक्ति(यों)/(टीमों) की नियुक्ति कर रहे हैं। ये व्यक्ति/टीमें इंटरफेस करेंगी और आयोग से ऐसे विधिपूर्ण अनुरोध प्राप्त होने पर नियत विधिक प्रक्रिया का पालन करके त्वरित कार्रवाई करने में सहायता करने के लिए फीडबैक का आदान-प्रदान करेंगी।
    v.    प्रतिभागी विधि के अधीन उनके दायित्वों के अनुसार राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा ताकि निर्वाचन संबंधी विज्ञापनों, जिसमें साथ-साथ आयोजित कराए जाने वाले निर्वचनों के लिए और हरियाणा और महाराष्ट्र विधान सभा के निर्वाचनों एवं विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप निर्वाचनों के लिए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों के नाम हों,के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और/या भारत निर्वाचन आयोग के मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) द्वारा जारी पूर्व प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सके। इसके अतिरिक्त, ईसीआई द्वारा प्रतिभागियों को अधिसूचित रूप से राजनीतिक विज्ञापनों का भुगतान करने की प्रक्रिया / कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी जो इस तरह के प्रमाणीकरण की सुविधा नहीं देते हैं।
    vi.    प्रतिभागी पेड राजनीतिक विज्ञापनों के साथ-साथ इस तरह के विज्ञापनों के लिए पहले से मौजूद लेबल/डिस्क्लोजर तकनीक का उपयोग करने में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
    vii.   प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग से इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के माध्यम से प्राप्त वैध अनुरोध के अनुसार, उनके संबंधित प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों पर एक अपडेट प्रदान करेंगे।
    viii.   आईएएमएआई इस कोड के तहत किए गए उपायों पर प्रतिभागियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा और निर्वाचन अवधि के दौरान आईएएमएआई तथा प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के साथ निरंतर सम्पर्क में रहेंगे।
    उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत् रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 06 November 2019

  18. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड हेतु विशेष व्‍यय प्रेक्षक की नियुक्‍त‍ि करना

    सं.:  ईसीआई/प्रेनो/104/2019                            
    दिनांक:  03 नवंबर, 2019
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड हेतु विशेष व्‍यय प्रेक्षक की नियुक्‍त‍ि करना
          भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधान सभा के आगामी निर्वाचनों के लिए विशेष व्‍यय प्रेक्षक के रुप में श्री बी. मुरली कुमार (पूर्व आई आर एस 1983) को नियुक्‍त किया है।
          मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, झारखंड के परामर्श से विशेष प्रेक्षक निर्वाचकीय तंत्र द्वारा किए जा रहे कार्य का पर्यवेक्षण और अनुवीक्षण करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि नकदी, शराब और मुफ्त उपहार इत्‍यादि बांटकर मतदाताओं को प्रलोभित करने का प्रयास करने वाले सभी व्‍यक्तियों/संस्‍थाओं के विरुद्ध सी-विजिल ऐप और मतदाता हेल्‍पलाइन 1950 के माध्‍यम से प्राप्‍त शिकायतों और आसूचना सामग्री के आधार पर कठोर और प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई की जाए।
          यह स्‍मरणीय है कि आयकर विभाग के अन्‍वेषण विंग में उनके पिछले अनुभव को देखते हुए श्री बी. मुरली कुमार को 8-वेल्‍लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र में हाल ही में संपन्‍न हुए विधान सभा निर्वाचनों के लिए भी विशेष व्‍यय प्रेक्षक नियुक्‍त किया गया था।

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  19. आयोग द्वारा झारखंड राज्‍य में विधान सभा निर्वाचन, 2019 हेतु सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों की ब्रीफ्रिंग बैठक आयोजित करना।

    सं.:  ईसीआई/प्रेनो/103/2019       दिनांक:  02 नवंबर, 2019                                                       
    प्रेस नोट
    आयोग द्वारा झारखंड राज्‍य में विधान सभा निर्वाचन, 2019 हेतु सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों की ब्रीफ्रिंग बैठक आयोजित करना।
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज झारखंड विधान सभा के आगामी निर्वाचनों हेतु तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग बैठक आयोजित की, जिसके लिए अनुसूची की घोषणा 01 नवंबर, 2019 को की गई थी। झारखंड में 30 नवंबर, 07 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर, 2019 की मतदान तारीखों को पांच चरणों में मतदान होगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और साथ ही भारतीय राजस्‍व सेवा तथा अन्‍य केंद्रीय सेवाओं से लिए गए लगभग 300 अधिकारियों को सामान्‍य, पुलिस और व्‍यय प्रेक्षकों के रुप में नियुक्‍त किया जा रहा है।
    मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि निर्वाचनों के सुचारू और निष्‍पक्ष एवं पक्षपातरहित आयोजन के लिए प्रेक्षकों की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि आयोग द्वारा प्रेक्षकों को विशेष रुप से सशक्‍त किया गया है ताकि वे जमीनी स्‍थि‍ति का आकलन कर आवश्‍यक निर्णय ले सकें। उन्‍होंने अधिकारियों को आश्‍वासन दिया कि फील्‍ड ड्यूटी पर निष्‍कपट कार्रवाई करने वालों का आयोग हमेशा साथ देगा। श्री अरोड़ा ने प्रेक्षकों को निदेश दिया कि उन्‍हें फील्‍ड में दृश्‍यमान, सुलभ और उपलब्‍ध होना चाहिए और विशेष रुप से यह निदेश दिया कि प्रेक्षकों का लोगों के साथ व्‍यवहार समानुभूतिपूर्वक होना चाहिए और उन्‍हें सभी स्‍टेकहोल्‍डरों को सुविधा उपलब्‍ध करवानी चाहिए। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने कहा कि जल्‍द ही ईसीआई की टीम राज्‍य का दौरा करेगी और की जा रही  कार्रवाई का आकलन करने के लिए आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से प्रेक्षकों के साथ समीक्षा बैठकें भी करेगा।
    निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा ने सभा को संबोधित करते हुए अधिकारियों का ध्‍यान इस ओर आकृष्‍ट किया कि‍ प्रेक्षक के रुप में उन्‍हें भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सांविधिक ड्यूटी का निर्वहन करना होता है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि झारखंड में प्रेक्षक की ड्यूटी करने की अपनी तरह की कुछ विशिष्‍ट चुनौतियां होंगी, तथापि इसमें प्रतिनियुक्‍त अधिकारियों को अपने कर्त्‍तव्‍यों के निर्वहन में तटस्‍थ और निष्‍पक्ष रहना चाहिए और ''जमीनी स्‍तर पर उन्‍हें आयोग का वास्‍तविक चेहरा होना चाहिए।'' चूंकि पूरा स्‍थानीय तंत्र, प्रेक्षकों को मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रुप में देखता है अत: प्रेक्षक को जागरुक होना चाहिए तथा सभी स्‍टेकहोल्‍डरों के लिए उपलब्‍ध होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि प्रेक्षकों को आयोग के नियमों और मानक प्रचालन प्रक्रियाओं यथा मतदान बूथों पर सुविधाओं का कड़ाईपूर्वक अनुपालन, संवेदनशीलता संबंधी मानचित्रण अथवा गैर-जमानती वारंट का अनुपालन, लाइसेंसी हथियारों को जमा करवाने एवं व्‍यय प्रबंधन मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
    आज आधे दिन तक चलने वाले ब्रीफ्रिंग सत्र में महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग, श्री उमेश सिन्‍हा द्वारा निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्‍वीप के पहलुओं के संबंध में व्‍यापक ब्रीफिंग; वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री संदीप सक्‍सेना द्वारा निर्वाचक नामावली मामलों और आई टी एप्‍लीकेशनों; उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुदीप जैन द्वारा ईवीएम वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली; उप निर्वाचन आयुक्‍त श्री चन्‍द्र भूषण कुमार द्वारा विधिक मामलों के संबंध में सत्र आयोजित किए गए। झारखंड राज्‍य का प्रभारी होने के कारण श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्‍त ने भी राज्‍य तंत्र द्वारा निर्वाचनों की तैयारियों के संबंध में प्रेक्षकों को ब्रीफ किया। महानिदेशक(व्‍यय), श्री दिलीप शर्मा ने व्‍यय प्रबंधन संबंधी मामलों का संक्षिप्‍त विवरण दिया और महानिदेशक (संचार), श्री धीरेन्‍द्र ओझा ने अधिकारियों को पेड न्‍यूज, मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों तथा सोशल मीडिया के संबंध में ब्रीफ किया।
    प्रेक्षकों को यह विशेष रुप से इंगित किया गया कि निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 में विधि मंत्रालय द्वारा हाल ही के संशोधनों के पश्‍चात भारत निर्वाचन आयोग पहली बार अस्‍सी वर्ष के वृद्धजनों और दिव्‍यांग मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा आरंभ करेगा। ऐसे अभिज्ञात मतदाता यदि इस विकल्‍प का प्रयोग करना चाहें, तो उनके पास डाक मतपत्र के माध्‍यम से मत करने का विकल्‍प होगा। अन्‍यथा वे मतदान केंद्र में जाकर भी मतदान कर सकते हैं। आई टी एप्‍लीकेशन यथा एनेबलिंग कॉम्‍युनिकेशन इन रियल टाइम एनवायरमेंट(ENCORE), जो अभ्‍यर्थी का नाम-निर्देशन, शपथपत्रों को अपलोड करना, प्रतीक चिन्‍ह विनिर्दिष्‍ट करना, अभ्‍यर्थियों के नाम-निर्देशन की संवीक्षा करना, अभ्‍यर्थियों के अनुमोदन की संवीक्षा करना, मतों की गणना और परिणाम घोषित करना इत्‍यादि जैसे, विभिन्‍न पहलुओं के संपूर्ण प्रबंधन हेतु निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रयुक्‍त किए जाने हेतु एक एकीकृत पोर्टल है, का प्रभावी और तीव्र कार्यशीलता के लिए प्रयोग किया जाएगा। पंक्‍त‍ि-रहित मतदान प्रणाली, फोटो मतदाता पर्ची की क्‍यू आर कोड रीडिंग इत्‍यादि को सुविधाजनक बनाने हेतु अन्‍य ऐप्‍स भी स्‍वतंत्र, शांतिपूर्ण, समावेशी, सुगम्‍य, नैतिक और सहभागितापूर्ण निर्वाचनों हेतु प्रयोग में लाए जाएंगे।

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  20. झारखंड विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2019 – तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/102/2019          दिनांक: 01 नवंबर, 2019
     
    झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन हेतु अनुसूची
     
    मतदान कार्यक्रम
    चरण I
    चरण II
    चरण III
    चरण IV
    चरण V
    राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तारीख
    06.11.2019
    (बुधवार)
    11.11.2019
    (सोमवार)  
    16.11.2019
    (शनिवार)  
    22.11.2019
    (शु्क्रवार)  
    26.11.2019
    (मंगलवार)  
    नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख
    13.11.2019
    (बुधवार)
    18.11.2019
    (सोमवार)
    25.11.2019
    (सोमवार)
    29.11.2019
    (शुक्रवार)  
    03.12.2019
    (मंगलवार)  
    नामनिर्देशनों की संवीक्षा हेतु तारीख
    14.11.2019
    (गुरूवार)  
    19.11.2019
    (मंगलवार)
    26.11.2019
    (मंगलवार)
    30.11.2019
    (शनिवार)  
    04.12.2019
    (बुधवार)
    अभ्‍यर्थिता वापस लेने की अंतिम तारीख
    16.11.2019
    (शनिवार)
    21.11.2019
    (गुरूवार)  
    28.11.2019
    (गुरूवार)  
    02.12.2019
    (सोमवार)  
    06.12.2019
    (शुक्रवार)  
    मतदान की तारीख
    30.11.2019
    (शनिवार)
    07.12.2019
    (शनिवार)
    12.12.2019
    (गुरूवार)
    16.12.2019
    (सोमवार)
    20.12.2019
    (शुक्रवार)
    मतगणना की तारीख
    23.12.2019
    (सोमवार)  
    23.12.2019
    (सोमवार)   
    23.12.2019
    (सोमवार)  
    23.12.2019
    (सोमवार)   
    23.12.2019
    (सोमवार)  
    समापन की तारीख
    26.12.2019
    (गुरूवार) 
    26.12.2019
    (गुरूवार)
    26.12.2019
    (गुरूवार)
    26.12.2019
    (गुरूवार)
    26.12.2019
    (गुरूवार)

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  21. सं.:ईसीआई/प्रे.नो./101/2019 दिनांक: 28 अक्‍टूबर, 2019 प्रेस नोट विषय: अनिवार्य सेवाओं के अनुपस्थित मतदाताओं, 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्‍ठ नागरिकों और चिह्नित दिव्‍यांग निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र सुविधाएं।

    सं.:ईसीआई/प्रे.नो./101/2019                               
    दिनांक: 28 अक्‍टूबर, 2019
     प्रेस नोट
    विषय: अनिवार्य  सेवाओं के अनुपस्थित मतदाताओं, 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्‍ठ नागरिकों और चिह्नित दिव्‍यांग निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र सुविधाएं।
     
          भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष बल देता रहा है कि दिव्‍यांगजन और वरिष्‍ठ नागरिकों जैसे निर्वाचकों को निर्वाचन प्रक्रिया में उनकी व्‍यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए हर तरह से सुविधा दी जाए। निर्वाचन प्रक्रिया के लिए आयोग द्वारा विभिन्‍न राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों की तैयारी की समीक्षा हेतु कार्यसूची में एक प्रमुख मद इसी प्रकार की अन्‍य श्रेणियों के अलावा इन श्रेणियों को सुविधाएं देना है। इस विषय के दो पहलू हैं, नामत:, अपेक्षित अवसरंचना का सृजन करना और इस प्रक्रिया को सुकर बनाने के लिए उपयुक्‍त विधिक ढांचा तैयार करना। अपनी दिव्‍यांगता के दरजे के कारण मतदान केंद्रों तक आने में अक्षम नागरिकों तथा अनिवार्य सेवाओं अर्थात रेलवे, राज्‍य परिवहन तथा उड्डयन आदि की प्रदानगी में विभिन्‍न पदों पर अपने कर्तव्‍य निर्वह्न के कारण छूट जाने वाले नागरिकों की आवश्‍यकताओं का अध्‍ययन करने के बाद आयोग ने विधिक पहलू की दृष्टि से दिनांक 02 सितम्‍बर, 2019 और 22 अक्‍टूबर, 2019 को संघ सरकार (विधि और न्‍याय मंत्रालय) के समक्ष सिफारिश की, तद्नुसार, केंद्रीय सरकार ने नियमों में संशोधन किया।
     इन संशोधनों की मुख्‍य विशेषताएं निम्‍नानुसार है:-
    (1)  ‘अनुपस्थित मतदाता’ की अवधारणा की  शुरूआत की गई है और इसे निर्वाचनों के लिए परिभाषित किया गया है;
    (2)  ‘अनुपस्थि‍त मतदाता’ का अर्थ ऐसे व्‍यक्ति से है जो अधिनियम की धारा 60 के खंड (ग) के अधीन यथा-अधिसूचित व्‍यक्तियों की श्रेणी से संबंध रखता हो और जो उक्‍त अधिसूचना में यथा उल्लिखित अनिवार्य सेवाओं में तैनात हो और इसमें वरिष्‍ठ नागरिक या दिव्‍यांगजनों की श्रेणी से संबंध रखने वाले निर्वाचक भी शामिल हैं[नियम 27 अ(कक)];
    (3) ‘दिव्‍यांगजन’ का अर्थ ऐसे व्‍यक्ति से है जो निर्वाचक नामावली हेतु डाटाबेस में दिव्‍यांगजन के रूप में चिह्नित हो;  
    (4)  इस भाग के प्रयोजनार्थ ‘वरिष्‍ठ नागरिक’ का अर्थ ऐसे व्‍यक्ति से है जो 80 वर्ष से अधिक आयु का हो और अनुपस्थित मतदाता की श्रेणी से संबंध रखता हो;  
    (5) अनुपस्थित मतदाता के मामले में आवेदन फॉर्म-12 डी में दिया जाएगा और उसमें यथा विनिर्दिष्‍ट ब्‍योरे होंगे और वरिष्‍ठ नागरिक या दिव्‍यांगजन के अलावा अनुपस्थित मतदाता हेतु नोडल अधिकारी द्वारा विधिवत रूप से सत्‍यापित किया जाएगा, जो निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के उपरांत पांच दिनों के अंदर रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंच जाएगा।
    (6)  अनुपस्थित मतदाता के मामले में,निर्वाचन आयोग द्वारा इस दिशा में यथानिर्गत किसी भी दिशानिदेश के अध्‍यधीन नियम 27 एफ के उप-नियम (3) के अंतर्गत मतों को रिकॉर्ड करने हेतु मुहैय्या कराए गए डाक मतपत्र केंद्र  को वापस लौटा दिए जाएंगे।
     मतदाताओं की इन दो श्रेणियों – 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्‍ठ नागरिक और निर्वाचक नामावली में चिह्नित दिव्‍यांग निर्वाचकों - के पास अब यह विकल्‍प  होगा कि वे मतदान वाले दिन अनुपस्थित मतदाता अथवा नियमित मतदाता के रूप में मतदान कर सकते हैं। यदि इन श्रेणियों से संबंध रखने वाला कोई निर्वाचक पहले मतदान करना चाहता है तो निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के संशोधित नियम 27ग के अनुसार वह नए फॉर्म-डी में आवेदन देगा, जो रिटर्निंग अधिकारी के पास निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के उपरांत पांच दिनों के अंदर पहुंच जाएगा। ऐसे आवेदन की प्राप्ति के बाद निर्वाचक को एक डाक मतपत्र जारी किया जाएगा, जिसे मत रिकॉर्ड करने के पश्‍चात विनिर्दिष्‍ट केंद्र में जमा किया जाएगा।
    निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना की प्राप्ति के पश्‍चात विस्‍तृत दिशा-निर्देशों और एसओपी पर काम करना शुरू कर दिया है ताकि  मतदाताओं की इन चिह्नित श्रेणियों हेतु डाक मतपत्र की प्रक्रिया को तत्‍काल सुकर बनाया जा सके। इन दिशा-निर्देशों में ऐसे मतदाताओं की पहचान करना, जनसंपर्क का तरीका, और प्रत्‍येक निर्वाचन क्षेत्र में विनिर्दिष्‍ट केंद्रों में मतदान और संग्रहण के तरीके शामिल होंगे। आयोग अपनी स्‍वीप पहल के अंतर्गत निजी संपर्क सहित  अनेक कदम उठा रहा है ताकि निर्वाचक इस नयी सुविधा से अवगत हो सकें और ऐसे निर्वाचक अपनी मंशानुसार अपने मत देने के अधिकार का प्रयोग कर सकें।
    निर्वाचन आयोग इस बात के लिए कटिबद्ध है, कि निर्वाचकों की ऐसी सभी श्रेणियों के लिए मतदान को आसान बनाना सुनिश्चित किया जा सके। आयोग को पूरा विश्‍वास है कि इस नयी पहल के साथ 80 वर्ष से अधिक की आयु के वरिष्‍ठ नागरिकों और दिव्‍यांग निर्वाचकों के पास अपने घर से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का विकल्‍प होगा। तथापि, ऐसे मतदाताओं के पास विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपने निर्वाचकीय अधिकार का प्रयोग करने हेतु विधिवत प्रक्रिया का अनुसरण करके डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने या मतदान वाले दिन मतदान केंद्र जाकर मतदान करने, दोनों के विकल्‍प हैं।

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  22. उत्‍तराखंड और पश्चिम बंगाल की राज्‍य विधान सभाओं में चार आकस्मिक रिक्‍तयिों को भरने के लिए उप-निर्वाचनों हेतु अनुसूची – तत्‍संबंधी।

    सं.:  ईसीआई/प्रे नो/100/2019                          
    दिनांक:  25 अक्‍तूबर, 2019
    प्रेस नोट
    विषय:  उत्‍तराखंड और पश्चिम बंगाल की राज्‍य विधान सभाओं में चार आकस्मिक रिक्‍तयिों को भरने के लिए उप-निर्वाचनों हेतु अनुसूची – तत्‍संबंधी।
     उत्‍तराखंड और पश्चिम बंगाल राज्‍य की विधान सभाओं में चार रिक्‍तयिां हैं, जिन्‍हें निम्‍नानुसार भरा जाना अपेक्षित है:
    क्रम सं.
    राज्‍य का नाम
    विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र की संख्‍या एवं नाम
    1.
    उत्‍तराखंड
    44-पिथौरागढ़
    2.
    पश्चिम बंगाल
    34- कालियागंज (अ.जा.)
    3.
    पश्चिम बंगाल
    77-करीमपुर
    4.
    पश्चिम बंगाल
    224-खड़गपुर
    उत्‍तराखंडऔर पश्चिम बंगाल के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्‍त इनपुट और विभिन्‍न कारकों यथा स्‍थानीय त्‍यौहारों, निर्वाचक नामावलियों, मौसमी स्थितियों इत्‍यादि को ध्‍यान में रखते हुए, आयोग ने निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार इन रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है:
    मतदान संबंधी गतिविधियां
    अनुसूची
    राजपत्र में अधिसूचना जारी होने की तारीख
    30.10.2019 (बुधवार)
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    06.11.2019 (बुधवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    07.11.2019 (गुरुवार)
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    11.11.2019 (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    25.11.2019 (सोमवार)
    मतगणना की तारीख
    28.11.2019 (गुरुवार)
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन संपन्‍न हो जाएगा
    30.11.2019 (शनिवार)
     1.       निर्वाचक नामावाली
    अर्हक तारीख 01.01.2019 के संदर्भ में पूर्वोक्‍त विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों की निर्वाचक नामालियां अंतिम रुप से प्रकाशित कर दी गई हैं।
    2.      इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपीएटी
    आयोग ने सभी मतदान केंद्रों में उप-निर्वाचन में ईवीएम और वीवीपीएटी का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर्यापत संख्‍या में उपलब्‍ध करवाई गई है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से मतदान निर्विध्‍न रुप से संचालित हों।
    3.   मतदाताओं की पहचान
    विगत प्रथा के अनुरुप, आयोग ने निर्णय लिया है कि‍ पूर्व‍ल्लिखित निर्वाचन में मतदान के समय मतदाता की पहचान करना अनिवार्य होगा। मतदाता फोटो पहचान-पत्र (एपिक) मतदाता की पहचान का मुख्‍य दस्‍तावेज होगा। तथापि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे यदि किसी मतदाता का नाम निर्वाचक नामावलियों में दर्ज है तो उक्‍त निर्वाचन में मतदान के समय मतदाताओं की पहचान करने के लिए अतिरिक्‍त दस्‍तावेजों की अनुमति देने हेतु अलग से अनुदेश जारी किए जाएंगे।
     4.      आदर्श आचार संहिता
    आयोग के दिनांक 29 जूनए 2017 के अनुदेश सं. 437/6/अनु/2016-सीसीएस (आयोग की वेबसाइट eci.gov.in पर उपलब्‍ध) के तहत यथा-निर्गत आंशिक संशोधन के अध्‍यधीन आदर्श आचार संहिता उस जिले/उन जिलों में तत्‍काल प्रभाव से लागू होगी, जिनमें निर्वाचन होने वाले संसदीय और विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों का पूर्ण या कोई भाग सम्मिलित है। आदर्श आचार-संहिता सभी अभ्‍यर्थियों, राजनैतिक दलों और संबंधित राज्‍य सरकार पर लागू होगी। आदर्श आचार संहिता संबंधित राज्‍य के जिले के लिए संघ सरकार पर भी लागू होगी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 November 2019

  23. New Arrangement made by Election Commission of India for prompt and accurate dissemination of results of Assembly Election and bye-elections of Oct 2019.

    Press Note
    Subject: New Arrangement made by Election Commission of India for prompt and accurate dissemination of results of Assembly Election and bye-elections of Oct 2019
    In a first, the Election Commission of India has deployed an integrated ICT counting application which gives freedom to Returning Officers spread across the country to directly compute and enter the result data on the ECI new counting application. This application allows the Returning Officers to enter table-wise data in the software, thereby considerably reducing the time and makes the results & trends data error-free.

    Team ICT headed by Dr Sandeep Saxena, Sr Deputy Election Commissioner and others with Shri. Sunil Arora, Chief Election Commissioner, in front of the Election Trends TV Panel at Nirvachan Sadan, New Delhi
    2.  The counting software developed by the IT team of ECI called ENCORE (Enabling Communications on Real-time Environment) allows generation of various types of statutory reports during counting process which are mandatory for Returning Officers such as Form 20 Preparation/ Compilation of Final Result Sheet, 21C/D for Formal Declaration of Result and Form 21 E for Certificate of Return of Elections. The Returning Officer can download these system-generated reports after the counting is over and complete the statutory requirements in a hassle-free environment.
    3. For the first time, the Election Commission of India has launched Election Trends TV, on which the graphically-rich micro-details of trends & results are published in real-time. As and when the counting data of each round is entered after officially been declared by the Returning Officers, the data is displayed on the Election Trends TV, without any manual intervention using advanced secure technologies. These panels can be customized and configured, for display automatically in public places using large TV Panels by Returning Officers & Chief Electoral Officers.
    4. During today’s counting dissemination of trends and results are made with enhanced infographics and increased details through the ECI’s very popular mobile app ‘Voter Helpline App’ which is available from the Google Play Store and Apple App Store for free download. The user can bookmark their favourite candidate and closely follow the results in a comprehensive manner.

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  24. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा के असन्‍ध विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचनों हेतु विशेष प्रेक्षक के रूप में श्री विनोद जुत्‍शी को नियुक्‍त किया जाना।

    ईसीआई/प्रे.नो./98/2019
    दिनांक: 20 अक्‍तूबर, 2019
    प्रेस नोट
    विषय: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा के असन्‍ध विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचनों हेतु विशेष प्रेक्षक के रूप में श्री विनोद जुत्‍शी को नियुक्‍त किया जाना।
    भारत निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया में परिचालित वीडियो को ध्‍यान में रखते हुए हरियाणा में करनाल जिले के 23-असन्‍ध विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के आगामी निर्वाचन के लिए श्री विनोद जुत्‍शी (भूतपूर्व आईएएस राजस्‍थान, सेवानिवृत्‍त), भूतपूर्व उप निर्वाचन आयुक्‍त, भारत निर्वाचन आयोग तथा सचिव, पर्यटन को विशेष प्रेक्षक के रूप में नियुक्‍त किया है। श्री जुत्‍शी से निर्वाचन क्षेत्र में आवश्‍यक सुधारात्‍मक कार्रवाई करने और स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करवाने हेतु तत्‍काल निर्वाचन क्षेत्र में जाने हेतु अनुरोध किया गया है।
    श्री जुत्‍शी पूर्व में मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, राजस्‍थान के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्‍होंने भारत निर्वाचन आयोग में भी सात वर्ष तक विभिन्‍न पदों पर कार्य किया है। श्री जुत्‍शी को अप्रैल में  हाल ही में हुए लोक सभा साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान आन्‍ध्र प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा के विशेष प्रेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्‍त किया गया था।
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 22 October 2019

  25. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अम्‍बाला के व्‍यय प्रेक्षक को प्रतिस्‍थापित किया जाना।

    सं.ईसीआई/प्रे.नो./97/2019
    दिनांक: 18 अक्‍तूबर, 2019
    प्रेस नोट
    विषय: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अम्‍बाला के व्‍यय प्रेक्षक को प्रतिस्‍थापित किया जाना।
    भारत निर्वाचन आयोग ने प्रगतिरत हरियाणा निर्वाचनों के दौरान प्रेक्षकों के कार्य-निष्‍पादन की समीक्षा करने के बाद अम्‍बाला के व्‍यय प्रेक्षक को प्रतिस्‍थापित कर दिया है। व्‍यय प्रेक्षक को प्रवर्तन गतिविधियों का पर्यवेक्षण सही प्रकार से नहीं करने पर हटाया गया था और उनका समग्र प्रदर्शन संतोषजनक नही पाया गया था।
    अम्‍बाला के नए व्‍यय प्रेक्षक श्री रितेश परमार, आईआरएस ने आज अर्थात् दिनांक 18 अक्‍तूबर, 2019 से अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
     

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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