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महत्वपूर्ण निर्देश

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  1. अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी।

    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड-।
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
    सेवा में
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी
    असम, दिसपुर, केरल, तिरूवनन्तपुरम, तमिलनाडु, चेन्नई, ✓पश्चिम बंगाल, कोलकाता पुडुचेरी       
    विषयः  अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 52/2020/एसडीआर/वाल्यूम.I दिनांक 27 फरवरी, 2021 जिसमें अनिवार्य सेवा पर तैनात अनुपस्थित मतदाताओं के रूप में डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा देने के प्रयोजनार्थ उसमें उल्लिखित निर्वाचकों की श्रेणियां अधिसूचित की गयी थी, इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए और उसकी एक प्रति आयोग को भी अग्रेषित की जाए। 
    2.     निर्वाचकों की अधिसूचित श्रेणी के विभागों को तद्नुसार सूचित किया जाए, और उन्हें डाक-मतपत्र सुविधा के इस उद्देश्य के लिए “नोडल अधिकारी” नामित करने के लिए कहा जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा, और उसके द्वारा निष्पादित किए जाने वाले उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों से अवगत कराया जाए। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 से संलग्न प्ररूप 12(घ) की प्रतियां नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा के बारे में संबंधित निर्वाचकों को सूचित करना चाहिए। 
    3.     अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के लिए अनुपालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 March 2021

  2. अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी।

    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड-।
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
     
    सेवा में
     मुख्य निर्वाचन अधिकारी
    असम, दिसपुर, केरल, तिरूवनन्तपुरम, ✓तमिलनाडु, चेन्नई, पश्चिम बंगाल, कोलकाता पुडुचेरी       
    विषयः  अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 52/2020/एसडीआर/वाल्यूम.I दिनांक 27 फरवरी, 2021 जिसमें अनिवार्य सेवा पर तैनात अनुपस्थित मतदाताओं के रूप में डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा देने के प्रयोजनार्थ उसमें उल्लिखित निर्वाचकों की श्रेणियां अधिसूचित की गयी थी, इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए और उसकी एक प्रति आयोग को भी अग्रेषित की जाए। 
    2.     निर्वाचकों की अधिसूचित श्रेणी के विभागों को तद्नुसार सूचित किया जाए, और उन्हें डाक-मतपत्र सुविधा के इस उद्देश्य के लिए “नोडल अधिकारी” नामित करने के लिए कहा जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा, और उसके द्वारा निष्पादित किए जाने वाले उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों से अवगत कराया जाए। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 से संलग्न प्ररूप 12(घ) की प्रतियां नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा के बारे में संबंधित निर्वाचकों को सूचित करना चाहिए। 
    3.     अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के लिए अनुपालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 March 2021

  3. अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी। 

    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड-।
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
    सेवा में 
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी
    असम, दिसपुर, ✓केरल, तिरूवनन्तपुरम, तमिलनाडु, चेन्नई, पश्चिम बंगाल, कोलकाता पुडुचेरी       
    विषयः  अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 52/2020/एसडीआर/वाल्यूम.I दिनांक 27 फरवरी, 2021 जिसमें अनिवार्य सेवा पर तैनात अनुपस्थित मतदाताओं के रूप में डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा देने के प्रयोजनार्थ उसमें उल्लिखित निर्वाचकों की श्रेणियां अधिसूचित की गयी थी, इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए और उसकी एक प्रति आयोग को भी अग्रेषित की जाए। 
    2.     निर्वाचकों की अधिसूचित श्रेणी के विभागों को तद्नुसार सूचित किया जाए, और उन्हें डाक-मतपत्र सुविधा के इस उद्देश्य के लिए “नोडल अधिकारी” नामित करने के लिए कहा जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा, और उसके द्वारा निष्पादित किए जाने वाले उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों से अवगत कराया जाए। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 से संलग्न प्ररूप 12(घ) की प्रतियां नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा के बारे में संबंधित निर्वाचकों को सूचित करना चाहिए। 
    3.     अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के लिए अनुपालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 March 2021

  4. अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी।

    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड-।
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
    सेवा में 
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी
     असम, दिसपुर,  केरल, तिरूवनन्तपुरम,  तमिलनाडु, चेन्नई,  पश्चिम बंगाल, कोलकाता  ✓पुडुचेरी       
    विषयः  अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 52/2020/एसडीआर/वाल्यूम.I दिनांक 27 फरवरी, 2021 जिसमें अनिवार्य सेवा पर तैनात अनुपस्थित मतदाताओं के रूप में डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा देने के प्रयोजनार्थ उसमें उल्लिखित निर्वाचकों की श्रेणियां अधिसूचित की गयी थी, इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए और उसकी एक प्रति आयोग को भी अग्रेषित की जाए। 
    2.     निर्वाचकों की अधिसूचित श्रेणी के विभागों को तद्नुसार सूचित किया जाए, और उन्हें डाक-मतपत्र सुविधा के इस उद्देश्य के लिए “नोडल अधिकारी” नामित करने के लिए कहा जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा, और उसके द्वारा निष्पादित किए जाने वाले उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों से अवगत कराया जाए। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 से संलग्न प्ररूप 12(घ) की प्रतियां नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा के बारे में संबंधित निर्वाचकों को सूचित करना चाहिए। 
    3.     अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के लिए अनुपालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 March 2021

  5. अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी।

    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड-।
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
     
    सेवा में 
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी
    ✓असम, दिसपुर,  केरल, तिरूवनन्तपुरम,  तमिलनाडु, चेन्नई,  पश्चिम बंगाल, कोलकाता  पुडुचेरी       
    विषयः  अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान के प्रयोजनार्थ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60(ग) के अंतर्गत आयोग की अधिसूचना – तत्संबंधी।
    महोदय,
           मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 52/2020/एसडीआर/वाल्यूम.I दिनांक 27 फरवरी, 2021 जिसमें अनिवार्य सेवा पर तैनात अनुपस्थित मतदाताओं के रूप में डाक-मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा देने के प्रयोजनार्थ उसमें उल्लिखित निर्वाचकों की श्रेणियां अधिसूचित की गयी थी, इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए और उसकी एक प्रति आयोग को भी अग्रेषित की जाए। 
    2.     निर्वाचकों की अधिसूचित श्रेणी के विभागों को तद्नुसार सूचित किया जाए, और उन्हें डाक-मतपत्र सुविधा के इस उद्देश्य के लिए “नोडल अधिकारी” नामित करने के लिए कहा जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा, और उसके द्वारा निष्पादित किए जाने वाले उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों से अवगत कराया जाए। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 से संलग्न प्ररूप 12(घ) की प्रतियां नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। नोडल अधिकारी को इस सुविधा के बारे में संबंधित निर्वाचकों को सूचित करना चाहिए। 
    3.     अनिवार्य सेवाओं में तैनात व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान के लिए अनुपालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों की एक प्रति भी इसके साथ संलग्न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 March 2021

  6. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 60 (ग) के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की अधिसूचना – कोविड-19 संदिग्‍ध अथवा प्रभावित व्‍यक्तियों को डाक मतपत्र जारी करना-तत्‍संबंधी।  

    सं.52/2021/एसडीआर/खंड-।
    दिनांक: 26 फरवरी, 2021
     
    सेवा में,
    मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
    असम, केरल तमिलनाडु, पुडुचेरी तथा पश्चिम बंगाल
     
    विषय: लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 60 (ग) के अंतर्गत निर्वाचन आयोग की अधिसूचना – कोविड-19 संदिग्‍ध अथवा प्रभावित व्‍यक्तियों को डाक मतपत्र जारी करना-तत्‍संबंधी।  
    संदर्भ :- दिनांक 2 फरवरी - 2021 का पत्र सं. 52/2021/एसडीआर/खंड.।. 
    महोदय,
          मुझे उपर्युक्‍त विषय पर आयोग की दिनांक 26 फरवरी, 2021 की अधिसूचना सं.52/2021/एसडीआर/खंड.। इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। इसे तत्‍काल राज्य के राजपत्र में प्रकाशित किया जाए और इसकी प्रति इसकी सूचना तथा रिकार्ड के लिए आयोग को अग्रेषित की जाए।  
    2. कोविड-19 संदिग्‍ध/प्रभावित व्‍यक्तियों को सक्षम स्‍वास्‍थ्‍य प्राधिकारी द्वारा जारी किए जाने वाला प्रमाण पत्र का प्रोफार्मा, जिसे फार्म 12घ के साथ प्रस्‍तुत किया जाना है, इसके साथ संलग्‍न है।   
    3. आयोग के उपर्युक्‍त अनुदेश को उनके अनुपालनार्थ सभी संबंधितों के ध्‍यान में  लाया जाए।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 March 2021

  7. वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और कोविड-19 के संदिग्ध एवं प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के जरिए मतदान के लिए दिशा-निर्देश – तत्संबंधी।

    सं. 52/2021/एसडीआर/खंड.1
    दिनांकः 2 फरवरी, 2021
     
    सेवा में,
          सभी राज्य व संघ राज्य-क्षेत्र के
          मुख्य निर्वाचन अधिकारी 
    विषयः वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और कोविड-19 के संदिग्ध एवं प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के जरिए मतदान के लिए दिशा-निर्देश – तत्संबंधी। 
    संदर्भ :- (i) पत्र सं. 52/2020/एसडीआर/खंड. I दिनांक 17.09.2020 और
           (ii) पत्र सं. 52/2020/एसडीआर/खंड. I दिनांक 03.10.2020 
    महोदय/महोदया 
    मुझे आयोग के ऊपर उल्लिखित पत्रों का संदर्भ लेने और आगामी सभी निर्वाचनों में अनुपालन हेतु वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु), निर्वाचन नामावली में इंगित दिव्यांगजनों और कोविड-19 के संदिग्ध एवं प्रभावित व्यक्तियों की श्रेणी में अनुपस्थित मतदाताओं द्वारा डाक मतपत्र के जरिए मतदान के लिए संशोधित दिशा-निर्देश को एतद्द्वारा अग्रेषित करने का निदेश हुआ है। 
    2.    इसे सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों और अन्य संबंधित निर्वाचक प्राधिकारियों और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की राज्य यूनिटों और आपके राज्य/संघ-राज्य क्षेत्र में आधारित सभी पंजीकृत अमान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों की जानकारी में लाया जाए। 
    कृपया पावती दें।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 04 February 2021

  8. वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 में वर्ष 2018 की अवमानना याचिका (सिविल) संख्‍या 2192 में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय का दिनांक 13 फरवरी, 2020 का आदेश-राज्‍य सभा और राज्‍य विधान परिषद के निर्वाचनों में लंबित आपराधिक मामलों वाले अभ्‍यर्थियों के संबंध म

    सं.3/4/2020/एसडीआर/खंड.।।।
    दिनांक: 11 जनवरी, 2021
     
    सेवा में,
          मान्‍यताप्राप्‍त सभी राष्‍ट्रीय और राज्‍यीय
          राजनैतिक दलों के अध्‍यक्ष, महासचिव
          चेयरपर्सन/संयोजक
     
    विषय:  वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 में वर्ष 2018 की अवमानना याचिका (सिविल) संख्‍या 2192 में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय का दिनांक 13 फरवरी, 2020 का आदेश-राज्‍य सभा और राज्‍य विधान परिषद के निर्वाचनों में लंबित आपराधिक मामलों वाले अभ्‍यर्थियों के संबंध में ब्‍यौरा प्रकाशित करने की अपेक्षा-तत्‍संबंधी
     
    महोदय/महोदया,
          मुझे वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 में वर्ष 2018 की अवमानना याचिका (सिविल) संख्‍या 2192 में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के दिनांक 13 फरवरी, 2020 के आदेश के अनुसरण में जारी किए गए आयोग के पत्र सं. सं.3/4/2020/एसडीआर/खंड.।।।, दिनांक 16 सितंबर, 2020 की ओर आपका ध्‍यान आकर्षित करने का निदेश हुआ है। आयोग के उपर्युक्‍त निदेशों के अनुसार, प्रचार अवधि के दौरान आपराधिक मामलों का ब्‍यौरा निम्‍नलिखित तीन अवसरों पर प्रकाशित करना होगा, ताकि निर्वाचकों के पास ऐसे अभ्‍यर्थियों की पृष्‍ठभूमि के बारे में जानने के लिए पर्याप्‍त समय हो:- 
    (i)       नाम-निर्देशन वापस लेने के 4 दिन के भीतर।  
    (ii)      अगले 5 वें और 8 वें दिन के बीच।
    (iii)    9 वें दिन से प्रचार के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से पहले दूसरा दिन)।  
    2. इस संबंध में राज्‍य सभा और राज्‍य विधान परिषदों हेतु निर्वाचनों से संबंधित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 39 के खंड (घ) में निम्‍नलिखित व्‍याख्‍या है:- 
    (1) जैसे ही किसी राज्‍य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्‍यों या किसी संघ राज्‍य क्षेत्र के निर्वाचकमंडल के सदस्‍यों से किसी सदस्‍य या सदस्‍यों का निर्वाचन करने की अपेक्षा करने वाली अधिसूचना निकाली जाए वैसे ही निर्वाचन आयोग शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा-
    (घ)       वह तारीख या वे तारीखें जिसकों या जिनको, यदि आवश्‍यक हो तो मतदान होगा और जो तारीख या जिन तारीखों में से पहली तारीख अभ्‍यर्थिताएं वापिस लेने के लिए नियत अंतिम तारीख के पश्‍चात सातवें दिन के पूर्वतर न होने वाली तारीख होगी; नियत करेगा
     3. उपर्युक्‍त उपबंधों को ध्‍यान में रखते हुए, विधायकों द्वारा राज्‍य सभा और राज्‍य विधान परिषदों के निर्वाचनों के मामले में, मतदान, यदि आवश्‍यक हुआ, की तारीख अभ्‍यर्थिता वापिस लेने की तारीख के बाद के सातवें दिन से पहले की नहीं होगी। तदनुसार, उपर्युक्‍त दो निर्वाचनों अर्थात विधायकों द्वारा राज्‍य सभा और राज्‍य विधान परिषद के निर्वाचन के मामले में निम्‍नलिखित तीन अवसरों पर आपराधिक मामलों का ब्‍यौरा प्रकाशित करने की समय-सीमा निम्‍नलिखित होगी:- 
    (i) नाम-निर्देशन वापिस लेने के पहले 2 दिन के भीतर
    (ii) अगले तीसरे-चौथे दिन के बीच; और
    (iii) पांचवे दिन से छठे दिन तक अर्थात मतदान की तारीख से पहले  
    4. कृपया पावती दें।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 February 2021

  9. प्रवासी निर्वाचकों को भी डाक मतपत्र की सुविधा देने हेतु आयोग के प्रस्ताव पर शिकायतें-तत्संबंधी।

    फा. सं. 4/3/2020/एसडीआर/ 
    दिनांकः 19 दिसम्बर, 2020
     
    सेवा में
          श्री सीताराम येचुरी,
          महासचिव, सीपीआई (एम),
          ए के गोपालन भवन,  27-29 भाई वीर सिंह मार्ग,
          नई दिल्ली-110 001 
    विषयः- प्रवासी निर्वाचकों को भी डाक मतपत्र की सुविधा देने हेतु आयोग के प्रस्ताव पर शिकायतें-तत्संबंधी। 
    महोदय
          कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 04.12.2020 के अपने पत्र का संदर्भ लें।     
    जैसा कि आप अवगत हैं कि वर्ष 2011 में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अंतर्गत प्रवासी निर्वाचकों के लिए पंजीकरण/मताधिकार हेतु विशेष प्रावधान निर्धारित किए गए थे। हालांकि, मौजूदा प्रावधानों के अंतर्गत, प्रवासी निर्वाचक भारत में अपने संबंधित मतदान केंद्रों पर और वह भी स्वयं उपस्थित होकर अपने मत डाल सकते हैं।     
          2015 में, राजनैतिक दलों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद, जैसा कि आपके उपर्युक्त पत्र में कहा गया है, समिति की सिफारिश पर, आयोग ने विधि एवं न्याय मंत्रालय को प्रवासी निर्वाचकों के लिए एक या उससे अधिक विकल्पों द्वारा मतदान की सुविधा देने की संस्तुति की हैः (i) डाक मतपत्र;  (ii) परोक्षी (प्रतिनिधि);  या (iii) व्यक्तिगत रुप से।      
          तत्पश्चात, दिनांक 21 अक्तूबर, 2016 को निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 में सेवा निर्वाचकों को डाक मतपत्र के एकतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण (ईटीपीबीएस) (आरओ से निर्वाचक तक) की सुविधा प्रदान करने के लिए संशोधन किया गया था। सेवा मतदाताओं (भारत से बाहर किसी पद पर तैनात भारत सरकार के अंतर्गत सेवारत सुरक्षा बल और व्यक्ति) के लिए ईटीपीबीएस प्रणाली अब पूर्णतः सुव्यवस्थित है और संतोषजनक रूप से काम कर रही है। सेवा निर्वाचकों के लिए ईटीपीबीएस के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के बाद, प्रवासी निर्वाचकों के लिए सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया पर आयोग में विचार-विमर्श किया गया था। 2015 में पहले ही की गई संस्तुतियों के अनुरूप, आयोग ने नियमों में संशोधन करके प्रवासी निर्वाचकों के लिए ईटीपीबीएस हेतु विधि एवं न्याय मंत्रालय को संस्तुतियां दीं। आयोग ने उपर्युक्त पत्र से नोट किया कि "सीपीआई(एम) देश में निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रवासी निर्वाचकों/अनिवासी भारतीयों को भी मताधिकार की सुविधा देने के पक्ष में है"। 
          दिनांक 27.11.2020 को विधि एवं न्याय मंत्रालय को भेजे गए, प्रवासी निर्वाचकों के पक्ष में ईटीपीबीएस मतदान के विकल्प का विस्तार करने का मौजूदा प्रस्ताव उन सभी प्रवासी निर्वाचकों को मतदान की सुविधा देने के लिए आयोग के निरंतर प्रयासों का विस्तार है, जो 2011 में अधिनियम में संशोधन के बावजूद अपने मताधिकार का प्रयोग करने में असमर्थ हैं।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 February 2021

  10. Before the Election Commission of India- Dispute Case No. 1 of 1996 -(Under Para 15 of the Election Symbols (Reservation and Allotment) Order, 1968 relation to the Indian National Congress)-ORDER

    Before the Election Commission of India- Dispute Case No. 1 of 1996 -(Under Para 15 of the Election Symbols (Reservation and Allotment) Order, 1968 relation to the Indian National Congress)-ORDER
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 16 November 2020

  11. बिहार विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों एवं वीवीपैट का उपयोग।

    ­­­­­­­­­­­­सं. 576/3/ईवीएम/2020/एसडीआर/खंड-I
    दिनांक: 3 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    बिहार, पटना
     
    विषय:- बिहार विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों  एवं वीवीपैट का उपयोग।
    महोदय,
    मुझे बिहार विधान सभा के लिए वर्तमान साधारण निर्वाचन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और वीवीपैट के उपयोग के संबंध में आयोग के दिनांक 3 अक्तूबर, 2020 के निदेश को इसके साथ संलग्न करने का निदेश हुआ है। इस निदेश को बिहार के राजकीय राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए।
    2.    इसके अतिरिक्त, मुझे आपका ध्यान वोटिंग मशीनों के डिजाइन, बैलेटिंग यूनिट पर मतपत्र के प्ररूप और भाषा(ओं), निविदत्त मतपत्र के डिजाइन एवं भाषा और मतदान के पश्चात् वोटिंग मशीनों को सीलबंद करने से संबंधित निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम, 49क, 49ख, 49त और 49न(2) की ओर आकर्षित करने का निदेश हुआ है। कृपया इस संबंध में "रिटर्निंग अधिकारियों के लिए हैंडबुक, 2019" संस्करण के अध्याय “डाक मतपत्रों और वोटिंग मशीनों के लिए डाक मतपत्र" में उल्लिखित संबंधित अनुदेश का अनुपालन किया जाए। आपका ध्यान वीवीपैट प्रणाली के उपयोग और मतगणना पूर्ण होने के पश्चात् पेपर स्लिप को सीलबंद करने संबंधी अनुदेशों की ओर भी आकर्षित किया जाता है।
    3.    उपर्युक्त अनुदेश सूचना एवं अनुपालन हेतु सभी निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों के ध्यान में लाए जाएं।
    4.    आयोग के उपर्युक्त निर्णय का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
    5.    जहां तक मतों की गणना का संबंध है, आपका ध्यान निर्वाचनों का संचालन अधिनियम, 1961 के नियम, 50 से 54क, 60 से 66क तक और 55ग से 57ग तक के प्रावधानों और रिटर्निंग अधिकारियों की हैंडबुक, 2019 में उल्लिखित मतगणना संबंधी आयोग द्वारा समय-समय पर जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों और अनुदेशों और समय समय पर इस विषय से सम्बधित जारी अन्य अनुपूरक अनुदेशों की ओर आकृष्ट किया जाता है। रिटर्निंग अधिकारियों को निदेश दिया जाए कि उक्त दिशा-निर्देशों और अनुदेशों का अनुपालन कर्तव्यपरायणता से किया जाए।
    6.    कृपया पावती दें और कृत कार्रवाई की पुष्टि करें।
    भवदीय 
    (अश्वनी कुमार मोहाल)
    अवर सचिव

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  12. बिहार विधान सभा के साधारण निर्वाचन - स्‍पीड पोस्‍ट के माध्‍यम से इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक-मतपत्र वितरण संबंधी अनुदेश – तत्‍संबंधी।

    सं.52/2020/एसडीआर-खंड-I
    दिनांक 03 अक्‍तूबर, 2020
     
    सेवा में,
          सचिव,
          डाक विभाग,
         संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,
          डाक भवन, नई दिल्‍ली -110001
     
    विषय:  बिहार विधान सभा के साधारण निर्वाचन - स्‍पीड पोस्‍ट के माध्‍यम से इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक-मतपत्र वितरण संबंधी अनुदेश – तत्‍संबंधी।  
    महोदय,     
          मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि निर्वाचन आयोग बिहार विधान सभा के वर्तमान साधारण निर्वाचनों के दौरान सेवा मतदाताओं द्वारा मतदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से  डाक मतपत्र के एक-तरफा प्रेषण की सुविधा प्रदान कर रहा है। जैसाकि आप जानते हैं कि इस प्रणाली में संबंधित रिटर्निंग अधिकारी द्वारा इस कार्य के लिए नामित नोडल अधिकारियों/यूनिट अधिकारियों के माध्‍यम से सेवा मतदाताओं को इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र प्रेषित करने होते हैं। यहां उल्‍लेखनीय है कि सेवा मतदाता, वे निर्वाचक हैं जो सशस्‍त्र बलों, अर्ध सैन्य बलों इत्‍यादि से संबंधित हैं तथा वे व्यक्ति हैं जो भारत से बाहर किसी पद पर भारत सरकार के अधीन नियोजित हैं। डाक मतपत्र पर अपना मत रिकॉर्ड करने के बाद, सेवा मतदाताओं द्वारा इन्‍हें डाक से संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को भेजना होगा। रिटर्निंग अधिकारी को इनकी समयबद्ध डिलेवरी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने निर्णय लिया है कि मतपत्र युक्‍त लिफाफों की वापसी स्‍पीड पोस्‍ट से होगी।  
    2.    इस प्रयोजन हेतु सेवा मतदाताओं को डाक सेवा की लागत नहीं चुकानी है। डाक व्‍यय राज्‍य/जिला स्‍तर की निर्वाचन मशीनरी द्वारा डाक संबंधी खर्च वहन किया जाएगा।  
    3.    तंत्र की सुचारू व्‍यवस्‍था के लिए आपसे अनुरोध है कि डाक मतपत्र युक्‍त लिफाफों की प्राप्ति और वितरण(सुपुर्दगी) के संबंध में सभी डाकघरों को निम्‍नलिखित अनुदेश जारी करें:- 
    (i)    डाकघर बुकिंग के समय बिना कोई प्रभार लिए स्‍पीड पोस्‍ट बुक करेंगे और लागू डाक प्रभार राज्‍य के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी द्वारा वहन किए जाएंगे।  
    (ii)   डाक विभाग सर्वोच्‍च प्राथमिकता के आधार पर यह सुनिश्चित करेगा कि सभी मतपत्र ट्रेकेबल हों और बिहार राज्‍य के संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को प्रदान कर दिए गए हों। यह सूचित किया जाता है कि डाक मतपत्रों की गणना के निर्धारित समय और तिथि अर्थात 10.11.2020 को प्रात: 08.00 बजे के बाद प्रदान किए गए डाक मतपत्रों की गणना नहीं की जाएगी, इसीलिए यह अति आवश्‍यक है। 
    (iii)     रिटर्निंग अधिकारियों को देने के लिए 09.11.2020 तक बुक किए गए इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्रों को स्‍वीकार किया जाए, क्‍योंकि मतगणना 10.11.2020 को होगी।
    कृपया इस पत्र की पावती दें।

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  13. बिहार विधानसभा के लिए साधारण निर्वाचन-सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करने के संबंध में निर्वाचन आयोग का निदेश-तत्संबंधी।

    सं. 52/2020/एसडीआर-खंड I
    दिनांक: 03 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    बिहार, पटना
     
    विषयः बिहार विधानसभा के लिए साधारण निर्वाचन-सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करने के संबंध में निर्वाचन आयोग का निदेश-तत्संबंधी। 
    महोदय, 
          मुझे इसके साथ निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 के उप-नियम (1) के दूसरे परंतुक के अनुसार निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 03 अक्तूबर, 2020 को जारी निदेश की प्रति इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है, जिसमें बिहार विधान सभा के वर्तमान साधारण निर्वाचन के दौरान सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करने की रीति निर्धारित की गई है।  
    2.    सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्रों को प्रेषित करने हेतु रिटर्निंग अधिकारी को इस निदेश की एक प्रति भेज दी जाए। इसकी संसूचना जिला निर्वाचन अधिकारियों और अन्य निर्वाचन प्राधिकारियों को भी दी जाए। रिटर्निंग अधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को भी इस बारे में अवगत कराया जाए।  
    3.    कृपया इस पत्र की पावती भेजें।
     
     
    भवदीय 
    हस्ता/-
    (अश्वनी कुमार मोहाल)
    अवर सचिव
     
     
     ************************
     
    भारत निर्वाचन आयोग
    निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001
     
    सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-।
    दिनांक: 03 अक्तूबर, 2020
     
    निदेश
    निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 के उप-नियम (1) के दूसरे परंतुक के उपबंधों के अनुसरण में निर्वाचन आयोग एतदद्वारा, सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रानिक साधनों द्वारा डाक मतपत्रों के प्रेषण के लिए और सेवा मतदाताओं से वापस प्राप्त हुए इन डाक मतपत्रों की गणना के लिए निम्नलिखित रीतियों का निर्धारण करता है:- 
    1.    प्रेषित किए जाने वाले दस्तावेज –
    रिटर्निंग अधिकारी निम्नलिखित दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करेगा:
    (क)    डाक मतपत्र,
    (ख)    प्ररूप 13–क–निर्वाचक द्वारा घोषणा,
    (ग)     प्ररूप 13-ख-आवरण ए के लिए लेबल (भीतरी लिफाफा),
    (घ)     प्ररूप 13-ग-आवरण बी के लिए लेबल (बाहरी लिफाफा)
    (ङ)     प्ररूप 13-घ-निर्वाचक के मार्गनिर्देशन हेतु अनुदेश
     
    2.    प्रेषण की रीति -
    केंद्रीय प्रशासन अधिकारी (सी-एडमिन) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र जारी करने के संबंध में 'आरओ प्रचालन' सक्रिय कर देने के उपरांत, रिटर्निंग अधिकारी सिस्टम में लॉग-इन करने में समर्थ हो जाएगा और निम्नलिखित कार्यकलाप करेगा: 
    क.     निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए डाटा प्रविष्ट 'करेगा/देखेगा' (अर्थात निर्वाचन का विवरण, निर्वाचन क्षेत्र का राज्य कोड, निर्वाचन क्षेत्र का प्रकार (विधान सभा या संसदीय निर्वाचन क्षेत्र), निर्वाचन क्षेत्र की संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम, निर्वाचन की तिथि और चिह्नित डाक मतपत्र को डाक द्वारा प्रेषित करने/वापस प्रेषित करने के लिए आरओ का पता)।
    ख.     डाक मतपत्र के लिए डाउनलोड विंडो (अर्थात आरंभ होने की तिथि और समय तथा समाप्त होने की तिथि और समय) को प्रविष्ट 'करेगा/देखेगा'।
    ग.     अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए विशिष्ट डाक मतपत्र का नमूना लोड करेगा
    घ.     सिस्टम द्वारा जेनरेट किए गए नमूना डाक मतपत्र को देखेगा और अनुमोदित करेगा
    ङ.    अपने निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का पासवर्ड (पिन) तथा थोक संख्या में पासवर्ड संरक्षित डाक मतपत्र सृजित करेगा।  
     
    3.    ईटीपीबी (इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र) को डाउनलोड करना और प्रिंट करना-
    (क)   इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र (ईटीपीबी) को डाउनलोड करने के लिए सक्षम अभिलेखों का प्रभारी अधिकारी/संबंधित यूनिट अधिकारी/नोडल अधिकारी सुरक्षित ओटीपी साधनों का उपयोग करके डाक मतपत्रों को डाउनलोड करेगा।
    (ख)   तदुपरांत, यदि संबंधित सेवा मतदाता ईटीपीबी का प्रिंट आउट लेने की स्थिति में है तो वह उसको प्रेषित किए गए पिन का उपयोग करके उसका प्रिंट आउट लेगा। अन्य मामलों में यूनिट अधिकारी/नोडल अधिकारी ईटीपीबी का प्रिंट लेगा और संबंधित सेवा मतदाता को प्ररूप 13क के प्रिंट, प्ररूप 13ख और 13ग के लिए लेबल और प्ररूप 13घ में अनुदेश के साथ ईटीपीबी सौंप देगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी विशेष सेवा मतदाता के निमित्त ईटीपीबी और सहवर्ती दस्तावेज केवल उसी विशेष सेवा मतदाता को सौंपे जाए और न कि किसी और को।
    (ग)   प्रत्येक सेवा मतदाता को दो लिफाफे-प्ररूप 13ख के लिए एक छोटा लिफाफा और प्ररूप 13ग के लिए एक बड़ा लिफाफा, भी दिए जाएंगे। संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनिर्देश के अनुसार अग्रिम रूप से पर्याप्त मात्रा में लिफाफों (भीतरी और बाहरी) की सप्लाई करेगा और अभिलेख अधिकारी/यूनिट अधिकारी/कमांडेंट अपने साथ तैनात सेवा मतदाताओं को भीतरी और बाहरी लिफाफों का जोड़ा प्रदान करेंगे।
    (घ)   यूनिट अधिकारी/नोडल अधिकारी प्रत्येक सेवा मतदाता को सौंपे गए सभी ईटीपीबी का रिकार्ड रखेंगे। यह रिकार्ड संबंधित यूनिट में पांच वर्षों के लिए बनाए रखा जाएगा ताकि उसकी जांच करने की अपेक्षा उत्पन्न होने पर उसे किसी प्राधिकरण या न्यायालय के समक्ष जांच के लिए पेश किया जा सके। 
    4.    मतदान और ईटीपीबी को वापस किया जाना- 
    ईटीपीबी और सहवर्ती कागजात प्राप्त होने पर सेवा मतदाता-
    (क)      प्ररूप 13घ में दिए गए अनुदेशों के अनुसार अपनी पसंद के अभ्यर्थी के नाम के सामने क्रास (X) या टिक (file:///C:/Temp/msohtmlclip1/01/clip_image002.png) का निशान लगाकर मतपत्र पर अपना मत चिह्नित करेगा। तब वह छोटे लिफाफे के अंदर चिह्नित मतपत्र रखेगा और लिफाफे को गोंद से बंद करके उस लिफाफे पर प्ररूप 13ख का लेबल चिपकाएगा। यदि उस लिफाफे पर पहले से मतपत्र की क्रम संख्या प्रिंट नहीं की गई है तो इस प्रयोजनार्थ प्ररूप 13ख पर दिए गए स्थान पर मतपत्र की क्रम संख्या भी लिखेगा।
    (ख)     प्ररूप 13क में दी गई घोषणा को भरेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा तथा इसके अनुप्रमाणन के लिए नामोद्दिष्ट अधिकारी से उसका अनुप्रमाणन करवाएगा।
    (ग)      बड़े लिफाफे के भीतर (i) बंद किया हुआ (गोंद से चिपकाया हुआ) छोटा लिफाफा (प्ररूप 13ख) और (ii) प्ररूप 13क में घोषणा को रखेगा और गोंद का उपयोग करके उसे बंद कर देगा।
    (घ)      बड़े लिफाफे पर प्ररूप 13ग का लेबल चिपकाएगा और प्रेषक के हस्ताक्षर के लिए दिए गए स्थान पर अपना हस्ताक्षर करेगा।
    (ङ)      उपलब्ध डाक साधनों के माध्यम से लिफाफे (प्ररूप 13ग) को रिटर्निंग अधिकारी को वापस भेजेगा।
    (च)      यदि यह लिफाफा (प्ररूप 13ग) भारत के भीतर डाक प्रेषित किया गया है तो उस पर कोई डाक टिकट लगाने की आवश्यकता नहीं है।
    (छ)      मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा महाप्रबंधक, डाकघर को सूचित करना चाहिए कि वे प्रेषिति को स्पीड पोस्ट की डिलिवरी के लिए भेजे गए लिफाफे को स्वीकृत करें और यह भी कि उसके प्रभार मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा अदा किए जाएंगे। 
    5.    ईटीपीबी पर डाले गए मतों की गणना
    (क)      अन्य डाक मतपत्रों की तरह ईटीपीबी की गणना रिटर्निंग अधिकारी की मेज पर की जाएगी।
    (ख)     केवल उन्हीं डाक मतपत्रों की गणना की जाएगी जो मतगणना शुरू होने के लिए निर्धारित समय से पहले प्राप्त हो गए हों।
    (ग)   लिफाफों को खोलना तथा सत्यापन-
    (i)     प्ररूप 13-ग या लिफाफा 'ख' खोलना (बाहरी लिफाफा)- समय पर प्राप्त प्ररूप 13ग में आवरणों को सत्यापित करके एक के बाद एक खोलना चाहिए। बाहरी लिफाफे पर लगे क्यूआर कोड को कंप्यूटर साफ्टवेयर और क्यूआर कोड रीडर का उपयोग करके स्कैन किया जाएगा और आवश्यक विधिमान्यता जांच की जाएगी। बाहरी लिफाफे का सत्यापन किए जाने के बाद कंप्यूटर द्वारा एक विशिष्ट क्रम संख्या प्रदान की जाएगी। रिटर्निंग अधिकारी द्वारा इस क्रम संख्या को सत्यापित किए जा रहे लिफाफे पर भी हाथ से चिह्नित किया जाएगा। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्राप्त डाक मतपत्रों की सूची में किन्हीं संभव अनुलिपियों के लिए क्यूआर कोड में प्रविष्टि की जांच करेगा और ऐसे मामलों के लिए चेतावनी का संकेत देगा। कंप्यूटर साफ्टवेयर ऐसी क्रम संख्याओं की सूची भी प्रदान करेगा जो सभी हैंडल किए जा रहे डाक मतपत्रों के डुप्लीकेट हैं। रिटर्निंग अधिकारी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा यथा निर्दिष्ट ऐसे सभी डुप्लीकेट लिफाफों का स्थान निर्धारण करेगा और उन्हें प्रत्यक्षत: एक साथ रखेगा तथा ऐेसे सभी डुप्लीकेट/बहुल मतों को अवैध कर देगा। अविधिमान्य घोषित किए गए ऐेसे सभी लिफाफे आगे की कार्रवाई हेतु नहीं खोले जाएंगे और एक किनारे रख दिए जाएंगे तथा भावी संदर्भ हेतु संरक्षित कर लिए जाएंगे। ऐसे डुप्लीकेट डाक मतपत्रों की संख्या रजिस्टर में दर्ज कर ली जाएगी।
    (ii)    आवरण 'ख' (प्ररूप 13ग) खोलने पर उसके अंदर दो दस्तावेज पाए जाने अपेक्षित हैं। पहला प्ररूप 13क में मतदाता द्वारा की गई घोषणा है और दूसरा भीतरी आवरण अर्थात प्ररूप 13ख वाला डाक मतपत्र होता है।
    (iii)       जैसे ही प्रत्येक आवरण खोला जाता है, रिटर्निंग अधिकारी को प्ररूप 13क में घोषणा और प्ररूप 13ख में आवरण को बाहर निकालना चाहिए, उसे स्कैन करना चाहिए, उसका सत्यापन करना चाहिए और तब घोषणा की संवीक्षा करनी चाहिए।
    (iv)       प्ररूप 13ख जिसमें डाक मतपत्र रखा होता है, के आवरण को खोलने के पहले रिटर्निंग अधिकारी को प्ररूप 13क में घोषणा की जांच अवश्य करनी चाहिए और ऐसे सभी प्ररूप 13ख को खोलने और उसकी गणना करने से पहले प्ररूप 13क को अलग रखना चाहिए तथा उसे सीलबंद कर देना चाहिए।
    (v)        रिटर्निंग अधिकारी किसी डाक मतपत्र को प्ररूप 13ख में उसके भीतरी आवरण को खोले बिना अस्वीकार कर देगा यदि:
    (क)      प्ररूप 13-क में घोषणा आवरण में नहीं पाई जाती है, या
    (ख)     प्ररूप 13-क में घोषणा में इलेक्ट्रॉनिक डाक मतपत्र पहचान संख्या (ई- पीबीआईडी) जारी ई-पीबीआईडी से मेल नहीं खाती है, या
    (ग)      घोषणा पर सम्यक् रूप से हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं और, या अनुप्रमाणित करने के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा उसका अनुप्रमाणन नहीं किया गया है, या घोषणा में उल्लिखित डाक मतपत्र का ई-पीबीआईडी प्ररूप 13-ख में आवरण पर ई-पीबीआईडी से भिन्न हो।
    (vi)       इस प्रकार अस्वीकृत किए गए सभी आवरण उपयुक्त ढंग से पृष्ठांकित किए जाने चाहिए और घोषणा और आवरण को प्ररूप 13-ग (बाहरी लिफाफा) में वापस रख दिया जाना चाहिए। प्ररूप 13-ग में ऐसे सभी आवरण को विधिवत रूप से सीलबंद किए गए एक अलग पैकेट में एक साथ रखा जाना चाहिए और निर्वाचन क्षेत्र का नाम, मतगणना की तिथि और अंतर्वस्तु का संक्षिप्त विवरण जैसे पूरे विवरण उस पर नोट किए जाने चाहिए ताकि उनकी आसानी से पहचान की जा सके।
    (vii)      प्ररूप 13-क में सभी घोषणाएं सुव्यवस्थित पाई जाने पर मतगणना के लिए अलग रखी जानी चाहिए।
    (viii)     आगे की गणना के लिए डाक मतपत्रों की गणना के सभी अनुदेश लागू होंगे।
    (ix)       क्यूआर कोड की स्कैनिंग क्रमानुसार अवश्य की जानी चाहिए। प्ररूप 13-ग को सबसे पहले स्कैन किया जाना चाहिए, उसके बाद प्ररूप 13क और प्ररूप 13ख पर अंकित दोनों क्यूआर कोड को स्कैन किया जाना चाहिए। क्यूआर कोड स्कैनिंग का क्रम किसी भी स्थिति में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए।   
     
    भवदीय 
    हस्ता/-
     (नरेन्द्र एन. बूटोलिया)
     वरिष्ठ प्रधान सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 13 November 2020

  14. निर्वाचनों का संचालन (संशोधन) नियम, 2020 – निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 90 का संशोधन – निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा में वृद्धि - तत्संबंधी

    संख्या 3/4/2020/एसडीआर-खंड ।।
    दिनांक: 21 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में,
    मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय/राज्यीय  
    राजनैतिक दलों के अध्यक्ष/महासचिव
     
    विषय: निर्वाचनों का संचालन (संशोधन) नियम, 2020 – निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 90 का संशोधन – निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा में वृद्धि - तत्संबंधी
     
    महोदय/महोदया,     
    मुझे लोकसभा और विधान सभाओं के निर्वाचनों में अभ्यर्थियों पर लागू निर्वाचन व्यय की ऊपरी सीमा बढ़ाने हेतु निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 90 का संशोधन से संबंधित विधि एवं न्याय मंत्रालय, विधायी विभाग की अधिसूचना का.आ. 3667 (असा.), दिनांक 19 अक्तूबर, 2020 की एक प्रति इसके साथ भेजने का निदेश हुआ है।
      
    भवदीय,
    हस्ता./-
    (एन.टी. भूटिया)
    सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 13 November 2020

  15. महामारी कोविड-19-की अवधि के दौरान अभियान के लिए राजनीतिक दलों को सलाह-तत्‍संबंधी

    सं. 4/2020/एसडीआर/खंड-I 
    दिनांक: 21 अक्‍तूबर, 2020
     
    सेवा में,
           मान्‍यताप्राप्त राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनीतिक दलों
           के अध्‍यक्ष/महासचिव
     
    विषय: वैश्विक महामारी कोविड-19 की अवधि के दौरान प्रचार-अभियान – तत्‍संबंधी। 
    महोदय/महोदया,
           भारत निर्वाचन आयोग ने दिनांक 9 अक्तूबर, 2020 को अपने परामर्शी पत्र(प्रति संलग्‍न) के तहत सभी चरणों में, विशेषकर जहां व्यक्तिगत रूप में लोक संपर्क निहित हो, वैश्विक महामारी कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग देने को कहा था। लोक स्‍वास्‍थ्‍य के व्‍यापक हित में सभी स्‍टेकहोल्‍डरों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे मास्‍क पहनने, सैनिटाइजरों को इस्‍तेमाल करने तथा सामाजिक दूरी का पालन करने सहित निवारक उपायों का पालन करें। उपर्युक्‍त उल्लिखित परामर्शीपत्र के पैरा 4 में विशेष रूप से उल्लिखित किया गया था कि:  
    ‘‘लोगों का प्रतिनिधि होने के नाते यह सुनिश्चित करने की व्यापक जिम्मेदारी राजनैतिक दलों की है कि वे न केवल यथा-विहित लोक स्वास्थ्य सुरक्षा के नियत मानदंडों का पालन करने में जिला प्रशासन तंत्र के साथ सहयोग करें, बल्कि प्रचार के दौरान जमीनी व्यवस्था करते समय अपने कैडर में सभ्य व्यवहार के लिए अनुशासन की भावना भी पैदा करें। यह अनुरोध किया जाता है कि आप अपने सभी फील्ड प्रतिनिधियों को परामर्श दें कि वे लोक स्वास्थ्य के व्यापक हित में सभी मौजूदा अनुदेशों का पालन करने में अधिकतम सतर्कता और सावधानी बरतें तथा उपबंधों के उल्लंघन से संबंधित किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचें।’’  
    इससे पूर्व, अपने दिनांक 21 अगस्‍त, 2020 के विस्तृत दिशा-निर्देशों में, आयोग ने यह भी कहा था कि लोक संपर्क की अवधि के दौरान इन आदेशों का पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के उपबंधों के अनुसार, और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार तथा गृह मंत्रालय के दिनांक 29 जुलाई, 2020 के आदेश सं. 40-3/2020-डीएम-I(ए) में यथाविनिर्दिष्‍ट प्रावधानों के अनुसार  कार्रवाई की जाएगी।
    आयोग के नोटिस में ऐसी जनसभाओं के दृष्टातं सामने आए हैं जिनमें सामाजिक दूरी का घोर उल्‍लंघन करते हुए अपार जन समूह एकत्रित हुआ और राजनीतिक दल/प्रचारक, निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/अनुदेशों की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए मास्क लगाए बिना जनसमूह को संबोधित कर रहें हैं। ऐसा करके, राजनीतिक दल और अभ्‍यर्थी, न केवल आयोग के दंडमुक्‍त दिशा-निर्देशों की अवज्ञा कर रहें है बल्कि स्‍वयं को और रैलियों/बैठकों में शामिल होने वाले लोगों को भी वैश्विक महामारी के दौरान संक्रमण के जोखिम में डाल रहे हैं।  
    यह दोहराने की आवश्‍यकता नहीं है कि निर्वाचनों के दौरान, राजनीतिक दल/संस्‍थाएं निर्वाचक प्रक्रिया में अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण स्‍टेकहोल्‍डर हैं और वे निर्वाचन अभियान के लिए आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने के प्रति कर्तव्‍यबद्ध हैं।  
    आयोग ने रैलियों/बैठकों में जन समूह को अनुशासित न रखें जाने के लिए राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों की अनदेखी को गंभीरता से लिया है और एतद्द्वारा दोहराता है और उन्हें परामर्श भी देता है कि निर्वाचन अभियान के दौरान अधिकतम सतर्कता एवं सावधानी बरतें। आयोग को मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और जिला मशीनरी से यह अपेक्षा है कि वे इस प्रकार का उल्‍लंघन करने वाले संबंधित अभ्‍यर्थियों और आयोजकों के विरूद्ध यथोचित और संगत  उपबंधों के अनुसार दंडात्‍मक कार्रवाई करें। निर्वाचनरत राज्‍यों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और राज्‍य सरकारों को कड़े अनुपालन हेतु अलग से अनुदेश जारी किए जा रहें हैं।  
    आयोग आपसे संपूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि हमारी जिला निर्वाचन मशीनरी यह सुनिश्चित कर सके कि आयोजकों सहित सभी सहभागी समस्‍त निवारक उपायों का पालन करें।
                                                 
    भवदीय,   
    (नरेंन्‍द्र एन. बुटोलिया)
    वरि. प्रधान सचिव  

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  16. व्‍यय प्रेक्षकों के लिए महत्‍वपूर्ण अनुदेश

    सं. 116/बिहार-वि.स./व्‍यय प्रेक्षक/2020/सीईएमएस-III 
     दिनांक: 16 अक्‍तूबर, 2020
     
    सेवा में,
          मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी,
          बिहार,  पटना।
     
    विषय: बिहार विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2020 - प्रथम चरण - वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के लिए व्‍यय प्रेक्षकों का ‘‘स्‍टेटस नोट/फीडबैक’’ – तत्‍संबंधी।
    महोदय,
          मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग फील्‍ड मशीनरी की मतदान तैयारियों का व्‍यापक रूप से आकलन करने के लिए तथा निर्वाचन संबंधी सभी नियमों, दिशा-निर्देशों एवं अनुदेशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बिहार राज्‍य में प्रथम चरण में तैनात सभी व्‍यय प्रेक्षकों के साथ 17 अक्‍तूबर, 2020 को पूर्वाह्न 11.00 बजे वीडियो कॉन्‍फ्रेंस (वीसी) के माध्‍यम से समीक्षा बैठक का आयोजन करेगा।  
    इस संबंध में, आपसे अनुरोध है कि अनुबंध ‘क’ पर संलग्‍न ‘‘स्‍टेटस नोट/फीडबैक’’  प्रथम चरण के निर्वाचन के सभी व्‍यय प्रेक्षकों को परिचालित करें।  
          व्‍यय प्रेक्षकों द्वारा ‘‘स्‍टेटस नोट/फीडबैक’’16 अक्‍तूबर, 2020 के अपराह्न 5.00 बजे तक अनिवार्यत: निम्‍नलिखित ई-मेल पर भेजी जाए।
          traogharu@eci.gov.in                           k.rajeev71@eci.gov.in          
    इसे शीर्ष ‘कोई अन्‍य रिपोर्ट’ के अंतर्गत व्‍यय प्रेक्षक पोर्टल पर भी अपलोड किया जाए।  
    व्‍यय प्रेक्षकों के ‘‘स्‍टेटस नोट/फीडबैक’’ अवश्‍यतया संक्षिप्‍त, स्‍वच्‍छ, सुस्‍पष्‍ट तथा सटीक होने चाहिए तथा  टाइप किए हुए 2 A-4 पृष्‍ठों से अधिक नहीं होने चाहिए। ‘‘स्‍टेटस नोट/फीडबैक’’  में कवर किए जाने वाले मुद्दों/बिंदुओं की निदर्शी सूची अनुबंध ‘क’ पर संलग्‍न है। 
    सभी व्‍यय प्रेक्षकों को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय/जिला मुख्‍यालय में उपस्थित रहना चाहिए जिससे कि वे महत्‍वपूर्ण खामियों, तत्‍काल कार्रवाई करने योग्‍य बिंदुओं, महत्‍वपूर्ण मुद्दों या अन्‍य उल्‍लेखनीय इनपुट, यदि कोई हों, पर आयोग के ध्‍यानार्थ व्‍यक्तिगत प्रतिपुष्टि (फीडबैक) दे सकें।  
          स्‍टटेस नोट/फीडबैक का उपरोक्‍त प्रोफार्मा आयोग की वेबसाइट www.eci.gov.in पर भी उपलब्‍ध है और उसे शीर्ष ‘प्रेक्षक पोर्टल (केवल प्रेक्षकों के लिए)’ – ‘‘व्‍यय प्रेक्षकों के लिए महत्‍वपूर्ण अनुदेश’’ के अंतर्गत देखा जा सकता है।  
          यह अनुदेश सभी व्‍यय प्रेक्षकों के अनुपालन हेतु उनके संज्ञान में तत्‍काल लाया जाए।  
     
    भवदीय,
    ह./-
    (टीटव राव)
    अवर सचिव 
     

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  17. लोक सभा तथा राज्य विधान सभाओं के उप-निर्वाचन, 2020 – एक्जिट पोल – तत्संबंधी।

    सं. 576/एक्जिट/2020/एसडीआर/खंड II
    दिनांकः 14 अक्तूबर, 2020
     
                                                                             
    सेवा में
           मुख्य निर्वाचन अधिकारी
     बिहार  छत्तीसगढ़  गुजरात  हरियाणा  झारखंड  कर्नाटक  मध्य प्रदेश  मणिपुर  नागालैंड  ओडिशा  तेलंगाना  उत्तर प्रदेश  विषयः  लोक सभा तथा राज्य विधान सभाओं के उप-निर्वाचन, 2020 – एक्जिट पोल – तत्संबंधी।
     महोदय,      
    मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 576/एक्जिट/2020/एसडीआर/खंड II, दिनांक 14 अक्तूबर, 2020 को इस अनुरोध के साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है कि इसे राज्य के राजपत्र के असाधारण अंक में प्रकाशित किया जाए तथा अभिलेखन हेतु इसकी एक प्रति आयोग को भेजी जाए।
    इसे समाचार ब्यूरो, मीडिया घरानों, रेडियो और टेलीविजन चैनलों आदि सहित सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाए।
    भवदीय 
    (अभिषेक तिवारी)
    अवर सचिव
     

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  18. Bye Elections to the House of the people of Bihar and Legislative Assemblies of Chhattisgarh, Gujarat, Haryana, Jharkhand, Kamataka, M P, Manipur, Nagaland, Odisha, Telangana and UP,2020. - Identifications of electors of polling station

    Bye Elections to the House of the people of Bihar and Legislative Assemblies of Chhattisgarh, Gujarat, Haryana, Jharkhand, Karnataka, Madhya Pradesh, Manipur, Nagaland, Odisha, Telangana and Uttar Pradesh,2020. - Identifications of electors of polling stations.
    The Election Commission hereby directs that for the Bye-Election, all electors who have been issued EPIC shall produce the EPIC for their identification at the polling station before casting their votes. Those electors who are not able to produce the EPIC shall produce one of the following alternative photo identity documents for establishing their identity: -
    Aadhaar Card, MNREGA Job Card, Passbooks with photograph issued by Bank/Post Office, Health Insurance Smart Card issued under the scheme of Ministry of Labour, Driving License, Pan Card, Smart Card issued by RGI under NPR, Indian Passport, Pension document with photograph, Service Identity Cards with photograph issued to employees by Central/State Govt./PSUs/Public Limited Companies, and Official identity cards issued to MPs/MLAs/MLCs.

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  19. बिहार लोक सभा एवं छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के लिए उप-निर्वाचन, 2020 – मतदान केंद्रों के निर्वाचकों की पहचान – तत्संबंधी।

    सं. 3/4/आईडी/2020/एसडीआर/खंड. II 
    दिनांकः 14 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में
           मुख्य निर्वाचन अधिकारी
     बिहार  छत्तीसगढ़  गुजरात  हरियाणा  झारखंड  कर्नाटक  मध्य प्रदेश  मणिपुर  नागालैंड  ओडिशा  तेलंगाना  उत्तर प्रदेश  
    विषयः   बिहार लोक सभा एवं छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के लिए उप-निर्वाचन, 2020 – मतदान केंद्रों के निर्वाचकों की पहचान – तत्संबंधी। 
    महोदय,
           मुझे बिहार लोक सभा एवं छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश विधान सभाओं (अनुलग्नक-I के अनुसार) के लिए उप-निर्वाचनों में निर्वाचकों की पहचान के संबंध में, निर्वाचन आयोग के दिनांक 14 अक्तूबर, 2020 के आदेश को इसके साथ संलग्न करने का निदेश हुआ है।
    2.     निर्वाचन आयोग ने निदेश दिया है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी निर्वाचकों, जिन्हें एपिक जारी किया जा चुका है, को अपना मत डालने से पहले मतदान केंद्र पर अपनी पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रस्तुत करना होगा। जो निर्वाचक एपिक प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आदेश के पैराग्राफ 7 में उल्लिखित किसी एक वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
    3.     एपिक के संबंध में, प्रविष्टियों में मामूली विसंगतियों को नजरअंदाज कर देना चाहिए बशर्ते  कि निर्वाचक की पहचान उक्त द्वारा सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक ऐसा एपिक प्रस्तुत करता है जो किसी अन्य विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे पत्र भी पहचान के लिए स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते कि उस निर्वाचक का नाम, उस मतदान केंद्र, जहां वह मतदान करने आया है से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। यदि फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तो निर्वाचक को पैरा 7 में उल्लिखित कोई एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
    4.     प्रवासी निर्वाचकों को पहचान के लिए केवल अपना वास्तविक भारतीय पासपोर्ट ही प्रस्तुत करना होगा।
    5.     इस आदेश को सभी रिटर्निंग अधिकारियों एवं पीठासीन अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए। रिटर्निंग अधिकारी विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से पीठासीन अधिकारियों को इस आदेश के निहितार्थ तथा विषय-वस्तु के बारे में बताएंगे। प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को मातृभाषा में अनूदित आदेश की प्रति को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। रिटर्निंग अधिकारियों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों के पास आदेश की प्रतियां उपलब्ध हों। आदेश को तत्काल राज्य के राजपत्र में प्रकाशित किया जाना चाहिए और उसकी एक प्रति को आयोग में इसके सूचना तथा अभिलेखन हेतु भेजा जाना चाहिए।
    6.     इस आदेश का आम जनता और निर्वाचकों की सूचना के लिए तत्काल और तत्पश्चात मतदान की तारीख तक नियमित अंतराल पर प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। इसमें अखबारों में पेड विज्ञापन शामिल होने चाहिएं। इन अनुदेशों के संबंध में, अपने राज्य/संघ राज्य-क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को भी लिखित में सूचित किया जाना चाहिए।
    7.     पूर्व में भी, निर्वाचन आयोग ने पहचान के लिए दस्तावेज के रूप में फोटो मतदान पर्ची की अनुमति दी थी। हालांकि, फोटो मतदाता पर्ची में किसी भी प्रकार की सुरक्षा संबंधी सुविधा नहीं होने की वजह से इसके दुरूपयोग होने के आधार पर एकमात्र पहचान दस्तावेज के रूप में इसका उपयोग करने के खिलाफ अभ्यावेदन दिए गए थे। चूंकि, 100 प्रतिशत निर्वाचकों के पास एपिक है, और 99 प्रतिशत वयस्कों को आधार कार्ड जारी किया जा चुका है, आयोग ने अब निर्णय लिया है कि फोटो मतदाता पर्ची को मतदान के लिए एक मात्र पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा, हालांकि फोटो मतदाता पर्ची तैयार होती रहेगी और जागरूकता पैदा करने के अभियान के रूप में निर्वाचकों को जारी की जाती रहेगी। निर्वाचकों को यह स्पष्ट करने के लिए कि फोटो मतदाता पर्चियों को मतदान के लिए एकमात्र पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा ये शब्द, फोटो मतदाता पर्ची में साफ अक्षरों में मुद्रित किए जाएंगे “मतदान केंद्र में इस पर्ची को पहचान के प्रयोजनार्थ स्वीकृत नहीं किया जाएगा। आपसे अनुरोध है कि एपिक अथवा आयोग द्वारा निर्धारित 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक को साथ में अवश्य लाएं” ।
    8.     कृपया पावती दें और कृत कार्रवाई की पुष्टि करें।
    भवदीय 
    (अभिषेक तिवारी)
    अवर सचिव

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  20. General Elections to the Legislative Assembly of Bihar - EXIT POLL -regarding.

    In exercise of the powers under sub-Section (1) of Section 126A of the R.P. Act, 1951, the Election Commission, having regard to the provisions of sub-Section (2) of the said Section, hereby notifies the period between 7:00 A.M on 28th October, 2020 (Wednesday) and 6.30 PM on 7th November, 2020 (Saturday),as the period during which conducting any exit poll and publishing or publicizing by means of the print or electronic media or dissemination in any other manner whatsoever, the result of any exit poll in connection with the above mentioned General Election to the State Legislative Assembly of Bihar, shall be prohibited.
    It is further clarified that under Section 126(l)(b) of the R.P. Act, 1951, displaying any election matter including results of any opinion poll or any other poll survey, in any electronic media, would be prohibited during the period of 48 hours ending with the hours fixed for conclusion of poll in the respective polling areas in each phase of the aforesaid General election.

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  21. General Election to the State Legislative Assembly of Bihar, 2020- the Election Commission's Order regarding identification of electors.

    The Election Commission hereby directs that for the General Election to the State Legislative Assembly of Bihar notified/to be notified on 01-10-2020, 09-10-2020 and 13-10- 2020 all electors who have been issued EPIC shall produce the EPIC for their identification at the polling station before casting their votes. Those electors who are not able to produce the EPIC shall produce one of the following alternative photo identity documents for establishing their identity: -
    Aadhaar Card,
    MNREGA Job Card,
    Passbooks with photograph issued by Bank/Post Office,
    Health Insurance Smart Card issued under the scheme of Ministry of Labour,
    Driving License,
    Pan Card,
    Smart Card issued by RGI under NPR,
    Indian Passport,
    Pension document with photograph,
    Service Identity Cards with photograph issued to employees by Central/State Govt./PSUs/Public Limited Companies, and
    Official identity cards issued to MPs/MLAs/MLCs.
    overseas electors who are registered in the electoral roll under Section 20A of the Representation of the People Act, 1950, based on the particulars in their Indian Passport, shall be identified on the basis of their original passport only (and no other identity document) in the polling station. 

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  22. Advisory to Political Parties for campaigning during the period of pandemic COVID-19-Reg.

    Advisory to Political Parties for campaigning during the period of pandemic COVID-19-Reg.
     

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  23. बिहार लोक सभा एवं बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के लिए उप-निर्वाचन, 2020-सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्टॉनिक रूप से प्रेषित करने के संबंध में आयोग

    सं. 52/2020/एसडीआर/ईटीपीबीएस/खंड II                     दिनांक: 08 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में
          मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    बिहार छत्तीसगढ़ गुजरात हरियाणा झारखंड कर्नाटक मध्य प्रदेश मणिपुर नागालैंड ओडिशा तेलंगाना उत्तर प्रदेश विषय: बिहार लोक सभा एवं बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के लिए उप-निर्वाचन, 2020-सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्टॉनिक रूप से प्रेषित करने के संबंध में आयोग का निदेश-तत्संबंधी।  
    महोदय/महोदया,
           मुझे इसके साथ निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 के उप-नियम (1) के दूसरे परंतुक के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 08 अक्तूबर, 2020 को जारी निदेश की प्रति इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है, जिसमें बिहार के 1- वाल्मीकिनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र एवं 12 राज्यों के 59 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों (अनुलग्नक-I के अनुसार) से मौजूदा उप-निर्वाचन के दौरान सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करने की रीति निर्धारित की गई है।
    2.    सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र प्रेषित करने हेतु रिटर्निंग अधिकारी को इस निदेश की एक प्रति अग्रेषित की जाए। इसकी संसूचना जिला निर्वाचन अधिकारी और अन्य निर्वाचन प्राधिकारियों को भी दी जाए। रिटर्निंग अधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को भी इस बारे में अवगत कराया जाए।
    3.    कृपया इस पत्र की पावती भेजें।
     
     
    भवदीय 
     (अभिषेक तिवारी)
    अवर सचिव
     *******************
                                      
    अनुलग्नक-I
     
     
    क्र. सं.
    राज्य का नाम
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1
    बिहार
    1-वाल्मीकिनगर
     
     
    क्र. सं.
    राज्य का नाम
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1
    छत्तीसगढ़
    24-मरवाही (अ.ज.जा)
    2
    गुजरात
    01-अबडासा
    3
    गुजरात
    61-लींबडी
    4
    गुजरात
    65-मोरबी
    5
    गुजरात
    94-धारी
    6
    गुजरात
    106-गढडा (अ.जा.)
    7
    गुजरात
    147-करजण
    8
    गुजरात
    173-डांग (अ.ज.जा.)
    9
    गुजरात
    181-कपराडा (अ.ज.जा.)
    10
    हरियाणा
    33-बरोदा
    11
    झारखंड
    10-दुमका (अ.ज.जा)
    12
    झारखंड
    35-बेरमो
    13
    कर्नाटक
    136-सिरा
    14
    कर्नाटक
    154-राजाराजेश्वरीनगर
    15
    मध्य प्रदेश
    04-जौरा
    16
    मध्य प्रदेश
    5-सुमावली
    17
    मध्य प्रदेश
    6-मुरैना
    18
    मध्य प्रदेश
    7-दिमनी
    19
    मध्य प्रदेश
    8-अम्बाह (अ.जा.)
    20
    मध्य प्रदेश
    12-मेहगांव
    21
    मध्य प्रदेश
    13-गोहद (अ.जा.)
    22
    मध्य प्रदेश
    15-ग्वालियर
    23
    मध्य प्रदेश
    16-ग्वालियर पूर्व
    24
    मध्य प्रदेश
    19-डबरा (अ.जा.)
    25
    मध्य प्रदेश
    21-भाण्डेर (अ.जा.)
    26
    मध्य प्रदेश
    23-करेरा (अ.जा.)
    27
    मध्य प्रदेश
    24-पोहरी
    28
    मध्य प्रदेश
    28-बामोरी
    29
    मध्य प्रदेश
    32-अशोकनगर (अ.जा.)
    30
    मध्य प्रदेश
    34-मुंगावली
    31
    मध्य प्रदेश
    37-सुरखी
    32
    मध्य प्रदेश
    53-मलहरा
    33
    मध्य प्रदेश
    87-अनुपपुर (अ.ज.जा.)
    34
    मध्य प्रदेश
    142-सांची (अ.जा.)
    35
    मध्य प्रदेश
    161-ब्यावरा
    36
    मध्य प्रदेश
    166-आगर (अ.जा.)
    37
    मध्य प्रदेश
    172-हाटपिपल्या
    38
    मध्य प्रदेश
    175-मांधाता
    39
    मध्य प्रदेश
    179-नेपानगर (अ.ज.जा.)
    40
    मध्य प्रदेश
    202-बदनावर
    41
    मध्य प्रदेश
    211-सांवेर (अ.जा.)
    42
    मध्य प्रदेश
    226-सुवासरा
    43
    मणिपुर
    30-लिलोंग
    44
    मणिपुर
    34-वाँग्जिंग टेन्था
    45
    मणिपुर
    22-बाँगोई
    46
    मणिपुर
    51-सैतू (अ.ज.जा.)
    47
    मणिपुर
    60-सिंघाट (अ.ज.जा.)
    48
    नागालैंड
    14-दक्षिणी अंगामी-I (अ.ज.जा.)
    49
    नागालैंड
    60-पुंगरो-किफिरे (अ.ज.जा.)
    50
    उड़ीसा
    38-बालासौर
    51
    उड़ीसा
    102-तिरतोल (अ.जा.)
    52
    तेलंगाना
    41-डुब्बक
    53
    उत्तर प्रदेश
    40-नौगावां सादात
    54
    उत्तर प्रदेश
    65-बुलंदशहर
    55
    उत्तर प्रदेश
    95-टूण्डला (अ.जा.)
    56
    उत्तर प्रदेश
    162-बांगरमऊ
    57
    उत्तर प्रदेश
    218-घाटमपुर (अ.जा.)
    58
    उत्तर प्रदेश
    337-देवरिया
    59
    उत्तर प्रदेश
    367-मल्हनी
     
     
    *****************
     
    भारत निर्वाचन आयोग
    निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001
     
    सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-। 
    दिनांक: 08 अक्तूबर, 2020
     
    निदेश
     
    निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 के उप-नियम (1) के दूसरे परंतुक के उपबंधों के अनुसरण में निर्वाचन आयोग एतदद्वारा, सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रानिक साधनों द्वारा डाक मतपत्रों के प्रेषण के लिए और सेवा मतदाताओं से वापस प्राप्त हुए इन डाक मतपत्रों की गणना के लिए निम्नलिखित रीतियों का निर्धारण करता है:-
     
    1.     प्रेषित किए जाने वाले दस्तावेज –
    रिटर्निंग अधिकारी निम्नलिखित दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करेगा:
    (क)     डाक मतपत्र,
    (ख)     प्ररूप 13–क–निर्वाचक द्वारा घोषणा,
    (ग)     प्ररूप 13-ख-आवरण ए के लिए लेबल (भीतरी लिफाफा),
    (घ)     प्ररूप 13-ग-आवरण बी के लिए लेबल (बाहरी लिफाफा)
    (ङ)     प्ररूप 13-घ-निर्वाचक के मार्गनिर्देशन हेतु अनुदेश
     
    2.     प्रेषण की रीति -
    केंद्रीय प्रशासन अधिकारी (सी-एडमिन) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र जारी करने के संबंध में 'आरओ प्रचालन' सक्रिय कर देने के उपरांत, रिटर्निंग अधिकारी सिस्टम में लॉग-इन करने में समर्थ हो जाएगा और निम्नलिखित कार्यकलाप करेगा:
     
    क.            निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए डाटा प्रविष्ट 'करेगा/देखेगा' (अर्थात निर्वाचन का विवरण, निर्वाचन क्षेत्र का राज्य कोड, निर्वाचन क्षेत्र का प्रकार (विधान सभा या संसदीय निर्वाचन क्षेत्र), निर्वाचन क्षेत्र की संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम, निर्वाचन की तिथि और चिह्

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 13 November 2020

  24. 02 स्नातक तथा 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन, जिनके लिए 28 अक्तूबर, 2020 को मतदान निर्धारित किया गया है- निर्वाचकों की पहचान के संबंध में निर्वाचन आयोग का आदेश।  

    सं. 3/4/आईडी/2020/एसडीआर/(परिषद-कर्नाटक)
    दिनांक 08 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
    कर्नाटक,
    बंगलोर।
     
    विषय:  02 स्नातक तथा 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन, जिनके लिए 28 अक्तूबर, 2020 को मतदान निर्धारित किया गया है- निर्वाचकों की पहचान के संबंध में निर्वाचन आयोग का आदेश।  
    महोदय,
           मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि निर्वाचन आयोग ने यह निदेश दिया है कि कर्नाटक राज्य में कर्नाटक दक्षिण-पूर्व स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, कर्नाटक पश्चिम स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, कर्नाटक पूर्वोत्तर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और बंगलोर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में जिन सभी निर्वाचकों को उनके संबंधित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचकों के रूप में एपिक जारी किया गया है, उन सभी को 01 अक्तूबर, 2020 (गुरुवार) को अधिसूचित कर्नाटक विधान परिषद के निर्वाचनों में मतदान हेतु मतदान केंद्र पर आने पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए ये कार्ड या संलग्न आदेश में यथोल्लिखित कोई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 
    2.     इस आशय से दिनांक 08 अक्तूबर, 2020 को जारी आदेश की एक प्रति इसके साथ संलग्न है। निर्वाचन आयोग ने ऐसे निर्वाचक, जो एपिक प्रस्तुत नहीं करते हैं, के संदर्भ में पहचान हेतु 9 वैकल्पिक दस्तावेज अनुमोदित किए हैं। सभी पीठासीन अधिकारियों का ध्यान विशेष रूप से आदेश के पैराग्राफ 4 में दिए गए निर्देशों की ओर आकृष्ट किया जाए।   
    3.     पीठासीन अधिकारियों को स्पष्ट अनुदेश दिए जाएंगे कि निर्वाचक फोटो पहचान पत्र में निर्वाचक के नाम, पिता/माता/पति के नाम, लिंग, आयु या पते में निर्वाचकों से संबंधित प्रविष्टियों में मामूली विसंगतियों को नजरअंदाज किया जाए और यदि उस कार्ड के माध्यम से निर्वाचक की पहचान स्थापित की जा सकती हो, तो निर्वाचकों को मतदान करने की अनुमति दी जाए।  
    4.     आयोग के दिनांक 8 अक्तूबर, 2020 के आदेश को राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए। स्नातक तथा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से द्विवार्षिक निर्वाचन हेतु नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी, पीठासीन अधिकारी तथा अन्य संबंधित सभी निर्वाचन प्राधिकारियों को निर्वाचन आयोग के निदेशों की तत्काल सूचना दी जाए। इस आदेश को आम जनता तथा निर्वाचकों की सूचनार्थ प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए। यह स्पष्ट किया जाए कि जिन्हें एपिक जारी किया गया है, उनको मतदान केंद्र पर मतदान हेतु आने पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए एपिक प्रस्तुत करना होगा और जो एपिक प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं उन्हें मतदान के समय निर्वाचन आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट कोई वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। आपके राज्य में द्विवार्षिक निर्वाचन में खड़े सभी अभ्यर्थियों को निर्वाचन आयोग के इस निदेश की लिखित सूचना भी दी जाए।  
    5.     रिटर्निंग अधिकारियों को इस आदेश के निहितार्थों को नोट करने और विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से सभी पीठासीन अधिकारियों को इसकी विषय वस्तु स्पष्ट करने का अनुदेश दिया जाएगा। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इस आदेश की एक प्रति निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों/बूथों पर पीठासीन अधिकारियों के पास उपलब्ध होनी चाहिए।  
    6.     कृपया इस पत्र की पावती दें तथा की गई कार्रवाई की पुष्टि करें। 
     
    भवदीय,
    हस्ता./-
    (अभिषेक तिवारी)
    अवर सचिव
     
     ****************
    भारत निर्वाचन आयोग
    निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110 001
     
    सं. 3/4/आईडी/2020/एसडीआर (काउंसिल)
    दिनांक: 9 अक्तूबर, 2020
    आदेश
    यतः, भारत निर्वाचन आयोग वर्ष 2000 से लोक सभा तथा विधान सभाओं के निर्वाचनों में निर्दिष्ट पहचान दस्तावेजों के माध्यम से निर्वाचकों की अनिवार्य पहचान की नीति का अनुसरण कर रहा है ताकि निर्वाचकों के प्रतिरूपण को रोका जा सके जिससे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 के अंतर्गत असली निर्वाचक के मत देने के अधिकार को अधिक प्रभावी बनाया जा सके; और  
    2.     यतः, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 35(3) और 37(2) (ख) के उपबंधों के दृष्टिगत आयोग यह निर्देश जारी करता रहा है कि लोक सभा और विधान सभाओं के निर्वाचनों में निर्वाचक मतदान केंद्र पर अपना निर्वाचन फोटो पहचान पत्र या अन्य निर्दिष्ट दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे और उनकी ओर से उक्त निर्वाचन फोटो पहचान पत्र या दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहने पर या इंकार करने पर उनको बैलेट पेपर प्रदान करने या मत देने से मना किया जा सकता है; और  
    3.     यतः, निर्वाचकों की पहचान और प्रतिरूपण के प्रति सुरक्षोपाय से संबंधित उक्त प्रावधान, 'स्नातक' और 'शिक्षक' निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचनों में भी समान रूप से लागू होते हैं और चूंकि इन निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचक, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में भी निर्वाचक होतें हैं, इसलिए उन्हें उनके संबंधित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक के रूप में निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए गए होंगे; 
    4.     अतः, अब, सभी संबद्ध कारकों तथा विधिक एवं तथ्यात्मक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, निर्वाचन आयोग, एतद्द्वारा, यह निदेश देता है कि कर्नाटक राज्य में कर्नाटक दक्षिण-पूर्व स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, कर्नाटक पश्चिम स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, कर्नाटक पूर्वोत्तर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और बंगलोर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के मौजूदा द्विवार्षिक निर्वाचन में सभी निर्वाचकों, जिन्हें एपिक जारी किया गया है, को 01 अक्तूबर, 2020 (गुरूवार) को अधिसूचित उक्त निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के मौजूदा द्विवार्षिक निर्वाचन में मतदान के लिए मतदान केंद्र आने पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए इन कार्डों को प्रस्तुत करना होगा। तथापि, ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगाः-
    (i)        आधार कार्ड;
    (ii)       ड्राइविंग लाइसेन्स,
    (iii)      पैन कार्ड,
    (iv)      भारतीय पासपोर्ट,
    (v)       राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक घरानों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान-पत्र,
    (vi)      सांसदों/विधायकों/पार्षदों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र,
    (vii)     शैक्षिक संस्थाओं, जिसमें संबंधित शिक्षक/स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक नियोजित हो, द्वारा जारी सेवा पहचान पत्र,
    (viii)     विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्री/डिप्लोमा का मूल प्रमाण-पत्र,
    (ix)      सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी दिव्यांगता संबंधी मूल प्रमाण-पत्र।
    भवदीय,
    हस्ता./-
    (एन.टी. भूटिया)
    सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 13 November 2020

  25. 04 स्नातक तथा 04 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन, जिनके लिए 22 अक्तूबर, 2020 को मतदान निर्धारित किया गया है- निर्वाचकों की पहचान के संबंध में निर्वाचन आयोग का आदेश।

    सं. 3/4/आईडी/2020/एसडीआर/(परिषद-बिहार)
    दिनांक 07 अक्तूबर, 2020
     
    सेवा में
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी, 
    बिहार, पटना।
     
    विषय:  04 स्नातक तथा 04 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन, जिनके लिए 22 अक्तूबर, 2020 को मतदान निर्धारित किया गया है- निर्वाचकों की पहचान के संबंध में निर्वाचन आयोग का आदेश।  
    महोदय,
           मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि निर्वाचन आयोग ने यह निदेश दिया है कि बिहार राज्य में पटना स्नातक, दरभंगा स्नातक, तिरहट स्नातक, कोसी स्नातक, पटना शिक्षक, दरभंगा शिक्षक, तिरहट शिक्षक और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से जिन सभी निर्वाचकों को उनके संबंधित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचकों के रूप में एपिक जारी किया गया है, उन सभी को 28 सितंबर, 2020 (सोमवार) को अधिसूचित बिहार विधान परिषद के निर्वाचनों में मतदान हेतु मतदान केंद्र पर आने पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए ये कार्ड या संलग्न आदेश में यथोल्लिखित कोई अन्य वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 
    2.     इस आशय से  दिनांक 07 अक्तूबर, 2020 को जारी आदेश की एक प्रति इसके साथ संलग्न है। निर्वाचन आयोग ने ऐसे निर्वाचकों, जो एपिक प्रस्तुत नहीं करते हैं, के संदर्भ में पहचान हेतु 9 वैकल्पिक दस्तावेज अनुमोदित किए हैं। सभी पीठासीन अधिकारियों का ध्यान विशेष रूप से आदेश के पैराग्राफ 4 में दिए गए निर्देशों की ओर आकृष्ट किया जाए।   
    3.     पीठासीन अधिकारियों को स्पष्ट अनुदेश दिए जाएंगे कि निर्वाचक फोटो पहचान पत्र में निर्वाचक के नाम, पिता/माता/पति के नाम, लिंग, आयु या पते में निर्वाचकों से संबंधित प्रविष्टियों में मामूली विसंगतियों को नजरअंदाज किया जाए और, यदि उस कार्ड के माध्यम से निर्वाचक की पहचान स्थापित की जा सकती हो, तो निर्वाचकों को मतदान करने की अनुमति दी जाए।  
    4.     आयोग के दिनांक 7 अक्तूबर, 2020 के आदेश को राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित किया जाए। स्नातक तथा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से द्विवार्षिक निर्वाचन हेतु नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी, पीठासीन अधिकारी तथा अन्य संबंधित सभी निर्वाचन प्राधिकारियों को निर्वाचन आयोग के निदेशों की तत्काल सूचना दी जाए। इस आदेश को आम जनता तथा निर्वाचकों की सूचनार्थ प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए। यह स्पष्ट किया जाए कि जिन्हें एपिक जारी किया गया है, उनको मतदान केंद्र पर मतदान हेतु आने पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए एपिक प्रस्तुत करना होगा और जो एपिक प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं उन्हें मतदान के समय निर्वाचन आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट कोई वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। आपके राज्य में द्विवार्षिक निर्वाचन में खड़े सभी अभ्यर्थियों को निर्वाचन आयोग के इस निदेश की लिखित सूचना भी दी जाए।  
    5.     रिटर्निंग अधिकारियों को इस आदेश के निहितार्थों को नोट करने और विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से सभी पीठासीन अधिकारियों को इसकी विषय वस्तु स्पष्ट करने का अनुदेश दिया जाएगा। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इस आदेश की एक प्रति निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों/बूथों पर पीठासीन अधिकारियों के पास उपलब्ध होनी चाहिए।  
    6.     कृपया इस पत्र की पावती दें तथा की गई कार्रवाई की पुष्टि करें।
     
     
    भवदीय,
    हस्ता./-
    (अभिषेक तिवारी)
    अवर सचिव
     
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    भारत निर्वाचन आयोग
    निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110 001
     
    सं. 3/4/आईडी/2020/एसडीआर (काउंसिल)
    दिनांक: 7 अक्तूबर, 2020
    आदेश
    यतः, भारत निर्वाचन आयोग वर्ष 2000 से लोक सभा तथा विधान सभाओं के निर्वाचनों में निर्दिष्ट पहचान दस्तावेजों के माध्यम से निर्वाचकों की अनिवार्य पहचान की नीति का अनुसरण कर रहा है ताकि निर्वाचकों के प्रतिरूपण को रोका जा सके जिससे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 के अंतर्गत असली निर्वाचक के मत देने के अधिकार को अधिक प्रभावी बनाया जा सके; और  
    2.     यतः, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 35(3) और 37(2) (ख) के उपबंधों के दृष्टिगत आयोग यह निर्देश जारी करता रहा है कि लोक सभा और विधान सभाओं के निर्वाचनों में निर्वाचक मतदान केंद्र पर अपना निर्वाचन फोटो पहचान पत्र या अन्य निर्दिष्ट दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे और उनकी ओर से उक्त निर्वाचन फोटो पहचान पत्र या दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहने पर या इंकार करने पर उनको बैलेट पेपर की प्रदायगी करने या मत देने की अनुमति देने से मना किया जा सकता है; और  
    3.     यतः, निर्वाचकों की पहचान और प्रतिरूपण के प्रति सुरक्षोपाय से संबंधित उक्त प्रावधान स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचनों में भी समान रूप से लागू होते हैं और क्योंकि इन निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचक, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में भी निर्वाचक होते हैं, इसलिए उन्हें उनके संबंधित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक के रूप में निर्वाचक फोटो पहचान पत्र की प्रदायगी की गई होगी; 
    4.     अतः, अब, सभी संबद्ध कारकों तथा विधिक एवं तथ्यात्मक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, निर्वाचन आयोग, एतद्द्वारा, यह निदेश देता है कि पटना स्नातक, दरभंगा स्नातक, तिरहट स्नातक, कोसी स्नातक, पटना शिक्षक, दरभंगा शिक्षक, तिरहट शिक्षक और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद से मौजूदा द्विवार्षिक निर्वाचन में सभी निर्वाचक जिन्हें एपिक जारी किया गया है, उन सभी को 28 सितंबर, 2020 (सोमवार) को अधिसूचित उक्त निर्वाचन क्षेत्रों से बिहार विधान परिषद के मौजूदा द्विवार्षिक निर्वाचन में मतदान के लिए मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए इन कार्डों को प्रस्तुत करना होगा। तथापि, ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निम्नलिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगाः-
    (i)        आधार कार्ड;
    (ii)       ड्राइविंग लाइसेन्स,
    (iii)      पैन कार्ड,
    (iv)      भारतीय पासपोर्ट,
    (v)       राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य प्राइवेट औद्योगिक घरानों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान-पत्र,
    (vi)      सांसदों, विधायकों/विधान परिषद् सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र,
    (vii)     शैक्षिक संस्था जिसमें संबंधित शिक्षक/स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचक नियोजित हो, को जारी सेवा पहचान पत्र,
    (viii)     विश्वविद्यालय डिग्री/डिप्लोमा का मूल प्रमाण-पत्र,
    (ix)      सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी दिव्यांगता संबंधी मूल प्रमाण-पत्र। 
     
     
    भवदीय,
    हस्ता./-
    (एन.टी. भूटिया)
    सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 13 November 2020

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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