मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
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महत्वपूर्ण निर्देश

933 files

  1. Instruction on Mock Poll before starting the actual poll.

    Instruction on Mock Poll before starting the actual poll- leaflet on conduct of Mock Poll before starting the actual poll at polling stations.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  2. Disposal of VVPAT printed paper slips.

    Disposal of VVPAT printed paper slips.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  3. SoP on use of EVMs and VVPATs for bye-election to the Assembly Constituency.

    SoP on use of EVMs and VVPATs for bye-election to the Assembly Constituency.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  4. Storage & Safety arrangements of EVMs and VVPATs- Not to keep any material in EVM/VVPAT warehouse/Strong Room.

    Storage & Safety arrangements of EVMs and VVPATs- Not to keep any material in EVM/VVPAT warehouse/Strong Room.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  5. Storage of EVMs & VVPATs in Educational Institutions.

    Storage of EVMs & VVPATs in Educational Institutions.
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  6. Movement of EVMs & VVPATs.

    Movement  of defective EVMs & VVPATs and reserved EVMs & VVPATs. 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  7. Clarification on non deletion of mock poll data from CU or non removal of mock poll slips from VVPAT.

    Clarification on non deletion of mock poll data from CU or non removal of mock poll slips from VVPAT.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  8. Counting of VVPAT Paper Slips

    Counting of VVPAT Paper Slips
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  9. लोक सभा का साधारण निर्वाचन, 2019- मतदान के पश्चात वोटिंग मशीनों एवं अन्य दस्तावेजों की सुरक्षित अभिरक्षा-तत्संबंधी।

    464/एल एण्ड ओ/2019/ईपीएस                              दिनांकः 04 मई, 2019
     
    सेवा में
          सभी राज्यों/संघ राज्य-क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी 
    विषयः लोक सभा का साधारण निर्वाचन, 2019- मतदान के पश्चात वोटिंग मशीनों एवं अन्य दस्तावेजों की सुरक्षित अभिरक्षा-तत्संबंधी।
     महोदया/महोदय,
                 भारत निर्वाचन आयोग ने लोक सभा एवं आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा तथा सिक्किम की विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2019 की घोषणा कर दी है। मुझे उद्धृत विषय पर रिटर्निंग ऑफिसर हैंडबुक-2019 के पैरा 13.55.3 को संदर्भित करने का निदेश हुआ है। इस संबंध में, आयोग ने निम्नलिखित अनुदेशों को, इनके कड़ाई से अनुपालन के लिए, पुनः दोहराने का निदेश दिया हैः-
    प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए चौकोर/आयताकार बक्से के रूप में अलग स्थान चिह्नित किया जाना चाहिए। एक मतदान केंद्र से मतदान में प्रयुक्त बैलेट यूनिट, केंट्रोल यूनिट एवं वीवीपीएटी को उस मतदान केंद्र के लिए निर्धारित बक्से में एक ही स्थान पर एक साथ रखा जाना चाहिए। मतदान केंद्र के लिए प्ररूप-17 ग की एक प्रति, जो प्रत्येक मतदान केंद्र के संबंधित पीठासीन अधिकारी द्वारा भरी गई हो, पर टेप लगाई जानी चाहिए और मतदान केंद्र से संबंधित मॉक पोल से संबंधित वीवीपीएटी स्लिप वाले प्लास्टिक बक्से के साथ कंट्रोल यूनिट से जुड़ी हुई होनी चाहिए। मतदान शुरू होने और मतदान समाप्त होने से पहले पीठासीन अधिकारियों द्वारा की गई घोषणाओं वाले सीलबंद लिफाफे को भी मतदान में प्रयुक्त ईवीएम के साथ स्ट्रांग रूप में रखा जाना चाहिए। यदि मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपीएटी (दोषपूर्ण मतदान में प्रयुक्त सहित) को एक एकल स्ट्रांग रूम (विधान सभा/वि.स. खंडवार) में संग्रहीत करना संभव नहीं हो, तो वे आयोग के अनुदेश सं. 51/8/6/2019-ईएमपीएस, दिनांक 12.03.2019 (प्रतिलिपि संलग्न) में निर्दिष्ट प्रोटोकॉल का पालन कर सकते हैं। अभिलिखित मतों के लेखे की डुप्लीकेट प्रति (प्ररूप ग) पीठासीन अधिकारी की डायरी तथा अन्य अभिलेख जैसे मतदाता रजिस्टर (17क), सेक्टर/जोनल मजिस्ट्रेटों की रिपोर्ट, पीठासीन अधिकारी द्वारा ईसीआई के अनुदेशों के अनुसार विभिन्न बिन्दुओं पर दिए गए अतिरिक्त इनपुट आदि रिटर्निंग अधिकारी की अभिरक्षा में रखी जानी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में ये कागजात/अभिलेख उस स्ट्रांग रूम में नहीं रखे जाने चाहिए जहां मतदान में प्रयुक्त ईवीएम रखी जाती हैं। यह भी निदेश दिया जाता है कि पैरा 2 में उल्लिखित पूर्वोक्त कागजात उसी परिसर में पृथक स्ट्रांग रूम में रखे जाने चाहिए जिसमें दो ताले लगे हों, जिसकी एक चाबी स्ट्रांग रूम के प्रभारी के पास रखी जाए तथा दूसरी चाबी कम से कम एडीएम रैंक के अधिकारी के पास रखी जाए। एक अलग लॉग बुक भी बनाई रखी जाएगी और स्ट्रांग रूम खोले जाने की स्थिति में, तारीख, समयावधि और व्यक्ति(यों) के नाम एवं स्ट्रांग रूम को खोले जाने के उद्देश्य के बारे में प्रविष्टि की जानी चाहिए। स्ट्रांग रूम खोलने के लिए अन्य प्रोटोकॉल जैसे कि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को पूर्व सूचना देना, स्ट्रांग रूम में कार्यकलापों, जिनमें इसे खोलना और पुनः सीलबंद करना शामिल है, की वीडियोग्राफी, आदि का निष्ठापूर्वक पालन किया जाना चाहिए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  10. Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll

    Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 January 2020

  11. Bye elections to 01-Manjeshwar, 82-Ernakulam, 102-Aroor, 114-Konni, & 133- Vattiyoorkavu ACs in the State of Kerala- Commission's order regarding identification of electors-reg.

    Bye elections to 01-Manjeshwar, 82-Ernakulam, 102-Aroor, 114-Konni, & 133- Vattiyoorkavu ACs in the State of Kerala- Commission's order regarding identification of electors-reg.
     
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  12. हरियाणा और महाराष्‍ट्र के लिए साधारण निर्वाचन एवं 18 राज्‍यों की 51 विधान सभाओं तथा बिहार के 23-समस्‍तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उप-निर्वाचन – सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्‍ट्रॉनिक रूप..

    हरियाणा और महाराष्‍ट्र विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन एवं 18 राज्‍यों की 51 विधान सभाओं तथा बिहार के 23-समस्‍तीपुर (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में साथ-साथ आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करने से संबंधित निदेश
     
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  13. हरियाणा और महाराष्‍ट्र के साधारण निर्वाचन एवं 17 राज्‍यों की 51 विधान सभाओं तथा बिहार के 23-समस्‍तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – ईवीएम और वीवीपीएटी का उपयोग किया जाना 

    हरियाणा और महाराष्‍ट्र विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन एवं 17   राज्‍यों की 51 विधान सभाओं तथा बिहार राज्‍य के 23-समस्‍तीपुर (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र राज्‍य के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में साथ-साथ आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – ईवीएम और वीवीपीएटी का उपयोग किया जाना 
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  14. हरियाणा और महाराष्‍ट्र के लिए साधारण निर्वाचन एवं 17 राज्‍यों की 51 विधान सभाओं तथा बिहार के 23-समस्‍तीपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – एग्‍जिट पोल पर प्रतिबंध

    हरियाणा और महाराष्‍ट्र विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचन एवं 17 राज्‍यों की 51 विधान सभाओं तथा बिहार राज्‍य के 23-समस्‍तीपुर (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र राज्‍य के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में साथ-साथ आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – एग्‍जिट पोल पर प्रतिबंध

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  15. 16 राज्‍यों की 46 विधान सभाओं और बिहार राज्‍य के 23-समस्‍तीपुर (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र राज्‍य के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में साथ-साथ आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग का आदेश

    16 राज्‍यों की 46 विधान सभाओं और बिहार राज्‍य के 23-समस्‍तीपुर (अ.जा.) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और महाराष्‍ट्र राज्‍य के 45-सतारा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में साथ-साथ आयोजित किए जाने वाले उप-निर्वाचन – निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग का आदेश

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  16. निर्वाचक सत्‍यापन कार्यक्रम (ईवीपी), पूर्व-पुनरीक्षण कार्यकलाप और एसएसआर 2020 के संबंध में नोट

    निर्वाचक सत्‍यापन कार्यक्रम (ईवीपी) पूर्व-पुनरीक्षण कार्यकलापों और एसएसआर 2020 के संबंध में नोट
    1.     दिनांक 25 जुलाई, 2019 को ईवीपी और एसएसआर 2020 के संबंध में अनुदेश जारी किए गए।
    2.     ईवीपी की प्रचालनात्‍मकता के संबंध में विवरण देते हुए अनुपूरक पत्र 25 जुलाई, 2019 को जारी किया गया था।  
    3.     मध्‍य प्रदेश के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी और भोपाल और इंदौर के जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ चर्चा की गई और वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त संदीप सक्‍सेना द्वारा 26 और 27 जुलाई, 2019 को फीडबैक लिया गया।
    4.     वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त, संदीप सक्‍सेना, प्रधान सचिव एन.एन.बुटोलिया और निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) द्वारा 30 जुलाई, 2019  को ईवीपी, पूर्व-पुनरीक्षण कार्यकलाप और एसएसआर 2020 के संबंध में मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेस संचालित की गई (कार्यवृत्‍त संलग्‍न)।
    5.     वीडियो कांफ्रेंस के दौरान मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा यथाप्रस्‍तावित, दिनांक  संशोधित ईवीपी अनुसूची आदि संबंधी पत्र 31 जुलाई, 2019 को जारी किया गया था।
    6.     वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त संदीप सक्‍सेना और निदेशक आईटी द्वारा दिनांक 01 अगस्‍त, 2019 को राजस्‍थान के सीएससी और ई-मित्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चाएं की गईं।
    7.     आंकड़ों की साझेदारी/अनुमार्गण (रूटिंग) किए बिना राष्‍ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल/मतदाता हेल्‍पलाइन एप, जिसमें उमंग प्‍लेटफार्म शामिल है, हेतु गेटवे के प्रावधान के लिए निदेशक एनईजीडी के साथ वार्ता की गई।
    8.     प्रत्‍यक्ष अपलोडिंग से बचते हुए एकसमान स्रोत परिज्ञापक (यूआरआई) प्रणाली के माध्‍यम से डिजी लॉकर से सत्‍यापित दस्‍तावेज प्राप्‍त करने की संभावना।  
    तकनीकी कार्यविधियों को अंतिम रूप देने के पश्‍चात उपर्युक्‍त बिंदु 7 और 8 पर प्रथक प्रस्‍ताव आयोग के विचार एवं अनुमोदन के लिए प्रस्‍तुत किया जाएगा।
    क. ईवीपी और पुनरीक्षण पूर्व कार्यकलाप शुरू करने के लिए कार्य योजना
    1. शुरू करने से पहले भा.नि.आ. स्‍तर पर स्‍वीप क्रियाकलापों की सूची बनाई जाएगी (कार्रवाई - निर्वाचक नामावली एवं आईटी/आईसीटी प्रभाग के साथ स्‍वीप प्रभाग, प्रशिक्षण प्रभाग):  
    निर्वाचक नामावलियों (ईआर), एनईआरपी, एनईआरपीएपी, एसएसआर आदि के लिए उपलब्‍ध स्‍वीप सामग्री एकत्र करना। मौजूदा विज्ञापनों, बैनरों, जिंगलों आदि में परिवर्तन करके और नए बनाकर मानक विज्ञापन, बैनर, जिंगल तैयार करना। रेडियो जिंगल, सोशल मीडिया और यू-ट्यूब के लिए श्रव्‍य दृश्‍य या ऑडियो एवं पाठ सामग्री तैयार करना। 16.08.2019 को जारी करने और संशोधन के साथ 31 अगस्‍त एवं 15 सितंबर, 2019 को जारी किए जाने के लिए सामान्‍य विज्ञापन तैयार करना। आरडब्‍ल्‍यूए, कैंपस अंबेसेडर, निर्वाचक साक्षरता क्‍लब, बीएजी आदि के साथ संपर्क करने के लिए सामान्‍य रूप रेखा तैयार करना। उपर्युक्‍त सभी का अनुवीक्षण करने और उन्‍हें अंतिम रूप देने के लिए सीईओ के एक समूह को अभिज्ञात किया जा सकता है जिसमें दिल्‍ली, राजस्‍थान, पंजाब, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश के समीपस्‍थ मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍तों को शामिल किया जाएगा। ईवीपी से जुड़े प्रत्‍येक अधिकारी के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सामग्री तैयार करना। ईआर एवं आईटी प्रभाग द्वारा 7 अगस्‍त, 2019 को एसएलएमटी का प्रशिक्षण संचालित करने के लिए व्‍यवस्‍था करना। 2. निर्वाचक नामावली प्रभाग के साथ आईटी/आईसीटी प्रभाग द्वारा पोर्टल्‍स और ऐप में परिवर्तन किया जाना।
    05 अगस्‍त, 2019 को या उससे पहले ईवीपी के लिए अपेक्षित सभी विशिष्‍टताओं और  सुविधाओं को एनवीएसपी में शामिल करना। 05 अगस्‍त, 2019 को या इससे पहले हाइब्रिड बीएलओ ऐप में सभी विशिष्‍टताओं को शामिल करना। ईवीपी को 12 अगस्‍त, 2019 से आरंभ करने के लिए ईआरओ नेट पर सभी आवश्‍यक प्रक्रियाएं और यूआई तैयार करना। (प्रशिक्षण उद्देश्‍यों के लिए 05 अगस्‍त तक डेवलपमेंट सर्वर स्‍थापित किया जाना)। 05 अगस्‍त, 2019 को या इससे पहले मतदाता हेल्‍पलाइन ऐप तैयार करना। एनजीएस के माध्‍यम से लॉगिन के लिए 1950 प्रोसेस प्रोटोकॉल और प्रोटोकॉल का डिजाइन तैयार करना। सीएससी/वीएफएस लॉगिन करने के लिए प्रोसेस प्रोटोकॉल और प्रोटोकॉल डिजाइन तैयार करना। क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण (अधिकारियों के विवरण अद्यतन किएं जाएं)। जीआईएस मॉड्यूल/प्रोटोकॉल तैयार करना-उन्‍नत मानचित्र, पता, अनुभाग और भाग मानकीकरण के लिए । निम्‍नलिखित के संबंध में अनुवीक्षण करने के लिए मानदंड   संग्रहण, सत्‍यापन और पता मानकीकरण इंगित करने वाला डेशबोर्ड एलर्ट जनरेट करने के लिए प्रणाली संग्रहण और सत्‍यापन के संबंध में बीएलओ निष्‍पादन ईआरओ नेट में जिला निर्वाचन अधिकारी के स्‍तर पर पंजीकृत मृत्‍यु संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने के लिए प्रावधान 3. 15 अगस्‍त, 2019 से पहले जिला मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी के स्‍तर पर किए जाने वाले क्रियाकलाप:-
    आरडब्‍ल्‍यूए, कैंपस अम्‍बेसेडर, ईएलसी, बीएजी आदि जैसे नागरिकों और हितधारकों तथा स्‍वयंसेवियों का संवेदीकरण, प्रेरण और मॉबिलाइजेशन। पारंपरिक और प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया, दोनों के माध्‍यम से एक प्रभावकारी स्‍वीप प्‍लान तैयार करना और शुरू करना, नागरिकों को एनवीएसपी का प्रयोग करने या सुविधा केंद्रों में जाने हेतु प्रेरित करना, ताकि मतदाताओं/निर्वाचकों/नागरिकों की सूचना संग्रहण को अधिकतम किया जा सके। ईवीपी कार्यक्रम चलाने के लिए पदाधिकारियों की पहचान करना।   ईवीपी में फ्रंट-ऐंड पर नागरिकों की सहज भागीदारी को सुकर बनाने के लिए सीएससी, अन्‍य मतदाता सुविधा केंद्रों और राज्‍य स्‍तरीय एजेंसियों की नियुक्ति की पहचान करना और उन्‍हें सक्रिय बनाना। एमओयू, एनडीए पर हस्‍ताक्षर करना और आंकड़ों की हिफाजत और सुरक्षा के लिए अन्‍य औपचरिकताओं को पूरा करना। भारत निर्वाचन आयोग के साथ एक संपर्क सूत्र के रूप में कार्य करने और अभिज्ञात  सीएससी/एजेंसियों द्वारा एनवीएसपी, ईआरओ नेट और ईवीपी पोर्टल के साथ तकनीकी संबंध स्‍थापित करने के लिए सीएससी से जुडे व्‍यक्तियों में से राज्‍य नोडल व्‍यक्ति का अभिनिर्धारण। तकनीकी प्रणालियों की कार्यप्रणाली का पूर्ण रूप से पूर्व-परीक्षण। प्रत्‍येक प्राधिकृत केंद्र में भा.नि.आ. सत्‍यापित मतदाता सुविधा केंद्र बैनर का प्रदर्शन।   ऐसे प्रत्‍येक व्‍यक्ति की जिम्‍मेदारियां निर्धारित करना, जो सूचना एकत्रीकरण और सत्‍यापन के लिए ईवीपी के संचालन हेतु पोर्टल का प्रयोग कर रहा है। सीएससी/वीएफसीएस में कार्यरत कार्मिकों का प्रशिक्षण। स्‍टेकहोल्‍डरों का क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण। एसएलएमटी द्वारा डीएलएमटी और एसीएलएमटी का प्रशिक्षण और उसके पश्‍चात जिला स्‍तर से लेकर बीएलओ स्‍तर तक सोपानित प्रशिक्षण।   स्‍टेकहोल्‍डरों का बार-बार सुग्राहीकरण। 1950 मतदाता हेल्‍पलाइन केंद्रों का प्रशिक्षण। ईवीपी, एसएसआर 2020 के संबंध में राज्‍य के मुख्‍य सचिवों को जानकारी देना और उनसे पूर्ण समर्थन का अनुरोध करना। ईआरओ नेट में जिला निर्वाचन अधिकारी के स्‍तर पर पंजीकृत मृत्‍यु संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने की प्रणाली को सक्रिय बनाना। ईवीपी के प्रभावी कार्यान्‍वयन के लिए कार्य योजना तैयार करना, ताकि 30-09-2019 तक पूर्ण सत्‍यापन किया जा सके। 4. जोनल अनुभागों के साथ ईआर प्रभाग और आईटी प्रभाग द्वारा किए जाने वाली कार्यकलापों की सूची
    07 अगस्‍त, 2019 को दोपहर में चौथी मंजिल स्थित सम्‍मेलन कक्ष में प्रशिक्षण आयोजित करना, जिसमें सभी अवर सचिव/सचिव/निजी सचिव/वरिष्‍ठ निजी सचिव और वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त/उप निर्वाचन आयुक्‍त/ महानिदेशक को अनिवार्य रूप से भाग लेना चाहिए। प्रत्‍येक सप्‍ताह क्षेत्रीय प्रभागों और खराब प्रदर्शन करने वाले राज्‍यों को अपेक्षित अनुवर्ती कार्रवाई के लिए प्रगति रिपोर्ट जारी करना। ईवीपी की प्रगति के संबंध में वीसी द्वारा राज्‍यों की सावधिक समीक्षा। क्षेत्रीय सचिव/प्रधान सचिव/वरिष्‍ठ प्रधान सचिव की निरीक्षण अनुसूची तैयार करना (अगस्‍त/सितंबर में प्रत्‍येक महीने में एक निरीक्षण)।  आयोग की सूचनार्थ और विचारार्थ प्रस्‍तुत।     ************************
    राज्‍यों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों के साथ किए गए वीडियो कांफ्रेंस का कार्यवृत्‍त
    दिनांक: 30.07.2019
    स्‍थान: 601, निर्वाचन सदन, नई दिल्‍ली
    उपस्थिति:  
    श्री संदीप सक्‍सेना, वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त, भारत निर्वाचन आयोग श्री वी.एन. शुक्‍ला, निदेशक (सू.प्रौ.) भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्‍ली श्री एन.एन. बुटोलिया, प्रधान सचिव, भारत निर्वाचन आयोग श्री ए.के. वर्मा, अवर सचिव, भारत निर्वाचन आयोग श्रीमती वीना त्‍यागी, प्रोजेक्‍ट निदेशक, सी-डेक सी-डेक टीम जीआईएस टीम, सी-डेक पुणे  
    कार्यसूची:निर्वाचक सत्‍यापन कार्यक्रम (ईवीपी) का शुभारंभ और इसके कार्यान्‍वयन, पूर्व पुनरीक्षण
    कार्यकलाप, घर-घर जाकर 100% सत्‍यापन, साधारण सेवा केंद्रों की सहभागिता, मतदाता हेल्‍पलाइन 1950, हाईब्रिड बीएलओ मोबाइल एप और राष्‍ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (एनवीएसपी) के प्रयोग, ईवीपी के कार्यान्‍वयन के लिए स्‍टॉफ जुटाने और प्रशिक्षण के सबंध में विचार विमर्श
     वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त (एसएस), निदेशक (सू्.प्रौ) और प्रधान सचिव (एन.एन.बी.) ने उपर्युक्‍त विषय पर निम्‍नलिखित बिन्‍दुओं को शामिल करते हुए पीपीटी (दिन में पहले ही सीईओ को मेल भेज दिया गया था) की व्‍यापक प्रस्‍तुति दी:-
    1 से 31 अगस्‍त तक निर्वाचक सत्‍यापन कार्यक्रम के शुभारंभ सहित 1 अगस्‍त, 2019 से पूर्व पुनरीक्षण कार्यकलाप प्रारंभ करने का प्रस्‍ताव है जिसके अंतर्गत प्रत्‍येक मतदाता के विवरण को अभिप्रमाणित करने के लिए साधारण सेवा केंद्र सहित एनवीएसपी, मतदाता हेल्पलाइन एप, बीएलओ एप, 1950 इत्‍यादि कई स्रोतों के माध्‍यम से मतदाताओं से सूचना प्राप्‍त की जाएगी। मतदाताओं से सूचना प्राप्‍त करने के बाद, सितंबर माह के दौरान बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर सत्‍यापन किया जाएगा। नागरिकों से उनके संपर्क विवरण, अपंजीकृत, मृत, स्‍थानांतरित सदस्‍यों सहित उनके परिवार के सदस्‍यों और वर्ष 2020 और 2021 के पुनरीक्षण के दौरान पात्र होने वाले सदस्‍यों  की सूचना एकत्रित की जाएगी।  सत्‍यापन कार्यक्रम में बहु प्रविष्टियां, तर्कसंगत त्रुटियां, डीएसई भी दूर की जाएंगी और दिव्‍यांगजनों को चिह्नित भी किया जाएगा।  इस कार्यक्रम के दौरान धुंधली फोटो को भी बदला जाएगा और विनिर्देशनों के अनुसार नई एपिक संख्‍या आबंटित की जाएगी। राज्‍यों को सभी कार्यकलापों के लिए समय-सीमा की सूचना भी दी गई। मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया कि वे नागरिकों को जागरूक और प्रेरित करें तथा स्‍टाफ और सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों को प्रशिक्षित एवं संघटित करें। वरिष्‍ठ उप निर्वाचन आयुक्‍त(एसएस) द्वारा उन बिन्‍दुओं पर सुझाव मांगें गए जिन्‍हें पीपीटी में लाल रंग से चिह्नित किया गया था। निदेशक (सू.प्रौ.) ने राज्‍यों द्वारा अपलोड किए जाने वाले 6 उन्‍नत नजरी नक्‍शा के चित्रों के बारे में स्‍पष्‍टीकरण दिया। मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्‍यूनतम सुविधाओं की फोटोग्राफी भी की जाएगी। पतों के मानकीकरण के लिए समस्‍त बिंदुओं की सूची सभी राज्‍यों को दिखाई गई। राज्‍यों को नया एपिक फोर्मेट दिखाया गया। निदेशक (सू.प्रौ.) ने कहा कि समेकित नामावली में विलोपन, आशोधन और परिवर्धन अनुपूरकों की सूची भी सम्मिलित होगी। वरिष्‍ठ उप-निर्वाचन आयुक्त (एसएस) ने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि ईवीपी के लिए विकसित किए जा रहे मॉडयूल्‍स के लिए सभी आईटी एप्लिकेशनों पर एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन भी किया जाएगा। प्रस्‍तुतीकरण के पश्‍चात बैठक में चर्चा किए गए विभिन्‍न बिंदुओं पर मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों की टिप्‍पणियां, अभिमत और सुझाव आमंत्रित किए गए थे, जिनका राज्‍यवार विवरण नीचे दिया गया है:-
    पंजाब
    स्‍वीप कार्यकलापों के लिए 15 दिन का समय अपेक्षित है। ईवीपी द्वारा सूचना एकत्रित करने के लिए स्‍वयंसेवकों और गैर-सरकारी संस्‍थाओं को सम्मिलित किया जाए, जिनके लिए मानदेय का प्रस्‍ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। पुरानी श्रृंखला के एपिक (लगभग 33 लाख) एक बहुत बड़ा मुद्दा है, इन्‍हें इस वर्ष बदला जाएगा। आईएसई/पीएसई पोपुलेटिड होने चाहिए और तत्‍काल शुद्धियों हेतु डैशबोर्ड पर प्रदर्शित किए जाने चाहिए। जम्‍मू-कश्‍मीर
    प्रवासी निर्वाचकों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया गया। ईआरओ प्रवासी लॉग-इन सुविधा का अनुरोध किया गया। ब्‍लॉक लेवल अधिकारी के कार्यों के निर्धा‍रण (मूल्‍यांकन) हेतु बीएलओ निर्धारण मॉडयूल का अनुरोध किया गया।  दिल्‍ली
    ईवीपी के अंतर्गत सूचना प्राप्‍त करने के लिए बीएलओ एप में समुचित प्रबंध-व्‍यवस्‍था की जानी। ईवीपी के दौरान बीएलओ को दैनिक कार्यों से छूट देने का अनुरोध। निर्वाचन क्षेत्र के भाग का कोई भी निर्वाचक नए और अनुपस्थित/स्‍थानांतरित/मृत निर्वाचक के रूप में परिवर्धन/विलोपन/आशोधन कर सकता है। कृपया विलोपन संबंधी मामलों के लिए समाचार पत्र में विज्ञापन देने की प्रथा को वैकल्पिक बनाया जाए, क्‍योंकि यह अत्‍यधिक महंगी है। एसएसआर को केवाईसी जैसे सत्‍यापन तंत्र के साथ प्रतिस्‍थापित किया जा सकता है, जिसे प्रत्‍येक दूसरे वर्ष की समाप्ति पर कार्यान्वित किया जा सकेगा। भावी निर्वाचकों के लिए अर्हक ति‍थि को हटाया जा सकता है। पुनरावृत्ति (डुप्‍लीकेट) चित्र/फोटो हटाने के लिए एएसएपी में एक जैसी प्रविष्टियां की जानी चाहिए।  हिमाचल प्रदेश
    डीएसई/एलई गैर मानक फोटो को लगाया जाए और शीघ्र कार्रवाई के लिए डेशबोर्ड पर प्रदर्शित किया जाए।  उत्‍तराखंड
    आईएसई/पीएसई लगाया जाना चाहिए और डेशबोर्ड पर दिखाई देना चाहिए। उत्‍तराखंड में राजस्‍व विभाग की सहायता से जीआईएस टूल पहले से ही प्रयोग किया जा रहा है। तिमाही आधार पर निरंतर अद्यतन कार्यान्वित किया जाना चाहिए। राजस्‍थान
    प्रशिक्षण और स्‍वीप कार्यकलापों के लिए अपेक्षित समय। ईवीपी के लिए सीएससी के अतिरिक्‍त ई-मित्र के समावेशन का अनुरोध किया गया।   निदेशक (सू.प्रौ.) ने ई-मित्र के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया वे ई-मित्र कार्यान्‍वयन की कार्यविधियों के संबंध में आगे विस्‍तृत चर्चा करने के लिए वे भारत निर्वाचन आयोग का दौरा करें।
    गोवा
    गोवा में बीएलओ द्वारा पूर्व में प्रयुक्‍त बीएलओ एप में डाटा सिंचिंग संबंधी मुद्दे थे। गुजरात
    मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, गुजरात ने कहा कि उन व्‍यक्तियों के नामों को समाचार-पत्र में प्रकाशित करवाने में बहुत व्‍यय होगा, जिन्‍हें विलोपन नोटिस जारी किए गए हैं। ईवीपी के लिए दूरस्‍थ स्‍थानों पर प्रपत्रों में डाटा एकत्रण की ऑफ लाइन आवश्‍यकता भी  होगी। एसएसआर की संपूर्ण अवधि के लिए नामावली प्रेक्षकों को शामिल किया जाएगा।  मध्‍य प्रदेश
    ऑफ लाइन अथवा प्ररूप 8 के माध्‍यम से गैर-मानक एपिक शुद्धि तंत्र। ब्‍लैक एंड व्‍हाइट फोटो और डुप्लिकेट एपिक बदलने के लिए अभियान चलाना। ईआरओ नेट के माध्‍यम से मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी के वेब पोर्टल पर प्रदर्शित करने के लिए फार्मेट 9,10,11 डाटा उपलब्‍धता। पीएसआई मॉडयूल लाइव बनाया जाना चाहिए। उत्‍तर प्रदेश
    ऑनलाइन एप सहित ईवीपी प्रोग्राम के लिए ऑफलाइन मॉडयूल की भी आवश्‍यकता है। संपूर्ण एसएसआर के लिए बीएलओ को शामिल करना अत्‍यंत कठिन होगा। सभी सीएससी को एपिक प्रिंट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सभी सीएससी अंकीकरण संबंधी कार्य कर सकते हैं।  ओडिशा
    मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी ने टिप्‍पणी की कि जिस दर पर सीएससी की प्रतिपूर्ति की जानी है वह बहुत कम है। ईवीपी के लिए बीएलओ की लंबे समय तक उपलब्‍धता भी एक मुद्दा है। तेलंगाना
    ईवीपी को अब प्रारंभ किया जा सकता है और इसे सितंबर के अंत तक अथवा दिसंबर तक भी जारी रखा जा सकता है। प्ररूप-7 और सर्विन्‍ग नोटिस के माध्‍यम से विलोपन किया जाएगा। आंध्र प्रदेश
     ईवीपी अनुसूची सही है किंतु इसे 10 अगस्‍त के उपरांत आरंभ किया जा सकता है।  
    अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
     लो नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण बीएलओ एप का प्रयोग व्‍यावहारिक नहीं है। कर्नाटक
    विशेष सार पुनरीक्षण का कार्य प्रत्‍येक वर्ष जारी रखा जाना चाहिए। समाचार-पत्रों में दैनिक आधार पर व्‍यक्तिगत विलोपन नोटिस देने के स्‍थान पर समूहों में साप्‍ताहिक आधार पर विलोपन नोटिस दिए जा सकते हैं। ईवीपी अनुसूची सही है और इसका पालन किया जाएगा। पुदुच्‍चेरी
    राज्‍य में गैर-मानक एपिक बहुत बड़ी संख्‍या में है और इन्‍हें बदला जाएगा। तमिलनाडु
    ईवीपी अनुसूची सही है। राज्‍य में गैर-मानक एपिक बहुत बड़ी संख्‍या में है और इन्‍हें बदला जाएगा। केरल
    विलोपनों के सभी मामलों में, निर्वाचकों के नामों के प्रस्‍तावित विलोपन का नोटिस किसी  स्‍थानीय दैनिक समाचार-पत्र में दिया जाएगा। इस पर विचार किया जाना चाहिए और इसमें छूट दी जानी चाहिए क्‍योंकि समाचार-पत्र में नोटिस देना किफ़ायती नहीं है। पश्चिम बंगाल
    ऐसे गैर-मानक एपिक को कैसा बदला जाए जिसे पहले ही मतदाता को जारी किया जा चुका है। इसे प्ररूप संख्‍या 8 के बगैर बदला जा सकता है और निर्वाचक को एक नया कार्ड दे दिया जाएगा। यदि एपिक कार्ड में कोई परिवर्तन हो, केवल तभी प्ररूप 8 भरे जाने की आवश्‍यकता होती है। प्रारूप प्रकाशन से पहले ई-नामावली के एकीकरण के लिए पूर्वापेक्षा के रूप में ईआरओ-नेट से डाटा की आवश्‍यकता होगी, इसके लिए फेमिली टैगिंग में प्रयुक्‍त एपिक संख्‍या की आवश्‍यकता होगी। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग से और संपर्क करने की आवश्‍यकता है। स्‍व: प्रेरित

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 16 October 2019

  17. निर्वाचनों के दौरान ‘पेड न्यूज’ पर रोक लगाने के उपाय – पेड न्यूज के संपुष्ट मामलों का वेबसाइट पर प्रचार करना - तत्संबंधी।

    सं. 491/पेड न्यूज/2019                                        दिनांक: 4 जून, 2019
     
    सेवा में
    सभी राज्यों एवं संघ राज्य-क्षेत्रों
    के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
     
    विषय: निर्वाचनों के दौरान ‘पेड न्यूज’ पर रोक लगाने के उपाय – पेड न्यूज के संपुष्ट मामलों का वेबसाइट पर प्रचार करना - तत्संबंधी।
     
    महोदय/महोदया,
          कृपया आयोग के दिनांक 25 नवम्बर, 2013 के पत्र सं. 491/मीडिया नीति/2013 (प्रति संलग्न) का संदर्भ लें। मुझे यह दोहराने का निदेश हुआ है कि पेड न्यूज के सिद्ध/पुष्ट मामलों में की जाने वाली कार्रवाई निम्नलिखित के अनुसार होगी:
     
    (I)        मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर अभ्यर्थी का नाम (न कि मीडिया घराने का) उचित रीति से प्रकाशित किया जाएगा।
    (II)       प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नाम, पेड न्यूज मद के विवरणों सहित, संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त किए जाने के पश्चात आयोग (न कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा) द्वारा प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) एवं न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) को अग्रेषित किया जाएगा। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 04 June 2019

  18. वीवीपीएटी पर्चियों की गणना संबंधी मुद्दे-कंट्रोल यूनिट से छद्म मतदान डाटा को नहीं हटाना या वीवीपीएटी से छद्म मतदान पर्चियों को नहीं हटाना- उनके मतों की गणना करना और अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया में बेमेलता-तत्‍संबंधी।

    सं.51/8/7/2019-ईएमपीएस                                     दिनांक : 21 मई, 2019
    सेवा में
    सभी राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के
    मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी।
    विषय-वीवीपीएटी पर्चियों की गणना संबंधी मुद्दे-कंट्रोल यूनिट से छद्म मतदान डाटा को नहीं हटाना या वीवीपीएटी से छद्म मतदान पर्चियों को नहीं हटाना- उनके मतों की गणना करना और अनिवार्य सत्यापन प्रक्रिया में बेमेलता-तत्‍संबंधी।
    महोदय,
          उपर्युक्त विषय पर विद्यमान अनुदेशों के अनुक्रम में, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि विगत एवं प्रगतिरत लोकसभा और एक साथ आयोजित किए जा रहे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम की राज्य विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान, कुछ मतदान केंद्रों पर कंट्रोल यूनिटों से छद्म मतदान के डाटा को समुचित रूप से हटाने और वीवीपीएटी से छद्म मतदान पर्चियों को हटाने में मानवीय त्रुटि की कुछ घटनाएं हुई हैं। कुछ मामलों में, पीठासीन अधिकारी या तो कंट्रोल यूनिट से छद्म मतदान के डाटा को हटाने में विफल रहे हैं या वीवीपीएटी के ड्रॉप बॉक्स से छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियों को हटाने में विफल रहे हैं।
    2.    आयोग ने इस मामले पर विचार किया है और यह निदेश दिया है कि ऐसे सभी मामलों में मतगणना के दौरान निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:-
    (क) सभी पूर्व-अभिज्ञात मामलों में (मतदान दिवस को, पी + 1 दिवस आदि को दस्तावेजों की जांच के दौरान), जहां छद्म मतदान को कंट्रोल यूनिट से हटाया नहीं जाता है या छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियों को हटाया नहीं जाता है (पूरी तरह या आंशिक रूप से), संबंधित कंट्रोल यूनिट(टों) को मतों की गणना के दौरान अलग रखा जाएगा अर्थात् इन मतदान केंद्रों को, कंट्रोल यूनिटों की नियमित चरण-वार गणना के दौरान मतगणना के लिए नहीं लिया जाएगा। ऐसे मतदान केंद्रों को आवंटित मेज को मतगणना के प्रासंगिक चरण के दौरान खाली रखा जाएगा। सभी पूर्व-अभिज्ञात मतदान केंद्रों की सूची मतगणना की प्रक्रिया शुरू होने से पहले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के साथ साझा की जाएगी।
    (ख)   ईवीएम की चरण-वार गणना के दौरान, यदि कोई ऐसा मामला है जिसमें सीयू में मतदान किए गए कुल मत फॉर्म 17-ग में मतों के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते हैं, तो यह एक संकेत है कि वास्तविक मतदान के दौरान इस मतदान केंद्र के संबंध में छद्म मतदान के पश्चात क्लोज-रिजल्ट-क्लियर (सीआरसी) प्रोटोकॉल का सही तरीके से अनुसरण नहीं किया गया था। ऐसे सभी मामलों में, सीयू को अलग रखा जाएगा अर्थात् इन मतदान केंद्रों को, कंट्रोल यूनिटों को नियमित चरण-वार गणना के दौरान मतगणना के लिए नहीं लिया जाएगा। ऐसे मतदान केंद्रों को आवंटित मेजों को उस विशेष दौर के दौरान खाली रखा जाएगा। ऐसे परिदृश्य के सटीक विवरण और कारणों को आरओ/एआरओ द्वारा मतगणना हॉल में मौजूद निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों/निर्वाचन एजेंटों/मतगणना एजेंटों के समक्ष स्‍पष्‍ट किया जाएगा।
    (ग)   ऊपर (क) और (ख) के अंतर्गत आने वाले सभी मामलों में, इन मतदान केंद्रों से संबंधित वीवीपीएटी की गणना सीयू के साथ सभी मतगणना चरणों को पूरा करने के बाद की जाएगी।
    3.    कंट्रोल यूनिट की गणना के सभी नियमित चरणों के पूरा होने के बाद, निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा:
    क. राज्य विधान सभा निर्वाचनों के लिए -
    (i) यदि जीत का अंतर ऐसे सभी मतदान केंद्रों में डाले गए कुल मतों से अधिक है, तो पैरा 2(क) और (ख) के अनुसार यथाचिह्नित इन मतदान केंद्रों को मतगणना के लिए नहीं लिया जाएगा और इन मतदान केंद्रों के बिना परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
    (ii) यदि जीत का अंतर इन मतदान केंद्रों में डाले गए कुल मतों के बराबर या उससे कम है, ऐसे मामले में केवल संबंधित वीवीपीएटी की पेपर पर्चियों की गणना की जाएगी और कंट्रोल यूनिटों को मतगणना के उद्देश्य से छोड़ दिया जाएगा अर्थात् कंट्रोल यूनिटों को मतों का गणना के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।
    (iii) उन मामलों में भी जहां, छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियां वीवीपीएटी के ड्रॉप बॉक्स से निकाले नहीं गए हैं, वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाएगी और अभ्यर्थी-वार डाले गए मतों की सही गणना पर आने के लिए छद्म मतदान प्रमाण-पत्र से अभ्यर्थी-वार मत काट लिए जाएंगे।
    (iv) इन सभी मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी पर्ची गणना परिणाम को अभ्यर्थी-वार प्राप्‍त मत संख्‍या में जोड़ा जाएगा और अंतिम परिणाम संकलित किया जाएगा।
    ख. लोक सभा निर्वाचनों के लिए –
    (i) उन सभी मतदान केंद्रों के लिए जहां ईवीएम और वीवीपीएटी को उपर्युक्त 2(क) और (ख) के अनुसार अलग रखा गया है, केवल संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियों की गणना की जाएगी और कंट्रोल यूनिटों को गणना के उद्देश्य से खारिज कर दिया जाएगा अर्थात् मतगणना के लिए कंट्रोल यूनिटों का उपयोग नहीं किया जाएगा।
    (ii) उन मामलों में भी जहां वीवीपीएटी ड्रॉप बाक्स से छद्म मतदान से संबंधित वीवीपीएटी पेपर पर्चियां बाहर नहीं निकाली गई हैं, फिर भी वीवीपीएटी पर्चियों की गणना की जाएगी और अभ्यर्थी-वार डाले गए मतों की सही गणना पर आने के लिए छद्म मतदान प्रमाण-पत्र से अभ्यर्थी-वार मत काट लिए जाएंगे।
    (iii) इन सभी मतदान केंद्रों के वीवीपीएटी पर्ची गणना परिणाम को अभ्यर्थी-वार प्राप्‍त मत संख्‍या में जोड़ा जाएगा और अंतिम परिणाम संकलित किया जाएगा।
    3. चूंकि, पूर्वोक्त मामलों में कंट्रोल यूनिटों को मतों की गणना के लिए छोड़ दिया जाएगा/उपयोग नहीं किया जाएगा, इसलिए इन मतदान केंद्रों को वीवीपीएटी पेपर पर्चियों की  गणना के अनिवार्य सत्यापन के लिए 5 (पांच) मतदान केंद्रों के यादृच्छिक चयन से बाहर रखा जाएगा।
    4. वीवीपीएटी पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन:    
          (क) यादृच्छिकीकरण रूप से चुने गए 5 मतदान केंद्रों से वीवीपीएटी और सीयू के अनिवार्य गणना और परिणाम के मिलान का उद्देश्य यह ऑडिट और परीक्षण करना है कि कोई ईवीएम उसके साथ संलग्न वीवीपीएटी द्वारा मुद्रित पर्चियों से अलग मत तो नहीं रिकॉर्ड कर रहा है। हालांकि, वास्तविक मतदान के दौरान मानवीय त्रुटि या मतदान कर्मचारियों द्वारा निदेशों का पालन नहीं करने के कारण कई स्थितियां उत्‍पन्‍न हुई हैं, जिनमें कुल वीवीपीएटी पर्चियों की संख्या सीयू की गणना से भिन्न हो सकती है। कुछ उदाहरण ऐसे भी सामने आए हैं जहां छद्म मतदान के पश्चात वीवीपीएटी से वीवीपीएटी पर्चियां पूरी तरह से नहीं हटाई  गई हैं, या छद्म मतदान के पश्चात सीयू में सीआरसी नहीं किया गया है या मानवीय त्रुटि के अन्य ऐसे मामले सामने आए हैं।
          (ख) यदि कंट्रोल यूनिट के इलेक्ट्रॉनिक अभ्यर्थी-वार परिणाम और वीवीपीएटी पर्चियों की अभ्यर्थी-वार मैनुअल गणना के बीच कोई बेमेल है, तो उस विशेष वीवीपीएटी की वीवीपीएटी पर्चियों की पुनर्गणना तब तक की जाएगी, जब तक कि पुनर्गणना ईवीएम गणना या पिछले वीवीपीएटी पर्ची की गणना  में से किसी एक के साथ मेल न हो जाए। हालांकि, ऐसे सभी मामलों में, पुनर्गणना करने से पहले, उन अभ्यर्थियों से संबंधित वीवीपीएटी पर्चियां, जिनकी सीयू गणना और वीवीपीएटी गणना का परिणाम मेल नहीं हो रहा है, मतगणना पर्यवेक्षक प्रत्येक बंडल के प्रत्येक वीवीपीएटी के निर्वाचन प्रतीकों को एक-एक करके ध्यानपूर्वक जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी बंडलों में केवल संबंधित अभ्यर्थी की वीवीपीएटी पर्चियां ही शामिल हों। उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात ही पुनर्गणना की जाएगी।
          (ग) उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात भी, यदि कंट्रोल यूनिट और वीवीपीएटी की इलेक्ट्रॉनिक मैनुअल गणना अभी भी मेल नहीं खाती है, तो वीवीपीएटी पर्चियों की गणना निर्वाचन का संचालन नियम, 1961 के नियम 56घ(4)(ख) के अनुसार होगी और परिणाम शीट में संशोधन किया जाएगा और अंतिम परिणाम तद्नुसार घोषित किया जाएगा। 
                 (घ) अनिवार्य वीवीपीएटी पर्ची सत्यापन के सभी मामलों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट और साथ ही साथ नियम 56ग के तहत की गई वीवीपीएटी पर्ची की गणना निर्धारित प्रारूप में गिनती प्रक्रिया के पूरा होने के तुरंत बाद सीईओ के माध्यम से आयोग को प्रस्तुत की जाएगी।
          (ङ) ऐसे सभी मामलों में उचित तरीके से गहन विश्लेषण/जांच की जाएगी जहां वीवीपीएटी पर्ची गणना सीयू के इलेक्ट्रॉनिक परिणाम से मिलान करने में विफल रहती है और सटीक कारणों, तकनीकी, प्रक्रियात्मक, प्रणालीगत, मानवीय त्रुटि या अनुपालन में चूक का पता लगाया जाएगा और आयोग द्वारा उचित कार्रवाई(यां) की जाएगी।
    5.     इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मतगणना के लिए उपयोग किए जाने वाली सभी ईवीएम की क्रम संख्या की प्रति-जांच एजेंटों द्वारा की जाएगी और मतगणना के समय उनसे इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जाएगा।      
    6.    उपर्युक्त अनुदेशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा और गणना प्रेक्षकों सहित सभी संबंधितों के ध्यान में इनको लाया जाएगा।
     
    भवदीय,
    ह./-
    (मधुसुदन गुप्ता)
    अवर सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  19. मतगणना के पश्‍चात ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) का भंडारण – स्‍पष्‍टीकरण – तत्‍संबंधी।

    सं.51/8/6/2019-ईएमपीएस(खण्‍ड-III)                           दिनांक : 20 मई, 2019
    सेवा में,                                        
    सभी राज्‍यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के
    मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी।
     विषय: मतगणना के पश्‍चात ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) का भंडारण – स्‍पष्‍टीकरण – तत्‍संबंधी।
     संदर्भ:  1. आयोग का दिनांक 5 मई, 2015 का पत्र सं.51/8/वीवीपीएटी/2015-ईएमएस
           2. आयोग का दिनांक 5 दिसम्‍बर, 2017 का पत्र सं.51/8/वीवीपीएटी/2017-ईएमएस
           3. आयोग का दिनांक 29 अगस्‍त, 2018 का पत्र सं. 51/8/7/2018-ईएमपीएस
           4. आयोग का दिनांक 3 नवंबर, 2018 का पत्र सं. 51/8/7/2018-ईएमपीएस
           5. आयोग का दिनांक 13 नवंबर, 2018 का पत्र सं. 51/8/7/2018-ईएमपीएस
     महोदया/महोदय,
          मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि मतों की गणना पूरी होने के पश्‍चात मतयुक्‍त इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों(ईवीएम) और वीवीपीएटी(यों) के भंडारण के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण मांगा गया है।
          इस संबंध में, मुझे निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 92 के उप-नियम(1क) और (2) (गग) का संदर्भ देने का निदेश हुआ है कि उक्‍त नियम के नियम 57ग के प्रावधानों के अधीन सीलबंद सभी मतदान मशीनों और मुद्रित पेपर पर्चियों को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में रखा जाएगा।
          उपर्युक्‍त को देखते हुए, यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि मतों की गणना के बाद श्रेणी ‘क’ अर्थात: मतयुक्‍त ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) और श्रेणी ‘ख’ अर्थात् मतयुक्‍त खराब ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) के लिए ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी (यों) की निगरानी में रखा जाएगा। मतों की गणना के पश्‍चात ईवीएम (मों) और वीवीपीएटी (यों) के भंडारण हेतु निम्‍नलिखित कार्रवाई का कड़ाईपूर्वक पालन किया जाएगा :
    (1) निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों/उनके एजेंटों को उन स्‍ट्रांग रूम की अवस्थिति के बारे में पहले से ही लिखित रूप में सूचित किया जाएगा, जहां ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) को मतगणना के पश्‍चात भंडारित किया जाएगा। उन्‍हें स्‍ट्रांग रूम की दोहरी लॉक प्रणाली पर अपनी मुहर लगाने की अनुमति भी होगी।
    (2) यदि स्‍ट्रांग रूम, गणना केंद्र से भिन्‍न स्‍थान पर स्थित है, तो निम्‍नलिखित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाएगा:
    (क) निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों/उनके एजेंटों को इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) को ले जाने वाले वाहनों के साथ जाने की अनुमति होगी।
    (ख) निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों/उनके एजेंटों को इस संबंध में लिखित में  सूचित किया जाएगा।
    (ग) मतगणना के पश्‍चात ईवीएम (मों) और वीवीपीएटी (यों) को ले जाने वाले वाहनों के लिए उचित सशस्‍त्र एस्‍कोर्ट प्रदान किया जाएगा।
    (घ) वाहनों की गतिविधियों की वीडियोग्राफी।
    (3) यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 2 या 2 से अधिक विधान सभा खंडों/निर्वाचन क्षेत्रों की ईवीएम (मों) और वीवीपीएटी (यों) को निर्वाचन अवधि के समाप्‍त होने तक एक ही स्‍ट्रांग रूम में नहीं रखा जाएगा।
    (4) लोक सभा और विधान सभा के साथ-साथ होने वाले निर्वाचनों के मामले में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र और विधान सभा खंड से संबंधित ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी (यों) को अलग स्‍ट्रांग रूम में अलग से भंडारित किया जाएगा अर्थात किसी भी स्थिति में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) को संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के विधान सभा खंड से संबंधित  ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी (यों) के साथ एक ही स्‍ट्रांग रूम में नहीं रखा जाएगा।
    (5) यदि, एक ही कक्ष में एक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित ईवीएम और वीवीपीएटी को भंडारित करना संभव नहीं हो तो, निम्‍नलिखित प्रोटोकॉल का पालन किया जाए:
    (क) स्‍टील/लोहे इत्‍यादि के भंडारण रैक का निर्माण करके ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी(यों) को दो या दो से अधिक परतों में रखा जा सकता है।
    (ख) ईवीएम(मों) और वीवीपीएटी (यों) को दो स्‍ट्रांग रूम में रखा जा सकता है। ये स्‍ट्रांग रूम एक ही बिल्डिंग में एक दूसरे के आस-पास होने चाहिएं। ऐसे सभी स्‍ट्रांग रूमों के बाहर, निर्वाचनों के विवरणों को दर्शाया जाने वाला एक नोटिस चिपकाया जाना चाहिए जिस पर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र/विधान सभा खंड की संख्‍या एवं नाम और मतदान केंद्रों की क्रम सं. (उदाहरणार्थ : स्‍ट्रांग रूम 1 में पीएस 1 से 100 तक की ईवीएम और वीवीपीएटी हैं तथा स्‍ट्रांग रूम 2 में पीएस 101 से 102 तक हैं) लिखी हो।
    (6) यदि प्रत्‍येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र/विधान सभा खंड के लिए अलग स्‍ट्रांग रूम उपलब्‍ध नहीं है तो एक बड़े स्‍ट्रांग रूम का विभाजन करके विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र/विधान सभा खंड के लिए अलग-अलग स्‍ट्रांग रूम बनाया जा सकता है। प्रत्‍येक विभाजित स्‍ट्रांग रूम का डबल लॉक प्रणाली सहित अलग प्रवेश द्वार होना चाहिए।
    उपर्युक्‍त अनुदेशों के सख्‍त अनुपालन हेतु इसे सभी संबंधितों के ध्‍यान में लाया जाएगा।
    भवदीय,
    (मधुसुदन गुप्‍ता)
    अवर सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 May 2019

  20. वीवीपैट पेपर का अनिवार्य सत्‍यापन – तत्‍संबंधी।

    सं. 51/8/वीवीपैट-अनुदेश/2019/ईएमपीएस                              दिनांक: 19 मई, 2019
    सेवा में
          सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों
          के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
     विषय:   वीवीपैट पेपर का अनिवार्य सत्‍यापन – तत्‍संबंधी।
    महोदय,
          मुझे उपर्युक्‍त विषय पर आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2019 के पत्र सं. 51/8/वीवीपैट-अनुदेश/2019-ईएमपीएस, के संदर्भ में यह कहने का निदेश हुआ है कि मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने, वीवीपैट पेपर पर्चियों के अनिवार्य सत्‍यापन के प्रयोजनार्थ यादृच्छिक रूप से चयन किए जाने हेतु मतदान केंद्रों की संख्‍या के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण मांगा है क्‍योंकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में कोई विधान सभा सेग्‍मेंट नहीं है।
          इस संबंध में, मुझे यह स्‍पष्‍ट करने का निदेश हुआ है कि लोकसभा निर्वाचनों के लिए, यदि किसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में विधान सभा सेग्‍मेंट नहीं है तो, वीवीपैट पेपर पर्चियों के अनिवार्य सत्‍यापन के लिए उस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्रों से 05 (पांच) मतदान केंद्रों का यादृच्छिक रूप से चयन किया जाएगा।
          उक्‍त पत्र के अन्‍य सभी निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन किया जाएगा। 
          
    भवदीय,
    (मधुसूदन गुप्‍ता)
    अवर सचिव

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  21. मतगणना – तत्‍संबंधी।

    सं.470/2019/एसडीआर/                                दिनांक : 18 मई, 2019
    सेवा में,
          सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के
          मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी
    विषय :- मतगणना – तत्‍संबंधी।
    महोदय/महोदया,   
    मुझे मतगणना से संबंधित आयोग के दिनांक  25 नवंबर, 2003 के पत्र सं. 470/2003/जेएस-II तथा दिनांक 21 जनवरी, 2009 के पत्र सं. 470/2009/ईपीएस का संदर्भ देने का निदेश हुआ है। इसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ यह निर्देश दिया गया था कि ईवीएम की मतगणना का अंतिम दौर से पहले का दौर तब तक शुरू न किया जाए जब तक कि सभी डाक मतपत्रों की गणना पूरी न हो जाए। यह भी अनुदेश दिया गया है कि यदि जीत का अंतर डाक मत पत्रों की संख्‍या से कम हो, तो रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सभी डाक मतपत्रों का पुन: सत्‍यापन किया जाना चाहिए।
    2.    ईटीपीबीएस की शुरूआत होने तथा निर्वाचन ड्यूटी स्‍टाफ द्वारा सुविधा केंद्र में डाक मत डाले जाने से, मतगणना के लिए डाक मतपत्रों की संख्‍या में अत्‍यधिक बढ़ोतरी हुई है। इसके अतिरिक्‍त, ईटीपीबीएस के लिए अनिवार्य क्‍यूआर कोड पठन की अपेक्षा होने से, डाक मतपत्र गणना के लिए अब अधिक समय की आवश्‍यकता होगी। इसके अलावा, वीवीपीएटी गणना के मामलों, जो अन्‍य कारणों जैसे कि छद्म मतदान (मॉक पोल) के बाद सीयू के क्लियर न होने, सीयू द्वारा मतगणना के समय परिणाम प्रदर्शित न किए जाने इत्‍य‍ादि की वजह से अपेक्षित हो सकते हैं, के अतिरिक्‍त प्रति विधानसभा सेग्‍मेंट पांच मतदान केन्‍द्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की अनिवार्य गणना की जाती है।
    3.    उपर्युक्‍त के दृष्टिगत आयोग ने उपर्युक्‍त संदर्भित अनुदेशों की समीक्षा की है और आशोधित अनुदेश निम्‍नलिखित हैं:-
     (i) इस अनुदेश कि ईवीएम की मतगणना के अंतिम दौर से पहले का दौर डाक मत गणना के पूरा होने के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए, को वापस ले लिया गया है। तद्नुसार, ईवीएम की मतगणना डाक मत गणना के चरण पर ध्‍यान दिए बगैर जारी रह सकती है। जैसे ही ईवीएम की मतगणना पूरी हो जाती है, वीवीपीएटी पर्चियों की गणना के लिए विहित प्रक्रिया के अनुसार वीवीपीएटी पर्चियों की गणना शुरू की जा सकती है।  
    (ii) सभी डाक मत पत्रों की इस आधार पर पुनर्गणना कि जीत का अंतर डाक मतों की संख्‍या से कम है, के संबंध में आयोग के अनुदेश में इस आशय का संशोधन कर दिया गया है कि यदि जीत का अंतर मतगणना के समय अमान्‍य के रूप में रद्द किए गए डाक मत पत्रों की संख्‍या से कम हो, तो परिणाम की घोषणा से पूर्व सभी रद्द किए गए डाक मत पत्रों का रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अनिवार्य रूप से पुन: सत्‍यापन किया जाएगा। जब कभी, ऐसा पुन: सत्‍यापन किया जाता है तो ऊपर संदर्भित आयोग के दिनांक 21.01.2009 के पत्र सं.470/2009/ईपीएस के पैराग्राफ-7 के अनुदेशों के अनुसार समस्‍त कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए। 
    4.    ये अनुदेश आपके राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र में नियुक्‍त सभी निर्वाचन प्रेक्षकों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को तत्‍काल संप्रेषित किए जाने चाहिए। ये राजनैतिक दलों को भी संप्रेषित किए जाएं।  
    5 .       कृपया पावती दें और की जा रही कार्रवाई की संपुष्टि करें।
     
    भवदीय,
    (के.एफ.विल्‍फ्रेड)
    वरिष्‍ठ प्रधान सचिव
    जोनल अनुभागों में मानक वितरण   

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  22. मतगणना से संबंधित निर्देशों पर स्पष्टीकरण।

    (i) Filing up Part II of Form 17C and furnishing copies to counting agents.
        There are already Commission’s instructions, that Part-II of Form-17C should be separately typed out giving the names of candidates in column-2, and the result on individual tables for each round are to be entered against the names of candidates in this list. This is to be prepared in duplicate using carbon paper. The carbon copy will be used for taking multiple photocopies for supplying copy each to the counting agents at the respective table. Returning Officers should take care that the names of candidates entered in this list is exactly as per the order in the ballot paper used on the BU. For duplicate copy, carbon copy may be used so that there is no discrepancy between the two copies. Original copy will go to RO’s table for round-wise tabulation.
    (ii) Randomization of counting staff.
        In the case of counting for Parliamentary Constituency, where the counting locations for any assembly segment is far away from the headquarters of the Returning Officer, the second randomization of counting staff may be permitted to be done up to 48 hours before commencement of counting. Wherever it is proposed to be done so, i.e. earlier than 24 hours prior to commencement of counting, approval has to be obtained by the respective Returning Officer from the Chief Electoral Officer. 
    (iii) Counting of VVPAT slips when more than one VVPAT is used in a Polling Station.
        In such cases if VVPAT slips are to be counted, counting should be done separately for each VVPAT used in a polling station. 
    (iv) No. of counting tables for counting Postal Ballots
        As per the Commission’s instructions, there shall be a maximum of 4 tables, and in each round, a maximum of 500 postal ballot papers should be distributed to each table. In the constituencies where the number of postal ballot papers is high, RO is permitted to have more counting tables for postal ballot papers subject to the condition that there has to be an ARO for each such table. Accordingly, proposals for appointment of additional AROs for this purpose should be submitted for approval of the Commission well in advance.

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  23. आरओ/एआरओ के प्रशिक्षण/ओरियंटेशन के लिए राज्य मुख्यालय जिले में ईवीएम और वीवीपीएटी पर्चियों से वोटों की गिनती के लिए मॉडल मतगणना केंद्र स्थापित करना – तत्‍संबधी

    आरओ/एआरओ के प्रशिक्षण/ओरियंटेशन के लिए राज्य मुख्यालय जिले में ईवीएम और वीवीपीएटी पर्चियों से वोटों की गिनती के लिए मॉडल मतगणना केंद्र स्थापित करना – तत्‍संबधी 

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  24. ईवीएम और वीवीपीएटी के भंडारण और सुरक्षा की व्‍यवस्‍था। ईवीएम/वीवीपीएटी की समुचित मालगोदाम व्‍यवस्‍था और भंडारण, सुरक्षा, स्‍टाक ले जाने आदि की व्‍यवस्था – तत्‍संबंधी

    ईवीएम और वीवीपीएटी के भंडारण और सुरक्षा की व्‍यवस्‍था। ईवीएम/वीवीपीएटी की समुचित मालगोदाम व्‍यवस्‍था और भंडारण, सुरक्षा, स्‍टाक ले जाने आदि की व्‍यवस्था – तत्‍संबंधी  

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  25. वीवीपीएटी पेपर स्लिप का अनिवार्य सत्यापन – तत्संबंधी

    वीवीपीएटी पेपर स्लिप का अनिवार्य सत्यापन – तत्संबंधी

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