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प्रेस विज्ञप्तियाँ 2021

108 files

  1. भारत निर्वाचन आयोग ने "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक निबंध प्रतियोगिता" के प्रथम संस्करण का शुभारंभ किया

    सं. ईसीआई/पीएन/84/2021
    दिनांक: 01 अक्तूबर, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक निबंध प्रतियोगिता" के प्रथम संस्करण का शुभारंभ किया 
    राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन आईआईआईडीईएम और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है 
    प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां 2 अक्तूबर से 21 नवंबर, 2021 तक प्राप्त की जाएंगी
     
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आज भारत अंतरराष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईआईडीईएम) और जिंदल ग्‍लोबल लॉ स्‍कूल (जेजीएलएस), ओ.पी. जिंदल ग्‍लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत, हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग वार्षिक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता" के प्रारंभिक संस्‍करण के शुभारंभ की घोषणा की। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ 2 अक्तूबर, 2021 को होगा और प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर, 2021 है। प्रतियोगिता के लिए दो विषय हैं -विषय 1: 'चुनावों के दौरान सोशल मीडिया विनियमों के लिए विधिक संरचना' और विषय 2: 'चुनावी लोकतंत्र के संरक्षण में भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका'। इस निबंध प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य कानून के छात्रों को समकालीन शोध से जुड़ने और भारत में निर्वाचनों को शासित करने वाली विधि के नए आयामों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करना है। 
    निबंध प्रतियोगिता ऑनलाइन होगी और यह अंग्रेजी और हिंदी दोनों में आयोजित की जाएगी। इस निबंध प्रतियोगिता में भारतीय विधि विश्‍वविद्यालय/बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्‍यता-प्राप्‍त संस्‍थान/महाविद्यालय द्वारा संचालित विधि कार्यक्रम में अध्‍ययनरत छात्र भाग लेने के पात्र होंगे। निबंध के लिए प्रविष्टियों का मूल्यांकन निर्वाचन विधि के विशेषज्ञ जेजीएलएस संकाय के सदस्यों द्वारा आईआईआईडीईएम के परामर्श से मूल्यांकन के पांच मानदण्ड, जैसे विषय-वस्तु की मौलिकता, आरेखण एवं प्रस्तुतीकरण, शोध की गुणवत्ता, तार्किकता और प्राधिकृत पाठों व उद्धरणों के प्रयोग से किया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों के लिए उपलब्ध पुरस्कार आकर्षक हैं, जिसमें प्रथम पुरस्कार 1 लाख रु. की राशि का है।
    निबंध प्रतियोगिता के महत्व पर जोर देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने एक संदेश साझा किया कि यह प्रतियोगिता लॉ स्कूलों में पढ़ने वाले युवा तथा मेधावी विद्यार्थियों को भारत में निर्वाचनों को शासित करने वाली विधियों तथा नीतियों पर अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निबंध प्रतियोगिता छात्रों को ऐसा मंच प्रदान करेगी जहां वे अपने गूढ़ ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमता और सजग लेखन शैली का प्रदर्शन कर सकेंगे। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि यह निबंध प्रतियोगिता कानून के छात्रों की प्रतिभा को निखारकर, उसे विकसित करने तथा उपयोग में लाने की एक पहल है तथा यह उन्हें इस संविधान, विधि एवं निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिभा को व्यक्त करने का वार्षिक प्रतिस्पर्धात्मक अवसर भी प्रदान करेगी। निर्वाचन विधि के क्षेत्र में चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि निर्वाचन विधियों का सरोकार न केवल मतदाताओं, राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के अधिकारों से है, अपितु उनके उत्तरदायित्वों से भी है। उन्होंने सभी युवा छात्रों को इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। 
    निबंध प्रतियोगिता के दो विषयों पर प्रकाश डालते हुए श्री अनूप चंद्र पांडेय, निर्वाचन आयुक्त ने अपने संदेश में कहा कि इनके लिए प्रतिभागियों से अपेक्षित है कि वे सामान्य रूप से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विभिन्न संवैधानिक और कानूनी पहलुओं का और विशेष रूप से निर्वाचकीय प्रावधानों का गहन अध्ययन करें। उन्होंने आगे इस बात के प्रति अपना पूरा भरोसा जताया कि प्रतियोगिता के युवा प्रतिभागी, इन दोनों विषयों पर उत्‍कृष्‍ट आलेख प्रस्‍तुत करेंगे। 
    राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का पूरा विवरण वेबसाइट यूआरएल:  https://www.eciessay.org पर उपलब्ध है, जो 2 अक्तूबर, 2021 से क्रियाशील होगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 October 2021

  2. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021-शुद्धिपत्र – तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/18/2021                           
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
    प्रेस नोट 
    विषयः असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021-शुद्धिपत्र – तत्संबंधी। 
          ऊपर उल्लिखित विषय पर भारत निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/16/2021, दिनांक 26 फरवरी, 2021 के क्रम में, यह बताया जाता है कि प्रेस नोट के पृष्ठ सं. 36 के पैरा 30(2) और 30(3) में एक टंकण त्रुटि थी, जिसे सही कर दिया गया है और उसे निम्नानुसार पढ़ा जाए- 
    2. सेवा मतदाता के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस): 
    इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कोरे डाक मतपत्र प्रेषित करेगी। तदुपरांत, सेवा मतदाता अपने मत स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज सकते हैं। 
    3. नागरिकों द्वारा आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों को दर्ज कराने के लिए   सी-विजिल एप्लिकेशनः 
    सी-विजिल एप प्रत्येक नागरिक को अपने स्मार्टफोन से फोटो क्लिक करके अथवा वीडियो बनाकर आदर्श आचार संहिता/निर्वाचन व्यय उल्लंघन के मामलों के समय-अंकित साक्ष्यपरक सबूत उपलब्ध कराकर उन्हें समर्थ बनाता है। यह एप प्राधिकारियों द्वारा तत्काल और प्रभावी कार्रवाई किए जाने के लिए प्राथमिकता निर्धारित करता है और उपयोगकर्ताओं को 100 मिनट के भीतर वस्तुस्थिति रिपोर्टें उपलब्ध कराने का भरोसा देता है। 
    यह एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर दोनों पर उपलब्ध है। एण्ड्रायड के लिए यूआरएल https://play.google.com/store/apps/details?id=in.nic.eci.cvigil&hl=en_IN और आइओएस (एप स्टोर) के लिए https://apps.apple.com/in/app/cvigil/id1455719541 है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 March 2021

  3. श्री सुशील चंद्रा, भारत के माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राष्ट्रपतीय निर्वाचनों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में उज्बेकिस्तान का दौरा किया (21 - 25 अक्टूबर 2021)

    सं. ईसीआई/पीएन/87/2021                               
    दिनांकः 28 अक्तूबर, 2021
     
    प्रेस नोट 
    श्री सुशील चंद्रा, भारत के माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राष्ट्रपतीय निर्वाचनों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में उज्बेकिस्तान का दौरा किया
    (21 - 25 अक्टूबर 2021) 
    अध्यक्ष, उज्बेकिस्तान केंद्रीय निर्वाचन आयोग (सीईसी-यू) के निमंत्रण पर, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने 24 अक्तूबर, 2021 को आयोजित राष्ट्रपतीय निर्वाचनों के संचालन का निरीक्षण करने के लिए उज्बेकिस्तान में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। नई निर्वाचन संहिता के तहत आयोजित इस निर्वाचन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की पैनी नज़र थी।

    भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और अध्यक्ष, उज्बेकिस्तान मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी), श्री जैनिद्दीन एम. निज़ामखोदजेव ने 21 अक्टूबर, 2021 को निर्वाचकीय सहयोग पर एक द्विपक्षीय बैठक का आयोजन किया। अध्यक्ष, सीईसी-यू ने श्री चंद्रा को उनका निमंत्रण स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें इस निर्वाचन के संचालन के लिए किए गए विभिन्न उपायों की भी जानकारी दी, जिसमें एकल इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची, मतदान के दिन व्यक्तिगत रूप से तथा जल्दी मतदान की व्यवस्था और कोविड सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं शामिल थीं। श्री चंद्रा ने भारत में निर्वाचनों के हाल ही में संचालन और ऐसे निर्वाचकीय सहयोग और प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के माध्यम से दोनों देशों के बीच निर्वाचकीय संबंधों को और मजबूत करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया, जिन्हें ईसीआई, उज्बेकिस्तान के निर्वाचन अधिकारियों के लिए सहर्ष आयोजित करेगा। उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधि, निर्वाचन के दौरान आयोजित ईसीआई के अंतर्राष्ट्रीय निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रमों (आईईवीपी) में उत्साहपूर्वक भाग लेते रहे हैं और उज्बेकिस्तान के अधिकारी आईटीईसी कार्यक्रम के तहत ईसीआई में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेते रहें हैं। 
    उज़्बेकिस्तान के निर्वाचन कानून के तहत, राष्ट्रपति को एक राष्ट्रव्यापी निर्वाचन क्षेत्र से पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। निर्वाचन प्रशासन एक त्रि-स्तरीय संरचना का अनुसरण करता है, जिसमें केंद्रीय निर्वाचन आयोग, 14 जिला निर्वाचन आयोग और 10,760 सीमावर्ती (प्रीसिंक्ट) निर्वाचन आयोग शामिल होते हैं। उज्बेकिस्तान में करीब 20 मिलियन निर्वाचक मंडल हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र, अधिकतम 3000 मतदाताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। 14-20 अक्टूबर तक प्रारंभिक मतदान प्रणाली लागू थी और 421,618 लोगों ने प्रारंभिक मतदान सुविधा का उपयोग किया, जिसमें 120,524 विदेश से थे। 
    निर्वाचन में भाग लेने के लिए केवल पंजीकृत राजनैतिक दल ही अभ्यर्थियों को नामित कर सकते हैं। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति पद के लिए पांच अभ्यर्थियों-चार पुरुष और एक महिला अभ्यर्थी ने निर्वाचन लड़ा था। निर्वाचन के लिए निर्वाचन प्रचार का वित्तपोषण राज्य द्वारा किया जाता है। उज्बेकिस्तान में प्रमुख स्थानों पर पांच अभ्यर्थियों के बारे में तस्वीरों और जानकारी वाले कई इन्फोग्राफिक्स प्रदर्शित किए गए थे।

    भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने उज्बेकिस्तान के सीईसी के निर्वाचकीय प्रशासन, प्रक्रियाओं और पहल का सिंहावलोकन करने के लिए 7वें और 14वें जिला निर्वाचन आयोगों का दौरा किया। इसके बाद, उन्होंने निर्वाचन प्रक्रिया का विस्तार से अवलोकन करने के लिए उज्बेकिस्तान में मतदान केंद्रों का दौरा किया। विभिन्न मतदान केंद्रों में मतदाता सूची, मतदाताओं की पहचान, प्रारंभिक मतदान तंत्र, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्यवस्था, कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल, मतदान केंद्र की तैयारी और मतपत्र द्वारा मत डालने सहित निर्वाचनों के आयोजन के विभिन्न पहलुओं को देखा गया।  


    मतदान केंद्रों पर राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों और मोहल्ला समितियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति देखी गई। मतदाताओं की पहचान पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस दस्तावेज के जरिए की गई। पहली बार मतदान करने वाले और घर से मतदान करने वालों सहित अन्य मतदाताओं की गिनती की जा रही थी। मतदान टर्नआउट की प्रति घंटा रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से सीईसी को भेजी जा रही थी। 
    श्री सुशील चंद्रा ने इस अवसर पर उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत, श्री मनीष प्रभात के नेतृत्व में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ बातचीत की और उन्हें सेवा मतदाताओं द्वारा मतदान करने के लिए डाक मतपत्र की इलेक्ट्रॉनिक अंतरण प्रणाली (ईटीपीबीएस) सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, ताशकंद स्थित अनिवासी भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय निर्वाचनों के संबंध में बहुत सक्रिय और जीवंत बातचीत हुई।

    सीईसी ने ताशकंद में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के स्मारक पर उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  4. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 – तत्संबंधी।

    असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021
     





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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 February 2021

  5. 25 जनवरी 2021 को 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) का आयोजन 

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./06/2021
    दिनांक: 24 जनवरी 2021
    प्रेस नोट 
    25 जनवरी 2021 को 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) का आयोजन 
    इस वर्ष का एनवीडी थीम है 'मतदाता बनें सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक'
     भारत निर्वाचन आयोग 25 जनवरी 2021 को 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।
     भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि भारत के माननीय राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद होंगे। यह कार्यक्रम अशोक होटल, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा और माननीय राष्ट्रपति वर्चुअल रूप से राष्ट्रपति भवन से इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
     श्री रविशंकर प्रसाद, माननीय केंद्रीय विधि और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
     इस वर्ष के एनवीडी थीम  'मतदाता बनें सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक', में निर्वाचनों के दौरान सक्रिय और सहभागी मतदाताओं की परिकल्पना की गई है। यह कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान निर्वाचनों का सुरक्षित रूप से संचालन करवाने के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता पर भी फोकस करता है।
     भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस अर्थात, 25 जनवरी 1950 को मनाने के लिए पूरे देश में वर्ष 2011 से ही प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता रहा है। एनवीडी मनाने का मुख्य उद्देश्य विशेषकर नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा देना और नामांकन बढ़ाना है। देश के मतदाताओं को समर्पित इस दिवस का उपयोग, मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने और निर्वाचकीय प्रक्रिया में संसूचित भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। एनवीडी कार्यक्रमों में नए मतदाताओं को सम्मानित किया जाता है और उन्हें उनके निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) सौंपे जाते हैं।
     इस आयोजन के दौरान, भारत के माननीय राष्ट्रपति वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगे और भारत निर्वाचन आयोग का वेब रेडियो: 'हैलो वोटर्स’ का शुभारंभ करेंगे। राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को निर्वाचनों के संचालन करवाने में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे आईटी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, कोविड-19 के दौरान निर्वाचन प्रबंधन, सुगम निर्वाचन में और मतदाता जागरूकता तथा आउटरीच के क्षेत्र में योगदान हेतु सर्वश्रेष्ठ निर्वाचकीय परिपाटियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। राष्ट्रीय आइकनों, सीएसओ और मीडिया समूहों जैसे महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डरों को भी मतदाताओं की जागरूकता के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाएंगे।
     आयोग का वेब रेडियो: 'हैलो वोटर्स’: यह ऑनलाइन डिजिटल रेडियो सेवा मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों को संचालित करेगी। यह भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर एक लिंक के माध्यम से सुलभ होगी। रेडियो हैलो वोटर्स की प्रोग्रामिंग शैली, लोकप्रिय एफएम रेडियो सेवाओं के अनुरूप परिकल्पित की गई है। यह देश भर से हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में गीत, नाटक, चर्चा, स्पॉट्स, निर्वाचन की कहानियों आदि के माध्यम से निर्वाचकीय प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी और शिक्षा प्रदान करेगी।
     श्री रविशंकर प्रसाद, माननीय केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, ई-एपिक कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे और पांच नए मतदाताओं को ई-एपिक और निर्वाचक फोटो पहचान पत्र वितरित करेंगे। ई-एपिक, निर्वाचक फोटो पहचान पत्र के डिजिटल संस्करण तक मतदाता हेल्पलाइन एप और https://voterportal.eci.gov.in/ और https://www.nvsp.in/ वेबसाइटों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
     माननीय मंत्री, श्री प्रसाद इस आयोजन के दौरान निर्वाचन आयोग के तीन प्रकाशनों को भी जारी करेंगे। इन दस्तावेजों की प्रतियां, भारत के माननीय राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाएंगी।
     प्रकाशनों के विवरण नीचे दिए गए हैं:
     वैश्विक महामारी के दौरान निर्वाचन का आयोजन-एक फोटो यात्रा: इस फोटो बुक में वैश्विक महामारी के बीच निर्वाचनों का संचालन करवाने की चुनौतीपूर्ण यात्रा को दर्शाया गया है। आयोग ने देश में कई निर्वाचनों का सफल आयोजन किया, जिसकी शुरुआत राज्यसभा के द्विवार्षिक निर्वाचन से हुई थी। इसके बाद, बिहार में विधान सभा निर्वाचन हुए, जो वैश्विक महामारी के दौरान पूरी दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी कवायदों में से एक थी। देश के विभिन्न राज्यों में 60 निर्वाचन-क्षेत्रों के लिए उप-निर्वाचन भी आयोजित किए गए।
     स्वीप द्वारा किए गए प्रयास: लोकसभा निर्वाचन, 2019 के दौरान जागरूकता पहल: यह पुस्तक वर्ष 2019 में आयोजित 17वें साधारण निर्वाचन के दौरान मतदाता जागरूकता संबंधी कार्यकलापों, नवाचारों तथा पहल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। यह लिंग, जाति, पंथ और धर्म की बाधाओं को पार करते हुए, सम्पूर्ण देश में मनाए गए लोकतंत्र का सबसे बड़े त्यौहार, 'देश का महात्यौहार' की भावना को प्रलेखित करती है।
     चलो करें मतदान: यह एक कॉमिक पुस्तक है जिसका उद्देश्य मतदाता शिक्षा को मज़ेदार और प्रेरणादायक बनाना है। युवा, नए और भावी मतदाताओं को लक्षित करते हुए, इस कॉमिक पुस्तक में दिलचस्प और संबद्ध पात्र शामिल किए गए हैं, ताकि निर्वाचकीय प्रक्रियाओं के बारे में बड़े पैमाने पर मतदाताओं को शिक्षित किया जा सके।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 February 2021

  6. भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन 2019 पर एटलस का विमोचन किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./70/2021 
    दिनांकः 18 जून, 2021
     प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन 2019 पर एटलस का विमोचन किया 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ 15 जून, 2021 को 'साधारण निर्वाचन 2019-एक एटलस' का विमोचन किया। श्री चंद्रा ने इस अभिनव दस्तावेज को संकलित करने के लिए आयोग के अधिकारियों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि यह शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को भारतीय निर्वाचनों के विशाल परिदृश्य का आगे और अन्वेषण करने के लिए प्रेरित करेगा।
     
     
    इस एटलस में इस वृहत कार्य के सभी डाटा और सांख्यिकीय आंकड़े शामिल हैं। इसमें 42 थीमैटिक मैप और 90 सारणी हैं, जो निर्वाचन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। यह एटलस भारतीय निर्वाचनों से संबंधित रोचक तथ्य, उपाख्यान और कानूनी प्रावधान भी साझा करती है। 
    वर्ष 1951-52 में पहले साधारण निर्वाचनों के बाद से, आयोग नैरेटिव और सांख्यिकीय पुस्तकों के रूप में निर्वाचकीय आंकड़ों के संकलन का प्रकाशन करता रहा है। वर्ष 2019 में आयोजित 17वें साधारण निर्वाचन, मानव इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद थी, जिसमें भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर भू-भाग में फैले 10.378 लाख मतदान केंद्रों पर 61.468 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी देखी गई। 
    भारतीय निर्वाचनों में निर्वाचकीय डाटा, मुख्य रूप से निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों द्वारा निर्वाचक नामावली तैयार करने और रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा निर्वाचनों के संचालन की प्रक्रिया के दौरान एकत्र किया जाता है। तत्पश्चात यह डाटा इन सांविधिक प्राधिकरणों द्वारा समानुक्रमित किया जाता है। तत्पश्चात, निर्वाचकीय प्रक्रिया के समापन के बाद, भारत निर्वाचन आयोग इस निर्वाचकीय डाटा को एकत्र करता है और संकलन, रिकॉर्ड और प्रसार प्रयोजनार्थ विभिन्न रिपोर्टें तैयार करता है। 
    अक्तूबर 2019 में, आयोग ने 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्वाचकीय आंकड़ों के आधार पर सांख्यिकीय रिपोर्ट जारी की। इस एटलस में वर्णित नक्शे और सारणी उस जानकारी को दर्शाते हैं और देश की निर्वाचकीय विविधता की बेहतर समझ और जानकारी प्रदान करते हैं। डाटा को प्रासंगिक बनाने के अलावा, ये विस्तृत नक्शे विभिन्न स्तरों पर निर्वाचकीय पैटर्न को व्यक्त करते हैं और साथ ही इसके स्थानिक और कालसूचक विन्यास को दर्शाते हैं। निर्वाचकीय डाटा की बेहतर संकल्पना और निरूपण करने के उद्देश्य से, यह एटलस एक ऐसे सूचनात्मक और विस्तृत दस्तावेज के रूप में कार्य करती है जो भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों को प्रकाश में लाता है और पाठकों को रुझानों और परिवर्तनों का विश्लेषण करने के योग्य बनाता है। 
     
     
     इस एटलस में मुख्य विशेषताओं को प्रकाशित किया गया है, जैसे ऐसे उन 23 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का डाटा, जहां महिला मतदान प्रतिशत पुरुष मतदान प्रतिशत से अधिक था; निर्वाचकों, अभ्यर्थियों के संदर्भ में सबसे बड़े और सबसे छोटे संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के बारे में जानकारी और अन्य मापदंडों के साथ-साथ राजनैतिक दलों का प्रदर्शन। 
    यह एटलस विभिन्न श्रेणियों में और विभिन्न आयु वर्गों में निर्वाचक और निर्वाचक लिंग अनुपात जैसे विभिन्न तुलनात्मक चार्टों के माध्यम से निर्वाचक डाटा को दर्शाती है। 2019 के साधारण निर्वाचनों में भारतीय निर्वाचनों के इतिहास में सबसे कम लैंगिक अंतर देखा गया। निर्वाचक लिंग अनुपात, जिसने 1971 से सकारात्मक रुझान दिखाया है, 2019 के साधारण निर्वाचनों में 926 था। 
    एटलस में वर्ष 2014 और 2019 के साधारण निर्वाचनों के दौरान विभिन्न राज्यों में प्रति मतदान केंद्र निर्वाचकों की औसत संख्या की तुलना भी की गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन, 2019 में अरुणाचल प्रदेश में प्रति मतदान केंद्र सबसे कम मतदाताओं (365) के साथ 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए। 
    विभिन्न अन्य श्रेणियों में इस एटलस में वर्ष 1951 से साधारण निर्वाचनों में लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या की तुलना भी की गई है। 2019 के साधारण निर्वाचनों में, देश भर में दाखिल किए गए कुल 11692 नामांकनों में से नामांकन अस्वीकृत किए जाने और नाम वापस लेने के बाद 8054 योग्य अभ्यर्थी थे। 
    विवरण देखने के लिए, ई-एटलस https://eci.gov.in/ebooks/eci-atlas/index.html पर उपलब्ध है। यदि सुझाव कोई हो, तो आयोग के ईडीएमडी प्रभाग के साथ साझा किए जा सकते हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  7. भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/पीएन 82/2021                            
    दिनांकः 21 सितम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया;
    नीतिगत ढांचे को और सुप्रवाही बनाने की दिशा में चर्चा की गई 
    भारत निर्वाचन आयोग ने वर्तमान सुगमता नीतियों का आकलन करने और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचक प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए बाधाओं को दूर करने के लिए कार्यनीतियों पर चर्चा करने के उद्देश्य से आज राष्ट्रीय वर्चुअल सुगम निर्वाचनों पर सम्मेलन, 2021 का आयोजन किया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्यों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता का प्रतिनिधित्व करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों और सरकारी मंत्रालयों तथा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

    दिव्यांगजनों के लिए निर्वाचनों को और अधिक समावेशी, सुगम और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता की पुनःपुष्टि करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि आयोग प्राथमिक स्टेकहोल्डरों अर्थात दिव्यांगजनों सहित ऐसे मतदाता के निर्णय लेने की भूमिका का सम्मान करता है, जो निर्वाचक प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें निभानी चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने यह भी कहा कि निर्वाचक प्रक्रिया के प्रत्येक कदम पर समावेशिता और सुगमता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश बनाते समय दिव्यांगजनों और उनके प्रतिनिधि संगठनों द्वारा सभी सार्थक जानकारियों और सुझाई गई सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाता है। श्री चंद्रा ने निर्वाचकीय प्रक्रिया में दिव्यांगजनों के समावेशन पर जोर देने के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संकल्पों एवं अधिदेशों में भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने दिव्यांगजनों के सुखद और गरिमापूर्ण मतदान अनुभव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सभी मतदान केंद्र भूतल पर स्थित हैं और इन सभी में रैंप हैं तथा व्हीलचेयर और मतदान केंद्रों पर निर्बाध तथा बाधामुक्त निर्वाचन अनुभव के लिए पर्याप्त स्वयंसेवकों को तैनात किया जाता है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 एक कानूनी अधिदेश प्रदान करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाया जाए और निर्वाचक प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री उनके द्वारा आसानी से समझी जा सके और उपयोग की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन अधिकारियों एवं सीएसओ स्टेकहोल्डरों के सामूहिक प्रयास ने विभिन्न जनसंख्या समूहों के लिए निर्वाचक प्रक्रिया को सुगम, सुरक्षित और सम्मानपूर्ण बनाने के अतिरिक्त, देश भर में बड़ी संख्या में दिव्यांग निर्वाचकों तक पहुचंने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने उन्नत डाटा प्रसंस्करण, सामुदायिक अभिनिर्देश बिंदुओं को पहचानने और दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट नागरिक समूहों के लिए सौहार्दपूर्ण इको प्रणालियों के सृजन के माध्यम से सामुदायिक सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री पांडेय ने यह भी कहा कि सुगम निर्वाचन हमेशा से आयोग का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है, जिसके द्वारा ईसीआई यह सुनिश्चित करते हुए कि पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में सभी की समान पहुंच हो, विशेष रूप से सभी लक्षित समूहों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करता है। 
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इस सम्मेलन का आयोजन समयपूर्वक किया है, जब आयोग आगामी राज्य विधान सभा के निर्वाचनों की तैयारी में लगा हुआ है। विभिन्न सीईओ, सीएसओ और आयोग के आइकनों से प्राप्त इनपुटों को दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक सुगम, समावेशी और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचनों की योजना एवं तैयारी में समाविष्ट किया जाएगा।

    यह सूचित किया गया था कि आज की तारीख तक लगभग 77.4 लाख दिव्यांजन पंजीकृत मतदाता हैं। यह मानते हुए कि एक मजबूत एवं जीवंत लोकतंत्र की स्थापना की आधारशिला समावेश और सहभागिता होती है, आज का विचार-विमर्श दिव्यांगजन की पहचान/मानचित्रण, सुगम पंजीकरण, मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, सुगम निर्वाचनों के लिए प्रौद्योगिकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, सुगम मतदाता शिक्षा तथा साझेदारी और सहयोग से लाभ उठाने और मीडिया आउटरीच के थीम पर केंद्रित था। निदेशक एएडीआई, कार्यपालक निदेशक, राष्ट्रीय बधिर संघ, निदेशक, एसपीएआरसी-इंडिया, कार्यपालक निदेशक, एनसीपीईडीपी, कार्यपालक निदेशक बीपीए, आईएसएलआरटीसी और पीडीयूएनआईपीपीडी के प्रतिनिधियों के साथ-साथ ईसीआई की राष्ट्रीय आइकन, डॉ. नीरू कुमार सहित विभिन्न सीएसओ के महत्वपूर्ण वक्ताओं ने निर्वाचन सुगम और समावेशी बनाने के लिए बहुमूल्य इनपुट साझा किए। 
    विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सुझावों के आधार पर, भावी निर्वाचनों के लिए 'सुगम निर्वाचनों' पर नीतिगत ढांचे को सुप्रवाही बनाने के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने हेतु एक संकल्प अंगीकार किया गया। व्यापक अनुवीक्षण तंत्र और सभी मतदान केंद्रों की सुगमता का आकलन; दिव्यांगजनों के लिए सभी मुख्यधारा संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों का एकीकरण; निर्वाचन कर्मियों का प्रशिक्षण और संवेदीकरण; दिव्यांगता की समझ में सुधार के लिए अधिकाधिक जागरूकता; डाटा संग्रह के तात्कालिक तरीके; दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के बारे में जागरूकता; मजबूत आईवीआरएस हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र और निर्वाचन प्रक्रिया के सभी स्तरों पर सुगमता सुनिश्चित करने के लिए सुगमता प्रेक्षकों और सूक्ष्म प्रेक्षकों की तैनाती, कुक्ष ऐसे विचार थे जिसकी इस वर्चुअल सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई। 
    सम्मेलन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्तों श्री राजीव कुमार एवं श्री अनूप चंद्र पांडेय के साथ निम्नलिखित का विमोचन किया;
    बाधाओं को पार करना-सुगमता पहल, 2021: यह पुस्तिका दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा देने और सशक्त बनाने के लिए नवोन्मेषी प्रथाओं और सुगमता पहल का संकलन है। हाल ही में शुरू की गई पहल जैसे मतदाता गाइड, नए मतदाता को पत्र और मतदाता जागरूकता पर 50 प्रेरक गीतों की एक गीत पुस्तिका का ब्रेल भाषा संस्करण। मतदाता हेल्पलाइन एप और ईवीएम-वीवीपैट के दो जागरूकता वीडियो के सांकेतिक भाषा में संस्करण। साधारण विधान सभा निर्वाचन, 2018 और लोकसभा निर्वाचन, 2019 में दिव्यांगजनों को कर्नाटक में प्रदान की गई स्वीप गतिविधियों और सुविधाओं के परिणामों के मूल्यांकन अध्ययन का भी आयोग द्वारा विमोचन किया गया था।  
    हाल ही में हुए मतदान संपन्न हुए राज्यों से सीख और अनुभवों सहित निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक की गई सुगम्यता संबंधी पहल पर एक प्रस्तुति भी प्रतिभागियों के साथ साझा की गई। इस सम्मेलन में दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए सम्मेलन को सुलभ बनाने हेतु समर्पित सांकेतिक भाषा दुभाषिए थे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 September 2021

  8. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों और विभिन्न राज्यों के पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)/एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझानों एवं परिणामों के प्रचार-प्रसार के लिए 2 मई, 2021

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./59/2021                
    दिनांकः 1 मई, 2021
     
    प्रेस नोट 
    विषयः असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों और विभिन्न राज्यों के पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)/एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझानों एवं परिणामों के प्रचार-प्रसार के लिए 2 मई, 2021 को व्यवस्थाएं। 
    असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों तथा विभिन्न राज्यों के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझान एवं परिणाम सभी मतगणना केंद्रों के अलावा निम्नलिखित स्थानों से 02.05.2021 को पूर्वाह्न 8.00 बजे से उपलब्ध होंगेः
    1.  https://results.eci.gov.in भारत निर्वाचन आयोग की इस वेबसाइट पर परिणाम प्रदर्शित किए जाते हैं और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा चरणवार रूझानों और परिणामों को प्रदर्शित करने के लिए कुछ-कुछ मिनटों में अद्यतन किए जाते हैं।
    2.  रूझान और परिणाम गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर उपलब्ध "मतदाता हेल्पलाइन" मोबाइल एप के माध्यम से भी सुलभ है। 
    वेबसाइट/मोबाइल एप संबंधित मतगणना केंद्रों से रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा प्रणाली में दर्ज की गई सूचना को प्रदर्शित करेगा। निर्वाचन आयोग (ईसी) रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उनके संबंधित मतगणना केंद्रों से प्रणाली में दर्ज की गई सूचना को प्रदर्शित करेगा। प्रत्येक पीसी/एसी के लिए अंतिम डाटा केवल फॉर्म 20 में साझा किया जाएगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 01 May 2021

  9. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) मुख्यालय में कोविड-19 टीकाकरण अभियान आरंभ हुआ 

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./23/2021
    दिनांकः 4 मार्च, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) मुख्यालय में कोविड-19 टीकाकरण अभियान आरंभ हुआ 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन, दिल्ली में कार्यरत अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री एम एस गिल ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत के प्रतीकस्वरूप वैक्सीन का पहला शॉट लिया। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा और निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चन्द्रा तथा श्री राजीव कुमार, निर्वाचन आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम से लाभान्वित होने के बाद टीका लगावाएंगे। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने हाल ही में घोषणा की थी कि आगामी विधानसभा निर्वाचनों के लिए मतदान ड्यूटी पर सभी कर्मचारियों को 'फ्रंटलाइन वर्कर्स' के रूप में घोषित किया गया है और इसलिए उनके द्वारा निर्वाचन संबंधी कर्तव्यों को संभालने से पहले उनका टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस टीकाकरण से मतदान ड्यूटी पर अधिकारियों को कोरोना से डर के बिना अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। श्री अरोड़ा ने आगे कहा कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान ने निर्वाचन आयोजित करवाने की स्थिति को और अधिक अनुकूल बना दिया है। डॉक्टरों, एम्बुलेंस आदि के प्रावधान के साथ भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में विशेष शिविर भी लगाया गया है। 
    विशेष टीकाकरण अभियान के तहत, पांच राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के लाखों मतदान अधिकारी आगामी विधानसभा निर्वाचनों के लिए निर्वाचन ड्यूटी पर जाने से पहले टीका लगावाएंगे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 05 March 2021

  10. भारत निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक आभासी सम्मेलन आयोजित करता है

    सं. ईसीआई/पीएन/69/2021
    दिनांक: 15 जून, 2021
     
    भारत निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक आभासी सम्मेलन
    आयोजित करता है
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त मतदाता केन्द्रित सेवाओं को तत्परता और कुशलता से वितरित करने पर जोर देता है
    साधारण निर्वाचन 2019- सम्मेलन के दौरान जारी किया गया एक एटलेस
     
    आज भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का एक आभासी सम्मेलन आयोजित किया।  सम्मेलन मुख्य रूप से बुनियादी ढाचें और प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण से संबंधित सुचारू, कुशल और मतदाता के अनुकूल सेवाओं, निर्वाचक नामावली का अद्यतन/शुद्धता, आई टी अनुप्रयोगों का एकीकरण, व्यापक मतदाता आउटरीच कार्यक्रम, ईवीएम और वीवीपीएटी भण्डारण जैसे प्रमुख विषयगत मुद्दों पर केन्द्रित था।
     
    मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा  ने बैक-एण्ड प्रणालियों में पुनर्निर्माण के लिए ऐसी आवधिक समीक्षा बैठकों की महत्ता पर बल दिया ताकि प्राथमिकता के आधार पर मतदाता केन्द्रित सेवाओं को तत्परता और कुशलता से वितरिता किया जा सके। श्री चंद्रा ने कहा कि  ऐसी सीईओ संमीक्षा बैठकें  संस्थागत रूप से और अधिक आयोजित की जाएगी। श्री चंद्रा ने जोर दिया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पंजीकरण और अन्य सेवाओं जैसे सुधार, विद्यमान मतदाताओं के लिए पता परिवर्तन करना और निर्वाचन आयोग के परेशानी मुक्त सुविधा मंच के बारे में जागरूकता के लिए नए मतदाताओं से जुड़ने के लिए निरन्तर प्रयास करना चाहिए।  उन्होंने अद्यतित और त्रुटि रहित निर्वाचक नामावली की  महत्ता को बार-बार बताया। श्री चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से भावी निर्वाचनों के लिए शिक्षण एवं अनुकूलन हेतु निर्वाचन वाले राज्यों द्वारा विभिन्न नवोन्वेषी कदमों के सर्वोत्तम पद्धियों को साझा करने के लिए कहा।
     
     निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन ने कहा कि हाल ही में हुए निर्वाचन वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सफल सर्वोत्तम पद्धितयों जैसे अनुपस्थित मतदाताओं के लिए मोबाइल एप, आपराधिक इतिहास और मतदान/पुलिस कर्मियों की यादृच्छिकीकरण को बढ़ाने और एकीकृत करने के तरीकों का सुझाव देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम के भण्डारण एवं आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को ईवीएम भंडारण गोदामों का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण सुनिश्चित करना चाहिए। श्री कुमार ने भी कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को कोर समिति द्वारा जांच किए जा रहे चिन्हित कार्यक्षेत्रों में किए जाने वाले नए सुधारों के लिए अपने सुझाव और उपाय भेजने चाहिए।
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांण्डे ने सी ई ओ की उनके रचनात्मक सुझावों के लिए सरहाना की। उन्होंने कहा कि गैर-निर्वाचन अवधि का उपयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जनशक्ति संसाधनों और बुनियादी ढाचे के अंतराल को समेकित करने और भरने के लिए एवं संचार और जागरूकता क्रियाकलापों की योजना बनाने और अपने राज्यों की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए करना चाहिए।
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को स्मरण कराया कि गैर-निर्वचन अवधि के दौरान, निर्वाचक नामावलियों की शुद्धता, मतदाताओं की शिकायतों का निवारण, निर्वाचक साक्षारता क्लबों एवं अन्य स्वीप मानदंडों के माध्यम से नए तथा भावी मतदाताओं के साथ जुड़नें के लिए आउटरीच क्रियाकलापों, स्टफिंग और बजट मामलों, सीईओ कार्यालयों की टीमों के प्रशिक्षण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए ताकि आगामी निर्वाचनों के लिए सीईओ कार्यालय पूरी तरह से तैयार हों। 
    वरिष्ठ डीईसी श्री धर्मेन्द्र शर्मा, डीईसी श्री सुदीप जैन, श्री चंद्रभूषण कुमार और श्री नितेश व्यास ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ उनके विशिष्ट विषयगत मुद्दों पर भी बातचीत की। 
    सम्मेलन के दौरान, असम, केरल, तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने महामारी के दौरान निर्वाचन संचालन के अपने अनुभवों और सीख को साझा किया। गोवा, मणिपुर,पंजाब, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने विशेष रूप से आयोग को अपने-अपने राज्यों में आगामी विधान सभा निर्वाचनों के लिए विभिन्न चुनौतियों, नवाचारों और सुझावों के बारे में जानकारी दी। 
     
     आज आयोग ने भी समीक्षा बैठक के दौरान  ‘ साधारण निर्वाचन-2019 पर एटलस ’ ई लांच किया। एटलस इस स्मरणीय कार्यक्रम के सभी डाटा और सांख्यिकीय आंकड़ें शामिल करता है। इस एटलस में 42 विषयगत मानचित्र एवं निर्वाचनों के विभिन्न पहलुओं को दर्शानें वाले 90 सारणी शामिल हैं। साधारण निर्वाचन 2019 एटलस एक सूचनात्मक और उदाहरणात्मक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों पर प्रकाश डालता है। देश की निर्वाचन संबंधी विविधता को बेहतर रूप से समझने और उसकी सराहना करने के लिए मानचित्र एवं तालिकाओं में जानकारी को चित्रमय तरीके से दर्शाया जाता है। एटलस उन 23 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के डाटा जैसी विशेषताओं को प्रकाश में लाता है जहां महिला मतदान प्रतिशत पुरूष मतदान प्रतिशत से अधिक था; निर्वाचकों, अभ्यर्थियों और अन्य मानदंडों के बीच राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के मामले में सबसे बड़ी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के बारे में सूचना प्रदान करता है। ई-एटलस  https://eci.gov.in/ebooks/eci-atlas/index.html. पर उपलब्ध है। कोई भी सुझाव आयोग के ईडीएमडी प्रभाग पर साझा किया जा सकता है।


     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  11. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन

    सं. ईसीआई/पीएन/97/2021
    दिनांकः 22 नवंबर, 2021
     
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के
    मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन 
          भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन निर्वाचक नामावली, मतदान केंद्रों, प्रगतिरत विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, आईटी एप्लिकेशन्स, शिकायतों का समय पर निवारण, ईवीएम/वीवीपेट्स, मतदान कर्मियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, मीडिया और संचार एवं गहन मतदाता आउटरीच कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा करने के लिए किया गया था।
     
          अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की दक्षता और दूरदृष्टि के महत्व पर बल दिया क्योंकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से निर्वाचक नामावली की शुचिता, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं और समस्त मतदान केंद्रों पर सभी मतदाताओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने उनसे सभी लंबित आवेदन-पत्रों, विशेषकर मतदाता रजिस्ट्रीकरण के आवेदनों का शीघ्र निपटान करने के लिए भी कहा। उन्होंने दोहराया कि वास्तविक बेहतर मतदाता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने आगे कहा कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को राजनीतिक दलों की शिकायतों, यदि कोई हों, का निवारण करने के लिए नियमित रूप से वार्तालाप करते रहना चाहिए। 
          मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कमियों और चुनौतियों का पता लगाना है ताकि देशभर के सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आयोग के आदेशों का समान रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्वाचन संबंधी कार्यकलापों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा की गई नई पहल और सर्वोत्तम पद्धतियों का मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया ताकि आउटरीच बढ़ाई जा सके। 
          निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से वार्तालाप करते हुए कहा कि निर्वाचनों का विधिक और विनियमित फ्रेमवर्क अत्यधिक मजबूत है, तथापि आयोग के विभिन्न अनुदेशों का वास्तविक कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रगतिशील, अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है और उन्हें एक दूसरे की सर्वोत्तम पद्धतियों से सीखना चाहिए। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ समन्वय एवं निगरानी हेतु नियमित रूप से चर्चा करें तथा महत्वपूर्ण फीडबैक प्राप्त करने हेतु फील्ड में जाएं, ताकि आवश्यक कार्यप्रणाली में सुधार किए जा सकें। 
          निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पांडेय ने ब्लॉक लेवल अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर बल दिया क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग के कार्यों की प्रभावशीलता, फील्ड स्तरीय निर्वाचन कार्मिकों के प्रभावशाली कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। उन्होंने पूरे वर्ष गैर-निर्वाचन अवधि के दौरान भी आउटरीच के लिए फील्ड में विभिन्न स्टेकहोल्डरों और अधिकारियों की सहभागिता तथा जमीनी स्तर पर स्वीप के कार्यकलापों पर भी जोर दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अधिकाधिक आउटरीच हेतु स्थानीय मीडिया के साथ सही सूचनाएं और तथ्य नियमित रूप से साझा किए जाएं। 
          महासचिव, श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन फील्ड स्तरीय कार्य पद्धति को समझने, स्टेकहोल्डरों के साथ समन्वय करने और आयोग के अनुदेशों का कार्यान्वयन करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पूरे वर्ष सक्रिय रहना चाहिए और मूल्यांकन एवं कार्यप्रणाली संबंधी आवश्यक सुधार करने के लिए निर्वाचन अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क करते रहना चाहिए। \
          इस सम्मेलन के दौरान आयोग ने आज "निर्वाचन विधि संबंधी मामलों का सार-संग्रह" (कंपेंडियम ऑफ केसिस ऑन इलेक्शन लॉ) जारी किया। आयोग द्वारा एक काफी टेबल बुक "कंडक्ट ऑफ जनरल इलेक्शन्स टू द असम लेजिस्लेटिव असेम्बली, 2021", और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम द्वारा तैयार "काल ऑफ ड्यूटी" नामक शार्षक से एक शोर्ट वीडियो भी जारी की गई। इस वीडियो में दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करने में निर्वाचन अधिकारियों के सामने आई विभिन्न चुनौतियों को उजागर किया गया है। इस सम्मेलन में नए मतदाताओं के लिए मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैयार "पावर ऑफ 18" नामक शीर्षक से एक मतदान गान भी जारी किया गया। 
          सम्मेलन में फोटो निर्वाचक नामावली 2022 (एसएसआर 2022) के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा किए गए स्वीप संबंधी कार्यकलापों की एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इसमें विभिन्न दृश्य-श्रव्य रचनाएं, प्रिंट विज्ञापन और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त एसएसआर 2022 के लिए राज्य ऑइकनों से प्राप्त संदेशों को प्रदर्शित किया गया था। 

          इस सम्मेलन में सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त, महानिदेशक एवं आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। जिन राज्यों में निर्वाचन होने हैं, उनके साथ निर्वाचन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए कल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अलग से एक दिवसीय समीक्षा बैठक भी निर्धारित है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 November 2021

  12. राज्य सभा के उप निर्वाचन – निर्वाचन को स्थगित करना-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./67/2021 
    दिनांक 28 मई, 2021
     
    प्रेस नोट
    राज्य सभा के उप निर्वाचन – निर्वाचन को स्थगित करना-तत्संबंधी। 
    निम्न ब्यौरे के अनुसार राज्य सभा में एक आकस्मिक रिक्ति हैः
    राज्य का नाम
    सदस्य का नाम
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तारीख
    अवधि
     
    केरल
    श्री जोस के. मणि
    त्यागपत्र
    11.01.2021
    01.07.2024
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151क के प्रावधानों के अनुसार रिक्ति उप-निर्वाचन के माध्यम से, सीट रिक्त होने की तारीख से छः माह के भीतर भरी जानी अपेक्षित होती है, बशर्ते की रिक्ति से संबंधित शेष कार्यकाल एक वर्ष या अधिक हो। 
    3.    आयोग ने आज इस मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के फैलने के कारण, महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार होने तक और इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए स्थितियों के अनुकूल होने तक उप-निर्वाचनों का आयोजन करना उपयुक्त नहीं होगा। 
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट लेने और अधिदेशित प्राधिकरणों यथा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण/राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से महामारी की स्थिति का आकलन करने के बाद इस मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लेगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 May 2021

  13. विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम- तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/83/2021
    दिनांकः 28 सितम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    विषयः विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम- तत्संबंधी।
          आयोग ने महामारी, बाढ़, त्यौहारों, कुछ क्षेत्रों में ठंड की स्थिति, संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्रतिक्रिया (फीडबैक) की समीक्षा की है तथा सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने नीचे दिए गए विवरण के अनुसार संघ राज्य क्षेत्र दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के तीन (3) संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में तीस (30) रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन कराने का निर्णय लिया है:
    क्र. सं.
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1.
    दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र
    दादरा और नागर हवेली
    2.
    मध्य प्रदेश
    28-खण्डवा
    3.
    हिमाचल प्रदेश
    2-मण्डी
     
    क्र. सं.
    राज्य
    निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1.
    आंध्र प्रदेश
    124-बाडवेल (अ. जा.)
    2.
    असम
    28-गोस्साई गाँव
    3.
    असम
    41-भबानीपुर
    4.
    असम
    58-तमुलपुर
    5.
    असम
    101-मरियानी
    6.
    असम
    107-थोवरा
    7.
    बिहार
    78-कुशेश्वरस्थान (अ. जा.)
    8.
    बिहार
    164-तारापुर
    9.
    हरियाणा
    46-ऐलनाबाद
    10.
    हिमाचल प्रदेश
    08-फतेहपुर
    11.
    हिमाचल प्रदेश
    50-अर्की
    12.
    हिमाचल प्रदेश
    65-जुब्बल-कोटखाई
    13.
    कर्नाटक
    33-सिन्डगी
    14.
    कर्नाटक
    82-हानगल
    15.
    मध्य प्रदेश
    45-पृथ्वीपुर
    16.
    मध्य प्रदेश
    62-रैगाँव (अ. जा.)
    17.
    मध्य प्रदेश
    192-जोबट (अ. ज. जा.)
    18.
    महाराष्ट्र
    90-देगलुर (अ. जा.)
    19.
    मेघालय
    13-मावरेंगकेंग (अ. ज. जा.)
    20.
    मेघालय
    24-मावफलांग (अ. ज. जा.)
    21.
    मेघालय
    47-राजबाला
    22.
    मिजोरम
    4-तुईरिअल (अ. ज. जा.)
    23.
    नागालैंड
    58-शामटोर चेस्सोरे (अ. ज. जा.)
    24.
    राजस्थान
    155-वल्लभनगर
    25.
    राजस्थान
    157-धरियावद (अ. ज. जा.)
    26.
    तेलंगाना
    31-हुजूराबाद
    27.
    पश्चिम बंगाल
    7-दिनहाटा
    28.
    पश्चिम बंगाल
    86-सान्तिपुर
    29.
    पश्चिम बंगाल
    109-खारडाह
    30.
    पश्चिम बंगाल
    127-गोसाबा (अ. जा.)
           आयोग ने रिक्तियों को भरने के लिए इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करवाने का निर्णय लिया है और धारा 30 के अधीन प्रावधानों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 30 (ग) के अंतर्गत मतदान के कार्यक्रमों की तारीखें तथा नाम वापिस लेने की तारीख निर्धारित की हैं। उप-निर्वाचन की अनुसूची निम्नानुसार हैः 
    अनुसूची 1: आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, तेलंगाना की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र एवं दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश की संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए।
    मतदान कार्यक्रम
    अनुसूची 1
     
     
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    01.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    08.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    11.10.2021 (सोमवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    13.10.2021 (बुधवार)
    मतदान की तारीख
    30.10.2021 (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    02.11.2021 (मंगलवार)
    वह तारीख, जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    05.11.2021 (शुक्रवार)
     
    अनुसूची 2: असम, बिहार और पश्चिम बंगाल की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए
    मतदान कार्यक्रम
    अनुसूची 2
     
     
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    01.10.2021  (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    08.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    11.10.2021 (सोमवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    16.10.2021 (शनिवार)
    मतदान की तारीख
    30.10.2021 (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    02.11.2021 (मंगलवार)
    वह तारीख, जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    05.11.2021 (शुक्रवार)
    1. निर्वाचक नामावली
    उपरोक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 01.01.2021 के संदर्भ में प्रकाशित निर्वाचक नामावली, इन निर्वाचनों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
    2. इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट 
    आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दी गई हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से मतदानों का आयोजन सुचारु रूप से हो ।  
    3. मतदाताओं की पहचान 
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रमुख दस्तावेज होगा। हालांकि, मतदान केंद्र पर निम्नलिखित पहचान दस्तावेजों में से भी कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है:   
    i.      आधार कार्ड,
    ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
    iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक,
    iv.     श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    v.     ड्राइविंग लाइसेंस,
    vi.     पैन कार्ड,
    vii.    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
    viii.    भारतीय पासपोर्ट,
    ix.     फोटोग्राफ सहित पेंशन दस्तावेज,
    x.     केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी     सेवा पहचान-पत्र, और
    xi.     संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र।                  
    4.  आदर्श आचार संहिता
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत यथा-जारी आंशिक संशोधन के अध्यधीन आदर्श आचार संहिता उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
    5. आपराधिक पूर्ववृत्त के बारे में सूचना
          आयोग ने आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार के लिए समय सीमा निर्धारित की है, जो नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से शुरू होकर मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के समाप्त होने से 48 घंटे पहले तक है।
          इस मामले पर समेकित निर्देश आयोग की वेबसाइट पर निम्नलिखित हाइपरलिंक के तहत उपलब्ध है https://eci.gov.in/files/file/12265-broad-guidelines-of-election-commission-of-india-on-publicity-of-criminal-antecedents-by-political-parties-candidates/।
           यह ब्रजेश सिंह बनाम सुनील अरोड़ा और अन्य शीर्षक वाली वर्ष 2020 की अवमानना याचिका (सि) सं. 656 में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 13.02.2020 और 10.08.2021 के निर्णय के क्रम में है, जिसे आयोग के दिनांक 26.08.2021 के पत्र के तहत राजनैतिक दलों को वितरित किया गया है। निर्णय के पैरा 73.V के अंतर्गत दिए गए निर्देश के अनुसरण में, अब, फॉर्मेट सी-7 राजनैतिक दलों द्वारा अभ्यर्थी के चयन के 48 घंटों के भीतर प्रकाशित किया जाना चाहिए न कि नामांकन दाखिल करने की प्रथम तारीख से दो सप्ताह पहले।
    आयोग ने आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार के लिए निम्नलिखित समय सीमा निर्धारित की है, जो नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से शुरू होकर मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के समाप्त होने से 48 घंटे पहले तक है।
          इस मामले पर समेकित निर्देश आयोग की वेबसाइट पर निम्नलिखित हाइपरलिंक के तहत उपलब्ध है https://eci.gov.in/files/file/12265-broad-guidelines-of-election-commission-of-india-on-publicity-of-criminal-antecedents-by-political-parties-candidates/। 
    6.  कोविड-19 की अवधि के दौरान उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश 
    आयोग ने 21 अगस्त, 2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने दिनांक 09.10.2020, 09.04.2021, 16.04.2021, 21.04.2021, 22.04.2021, 23.04.2021 एवं 28.04.2021 को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो आयोग की वेबसाइट eci.gov.in या लिंक https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्ध हैं। साथ ही, दिनांक 28 अगस्त, 2021 के पत्र सं. 40-3/2020-डीएम-I(ए), के तहत कोविड प्रबंधन के लिए लक्षित और त्वरित कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेशों को 30 सितम्बर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। राजनैतिक दलों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट्स लेने के बाद और एमएचए/एमओएचएफडब्ल्यू के मौजूदा अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को और ज्यादा सख्त कर दिया है। इसके अलावा, कोविड-19 अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में साधारण निर्वाचन के संचालन से संबंधित आयोग के सभी अनुदेश, यथोचित परिवर्तन के साथ इन उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के लिए भी लागू रहेंगे।         
    सभी स्टेकहोल्डर इन अनुदेशों का पालन करेंगे। संबंधित राज्य सरकार इन अनुदेशों के अनुपालन में निम्नानुसार सभी समुचित कार्रवाई/उपाय करेगी:- 
    1
    नाम-निर्देशन
    नाम-निर्देशन से पहले और बाद में, शोभायात्रा, जनसभा निषिद्ध है/रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि क्षेत्र में केवल तीन वाहनों की अनुमति। नाम-निर्देशन के लिए किसी शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।      
    2
    प्रचार अभियान अवधि
     
    (क) प्रचार के लिए सभा 
     
    (i) इंडोर 
    अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्ति, जो भी कम हो। सभा में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों की संख्या की गणना करने के लिए एक रजिस्टर बनाया जाएगा। 
     
    (ii) बाह्य 
    प्रमुख (स्टार) प्रचारकों के मामले में क्षमता का 50% (कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुसार) या 1000 और अन्य सभी मामलों में क्षमता का 50% या 500।  दोनों मामलों में अनुमत संख्या वही है, जो भी कम हो। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी और पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मैदान में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना का अनुवीक्षण किया जाएगा। घेराबंदी/बाड़बंदी का खर्च अभ्यर्थी/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा। रैलियों के लिए केवल वे ही मैदान प्रयोग में लाए जाएंगे, जिनकी पूरी घेराबंदी/बाड़बंदी है।      
     
    (ख) प्रमुख प्रचारक
    कोविड-19 महामारी के कारण इन उप-निर्वाचनों के लिए राष्ट्रीय/राज्यीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुख (स्टार) प्रचारकों की संख्या 20 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के लिए 10 तक सीमित है।
     
    (ग) रोड शो
    किसी रोड शो की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी मोटर/बाइक/साइकिल रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
     
    (घ) नुक्कड़ सभा
    अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी (स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन) 
     
    (ङ) घर-घर जाकर  प्रचार अभियान
    अभ्यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों को शामिल करके 5 व्यक्तियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार।  
     
    (च) वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार अभियान
    स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन एक क्लस्टर स्थान में 50 से अधिक श्रोताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।  
     
    (ज) प्रचार अभियान के लिए वाहनों का प्रयोग
    अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के लिए (स्टार प्रचारक के अतिरिक्त) कुल अनुमत वाहन:- 20 प्रति वाहन अधिकतम व्यक्तियों की संख्या, वाहन की क्षमता का 50% अनुमत्य।
    3
    प्रचार रहित अवधि
    प्रचार रहित अवधि मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व है। 
    4
    मतदान दिवस की गतिविधियां
    1. अधिकतम 2 वाहनों की अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वाहन पर 3 व्यक्ति होंगे। मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा।
    2. ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्र पर मतदान दिवस की गतिविधियां।    
    5
    मतगणना दिवस
    भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को समुचित उपाय करने चाहिए। मतगणना के पूरे समय के दौरान सामाजिक दूरी बनाना और कोविड सुरक्षा संबंधी अन्य नयाचारों का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए। 
     7.     सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी सभी गतिविधियों का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। कोविड-19 नयाचार के अनुसार, सामाजिक दूरी बनाना और मास्क, सैनीटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस-शील्ड, दस्ताने इत्यादि के प्रयोग का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोविड नयाचार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक और उपशमन उपायों के लिए एसडीएमए उत्तरदायी है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुवीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुपालन के लिए मुख्य सचिव और महानिदेशक और जिला स्तरीय प्राधिकारी उत्तरदायी होंगे। 
    8.     यदि कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल उपर्युक्त दिशा-निर्देशों में से किसी का भी उल्लंघन करता है तो संबंधित अभ्यर्थी/दल को रैलियों, सभाओं इत्यादि के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई प्रमुख (स्टार) प्रचारक कोविड नयाचारों का उल्लंघन करता है तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र/जिले में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
    9.     निर्वाचन ड्यूटी में लगे प्राइवेट व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सेवाएं देने से पहले दोनों टीके लगवाए जाएंगे। 
    10.    अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंट/मतदान एजेंट/मतगणना एजेंट/ड्राइवर इत्यादि, जो भी जनता या निर्वाचन अधिकारियों के संपर्क में आ रहा है, उसे दोनों टीके लगवाने होंगे। 
    11.    प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए कोविड नोडल अधिकारी के रूप में एक स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त किया जाना चाहिए। 
    12.    मुख्य सचिव/महानिदेशक और संबंधित जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान पूर्व और मतदान के पश्चात मतदान संबंधी कोई हिंसा न हो, पर्याप्त निवारक उपाय करेंगे तथा आवश्यक व्यवस्था करेंगे। 
    13.    स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में, भारत निर्वाचन आयोग, मौजूदा परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए रखेगा और आगामी निर्वाचनों के लिए दिशों-निर्देशों को और सख्त कर सकता है। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 September 2021

  14. विधान सभा सदस्यों (एमएलए) द्वारा आन्ध्र प्रदेश विधान परिषद के लिए उप- निर्वाचन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./12/2021
    दिनांकः 18 फरवरी, 2021
     
    प्रेस नोट                             
    विषयः-  विधान सभा सदस्यों (एमएलए) द्वारा आन्ध्र प्रदेश विधान परिषद के लिए उप- निर्वाचन-तत्संबंधी।     
          विधान सभा सदस्यों द्वारा आन्ध्र प्रदेश विधान परिषद में एक आकस्मिक रिक्ति है। रिक्ति के विवरण निम्नानुसार हैं:           
    सदस्य का नाम
    निर्वाचन की प्रकृति
    रिक्ति का कारण
    पदावधि
    छल्ला रामकृष्ण रेड्डी
    एमएलए द्वारा
    01.01.2021 को देहांत
    29.03.2023
     2.   आयोग ने उपरोक्‍त रिक्ति को भरने के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा आन्ध्र प्रदेश विधान परिषद के लिए निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार उप-निर्वाचन का आयोजन करवाने का निर्णय लिया है:-  
    क्र. सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    25 फरवरी, 2021 (गुरुवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    04 मार्च, 2021 (गुरुवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    05 मार्च, 2021 (शुक्रवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    08 मार्च, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    15 मार्च, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    15 मार्च, 2021 (सोमवार) अपराह्न 5.00 बजे से
    8.
    वह तिथि जिससे पूर्व निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    18 मार्च, 2021 (गुरुवार)
    3.    सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के लिए अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देश:-
    I. निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर एक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा।
    II. निर्वाचन के प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने वाले हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश पर:-
          (क) सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।
           (ख) सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे।
     III. राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के मौजूदा कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी। 
    4.    मुख्य सचिव, आन्ध्र प्रदेश को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रतिनियुक्त करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्वाचन करवाने संबंधी व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 February 2021

  15. विधान सभा सदस्यों (एमएलए) द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./03/2021
    दिनांकः 06 जनवरी, 2021
    प्रेस नोट 
    विषयः- विधान सभा सदस्यों (एमएलए) द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।      
    विधान सभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 12 सदस्यों की अवधि 30.01.2021 को समाप्त हो रही है। विवरण निम्नानुसार हैः- 
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    सेवा-निवृत्ति की तारीख
    1.
    डॉ. दिनेश शर्मा
     
    2.
    अहमद हसन
     
     
     
     
     
     
     
    30.01.2021
    3.
    आशु मलिक
    4.
    धर्म वीर सिंह अशोक
    5.
    नसीमुद्दीन सिद्दिकी
    (उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 21.07.2020 को जारी आदेश के तहत 22.02.2018 से निरर्हता के कारण रिक्त)
    6.
    प्रदीप कुमार जाटव
    7.
    रमेश यादव
    8.
    रामजतन
    9.
    लक्ष्मण प्रसाद अचार्य
    10.
    विरेंद्र सिंह
    11.
    स्वतंत्र देव
    12.
    साहब सिंह सैनी
    2.     आयोग ने निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार विधान सभा के सदस्यों द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए उपरोक्त द्विवार्षिक निर्वाचन का संचालन करने का निर्णय लिया हैः-
    क्र. सं.
     कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    11 जनवरी, 2021 (सोमवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    18 जनवरी, 2021 (सोमवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    19 जनवरी, 2021 (मंगलवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तिथि
    21 जनवरी, 2021 (गुरुवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    28 जनवरी, 2021 (गुरुवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 09.00 बजे से अपराह्न 04.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    28 जनवरी, 2021 (गुरुवार) अपराह्न 05.00 बजे
    8.
    वह तिथि जिससे पूर्व निर्वाचन सम्पन्न हो जाएगा
    29 जनवरी, 2021 (शुक्रवार)
    3.    सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देशः-
           I.            निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर एक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा
          II.            निर्वाचनों के प्रयोजनों हेतु उपयोग किए जाने वाले हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश परः
    (क)   सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी
    (ख)  सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे
        III.            राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के मौजूदा कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी।
    4.    मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश को निदेश दिया जाता है कि राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रतिनियुक्त करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्वाचन का संचालन करने संबंधी व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा अनुदेशों का अनुपालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 13 January 2021

  16. भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./72/2021
    दिनांकः 28 जुलाई, 2021
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन में पांच राज्यों नामतः गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आगामी निर्वाचनों के लिए अग्रिम योजना पर बैठक का आयोजन किया।
     
     इस प्रारंभिक बैठक में मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ), मतदाता सुविधा के लिए सरल पंजीकरण व्यवस्था, निर्वाचक नामावली, शिकायतों का समय पर समाधान, ईवीएम/वीवीपैट की व्यवस्था, वरिष्ठ नागरिकों (80+) और दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा, कोविड रोकथाम योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य के साथ-साथ व्यापक मतदाता आउटरीच सहित विभिन्न विषयगत (थीमेटिक) मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता निर्वाचन प्रक्रिया के हॉलमार्क हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग-अलग हो सकती हैं, परंतु निर्वाचन योजना के लिए सभी स्टेकहोल्डरों को शामिल करते हुए एक मतदाता-केंद्रित दृष्टिकोण और सहभागितापूर्ण निर्णय लेने की जरूरत है। 
    अपने संबोधन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचक नामावली की विशुद्धता के महत्व पर बल दिया और सभी सीईओ से मतदाता पंजीकरण के संबंध में लंबित सभी आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करने के लिए कहा। उन्होंने कोविड 19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी मतदान केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। श्री चंद्रा ने यह भी उल्लेख किया कि वरिष्ठ नागरिकों (80+) और दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के कार्यान्वयन में आने वाली सभी लॉजिस्टिकल चुनौतियों को निर्वाचनों के दौरान इसके सुचारू और पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए पहचानने और हल करने की आवश्यकता है। 
    सीईसी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को निर्वाचन हो चुके राज्यों या अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से निर्वाचन प्रबंधन में नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना और अपनाना चाहिए। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि निर्वाचन के प्रत्येक पहलू पर सभी निर्वाचनरत सीईओ द्वारा आवधिक और व्यापक निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने आगामी निर्वाचनों की तैयारी शुरू करने के लिए पांच राज्यों में निर्वाचन मशीनरी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अवसंरचना संबंधी कमियों तथा संभार संबंधी अपेक्षा की पूर्ति करने, निर्वाचक नामावली के अद्यतन और शुद्धिकरण पर तथा एक व्यापक मतदाता शिक्षा और सशक्तिकरण आउटरीच कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि निर्वाचन प्रबंधन के लिए निर्वाचन योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है और हर निर्वाचन के लिए व्यापक और समय पर तैयार करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व-योजना बैठक, पांच राज्यों में आगामी निर्वाचनों के लिए उचित व्यवस्था और आगे की तैयारी सुनिश्चित करने में आयोग का मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु राज्यों के लिए आयोजित की गई थी। 
    पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने निर्वाचक नामावली की स्थिति, बजट की उपलब्धता, जनशक्ति संसाधनों, स्वीप, योजना, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और आईटी अनुप्रयोगों आदि सहित निर्वाचन के संचालन के विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। भारत निर्वाचन आयोग के सभी वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 28 July 2021

  17. निर्वाचन आयोग के साथ केंद्रीय गृह सचिव की बैठक

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./04/2021 
    दिनांकः 12 जनवरी, 2021

    प्रेस नोट
    निर्वाचन आयोग के साथ केंद्रीय गृह सचिव की बैठक

    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन में केंद्रीय गृह सचिव श्री अजय भल्ला के साथ एक पारस्परिक बैठक की। 
    बैठक का मुख्य उद्देश्य असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्र पुडुचेरी में आगामी विधानसभा निर्वाचनों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की आवश्यकता की तुलना में उपलब्धता और संबंधित मामलों पर चर्चा करना था।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 13 January 2021

  18. संघ शासित क्षेत्र जम्‍मू और कश्‍मीर की परिसीमन प्रक्रिया पर विचार प्राप्‍त करने के लिए परिसीमन आयोग ने बैठक आयोजित की।

    सं.डीसी/प्रेस नोट/1/2021 
    दिनांक: 18 फरवरी, 2021
    प्रेस नोट
    संघ शासित क्षेत्र जम्‍मू और कश्‍मीर की परिसीमन प्रक्रिया पर विचार प्राप्‍त करने के लिए परिसीमन आयोग ने बैठक आयोजित की।
          परिसीमन आयोग जिसमें अध्‍यक्ष सेवानिवृत्‍त न्‍यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, पदेन सदस्‍य श्री सुशील चन्‍द्रा (निर्वाचन आयुक्‍त) और पदेन सदस्‍य, श्री के. के. शर्मा (राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, जम्‍मू और कश्‍मीर) शामिल हैं, ने आज संघ शासित क्षेत्र जम्‍मू और कश्‍मीर के संबंध में परिसीमन की प्रक्रिया पर संघ शासित क्षेत्र जम्‍मू और कश्‍मीर से संबद्ध सदस्‍यों से उनके सुझाव/विचार प्राप्‍त करने के लिए उनके साथ नई दिल्‍ली में बैठक की।
          अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति देसाई ने बैठक में सहयोगी सदस्‍यों नामत: डॉ. जितेन्‍द्र सिंह राज्‍यमंत्री और सांसद तथा जुगल किशोर शर्मा, सांसद का स्‍वागत किया। परिसीमन आयोग ने दिनांक 05 फरवरी, 2021 को ही सभी पांच संबद्ध सदस्‍यों नामत: डॉ. फारूक अब्‍दुल्‍ला, श्री मोहम्‍मद अकबर लोन, श्री हसनैन मसूदी, श्री जुगल किशोर शर्मा और डॉ. जितेंद्र सिंह को लिखित में सूचना भेज दी थी, लेकिन आज की बैठक में केवल दो सदस्‍यों ने भाग लिया।
          जम्‍मू और कश्‍मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 एवं परिसीमन अधिनियम, 2002 के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया पर सदस्‍यों के समक्ष एक अवलोकन प्रस्‍तुत किया गया था जिसमें संघ शासित क्षेत्र जम्‍मू और कश्‍मीर की परिसीमन प्रक्रिया से संबंधित इन अधिनियमों की विभिन्‍न धाराओं का विवरण दिया गया था।
          दोनों सहयोगी सदस्‍यों ने आयोग के प्रयासों की प्रशंसा की और यह सुझाव दिया कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन यथासंभव व्‍यावहारिक रूप से होगा, चाहे यह भौगोलिक रूप से सघन क्षेत्रों के लिए ही क्‍यों न हो और उनका परिसीमन करते समय भौतिक विशेषताओं, प्रशासनिक इकाईयों की मौजूदा सीमाओं; संचार की सुविधाओं तथा सार्वजनिक सुविधा का ध्‍यान रखा जाएगा। उन्‍होंने यह भी सुझाव दिया कि संघ शासित क्षेत्र जम्‍मू और कश्‍मीर में परिसीमन प्रक्रिया संबंधी कार्य करते समय कठिनाईयों वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान दिया जाए।
          निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा ने उनके महत्‍वपूर्ण सुझावों का स्‍वागत किया और संबद्ध सदस्‍यों के सुझावों और विचारों पर परिसीमन आयोग की ओर से संतुष्टि व्‍यक्‍त की। सदस्‍यों ने आने वाले दिनों में और भी सुझाव पेश करने की इच्‍छा जताई।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 February 2021

  19. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का वक्तव्य

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./24/2021
    दिनांकः 5 मार्च, 2021
     
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का वक्तव्य 
          मीडिया के कुछ भागों ने आज, अर्थात दिनांक 5.3.2021 को टीएमसी के सांसद द्वारा सीईओ, पश्चिम बंगाल को लिखे पत्र का उद्धरण दिया है, जिसमें भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष पश्चिम बंगाल विधान सभा निर्वाचन, 2021 के प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त को हटाने की मांग की गई है। निम्नलिखित तथ्य आपके ध्यान में लाए जाते हैं:- 
    i)         प्रश्नगत शिकायत, स्पष्टतया सीईओ, पश्चिम बंगाल को दी गई थी, जिन्होंने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के मुख्यालाय में एक प्रति भेजी है। आयोग स्पष्टतापूर्वक कहना चाहता है कि हमारे सभी उप-निर्वाचन आयुक्त और भारत निर्वाचन आयोग के मुख्यालय में तैनात और/या फील्ड में कार्यरत अन्य अधिकारीगण, भारतीय संविधान तथा निर्वाचनों के संचालन से संबंधित विभिन्न मौजूदा नियमों के अनुसार अपने कर्तव्यों का सख्ती से निर्वहन कर रहे हैं। इधर-उधर कुछ असंगत अपवाद हो सकते हैं, ऐसे मामले में आयोग तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करता है। वर्तमान मामले में, आयोग को श्री सुदीप जैन, डीईसी की सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता पर पूरा भरोसा है। दुर्भाग्यवश, यह पहली बार नहीं है जब आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ निर्वाचनों की पूर्व संध्या/प्रक्रिया के दौरान संगठित अभियान चलाया गया है।
    ii)        उपर्युक्त खबरों में, श्री जैन, द्वारा लोक सभा निर्वाचन, 2019 के दौरान लिए गए दो निर्णयों के बारे में टीएमसी द्वारा उद्धृत किए गए आरोपों का उल्लेख किया गया है, जब श्री जैन पश्चिम बंगाल के निर्वाचनों में भारत निर्वाचन आयोग में प्रभारी उप निर्वाचन आयुक्त थे। यह स्पष्ट किया जाता है कि ये दोनों निर्णय आयोग द्वारा स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचनों का आयोजन करने के हित में लिए गए थे और डीईसी, जिला निर्वाचन अधिकारी, पुलिस के नोडल अधिकारी और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के पर्यवेक्षण के अंतर्गत जिला निर्वाचन तंत्र द्वारा इन्हें लागू किया गया था। 
    चूंकि, यह मुद्दा वाट्सएप/एसएमएस संदेशों आदि के माध्यम से मीडिया के अन्य भागों द्वारा उठाया गया है, अतः आयोग की वेबसाइट (eci.gov.in) पर इस वक्तव्य की एक प्रति उपलब्ध करवाई जा रही है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 05 March 2021

  20. प्रेस वक्तव्य

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./74/2021
    दिनांकः 13 अगस्त, 2021
     
    प्रेस वक्तव्य
     कुछ मीडिया साइटें भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की साइट से डाटा की चोरी की खबरें दें रहीं हैं। 
    सहायक निर्वाचक नामावली अधिकारियों (एईआरओ) को मतदाता पहचान पत्र के मुद्रण और इसके समय पर वितरण सहित नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिदेशित किया गया है, जो आयोग के "कोई मतदाता न छूटे" की थीम के अनुरूप है। एक एईआरओ कार्यालय के डाटा एंट्री ऑपरेटर ने कुछ मतदाता पहचान पत्रों को मुद्रित करने के लिए सहारनपुर के नकुड उप-मंडल में एक निजी अनधिकृत सेवा प्रदाता के साथ अपना यूजर आईडी पासवर्ड अवैध रूप से साझा किया था। 
    इन दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का डाटाबेस पूर्णतया सुरक्षित और महफूज़ है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 18 August 2021

  21. प्रेस नोट

    सं. ईसीआई/प्रेसनोट/19/2021
    दिनांकः 27 फरवरी, 2021
     
    प्रेस नोट
    आयोग ने दिनांक 26 फरवरी, 2021 के अपने प्रेस नोट के जरिए असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचनों के कार्यक्रम की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ, आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, जिसमें निर्वाचनों के संचालन से जुड़े सभी अधिकारियों के स्थानांतरण/पदस्थापना पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है। आयोग के ध्यान में यह बात आई है कि असम सरकार ने 26 फरवरी 2021 को 12 आईपीएस और 6 एपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया है। इसलिए, आयोग ने इन पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण/पदस्थापना को अगले आदेशों तक स्थगित रखने का निर्णय लिया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 March 2021

  22. आयोग ने महामारी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों को स्थगित करने का निर्णय लिया - तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/64/2021                                      
    दिनांक: 5 मई, 2021 
    प्रेस नोट
     
    विषय: आयोग ने महामारी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के  संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों को स्थगित करने का निर्णय लिया - तत्संबंधी  
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में अधिसूचित तीन रिक्तियां हैं, नामतः दादर और नागर हवेली, 28-खंडवा (मध्य प्रदेश) एवं 2-मंडी (हिमाचल प्रदेश) तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 8 रिक्तियां हैं नामतः हरियाणा में 01-कालका और 46-एलेनाबाद, राजस्थान में 155-वल्लभनगर, कर्नाटक में 33-सिंडगी, मेघालय में 47-राजाबाला और 13-मावरिंगकनेन्ग (अजजा), हिमाचल प्रदेश में 08-फतेहपुर और आंध्र प्रदेश में 124-बाड़वेल (अजा)|
    कुछ और स्थान रिक्ति हैं जनके लिए रिपोर्टों और अधिसूचनाओं की प्रतीक्षा है और पुष्टि की जा रही है।  
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151क के प्रावधानों के अनुसार, रिक्तियां रिक्ति होने की तारीख से छह महीनों के भीतर उप-निर्वाचनों के द्वारा भरी जानी अपेक्षित हैं बशर्ते रिक्ति से संबंधित शेष कार्यकाल एक वर्ष या अधिक हो।  
    3.    आयोग ने आज मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के फैलने के कारण महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार होने तक और इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए स्थितियों के अनुकूल होने तक उप-निर्वाचनों का आयोजन करना उपयुक्त नहीं होगा।   
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट लेने और अधिदिष्ट प्राधिकरणों यथा, एनडीएमए/एसडीएमए से महामारी की स्थिति का आंकलन करने के बाद मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लेगा।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  23. मतदान प्रक्रिया के दौरान कोविड मानदंडों के अनुपालन पर भारत निर्वाचन आयोग की अभिव्यक्ति 

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./57/2021                            
    दिनांकः 27 अप्रैल, 2021
     
    प्रेस नोट
    मतदान प्रक्रिया के दौरान कोविड मानदंडों के अनुपालन पर भारत निर्वाचन आयोग की अभिव्यक्ति 
    1. याचिकाकर्ता विजयभाष्कर ने दिनांक 26.04.2021 को माननीय उच्च न्यायालय मद्रास के समक्ष प्रार्थना कीः
    "……………. मतों की निष्पक्ष गणना को सुनिश्चित करना जो कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ प्रभावी कदम उठाते हुए और उचित व्यवस्था करते हुए 135-करूर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में दिनांक 02.05.2021 को आयोजित होने वाले है……….", 
    2. भारत निर्वाचन आयोग की प्रस्तुतीकरण की जांच करने के पश्चात, माननीय न्यायालय के आदेश के अपने प्रवरर्ती पैरा में, निदेश दिया गयाः
    "8. प्रत्येक मतगणना केंद्र पर इसी तरह के उपयुक्त (उचित) उपायों को अपनाया जाना होगा और यह केवल नियमित रूप से सेनिटाइजेशन करना, उपयुक्त स्वास्थ्यकर (स्वच्छता) दशाएं बनाए रखना, मॉस्क पहनना अनिवार्य है और दूरी मानदंडों का अनुपालन करना, गणना शुरू होनी चाहिए या जारी रहनी चाहिए। राज्य स्वास्थ्य सचिव और सार्वजनिक स्वास्थ्य के निदेशक को निर्वाचन आयोग औरर राज्य में उत्तरदायी मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्काल उपाय करने के लिए परामर्श दिया जाना चाहिए।" 
    3. इस प्रकार, मीडिया के कुछ वर्गों में माननीय उच्च न्यायालय को आरोपित किए जाने वाले बयान अंततः पारित आदेश में उल्लिखित नहीं हैं। 
    4. जबकि आयोग दिनांक 30.04.2021 को उच्च न्यायालय के सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करेगा यह उच्च न्यायालय को स्वतंत्र, निष्पक्ष निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहले से ही उठाए गए सभी कदमों को अवगत कराएगा। 
    5. चल रहे (जारी) निर्वाचनों के दौरान कोविड-19 शिकायत व्यवहार से संबंधित इस प्रकार की चिंताओं को अलग-अलग याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर किया गया, जो पहले से ही कानूनी एवं तथ्यात्मक स्थितियों का पालन करने के साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जबाव दिया गया थाः
          (क) कोविड-19 उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन सौंपे गए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जैसे-लॉकडाउन, सार्वजनिक सभाओं इत्यादि परर बंदिशें/प्रतिबंध) तथा उनके अधिकारियों पर है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस अवधि के दौरान आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन सार्वजनिक सभाओं को नहीं रोका था। जो भी वर्णित किया गया था, निर्वाचन आयोग ने सभी को इसका अनुपालन करने और उल्लंघन के मामले में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन निर्धारित किया गया। निर्वाचन आयोग ने एनडीएमए/एसडीएमए के विद्यमान अनुदेशों को लागू करने के लिए राज्य/जिला प्राधिकारियों को नियमित रूप से निदेश दिए।
          (ख) 2020 में, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अन्तर्गत एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा विहित लॉकडाउन एवं अन्य प्रवर्तन उपायों के बीच, आयोग ने निर्वाचकीय उपाय पूरे किए। अधिनियम, 2005 के अधीन  प्रवर्तन संबंधित एसडीएमए और अधिनियम, 2005 के अधीन अधिसूचित प्राधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाना है। आयोग ने अपने दिनांक 21.08.2021 और बाद के सभी अनुदेशों में जोर दिया है कि राज्य प्राधिकारी अभियान उद्देश्यों के लिए कोविड अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
          (ग) यह याद किया जाएगा कि आयोग ने तमिलनाडु राज्य सहित पांच राज्यों/संघ शासित प्रदेश में निर्वाचन की घोषणा करते समय दिनांक 26.02.2021 को अपने अनुदेशों को दोहराया। अभियान 06.04.2021 को समाप्त हो गया। सौभाग्य से, कोविड-19 की दूसरी लहर उस समय तक पूरी तरह से दिखाई दी थी। 06.04.2021 को सभी निर्धारित कोविड उचित मानदंडों के बाद मतदान आयोजित किया गया था, जो सभी संबंधितों द्वारा मानदंडों के पूर्ण अनुपालन के साथ अच्छी निर्वाचकीय भागीदारी देखी गई।  
    6. ये प्रस्तुतियां विभिन्न उच्च न्यायालयों (जहां भी अवसर भारत निर्वाचन आयोग को मिला) के लिए की गईं और इन न्यायालयों के आदेशों के पक्ष में पायी गईं थी।
          (क) माननीय उच्च न्यायालय, कलकत्ता ने इन सभी कानूनी ढांचे को ध्यान में रखते हुए दिनांक 23.04.2021 को आदेश दियाः
    "भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों का पालन करने और भारत निर्वाचन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने एवं सहयोग न करने के लिए किसी भी विभाग या प्रशासन के पास कोई रास्ता नहीं है। निर्वाचन आयोग आगेक्या कर रहा है, इसके समर्थन में इस न्यायालय के अनिवार्य आदेश के भाग के रूप में लिया जाएगा।"
          (ख) 26.04.2021 को, माननीय उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश ने दिनांक 06.04.2021 को आयोजित निर्वाचन से संबंधित मुद्दों के लिए एक याचिका खारिज कर दी।
          (ग) मतगणना के दौरान कोविड सावधानी के इसी तरह के मामले में, माननीय उच्च न्यायालय केरल ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए उपायों को रिकॉर्ड किया और राज्य को निदेश दिया कि वह दिनांक 27.04.2021 को अपने उपायों को प्रस्तुत करें। और मतों के मामलों की गणना में, दिनांक 27.04.2021 को माननीय उच्च न्यायालय ने व्यक्त किया कि यह ईसीआई एवं राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है और देखा कि मामलों में कुछ और नहीं जोड़ा जाना है तथा तद्नुसार सभा रिट याचिकाओं को बंद कर दिया गया। 
    7. आयोग राज्य/संघ शासित क्षेत्र के मुख्य सचिव एवं संबंधित स्वास्थ्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से बात कर रहा है कि सभी कोविड-19 संबंधी मानदंड दिनांक 02.05.2021 को मतगणना के लिए बिना किसी अपवाद के सभी गणना केंद्रों पर सुनिश्चित किए जाएंगे। 27.04.2021 को, आयोग ने पहले ही आदेश दिया है किः
    क. दिनांक 02.05.2021 को मतगणना के पश्चात कोई भी विजय जुलूस अनुमन्य नहीं होगा।
    ख. विजयी अभ्यर्थी या उसके/उसकी प्राधिकृत प्रतिनिधि के साथ दो से अधिक व्यक्तियों को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से निर्वाचन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी। 
    8. राज्य में पहले से ही अभियान की अवधि समाप्त होने के 16 दिन बाद, तमिलनाडु राज्य ने कोविड की दूसरी उछाल (इसका आकलन केवल एनडीएमए/एसडीएमए या संबंधित राज्य सरकार के अधिकार-क्षेत्र में है) के संदर्भ में लॉकडाउन प्रतिबंध का आदेश दिया।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

  24. प्रेस नोट

    सं. डीसी/प्रेस नोट/02/2021
    दिनांकः 30 जून, 2021 
    प्रेस नोट 
    आज, न्यायमूर्ति (सेवा-निवृत्त) श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग ने, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा की उपस्थिति में 06 जुलाई, 2021 (मंगलवार) से 09 जुलाई, 2021 (शुक्रवार) तक संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्णय लिया है। इस अवधि के दौरान, आयोग जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत यथा अधिदेशित परिसीमन की प्रगतिरत प्रक्रिया से संबंधित नवीनतम जानकारी और इनपुट प्राप्त करने के लिए संघ राज्य क्षेत्र के 20 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों/उपायुक्तों सहित राजनैतिक दलों, जन प्रतिनिधियों और संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।
    परिसीमन आयोग का गठन मार्च, 2020 में किया गया था और मौजूदा वैश्विक महामारी को देखते हुए इसका कार्यकाल मार्च 2021 में एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। इस आयोग के तीसरे सदस्य संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं। आयोग में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नामित पांच सहयोगी सदस्य भी हैं। आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना से संबंधित जिलों/निर्वाचन क्षेत्रों के डाटा/मानचित्रों के संबंध में पहले कई बैठकें की हैं। इससे पहले भी, इसने सभी सहयोगी सदस्यों को वार्तालाप के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें केवल दो सहयोगी सदस्यों ने ही भाग लिया था। परिसीमन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सिविल सोसाइटियों और संघ राज्य क्षेत्र के लोक सदस्यों से भी कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। आयोग उन सभी सुझावों पर पहले ही विचार कर चुका है और इसने निर्देश दिया है कि परिसीमन से संबंधित वास्तविक स्थिति के संदर्भ में इन पर आगे और विचार किया जाए।
    आयोग को आशा है कि सभी स्टेकहोल्डर इन प्रयासों में सहयोग करेंगे और बहुमूल्य सुझाव देंगे ताकि परिसीमन का कार्य समयपूर्वक संपन्न हो सके।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 July 2021

  25. भारत निर्वाचन आयोग में हिंदी दिवस समारोह 2021 का आयोजन

    सं.. ईसीआई/पीएन/81/2021                             
    दिनांक :  14 सितम्बर, 2021
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग में हिंदी दिवस समारोह 2021 का आयोजन 
    भारत निर्वाचन आयोग में आज दिनांक 14.09.2021 को अपराह्न 4:00 बजे माननीय आयोग की अध्यक्षता में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने इस अवसर पर 'राजभाषा स्मारिका', आयोग की इन-हाउस त्रैमासिक हिंदी पत्रिका- 'महत्वपूर्ण है मत मेरा' और 'एटलस 2019' (हिंदी संस्करण) का विमोचन किया। साथ ही, आयोग के कर-कमलों से आरटीआई पोर्टल के हिंदी रूप का लोकार्पण भी किया गया। 

    2.     उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग में 01 सितम्बर, 2021 से लेकर 14 सितम्बर, 2021 तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। पखवाड़े के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं, टिप्पण एवं प्रारूपण प्रतियोगिता, हिंदी निबंध प्रतियोगिता, हिंदी टंकण प्रतियोगिता, हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिता एवं एमटीएस कर्मचारियों के लिए श्रुतलेख एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गईं जिनमें आयोग के स्टॉफ सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। 
    3.     इस अवसर पर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि केवल पखवाड़े में ही हिंदी में काम न करें, अपितु बाकी दिनों में भी अपने प्रशासनिक कार्य हिंदी में करने की शुरुआत करें। उन्होंने राजभाषा स्मारिका प्रकाशित करने के लिए आयोग के राजभाषा डिवीजन की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रकाशन त्रैमासिक आधार पर नियमित रूप में प्रकाशित किए जाएं। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने कहा कि इसे वार्षिक अनुष्ठान न बनाएं और उन्होंने हिंदी का यशगान करते हुए हिंदी की महत्ता बतलाने वाली अपनी एक स्वरचित कविता भी पढ़कर सुनाई। इस अवसर पर बोलते हुए माननीय निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा, "अंग्रेजी में बोलना कोई गौरव का प्रतीक नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी लिंग्वा इंडिका बन गई है और भारत में यह सम्पर्क भाषा के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी में काम करने की शुरुआत हस्ताक्षर करके करें।  

     4.     आयोग के इस हिंदी दिवस समारोह में हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को माननीय आयोग के कर-कमलों से प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 15 September 2021

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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