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प्रेस विज्ञप्तियाँ 2021

108 files

  1. दिनांक 04.01.2022 को आसीन सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण तेलंगाना विधान परिषद के 09 स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों के 12 सीटों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/92/2021                               
    दिनांकः 09 नवम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    विषयः दिनांक 04.01.2022 को आसीन सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण तेलंगाना विधान परिषद के 09 स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों के 12 सीटों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।
           तेलंगाना विधान परिषद के 09 स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से 12 आसीन सदस्यों का कार्यकाल नीचे दिए गए विवरणों के अनुसार दिनांक 04.01.2022 को समाप्त होने जा रहा हैः-
    तेलंगाना 
    क्र. सं.
    स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों के नाम
    सीटों की सं.
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृत्ति की तिथि
    1.
    आदिलाबाद
    01
    पुर्णम सतीश कुमार
    04.01.2022
    2.
    वारंगल
    01
    पोचमपल्ली श्रीनिवास रेड्डी
    04.01.2022
    3.
     नालगोंडा
    01
    तेरा चिनप्पा रेड्डी
    04.01.2022
    4.
    मेडक
    01
    वी. भूपाल रेड्डी
    04.01.2022
    5.
    निज़ामाबाद
    01
    कल्वाकुंतला कविता
    04.01.2022
    6.
    खम्मम
    01
    बालासानी लक्ष्मीनारायण
    04.01.2022
    7.
    करीमनगर
    02
    टी. भानुप्रसाद राव
    04.01.2022
    नरदासु लक्ष्मण राव
    8.
    महबूबनगर
    02
    कासीरेड्डी नारायण रेड्डी
    04.01.2022
    कुचुकुल्ला दामोदर रेड्डी
    9.
    रंगा रेड्डी
    02
    श्री पटनम महेंद्र रेड्डी
    04.01.2022
    सुंकारी राजू
     2.    अब, आयोग ने निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार तेलंगाना विधान परिषद के उपर्युक्त 09 स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन का आयोजन कराने का निर्णय लिया हैः- 
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    16 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    23 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    24 नवम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    26 नवम्बर, 2021 (शुक्रवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    10 दिसम्बर, 2021 (शुक्रवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 8.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    14 दिसम्बर, 2021 (मंगलवार)
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा करा लिया जाएगा
    16 दिसम्बर, 2021 (गुरुवार)
    3.      भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 28.09.2021 के पैरा 06 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जो https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19 लिंक पर उपलब्ध है, का पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जहां कहीं भी लागू हो, सभी व्यक्तियों द्वारा अनुपालन किया जाए। 
    4.   उक्त निर्वाचन के संबंध में आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा। कृपया आयोग की वेबसाइट पर https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-andteachers%E280%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-E2%80%93-regarding/ लिंक पर विस्तृत विवरण देखें। 
    8.     मुख्य सचिव, तेलंगाना को निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया जा रहा है। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  2. सीईसी श्री सुशील चन्द्रा ने भारतीय राजस्वS सेवा (आईआरएस) के अधिकारी प्रशिक्षुओं के 74वें बैच को सम्बोेधित किया।

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/103/2021                            
    दिनांक: 09 दिसम्‍बर, 2021 
     
    प्रेस नोट
    सीईसी श्री सुशील चन्‍द्रा ने भारतीय राजस्‍व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी प्रशिक्षुओं के 74वें बैच को सम्‍बोधित किया। आईआरएस अधिकारी प्रशिक्षुओं ने आईआईआईडीईएम में कस्‍टमाईज्‍ड प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। 
    मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चन्‍द्रा ने आज भारत अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान, नई दिल्‍ली में भारतीय राजस्‍व सेवा अधिकारी प्रशिक्षुओं (आईआरएस) के 74वें बैच को सम्‍बोधित किया। यह कस्‍टमाईज्‍ड कार्यक्रम 74वें बैच के 61 आईआरएस अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए राष्‍ट्रीय प्रत्‍यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) के सहयोग से आईआईआईडीईएम द्वारा आयोजित, अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण माडयूल है। यह पाठ्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग, इसकी भूमिका एवं कार्यों तथा निर्वाचन प्रक्रिया में आईआरएस अधिकारियों के भावी भूमिका को समझने के लिए एक संक्षिप्‍त विवरण प्रदान करता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रणाली को समझने के लिए अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए कक्षा/ऑनलाइन सत्र तथा फील्‍ड का दौरा होता है। 
    केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड से श्रीमती स्मिता झींगरान, प्रधान डीजी, एचआरडी तथा आईआईआईडीईएम, भारत निर्वाचन आयोग एवं एनएडीटी के वरिष्‍ठ अधिकारी परस्‍पर वार्ता के दौरान उपस्थित थे। 

    मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुशील चन्‍द्रा ने युवा अधिकारी प्रशिक्षुओं को सम्‍बोधित करते हुए कहा कि दृढ़  निश्‍चय, प्रतिबद्धता त‍था निष्‍पक्षता, सिविल सेवाओं के सिद्धांत हैं। उन्‍होंने कहा कि सिविल सेवा देश की सेवा करने हेतु आकांक्षाओं को पूरा करने तथा अपनी प्रतिभा का भरपूर  इस्‍तेमाल करने के अवसर के लिए एक व्‍यापक फलक प्रदान करती हैं। सीईसी ने युवाओं को उत्‍कृष्‍टता को एक आदत बनाने और ईमानदारी तथा निष्‍पकटता के साथ राष्‍ट्र की सेवा करने की सलाह दी। उन्‍होंने अधिकारी प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे करदाताओं के प्रति अधिकाधिक मित्रवत व्‍यवहार करें और कर चोरों के साथ सख्‍ती से पेश आएं। 
    सीबीडीटी अध्‍यक्ष के रूप में की गई पहलों को याद करते हुए उन्‍होंने सु-शासन के लिए सर्वांगी परिवर्तन शुरू करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों द्वारा नाम-निर्देशन पत्रों के साथ जमा किए जाने वाले संपत्तियों और देनदारियों के सभी विवरण की घोषणा के लिए एक प्रारूप के रूप में वर्ष 2018 में प्रपत्र 26 में किए गए व्‍यापक संशोधन की निर्णायक भूमिका का उल्‍लेख किया। 

    अधिकारियों को सम्‍बोधित करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री चन्‍द्रा ने कहा कि आईआरएस अधिकारी प्रशिक्षुओं का यह बैच किसी भी समूह ‘क’ सेवा का दूसरा ऐसा बैच है जिसे बैच के परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के एक अभिन्‍न भाग के रूप में निर्वाचन प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि आईआरएस अधिकारी, व्‍यय अनुवीक्षण, वित्‍त तथा लेखा प्रक्रिया में अपने गहन ज्ञान के कारण भारत निर्वाचन आयोग की व्‍यय अनुवीक्षण प्रक्रिया के लिए एक परिसंपति साबित हुए हैं। 
    निर्वाचनों के दौरान व्‍यय अनुवीक्षण की महत्‍ता को स्‍वीकार करते हुए, श्री चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग देश में स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष तथा प्रलोभन मुक्‍त निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि व्‍यय प्रेक्षकों के रूप में अनेक आईआरएस अधिकारी यह सुनिश्चित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि धनबल की वजह से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों में एक समान अवसर की उपलब्‍धता बाधित न हो। विशेष व्‍यय प्रेक्षकों को नियुक्‍त करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि हाल के कुछ निर्वाचनों को वास्‍तव में वरिष्‍ठ आईआरएस अधिकारियों द्वारा निभाई गई सतर्क भूमिका के कारण ही रद्द कर दिया गया है। श्री चंद्रा ने युवा अधिकारियों से कहा कि वे अपने कर्तव्‍यों का ईमानदारी से निर्वहन करें ताकि वे भी एक अनुकरणीय भूमिका निभा सकें और स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन सुनिश्चित करने में अपनी सुविज्ञता का योगदान दे सकें।

    सीईसी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल तथा पुदुचेरी में आयोजित हाल ही के विधान सभा निर्वाचनों में प्रभावी अनुवीक्षण के परिणामस्‍वरूप रिकार्ड जब्तियां हुई हैं। अधिकारियों के समन्वित प्रयासों तथा कड़ी निगरानी के परिणामस्‍वरूप, वर्ष 2021 में जब्तियों में भारी वृद्धि हुई, जो कि वर्ष 2016 में इन राज्‍यों में आयोजित पिछले निर्वाचनों में हुई जब्‍ती के आंकड़ों से 4.5 गुना से भी अधिक थी। श्री चंद्रा ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग के साथ आईआरएस अधिकारियों की बढ़ती हुई सहभागिता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों द्वारा दायर किए गए शपथपत्रों में मिथ्‍या वचनों की जांच और राजनीतिक दलों के योगदान एवं वार्षिक रिपोर्टों के विश्‍लेषण से संबंधित लम्बित मामलों में तेजी लाने के लिए इस वर्ष सीबीडीटी द्वारा एक अलग निर्वाचन प्रकोष्‍ठ बनाया गया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  3. प्रेस प्रकाशनी

    सं. डीसी/पीएन/3/2021                                         
    दिनांकः 20.12.2021
    प्रेस नोट 
    आज, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयुक्त, जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की गरिमामय उपस्थिति में सभी पांच सहयोगी सदस्यों- डॉ फारूक अब्दुल्ला, सांसद, डॉ जितेंद्र सिंह, सांसद, श्री मोहम्मद अकबर लोन, सांसद, श्री हसनैन मसूदी, सांसद, श्री जुगल किशोर शर्मा, सांसद से तथा अपनी दूसरी बैठक में जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के प्रयोजनों के लिए एसोसिएट सदस्यों के साथ मुलाकात की। इस तरह की पहली बैठक 18 फरवरी, 2021 को हुई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र भी इस बैठक में शामिल हुए थे। 


    अध्यक्ष ने बैठक में आगे आने के लिए सहयोगी सदस्यों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि यह बैठक परिसीमन के कार्य को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगी। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अपनी टिप्पणी में अपनी यात्रा के दौरान जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में लोगों के साथ बातचीत में आयोग के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिसीमन का कार्य समग्र वैधानिक ढांचे के भीतर और जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। उन्होंने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 60(2)(ख) के साथ पठित परिसीमन अधिनियम, 2002 की धारा 9(1)(क) पर प्रकाश डाला, जो निर्दिष्ट करती है कि सभी निर्वाचन क्षेत्र, जहां तक संभव हो, भौगोलिक दृष्टि से सघन क्षेत्र होंगे, तथा भौतिक सुविधाओं, प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाओं, संचार की सुविधाओं और सार्वजनिक सुविधाओं को महत्व दिया जाना होगा। 
    एसोसिएट सदस्यों ने इस तथ्य की सराहना की कि इस आयोग ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र का दौरा किया और बड़ी संख्या में लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि परिसीमन के कार्य में सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। 
    श्री चंद्र भूषण कुमार, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त ने किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि संघ राज्य क्षेत्र में पिछले परिसीमन के बाद से जिलों की संख्या 12 से 20 और तहसीलों की संख्या 52 से बढ़कर 207 तक बढ़ गई है। संघ राज्य क्षेत्र के जिलों में जनसंख्या घनत्व किश्तवाड़ में 29 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से लेकर श्रीनगर में 3436 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. तक अलग-अलग है। संघ राज्य क्षेत्र में, प्रशासन विशिष्ट क्षेत्रों में काम करने वाले सरकारी अधिकारियों को दुर्गम स्थानों, इसकी पहुंच, गंभीर खराब मौसमी परिस्थितियां, शेष राज्य (अब संघ राज्य क्षेत्र) से हटकर कुछ समय की अवधि के लिए कटे रहना, चिकित्सा, शैक्षिक, आवासीय और जीवन की अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी और घोर अपर्याप्तता, इसके स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों और जीवन की इसी तरह की अन्य कठोर परिस्थितियों के लिए प्रतिपूरक भत्ता आवंटित करता रहा है। संघ राज्य क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और उन स्थानों में, निवासियों को लगातार दुर्गम और रहन-सहन की अनिश्चित परिस्थितियों के कारण बंकरों में आश्रय लेने के लिए मजबूर है। 
    इसके बाद, आयोग ने बताया कि इन सभी को ध्यान में रखते हुए, परिसीमन आयोग ने इन जिलों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के आवंटन का प्रस्ताव करते हुए सभी 20 जिलों को तीन व्यापक श्रेणियों ए, बी और सी में वर्गीकृत किया है, जिसमें प्रति विधानसभा क्षेत्र (एसी) की औसत जनसंख्या का +/- 10% का मार्जिन दिया गया है। आयोग ने, कुछ जिलों के लिए, एक अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव रखा है ताकि अपर्याप्त संचार वाले भौगोलिक क्षेत्रों और उनकी अत्यधिक दुर्गमता या अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दुर्गम परिस्थितियों के कारण सार्वजनिक सुविधाओं की कमी के प्रतिनिधित्व को संतुलित किया जा सके। जम्मू-कश्मीर में पहली बार जनसंख्या के आधार पर 90 सीटों में से 9 (नौ) सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जातियों के लिए सात सीटें प्रस्तावित हैं। 
    आयोग ने पेपर-1 साझा किया, जिसमें 31.12.2021 तक अपने विचार/टिप्पणियां/सुझाव प्रस्तुत करने के अनुरोध के साथ सभी सदस्यों के साथ जिलों के स्तर पर प्रस्तावित सीट आवंटन का वर्णन किया गया था। 
    अध्यक्ष को धन्यवाद देने के साथ बैठक समाप्त हुई।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 29 December 2021

  4.  ‘महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की निर्वाचकीय भागीदारी का संवर्द्धन: सर्वोत्‍तम प्रथाओं तथा नई पहल को साझा करना’ के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार की मेजबानी करेगा।

    सं.ईसीआई/प्रेस नोट/98/2021                              
    दिनांक: 25 नवंबर, 2021
    प्रेस नोट
     ‘महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की निर्वाचकीय भागीदारी का संवर्द्धन: सर्वोत्‍तम प्रथाओं तथा नई पहल को साझा करना’ के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार की मेजबानी करेगा। 
    विश्‍व निर्वाचन निकाय संघ (ए.वेब) पूरे विश्‍व में निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) का सबसे बड़ा संघ है और इसमें सदस्‍य के रूप में 117-ईएमबी तथा सहयोगी सदस्‍य के रूप में 16 क्षेत्रीय संघ/संगठन है। भारत निर्वाचन आयोग दिनांक 3 सितम्‍बर, 2019  से तीन वर्षों की अवधि के लिए ए-वेब का अध्‍यक्ष रहा है। ए-वेब की अध्‍यक्षता के दो वर्ष पूरा होने के अवसर पर, भारत निर्वाचन आयोग दिनांक 26 नवंबर, 2021 को ‘महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की निर्वाचकीय भागीदारी का संवर्द्धन’: सर्वोत्‍तम प्रथाओं तथा नई पहल को साझा करना’’ शीर्षक पर एक अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार का आयोजन कर रहा है’। 
    विश्‍वभर के 24 देशों नामत: बांग्लादेश, भूटान, कम्‍बोडिया, इथोपिया, फि़जी, जोर्जिया, कजाखिस्‍तान, कोरिया गणराज्‍य, लाइबेरिया, मलावी, मॉरीशस, मंगोलिया, फिली‍पींस, रोमानिया, रूस, साओ टोम और प्रिंसिपे, सोलोमन द्वीप, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूरीनाम, ताइवान, उज्बेकिस्‍तान, यमन तथा जाम्बिया और 4 अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों – अंतरराष्‍ट्रीय आईडीईएम, अंतरराष्‍ट्रीय निर्वाचकीय प्रणाली प्रतिष्‍ठान (आईएफईएस), विश्‍व निर्वाचन निकाय संघ (ए-वेब) तथा यूरोपीय निर्वाचन केंद्र के लगभग सौ प्रतिनिधि इस वेबिनार में भाग लेने जा रहें हैं। 
    उज्‍बेकिस्‍तान के राजदूत और फिजी, मालदीव, मॉरीशस के उच्‍चायुक्‍त सहित लगभग 20 राजनायिकों को भी इस वेबिनार में उपस्थित होना है। 
    इस वेबिनार में, प्रतिभागी निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) तथा संगठनों द्वारा महिलाओं, दिव्‍यांगजनों एवं वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाने के लिए उनके द्वारा शुरू की गई सर्वोत्‍तम प्रथाओं और पहलों के संबंध में प्रस्‍तुतीकरण दिया जाएगा। महामहिम श्री मोहम्‍मद इरफ़ान अब्‍दुल रहमान, मॉरीशस के निर्वाचन आयुक्‍त तथा महामहिम श्री के. एम. नुरुल हुडा, बांग्‍लादेश के मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त के साथ भारत के माननीय मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा सत्र I की सह-अध्‍यक्षता करेंगे। 
    सत्र ।। की सह-अध्‍यक्षता माननीय निर्वाचन आयुक्‍त, श्री राजीव कुमार और महामहिम, श्री दाशो उग्‍येन चेवांग, आयुक्‍त, भूटान निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी। 
    सत्र ।।। की सह-अध्‍यक्षता माननीय निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अनूप चंद्र पाण्‍डेय और महामहिम श्री एम. एम. मोहम्‍मद, सदस्‍य, श्रीलंका निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी। समापन सत्र को श्री पीटर वार्डले, सलाहकार, निर्वाचकीय लोकतंत्र संबंधी कैम्ब्रिज सम्‍मेलन, श्री पीटर एर्बेन, प्रधान सलाहकार, आईएफईएस; अध्‍यक्ष निर्वाचन आयोग दक्षिण अफ्रीका तथा उप-अध्‍यक्ष, ए-वेब की ओर से महामहिम डॉ. नोमसा मसुकू, आयुक्‍त, दक्षिण अफ्रीका निर्वाचन आयोग द्वारा संबोधित किया जाएगा। 
    इस वेबिनार में तीन प्रकाशनों का विमोचन किया जाएगा: ए-वेब इण्डिया जर्नल ऑफ इलेक्‍शन्‍स का अक्‍तूबर, 2021 का अंक; ‘वॉइस इंटरनेशनल’ मैंगजीन का अक्‍तूबर, 2021 का अंक और ‘पार्टिसिपेशन ऑफ वूमैन, पर्सन विद डिसएबिलिटीज एंड सीनियर सिटीजन वोटर्स इन इलेक्‍शन’ पर प्रकाशन। इसके अतिरिक्‍त, इस वेबिनार में निर्वाचनों में महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की सुविधा और भागीदारी पर एक अंतरराष्‍ट्रीय वीडियो प्रस्‍तुतिकरण का अनावरण किया जाएगा। 
    2 सितम्‍बर, 2019 को बेंगलुरु में आयोजित ए-वेब कार्यकारी बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के उपरांत नई दिल्‍ली में भारत ए-वेब केंद्र की स्‍थापना की गई है। ए-वेब सदस्‍यों के पदाधिकारियों की सर्वोत्‍तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने इस केंद्र के लिए विश्‍व स्‍तरीय प्रलेखन, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए सभी संसाधन उपलब्‍ध करवाएं हैं। यह अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार सभी प्रतिभागियों को अपने विचारों के आदान-प्रदान करने तथा सर्वोत्‍तम प्रथाओं से एक दूसरे के अनुभव से सीखने और महिला, दिव्‍यांगजनों एवं वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाने के लिए शुरू की गई पहल के लिए एक अच्‍छा अवसर प्रदान करेगी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 November 2021

  5. मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा ने सुगम और समावेशी निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) का आह्वान किया

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/99/2021                               
    दिनांक: 26 नवंबर, 2021
    प्रेस नोट
     
    मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा ने सुगम और समावेशी निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) का आह्वान किया
    भारत निर्वाचन आयोग का लक्ष्य 80 वर्ष से अधिक आयु के और दिव्‍यांग मतदाताओं के घर पर सेवा प्रदान करने की सुविधा को बढ़ाना है।
    'महिला, दिव्‍यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाना: सर्वोत्तम पद्धतियां और नई पहल साझा करना' विषय पर भारत निर्वाचन आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की मेजबानी की
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज नई दिल्ली में 'महिला, दिव्‍यांगजन (पीडब्ल्यूडी) और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाना: सर्वोत्तम पद्धतियों और नई पहलों को साझा करना' विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। ए-वेब में भारत निर्वाचन आयोग की अध्यक्षता के दो साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किए गए। इस वेबिनार में 24 देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों, 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और 20 राजनयिकों ने भाग लिया।

    ए-वेब के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने अपने मुख्य भाषण के दौरान कहा कि इस वेबिनार में हमें सुलभ, समावेशी और सहभागी निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए बाधाओं की पहचान करने और उन्‍हें दूर करने की दिशा में काम करने के लिए अन्य निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) की सर्वोत्तम पद्धतियों और अनुभवों से सीखने का एक उत्कृष्ट अवसर मिला।
    भारत में निर्वाचनों में भाग लेने में महिलाओं के समक्ष आने वाली बाधाओं और चुनौतियों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य का जिक्र करते हुए, श्री चंद्रा ने कहा कि आजादी से 7 दशकों और 17 साधारण निर्वाचनों के बाद, भारत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक हो गई है और वर्ष 2019 के साधारण निर्वाचन में यह 67% से अधिक रही है। लिंग अंतर, जो एक महत्वपूर्ण मानक है और जो वर्ष 1962 में -16.71% था, न केवल समाप्‍त हो गया है बल्कि वर्ष 2019 में +0.17% हो गया है। वास्तव में, भारत में वर्ष 1971 के चुनावों के बाद से महिला मतदाताओं में 235.72% की वृद्धि देखी गई है। श्री चंद्रा ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें बड़ी संख्‍या में महिलाओं को मतदान केंद्र पदाधिकारियों के रूप में शामिल करना, पूर्णतया महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केंद्रों की बड़ी संख्या, मतदान केंद्रों पर क्रेच सुविधा, मतदान केंद्रों पर अलग शौचालय और प्रतीक्षालय, और साथ ही महिला ब्लॉक स्तर की अधिकारी महिलाओं के सहयोग से महिलाओं को उनके सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में प्रेरित करने हेतु सुगम पंजीकरण सुनिश्चित करना शामिल है।

    अपने संबोधन के दौरान, श्री सुशील चंद्रा ने विशेष रूप से 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्‍यांगजनों और कोविड प्रभावित मतदाताओं के लिए उनके घरों पर मतदान सुविधा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2020 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई अनुपस्थित मतदाता सुविधा की अवधारणा के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की डाक मतपत्र सुविधा बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और संघ राज्‍य क्षेत्र पुडुचेरी सहित छह राज्यों के विधानसभा निर्वाचनों में सफलतापूर्वक लागू की गई थी, जिनका संचयी निर्वाचक आधार 7.36 करोड़ था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि, पिछले पांच राज्य विधानसभा निर्वाचनों में, 4.5 गुना अधिक मतदाताओं ने डाक मतपत्रों के माध्यम से निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लिया और आउटरीच एवं सुविधा संबंधी प्रयासों को और व्यापक बनाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि आज देश में 80 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 1.5 करोड़ निर्वाचक हैं।
    दिव्‍यांगजनों के समक्ष आने वाली ढांचागत और अभिवृत्तिक चुनौतियों का उल्‍लेख करते हुए, श्री चंद्रा ने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे किसी भी निर्वाचन प्रबंधन निकाय द्वारा अंगीकृत किसी प्रौद्योगिकी या सेवा के लिए 'एक्सेसिबिलिटी फोकस' को डिजाइन के हिस्से के रूप में ही अपनाएं न कि बाद में अनुबोध के रूप में जोड़ें। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहल जैसे पीडब्ल्यूडी ऐप, व्हीलचेयर का प्रावधान, स्वयंसेवी सहायता, ब्रेल एपिक कार्ड, ईवीएम में ब्रेल संकेत (साइनेज), मतदान केंद्र आने-जाने के लिए मुफ्त परिवहन और दिव्‍यांग निर्वाचकों को परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के आधर पर मतदान एवं सुनिश्चित न्‍यूनतम सुविधाओं के प्रावधानों का जिक्र किया।
    सभा को संबोधित करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने निर्वाचन प्रक्रिया में महिलाओं और दिव्‍यांगजनों की भागीदारी बढ़ाने के लिए आयोग द्वारा उठाए गए कदमों का उल्‍लेख किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने अब तक 70.70 लाख से अधिक दिव्‍यांग मतदाताओं की मैपिंग की है, जिसमें लोकसभा निर्वाचन 2019 से 15.28 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। प्रथम साधारण निर्वाचन की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी 7.80 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2019 के लोकसभा निर्वाचनों में 29.40 करोड़ से अधिक होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिनिधित्व के मामले में भी, संसद के निचले सदन के लिए निर्वाचित महिलाओं की संख्या प्रथम साधारण निर्वाचनों की संख्‍या 24 से बढ़कर वर्ष 2019 के लोकसभा निर्वाचनों में 78 हो गई है। . 

    प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने निर्वाचन प्रबंधन में निर्णायक (गेम चेंजर) भूमिका निभाई है और निर्वाचन परिदृश्य की तुलना में सुगमता पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। कोविड महामारी के दौरान समावेशी और सुलभ निर्वाचन सुनिश्चित करने में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, श्री पांडे ने कहा कि पोस्टल बैलेट सुविधा के रूप में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्‍यांगजनों के घरों पर फार्म देने और एकत्र करने के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार और लागू किए गए थे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए समावेशी निर्वाचकीय पद्धतियाँ अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
    प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए महासचिव, श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि सभी श्रेणियों के मतदाताओं को निर्वाचकीय भागीदारी में शामिल करना, सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का सार है। उन्होंने विभिन्न साधनों और मीडिया के माध्‍यम से व्यापक और व्यवस्थित तरीके से विशाल मतदाता आबादी तक पहुंचने पर लक्षित भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता शिक्षा कार्यक्रम स्वीप का भी उल्‍लेख किया। उन्होंने आगे कहा कि निर्वाचन आयोग का यह प्रयास है कि दिव्यांगजनों से उनकी भाषा में बात की जाए, यह जाना जाए कि वे क्या संदेश देना चाहते हैं और उनकी ऐसी सभी अनदेखी समस्‍याओं का पता लगाया जाए जिनसे पार पाने में उन्‍हें कठिनाइयां आती हैं। 
    बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, इथोपिया, फिजी, जॉर्जिया, कजाखिस्तान, कोरिया गणराज्य, लि‍बेरिया, मलावी, मॉरीशस, मंगोलिया, फिलीपींस, रोमानिया, रूस, साओ टोम और प्रिंसिपे, सोलोमन द्वीप समूह, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूरीनाम, ताइवान, उज्बेकिस्तान, यमन और जाम्बिया जैसे 24 देशों और विश्‍वभर से 4 अंतरराष्ट्रीय संगठनों - इंटरनेशनल आईडीईए, इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस), एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब) और यूरोपियन सेंटर फॉर इलेक्टोरल सपोर्ट (ईसीईएस) के लगभग 100 प्रतिनिधियों और 20 राजनयिकों ने आज इस वेबिनार में भाग लिया। 

    इस वेबिनार में, मॉरीशस, रोमानिया और कोरिया गणराज्य, ताइवान, फिलीपींस, कंबोडिया और आईएफईएस - श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, भूटान, भारत और ब्राजील द्वारा दी गई प्रस्तुतियों में महिलाओं, दिव्‍यांगजनों एवं वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाने के लिए उनके द्वारा की गई सर्वोत्तम प्रथाओं और पहल को प्रदर्शित किया गया।
    इस वेबिनार में इन प्रकाशनों का विमोचन किया गया: ए-वेब इंडिया जर्नल ऑफ इलेक्शनस का अक्‍तूबर 2021 का अंक; 'वॉयस इंटरनेशनल' पत्रिका का अक्‍तूबर, 2021 का अंक और 'निर्वाचनों में महिलाओं, दिव्‍यांगजनों और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की भागीदारी' पर प्रकाशन। इस वेबिनार में महिलाओं, दिव्‍यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए निर्वाचन में सुविधा और उनकी भागीदारी पर एक अंतर्राष्ट्रीय वीडियो प्रस्तुति का अनावरण भी किया गया।
    इस अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में महिलाओं, दिव्‍यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों की निर्वाचकीय सहभागिता बढ़ाने के लिए निर्वाचन प्रबंधन निकायों द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  6. उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता के अनुपालन के लिए राजनैतिक दलों/निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए परामर्शिका-तत्संबंधी। 

    सं. ईसीआई/पी एन/85/2021                              
    दिनांकः 21 अक्तूबर, 2021
     
    प्रेस नोट
    विषयः उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता के अनुपालन के लिए राजनैतिक दलों/निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए परामर्शिका-तत्संबंधी। 
    संसदीय/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उप-निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू करने के संबंध में आयोग के मौजूदा अनुदेशों में प्रावधान है कि आदर्श आचार संहिता ऐसे उप-निर्वाचन आयोजित किए जाने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों वाले संबंधित जिले (जिलों) पर लागू होगी। इन अनुदेशों में एकमात्र शिथिलता आयोग के पत्र 437/6/आईएनएसटी/2016-सीएसएस, दिनांक 29 जून, 2017 के तहत दी गई है और पत्र संख्या 437/6/1/ईसीआई/आईएनएसटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2017 दिनांक 18 जनवरी, 2018 के तहत दोहराई गई है, कि यदि कोई ऐसा मामला है जहां निर्वाचन क्षेत्र राज्य की राजधानी/महानगरीय शहरों/नगर निगमों में शामिल है तो ऐसे मामलों में, एमसीसी के अनुदेश केवल संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के इलाके में ही लागू होंगे। अन्य सभी मामलों में, उपर्युक्त अनुदेश ऐसे पूरे जिले (जिलों) में लागू होंगे जिनमें उप-निर्वाचन आयोजित किए जाने वाले निर्वाचन क्षेत्र शामिल हों। उपरोक्त शिथिलता इस उद्देश्य से दी गई है कि एमसीसी के प्रचालन से राज्य और जिलों में सामान्य विकासपरक और प्रशासनिक कामकाज में बाधा न आए। 
    आयोग के ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ राजनैतिक दल/अभ्यर्थी उस जिले/निर्वाचन क्षेत्र से सटे क्षेत्रों में, निर्वाचकीय गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं जहां उप-निर्वाचन आयोजित किए जा रहे हैं। इस संबंध में सभी राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे उस जिले/निर्वाचन क्षेत्र से सटे इलाकों में भी उप-निर्वाचनों से प्रत्यक्ष तौर पर संबंधित कोई भी राजनैतिक गतिविधि आयोजित न करें, जहां उप-निर्वाचन आयोजित किए जा रहे हैं। 
    संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदान आयोजित किए जाने वाले जिले/निर्वाचन क्षेत्र से सटे जिलों में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के मानदंडों से संबंधित एमसीसी के अनुदेशों और कोविड दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  7. केरल और पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन-तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पी एन/88/2021
    दिनांकः 31 अक्तूबर, 2021
    प्रेस नोट
     
    विषय: केरल और पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन-तत्संबंधी        
    केरल और पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए नीचे दिए गए ब्यौरे के अनुसार दो आकस्मिक रिक्तियां हैं:- 
    राज्य
    सदस्य का नाम
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तारीख
    की अवधि तक
    केरल
    श्री जोस के. मणि
    त्यागपत्र
    11.01.2021
    01.07.2024
    पश्चिम बंगाल
    सुश्री अर्पिता घोष
    त्यागपत्र
    15.09.2021
    02.04.2026
    2. आयोग ने  प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/67/2021, दिनांक 28.05.2021 के तहत निर्णय लिया था कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण, केरल से राज्य सभा के लिए तब तक उप-निर्वाचन कराना उचित नहीं होगा, जब तक कि महामारी की स्थिति में काफी सुधार नहीं हो जाता और केरल से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन कराने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हो जातीं। 
    3. आयोग ने केरल राज्य में स्थिति का पुनःआकलन करके और सभी प्रासंगिक तथ्यों को ध्यान में रखने के बाद, अब केरल एवं पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए उपर्युक्त दो उप-निर्वाचनों को निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया है:-  
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    09 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    16 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    17 नवम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    22 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    01 दिसम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.      भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 28.09.2021 के पैरा 06 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जो https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19 लिंक पर उपलब्ध है, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
    5.    संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया जा रहा है।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  8. आसीन सदस्‍यों के 01.02.2022 को सेवानिवृत्‍त होने के कारण 06 सीटों के लिए 05 स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन – तत्‍संबंधी। 

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/94/2021                            
    दिनांक 09 नवम्‍बर, 2021
    प्रेस नोट 
    विषय:- आसीन सदस्‍यों के 01.02.2022 को सेवानिवृत्‍त होने के कारण 06 सीटों के लिए 05 स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन – तत्‍संबंधी। 
          07 स्‍थानीय प्राधिकार, निर्वाचन-क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र विधान परिषद के 08 आसीन सदस्‍यों की पदावधि नीचे दिए गए विवरण के अनुसार दिनांक 01.01.2022 को समाप्‍त होने वाली है: 
    महाराष्‍ट्र
    क्र. सं.
    स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन-क्षेत्रों के नाम
    सीट(टों) की संख्‍या
    सदस्‍य का नाम
    सेवानिवृत्ति की तिथि
    1.   
    मुम्‍बई
    02
    कदम रामदास गंगाराम
    01.01.2022
    अशोक अर्जुनराव उर्फ भाई जगताप
    2.   
    कोल्‍हापुर
    01
    पाटिल सतेज उर्फ बंटी डी.
    01.01.2022
    3.   
    धुले-सह-नन्‍दुरबार
    01
    अमरीशभाई रसीकलाल पटेल
    01.01.2022
    4.   
    अकोला-सह-बुलढाना-सह-वाशिम
    01
    गोपीकिशन राधाकिशन बाजोरिया
    01.01.2022
    5.   
    नागपुर
    01
    व्‍यास गिरिशचन्‍द्र बछराज
    01.01.2022
    6.   
    शोलापुर
    01
    प्रशांत प्रभाकर परिचारक
    01.01.2022
    7.   
    अहमदनगर
    01
    अरुणकाका बलभीमराव जगताप
    01.01.2022
    2.    स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्रों के संबंध में निर्वाचन आयोग ने दिशा-निर्देशों का निर्धारण किया है कि यदि एक स्‍थानीय प्राधिकार, निर्वाचन क्षेत्र में स्‍थानीय प्राधिकारों का कम से कम 75% काम कर रहा हो, तथा उसके अलावा, निर्वाचन-क्षेत्र के कुल निर्वाचकों में से कम से कम 75% निर्वाचक उपलब्‍ध हों तब निर्वाचक मंडल को विधान परिषद के प्रतिनिधि(यों) को चुनने के लिए उपलब्‍ध माना जाता है। निर्वाचन आयोग के इन दिशा-निर्देशों को भारत निर्वाचन आयोग बनाम शिवाजी और अन्‍य (एआईआर 1988 एससी 61) में भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय का अनुमोदन प्राप्‍त है।
    3.    मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), महाराष्‍ट्र से प्राप्‍त सूचना के अनुसार 07 में से 05 प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्रों (स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र सोलापुर तथा अहमदनगर को छोड़कर) में 75% से अधिक मौजूद संघटक स्‍थानीय निकाय कार्यरत हैं।
    4.    अब आयोग ने 06 सीटों के लिए निम्‍नलिखित 05 स्‍थानीय प्राधिकार, निर्वाचन क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र विधान सभा परिषद का द्विवार्षिक निर्वाचन आयोजित करवाने का निर्णय लिया है:-
    क्र.सं.
    स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन-क्षेत्रों के नाम
    सीट(टों) की संख्‍या
    सेवानिवृत्‍त होने वाले सदस्‍य का नाम
    1.   
    मुम्‍बई
    02
    कदम रामदास गंगाराम
    अशोक अर्जुनराव उर्फ भाई जगताप
    2.   
    कोल्‍हापुर
    01
    पाटिल सतेज उर्फ बंटी डी.
    3.   
    धुले-सह-नन्‍दुरबार
    01
    अमरीशभाई रसीकलाल पटेल
    4.   
    अकोला-सह-बुलढाना-सह-वाशिम
    01
    गोपीकिशन राधाकिशन बाजोरिया
    5.   
    नागपुर
    01
    व्‍यास गिरिशचन्‍द्र बछराज
    5.    उपर्युक्‍त 05 स्‍थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों के लिए निर्वाचन कार्यक्रम निम्‍नानुसार होगा:- 
    क.सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
    1.   
    अधिसूचना जारी करना
    16 नवम्‍बर, 2021 (मंगलवार)   
    2.   
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    23 नवम्‍बर, 2021 (मंगलवार)   
    3.   
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    24 नवम्‍बर, 2021 (बुधवार)   
    4.   
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    26 नवम्‍बर, 2021 (शुक्रवार)   
    5.   
    मतदान की तारीख
    10 दिसम्‍बर, 2021 (शुक्रवार)   
    6.   
    मतदान का समय
    08.00 पूर्वाह्न से 4.00 अपराह्न
    7.   
    मतगणना
    14 दिसम्‍बर, 2021 (मंगलवार)   
    8.   
    वह तारीख जिससे पूर्व निर्वाचन संपन्‍न हो जाएगा
    16 दिसम्‍बर, 2021 (बृहस्‍पतिवार)   
    6.    सभी व्‍यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्‍यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हाल में जारी किए गए प्रेस नोट दिनांक 28.09.2021 जो लिंक https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्‍ध हैं, के पैरा 06 में निहित दिशा-निर्देश, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
    7.    इन निर्वाचन के संबंध में आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में तत्‍काल प्रभाव से लागू की जाएगी। कृपया आयोग की वेबसाइट में https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and_teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/  लिंक के तहत विवरण देखें। 
    8.    मुख्‍य सचिव, महाराष्‍ट्र को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्‍य से एक वरिष्‍ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करवाने के लिए प्रतिनियुक्त करें कि निर्वाचन करवाने के लिए व्‍यवस्‍थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  9. दिनांक 05.01.2021 को आसीन सदस्‍यों के सेवानिवृत्‍त होने के कारण 25 सीटों के लिए 20 स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन – तत्‍संबंधी। 

    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/93/2021                             
    दिनांक 09 नवम्‍बर, 2021
    प्रेस नोट
    विषय:- दिनांक 05.01.2021 को आसीन सदस्‍यों के सेवानिवृत्‍त होने के कारण 25 सीटों के लिए 20 स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन – तत्‍संबंधी। 
          20 स्‍थानीय प्राधिकार, निर्वाचन-क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के 25 आसीन सदस्‍यों की पदावधि नीचे दिए गए विवरण के अनुसार 05.01.2022 को समाप्‍त होने वाली है: 
    कर्नाटक
    क्र.सं.
    स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन-क्षेत्रों का नाम
    सीट(टों) की संख्‍या
    सदस्‍य का नाम
    सेवानिवृत्ति की तिथि
    1.   
    बीदर
    01
    विजय सिंह
     
     
     
     
     
     
     
     
     
    05.01.2022
    2.   
    गुलबर्गा
    01
    बी.जी. पाटिल
    3.   
    बीजापुर
    02
    एस.आर. पाटिल
    सुनीलगौड़ा पाटिल
    4.   
    बेलगाम
    02
    कावतागीमथ महांतेश मल्लिकार्जुन
    विवेकाराव वसंतराव पाटिल
    5.   
    उत्‍तर कन्‍नड
    01
    घोटनेकर श्रीकांत लक्ष्‍मण
    6.   
    धारवाड़
    02
    प्रदीप शेट्टार
    माने श्रीनिवास
    7.   
    रायचूर
    01
    बासवराज पाटिल इतागी
    8.   
    बेल्‍लारी
    01
    के.सी. कोंडय्या
    9.   
    चित्रदुर्ग
    01
    जी. रघुआचार
    10.           
    शिमोगा
    01
    आर. प्रसन्‍ना कुमार
    11.           
    दक्षिण कन्‍नड
    02
    के. प्रतापचंद्र शेट्टी
    कोटा श्रीनिवास पुजारी
    12.           
    चिकमगलुर
    01
    प्रानेश एम.के.
    13.           
    हसन
    01
    एम.ए. गोपालस्‍वामी
    14.           
    टुमकुर
    01
    कंठराज (बीएमएल)
    15.           
    माण्‍ड्या
    01
    एन. अप्‍पाजीगौड़ा
    16.           
    बंगलौर
    01
    एम नारायणस्‍वामी
    17.           
    बंगलौर ग्रामीण
    01
    एस. रवि
    18.           
    कोलार
    01
    सी.आर. मनोहर
    19.           
    कोडागु
    01
    सुनील सुब्रमणि एम.पी
    20.           
    मैसूर
    02
    आर. धर्मसेना
    एस.नागराजू (संदेश नागराजू)
    2.    आयोग ने अब उपर्युक्‍त 20 स्‍थानीय प्राधिकार निर्वाचन-क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद के लिए निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार द्विवार्षिक निर्वाचन आयोजित करवाने का निर्णय लिया है:- 
    क.सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
    1.   
    अधिसूचना जारी करना
    16 नवम्‍बर, 2021 (मंगलवार)   
    2.   
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    23 नवम्‍बर, 2021 (मंगलवार)   
    3.   
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    24 नवम्‍बर, 2021 (बुधवार)   
    4.   
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    26 नवम्‍बर, 2021 (शुक्रवार)   
    5.   
    मतदान की तारीख
    10 दिसम्‍बर, 2021 (शुक्रवार)   
    6.   
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 08.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.   
    मतगणना
    14 दिसम्‍बर, 2021 (मंगलवार)   
    8.   
    वह तारीख जिससे पूर्व निर्वाचन संपन्‍न हो जाएगा
    16 दिसम्‍बर, 2021 (बृहस्‍पतिवार)   
    3.    सभी व्‍यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्‍यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हाल में जारी किए गए प्रेस नोट दिनांक 28.09.2021, जो लिंक https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्‍ध हैं के पैरा 06 में निहित दिशा-निर्देश, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए।
    4.    उक्‍त निर्वाचन के संबंध में आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में तत्‍काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया आयोग की वेबसाइट में https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and_teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/  लिंक के तहत विवरण देखें। 
    5.    मुख्‍य सचिव, कर्नाटक को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्‍य से एक वरिष्‍ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करवाने के लिए प्रतिनियुक्त करें कि निर्वाचन करवाने के लिए व्‍यवस्‍थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  10. श्री सुशील चंद्रा, भारत के माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राष्ट्रपतीय निर्वाचनों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में उज्बेकिस्तान का दौरा किया (21 - 25 अक्टूबर 2021)

    सं. ईसीआई/पीएन/87/2021                               
    दिनांकः 28 अक्तूबर, 2021
     
    प्रेस नोट 
    श्री सुशील चंद्रा, भारत के माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राष्ट्रपतीय निर्वाचनों के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में उज्बेकिस्तान का दौरा किया
    (21 - 25 अक्टूबर 2021) 
    अध्यक्ष, उज्बेकिस्तान केंद्रीय निर्वाचन आयोग (सीईसी-यू) के निमंत्रण पर, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने 24 अक्तूबर, 2021 को आयोजित राष्ट्रपतीय निर्वाचनों के संचालन का निरीक्षण करने के लिए उज्बेकिस्तान में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। नई निर्वाचन संहिता के तहत आयोजित इस निर्वाचन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की पैनी नज़र थी।

    भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और अध्यक्ष, उज्बेकिस्तान मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी), श्री जैनिद्दीन एम. निज़ामखोदजेव ने 21 अक्टूबर, 2021 को निर्वाचकीय सहयोग पर एक द्विपक्षीय बैठक का आयोजन किया। अध्यक्ष, सीईसी-यू ने श्री चंद्रा को उनका निमंत्रण स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें इस निर्वाचन के संचालन के लिए किए गए विभिन्न उपायों की भी जानकारी दी, जिसमें एकल इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची, मतदान के दिन व्यक्तिगत रूप से तथा जल्दी मतदान की व्यवस्था और कोविड सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं शामिल थीं। श्री चंद्रा ने भारत में निर्वाचनों के हाल ही में संचालन और ऐसे निर्वाचकीय सहयोग और प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के माध्यम से दोनों देशों के बीच निर्वाचकीय संबंधों को और मजबूत करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया, जिन्हें ईसीआई, उज्बेकिस्तान के निर्वाचन अधिकारियों के लिए सहर्ष आयोजित करेगा। उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधि, निर्वाचन के दौरान आयोजित ईसीआई के अंतर्राष्ट्रीय निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रमों (आईईवीपी) में उत्साहपूर्वक भाग लेते रहे हैं और उज्बेकिस्तान के अधिकारी आईटीईसी कार्यक्रम के तहत ईसीआई में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेते रहें हैं। 
    उज़्बेकिस्तान के निर्वाचन कानून के तहत, राष्ट्रपति को एक राष्ट्रव्यापी निर्वाचन क्षेत्र से पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। निर्वाचन प्रशासन एक त्रि-स्तरीय संरचना का अनुसरण करता है, जिसमें केंद्रीय निर्वाचन आयोग, 14 जिला निर्वाचन आयोग और 10,760 सीमावर्ती (प्रीसिंक्ट) निर्वाचन आयोग शामिल होते हैं। उज्बेकिस्तान में करीब 20 मिलियन निर्वाचक मंडल हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र, अधिकतम 3000 मतदाताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। 14-20 अक्टूबर तक प्रारंभिक मतदान प्रणाली लागू थी और 421,618 लोगों ने प्रारंभिक मतदान सुविधा का उपयोग किया, जिसमें 120,524 विदेश से थे। 
    निर्वाचन में भाग लेने के लिए केवल पंजीकृत राजनैतिक दल ही अभ्यर्थियों को नामित कर सकते हैं। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति पद के लिए पांच अभ्यर्थियों-चार पुरुष और एक महिला अभ्यर्थी ने निर्वाचन लड़ा था। निर्वाचन के लिए निर्वाचन प्रचार का वित्तपोषण राज्य द्वारा किया जाता है। उज्बेकिस्तान में प्रमुख स्थानों पर पांच अभ्यर्थियों के बारे में तस्वीरों और जानकारी वाले कई इन्फोग्राफिक्स प्रदर्शित किए गए थे।

    भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने उज्बेकिस्तान के सीईसी के निर्वाचकीय प्रशासन, प्रक्रियाओं और पहल का सिंहावलोकन करने के लिए 7वें और 14वें जिला निर्वाचन आयोगों का दौरा किया। इसके बाद, उन्होंने निर्वाचन प्रक्रिया का विस्तार से अवलोकन करने के लिए उज्बेकिस्तान में मतदान केंद्रों का दौरा किया। विभिन्न मतदान केंद्रों में मतदाता सूची, मतदाताओं की पहचान, प्रारंभिक मतदान तंत्र, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्यवस्था, कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल, मतदान केंद्र की तैयारी और मतपत्र द्वारा मत डालने सहित निर्वाचनों के आयोजन के विभिन्न पहलुओं को देखा गया।  


    मतदान केंद्रों पर राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों और मोहल्ला समितियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति देखी गई। मतदाताओं की पहचान पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस दस्तावेज के जरिए की गई। पहली बार मतदान करने वाले और घर से मतदान करने वालों सहित अन्य मतदाताओं की गिनती की जा रही थी। मतदान टर्नआउट की प्रति घंटा रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से सीईसी को भेजी जा रही थी। 
    श्री सुशील चंद्रा ने इस अवसर पर उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत, श्री मनीष प्रभात के नेतृत्व में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ बातचीत की और उन्हें सेवा मतदाताओं द्वारा मतदान करने के लिए डाक मतपत्र की इलेक्ट्रॉनिक अंतरण प्रणाली (ईटीपीबीएस) सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इसके बाद, ताशकंद स्थित अनिवासी भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय निर्वाचनों के संबंध में बहुत सक्रिय और जीवंत बातचीत हुई।

    सीईसी ने ताशकंद में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के स्मारक पर उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  11. ECI organises 2 weeks capacity building course for officers of National Electoral Commission of Sierra Leone

    सं. ईसीआई/पीएन/102/2021
    दिनांकः 08.12.2021
     
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सिएरा लियोन के राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के लिए 2 सप्ताह का क्षमता निर्माण पाठ्यक्रम आयोजित किया 
    सिएरा लियोन के राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग (एनईसी एसएल) के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एनईसी एसएल के विदेश मामलों के निदेशक, श्री अल्बर्ट मासाकोई के नेतृत्व में आज निर्वाचन सदन में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा से मुलाकात की। एनईसी एसएल के अधिकारी ईसीआई के तत्वावधान में स्थापित प्रशिक्षण संस्थान, भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान  (आईआईआईडीईएम) में आयोजित किए जा रहे क्षमता निर्माण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्राप्त कर रहे हैं।

    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान ऐसे क्षमता निर्माण पाठ्यक्रमों की उपयोगिता पर जोर दिया, जो एक दूसरे के अनुभवों और सामना की गई चुनौतियों से सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और सबक लेने का अवसर प्रदान करते हैं। सीईसी ने आश्वासन दिया कि अधिकारियों के विचारों के आदान-प्रदान और प्रशिक्षण के लिए आईटी बुनियादी ढांचे और ई-लर्निंग पोर्टल के विकास के अनुरोध के लिए सिएरा लियोन के राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग को भारत निर्वाचन आयोग हर संभव सहायता प्रदान करेगा।

    अपने दो सप्ताह के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान, निर्वाचन प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर अधिकारियों ने मतदाता पंजीकरण, निर्वाचन परिणाम प्रबंधन, शिकायत निवारण, डाटा विश्लेषण और प्रबंधन से संबंधित आईसीटी अनुप्रयोगों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के भाग के रूप में, अधिकारियों को ईसीआई में 3 दिवसीय आईटी अनुप्रयोगों और साइबर सुरक्षा के व्यावहारिक अनुभव के लिए भी सम्मिलित किया गया है। अधिकारियों ने क्षेत्रीय दौरे के रूप में आगरा में एक मतदाता पंजीकरण केंद्र और दिल्ली में एनआईसी डाटा सेंटर का भी दौरा किया। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल की योजना एनईसी, सिएरा लियोन के निर्वाचन अधिकारियों के लिए आयोजित कई बैठकों और प्रशिक्षण आवश्यकता विश्लेषण (टीएनए) कार्यशाला के बाद बनाई गई थी।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  12. पूर्व सीईसी श्री सुनील अरोड़ा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (आईडीईए) के सलाहकार बोर्ड में शामिल हुए

    सं. ईसीआई/पीएन/101/2021
    दिनांकः 07.12.2021
    प्रेस नोट
    पूर्व सीईसी श्री सुनील अरोड़ा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (आईडीईए) के सलाहकार बोर्ड में शामिल हुए 
    भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (आईडीईए) के सलाहकार बोर्ड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। श्री सुनील अरोड़ा के पास अंतरराष्ट्रीय संस्थान के कामकाज में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए विपुल नेतृत्व अनुभव, ज्ञान और कौशल है। संस्थान को 15 सदस्यीय सलाहकार बोर्ड द्वारा सहायता प्रदान की जाती है जो विविध पृष्ठभूमि के प्रतिष्ठित व्यक्ति या विशेषज्ञ होते हैं।
     
    इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (इंटरनेशनल आईडीईए), जिसकी स्थापना 1995 में की गई थी, स्टॉकहोम, स्वीडन में स्थित एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका मिशन पूरे विश्व में सतत रूप से लोकतंत्र का समर्थन करना है। अंतर्राष्ट्रीय आईडीईए में वर्तमान में 34 सदस्य देश हैं, जिनमें सभी महाद्वीपों के बड़े और छोटे, पुराने और नए लोकतंत्र शामिल हैं। भारत आईडीईए के संस्थापक सदस्यों में से एक रहा है। 
    श्री सुनील अरोड़ा 2 दिसंबर, 2018 से 12 अप्रैल, 2021 तक भारत के 23वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे थे। श्री अरोड़ा ने 1 सितंबर, 2017 को भारत के निर्वाचन आयुक्त के रूप में ईसीआई में कार्यभार ग्रहण किया था। ईसीआई में उनके 42 महीने से अधिक के कार्यकाल के दौरान, आयोग ने 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए साधारण निर्वाचन और 24 राज्यों के विधानसभा निर्वाचनों के साथ-साथ उप-निर्वाचनों और द्विवार्षिक निर्वाचनों का सफलतापूर्वक संचालन किया। 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, श्री अरोड़ा इससे पहले भारत सरकार और राजस्थान राज्य सरकार के विभिन्न मुख्य विभागों के प्रमुख रह चुके हैं। 
    श्री सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में, ईसीआई ने 930 मिलियन से अधिक निर्वाचकों का एक एकीकृत डाटाबेस और एक राष्ट्रव्यापी हेल्पलाइन 1950 बनाकर अपने डिजिटल कार्यक्रम को अत्यधिक प्रोत्साहन प्रदान किया। नागरिक सतर्कता की सहायता के लिए एक और प्रौद्योगिकी नवाचार-सीविजिल ऐप एक श्रेष्ठ उपकरण बन गया है, जो निर्वाचनरत क्षेत्रों में नागरिकों को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों को अपने घरों से मतदान करने में सक्षम बनाने के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान करने की श्री अरोड़ा की व्यक्तिगत पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि निर्वाचनों को सुगम और समावेशी बनाने के लिए मतदान केंद्रों को सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं के साथ भूतल पर स्थानांतरित कर दिया जाए। इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र भी सेवा मतदाताओं के तैनाती स्थल से अपना मत डालने हेतु उनके लिए एक उपयोगी सुविधा के रूप में उभरा। 
    ईसीआई का दृढ़ विश्वास है कि निर्वाचन प्रबंधन निकायों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से दुनिया भर में लोकतंत्रों को गहनता और मजबूती मिलती है। श्री अरोड़ा के कार्यकाल में एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (एवेब) और फोरम ऑफ द इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडीज ऑफ साउथ एशिया (फेमबोसा) के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए, ईसीआई ने क्षमता निर्माण में और वृद्धि सुनिश्चित की। ईएमबी के सदस्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं और क्षमता निर्माण को साझा करने हेतु प्रलेखन, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट), नई दिल्ली में एक ए-वेब केंद्र स्थापित किया गया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  13. ‘’विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचन की कहानी’’ पर मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने वर्चुअल सेमिनार को संबोधित किया

    सं. ईसीआई/पीएन/100/2021                             
    दिनांक: 30 नवम्‍बर, 2021
    प्रेस नोट
    ‘’विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचन की कहानी’’ पर मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने वर्चुअल सेमिनार को संबोधित किया 
    भारत के उच्‍चायोग, प्रिटोरिया; भारत के कंसुलेट जनरल, जोहान्‍सबर्ग और दक्षिण अफ्रीका निर्वाचन आयोग के सहयोग से भारत निर्वाचन आयोग ने 30 नवंबर, 2021 को भारत में ‘‘विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचन की कहानी’’ पर एक अंतर्राष्‍ट्रीय वर्चुअल सेमिनार में भाग लिया। इस वेबिनार में दक्षिण अफ्रीका के विभिन्‍न विश्वविद्यालयों के भारतीय प्रवासियों, शिक्षाविदों और छात्रों सहित 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

    अपने मुख्‍य संबोधन में, श्री सुशील चंद्रा, भारत के मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने कहा कि भारत में निर्वाचन कराना एक विशाल कार्य है और अब तक देश में 937 मिलियन से अधिक निर्वाचक पंजीकृत हो चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि ‘कोई मतदाता न छूटे’ के उद्देश्‍य से भारत निर्वाचन आयोग प्रत्‍येक गांव, बस्‍ती और आबादी वाले क्षेत्र से पैदल दूरी के भीतर मतदान कोष्‍ठ स्‍थापित करता है। कोविड महामारी के बीच छह राज्‍यों में निर्वाचन कराने के अनुभव को साझा करते हुए श्री चंद्रा ने व्‍याप्‍त चुनौतियों के बावजूद निर्वाचन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई विभिन्‍न पहलों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिक‍तम संख्‍या को 1500 से घटाकर 1000 करने और मतदान स्‍थलों पर भीड़भाड़ कम करने के लिए मतदान की अवधि एक घण्‍टे बढ़ाने; 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्‍ठ नागरिेकों, दिव्‍यांगजनों और कोविड प्रभावित व्‍यक्तियों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान करने जैसे कदमों पर प्रकाश डाला जिससे कि भारत निर्वाचन आयोग वस्‍तुत: मतदान केंद्रों को उनके दरवाजे तक ले आया। श्री सुशील चंद्रा ने भारतीय निर्वाचनों में महिलाओं की भागीदारी के बारे में भी गहन जानकारी दी, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में उल्‍लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 
          श्री चंद्रा ने इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, वीवीपैट और आदर्श आचार संहिता के उल्‍लंघन की रिपोर्ट करने के लिए सी-विजिल ऐप जैसे मोबाइल ऐप्‍स; सेवा मतदाताओं और विदेशों में हमारे मिशन पर तैनात लोगों के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली की सुविधा का उदाहरण देते हुए डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों का भी उल्‍लेख किया।

    श्री उमेश सिन्‍हा, महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग ने भारत में निर्वाचनों के संचालन पर वेबिनार के विषय पर एक प्रस्‍तुति दी। उन्‍होंने समावेशी, सहभागी एवं सुलभ निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन प्रबंधन के विभिन्‍न आयामों का संक्षिप्‍त विवरण दिया। उन्‍होंने इतने बड़े परिमाण के निर्वाचनों को संभालने के लिए सर्वांगीण (360 डिग्री) संचार योजना के साथ निर्वाचकों और अन्‍य स्‍टेकहोल्‍डरों तक पहुंचने के लिए लक्षित कार्यकलापों के बारे में बताया। 
          श्री जयदीप सरकार दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्‍चायुक्‍त ने अपनी उद्घाटन टिप्‍पणी में वर्षों से भारत-दक्षिण अफ्रीका सहयोग और साझा इतिहास पर जोर दिया। दक्षिण अफ्रीका निर्वाचन आयोग के अध्‍यक्ष श्री वी जी माशिनिनि ने लोकतंत्र को मजबूत करने एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान के महत्‍व के बारे में बताया तथा साथ ही भारत और दक्षिण अफ्रीका, दोनों में निर्वाचन आयोग द्वारा निभाई गई महत्‍वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में भी बताया। 
          फिलहाल भारत निर्वाचन आयोग विश्‍व निर्वाचन निकाय संघ का अध्‍यक्ष है जबकि दक्षिण अफ्रीका निर्वाचन आयोग विश्‍व निर्वाचन निकाय संघ का उपाध्‍यक्ष है। भारत निर्वाचन आयोग और दक्षिण अफ्रीका निर्वाचन आयोग के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। दोनों संस्‍थाओं ने निर्वाचन प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए अक्‍तूबर, 2021 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए। इस फ्रेमवर्क के तहत, दोनों ईएमबी ने समय-समय पर निर्वाचन प्रबंधन के विभिन्‍न क्षेत्रों में उत्‍तम पद्धतियों का आदान-प्रदान किया है। 
          इस वेबिनार के दौरान संविधान दिवस के उपलक्ष्‍य में ‘मेकिंग ऑफ इंडियन कॉन्‍स्‍टीट्यूशन’ नामक एक लघु फिल्‍म भी दिखाई गई।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  14. CEC Shri Sushil Chandra addresses officials from Bangladesh Election Commission

    No. ECI/PN/104/2021                                                                 
    09.12.2021
    PRESS NOTE
     CEC Shri Sushil Chandra addresses officials from Bangladesh Election Commission 
    50 officials of Bangladesh Election Commission being trained at IIIDEM
     
    Chief Election Commissioner of India Shri Sushil Chandra today addressed the Officials of Bangladesh Election Commission (BEC) at India International Institute of Democracy & Election Management, New Delhi. IIIDEM under the aegis of Election Commission of India is organizing the Capacity Development Programme for the BEC officials as part of Strengthening and Capacity Development of Election Commission Secretariat project (SCDECS) of the Bangladesh Election Commission. 

    Addressing the officials, Chief Election Commissioner Shri Sushil Chandra said that IIIDEM, as the dedicated training institute of ECI, has been organizing a series of such Capacity Development Programmes for officials from various Election Management Bodies (EMBs). So far IIIDEM has trained officials from over 90 countries. Recently a 2-weeks training programme was also organized for officials of the National Electoral Commission of Sierra Leone. A-WEB research centre for coordinating capacity building courses for A-WEB member countries is also housed at IIIDEM. CEC while interacting with the participants added that these training sessions provide a platform to share and mutually learn best practices in election management. Such courses also provide an opportunity for officials to get a good exposure of each other’s methodology of conducting elections. 

    A total of 50 BEC officials are to be trained at IIIDEM as part of this Capacity Development Programme. In the first phase during November 29- December 10, 2021, 25 BEC officials had undergone the training and the second batch of 25 BEC officials will be joining the training programme starting December 20, 2021 onwards. This is the first ever international batch being hosted by IIIDEM on a cost sharing basis with the BEC Secretariat. During the training programme, sessions on various aspects of election management including Electoral Administration, Voter Registration process, District Plans & Vulnerability mapping, Election Day monitoring including use of c-VIGIL app were held. As part of the field visits during the training programme, the Officials visited a Voter Registration Centre at Agra. 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  15. भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रबंधन पर पांच अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए

    सं. ईसीआई/पी एन/96/2021
    दिनांकः 17 नवम्बर, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रबंधन पर पांच अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए 
    आईएफईएस के सहयोग से आईआईआईडीईएम द्वारा विकसित मॉड्यूल 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचनों के लिए योजना, राजनैतिक वित्त, मतदाता पंजीकरण, निर्वाचन प्रौद्योगिकी तथा राजनैतिक दलों और ईएमबी पर पांच अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए। यह इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के सहयोग से भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) द्वारा तैयार किए जा रहे कुल दस मॉड्यूलों का एक हिस्सा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्तों श्री राजीव कुमार और श्री अनूप चंद्र पांडेय तथा विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वाशिंगटन से जुड़ने वाली श्री एंथनी बानबरी, अध्यक्ष, आईएफईएस और उनकी टीम के साथ इन मॉड्यूलों का शुभारंभ किया।

    सीईसी श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारत निर्वाचन आयोग प्रतिबद्ध, सक्षम, विश्वसनीय और कुशल प्रबंधकों द्वारा निर्वाचन प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक, सटीक, मतदाता अनुकूल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकीय उन्नयन को सर्वोपरि महत्व देता है। श्री सुशील चंद्रा ने आईआईआईडीईएम में प्रशिक्षित होने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं के लिए इन संसूचित अद्यतन विषय के विशिष्ट मॉड्यूल के विकास का स्वागत किया। उन्होंने किसी भी निर्वाचन प्रबंधन प्रक्रिया में प्रमुख आयामों को संबोधित करने के लिए विविध विषयों को शामिल करने की सराहना की।
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने निर्वाचन प्रशासन के विभिन्न पहलुओं में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखी गई तथा निर्वाचन प्रबंधन निकायों द्वारा झेली गई लगातार बढ़ती हुई चुनौतियों पर विचार करते हुए अपने संदेश में इन मॉड्यूल डिजाइनों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये मॉड्यूल एक बहुमुखी पैटर्न में डिज़ाइन किए गए हैं, ताकि उन्हें आमने-सामने (फेस-टू-फेस), ऑनलाइन और ई-लर्निंग प्रशिक्षण हाइब्रिड मोड के अनुरूप बनाया जा सके।
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये मॉड्यूल निर्वाचन प्रबंधन योजनाओं, अवलोकन प्रक्रियाओं, निर्वाचकीय प्रौद्योगिकी, निर्वाचन प्रणालियों, कानूनी ढांचा बनाने में प्रशिक्षण और क्षमता विकास की दिशा में अत्यधिक महत्व के विविध शीर्षकों पर निर्वाचन प्रबंधन की प्रक्रिया को समझने के लिए एक सूचनात्मक सामग्री के रूप में काम कर सकते हैं। 
    आईएफईएस के अध्यक्ष, श्री एंथनी बानबरी ने आईएफईएस-ईसीआई की साझेदारी और इन मॉड्यूलों का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने ईसीआई को आईएफईएस-आईआईआईडीईएम के जानकारी के आदान-प्रदान में भागीदारी जारी रखने का आश्वासन दिया।. 

    इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) वाशिंगटन डीसी स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है जो नागरिकों के स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों में भाग लेने के अधिकार का समर्थन करता है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुरुआत में मई 2012 में आईएफईएस के साथ प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने और क्षमता निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। हाल ही में वर्ष 2019 में, तत्कालीन सीईसी की वाशिंगटन यात्रा के बाद, आईएफईएस ने आठ मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूलों को अपडेट करने और दो नए मॉड्यूल अर्थात् राजनैतिक दल और ईएमबी और निर्वाचनों में सोशल मीडिया का उपयोग बनाने के लिए सहमति व्यक्त की। इसके लिए 5 अगस्त, 2020 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। 
    डीजी, आईआईआईडीईएम और वरिष्ठ डीईसी श्री धर्मेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि माननीय आयोग ने सितंबर 2019 में भारत के तत्कालीन सीईसी द्वारा ए-वेब के अध्यक्ष के रूप में आईआईआईडीईएम के लिए "विदेशी भाषा सहायता प्राप्त मॉड्यूल" शुरू करने के लिए कई अल्पविकसित देशों के अनुरोध के प्रत्युत्तर में जताई गई प्रतिबद्धता के रूप में इन मॉड्यूलों के कुछ हिस्सों का स्पेनिश, फ्रेंच और पुर्तगाली में अनुवाद हेतु मंजूरी दी है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  16. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन

    सं. ईसीआई/पीएन/97/2021
    दिनांकः 22 नवंबर, 2021
     
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के
    मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन 
          भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन निर्वाचक नामावली, मतदान केंद्रों, प्रगतिरत विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, आईटी एप्लिकेशन्स, शिकायतों का समय पर निवारण, ईवीएम/वीवीपेट्स, मतदान कर्मियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, मीडिया और संचार एवं गहन मतदाता आउटरीच कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा करने के लिए किया गया था।
     
          अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की दक्षता और दूरदृष्टि के महत्व पर बल दिया क्योंकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से निर्वाचक नामावली की शुचिता, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं और समस्त मतदान केंद्रों पर सभी मतदाताओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने उनसे सभी लंबित आवेदन-पत्रों, विशेषकर मतदाता रजिस्ट्रीकरण के आवेदनों का शीघ्र निपटान करने के लिए भी कहा। उन्होंने दोहराया कि वास्तविक बेहतर मतदाता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने आगे कहा कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को राजनीतिक दलों की शिकायतों, यदि कोई हों, का निवारण करने के लिए नियमित रूप से वार्तालाप करते रहना चाहिए। 
          मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कमियों और चुनौतियों का पता लगाना है ताकि देशभर के सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आयोग के आदेशों का समान रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्वाचन संबंधी कार्यकलापों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा की गई नई पहल और सर्वोत्तम पद्धतियों का मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया ताकि आउटरीच बढ़ाई जा सके। 
          निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से वार्तालाप करते हुए कहा कि निर्वाचनों का विधिक और विनियमित फ्रेमवर्क अत्यधिक मजबूत है, तथापि आयोग के विभिन्न अनुदेशों का वास्तविक कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रगतिशील, अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है और उन्हें एक दूसरे की सर्वोत्तम पद्धतियों से सीखना चाहिए। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ समन्वय एवं निगरानी हेतु नियमित रूप से चर्चा करें तथा महत्वपूर्ण फीडबैक प्राप्त करने हेतु फील्ड में जाएं, ताकि आवश्यक कार्यप्रणाली में सुधार किए जा सकें। 
          निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पांडेय ने ब्लॉक लेवल अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर बल दिया क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग के कार्यों की प्रभावशीलता, फील्ड स्तरीय निर्वाचन कार्मिकों के प्रभावशाली कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। उन्होंने पूरे वर्ष गैर-निर्वाचन अवधि के दौरान भी आउटरीच के लिए फील्ड में विभिन्न स्टेकहोल्डरों और अधिकारियों की सहभागिता तथा जमीनी स्तर पर स्वीप के कार्यकलापों पर भी जोर दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अधिकाधिक आउटरीच हेतु स्थानीय मीडिया के साथ सही सूचनाएं और तथ्य नियमित रूप से साझा किए जाएं। 
          महासचिव, श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन फील्ड स्तरीय कार्य पद्धति को समझने, स्टेकहोल्डरों के साथ समन्वय करने और आयोग के अनुदेशों का कार्यान्वयन करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पूरे वर्ष सक्रिय रहना चाहिए और मूल्यांकन एवं कार्यप्रणाली संबंधी आवश्यक सुधार करने के लिए निर्वाचन अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क करते रहना चाहिए। \
          इस सम्मेलन के दौरान आयोग ने आज "निर्वाचन विधि संबंधी मामलों का सार-संग्रह" (कंपेंडियम ऑफ केसिस ऑन इलेक्शन लॉ) जारी किया। आयोग द्वारा एक काफी टेबल बुक "कंडक्ट ऑफ जनरल इलेक्शन्स टू द असम लेजिस्लेटिव असेम्बली, 2021", और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम द्वारा तैयार "काल ऑफ ड्यूटी" नामक शार्षक से एक शोर्ट वीडियो भी जारी की गई। इस वीडियो में दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करने में निर्वाचन अधिकारियों के सामने आई विभिन्न चुनौतियों को उजागर किया गया है। इस सम्मेलन में नए मतदाताओं के लिए मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैयार "पावर ऑफ 18" नामक शीर्षक से एक मतदान गान भी जारी किया गया। 
          सम्मेलन में फोटो निर्वाचक नामावली 2022 (एसएसआर 2022) के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा किए गए स्वीप संबंधी कार्यकलापों की एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इसमें विभिन्न दृश्य-श्रव्य रचनाएं, प्रिंट विज्ञापन और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त एसएसआर 2022 के लिए राज्य ऑइकनों से प्राप्त संदेशों को प्रदर्शित किया गया था। 

          इस सम्मेलन में सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त, महानिदेशक एवं आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। जिन राज्यों में निर्वाचन होने हैं, उनके साथ निर्वाचन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए कल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अलग से एक दिवसीय समीक्षा बैठक भी निर्धारित है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 November 2021

  17. विधान सभा के सदस्यों द्वारा महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए उप-निर्वाचन-तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/89/2021
    दिनांकः 31 अक्तूबर, 2021
    प्रेस नोट
    विषय: विधान सभा के सदस्यों द्वारा महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए उप-निर्वाचन-तत्संबंधी 
           
    महाराष्ट्र विधान परिषद में महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्यों द्वारा भरे जाने के लिए एक आकस्मिक रिक्ति है। रिक्ति का विवरण निम्नानुसार है:-
     
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    निर्वाचन की प्रकृति
    रिक्ति की तारीख एवं कारण
    की अवधि तक
    1.
    श्री शरद नामदेव रणपिसे
    एमएलए द्वारा
    23.09.2021
    देहांत
    27.07.2024
     
    2.     आयोग ने निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार उपर्युक्त रिक्ति को भरने के लिए महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्यों द्वारा महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए एक उप-निर्वाचन आयोजित करवाने का निर्णय लिया है:- 
     
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    09 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    16 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    17 नवम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    22 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    9.00 बजे पूर्वाह्न से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    01 दिसम्बर, 2021 (बुधवार)
    3.      भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 28.09.2021 के पैरा 06 में यथा निहित हाल ही के दिशानिर्देश जो https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19 लिंक पर उपलब्ध है, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
    4.    मुख्य सचिव, महाराष्ट्र को निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया जा रहा है। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  18. प्रेस नोट-शुद्धिपत्र

    सं. ईसीआई/पीएन/95/2021
    दिनांकः 09 नवम्बर, 2021
    प्रेस नोट-शुद्धिपत्र
    विषयः 08 स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों से आंध्र प्रदेश विधान परिषद के 11 आसीन सदस्यों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी। 
    आयोग के दिनांक 09 नवम्बर, 2021 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/91/2021 के पृष्ठ सं. 1 पर प्रदर्शित सारणी में, स्तंभ 'सदस्य का नाम' के अंतर्गत क्र. सं. 4 और क्र. सं. 8 में प्रविष्टियां क्रमशः निम्नानुसार पढ़ी जाएं-
    'अन्नम सतीश प्रभाकर'
    (वांछित निर्वाचक नामावली की अनुपलब्धता के कारण 10.07.2019 से रिक्त)
    और
    'मागुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी'
    (वांछित निर्वाचक नामावली की अनुपलब्धता के कारण 14.03.2019 से रिक्त)।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  19. Biennial Elections to 11 sitting members of Andhra Pradesh Legislative Council from 08 Local Authorities’ Constituencies –reg.

    No. ECI/PN/91/2021     
    Dated: 09th November, 2021
    PRESS NOTE 
    Subject:    Biennial Elections to 11 sitting members of Andhra Pradesh Legislative Council from 08 Local Authorities’ Constituencies –reg.                 
    The term of office of 11 sitting members of Andhra Pradesh Legislative Council from 08 Local Authorities’ Constituencies had expired as per details below: -
    S.No.
    Name of Local Authorities Constituencies
    No. of seat(s)
    Name of member
    Date of Retirement
    1.       
    Anantapur Local Authorities
    01
    Payyavula Keshav
    (Vacant w.e.f  04.06.2019 due to non availability of desired electoral roll) 
    11.08.2021
    2.       
    Krishna Local Authorities’
    01
    Venkateswara Rao Buddha
    11.08.2021
    01
    Yalamanchili Venkata Babu
    Rajendra Prasad
    11.08.2021
    3.       
    East Godavari Local Authorities’
    01
    Reddy Subrahmanyam
    11.08.2021
    4.       
    Guntur Local Authorities’
    02
    Annam Satish Prabhakar
    (Vacant w.e.f  04.06.2019 due to non availability of desired electoral roll) 
    11.08.2021
     
    Ummareddy Venkateswarlu
    5.       
    Vizianagaram Local Authorities’
    01
    Dwarapureddi Jagadeeswara Rao
    11.08.2021
    6.       
    Visakhapatnam Local Authorities’
    01
    Buddha Naga Jagadeswara Rao
    11.08.2021
    01
    Chalapathi Rao Pappala
    11.08.2021
    7.       
    Chittoor Local Authorities’
    01
    Gali Saraswathi
    11.08.2021
    8.       
    Prakasam Local Authorities’
    01
    Magunta Sreenivasulu Reddy (Vacant w.e.f  04.06.2019 due to non-availability of desired electoral roll)
    11.08.2021
    2.  Biennial elections to fill up 11 seats could not be conducted by 11.08.2021 as the Constituent Local Bodies/Electors were not in existence at that time. The Commission vide letter dated 07.06.2021 had sought information regarding existence of constituent Local Bodies functioning and their percentage in the said Constituencies. The CEO, Andhra Pradesh vide letter dated 23.06.2021 had informed that of the above (8) Local Authorities’ Constituencies in Andhra Pradesh, the percentage of constituent Local Bodies functioning was ranging between 6.98 and 16 and the percentage of electors in position was ranging between 17.75 and 27.50 as elections to most of the local bodies in these 8 Local Authorities Constituencies were either pending or were not conducted by the State Election Commission, Andhra Pradesh.
    3.  Now, as per the information received from the CEO, Andhra Pradesh vide letter dated 01.10.2021, both the percentage of constituent Local Bodies functioning and the percentage of electors in position is above 75%, in respect of above mentioned 08 Local Authorities’ Constituencies in Andhra Pradesh.  
    4. With regard to Local Authorities’ Constituencies election, the Election Commission has laid down the guidelines that if atleast 75% of the local authorities in a local authorities’ constituency are functioning, and in addition at least 75% of the electors out of the total electorate of the constituency are available, then electorate is treated as available for electing representative(s) to the legislative council. These guidelines of the Election Commission got the approval of Supreme Court of India in Election Commission of India Vs Shivaji and Ors (AIR 1988 SC 61).
     5.  The Commission having re-assessed Covid-19 pandemic situation in the State of Andhra Pradesh and after taking into consideration all relevant facts, has now decided to conduct biennial election to the Andhra Pradesh Legislative Council from above-mentioned 08 Local Authorities’ Constituencies  in accordance with the following programme:-
    S.No
    EVENTS
    DATES & DAYS
    1.        
    Issue of Notifications
    16th November, 2021 (Tuesday)
    2.        
    Last date of making nominations
    23rd November, 2021 (Tuesday)
    3.        
    Scrutiny of nominations
    24th November, 2021 (Wednesday)
    4.        
    Last date for withdrawal of candidatures
    26th November, 2021 (Friday)
    5.        
    Date of poll
    10th December, 2021 (Friday)
    6.        
    Hours of poll   
    08:00 am to 04:00 pm
    7.        
    Counting of Votes
    14th December, 2021 (Tuesday)
    8.        
    Date before which election shall be completed
    16th December, 2021 (Thursday)
     6.  Broad Guidelines of Covid-19 as already issued by ECI as well as the recent guidelines issued by ECI as contained in para 06 of Press Note dated 28.09.2021 available at link https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ to be followed, wherever applicable, during entire election process for all persons. 
    7.  The Model Code of Conduct concerning the said election will come into force with immediate effect in the concerned Constituency. Please see the details in Commission’s website under https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/
     8.  The Chief Secretary, Andhra Pradesh is being directed to depute a senior officer from the State to ensure that the extant instructions regarding COVID-19 containment measures are complied with while making arrangements for conducting the election.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  20. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषद के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/90/2021
    दिनांकः 31 अक्तूबर, 2021
     
    प्रेस नोट
     विषय: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषद के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा द्विवार्षिक  निर्वाचन-तत्संबंधी        
     आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषद के संबंधित विधान सभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित  निम्नलिखित आसीन सदस्यों का कार्यकाल क्रमशः 31.05.2021 और 03.06.2021 को समाप्त हो चुका था। विवरण निम्नानुसार हैं:- 
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृत्ति की तारीख
    आंध्र प्रदेश
    1.
    चिन्ना गोविंदा रेड्डी देवासनी
     
    31.05.2021
    2.
    मोहम्मद अहमद शरीफ
    3.
    सोमु वीरराजु
    तेलंगाना
    1.
    अकुल ललिता
     
     
     
    03.06.2021
    2.
    मोहम्मद फरीदूद्दीन
    3.
    गुथा सुकंद्र रेड्डी
    4.
    विद्यासागर नेथी
    5.
    वेंकटेश्वरलु बोडाकुंती
    6.
    श्रीहरि कडियम
    2. आयोग ने  प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/65/2021, दिनांक 13.05.2021 के द्वारा निर्णय लिया था कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन तब तक कराना उचित नहीं होगा, जब तक कि महामारी की स्थिति में काफी सुधार नहीं हो जाता और उपर्युक्त द्विवार्षिक निर्वाचन कराने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हो जातीं। 
    3. आयोग ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में स्थिति का पुनःआकलन करके और सभी प्रासंगिक तथ्यों को ध्यान में रखने के बाद, अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषदों के संबंधित विधान सभा सदस्यों द्वारा उपर्युक्त द्विवार्षिक निर्वाचनों को निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया है:-  
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    09 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    16 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    17 नवम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    22 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    01 दिसम्बर, 2021 (बुधवार)
     4.      भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 28.09.2021 के पैरा 06 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जो https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19 लिंक पर उपलब्ध है, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
    5.    संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने के लिए निर्देश दिया जा रहा है। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  21. संपूर्ण जिले में उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होना-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/86/2021  
    दिनांकः 21 अक्तूबर, 2021
     
    प्रेस नोट
    विषयः संपूर्ण जिले में उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होना-तत्संबंधी। 
       आयोग के ध्यान में यह लाया गया है कि आयोग के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीएसएस दिनांक 29 जून, 2017, में निहित, अनुदेश के संदर्भ में जिसे पत्र सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु./प्रका-/एमसीसी/2017 दिनांक 18 जनवरी, 2018 में पुनः दोहराया गया था कि यदि निर्वाचन-क्षेत्र में राज्य की राजधानी/महानगर/नगर निगम शामिल हैं, तो आदर्श आचार संहिता अनुदेश केवल संबंधित निर्वाचन-क्षेत्र के इलाके में ही लागू होंगे। अन्य सभी मामलों में, उपर्युक्त अनुदेश ऐसे संपूर्ण जिले (लों) पर लागू होंगे, जिनमें उप निर्वाचन (नों) होने वाले निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। 
       इन अनुदेशों की भावना यह रही है कि विकासात्मक तथा प्रशासनिक कार्य आदर्श आचार संहिता के निहितार्थ के बिना जारी रहने चाहिए और उप-निर्वाचन के लिए चुनाव-प्रचार केवल संबंधित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र/विधान-सभा निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित होना चाहिए।  
        तथापि, ऐसी स्थिति हो जाती है कि चल रहे उप-निर्वाचन जैसी राजनैतिक गतिविधियां संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र/विधान-सभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर लेकिन जिला के अन्दर संचालित की जा सकती हैं। ऐसी गतिविधियां उपर्युक्त अनुदेशों की भावना के विपरित होंगी। इस तरह यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि जिले के भीतर कही भी प्रगतिरत उप निर्वाचन से संबंधित चुनावी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, तो एमसीसी, कोविड तथा व्यय अनुवीक्षण के प्रवर्तन से संबंधित सभी अनुदेश वैसे ही लागू होंगे जैसे राजनैतिक गतिविधियों के मामले में लागू होते हैं। संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसे मामलों में सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे और कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  22. विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम- तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/83/2021
    दिनांकः 28 सितम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    विषयः विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम- तत्संबंधी।
          आयोग ने महामारी, बाढ़, त्यौहारों, कुछ क्षेत्रों में ठंड की स्थिति, संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्रतिक्रिया (फीडबैक) की समीक्षा की है तथा सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने नीचे दिए गए विवरण के अनुसार संघ राज्य क्षेत्र दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के तीन (3) संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में तीस (30) रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन कराने का निर्णय लिया है:
    क्र. सं.
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1.
    दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र
    दादरा और नागर हवेली
    2.
    मध्य प्रदेश
    28-खण्डवा
    3.
    हिमाचल प्रदेश
    2-मण्डी
     
    क्र. सं.
    राज्य
    निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1.
    आंध्र प्रदेश
    124-बाडवेल (अ. जा.)
    2.
    असम
    28-गोस्साई गाँव
    3.
    असम
    41-भबानीपुर
    4.
    असम
    58-तमुलपुर
    5.
    असम
    101-मरियानी
    6.
    असम
    107-थोवरा
    7.
    बिहार
    78-कुशेश्वरस्थान (अ. जा.)
    8.
    बिहार
    164-तारापुर
    9.
    हरियाणा
    46-ऐलनाबाद
    10.
    हिमाचल प्रदेश
    08-फतेहपुर
    11.
    हिमाचल प्रदेश
    50-अर्की
    12.
    हिमाचल प्रदेश
    65-जुब्बल-कोटखाई
    13.
    कर्नाटक
    33-सिन्डगी
    14.
    कर्नाटक
    82-हानगल
    15.
    मध्य प्रदेश
    45-पृथ्वीपुर
    16.
    मध्य प्रदेश
    62-रैगाँव (अ. जा.)
    17.
    मध्य प्रदेश
    192-जोबट (अ. ज. जा.)
    18.
    महाराष्ट्र
    90-देगलुर (अ. जा.)
    19.
    मेघालय
    13-मावरेंगकेंग (अ. ज. जा.)
    20.
    मेघालय
    24-मावफलांग (अ. ज. जा.)
    21.
    मेघालय
    47-राजबाला
    22.
    मिजोरम
    4-तुईरिअल (अ. ज. जा.)
    23.
    नागालैंड
    58-शामटोर चेस्सोरे (अ. ज. जा.)
    24.
    राजस्थान
    155-वल्लभनगर
    25.
    राजस्थान
    157-धरियावद (अ. ज. जा.)
    26.
    तेलंगाना
    31-हुजूराबाद
    27.
    पश्चिम बंगाल
    7-दिनहाटा
    28.
    पश्चिम बंगाल
    86-सान्तिपुर
    29.
    पश्चिम बंगाल
    109-खारडाह
    30.
    पश्चिम बंगाल
    127-गोसाबा (अ. जा.)
           आयोग ने रिक्तियों को भरने के लिए इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करवाने का निर्णय लिया है और धारा 30 के अधीन प्रावधानों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 30 (ग) के अंतर्गत मतदान के कार्यक्रमों की तारीखें तथा नाम वापिस लेने की तारीख निर्धारित की हैं। उप-निर्वाचन की अनुसूची निम्नानुसार हैः 
    अनुसूची 1: आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, तेलंगाना की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र एवं दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश की संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए।
    मतदान कार्यक्रम
    अनुसूची 1
     
     
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    01.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    08.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    11.10.2021 (सोमवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    13.10.2021 (बुधवार)
    मतदान की तारीख
    30.10.2021 (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    02.11.2021 (मंगलवार)
    वह तारीख, जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    05.11.2021 (शुक्रवार)
     
    अनुसूची 2: असम, बिहार और पश्चिम बंगाल की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए
    मतदान कार्यक्रम
    अनुसूची 2
     
     
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    01.10.2021  (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    08.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    11.10.2021 (सोमवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    16.10.2021 (शनिवार)
    मतदान की तारीख
    30.10.2021 (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    02.11.2021 (मंगलवार)
    वह तारीख, जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    05.11.2021 (शुक्रवार)
    1. निर्वाचक नामावली
    उपरोक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 01.01.2021 के संदर्भ में प्रकाशित निर्वाचक नामावली, इन निर्वाचनों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
    2. इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट 
    आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दी गई हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से मतदानों का आयोजन सुचारु रूप से हो ।  
    3. मतदाताओं की पहचान 
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रमुख दस्तावेज होगा। हालांकि, मतदान केंद्र पर निम्नलिखित पहचान दस्तावेजों में से भी कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है:   
    i.      आधार कार्ड,
    ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
    iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक,
    iv.     श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    v.     ड्राइविंग लाइसेंस,
    vi.     पैन कार्ड,
    vii.    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
    viii.    भारतीय पासपोर्ट,
    ix.     फोटोग्राफ सहित पेंशन दस्तावेज,
    x.     केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी     सेवा पहचान-पत्र, और
    xi.     संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र।                  
    4.  आदर्श आचार संहिता
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत यथा-जारी आंशिक संशोधन के अध्यधीन आदर्श आचार संहिता उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
    5. आपराधिक पूर्ववृत्त के बारे में सूचना
          आयोग ने आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार के लिए समय सीमा निर्धारित की है, जो नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से शुरू होकर मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के समाप्त होने से 48 घंटे पहले तक है।
          इस मामले पर समेकित निर्देश आयोग की वेबसाइट पर निम्नलिखित हाइपरलिंक के तहत उपलब्ध है https://eci.gov.in/files/file/12265-broad-guidelines-of-election-commission-of-india-on-publicity-of-criminal-antecedents-by-political-parties-candidates/।
           यह ब्रजेश सिंह बनाम सुनील अरोड़ा और अन्य शीर्षक वाली वर्ष 2020 की अवमानना याचिका (सि) सं. 656 में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 13.02.2020 और 10.08.2021 के निर्णय के क्रम में है, जिसे आयोग के दिनांक 26.08.2021 के पत्र के तहत राजनैतिक दलों को वितरित किया गया है। निर्णय के पैरा 73.V के अंतर्गत दिए गए निर्देश के अनुसरण में, अब, फॉर्मेट सी-7 राजनैतिक दलों द्वारा अभ्यर्थी के चयन के 48 घंटों के भीतर प्रकाशित किया जाना चाहिए न कि नामांकन दाखिल करने की प्रथम तारीख से दो सप्ताह पहले।
    आयोग ने आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार के लिए निम्नलिखित समय सीमा निर्धारित की है, जो नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से शुरू होकर मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के समाप्त होने से 48 घंटे पहले तक है।
          इस मामले पर समेकित निर्देश आयोग की वेबसाइट पर निम्नलिखित हाइपरलिंक के तहत उपलब्ध है https://eci.gov.in/files/file/12265-broad-guidelines-of-election-commission-of-india-on-publicity-of-criminal-antecedents-by-political-parties-candidates/। 
    6.  कोविड-19 की अवधि के दौरान उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश 
    आयोग ने 21 अगस्त, 2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने दिनांक 09.10.2020, 09.04.2021, 16.04.2021, 21.04.2021, 22.04.2021, 23.04.2021 एवं 28.04.2021 को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो आयोग की वेबसाइट eci.gov.in या लिंक https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्ध हैं। साथ ही, दिनांक 28 अगस्त, 2021 के पत्र सं. 40-3/2020-डीएम-I(ए), के तहत कोविड प्रबंधन के लिए लक्षित और त्वरित कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेशों को 30 सितम्बर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। राजनैतिक दलों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट्स लेने के बाद और एमएचए/एमओएचएफडब्ल्यू के मौजूदा अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को और ज्यादा सख्त कर दिया है। इसके अलावा, कोविड-19 अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में साधारण निर्वाचन के संचालन से संबंधित आयोग के सभी अनुदेश, यथोचित परिवर्तन के साथ इन उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के लिए भी लागू रहेंगे।         
    सभी स्टेकहोल्डर इन अनुदेशों का पालन करेंगे। संबंधित राज्य सरकार इन अनुदेशों के अनुपालन में निम्नानुसार सभी समुचित कार्रवाई/उपाय करेगी:- 
    1
    नाम-निर्देशन
    नाम-निर्देशन से पहले और बाद में, शोभायात्रा, जनसभा निषिद्ध है/रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि क्षेत्र में केवल तीन वाहनों की अनुमति। नाम-निर्देशन के लिए किसी शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।      
    2
    प्रचार अभियान अवधि
     
    (क) प्रचार के लिए सभा 
     
    (i) इंडोर 
    अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्ति, जो भी कम हो। सभा में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों की संख्या की गणना करने के लिए एक रजिस्टर बनाया जाएगा। 
     
    (ii) बाह्य 
    प्रमुख (स्टार) प्रचारकों के मामले में क्षमता का 50% (कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुसार) या 1000 और अन्य सभी मामलों में क्षमता का 50% या 500।  दोनों मामलों में अनुमत संख्या वही है, जो भी कम हो। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी और पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मैदान में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना का अनुवीक्षण किया जाएगा। घेराबंदी/बाड़बंदी का खर्च अभ्यर्थी/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा। रैलियों के लिए केवल वे ही मैदान प्रयोग में लाए जाएंगे, जिनकी पूरी घेराबंदी/बाड़बंदी है।      
     
    (ख) प्रमुख प्रचारक
    कोविड-19 महामारी के कारण इन उप-निर्वाचनों के लिए राष्ट्रीय/राज्यीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुख (स्टार) प्रचारकों की संख्या 20 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के लिए 10 तक सीमित है।
     
    (ग) रोड शो
    किसी रोड शो की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी मोटर/बाइक/साइकिल रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
     
    (घ) नुक्कड़ सभा
    अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी (स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन) 
     
    (ङ) घर-घर जाकर  प्रचार अभियान
    अभ्यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों को शामिल करके 5 व्यक्तियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार।  
     
    (च) वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार अभियान
    स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन एक क्लस्टर स्थान में 50 से अधिक श्रोताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।  
     
    (ज) प्रचार अभियान के लिए वाहनों का प्रयोग
    अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के लिए (स्टार प्रचारक के अतिरिक्त) कुल अनुमत वाहन:- 20 प्रति वाहन अधिकतम व्यक्तियों की संख्या, वाहन की क्षमता का 50% अनुमत्य।
    3
    प्रचार रहित अवधि
    प्रचार रहित अवधि मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व है। 
    4
    मतदान दिवस की गतिविधियां
    1. अधिकतम 2 वाहनों की अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वाहन पर 3 व्यक्ति होंगे। मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा।
    2. ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्र पर मतदान दिवस की गतिविधियां।    
    5
    मतगणना दिवस
    भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को समुचित उपाय करने चाहिए। मतगणना के पूरे समय के दौरान सामाजिक दूरी बनाना और कोविड सुरक्षा संबंधी अन्य नयाचारों का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए। 
     7.     सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी सभी गतिविधियों का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। कोविड-19 नयाचार के अनुसार, सामाजिक दूरी बनाना और मास्क, सैनीटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस-शील्ड, दस्ताने इत्यादि के प्रयोग का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोविड नयाचार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक और उपशमन उपायों के लिए एसडीएमए उत्तरदायी है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुवीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुपालन के लिए मुख्य सचिव और महानिदेशक और जिला स्तरीय प्राधिकारी उत्तरदायी होंगे। 
    8.     यदि कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल उपर्युक्त दिशा-निर्देशों में से किसी का भी उल्लंघन करता है तो संबंधित अभ्यर्थी/दल को रैलियों, सभाओं इत्यादि के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई प्रमुख (स्टार) प्रचारक कोविड नयाचारों का उल्लंघन करता है तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र/जिले में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
    9.     निर्वाचन ड्यूटी में लगे प्राइवेट व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सेवाएं देने से पहले दोनों टीके लगवाए जाएंगे। 
    10.    अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंट/मतदान एजेंट/मतगणना एजेंट/ड्राइवर इत्यादि, जो भी जनता या निर्वाचन अधिकारियों के संपर्क में आ रहा है, उसे दोनों टीके लगवाने होंगे। 
    11.    प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए कोविड नोडल अधिकारी के रूप में एक स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त किया जाना चाहिए। 
    12.    मुख्य सचिव/महानिदेशक और संबंधित जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान पूर्व और मतदान के पश्चात मतदान संबंधी कोई हिंसा न हो, पर्याप्त निवारक उपाय करेंगे तथा आवश्यक व्यवस्था करेंगे। 
    13.    स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में, भारत निर्वाचन आयोग, मौजूदा परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए रखेगा और आगामी निर्वाचनों के लिए दिशों-निर्देशों को और सख्त कर सकता है। 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 September 2021

  23. भारत निर्वाचन आयोग ने "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक निबंध प्रतियोगिता" के प्रथम संस्करण का शुभारंभ किया

    सं. ईसीआई/पीएन/84/2021
    दिनांक: 01 अक्तूबर, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक निबंध प्रतियोगिता" के प्रथम संस्करण का शुभारंभ किया 
    राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन आईआईआईडीईएम और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है 
    प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां 2 अक्तूबर से 21 नवंबर, 2021 तक प्राप्त की जाएंगी
     
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आज भारत अंतरराष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईआईडीईएम) और जिंदल ग्‍लोबल लॉ स्‍कूल (जेजीएलएस), ओ.पी. जिंदल ग्‍लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत, हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग वार्षिक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता" के प्रारंभिक संस्‍करण के शुभारंभ की घोषणा की। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ 2 अक्तूबर, 2021 को होगा और प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर, 2021 है। प्रतियोगिता के लिए दो विषय हैं -विषय 1: 'चुनावों के दौरान सोशल मीडिया विनियमों के लिए विधिक संरचना' और विषय 2: 'चुनावी लोकतंत्र के संरक्षण में भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका'। इस निबंध प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य कानून के छात्रों को समकालीन शोध से जुड़ने और भारत में निर्वाचनों को शासित करने वाली विधि के नए आयामों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करना है। 
    निबंध प्रतियोगिता ऑनलाइन होगी और यह अंग्रेजी और हिंदी दोनों में आयोजित की जाएगी। इस निबंध प्रतियोगिता में भारतीय विधि विश्‍वविद्यालय/बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्‍यता-प्राप्‍त संस्‍थान/महाविद्यालय द्वारा संचालित विधि कार्यक्रम में अध्‍ययनरत छात्र भाग लेने के पात्र होंगे। निबंध के लिए प्रविष्टियों का मूल्यांकन निर्वाचन विधि के विशेषज्ञ जेजीएलएस संकाय के सदस्यों द्वारा आईआईआईडीईएम के परामर्श से मूल्यांकन के पांच मानदण्ड, जैसे विषय-वस्तु की मौलिकता, आरेखण एवं प्रस्तुतीकरण, शोध की गुणवत्ता, तार्किकता और प्राधिकृत पाठों व उद्धरणों के प्रयोग से किया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों के लिए उपलब्ध पुरस्कार आकर्षक हैं, जिसमें प्रथम पुरस्कार 1 लाख रु. की राशि का है।
    निबंध प्रतियोगिता के महत्व पर जोर देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने एक संदेश साझा किया कि यह प्रतियोगिता लॉ स्कूलों में पढ़ने वाले युवा तथा मेधावी विद्यार्थियों को भारत में निर्वाचनों को शासित करने वाली विधियों तथा नीतियों पर अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निबंध प्रतियोगिता छात्रों को ऐसा मंच प्रदान करेगी जहां वे अपने गूढ़ ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमता और सजग लेखन शैली का प्रदर्शन कर सकेंगे। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि यह निबंध प्रतियोगिता कानून के छात्रों की प्रतिभा को निखारकर, उसे विकसित करने तथा उपयोग में लाने की एक पहल है तथा यह उन्हें इस संविधान, विधि एवं निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिभा को व्यक्त करने का वार्षिक प्रतिस्पर्धात्मक अवसर भी प्रदान करेगी। निर्वाचन विधि के क्षेत्र में चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि निर्वाचन विधियों का सरोकार न केवल मतदाताओं, राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के अधिकारों से है, अपितु उनके उत्तरदायित्वों से भी है। उन्होंने सभी युवा छात्रों को इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। 
    निबंध प्रतियोगिता के दो विषयों पर प्रकाश डालते हुए श्री अनूप चंद्र पांडेय, निर्वाचन आयुक्त ने अपने संदेश में कहा कि इनके लिए प्रतिभागियों से अपेक्षित है कि वे सामान्य रूप से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विभिन्न संवैधानिक और कानूनी पहलुओं का और विशेष रूप से निर्वाचकीय प्रावधानों का गहन अध्ययन करें। उन्होंने आगे इस बात के प्रति अपना पूरा भरोसा जताया कि प्रतियोगिता के युवा प्रतिभागी, इन दोनों विषयों पर उत्‍कृष्‍ट आलेख प्रस्‍तुत करेंगे। 
    राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का पूरा विवरण वेबसाइट यूआरएल:  https://www.eciessay.org पर उपलब्ध है, जो 2 अक्तूबर, 2021 से क्रियाशील होगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 October 2021

  24. भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/पीएन 82/2021                            
    दिनांकः 21 सितम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया;
    नीतिगत ढांचे को और सुप्रवाही बनाने की दिशा में चर्चा की गई 
    भारत निर्वाचन आयोग ने वर्तमान सुगमता नीतियों का आकलन करने और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचक प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए बाधाओं को दूर करने के लिए कार्यनीतियों पर चर्चा करने के उद्देश्य से आज राष्ट्रीय वर्चुअल सुगम निर्वाचनों पर सम्मेलन, 2021 का आयोजन किया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्यों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता का प्रतिनिधित्व करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों और सरकारी मंत्रालयों तथा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

    दिव्यांगजनों के लिए निर्वाचनों को और अधिक समावेशी, सुगम और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता की पुनःपुष्टि करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि आयोग प्राथमिक स्टेकहोल्डरों अर्थात दिव्यांगजनों सहित ऐसे मतदाता के निर्णय लेने की भूमिका का सम्मान करता है, जो निर्वाचक प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें निभानी चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने यह भी कहा कि निर्वाचक प्रक्रिया के प्रत्येक कदम पर समावेशिता और सुगमता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश बनाते समय दिव्यांगजनों और उनके प्रतिनिधि संगठनों द्वारा सभी सार्थक जानकारियों और सुझाई गई सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाता है। श्री चंद्रा ने निर्वाचकीय प्रक्रिया में दिव्यांगजनों के समावेशन पर जोर देने के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संकल्पों एवं अधिदेशों में भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने दिव्यांगजनों के सुखद और गरिमापूर्ण मतदान अनुभव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सभी मतदान केंद्र भूतल पर स्थित हैं और इन सभी में रैंप हैं तथा व्हीलचेयर और मतदान केंद्रों पर निर्बाध तथा बाधामुक्त निर्वाचन अनुभव के लिए पर्याप्त स्वयंसेवकों को तैनात किया जाता है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 एक कानूनी अधिदेश प्रदान करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाया जाए और निर्वाचक प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री उनके द्वारा आसानी से समझी जा सके और उपयोग की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन अधिकारियों एवं सीएसओ स्टेकहोल्डरों के सामूहिक प्रयास ने विभिन्न जनसंख्या समूहों के लिए निर्वाचक प्रक्रिया को सुगम, सुरक्षित और सम्मानपूर्ण बनाने के अतिरिक्त, देश भर में बड़ी संख्या में दिव्यांग निर्वाचकों तक पहुचंने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने उन्नत डाटा प्रसंस्करण, सामुदायिक अभिनिर्देश बिंदुओं को पहचानने और दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट नागरिक समूहों के लिए सौहार्दपूर्ण इको प्रणालियों के सृजन के माध्यम से सामुदायिक सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री पांडेय ने यह भी कहा कि सुगम निर्वाचन हमेशा से आयोग का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है, जिसके द्वारा ईसीआई यह सुनिश्चित करते हुए कि पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में सभी की समान पहुंच हो, विशेष रूप से सभी लक्षित समूहों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करता है। 
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इस सम्मेलन का आयोजन समयपूर्वक किया है, जब आयोग आगामी राज्य विधान सभा के निर्वाचनों की तैयारी में लगा हुआ है। विभिन्न सीईओ, सीएसओ और आयोग के आइकनों से प्राप्त इनपुटों को दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक सुगम, समावेशी और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचनों की योजना एवं तैयारी में समाविष्ट किया जाएगा।

    यह सूचित किया गया था कि आज की तारीख तक लगभग 77.4 लाख दिव्यांजन पंजीकृत मतदाता हैं। यह मानते हुए कि एक मजबूत एवं जीवंत लोकतंत्र की स्थापना की आधारशिला समावेश और सहभागिता होती है, आज का विचार-विमर्श दिव्यांगजन की पहचान/मानचित्रण, सुगम पंजीकरण, मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, सुगम निर्वाचनों के लिए प्रौद्योगिकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, सुगम मतदाता शिक्षा तथा साझेदारी और सहयोग से लाभ उठाने और मीडिया आउटरीच के थीम पर केंद्रित था। निदेशक एएडीआई, कार्यपालक निदेशक, राष्ट्रीय बधिर संघ, निदेशक, एसपीएआरसी-इंडिया, कार्यपालक निदेशक, एनसीपीईडीपी, कार्यपालक निदेशक बीपीए, आईएसएलआरटीसी और पीडीयूएनआईपीपीडी के प्रतिनिधियों के साथ-साथ ईसीआई की राष्ट्रीय आइकन, डॉ. नीरू कुमार सहित विभिन्न सीएसओ के महत्वपूर्ण वक्ताओं ने निर्वाचन सुगम और समावेशी बनाने के लिए बहुमूल्य इनपुट साझा किए। 
    विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सुझावों के आधार पर, भावी निर्वाचनों के लिए 'सुगम निर्वाचनों' पर नीतिगत ढांचे को सुप्रवाही बनाने के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने हेतु एक संकल्प अंगीकार किया गया। व्यापक अनुवीक्षण तंत्र और सभी मतदान केंद्रों की सुगमता का आकलन; दिव्यांगजनों के लिए सभी मुख्यधारा संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों का एकीकरण; निर्वाचन कर्मियों का प्रशिक्षण और संवेदीकरण; दिव्यांगता की समझ में सुधार के लिए अधिकाधिक जागरूकता; डाटा संग्रह के तात्कालिक तरीके; दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के बारे में जागरूकता; मजबूत आईवीआरएस हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र और निर्वाचन प्रक्रिया के सभी स्तरों पर सुगमता सुनिश्चित करने के लिए सुगमता प्रेक्षकों और सूक्ष्म प्रेक्षकों की तैनाती, कुक्ष ऐसे विचार थे जिसकी इस वर्चुअल सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई। 
    सम्मेलन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्तों श्री राजीव कुमार एवं श्री अनूप चंद्र पांडेय के साथ निम्नलिखित का विमोचन किया;
    बाधाओं को पार करना-सुगमता पहल, 2021: यह पुस्तिका दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा देने और सशक्त बनाने के लिए नवोन्मेषी प्रथाओं और सुगमता पहल का संकलन है। हाल ही में शुरू की गई पहल जैसे मतदाता गाइड, नए मतदाता को पत्र और मतदाता जागरूकता पर 50 प्रेरक गीतों की एक गीत पुस्तिका का ब्रेल भाषा संस्करण। मतदाता हेल्पलाइन एप और ईवीएम-वीवीपैट के दो जागरूकता वीडियो के सांकेतिक भाषा में संस्करण। साधारण विधान सभा निर्वाचन, 2018 और लोकसभा निर्वाचन, 2019 में दिव्यांगजनों को कर्नाटक में प्रदान की गई स्वीप गतिविधियों और सुविधाओं के परिणामों के मूल्यांकन अध्ययन का भी आयोग द्वारा विमोचन किया गया था।  
    हाल ही में हुए मतदान संपन्न हुए राज्यों से सीख और अनुभवों सहित निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक की गई सुगम्यता संबंधी पहल पर एक प्रस्तुति भी प्रतिभागियों के साथ साझा की गई। इस सम्मेलन में दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए सम्मेलन को सुलभ बनाने हेतु समर्पित सांकेतिक भाषा दुभाषिए थे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 September 2021

  25. विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने और स्थगित मतदान हेतु कार्यक्रम-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/77/2021                                                
    दिनांक: 04.09.2021
    प्रेस नोट
    विषय: विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने और स्थगित मतदान हेतु कार्यक्रम-तत्संबंधी।   
           आयोग ने दिनांक 3 मई, 2021 के प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/61/2021 के तहत स्थगित मतदान (जो 16.05.2021 को होना नियत था) को आस्थगित कर दिया और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा यथानिर्गत आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लॉकडाउन/प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए ओडिशा के 110-पिपली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (एसी) एवं पश्चिम बंगाल के 58-जंगीपुर एवं 56-समसेरगंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचनों की अवधि आगे बढ़ा दी गई। इसके अलावा, सभी वस्तुगत तथ्यों और महामारी को देखते हुए विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मिले इनपुट्स को ध्यान में रख कर आयोग ने दिनांक 5 मई, 2021 के प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/64/2021 के तहत विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचनों को आस्थगित कर दिया। 
    2.    आज की तारीख में तीन आस्थगित स्थगित मतदान हैं (पश्चिम बंगाल राज्य में दो और ओडिशा राज्य में एक), संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में तीन रिक्तियां और विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र की विधान सभाओं में 32 रिक्तियां हैं। 
    3.    विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचन कराने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए, दिनांक  01.09.2021 को संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य एवं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस महानिदेशकों और संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से एक बैठक की गई। मुख्य सचिवों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने कोविड-19 महामारी, बाढ़ की स्थिति और निकट भविष्य के त्यौहारों इत्यादि के मद्देनज़र अपने-अपने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचन आयोजित करवाने में अपने इनपुट्स, बाधाओं, मुद्दों और चुनौतियों को साझा किया। मतदान वाले संबंद्ध राज्यों से संबंधित मुख्य सचिवों ने भी अपने विचार और इनपुट्स लिखित में भेजे हैं। 
    4.    आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों के मुख्य सचिव और संघ राज्य क्षेत्र दादरा नागर हवेली और दमन और दीव के सलाहकार, बाढ़ की परिस्थितियों, त्यौहारों और महामारी से संबंधित बाधाओं को आयोग के संज्ञान में लाए। उन्होंने सुझाव दिया कि उप-निर्वाचनों को त्यौहारों के खत्म होने के बाद में कराया जाना उचित होगा।
    5.    इनके अलावा, कुछ राज्य आयोग के संज्ञान में यह भी लाए हैं कि, भारत सरकार, विभिन्न शोध संस्थानों, तकनीकी विशेषज्ञ समितियों और पेशेवरों ने अक्तूबर से कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की संभावना की भविष्यवाणी की है। गृह मंत्रालय ने भी दिनांक 28 अगस्त, 2021 को कोविड-19 से बचाव के लिए विस्तृत अनुदेश जारी किए।    
    6.    मुख्य सचिव, ओडिशा ने भी सूचित किया कि कोविड की स्थिति नियंत्रण में है और मतदान कराया जा सकता  है। मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल ने सूचित किया कि कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। वे यह भी संज्ञान में लाए कि राज्य में बाढ़ की स्थिति ने मतदान करवाए जाने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित नहीं किया है और राज्य निर्वाचन कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत, कोई मंत्री, जो लगातार छह महीनों तक राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं है, वह उस अवधि के समाप्त होने पर मंत्री नहीं रहेगा/रहेगी और इससे एक संवैधानिक संकट और सरकार में उच्च कार्यपालक पदों में शून्यता आ जाएगी जब तक कि तत्काल निर्वाचन न कराए जाएं। उन्होंने यह भी सूचित किया है कि प्रशासनिक आवश्यकताओं और लोकहित के मद्देनजर और राज्य में शून्यता की स्थिति से बचने के लिए 159- भबानीपुर, कोलकाता, जहां से सुश्री ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री निर्वाचन लड़ने वाली हैं, में उप-निर्वाचन कराया जा सकता है।     
    7.    संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मिले इनपुट्स और विचारों को ध्यान में रखने के बाद, हालांकि आयोग ने अन्य 31 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों और 3 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन नहीं कराने का निर्णय लिया है तथापि संवैधानिक अत्यावश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य से मिले विशेष अनुरोध पर विचार करके, 159-भवानीपुर, कोलकाता विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचन कराने का  निर्णय लिया गया है। आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिए पूर्ण सावधानी के रूप में पहले से ज्यादा सख्त मानक बनाए गए हैं। उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम अनुबंध-1 में संलग्न है।  
    8.    इसके अलावा, आयोग ने 3 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, नामत: पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज, 58-जंगीपुर और ओडिशा के एक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 110-पिपली, जहां आयोग की 4 मई, 2021 की अधिसूचना के तहत स्थगित मतदान को आस्थगित कर दिया गया था, में अनुबंध-2 में दिए गए कार्यक्रम के अनुसार मतदान कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की जा रही हैं।  
    इन तीनों (3) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अभ्यर्थी/राजनैतिक दलों ने दिनांक 29.04.2021 से 03.05.2021 तक की प्रचार अभियान अवधि का पहले ही लाभ उठा चुके हैं। इसके मद्देनज़र, आयोग ने अब इन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में केवल 20.09.2021 से प्रचार अभियान चलाने की अनुमति देने का निर्णय ले लिया है।  
    9. निर्वाचक नामावली
    यथोक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 01.01.2021 के संदर्भ में प्रकाशित निर्वाचक नामावली इन निर्वाचनों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
    10. इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट 
    आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दी गई हैं और मशीनों की सहायता से मतदानों का आयोजन सुचारु रूप से हो सुनिश्चित करवाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। 
    11. मतदाताओं की पहचान  
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रमुख दस्तावेज होगा। बहरहाल, मतदान केंद्र पर निम्नलिखित पहचान दस्तावेजों में से भी कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है:   
    i.      आधार कार्ड,
    ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
    iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक,
    iv.     श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    v.     ड्राइविंग लाइसेंस,
    vi.     पैन कार्ड,
    vii.    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
    viii.    भारतीय पासपोर्ट,
    ix.     फोटोग्राफ सहित पेंशन दस्तावेज,
    x.     केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी  सेवा पहचान-पत्र, और
    xi.     संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र।                  
    12.  आदर्श आचार संहिता
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत यथा-जारी आंशिक संशोधन अध्यधीन आदर्श आचार संहिता 04.09.2021 से उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
    13.  कोविड-19 की अवधि के दौरान उप-निर्वाचनों / स्थगित निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश
    आयोग ने 21 अगस्त, 2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने दिनांक 09.10.2020, 09.04.2021, 16.04.2021, 21.04.2021, 22.04.2021, 23.04.2021 एवं 28.04.2021 को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो आयोग की वेबसाइट eci.gov.in or link https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्ध हैं। साथ ही, दिनांक 28 अगस्त, 2021 के पत्र सं. 40-3/2020-डीएम-I(क), के तहत कोविड प्रबंधन के लिए लक्षित और त्वरित कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेशों को 30 सितम्बर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। राजनैतिक दलों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट्स लेने के बाद और एमएचए/एमओएचएफडब्ल्यू के मौजूदा अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को और ज्यादा सख्त कर दिया है। इसके अलावा, कोविड-19 अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में साधारण निर्वाचन के संचालन से संबंधित आयोग के सभी अनुदेश, यथोचित परिवर्तन के साथ इन उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के लिए भी लागू रहेंगे।  
    सभी स्टेकहोल्डर इन अनुदेशों का पालन करेंगे। संबंधित राज्य सरकार इन अनुदेशों के अनुपालन में निम्नानुसार सभी समुचित कार्रवाई/उपाय करेगी:- 
    1
    नाम-निर्देशन
    नाम-निर्देशन से पहले और बाद में, शोभायात्रा, जनसभा निषिद्ध है/रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि क्षेत्र में केवल तीन वाहनों की अनुमति। नाम-निर्देशन के लिए किसी शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।      
    2
    प्रचार अभियान अवधि
     
    (क) प्रचार के लिए सभा 
     
    (i) इनडोर  
    अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्ति, जो भी कम हो। सभा में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों की संख्या की गणना करने के लिए एक रजिस्टर बनाया जाएगा।  
     
    (ii) बाह्य  
    प्रमुख (स्टार) प्रचारकों के मामले में क्षमता का 50% (कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुसार) या 1000 और अन्य सभी मामलों में क्षमता का 50% या 500।  दोनों मामलों में अनुमत संख्या वही है, जो भी कम हो। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी और पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मैदान में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना का अनुवीक्षण किया जाएगा। घेराबंदी/बाड़बंदी का खर्च अभ्यर्थी/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा। रैलियों के लिए केवल वे ही मैदान प्रयोग में लाए जाएंगे जिनकी पूरी घेराबंदी/बाड़बंदी है।       
     
    (ख) प्रमुख प्रचारक
    कोविड-19 महामारी के कारण इन उप-निर्वाचनों के लिए राष्ट्रीय/राज्यीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुख (स्टार) प्रचारकों की संख्या 20 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के लिए 10 तक सीमित है।
     
    (ग) रोड शो
    किसी रोड शो की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी मोटर/बाइक/साइकिल रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।   
     
    (घ) नुक्कड़ सभा
    अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी (स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन) 
     
    (ङ) घर-घर जाकर  प्रचार अभियान
    अभ्यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों को शामिल करके 5 व्यक्तियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार।  
     
    (च) वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार अभियान
    स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन एक क्लस्टर स्थान में 50 से अधिक श्रोताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।   
     
    (ज) प्रचार अभियान के लिए वाहनों का प्रयोग
    अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के लिए (स्टार प्रचारक के अतिरिक्त) कुल अनुमत वाहन:- 20 प्रति वाहन अधिकतम व्यक्तियों की संख्या, वाहन की क्षमता का 50% अनुमत्य।
    3
    प्रचार रहित अवधि
    प्रचार रहित अवधि है मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व। 
     
    4
    मतदान दिवस की गतिविधियां
    1. अधिकतम 2 वाहनों की अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वाहन पर 3 व्यक्ति होंगे। मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा।
    2. ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्र पर मतदान दिवस की गतिविधियां।     
    5
    मतगणना दिवस
    भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को समुचित उपाय करने चाहिए। मतगणना के पूरे समय के दौरान सामाजिक दूरी बनाना और कोविड सुरक्षा संबंधी अन्य नयाचारों का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए।  
     
    6.     सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी सभी गतिविधियों का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। कोविड-19 नयाचार के अनुसार, सामाजिक दूरी बनाना और मास्क, सैनीटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस-शील्ड, दस्ताने इत्यादि के प्रयोग का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोविड नयाचार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक और उपशमन उपायों के लिए एसडीएमए उत्तरदायी है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुवीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुपालन के लिए मुख्य सचिव और महानिदेशक और जिला स्तरीय प्राधिकारी उत्तरदायी होंगे।
    7.     यदि कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल उपर्युक्त दिशा-निर्देशों में से किसी का भी उल्लंघन करता है तो संबंधित अभ्यर्थी/दल को रैलियों, सभाओं इत्यादि के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई  प्रमुख (स्टार) प्रचारक कोविड नयाचारों का उल्लंघन करता है तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र/जिले में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
    8.     निर्वाचन ड्यूटी में लगे प्राइवेट व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सेवाएं देने से पहले दोनों टीके लगवाए जाएंगे।
    9.     अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंट/मतदान एजेंट/मतगणना एजेंट/ड्राइवर इत्यादि, जो भी जनता या निर्वाचन अधिकारियों के संपर्क में आ रहा है, उसे दोनों टीके लगवाने होंगे।
    10.    प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए कोविड नोडल अधिकारी के रूप में एक स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त किया जाना चाहिए।  
    11.    मुख्य सचिव/महानिदेशक और संबंधित जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान पूर्व और मतदान के पश्चात मतदान संबंधी कोई हिंसा न हो, पर्याप्त निवारक उपाय करेंगे तथा आवश्यक व्यवस्था करेंगे।
    12.    स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में, भारत निर्वाचन आयोग, मौजूदा परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए रखेगा और आगामी निर्वाचनों के लिए दिशों-निर्देशों को और सख्त कर सकता है।                 
     
    अनुबंध-1
    पश्चिम बंगाल के 159- भबानीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
    राज-पत्र की अधिसूचना जारी करने की तारीख
    06.09.2021, सोमवार
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    13.09.2021, सोमवार
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    14.09.2021, मंगलवार
    अभ्यर्थिताओं को वापिस लेने की अंतिम तारीख
    16.09.2021, गुरुवार
    मतदान की तारीख
    30.09.2021, गुरुवार
    मतगणना की तारीख
    03.10.2021, रविवार
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा कर लिया जाएगा
    05.10.2021, मंगलवार
     
    अनुबंध-2
    पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज एवं 58-जंगीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों तथा ओडिशा के 110-पिपिली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, जहां स्थगित मतदान आस्थगित कर दिए गए थे, में मतदान के लिए कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
    मतदान की तारीख 
    30.09.2021, गुरुवार
    मतगणना की तारीख
    03.10.2021, रविवार
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा कर लिया जाएगा 
    05.10.2021, मंगलवार

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

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