मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
अंग्रेज़ी में देखें   |   मुख्य विषयवस्तु में जाएं   |   स्क्रीन रीडर एक्सेस   |   A-   |   A+   |   थीम
Jump to content

प्रेस विज्ञप्तियाँ 2021

108 files

  1. भारत निर्वाचन आयोग ने "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक निबंध प्रतियोगिता" के प्रथम संस्करण का शुभारंभ किया

    सं. ईसीआई/पीएन/84/2021
    दिनांक: 01 अक्तूबर, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग की वार्षिक निबंध प्रतियोगिता" के प्रथम संस्करण का शुभारंभ किया 
    राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन आईआईआईडीईएम और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है 
    प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां 2 अक्तूबर से 21 नवंबर, 2021 तक प्राप्त की जाएंगी
     
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आज भारत अंतरराष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान (आईआईआईडीईएम) और जिंदल ग्‍लोबल लॉ स्‍कूल (जेजीएलएस), ओ.पी. जिंदल ग्‍लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत, हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "निर्वाचन एवं लोकतंत्र पर भारत निर्वाचन आयोग वार्षिक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता" के प्रारंभिक संस्‍करण के शुभारंभ की घोषणा की। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ 2 अक्तूबर, 2021 को होगा और प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर, 2021 है। प्रतियोगिता के लिए दो विषय हैं -विषय 1: 'चुनावों के दौरान सोशल मीडिया विनियमों के लिए विधिक संरचना' और विषय 2: 'चुनावी लोकतंत्र के संरक्षण में भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका'। इस निबंध प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य कानून के छात्रों को समकालीन शोध से जुड़ने और भारत में निर्वाचनों को शासित करने वाली विधि के नए आयामों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करना है। 
    निबंध प्रतियोगिता ऑनलाइन होगी और यह अंग्रेजी और हिंदी दोनों में आयोजित की जाएगी। इस निबंध प्रतियोगिता में भारतीय विधि विश्‍वविद्यालय/बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्‍यता-प्राप्‍त संस्‍थान/महाविद्यालय द्वारा संचालित विधि कार्यक्रम में अध्‍ययनरत छात्र भाग लेने के पात्र होंगे। निबंध के लिए प्रविष्टियों का मूल्यांकन निर्वाचन विधि के विशेषज्ञ जेजीएलएस संकाय के सदस्यों द्वारा आईआईआईडीईएम के परामर्श से मूल्यांकन के पांच मानदण्ड, जैसे विषय-वस्तु की मौलिकता, आरेखण एवं प्रस्तुतीकरण, शोध की गुणवत्ता, तार्किकता और प्राधिकृत पाठों व उद्धरणों के प्रयोग से किया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों के लिए उपलब्ध पुरस्कार आकर्षक हैं, जिसमें प्रथम पुरस्कार 1 लाख रु. की राशि का है।
    निबंध प्रतियोगिता के महत्व पर जोर देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने एक संदेश साझा किया कि यह प्रतियोगिता लॉ स्कूलों में पढ़ने वाले युवा तथा मेधावी विद्यार्थियों को भारत में निर्वाचनों को शासित करने वाली विधियों तथा नीतियों पर अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि यह निबंध प्रतियोगिता छात्रों को ऐसा मंच प्रदान करेगी जहां वे अपने गूढ़ ज्ञान, विश्लेषणात्मक क्षमता और सजग लेखन शैली का प्रदर्शन कर सकेंगे। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि यह निबंध प्रतियोगिता कानून के छात्रों की प्रतिभा को निखारकर, उसे विकसित करने तथा उपयोग में लाने की एक पहल है तथा यह उन्हें इस संविधान, विधि एवं निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिभा को व्यक्त करने का वार्षिक प्रतिस्पर्धात्मक अवसर भी प्रदान करेगी। निर्वाचन विधि के क्षेत्र में चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि निर्वाचन विधियों का सरोकार न केवल मतदाताओं, राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के अधिकारों से है, अपितु उनके उत्तरदायित्वों से भी है। उन्होंने सभी युवा छात्रों को इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। 
    निबंध प्रतियोगिता के दो विषयों पर प्रकाश डालते हुए श्री अनूप चंद्र पांडेय, निर्वाचन आयुक्त ने अपने संदेश में कहा कि इनके लिए प्रतिभागियों से अपेक्षित है कि वे सामान्य रूप से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विभिन्न संवैधानिक और कानूनी पहलुओं का और विशेष रूप से निर्वाचकीय प्रावधानों का गहन अध्ययन करें। उन्होंने आगे इस बात के प्रति अपना पूरा भरोसा जताया कि प्रतियोगिता के युवा प्रतिभागी, इन दोनों विषयों पर उत्‍कृष्‍ट आलेख प्रस्‍तुत करेंगे। 
    राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता का पूरा विवरण वेबसाइट यूआरएल:  https://www.eciessay.org पर उपलब्ध है, जो 2 अक्तूबर, 2021 से क्रियाशील होगा।

    617 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 01 October 2021

  2. 25 जनवरी 2021 को 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) का आयोजन 

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./06/2021
    दिनांक: 24 जनवरी 2021
    प्रेस नोट 
    25 जनवरी 2021 को 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) का आयोजन 
    इस वर्ष का एनवीडी थीम है 'मतदाता बनें सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक'
     भारत निर्वाचन आयोग 25 जनवरी 2021 को 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।
     भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि भारत के माननीय राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद होंगे। यह कार्यक्रम अशोक होटल, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा और माननीय राष्ट्रपति वर्चुअल रूप से राष्ट्रपति भवन से इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
     श्री रविशंकर प्रसाद, माननीय केंद्रीय विधि और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
     इस वर्ष के एनवीडी थीम  'मतदाता बनें सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक', में निर्वाचनों के दौरान सक्रिय और सहभागी मतदाताओं की परिकल्पना की गई है। यह कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान निर्वाचनों का सुरक्षित रूप से संचालन करवाने के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता पर भी फोकस करता है।
     भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस अर्थात, 25 जनवरी 1950 को मनाने के लिए पूरे देश में वर्ष 2011 से ही प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता रहा है। एनवीडी मनाने का मुख्य उद्देश्य विशेषकर नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा देना और नामांकन बढ़ाना है। देश के मतदाताओं को समर्पित इस दिवस का उपयोग, मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने और निर्वाचकीय प्रक्रिया में संसूचित भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। एनवीडी कार्यक्रमों में नए मतदाताओं को सम्मानित किया जाता है और उन्हें उनके निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) सौंपे जाते हैं।
     इस आयोजन के दौरान, भारत के माननीय राष्ट्रपति वर्ष 2020-21 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगे और भारत निर्वाचन आयोग का वेब रेडियो: 'हैलो वोटर्स’ का शुभारंभ करेंगे। राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को निर्वाचनों के संचालन करवाने में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे आईटी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, कोविड-19 के दौरान निर्वाचन प्रबंधन, सुगम निर्वाचन में और मतदाता जागरूकता तथा आउटरीच के क्षेत्र में योगदान हेतु सर्वश्रेष्ठ निर्वाचकीय परिपाटियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। राष्ट्रीय आइकनों, सीएसओ और मीडिया समूहों जैसे महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डरों को भी मतदाताओं की जागरूकता के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाएंगे।
     आयोग का वेब रेडियो: 'हैलो वोटर्स’: यह ऑनलाइन डिजिटल रेडियो सेवा मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों को संचालित करेगी। यह भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर एक लिंक के माध्यम से सुलभ होगी। रेडियो हैलो वोटर्स की प्रोग्रामिंग शैली, लोकप्रिय एफएम रेडियो सेवाओं के अनुरूप परिकल्पित की गई है। यह देश भर से हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में गीत, नाटक, चर्चा, स्पॉट्स, निर्वाचन की कहानियों आदि के माध्यम से निर्वाचकीय प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी और शिक्षा प्रदान करेगी।
     श्री रविशंकर प्रसाद, माननीय केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, ई-एपिक कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे और पांच नए मतदाताओं को ई-एपिक और निर्वाचक फोटो पहचान पत्र वितरित करेंगे। ई-एपिक, निर्वाचक फोटो पहचान पत्र के डिजिटल संस्करण तक मतदाता हेल्पलाइन एप और https://voterportal.eci.gov.in/ और https://www.nvsp.in/ वेबसाइटों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
     माननीय मंत्री, श्री प्रसाद इस आयोजन के दौरान निर्वाचन आयोग के तीन प्रकाशनों को भी जारी करेंगे। इन दस्तावेजों की प्रतियां, भारत के माननीय राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाएंगी।
     प्रकाशनों के विवरण नीचे दिए गए हैं:
     वैश्विक महामारी के दौरान निर्वाचन का आयोजन-एक फोटो यात्रा: इस फोटो बुक में वैश्विक महामारी के बीच निर्वाचनों का संचालन करवाने की चुनौतीपूर्ण यात्रा को दर्शाया गया है। आयोग ने देश में कई निर्वाचनों का सफल आयोजन किया, जिसकी शुरुआत राज्यसभा के द्विवार्षिक निर्वाचन से हुई थी। इसके बाद, बिहार में विधान सभा निर्वाचन हुए, जो वैश्विक महामारी के दौरान पूरी दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी कवायदों में से एक थी। देश के विभिन्न राज्यों में 60 निर्वाचन-क्षेत्रों के लिए उप-निर्वाचन भी आयोजित किए गए।
     स्वीप द्वारा किए गए प्रयास: लोकसभा निर्वाचन, 2019 के दौरान जागरूकता पहल: यह पुस्तक वर्ष 2019 में आयोजित 17वें साधारण निर्वाचन के दौरान मतदाता जागरूकता संबंधी कार्यकलापों, नवाचारों तथा पहल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। यह लिंग, जाति, पंथ और धर्म की बाधाओं को पार करते हुए, सम्पूर्ण देश में मनाए गए लोकतंत्र का सबसे बड़े त्यौहार, 'देश का महात्यौहार' की भावना को प्रलेखित करती है।
     चलो करें मतदान: यह एक कॉमिक पुस्तक है जिसका उद्देश्य मतदाता शिक्षा को मज़ेदार और प्रेरणादायक बनाना है। युवा, नए और भावी मतदाताओं को लक्षित करते हुए, इस कॉमिक पुस्तक में दिलचस्प और संबद्ध पात्र शामिल किए गए हैं, ताकि निर्वाचकीय प्रक्रियाओं के बारे में बड़े पैमाने पर मतदाताओं को शिक्षित किया जा सके।

    246 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 February 2021

  3. विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम- तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/83/2021
    दिनांकः 28 सितम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    विषयः विभिन्न राज्यों के संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम- तत्संबंधी।
          आयोग ने महामारी, बाढ़, त्यौहारों, कुछ क्षेत्रों में ठंड की स्थिति, संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्रतिक्रिया (फीडबैक) की समीक्षा की है तथा सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने नीचे दिए गए विवरण के अनुसार संघ राज्य क्षेत्र दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के तीन (3) संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विभिन्न राज्यों के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में तीस (30) रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन कराने का निर्णय लिया है:
    क्र. सं.
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1.
    दादरा और नागर हवेली एवं दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र
    दादरा और नागर हवेली
    2.
    मध्य प्रदेश
    28-खण्डवा
    3.
    हिमाचल प्रदेश
    2-मण्डी
     
    क्र. सं.
    राज्य
    निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1.
    आंध्र प्रदेश
    124-बाडवेल (अ. जा.)
    2.
    असम
    28-गोस्साई गाँव
    3.
    असम
    41-भबानीपुर
    4.
    असम
    58-तमुलपुर
    5.
    असम
    101-मरियानी
    6.
    असम
    107-थोवरा
    7.
    बिहार
    78-कुशेश्वरस्थान (अ. जा.)
    8.
    बिहार
    164-तारापुर
    9.
    हरियाणा
    46-ऐलनाबाद
    10.
    हिमाचल प्रदेश
    08-फतेहपुर
    11.
    हिमाचल प्रदेश
    50-अर्की
    12.
    हिमाचल प्रदेश
    65-जुब्बल-कोटखाई
    13.
    कर्नाटक
    33-सिन्डगी
    14.
    कर्नाटक
    82-हानगल
    15.
    मध्य प्रदेश
    45-पृथ्वीपुर
    16.
    मध्य प्रदेश
    62-रैगाँव (अ. जा.)
    17.
    मध्य प्रदेश
    192-जोबट (अ. ज. जा.)
    18.
    महाराष्ट्र
    90-देगलुर (अ. जा.)
    19.
    मेघालय
    13-मावरेंगकेंग (अ. ज. जा.)
    20.
    मेघालय
    24-मावफलांग (अ. ज. जा.)
    21.
    मेघालय
    47-राजबाला
    22.
    मिजोरम
    4-तुईरिअल (अ. ज. जा.)
    23.
    नागालैंड
    58-शामटोर चेस्सोरे (अ. ज. जा.)
    24.
    राजस्थान
    155-वल्लभनगर
    25.
    राजस्थान
    157-धरियावद (अ. ज. जा.)
    26.
    तेलंगाना
    31-हुजूराबाद
    27.
    पश्चिम बंगाल
    7-दिनहाटा
    28.
    पश्चिम बंगाल
    86-सान्तिपुर
    29.
    पश्चिम बंगाल
    109-खारडाह
    30.
    पश्चिम बंगाल
    127-गोसाबा (अ. जा.)
           आयोग ने रिक्तियों को भरने के लिए इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करवाने का निर्णय लिया है और धारा 30 के अधीन प्रावधानों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 30 (ग) के अंतर्गत मतदान के कार्यक्रमों की तारीखें तथा नाम वापिस लेने की तारीख निर्धारित की हैं। उप-निर्वाचन की अनुसूची निम्नानुसार हैः 
    अनुसूची 1: आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, तेलंगाना की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र एवं दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव संघ राज्य क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश की संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए।
    मतदान कार्यक्रम
    अनुसूची 1
     
     
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    01.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    08.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    11.10.2021 (सोमवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    13.10.2021 (बुधवार)
    मतदान की तारीख
    30.10.2021 (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    02.11.2021 (मंगलवार)
    वह तारीख, जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    05.11.2021 (शुक्रवार)
     
    अनुसूची 2: असम, बिहार और पश्चिम बंगाल की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए
    मतदान कार्यक्रम
    अनुसूची 2
     
     
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    01.10.2021  (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    08.10.2021 (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    11.10.2021 (सोमवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    16.10.2021 (शनिवार)
    मतदान की तारीख
    30.10.2021 (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    02.11.2021 (मंगलवार)
    वह तारीख, जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    05.11.2021 (शुक्रवार)
    1. निर्वाचक नामावली
    उपरोक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 01.01.2021 के संदर्भ में प्रकाशित निर्वाचक नामावली, इन निर्वाचनों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
    2. इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट 
    आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दी गई हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से मतदानों का आयोजन सुचारु रूप से हो ।  
    3. मतदाताओं की पहचान 
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रमुख दस्तावेज होगा। हालांकि, मतदान केंद्र पर निम्नलिखित पहचान दस्तावेजों में से भी कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है:   
    i.      आधार कार्ड,
    ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
    iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक,
    iv.     श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    v.     ड्राइविंग लाइसेंस,
    vi.     पैन कार्ड,
    vii.    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
    viii.    भारतीय पासपोर्ट,
    ix.     फोटोग्राफ सहित पेंशन दस्तावेज,
    x.     केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी     सेवा पहचान-पत्र, और
    xi.     संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र।                  
    4.  आदर्श आचार संहिता
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत यथा-जारी आंशिक संशोधन के अध्यधीन आदर्श आचार संहिता उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
    5. आपराधिक पूर्ववृत्त के बारे में सूचना
          आयोग ने आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार के लिए समय सीमा निर्धारित की है, जो नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से शुरू होकर मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के समाप्त होने से 48 घंटे पहले तक है।
          इस मामले पर समेकित निर्देश आयोग की वेबसाइट पर निम्नलिखित हाइपरलिंक के तहत उपलब्ध है https://eci.gov.in/files/file/12265-broad-guidelines-of-election-commission-of-india-on-publicity-of-criminal-antecedents-by-political-parties-candidates/।
           यह ब्रजेश सिंह बनाम सुनील अरोड़ा और अन्य शीर्षक वाली वर्ष 2020 की अवमानना याचिका (सि) सं. 656 में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिनांक 13.02.2020 और 10.08.2021 के निर्णय के क्रम में है, जिसे आयोग के दिनांक 26.08.2021 के पत्र के तहत राजनैतिक दलों को वितरित किया गया है। निर्णय के पैरा 73.V के अंतर्गत दिए गए निर्देश के अनुसरण में, अब, फॉर्मेट सी-7 राजनैतिक दलों द्वारा अभ्यर्थी के चयन के 48 घंटों के भीतर प्रकाशित किया जाना चाहिए न कि नामांकन दाखिल करने की प्रथम तारीख से दो सप्ताह पहले।
    आयोग ने आपराधिक पूर्ववृत्त के प्रचार के लिए निम्नलिखित समय सीमा निर्धारित की है, जो नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से शुरू होकर मतदान के समापन के लिए निर्धारित घंटे के समाप्त होने से 48 घंटे पहले तक है।
          इस मामले पर समेकित निर्देश आयोग की वेबसाइट पर निम्नलिखित हाइपरलिंक के तहत उपलब्ध है https://eci.gov.in/files/file/12265-broad-guidelines-of-election-commission-of-india-on-publicity-of-criminal-antecedents-by-political-parties-candidates/। 
    6.  कोविड-19 की अवधि के दौरान उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश 
    आयोग ने 21 अगस्त, 2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने दिनांक 09.10.2020, 09.04.2021, 16.04.2021, 21.04.2021, 22.04.2021, 23.04.2021 एवं 28.04.2021 को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो आयोग की वेबसाइट eci.gov.in या लिंक https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्ध हैं। साथ ही, दिनांक 28 अगस्त, 2021 के पत्र सं. 40-3/2020-डीएम-I(ए), के तहत कोविड प्रबंधन के लिए लक्षित और त्वरित कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेशों को 30 सितम्बर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। राजनैतिक दलों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट्स लेने के बाद और एमएचए/एमओएचएफडब्ल्यू के मौजूदा अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को और ज्यादा सख्त कर दिया है। इसके अलावा, कोविड-19 अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में साधारण निर्वाचन के संचालन से संबंधित आयोग के सभी अनुदेश, यथोचित परिवर्तन के साथ इन उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के लिए भी लागू रहेंगे।         
    सभी स्टेकहोल्डर इन अनुदेशों का पालन करेंगे। संबंधित राज्य सरकार इन अनुदेशों के अनुपालन में निम्नानुसार सभी समुचित कार्रवाई/उपाय करेगी:- 
    1
    नाम-निर्देशन
    नाम-निर्देशन से पहले और बाद में, शोभायात्रा, जनसभा निषिद्ध है/रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि क्षेत्र में केवल तीन वाहनों की अनुमति। नाम-निर्देशन के लिए किसी शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।      
    2
    प्रचार अभियान अवधि
     
    (क) प्रचार के लिए सभा 
     
    (i) इंडोर 
    अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्ति, जो भी कम हो। सभा में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों की संख्या की गणना करने के लिए एक रजिस्टर बनाया जाएगा। 
     
    (ii) बाह्य 
    प्रमुख (स्टार) प्रचारकों के मामले में क्षमता का 50% (कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुसार) या 1000 और अन्य सभी मामलों में क्षमता का 50% या 500।  दोनों मामलों में अनुमत संख्या वही है, जो भी कम हो। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी और पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मैदान में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना का अनुवीक्षण किया जाएगा। घेराबंदी/बाड़बंदी का खर्च अभ्यर्थी/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा। रैलियों के लिए केवल वे ही मैदान प्रयोग में लाए जाएंगे, जिनकी पूरी घेराबंदी/बाड़बंदी है।      
     
    (ख) प्रमुख प्रचारक
    कोविड-19 महामारी के कारण इन उप-निर्वाचनों के लिए राष्ट्रीय/राज्यीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुख (स्टार) प्रचारकों की संख्या 20 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के लिए 10 तक सीमित है।
     
    (ग) रोड शो
    किसी रोड शो की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी मोटर/बाइक/साइकिल रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
     
    (घ) नुक्कड़ सभा
    अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी (स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन) 
     
    (ङ) घर-घर जाकर  प्रचार अभियान
    अभ्यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों को शामिल करके 5 व्यक्तियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार।  
     
    (च) वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार अभियान
    स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन एक क्लस्टर स्थान में 50 से अधिक श्रोताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।  
     
    (ज) प्रचार अभियान के लिए वाहनों का प्रयोग
    अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के लिए (स्टार प्रचारक के अतिरिक्त) कुल अनुमत वाहन:- 20 प्रति वाहन अधिकतम व्यक्तियों की संख्या, वाहन की क्षमता का 50% अनुमत्य।
    3
    प्रचार रहित अवधि
    प्रचार रहित अवधि मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व है। 
    4
    मतदान दिवस की गतिविधियां
    1. अधिकतम 2 वाहनों की अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वाहन पर 3 व्यक्ति होंगे। मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा।
    2. ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्र पर मतदान दिवस की गतिविधियां।    
    5
    मतगणना दिवस
    भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को समुचित उपाय करने चाहिए। मतगणना के पूरे समय के दौरान सामाजिक दूरी बनाना और कोविड सुरक्षा संबंधी अन्य नयाचारों का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए। 
     7.     सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी सभी गतिविधियों का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। कोविड-19 नयाचार के अनुसार, सामाजिक दूरी बनाना और मास्क, सैनीटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस-शील्ड, दस्ताने इत्यादि के प्रयोग का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोविड नयाचार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक और उपशमन उपायों के लिए एसडीएमए उत्तरदायी है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुवीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुपालन के लिए मुख्य सचिव और महानिदेशक और जिला स्तरीय प्राधिकारी उत्तरदायी होंगे। 
    8.     यदि कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल उपर्युक्त दिशा-निर्देशों में से किसी का भी उल्लंघन करता है तो संबंधित अभ्यर्थी/दल को रैलियों, सभाओं इत्यादि के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई प्रमुख (स्टार) प्रचारक कोविड नयाचारों का उल्लंघन करता है तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र/जिले में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
    9.     निर्वाचन ड्यूटी में लगे प्राइवेट व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सेवाएं देने से पहले दोनों टीके लगवाए जाएंगे। 
    10.    अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंट/मतदान एजेंट/मतगणना एजेंट/ड्राइवर इत्यादि, जो भी जनता या निर्वाचन अधिकारियों के संपर्क में आ रहा है, उसे दोनों टीके लगवाने होंगे। 
    11.    प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए कोविड नोडल अधिकारी के रूप में एक स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त किया जाना चाहिए। 
    12.    मुख्य सचिव/महानिदेशक और संबंधित जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान पूर्व और मतदान के पश्चात मतदान संबंधी कोई हिंसा न हो, पर्याप्त निवारक उपाय करेंगे तथा आवश्यक व्यवस्था करेंगे। 
    13.    स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में, भारत निर्वाचन आयोग, मौजूदा परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए रखेगा और आगामी निर्वाचनों के लिए दिशों-निर्देशों को और सख्त कर सकता है। 

    129 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 September 2021

  4. भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/पीएन 82/2021                            
    दिनांकः 21 सितम्बर, 2021
     
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया;
    नीतिगत ढांचे को और सुप्रवाही बनाने की दिशा में चर्चा की गई 
    भारत निर्वाचन आयोग ने वर्तमान सुगमता नीतियों का आकलन करने और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचक प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए बाधाओं को दूर करने के लिए कार्यनीतियों पर चर्चा करने के उद्देश्य से आज राष्ट्रीय वर्चुअल सुगम निर्वाचनों पर सम्मेलन, 2021 का आयोजन किया। इस वर्चुअल सम्मेलन में सुगम निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्यों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता का प्रतिनिधित्व करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों और सरकारी मंत्रालयों तथा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

    दिव्यांगजनों के लिए निर्वाचनों को और अधिक समावेशी, सुगम और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता की पुनःपुष्टि करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि आयोग प्राथमिक स्टेकहोल्डरों अर्थात दिव्यांगजनों सहित ऐसे मतदाता के निर्णय लेने की भूमिका का सम्मान करता है, जो निर्वाचक प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं और जिन्हें निभानी चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने यह भी कहा कि निर्वाचक प्रक्रिया के प्रत्येक कदम पर समावेशिता और सुगमता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश बनाते समय दिव्यांगजनों और उनके प्रतिनिधि संगठनों द्वारा सभी सार्थक जानकारियों और सुझाई गई सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाता है। श्री चंद्रा ने निर्वाचकीय प्रक्रिया में दिव्यांगजनों के समावेशन पर जोर देने के विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संकल्पों एवं अधिदेशों में भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने दिव्यांगजनों के सुखद और गरिमापूर्ण मतदान अनुभव की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि सभी मतदान केंद्र भूतल पर स्थित हैं और इन सभी में रैंप हैं तथा व्हीलचेयर और मतदान केंद्रों पर निर्बाध तथा बाधामुक्त निर्वाचन अनुभव के लिए पर्याप्त स्वयंसेवकों को तैनात किया जाता है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 एक कानूनी अधिदेश प्रदान करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मतदान केंद्रों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाया जाए और निर्वाचक प्रक्रिया से संबंधित सभी सामग्री उनके द्वारा आसानी से समझी जा सके और उपयोग की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन अधिकारियों एवं सीएसओ स्टेकहोल्डरों के सामूहिक प्रयास ने विभिन्न जनसंख्या समूहों के लिए निर्वाचक प्रक्रिया को सुगम, सुरक्षित और सम्मानपूर्ण बनाने के अतिरिक्त, देश भर में बड़ी संख्या में दिव्यांग निर्वाचकों तक पहुचंने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने उन्नत डाटा प्रसंस्करण, सामुदायिक अभिनिर्देश बिंदुओं को पहचानने और दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट नागरिक समूहों के लिए सौहार्दपूर्ण इको प्रणालियों के सृजन के माध्यम से सामुदायिक सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री पांडेय ने यह भी कहा कि सुगम निर्वाचन हमेशा से आयोग का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है, जिसके द्वारा ईसीआई यह सुनिश्चित करते हुए कि पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में सभी की समान पहुंच हो, विशेष रूप से सभी लक्षित समूहों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करता है। 
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इस सम्मेलन का आयोजन समयपूर्वक किया है, जब आयोग आगामी राज्य विधान सभा के निर्वाचनों की तैयारी में लगा हुआ है। विभिन्न सीईओ, सीएसओ और आयोग के आइकनों से प्राप्त इनपुटों को दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिक सुगम, समावेशी और मतदाता अनुकूल बनाने के लिए निर्वाचनों की योजना एवं तैयारी में समाविष्ट किया जाएगा।

    यह सूचित किया गया था कि आज की तारीख तक लगभग 77.4 लाख दिव्यांजन पंजीकृत मतदाता हैं। यह मानते हुए कि एक मजबूत एवं जीवंत लोकतंत्र की स्थापना की आधारशिला समावेश और सहभागिता होती है, आज का विचार-विमर्श दिव्यांगजन की पहचान/मानचित्रण, सुगम पंजीकरण, मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, सुगम निर्वाचनों के लिए प्रौद्योगिकी के दक्षतापूर्ण उपयोग, सुगम मतदाता शिक्षा तथा साझेदारी और सहयोग से लाभ उठाने और मीडिया आउटरीच के थीम पर केंद्रित था। निदेशक एएडीआई, कार्यपालक निदेशक, राष्ट्रीय बधिर संघ, निदेशक, एसपीएआरसी-इंडिया, कार्यपालक निदेशक, एनसीपीईडीपी, कार्यपालक निदेशक बीपीए, आईएसएलआरटीसी और पीडीयूएनआईपीपीडी के प्रतिनिधियों के साथ-साथ ईसीआई की राष्ट्रीय आइकन, डॉ. नीरू कुमार सहित विभिन्न सीएसओ के महत्वपूर्ण वक्ताओं ने निर्वाचन सुगम और समावेशी बनाने के लिए बहुमूल्य इनपुट साझा किए। 
    विभिन्न स्टेकहोल्डरों से प्राप्त सुझावों के आधार पर, भावी निर्वाचनों के लिए 'सुगम निर्वाचनों' पर नीतिगत ढांचे को सुप्रवाही बनाने के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने हेतु एक संकल्प अंगीकार किया गया। व्यापक अनुवीक्षण तंत्र और सभी मतदान केंद्रों की सुगमता का आकलन; दिव्यांगजनों के लिए सभी मुख्यधारा संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों का एकीकरण; निर्वाचन कर्मियों का प्रशिक्षण और संवेदीकरण; दिव्यांगता की समझ में सुधार के लिए अधिकाधिक जागरूकता; डाटा संग्रह के तात्कालिक तरीके; दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के बारे में जागरूकता; मजबूत आईवीआरएस हेल्पलाइन एवं ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र और निर्वाचन प्रक्रिया के सभी स्तरों पर सुगमता सुनिश्चित करने के लिए सुगमता प्रेक्षकों और सूक्ष्म प्रेक्षकों की तैनाती, कुक्ष ऐसे विचार थे जिसकी इस वर्चुअल सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई। 
    सम्मेलन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्तों श्री राजीव कुमार एवं श्री अनूप चंद्र पांडेय के साथ निम्नलिखित का विमोचन किया;
    बाधाओं को पार करना-सुगमता पहल, 2021: यह पुस्तिका दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा देने और सशक्त बनाने के लिए नवोन्मेषी प्रथाओं और सुगमता पहल का संकलन है। हाल ही में शुरू की गई पहल जैसे मतदाता गाइड, नए मतदाता को पत्र और मतदाता जागरूकता पर 50 प्रेरक गीतों की एक गीत पुस्तिका का ब्रेल भाषा संस्करण। मतदाता हेल्पलाइन एप और ईवीएम-वीवीपैट के दो जागरूकता वीडियो के सांकेतिक भाषा में संस्करण। साधारण विधान सभा निर्वाचन, 2018 और लोकसभा निर्वाचन, 2019 में दिव्यांगजनों को कर्नाटक में प्रदान की गई स्वीप गतिविधियों और सुविधाओं के परिणामों के मूल्यांकन अध्ययन का भी आयोग द्वारा विमोचन किया गया था।  
    हाल ही में हुए मतदान संपन्न हुए राज्यों से सीख और अनुभवों सहित निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक की गई सुगम्यता संबंधी पहल पर एक प्रस्तुति भी प्रतिभागियों के साथ साझा की गई। इस सम्मेलन में दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए सम्मेलन को सुलभ बनाने हेतु समर्पित सांकेतिक भाषा दुभाषिए थे।

    224 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 28 September 2021

  5. भारत निर्वाचन आयोग में हिंदी दिवस समारोह 2021 का आयोजन

    सं.. ईसीआई/पीएन/81/2021                             
    दिनांक :  14 सितम्बर, 2021
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग में हिंदी दिवस समारोह 2021 का आयोजन 
    भारत निर्वाचन आयोग में आज दिनांक 14.09.2021 को अपराह्न 4:00 बजे माननीय आयोग की अध्यक्षता में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने इस अवसर पर 'राजभाषा स्मारिका', आयोग की इन-हाउस त्रैमासिक हिंदी पत्रिका- 'महत्वपूर्ण है मत मेरा' और 'एटलस 2019' (हिंदी संस्करण) का विमोचन किया। साथ ही, आयोग के कर-कमलों से आरटीआई पोर्टल के हिंदी रूप का लोकार्पण भी किया गया। 

    2.     उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग में 01 सितम्बर, 2021 से लेकर 14 सितम्बर, 2021 तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। पखवाड़े के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं, टिप्पण एवं प्रारूपण प्रतियोगिता, हिंदी निबंध प्रतियोगिता, हिंदी टंकण प्रतियोगिता, हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिता एवं एमटीएस कर्मचारियों के लिए श्रुतलेख एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गईं जिनमें आयोग के स्टॉफ सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। 
    3.     इस अवसर पर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि केवल पखवाड़े में ही हिंदी में काम न करें, अपितु बाकी दिनों में भी अपने प्रशासनिक कार्य हिंदी में करने की शुरुआत करें। उन्होंने राजभाषा स्मारिका प्रकाशित करने के लिए आयोग के राजभाषा डिवीजन की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रकाशन त्रैमासिक आधार पर नियमित रूप में प्रकाशित किए जाएं। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने कहा कि इसे वार्षिक अनुष्ठान न बनाएं और उन्होंने हिंदी का यशगान करते हुए हिंदी की महत्ता बतलाने वाली अपनी एक स्वरचित कविता भी पढ़कर सुनाई। इस अवसर पर बोलते हुए माननीय निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा, "अंग्रेजी में बोलना कोई गौरव का प्रतीक नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी लिंग्वा इंडिका बन गई है और भारत में यह सम्पर्क भाषा के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी में काम करने की शुरुआत हस्ताक्षर करके करें।  

     4.     आयोग के इस हिंदी दिवस समारोह में हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को माननीय आयोग के कर-कमलों से प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए

    103 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 15 September 2021

  6. भारत निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक आभासी सम्मेलन आयोजित करता है

    सं. ईसीआई/पीएन/69/2021
    दिनांक: 15 जून, 2021
     
    भारत निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक आभासी सम्मेलन
    आयोजित करता है
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त मतदाता केन्द्रित सेवाओं को तत्परता और कुशलता से वितरित करने पर जोर देता है
    साधारण निर्वाचन 2019- सम्मेलन के दौरान जारी किया गया एक एटलेस
     
    आज भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का एक आभासी सम्मेलन आयोजित किया।  सम्मेलन मुख्य रूप से बुनियादी ढाचें और प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण से संबंधित सुचारू, कुशल और मतदाता के अनुकूल सेवाओं, निर्वाचक नामावली का अद्यतन/शुद्धता, आई टी अनुप्रयोगों का एकीकरण, व्यापक मतदाता आउटरीच कार्यक्रम, ईवीएम और वीवीपीएटी भण्डारण जैसे प्रमुख विषयगत मुद्दों पर केन्द्रित था।
     
    मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा  ने बैक-एण्ड प्रणालियों में पुनर्निर्माण के लिए ऐसी आवधिक समीक्षा बैठकों की महत्ता पर बल दिया ताकि प्राथमिकता के आधार पर मतदाता केन्द्रित सेवाओं को तत्परता और कुशलता से वितरिता किया जा सके। श्री चंद्रा ने कहा कि  ऐसी सीईओ संमीक्षा बैठकें  संस्थागत रूप से और अधिक आयोजित की जाएगी। श्री चंद्रा ने जोर दिया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पंजीकरण और अन्य सेवाओं जैसे सुधार, विद्यमान मतदाताओं के लिए पता परिवर्तन करना और निर्वाचन आयोग के परेशानी मुक्त सुविधा मंच के बारे में जागरूकता के लिए नए मतदाताओं से जुड़ने के लिए निरन्तर प्रयास करना चाहिए।  उन्होंने अद्यतित और त्रुटि रहित निर्वाचक नामावली की  महत्ता को बार-बार बताया। श्री चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से भावी निर्वाचनों के लिए शिक्षण एवं अनुकूलन हेतु निर्वाचन वाले राज्यों द्वारा विभिन्न नवोन्वेषी कदमों के सर्वोत्तम पद्धियों को साझा करने के लिए कहा।
     
     निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन ने कहा कि हाल ही में हुए निर्वाचन वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सफल सर्वोत्तम पद्धितयों जैसे अनुपस्थित मतदाताओं के लिए मोबाइल एप, आपराधिक इतिहास और मतदान/पुलिस कर्मियों की यादृच्छिकीकरण को बढ़ाने और एकीकृत करने के तरीकों का सुझाव देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम के भण्डारण एवं आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को ईवीएम भंडारण गोदामों का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण सुनिश्चित करना चाहिए। श्री कुमार ने भी कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को कोर समिति द्वारा जांच किए जा रहे चिन्हित कार्यक्षेत्रों में किए जाने वाले नए सुधारों के लिए अपने सुझाव और उपाय भेजने चाहिए।
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांण्डे ने सी ई ओ की उनके रचनात्मक सुझावों के लिए सरहाना की। उन्होंने कहा कि गैर-निर्वाचन अवधि का उपयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जनशक्ति संसाधनों और बुनियादी ढाचे के अंतराल को समेकित करने और भरने के लिए एवं संचार और जागरूकता क्रियाकलापों की योजना बनाने और अपने राज्यों की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए करना चाहिए।
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को स्मरण कराया कि गैर-निर्वचन अवधि के दौरान, निर्वाचक नामावलियों की शुद्धता, मतदाताओं की शिकायतों का निवारण, निर्वाचक साक्षारता क्लबों एवं अन्य स्वीप मानदंडों के माध्यम से नए तथा भावी मतदाताओं के साथ जुड़नें के लिए आउटरीच क्रियाकलापों, स्टफिंग और बजट मामलों, सीईओ कार्यालयों की टीमों के प्रशिक्षण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए ताकि आगामी निर्वाचनों के लिए सीईओ कार्यालय पूरी तरह से तैयार हों। 
    वरिष्ठ डीईसी श्री धर्मेन्द्र शर्मा, डीईसी श्री सुदीप जैन, श्री चंद्रभूषण कुमार और श्री नितेश व्यास ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ उनके विशिष्ट विषयगत मुद्दों पर भी बातचीत की। 
    सम्मेलन के दौरान, असम, केरल, तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने महामारी के दौरान निर्वाचन संचालन के अपने अनुभवों और सीख को साझा किया। गोवा, मणिपुर,पंजाब, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने विशेष रूप से आयोग को अपने-अपने राज्यों में आगामी विधान सभा निर्वाचनों के लिए विभिन्न चुनौतियों, नवाचारों और सुझावों के बारे में जानकारी दी। 
     
     आज आयोग ने भी समीक्षा बैठक के दौरान  ‘ साधारण निर्वाचन-2019 पर एटलस ’ ई लांच किया। एटलस इस स्मरणीय कार्यक्रम के सभी डाटा और सांख्यिकीय आंकड़ें शामिल करता है। इस एटलस में 42 विषयगत मानचित्र एवं निर्वाचनों के विभिन्न पहलुओं को दर्शानें वाले 90 सारणी शामिल हैं। साधारण निर्वाचन 2019 एटलस एक सूचनात्मक और उदाहरणात्मक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों पर प्रकाश डालता है। देश की निर्वाचन संबंधी विविधता को बेहतर रूप से समझने और उसकी सराहना करने के लिए मानचित्र एवं तालिकाओं में जानकारी को चित्रमय तरीके से दर्शाया जाता है। एटलस उन 23 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के डाटा जैसी विशेषताओं को प्रकाश में लाता है जहां महिला मतदान प्रतिशत पुरूष मतदान प्रतिशत से अधिक था; निर्वाचकों, अभ्यर्थियों और अन्य मानदंडों के बीच राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के मामले में सबसे बड़ी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के बारे में सूचना प्रदान करता है। ई-एटलस  https://eci.gov.in/ebooks/eci-atlas/index.html. पर उपलब्ध है। कोई भी सुझाव आयोग के ईडीएमडी प्रभाग पर साझा किया जा सकता है।


     

    169 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  7. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021 – तत्संबंधी।

    असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन, 2021
     





    418 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 February 2021

  8. भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन 2019 पर एटलस का विमोचन किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./70/2021 
    दिनांकः 18 जून, 2021
     प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन 2019 पर एटलस का विमोचन किया 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ 15 जून, 2021 को 'साधारण निर्वाचन 2019-एक एटलस' का विमोचन किया। श्री चंद्रा ने इस अभिनव दस्तावेज को संकलित करने के लिए आयोग के अधिकारियों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि यह शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को भारतीय निर्वाचनों के विशाल परिदृश्य का आगे और अन्वेषण करने के लिए प्रेरित करेगा।
     
     
    इस एटलस में इस वृहत कार्य के सभी डाटा और सांख्यिकीय आंकड़े शामिल हैं। इसमें 42 थीमैटिक मैप और 90 सारणी हैं, जो निर्वाचन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। यह एटलस भारतीय निर्वाचनों से संबंधित रोचक तथ्य, उपाख्यान और कानूनी प्रावधान भी साझा करती है। 
    वर्ष 1951-52 में पहले साधारण निर्वाचनों के बाद से, आयोग नैरेटिव और सांख्यिकीय पुस्तकों के रूप में निर्वाचकीय आंकड़ों के संकलन का प्रकाशन करता रहा है। वर्ष 2019 में आयोजित 17वें साधारण निर्वाचन, मानव इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद थी, जिसमें भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर भू-भाग में फैले 10.378 लाख मतदान केंद्रों पर 61.468 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी देखी गई। 
    भारतीय निर्वाचनों में निर्वाचकीय डाटा, मुख्य रूप से निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों द्वारा निर्वाचक नामावली तैयार करने और रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा निर्वाचनों के संचालन की प्रक्रिया के दौरान एकत्र किया जाता है। तत्पश्चात यह डाटा इन सांविधिक प्राधिकरणों द्वारा समानुक्रमित किया जाता है। तत्पश्चात, निर्वाचकीय प्रक्रिया के समापन के बाद, भारत निर्वाचन आयोग इस निर्वाचकीय डाटा को एकत्र करता है और संकलन, रिकॉर्ड और प्रसार प्रयोजनार्थ विभिन्न रिपोर्टें तैयार करता है। 
    अक्तूबर 2019 में, आयोग ने 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्वाचकीय आंकड़ों के आधार पर सांख्यिकीय रिपोर्ट जारी की। इस एटलस में वर्णित नक्शे और सारणी उस जानकारी को दर्शाते हैं और देश की निर्वाचकीय विविधता की बेहतर समझ और जानकारी प्रदान करते हैं। डाटा को प्रासंगिक बनाने के अलावा, ये विस्तृत नक्शे विभिन्न स्तरों पर निर्वाचकीय पैटर्न को व्यक्त करते हैं और साथ ही इसके स्थानिक और कालसूचक विन्यास को दर्शाते हैं। निर्वाचकीय डाटा की बेहतर संकल्पना और निरूपण करने के उद्देश्य से, यह एटलस एक ऐसे सूचनात्मक और विस्तृत दस्तावेज के रूप में कार्य करती है जो भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों को प्रकाश में लाता है और पाठकों को रुझानों और परिवर्तनों का विश्लेषण करने के योग्य बनाता है। 
     
     
     इस एटलस में मुख्य विशेषताओं को प्रकाशित किया गया है, जैसे ऐसे उन 23 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का डाटा, जहां महिला मतदान प्रतिशत पुरुष मतदान प्रतिशत से अधिक था; निर्वाचकों, अभ्यर्थियों के संदर्भ में सबसे बड़े और सबसे छोटे संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के बारे में जानकारी और अन्य मापदंडों के साथ-साथ राजनैतिक दलों का प्रदर्शन। 
    यह एटलस विभिन्न श्रेणियों में और विभिन्न आयु वर्गों में निर्वाचक और निर्वाचक लिंग अनुपात जैसे विभिन्न तुलनात्मक चार्टों के माध्यम से निर्वाचक डाटा को दर्शाती है। 2019 के साधारण निर्वाचनों में भारतीय निर्वाचनों के इतिहास में सबसे कम लैंगिक अंतर देखा गया। निर्वाचक लिंग अनुपात, जिसने 1971 से सकारात्मक रुझान दिखाया है, 2019 के साधारण निर्वाचनों में 926 था। 
    एटलस में वर्ष 2014 और 2019 के साधारण निर्वाचनों के दौरान विभिन्न राज्यों में प्रति मतदान केंद्र निर्वाचकों की औसत संख्या की तुलना भी की गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन, 2019 में अरुणाचल प्रदेश में प्रति मतदान केंद्र सबसे कम मतदाताओं (365) के साथ 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए। 
    विभिन्न अन्य श्रेणियों में इस एटलस में वर्ष 1951 से साधारण निर्वाचनों में लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या की तुलना भी की गई है। 2019 के साधारण निर्वाचनों में, देश भर में दाखिल किए गए कुल 11692 नामांकनों में से नामांकन अस्वीकृत किए जाने और नाम वापस लेने के बाद 8054 योग्य अभ्यर्थी थे। 
    विवरण देखने के लिए, ई-एटलस https://eci.gov.in/ebooks/eci-atlas/index.html पर उपलब्ध है। यदि सुझाव कोई हो, तो आयोग के ईडीएमडी प्रभाग के साथ साझा किए जा सकते हैं।

    236 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  9. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों और विभिन्न राज्यों के पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)/एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझानों एवं परिणामों के प्रचार-प्रसार के लिए 2 मई, 2021

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./59/2021                
    दिनांकः 1 मई, 2021
     
    प्रेस नोट 
    विषयः असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों और विभिन्न राज्यों के पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)/एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझानों एवं परिणामों के प्रचार-प्रसार के लिए 2 मई, 2021 को व्यवस्थाएं। 
    असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों तथा विभिन्न राज्यों के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझान एवं परिणाम सभी मतगणना केंद्रों के अलावा निम्नलिखित स्थानों से 02.05.2021 को पूर्वाह्न 8.00 बजे से उपलब्ध होंगेः
    1.  https://results.eci.gov.in भारत निर्वाचन आयोग की इस वेबसाइट पर परिणाम प्रदर्शित किए जाते हैं और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा चरणवार रूझानों और परिणामों को प्रदर्शित करने के लिए कुछ-कुछ मिनटों में अद्यतन किए जाते हैं।
    2.  रूझान और परिणाम गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर उपलब्ध "मतदाता हेल्पलाइन" मोबाइल एप के माध्यम से भी सुलभ है। 
    वेबसाइट/मोबाइल एप संबंधित मतगणना केंद्रों से रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा प्रणाली में दर्ज की गई सूचना को प्रदर्शित करेगा। निर्वाचन आयोग (ईसी) रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उनके संबंधित मतगणना केंद्रों से प्रणाली में दर्ज की गई सूचना को प्रदर्शित करेगा। प्रत्येक पीसी/एसी के लिए अंतिम डाटा केवल फॉर्म 20 में साझा किया जाएगा।

    180 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 01 May 2021

  10. देश ने 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./07/2021
    दिनांकः 25 जनवरी, 2021
     
    प्रेस नोट
     
    देश ने 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया
    राष्ट्रपति ने वर्चुअल, ऑनलाइन तरीके से नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के समारोह में भाग लिया
    आयोग ने डिजिटल मतदाता कार्डों, यूनिक वेब रेडियो का शुभारंभ किया
     
    आज 25 जनवरी, 2021 को पूरे देश भर में 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया, नई दिल्ली में आयोजित इस राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम की भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने वर्चुअल, ऑनलाइन तरीके से शोभा बढ़ाई। श्री रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने विशिष्‍ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा, निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा, श्री राजीव कुमार और महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। इस वर्ष, कोविड-19 के कारण, पूरे देश में एनवीडी समारोह प्रत्यक्ष और वर्चुअल, दोनों कार्यक्रमों का मिश्रण होंगे। 
    एनवीडी 2021 का थीम है 'मतदाता बनें - सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और जागरूक'। यह कोविड से सुरक्षित निर्वाचनों के साथ-साथ प्रत्येक मतदाता को जागरूक, नैतिक और सतर्क बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की प्रतिबद्धता की पुनरूक्ति है। 
    राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि हमें मत के बहुमूल्य अधिकार का सदैव सम्मान करना चाहिए। मताधिकार एक सामान्य अधिकार नहीं है; विश्व भर के लोगों ने इसके लिए बहुत संघर्ष किया है। स्वतंत्रता के बाद से, हमारे संविधान ने सभी नागरिकों को योग्यता, धर्म, वर्ग, जाति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के समान मताधिकार दिया है। इसके लिए हम अपने संविधान निर्माताओं के ऋणी हैं।  
    राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने मतदान के अधिकार को सर्वोपरि माना। अतः, यह हम सब, विशेषकर हमारे उन युवाओं, जिन्हें पहली बार मतदान का अधिकार प्राप्त हुआ है, का उत्तरदायित्व है कि अपने मताधिकार का प्रयोग पूर्ण निष्ठा के साथ करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।  
    विगत वर्ष कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौरान बिहार, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में सफल और सुरक्षित निर्वाचनों का संचालन करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र के लिए यह एक असाधारण उपलब्धि है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि निर्वाचन आयोग ने सहज, समावेशी और सुरक्षित निर्वाचन करवाने के लिए कई अभिनव और समयबद्ध उपाय किए हैं। 
    विशिष्‍ट अतिथि, श्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के संस्थापक निर्माताओं की गहन दृष्टि का अभिनंदन किया, जिन्होंने अपने खिलाफ आने वाली मुश्किल बाधाओं के बावजूद, एक ऐसा ढांचा तैयार किया जिसने हर एक भारतीय को सशक्त बनाया। डिजिटल वोटर कार्ड के शुभारंभ के बारे में बोलते हुए, उन्होंने निर्वाचन आयोग के आईटी संबंधी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग और सिविल तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने सुरक्षित और सकुशल निर्वाचनों का आयोजन करने में आयोग के दृढ़ संकल्प को दोहराया, जिसे दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों ने सराहा। श्री अरोड़ा ने इस बात की सराहना करते हुए कहा कि कैसे निर्वाचन मशीनरी के अथक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया कि दिव्यांगजनों, 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और कोविड-19 के कारण क्वारंटीन हुए व्यक्तियों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की गई ताकि प्रभावी ढंग से यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी मतदाता न छूटे। चूंकि आयोग वर्ष 2021 में चार राज्यों और एक संघ राज्य क्षेत्र में आगामी निर्वाचनों की तैयारी कर रहा है, अत: श्री अरोड़ा ने वैश्विक महामारी में निर्वाचन प्रबंधन को फिर से परिभाषित करने की प्रतिबद्धता के महत्व पर जोर दिया। 
    अपनी टिप्पणियों में निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि 11वां राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस मतदाताओं, विशेषकर देश के नए मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाने और उन्हें संसूचित, नैतिक और सतर्क मतदाता के रूप में सशक्त बनाने के उद्देश्य से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में निर्वाचन, आयोग के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण में आयोजित एक विशाल कार्य है। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचनों के लक्ष्‍य की पूर्ति हेतु लॉजिस्टिक्‍स के अतिरिक्त, व्यापक पैमाने, आकार, विविधता और जटिलता के संदर्भ में इस कवायद की अपनी चुनौतियां हैं। समयसीमा में सख्त अनुपालन की अपेक्षा होती है किन्‍हीं भी विलंबों और गलतियों के लिए बहुत कम गुंजाइश होती है। यही हमारे निर्वाचनों को दूसरों के लिए पवित्र और आदर्श बनाता है। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने 11 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के राष्ट्रीय समारोह के अवसर पर, गणमान्य पदाधिकारियों और पुरस्कृत व्‍यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्वाचनों की जटिलता के बावजूद, उन्हें निर्धारित समय पर सावधानीपूर्वक आयोजित किया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर विशेष रूप से महिला मतदाताओं, दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों का स्वागत किया।  
    आज दो अद्वितीय डिजिटल पहल का अनावरण किया गया। आयोग डिजिटल मतदाता पहचान पत्र या ई-एपिक संचालित कर रहा है, जिसे (www.voterportal.eci.gov.in) या राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (www.nvsp.in/) मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल एप, मतदाता पोर्टल से लॉग इन करने के बाद मोबाइल फोन पर या कंम्‍प्‍यूटर पर स्‍व-मुद्रण रूप में डाउनलोड किया जा सकता है।  
    भारत के माननीय राष्ट्रपति ने 'रेडियो हैलो वोटर्स'-एक 24x7 ऑनलाइन डिजिटल रेडियो सेवा का शुभारंभ किया, जो मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों को उपलब्‍ध करवाएगी, इस पर भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के जरिए पहुंचा जा सकता है। रेडियो हैलो वोटर्स में पूरे देश में हिंदी, अंग्रेजी और विभिन्‍न क्षेत्रीय भाषाओं में गीत, नाटक, चर्चा, पॉडकास्ट, स्पॉट, पैरोडी आदि के माध्यम से निर्वाचकीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
    विशिष्‍ट अतिथि, श्री रविशंकर प्रसाद ने पांच नए मतदाताओं को उनके डिजिटल मतदाता पहचान पत्र दिए। जबकि एसएसआर 2021 के दौरान अनूठे मोबाइल नंबर वाले केवल नव नामांकित निर्वाचक 25 जनवरी से 31 जनवरी 2021 तक ई-एपिक डाउनलोड कर सकते हैं- तथापि यह सुविधा 1 फरवरी 2021 से सभी अन्य निर्वाचकों को दी जाएगी। 
    इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने वर्चुअल तरीके से विभिन्न क्षेत्रों में निर्वाचन के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ निर्वाचकीय पद्धतियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इसके अलावा, मतदाता जागरूकता और आउटरीच के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सीएसओ, सरकारी विभागों और मीडिया घरानों को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी इस राष्ट्रीय समारोह में भाग लिया। 
    केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा तीन प्रकाशनों का विमोचन किया गया। पहली किताब है- वैश्विक महामारी के दौरान निर्वाचनों का संचालन-एक फोटो यात्रा है जिसमें इस वैश्विक महामारी के बीच निर्वाचनों का संचालन करवाने की चुनौतीपूर्ण यात्रा को प्रदर्शित किया गया है। दूसरी स्वीप द्वारा किए गए प्रयास: लोकसभा निर्वाचन, 2019 के दौरान जागरूकता पहल, है जो 2019 में आयोजित 17वें साधारण निर्वाचनों के दौरान मतदाता जागरूकता संबंधी कार्याकलापों, नवाचारों और पहल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। चलो करें मतदान- एक कॉमिक पुस्तक का भी इस समारोह में विमोचन किया गया था, जिसका उद्देश्य युवा, नए और भावी मतदाताओं को लक्षित करके एक मजेदार और प्रेरणादायक तरीके से मतदाता शिक्षा देना है। 
    भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस को मनाने के लिए वर्ष 2011 से हर साल 25 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। भारत निर्वाचन आयोग की वर्ष 1950 में इसी दिन स्‍थापना की गई थी। राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का मुख्य उद्देश्य विशेषकर नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा देना और नामांकन को बढ़ाना है। देश के मतदाताओं को समर्पित, इस दिवस का उपयोग निर्वाचन प्रक्रिया में संसूचित भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने हेतु किया जाता है। 
    राष्ट्रीय मतदाता दिवस विवरणिका के लिए डाउनलोड लिंक:
    https://ecisveep.nic.in/files/file/1391-national-voters-day-2021-brochure/

    93 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 02 February 2021

  11. विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा क्रमशः आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-निर्वाचनों का स्थगित होना–तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./65/2021
    दिनांकः 13 मई, 2021
     
    प्रेस नोट
    विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा क्रमशः आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-निर्वाचनों का स्थगित होना–तत्संबंधी।
           संबंधित विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा निर्वाचित आंध्र प्रदेश विधान परिषद के 03 (तीन) सदस्यों और तेलंगाना विधान परिषद के 06 (छह) सदस्यों का कार्यकाल क्रमशः दिनांक 31.05.2021 और 03.06.2021 को निम्नलिखित विवरणों के अनुसार समाप्त होने जा रहा हैः 
    निर्वाचन-क्षेत्र की श्रेणी
    सेवानिवृत्ति की तिथि
    सीटों की संख्या
    निर्वाचक
     आंध्र प्रदेश
    एमएलए द्वारा
    31.05.2021
    03
    विधान सभा के सदस्य
    तेलंगाना
    एमएलए द्वारा
    03.06.2021
    06
    विधान सभा के सदस्य
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 16 के प्रावधानों के अनुसार, राज्य विधान परिषद की जो सीटें सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने पर खाली होने जा रही हैं, उन्हें कार्यकाल के उक्त समापन से पूर्व द्विवार्षिक निर्वाचन का आयोजन करके भरना अपेक्षित होता है। 
    3.    आयोग ने आज मामले की समीक्षा की है और देश में कोविड-19 की दूसरी लहर फैलने के कारण यह निर्णय लिया है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषद के लिए क्रमशः द्विवार्षिक निर्वाचन का आयोजन करवाना तब तक उचित नहीं होगा जब तक कि महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार नहीं आ जाता और इन द्विवार्षिक निर्वाचनों को करवाने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हो जातीं। 
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट प्राप्त करने और अधिकृत प्राधिकरणों, जैसे एनडीएमए/एसडीएमए से महामारी की स्थिति का आंकलन करने के बाद भविष्य में उचित समय पर इस मामले में निर्णय लेगा।
     
    ह./- 
    (पवन दीवान)
    अवर सचिव

    89 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 May 2021

  12. भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./72/2021
    दिनांकः 28 जुलाई, 2021
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन में पांच राज्यों नामतः गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आगामी निर्वाचनों के लिए अग्रिम योजना पर बैठक का आयोजन किया।
     
     इस प्रारंभिक बैठक में मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ), मतदाता सुविधा के लिए सरल पंजीकरण व्यवस्था, निर्वाचक नामावली, शिकायतों का समय पर समाधान, ईवीएम/वीवीपैट की व्यवस्था, वरिष्ठ नागरिकों (80+) और दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा, कोविड रोकथाम योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य के साथ-साथ व्यापक मतदाता आउटरीच सहित विभिन्न विषयगत (थीमेटिक) मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता निर्वाचन प्रक्रिया के हॉलमार्क हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग-अलग हो सकती हैं, परंतु निर्वाचन योजना के लिए सभी स्टेकहोल्डरों को शामिल करते हुए एक मतदाता-केंद्रित दृष्टिकोण और सहभागितापूर्ण निर्णय लेने की जरूरत है। 
    अपने संबोधन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचक नामावली की विशुद्धता के महत्व पर बल दिया और सभी सीईओ से मतदाता पंजीकरण के संबंध में लंबित सभी आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करने के लिए कहा। उन्होंने कोविड 19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी मतदान केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। श्री चंद्रा ने यह भी उल्लेख किया कि वरिष्ठ नागरिकों (80+) और दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के कार्यान्वयन में आने वाली सभी लॉजिस्टिकल चुनौतियों को निर्वाचनों के दौरान इसके सुचारू और पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए पहचानने और हल करने की आवश्यकता है। 
    सीईसी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को निर्वाचन हो चुके राज्यों या अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से निर्वाचन प्रबंधन में नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना और अपनाना चाहिए। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि निर्वाचन के प्रत्येक पहलू पर सभी निर्वाचनरत सीईओ द्वारा आवधिक और व्यापक निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने आगामी निर्वाचनों की तैयारी शुरू करने के लिए पांच राज्यों में निर्वाचन मशीनरी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अवसंरचना संबंधी कमियों तथा संभार संबंधी अपेक्षा की पूर्ति करने, निर्वाचक नामावली के अद्यतन और शुद्धिकरण पर तथा एक व्यापक मतदाता शिक्षा और सशक्तिकरण आउटरीच कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि निर्वाचन प्रबंधन के लिए निर्वाचन योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है और हर निर्वाचन के लिए व्यापक और समय पर तैयार करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व-योजना बैठक, पांच राज्यों में आगामी निर्वाचनों के लिए उचित व्यवस्था और आगे की तैयारी सुनिश्चित करने में आयोग का मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु राज्यों के लिए आयोजित की गई थी। 
    पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने निर्वाचक नामावली की स्थिति, बजट की उपलब्धता, जनशक्ति संसाधनों, स्वीप, योजना, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और आईटी अनुप्रयोगों आदि सहित निर्वाचन के संचालन के विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। भारत निर्वाचन आयोग के सभी वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।

    122 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 28 July 2021

  13. राज्य सभा के उप निर्वाचन – निर्वाचन को स्थगित करना-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./67/2021 
    दिनांक 28 मई, 2021
     
    प्रेस नोट
    राज्य सभा के उप निर्वाचन – निर्वाचन को स्थगित करना-तत्संबंधी। 
    निम्न ब्यौरे के अनुसार राज्य सभा में एक आकस्मिक रिक्ति हैः
    राज्य का नाम
    सदस्य का नाम
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तारीख
    अवधि
     
    केरल
    श्री जोस के. मणि
    त्यागपत्र
    11.01.2021
    01.07.2024
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151क के प्रावधानों के अनुसार रिक्ति उप-निर्वाचन के माध्यम से, सीट रिक्त होने की तारीख से छः माह के भीतर भरी जानी अपेक्षित होती है, बशर्ते की रिक्ति से संबंधित शेष कार्यकाल एक वर्ष या अधिक हो। 
    3.    आयोग ने आज इस मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के फैलने के कारण, महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार होने तक और इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए स्थितियों के अनुकूल होने तक उप-निर्वाचनों का आयोजन करना उपयुक्त नहीं होगा। 
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट लेने और अधिदेशित प्राधिकरणों यथा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण/राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से महामारी की स्थिति का आकलन करने के बाद इस मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लेगा।

    148 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 May 2021

  14. आयोग ने महामारी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों को स्थगित करने का निर्णय लिया - तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/64/2021                                      
    दिनांक: 5 मई, 2021 
    प्रेस नोट
     
    विषय: आयोग ने महामारी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के  संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों को स्थगित करने का निर्णय लिया - तत्संबंधी  
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में अधिसूचित तीन रिक्तियां हैं, नामतः दादर और नागर हवेली, 28-खंडवा (मध्य प्रदेश) एवं 2-मंडी (हिमाचल प्रदेश) तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 8 रिक्तियां हैं नामतः हरियाणा में 01-कालका और 46-एलेनाबाद, राजस्थान में 155-वल्लभनगर, कर्नाटक में 33-सिंडगी, मेघालय में 47-राजाबाला और 13-मावरिंगकनेन्ग (अजजा), हिमाचल प्रदेश में 08-फतेहपुर और आंध्र प्रदेश में 124-बाड़वेल (अजा)|
    कुछ और स्थान रिक्ति हैं जनके लिए रिपोर्टों और अधिसूचनाओं की प्रतीक्षा है और पुष्टि की जा रही है।  
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151क के प्रावधानों के अनुसार, रिक्तियां रिक्ति होने की तारीख से छह महीनों के भीतर उप-निर्वाचनों के द्वारा भरी जानी अपेक्षित हैं बशर्ते रिक्ति से संबंधित शेष कार्यकाल एक वर्ष या अधिक हो।  
    3.    आयोग ने आज मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के फैलने के कारण महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार होने तक और इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए स्थितियों के अनुकूल होने तक उप-निर्वाचनों का आयोजन करना उपयुक्त नहीं होगा।   
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट लेने और अधिदिष्ट प्राधिकरणों यथा, एनडीएमए/एसडीएमए से महामारी की स्थिति का आंकलन करने के बाद मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लेगा।  

    104 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  15. विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने और स्थगित मतदान हेतु कार्यक्रम-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/77/2021                                                
    दिनांक: 04.09.2021
    प्रेस नोट
    विषय: विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने और स्थगित मतदान हेतु कार्यक्रम-तत्संबंधी।   
           आयोग ने दिनांक 3 मई, 2021 के प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/61/2021 के तहत स्थगित मतदान (जो 16.05.2021 को होना नियत था) को आस्थगित कर दिया और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा यथानिर्गत आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लॉकडाउन/प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए ओडिशा के 110-पिपली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (एसी) एवं पश्चिम बंगाल के 58-जंगीपुर एवं 56-समसेरगंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचनों की अवधि आगे बढ़ा दी गई। इसके अलावा, सभी वस्तुगत तथ्यों और महामारी को देखते हुए विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मिले इनपुट्स को ध्यान में रख कर आयोग ने दिनांक 5 मई, 2021 के प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/64/2021 के तहत विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचनों को आस्थगित कर दिया। 
    2.    आज की तारीख में तीन आस्थगित स्थगित मतदान हैं (पश्चिम बंगाल राज्य में दो और ओडिशा राज्य में एक), संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में तीन रिक्तियां और विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र की विधान सभाओं में 32 रिक्तियां हैं। 
    3.    विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचन कराने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए, दिनांक  01.09.2021 को संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य एवं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस महानिदेशकों और संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से एक बैठक की गई। मुख्य सचिवों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने कोविड-19 महामारी, बाढ़ की स्थिति और निकट भविष्य के त्यौहारों इत्यादि के मद्देनज़र अपने-अपने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचन आयोजित करवाने में अपने इनपुट्स, बाधाओं, मुद्दों और चुनौतियों को साझा किया। मतदान वाले संबंद्ध राज्यों से संबंधित मुख्य सचिवों ने भी अपने विचार और इनपुट्स लिखित में भेजे हैं। 
    4.    आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों के मुख्य सचिव और संघ राज्य क्षेत्र दादरा नागर हवेली और दमन और दीव के सलाहकार, बाढ़ की परिस्थितियों, त्यौहारों और महामारी से संबंधित बाधाओं को आयोग के संज्ञान में लाए। उन्होंने सुझाव दिया कि उप-निर्वाचनों को त्यौहारों के खत्म होने के बाद में कराया जाना उचित होगा।
    5.    इनके अलावा, कुछ राज्य आयोग के संज्ञान में यह भी लाए हैं कि, भारत सरकार, विभिन्न शोध संस्थानों, तकनीकी विशेषज्ञ समितियों और पेशेवरों ने अक्तूबर से कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की संभावना की भविष्यवाणी की है। गृह मंत्रालय ने भी दिनांक 28 अगस्त, 2021 को कोविड-19 से बचाव के लिए विस्तृत अनुदेश जारी किए।    
    6.    मुख्य सचिव, ओडिशा ने भी सूचित किया कि कोविड की स्थिति नियंत्रण में है और मतदान कराया जा सकता  है। मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल ने सूचित किया कि कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। वे यह भी संज्ञान में लाए कि राज्य में बाढ़ की स्थिति ने मतदान करवाए जाने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित नहीं किया है और राज्य निर्वाचन कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत, कोई मंत्री, जो लगातार छह महीनों तक राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं है, वह उस अवधि के समाप्त होने पर मंत्री नहीं रहेगा/रहेगी और इससे एक संवैधानिक संकट और सरकार में उच्च कार्यपालक पदों में शून्यता आ जाएगी जब तक कि तत्काल निर्वाचन न कराए जाएं। उन्होंने यह भी सूचित किया है कि प्रशासनिक आवश्यकताओं और लोकहित के मद्देनजर और राज्य में शून्यता की स्थिति से बचने के लिए 159- भबानीपुर, कोलकाता, जहां से सुश्री ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री निर्वाचन लड़ने वाली हैं, में उप-निर्वाचन कराया जा सकता है।     
    7.    संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मिले इनपुट्स और विचारों को ध्यान में रखने के बाद, हालांकि आयोग ने अन्य 31 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों और 3 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन नहीं कराने का निर्णय लिया है तथापि संवैधानिक अत्यावश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य से मिले विशेष अनुरोध पर विचार करके, 159-भवानीपुर, कोलकाता विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचन कराने का  निर्णय लिया गया है। आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिए पूर्ण सावधानी के रूप में पहले से ज्यादा सख्त मानक बनाए गए हैं। उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम अनुबंध-1 में संलग्न है।  
    8.    इसके अलावा, आयोग ने 3 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, नामत: पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज, 58-जंगीपुर और ओडिशा के एक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 110-पिपली, जहां आयोग की 4 मई, 2021 की अधिसूचना के तहत स्थगित मतदान को आस्थगित कर दिया गया था, में अनुबंध-2 में दिए गए कार्यक्रम के अनुसार मतदान कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की जा रही हैं।  
    इन तीनों (3) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अभ्यर्थी/राजनैतिक दलों ने दिनांक 29.04.2021 से 03.05.2021 तक की प्रचार अभियान अवधि का पहले ही लाभ उठा चुके हैं। इसके मद्देनज़र, आयोग ने अब इन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में केवल 20.09.2021 से प्रचार अभियान चलाने की अनुमति देने का निर्णय ले लिया है।  
    9. निर्वाचक नामावली
    यथोक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 01.01.2021 के संदर्भ में प्रकाशित निर्वाचक नामावली इन निर्वाचनों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
    10. इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट 
    आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दी गई हैं और मशीनों की सहायता से मतदानों का आयोजन सुचारु रूप से हो सुनिश्चित करवाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। 
    11. मतदाताओं की पहचान  
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रमुख दस्तावेज होगा। बहरहाल, मतदान केंद्र पर निम्नलिखित पहचान दस्तावेजों में से भी कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है:   
    i.      आधार कार्ड,
    ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
    iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक,
    iv.     श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    v.     ड्राइविंग लाइसेंस,
    vi.     पैन कार्ड,
    vii.    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
    viii.    भारतीय पासपोर्ट,
    ix.     फोटोग्राफ सहित पेंशन दस्तावेज,
    x.     केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी  सेवा पहचान-पत्र, और
    xi.     संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र।                  
    12.  आदर्श आचार संहिता
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत यथा-जारी आंशिक संशोधन अध्यधीन आदर्श आचार संहिता 04.09.2021 से उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
    13.  कोविड-19 की अवधि के दौरान उप-निर्वाचनों / स्थगित निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश
    आयोग ने 21 अगस्त, 2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने दिनांक 09.10.2020, 09.04.2021, 16.04.2021, 21.04.2021, 22.04.2021, 23.04.2021 एवं 28.04.2021 को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो आयोग की वेबसाइट eci.gov.in or link https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्ध हैं। साथ ही, दिनांक 28 अगस्त, 2021 के पत्र सं. 40-3/2020-डीएम-I(क), के तहत कोविड प्रबंधन के लिए लक्षित और त्वरित कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेशों को 30 सितम्बर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। राजनैतिक दलों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट्स लेने के बाद और एमएचए/एमओएचएफडब्ल्यू के मौजूदा अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को और ज्यादा सख्त कर दिया है। इसके अलावा, कोविड-19 अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में साधारण निर्वाचन के संचालन से संबंधित आयोग के सभी अनुदेश, यथोचित परिवर्तन के साथ इन उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के लिए भी लागू रहेंगे।  
    सभी स्टेकहोल्डर इन अनुदेशों का पालन करेंगे। संबंधित राज्य सरकार इन अनुदेशों के अनुपालन में निम्नानुसार सभी समुचित कार्रवाई/उपाय करेगी:- 
    1
    नाम-निर्देशन
    नाम-निर्देशन से पहले और बाद में, शोभायात्रा, जनसभा निषिद्ध है/रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि क्षेत्र में केवल तीन वाहनों की अनुमति। नाम-निर्देशन के लिए किसी शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।      
    2
    प्रचार अभियान अवधि
     
    (क) प्रचार के लिए सभा 
     
    (i) इनडोर  
    अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्ति, जो भी कम हो। सभा में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों की संख्या की गणना करने के लिए एक रजिस्टर बनाया जाएगा।  
     
    (ii) बाह्य  
    प्रमुख (स्टार) प्रचारकों के मामले में क्षमता का 50% (कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुसार) या 1000 और अन्य सभी मामलों में क्षमता का 50% या 500।  दोनों मामलों में अनुमत संख्या वही है, जो भी कम हो। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी और पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मैदान में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना का अनुवीक्षण किया जाएगा। घेराबंदी/बाड़बंदी का खर्च अभ्यर्थी/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा। रैलियों के लिए केवल वे ही मैदान प्रयोग में लाए जाएंगे जिनकी पूरी घेराबंदी/बाड़बंदी है।       
     
    (ख) प्रमुख प्रचारक
    कोविड-19 महामारी के कारण इन उप-निर्वाचनों के लिए राष्ट्रीय/राज्यीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुख (स्टार) प्रचारकों की संख्या 20 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के लिए 10 तक सीमित है।
     
    (ग) रोड शो
    किसी रोड शो की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी मोटर/बाइक/साइकिल रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।   
     
    (घ) नुक्कड़ सभा
    अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी (स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन) 
     
    (ङ) घर-घर जाकर  प्रचार अभियान
    अभ्यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों को शामिल करके 5 व्यक्तियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार।  
     
    (च) वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार अभियान
    स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन एक क्लस्टर स्थान में 50 से अधिक श्रोताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।   
     
    (ज) प्रचार अभियान के लिए वाहनों का प्रयोग
    अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के लिए (स्टार प्रचारक के अतिरिक्त) कुल अनुमत वाहन:- 20 प्रति वाहन अधिकतम व्यक्तियों की संख्या, वाहन की क्षमता का 50% अनुमत्य।
    3
    प्रचार रहित अवधि
    प्रचार रहित अवधि है मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व। 
     
    4
    मतदान दिवस की गतिविधियां
    1. अधिकतम 2 वाहनों की अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वाहन पर 3 व्यक्ति होंगे। मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा।
    2. ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्र पर मतदान दिवस की गतिविधियां।     
    5
    मतगणना दिवस
    भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को समुचित उपाय करने चाहिए। मतगणना के पूरे समय के दौरान सामाजिक दूरी बनाना और कोविड सुरक्षा संबंधी अन्य नयाचारों का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए।  
     
    6.     सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी सभी गतिविधियों का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। कोविड-19 नयाचार के अनुसार, सामाजिक दूरी बनाना और मास्क, सैनीटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस-शील्ड, दस्ताने इत्यादि के प्रयोग का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोविड नयाचार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक और उपशमन उपायों के लिए एसडीएमए उत्तरदायी है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुवीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुपालन के लिए मुख्य सचिव और महानिदेशक और जिला स्तरीय प्राधिकारी उत्तरदायी होंगे।
    7.     यदि कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल उपर्युक्त दिशा-निर्देशों में से किसी का भी उल्लंघन करता है तो संबंधित अभ्यर्थी/दल को रैलियों, सभाओं इत्यादि के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई  प्रमुख (स्टार) प्रचारक कोविड नयाचारों का उल्लंघन करता है तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र/जिले में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
    8.     निर्वाचन ड्यूटी में लगे प्राइवेट व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सेवाएं देने से पहले दोनों टीके लगवाए जाएंगे।
    9.     अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंट/मतदान एजेंट/मतगणना एजेंट/ड्राइवर इत्यादि, जो भी जनता या निर्वाचन अधिकारियों के संपर्क में आ रहा है, उसे दोनों टीके लगवाने होंगे।
    10.    प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए कोविड नोडल अधिकारी के रूप में एक स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त किया जाना चाहिए।  
    11.    मुख्य सचिव/महानिदेशक और संबंधित जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान पूर्व और मतदान के पश्चात मतदान संबंधी कोई हिंसा न हो, पर्याप्त निवारक उपाय करेंगे तथा आवश्यक व्यवस्था करेंगे।
    12.    स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में, भारत निर्वाचन आयोग, मौजूदा परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए रखेगा और आगामी निर्वाचनों के लिए दिशों-निर्देशों को और सख्त कर सकता है।                 
     
    अनुबंध-1
    पश्चिम बंगाल के 159- भबानीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
    राज-पत्र की अधिसूचना जारी करने की तारीख
    06.09.2021, सोमवार
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    13.09.2021, सोमवार
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    14.09.2021, मंगलवार
    अभ्यर्थिताओं को वापिस लेने की अंतिम तारीख
    16.09.2021, गुरुवार
    मतदान की तारीख
    30.09.2021, गुरुवार
    मतगणना की तारीख
    03.10.2021, रविवार
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा कर लिया जाएगा
    05.10.2021, मंगलवार
     
    अनुबंध-2
    पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज एवं 58-जंगीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों तथा ओडिशा के 110-पिपिली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, जहां स्थगित मतदान आस्थगित कर दिए गए थे, में मतदान के लिए कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
    मतदान की तारीख 
    30.09.2021, गुरुवार
    मतगणना की तारीख
    03.10.2021, रविवार
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा कर लिया जाएगा 
    05.10.2021, मंगलवार

    60 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

  16. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन

    सं. ईसीआई/पीएन/97/2021
    दिनांकः 22 नवंबर, 2021
     
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के
    मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन का आयोजन 
          भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन निर्वाचक नामावली, मतदान केंद्रों, प्रगतिरत विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, आईटी एप्लिकेशन्स, शिकायतों का समय पर निवारण, ईवीएम/वीवीपेट्स, मतदान कर्मियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, मीडिया और संचार एवं गहन मतदाता आउटरीच कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा करने के लिए किया गया था।
     
          अपने संबोधन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की दक्षता और दूरदृष्टि के महत्व पर बल दिया क्योंकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से निर्वाचक नामावली की शुचिता, सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं और समस्त मतदान केंद्रों पर सभी मतदाताओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने उनसे सभी लंबित आवेदन-पत्रों, विशेषकर मतदाता रजिस्ट्रीकरण के आवेदनों का शीघ्र निपटान करने के लिए भी कहा। उन्होंने दोहराया कि वास्तविक बेहतर मतदाता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने आगे कहा कि सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को राजनीतिक दलों की शिकायतों, यदि कोई हों, का निवारण करने के लिए नियमित रूप से वार्तालाप करते रहना चाहिए। 
          मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कमियों और चुनौतियों का पता लगाना है ताकि देशभर के सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में आयोग के आदेशों का समान रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्वाचन संबंधी कार्यकलापों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा की गई नई पहल और सर्वोत्तम पद्धतियों का मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया ताकि आउटरीच बढ़ाई जा सके। 
          निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से वार्तालाप करते हुए कहा कि निर्वाचनों का विधिक और विनियमित फ्रेमवर्क अत्यधिक मजबूत है, तथापि आयोग के विभिन्न अनुदेशों का वास्तविक कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रगतिशील, अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है और उन्हें एक दूसरे की सर्वोत्तम पद्धतियों से सीखना चाहिए। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ समन्वय एवं निगरानी हेतु नियमित रूप से चर्चा करें तथा महत्वपूर्ण फीडबैक प्राप्त करने हेतु फील्ड में जाएं, ताकि आवश्यक कार्यप्रणाली में सुधार किए जा सकें। 
          निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चंद्र पांडेय ने ब्लॉक लेवल अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर बल दिया क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग के कार्यों की प्रभावशीलता, फील्ड स्तरीय निर्वाचन कार्मिकों के प्रभावशाली कार्यान्वयन पर निर्भर करती है। उन्होंने पूरे वर्ष गैर-निर्वाचन अवधि के दौरान भी आउटरीच के लिए फील्ड में विभिन्न स्टेकहोल्डरों और अधिकारियों की सहभागिता तथा जमीनी स्तर पर स्वीप के कार्यकलापों पर भी जोर दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अधिकाधिक आउटरीच हेतु स्थानीय मीडिया के साथ सही सूचनाएं और तथ्य नियमित रूप से साझा किए जाएं। 
          महासचिव, श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन फील्ड स्तरीय कार्य पद्धति को समझने, स्टेकहोल्डरों के साथ समन्वय करने और आयोग के अनुदेशों का कार्यान्वयन करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पूरे वर्ष सक्रिय रहना चाहिए और मूल्यांकन एवं कार्यप्रणाली संबंधी आवश्यक सुधार करने के लिए निर्वाचन अधिकारियों के साथ नियमित रूप से संपर्क करते रहना चाहिए। \
          इस सम्मेलन के दौरान आयोग ने आज "निर्वाचन विधि संबंधी मामलों का सार-संग्रह" (कंपेंडियम ऑफ केसिस ऑन इलेक्शन लॉ) जारी किया। आयोग द्वारा एक काफी टेबल बुक "कंडक्ट ऑफ जनरल इलेक्शन्स टू द असम लेजिस्लेटिव असेम्बली, 2021", और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम द्वारा तैयार "काल ऑफ ड्यूटी" नामक शार्षक से एक शोर्ट वीडियो भी जारी की गई। इस वीडियो में दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करने में निर्वाचन अधिकारियों के सामने आई विभिन्न चुनौतियों को उजागर किया गया है। इस सम्मेलन में नए मतदाताओं के लिए मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैयार "पावर ऑफ 18" नामक शीर्षक से एक मतदान गान भी जारी किया गया। 
          सम्मेलन में फोटो निर्वाचक नामावली 2022 (एसएसआर 2022) के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा किए गए स्वीप संबंधी कार्यकलापों की एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इसमें विभिन्न दृश्य-श्रव्य रचनाएं, प्रिंट विज्ञापन और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त एसएसआर 2022 के लिए राज्य ऑइकनों से प्राप्त संदेशों को प्रदर्शित किया गया था। 

          इस सम्मेलन में सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त, महानिदेशक एवं आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। जिन राज्यों में निर्वाचन होने हैं, उनके साथ निर्वाचन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए कल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अलग से एक दिवसीय समीक्षा बैठक भी निर्धारित है।

    161 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 November 2021

  17. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषद के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/90/2021
    दिनांकः 31 अक्तूबर, 2021
     
    प्रेस नोट
     विषय: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषद के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा द्विवार्षिक  निर्वाचन-तत्संबंधी        
     आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषद के संबंधित विधान सभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित  निम्नलिखित आसीन सदस्यों का कार्यकाल क्रमशः 31.05.2021 और 03.06.2021 को समाप्त हो चुका था। विवरण निम्नानुसार हैं:- 
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृत्ति की तारीख
    आंध्र प्रदेश
    1.
    चिन्ना गोविंदा रेड्डी देवासनी
     
    31.05.2021
    2.
    मोहम्मद अहमद शरीफ
    3.
    सोमु वीरराजु
    तेलंगाना
    1.
    अकुल ललिता
     
     
     
    03.06.2021
    2.
    मोहम्मद फरीदूद्दीन
    3.
    गुथा सुकंद्र रेड्डी
    4.
    विद्यासागर नेथी
    5.
    वेंकटेश्वरलु बोडाकुंती
    6.
    श्रीहरि कडियम
    2. आयोग ने  प्रेस नोट सं. ईसीआई/पी एन/65/2021, दिनांक 13.05.2021 के द्वारा निर्णय लिया था कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन तब तक कराना उचित नहीं होगा, जब तक कि महामारी की स्थिति में काफी सुधार नहीं हो जाता और उपर्युक्त द्विवार्षिक निर्वाचन कराने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हो जातीं। 
    3. आयोग ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में स्थिति का पुनःआकलन करके और सभी प्रासंगिक तथ्यों को ध्यान में रखने के बाद, अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना विधान परिषदों के संबंधित विधान सभा सदस्यों द्वारा उपर्युक्त द्विवार्षिक निर्वाचनों को निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया है:-  
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    09 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    16 नवम्बर, 2021 (मंगलवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    17 नवम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    22 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    29 नवम्बर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    01 दिसम्बर, 2021 (बुधवार)
     4.      भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 28.09.2021 के पैरा 06 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जो https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19 लिंक पर उपलब्ध है, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
    5.    संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने के लिए निर्देश दिया जा रहा है। 

    60 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 01 November 2021

  18.  ‘महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की निर्वाचकीय भागीदारी का संवर्द्धन: सर्वोत्‍तम प्रथाओं तथा नई पहल को साझा करना’ के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार की मेजबानी करेगा।

    सं.ईसीआई/प्रेस नोट/98/2021                              
    दिनांक: 25 नवंबर, 2021
    प्रेस नोट
     ‘महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की निर्वाचकीय भागीदारी का संवर्द्धन: सर्वोत्‍तम प्रथाओं तथा नई पहल को साझा करना’ के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार की मेजबानी करेगा। 
    विश्‍व निर्वाचन निकाय संघ (ए.वेब) पूरे विश्‍व में निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) का सबसे बड़ा संघ है और इसमें सदस्‍य के रूप में 117-ईएमबी तथा सहयोगी सदस्‍य के रूप में 16 क्षेत्रीय संघ/संगठन है। भारत निर्वाचन आयोग दिनांक 3 सितम्‍बर, 2019  से तीन वर्षों की अवधि के लिए ए-वेब का अध्‍यक्ष रहा है। ए-वेब की अध्‍यक्षता के दो वर्ष पूरा होने के अवसर पर, भारत निर्वाचन आयोग दिनांक 26 नवंबर, 2021 को ‘महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की निर्वाचकीय भागीदारी का संवर्द्धन’: सर्वोत्‍तम प्रथाओं तथा नई पहल को साझा करना’’ शीर्षक पर एक अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार का आयोजन कर रहा है’। 
    विश्‍वभर के 24 देशों नामत: बांग्लादेश, भूटान, कम्‍बोडिया, इथोपिया, फि़जी, जोर्जिया, कजाखिस्‍तान, कोरिया गणराज्‍य, लाइबेरिया, मलावी, मॉरीशस, मंगोलिया, फिली‍पींस, रोमानिया, रूस, साओ टोम और प्रिंसिपे, सोलोमन द्वीप, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूरीनाम, ताइवान, उज्बेकिस्‍तान, यमन तथा जाम्बिया और 4 अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों – अंतरराष्‍ट्रीय आईडीईएम, अंतरराष्‍ट्रीय निर्वाचकीय प्रणाली प्रतिष्‍ठान (आईएफईएस), विश्‍व निर्वाचन निकाय संघ (ए-वेब) तथा यूरोपीय निर्वाचन केंद्र के लगभग सौ प्रतिनिधि इस वेबिनार में भाग लेने जा रहें हैं। 
    उज्‍बेकिस्‍तान के राजदूत और फिजी, मालदीव, मॉरीशस के उच्‍चायुक्‍त सहित लगभग 20 राजनायिकों को भी इस वेबिनार में उपस्थित होना है। 
    इस वेबिनार में, प्रतिभागी निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) तथा संगठनों द्वारा महिलाओं, दिव्‍यांगजनों एवं वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाने के लिए उनके द्वारा शुरू की गई सर्वोत्‍तम प्रथाओं और पहलों के संबंध में प्रस्‍तुतीकरण दिया जाएगा। महामहिम श्री मोहम्‍मद इरफ़ान अब्‍दुल रहमान, मॉरीशस के निर्वाचन आयुक्‍त तथा महामहिम श्री के. एम. नुरुल हुडा, बांग्‍लादेश के मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त के साथ भारत के माननीय मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चंद्रा सत्र I की सह-अध्‍यक्षता करेंगे। 
    सत्र ।। की सह-अध्‍यक्षता माननीय निर्वाचन आयुक्‍त, श्री राजीव कुमार और महामहिम, श्री दाशो उग्‍येन चेवांग, आयुक्‍त, भूटान निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी। 
    सत्र ।।। की सह-अध्‍यक्षता माननीय निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अनूप चंद्र पाण्‍डेय और महामहिम श्री एम. एम. मोहम्‍मद, सदस्‍य, श्रीलंका निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी। समापन सत्र को श्री पीटर वार्डले, सलाहकार, निर्वाचकीय लोकतंत्र संबंधी कैम्ब्रिज सम्‍मेलन, श्री पीटर एर्बेन, प्रधान सलाहकार, आईएफईएस; अध्‍यक्ष निर्वाचन आयोग दक्षिण अफ्रीका तथा उप-अध्‍यक्ष, ए-वेब की ओर से महामहिम डॉ. नोमसा मसुकू, आयुक्‍त, दक्षिण अफ्रीका निर्वाचन आयोग द्वारा संबोधित किया जाएगा। 
    इस वेबिनार में तीन प्रकाशनों का विमोचन किया जाएगा: ए-वेब इण्डिया जर्नल ऑफ इलेक्‍शन्‍स का अक्‍तूबर, 2021 का अंक; ‘वॉइस इंटरनेशनल’ मैंगजीन का अक्‍तूबर, 2021 का अंक और ‘पार्टिसिपेशन ऑफ वूमैन, पर्सन विद डिसएबिलिटीज एंड सीनियर सिटीजन वोटर्स इन इलेक्‍शन’ पर प्रकाशन। इसके अतिरिक्‍त, इस वेबिनार में निर्वाचनों में महिलाओं, दिव्‍यांगजनों तथा वरिष्‍ठ नागरिकों की सुविधा और भागीदारी पर एक अंतरराष्‍ट्रीय वीडियो प्रस्‍तुतिकरण का अनावरण किया जाएगा। 
    2 सितम्‍बर, 2019 को बेंगलुरु में आयोजित ए-वेब कार्यकारी बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के उपरांत नई दिल्‍ली में भारत ए-वेब केंद्र की स्‍थापना की गई है। ए-वेब सदस्‍यों के पदाधिकारियों की सर्वोत्‍तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने इस केंद्र के लिए विश्‍व स्‍तरीय प्रलेखन, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए सभी संसाधन उपलब्‍ध करवाएं हैं। यह अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार सभी प्रतिभागियों को अपने विचारों के आदान-प्रदान करने तथा सर्वोत्‍तम प्रथाओं से एक दूसरे के अनुभव से सीखने और महिला, दिव्‍यांगजनों एवं वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं की निर्वाचकीय भागीदारी बढ़ाने के लिए शुरू की गई पहल के लिए एक अच्‍छा अवसर प्रदान करेगी।

    77 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 26 November 2021

  19. गुजरात से राज्य सभा के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी। 

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./09/2021                               दिनांकः 04 फरवरी, 2021
     
    प्रेस नोट
                                 
    विषयः-  गुजरात से राज्य सभा के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी। 
    गुजरात से राज्य सभा में दो आकस्मिक रिक्तियां हैं। रिक्तियों के विवरण निम्नानुसार हैं:- 
    क्रम सं.
    सदस्य का नाम
    कारण
    रिक्ति की तारीख
    पदावधि
    1.
    श्री पटेल अहमद मोहम्मद
    देहांत
    25.11.2020
    18.08.2023
    2.
    श्री अभय गणपतराय भारद्वाज
    देहांत
    01.12.2020
    21.06.2026
    2.   आयोग ने उपरोक्‍त रिक्तियों को भरने के लिए गुजरात से राज्य सभा के लिए निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार दो अलग-अलग उप-निर्वाचनों का आयोजन करने का निर्णय लिया है:-
    क्र. सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    11 फरवरी, 2021 (गुरुवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    18 फरवरी, 2021 (गुरुवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    19 फरवरी, 2021 (शुक्रवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    22 फरवरी, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    01 मार्च, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    01 मार्च, 2021 (सोमवार) को अपराह्न 5.00 बजे
    8.
    वह तिथि जिससे पूर्व निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    03 मार्च, 2021 (बुधवार)
    3.    सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के लिए अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देश:-
    निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर एक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा। निर्वाचन के प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने वाले हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश पर:- सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे।  राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के मौजूदा कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी।  4.    मुख्य सचिव, गुजरात को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रतिनियुक्त करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्वाचन करवाने संबंधी व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए। 
    5.    इसके अतिरिक्त, आयोग ने इस निर्वाचन के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी, गुजरात को प्रेक्षक के रूप में भी नियुक्त किया है।

    92 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 04 February 2021

  20. CEC Shri Sushil Chandra addresses officials from Bangladesh Election Commission

    No. ECI/PN/104/2021                                                                 
    09.12.2021
    PRESS NOTE
     CEC Shri Sushil Chandra addresses officials from Bangladesh Election Commission 
    50 officials of Bangladesh Election Commission being trained at IIIDEM
     
    Chief Election Commissioner of India Shri Sushil Chandra today addressed the Officials of Bangladesh Election Commission (BEC) at India International Institute of Democracy & Election Management, New Delhi. IIIDEM under the aegis of Election Commission of India is organizing the Capacity Development Programme for the BEC officials as part of Strengthening and Capacity Development of Election Commission Secretariat project (SCDECS) of the Bangladesh Election Commission. 

    Addressing the officials, Chief Election Commissioner Shri Sushil Chandra said that IIIDEM, as the dedicated training institute of ECI, has been organizing a series of such Capacity Development Programmes for officials from various Election Management Bodies (EMBs). So far IIIDEM has trained officials from over 90 countries. Recently a 2-weeks training programme was also organized for officials of the National Electoral Commission of Sierra Leone. A-WEB research centre for coordinating capacity building courses for A-WEB member countries is also housed at IIIDEM. CEC while interacting with the participants added that these training sessions provide a platform to share and mutually learn best practices in election management. Such courses also provide an opportunity for officials to get a good exposure of each other’s methodology of conducting elections. 

    A total of 50 BEC officials are to be trained at IIIDEM as part of this Capacity Development Programme. In the first phase during November 29- December 10, 2021, 25 BEC officials had undergone the training and the second batch of 25 BEC officials will be joining the training programme starting December 20, 2021 onwards. This is the first ever international batch being hosted by IIIDEM on a cost sharing basis with the BEC Secretariat. During the training programme, sessions on various aspects of election management including Electoral Administration, Voter Registration process, District Plans & Vulnerability mapping, Election Day monitoring including use of c-VIGIL app were held. As part of the field visits during the training programme, the Officials visited a Voter Registration Centre at Agra. 

    65 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 09 December 2021

  21. विधान सभा सदस्यों (एमएलए) द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./03/2021
    दिनांकः 06 जनवरी, 2021
    प्रेस नोट 
    विषयः- विधान सभा सदस्यों (एमएलए) द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी।      
    विधान सभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 12 सदस्यों की अवधि 30.01.2021 को समाप्त हो रही है। विवरण निम्नानुसार हैः- 
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    सेवा-निवृत्ति की तारीख
    1.
    डॉ. दिनेश शर्मा
     
    2.
    अहमद हसन
     
     
     
     
     
     
     
    30.01.2021
    3.
    आशु मलिक
    4.
    धर्म वीर सिंह अशोक
    5.
    नसीमुद्दीन सिद्दिकी
    (उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 21.07.2020 को जारी आदेश के तहत 22.02.2018 से निरर्हता के कारण रिक्त)
    6.
    प्रदीप कुमार जाटव
    7.
    रमेश यादव
    8.
    रामजतन
    9.
    लक्ष्मण प्रसाद अचार्य
    10.
    विरेंद्र सिंह
    11.
    स्वतंत्र देव
    12.
    साहब सिंह सैनी
    2.     आयोग ने निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार विधान सभा के सदस्यों द्वारा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए उपरोक्त द्विवार्षिक निर्वाचन का संचालन करने का निर्णय लिया हैः-
    क्र. सं.
     कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    11 जनवरी, 2021 (सोमवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    18 जनवरी, 2021 (सोमवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    19 जनवरी, 2021 (मंगलवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तिथि
    21 जनवरी, 2021 (गुरुवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    28 जनवरी, 2021 (गुरुवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 09.00 बजे से अपराह्न 04.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    28 जनवरी, 2021 (गुरुवार) अपराह्न 05.00 बजे
    8.
    वह तिथि जिससे पूर्व निर्वाचन सम्पन्न हो जाएगा
    29 जनवरी, 2021 (शुक्रवार)
    3.    सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देशः-
           I.            निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर एक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा
          II.            निर्वाचनों के प्रयोजनों हेतु उपयोग किए जाने वाले हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश परः
    (क)   सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी
    (ख)  सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे
        III.            राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के मौजूदा कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी।
    4.    मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश को निदेश दिया जाता है कि राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रतिनियुक्त करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्वाचन का संचालन करने संबंधी व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों के संबंध में मौजूदा अनुदेशों का अनुपालन किया जाए।

    123 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 13 January 2021

  22. भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रबंधन पर पांच अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए

    सं. ईसीआई/पी एन/96/2021
    दिनांकः 17 नवम्बर, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रबंधन पर पांच अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए 
    आईएफईएस के सहयोग से आईआईआईडीईएम द्वारा विकसित मॉड्यूल 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचनों के लिए योजना, राजनैतिक वित्त, मतदाता पंजीकरण, निर्वाचन प्रौद्योगिकी तथा राजनैतिक दलों और ईएमबी पर पांच अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए। यह इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के सहयोग से भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) द्वारा तैयार किए जा रहे कुल दस मॉड्यूलों का एक हिस्सा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्तों श्री राजीव कुमार और श्री अनूप चंद्र पांडेय तथा विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वाशिंगटन से जुड़ने वाली श्री एंथनी बानबरी, अध्यक्ष, आईएफईएस और उनकी टीम के साथ इन मॉड्यूलों का शुभारंभ किया।

    सीईसी श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारत निर्वाचन आयोग प्रतिबद्ध, सक्षम, विश्वसनीय और कुशल प्रबंधकों द्वारा निर्वाचन प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक, सटीक, मतदाता अनुकूल कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकीय उन्नयन को सर्वोपरि महत्व देता है। श्री सुशील चंद्रा ने आईआईआईडीईएम में प्रशिक्षित होने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं के लिए इन संसूचित अद्यतन विषय के विशिष्ट मॉड्यूल के विकास का स्वागत किया। उन्होंने किसी भी निर्वाचन प्रबंधन प्रक्रिया में प्रमुख आयामों को संबोधित करने के लिए विविध विषयों को शामिल करने की सराहना की।
    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने निर्वाचन प्रशासन के विभिन्न पहलुओं में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखी गई तथा निर्वाचन प्रबंधन निकायों द्वारा झेली गई लगातार बढ़ती हुई चुनौतियों पर विचार करते हुए अपने संदेश में इन मॉड्यूल डिजाइनों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये मॉड्यूल एक बहुमुखी पैटर्न में डिज़ाइन किए गए हैं, ताकि उन्हें आमने-सामने (फेस-टू-फेस), ऑनलाइन और ई-लर्निंग प्रशिक्षण हाइब्रिड मोड के अनुरूप बनाया जा सके।
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये मॉड्यूल निर्वाचन प्रबंधन योजनाओं, अवलोकन प्रक्रियाओं, निर्वाचकीय प्रौद्योगिकी, निर्वाचन प्रणालियों, कानूनी ढांचा बनाने में प्रशिक्षण और क्षमता विकास की दिशा में अत्यधिक महत्व के विविध शीर्षकों पर निर्वाचन प्रबंधन की प्रक्रिया को समझने के लिए एक सूचनात्मक सामग्री के रूप में काम कर सकते हैं। 
    आईएफईएस के अध्यक्ष, श्री एंथनी बानबरी ने आईएफईएस-ईसीआई की साझेदारी और इन मॉड्यूलों का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने ईसीआई को आईएफईएस-आईआईआईडीईएम के जानकारी के आदान-प्रदान में भागीदारी जारी रखने का आश्वासन दिया।. 

    इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) वाशिंगटन डीसी स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है जो नागरिकों के स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों में भाग लेने के अधिकार का समर्थन करता है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुरुआत में मई 2012 में आईएफईएस के साथ प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने और क्षमता निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। हाल ही में वर्ष 2019 में, तत्कालीन सीईसी की वाशिंगटन यात्रा के बाद, आईएफईएस ने आठ मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूलों को अपडेट करने और दो नए मॉड्यूल अर्थात् राजनैतिक दल और ईएमबी और निर्वाचनों में सोशल मीडिया का उपयोग बनाने के लिए सहमति व्यक्त की। इसके लिए 5 अगस्त, 2020 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। 
    डीजी, आईआईआईडीईएम और वरिष्ठ डीईसी श्री धर्मेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि माननीय आयोग ने सितंबर 2019 में भारत के तत्कालीन सीईसी द्वारा ए-वेब के अध्यक्ष के रूप में आईआईआईडीईएम के लिए "विदेशी भाषा सहायता प्राप्त मॉड्यूल" शुरू करने के लिए कई अल्पविकसित देशों के अनुरोध के प्रत्युत्तर में जताई गई प्रतिबद्धता के रूप में इन मॉड्यूलों के कुछ हिस्सों का स्पेनिश, फ्रेंच और पुर्तगाली में अनुवाद हेतु मंजूरी दी है।

    77 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 22 November 2021

  23. प्रेस नोट

    सं. डीसी/प्रेस नोट/02/2021
    दिनांकः 30 जून, 2021 
    प्रेस नोट 
    आज, न्यायमूर्ति (सेवा-निवृत्त) श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग ने, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा की उपस्थिति में 06 जुलाई, 2021 (मंगलवार) से 09 जुलाई, 2021 (शुक्रवार) तक संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्णय लिया है। इस अवधि के दौरान, आयोग जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत यथा अधिदेशित परिसीमन की प्रगतिरत प्रक्रिया से संबंधित नवीनतम जानकारी और इनपुट प्राप्त करने के लिए संघ राज्य क्षेत्र के 20 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों/उपायुक्तों सहित राजनैतिक दलों, जन प्रतिनिधियों और संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।
    परिसीमन आयोग का गठन मार्च, 2020 में किया गया था और मौजूदा वैश्विक महामारी को देखते हुए इसका कार्यकाल मार्च 2021 में एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। इस आयोग के तीसरे सदस्य संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं। आयोग में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नामित पांच सहयोगी सदस्य भी हैं। आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना से संबंधित जिलों/निर्वाचन क्षेत्रों के डाटा/मानचित्रों के संबंध में पहले कई बैठकें की हैं। इससे पहले भी, इसने सभी सहयोगी सदस्यों को वार्तालाप के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें केवल दो सहयोगी सदस्यों ने ही भाग लिया था। परिसीमन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सिविल सोसाइटियों और संघ राज्य क्षेत्र के लोक सदस्यों से भी कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। आयोग उन सभी सुझावों पर पहले ही विचार कर चुका है और इसने निर्देश दिया है कि परिसीमन से संबंधित वास्तविक स्थिति के संदर्भ में इन पर आगे और विचार किया जाए।
    आयोग को आशा है कि सभी स्टेकहोल्डर इन प्रयासों में सहयोग करेंगे और बहुमूल्य सुझाव देंगे ताकि परिसीमन का कार्य समयपूर्वक संपन्न हो सके।

    101 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 July 2021

  24. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) मुख्यालय में कोविड-19 टीकाकरण अभियान आरंभ हुआ 

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./23/2021
    दिनांकः 4 मार्च, 2021
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) मुख्यालय में कोविड-19 टीकाकरण अभियान आरंभ हुआ 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन, दिल्ली में कार्यरत अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री एम एस गिल ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत के प्रतीकस्वरूप वैक्सीन का पहला शॉट लिया। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा और निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चन्द्रा तथा श्री राजीव कुमार, निर्वाचन आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम से लाभान्वित होने के बाद टीका लगावाएंगे। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने हाल ही में घोषणा की थी कि आगामी विधानसभा निर्वाचनों के लिए मतदान ड्यूटी पर सभी कर्मचारियों को 'फ्रंटलाइन वर्कर्स' के रूप में घोषित किया गया है और इसलिए उनके द्वारा निर्वाचन संबंधी कर्तव्यों को संभालने से पहले उनका टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस टीकाकरण से मतदान ड्यूटी पर अधिकारियों को कोरोना से डर के बिना अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। श्री अरोड़ा ने आगे कहा कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान ने निर्वाचन आयोजित करवाने की स्थिति को और अधिक अनुकूल बना दिया है। डॉक्टरों, एम्बुलेंस आदि के प्रावधान के साथ भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में विशेष शिविर भी लगाया गया है। 
    विशेष टीकाकरण अभियान के तहत, पांच राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के लाखों मतदान अधिकारी आगामी विधानसभा निर्वाचनों के लिए निर्वाचन ड्यूटी पर जाने से पहले टीका लगावाएंगे।

    178 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 05 March 2021

  25. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं के निर्वाचनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम 2021 की मेजबानी करना [05-06 अप्रैल, 2021]

    सं. भा.नि.आ/प्रेस नोट/43/2021
    दिनांकः 4 अप्रैल, 2021
     
    प्रेस नोट
    कर्टेन रेज़र 
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की विधान सभाओं के निर्वाचनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम 2021 की मेजबानी करना [05-06 अप्रैल, 2021]
     
          भारत निर्वाचन आयोग असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के लिए प्रगतिरत निर्वाचनों के दौरान विदेशी निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी)/संगठनों के लिए 05-06 अप्रैल, 2021 को अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम (आईईवीपी) 2021 का आयोजन करने जा रहा है। 
    2.    विगत में भी, भारत निर्वाचन आयोग ने लोक सभा निर्वाचन, 2014 के दौरान फरवरी/मार्च, 2017 में कुछ राज्य विधान सभाओं के निर्वाचनों; मई, 2019 में लोक सभा के साधारण निर्वाचनों में विदेशी निर्वाचन प्रबंधन निकायों/संगठनों के लिए अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम और बिहार विधान सभा निर्वाचनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम 2020 आयोजित किए हैं। इस अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम (आईईवीपी) का प्रयोजन सदस्य विदेशी निर्वाचन प्रबंधन निकायों/संगठनों को हमारी निर्वाचकीय प्रणाली और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपनाई गई उत्तम पद्धतियों से परिचित करवाना है। 
    3.    असम केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल राज्यों में हो रहे निर्वाचनों में 18.72 करोड़ से अधिक निर्वाचक वर्ग हैं जो वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच अभी तक विश्व के निर्वाचकों की सबसे बड़ी संख्या में से एक है। हमारी मतदान प्रक्रिया की उतम पद्धतियों और अनुभवों और साथ ही साथ महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए किए गए उपायों को साझा करने का यह अच्छा अवसर है।
    4.    विश्व भर के 26 से अधिक देशों, नामतः अफगानिस्तान, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, बोस्निया और हर्जेगोविना, कंबोडिया, जार्जिया, कज़ाखस्तान, केन्या, कोरिया गणराज्य, मेडागास्कर, मलावी, मलेशिया, मालदीव, मारीशस, मंगोलिया, नेपाल, पनामा, फिलीपींस, रोमानिया, रूस, दक्षिण अफ्रिका, सूरीनाम, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान और ज़ाम्बिया इत्यादि के 106 से अधिक प्रतिनिधि और 3 अंतरराष्ट्रीय संगठन (नामतः अतंरराष्ट्रीय आईडीईए, इंटरनेशनल फाउडेंशन ऑफ इलेक्टोरल सिस्ट्मस (आईएफईएस) और एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (ए-वेब) अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन वर्चुअल कार्यक्रम, 2021 में भाग लेंगे। 
    5.    इसके अतिरिक्त, जार्जिया और उज्बेकिस्तान के राजदूतों, श्रीलंका के कार्यकारी उच्च आयुक्त और राजनयिक दलों के अन्य सदस्य भी अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन वर्चुअल कार्यक्रम 2021 में भाग लेंगे। 
    6.   अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन वर्चुअल कार्यक्रम, 2021 में 05 अप्रैल, 2021 को ऑनलाइन पर संक्षिप्त सत्र सम्मिलित है, जो प्रतिभागियों को भारतीय निर्वाचकीय प्रक्रियाओं के व्यापक फलक का सिहांवलोकन, मतदाता सुगमता, निर्वाचकीय प्रणाली की पारदर्शिता और सुगम पहुंच हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई नई पहल, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण तथा कोविड-19 के लिए आवश्यक नए उपायों पर भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रियाओं के संबंध में जानकारी प्रदान करेगा और असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और संघ राज्य क्षेत्र पुदुचेरी में हो रहे निर्वाचनों की अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। 18.72 करोड़ से अधिक निर्वाचक वर्ग के साथ ये निर्वाचन कठिनाइयों के समाधान हेतु की गई तैयारियों और इसके साथ-साथ कोविड से सुरक्षित निर्वाचन आयोजित करवाने के लिए की गई विशिष्ट पहल के समक्ष विकट चुनौतियां खड़ी करते हैं। उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को श्री राजीव कुमार और श्री सुशील चंद्रा, माननीय निर्वाचन आयुक्तों द्वारा संबोधित किया जाएगा और इनके बाद श्री सुनील अरोड़ा, भारत के माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं चेयरपर्सन, ए-वेब द्वारा मुख्य भाषण दिया जाएगा। 
    7.    अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन वर्चुअल कार्यक्रम 2021 का आयोजन करने के अतिरिक्त, भारत निर्वाचन आयोग ए-वेब जर्नल ऑफ इलेक्शन्स का प्रारंभिक अंक भी जारी करेगा। भारत निर्वाचन आयोग में वर्ष 2019 में स्थापित इंडिया ए-वेब सेंटर (http://indiaawebcentre.org/) द्वारा प्रकाशित पत्रिका में प्रतिष्ठित लेखकों, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और ए-वेब कम्युनिटी तथा निर्वाचनों और निर्वाचकीय लोकतंत्र के क्षेत्र में विश्व भर के लोकतांत्रिक देशों के प्रेक्टिशनर्स के शोध पत्र, लेख, पुस्तक-समीक्षाएं इत्यादि शामिल हैं। ए-वेब इंडिया जर्नल ऑफ इलेक्शंस को उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों की पत्रिका बनाने की परिकल्पना की गई है और इसमें ए-वेब कम्युनिटी के सदस्यों एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए समकक्ष समीक्षित सहयोग भी शामिल होगा। 
    8.    6 अप्रैल, 2021 को प्रतिनिधियों को यह बताने कि निर्वाचनों का आयोजन कैसे किया जाता है, के लिए कुछ मतदान केंद्रों के प्रत्यक्ष स्नैपशॉट दिखाए जाएंगे जिसमें निर्वाचन प्रक्रिया, मतदान केंद्र पर व्यवस्थाओं, दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाओं से अवगत करवाना और विभिन्न स्टेकहोल्डरों के साथ पारस्परिक विचार-विमर्श करना शामिल है।

    84 downloads

    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 April 2021

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

मतदाता हेल्पलाइन ऍप

हमारा मोबाइल ऐप ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ प्‍ले स्‍टोर एवं ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। ‘मतदाता हेल्‍पलाइन’ ऐप आपको निर्वाचक नामावली में अपना नाम खोजने, ऑनलाइन प्ररूप भरने, निर्वाचनों के बारे में जानने, और सबसे महत्‍वपूर्ण शिकायत दर्ज करने की आसान सुविधा उपलब्‍ध कराता है। आपकी भारत निर्वाचन आयोग के बारे में हरेक बात तक पहुंच होगी। आप नवीनतम  प्रेस विज्ञप्ति, वर्तमान समाचार, आयोजनों,  गैलरी तथा और भी बहुत कुछ देख सकते हैं। 
आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

×
×
  • Create New...