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प्रेस विज्ञप्तियाँ 2021

108 files

  1. विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा बिहार विधान परिषद के लिए उप-निर्वाचन-तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/80/2021
    दिनांकः 09 सितम्बर, 2021
    प्रेस नोट
     
    विषय: विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा बिहार विधान परिषद के लिए उप-निर्वाचन-तत्संबंधी        
    बिहार विधान परिषद में विधान सभा के सदस्यों द्वारा भरने के लिए एक आकस्मिक रिक्ति है। रिक्ति का विवरण निम्नलिखित प्रकार से है:- 
    क्र. सं.
    सदस्य का नाम
    निर्वाचन की प्रकृति
    रिक्ति की तारीख और कारण
    की अवधि तक
    1.
    श्री तनवीर अख्तर
    एमएलए द्वारा
    09.05.2021 को देहांत
    21.07.2022
    2.     आयोग ने उपर्युक्त रिक्ति को भरने के लिए विधान सभा के सदस्यों द्वारा बिहार विधान परिषद के लिए उप-निर्वाचन को निम्न कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया है:-  
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    15 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    22 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    23 सितम्बर, 2021 (गुरुवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    27 सितम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    04 अक्तूबर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वा. 9.00 बजे-अप. 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    4 अक्तूबर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    06 अक्तूबर, 2021 (बुधवार)
    3.     सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 04.09.2021 जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/13681-schedule-to-fill-casual-vacancy-and-adjourned-poll-in-the-assembly-constituencies-regarding/ पर उपलब्ध है के पैरा 13 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए।
    4.     मुख्य सचिव, बिहार को निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 कंटेनमेंट उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने के लिए निर्देश दिया जा रहा है।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 15 September 2021

  2. विभिन्न राज्यों से राज्य सभा के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।   

    सं. ईसीआई/पीएन/79/2021
    दिनांकः 09 सितम्बर, 2021
    प्रेस नोट
    विषय: विभिन्न राज्यों से राज्य सभा के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।        
    राज्य सभा में नीचे दिए गए विवरणों के अनुसार विभिन्न राज्यों से छह आकस्मिक रिक्तियां हैं:-
    राज्य
    सदस्य का नाम
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तारीख
    की अवधि तक
    पश्चिम बंगाल
    श्री मानस रंजन भुनिया
    त्यागपत्र
    06.05.2021
    18.08.2023
    असम
    श्री बिस्वजीत दायमरी
    त्यागपत्र
    10.05.2021
    09.04.2026
    तमिलनाडु
    थिरू. के.पी. मुनुस्वामी
    त्यागपत्र
    07.05.2021
    02.04.2026
    तमिलनाडु
    थिरू. आर. वैथिलिंगम
    त्यागपत्र
    07.05.2021
    29.06.2022
    महाराष्ट्र
    श्री राजीव शंकरराव सातव
    देहांत
    16.05.2021
    02.04.2026
    मध्य प्रदेश
    श्री थावरचंद गहलोत
    त्यागपत्र
    07.07.2021
    02.04.2024
     2.     आयोग ने उपर्युक्त रिक्त स्थान को भरने के लिए ऊपर उल्लिखित राज्यों से राज्य सभा के छह उप-निर्वाचनों को निम्न कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया है:- 
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    15 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    22 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    23 सितम्बर, 2021 (गुरुवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    27 सितम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    04 अक्तूबर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वा. 9.00 बजे-अप. 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    4 अक्तूबर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    06 अक्तूबर, 2021 (बुधवार)
     5.     सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 04.09.2021 जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/13681-schedule-to-fill-casual-vacancy-and-adjourned-poll-in-the-assembly-constituencies-regarding/ पर उपलब्ध है के पैरा 13 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
    6.     निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 कंटेनमेंट उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने के लिए संबंधित मुख्य सचिवों को निर्देश दिया जा रहा है।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 15 September 2021

  3. दिनांक 06.10.2021 को सेवानिवृत्त हो रहे सदस्य की सीट को भरने के लिए पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र से राज्य सभा का द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी 

    सं. ईसीआई/पीएन/78/2021
     दिनांकः 09 सितम्बर, 2021
    प्रेस नोट 
    विषय: दिनांक 06.10.2021 को सेवानिवृत्त हो रहे सदस्य की सीट को भरने के लिए पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र से राज्य सभा का द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी               
    पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र से राज्य सभा के लिए निर्वाचित 01 सदस्य का कार्यकाल उनके सेवानिवृत्त होने को कारण अक्तूबर, 2021 में समाप्त हो रहा है जिसका विवरण निम्नानुसार है:-
    संघ राज्य क्षेत्र का नाम
    सदस्य का नाम
    सेवानिवृत्ति की तारीख
    पुडुचेरी
    श्री एन. गोकुलकृष्णन
    06.10.2021
    2.     आयोग ने उपर्युक्त रिक्ति को भरने के लिए पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र से राज्य सभा के द्विवार्षिक निर्वाचन को निम्न कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय लिया है:- 
    क्र.सं.
    कार्यक्रम
    दिनांक और दिन
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    15 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि
    22 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    23 सितम्बर, 2021 (गुरुवार)
    4.
    अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तारीख
    27 सितम्बर, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तिथि
    04 अक्तूबर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वा. 9.00 बजे-अप. 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    4 अक्तूबर, 2021 (सोमवार) सायं 5.00 बजे 
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा हो जाएगा
    06 अक्तूबर, 2021 (बुधवार)
     5.     सभी व्यक्तियों के लिए पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा पहले ही जारी किए गए कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश के साथ-साथ ईसीआई द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट, दिनांक 04.09.2021 जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/13681-schedule-to-fill-casual-vacancy-and-adjourned-poll-in-the-assembly-constituencies-regarding/ पर उपलब्ध है के पैरा 13 में निहित हाल ही के दिशानिर्देश, जहां कहीं भी लागू हो, का अनुपालन किया जाए। 
      6.     मुख्य सचिव, पुडुचेरी सरकार को उपर्युक्त द्विवार्षिक निर्वाचन के संचालन की व्यवस्था करते समय कोविड-19 कंटेनमेंट उपायों के संबंध में मौजूदा निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु संघ राज्य क्षेत्र से एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने के लिए निर्देश दिया जा रहा है।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 15 September 2021

  4. विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने और स्थगित मतदान हेतु कार्यक्रम-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/77/2021                                                
    दिनांक: 04.09.2021
    प्रेस नोट
    विषय: विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्ति को भरने और स्थगित मतदान हेतु कार्यक्रम-तत्संबंधी।   
           आयोग ने दिनांक 3 मई, 2021 के प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/61/2021 के तहत स्थगित मतदान (जो 16.05.2021 को होना नियत था) को आस्थगित कर दिया और एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा यथानिर्गत आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लॉकडाउन/प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए ओडिशा के 110-पिपली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (एसी) एवं पश्चिम बंगाल के 58-जंगीपुर एवं 56-समसेरगंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचनों की अवधि आगे बढ़ा दी गई। इसके अलावा, सभी वस्तुगत तथ्यों और महामारी को देखते हुए विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मिले इनपुट्स को ध्यान में रख कर आयोग ने दिनांक 5 मई, 2021 के प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/64/2021 के तहत विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचनों को आस्थगित कर दिया। 
    2.    आज की तारीख में तीन आस्थगित स्थगित मतदान हैं (पश्चिम बंगाल राज्य में दो और ओडिशा राज्य में एक), संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में तीन रिक्तियां और विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र की विधान सभाओं में 32 रिक्तियां हैं। 
    3.    विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचन कराने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए, दिनांक  01.09.2021 को संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य एवं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस महानिदेशकों और संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से एक बैठक की गई। मुख्य सचिवों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने कोविड-19 महामारी, बाढ़ की स्थिति और निकट भविष्य के त्यौहारों इत्यादि के मद्देनज़र अपने-अपने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में उप-निर्वाचन आयोजित करवाने में अपने इनपुट्स, बाधाओं, मुद्दों और चुनौतियों को साझा किया। मतदान वाले संबंद्ध राज्यों से संबंधित मुख्य सचिवों ने भी अपने विचार और इनपुट्स लिखित में भेजे हैं। 
    4.    आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों के मुख्य सचिव और संघ राज्य क्षेत्र दादरा नागर हवेली और दमन और दीव के सलाहकार, बाढ़ की परिस्थितियों, त्यौहारों और महामारी से संबंधित बाधाओं को आयोग के संज्ञान में लाए। उन्होंने सुझाव दिया कि उप-निर्वाचनों को त्यौहारों के खत्म होने के बाद में कराया जाना उचित होगा।
    5.    इनके अलावा, कुछ राज्य आयोग के संज्ञान में यह भी लाए हैं कि, भारत सरकार, विभिन्न शोध संस्थानों, तकनीकी विशेषज्ञ समितियों और पेशेवरों ने अक्तूबर से कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की संभावना की भविष्यवाणी की है। गृह मंत्रालय ने भी दिनांक 28 अगस्त, 2021 को कोविड-19 से बचाव के लिए विस्तृत अनुदेश जारी किए।    
    6.    मुख्य सचिव, ओडिशा ने भी सूचित किया कि कोविड की स्थिति नियंत्रण में है और मतदान कराया जा सकता  है। मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल ने सूचित किया कि कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। वे यह भी संज्ञान में लाए कि राज्य में बाढ़ की स्थिति ने मतदान करवाए जाने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित नहीं किया है और राज्य निर्वाचन कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत, कोई मंत्री, जो लगातार छह महीनों तक राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं है, वह उस अवधि के समाप्त होने पर मंत्री नहीं रहेगा/रहेगी और इससे एक संवैधानिक संकट और सरकार में उच्च कार्यपालक पदों में शून्यता आ जाएगी जब तक कि तत्काल निर्वाचन न कराए जाएं। उन्होंने यह भी सूचित किया है कि प्रशासनिक आवश्यकताओं और लोकहित के मद्देनजर और राज्य में शून्यता की स्थिति से बचने के लिए 159- भबानीपुर, कोलकाता, जहां से सुश्री ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री निर्वाचन लड़ने वाली हैं, में उप-निर्वाचन कराया जा सकता है।     
    7.    संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मिले इनपुट्स और विचारों को ध्यान में रखने के बाद, हालांकि आयोग ने अन्य 31 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों और 3 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन नहीं कराने का निर्णय लिया है तथापि संवैधानिक अत्यावश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य से मिले विशेष अनुरोध पर विचार करके, 159-भवानीपुर, कोलकाता विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचन कराने का  निर्णय लिया गया है। आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिए पूर्ण सावधानी के रूप में पहले से ज्यादा सख्त मानक बनाए गए हैं। उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम अनुबंध-1 में संलग्न है।  
    8.    इसके अलावा, आयोग ने 3 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, नामत: पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज, 58-जंगीपुर और ओडिशा के एक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 110-पिपली, जहां आयोग की 4 मई, 2021 की अधिसूचना के तहत स्थगित मतदान को आस्थगित कर दिया गया था, में अनुबंध-2 में दिए गए कार्यक्रम के अनुसार मतदान कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की जा रही हैं।  
    इन तीनों (3) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अभ्यर्थी/राजनैतिक दलों ने दिनांक 29.04.2021 से 03.05.2021 तक की प्रचार अभियान अवधि का पहले ही लाभ उठा चुके हैं। इसके मद्देनज़र, आयोग ने अब इन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में केवल 20.09.2021 से प्रचार अभियान चलाने की अनुमति देने का निर्णय ले लिया है।  
    9. निर्वाचक नामावली
    यथोक्त विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 01.01.2021 के संदर्भ में प्रकाशित निर्वाचक नामावली इन निर्वाचनों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
    10. इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट 
    आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केंद्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। ईवीएम एवं वीवीपैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दी गई हैं और मशीनों की सहायता से मतदानों का आयोजन सुचारु रूप से हो सुनिश्चित करवाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। 
    11. मतदाताओं की पहचान  
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रमुख दस्तावेज होगा। बहरहाल, मतदान केंद्र पर निम्नलिखित पहचान दस्तावेजों में से भी कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है:   
    i.      आधार कार्ड,
    ii.     मनरेगा जॉब कार्ड,
    iii.     बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक,
    iv.     श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
    v.     ड्राइविंग लाइसेंस,
    vi.     पैन कार्ड,
    vii.    राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
    viii.    भारतीय पासपोर्ट,
    ix.     फोटोग्राफ सहित पेंशन दस्तावेज,
    x.     केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/लिमिटेड कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी  सेवा पहचान-पत्र, और
    xi.     संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र।                  
    12.  आदर्श आचार संहिता
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/आईएनएसटी/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के तहत यथा-जारी आंशिक संशोधन अध्यधीन आदर्श आचार संहिता 04.09.2021 से उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन होने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो।
     
    13.  कोविड-19 की अवधि के दौरान उप-निर्वाचनों / स्थगित निर्वाचनों के संचालन के दौरान पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश
    आयोग ने 21 अगस्त, 2020 को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, इसने दिनांक 09.10.2020, 09.04.2021, 16.04.2021, 21.04.2021, 22.04.2021, 23.04.2021 एवं 28.04.2021 को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो आयोग की वेबसाइट eci.gov.in or link https://eci.gov.in/candidate-political-parties/instructions-on-covid-19/ पर उपलब्ध हैं। साथ ही, दिनांक 28 अगस्त, 2021 के पत्र सं. 40-3/2020-डीएम-I(क), के तहत कोविड प्रबंधन के लिए लक्षित और त्वरित कार्रवाइयों को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा अनुदेशों को 30 सितम्बर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। राजनैतिक दलों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट्स लेने के बाद और एमएचए/एमओएचएफडब्ल्यू के मौजूदा अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को और ज्यादा सख्त कर दिया है। इसके अलावा, कोविड-19 अवधि के दौरान पश्चिम बंगाल में साधारण निर्वाचन के संचालन से संबंधित आयोग के सभी अनुदेश, यथोचित परिवर्तन के साथ इन उप-निर्वाचनों/स्थगित निर्वाचनों के लिए भी लागू रहेंगे।  
    सभी स्टेकहोल्डर इन अनुदेशों का पालन करेंगे। संबंधित राज्य सरकार इन अनुदेशों के अनुपालन में निम्नानुसार सभी समुचित कार्रवाई/उपाय करेगी:- 
    1
    नाम-निर्देशन
    नाम-निर्देशन से पहले और बाद में, शोभायात्रा, जनसभा निषिद्ध है/रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि क्षेत्र में केवल तीन वाहनों की अनुमति। नाम-निर्देशन के लिए किसी शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।      
    2
    प्रचार अभियान अवधि
     
    (क) प्रचार के लिए सभा 
     
    (i) इनडोर  
    अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्ति, जो भी कम हो। सभा में उपस्थित होने वाले व्यक्तियों की संख्या की गणना करने के लिए एक रजिस्टर बनाया जाएगा।  
     
    (ii) बाह्य  
    प्रमुख (स्टार) प्रचारकों के मामले में क्षमता का 50% (कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुसार) या 1000 और अन्य सभी मामलों में क्षमता का 50% या 500।  दोनों मामलों में अनुमत संख्या वही है, जो भी कम हो। संपूर्ण क्षेत्र की घेराबंदी की जाएगी और पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। मैदान में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की गणना का अनुवीक्षण किया जाएगा। घेराबंदी/बाड़बंदी का खर्च अभ्यर्थी/पार्टी द्वारा वहन किया जाएगा। रैलियों के लिए केवल वे ही मैदान प्रयोग में लाए जाएंगे जिनकी पूरी घेराबंदी/बाड़बंदी है।       
     
    (ख) प्रमुख प्रचारक
    कोविड-19 महामारी के कारण इन उप-निर्वाचनों के लिए राष्ट्रीय/राज्यीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रमुख (स्टार) प्रचारकों की संख्या 20 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के लिए 10 तक सीमित है।
     
    (ग) रोड शो
    किसी रोड शो की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी मोटर/बाइक/साइकिल रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।   
     
    (घ) नुक्कड़ सभा
    अधिकतम 50 व्यक्तियों को अनुमति दी जाएगी (स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन) 
     
    (ङ) घर-घर जाकर  प्रचार अभियान
    अभ्यर्थियों/उनके प्रतिनिधियों को शामिल करके 5 व्यक्तियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार।  
     
    (च) वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार अभियान
    स्थान की उपलब्धता एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के अनुपालन के अध्यधीन एक क्लस्टर स्थान में 50 से अधिक श्रोताओं को अनुमति नहीं दी जाएगी।   
     
    (ज) प्रचार अभियान के लिए वाहनों का प्रयोग
    अभ्यर्थी/राजनैतिक दल के लिए (स्टार प्रचारक के अतिरिक्त) कुल अनुमत वाहन:- 20 प्रति वाहन अधिकतम व्यक्तियों की संख्या, वाहन की क्षमता का 50% अनुमत्य।
    3
    प्रचार रहित अवधि
    प्रचार रहित अवधि है मतदान समाप्ति से 72 घंटे पूर्व। 
     
    4
    मतदान दिवस की गतिविधियां
    1. अधिकतम 2 वाहनों की अनुमति दी जाएगी और प्रत्येक वाहन पर 3 व्यक्ति होंगे। मौजूदा लागू दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा।
    2. ईसीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्र पर मतदान दिवस की गतिविधियां।     
    5
    मतगणना दिवस
    भीड़ को रोकने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को समुचित उपाय करने चाहिए। मतगणना के पूरे समय के दौरान सामाजिक दूरी बनाना और कोविड सुरक्षा संबंधी अन्य नयाचारों का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए।  
     
    6.     सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसी सभी गतिविधियों का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। कोविड-19 नयाचार के अनुसार, सामाजिक दूरी बनाना और मास्क, सैनीटाइज़र, थर्मल स्कैनिंग, फेस-शील्ड, दस्ताने इत्यादि के प्रयोग का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोविड नयाचार अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी निवारक और उपशमन उपायों के लिए एसडीएमए उत्तरदायी है। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुवीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुपालन के लिए मुख्य सचिव और महानिदेशक और जिला स्तरीय प्राधिकारी उत्तरदायी होंगे।
    7.     यदि कोई अभ्यर्थी या राजनैतिक दल उपर्युक्त दिशा-निर्देशों में से किसी का भी उल्लंघन करता है तो संबंधित अभ्यर्थी/दल को रैलियों, सभाओं इत्यादि के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई  प्रमुख (स्टार) प्रचारक कोविड नयाचारों का उल्लंघन करता है तो उसे उस निर्वाचन क्षेत्र/जिले में आगे प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।  
    8.     निर्वाचन ड्यूटी में लगे प्राइवेट व्यक्तियों सहित सभी मतदान कर्मियों और निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सेवाएं देने से पहले दोनों टीके लगवाए जाएंगे।
    9.     अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंट/मतदान एजेंट/मतगणना एजेंट/ड्राइवर इत्यादि, जो भी जनता या निर्वाचन अधिकारियों के संपर्क में आ रहा है, उसे दोनों टीके लगवाने होंगे।
    10.    प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए कोविड नोडल अधिकारी के रूप में एक स्वास्थ्य कर्मी नियुक्त किया जाना चाहिए।  
    11.    मुख्य सचिव/महानिदेशक और संबंधित जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान पूर्व और मतदान के पश्चात मतदान संबंधी कोई हिंसा न हो, पर्याप्त निवारक उपाय करेंगे तथा आवश्यक व्यवस्था करेंगे।
    12.    स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के आलोक में, भारत निर्वाचन आयोग, मौजूदा परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए रखेगा और आगामी निर्वाचनों के लिए दिशों-निर्देशों को और सख्त कर सकता है।                 
     
    अनुबंध-1
    पश्चिम बंगाल के 159- भबानीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
    राज-पत्र की अधिसूचना जारी करने की तारीख
    06.09.2021, सोमवार
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    13.09.2021, सोमवार
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    14.09.2021, मंगलवार
    अभ्यर्थिताओं को वापिस लेने की अंतिम तारीख
    16.09.2021, गुरुवार
    मतदान की तारीख
    30.09.2021, गुरुवार
    मतगणना की तारीख
    03.10.2021, रविवार
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा कर लिया जाएगा
    05.10.2021, मंगलवार
     
    अनुबंध-2
    पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज एवं 58-जंगीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों तथा ओडिशा के 110-पिपिली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, जहां स्थगित मतदान आस्थगित कर दिए गए थे, में मतदान के लिए कार्यक्रम
     
    मतदान कार्यक्रम
    तारीख एवं दिन
    मतदान की तारीख 
    30.09.2021, गुरुवार
    मतगणना की तारीख
    03.10.2021, रविवार
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन पूरा कर लिया जाएगा 
    05.10.2021, मंगलवार

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

  5. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दो दिवसीय स्वीप परामर्श कार्यशाला का आयोजन

    सं. ईसीआई/पीएन/76/2021
    अगस्त, 2021

    प्रेस नोट
     
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दो दिवसीय स्वीप परामर्श कार्यशाला का आयोजन  
    व्यक्तिगत 'लेटर टू न्यू वोटर्स' की एक नई पहल का अनावरण; स्वीप के गीतों का संकलन जारी 
    स्वीप की टीमें मतदाता केंद्रित संदेश को सुनिश्चित करें; नामांकन और मतदान में सहजता सुनिश्चित करें: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने 25-26 अगस्त, 2021 को दो दिवसीय स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक सहभागिता) परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का एजेंडा राज्य स्वीप योजनाओं की समीक्षा करना और आगामी निर्वाचनों के लिए व्यापक कार्यनीति हेतु स्वीप के महत्वपूर्ण पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श करना था।

    प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने कहा कि प्रत्येक मतदाता दो महत्वपूर्ण चरणों अर्थात् नामांकन के दौरान और मतदान दिवस पर निर्वाचन मशीनरी से रूबरू होता है और ये दोनों अनुभव बहुत सुखद होने चाहिएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि फील्ड टीमों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नामांकन प्रक्रिया निर्बाध हो और मतदाताओं के लिए मतदान का अनुभव सहज एवं सरल हो। उन्होंने यह भी कहा कि यह अत्‍यावश्‍यक है कि हम नियमित अंतराल पर अपनी कार्यनीति और वर्तमान कार्यकलापों का मूल्यांकन करें; महत्वपूर्ण अंतरालों की पहचान करें और प्रदेय कार्य बिंदुओं को तैयार करने के लिए चुनौतियों का समाधान करें। उन्होंने बल देते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर कार्यनीति का क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है। श्री चंद्रा ने 360-डिग्री स्वीप-संचार कार्यनीति की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाताओं को निर्वाचन संबंधी सभी जानकारी उपलब्‍ध हो और हमारी स्वीप कार्यनीति मतदाता केंद्रित और बूथ केंद्रित होनी चाहिए। 
    श्री सुशील चंद्रा और निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने मतदाताओं को उनके मतदाता पहचान पत्र भेजते समय आयोग के एक व्यक्तिगत पत्र के माध्यम से नए मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक नई पहल का अनावरण किया। इस पैकेज में नए मतदाताओं के लिए एक मतदाता मार्गदर्शिका के साथ एक बधाई पत्र और नैतिक मतदान की प्रतिज्ञा शामिल होगी।

    निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि आज की दुनिया में संचार की आवश्यकता स्वयं स्पष्ट है। उन्होंने आउटरीच प्रयासों में सोशल मीडिया और संचार के नए माध्यमों की भूमिका पर प्रकाश डाला। श्री कुमार ने समग्र संचार योजना के हिस्से के रूप में विषयगत कार्यनीति और वितरण चैनलों के महत्व पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के स्थानीय आइकन के साथ साझेदारी करने से हमारे मतदाताओं के साथ हमारे संदेश को मजबूत करने में मदद मिलेगी। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने पिछले दिन टीमों के साथ बातचीत करते हुए स्वीप कार्यनीति में सोशल मीडिया तथा संचार के पारंपरिक रूपों के उपयोग के बीच तालमेल के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री पाण्डेय ने कहा कि राज्य की टीमों को आगे भी इसी तरह की कार्यशालाओं को संचालित करने तथा संबंधित राज्यों में जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा उनकी टीमों के साथ विचार करना चाहिए।

    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण के दौरान कहा कि परामर्श कार्यशाला स्वीप कार्यक्रम के मूल सिद्धांतों पर फिर से विचार करने तथा विभिन्न कार्यकलापों तथा उपागम पर नये सिरे से विचार करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि स्वीप एक 360 डिग्री संचार योजना है जिसका उद्देश्य प्रत्येक मतदाताओं तक पहुंचना है।  
    आयोग ने 'महत्वपूर्ण है मत मेरा'- आयोग की एक त्रैमासिक पत्रिका, के नवीनतम अंक; निर्वाचक साक्षरता क्लबों के लिए ऑनलाइन क्रियाकलापों पर एक दस्तावेज और प्रेरक स्वीप गीतों के गीत के संकलन की एक गीत पुस्तिका का भी विमोचन किया।    
    इस दो दिवसीय परामर्श कार्यशाला में गोवा, पंजाब, मणिपुर, उत्तर-प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के मुख्य निर्वाचक अधिकारियों और स्वीप नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। विचार और ज्ञान के आदान-प्रदान को समृद्ध करने के लिए, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस परामर्श कार्यशाला के लिए आमंत्रित किया गया था। कार्यशाला में वरिष्ठ जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी, महानिदेशक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली और निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। 
     परामर्श कार्यशाला के भाग के रूप में व्यापक विषयों पर विचार मंथन सत्र आयोजित किए गए थे जिसमें महत्वपूर्ण अंतराल विश्लेषण एवं लक्षित कार्यकलाप (लिंग, युवा तथा सेवा निर्वाचक); दिव्यांगजन तथा वरिष्ठ नागरिक; निर्वाचक साक्षरता को मुख्यधारा में लाना तथा ईएलसी चुनाव पाठशाला तथा मतदाता जागरूकता मंच का पुनरोद्धार करना; स्वीप आउटरीच को बढ़ाने के लिए मीडिया तथा सोशल मीडिया का उपयोग करना; सहयोग तथा साझेदारिता का लाभ उठाना तथा बूथ तैयार करना, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, कम मतदान वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए जिलावार स्वीप योजना तैयार करना शामिल थी। 
    विषयगत वार्तालाप के इनपुट के आधार पर, सीईओ ने आगामी निर्वाचनों के लिए अपनी राज्य विशिष्ट स्वीप योजनाएं प्रस्तुत की।

    सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और जागरूकता भागीदारी कार्यक्रम भारत में मतदाता शिक्षा और जागरूकता, मतदाता जागरूकता फैलाने तथा मतदाता साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए भारत निर्वाचन आयोग का सर्वोत्कृष्ट कार्यक्रम है। स्वीप का प्राथमिक लक्ष्य सभी पात्र नागरिकों को मतदान करने और संसूचित निर्णय और नैतिक विकल्प लेने हेतु प्रोत्‍साहित करके एक समावेशी और सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 06 September 2021

  6. तमिलनाडु से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन - तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./75/2021 
    दिनांकः 17 अगस्त, 2021
     
    प्रेस नोट 
    विषयः-  तमिलनाडु से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन - तत्संबंधी।  
    तमिलनाडु से राज्य सभा में निम्नलिखित विवरण के अनुसार एक आकस्मिक रिक्ति हैः- 
    सदस्य का नाम
    कारण
    रिक्ति की तारीख
    पदावधि
    तिरू. ए. मोहम्मदजान
    मृत्यु
    23.03.2021
    24.07.2025
    2.   आयोग ने निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार उपरोक्‍त रिक्ति को भरने हेतु तमिलनाडु से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है:-  
    क्र. सं.
    कार्यक्रम
    तारीख
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    24 अगस्त, 2021 (मंगलवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    31 अगस्त, 2021 (मंगलवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    1 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    3 सितम्बर, 2021 (शुक्रवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    13 सितम्बर, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    13 सितम्बर, 2021 (सोमवार) को अपराह्न 5:00 बजे
    8.
    वह तिथि, जिससे पूर्व निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    15 सितम्बर, 2021 (बुधवार)
    3.    सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के लिए अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देश:-
                  I.      निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर एक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा।
                 II.      निर्वाचन के प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने वाले हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश पर:-
                               (क) सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।
                               (ख) सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे। 
                III.      राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के मौजूदा कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी। 
    4.    मुख्य सचिव, तमिलनाडु को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करने हेतु प्रतिनियुक्त करें कि उक्त उप-निर्वाचन करवाने संबंधी व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों से संबंधित मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 18 August 2021

  7. प्रेस वक्तव्य

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./74/2021
    दिनांकः 13 अगस्त, 2021
     
    प्रेस वक्तव्य
     कुछ मीडिया साइटें भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की साइट से डाटा की चोरी की खबरें दें रहीं हैं। 
    सहायक निर्वाचक नामावली अधिकारियों (एईआरओ) को मतदाता पहचान पत्र के मुद्रण और इसके समय पर वितरण सहित नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिदेशित किया गया है, जो आयोग के "कोई मतदाता न छूटे" की थीम के अनुरूप है। एक एईआरओ कार्यालय के डाटा एंट्री ऑपरेटर ने कुछ मतदाता पहचान पत्रों को मुद्रित करने के लिए सहारनपुर के नकुड उप-मंडल में एक निजी अनधिकृत सेवा प्रदाता के साथ अपना यूजर आईडी पासवर्ड अवैध रूप से साझा किया था। 
    इन दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का डाटाबेस पूर्णतया सुरक्षित और महफूज़ है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 18 August 2021

  8. CEC inaugurates 11th Annual Meeting of the Forum of the Election Management Bodies of South Asia (FEMBoSA) for 2021

    No. ECI/PN/73/2021                                    
    Dated:  August 11, 2021
    PRESS NOTE
    CEC inaugurates 11th Annual Meeting of  the Forum of the Election Management Bodies of South  Asia (FEMBoSA) for 2021
     
    ECI hands over Chair FEMBoSA role to Election Commission of Bhutan for 2021-22
    ECI & IIIDEM to continue to organize capacity building courses for FEMBoSA members
     
    Chief Election Commissioner of India and current Chairman, FEMBoSA Shri Sushil Chandra accompanied by Election Commissioners Shri Rajeev Kumar and Shri A.C. Pandey, today inaugurated the 11th Annual meeting of the Forum of the Election Management Bodies of South Asia (FEMBoSA) for the year 2021. The meeting in Virtual mode was hosted by the Election Commission of Bhutan. Along with India, delegations from Afghanistan, Bangladesh, Bhutan, Maldives, Nepal and Sri Lanka participated in the day-long meeting.
    Shri Sushil Chandra, CEC, as the outgoing  Chair of FEMBoSA, virtually handed over the Chairmanship of FEMBoSA to H.E. Dasho Sonam Topgay, Chief Election Commissioner of Bhutan at today's meeting. On behalf of Election Commission of Bhutan, H.E. Major General Vetsop Namgyel, Ambassador of Bhutan to India accepted FEMBoSA Logo from Shri Sushil Chandra for Election Commission of Bhutan assuming the role of new Chair of FEMBoSA 2021-22. 
    In his address, Shri Sushil Chandra stated that FEMBoSA represents a very large part of the democratic world and is an active regional cooperation association of Election Management Bodies. Its logo with golden pearls stands for the eternal values of transparency, impartiality, democracy and cooperation. Shri Chandra shared India’s experience of conducting Assembly elections in Bihar in November 2020 and Assam, Kerala, Tamil Nadu, West Bengal, and Puducherry in March/April 2021 during the tough, testing times of COVID 19 pandemic. Shri Chandra noted that technological advancements and its impact on election management is of critical importance for all of us. Technology has been extensively used to make elections more participative, accessible and transparent. 
    The theme of today's meeting was ‘Use of Technology in Elections’. Shri Sushil Chandra mentioned that keeping pace with the rapid strides of Technology, ECI has digitized many processes. Technology driven processes became all the more important in view of Covid 19 situation by helping minimize person-to-person contact.  Shri Chandra added that ECI looks forward to further strengthening its interaction with FEMBoSA member EMBs in promoting activities of the Forum as per its objectives, and empowering fellow EMBs through sharing the skills and capacity building efforts in cooperation with the Members.   He reiterated ECI’s commitment to ensure that the ideals and objectives enshrined in FEMBoSA Charter shall be carried further. 
    Shri Umesh Sinha, Secretary General, ECI  presented a Stewardship Report on the activities of FEMBoSA members during the period of ECI's Chairmanship for the period Jan. 2020 – July 2021, as per the Work Plan 2020 approved at the 10th FEMBoSA meeting held in New Delhi on 24 Jan. 2020. 
    Accepting the responsibility of Chairperson of the Forum, H.E. Dasho Sonam Topgay, CEC of Bhutan thanked the delegates for the trust and confidence reposed in the Election Commission of Bhutan. He assured FEMBoSA members that Bhutan shall work with utmost devotion to carry forward FEMBoSA's objectives to promote contact among the Election Management Bodies of the SAARC countries; share experiences with a view to learning from each other and cooperate with one another in enhancing capabilities of the Election Management Bodies towards conducting free and fair elections.
    A Thimphu Resolution was unanimously adopted by the FEMBoSA members to extend tenure of chairmanship to two years during the current pandemic situation. The resolution document noted the commendable efforts put in by ECI and IIIDEM in capacity development of members from FEMBoSA. IIIDEM and ECI would continue to organise customised programs for the needs of member countries with mutual cooperation and support
    In his closing remarks, Shri Sushil Chandra reiterated ECI’s commitment to the objectives and mission of FEMBoSA. Shri Chandra said FEMBoSA offers a meaningful forum for exchange on matters of mutual interests as we continue to share our learning and experiences in the field of electoral management to gain new insights and possible solutions to challenges faced. Sh. Chandra noted that deliberations today have been very purposeful, productive and participative. 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 18 August 2021

  9. भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./72/2021
    दिनांकः 28 जुलाई, 2021
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के सीईओ के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया 
    भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन में पांच राज्यों नामतः गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आगामी निर्वाचनों के लिए अग्रिम योजना पर बैठक का आयोजन किया।
     
     इस प्रारंभिक बैठक में मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ), मतदाता सुविधा के लिए सरल पंजीकरण व्यवस्था, निर्वाचक नामावली, शिकायतों का समय पर समाधान, ईवीएम/वीवीपैट की व्यवस्था, वरिष्ठ नागरिकों (80+) और दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा, कोविड रोकथाम योजना, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य के साथ-साथ व्यापक मतदाता आउटरीच सहित विभिन्न विषयगत (थीमेटिक) मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने अपने संबोधन में कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता निर्वाचन प्रक्रिया के हॉलमार्क हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य में मुद्दे और चुनौतियां अलग-अलग हो सकती हैं, परंतु निर्वाचन योजना के लिए सभी स्टेकहोल्डरों को शामिल करते हुए एक मतदाता-केंद्रित दृष्टिकोण और सहभागितापूर्ण निर्णय लेने की जरूरत है। 
    अपने संबोधन के दौरान, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचक नामावली की विशुद्धता के महत्व पर बल दिया और सभी सीईओ से मतदाता पंजीकरण के संबंध में लंबित सभी आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करने के लिए कहा। उन्होंने कोविड 19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्रों के युक्तिकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी मतदान केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को दोहराया। श्री चंद्रा ने यह भी उल्लेख किया कि वरिष्ठ नागरिकों (80+) और दिव्यांगजनों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा के कार्यान्वयन में आने वाली सभी लॉजिस्टिकल चुनौतियों को निर्वाचनों के दौरान इसके सुचारू और पारदर्शी कार्यान्वयन के लिए पहचानने और हल करने की आवश्यकता है। 
    सीईसी श्री सुशील चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को निर्वाचन हो चुके राज्यों या अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से निर्वाचन प्रबंधन में नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना और अपनाना चाहिए। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि निर्वाचन के प्रत्येक पहलू पर सभी निर्वाचनरत सीईओ द्वारा आवधिक और व्यापक निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने आगामी निर्वाचनों की तैयारी शुरू करने के लिए पांच राज्यों में निर्वाचन मशीनरी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अवसंरचना संबंधी कमियों तथा संभार संबंधी अपेक्षा की पूर्ति करने, निर्वाचक नामावली के अद्यतन और शुद्धिकरण पर तथा एक व्यापक मतदाता शिक्षा और सशक्तिकरण आउटरीच कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि निर्वाचन प्रबंधन के लिए निर्वाचन योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है और हर निर्वाचन के लिए व्यापक और समय पर तैयार करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व-योजना बैठक, पांच राज्यों में आगामी निर्वाचनों के लिए उचित व्यवस्था और आगे की तैयारी सुनिश्चित करने में आयोग का मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु राज्यों के लिए आयोजित की गई थी। 
    पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने निर्वाचक नामावली की स्थिति, बजट की उपलब्धता, जनशक्ति संसाधनों, स्वीप, योजना, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और आईटी अनुप्रयोगों आदि सहित निर्वाचन के संचालन के विभिन्न पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। भारत निर्वाचन आयोग के सभी वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 28 July 2021

  10. पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./71/2021
    दिनांकः 16 जुलाई, 2021
    प्रेस नोट
     
    विषयः-  पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए उप निर्वाचन-तत्संबंधी। 
     पश्चिम बंगाल से राज्य सभा में निम्नलिखित विवरण के अनुसार एक आकस्मिक रिक्ति हैः- 
    राज्य
    सदस्य का नाम
    कारण
    रिक्ति की तारीख
    पदावधि
    पश्चिम बंगाल
    श्री दिनेश त्रिवेदी
    त्यागपत्र
    12.02.2021
    02.04.2026
    2.   आयोग ने निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार उपरोक्‍त रिक्ति को भरने हेतु पश्चिम बंगाल से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है:-  
    क्र. सं.
    कार्यक्रम
    तारीख 
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    22 जुलाई, 2021 (गुरुवार)
    2.
    नाम-निर्देशन करने की अंतिम तारीख
    29 जुलाई, 2021 (गुरुवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    30 जुलाई, 2021 (शुक्रवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    02 अगस्त, 2021 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    09 अगस्त, 2021 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 9.00 बजे से अपराह्न 4.00 बजे तक
    7.
    मतगणना
    09 अगस्त, 2021 (सोमवार) को अपराह्न 5.00 बजे
    8.
    वह तिथि जिससे पूर्व निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    10 अगस्त, 2021 (मंगलवार)
     3.    सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी व्यक्तियों के लिए अनुपालन हेतु व्यापक दिशा-निर्देश:-
                  I.      निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर एक व्यक्ति फेस मास्क पहनेगा।
                 II.      निर्वाचन के प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने वाले हॉल/कमरा/परिसरों के प्रवेश पर:-
    (क)  सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।
    (ख)            सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे। 
                III.      राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के मौजूदा कोविड-19 दिशा-निर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाएगी।
    4.    मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल को निदेश दिया जा रहा है कि वे राज्य से एक वरिष्ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करने हेतु प्रतिनियुक्त करें कि उक्त उप-निर्वाचन करवाने संबंधी व्यवस्थाएं करते समय कोविड-19 की रोकथाम के उपायों से संबंधित मौजूदा दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Wednesday 28 July 2021

  11. प्रेस नोट

    सं. डीसी/प्रेस नोट/02/2021
    दिनांकः 30 जून, 2021 
    प्रेस नोट 
    आज, न्यायमूर्ति (सेवा-निवृत्त) श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग ने, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा की उपस्थिति में 06 जुलाई, 2021 (मंगलवार) से 09 जुलाई, 2021 (शुक्रवार) तक संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्णय लिया है। इस अवधि के दौरान, आयोग जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत यथा अधिदेशित परिसीमन की प्रगतिरत प्रक्रिया से संबंधित नवीनतम जानकारी और इनपुट प्राप्त करने के लिए संघ राज्य क्षेत्र के 20 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों/उपायुक्तों सहित राजनैतिक दलों, जन प्रतिनिधियों और संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।
    परिसीमन आयोग का गठन मार्च, 2020 में किया गया था और मौजूदा वैश्विक महामारी को देखते हुए इसका कार्यकाल मार्च 2021 में एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। इस आयोग के तीसरे सदस्य संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं। आयोग में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नामित पांच सहयोगी सदस्य भी हैं। आयोग ने वर्ष 2011 की जनगणना से संबंधित जिलों/निर्वाचन क्षेत्रों के डाटा/मानचित्रों के संबंध में पहले कई बैठकें की हैं। इससे पहले भी, इसने सभी सहयोगी सदस्यों को वार्तालाप के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें केवल दो सहयोगी सदस्यों ने ही भाग लिया था। परिसीमन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सिविल सोसाइटियों और संघ राज्य क्षेत्र के लोक सदस्यों से भी कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। आयोग उन सभी सुझावों पर पहले ही विचार कर चुका है और इसने निर्देश दिया है कि परिसीमन से संबंधित वास्तविक स्थिति के संदर्भ में इन पर आगे और विचार किया जाए।
    आयोग को आशा है कि सभी स्टेकहोल्डर इन प्रयासों में सहयोग करेंगे और बहुमूल्य सुझाव देंगे ताकि परिसीमन का कार्य समयपूर्वक संपन्न हो सके।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 July 2021

  12. भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन 2019 पर एटलस का विमोचन किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./70/2021 
    दिनांकः 18 जून, 2021
     प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन 2019 पर एटलस का विमोचन किया 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ 15 जून, 2021 को 'साधारण निर्वाचन 2019-एक एटलस' का विमोचन किया। श्री चंद्रा ने इस अभिनव दस्तावेज को संकलित करने के लिए आयोग के अधिकारियों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि यह शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को भारतीय निर्वाचनों के विशाल परिदृश्य का आगे और अन्वेषण करने के लिए प्रेरित करेगा।
     
     
    इस एटलस में इस वृहत कार्य के सभी डाटा और सांख्यिकीय आंकड़े शामिल हैं। इसमें 42 थीमैटिक मैप और 90 सारणी हैं, जो निर्वाचन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। यह एटलस भारतीय निर्वाचनों से संबंधित रोचक तथ्य, उपाख्यान और कानूनी प्रावधान भी साझा करती है। 
    वर्ष 1951-52 में पहले साधारण निर्वाचनों के बाद से, आयोग नैरेटिव और सांख्यिकीय पुस्तकों के रूप में निर्वाचकीय आंकड़ों के संकलन का प्रकाशन करता रहा है। वर्ष 2019 में आयोजित 17वें साधारण निर्वाचन, मानव इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद थी, जिसमें भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर भू-भाग में फैले 10.378 लाख मतदान केंद्रों पर 61.468 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी देखी गई। 
    भारतीय निर्वाचनों में निर्वाचकीय डाटा, मुख्य रूप से निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों द्वारा निर्वाचक नामावली तैयार करने और रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा निर्वाचनों के संचालन की प्रक्रिया के दौरान एकत्र किया जाता है। तत्पश्चात यह डाटा इन सांविधिक प्राधिकरणों द्वारा समानुक्रमित किया जाता है। तत्पश्चात, निर्वाचकीय प्रक्रिया के समापन के बाद, भारत निर्वाचन आयोग इस निर्वाचकीय डाटा को एकत्र करता है और संकलन, रिकॉर्ड और प्रसार प्रयोजनार्थ विभिन्न रिपोर्टें तैयार करता है। 
    अक्तूबर 2019 में, आयोग ने 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्वाचकीय आंकड़ों के आधार पर सांख्यिकीय रिपोर्ट जारी की। इस एटलस में वर्णित नक्शे और सारणी उस जानकारी को दर्शाते हैं और देश की निर्वाचकीय विविधता की बेहतर समझ और जानकारी प्रदान करते हैं। डाटा को प्रासंगिक बनाने के अलावा, ये विस्तृत नक्शे विभिन्न स्तरों पर निर्वाचकीय पैटर्न को व्यक्त करते हैं और साथ ही इसके स्थानिक और कालसूचक विन्यास को दर्शाते हैं। निर्वाचकीय डाटा की बेहतर संकल्पना और निरूपण करने के उद्देश्य से, यह एटलस एक ऐसे सूचनात्मक और विस्तृत दस्तावेज के रूप में कार्य करती है जो भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों को प्रकाश में लाता है और पाठकों को रुझानों और परिवर्तनों का विश्लेषण करने के योग्य बनाता है। 
     
     
     इस एटलस में मुख्य विशेषताओं को प्रकाशित किया गया है, जैसे ऐसे उन 23 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का डाटा, जहां महिला मतदान प्रतिशत पुरुष मतदान प्रतिशत से अधिक था; निर्वाचकों, अभ्यर्थियों के संदर्भ में सबसे बड़े और सबसे छोटे संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के बारे में जानकारी और अन्य मापदंडों के साथ-साथ राजनैतिक दलों का प्रदर्शन। 
    यह एटलस विभिन्न श्रेणियों में और विभिन्न आयु वर्गों में निर्वाचक और निर्वाचक लिंग अनुपात जैसे विभिन्न तुलनात्मक चार्टों के माध्यम से निर्वाचक डाटा को दर्शाती है। 2019 के साधारण निर्वाचनों में भारतीय निर्वाचनों के इतिहास में सबसे कम लैंगिक अंतर देखा गया। निर्वाचक लिंग अनुपात, जिसने 1971 से सकारात्मक रुझान दिखाया है, 2019 के साधारण निर्वाचनों में 926 था। 
    एटलस में वर्ष 2014 और 2019 के साधारण निर्वाचनों के दौरान विभिन्न राज्यों में प्रति मतदान केंद्र निर्वाचकों की औसत संख्या की तुलना भी की गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने साधारण निर्वाचन, 2019 में अरुणाचल प्रदेश में प्रति मतदान केंद्र सबसे कम मतदाताओं (365) के साथ 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए। 
    विभिन्न अन्य श्रेणियों में इस एटलस में वर्ष 1951 से साधारण निर्वाचनों में लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या की तुलना भी की गई है। 2019 के साधारण निर्वाचनों में, देश भर में दाखिल किए गए कुल 11692 नामांकनों में से नामांकन अस्वीकृत किए जाने और नाम वापस लेने के बाद 8054 योग्य अभ्यर्थी थे। 
    विवरण देखने के लिए, ई-एटलस https://eci.gov.in/ebooks/eci-atlas/index.html पर उपलब्ध है। यदि सुझाव कोई हो, तो आयोग के ईडीएमडी प्रभाग के साथ साझा किए जा सकते हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  13. भारत निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक आभासी सम्मेलन आयोजित करता है

    सं. ईसीआई/पीएन/69/2021
    दिनांक: 15 जून, 2021
     
    भारत निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक आभासी सम्मेलन
    आयोजित करता है
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त मतदाता केन्द्रित सेवाओं को तत्परता और कुशलता से वितरित करने पर जोर देता है
    साधारण निर्वाचन 2019- सम्मेलन के दौरान जारी किया गया एक एटलेस
     
    आज भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का एक आभासी सम्मेलन आयोजित किया।  सम्मेलन मुख्य रूप से बुनियादी ढाचें और प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण से संबंधित सुचारू, कुशल और मतदाता के अनुकूल सेवाओं, निर्वाचक नामावली का अद्यतन/शुद्धता, आई टी अनुप्रयोगों का एकीकरण, व्यापक मतदाता आउटरीच कार्यक्रम, ईवीएम और वीवीपीएटी भण्डारण जैसे प्रमुख विषयगत मुद्दों पर केन्द्रित था।
     
    मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को संबोधित करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा  ने बैक-एण्ड प्रणालियों में पुनर्निर्माण के लिए ऐसी आवधिक समीक्षा बैठकों की महत्ता पर बल दिया ताकि प्राथमिकता के आधार पर मतदाता केन्द्रित सेवाओं को तत्परता और कुशलता से वितरिता किया जा सके। श्री चंद्रा ने कहा कि  ऐसी सीईओ संमीक्षा बैठकें  संस्थागत रूप से और अधिक आयोजित की जाएगी। श्री चंद्रा ने जोर दिया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पंजीकरण और अन्य सेवाओं जैसे सुधार, विद्यमान मतदाताओं के लिए पता परिवर्तन करना और निर्वाचन आयोग के परेशानी मुक्त सुविधा मंच के बारे में जागरूकता के लिए नए मतदाताओं से जुड़ने के लिए निरन्तर प्रयास करना चाहिए।  उन्होंने अद्यतित और त्रुटि रहित निर्वाचक नामावली की  महत्ता को बार-बार बताया। श्री चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से भावी निर्वाचनों के लिए शिक्षण एवं अनुकूलन हेतु निर्वाचन वाले राज्यों द्वारा विभिन्न नवोन्वेषी कदमों के सर्वोत्तम पद्धियों को साझा करने के लिए कहा।
     
     निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अपने संबोधन ने कहा कि हाल ही में हुए निर्वाचन वाले राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अपनी सफल सर्वोत्तम पद्धितयों जैसे अनुपस्थित मतदाताओं के लिए मोबाइल एप, आपराधिक इतिहास और मतदान/पुलिस कर्मियों की यादृच्छिकीकरण को बढ़ाने और एकीकृत करने के तरीकों का सुझाव देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम के भण्डारण एवं आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को ईवीएम भंडारण गोदामों का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण सुनिश्चित करना चाहिए। श्री कुमार ने भी कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को कोर समिति द्वारा जांच किए जा रहे चिन्हित कार्यक्षेत्रों में किए जाने वाले नए सुधारों के लिए अपने सुझाव और उपाय भेजने चाहिए।
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांण्डे ने सी ई ओ की उनके रचनात्मक सुझावों के लिए सरहाना की। उन्होंने कहा कि गैर-निर्वाचन अवधि का उपयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जनशक्ति संसाधनों और बुनियादी ढाचे के अंतराल को समेकित करने और भरने के लिए एवं संचार और जागरूकता क्रियाकलापों की योजना बनाने और अपने राज्यों की विशिष्ट जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए करना चाहिए।
    महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को स्मरण कराया कि गैर-निर्वचन अवधि के दौरान, निर्वाचक नामावलियों की शुद्धता, मतदाताओं की शिकायतों का निवारण, निर्वाचक साक्षारता क्लबों एवं अन्य स्वीप मानदंडों के माध्यम से नए तथा भावी मतदाताओं के साथ जुड़नें के लिए आउटरीच क्रियाकलापों, स्टफिंग और बजट मामलों, सीईओ कार्यालयों की टीमों के प्रशिक्षण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए ताकि आगामी निर्वाचनों के लिए सीईओ कार्यालय पूरी तरह से तैयार हों। 
    वरिष्ठ डीईसी श्री धर्मेन्द्र शर्मा, डीईसी श्री सुदीप जैन, श्री चंद्रभूषण कुमार और श्री नितेश व्यास ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ उनके विशिष्ट विषयगत मुद्दों पर भी बातचीत की। 
    सम्मेलन के दौरान, असम, केरल, तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने महामारी के दौरान निर्वाचन संचालन के अपने अनुभवों और सीख को साझा किया। गोवा, मणिपुर,पंजाब, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने विशेष रूप से आयोग को अपने-अपने राज्यों में आगामी विधान सभा निर्वाचनों के लिए विभिन्न चुनौतियों, नवाचारों और सुझावों के बारे में जानकारी दी। 
     
     आज आयोग ने भी समीक्षा बैठक के दौरान  ‘ साधारण निर्वाचन-2019 पर एटलस ’ ई लांच किया। एटलस इस स्मरणीय कार्यक्रम के सभी डाटा और सांख्यिकीय आंकड़ें शामिल करता है। इस एटलस में 42 विषयगत मानचित्र एवं निर्वाचनों के विभिन्न पहलुओं को दर्शानें वाले 90 सारणी शामिल हैं। साधारण निर्वाचन 2019 एटलस एक सूचनात्मक और उदाहरणात्मक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया की बारीकियों पर प्रकाश डालता है। देश की निर्वाचन संबंधी विविधता को बेहतर रूप से समझने और उसकी सराहना करने के लिए मानचित्र एवं तालिकाओं में जानकारी को चित्रमय तरीके से दर्शाया जाता है। एटलस उन 23 राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के डाटा जैसी विशेषताओं को प्रकाश में लाता है जहां महिला मतदान प्रतिशत पुरूष मतदान प्रतिशत से अधिक था; निर्वाचकों, अभ्यर्थियों और अन्य मानदंडों के बीच राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के मामले में सबसे बड़ी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के बारे में सूचना प्रदान करता है। ई-एटलस  https://eci.gov.in/ebooks/eci-atlas/index.html. पर उपलब्ध है। कोई भी सुझाव आयोग के ईडीएमडी प्रभाग पर साझा किया जा सकता है।


     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  14. श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया

    सं. ईसीआई/प्रे. नो./68/2021
    दिनांकः 9 जून, 2021
     
    प्रेस नोट 
    श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया 
    श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने आज भारत के नए निर्वाचन आयुक्त (ईसी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। श्री पाण्डेय मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा की अध्यक्षता और निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार वाले तीन सदस्यीय निकाय में द्वितीय निर्वाचन आयुक्त के रूप में भारत निर्वाचन आयोग में शामिल हुए।
     
    15 फरवरी 1959 को जन्मे श्री अनूप चंद्र पाण्डेय 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। भारत सरकार की प्रतिष्ठित सेवा के लगभग 37 वर्षों की अवधि के दौरान, श्री पाण्डेय ने केंद्र तथा उत्तर प्रदेश के अपने राज्य संवर्ग के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में काम किया है। 
    कैरियर ब्यूरोक्रेट, श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और पंजाब विश्वविद्यालय से मैटेरियल मैंनेजमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। इतिहास के अध्ययन में गहरी रुचि रखने वाले श्री अनूप चंद्र ने मगध विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास में डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि प्राप्त की है। 
    श्री पाण्डेय, अगस्त 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। भारत निर्वाचन आयोग में शामिल होने से पहले, श्री पाण्डेय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण निरीक्षण समिति, उत्तर प्रदेश के सदस्य के रूप में कार्य किया। 
    मुख्य सचिव के रूप में उनके प्रशासनिक नेतृत्व में, राज्य ने 2019 में प्रयागराज में कुंभ मेला और वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का सफलतापूर्वक आयोजन किया। 
    इससे पहले, श्री अनूप चंद्र ने राज्य के औद्योगिक विकास आयुक्त के रूप में कार्य किया और वर्ष 2018 में लखनऊ में एक मेगा इन्वेस्टर समिट का सफलतापूर्वक आयोजन किया। उन्होंने सिंगल विंडो निवेशमित्र पोर्टल सहित उद्योगों और कारोबारी क्षेत्र में विभिन्न नीतिगत सुधारों की भी शुरुआत की। 
    अपर मुख्य सचिव (वित्त), उत्तर प्रदेश सरकार में श्री पाण्डेय के प्रयासों से उत्तर प्रदेश कृषि ऋण माफी योजना का सफल अभिकल्पन, आयोजना और कार्यान्वयन हुआ। 
    श्री पाण्डेय ने केंद्र सरकार में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान विविध विभागों का कार्यभार संभाला है। उन्होंने अपर सचिव, रक्षा मंत्रालय और संयुक्त सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने जी20 (G20) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया। वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और उपभोक्ता मामले विभाग में निदेशक भी थे। 
    श्री पाण्डेय की लेखन में गहरी रुचि है और उन्होंने "प्राचीन भारत में शासन" शीर्षक नामक एक पुस्तक लिखी है, जिसमें ऋग्वैदिक काल से 650 ईस्वी तक प्राचीन भारतीय सिविल सेवा के विकास, प्रकृति, कार्यक्षेत्र, कार्यों और सभी संबंधित पहलुओं का अन्वेषण किया गया है। 
     
    (मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा और निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार द्वारा, निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय का औपचारिक स्वागत किया गया)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 18 June 2021

  15. राज्य सभा के उप निर्वाचन – निर्वाचन को स्थगित करना-तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./67/2021 
    दिनांक 28 मई, 2021
     
    प्रेस नोट
    राज्य सभा के उप निर्वाचन – निर्वाचन को स्थगित करना-तत्संबंधी। 
    निम्न ब्यौरे के अनुसार राज्य सभा में एक आकस्मिक रिक्ति हैः
    राज्य का नाम
    सदस्य का नाम
    रिक्ति का कारण
    रिक्ति की तारीख
    अवधि
     
    केरल
    श्री जोस के. मणि
    त्यागपत्र
    11.01.2021
    01.07.2024
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151क के प्रावधानों के अनुसार रिक्ति उप-निर्वाचन के माध्यम से, सीट रिक्त होने की तारीख से छः माह के भीतर भरी जानी अपेक्षित होती है, बशर्ते की रिक्ति से संबंधित शेष कार्यकाल एक वर्ष या अधिक हो। 
    3.    आयोग ने आज इस मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के फैलने के कारण, महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार होने तक और इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए स्थितियों के अनुकूल होने तक उप-निर्वाचनों का आयोजन करना उपयुक्त नहीं होगा। 
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट लेने और अधिदेशित प्राधिकरणों यथा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण/राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से महामारी की स्थिति का आकलन करने के बाद इस मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लेगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 May 2021

  16. ईसीआई का व्यापक सुधारों के लिए जोर

    सं. ईसीआई/पीएन/66/2021
    दिनांक: 13 मई, 2021 
    प्रेस नोट 
    ईसीआई का व्यापक सुधारों के लिए जोर
    भारत निर्वाचन आयोग ने सुधार प्रक्रिया आगे जारी रखते हुए हाल ही में मतदान संपन्न हुए राज्यों असम, बिहार, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और संघ शासित राज्य पुड्डुचेरी से लिए गए सबक, अनुभवों, कमियों की पहचान करने के लिए महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग की अध्यक्षता में एक कोर समिति गठित करने का निर्णय लिया है। 
    इस समिति को मुख्यत: निम्नलिखित की पहचान करने का कार्य सौंपा गया है:
    1. ईसीआई नियामक व्यवस्था में कमियां / अंतराल, यदि कोई हों, और सीईओ/ जिला पदाधिकारियों के स्तर पर कार्यान्वयन और प्रवर्तन में कमियां;    
    2. कोविड मानदंडों सहित दिशानिर्देशों / अनुदेशों का अनुपालन अधिक प्रभावी  ढंग से सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई को सक्षम बनाने हेतु विधिक/विनियामक ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता;
    3. संबद्ध विनियामक / विधिक व्यवस्था के तहत एजेंसियों / प्राधिकारियों द्वारा उत्तरदायित्व जैसे कोविड प्रोटोकॉल का प्रवर्तन, का निर्वहन सुनिश्चित करने के उपाय चाहे वे ई सी आई के दिशानिर्देशों में शामिल हों या न हों और चाहे यह  ई सी आई आदि के दिशानिर्देशों के अतिरिक्त हों ; 
    4. दिशानिर्देशों में या एमसीसी / विनियामक व्यवस्था के स्तर पर कार्यान्वयन स्तर में कमियां, यदि कोई हों, जो अभ्यर्थियों/राजनैतिक दलों, स्टेक होल्डरों   द्वारा आनाकानी / अननुपालन में सहायक हों;  
    5. प्रलोभन मुक्त निर्वाचन के लिए व्यय प्रबंधन विनियमन को और सुदृढ़ बनाने के उपाय;
    6. निर्वाचन के बाद प्रतिशोध की संभावना से निर्वाचन तंत्र को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मौजूदा ढांचे में कमियां;
    7. राज्य स्तर के कार्यालयों अर्थात् सीईओ,  डीईओ और आरओ के कार्यालयों में निर्वाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाने हेतु अपेक्षित उपाय;  
    8. निर्वाचक नामावली, मतदाता सूची और ईपीआईसी की सुपुर्दगी से संबंधित मुद्दे;
    9. संचार कार्यनीति में कमियां, यदि कोई हों।
    समिति को राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में अनुभवों, सर्वोत्तम परिपाटियों को समानुक्रमित करने, विश्लेषण करने और भावी योजना तथा अन्य अपेक्षित सुधारों का सुझाव देने के लिए भी कहा गया है। 
    ईसीआई  के उप-निर्वाचन आयुक्तों और हाल ही में मतदान हुए राज्यों के सीईओ और कुछ चयनित विशेष प्रेक्षक और प्रेक्षक इस समिति के सदस्य होंगे। अपनी  सिफारिशों को अंतिम रूप देते समय यह समिति, जमीनी स्तर पर पाए गए मुद्दों और सामना की गई चुनौतियों के बारे में पुलिस, व्यय, स्वास्थ्य प्राधिकारियों जैसे विभिन्न प्रभागों के राज्य नोडल अधिकारियों के साथ-साथ सीईओ द्वारा अभिज्ञात कुछ जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और रिटर्निंग अधिकारियों, मतदान अधिकारियों,  बूथ लेवल अधिकारियों से भी जानकारी प्राप्त करेगी।  
    यह समिति नौ कार्यदलों (जिनका गठन लोकसभा निर्वाचन, 2019 के उपरांत किया गया था) की सिफारिशों की भी मतदान सम्पन्न हुए राज्यों के अनुभवों के आलोक में जांच करेगी। आयोग ने निर्वाचन नामावली संबंधी मामलों, मतदान केंद्रों संबंधी प्रबंधन, एमसीसी, मतदान प्रक्रियाओं और सामग्री सूची, क्षमता निर्माण, आईटी एप्लीकेशनों, व्यय प्रबंधन, स्वीप और मीडिया इंटरफेस तथा निर्वाचकीय सुधारों सहित निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को कवर करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और आयोग के अधिकारियों के नौ कार्यदलों का गठन किया था।  
    कोर कमेटी की सिफारिशें भविष्य में होने वाले आगामी चुनावों के लिए भावी योजनाएं तैयार करने में आयोग की मदद करेंगी। कोर कमेटी को एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 28 May 2021

  17. विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा क्रमशः आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-निर्वाचनों का स्थगित होना–तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./65/2021
    दिनांकः 13 मई, 2021
     
    प्रेस नोट
    विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) द्वारा क्रमशः आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-निर्वाचनों का स्थगित होना–तत्संबंधी।
           संबंधित विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा निर्वाचित आंध्र प्रदेश विधान परिषद के 03 (तीन) सदस्यों और तेलंगाना विधान परिषद के 06 (छह) सदस्यों का कार्यकाल क्रमशः दिनांक 31.05.2021 और 03.06.2021 को निम्नलिखित विवरणों के अनुसार समाप्त होने जा रहा हैः 
    निर्वाचन-क्षेत्र की श्रेणी
    सेवानिवृत्ति की तिथि
    सीटों की संख्या
    निर्वाचक
     आंध्र प्रदेश
    एमएलए द्वारा
    31.05.2021
    03
    विधान सभा के सदस्य
    तेलंगाना
    एमएलए द्वारा
    03.06.2021
    06
    विधान सभा के सदस्य
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 16 के प्रावधानों के अनुसार, राज्य विधान परिषद की जो सीटें सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने पर खाली होने जा रही हैं, उन्हें कार्यकाल के उक्त समापन से पूर्व द्विवार्षिक निर्वाचन का आयोजन करके भरना अपेक्षित होता है। 
    3.    आयोग ने आज मामले की समीक्षा की है और देश में कोविड-19 की दूसरी लहर फैलने के कारण यह निर्णय लिया है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की विधान परिषद के लिए क्रमशः द्विवार्षिक निर्वाचन का आयोजन करवाना तब तक उचित नहीं होगा जब तक कि महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार नहीं आ जाता और इन द्विवार्षिक निर्वाचनों को करवाने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हो जातीं। 
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट प्राप्त करने और अधिकृत प्राधिकरणों, जैसे एनडीएमए/एसडीएमए से महामारी की स्थिति का आंकलन करने के बाद भविष्य में उचित समय पर इस मामले में निर्णय लेगा।
     
    ह./- 
    (पवन दीवान)
    अवर सचिव

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 13 May 2021

  18. आयोग ने महामारी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों को स्थगित करने का निर्णय लिया - तत्संबंधी

    सं. ईसीआई/पीएन/64/2021                                      
    दिनांक: 5 मई, 2021 
    प्रेस नोट
     
    विषय: आयोग ने महामारी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के  संसदीय और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप-निर्वाचनों को स्थगित करने का निर्णय लिया - तत्संबंधी  
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में अधिसूचित तीन रिक्तियां हैं, नामतः दादर और नागर हवेली, 28-खंडवा (मध्य प्रदेश) एवं 2-मंडी (हिमाचल प्रदेश) तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 8 रिक्तियां हैं नामतः हरियाणा में 01-कालका और 46-एलेनाबाद, राजस्थान में 155-वल्लभनगर, कर्नाटक में 33-सिंडगी, मेघालय में 47-राजाबाला और 13-मावरिंगकनेन्ग (अजजा), हिमाचल प्रदेश में 08-फतेहपुर और आंध्र प्रदेश में 124-बाड़वेल (अजा)|
    कुछ और स्थान रिक्ति हैं जनके लिए रिपोर्टों और अधिसूचनाओं की प्रतीक्षा है और पुष्टि की जा रही है।  
    2.    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151क के प्रावधानों के अनुसार, रिक्तियां रिक्ति होने की तारीख से छह महीनों के भीतर उप-निर्वाचनों के द्वारा भरी जानी अपेक्षित हैं बशर्ते रिक्ति से संबंधित शेष कार्यकाल एक वर्ष या अधिक हो।  
    3.    आयोग ने आज मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के फैलने के कारण महामारी की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार होने तक और इन उप-निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए स्थितियों के अनुकूल होने तक उप-निर्वाचनों का आयोजन करना उपयुक्त नहीं होगा।   
    4.    आयोग संबंधित राज्यों से इनपुट लेने और अधिदिष्ट प्राधिकरणों यथा, एनडीएमए/एसडीएमए से महामारी की स्थिति का आंकलन करने के बाद मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लेगा।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  19. आयोग इस बात पर एकमत है कि मीडिया रिपोर्टिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए

    सं. ईसीआई/पीएन/63/2021
    दिनांक: 5 मई, 2021 
    प्रेस नोट 
    आयोग इस बात पर एकमत है कि मीडिया रिपोर्टिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए 
    भारत निर्वाचन आयोग ने मीडिया से संबंधित अपनी वस्तुस्थिति के संबंध में हाल में बनाए गए आख्यानों पर गौर किया है। आयोग इस संबंध में कुछ प्रेस रिपोर्टों से भी अवगत हुआ है। आयोग कोई भी निर्णय लिए जाने से पहले सदैव उचित विचार-विमर्श करता है।
    मीडिया की भागीदारी के संबंध में, आयोग स्पष्ट करना चाहता है कि यह स्वतंत्र मीडिया में अपने विश्वास रखने के प्रति गंभीरता से प्रतिबद्ध है। पूरा आयोग और इसका प्रत्येक सदस्य पहले के और वर्तमान सभी निर्वाचनों के आयोजन में और देश में निर्वाचक लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में मीडिया द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका को महत्व देता है। आयोग इस बात पर एकमत था कि मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष कोई आवेदन नहीं किया जाना चाहिए ।   
    आयोग, सभी प्रक्रियाओं, निर्वाचन प्रचार और मतदान केंद्र स्तर से लेकर मतगणना तक के दौरान पारदर्शी कवरेज के साथ निर्वाचन प्रक्रिया की शुरुआत से अंत तक निर्वाचन प्रबंधन को प्रभावी बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने में मीडिया की भूमिका को विशेष रूप से महत्व देता है। आयोग का मीडिया के साथ सहयोग एक सहज साथी के रूप में है और जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  20. नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में पुनर्मतगणना का मामला : कानून के तहत रिटर्निंग अधिकारी अंतिम प्राधिकारी होते हैं  

    सं. ईसीआई/पीएन/62/2021                                      दिनांक: 4 मई, 2021 
    प्रेस नोट
     
    नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में पुनर्मतगणना का मामला : कानून के तहत रिटर्निंग अधिकारी अंतिम प्राधिकारी होते हैं     
    संचार माध्यम के कुछ वर्गों ने नंदीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतगणना के मामले के बारे में रिपोर्ट किया है। विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का रिटर्निंग अधिकारी लोक प्रतिनिधित्व अधि. 1951 के तहत अर्धन्यायिक हैसियत से सांविधिक प्रकार्यों का स्वतंत्र रूप से निष्पादन करता है। चाहे नाम-निर्देशन हो, मतदान या मतगणना हो, रिटर्निंग अधिकारी सर्वथा विद्यमान निर्वाचन कानूनों, ईसीआई के अनुदेशों और दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करता है। 
    2.    जहां तक नंदीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में ‘पुनर्मतगणना’ पर मीडिया रिपोर्टिंग का संबंध है, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम, 63, जिसमें, अन्य बातों के साथ, पुनर्मतगणना के अनुरोध पर की जाने वाली प्रक्रिया निर्धारित की गई है, में कहा गया है,   
    रिटर्निंग ऑफिसर ऐसा आवेदन किए जाने पर उस विषय का विनिश्चय करेगा और आवेदन को पूर्णतः या भागतः मंजूर कर सकेगा या उस दशा में जिसमें कि वह उसे तुच्छ या अयुक्तियुक्त प्रतीत हो उसे पूर्ण रूप से प्रतिक्षेपित कर सकेगा। 
    रिटर्निंग अधिकारी उपर्युक्त के आलोक में निर्णय लेता है, जिसे केवल लोक प्रतिनिधित्व अधि. 1951 की धारा 80 के तहत निर्वाचन याचिका के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है, जिसमें उपबंधित किया गया है कि,
    कोई भी निर्वाचन इस भाग के उपबंधों के अनुसार उपस्थित की गई निर्वाचन अर्जी द्वारा प्रश्नगत किए जाने के सिवाय प्रश्नगत न किया जाएगा। 
    3.    नंदीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में मतगणना के बाद, एक अभ्यर्थी विशेष के निर्वाचन एजेंट ने पुनर्मतगणना का अनुरोध किया, जिसे उपर्युक्त नियम 63 के उपबंधों के अनुसार उसके समक्ष उपलब्ध तात्विक तथ्यों के आधार पर सकारण आदेश के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अस्वीकार कर दिया गया और परिणाम की घोषणा कर दी गई। ऐसे मामले में, एकमात्र कानूनी उपाय उच्च न्यायालय के समक्ष निर्वाचन याचिका दाखिल करना है। 
    4.    नंदीग्राम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के इस मामले में, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल ने रिटर्निंग अधिकारी के आदेश की प्रति और मतगणना से संबधित अन्य प्रासंगिक सामग्री उपलब्ध करा दी है। विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के साधारण प्रेक्षक ने भी मामले में अपनी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी है। आयोग के समक्ष उपलब्ध सामग्री से, नंदीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में 2 मई, 2021 को आयोजित हुई मतगणना के संबंध में निम्नलिखित तथ्य सामने आते हैं:  
    I. प्रत्येक मतगणना मेज पर एक माइक्रो प्रेक्षक था। उनकी रिपोर्टों में उनके संबंधित मेज पर मतगणना प्रक्रिया में कभी भी कोई गड़बड़ी नहीं दर्शाई गई।
    ii. रिटर्निंग अधिकारी ने प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा प्रत्येक चक्र के बाद प्राप्त मतों की प्रविष्टि डिस्प्ले बोर्ड पर करवाई जिसे मतगणना एजेंटों द्वारा आसानी से देखा जा सकता था। चक्र-वार मतगणना के परिणाम पर कोई संदेह व्यक्त नहीं किया गया था। इससे रिटर्निंग अधिकारी मतों की गणना के कार्य को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाने में समर्थ रहे।
    iii. मतगणना पर्यवेक्षकों द्वारा विधिवत रूप से भरे गए प्ररूप-17 के आधार पर, रिटर्निंग अधिकारी ने प्रति-चक्र-वार विवरण तैयार किया। इसके साथ ही, कोई भी मानवीय त्रुटि की जांच के लिए मतगणना हॉल में लगे कंप्यूटर पर एक्सल शीट में समानांतर सारणीयन कार्य भी किया गया।
    iv. प्रत्येक चक्र के परिणाम की एक प्रति सभी मतगणना एजेंटों के साथ साझा की गई।
    v.   प्रत्येक चक्र के बाद, मतगणना एजेंटों ने परिणाम शीटों पर हस्ताक्षर किए।
    5.    निर्वाचन संबंधी अधिकारी जमीनी स्तर पर अत्यधिक प्रतिस्पर्धी राजनैतिक परिवेश में पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ लगन से कार्य करते हैं और इसलिए, ऐसे मामलों में कोई हेतु ठहराना वांछनीय नहीं है। 
    6.    नंदीग्राम के रिटर्निंग अधिकारी पर अनुचित दवाब बनाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों के आधार पर, आयोग ने मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल को 3 मई, 2021 को समुचित सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया, जो अब राज्य सरकार ने उपलब्ध करा दी है। 
    7.    आयोग ने आगे मतदान में प्रयुक्त ईवीएम/वीवीपैट, वीडियो रिकॉर्डिंग, वैधानिक कागजात, मतगणना रिकॉर्ड इत्यादि सहित सभी निर्वाचन अभिलेख सुरक्षित अभिरक्षा में रखा जाना सुनिश्चित करने का निर्देश मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल को दिया है। वे ऐसे लोकेशनों पर, जरूरत पड़ने पर, अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वयन भी करेंगे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  21. कोविड-19 के अत्‍यधिक प्रसार के कारण 03 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचनों का स्थगन- तत्संबंधी 

    सं. ईसीआई/पीएन/61/2021
    दिनांक: 3 मई, 2021 
    प्रेस नोट
    विषय- कोविड-19 के अत्‍यधिक प्रसार के कारण 03 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचनों का स्थगन- तत्संबंधी 
         मान्यता-प्राप्त राजनैतिक दलों के निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों की मृत्‍यु होने के कारण उड़ीसा के 110-पिपली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (उप-निर्वाचन) और पश्चिम बंगाल के 58-जांगीपुर, 56-शमशेरगंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्थगित किए गए मतदान 16.05.2021 को आयोजित किए जाने के लिए निर्धारित हैं ।   
    2.    आयोग ने, सभी तात्‍विक तथ्यों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी उड़ीसा से मिले विवरण पर विचार कर तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा यथा-निर्गत लॉकडाउन/प्रतिबंधों के मद्देनजर, उड़ीसा के 110-पिपली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के 58-जांगीपुर एवं 56-समशेरगंज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के निर्धारित मतदान को स्थगित करने और निर्वाचनों की अवधि को बढ़ाने का निर्णय लिया है। नई अधिसूचना महामारी की स्थिति का आकलन करने के बाद जारी की जाएगी ।    
    3.    यह भी निर्देशित किया जाता है कि इन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता एतद्द्वारा तत्काल प्रभाव से हटाई जाए और यह अधिसूचना की अगली तारीख से क्रियाशील होगी।  

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  22. मतदान हो चुके राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र को कोविड प्रोटोकॉल व्यवस्थाओं का पालन करते हुए अभेद्य मतगणना के लिए तैयारी करना

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./60/2021
    दिनांकः 1 मई, 2021
     
    प्रेस नोट 
    मतदान हो चुके राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र को कोविड प्रोटोकॉल व्यवस्थाओं का पालन करते हुए अभेद्य मतगणना के लिए तैयारी करना 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने आज एक वर्चुअल बैठक में पांच राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के सीईओ और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मतगणना व्यवस्थाओं की समीक्षा की। श्री चंद्रा ने निदेश दिया कि आयोग द्वारा निर्धारित सभी अनुदेशों का पालन किया जाए। उन्होंने यह भी निदेश दिया कि सभी मतगणना हॉलों को पूर्णतः कोविड दिशा-निर्देशों के अनुरूप होना चाहिए। सीईसी (मुख्य निर्वाचन आयुक्त) ने महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में मतदान को सफलतापूर्वक पूरा करवाने पर सभी सीईओ की प्रशंसा की। 
    2. दिनांक 2.05.2021 को मतदान हो चुके पांच राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों अर्थात असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल तथा पीसी/एसी में आयोजित किए गए उप-मतदान में मतगणना पूर्वाह्न 8.00 से आरंभ होगी। निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 822 एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों) में तथा 13 राज्यों में 4 पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों) और 13 एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों) में उप-मतदानों के लिए सहज और सुरक्षित मतगणना हेतु विस्तृत व्यवस्थाएं की हैं।     
    3. इससे पहले दिनांक 28/04/2021 को आयोग ने मतगणना से संबंधित मौजूदा दिशा-निर्देशों/अनुदेशों के अतिरिक्त महामारी को ध्यान में रखते हुए विस्तृत अनुदेश जारी किए थे, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं:
    डीईओ प्रत्येक मतगणना केंद्र पर नोडल अधिकारी होंगे, जो नोडल स्वास्थ्य अधिकारी की सहायता से मतगणना केंद्रों पर कोविड-19 से संबंधित मानदंडों के अनुसरण के लिए अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। सभी मतगणना केंद्र के संबंध में संबंधित स्वास्थ्य प्राधिकारियों से यह अनुपालन प्रमाण-पत्र प्राप्त किए जाएंगे कि मौजूदा कोविड दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। मतगणना हॉल में किसी आरटी-पीसीआर/आरएटी टेस्ट नहीं करवाने वाले या कोविड-19 के वैक्सीनेशन की 2 डोज़ नहीं लगवाने वाले अभ्यर्थी/अभिकर्ता को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और मतगणना शुरू होने के 48 घंटों के भीतर नेगिटिव आरटी-पीसीआर अथवा आरएटी की रिपोर्ट या वैक्सीनेशन की रिपोर्ट को प्रस्तुत करना होगा। डीईओ अभ्यर्थियों/मतगणना अभिकर्ताओं के लिए मतगणना दिवस से पूर्व आरटी-पीसीआर/आरएटी टेस्ट की व्यवस्था करेगा। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा संबंधित आरओ को 17.00 बजे तक मतगणना के लिए निर्धारित तारीख से तीन दिन  पहले मतगणना एजेंटों की सूची उपलब्ध करवाई जाएगी (आरओ हैंडबुक का पैरा 15.12.2)।  4. आयोग ने दिनांक 27/04/2021 के अपने अनुदेशों के तहत पहले ही किसी भी विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह भी निदेशित किया गया था कि विजय जुलूस पर प्रतिबंध में संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा निर्धारित संख्या से अधिक सीमा पर किसी भी निर्वाचन क्षेत्र (त्रों) में किसी भी प्रकार का जुलूस या विजयी अभ्यर्थियों के समर्थकों के समूह द्वारा निकाला जाने वाला जुलूस शामिल है। आयोग ने इन सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य सचिवों को यह भी निदेश दिया है कि मतगणना को ध्यान में रखते हुए ईसीआई के सभी निदेशों और जनता के जमावड़े आदि से संबंधित एनडीएमए/एसडीएमए के मौजूदा अनुदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। 
    5. मतगणना अभिकर्ताओं आदि के लिए आरटीपीसीआर/आरएटी टेस्ट सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई के निदेशों का अनुपालन किया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त सूचना के अनुसार, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों ने निर्धारित समय के भीतर पांच राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में लगभग 1,50,000 मतगणना अभिकर्ताओं (विकल्प सहित) के विवरण दिए हैं। उनमें से 90% से अधिक को आरटीपीसीआर/आरएटी टेस्ट की सुविधा पहले ही दी जा चुकी है। शेष व्यक्तियों को आज डीईओ द्वारा टेस्ट की सुविधा दी जा रही है। आयोग ने किसी भी प्राधिकृत लैब से टेस्ट रिपोर्टों को स्वीकार करने के भी निदेश दिए हैं। पीसी/एसी के उप-मतदान में भी इसका अनुसरण किया जा रहा है। 
    6. आयोग द्वारा मतगणना प्रक्रिया को कवर करने के लिए प्राधिकृत मीडिया को भी आरटीपीसीआर/आरएटी टेस्ट्स आदि की सुविधा दी जा रही है। मतगणना प्रक्रिया को कवर करने के लिए मीडिया के लगभग 12000 व्यक्तियों को प्राधिकार पत्र जारी किए जा चुके हैं। 
    7. वर्ष 2016 के निर्वाचनों में 1002 हॉलों की तुलना में मतगणना 2364 मतगणना हॉलों में होगी, इससे मतगणना हॉलों में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है। यह हॉल के अंदर कोविड सुरक्षा उपायों/दिशा-निदेशों और संबंधित उपायों पर आयोग के निदेशों के अनुसरण में है, जिसके कारण (1) मतदान बूथों में पर्याप्त वृद्धि दर्ज की गई, (2) डाक मतपत्र में बढ़ोतरी हुई। 
    8. वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक आयु वाले), दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी), कोविड प्रभावित और आवश्यक सेवाओं से जुड़े, व्यक्तियों की श्रेणी के निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र (पीबी) की सुविधा को देने के लिए आयोग के उपायों से 5 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र में डाक मतपत्र (पीबी) (2016 में 2.97 लाख से 2021 में 13.16 लाख तक) में 400% की वृद्धि दर्ज की गई। 
    9. आयोग ने इन 5 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में मतगणना के उद्देश्य से 822 आरओ और 7000 से अधिक एआरओ को नामित किया है। माइक्रो प्रेक्षकों सहित लगभग 95000 मतगणना पदाधिकारी, मतगणना के कार्य को करेंगे। 
    10. आयोग ने मतगणना की प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए लगभग 1100 मतगणना प्रेक्षकों को तैनात किया है। महामारी से संबंधित किसी भी प्रतिस्थापन के मामले में अतिरिक्त रिज़र्व मतगणना प्रेक्षकों को भी तैनात किया गया है और कार्य करने के लिए रखा गया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 07 May 2021

  23. असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों और विभिन्न राज्यों के पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)/एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझानों एवं परिणामों के प्रचार-प्रसार के लिए 2 मई, 2021

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./59/2021                
    दिनांकः 1 मई, 2021
     
    प्रेस नोट 
    विषयः असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों और विभिन्न राज्यों के पीसी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)/एसी (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझानों एवं परिणामों के प्रचार-प्रसार के लिए 2 मई, 2021 को व्यवस्थाएं। 
    असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी की विधान सभाओं के लिए साधारण निर्वाचनों तथा विभिन्न राज्यों के उप-निर्वाचनों, 2021 के लिए रूझान एवं परिणाम सभी मतगणना केंद्रों के अलावा निम्नलिखित स्थानों से 02.05.2021 को पूर्वाह्न 8.00 बजे से उपलब्ध होंगेः
    1.  https://results.eci.gov.in भारत निर्वाचन आयोग की इस वेबसाइट पर परिणाम प्रदर्शित किए जाते हैं और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा चरणवार रूझानों और परिणामों को प्रदर्शित करने के लिए कुछ-कुछ मिनटों में अद्यतन किए जाते हैं।
    2.  रूझान और परिणाम गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर उपलब्ध "मतदाता हेल्पलाइन" मोबाइल एप के माध्यम से भी सुलभ है। 
    वेबसाइट/मोबाइल एप संबंधित मतगणना केंद्रों से रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा प्रणाली में दर्ज की गई सूचना को प्रदर्शित करेगा। निर्वाचन आयोग (ईसी) रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उनके संबंधित मतगणना केंद्रों से प्रणाली में दर्ज की गई सूचना को प्रदर्शित करेगा। प्रत्येक पीसी/एसी के लिए अंतिम डाटा केवल फॉर्म 20 में साझा किया जाएगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 01 May 2021

  24. Peaceful Polling concludes across 11,860 Polling Stations ins 35 ACs in last Phase of WB Elections - Repolling in Amtali Madhyamik Siksha Kendra polling station in 5- Sitalkuchi (SC)Assembly Constituency was also conducted today

    No. ECI/PN/58/2021
    Dated: April 29, 2021
    PRESS NOTE
    Peaceful Polling concludes across 11,860 Polling Stations in 35 ACs in last Phase of WB Elections - Repolling in Amtali Madhyamik Siksha Kendra polling station in 5- Sitalkuchi (SC)Assembly Constituency was also conducted today
    Strict preventive measures and Timely seizures of bombs and arms ensures violence free, peaceful elections
    Voters abide by Covid protocols at Polling Booths
    Voter Turnout (at 5 PM) for Phase VIII West Bengal Election 76.07 %
    ECI gives detailed instructions to District authorities to take action under extant rules against Covid protocol violators as also for steps to be followed for Counting arrangements

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 01 May 2021

  25. मतदान प्रक्रिया के दौरान कोविड मानदंडों के अनुपालन पर भारत निर्वाचन आयोग की अभिव्यक्ति 

    सं. ईसीआई/प्रे.नो./57/2021                            
    दिनांकः 27 अप्रैल, 2021
     
    प्रेस नोट
    मतदान प्रक्रिया के दौरान कोविड मानदंडों के अनुपालन पर भारत निर्वाचन आयोग की अभिव्यक्ति 
    1. याचिकाकर्ता विजयभाष्कर ने दिनांक 26.04.2021 को माननीय उच्च न्यायालय मद्रास के समक्ष प्रार्थना कीः
    "……………. मतों की निष्पक्ष गणना को सुनिश्चित करना जो कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ प्रभावी कदम उठाते हुए और उचित व्यवस्था करते हुए 135-करूर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में दिनांक 02.05.2021 को आयोजित होने वाले है……….", 
    2. भारत निर्वाचन आयोग की प्रस्तुतीकरण की जांच करने के पश्चात, माननीय न्यायालय के आदेश के अपने प्रवरर्ती पैरा में, निदेश दिया गयाः
    "8. प्रत्येक मतगणना केंद्र पर इसी तरह के उपयुक्त (उचित) उपायों को अपनाया जाना होगा और यह केवल नियमित रूप से सेनिटाइजेशन करना, उपयुक्त स्वास्थ्यकर (स्वच्छता) दशाएं बनाए रखना, मॉस्क पहनना अनिवार्य है और दूरी मानदंडों का अनुपालन करना, गणना शुरू होनी चाहिए या जारी रहनी चाहिए। राज्य स्वास्थ्य सचिव और सार्वजनिक स्वास्थ्य के निदेशक को निर्वाचन आयोग औरर राज्य में उत्तरदायी मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्काल उपाय करने के लिए परामर्श दिया जाना चाहिए।" 
    3. इस प्रकार, मीडिया के कुछ वर्गों में माननीय उच्च न्यायालय को आरोपित किए जाने वाले बयान अंततः पारित आदेश में उल्लिखित नहीं हैं। 
    4. जबकि आयोग दिनांक 30.04.2021 को उच्च न्यायालय के सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करेगा यह उच्च न्यायालय को स्वतंत्र, निष्पक्ष निर्वाचन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहले से ही उठाए गए सभी कदमों को अवगत कराएगा। 
    5. चल रहे (जारी) निर्वाचनों के दौरान कोविड-19 शिकायत व्यवहार से संबंधित इस प्रकार की चिंताओं को अलग-अलग याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर किया गया, जो पहले से ही कानूनी एवं तथ्यात्मक स्थितियों का पालन करने के साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जबाव दिया गया थाः
          (क) कोविड-19 उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन सौंपे गए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जैसे-लॉकडाउन, सार्वजनिक सभाओं इत्यादि परर बंदिशें/प्रतिबंध) तथा उनके अधिकारियों पर है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस अवधि के दौरान आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन सार्वजनिक सभाओं को नहीं रोका था। जो भी वर्णित किया गया था, निर्वाचन आयोग ने सभी को इसका अनुपालन करने और उल्लंघन के मामले में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन निर्धारित किया गया। निर्वाचन आयोग ने एनडीएमए/एसडीएमए के विद्यमान अनुदेशों को लागू करने के लिए राज्य/जिला प्राधिकारियों को नियमित रूप से निदेश दिए।
          (ख) 2020 में, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अन्तर्गत एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा विहित लॉकडाउन एवं अन्य प्रवर्तन उपायों के बीच, आयोग ने निर्वाचकीय उपाय पूरे किए। अधिनियम, 2005 के अधीन  प्रवर्तन संबंधित एसडीएमए और अधिनियम, 2005 के अधीन अधिसूचित प्राधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाना है। आयोग ने अपने दिनांक 21.08.2021 और बाद के सभी अनुदेशों में जोर दिया है कि राज्य प्राधिकारी अभियान उद्देश्यों के लिए कोविड अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
          (ग) यह याद किया जाएगा कि आयोग ने तमिलनाडु राज्य सहित पांच राज्यों/संघ शासित प्रदेश में निर्वाचन की घोषणा करते समय दिनांक 26.02.2021 को अपने अनुदेशों को दोहराया। अभियान 06.04.2021 को समाप्त हो गया। सौभाग्य से, कोविड-19 की दूसरी लहर उस समय तक पूरी तरह से दिखाई दी थी। 06.04.2021 को सभी निर्धारित कोविड उचित मानदंडों के बाद मतदान आयोजित किया गया था, जो सभी संबंधितों द्वारा मानदंडों के पूर्ण अनुपालन के साथ अच्छी निर्वाचकीय भागीदारी देखी गई।  
    6. ये प्रस्तुतियां विभिन्न उच्च न्यायालयों (जहां भी अवसर भारत निर्वाचन आयोग को मिला) के लिए की गईं और इन न्यायालयों के आदेशों के पक्ष में पायी गईं थी।
          (क) माननीय उच्च न्यायालय, कलकत्ता ने इन सभी कानूनी ढांचे को ध्यान में रखते हुए दिनांक 23.04.2021 को आदेश दियाः
    "भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों का पालन करने और भारत निर्वाचन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने एवं सहयोग न करने के लिए किसी भी विभाग या प्रशासन के पास कोई रास्ता नहीं है। निर्वाचन आयोग आगेक्या कर रहा है, इसके समर्थन में इस न्यायालय के अनिवार्य आदेश के भाग के रूप में लिया जाएगा।"
          (ख) 26.04.2021 को, माननीय उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश ने दिनांक 06.04.2021 को आयोजित निर्वाचन से संबंधित मुद्दों के लिए एक याचिका खारिज कर दी।
          (ग) मतगणना के दौरान कोविड सावधानी के इसी तरह के मामले में, माननीय उच्च न्यायालय केरल ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए उपायों को रिकॉर्ड किया और राज्य को निदेश दिया कि वह दिनांक 27.04.2021 को अपने उपायों को प्रस्तुत करें। और मतों के मामलों की गणना में, दिनांक 27.04.2021 को माननीय उच्च न्यायालय ने व्यक्त किया कि यह ईसीआई एवं राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है और देखा कि मामलों में कुछ और नहीं जोड़ा जाना है तथा तद्नुसार सभा रिट याचिकाओं को बंद कर दिया गया। 
    7. आयोग राज्य/संघ शासित क्षेत्र के मुख्य सचिव एवं संबंधित स्वास्थ्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से बात कर रहा है कि सभी कोविड-19 संबंधी मानदंड दिनांक 02.05.2021 को मतगणना के लिए बिना किसी अपवाद के सभी गणना केंद्रों पर सुनिश्चित किए जाएंगे। 27.04.2021 को, आयोग ने पहले ही आदेश दिया है किः
    क. दिनांक 02.05.2021 को मतगणना के पश्चात कोई भी विजय जुलूस अनुमन्य नहीं होगा।
    ख. विजयी अभ्यर्थी या उसके/उसकी प्राधिकृत प्रतिनिधि के साथ दो से अधिक व्यक्तियों को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से निर्वाचन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी। 
    8. राज्य में पहले से ही अभियान की अवधि समाप्त होने के 16 दिन बाद, तमिलनाडु राज्य ने कोविड की दूसरी उछाल (इसका आकलन केवल एनडीएमए/एसडीएमए या संबंधित राज्य सरकार के अधिकार-क्षेत्र में है) के संदर्भ में लॉकडाउन प्रतिबंध का आदेश दिया।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 April 2021

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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