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प्रेस विज्ञप्तियाँ 2022

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  1. स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र और उत्‍तर प्रदेश की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी। 

    सं. ईसीआई/पीएन/101/2022
    दिनांक:  29 दिसंबर, 2022
     
    प्रेस नोट
    विषय: स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र और उत्‍तर प्रदेश की विधान परिषदों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन-तत्संबंधी। 
    महाराष्‍ट्र विधान परिषद के 02 स्नातक एवं 03 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से 05 सदस्‍यों का कार्यकाल और उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद के 03 स्‍नातक और 02 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से 05 सदस्‍यों का कार्यकाल आसीन सदस्‍यों के सेवानिवृत्‍त होने के कारण क्रमश: 07 फरवरी, 2023 और 12 फरवरी 2023 को समाप्‍त हो रहा है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:- 
    महाराष्‍ट्र
    क्र सं.
    निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    सदस्य का नाम
    सेवा-निवृत्ति
    की तारीख
    i.                      
    नासिक डिवीजन स्नातक
    डॉ. तांबे सुधीर भास्‍करराव
     
     
     
     
     
    07.02.2023
    ii.                    
    अमरावती डिवीजन स्नातक
    डॉ. रणजित विट्ठलराव पाटिल
    iii.                  
    औरंगाबाद डिवीजन शिक्षक
    श्री काले विक्रम वसंतराव
    iv.                  
    नागपुर डिवीजन शिक्षक
    श्री गाणार नागोराव पुंडलिक
    v.                    
    कोंकण डिवीजन शिक्षक
    श्री बालाराम दत्‍तात्रेय पाटिल
    उत्‍तर प्रदेश
    i.                      
    गोरखपुर-फैजाबाद  डिवीजन स्नातक
    श्री देवेन्‍द्र प्रताप सिंह
     
     
     
     
     
    12.02.2023
    ii.                    
    कानपुर डिवीजन स्नातक
    श्री अरुण पाठक
    iii.                  
    बरेली-मुरादाबाद डिवीजन स्नातक
    डॉ. जय पाल सिंह व्‍यास्‍त
    iv.                  
    इलाहाबाद-झांसी डिवीजन स्नातक
    श्री सुरेश कुमार त्रिपाठी
    v.                    
    कानपुर डिवीजन स्नातक
    श्री राजबहादुर सिंह चंदेल
     2. आयोग ने ऊपर उल्लिखित स्‍नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से महाराष्‍ट्र और उत्‍तर प्रदेश विधान परिषदों के द्विवार्षिक-निर्वाचनों का निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार संचालन करने का निर्णय लिया है:- 
    क्र सं.
    कार्यक्रम
    तारीख 
    1.
    अधिसूचना जारी करना
    05 जनवरी, 2023 (गुरुवार)
    2.
    नाम-निर्देशन दाखिल करने की अंतिम तारीख
    12 जनवरी, 2023 (गुरुवार)
    3.
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा
    13 जनवरी, 2023 (शुक्रवार)
    4.
    अभ्‍यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    16 जनवरी, 2023 (सोमवार)
    5.
    मतदान की तारीख
    30 जनवरी, 2023 (सोमवार)
    6.
    मतदान का समय
    पूर्वाह्न 08.00 बजे से अपराह्न 04.00 बजे  
    7.
    मतगणना
    02 फरवरी, 2023 (गुरुवार)
    8.
    वह तारीख, जिससे पहले निर्वाचन सम्‍पन्‍न हो जाएगा
    04 फरवरी, 2023 (शनिवार)
     3. प्रेस नोट दिनांक 03.11.2022 के पैरा 33 में यथा-अंतर्विष्‍ट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कोविड-19 के व्यापक दिशा-निर्देश जो लिंक https://eci.gov.in/files/file/14534-general-election-to-legislative-assembly-of-gujarat-2022-reg/  पर उपलब्ध हैं का सभी व्यक्तियों द्वारा जहां कहीं भी प्रयोज्‍य हों, सम्‍पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान, अनुपालन किया जाना है। 
    4.   इन निर्वाचनों से संबंधित आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया आयोग की वेबसाइट पर लिंक: http://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99%-constituencies-%E2%80@93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ पर  उपलब्‍ध विवरण देखें।  
    5.   महाराष्‍ट्र और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिवों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे संबंधित राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी को यह सुनिश्चित करने हेतु तैनात करें कि निर्वाचनों का संचालन कराने की व्यवस्था करते समय कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित उपायों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 December 2022

  2. भारत निर्वाचन आयोग ने रोजगार, शिक्षा या अन्‍य कारणों से गृह नगर से देश में अन्‍यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया

    ईसीआई/पीएन/100/2022
    29.12.2022                         
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने रोजगार, शिक्षा या अन्‍य कारणों से गृह नगर से देश में अन्‍यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया; 
    देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा;
    प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए वापस अपने गृह राज्‍य/नगर जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी 
    आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की; यह एक रिमोट पोलिंग बूथ से ही 72 तक निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकती है 
    भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप आरवीएम के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को किया आमंत्रित; कानूनी, प्रक्रियात्मक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिक चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए अवधारणा पत्र जारी किया 
    प्रौद्योगिकीय तरक्‍की के युग में प्रवासन (Migration) के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार योग्य विकल्‍प नहीं है। आम चुनाव 2019 में 67.4% मतदान हुआ था और भारत निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक निर्वाचकों द्वारा मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करने और विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है। यह माना जाता है कि एक मतदाता द्वारा निवास के नए स्थान में पंजीकरण न कराने और इस तरह, मतदान करने के अधिकार का प्रयोग करने का अवसर गंवाने के अनेक कारण होते हैं। वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान न कर पाना भी है जिसका समाधान किया जाना आवश्यक है। हालांकि, देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, फिर भी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि रोजगार, शादी और शिक्षा से संबंधित प्रवासन समग्र घरेलू प्रवासन का महत्वपूर्ण घटक है। अगर हम समग्र घरेलू प्रवासन को देखें तो ग्रामीण आबादी के बीच बहिर्प्रवासन बड़े पैमाने पर देखा गया है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85% हिस्‍सा राज्यों के भीतर होता है। 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, श्री कुमार चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा (ट्रैकिंग) से आंतरिक प्रवासन की समस्‍या से सीधे रूबरू हुए और उन्होंने अपना ध्‍यान इस बात पर केन्द्रित किया कि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान से ही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाए। इस तरह के सशक्तिकरण को कार्यान्वित करने के लिए कानूनी, वैधानिक, प्रशासनिक और प्रौदयोगिकीय पहल की जरूरत है। आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को संभव बनाने के लिए सर्वसमावेशी समाधान ढूंढने और मतदान करने की वैकल्पिक पद्धतियों जैसे कि दो-तरफ़ा प्रत्‍यक्ष ट्रांजिट पोस्‍टल बैलट, परोक्षी (प्रॉक्सी) मतदान, विशेष समय-पूर्व मतदान केंद्रों में जल्‍दी मतदान, डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली आदि सभी विकल्पों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। 
    सभी हितधारकों के लिए विश्वसनीय, सुगम और स्वीकार्य प्रौद्योगिकीय समाधान की तलाश करने के उद्देश्य से निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय आयोग और निर्वाचन आयुक्त श्री अरुण गोयल के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट मतदान केंद्रों अर्थात गृह निर्वाचन क्षेत्र के लिए रोजगार/शिक्षा स्थल के मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम करने के लिए समय की कसौटी पर खरे उतरे M3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा है। इस तरह प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी। 
    अन्य विषयों के साथ ही घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता लागू करने, मतदान की गोपनीयता बनाए रखने, मतदाताओं की पहचान के लिए पोलिंग एजेंटों को सुविधा देने, रिमोट मतदान की प्रक्रिया और पद्धति तथा मतों की गणना में  आने वाली चुनौतियों का उल्‍लेख करते हुए सभी राजनैतिक दलों के बीच एक अवधारणा पत्र परिचालित किया गया है। (https://eci.gov.in/files/file/14714-letter-to-political-parties-on-discussion-on-improving-voter-participation-of-domestic-migrant-using-remote-voting/ )
    कानूनी चुनौतियां
    वे कानून/नियम जिनमें संशोधन किया जाना अपेक्षित है:
    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 प्रवासी मतदाता को परिभाषित करना
    मतदान दिवस में अनुपस्थित रहने वाले मतदाता से लेकर स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता ‘मामूली निवास’ और ‘अस्थायी रूप से अनुपस्थित मतदाता’ की विधिक संरचना के परिप्रेक्ष्य में मूल स्थान पर पंजीकरण को बनाए रखना रिमोट वोटिंग को परिभाषित करना
    राज्यक्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संकल्पना से निपटना दूरवर्तिता को परिभाषित करना: निर्वाचन क्षेत्र से बाहर, जिले से बाहर प्रशासनिक चुनौतियां
    रिमोट वोटरों की गणना करना –स्व-घोषणा ? 
    नियंत्रित परिवेश उपलब्ध कराना–रिमोट लोकेशनों पर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करना 
    रिमोट वोटिंग बूथों पर पोलिंग एजेंटों की व्यवस्था करना और प्रतिरूपण से बचने के लिए मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करना
    स्थापित किए जाने वाले बूथों की संख्या और लोकेशन 
    रिमोट मतदान केंद्रों के लिए मतदान कर्मियों की नियुक्ति और उनका पर्यवेक्षण 
    रिमोट लोकेशनों (अन्य राज्य) में आदर्श आचार संहिता लागू करना
    प्रौद्योगिकीय चुनौतियां
    रिमोट वोटिंग की पद्धति 
    मतदाताओं का पद्धतियों/बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट ईवीएम या किसी अन्य प्रौद्योगिकी से परिचित होना 
    रिमोट बूथों पर डाले गए मतों की गणना और उसे अन्य राज्यों में स्थित रिटर्निंग अधिकारी को प्रेषित करना
    आयोग सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित उद्यम के सहयोग से घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी को संभव करने के लिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात शिक्षा/रोजगार आदि के प्रयोजन से उनके मौजूदा निवास स्थान से, उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है। 
    यदि यह पहल कार्यान्वित कर दी जाती है तो यह प्रवासियों के लिए एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखती है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी, क्योंकि कई बार वे विभिन्न कारणों जैसे कि उनके निवास स्थानों के नियमित तौर पर बदलने, प्रवास क्षेत्र के मुद्दों से सामाजिक और भावनात्मक रूप से पर्याप्त जुड़ाव न होने, अपने गृह/मूल निर्वाचन-क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली से नाम कटवाने की अनिच्छुकता (चूंकि उनका वहां स्थायी निवास/संपत्ति होती है) से अपने कार्यस्थान पर स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत करवाने के प्रति अनिच्छुक रहते हैं। 
    आयोग ने बहु-निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यताप्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को दिनांक 16.01.2023 को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में परिवर्तनों और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी, यदि कोई हो, सहित विभिन्न संबंधित मामलों पर मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों से 31.01.2023 तक लिखित मंतव्य देने का भी अनुरोध किया है। 
    विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटॉइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे ले जाएगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 29 December 2022

  3. जर्मनी की विदेश मंत्री, महामहिम सुश्री एनालिना बेयरबॉक ने माननीय आयोग से मुलाकात करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग का दौरा किया

    ईसीआई/पीएन/97/2022 
    06.12.2022
     
    प्रेस नोट
     
    जर्मनी की विदेश मंत्री, महामहिम सुश्री एनालिना बेयरबॉक ने माननीय आयोग से मुलाकात करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग का दौरा किया 
    जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने ईवीएम-वीवीपैट उपयोग में कड़े प्रोटोकॉल और सुरक्षा विशिष्‍टताओं का अवलोकन किया
     
    जर्मनी की विदेश मंत्री, महामहिम सुश्री एनालिना बेयरबॉक की अगुआई में एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने आज नई दिल्‍ली में निर्वाचन सदन में मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री राजीव कुमार तथा निर्वाचन आयुक्‍त श्री अनूप चंद्र पाण्‍डेय और निर्वाचन आयुक्‍त श्री अरुण गोयल से मुलाकात की। जर्मनी की विदेश मंत्री के साथ चार संसद नामत: सुश्री एग्निस्‍का ब्रुगर, श्री थामस अरड्ंल, श्री उलरीच लेचटे, श्री एंड्रियास लरेम, महामहिम जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन और उनके विदेश कार्यालय के अन्‍य अधिकारी शामिल थे।
     इस अवसर पर बोलते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री राजीव कुमार ने कहा कि लोकतंत्र का विचार भारत के ऐतिहासिक संदर्भों और परम्‍पराओं में गहराई से जुड़ा हुआ है। भारतीय निर्वाचनों के अत्‍यंत विस्‍तृत आयाम की संक्षिप्‍त जानकारी देते हुए उन्‍होंने जर्मन प्रतिनिधिमंडल को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए जाने वाले उस विशाल उद्यम से अवगत कराया जिसका संचालन आयोग स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष, समावेशी, सुगम और सहभागी निर्वाचनों का आयोजन करने के लिए सशक्‍त निर्वाचन प्रक्रियाएं सुनिश्चित करते हुए 1.1 मिलियन मतदान केंद्रों में 11 मिलियन मतदान कर्मियों को सहयोजित करते हुए लगभग 950 मिलियन मतदाताओं के लिए करता है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि भारत निर्वाचन आयोग प्रत्‍येक चरण पर राजनैतिक दलों के लिए प्रकटन और भागीदारी सुनिश्चित करता है। श्री कुमार ने कहा कि संभारतंत्रीय चुनौतियों के अलावा स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष निर्वाचनों को प्रभावित करने की संभावना वाले फर्जी सोशल मीडिया आख्‍यानों के विघटनकारी प्रभाव अधिकांश निर्वाचन प्रबंधन निकायों के लिए तेजी से एक सामान्‍य चुनौती बनकर उभर रहा है।  
    आयोग के साथ वार्ता करते समय जर्मनी की विदेश मंत्री ने भारत में भौगोलिक, सांस्‍कृतिक और निर्वाचक विविधता की चुनौतियों के बावजूद विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा  निर्वाचन प्रबंधन की इतनी बड़ी कवायद को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने की सराहना की। मंत्री महोदया को मोटे रूप से तीन क्षेत्रों अर्थात मतदाता भागीदारी, राजनैतिक दल/अभ्‍यर्थी तथा निर्वाचन मशीनरी संभारतंत्र के अंतर्गत निर्वाचनों के संचालन में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रौद्योगिकी का विस्‍तृत उपयोग किए जाने के बारे में बताया गया। उन्‍होंने प्रतिनिधिमंडल के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित ईवीएम-वीवीपैट कार्यप्रणाली प्रदर्शन के दौरान ईवीएम के माध्‍यम से स्‍वयं भी मत डाला। उन्‍होंने संसद सदस्‍यों के साथ पूर्णतया पृथक ईवीएम की सुदृढ़ सुरक्षा विशिष्‍टताओं का गौर से अवलोकन किया साथ ही, इसकी हैंडलिंग, मूवमेंट, भंडारण, प्रचालन पर कड़े प्रशासनिक प्रोटोकॉल को और निर्वाचन प्रक्रियाओं के प्रत्‍येक चरण पर राजनैतिक दलों की भागीदारी की प्रक्रिया को देखा। 
    भारत और जर्मनी दोनों ही इंटरनेशनल इंस्‍टीटयूट ऑफ डेमोक्रेसी एण्‍ड इलेक्‍टोरल असिस्‍टेंस (आइडिया)  स्‍टॉकहोम तथा लोकतांत्रिक समूह, वारसा के सदस्‍य हैं। भारत निर्वाचन आयोग का सतत प्रयास रहा है कि लोकतंत्र के लिए लोगों का लोगों के साथ जुड़ाव को गहरा करने और लोकतंत्र के लिए शिक्षा सहित नागरिक शिक्षा और निर्वाचकीय ज्ञान को बढ़ावा देने की दृष्टि से लोकतांत्रिक संस्‍थान तथा प्रक्रियाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथ विदेश स्थित निर्वाचन प्राधिकरणों के साथ निकट निर्वाचन सहयोग स्‍थापित किया जाए। भारत निर्वाचन आयोग लोकतंत्र के लिए शिखर सम्‍मेलन के तत्‍वावधान में राष्‍ट्रीय मतदाता दिवस, 2023 के पहले जनवरी 2023 में ‘प्रौद्योगिकी के उपयोग और निर्वाचन सत्‍यनिष्‍ठा’ पर द्वितीय अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का भी आयोजन करेगा। 
    इस अवसर पर, जर्मन विदेश कार्यालय, नई दिल्‍ली स्थित जर्मन दूतावास के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग के वरीय अधिकारीगण भी मौजूद थे।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 December 2022

  4. शिमला से सूरत तक शहरी उदासीनता का सिलसिला निरंतर जारी रहा प्रथम चरण में होने वाले कम मतदान की भरपाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने गुजरात के मतदाताओं से दूसरे चरण के दौरान बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की

    सं. ईसीआई/पीएन/96/2022
    3.12.2022
    प्रेस नोट 
    शिमला से सूरत तक शहरी उदासीनता का सिलसिला निरंतर जारी रहा 
    प्रथम चरण में होने वाले कम मतदान की भरपाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने गुजरात के मतदाताओं से दूसरे चरण के दौरान बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की 
          सूरत, राजकोट और जामनगर में गुजरात निर्वाचनों के प्रथम चरण में राज्य के औसत 63.3% मतदान से कम मतदान दर्ज किया गया। हालांकि कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई, फिर भी इन महत्वपूर्ण जिलों में शहरी उदासीनता के कारण औसत मतदान के आंकड़े ठीक उसी तरह कम रहे जिस तरह कि हाल ही में संपन्न हुए हिमाचल प्रदेश के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के साधारण निर्वाचनों के दौरान, शिमला शहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 75.6% राज्य औसत मतदान की तुलना में सबसे कम 62.53 (13 प्रतिशत अंक कम) दर्ज किए गए। गुजरात के शहरों में, 01 दिसम्बर 2022 को विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में हुए मतदान के दौरान इसी तरह की शहरी उदासीनता की प्रवृत्ति देखने को मिली है जिससे प्रथम चरण में मतदान प्रतिशत में गिरावट आई है। 
           मतदाताओं द्वारा किए गए मतदान के आंकड़ों पर चिंता करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने भारत निर्वाचन आयोग की ओर से गुजरात के मतदाताओं से दूसरे चरण के दौरान बड़ी संख्या में बाहर आने की अपील की ताकि पहले चरण में हुए कम मतदान की भरपाई की जा सके। वर्ष 2017 के मतदान प्रतिशत को पार करने की संभावना अब उनकी बढ़ी हुई भागीदारी में ही निहित है। 
          कच्छ जिले में गांधीधाम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, जिसमें औद्योगिक प्रतिष्ठान हैं, में सबसे कम मतदान प्रतिशत 47.86% दर्ज किया गया, जो वर्ष 2017 में हुए पिछले निर्वाचन की तुलना में 6.34% की अत्यधिक गिरावट है, जो न्यूनतम मतदान का एक नया रिकॉर्ड है। दूसरा सबसे कम मतदान सूरत के कारंज निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जो वर्ष 2017 में इसके स्वयं के कम मतदान, 55.91% से भी 5.37% कमतर है। 
          गुजरात के प्रमुख शहरों/शहरी क्षेत्रों में न केवल 2017 के निर्वाचनों की तुलना में मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है, बल्कि इनमें राज्य के औसत मतदान 63.3% से भी काफी कम मतदान हुआ है। राजकोट पश्चिम में गिरावट 10.56% है जो अत्यधिक तेज गिरावट है। 
    जिला
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    2017 में वीटीआर
    2022 में वीटीआर
    % गिरावट
    कच्छ
    गांधीधाम
    54.20
    47.86
    6.34
    राजकोट
    राजकोट पूर्व
    66.98
    62.20
    4.78
    राजकोट पश्चिम
    67.68
    57.12
    10.56
    राजकोट दक्षिण
    64.28
    58.99
    5.29
    जामनगर
    जामनगर उत्तर
    64.61
    57.82
    6.79
    जामनगर दक्षिण
    63.96
    57.27
    6.69
    जूनागढ़
    जूनागढ़
    59.53
    55.82
    3.71
     
     
     
     
     
    सूरत
    सूरत उत्तर
    63.96
    59.24
    4.72
    वराछा रोड
    62.95
    56.38
    6.57
    कारंज
    55.91
    50.54
    5.37
    लींबायत
    65.51
    58.53
    6.98
    उधना
    60.66
    54.87
    5.79
    मजुरा
    61.96
    58.07
    3.89
    सूरत पश्चिम
    67.37
    62.92
    4.45
    चोर्यासी
    61.10
    56.86
    4.24
     
     
     
     
     
    वर्ष 2017 में मतदान के प्रथम चरण में मतदान प्रतिशत 66.79% था। यदि इन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान प्रतिशत वर्ष 2017 के निर्वाचन में इनके स्वयं के मतदान प्रतिशत के स्तर के बराबर भी होता तो राज्य का औसत 65% से अधिक रहा होता। 
    ग्रामीण और शहरी (विधान सभा) निर्वाचन क्षेत्रों के बीच मतदान प्रतिशत में सुस्पष्ट अंतर है। अगर इसकी तुलना नर्मदा जिले के डेडीयापाडा के ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से की जाए जहां मतदान 82.71% दर्ज किया गया है और कच्छ जिले के गांधीधाम के शहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से की जाए जहां 47.86% मतदान हुआ है तो मतदान प्रतिशत में 34.85% का व्यापक अंतर है। साथ ही, महत्वपूर्ण शहरी क्षेत्रों में औसत मतदान ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की तुलना में कमतर है। 
    कई जिलों के भीतर, जिले के ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में उसी जिले के शहरी निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में बहुत अधिक मतदान हुआ है। उदाहरण के लिए- राजकोट में, सभी शहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में गिरावट आई है। 
    राजकोट
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    2017 में वीटीआर
    2022 में वीटीआर
    % में बढ़ोत्तरी/गिरावट
    निर्वाचन क्षेत्र का प्रकार
    राजकोट पूर्व
    66.98
    62.20
    4.78
    शहरी
    राजकोट पश्चिम
    67.68
    57.12
    10.56
    शहरी
    राजकोट दक्षिण
    64.28
    58.99
    5.29
    शहरी
     इसी प्रकार, सूरत में सभी ग्रामीण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में सूरत के शहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में मतदान करने का प्रतिशत अधिक रहा है। उच्चतम प्रतिशत वाले ग्रामीण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में सूरत के न्यूनतम प्रतिशत वाले शहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का अंतर लगभग 25% रहा है। 
    सूरत
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र
    2022 में % मतदान
    निर्वाचन क्षेत्र का प्रकार
    कारंज
    50.54
    शहरी
    उधना
    54.87
    शहरी
    वराछा रोड
    56.38
    शहरी
    चोर्यासी
    56.86
    शहरी
    लींबायत
    58.53
    शहरी
    मजुरा
    58.07
    शहरी
    सूरत उत्तर
    59.24
    शहरी
    कामरेज
    60.28
    शहरी
    सूरत पश्चिम
    62.92
    शहरी
    कतारगाम
    64.08
    शहरी
    सूरत पूर्व
    64.77
    शहरी
    ओलपाड
    64.65
    शहरी
    बारडोली
    66.07
    ग्रामीण
    महुवा
    73.73
    ग्रामीण
    मांगरोल
    74.09
    ग्रामीण
    मांडवी
    76.22
    ग्रामीण
    सभी 26 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र, जहां 65% से अधिक मतदान दर्ज किया गया, वे सभी ग्रामीण हैं और यहां तक कि एक भी शहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में 65% मतदान का आंकड़ा पार नहीं हुआ है। 
    क्र.सं.
    जिला का नाम
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का नाम
    2022 में मतदाता की उपस्थिति
    1
    कच्छ
    मांडवी
    65.37
    2
    जामनगर
    जामजोधपुर
    65.43
    3
    नवसारी
    नवसारी
    65.79
    4
    सूरत
    बारडोली
    66.07
    5
    वलसाड
    वलसाड
    66.13
    6
    नवसारी
    जलालपोर
    67.00
    7
    मोरबी
    मोरबी
    67.16
    8
    डांग
    डांग
    67.33
    9
    सुरेन्द्रनगर
    ध्रांगध्रा
    67.48
    10
    भरूच
    जंबुसर
    67.53
    11
    मोरबी
    टंकरा
    71.18
    12
    नवसारी
    गणदेवी
    71.49
    13
    मोरबी
    वांकानेर
    71.70
    14
    भरूच
    वागरा
    71.73
    15
    गिर सोमनाथ
    सोमनाथ
    72.94
    16
    सूरत
    महुवा
    73.73
    17
    सूरत
    मांगरोल
    74.09
    18
    नर्मदा
    नांदोद
    74.36
    19
    तापी
    वयारा
    75.57
    20
    भरूच
    झगडीया
    76.20
    21
    सूरत
    मांडवी
    76.22
    22
    तापी
    निजार
    78.19
    23
    नवसारी
    वांसदा
    78.23
    24
    वलसाड
    धरमपुर
    78.32
    25
    वलसाड
    कपराडा
    79.57
    26
    नर्मदा
    डेडीयापाडा
    82.71
    देश भर में शहरी उदासीनता की प्रवृत्ति को दूर करने के लिए, आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओज्) को कम मतदान वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों और मतदान केंद्रों की पहचान करने का निदेश दिया है ताकि मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लक्षित जागरूकता हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके। अभी हाल ही में, निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय सहित मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार ने पूणे में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के 200 से भी अधिक मतदाता जागरूकता मंचों के नोडल अधिकारियों के साथ परस्पर वार्ताएं कीं, जिसे 2019 के साधारण निर्वाचनों में सबसे कम मतदान प्रतिशत वाले संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक का टैग मिला है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 December 2022

  5. भारत निर्वाचन आयोग ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय बधिर क्रिकेट टीम ‘टी20 चैंपियन्स ट्राफी विजेताओं’ का अभिनंदन किया

    ईसीआई/पीएन/95/2022                                    
    02.12.2022
     
    प्रेस नोट
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय बधिर क्रिकेट टीम ‘टी20 चैंपियन्स ट्राफी विजेताओं’ का अभिनंदन किया 
    भारत निर्वाचन आयोग भारतीय बधिर क्रिकेट संघ की टीम का मुख्य धारा की क्रिकेट टीमों के साथ एक मैच का प्रायोजित करने की संभावना तलाशेगा 
    भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के लिए सुग्राहीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया 
    सक्षम ऐप निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांगजनों की सहभागिता को संभव करेगा
     
    अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस की पूर्व संध्‍या पर भारत निर्वाचन आयोग ने आज निर्वाचन सदन में भारतीय बधिर क्रिकेट टीम का अभिनंदन किया। टीम का स्‍वागत करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग खिलाड़ियों द्वारा प्रदर्शित मनोबल और दृढ़ निश्चय को सलाम करता है। इस टीम ने अंतरराष्ट्रीय बधिर क्रिकेट परिषद द्वारा संयुक्‍त अरब अमीरात में आयोजित टी20 चैंपियन्स ट्रॉफी को जीतकर देश का मान बढ़ाया है। श्री कुमार ने कहा कि विजेताओं के बारे में लोगों में समुचित रूप से प्रचार-प्रसार करना महत्वपूर्ण है। भारत निर्वाचन आयोग भारतीय बधिर क्रिकेट एसोसिएशन की टीम का मुख्य धारा की क्रिकेट टीमों के साथ एक मैच प्रायोजित करने की संभावना तलाशेगा। 
    आयोग ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के उपलक्ष्य में भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय आइकन पदमश्री विजेता डॉ. नीरू कुमार द्वारा ‘विविधता एवं समावेशन’ पर आयोग के अधिकारियों के लिए एक सुग्राहीकरण प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया। 
    इस अवसर पर बोलते हुए श्री कुमार ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग पंजीकरण से लेकर मतदान करने तक, सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया तंत्र में समर्थकारी परिवेश का नया दस्तूर सुनिश्चित करने में सुगम्यता की संकल्पना और व्यवहार को मुख्य धारा में लाने और गहन अंतःस्थापित करने के प्रति प्रतिबद्ध है।  
    श्री कुमार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने दिव्यांगजनों को प्रशासनिक और प्रौद्योगिकीय नवोन्मेषणों के साथ नामांकन से लेकर मतदान दिवस तक की सुविधाओं के लिए समर्थ बनाने और इनके लिए सुविधा प्रदान करने के लिए एक ऐप- जिसका नाम सक्षम ऐप है - के रूप में एक वन स्टॉप साधन विकसित किया है। दिव्यांग निर्वाचक निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं; इस तरह, उन्‍हें सक्षम बनाया जा सकता है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। 
    भारत निर्वाचन आयोग मतदान केंद्रों में सुगम्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए और उन्हें बिना बाधा के अपना वोट डालने में दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाकर विभिन्न प्रकार के उपायों को क्रियान्वित कर रहा है। मतदान केंद्रों में अधिसूचित सुविधाएं जैसे कि भूतल पर मतदान केंद्र, मानकीकृत रैंप, व्हीलचेयर, स्वंयसेवक, ब्रेल युक्‍त ईवीएम एवं मतपत्र, ब्रेल एपिक, सुगम्य शौचालय, स्पर्शनीय संकेतक, संकेत भाषा दुभाषिया तथा पिकअप एवं ड्रॉप सुविधा उपलब्ध करवायी जाती है। आयोग ने 40% बैंचमार्क निःशक्तता वाले दिव्यांगजनों को अपने घर पर बैठे-बैठे मतदान करने के लिए डाक मतपत्र सुविधा का विकल्प भी उपलब्ध करवाया है। 
    आयोग ने मील के पत्थर की तरह निम्नलिखित पहल शुरू की हैं: 
    क.    सुगम्य निर्वाचनों पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति का गठन करना।
    ख.   निर्वाचन कार्मिक के सुग्राहीकरण पर मॉड्यूल।
    ग.    निर्वाचनों के दौरान सुगम्यता प्रेक्षकों को तैनात करना।
    घ.    प्रख्यात निःशक्तजनों को निर्वाचन राजदूत/आइकन के रूप में नियुक्त करना।
    ङ.     समावेशी निर्वाचनों पर जागरूकता फिल्में तैयार करना जिसमें निःशक्त विभूतियों की भूमिकाएं होंगी। 
    आयोग समावेशी एवं सुगम्य निर्वाचनों के लक्ष्यों के प्रति समर्पित है और सही मायनों में प्रतिनिधिक एवं सशक्त लोकतंत्र के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में दिव्यांगजनों की सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रयास करेगा। अब तक, 83 लाख से अधिक निर्वाचक देशभर की निर्वाचक नामावली में दिव्यांगजनों के रूप में चिह्नित किए गए हैं।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 December 2022

  6. भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में चल रहे उप निर्वाचनों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण तथा तैनाती के बारे में भारत निर्वाचन आयोग के अनुदेशों के उल्लंघन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी)...

    सं. ईसीआई/पीएन/94/2022
    01.12.2022
    प्रेस नोट
     भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में चल रहे उप निर्वाचनों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण तथा तैनाती के बारे में भारत निर्वाचन आयोग के अनुदेशों के उल्लंघन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मैनपुरी और इटावा से स्पष्टीकरण मांगा  
    भारत निर्वाचन आयोग ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मैनपुरी को 6 पुलिस अधिकारियों को कार्यमुक्त करने का निदेश दिया  
    निर्वाचन प्रेक्षकों के पर्यवेक्षण में स्थानीय पुलिस बल का यादृच्छिकीकरण सुनिश्चित किया जाना है 
    भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में चल रहे उप निर्वाचनों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं तैनाती के बारे में भारत निर्वाचन आयोग के अनुदेशों के उल्लंघन के लिए एसएसपी मैनपुरी और इटावा से स्पष्टीकरण मांगा है। समाजवादी पार्टी के प्रो. रामगोपाल यादव से प्राप्त अभ्यावेदन के संदर्भ में, आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांण्डेय और श्री अरुण गोयल के साथ यथोचित विचार-विमर्श के बाद निम्नलिखित निदेश दिए हैं -
    एसएसपी, मैनपुरी उक्त स्थानांतरण एवं तैनाती नीति के तहत आने वाले उप निरीक्षकों नामत: श्री सुरेश चंद, श्री कादिर शाह, श्री सुधीर कुमार, श्री सुनील कुमार, श्री सत्य भान एवं श्री राज कुमार गोस्वामी को संबंधित विधान सभा खण्डों में अवस्थित पुलिस स्टेशनों, जिनमें वे वर्तमान में तैनात हैं, से तत्काल कार्यमुक्त करें। एसएसपी, मैनपुरी आयोग को यह स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि पुलिस कार्मिकों का स्थानांतरण और उनकी तैनाती करते समय आयोग के मौजूदा अनुदेशों और आदर्श आचार संहिता के सुसंगत प्रावधानों का अनुपालन न करने के लिए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही क्यों न आरंभ की जाए। एसएसपी इटावा अपना स्पष्टीकरण दें कि आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद आयोग की पूर्व अनुमति के बिना वैदपुरा, भरथना, जसवंतनगर एवं चौबिया पुलिस स्टेशनों के चार एसएचओ  को लंबी छुट्टी देने के लिए उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही क्यों न आरंभ की जाए।  मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), उत्तर प्रदेश को यह सुनिश्चित करने का भी निदेश दिया गया है कि 21-मैनपुरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए चल रहे उप निर्वाचन से संबंधित बल की तैनाती यादृच्छिकीकरण इत्यादि की निर्धारित प्रक्रिया का सख्ती से पालन करते हुए संबंधित महानिरीक्षक एवं पुलिस प्रेक्षक के पर्यवेक्षण में की जाए। स्थानीय पुलिस बल का यादृच्छिकीकरण, निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु आयोग के मौजूदा अनुदेशों की आधारशिला है। एक स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए, निर्वाचन हो रहे जिलों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओज्) को भी यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है कि आयोग के मौजूदा अनुदेशों, विधि के सुसंगत प्रावधानों और आदर्श आचार संहिता का अक्षरशः पालन किया जाए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 December 2022

  7. मादक द्रव्यों का बड़े पैमाने पर अभिग्रहण गुजरात विधानसभा निर्वाचन 2022 में व्यय की कड़ी निगरानी को प्रतिबिंबित करता है

    ईसीआई/पीएन/93/2022
    30.11.2022
     
    प्रेस नोट 
    मादक द्रव्यों का बड़े पैमाने पर अभिग्रहण गुजरात विधानसभा निर्वाचन 2022 में व्यय की कड़ी निगरानी को प्रतिबिंबित करता है 
    वडोदरा में एटीएस ने 143 किलो मादक द्रव्य जिसकी कीमत लगभग 478 करोड़ रुपये है, अभिग्रहित किया 
    गुजरात में 2017 के राज्य विधानसभा निर्वाचनों की तुलना में अभिग्रहण में 28 गुना से अधिक की वृद्धि हुई 
    आयोग नागरिकों से आह्वान करता है कि वे निर्वाचनों में धन बल के खतरे पर अंकुश लगाने के लिए सी-विजिल का व्यापक रूप से इस्‍तेमाल करें 
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भांति-भांति के प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से अत्‍यंत सावधानीपूर्वक बनाई गई योजना, व्यापक समीक्षा और व्यय अनुवीक्षण के परिणामस्‍वरूप गुजरात राज्य में चल रहे विधानसभा निर्वाचनों में रिकॉर्ड अभिग्रहण के रूप में शानदार परिणाम सामने आए हैं। मादक द्रव्यों की भारी खेप के एक उल्‍लेखनीय अभिग्रहण मामले का संचालन गुजरात एटीएस के अधिकारियों की एक टीम कर रही है जो वडोदरा (ग्रामीण) और वडोदरा शहर में एक आपरेशन चला रही है। टीम ने 2 मेफेड्रोन ड्रग विनिर्माण इकाइयों की पहचान की है और लगभग 478 करोड़ रुपये मूल्य के 143 किलोग्राम मेफेड्रोन (सिंथेटिक ड्रग) का पता लगाया है। उन्होंने नाडियाड और वडोदरा से 5 लोगों को हिरासत में लिया है और एटीएस पुलिस स्टेशन, अहमदाबाद में एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की संगत धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जा रहा है। ऑपरेशन जारी है और ऑपरेशन पूरा होने के बाद पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाएगा। 
    गुजरात राज्य में अब तक (29.11.2022 तक) किए जा चुके अभिग्रहणों का विवरण नीचे दिया गया है: 
    राज्य
    नकदी
    मदिरा
    मादक द्रव्य
    बहुमूल्य धातुएं
    उपहार
    कुल अभिग्रहण
     
    (करोड़ रु.)
    मात्रा
    (लीटर)
    मूल्य
    (करोड़ रु.)
    मूल्य
    (करोड़ रु.)
    मूल्य
    (करोड़ रु.)
    मूल्य
    (करोड़ रु.)
    मूल्य
    (करोड़ रु.)
    गुजरात
    27.07
    411851.23
    14.88
    61.96
    (उपर्युक्त चल रहे ड्रग अभिग्रहण के अलावा)
    15.79
    171.24
    290.94
     
    2017 के गुजरात विधानसभा निर्वाचन में कुल अभिग्रहण 27.21 करोड़ रुपये था। 29.11.2022 के अभिग्रहण चार्ट जो 290.24 करोड़ रुपये का कुल अभिग्रहण दर्शाता है, को देखने पर पता चलता है कि अभिग्रहण की मात्रा में जबरदस्‍त बढ़ोतरी हुई है जो 2017 में हुए अभिग्रहण का 10.66 गुना है। यदि हम मादक द्रव्यों के चल रहे अभिग्रहण को इसमें जोड़ दे तो यह 28 गुना अधिक हो जाता है। अभिग्रहण के आंकड़ों में असाधारण वृद्धि के पीछे निर्वाचन आयोग की व्यापक कार्यनीति, विस्तृत योजना और सख्‍त अनुवर्ती कार्रवाई रही है।

    बनासकांठा जिले के थराद थाने में अभिग्रहित मदिरा 
    गुजरात विधानसभा निर्वाचन 2022 के लिए तारीखों की घोषणा के अवसर पर, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने प्रलोभन मुक्त निर्वाचनों पर जोर दिया और हिमाचल प्रदेश में अभिग्रहणों (जब्तियों) की भारी मात्रा का उल्लेख किया। 23 नवंबर, 2022 को आयोग ने गुजरात और उसके पड़ोसी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों यथा राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों, आबकारी आयुक्तों, महानिदेशक (आयकर) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की थी। यह कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने और स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचनों के संचालन हेतु समन्वित भागीदारी के लिए आयोजित किया गया था। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार ने कड़ाई से निर्देश दिया कि सीमावर्ती राज्यों के पड़ोसी जिलों से नकदी, मदिरा, मुफ्त उपहारों की सीमा-पार आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए मतदान के दिन तक कारगर और सुदृढ़ उपाय किए जाएं। उन्होंने मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को अभिग्रहण का राज्यवार विश्लेषण करने और उचित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। आयोग ने अवैध मदिरा व मादक द्रव्यों के उद्गम स्थल पर ही कार्रवाई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। 
    कड़ी मॉनिटरिंग की तैयारियों को और गति तब मिली जब निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय के नेतृत्व में आयोग की टीम ने सितंबर में गुजरात का दौरा किया। विधानसभा निर्वाचनों के संचालन की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए समर्पित टीमों ने अक्टूबर में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का भी दौरा किया। आयोग ने अपने दौरे के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने वाली वस्तुओं की सतर्कतापूर्वक और प्रभावी निगरानी पर जोर देने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों, जिला प्राधिकारियों और पुलिस नोडल अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की।
     

    अहमदाबाद में रमोल पुलिस थाना द्वारा अभिग्रहित मिल्क वैन में ले जाई जा रही मदिरा का अभिग्रहण
    कारगर व्यय अनुवीक्षण की प्रक्रिया निर्वाचनों की घोषणा से महीनों पहले शुरू हो जाती है और इसमें निर्वाचनों को कलुषित करने में धनशक्ति की भूमिका पर अंकुश लगाने की दृष्टि से व्यय प्रेक्षकों के रूप में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति, अधिक समन्वित और व्यापक अनुवीक्षण के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाना और उनकी समीक्षा करना, व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों को चिह्नित करना, अनुवीक्षण प्रक्रिया में फील्ड स्तरीय टीमों की पर्याप्त उपलब्धता की योजना सुनिश्चित करना, जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों के साथ नियमित अनुवर्ती कार्रवाई करने जैसे भांति-भांति के कार्यकलाप शामिल किए गए हैं। केंद्रीय प्रेक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों के साथ निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आयोग द्वारा पहले ही दौरे किए जा चुके हैं ताकि व्‍यापक स्‍तर पर अनुवीक्षण किया जा सके। 
    गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचनों में धन शक्ति पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी अनुवीक्षण करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने 69 व्यय प्रेक्षकों को भी तैनात किया है। 27 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है ताकि इन क्षेत्रों का अधिक सतर्कतापूर्वक अनुवीक्षण किया जा सके। तैयारियों का निरीक्षण करने और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करने के लिए आयोग ने 1983 बैच के सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी, श्री बी. मुरली कुमार जिनके पास इस क्षेत्र में विपुल सुविज्ञता है, को विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में तैनात किया है। 
    इसी तर्ज पर, हिमाचल प्रदेश विधानसभा निर्वाचन, 2022, जहां मतदान 12 नवंबर को संपन्न हुआ था, में अभिग्रहण में 2017 विधानसभा निर्वाचन के आंकड़ों की तुलना में 500% से अधिक की वृद्धि देखी गई। वर्ष 2017 के विधानसभा निर्वाचनों में 9.03 करोड़ रुपये की अभिग्रहित धनराशि की तुलना में, वर्ष 2022 में यह अभिग्रहण बढ़कर 57.24 करोड़ रुपये हो गया। यहां तक कि बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में 1 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चल रहे उप निर्वाचन, 2022 में भी 5.40 करोड़ रुपये का उल्‍लेखनीय अभिग्रहण किया गया है। निर्वाचनरत राज्यों में चल रहे निर्वाचनों के पूरा होने तक सतर्कतापूर्वक अनुवीक्षण के प्रयास जारी रहेंगे और अभिग्रहण के आंकड़े के और बढ़ने की अपेक्षा है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 06 December 2022

  8. भारत निर्वाचन आयोग ने बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) क्षेत्र में एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा मतदाता डाटा के संग्रहण के मामले में मुख्य सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक को निदेश जारी किए

    सं. ईसीआई/पीएन/92/2022
    25.11.2022
    प्रेस नोट
     
    भारत निर्वाचन आयोग ने बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) क्षेत्र में एक गैर-सरकारी संस्था द्वारा मतदाता डाटा के संग्रहण के मामले में मुख्य सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक को निदेश जारी किए 
    भारत निर्वाचन आयोग ने तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों – 162 शिवाजी नगर, 169 चिकपेट एवं 174 महादेवपुरा में निर्वाचक नामावलियों में किए गए विलोपनों और परिवर्धनों की   शत-प्रतिशत जांच करने का निदेश दिया 
    विशेष संक्षिप्‍त पुनरीक्षण के अधीन दावे एवं आपत्तियां करने की अवधि 15 दिनों के लिए अर्थात् 24 दिसम्बर, 2022 तक बढ़ाई 
    अपर जिला निर्वाचन अधिकारी बीबीएमपी (मध्‍य) & बेंगलुरू शहरी, जो इन तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभारी को निलंबित किया जाना है; दोनों के खिलाफ विभागीय जांच संस्थित की जानी है 
    निर्वाचक नामावलियों की शुद्धता के पर्यवेक्षण के लिए बीबीएमपी से बाहर के विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है 
    भारत निर्वाचन आयोग ने सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि अवैध रूप से एकत्रित दस्तावेजों या डाटा का कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग न हो 
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निदेश दिया गया कि वे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) गतिविधियों के प्रत्येक चरण में मान्यताप्राप्त राजनीतिक दल की भागीदारी सुनिश्चित करें 
          दिनांक 17-11-2022 को भारत निर्वाचन आयोग को बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वेक्षण के माध्यम से मतदाता जागरूकता कार्यकलापों की आड़ में बेंगलुरू शहर में मतदाता डाटा एकत्र करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के संबंध में मीडिया रिपोर्टें प्राप्त हुईं हैं। इसी मामले में आयोग को राजनीतिक दलों से भी शिकायतें प्राप्त हुईं। इस मामले में दिनांक 17.11.2022 की दो एफआईआर - पहली, सं. 0217/2022 के जरिए काडुगोडी पुलिस स्टेशन में और दूसरी, सं. 0276/2022 के जरिए हालासुरू गेट पुलिस स्टेशन में - के अनुसरण में एक पुलिस जांच चल रही है और इसके बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तारी सहित उत्तरवर्ती कार्रवाई की गई है। क्षेत्रीय आयुक्त बेंगलुरू, श्री अमलान बिश्वास द्वारा एक प्रशासनिक जांच किए जाने का भी आदेश दिया गया है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, तीन निर्वाचन क्षेत्रों नामतः 162-शिवाजी नगर, 169-चिकपेट एवं 174-महादेवपुरा में गैर-सरकारी व्यक्तियों की बीएलओ/बीएलसी के रूप में पहचान बताने वाले गलत आई कार्ड पाए गए हैं। इन तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में बीबीएमपी के तीन निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। 
    रिपोर्टों, अन्य उपलब्ध तथ्यों तथा सूचना (इनपुट) के आधार पर, आयोग ने तत्काल अनुपालन के लिए निम्नलिखित निदेश दिए हैं: 
    1. 162-शिवाजी नगर, 169-चिकपेट तथा 174-महादेवपुरा के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचक नामावली में दिनांक 01.01.2022 के बाद किए गए विलोपनों तथा परिवर्धनों की शत-प्रतिशत जांच की जाएगी।
    2. विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) के अधीन दावे और आपत्तियां करने की अवधि दिनांक 09.12.2022 से 24.12.2022 तक अर्थात् 15 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है ताकि 162-शिवाजी नगर, 169-चिकपेट एवं 174-महादेवपुरा के तीन निर्वाचन क्षेत्रों का गहन सत्यापन किया जा सके तथा दावे और आपत्तियां यदि कोई हों, दर्ज करने का अवसर प्रदान किया जा सके।
    3. 162-शिवाजी नगर, 169-चिकपेट एवं 174-महादेवपुरा के तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में निर्वाचक नामावली में दिनांक 01.01.2022 के बाद किए गए सभी विलोपनों तथा परिवर्धनों की सूची को मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा ताकि वे दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकें।
    4. प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) (0217/2022 एवं 0276/2022 दोनों के दिनांक 17.11.2022) के अनुसरण में आपराधिक अन्वेषण पहले से ही किए जा रहे हैं। सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अवैध रूप से एकत्रित किए गए दस्तावेज अथवा डाटा का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग न हो।
    5. 162-शिवाजी नगर और 169-चिकपेट निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभारी, अपर जिला निर्वाचन अधिकारी (एडीईओ), बीबीएमपी (मध्य), श्री एस. रंगप्पा और 174 महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी, अपर जिला निर्वाचन अधिकारी-सह-उपायुक्त, बेंगलुरू शहरी, श्री के. श्रीनिवास को तत्काल निलंबित करने और उनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू करने के निदेश दिए गए हैं।
    6. बीबीएमपी से बाहर के निम्नलिखित अधिकारियों को आयोग के मौजूदा दिशानिर्देशों और अनुदेशों के अनुसार निर्वाचक नामावली का पर्यवेक्षण करने और उसकी शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए तीनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विशेष अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाना है- 
    क.             सुश्री प्रियंका मैरी फ्रांसिस, आईएएस -162 शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र
    ख.             डॉ. आर. विशाल, आईएएस -169 चिकपेट निर्वाचन क्षेत्र
    ग.              श्री अजय नागभूषण, आईएएस -174 महादेवपुरा 
    7.            बीबीएमपी क्षेत्र के नामावली प्रेक्षकों नामतः
    क.             श्री उज्ज्वल घोष (बीबीएमपी मध्य),
    ख.             श्री रामचन्द्रण आर. (बीबीएमपी उत्तर),
    ग.              श्री पी. राजेंद्र चोलन (बीबीएमपी दक्षिण)
    घ.              डॉ. एन. मंजुला (बेंगलुरू शहरी)
    को 162-शिवाजी नगर, 169-चिकपेट तथा 174-महादेवपुरा के तीनों निर्वाचन क्षेत्रों के अलावा बीबीएमपी क्षेत्र में विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उन्हें सौंपे गए निर्वाचन क्षेत्रों में किए जा रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्य का पर्यवेक्षण करने का निदेश दिया गया है। 
    8. क्षेत्रीय आयुक्त बेंगलुरू, श्री अमलान बिस्वास बीबीएमपी क्षेत्र में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्य की समीक्षा का समन्वय और निरीक्षण करेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्हें मुख्य निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक के अनुमोदन से उक्त कार्य में उन्हें सहायता करने के लिए किसी भी अधिकारी की तैनाती करने का अधिकार दिया जाता है।
    9. क्षेत्रीय आयुक्त बेंगलुरू, श्री अमलान बिस्वास बीबीएमपी क्षेत्र में निजी संस्था द्वारा मतदाता रजिस्ट्रीकरण जागरूकता कार्यकलापों के दुरुपयोग और अभिकथित डाटा संग्रह की शिकायतों के संबंध में उन्हें सौंपी गई प्रशासनिक जांच के कार्य में भी तेजी लाएंगे।
    10. मुख्य निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक को विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यकलापों के प्रत्येक चरण में मान्यताप्राप्त राजनैतिक दल को शामिल करने और उन्हें मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार निर्वाचक नामावली के पिछले अंतिम प्रकाशन के उपरांत लिए गए सभी ब्यौरों की विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रवार सूची उपलब्ध कराने का निदेश दिया जाता है।
    11. मुख्य निर्वाचन अधिकारी, कर्नाटक को किए जा रहे उपर्युक्त उपायों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण और समन्वय करने का भी निदेश दिया जाता है।     
    निर्वाचक नामावलियां लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के उपबंधों के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन भारत निर्वाचन आयोग के संपूर्ण अधीक्षण, निदेश और नियंत्रण के अध्यधीन तैयार और पुनरीक्षित की जाती हैं। भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी निर्वाचनों का संचालन करने के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहा है जिसके लिए त्रुटिरहित और अद्यतनीकृत निर्वाचक नामावली एक पूर्वापेक्षा है। निर्वाचक नामावली एक संपूर्ण पारदर्शी और नियम-आधारित रीति से संक्षिप्त और निरंतर पुनरीक्षण के जरिए अद्यतनीकृत की जाती है जिसमें राजनैतिक दलों सहित सभी हितधारकों को संशोधन की वस्तु-स्थिति और प्रक्रिया के बारे में हरदम अवगत रखा जाता है। परिवर्धन, विलोपन और पते इत्यादि में परिवर्तन सहित नामावली पुनरीक्षण के प्रत्येक कदम पर अनिवार्य प्रकटीकरण और दावे एवं आपतियां दर्ज कराने का भी प्रावधान है। निर्वाचन आयोग इसे सर्वोपरि महत्व देता है कि नामावली पुनरीक्षण से संबंधित बूथस्तरीय सभी कार्यकलाप बूथ लेवल के केवल उन अधिकारियों द्वारा किए जाएं जिन्हें समय-समय पर जारी आयोग के निदेशों के अनुसार कार्य पर रखा जाता है (अंतिम बार अनुदेश सं. 23/बीएलओ/2022-ईआरएस, दिनांक 04.10.2022 के द्वारा अद्यतनीकृत)। निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण प्रक्रिया से संबंधित इस महत्वपूर्ण उपबंध से विचलन पर आयोग की नीति शून्य-सहनशीलता की है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 05 December 2022

  9. श्री अरुण गोयल ने नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला

    सं. ईसीआई/पीएन/91/2022                                             
    21.11.2022
     
    प्रेस नोट 
    श्री अरुण गोयल ने नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला 
    श्री अरुण गोयल ने आज भारत के नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया। 

    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार, जो फिलहाल नेपाल में चल रहे राष्ट्रीय निर्वाचनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में नेपाल में हैं, ने व्यक्तिगत रूप से श्री अरुण गोयल को कॉल करके उनकी नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी। निर्वाचन आयोग में उनका स्वागत करते हुए श्री कुमार ने कहा कि श्री गोयल का व्यापक एवं विविध प्रशासनिक अनुभव निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक समावेशी, सुगम और सहभागी बनाने के आयोग के प्रयासों को और सशक्त करेगा।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 21 November 2022

  10. मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार को नेपाल में आगामी निर्वाचनों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया

    ईसीआई/पीएन/90/2022
    17.11.2022
     
    प्रेस नोट 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार को नेपाल में आगामी निर्वाचनों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया 
    भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार को नेपाल की प्रतिनिधि सभा और प्रांतीय सभा के आगामी निर्वाचनों के लिए नेपाल निर्वाचन आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया है। नेपाल में संघीय संसद के 275 सदस्यों और सात प्रांतीय विधान सभाओं के 550 सीटों के निर्वाचन के लिए 20 नवंबर, 2022 को संघीय एवं प्रांतीय निर्वाचन आयोजित किए जाने है। 
    श्री राजीव कुमार 18 नवंबर से 22 नवंबर, 2022 तक नेपाल में राजकीय अतिथि के रूप में भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। अपने दौरे के दौरान श्री कुमार काठमांडू और उसके आस-पास के क्षेत्रों में मतदान केंद्रों का दौरा करेंगे। 
    भारत निर्वाचन आयोग इसी तरह का अंतरराष्ट्रीय निर्वाचक आगंतुक कार्यक्रम संचालित करता है जिसमें अन्य निर्वाचन प्रबंधन निकायों के सदस्यों को भारत में समय-समय पर आयोजित लोक सभा एवं विधान सभा के साधारण निर्वाचनों का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए आमंत्रित किया जाता है।     
    भारत निर्वाचन आयोग द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय इंटरएक्शनों के माध्यम से दुनियाभर में लोकतंत्र के अभियान को बढ़ावा देने में साथी निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के साथ सदैव आगे खड़ा रहा है और इसने आपसी सम्पर्क को बढ़ावा देने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने और सर्वश्रेष्ठ कार्य पद्धतियों को साझा करने का सदैव प्रयास किया है ताकि लोकतांत्रिक संस्थानों एवं प्रक्रियाओं को सुदृढ़ किया जा सके। भारत निर्वाचन आयोग के भारत अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) ने अब तक 109 देशों के 2200 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है जिसमें से क्षमता निर्माण पहल के भाग के रूप में नेपाल के भी 70 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। आईआईआईडीईएम में 13 से 24 मार्च 2023 के दौरान नेपाल निर्वाचन आयोग के 25 अधिकारियों के लिए भी क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया जाना निर्धारित है। 
    लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में ‘निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूप-रेखा और क्षमता’ विषय पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में नेपाल निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। भारत निर्वाचन आयोग “लोकतंत्र शिखर सम्मेलन-कार्रवाई वर्ष” के अंतर्गत समूह कार्य-कलाप के भाग के रूप में “समावेशी एवं सुगम्य निर्वाचन” और “निर्वाचनों में प्रौद्योगिकी” विषय पर दो और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की मेजबानी करेगा। 
    भारत निर्वाचन आयोग सितम्बर, 2019 से अक्तूबर 2022 तक के लिए निर्वाचन प्रबंधन के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय संस्थान विश्व निर्वाचन निकाय संघ (ए-वेब) की अध्यक्षता कर रहा था। ए-वेब में वर्तमान में 109 देशों के 119 निर्वाचन प्रबंधन निकाय शामिल हैं। भारत निर्वाचन आयोग को वर्ष 2022 से 2024 तक के कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से एशियाई निर्वाचन प्राधिकार संघ (एएईए) के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में निर्वाचनों के कुशल संचालन की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर भारत निर्वाचन आयोग की साख का द्योतक है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 21 November 2022

  11. गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 - राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो/दूरदर्शन प्रसारण समय का आबंटन-तत्संबंधी।

    सं.: ईसीआई/पीएन/86/2022/संचार
    दिनांक: 7 नवम्बर, 2022
     
    प्रेस नोट
    विषय: गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 - राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो/दूरदर्शन प्रसारण समय का आबंटन-तत्संबंधी।
     
    गुजरात की विधान सभा के साधारण निर्वाचन-2022 में राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो/दूरदर्शन प्रसारण समय के आबंटन के संबंध में आयोग के दिनांक 7 नवम्बर, 2022 के आदेश संख्‍या 437/टीए-एलए/1/2022/संचार की एक प्रति सर्व साधारण के सूचनार्थ संलग्न है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 15 November 2022

  12. गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चल रहे विधान सभा निर्वाचनों के दौरान ज़ब्ती का कीर्तिमान बना।

    ईसीआई/प्रेस नोट/89/2022
    दिनांकः 11.11.2022
     
    प्रेस नोट
     
    गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चल रहे विधान सभा निर्वाचनों के दौरान ज़ब्ती का कीर्तिमान बना। 
    वर्ष 2017 के राज्य विधान सभा निर्वाचनों की तुलना में हिमाचल प्रदेश में जब्ती में पांच गुनी वृद्धि हुई। 
    भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचनों में धन बल के खतरे पर अंकुश लगाने के लिए नागरिकों से सी-विजिल ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग करने का अनुरोध किया।
     
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई व्यापक प्लानिंग, समीक्षा और अनुवर्ती कार्रवाई करने, जिनमें प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी भी शामिल है, के परिणामस्वरूप गुजरात और हिमाचल प्रदेश राज्यों में चल रहे विधान सभा निर्वाचनों में रिकार्ड जब्ती की गई। गुजरात विधान सभा निर्वाचन, 2022 के लिए तारीखों की घोषणा करने के अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने प्रलोभनमुक्त निर्वाचनों पर बल दिया और हिमाचल प्रदेश में उल्लेखनीय मात्रा में जब्त की गई राशि का उदाहरण दिया। 
    इस अभियान के परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं क्योंकि निर्वाचनों की घोषणा करने के सिर्फ कुछ दिनों में गुजरात में 71.88 करोड़ रु. की धनराशि जब्त की गई जो विधान सभा निर्वाचन, 2017 में आदर्श आचार संहिता लागू होने की पूरी अवधि में की गई जब्तियों से भी अधिक है। वर्ष 2017 में गुजरात में कुल मिलाकर 27.21 करोड़ रु. की जब्ती हुई थी। इसी प्रकार से, 9.03 करोड़ रु. की तुलना में हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी मात्रा में 50.28 करोड़ रु. इतनी उल्लेखनीय राशि जब्त की गई, जो पांच गुनी से अधिक वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त, यदि नागरिक अधिक सतर्क हो जाएं और सी-विजिल ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग करें तो इससे निर्वाचनों में धनशक्ति पर लगाम लगाने में बहुत अधिक मदद मिलेगी। 
          निर्वाचनों की घोषणा होने से कई महीने पहले कारगर व्यय अनुवीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और इसमें निर्वाचनों को दूषित करने में धनशक्ति की भूमिका पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से भांति-भांति के कार्यकलाप किए जाते हैं जैसे कि व्यय प्रेक्षकों के रूप में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति, अधिक समन्वित और व्यापक अनुवीक्षण के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाना और उनकी समीक्षा करना, व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों को चिह्नित करना, अनुवीक्षण प्रक्रिया में फील्ड स्तरीय टीमों की समुचित उपलब्धता की योजना बनाया जाना सुनिश्चित करना और जिला निर्वाचन अधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों के साथ नियमित फॉलो-अप सुनिश्चित करना। विस्तृत अनुवीक्षण के लिए और केंद्रीय प्रेक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों की समीक्षा के साथ निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आयोग पहले ही दौरे कर चुका है। 
    हिमाचल प्रदेश और गुजरात राज्यों में अब तक (10.11.2022 की स्थिति के अनुसार) पहले से की गई जब्तियों का विवरण नीचे दिया गया है: 
    राज्य
    नकदी
    मदिरा
    नशीले पदार्थ
    कीमती धातुएं
    मुफ्त वस्तुएं
    कुल जब्ती
     
    (करोड़ रु.)
    मात्रा
    (लीटर)
    मूल्य (करोड़ रु.)
    मूल्य (करोड़ रु.)
    मूल्य (करोड़ रु.)
    मूल्य (करोड़ रु.)
    (करोड़ रु.)
    हिमाचल प्रदेश
    17.18
    972818.24
    17.50
    1.20
    13.99
    0.41
    50.28
    गुजरात
    0.66
    109189.19
    3.86
    0.94
    1.86
    64.56
    71.88
    हालांकि, गुजरात राज्य में मतदान की घोषणा किए हुए कुछ ही दिन हुए हैं, तो भी पुलिस की कार्रवाई से 3.86 करोड़ रु. मूल्य की लगभग 1,10,000 लीटर मदिरा जब्त की जा चुकी है। राजस्व आसूचना निदेशालय ने भी 64 करोड़ रु. इतनी बड़ी मात्रा में खिलौने और अन्य सामग्री जब्त किए जाने की सूचना दी है जिन्हें मिथ्या घोषणा करके और मुंद्रा बंदरगाह के आयात कार्गो में छिपाकर तस्करी से लाया गया था। इस मामले में मुख्य षडयंत्रकारी सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे जांच की जा रही है। गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचनों में धनशक्ति पर अंकुश लगाने के लिए कारगर अनुवीक्षण करने के लिए, भारत निर्वाचन आयोग ने 69 व्यय प्रेक्षकों की भी तैनाती की है। इन निर्वाचन क्षेत्रों में सतर्कतापूर्वक अनुवीक्षण करने के लिए 27 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। 
    निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आयोग ने सितम्बर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश का दौरा किया था और विधान सभा निर्वाचनों के संचालन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए समर्पित दलों द्वारा भी अक्तूबर में दोनों राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया गया। दोनों राज्यों में अपने दौरों के दौरान आयोग ने मतदाताओं को लुभाने वाली वस्तुओं पर कड़ी और कारगर नजर रखने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों, जिला प्राधिकरणों और पुलिस नोडल अधिकारियों की विस्तृत समीक्षा की। 
    हिमाचल प्रदेश में अपने दौरे के दौरान जिलों और प्रवर्तन एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते समय मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने अवैध खनन के कारोबार और मदिरा, संदिग्ध नकदी और ऐसी वस्तुओं, जिनसे निर्वाचन का परिवेश बिगड़ने की आशंका उत्पन्न हो सकती है, पर कड़ी निगरानी रखने पर बल दिया। इसी तर्ज पर आयकर विभाग के अन्वेषण विंग, जो मुख्य भागीदार प्रवर्तन एजेंसियों में से एक है, ने हिमाचल प्रदेश और इसके समीपवर्ती राज्यों के 27 परिसरों में स्टोन क्रशिंग यूनिटों पर छापे मारे और काफी मात्रा में नकदी बरामद की। इसने देसी शराब के निर्माताओं और व्यापारियों के ठिकानों की भी तलाशी ली, जिसमें बेहिसाब नकदी जब्त की गई और स्टॉक तथा उसका लेखा रखने में असंगतियां पाई गईं। ये जब्तियां, विशेषकर जो मदिरा, नशीले पदार्थ और मुफ्त वस्तुओं से संबंधित थी पुलिस, आबकारी अधिकारियों और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई। हिमाचल प्रदेश विधान सभा के साधारण निर्वाचनों में धनशक्ति पर अंकुश लगाने के कार्य के कारगर अनुवीक्षण के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 23 व्यय प्रेक्षकों को भी तैनात किया है। 
    यहां तक कि वर्ष 2022 के उप-निर्वाचनों में, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के सात विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में भारी मात्रा में कुल 9.35 करोड़ रु. की जब्ती की गई थी। तेलंगाना के अत्यधिक व्यय संवेदनशील मुनुगोडे विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में रिकार्ड मात्रा में जब्ती की गई थी जिसमें 6.6 करोड़ रुपये इतनी बड़ी  मात्रा में नकदी के साथ हजारों लीटर शराब, 1.78 करोड़ रु. के कीमती धातुओं की जब्ती की गई है जो निर्वाचनों में धन-बल के खतरे पर अंकुश लगाने के लिए आयोग द्वारा व्यय अनुवीक्षण प्रक्रिया पर और अधिक ध्यान दिए जाने को दर्शाता है। जब व्यापक अनुवीक्षण की आवश्यकता थी, जैसा मुनुगोडे विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में देखा गया, आयोग ने अतिरिक्त व्यय प्रेक्षकों को तैनात किया, जमीनी स्तर की टीमों की संख्या को बढ़ाया एवं प्रेक्षकों के साथ वर्चुअल बैठकों के माध्यम से जिला प्रशासन की बारम्बार समीक्षा की और फीडबैक सत्रों का संचालन किया। 
    आयोग ने 07 नवम्बर को मुख्य सचिवों, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशकों, महानिदेशक (आयकर अन्वेषण), आबकारी आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षक (प्रचालन), हिमाचल प्रदेश और इसके पड़ोसी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और कानून व्यवस्था की स्थिति और निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सीमाओं को सीलबंद करने और अन्तर्राज्यीय सीमा पर प्रलोभनकारी गतिविधियों की निगरानी करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। आयोग ने निष्पक्ष, सुगम्य एवं प्रलोभन मुक्त मतदान का संचालन करने के उद्देश्य के अनुरूप आखिरी 72 घंटों के प्रयासों और मतदान व्यवस्थाओं के लिए केंद्रीय प्रेक्षकों की भी समीक्षा की। निर्वाचनों के लिए नियत राज्यों में चल रहे निर्वाचनों के सम्पन्न होने तक सतर्क अनुवीक्षण के प्रयास आगे भी जारी रखे जाएंगे और जब्ती के आंकड़ों के आगे और भी बढ़ने की संभावना है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 11 November 2022

  13. उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के 37-रामपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन-उप-निर्वाचन कार्यक्रम का पुनरीक्षण - तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/88/2022                               
    दिनांकः 10 नवंबर, 2022
     
    प्रेस नोट 
    विषय: उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के 37-रामपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन-उप-निर्वाचन कार्यक्रम का पुनरीक्षण - तत्संबंधी। 
    ***** 
    श्री मोहम्मद आजम खान के निरर्हित होने के कारण दिनांक 27 अक्तूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के 37-रामपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में रिक्ति हुई थी।
    आयोग ने प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/83/2022 दिनांक 5 नवंबर, 2022 के जरिए विभिन्न राज्यों में अन्य रिक्तियों के साथ-साथ 37-रामपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए श्री मोहम्मद आजम खान के निरर्हित होने के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम की घोषणा की, जो निम्नानुसार है- 
    मतदान कार्यक्रम
    कार्यक्रम
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    10 नवम्बर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    17 नवम्बर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    18 नवंबर, 2022
    (शुक्रवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    21 नवम्बर, 2022
    (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    5 दिसम्बर, 2022
    (सोमवार)
    मतगणना की तारीख
    8 दिसम्बर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    वह तारीख जिससे पहले निर्वाचन संपन्न करा लिया जाएगा
    10 दिसम्बर, 2022
    (शनिवार)
    मोहम्मद आजम खान बनाम भारत निर्वाचन आयोग एवं अन्य में एक रिट याचिका (सिविल) सं. 980/2022 माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर की गई थी। माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 9 नवंबर, 2022 को मामले की सुनवाई की और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रामपुर, जिनके समक्ष अपील दायर की गई है, को निर्देश दिया कि वे दोषसिद्धि पर रोक के लिए आवेदन की सुनवाई को पूर्वित करेंगे और तत्काल समाधान के लिए 10 नवम्बर को इसपर सुनवाई करेंगे और उसी दिन अर्थात् 10 नवम्बर, 2022 को इस आवेदन का निपटान कर दिया जाएगा। 37-रामपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हेतु निर्वाचन कार्यक्रम घोषित करने के लिए राजपत्र अधिसूचना दोषसिद्धि पर रोक लगाने संबंधी आवेदन के परिणाम के आधार पर 11 नवंबर, 2022 को या इसके पश्चात् जारी की जाए। 
    अपर सत्र न्यायालय, रामपुर ने मामले की सुनवाई की और इस मामले में स्टे नहीं दिया है। 
    आयोग ने इस मामले पर विचार करने के पश्चात् और माननीय उच्चतम न्यायालय तथा विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश, रामपुर के आदेश का पूरा सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश के 37-रामपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के उप-निर्वाचन के कार्यक्रम को निम्नानुसार संशोधित किया जाए: 
    उप निर्वाचन के लिए संशोधित कार्यक्रम
    मतदान कार्यक्रम
    कार्यक्रम
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    11 नवम्बर, 2022
    (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    18 नवम्बर, 2022
    (शुक्रवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    19 नवंबर, 2022
    (शनिवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    21 नवम्बर, 2022
    (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    5 दिसम्बर, 2022
    (सोमवार)
    मतगणना की तारीख
    8 दिसम्बर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    वह तारीख जिससे पहले निर्वाचन संपन्न करा लिया जाएगा
    10 दिसम्बर, 2022
    (शनिवार)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 10 November 2022

  14. उत्तर प्रदेश के 15-खतौली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम – तत्संबंधी। 

    सं. ईसीआई/पीएन/87/2022
    दिनांकः 8 नवंबर, 2022
     
    प्रेस नोट 
    विषय: उत्तर प्रदेश के 15-खतौली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम – तत्संबंधी। 
          आयोग ने उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में रिक्ति भरने के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है।
    क्र.सं.
    राज्य का नाम
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की सं. और नाम
    कारण
    1.       
    उत्‍तर प्रदेश
    15-खतौली
    श्री विक्रम सिंह, विधायक की निरर्हता
     उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम निम्नानुसार है: 
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम
    मतदान कार्यक्रम
    कार्यक्रम
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    10 नवंबर, 2022
    (बृहस्‍पतिवार)
    नाम-निर्देशनों की अंतिम तारीख
    17 नवंबर, 2022
    (बृहस्‍पतिवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    18 नवंबर, 2022
    (शुक्रवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    21 नवंबर, 2022
    (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    5 दिसम्‍बर, 2022
    (सोमवार)
    मतगणना की तारीख
    8 दिसम्‍बर, 2022
    (बृहस्‍पतिवार)
    वह तारीख जिससे पहले निर्वाचन संपन्न करा लिया जाएगा
    10 दिसम्‍बर, 2022
    (शनिवार)
    1.    निर्वाचक नामावली
          इन निर्वाचनों के लिए पूर्वोक्‍त विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के लिए 01.01.2022 की अर्हक तिथि के साथ 05 जनवरी, 2022 को अंतिम रूप से प्रकाशित निर्वाचक नामावलियां इस्‍तेमाल में लाई जाएंगी। 
    2.    इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट
          आयोग ने उप-निर्वाचन में सभी मतदान केन्द्रों में ईवीएम एवं वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध करा दिए गए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से निर्वाचन आसानी से संचालित कर लिए जाएं।
    3.    मतदाताओं की पहचान
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) मुख्य दस्तावेज होगा। हालांकि, नीचे उल्लिखित पहचान दस्तावेजों में से किसी एक को मतदान केंद्र पर भी दिखाया जा सकता है:
    आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की स्कीम के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्रीय/राज्य सरकार/पीएसयू/पब्लिक लिमिटेड कम्पनी द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, और संसद सदस्यों/विधान सभा सदस्यों/विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र, विशिष्‍ट दिव्यांगता आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार। 4.    आदर्श आचार संहिता    
    आयोग के अनुदेश सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) द्वारा जारी आंशिक संशोधन के अध्यधीन आदर्श आचार संहिता उस/(उन) जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें/जिनमें निर्वाचन कराए जाने वाले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो। 
    5.    आपराधिक पूर्ववृत्त संबंधी सूचना 
          अभ्यर्थियों के आपराधिक पूर्ववृत्त के बारे में अभियान अवधि के दौरान तीन बार समाचार पत्रों तथा दूरदर्शन चैनलों के माध्यम से सूचना प्रकाशित की जानी अपेक्षित है। जो राजनैतिक दल आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थियों को खड़ा करते हैं उनके लिए अपेक्षित है कि वे अपने अभ्यर्थियों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में अपनी वेबसाइट पर तथा समाचारपत्रों तथा दूरदर्शन चैनलों में भी तीन बार सूचना प्रकाशित करें।
          आयोग ने अपने पत्र सं. 3/4/2019/एसडीआर/खण्ड.IV दिनांक 16 सितम्बर, 2020 के जरिए निदेश दिया है कि विनिर्दिष्ट अवधि निम्नलिखित तरीके से तीन ब्लॉकों में विनिश्चित की जाएगी ताकि निर्वाचकों को इन अभ्यर्थियों की पृष्ठभूमि के बारे में जानने के लिए पर्याप्त समय मिल सके:
    क.   अभ्यर्थिता वापसी लेने के प्रथम 4(चार) दिनों के भीतर
    ख.   आगामी 5-8 दिनों के बीच
    ग.   9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से पहले दूसरा दिन) 
    (उदाहरण: यदि अभ्यर्थिता वापसी के लिए अंतिम तारीख महीने की 10वीं तारीख है और मतदान महीने की 24वीं तारीख को है तो घोषणा के प्रकाशन के लिए प्रथम ब्लॉक क्रमशः महीने की 11वीं और 14वीं तारीख के बीच, द्वितीय और तृतीय ब्लॉक 15वीं तथा 18वीं तारीख के बीच और 19वीं तथा 22वीं के बीच होगा)
          यह अपेक्षा रिट याचिका (सिविल) सं. 2015 का 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ एवं अन्य) और रिट याचिका (सिविल) सं. 2011 का 536 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन तथा अन्‍य बनाम भारत संघ एवं अन्य) में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में है।
          यह सूचना 'अपने अभ्यर्थियों को जानें' शीर्षक वाली ऐप पर भी उपलब्ध होगी। 
    6.    उप-निर्वाचन के दौरान कोविड से संबंधित व्यवस्थाएं 
          देशभर में कोविड की स्थिति में समग्रतः सुधार होने तथा एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डीएम अधिनियम के अधीन निषिद्धकारी कदम वापस लेने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है कि समय-समय पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी हिदायतों का अनुसरण किया जाए। उप-निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान पंच-फलकीय कार्यनीति अर्थात् जांच करना-पता-ठिकाना रखना-इलाज करना-टीकाकरण तथा कोविड उचित व्यवहार के अनुवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जिला मशीनरी को कोविड स्थिति की प्रभावी रूप से जांच करनी चाहिए तथा अपेक्षित विधिक/प्रशासनिक मानदण्डों को विहित करके कोविड उपयुक्त व्यवहार के मानदण्डों को लागू करना चाहिए।     
          आयोग ने 14.10.2022 को कोविड दिशा-निर्देश, अक्तूबर 2022 जारी किया है जो निर्वाचनों के संचालन के दौरान अनुसरण किए जाने के लिए आयोग की बेवसाइट https://eci.gov.in/files/file/14492-covid-guidelines-for-general-electionbye-elections-to-legislative-assemblies-reg/ पर उपलब्‍ध है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 08 November 2022

  15. गुजरात विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2022-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।

    सं. ईसीआई/पीएन/85/2022                                  दिनांकः 07.11.2022
     
    प्रेस नोट
    विषयः गुजरात विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2022-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।
    गुजरात विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 आयोजित करवाने के लिए 03.11.2022 को कार्यक्रम की घोषणा की गई है। राज्य में मतदान नीचे दिए गए कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किए जाने हैं:
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
    चरण और मतदान की तारीख
    गुजरात
    दो चरण- 01.12.2022 और 05.12.2022
          इस संबंध में, सारी मीडिया का ध्यान लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ, टेलीविजन या समरूप साधन के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे पुन:प्रस्तुत किए गए हैं:
     (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का निषेध-
    (1)    कोई भी व्‍यक्ति-
    (क)   ..............................
    (ख)  चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरण के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे;
    (ग)   ...................................................................
    मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान किसी भी मतदान क्षेत्र में।
    (2) कोई भी व्‍यक्ति जो उप-धारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करता है, वह दो वर्ष तक कारावास, या जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा।
    (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद का तात्पर्य ऐसी किसी बात से है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित है।
    2.     निर्वाचनों के दौरान, कभी-कभी टीवी चैनलों द्वारा उनके पैनल चर्चाओं/वाद-विवाद तथा अन्‍य  समाचारों और करंट अफेयर्स के कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त  धारा 126 के उपबंधों के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। आयोग ने विगत में यह स्पष्‍ट किया है कि उक्‍त  धारा 126, किसी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ, टेलीविजन या समरूप साधनों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन को प्रतिबंधित करती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’  को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय है।
    3.     आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/ब्रॉडकास्ट/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय-वस्तु में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों के अभिमत/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की निर्वाचन संभावनाओं को आगे बढ़ाने उस पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की संभावना हो। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपिनियन पोल तथा सामान्य वाद-विवाद, विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड-बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा।
    4.     इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि किसी राज्य में पहले चरण में मतदान प्रारंभ होने से लेकर तथा अंतिम चरण में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है।
    5.   धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफएम चैनल/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी ब्रॉडकास्ट/प्रसारण संबंधी कार्यक्रमों (एग्जिट पोल के अलावा) जो शालीनता, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने आदि के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, के संचालन हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला/स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनैतिक विषय-वस्तु पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजीटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 और भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश संख्या-491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्तूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। राजनैतिक विज्ञापनों के संबंध में, आयोग के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I, दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व-प्रमाणन किया जाना आवश्यक है।
    6.  निर्वाचन के दौरान अनुपालन हेतु प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा दिनांक 30.7.2010 को जारी दिशानिर्देशों और पत्रकारिता आचरण मानदंड-2020 की ओर भी सभी प्रिंट मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-I)
    7.  एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-II)
    8.     इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया मंचों के लिए “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” भी तैयार की है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 में भी लागू होती है। इस संबंध में सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” की ओर आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-III)
    9. सूचना और प्रौद्योगिकी (मध्यवर्तियों के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार (नीति संहिता) नियम, 2021 जहां कहीं भी लागू होता हो, अनुपालन हेतु ध्यान में रखा जाए। आईटी (मध्यवर्तियों के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 जहां कहीं भी लागू हो, के अनुपालन हेतु ध्यान आकृष्ट किया जाता है।
    उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 November 2022

  16. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री राजीव कुमार ने कल्पा किन्नौर में श्री श्याम सरन नेगी के शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की

    सं. ईसीआई/पीएन/84/2022                                           
    04.11.2022
     
    प्रेस नोट 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री राजीव कुमार ने कल्पा किन्नौर में श्री श्याम सरन नेगी के शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की 
    दिवंगत आत्मा के लिए सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सब देशवासी मतदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें और लोकतंत्र की नींव को और सुदृढ़ करें – सीईसी राजीव कुमार 
    भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता की अदम्य भावना और लोकतंत्र में उनकी आस्था का अभिनंदन करता है 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री राजीव कुमार ने हिमाचल के गौरव और स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्री श्याम सरन नेगी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। श्री नेगी के लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकाचार और योगदान के प्रति असाधारण भावना एवं कृतज्ञता के प्रतीकस्वरूप श्री राजीव कुमार आज शोकसंतप्त परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलने किन्नौर जिले में श्री नेगी के पैतृक गांव कल्पा पहुंचे और पुष्पांजलि अर्पित की। 

    श्री राजीव कुमार ने श्री नेगी की अनुकरणीय भावना और लोकतंत्र में आस्था को नमन करते हुए कहा कि “श्री नेगी 70 सालों से ऊपर लगातार मतदान करते रहे और जाते जाते भी postal ballot (डाक मतपत्र) द्वारा 2 नवंबर को अपना फर्ज अदा कर गए। श्री नेगी की यह कर्तव्यनिष्ठा, युवा मतदाताओं के लिए एक मिसाल होनी चाहिए। दिवंगत आत्मा के लिए सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सब देशवासी मतदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें और लोकतंत्र की नींव को और सुदृढ़ करें।” मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने हिमाचल प्रदेश के सभी मतदाताओं से श्री श्याम सरन नेगी को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में आगामी विधानसभा निर्वाचन में 12 नवंबर, 2022 को मतदान करने का अनुरोध किया।

    मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री कुमार ने एक सशक्त लोकतंत्र की नींव रखने में योगदान देने के लिए देशभर के 1.8 करोड़ 80+ से अधिक मतदाताओं और 2.5 लाख 100+ शतायु मतदाताओं का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सम्मानित बुजर्गों की लोकतंत्र में निरंतर भागीदारी से निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी और सुगम चुनाव कराते रहने की जिम्मेदारी का अहसास और बढ़ जाता है"|  
    परिवार के सदस्यों के साथ सीईसी की बातचीत के दौरान, श्री नेगी के पुत्र ने सीईसी श्री राजीव कुमार द्वारा श्री श्याम सरन नेगी को भेजे गए आभार पत्र का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि श्री नेगी पत्र पढ़कर बहुत प्रसन्न हुए और वे परिवार के युवाओं को लोकतंत्र के त्यौहार में सक्रिय भागीदारी के लिए वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। ज्ञातव्य है कि हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर सीईसी ने देशभर के सभी शतायु मतदाताओं को एक आभार पत्र भेजा था।

    श्री श्याम सरन नेगी का आज सुबह 106 वर्ष की आयु में उनके पैतृक स्थान कल्पा, किन्नौर, हिमाचल प्रदेश में निधन हो गया। भारत निर्वाचन आयोग श्री श्याम सरन नेगी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है और आयोग राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 07 November 2022

  17. ओडिशा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में से प्रत्येक में 1 (एक) और उत्तर प्रदेश के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 1 (एक), 5 (पांच) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम – तत्संबंधी।

    सं. ईसीआई/पीएन/83/2022                                         दिनांक:  05 नवंबर, 2022
     
    प्रेस नोट
     
    विषय:  ओडिशा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में से प्रत्येक में 1 (एक) और उत्तर प्रदेश के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 1 (एक), 5 (पांच) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में उप-निर्वाचन के लिए कार्यक्रम – तत्संबंधी। 
           आयोग ने उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार तथा छत्तीसगढ़ के संसदीय तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में रिक्तियों को भरने के लिए निम्नलिखित उप-निर्वाचन का आयोजन करने का निर्णय लिया है:
    क्र. सं.
    राज्य का नाम
    संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1
    उत्‍तर प्रदेश
    21-मैनपुरी (संसदीय निर्वाचन क्षेत्र)
     
    क्र. सं.
    राज्य
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम
    1
    ओडिशा
    01-पदमपुर
    2
    राजस्थान
    21-सरदारशहर
    3
    बिहार
    93-कुढ़नी
    4
    छत्तीसगढ़
    80-भानुप्रतापपुर (अ.ज.जा.)
    5
    उत्तर प्रदेश
    37-रामपुर
    उप निर्वाचन का कार्यक्रम निम्‍नानुसार है:
    विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-निर्वाचन हेतु कार्यक्रम
    मतदान कार्यक्रम
    कार्यक्रम
    राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख
    10 नवंबर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख
    17 नवंबर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    18 नवंबर, 2022
    (शुक्रवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    21 नवंबर, 2022
    (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    5 दिसम्बर, 2022
    (सोमवार)
    मतगणना की तारीख
    8 दिसम्बर, 2022
    (बृहस्पतिवार)
    वह तारीख जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा
    10 दिसम्बर, 2022
    (शनिवार)
    1.     निर्वाचक नामावली
           उपर्युक्त संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दिनांक 01.01.2022 की अर्हक तिथि के संदर्भ में अंतिम तौर पर दिनांक 5 जनवरी, 2022 को प्रकाशित और नामांकन करने की अंतिम तिथि तक अद्यतनीकृत निर्वाचक नामावलियों को इन निर्वाचनों के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा।
    2.     इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपीएटी
           आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर उप-निर्वाचन में ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध करा दिए गए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं कि इन मशीनों की सहायता से निर्वाचन आसानी से संचालित कर लिए जाएं। 
    3.     मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान -
    किसी मतदाता की पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) मुख्य दस्तावेज होगा। हालांकि, नीचे उल्लिखित कोई भी पहचान दस्तावेज मतदान केंद्र पर दिखाया जा सकता है:-
        i.     आधार कार्ड
       ii.      मनरेगा जॉब कार्ड
      iii.      बैंक/डाक घर द्वारा जारी फोटोयुक्‍त पासबुक
      iv.      श्रम मंत्रालय की स्‍कीम के अंतर्गत जारी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा स्‍मार्ट कार्ड
       v.      ड्राइविंग लाइसेंस
      vi.      पैन कार्ड
      vii.      एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्‍मार्ट कार्ड
     viii.      भारतीय पासपोर्ट
      ix.      फोटोयुक्‍त पेंशन दस्‍तावेज
       x.      केन्द्रीय/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कम्‍पनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्‍त सेवा पहचान पत्र, तथा
      xi.      सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्‍यों को जारी अधिकारिक पहचान पत्र
      xii.      विशिष्ट दिव्यांग आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार 
    4.     आदर्श आचार संहिता
           आयोग के अनुदेश सं. 437/6/अनु./2016-सीसीएस, दिनांक 29 जून, 2017 (आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध) के जरिए यथा-जारी आंशिक संशोधन के अध्यधीन आदर्श आचार संहिता उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी जिसमें निर्वाचन कराए जाने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का पूरा या कोई भाग शामिल हो। 
    5.     आपराधिक मामलों वाले अभ्‍यर्थी-
    आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्‍यर्थियों के लिए अपेक्षित है कि वे अभियान अवधि के दौरान तीन अवसरों पर समाचार पत्रों में और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से इस संबंध में सूचना प्रकाशित करें। राजनैतिक दल जो आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्‍यर्थियों को खड़ा करते हैं, उनके लिए भी अपेक्षित है कि वे अपने अभ्‍यर्थियों की आपराधिक पृष्‍ठभूमि के बारे में तीन अवसरों पर अपनी वेबसाइट के साथ-साथ समाचार-पत्रों और टेलीविजन चैनलों में भी सूचना प्रकाशित करें। 
    आयोग ने अपने पत्र सं. 3/4//2019/एसडीआर/खंड IV दिनांक 16 सितंबर, 2020 के जरिए यह निदेश दिया है कि विनिर्दिष्ट अवधि निम्नलिखित तरीके से तीन खंडों में रखी जाएगी ताकि निर्वाचकों को ऐसे अभ्यर्थियों की पृष्‍ठभूमि के बारे में जानने का पर्याप्त समय मिले सके। 
    क.    अभ्यर्थिताएं वापस लेने के प्रथम 4 (चार) दिनों के भीतर
    ख.    आगामी 5-8 दिनों के बीच
    ग.     9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान की तारीख से पूर्व दूसरे दिन) 
    (उदाहरण: यदि अभ्यर्थिता वापस लेने की अंतिम तिथि महीने का 10वां दिन है और मतदान महीने के 24वें दिन है तो घोषणा के प्रकाशन के लिए पहला खंड महीने के 11वें से 14वें दिन के बीच, दूसरा और तीसरा खंड क्रमश: महीने के 15वें और 18वें दिन के बीच और 19वें और 22वें दिन के बीच होगा) 
    यह वर्ष 2015 की रिट याचिका (सिविल) सं. 784 (लोक प्रहरी बनाम भारत संघ और अन्य) में और वर्ष 2011 की रिट याचिका (सिविल) सं. 536 (पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन एवं अन्य बनाम भारत संघ और अन्य) में माननीय उच्‍चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसरण में अपेक्षित है। 
    यह सूचना ''अपने अभ्‍यर्थी को जानिए'' शीर्षक वाले एक ऐप पर भी उपलब्‍ध है। 
    6.     उप-निर्वाचन के दौरान कोविड संबंधी प्रबंधन 
           देशभर में कोविड की स्थिति में समग्र सुधार होने तथा एनडीएमए/एसडीएमए द्वारा डीएम अधिनियम के अधीन प्रतिबंधित उपाय वापिस लेने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है कि समय-समय पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी हिदायतों का अनुसरण किया जाए। उप-निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान पांच फलकीय कार्यनीति पर सतत ध्यान देना चाहिए, अर्थात् टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण तथा कोविड उचित व्यवहार का पालन करना। जिला प्रशासन को कोविड स्थिति की प्रभावी रूप से जांच करनी चाहिए तथा अपेक्षित विधि/प्रशासनिक मानदण्डों को निर्धारित करके कोविड उपयुक्त व्यवहार के मानदण्डों को लागू करना चाहिए। 
    आयोग ने अक्तूबर, 2022 के दिनांक 14.10.2022 को कोविड दिशानिर्देशों को जारी किया है जो निर्वाचनों के संचालन के दौरान अनुसरण के लिए आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/files/file/14492-covid-guidelines-for-general-electionbye-elecctions-to-legislative-assemblies-reg/ पर उपलब्‍ध है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 05 November 2022

  18. गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 – तत्संबंधी।

    गुजरात विधान सभा के साधारण निर्वाचनों की अनुसूची
     
    मतदान कार्यक्रम
    प्रथम चरण
    (89 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र)
    द्वितीय चरण
    (93 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र)
    राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तिथि
    5 नवंबर, 2022
    (शनिवार)
    10 नवंबर, 2022
    (गुरूवार)
    नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख
    14 नवंबर, 2022
    (सोमवार)
    17 नवंबर, 2022
    (गुरूवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    15 नवंबर, 2022
    (मंगलवार)
    18 नवंबर, 2022
    (शुक्रवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    17 नवंबर, 2022
    (गुरूवार)
    21 नवंबर, 2022
    (सोमवार)
    मतदान की तारीख
    1 दिसंबर, 2022
    (गुरूवार)
    5 दिसंबर, 2022
    (सोमवार)
    मतगणना की तारीख
    8 दिसंबर, 2022
    (गुरूवार)
    8 दिसंबर, 2022
    (गुरूवार)
    मतदान संपन्न होने की तारीख
    10 दिसंबर, 2022
    (शनिवार)
    10 दिसंबर, 2022
    (शनिवार)

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    फ़ाइल सबमिट की गई Thursday 03 November 2022

  19. निर्वाचन प्रबंधन निकाय सामूहिक पहल के लिए लोकतांत्रिक मानदण्डों और प्रक्रियाओं को सशक्त बनाएं: अनूप चन्द्र पाण्डेय

    सं. ईसीआई/पीएन/80/2022                                                  
    01.11.2022
     
    प्रेस नोट
     
    निर्वाचन प्रबंधन निकाय सामूहिक पहल के लिए लोकतांत्रिक मानदण्डों और प्रक्रियाओं को सशक्त बनाएं: अनूप चन्द्र पाण्डेय 
    भारत निर्वाचन आयोग ने 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' समूह के अगुआ के रूप में 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा, क्षमता' पर द्विदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न किया' 
    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने आज 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा समूह' के अगुआ के रूप में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता' विषय पर आयोजित द्विदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता की।


    समापन समारोह में अपने संबोधन में निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा कि यद्यपि लोकतंत्र के लिए निर्वाचन सर्वप्रमुख पहलू होता है, फिर भी निर्वाचन प्रबंधन निकायों द्वारा निर्वाचनों के संचालन की प्रक्रियात्मक दक्षता की गुणवत्ता, तदनन्तर चुनौतियों का निराकरण करने और स्वतंत्रता बनाए रखने में उनकी प्रभावकारिता पर निर्भर करती है। उन्होंने सभी निर्वाचन प्रबंधन निकायों से आह्वान किया कि वे लोकतांत्रिक मानदण्डों और प्रक्रियाओं को सशक्त बनाएं तथा सामूहिक पहल के लिए सभी प्रासंगिक मंचों का उपयोग करें। 
    निर्वाचन आयुक्त श्री पाण्डेय ने विश्व स्तर पर निर्वाचन प्रबंधन निकायों के सामने पेश आ रही उभरती चुनौतियों जैसे कि ध्रुवीकरण, लोकलुभावनवाद, मतदाता उदासीनता पर प्रकाश डालते हुए, इन चुनौतियों का निराकरण करने लिए सुव्यवस्थित तरीके से परस्पर सहयोग, निरंतर जुड़े रहने और नियमित आधार पर जानकारी साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्वाचक नामावली प्रबंधन, मतदान प्रबंधन, निर्वाचन प्रौद्योगिकी, दुष्प्रचार पर नियंत्रण, फर्जी खबर, साइबर सुरक्षा और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचनों के संचालन में सभी संबंधित पहलुओं पर वैश्विक मानक तथा मानक प्रचालन प्रक्रियाएं नियत करने की आवश्यकता है।

    श्री पाण्डेय ने कहा कि अधिक से अधिक लोकतांत्रिक देशों को इस तरह से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए कि वे चुनावी लोकतंत्र को सुदृढ़ करने की प्रक्रिया से जुड़ सकें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्षमता निर्माण के लिए जरूरतमंद निर्वाचन प्रबंधन निकायों को अधिक कारगर सहायता प्रदान करने के लिए भागीदार संगठनों की भूमिकाओं को पुनर्निर्धारित किए जाने की आवश्यकता है। 
    पिछले दो दिनों के दौरान, तीन सत्रों में विस्तृत विचार-विमर्श किए गए। 
    'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' सुनिश्चित करने में निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका और इसकी रूपरेखा के संबंध में "निर्वाचन प्रबंधन निकायों के सामने पेश आ रही मौजूदा चुनौतियां" विषय पर आयोजित पहले सत्र की अध्यक्षता मॉरीशस के चुनाव आयुक्त द्वारा की गई। इस सत्र में मैक्सिको, चिली, नेपाल और ग्रीस के चुनाव प्राधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिया। अध्यक्ष ने इन ईएमबी और चुनावी प्राधिकरणों द्वारा स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव के लिए की गई पहल की सराहना करते हुए सत्र का समापन यह कहते हुए किया कि एक दूसरे की अच्छी परिपाटियों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

    'भावी चुनौतियों' पर दूसरे सत्र की सह-अध्यक्षता महासचिव, इंटरनेशनल आइडिया और निर्वाचन तथा राजनीतिक दल विभाग, निर्वाचन निदेशालय, आंतरिक मंत्रालय, हेलेनिक गणराज्य, ग्रीस के अध्यक्ष ने की। सत्र में ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग और सीओएमईएलईसी, फिलीपींस के प्रतिनिधियों ने  प्रस्तुतीकरण दिया। सत्र में यह उल्लेख किया गया कि चुनावी प्राधिकरणों को डिजिटल प्रौद्योगिकियों की उभरती चुनौतियों का सामना करने में और सबसे अव्वल निर्वाचन प्रबंधन निकायों को अपने सर्वप्रमुख प्रकार्यों के सुचारू प्रबंधन में चुस्ती-फुर्ती लाने की जरूरत है।

    'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की क्षमता' विषय पर तीसरे सत्र की अध्यक्षता आईएफईएस के अध्यक्ष और सीईओ द्वारा की गई। इस सत्र में आईएफईएस के कंट्री डायरेक्टर (श्रीलंका और बांग्लादेश), यूएनडीपी के प्रतिनिधि और निर्वाचक नामावली और परिणाम विभाग, चुनाव निदेशालय, आंतरिक मंत्रालय, हेलेनिक गणराज्य, ग्रीस के अध्यक्ष द्वारा भी प्रस्तुतीकरण दिया गया।

    आईएफईएस के अध्यक्ष और सीईओ ने खूबियों और खामियों पर कार्रवाई करने और चुनावी सत्यनिष्ठा को महफ़ूज रखने के लिए एक दूसरे से सीखने के लिए अपेक्षित नए प्रतिमानों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रबंधन निकायों पर जानबूझकर हमले, गलत सूचना, दुष्प्रचार सहित खतरों की पहचान करने की आवश्यकता है, क्योंकि सामाजिक सामंजस्य को प्रभावित करने वाली नई प्रौद्योगिकियों के साथ बहुत कुछ बदल गया है। वक्ताओं ने कहा कि चुनावी सत्यनिष्ठा के संरक्षक होने के नाते निर्वाचन प्रबंधन निकायों को प्रक्रियाओं के कुशल संचालन मात्र से परे जाकर अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करने और इस तरह निर्वाचन प्रबंधन निकायों की क्षमता, प्राधिकार, जवाबदेही और स्वतंत्रता को तदनुसार पुनर्निर्धारित किए जाने की आवश्यकता है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 01 November 2022

  20. भारत निर्वाचन आयोग ने दुनिया भर के निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के साथ 'चुनावी सत्यनिष्ठा समूह' का नेतृत्व किया; मॉरीशस, ग्रीस और आईएफईएस आयोग के साथ इसके सह-अध्यक्ष के रूप में शामिल हुए 

    सं. ईसीआई/पीएन/79/2022                                                  
    31.10.2022
     
    प्रेस नोट
    भारत निर्वाचन आयोग ने दुनिया भर के निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के साथ 'चुनावी सत्यनिष्ठा समूह' का नेतृत्व किया; मॉरीशस, ग्रीस और आईएफईएस आयोग के साथ इसके सह-अध्यक्ष के रूप में शामिल हुए 
    लोगों की सामूहिक इच्छा की अभिव्यक्ति को सही मायनों में प्रतिबिंबित करने वाला समावेशी निर्वाचन, लोकतंत्र की कसौटी है: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने सोशल मीडिया की चुनौतियों और कार्यरत निर्वाचन प्रबंधन निकायों के साथ विचार-विनियम पर जोर दिया 
    निर्वाचन प्रबंधन निकाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से यह अपेक्षा करते हैं कि वे अपनी 'कलन शक्ति' (पॉवर ऑफ अल्गोरिथम) का उपयोग करें, फर्जी खबरों के बारे में अत्यन्त तत्परतापूर्वक सचेत करने को कहा: मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री कुमार 
    भारत निर्वाचन आयोग ने विश्व के लोकतंत्रिक देशों को निर्वाचन प्रबंधन में अपनी सुविज्ञता से अवगत कराने की पेशकश की। 
    कोविड महामारी जैसे उथल-पुथल भरे समय के दौरान भी चुनाव न करवाना लोकतांत्रिक देशों के लिए कोई विकल्प नहीं है: मुख्य निर्वाचन आयुक्त 
    भारत का निर्वाचन आयोग, निर्वाचन प्रक्रियाओं की निगरानी करने वाले एक अच्छी तरह से संचालित निर्वाचन प्रबंधन निकाय का एक प्रमाण है: प्रभारी राजदूत, संयुक्त राज्य अमेरिका 
    भारत निर्वाचन आयोग ने लोकतंत्र शिखर सम्मेलन पर अनुवर्ती कार्रवाई करते हुए 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता' पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की"
     
    भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय के साथ आज 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता' विषय पर द्वि दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग के नेतृत्व वाले निर्वाचन सत्यनिष्ठा समूह, जिसे दिसंबर, 2021 में आयोजित 'लोकतंत्र शिखर सम्मेलन' पर अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में स्थापित किया गया था, के अंतर्गत नई दिल्ली में किया गया।

    उद्घाटन समारोह में अपने मुख्य भाषण में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुगम और प्रलोभन मुक्त निर्वाचन के लोकतांत्रिक राज-व्यवस्था की आधारशिला होने के नाते यह शांतिपरक और विकासमान प्रतिफलों की एक पूर्व-शर्त है। ये आधारभूत संकल्पनाएं इस समझ को अभिव्यक्त करती हैं कि संप्रभुता पर देश के लोगों का हक है और यह (संप्रभुता) उनसे निःसृत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि समावेशन का अर्थ असमानताओं को, विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यागंजनों, वरिष्ठ नागरिकों, युवा मतदाताओं और हाशिए पर धकेल दी गई आबादी समायोजित करना भी है।

    उद्घाटन समारोह में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार का संबोधन। यहां देखें: https://youtu.be/YF5niqARHso 
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने भारत में लोकतंत्र के विचार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकतंत्र हमेशा से भारतीय लोकाचार का एक हिस्सा, जीवन पद्धति रही है। भांति-भांति के अभिमत, संवाद, चर्चा, दूसरे के विचारों को जगह देना, द्वेषभाव का न होना हमारी संस्कृति के अंतर्भूत अंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचनों के परिणामों में लोगों का भरोसा एक स्वस्थ लोकतंत्र का सबसे बुनियादी सिद्धांत है। 
    सम्मेलन के थीम के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता', ‘निर्वाचन सत्यनिष्ठा’ के लिए प्रमुख निर्मिति संरचना है क्योंकि यह किसी भी निर्वाचकीय लोकतंत्र की अधोसंरचनात्मक और कार्यात्मक दोनों पहलुओं को कवर करती हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने शिखर सम्मेलन की प्रतिबद्धताओं को साकार रूप देकर आगे बढ़ाने के लिए विश्व के लोकतांत्रिक देशों को निर्वाचन प्रबंधन में भारत निर्वाचन आयोग की सुविज्ञता की पेशकश की। 
    आज के संदर्भ में निर्वाचन प्रबंधन निकायों के सामने आ रही कठिन चुनौतियों पर बोलते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के साथ मिलकर काम कर रहे निर्वाचन प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के बीच परस्पर विचार-विनिमय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यह स्व-घोषणा अवश्य करते हैं कि उनके यहां विषय-वस्तु प्रदर्शन नीतियां हैं, लेकिन उनके यहां "कलन शक्ति" भी काम करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि "निर्वाचन प्रबंधन निकायों की सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से यह अपेक्षा अनुचित नहीं है कि जानी-पहचानी कार्यप्रणाली और तौर-तरीकों के आधार पर फर्जी खबरों को और अधिक जल्दी तथा तह तक जाकर उजागर किया जाए। श्री कुमार ने यह भी कहा कि फर्जी खबरों को रोकने के लिए इस तरह के अग्र-सक्रिय दृष्टिकोण से निर्वाचन परिणामों में भरोसा उत्पन्न होगा जो उस 'स्वतंत्रता' को बनाए रखने में सहायक होगा जिसकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को फलने-फूलने के लिए दरकार है। 
    श्री राजीव कुमार ने कहा कि यह समूह एक-दूसरे से सीखने के लिए सही मंच है जैसा कि हमने कोविड महामारी के दौरान किया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी जैसे उथल-पुथल भरे समय के दौरान मताधिकार से अस्थायी रूप से भी वंचित रखना, लोकतांत्रिक देशों के लिए एक विकल्प नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समूह प्रासंगिक चुनौतियों और अवसरों पर सहयोग करने के लिए कई और संवाद-कार्यक्रमों और सांस्थानिक तंत्रों की नींव रखेगा। 
    सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सुश्री एलिजाबेथ जोन्स, प्रभारी राजदूत, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि भारत के साथ संबंध सबसे अधिक परिणाममूलक है। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और दुनिया भर में शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए सहयोग करने हेतु यह साझेदारी मजबूत होती जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका और भारत दोनों ने लोकतांत्रिक संस्थानों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने चुनौतियों की जांच-परख करते समय लोकतांत्रिक सिद्धांतों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा "भारत का निर्वाचन आयोग, निर्वाचन प्रक्रियाओं की निगरानी करने वाले  सुव्यवस्थित निर्वाचन प्रबंधन निकाय का एक प्रमाण है। संयुक्त राज्य अमेरिका आपके नेतृत्व और अन्य लोकतंत्रों के साथ अपनी सुविज्ञता साझा करने को लेकर कृतज्ञता व्यक्त करता है। भारतीय चुनावों के संचालन ने दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए मानक निर्धारित किए हैं।” उन्होंने सूचना परिवेश में हेर-फेर करने, महिलाओं और उपेक्षित समुदायों की भागीदारी में उत्पन्न बाधाओं, लोगों में संकीर्णता बढ़ने और निर्वाचन सत्यनिष्ठा को क्षीण करने वाले तंत्रगत भ्रष्टाचार सहित निर्वाचनों के संचालन में आ रही विभिन्न उभरती चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।

    आईआईआईडीईएम के महानिदेशक और वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री धर्मेंद्र शर्मा ने द्विदिवसीय सम्मेलन में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। श्री मो. इरफ़ान अब्दुल रहमान, मॉरीशस के चुनाव आयुक्त, सुश्री एग्गेलिकी बरौता, अध्यक्ष निर्वाचन और राजनीतिक दल विभाग, गृह मंत्रालय, ग्रीस, श्री एंथनी बानबरी, अध्यक्ष और सीईओ, इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स, श्री केविन कैसास- ज़मोरा, महासचिव, अंतर्राष्ट्रीय आइडिया, आर्मेनिया, मॉरीशस, नेपाल, काबो वर्डे, ऑस्ट्रेलिया, चिली, माइक्रोनेशिया संघीय राज्य, ग्रीस, फिलीपींस, कोस्टा रिका, घाना, जमैका, अल्बानिया, नेपाल, ग्रीस, मोंटेनोग्रो, स्पेन सहित यूएनडीपी और ईएमबी के प्रतिनिधि, महामहिम, राजदूत/उच्चायुक्त और राजनयिक कोर के अन्य सदस्य, भारत निर्वाचन आयोग और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारीगण इस द्विदिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। 
    इस अवसर पर 'मतदाता शिक्षा और जागरूकता के लिए सहयोग और भागीदारी' थीम पर भारत निर्वाचन आयोग की पत्रिका "वॉयस इंटरनेशनल", जिसमें निर्वाचन प्रबंधन निकायों की सर्वश्रेष्ठ पहल प्रदर्शित की गई हैं, के नवीनतम संस्करण का अनावरण किया गया।

    अधिक ब्यौरे के लिए, आप कृपया ट्विटर थ्रेड @ECISVEEP तथा निम्नलिखित पर भी अद्यतन जानकारी प्राप्त करें:
    1. https://eci.gov.in/files/file/14519-eci-to-host-a-two-day-international-conference-on-%E2%80%98role-framework-capacity-of-embs%E2%80%99-as-the-lead-for-the-cohort-on-%E2%80%98election-integrity%E2%80%99-as-a-follow-on-to-the-summit-for-democracy%E2%80%9D/ 
    2. https://eci.gov.in/ic/democracy-cohort-2022/ 

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 31 October 2022

  21. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन की अनुवर्ती कार्रवाई स्वरूप 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' पर समूह के अगुआ के रूप में 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता विषय पर द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेज़बानी किया जाना

    स. ईसीआई/प्रेस नोट/78/2022                               
    29.10.2022
     
    पूर्वावलोकन 
    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन की अनुवर्ती कार्रवाई स्वरूप 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' पर समूह के अगुआ के रूप में 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता विषय पर द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेज़बानी किया जाना 
    1.      भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली में 'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता' विषय पर द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है। भारत निर्वाचन आयोग 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' समूह का नेतृत्वकर्ता है-जिसकी दिसम्बर, 2021 में आयोजित 'लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन' की अनुवर्ती कार्रवाईस्वरूप स्थापना की गई थी। 
    2.      इस द्विदिवसीय सम्मेलन का आयोजन 31 अक्तूबर और 1 नवंबर, 2022 को किया जाना है और इसका शुभांरभ भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार द्वारा किया जाएगा। समापन सत्र की अध्यक्षता निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय द्वारा की जाएगी। 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' समूह के प्रमुख के रूप में भारत निर्वाचन आयोग ने सहयोगात्मक रूख अख्तियार किया है और समूह का सह-प्रमुख बनने के लिए ग्रीस, मारीशस और आईएफईएस को आमंत्रित किया है। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रबंधन निकायों और विश्वभर में निर्वाचनों का संचालन कार्य देखने वाले उनके सरकारी समकक्षों के अतिरिक्त यूएनडीपी और अंतरराष्ट्रीय आईडीईए को भी आमंत्रित किया है। 
    3.      अर्मीनिया, मारिशस, नेपाल, काबो वेर्डे, आस्ट्रेलिया, चिली, माइक्रोनेशिया संघीय राज्य, ग्रीस, फिलीपींस, सॉव टॉम एंड प्रिंसिप, संयुक्त राज्य अमरीका और तीन अंतरराष्ट्रीय संगठनों अर्थात आईएफईएस, अंतरराष्ट्रीय आईडीईए और यूएनडीपी, इंडिया के लगभग 50 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। कई अन्य देश नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोगों के माध्यम से इसमें प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 
    4.      पहले दिन के पहले दो सत्रों में 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा' सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन प्रबंधन निकायों की भूमिका और रूपरेखा के संबंध में उनके सम्मुख पेश आ रही विद्यमान और भावी चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
    i)    उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा की जाएगी, जो मुख्य भाषण देंगे। इससे पहले, संयुक्त राज्य प्रभारी राजदूत भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
    ii)  निर्वाचन प्रबंधन निकायों के सम्मुख पेश आ रही 'विद्यमान चुनौतियां' विषय पर पहले सत्र की सह-अध्यक्षता मारीशस और नेपाल के निर्वाचन आयुक्त द्वारा की जाएगी। इस सत्र में मैक्सिको, चिली, नेपाल और ग्रीस के निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा।
    iii)   'भावी चुनौतियां' विषय पर दूसरे सत्र की सह-अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय आईडीईए के महासचिव और निर्वाचन और राजनैतिक दल विभाग, निर्वाचन निदेशालय, आंतरिक मंत्रालय, हेलेनिक गणराज्य, ग्रीस के प्रमुख द्वारा की जाएगी। सत्र में आस्ट्रेलियाई निर्वाचन आयोग और सीओएमईएलईसी (कॉमलेक), फिलीपींस के प्रतिनिधियों द्वारा भी प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा।
    iv)   'निर्वाचन प्रबंधन निकायों की क्षमता' विषय पर दूसरे दिन के सत्र की अध्यक्षता आईएफईएस के अध्यक्ष और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) द्वारा की जाएगी। इस सत्र में आईएफईएस देशों के निदेशक (श्रीलंका और बांग्लादेश), यूएनडीपी के प्रतिनिधि और निर्वाचक नामावली और परिणाम विभाग, निर्वाचन निदेशालय, आंतरिक मंत्रालय, हेलेनिक गणराज्य, ग्रीस के प्रमुख भी प्रस्तुतीकरण देंगे।
    v)  1 नवंबर, 2022 को सम्मेलन के समापन सत्र, जिसमें प्रस्तुत की जा रही कार्यवाहियों का सार भी होगा, की अध्यक्षता निर्वाचन आयुक्त, श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय द्वारा की जाएगी और वे सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे।
    vi)   एक विशेष आभासी (वर्चुअल) सत्र 1 नवंबर, 2022 को अपराह्न 6.00 बजे उन हितधारकों के लिए आयोजित किया जाएगा जो अपने प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में नहीं भेज सके थे। इसमें अन्य प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ यूएसए, यूएसएड भाग लेंगे। 
    5.      निर्वाचन सत्यनिष्ठा समूह की सिफारिशों की पुष्टि करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग 'प्रौद्योगिकी' और 'समावेशी निर्वाचन'-जो दोनों विश्वभर में निर्वाचन सत्यनिष्ठा की महत्वपूर्ण आधारशिला हैं, विषयवस्तु को शामिल करने के लिए सम्मेलन का भी आयोजन करेगा। 
    पृष्ठभूमिः 
    6.      'लोकतंत्र का शिखर संम्मेलन', संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति की पहल थी और इसकी मेज़बानी दिसंबर, 2021 में की गई थी। भारत के प्रधान मंत्री ने 9 दिसंबर, 2021 को नेताओं के पूर्ण अधिवेशन में भाषण दिया था। इस शिखर सम्मेलन के बाद, लोकतंत्र से संबंधित विषयों पर कार्यक्रमों एवं संवादों सहित एक "कार्रवाई वर्ष" का प्रस्ताव किया गया और तत्पश्चात् 'लोकतंत्र के लिए नेताओं' का शिखर सम्मेलन' आयोजित करने का भी प्रस्ताव किया गया। शिखर सम्मेलन में कार्रवाई वर्ष में भागीदारी को सुगम बनाने के लिए दो मंच नामतः 'केंद्रीय समूह' और 'लोकतंत्र समूह' भी बनाए गए हैं। 
     'लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन' कार्रवाई वर्ष के भाग के रूप में भारत निर्वाचन आयोग के माध्यम से भारत 'निर्वाचन सत्यनिष्ठा पर लोकतांत्रिक समूह' की अगुवाई कर रहा है ताकि विश्व के अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ इसकी जानकरी, तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव साझा किए जा सकें। इसके अगुआ के रूप में भारत निर्वाचन आयोग ने विश्व भर के निर्वाचन प्रबंधन निकायों को प्रशिक्षण प्रदान करने और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने तथा अन्य निर्वाचन प्रबंधन निकायों की आवश्यकताओं के अनुसार तकनीकी परामर्श उपलब्ध करवाने का भी प्रस्ताव दिया है।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Saturday 29 October 2022

  22. General Election to the Legislative Assembly of Himachal Pradesh, 2022-Allotment of Broadcast/ Telecast time to National/State Political Parties-reg.

    PRESS NOTE
    General Election to the Legislative Assembly of Himachal Pradesh, 2022-Allotment of Broadcast/ Telecast time to National/State Political Parties-reg.

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 18 October 2022

  23. हिमाचल प्रदेश विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2022-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।

    सं. ईसीआई/पीएन/76/2022                                 
    दिनांकः 17.10.2022
     
    प्रेस नोट
    विषयः हिमाचल प्रदेश विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2022-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज।
    हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2022 आयोजित करवाने के लिए 03.11.2022 को कार्यक्रम की घोषणा की गई है। राज्य में मतदान नीचे दिए गए कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किए जाने हैं:
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
    चरण और मतदान की तारीख
    हिमाचल प्रदेश
    एकल चरण- 12/11/2022
          इस संबंध में, सारी मीडिया का ध्यान लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ, टेलीविजन या समरूप साधन के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे पुन:प्रस्तुत किए गए हैं:
     (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का निषेध-
    (1)    कोई भी व्‍यक्ति-
    (क)   ..............................
    (ख)  चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरण के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे;
    (ग)   ...................................................................
    मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान किसी भी मतदान क्षेत्र में।
    (2) कोई भी व्‍यक्ति जो उप-धारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करता है, वह दो वर्ष तक कारावास, या जुर्माने या दोनों से दंडनीय होगा।
    (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद का तात्पर्य ऐसी किसी बात से है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित है।
    2.     निर्वाचनों के दौरान, कभी-कभी टीवी चैनलों द्वारा उनके पैनल चर्चाओं/वाद-विवाद तथा अन्‍य  समाचारों और करंट अफेयर्स के कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त  धारा 126 के उपबंधों के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। आयोग ने विगत में यह स्पष्‍ट किया है कि उक्‍त  धारा 126, किसी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ, टेलीविजन या समरूप साधनों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन को प्रतिबंधित करती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’  को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या निरूपित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय है।
    3.     आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/ब्रॉडकास्ट/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय-वस्तु में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों के अभिमत/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की निर्वाचन संभावनाओं को आगे बढ़ाने उस पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की संभावना हो। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपिनियन पोल तथा सामान्य वाद-विवाद, विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड-बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा।
    4.     इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि किसी राज्य में पहले चरण में मतदान प्रारंभ होने से लेकर तथा अंतिम चरण में मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है।
    5.   धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफएम चैनल/इंटरनेट वेबसाइट/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी ब्रॉडकास्ट/प्रसारण संबंधी कार्यक्रमों (एग्जिट पोल के अलावा) जो शालीनता, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने आदि के संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, के संचालन हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला/स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनैतिक विषय-वस्तु पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजीटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 और भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश संख्या-491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्तूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। राजनैतिक विज्ञापनों के संबंध में, आयोग के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I, दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व-प्रमाणन किया जाना आवश्यक है।
    6.  निर्वाचन के दौरान अनुपालन हेतु प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा दिनांक 30.7.2010 को जारी दिशानिर्देशों और पत्रकारिता आचरण मानदंड-2020 की ओर भी सभी प्रिंट मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-I)
    7.  एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-II)
    8.     इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया मंचों के लिए “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” भी तैयार की है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता हिमाचल प्रदेश विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 में भी लागू होती है। इस संबंध में सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “स्वैच्छिक आचारनीति संहिता” की ओर आकर्षित किया जाता है। (अनुलग्नक-III)
    9. सूचना और प्रौद्योगिकी (मध्यवर्तियों के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार (नीति संहिता) नियम, 2021 जहां कहीं भी लागू होता हो, अनुपालन हेतु ध्यान में रखा जाए। आईटी (मध्यवर्तियों के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचारनीति संहिता) नियम, 2021 जहां कहीं भी लागू हो, के अनुपालन हेतु ध्यान आकृष्ट किया जाता है।
    उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Tuesday 18 October 2022

  24. हिमाचल प्रदेश विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2022 – तत्संबंधी।

    हिमाचल प्रदेश विधान सभा के साधारण निर्वाचनों की अनुसूची
     
    मतदान कार्यक्रम
    एकल चरण
    (सभी 68 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र)
    अधिसूचना जारी करने की तिथि
    17 अक्तूबर, 2022
    (सोमवार)
    नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख
    25 अक्तूबर, 2022
    (मंगलवार)
    नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख
    27 अक्तूबर, 2022
    (गुरूवार)
    अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख
    29 अक्तूबर, 2022
    (शनिवार)
    मतदान की तारीख
    12 नवंबर, 2022
    (शनिवार)
    मतगणना की तारीख
    8 दिसंबर, 2022
    (गुरूवार)
    मतदान संपन्न होने की तारीख
    10 दिसंबर, 2022
    (शनिवार)
     

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    फ़ाइल सबमिट की गई Friday 14 October 2022

  25. भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए आकाशवाणी के सहयोग से रेडियो श्रृंखला – 'मतदाता जंक्शन' का शुभारंभ किया

    सं. ईसीआई/पीएन/74/2022                                         
    03.10.2022
     
    प्रेस नोट 
    भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता जागरूकता के लिए आकाशवाणी के सहयोग से रेडियो श्रृंखला – 'मतदाता जंक्शन' का शुभारंभ किया 
    विविध भारती प्रसारण केन्द्रों, एफएम रेनबो, एफएम गोल्ड और आकाशवाणी के मुख्य चैनलों पर प्रत्येक शुक्रवार को 15-15 मिनट के 52 एपिसोड प्रसारित किए जाने हैं 
    आकाशवाणी के 230 चैनलों पर 23 भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित किए जाने हैं 
    अभिनेता एवं स्टेट आइकन श्री पंकज त्रिपाठी ने मतदाता जंक्शन के शुभारंभ में हिस्सा लिया – भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें अपना राष्ट्रीय आइकन घोषित किया 
    मतदाता जंक्शन का पहला एपिसोड 7 अक्तूबर, 2022 को प्रसारित किया जाना है
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ आज आकाशवाणी रंग भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वर्षभर चलने वाले मतदाता जागरूकता कार्यक्रम – 'मतदाता जंक्शन' का शुभारंभ किया। 'मतदाता जंक्शन' आकाशवाणी के सहयोग से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्मित 52 एपिसोड की एक रेडियो श्रृंखला है। इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारीगण, प्रसार भारती के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, आकाशवाणी समाचार के महानिदेशक और भारत निर्वाचन आयोग के आइकन एवं अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी भी उपस्थित थे।

    मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आकाशवाणी के सहयोग से निर्मित यह कार्यक्रम ‘मतदाता जंक्शन’ देशभर के मतदाताओं से जुड़ने के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म होगा। सूचना और मनोरंजन के संयोजन के रूप में यह कार्यक्रम विशेष रूप से शहरी (मतदाताओं की) उदासीनता को दूर करने में मदद करेगा और यह कार्यक्रम स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, प्रलोभनमुक्त, सुगम्य और सहभागी निर्वाचनों के आयोजन के लिए संवादात्मक संचार प्रारूप में श्रोताओं को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जागरूक करेगा।
    अभिनेता और भारत निर्वाचन आयोग के स्टेट आइकन श्री पंकज त्रिपाठी को मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने में भारत निर्वाचन आयोग के साथ उनकी भागीदारी के लिए बधाई देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने लोगों को प्रेरित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उनके द्वारा देशभर में की गई व्यापक अपील को ध्यान में रखते हुए घोषणा की कि श्री पंकज त्रिपाठी अब से भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय आइकन रहेंगे। 

    निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने इस शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान स्मरण दिलाया कि काफी लम्बे अरसे से आकाशवाणी अपनी आकर्षक आवाज से प्रसिद्ध कथाकार के रूप में जन समुदाय का उत्साहवर्धन और लोकतांत्रिक भावना को सुदृढ़ करता रहा है। सबसे पहले साधारण निर्वाचनों से ही आकाशवाणी अपने व्यापक कवरेज और विविध श्रोताओं तक अपनी पहुंच बनाकर देशभर में नागरिकों के साथ संवाद का मुख्य माध्यम रहा है। 
    श्री पंकज त्रिपाठी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए पहली बार मतदाता बनने की अपनी यादों को ताजा किया और किस तरह उस प्रक्रिया ने उन्हें न केवल मतदान का अधिकार दिया बल्कि लोकतंत्र में सहयोगी आवाज के रूप में भी सम्मान दिया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं तक पहुंचने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने सभी युवा मतदाताओं से निवेदन किया कि वे अपने लोकतांत्रिक विकल्पों को प्रदर्शित करने के लिए निर्वाचनों में सम्पूर्ण सक्रियता से भागीदारी करके अपनी आवाज/राय सुने जाने योग्य बनाएं। 

    महानिदेशक (मीडिया) सुश्री शेफाली शरण ने अपने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम - 'मतदाता जंक्शन : हर वोटर का अपना स्टेशन' की सामान्य रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने इंगित किया कि अपनी विश्वसनीयता और साधारण जनसमुदाय तक अपनी पहुंच बनाने के लिए जाने वाली संस्थाओं के रूप में भारत निर्वाचन आयोग और आकाशवाणी दोनों प्रतिष्ठित संस्थाओं ने व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त सहभागिता की है। 
    15 मिनट का यह कार्यक्रम आकाशवाणी के नेटवर्क पर प्रत्येक शुक्रवार शाम 7-9 बजे के स्लॉट के दौरान प्रसारित किया जाएगा जिसमें 25 एफएम स्टेशन, 4 एफएम गोल्ड स्टेशन, 42 विविध भारती स्टेशन और 23 भाषाओं नामत: असमी, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू, बोडो, संथाली, मैथिली और डोंगरी में 159 प्रमुख चैनल/स्थानीय रेडियो केंद्र शामिल होंगे। 
    52 एपिसोड की इस श्रृंखला में मतदाताओं के दृष्टिकोण से निर्वाचन और इससे संबंधित प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलु शामिल रहेंगे। इसमें मतदाता पंजीकरण, जागरूक एवं नीतिपरक मतदान, मत का महत्व, समावेशी एवं सुगम निर्वाचन, आदर्श आचार संहिता, आईटी अनुप्रयोग (एप्लिकेशन), ईवीएम, निर्वाचन अधिकारियों की कहानियां, बूथ लेवल अधिकारी इत्यादि पर विषय संबंधी एपिसोड होंगे। सभी एपिसोड में पात्र नागरिक और विशेषकर युवा एवं पहली बार मत डालने वाले मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संवादात्मक संदेश शामिल रहेंगे ताकि वे निर्वाचनों के दौरान सुविज्ञ निर्णय ले सकें। यह श्रृंखला सूचनोरंजन कार्यक्रम की शैली में होगी जिसके प्रत्येक एपिसोड में भारत निर्वाचन आयोग के स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) प्रभाग द्वारा निर्मित नाटक, कथावाचन, प्रश्नोत्तरी, विशेषज्ञों के साक्षात्कार और गीतों का बहुरूपदर्शक (कैलिडोस्कोप) होगा। इस कार्यक्रम में एक नागरिक कार्नर शामिल होगा जहां कोई भी नागरिक प्रश्न पूछ सकता है अथवा निर्वाचनों को समावेशी और सहभागी बनाने के लिए सुझाव भी दे सकता है।
    इस कार्यक्रम का प्रथम एपिसोड 'मतदाता रजिस्ट्रेशन' विषय पर होगा जिसे 07 अक्तूबर, 2022 शुक्रवार को शाम 7:25 बजे प्रसारित किया जाएगा। नागरिक इस कार्यक्रम को ‘ट्विटर @airnewsalerts और @ECISVEEP, न्यूज ऑन एअर’ ऐप और भारत निर्वाचन आयोग एवं आकाशवाणी के यूट्यूब चैनलों पर भी सुन सकते हैं। इसे सुनें और भारत के गुंजायमान लोकतंत्र का हिस्सा बनें।

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    फ़ाइल सबमिट की गई Monday 03 October 2022

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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आप अपने आवेदन प्ररूप और अपनी शिकायत की वस्‍तु स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें। आवेदन के अंदर दिए गए लिंक से अपना फीडबैक देना न भूलें। 

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