इस फाइल के बारे में
सं. ईसीआई/पीएन/93/2019
दिनांक: 30 सितंबर, 2019
प्रेस नोट
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य स्तरीय निर्वाचक साक्षरता क्लब के प्रशिक्षकों हेतु पुनश्चर्या प्रशिक्षण का आयोजन किया गया
आईआईआईडीईएम कैंपस, द्वारका, नई दिल्ली में 30 सितंबर, 2019 को राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षकों और भारत निर्वाचन आयोग के स्वीप नोडल अधिकारियों के लिए निर्वाचक साक्षरता क्लब (ईएलसी) संबंधी तीसरी 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। लोक सभा निर्वाचन 2019 के उपरांत ईएलसी की प्रभावी संस्थापना और काम-काज के साथ-साथ भावी कार्यनीतियां बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार की दो कार्यशालाओं का आयोजन 23-24 और 26-27 सितंबर, 2019 को पहले ही किया जा चुका है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने ईएलसी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, जिसमें आयोग को ईएलसी संसाधनों के साथ साथ कार्यशालाओं में किए गए ईएलसी कार्यकलापों की झलकियां दिखाई गईं। तदुपरांत, कार्यशाला के विशेष सत्र को संबांधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा "अभूतपूर्व टर्नआउट प्राप्त करने के बावजूद, हमे इससे अधिक टर्नआउट के लिए प्रयासरत रहना चाहिए और प्रत्येक समुदाय के लोगों को जागरूक बनाने के लिए निरंतर और समर्पित प्रयास करने चाहिए तथा जन भागीदारी को और बढ़ाना चाहिए। प्रतिभागियों से बातचीत करते हुए उन्होने कहा कि ‘आप भारत निर्वाचन आयोग के स्वीप कार्यक्रम के मजबूत स्तंभ हैं। आपको इस विशालकाय कार्य का उत्तरदायित्व सौंपे जाने पर मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप क्षेत्र (फील्ड) में ईएलसी परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए अग्रदूत की भूमिका निभाएं और यह सुनिश्चित करें कि अमिट स्याही की ताकत सभी लोगों की नुमाइंदगी करे।" इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री उमेश सिन्हा और आईआईआईडीईएम के निदेशक श्री धर्मेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे।
ईएलसी परियोजना के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए श्री उमेश सिन्हा ने एक मजबूत आधार होने के महत्व पर जोर दिया, उन्होने बताया कि "जब तक जड़ें मजबूत न हों, पौधा नहीं उगेगा। हमारा लक्ष्य सभी पात्र मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में रजिस्टर करना है और अपने लोकतंत्र को और सुदृढ़ बनाने के लिए यह सुनिश्चित करें कि यह 100% त्रृटिरहित हो। मतदाता शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य मतदाताओं को शिक्षित करना और नीतिपरक बनाना और उनकी भागीदारी में वृद्धि करना है। उन्होंने यह भी कहा कि यहां उपस्थित सभी लोगों द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, समुदायों, संगठनों आदि में पहुंचकर ईएलसी परियोजना को एक मजबूत आंदोलन और आवेग का रूप देना अपेक्षित है। श्री सिन्हा ने भावी लक्ष्य रखते हुए बताया कि निर्वाचक साक्षरता क्लब विश्व का सबसे बड़ा निर्वाचक साक्षरता अभियान होगा और इसके माध्यम से हम ‘कोई भी मतदाता न छूटे’ का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।"
‘सुव्यस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक भागीदारी (स्वीप)’ के अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम के अंतर्गत, शैक्षिक संस्थाओं/संगठनों के माध्यम से निर्वाचक साक्षरता को मुख्यधारा में लाने की इस परियोजना को शुरू किया गया था, जिसमें प्रत्येक शैक्षिक संस्था में निर्वाचक साक्षरता क्लब स्थापित करने तथा औपचारिक शिक्षा प्रणाली से बाहर रहने वाले लोगों को कवर करने के लिए प्रत्येक बूथ पर चुनाव पाठशाला स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। 25 जनवरी, 2018 को 8वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर शुरू की गई ईएलसी परियोजना, प्रत्यक्ष अनुभवों के माध्यम से निर्वाचक भागीदारी की संस्कृति का विकास करने और इसे सुदृढ़ बनाने के अनवरत केंद्र के रूप में कार्य करेगी। अब तक पूरे देश में 5,80,620 ईएलसी स्थापित किए जा चुके हैं।
यह समूची परियोजना युवा और भावी मतदाताओं के लिए अनेक सह-पाठ्यक्रम संबंधी और पाठ्येतर संबंधी पद्धतियों के माध्यम से मतदाता शिक्षा को प्रांसगिक और व्यावहारिक बनाने के ईर्द-गिर्द घूमती है। ईएलसी और चुनाव पाठशाला कार्यकलाप प्रायोजक द्वारा एक संसाधक गाइड का उपयोग करके संचालित किए जाते हैं जिसमें प्रत्येक कार्यकलाप संचालित करने के लिए कदम दर कदम अनुदेश दिए जाते हैं। कक्षा IX से कक्षा XII, कॉलेज और समुदायों के लिए अलग अलग संसाधन पुस्तकें तैयार की गई हैं। एक वर्ष में कार्यकलापों का एक कैलेंडर भी बनाया गया है। प्रत्येक श्रेणी के लिए कुल मिलाकर लगभग 4 घंटे चलने वाले विशिष्ट शिक्षा परिणामों वाले कुल 6 से 8 कार्यकलापों का निर्धारण किया गया है।
कार्यशाला का प्रयोजन प्रतिभागियों को उत्तरवर्ती प्रशिक्षणों, जो वे जिला स्तरीय मास्टर प्रशिक्षकों के साथ आयोजित करेंगे, के लिए उनकी तैयारी सुनिश्चित करने हेतु ईएलसी कार्यकलापों की पुनश्चर्या प्रदान करना है। आयोग का प्रयास ईएलसी परियोजना को सतत बनाना है तथा दो लाख माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 27 हजार कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तथा 1 मिलियन मतदान केंद्रों में 1.5 मिलियन ईएलसी की स्थापना करने का अपना लक्ष्य प्राप्त करना है।