इस फाइल के बारे में
परिपत्र
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समेकित पारिश्रमिक पर अनुबंध आधार पर दो परामर्शदाता (हिंदी) के परिनियोजन के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। आवेदन का प्रारूप इस सूचना के साथ संलग्न है। शंसापत्रों की स्व-सत्यापित प्रतियों सहित सभी प्रकार से विधिवत पूर्ण आवेदन आयोग के पास 29 नवम्बर, 2019 तक पहुंच जाने चाहिए। इस परिनियोजन के लिए वांछित अर्हता एवं अन्य शर्तें निम्नलिखित के अनुसार हैं:-
अनिवार्य अर्हताएं:-
i) किसी मान्यता-प्राप्त विश्वविद्यालय से हिंदी/अंग्रेजी में स्नातकोत्तर उपाधि;
ii) अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद तथा हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद में पारंगत होने चाहिए।
नोट:- अभ्यर्थियों को अपने आवेदन के साथ इस आशय का प्रमाणपत्र भी देना है कि उनकी कोई राजनीतिक सम्बद्धता नहीं है।
अनुभव:-
i) किसी केंद्रीय सरकार मंत्रालय/विभाग में हिंदी अधिकारी/सहायक निदेशक (रा.भा.)/समकक्ष स्तर या किसी भी राजभाषा संवर्ग में उच्चतर पद पर कार्य किया हुआ होना चाहिए;
आयु सीमा:-
i) आवेदक की आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और आयु की गणना करने के लिए कट-ऑफ तारीख 31 अक्तूबर, 2019 होगी।
परिनियोजन की अवधि:-
परिनियोजन की अवधि प्रारंभ में एक वर्ष के लिए होगी जिसे संतोषजनक कार्य-निष्पादन पाए जाने पर सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से आगे भी बढाया जा सकता है।
वांछनीय:-
ii) आवेदक को भारत सरकार की राजभाषा नीति के प्रावधानों का पूर्ण ज्ञान और नियमों और विनियमों, मार्गनिर्देशों, प्रणालियों और कार्यान्वयन की समझ होनी चाहिए।
iii) कोई भी ऐसे अन्य राजभाषा संबंधी कार्य का निर्वहन करने में सक्षम होने चाहिए जो समय-समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा सौंपें जाएं।
iv) आयोग द्वारा परिनियोजित किए जाने वाले परामर्शदाता (हिंदी) आधिकारिक दस्तावेजों, सभी विनियमों, याचिकाओं, अदालती फैसलों, निर्वाचन संबंधी प्रकाशनों आदि के अनुवाद कार्य से संबंधित मामलों में आयोग की सहायता करेंगे।
v) आवेदन के साथ शैक्षिक योग्यता, अनुभव, आदि के समर्थन में दस्तावेज संलग्न होने चाहिए।
प्रोफेशनल शुल्क/समेकित पारिश्रमिक
परामर्शदाता को चयन समिति की अनुशंसा के अनुसार लेवल 'बी3' में पारिश्रमिक प्रति माह 50,000/- रुपए + ट्रांसपोर्ट भत्ता प्रति माह 12000/- रुपए = कुल 62000/- रुपए का भुगतान किया जाएगा।
चयन प्रक्रिया
आयोग पात्र उम्मीदवारों के चयन के लिए अनुवाद एवं पुनरीक्षा (Vetting) परीक्षा का आयोजन करेगा। यदि उम्मीदवारों की संख्या बहुत अधिक होगी तो आयोग उनकी संख्या में काट-छांट करने और उनकी एक लघुकृत सूची बनाने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता है।