इस फाइल के बारे में
सं.:ईसीआई/प्रे.नो./101/2019
दिनांक: 28 अक्टूबर, 2019
प्रेस नोट
विषय: अनिवार्य सेवाओं के अनुपस्थित मतदाताओं, 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और चिह्नित दिव्यांग निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र सुविधाएं।
भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष बल देता रहा है कि दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों जैसे निर्वाचकों को निर्वाचन प्रक्रिया में उनकी व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए हर तरह से सुविधा दी जाए। निर्वाचन प्रक्रिया के लिए आयोग द्वारा विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की तैयारी की समीक्षा हेतु कार्यसूची में एक प्रमुख मद इसी प्रकार की अन्य श्रेणियों के अलावा इन श्रेणियों को सुविधाएं देना है। इस विषय के दो पहलू हैं, नामत:, अपेक्षित अवसरंचना का सृजन करना और इस प्रक्रिया को सुकर बनाने के लिए उपयुक्त विधिक ढांचा तैयार करना। अपनी दिव्यांगता के दरजे के कारण मतदान केंद्रों तक आने में अक्षम नागरिकों तथा अनिवार्य सेवाओं अर्थात रेलवे, राज्य परिवहन तथा उड्डयन आदि की प्रदानगी में विभिन्न पदों पर अपने कर्तव्य निर्वह्न के कारण छूट जाने वाले नागरिकों की आवश्यकताओं का अध्ययन करने के बाद आयोग ने विधिक पहलू की दृष्टि से दिनांक 02 सितम्बर, 2019 और 22 अक्टूबर, 2019 को संघ सरकार (विधि और न्याय मंत्रालय) के समक्ष सिफारिश की, तद्नुसार, केंद्रीय सरकार ने नियमों में संशोधन किया।
इन संशोधनों की मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार है:-
(1) ‘अनुपस्थित मतदाता’ की अवधारणा की शुरूआत की गई है और इसे निर्वाचनों के लिए परिभाषित किया गया है;
(2) ‘अनुपस्थित मतदाता’ का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो अधिनियम की धारा 60 के खंड (ग) के अधीन यथा-अधिसूचित व्यक्तियों की श्रेणी से संबंध रखता हो और जो उक्त अधिसूचना में यथा उल्लिखित अनिवार्य सेवाओं में तैनात हो और इसमें वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांगजनों की श्रेणी से संबंध रखने वाले निर्वाचक भी शामिल हैं[नियम 27 अ(कक)];
(3) ‘दिव्यांगजन’ का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो निर्वाचक नामावली हेतु डाटाबेस में दिव्यांगजन के रूप में चिह्नित हो;
(4) इस भाग के प्रयोजनार्थ ‘वरिष्ठ नागरिक’ का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो 80 वर्ष से अधिक आयु का हो और अनुपस्थित मतदाता की श्रेणी से संबंध रखता हो;
(5) अनुपस्थित मतदाता के मामले में आवेदन फॉर्म-12 डी में दिया जाएगा और उसमें यथा विनिर्दिष्ट ब्योरे होंगे और वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांगजन के अलावा अनुपस्थित मतदाता हेतु नोडल अधिकारी द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित किया जाएगा, जो निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के उपरांत पांच दिनों के अंदर रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंच जाएगा।
(6) अनुपस्थित मतदाता के मामले में,निर्वाचन आयोग द्वारा इस दिशा में यथानिर्गत किसी भी दिशानिदेश के अध्यधीन नियम 27 एफ के उप-नियम (3) के अंतर्गत मतों को रिकॉर्ड करने हेतु मुहैय्या कराए गए डाक मतपत्र केंद्र को वापस लौटा दिए जाएंगे।
मतदाताओं की इन दो श्रेणियों – 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक और निर्वाचक नामावली में चिह्नित दिव्यांग निर्वाचकों - के पास अब यह विकल्प होगा कि वे मतदान वाले दिन अनुपस्थित मतदाता अथवा नियमित मतदाता के रूप में मतदान कर सकते हैं। यदि इन श्रेणियों से संबंध रखने वाला कोई निर्वाचक पहले मतदान करना चाहता है तो निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के संशोधित नियम 27ग के अनुसार वह नए फॉर्म-डी में आवेदन देगा, जो रिटर्निंग अधिकारी के पास निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के उपरांत पांच दिनों के अंदर पहुंच जाएगा। ऐसे आवेदन की प्राप्ति के बाद निर्वाचक को एक डाक मतपत्र जारी किया जाएगा, जिसे मत रिकॉर्ड करने के पश्चात विनिर्दिष्ट केंद्र में जमा किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना की प्राप्ति के पश्चात विस्तृत दिशा-निर्देशों और एसओपी पर काम करना शुरू कर दिया है ताकि मतदाताओं की इन चिह्नित श्रेणियों हेतु डाक मतपत्र की प्रक्रिया को तत्काल सुकर बनाया जा सके। इन दिशा-निर्देशों में ऐसे मतदाताओं की पहचान करना, जनसंपर्क का तरीका, और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में विनिर्दिष्ट केंद्रों में मतदान और संग्रहण के तरीके शामिल होंगे। आयोग अपनी स्वीप पहल के अंतर्गत निजी संपर्क सहित अनेक कदम उठा रहा है ताकि निर्वाचक इस नयी सुविधा से अवगत हो सकें और ऐसे निर्वाचक अपनी मंशानुसार अपने मत देने के अधिकार का प्रयोग कर सकें।
निर्वाचन आयोग इस बात के लिए कटिबद्ध है, कि निर्वाचकों की ऐसी सभी श्रेणियों के लिए मतदान को आसान बनाना सुनिश्चित किया जा सके। आयोग को पूरा विश्वास है कि इस नयी पहल के साथ 80 वर्ष से अधिक की आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग निर्वाचकों के पास अपने घर से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का विकल्प होगा। तथापि, ऐसे मतदाताओं के पास विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपने निर्वाचकीय अधिकार का प्रयोग करने हेतु विधिवत प्रक्रिया का अनुसरण करके डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने या मतदान वाले दिन मतदान केंद्र जाकर मतदान करने, दोनों के विकल्प हैं।