इस फाइल के बारे में
सं.: ईसीआई/प्रेनो/103/2019 दिनांक: 02 नवंबर, 2019
प्रेस नोट
आयोग द्वारा झारखंड राज्य में विधान सभा निर्वाचन, 2019 हेतु सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों की ब्रीफ्रिंग बैठक आयोजित करना।
भारत निर्वाचन आयोग ने आज झारखंड विधान सभा के आगामी निर्वाचनों हेतु तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग बैठक आयोजित की, जिसके लिए अनुसूची की घोषणा 01 नवंबर, 2019 को की गई थी। झारखंड में 30 नवंबर, 07 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर, 2019 की मतदान तारीखों को पांच चरणों में मतदान होगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और साथ ही भारतीय राजस्व सेवा तथा अन्य केंद्रीय सेवाओं से लिए गए लगभग 300 अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रुप में नियुक्त किया जा रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि निर्वाचनों के सुचारू और निष्पक्ष एवं पक्षपातरहित आयोजन के लिए प्रेक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा प्रेक्षकों को विशेष रुप से सशक्त किया गया है ताकि वे जमीनी स्थिति का आकलन कर आवश्यक निर्णय ले सकें। उन्होंने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि फील्ड ड्यूटी पर निष्कपट कार्रवाई करने वालों का आयोग हमेशा साथ देगा। श्री अरोड़ा ने प्रेक्षकों को निदेश दिया कि उन्हें फील्ड में दृश्यमान, सुलभ और उपलब्ध होना चाहिए और विशेष रुप से यह निदेश दिया कि प्रेक्षकों का लोगों के साथ व्यवहार समानुभूतिपूर्वक होना चाहिए और उन्हें सभी स्टेकहोल्डरों को सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जल्द ही ईसीआई की टीम राज्य का दौरा करेगी और की जा रही कार्रवाई का आकलन करने के लिए आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेक्षकों के साथ समीक्षा बैठकें भी करेगा।
निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने सभा को संबोधित करते हुए अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया कि प्रेक्षक के रुप में उन्हें भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सांविधिक ड्यूटी का निर्वहन करना होता है। उन्होंने कहा कि हालांकि झारखंड में प्रेक्षक की ड्यूटी करने की अपनी तरह की कुछ विशिष्ट चुनौतियां होंगी, तथापि इसमें प्रतिनियुक्त अधिकारियों को अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन में तटस्थ और निष्पक्ष रहना चाहिए और ''जमीनी स्तर पर उन्हें आयोग का वास्तविक चेहरा होना चाहिए।'' चूंकि पूरा स्थानीय तंत्र, प्रेक्षकों को मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रुप में देखता है अत: प्रेक्षक को जागरुक होना चाहिए तथा सभी स्टेकहोल्डरों के लिए उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों को आयोग के नियमों और मानक प्रचालन प्रक्रियाओं यथा मतदान बूथों पर सुविधाओं का कड़ाईपूर्वक अनुपालन, संवेदनशीलता संबंधी मानचित्रण अथवा गैर-जमानती वारंट का अनुपालन, लाइसेंसी हथियारों को जमा करवाने एवं व्यय प्रबंधन मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
आज आधे दिन तक चलने वाले ब्रीफ्रिंग सत्र में महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग, श्री उमेश सिन्हा द्वारा निर्वाचन योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप के पहलुओं के संबंध में व्यापक ब्रीफिंग; वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री संदीप सक्सेना द्वारा निर्वाचक नामावली मामलों और आई टी एप्लीकेशनों; उप निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन द्वारा ईवीएम वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली; उप निर्वाचन आयुक्त श्री चन्द्र भूषण कुमार द्वारा विधिक मामलों के संबंध में सत्र आयोजित किए गए। झारखंड राज्य का प्रभारी होने के कारण श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्त ने भी राज्य तंत्र द्वारा निर्वाचनों की तैयारियों के संबंध में प्रेक्षकों को ब्रीफ किया। महानिदेशक(व्यय), श्री दिलीप शर्मा ने व्यय प्रबंधन संबंधी मामलों का संक्षिप्त विवरण दिया और महानिदेशक (संचार), श्री धीरेन्द्र ओझा ने अधिकारियों को पेड न्यूज, मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों तथा सोशल मीडिया के संबंध में ब्रीफ किया।
प्रेक्षकों को यह विशेष रुप से इंगित किया गया कि निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 में विधि मंत्रालय द्वारा हाल ही के संशोधनों के पश्चात भारत निर्वाचन आयोग पहली बार अस्सी वर्ष के वृद्धजनों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा आरंभ करेगा। ऐसे अभिज्ञात मतदाता यदि इस विकल्प का प्रयोग करना चाहें, तो उनके पास डाक मतपत्र के माध्यम से मत करने का विकल्प होगा। अन्यथा वे मतदान केंद्र में जाकर भी मतदान कर सकते हैं। आई टी एप्लीकेशन यथा एनेबलिंग कॉम्युनिकेशन इन रियल टाइम एनवायरमेंट(ENCORE), जो अभ्यर्थी का नाम-निर्देशन, शपथपत्रों को अपलोड करना, प्रतीक चिन्ह विनिर्दिष्ट करना, अभ्यर्थियों के नाम-निर्देशन की संवीक्षा करना, अभ्यर्थियों के अनुमोदन की संवीक्षा करना, मतों की गणना और परिणाम घोषित करना इत्यादि जैसे, विभिन्न पहलुओं के संपूर्ण प्रबंधन हेतु निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रयुक्त किए जाने हेतु एक एकीकृत पोर्टल है, का प्रभावी और तीव्र कार्यशीलता के लिए प्रयोग किया जाएगा। पंक्ति-रहित मतदान प्रणाली, फोटो मतदाता पर्ची की क्यू आर कोड रीडिंग इत्यादि को सुविधाजनक बनाने हेतु अन्य ऐप्स भी स्वतंत्र, शांतिपूर्ण, समावेशी, सुगम्य, नैतिक और सहभागितापूर्ण निर्वाचनों हेतु प्रयोग में लाए जाएंगे।