इस फाइल के बारे में
सं. ईसीआई/प्रेनो/107/2019
दिनांकः 11 नवम्बर,2019
प्रेस नोट
श्री टी.एन शेषन, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त के निधन पर आयोग द्वारा शोक प्रकट करना
श्री शेषन राष्ट्र के लिए सदैव एक आदर्श रहेंगेः श्री सुनील अरोड़ा, मुख्य निर्वाचन आयुक्त
भारत निर्वाचन आयोग ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री टी एन शेषन के कल देर रात्रि चेन्नई में निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। श्री शेषन के सम्मान में आज निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में पूर्वाह्न 11:15 बजे एक शोक सभा आयोजित की गई। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त को आयोग की तरफ से अंतिम सम्मान देने के लिए श्री सुदीप जैन, उप निर्वाचन आयुक्त चेन्नई पहुंच रहे हैं।
आयोग द्वारा श्री टी.एन-शेषन के निधन पर शोक संदेश निम्नलिखित अनुसार हैः
शोक संदेश
(स्वर्गीय) श्री टी.एन. शेषन, भारत के 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त
भारत निर्वाचन आयोग ने अपने 10वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री तिरूनेल्लई नारायण अय्यर शेषन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । श्री टी.एन. शेषन भारतीय प्रशासनिक सेवा के तमिलनाडु संवर्ग के 1955 बैच के एक उत्कृष्ट अधिकारी थे जो 12 दिसम्बर, 1990 से 11 दिसम्बर, 1996 तक मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे। इससे पहले वे मंत्रिमंडल सचिव थे।
उन्होंने आयोग के लिए उच्च मानदण्ड स्थापित किए और वे अपने जीवनकाल में ही ख्यातिप्राप्त व्यक्ति बन गये थे। वे हमारे लिए और सभी मुख्य निर्वाचन आयुक्तों एवं भावी निर्वाचन आयुक्तों के लिए सर्वदा प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे।
श्री शेषन ने निर्वाचन प्रक्रिया के सभी सिद्धांतों को पुनः परिभाषित किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का सांवैधानिक पद धारण करते हुए उन्होंने निर्वाचकीय कुप्रथाओं पर प्रहार करते हुए आयोग का कद बढ़ाया औऱ हिंसा तथा बाहुबल पर कड़ाई से या यूँ कहिए. निष्ठरतापूर्वक कार्रवाई की, जो कि उनके कार्यभार ग्रहण करते समय चरम सीमा पर थे।
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन आयोग को प्रदान किए गए प्राधिकार और स्वायत्तता को भली पुनः लौटाया। उन्होंने केवल निर्वाचन प्रक्रिया के प्रबंधक के रूप में अनुवीक्षण से इंकार करते हुए धन, शराब, बाहुबल, बूथ कैप्चरिंग इत्यादि जैसी निर्वाचन संबंधी बुराइयों से निर्वाचनों का सक्रियता से शुद्धिकरण आरंभ किया। उन्होंने स्वयं को एक पेशेवर नौकरशाह से एक ऐसे 'भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त' के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिसने लोगों को मत की शक्ति से अवगत करवाया।
श्री शेषन एक योग्य व्यक्ति थे जो अपनी योग्यता के अनुसार सही समय पर सही जगह पर थे। वे निर्वाचकीय भ्रष्टाचार को जड़ से उखाडने वाले योद्धा का प्रतीक बन गए थे। उन्होंने इस प्रकार का वातावरण और चेतना जागृत की, जिससे नागरिकों ने ऐसा महसूस किया कि वे ही निर्वाचनों में मुख्य स्टेकहोल्डर हैं।
हालांकि अपने जीवन के आखिरी 22 वर्षों से वे सेवानिवृत जीवन व्यतीत कर रहे थे तथापि, वे अधिकांश लोगों के लिए लीविंग लीज़ैंड बन गए थे। वे आज भी युवाओं की कल्पना को उतना ही मंत्रमुग्ध कर रहे हैं जितना कि वृद्ध लोगों की। वे उत्कृष्ट सांस्कृतिक मूल्यों से परिपूर्ण थे जिसके कारण उन्होंने सम्मुख आने वाली अनेक कठिनाइयों का डट कर सामना किया।
उन्हें सदैव भारत निर्वाचन आयोग तथा राष्ट्र के लिए एक आर्दश के रूप में देखा जाएगा। श्री शेषन ने आयोग के लिए एक समृद्ध विरासत छोड़ी है और वे भारत निर्वाचन आयोग के प्रत्येक पदाधिकारी के लिए सदैव प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगें।
हम महान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।