इस फाइल के बारे में
सं.3/4/आई.डी./2019/एसडीआर/खण्ड-I
दिनांक:15 नवंबर, 2019
सेवा में
मुख्य निर्वाचन अधिकारी
झारखण्ड, रांची।
विषय: झारखण्ड की राज्य विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019-निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग का आदेश-तत्संबंधी।
महोदय,
मुझे झारखण्ड की राज्य विधान सभा के साधारण निर्वाचन में निर्वाचकों की पहचान के संबंध में आयोग के दिनांक 15 नवंबर, 2019 का आदेश इसके साथ संलग्न करने का निदेश हुआ है।
2. आयोग ने यह निदेश दिया है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी निर्वाचकों, जिन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) जारी किए गए हैं, उन्हें अपने मत देने से पहले मतदान केन्द्र में अपनी पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रस्तुत करना है। जो निर्वाचक एपिक प्रस्तुत करने में सक्षम नही होंगे उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आदेश के पैरा 7 में उल्लिखित वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। स्पष्टीकरण के दस्तावेजों की सूची नीचे पुन: प्रस्तुत है-
(i) पासपोर्ट,
(ii) ड्राइविंग लाइसेंस,
(iii) केंद्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र,
(iv) बैंक/डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक,
(v) पैन कार्ड,
(vi) एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड,
(vii) मनेरगा जॉब कार्ड,
(viii) श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
(ix) फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज,
(x) सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र
(xi) आधार कार्ड
3. एपिक के मामले में, उसमें प्रविष्टियों की मामूली विसंगतियां नजरअंदाज कर दी जानी चाहिएं बशर्ते एपिक द्वारा निर्वाचक की पहचान स्थापित की जा सके। अगर निर्वाचक कोई ऐसा निर्वाचक फोटो पहचान कार्ड प्रस्तुत करते हैं जो दूसरे विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो तो ऐसे कार्ड भी पहचान के लिए स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते उस निर्वाचक का नाम उस मतदान केन्द्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में मौजूद हो जहां निर्वाचक मतदान करने उपस्थित हुए हैं। अगर फोटोग्राफ, आदि के बेमेल होने की वजह से निर्वाचक की पहचान स्थापित करना संभव नहीं हो तो निर्वाचक को आदेश के पैरा 7 में उल्लिखित वैकल्पिक फोटो दस्तावेजों में से कोई एक पेश करना होगा।
4. पूर्व के अवसरों पर, आयोग ने फोटो मतदाता पर्ची को पहचान के लिए एक दस्तावेज के रूप में अनुमति दी थी। हालांकि, इसके दुरुपयोग के आधार पर स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में इसके उपयोग के विरूद्ध अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं क्योंकि ये नामावली को अंतिम रूप देने के पश्चात मुद्रित होती हैं और बूथ स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से मतदान के नजदीक वितरित की जाती हैं। फोटो मतदाता पर्ची के डिज़ाइन में किसी भी प्रकार का सुरक्षा लक्षण शामिल नहीं है। वास्तव में, फोटो मतदाता पर्ची को एक वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में शुरू किया गया था क्योंकि निर्वाचक फोटो पहचान पत्र का कवरेज पूरा नहीं हुआ था। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं के पास निर्वाचक फोटो पहचान पत्र हैं और 99 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने अब यह निर्णय लिया है कि इसके पश्चात से मतदान के लिए फोटो मतदाता पर्ची को स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, फोटो मतदाता पर्ची को तैयार करना जारी रखा जाएगा और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास के एक हिस्से के रूप में मतदाताओं को जारी किया जाएगा। निर्वाचकों को यह स्पष्ट करने के लिए कि मतदान के लिए फोटो मतदाता पर्ची को एक स्टैंड-अलोन पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा तथा ये शब्द “इस पर्ची को मतदान केंद्र में पहचान के उद्देश्य के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा। आपसे अपेक्षित है कि आप मतदान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र या आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक अपने साथ अवश्य लाएं” बड़े अक्षरों में फोटो मतदाता पर्ची पर मुद्रित किया जाएगा। फोटो मतदाता पर्ची का मुद्रण जारी रहेगा।
5. प्रवासी निर्वाचकों को पहचान के लिए केवल अपना मूल पासपोर्ट प्रस्तुत करना होगा।
6. यह आदेश, रिटर्निंग अधिकारियों और सभी पीठासीन अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए। इस आदेश की प्रादेशिक भाषा में अनूदित एक प्रति हर एक पीठासीन अधिकारी को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आदेश राज्य के राजपत्र में तत्काल प्रकाशित करवाया जाएगा। इस आदेश का सामान्य जनता एवं निर्वाचकों की जानकारी के लिए प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से तत्काल एवं मतदान का तारीख तक नियमित रूप से बहुत कम अन्तराल पर व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। इसमें, समाचार-पत्रों में पेड विज्ञापन शामिल होने चाहिए। आपके राज्य/संघ शासित क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को इन दिशा-निर्देशों के संबंध में लिखित में भी सूचित किया जाए।
7. रिटर्निंग अधिकारियों को अनुदेश दिए जाएंगे कि वे इस आदेश की विवक्षाएं नोट करें और विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से सभी पीठासीन अधिकारियों को उसकी विषय-वस्तु से अवगत कराएं। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस पत्र की एक प्रति निर्वाचन-क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों/बूथों में उपलब्ध हो।
8. कृपया पावती दें और की गई कार्रवाई की पुष्टि करें।
भवदीय,
ह./-
(बिनोद कुमार)
अवर सचिव