इस फाइल के बारे में
सं.437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या./एमसीसी/2020 दिनांक: 6 जनवरी, 2020
सेवा में
1. मंत्रिमंडल सचिव,
भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन,
नई दिल्ली।
2. मुख्य सचिव,
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार,
दिल्ली।
3. मुख्य निर्वाचन अधिकारीः-
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
दिल्ली।
विषय : आदर्श आचार संहिता लागू होना-दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2020- तत्संबंधी।
महोदय,
मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि निर्वाचन आयोग ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए अनुसूची की उद्घोषणा की है। (प्रेस नोट सं.ईसीआई/प्रे.नो./04/2020, दिनांक 6 जनवरी, 2020 जो आयोग की वेबसाइटwww.eci.gov.in पर उपलब्ध है)।
2. इस उद्घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और तब तक लागू रहेंगे जब तक दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा में साधारण निर्वाचन सम्पन्न न हो जाएं। इसे केन्द्र/राज्य सरकार, सभी मंत्रालयों/विभागों और केन्द्र सरकार / राज्य सरकार के सभी कार्यालयों के ध्यान में लाया जाए। आपके द्वारा जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति सूचना एवं रिकार्ड हेतु भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाए।
3. आपका ध्यान ‘सत्तासीन दल’ से संबंधित आदर्श आचार संहिता के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह कहा गया है कि सत्तासीन दल, चाहे केन्द्र में या संबंधित राज्य में यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी ऐसी शिकायत के लिए कोई कारण न दिया जाए कि उसने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिए शासकीय हैसियत का प्रयोग किया है और विशेष रूप से :-
(i) (क) मंत्री अपने शासकीय दौरे को निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य से नहीं मिलाएंगे और निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य के दौरान शासकीय क्षेत्र या कार्मिकों का उपयोग भी नहीं करेंगे;
(ख) सरकारी हवाई-जहाज, वाहनों सहित सरकारी परिवहन, तंत्र एवं कार्मिकों का उपयोग सत्तासीन दल के हित को प्रोत्साहित करने के लिए नहीं किया जाएगा;
(ii) निर्वाचन सभाओं को आयोजित करने के लिए सार्वजनिक स्थानों जैसे मैदानों आदि का उपयोग और निर्वाचनों के संबंध में एयरक्राफ्ट के लिए हैलीपैड का प्रयोग अपने द्वारा एकाधिकार रूप से नहीं किया जाएगा। अन्य दलों और अभ्यर्थियों को उन्हीं शर्तों एवं निबंधनों के आधार पर ऐसे स्थानों एवं सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी जिन बातों एवं निबंधनों पर सत्तासीन दल द्वारा उनका उपयोग किया जाता है;
(iii) जहां के लिए निर्वाचनों की घोषणा हुई है या जहां निर्वाचन हो रहे हैं, वहां के विश्राम गृह, डाक बंगला या अन्य सरकारी आवास को उपयोग करने के लिए किसी राज्य द्वारा जैड स्केल सुरक्षा प्रदान किए गए राजनीतिक पदाधिकारियों को या जिन्हें विभिन्न राज्यों में या केन्द्र सरकार में इससे ऊपर या इसके समकक्ष स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है, को एक समान आधार पर उपयोग करने के लिए प्रदान किए जाएंगे।यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसा आवास पहले से ही निर्वाचन सम्बन्धी अधिकारियों या प्रेक्षकों को आबंटित न हो या उनके द्वारा धारित न हो। सरकारी आवास गृह/आराम गृह या अन्य सरकारी आवास इत्यादि में ठहरने के समय ऐसे राजनीतिक पदाधिकारी कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं करेंगे।
यर्थ
(iv) समाचार पत्रों और अन्य मीडिया में सरकारी खजाने की लागत से विज्ञापन जारी करने और राजनैतिक समाचारों के दलगत कवरेज के लिए निर्वाचन अवधि के दौरान शासकीय मास मीडिया के दुरुपयोग तथा सत्तासीन दल की प्रत्याशाओं को आगे बढ़ाने की दृष्टि से उपलब्धियों के बारे में प्रचार से निष्ठापूर्वक बचा जाना चाहिए;
(v) मंत्री और अन्य प्राधिकारी, आयोग द्वारा निर्वाचनों की उद्घोषणा किए जाने के समय से विवेकाधीन निधियों में से अनुदानों/भुगतानों को स्वीकृति प्रदान नहीं करेंगे; और
(vi) आयोग द्वारा निर्वाचनों की उद्घोषणा के समय से, मंत्री और अन्य प्राधिकारी –
(क) किसी रूप में कोई वित्तीय अनुदानों की उद्घोषणा नहीं करेंगे या उनके लिए वचन नहीं देंगे; या
(ख) किसी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशीला नहीं रखेंगे (लोक सेवकों के सिवाय); या
(ग) सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं की व्यवस्था आदि के बारे में कोई वचन नहीं देंगे; या
(घ) सरकार सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई तदर्थ नियुक्तियां नहीं करेगी जिनमें सत्तासीन दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रभाव हो।
4. जैसा कि उपर्युक्त पैरा 3 {खंड IV} से ज्ञातव्य है, सरकारी खजाने की लागत से सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि कोई विज्ञापन, प्रसारण या प्रिंट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी हो चुका है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्ट्रानिक मीडिया में ऐसे विज्ञापनों के प्रसारण को तत्क्षण रोक दिया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आज से ही ऐसा कोई विज्ञापन किन्हीं भी समाचारपत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिंट मीडिया में प्रकाशित न किया जाए और इसे शीघ्र वापस ले लिया जाए।
5. इस संबंध में आयोग के दिनांक 5 मार्च, 2009 के पत्र सं. 437/6/2009-सीसीबीई के तहत जारी अनुदेश, आयोग की वेबसाइट “http://eci.nic.in/” पर उपलब्ध है जो आपकी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु ‘महत्वपूर्ण अनुदेश’ नामक शीर्षक के अन्तर्गत है।आपके मार्गदर्शन के लिए इस लिंक पर आयोग के अन्य सभी अनुदेश भी उपलब्ध हैं।
6. आयोग इसके अतिरिक्त निदेश देता है कि निर्वाचन के संचालन से संबंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर पूरी रोक होगी। इनमें निम्नलिखित सम्मिलित होंगे किंतु वहीं तक सीमित नहीं होंगे:-
(i) मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अपर/संयुक्त/उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी;
(ii) मंडल आयुक्त;
(iii) जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर एवं निर्वाचनों के संचालन से संबंधित राजस्व अधिकारी;
(iv) निर्वाचनों के प्रबंधन से जुड़े पुलिस विभाग के अधिकारी यथा, रेंज महानिरीक्षक एवं उप महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी यथा, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्य पुलिस अधिकारी, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 28क के अधीन आयोग में प्रतिनियुक्त हैं;
(v) निर्वाचन की उद्घोषणा की तारीख से पूर्व उपर्युक्त श्रेणियों के अधिकारियों की बाबत जारी किंतु आज की तारीख तक कार्यान्वित नहीं किए गए स्थानान्तरण आदेशों को इस संबंध में आयोग से विशिष्ट अनुमति लिए बिना लागू नहीं किया जाना चाहिए;
(vi) यह रोक निर्वाचन के पूरा होने तक प्रभावी रहेगी। आयोग आगे यह और निदेश देता है कि राज्य सरकार को राज्य में निर्वाचन के प्रबंधन में भूमिका वाले वरिष्ठ अधिकारियों का स्थानान्तरण करने से बचना चाहिए।
(vii) ऐसे मामलों में, जहां प्रशासनिक अत्यावश्यकताओं के कारण किसी अधिकारी का स्थानान्तरण आवश्यक है, वहां संबंध राज्य सरकार को पूर्व स्वीकृति के लिए पूर्ण औचित्य के साथ आयोग से संपर्क करना चाहिए।
7. कृपया इस पत्र की पावती भेजी जाए।