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श्रीअनुराग ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी को आयोग का आदेश


इस फाइल के बारे में

सं.437/दिल्ली-वि.स./2020/-एनएस-II                        दिनांकः 30 जनवरी, 2020

 

सूचना

     यतः,  भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और

2.    यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि:

(1)   कोई भी दल अथवा अभ्यर्थी ऐसा कोई कार्यकलाप करने का प्रयास नहीं करे जिससे विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच विद्यमान मतभेद और बढ़े या जिससे परस्पर घृणा या तनाव का महौल पैदा हो।

(2)   अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।

 (3)   मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावना के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी।

 (4)   सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि,­­­-------- के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं; और

 3.    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्नलिखित प्रावधान हैः

"किसी अभ्यर्थी, या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थी और उसके निर्वाचन एजेंट की सहमति से उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावनाओं को बढ़ाने अथवा अन्य अभ्यर्थी के निर्वाचन को हानिकारक रूप से प्रभावित करने के लिए धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाना या बढ़ाने का प्रयास करना "; और

 4.    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 में यह प्रावधान है कि निर्वाचन से संबंधित कोई भी व्यक्ति धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाता है या बढ़ाने का प्रयास करता है, तो उसे तीन साल तक कारावास या जुर्माने या दोनों का दंड दिया जाएगा; और

 5.    यतः, आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से 28 जनवरी, 2020 के एक पत्र के तहत रिपोर्ट प्राप्त की जिसमें, श्री अनुराग ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने 27 जनवरी, 2020 को दिल्ली के 06-रिठाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले मदर डेयरी, श्मशान घाट रोड, बुद्ध विहार, दिल्ली में जनसभा को संबोधित करने के दौरान कतिपय आपत्तिजनक बयान दिए और नारे लगाए; और

6.    यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत था कि श्री अनुराग ठाकुर द्वारा लगाए गए नारों और दिए गए बयानों की वजह से आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन हुआ है; और

7.    यतः, आयोग ने श्री अनुराग ठाकुर को 28 जनवरी, 2020 को एक कारण बताओ नोटिस सं.437/डीएल वि.स./2020/-एनएस-II जारी किया, जिसमें उनसे आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन करने के लिए 30 जनवरी, 2020 को दोपहर 12 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है; और

8.    यतः, आयोग के उपर्युक्त नोटिस के जवाब में श्री अनुराग ठाकुर से 30 जनवरी, 2020 को एक उत्तर प्राप्त हुआ है; और

9.    यतः, आयोग ने श्री अनुराग ठाकुर के 30 जनवरी, 2020 के उपर्युक्त उत्तर में विषय-वस्तु और प्रमाणों की ध्यानपूर्वक जाँच की है। श्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि उन्होंने केवल "देश के गद्दारों को" ही बोला जिसका वास्तविक अर्थ देश के गद्दार होता है और वह भीड़ थी जिसने उन नारों का जवाब दिया था; और

10. यतः, उन्होंने यह भी कहा है कि उनके बयानों का उद्देश्य न तो विभिन्न धर्मों, वर्गों, जातियों और समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ाना या पैदा करना था और न ही उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए ऐसा कोई गोपनीय/निवारक कृत्य किया, अतः यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है; और

 11.   यतः, हालांकि श्री अनुराग ठाकुर ने यह अनुरोध किया है कि उनको व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखने के लिए एक मौका दिया जाए, परंतु आयोग इस मामले में किसी भी प्रकार की सुनवाई को जरूरी नहीं मानता है; और

12.   यतः, आयोग ने इस मामले पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और उसका यह सुविचारित अभिमत है कि श्री अनुराग ठाकुर ने अवांछनीय और आपत्तिजनक बयान दिए हैं, जिसमें उनका लहजा और भाषा ऐसी थी जिससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद बढ़े और परस्पर घृणा पैदा हो, अतः उन्होंने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है;

13.   अब, इसलिए आयोग श्री अनुराग ठाकुर द्वारा दिए गए विवादित बयानों की एतद्द्वारा कड़ी निंदा करता है। आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस निमित्त सभी अन्य समर्थकारी शक्तियों के अंतर्गत श्री अनुराग ठाकुर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा, 2020 के मौजूदा साधारण निर्वाचन के संबंध में 30 जनवरी, 2020 (गुरुवार) के अप. 5.00 बजे से शुरू होने वाली 72 घंटों की समयावधि के लिए किसी भी प्रकार की जनसभा, सार्वजनिक जुलूस, जन रैली, रोड शो का आयोजन करने और मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में साक्षात्कार, सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है।

14.   यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के वर्तमान साधारण निर्वाचन के लिए स्टार प्रचारकों की सूची से श्री अनुराग ठाकुर को हटाने के लिए दिनांक 29 जनवरी, 2020 को पारित आदेश लागू रहेगा।

 

आदेश से,

ह/-

(अजय कुमार)

सचिव

 

 

सेवा में

      श्री अनुराग ठाकुर,

      भारतीय जनता पार्टी,

      14, जनपथ, नई दिल्ली-110001

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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