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श्री संबित पात्रा, भारतीय जनता पार्टी को नोटिस


इस फाइल के बारे में

सं.437/दिल्ली-वि.स./2020/-एनएस-II                        दिनांकः 5 फरवरी, 2020

 

सूचना

     यतः,  भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और

 2.    यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के निम्नलिखित खंडों में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि:

(1)   कोई भी दल अथवा अभ्यर्थी ऐसा कोई कार्यकलाप करने का प्रयास नहीं करे जिससे विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच विद्यमान मतभेद और बढ़े या जिससे परस्पर घृणा या तनाव का महौल पैदा हो।

 (2)   अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।

 (3)   मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावना के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी।

 (4)   सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि,­­­-------- के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं; और

 3.    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में निम्नलिखित प्रावधान हैः

 "किसी अभ्यर्थी, या उसके एजेंट अथवा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अभ्यर्थी और उसके निर्वाचन एजेंट की सहमति से उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावनाओं को बढ़ाने अथवा अन्य अभ्यर्थी के निर्वाचन को हानिकारक रूप से प्रभावित करने के लिए धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाना या बढ़ाने का प्रयास करना "; और

4.    यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 में यह प्रावधान है कि निर्वाचन से संबंधित कोई भी व्यक्ति धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, या भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा की भावना को बढ़ाता है या बढ़ाने का प्रयास करता है, तो उसे तीन साल तक कारावास या जुर्माने या दोनों का दंड दिया जाएगा; और

5.    यतः, आयोग को आम आदमी पार्टी द्वारा दिनांक 3 फरवरी, 2020 को की गई इस शिकायत, कि आपने न्यूज 18 इंडिया पर टीवी शो में निम्नलिखित बयान (सीडी की एक प्रति संलग्न है) दिए थे, के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के दिनांक 04 फरवरी, 2020 के उनके पत्र के तहत रिपोर्ट मिली हैः

"तुम्हारे घर में घुस कर मारेंगे, संभल जाओ, वरना क्या होगा तुम सोच भी नहीं सकते हो, कश्मीर में तुम्हारे पंडित भाईयों के घर में घुस के किसने निकाला था? किसने निकाला था, मैं बोलता हूँ। किसने निकाला था? सावधान ये दोनों तरफ जो मेरे लोग बैठे हैं ना इनसे सावधान हो जाना, वो दिन दूर नहीं जब तुम्हारे घर में घुस के मारेंगे, सावधान। ऐसा ही होगा, हिन्दुओं को डाउन कर दीजिए। हम डाउन नहीं होने वाले, हम डाउन नहीं होने वाले, शिवजी के पुत्र हैं, डाउन नहीं होंगे।" मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली द्वारा प्रदान की गई ट्रांसक्रिप्ट की प्रति संलग्न है, जो स्वतः स्पष्ट है; और

 6.    यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत है कि उपर्युक्त बयान, जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने एवं सामाजिक और धार्मिक समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को और बढ़ाने की क्षमता है, देकर आपने आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का उल्लंघन किया है; और

7.    अतः, अब आयोग आपको अवसर देता है कि आप 6 फरवरी, 2020 (गुरुवार) को अप. 05.00 बजे तक या उससे पहले उपर्युक्त बयान देने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा।

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ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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