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श्री योगी आदित्यनाथ को आयोग का नोटिस


इस फाइल के बारे में

सं.437/डीएल-एलए/11/2020/-एनएस-II                      
दिनांकः 6 फरवरी, 2020

 

सूचना

     यतः,  भारत निर्वाचन आयोग ने, दिनांक 6 जनवरी, 2020 के अपने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./4/2020 के तहत राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्‍त तारीख से तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए; और  

2.    यत:, राजनीतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के भाग-। के खंड (2) में यह प्रावधान है कि:  

 "अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।"; और 

3.    यतः, आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से उनके, दिनांक 4.2.2020 के पत्र के तहत एक रिपोर्ट प्राप्त की है जिसके साथ आपके द्वारा 1 फरवरी 2020 को करावल नगर, दिल्ली में दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट अग्रेषित की गई है।

      सीडी में आपके द्वारा दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट नीचे दी गई हैः

"आज आतंकवादिओं को बिरयानी नहीं खिलाई जा रही है, ये बिरयानी खिलाने का शौक या तो कश्मीर के अंदर काँग्रेस को था या फिर बिरयानी खिलाने का शौक शाहीन बाग जैसे घटनाओं में केजरीवाल को है, भारतीय जनता पार्टी को नहीं है। लेकिन केजरीवाल के समर्थन में पाकिस्तान का मंत्री अपील करता है, आपने देखा होगा कल पाकिस्तान का एक मंत्री केजरीवाल के समर्थन में अपील कर रहा है यानी उसे दिल्ली के जनता पर विश्वास नहीं अपने पाकिस्तान के आकाओं से कह कर के पाकिस्तान में इमरान खान के मंत्री से कह करके अपने पक्ष में बयान दिलवाये जा रहे हैं। भाइयों बहनों इन चेहरों को थोड़ा पहचान लीजिये बहुत ठीक से पहचान लीजिये"; और    

4.    यतः, आयोग का प्रथम दृष्टया यह मत है कि उपर्युक्त बयानों के द्वारा आपने आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया है;

5.    अतएव, अब आयोग आपको अवसर देता है कि आप 7 फरवरी, 2020 (शुक्रवार) को अप. 05.00 बजे तक या उससे पहले उपर्युक्त बयान देने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय देगा।

 

आदेश से,

ह/-

(अजय कुमार)

सचिव

 

सेवा में

      श्री योगी आदित्यनाथ,

      उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री।

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