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हरियाणा राज्य में अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2020 के संदर्भ में सेवा मतदाताओं से संबंधित निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार पुनरीक्षण- तत्‍संबंधी।


इस फाइल के बारे में

सं. 24/2019-ईआरएस (खंड-IV)                               दिनांक: 5 फरवरी, 2020

सेवा में,

1.   संयुक्‍त सचिव (स्‍था./पीजी) एवं सीवीओ ,रक्षा मंत्रालयसाउथ ब्‍लाक, नई दिल्‍ली ।  

2.   संयुक्‍त सचिव, भारत सरकार, गृह मंत्रालयनॉर्थ ब्‍लाकनई दिल्‍ली  

3.   संयुक्‍त सचिव (प्रशासन) विदेश मंत्रालयसाउथ ब्‍लाकनई दिल्‍ली – 110011 

4.   निदेशक, सीमा सड़क महानिदेशालयसीमा सड़क भवनरिंग रोड, दिल्‍ली छावनीनई दिल्‍ली – 110010  

5.   मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणाचंडीगढ़। 

 

विषय: - हरियाणा राज्य में अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2020 के संदर्भ में सेवा मतदाताओं से संबंधित निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार पुनरीक्षण-  तत्‍संबंधी।  

महोदय

      मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि गैर-नामांकित पात्र सेवा निर्वाचकों, विशेषतः वे जो अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2020 को पात्र हो जाएंगे, के नामांकन के लिए एक अवसर देने, ताकि वे नामांकित होने के पश्‍चात आसन्‍न साधारण निर्वाचन में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके और साथ ही अंतिम भाग अद्यतन किया जा सके, के लिए आयोग ने हरियाणा राज्य में अर्हक तिथि के रूप में 01 जनवरी, 2020 के संदर्भ में निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भाग का विशेष सार-पुनरीक्षण नीचे दी गई सूची के अनुसार आयोजित करवाने का निदेश दिया है:-

     

हरियाणा राज्‍य में निर्वाचक नामावली, 2020 के अंतिम भाग के विशेष सार पुनरीक्षण की अनुसूची

क्रम सं.

निर्वाचक नामावली, 2020 के अंतिम भाग के विशेष सार पुनरीक्षण के चरण

दिनांक/अवधि

  1.  

निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भागों का प्रारूप प्रकाशन

(मूल नामावली अर्थात् अंतिम भाग के हाल ही में समाप्‍त हुए दूसरे (2) विशेष सार पुनरीक्षण में अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2019 के संदर्भ में अंतिम रूप से यथाप्रकाशित + निरन्‍तर अद्यतन अवधि के एक अथवा दो अनुपूरक, जैसा भी मामला हो)

10.02.2020(सोमवार) को

  1.  

संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिग अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा फार्म प्राप्‍त करने की अवधि

-फार्मों का सत्‍यापन एवं स्‍कैन करना। 

-एक्‍सएमएल फाइलों की तैयारी,

-संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिंग अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा हस्‍ता‍क्षरित एवं सत्‍यापित करने के साथ-साथ एक्‍सएमएल फाइलों को अपलोड करना।

10.02.2020(सोमवार) से 12.03.2020 (गुरूवार) तक

  1.  

निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा एक्‍सएमएल फाइलों सहित हस्‍ताक्षरित एवं सत्‍यापित फार्मों की प्रक्रिया एवं निपटान

-संबंधित निर्वाचक रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा अपूर्ण फार्मों/एक्‍सएमएल फाइलों को लौटाना।

24.03.2020 (मंगलवार) तक

  1.  

संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिंग अधिकारियों/प्राधिकारियों द्वारा सही फार्मों/एक्‍सएमएल फाइलों का पुन: प्रस्‍तुतीकरण

-ईआरओ द्वारा अंतिम आदेश।

22.04.2020 (बुधवार) तक

  1.  

निर्वाचक नामावलियों के अंतिम भागों का अंतिम प्रकाशन

30.04.2020 (गुरूवार) तक

 2.    आपके राज्‍य में अर्हक तिथि के रूप में दिनांक 01.01.2019 के संदर्भ में निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग का अंतिम प्रकाशन पहले ही किया जा चुका है और वर्तमान में निर्वाचक नामावली का निरंतर अद्यतन किया जा रहा है। मौजूदा पुनरीक्षण के आदेश गैर-नामांकित पात्र सेवा कार्मिकों के अधिकतम रजिस्‍ट्रेशन के लिए और अर्हक तिथि के रूप में 01.01.2019 से निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग के सार पुनरीक्षण के दौरान रजिस्‍ट्रेशन नहीं करवा सकने वाले और तैनातियों में निरंतर परिवर्तन अथवा किसी अन्‍य कारण से तथा अपनी पूर्व घोषणाओं को बदलवाने के इच्‍छुक पंजीकृत सेवा मतदाताओं के लिए दिए जा रहें हैं। इसके अतिरिक्‍त, निर्धारित फार्मेट में रिकॉर्ड अधिकारियों/कमांडिंग अधिकारियों द्वारा किए गए विलोपन की सिफारिश पर, ऐसे व्‍यक्ति, जो मृत्‍यु, सेवानिवृत्ति, स्‍थानान्‍तरण या किसी अन्‍य कारण से सेवा मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र नहीं रह गए हैं, के नामों को उचित सम्‍यक प्रक्रिया अपनाने के पश्‍चात संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा हटा दिया जाएगा।      

3. सेवा निर्वाचक के रूप में पंजीकरण हेतु पात्रता 

 3.1  लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1950 की धारा 19 के प्रावधानों के अधीन, किसी निर्वाचन क्षेत्र में सामान्‍य निवासी होना निर्वाचक नामावली में पंजीकरण हेतु मूलभूत शर्तों में से एक है। हालांकि, धारा 20(3) में उक्‍त शर्त के अपवाद के लिए प्रावधान है, जिसमें यह निर्धारित है कि सेवा अर्हता रखने वाले किसी भी व्‍यक्ति को आमतौर पर उस निर्वाचन क्षेत्र का निवासी माना जाएगा जिसका वह अपनी सेवा अर्हता की वजह से उस तारीख को सामान्‍य रूप से निवासी होगा। दूसरे शब्‍दों में, सेवा अर्हता रखने वाले व्‍यक्ति को अपने मूल जन्‍म स्‍थान पर सेवा मतदाता के रूप में नामांकित किया जा सकता है, भले ही वह वास्‍तव में तैनाती के स्‍थान पर रह रहा हो, जो कि उसके मूल स्‍थान से अलग हो।

 

3.2   लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1950 की धारा 20 की उप-धारा(8) के अधीन निम्‍नलिखित श्रेणियों के सेवा कार्मिक के पास सेवा अर्हताहोती है:-

(क) संघ के सशस्‍त्र बलों का एक सदस्‍य होना; या

(ख) ऐसे बल का एक सदस्‍य होना, जिस पर सेना अधिनियम, 1950 (1950

    का 46) के उपबंध, संशोधन सहित या उसके बिना, लागू किए गए हैं,

(ग) किसी राज्‍य के सशस्‍त्र पुलिस बल का एक सदस्‍य होना, और उस राज्‍य से बाहर

    सेवा करना; या

(घ) एक ऐसा व्‍यक्ति होना, जो भारत सरकार के अधीन भारत से बाहर किसी

   पद पर कार्यरत हो।

 3.3   सेवा मतदाताओं के नाम प्रत्‍येक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग में शामिल होते हैं।

 3.4   उपर्युक्‍त चार श्रेणियों में से किसी भी श्रेणी के सेवा मतदाता और साधारण रूप से उसके साथ निवास करने वाली पत्‍नी भी अपने पति के साथ एक निर्वाचक के रूप में निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग में पंजीकृत होने के लिए पात्र है। हालांकि, किसी महिला सेवा कार्मिक का पति उसके साथ रहता है तो यह छूट उसे उपलब्‍ध नहीं है।

3.5   निर्वाचक नामावली के अंतिम भाग में निर्वाचक के रूप में नामांकन के प्रयोजनार्थ, उपर्युक्‍त सेवा अर्हता धारक, प्रत्‍येक व्‍यक्ति को निर्धारित सांविधिक फार्म 2, 2क, या 3 (निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 में संलग्‍न), जैसा भी लागू हो, में उसमें मांगे गए पूर्ण विवरण देते हुए आवेदन करना होगा। तत्‍काल संदर्भ के लिए, उक्‍त फार्मों की प्रत्‍येक की एक-एक प्रति संलग्‍न है। ये फार्म ‘’ई-नामावली में पंजीकरण के लिए फार्म’’ शीर्षक के अधीन आयोग की वेबसाइट http://eci.gov.in पर भी उपलब्‍ध है।

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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