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सं. ईसीआई/प्रे.नो./24/2020
दिनांकः 18 फरवरी, 2020
प्रेस नोट
भारत निर्वाचन आयोग ने लंबित निर्वाचक सुधारों पर विधायी विभाग के साथ विचार-विमर्श किया
भारत निर्वाचन आयोग ने आज विधि और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग के साथ लंबित निर्वाचन सुधारों के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा, निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा, निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा और भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में श्रीमती रीटा वशिष्ठ, अपर सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ-साथ श्री नारायण राजू, विभाग के सचिव से मुलाकात की।
विधि सचिव और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों का स्वागत करते हुए, सीईसी श्री सुनील अरोड़ा ने ईसीआई की सिफारिश पर निर्वाचन के संचालन नियमों में हालिया संशोधन द्वारा दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) और 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और आवश्यक सेवाओं से संबंधित निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग के प्रति अपना आभार प्रकट किया। श्री अरोड़ा ने यह भी उल्लेख किया कि निर्वाचन सुधारों के 40 से अधिक विभिन्न प्रस्ताव हैं जो काफी समय से लंबित हैं और आयोग फिलहाल इनमें से कुछ प्रस्तावों पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि "आयोग ऐसे सभी लंबित प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के लिए नियमित अंतराल पर विधायी विभाग के साथ ऐसी बैठकें करना चाहेगा"।
जिन मामलों पर बैठक के दौरान चर्चा हुई उनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल थे: निर्वाचक बनने के लिए एक वर्ष में एक से अधिक अर्हक तिथि; निर्वाचक नामावली के साथ आधार को जोड़ना; निर्वाचन अपराध/भ्रष्ट व्यवहार के रूप में पेड न्यूज़ और झूठे शपथपत्र; लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया मध्यस्थों को कवर करना; लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में 'पति या पत्नी’ के स्थान पर 'पत्नी’ शब्द को प्रतिस्थापित करना ताकि सेवा मतदाता की श्रेणी में महिला सेवा अधिकारियों के पति/पत्नी को निर्वाचन पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जा सके; कॉन्ट्रीब्यूशन फॉर्म में संशोधन। सचिव विधायी विभाग, श्री राजू ने आश्वासन दिया कि वे पहले ही इन प्रस्तावों की जांच कर रहे हैं।