इस फाइल के बारे में
सं. ईसीआई/पीएन/35/2020
दिनांक 1 मई, 2020
प्रेस नोट
महाराष्ट्र के विधान सभा सदस्यों (विधायकों) द्वारा महाराष्ट्र विधान परिषद का द्विवार्षिक निर्वाचन
1. निर्वाचन आयोग ने आज महाराष्ट्र राज्य में विधान सभा सदस्यों द्वारा विधान परिषद की 9 रिक्त सीटों के लिए द्विवार्षिक निर्वाचन करवाने की व्यवहार्यता से संबंधित मुद्दे की समीक्षा की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने निर्वाचन आयुक्त श्री अशोक लवासा और श्री सुशील चंद्रा के साथ बैठक में वीडियो कॉल के माध्यम से भाग लिया (यूएसए से)।
2. महाराष्ट्र में विधान सभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित पार्षदों की 9 सीटें 24 अप्रैल 2020 से रिक्त हो गई थीं (अनुबंध क)। भारत निर्वाचन आयोग ने 03 अप्रैल 2020 को कोविड-19 की परिस्थितियों के मद्देनजर अनुच्छेद 324 के अंतर्गत निर्वाचनों को अगले आदेश तक स्थगित करने का आदेश जारी किया था।
3. निर्वाचन आयोग को दिनांक 30 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें मुख्य सचिव ने महामारी को नियंत्रित करने के विभिन्न उपायों का उल्लेख किया है और यह भी उल्लेख किया है कि राज्य सरकार के आकलन के अनुसार विधान सभा सदस्यों द्वारा विधान परिषद सदस्यों की 9 सीटों का निर्वाचन सुरक्षित वातावरण में संचालित किया जा सकता है। राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण रूपेण प्रतिबद्ध है कि उक्त निर्वाचन पूरी तरह से स्वच्छ वातावरण में संचालित हों और सक्षम प्राधिकरणों द्वारा अधिरोपित सामाजिक दूरी संबंधी उपायों और अन्य शर्तों का पालन हो।
लॉकडाउन के आदेशों के कारण फंस गए प्रवासी कामगारों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को आवाजाही की अनुमति देने से संबंधित गृह मंत्रालय के दिनांक 29 अप्रैल, 2020 के आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने दोहराया है कि वह इस मामले में सभी निदेशों का अनुपालन करते हुए निर्वाचनों के संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
4. आयोग को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल का दिनांक 30 अप्रैल, 2020 का अ.शा. पत्र भी प्राप्त हुआ है जिसमें राज्य में निर्वाचन संचालन की व्यवहार्यता का उल्लेख किया गया है। इस संबंध में महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल ने भी उल्लेख किया है कि श्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उल्लेख किया कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उन्हें 6 महीने की अवधि के भीतर अर्थात 27 मई, 2020 को या उससे पहले महाराष्ट्र विधान सभा या विधान परिषद का सदस्य बनना आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया है कि जमीनी हालात नियंत्रित हैं और मौजूदा समय में सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न रियायतों के साथ इसमें सुधार हो रहा है। इसलिए समग्र स्थिति के मद्देनजर निर्वाचन आयोग से निर्वाचनों के आयोजन की कार्य-विधियों पर विचार करने के लिए अनुरोध किया गया है।
5. आयोग ने विभिन्न राजनैतिक दलों यथा महाराष्ट्र विधानमंडल कांग्रेस पक्ष, शिवसेना विधिमंडल पक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से प्राप्त अभ्यावेदनों का भी संज्ञान लिया जिसमें उक्त निर्वाचन, जिसकी अनुसूची अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण स्थगित करनी पड़ी थी, को आयोजित करने का अनुरोध किया गया था।
6. उपर्युक्त सभी बातों के मद्देनजर आयोग ने ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियों में विगत के अनुभवों की समीक्षा की। वर्ष 1991 में पूर्व प्रधान मंत्री श्री पी.वी. नरसिम्हाराव और 1996 में श्री एच.डी् देवेगौड़ा और राज्यों के अनेक मुख्यमंत्रियों (जैसे कि 1991 में राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत; 1997 में बिहार की मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी; 1993 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विजय भास्कर रेड्डी; 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 4 मंत्री और 2017 में नागालैंड के मुख्यमंत्री) के मामलों में आयोग ने इसी प्रकार की संवैधानिक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए उप-निर्वाचनों का आयोजन किया था। आयोग ने नोट किया कि विगत में यह सतत व्यवस्था रही है।
7. इन सभी बातों पर विचार करने के उपरांत आयोग ने महाराष्ट्र राज्य में उक्त द्विवार्षिक निर्वाचन करवाने का निर्णय लिया है। निर्वाचनों की अनुसूची का विवरण अनुबंध ख में संलग्न है।
8. आयोग ने यह भी निर्णय लिया कि केंद्रीय गृह सचिव, जो आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति में पदेन अध्यक्ष हैं, को यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त वरिष्ठता के किसी अधिकारी को तैनात करना चाहिए कि उक्त निर्वाचन के लिए निर्वाचन प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अनुसरण में निवारक उपाय किए जाएं।
9. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को भी निदेश दिया है कि वे निर्वाचनों के संचालन हेतु व्यवस्था करते समय कोविड-19 के विद्यमान प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य के किसी अधिकारी को तैनात करें।
10. इसके अलावा, आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, महाराष्ट्र को इस निर्वाचन के प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया है।
11. आयोग ने अन्य स्थगित निर्वाचनों की समीक्षा अगले सप्ताह में करने का भी निर्णय लिया है।