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सं. ईसीआई/प्रे.नो./73/2020
दिनांक: 05 अक्तूबर, 2020
प्रेस नोट
बिहार में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागितापूर्ण और सुरक्षित निर्वाचन का संचालन भारत निर्वाचन आयोग की प्राथमिकता
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में विधान सभा के निर्वाचनों के लिए करोना महामारी के बीच निर्वाचन प्रेक्षकों की वर्चुअल एवं व्यक्तिगत ब्रीफ्रिंग बैठक का आयोजन करना
भारत निर्वाचन आयोग ने आज आगामी बिहार विधान सभा के लिए और साथ ही राज्यों में उप-निर्वाचनों के लिए परिनियोजित किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया। इन निर्वाचनों की अनुसूची 25 सितंबर, 2020 को और इसके पश्चात घोषित की गयी थी। इस बैठक का आयोजन एक अलग ही रूप से किया गया था, जिसमें देशभर के 119 स्थानों से 700 से अधिक सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के समूह ने वर्चुअल और व्यक्तिगत रूप से एवं दिल्ली में तैनात लगभग 40 प्रेक्षकों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया।
प्रेक्षकों से वार्ता करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने पूरे विश्व में निर्वाचन अनुसूची पर कोविड-19 के प्रभाव और बिहार में निर्वाचनों का संचालन करने का निर्णय लेने से पहले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए विस्तृत विचार-विमर्श और आकलन पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य का उल्लेख किया। उन्होंने अतिरिक्त सावधानी बरतने पर बल दिया क्योंकि यह निर्वाचन, इस वैश्विक महामारी के समय विश्व में आयोजित किए जाने वाले सबसे बड़े निर्वाचन के रूप में, पूरी दुनिया द्वारा उत्सुकता से देखा जाएगा। उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, नैतिक और कोविड से सुरक्षित निर्वाचनों के संचालन की भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति इसके प्रमुख हितधारकों - मतदाता में विहित है। मतदान के दिन अपना मत सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से डालने के लिए मतदाताओं में मतदान केंद्र पर आने के प्रति विश्वास जगाने के सभी अनिवार्य प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने प्रेक्षकों का आह्वान किया कि वे स्थानीय निर्वाचन तंत्र के मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं, उनका मार्गदर्शन और सहयोग करें तथा उनके मुद्दों का समाधान करने के लिए उनकी सहायता करें। उन्होंने कुछ विशेष व्यय प्रेक्षकों द्वारा पूर्व में किए गए समर्पण और प्रतिबद्धताओं की सराहना की जिन्होंने निर्वाचनों के दौरान सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया। ऐसे प्रेक्षक, अपने व्यापक ज्ञान-क्षेत्र(अनुभव) और संपूर्ण निष्पक्षता से उस विश्वास को पुष्ट करते हैं जिसे हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा भारत निर्वाचन आयोग में एक संस्थान के रूप में देखा गया था।
निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्र ने प्रेक्षकों की भूमिका के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा पहले ही दो विशेष व्यय प्रेक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है और यदि आवश्यक हुआ तो जैसे-जैसे निर्वाचन प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, ऐसे अन्य विशेष प्रेक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। श्री चन्द्रा ने कहा कि निर्धारित अनुदेशों, विशेषकर 21 अगस्त, 2020 को आयोग द्वारा जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार द्वारा जारी अनुदेशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय शिकायतों का तत्काल निवारण करें और निष्पक्षता सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर बोलते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रेक्षक के रूप में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कर्तव्य का निर्वहन करना उनका सांविधिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि जमीनी स्तर पर वे ही भारत निर्वाचन आयोग के वास्तविक चेहरे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्मरण कराया कि बिहार निर्वाचन को समुचित रूप से संचालित करके विश्व के समक्ष मिसाल प्रदर्शित करने की आवश्यकता है, चूंकि इन निर्वाचनों पर सभी की नज़र है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षक फील्ड टीमों का मार्गदर्शन करने में, परामर्श तथा सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दिल्ली से संबंधित प्रेक्षकों के लिए तथा अन्य राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के अधिकारियों के लिए सत्र में ऑनलाइन भाग लेने के लिए आधे दिन तक चलने वाले ब्रीफिंग सत्र का आज आयोजन किया गया, जिसे भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव श्री उमेश सिन्हा और अन्य उप निर्वाचन आयुक्तों द्वारा संबोधित किया गया। निर्वाचन प्रक्रिया का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हुए श्री सिन्हा ने निर्वाचन आयोजना, सुरक्षा प्रबंधन, स्वीप और मीडिया के पहलुओं के संबंध में अधिकारियों को जानकारी दी। वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त, श्री धमेंद्र शर्मा ने प्रेक्षकों को मतदान अधिकारियों के लिए पहले आयोजित की जा चुकी प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे में सूचित किया। उप-निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन ने प्रेक्षकों को ईवीएम वीवीपैट प्रबंधन पद्धति के बारे में और साथ ही निर्वाचन नामावली के मुद्दों के बारे में बताया।
उप-निर्वाचन आयुक्त, श्री चंद्र भूषण कुमार, जो भारत निर्वाचन आयोग में बिहार राज्य के प्रभारी हैं, ने बिहार निर्वाचनों के लिए, विशेषकर कोविड परिदृश्य में, विधिक प्रावधानों, आदर्श आचार संहिता संबंधी मुद्दों के बारे में विस्तार से बताया। उप निर्वाचन आयुक्त, श्री आशीष कुन्द्रा ने प्रेक्षकों को विशिष्ट आईटी एप्लीकेशन्स के बारे में जानकारी दी जबकि निदेशक, व्यय और निदेशक मीडिया ने भी प्रेक्षकों को व्यय अनुवीक्षण और मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति के कारगर प्रयोग में उनकी विशिष्ट भूमिका के बारे में जानकारी दी।
प्रत्येक सत्र में कोविड सुरक्षित निर्वाचनों के अतिरिक्त आयामों पर और इस संबंध में आयोग द्वारा जारी विस्तृत दिशा-निदेशों तथा विभिन्न पहलुओं के संबंध में इन दिशा-निदेशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रेक्षकों द्वारा निभायी जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया।