इस फाइल के बारे में
सं. ईसीआई/पीएन/83/2020
दिनांक: 21 अक्तूबर, 2020
प्रेस नोट
निर्वाचन आयोग ने निर्वाचकों की संख्या में वृद्धि और मूल्य वृद्धि सूचकांक में बढ़ोतरी तथा अन्य कारकों के परिप्रेक्ष्य में अभ्यर्थियों के लिए व्यय सीमा से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें श्री हरीश कुमार, भूतपूर्व आईआरएस और महानिदेशक (अन्वेषण), श्री उमेश सिन्हा, महासचिव और महानिदेशक (व्यय) को शामिल हैं।
कोविड-19 के कारकों पर विचार करके विधि और न्याय मंत्रालय ने मौजूदा व्यय सीमा को 10% तक बढ़ाने के लिए दिनांक 19.10.2020 को निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 90 में संशोधन अधिसूचित किया है। 10% की यह बढ़ोतरी, मौजूदा निर्वाचनों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी।
किसी अभ्यर्थी के लिए व्यय सीमा को पिछली बार दिनांक 28.02.2014 की अधिसूचना के जरिए वर्ष 2014 में संशोधित किया गया था, जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के संबंध में इसे दिनांक 10.10.2018 की अधिसूचना के जरिए संशोधित किया गया था।
पिछले 6 वर्षों में, निर्वाचक मंडल के 834 मिलियन से 2019 में 910 मिलियन हो जाने और अब इसके 921 मिलियन हो जाने के बावजूद इस व्यय सीमा को नहीं बढ़ाया गया था। इसके अलावा, इस अवधि में मूल्य वृद्धि सूचकांक 2019 में 220 से बढ़कर 280 तथा अब यह बढ़कर 301 हो गया है
इस समिति के विचारार्थ विषय निम्नलिखित हैं:
i. राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में निर्वाचकों की संख्या में परिवर्तन और व्यय पर इसका प्रभाव।
ii. मूल्य वृद्धि सूचकांक में परिवर्तन और हाल के निर्वाचनों में अभ्यर्थियों द्वारा वहन किए गए व्यय के पैटर्न पर इसके प्रभाव का आकलन करना।
iii. राजनैतिक दलों और अन्य स्टेकधारकों से मत/इनपुट प्राप्त करना।
iv. ऐसे अन्य कारकों की जांच करना जिनका व्यय पर प्रभाव हो सकता है।
v. किसी अन्य संबंधित मामले की जांच करना।
यह समिति अपने गठन के 120 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।