इस फाइल के बारे में
सं. 100/एमपी-एलए/2020-(बाय.)
दिनांक: 30 अक्तूबर, 2020
आदेश
यत:, आयोग द्वारा मध्यप्रदेश की विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/67/2020 के माध्यम से दिनांक 29 सितंबर, 2020 को घोषित कर दिए गए थे और उक्त प्रेस नोट के पैरा 4 के अनुसार आदर्श आचार संहिता के उपबंध उसी तारीख से लागू कर दिए गए थे; और
2. यत:, आदर्श आचार संहिता के भाग 1 के उप पैरा (1) में उल्लेख है कि ‘कोई भी दल या अभ्यर्थी किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो वर्तमान मतभेदों को बढ़ाए या आपसी घृणा पैदा करे या विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच धार्मिक या भाषायी तनाव पैदा करे; और
3. यत:, आदर्श आचार संहिता के भाग 1 के उप पैरा (2) में उल्लेख है कि, अन्य बातों के साथ-साथ, ‘सभी दल और सभी अभ्यर्थी दलों के नेताओं अथवा कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी के उन सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचेंगे जो उनकी सार्वजनिक गतिविधियों से संबद्ध न हों’; और
4. यत:, आयोग को भारतीय जनता पार्टी (म.प्र.) से और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से भी शिकायतें मिली हैं कि श्री कमल नाथ, नेता प्रतिपक्ष, मध्य प्रदेश विधान सभा ने एक महिला अभ्यर्थी के लिए “आइटम” शब्द का प्रयोग किया है।
5. यत:, आयोग ने श्री कमलनाथ को उक्त कथन के कहे जाने के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक अवसर प्रदान करते हुए दिनांक 21.10.2020 के नोटिस के माध्यम से एक नोटिस जारी किया। इस मामले में उनके द्वारा दिनांक 22.10.2020 को एक उत्तर प्रस्तुत किया गया था।
6. यत:, श्री कमल नाथ का उक्त उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया था और इसलिए आयोग ने, ‘राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण’ के भाग I के पैरा (2) में अंतर्विष्ट उपबंधों का उल्लंघन करने और मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चल रहे उप-निर्वाचनों के दौरान आयोग द्वारा दिनांक 29 अप्रैल, 2019 के अपने पत्र सं. 437/6/आईएनएसटी/ईसीआई/एफएनसीटी/एमसीसी/2019 के माध्यम से जारी की गई परामर्शिका (एडवायजरी) का सम्मान न करने के लिए श्री कमल नाथ को दिनांक 26.10.2020 का एक परामर्शिका आदेश जारी किया।
“आयोग का सुविचारित मत है कि श्री कमल नाथ ने एक महिला के लिए “आइटम” शब्द का प्रयोग किया है और यह आयोग द्वारा जारी परामर्शिका का उल्लंघन है---------
अब, इसलिए, आयोग, श्री कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश को एतद्द्वारा सलाह देता है कि सार्वजनिक रूप से बोलते समय उन्हें आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान ऐसे शब्द या कथन का प्रयोग नहीं करना चाहिए ”; और
7. यत:, भारतीय जनता पार्टी (मध्य प्रदेश) से एक और शिकायत आयोग के ध्यान में लाई गई है कि श्री कमल नाथ ने 13.10.2020 को कहा है कि “शिवराज नौटंकी के कलाकार, मुम्बई जाकर एक्टिंग करें”; और
8. यत:, आयोग ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचक अधिकारी, मध्य प्रदेश से एक रिपोर्ट मांगी। इस संबंध में मुख्य निर्वाचक अधिकारी, मध्य प्रदेश ने श्री कमल नाथ के दिनांक 13.10.2020 के भाषण का प्रतिलेख, जिसमें श्री कमल नाथ ने कहा है कि “आपके भगवान तो वो माफिया हैं जिससे आपने मध्य प्रदेश की पहचान बनाई आपके भगवान तो मिलावट खोर हैं।” के साथ एक रिपोर्ट भेजी है। मुख्य निर्वाचक अधिकारी, मध्य प्रदेश की रिपोर्ट भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की पुष्टि करती है; और
9. यत:, निर्वाचनों से पहले प्रचार के दौरान सबको समान अवसर प्रदान करने के साथ-साथ नैतिक और गरिमापूर्ण व्यवहार बनाए रखने के लिए सभी राजनैतिक दलों की सहमति से आदर्श आचार संहिता अनेक दशकों में विकसित हुआ है; और
10. यत:, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राजनैतिक दल के नेताओं (स्टार प्रचारकों) की एक सूची दिनांक 19.10.2020 के पत्र के माध्यम से प्राप्त हुई थी, जिसमें मध्य प्रदेश विधान सभा, 2020 के उप-निर्वाचन के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) के तहत श्री कमल नाथ का नाम क्रम संख्या-3 पर रखा गया था; और
11. यत:, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और यह अवलोकन करके नाराजगी व्यक्त की है कि श्री कमल नाथ एक राजनैतिक दल के नेता होने के बावजूद आदर्श आचार संहिता के उपबंधों का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं तथा नैतिक और गरिमापूर्ण व्यवहार का अतिक्रमण कर रहे हैं; और
12. अत:, अब, आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने और उन्हें जारी की गई परामर्शिका का पूरी तरह से निरादर करने के लिए आयोग, एतद्द्वारा मध्य प्रदेश विधान सभा, 2020 के लिए चल रहे उप-निर्वाचनों के लिए श्री कमल नाथ, पूर्व मुख्य मंत्री, मध्य प्रदेश को प्राप्त राजनैतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) के दर्जे को तत्काल प्रभाव से वापस लेता है।
13. फलस्वरूप, जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी द्वारा श्री कमल नाथ को स्टार प्रचारक के रूप में कोई भी अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, श्री कमल नाथ द्वारा यदि अब आगे कोई प्रचार अभियान चलाया जाता है तो, यात्रा करने, ठहरने, दौरे इत्यादि से संबंधित संपूर्ण खर्च पूरी तरह से उस अभ्यर्थी के द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार अभियान चलाया जाता है।