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पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2021-आयोग का दिनांक 07.04.2021 का नोटिस-तत्संबंधी।


इस फाइल के बारे में

सं. 437/पश्चिम बंगाल-वि. स./2021                            दिनांकः 7 अप्रैल, 2021

 

सूचना

      यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे. नो./16/2021 के तहत पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और  

2.    यत:, राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग-। के खंड (2), (3) और (4) में अन्‍य बातों के साथ-साथ यह प्रावधान है कि 

"(2) अन्य दलों की आलोचना करते समय यह आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के बारे में ऐसे किसी भी पहलू की आलोचना नहीं करनी चाहिए जिनका उनके सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो। असत्‍यापित आरोपों अथवा तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों के आधार पर अन्‍य दलों और उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए;" 

"(3) मत हासिल करने के लिए जाति अथवा सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य किसी भी पूजा स्थल को निर्वाचन संबंधी प्रचार के लिए मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा;" और 

"(4) सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यकलापों से ईमानदारीपूर्वक बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन "भ्रष्ट आचरण" और अपराध हैं, जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को धमकाना, किसी अन्य मतदाता का मत डालना, मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना, मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित घंटे के 48 घंटे की अवधि समाप्त होने पर जनसभाएं करना और मतदाताओं को मतदान केंद्र ले जाना और लाना"; और 

3.    यतः, आयोग को श्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल से एक शिकायत मिली है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि दिनांक 3 अप्रैल, 2021 को ऑल इंडिया तृणमूल कॉन्ग्रेस की 210-नन्दीग्राम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाली अभ्यर्थी सुश्री ममता बनर्जी ने एबीपी आनंदा टीवी चैनल पर प्रसारित हुगली में तारकेश्वर पर निर्वाचन अभियान के दौरान एक बैठक में जनता को भाषण देते हुए मुस्लिम मतदाताओं से विभिन्न राजनैतिक दलों के बीच अपना मत नहीं बँटने देने की अपील की और पश्चिम बंगाल के मौजूदा विधान सभा निर्वाचनों में तृणमूल कांग्रेस के लिए सांप्रदायिक आधार पर खुलेआम मतदान करने के लिए कहा; और

4.    यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से कथित भाषण का प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट (टेप) भी प्राप्त हुआ है। इस भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः

      "....कन्याश्री, कन्याश्री, विश्वविद्यालय तक छात्रवृत्ति है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षाश्री है। सामान्य वर्ग के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति है। अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए ओईक्याश्री है और मैंने इसे 2 करोड़ 35 लाख लाभार्थियों को दिया है। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि शैतान व्यक्ति, जिसने बीजेपी से पैसे लिए थे, की बात सुनने के बाद अल्पसंख्यक मतों को विभाजित न होने दें। वह कई सांप्रदायिक वक्तव्य देता है और हिंदू तथा मुस्लिमों के बीच झगड़े शूरू करवाता है। वह बीजेपी के प्रचारकों में से एक है, कामरेड है। अल्पसंख्यक मतों को विभाजित करने के लिए सीपीएम और बीजेपी के कामरेड बीजेपी द्वारा दिए गए पैसों के साथ आस-पास घूम रहे हैं। कृपया उन्हें ऐसा न करने दें। इस बात को मन में रखें कि यदि बीजेपी सरकार में आ जाती है तो आप गंभीर खतरे में होंगे। मैं हिंदू भाइयों और बहनों से भी कहूंगी कि बीजेपी को सुनने के बाद हिंदू और मुस्लिम के रूप में अपने बीच में बंटवारा न होने दें। देखो। मैंने अल्पसंख्यक समुदाय के अपने भाइयों और बहनों से कहा है कि उनके बीच एक या दो बदमाश, मीर जाफर हैं, जो हमारे बीच भी हैं। क्या हमारे बीच कई सारे मीर जाफर नहीं हैं? क्या हमारे बीच कई सारे गद्दार नहीं हैं? बीजेपी में अब वहां कौन हैं?......."; और

5.    यतः, 3 अप्रैल, 2021 को सुश्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए उपर्युक्त वक्तव्य की आयोग में जांच की गई है और इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3), 3 (क) में निहित प्रावधानों और 'राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण' के भाग I के खंड (2), (3) और (4) का उल्लंघन करते हुए पाया गया है, और

6.    अब, इसलिए, आयोग आपको एक अवसर देता है कि इस नोटिस की प्राप्ति के 48 घंटों के भीतर अपने उपर्युक्त बयान के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आगे संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।

संलग्नकः यथोपरि

 

आदेश से
ह./-
(राकेश कुमार)
सचिव

                                                                          

सेवा में,

सुश्री ममता बनर्जी,

210-नन्दीग्राम विधान सभी निर्वाचन क्षेत्र से एआईटीसी की अभ्यर्थी,

पश्चिम बंगाल।

 

 

टीवी चैनल एबीपी आनंदा पर 3 अप्रैल, 2021 को प्रसारित हुगली के तारकेश्वर में एक बैठक में निर्वाचन प्रचार के दौरान जनता को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी के भाषण की ट्रांसक्रिप्ट  

 

"....कन्याश्री 2, कन्याश्री 3, विश्वविद्यालय तक छात्रवृत्ति है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षाश्री है। सामान्य वर्ग के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति है। अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए ओईक्याश्री है और मैंने इसे 2 करोड़ 35 लाख लाभार्थियों को दिया है। मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि शैतान व्यक्ति, जिसने बीजेपी से पैसे लिए थे, की बात सुनने के बाद अल्पसंख्यक मतों को विभाजित न होने दें। वह कई सांप्रदायिक वक्तव्य देता है और हिंदू तथा मुस्लिमों के बीच झगड़े शूरू करवाता है। वह बीजेपी के प्रचारकों में से एक है, कामरेड है। अल्पसंख्यक मतों को विभाजित करने के लिए सीपीएम और बीजेपी के कामरेड बीजेपी द्वारा दिए गए पैसों के साथ आस-पास घूम रहे हैं। कृपया उन्हें ऐसा न करने दें। इस बात को मन में रखें कि यदि बीजेपी सरकार में आ जाती है तो आप गंभीर खतरे में होंगे। मैं हिंदू भाइयों और बहनों से भी कहूंगी कि बीजेपी को सुनने के बाद हिंदू और मुस्लिम के रूप में अपने बीच में बंटवारा न होने दें। देखो। मैंने अल्पसंख्यक समुदाय के अपने भाइयों और बहनों से कहा है कि उनके बीच एक या दो बदमाश, मीर जाफर हैं, जो हमारे बीच भी हैं। क्या हमारे बीच कई सारे मीर जाफर नहीं हैं? क्या हमारे बीच कई सारे गद्दार नहीं हैं? बीजेपी में अब वहां कौन हैं?.......";

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