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श्री दिलीप घोष को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 13 अप्रैल, 2021 का नोटिस


इस फाइल के बारे में

सं. 437/प.बं.-वि.स./2021                                      
दिनांकः 13 अप्रैल, 2021

नोटिस 

यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./16/2021 के द्वारा पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा कर दी गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और 

2.     यतः, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग I के खंड (1) और (4) में, अन्य बातों के साथ-साथ, ये प्रावधान हैं कि 

(1) "कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर घृणा पैदा हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।

"(4) सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन "भ्रष्ट आचरण" एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देनामतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्रों से 100 मीटर दूरी के भीतर प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्त होने से 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन और वाहन उपलब्ध करना।"; और 

3.     यतः, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (3क) में, अन्य बातों के साथ-साथ, उपबंधित है किः- 

"(3) किसी अभ्यर्थी या उसके अभिकर्ता या अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता की सम्मति से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उस अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं को अग्रसर करने के लिए या किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच, धर्म, मूलवंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर शत्रुता या घृणा की भावनाओं का संप्रवर्तन करना, अथवा संप्रवर्तन का प्रयत्न करना।"; और 

4.     यतः, भारतीय दंड संहिता की धारा 153क (1) (क) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है किः- 

"153. धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा इत्यादि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना। -(1) जो कोई - () बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषाई या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द अथवा शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाओं को धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान, निवास स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा"; और 

5.     यतः, आयोग को श्री डेरेक '' ब्राइन, एआईटीसी से एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि श्री दिलीप घोष, भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष ने बारांगर, उत्तर 24 परगना में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए एक भड़काऊ भाषण दिया जो बंगाल और इसके लोगों को खुली धमकी है, मीडिया में भी इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रसारित की गई है; और 

 6.     यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से भी कथित भाषण की प्रमाणीकृत ट्रांसक्रिप्ट प्राप्त हुई है। उनके भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः 

" ………… इतने सारे शैतान लड़के कहां से आए थे?उन शैतान लड़कों को कल शीतलकुची में गोली मार दी गई। ऐसे शैतान लड़के बंगाल में नजर नहीं आएंगे।यह तो केवल शुरूआत है। जो यह सोचते थे कि केंद्रीय बलों की राइफलें केवल दिखाने के लिए हैं, अब गोलियों की ताकत अच्छी तरह से जान चुके हैं। और ऐसा ही पूरे बंगाल में किया जाएगा। जो भी कानून अपने हाथ में लेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी 17 अप्रैल की सुबह अपना वोट डालने के लिए कतार में खड़े होंगे। बूथों पर केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। कोई भी आपको आंख नहीं दिखा सकता। क्योंकि हम यहां पर हैं। और यदि कोई अपनी सीमा लांघता है तो आप देख चुके हैं कि शीतलकुची में क्या हुआ था। ऐसे स्थानों पर शीतलाकुची जैसा हाल किया जाएगा। इसलिए सावधान रहें………”; और 

7.     यतः, आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और इसका यह सुविचारित मत है कि श्री दिलीप घोष, जो बीजेपी के राज्य अध्यक्ष भी हैं, ने 'राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्ग दर्शन की आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण' के भाग I के खंड (1) और (4)  तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उप-धारा (3क) में विनिर्दिष्ट उपबंधों और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 153(क) की उप धारा (1) (क) के उल्लंघन में ऐसे कथन किए हैं जो उकसाने वाले हैं और जो गंभीर रूप से भावनाएं भड़का सकते हैं और कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। 

8.     अतः, अब आयोग द्वारा आपको कल सुबह 10.00 बजे तक उपर्युक्त भाषण दिए जाने पर अपना स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया जाता है जिसके विफल रहने पर आपको बिना कोई सूचना दिए आयोग निर्णय करेगा।

 

 

 आदेश से, 

      हस्‍ता/-

                                                                  (राकेश कुमार)

सचिव

 

सेवा में,

श्री दिलीप घोष,

भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष,

पश्चिम बंगाल

 

 

 

 

 

 

11.04.2021 को अपराह्न 2:01:24 बजे से अपराह्न 2:02:04 बजे तक एबीपी न्यूज चैनल पर प्रसारित बारांगर में दिलीप घोष द्वारा दिए गए भाषण की ट्रांसक्रिप्ट

 

इतने सारे शैतान लड़के कहां से आए थे? उन शैतान लड़कों को कल शीतलकुची में गोली मार दी गई। ऐसे शैतान लड़के बंगाल में नजर नहीं आएंगे। यह तो केवल शुरूआत भर है। जो यह सोचते थे कि केंद्रीय बलों की राइफलें केवल दिखाने के लिए हैं, अब गोलियों की ताकत अच्छी तरह से जान चुके हैं। और ऐसा ही पूरे बंगाल में किया जाएगा। जो भी कानून अपने हाथ में लेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी 17 अप्रैल की सुबह अपना वोट डालने के लिए कतार में खड़े होंगे। बूथों पर केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। कोई भी आपको आंख नहीं दिखा सकता। क्योंकि हम यहां पर हैं। और यदि कोई अपनी सीमा लांघता है तो आप देख चुके हैं कि शीतलकुची में क्या हुआ था। ऐसे स्थानों पर शीतलाकुची जैसा हाल किया जाएगा। इसलिए सावधान रहें।

 

 

  

द्वारा अनुवादित

हस्‍ता/-

पदमिनी चक्रवर्ती 

 अनुवादक

 

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