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श्री दिलीप घोष को दिनांक 15 अप्रैल, 2021 को आयोग का आदेश


इस फाइल के बारे में

सं. 437/पश्चिम बंगाल-विधान सभा/2021                   
दिनांकः 15 अप्रैल, 2021

 

आदेश

      यतः, आयोग ने श्री दिलीप घोष, भारतीय जनता पार्टी के राज्यीय अध्यक्ष को पश्चिम बंगाल की विधान सभा के लिए चल रहे साधारण निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए दिनांक 13 अप्रैल, 2021 को नोटिस सं. 437/पश्चि. बंगा.-वि. स./2021 जारी किया था; और 

2.    यतः, आयोग ने दिनांक 14 अप्रैल, 2021 को उपर्युक्त नोटिस का श्री दिलीप घोष से एक उत्तर प्राप्त किया है; और 

3.    यतः, श्री दिलीप घोष ने उपर्युक्त जवाब के साथ-साथ निम्नलिखित प्रस्तुत किया हैः-

क.            वे देश के एक जिम्मेदार नागरिक हैं और माननीय निर्वाचन आयोग का सर्वाधिक सम्मान करते हैं। वह किसी भी अभ्यर्थी पर बिना किसी दुर्भावना, हिंसा या हमले के शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, निष्पक्ष और भेदभाव रहित निर्वाचन के संचालन में दृढ़ विश्वास रखते हैं।

ख.            पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई निर्वाचन संबंधी हिंसा विशिष्ट है। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान इस स्तर की हिंसा भारत के किसी भी अन्य राज्य में नहीं देखी गई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता के कारण ही माननीय आयोग ने मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ कर्मियों को तैनात करना ठीक समझा था, जिससे उन्हें अपने मताधिकार का स्वतंत्रतापूर्वक उपयोग करने की अनुमति मिल सके और निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी हिंसा के हो सके।

ग.             ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा भय और डराने-धमकाने का माहौल बनाया गया है, जिसने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन के संचालन को खतरे में डाल दिया है। राज्यीय दल के अध्यक्ष के रूप में यह उनका सत्यनिष्ठ कर्तव्य था कि वे अपनी दल के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हों और मतदाताओं को बिना किसी डर के मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें। किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जाना चाहिए।

घ.             उनका इरादा कभी भी ऐसा कोई बयान देने का नहीं था जो आदर्श आचार संहिता (एम सी सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम/भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन करता हो। वह हमेशा सतर्क रहे हैं और ऐसा/ऐसे कोई भी बयान देने से परहेज किया है जिससे मतभेद पैदा हो या बढ़े। यह लोकतंत्र की भावना का सबसे अच्छा उदाहरण होगा यदि हम सभी राजनैतिक दलों के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल में हिंसा मुक्त निर्वाचन सुनिश्चित करने में सक्षम हो सकें। उनका बयान केवल उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों को ओर था जो गड़बड़ी पैदा करते हैं तथा कानून और व्यवस्था के रखरखाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।

ङ.             ङ. उपरोक्त के बावजूद, यदि उनकी किसी भी अभिव्यक्ति को एमसीसी के किसी प्रावधान के उल्लंघन के रूप में माना गया है, तो वह सम्मानपूर्वक निवेदन करते हैं कि वह भविष्य में सावधान रहेंगे। उन्हें अपनी टिप्पणी पर खेद है। भारतीय जनता पार्टी और स्वयं उनमें भारत निर्वाचन आयोग जैसे लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए दृढ़ विश्वास और सम्मान है, और वे ईसीआई के किसी भी निर्देश का पालन करेंगे। 

4.    यतः, आयोग ने श्री दिलीप घोष के उत्तर पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और आयोग का यह सुविचारित मत है कि उन्होंने 'राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के साधारण संचालन' के भाग I के खंड (1) और (4) का उल्लंघन किया है और अत्यधिक भड़काऊ और उकसाने वाली टिप्पणी की जो कानून और व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 

5.     अब, इसलिए, आयोग एतद्दवारा श्री दिलीप घोष को सख्त चेतावनी देता है और जब आदर्श आचार संहिता लागू हो तब उस अवधि के दौरान सावर्जनिक बयान देते हुए उन्हें ऐसे वक्तव्य का उपयोग करने से बचने की सलाह देता है तथा दिनांक 15 अप्रैल, 2021 को अपराह्न 7 बजे से दिनांक 16 अप्रैल, 2021 को अपराह्न 7 बजे तक 24 घंटे का प्रतिबंध लगाता है, जिसके दौरान उन्हें (चुनाव) प्रचार की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Edited by ECI

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