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सुश्री सुजाता मंडल खान, एआईटीसी को भारत निर्वाचन आयोग का दिनांक 16.04.2021 का नोटिस


इस फाइल के बारे में

सं. 437/प. बं.-वि.स./2021                               
दिनांकः 16 अप्रैल, 2021

नोटिस

यतः, आयोग द्वारा दिनांक 26 फरवरी, 2021 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./16/2021 के अधीन पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचनों की घोषणा की गई है और आदर्श आचार संहिता के उपबंध निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं; और

2.     यतः, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के 'सामान्य आचरण', भाग I के खंड (1) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि

(1) "कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर घृणा पैदा हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है।" और

3.     यतः, भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के खण्ड 153 (क) (1) (क) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि

153 क. धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधारों पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना, और सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य करना।--------

(1) कोई भी हो--------(क) बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा, या संकेतों द्वारा या दृश्य अभ्यावेदन या अन्यथा धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार के आधारों पर प्रचार करने का प्रयास, जो भी हो, असहमति या विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषा या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच दुश्मनी, घृणा या शत्रुता की भावनाएं; और 

4.     यतः, इसके अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 505 (2) में यह उपबंधित है :

505(2).विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन - जो भी कोई जनश्रुति या संत्रासकारी समाचार अन्तर्विष्ट करने वाले किसी कथन या सूचना, इस आशय से कि, या जिससे यह संभाव्य हो कि, विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर पैदा या संप्रवर्तित हो, को रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा; और 

5.     यतः, आयोग को श्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि सुश्री सुजाता मंडल खान, जो ऑल इंडिया तृणमूल काँग्रेस की नेता है, ने न्यूज 18 बांग्लादेश न्यूज चैनल को साक्षात्कार देते हुए जो मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है, अनुसूचित जाति समुदाय के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी की; और

6.     यतः, जिला निर्वाचन अधिकारी, हुगली से कथित भाषण का प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट भी प्राप्त हुआ है। इस भाषण का प्रासंगिक भाग निम्नानुसार हैः

"----------जैसा कि अनुसूचित जाति के परिवारों में संसाधनों की कमी है।कितनी भी, ममता बंद्योपाध्याय ने उनकी मदद की हो, फिर भी यह कमी नहीं जाएगी।जैसेकि एक कहावत है, कुछ वास्तव में भिखारी होते हैं और अन्य स्वभाव से भिखारी होते हैं।अनुसूचित जातियां यहां स्वभाव से भिखारी हैं, और इसके बावजूद ममता बंद्योपाध्याय ने उनकी इतनी मदद की, फिर भी वे क्षुद्र राशि पर बीजेपी के हाथों बिक गए हैं और अब हमें प्रताड़ित कर रहे हैं।आज मेरे वाहन का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया है और वे मुझे मारने के लिए लाठियों, बंदूकों और बमों के साथ थे और मैं स्पष्ट रूप से यह बता सकती हूं कि वे बीजेपी के समर्थक हैं।उन्हें बीजेपी द्वारा समर्थन और संरक्षण दिया गया है।मैं निश्चित रूप से भारत निर्वाचन आयोग को सूचित करूंगी, और अगर आज भारत निर्वाचन आयोग का कोई नाम है, तो वह तटस्थ होगा, तब मुझे लगेगा कि किसी भी अभ्यर्थी या उसके वाहन पर इस प्रकार का अत्याचार/उत्पीड़न संभव नहीं होगा--------"; और

7.     यतः, सुश्री सुजाता मंडल खान द्वारा दिए गए उपर्युक्त कथन (वक्तव्य), की आयोग में जांच की गई है और यह भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 153क(1) (क) और धारा 505(2) तथा राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए दिशा-निर्देश के लिए आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण के भाग I के खण्ड (1) का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।

8.     अब, इसलिए, आयोग आपको एक अवसर देता है कि इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटों के भीतर कुछ दिनों के लिए स्टार प्रचारक के रूप में अपने स्टेटस को निलंबित करने के लिए नहीं बल्कि उपर्युक्त कथित बयान देते समय अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर आयोग आगे आपको संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा।

आदेश से,

संलग्नकः उपरोक्त।

(मधुसूदन गुप्ता)

सचिव

सेवा में,

सुश्री सुजाता मंडल खान,
ऑल इंडिया तृणमूल काँग्रेस की नेता,
पश्‍चिम बंगाल।

 

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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