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सीईसी श्री सुशील चन्द्रा ने भारतीय राजस्वS सेवा (आईआरएस) के अधिकारी प्रशिक्षुओं के 74वें बैच को सम्बोेधित किया।


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इस फाइल के बारे में

सं. ईसीआई/प्रेस नोट/103/2021                            
दिनांक: 09 दिसम्‍बर, 2021 

 

प्रेस नोट

सीईसी श्री सुशील चन्‍द्रा ने भारतीय राजस्‍व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी प्रशिक्षुओं के 74वें बैच को सम्‍बोधित किया। आईआरएस अधिकारी प्रशिक्षुओं ने आईआईआईडीईएम में कस्‍टमाईज्‍ड प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। 

मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुशील चन्‍द्रा ने आज भारत अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्‍थान, नई दिल्‍ली में भारतीय राजस्‍व सेवा अधिकारी प्रशिक्षुओं (आईआरएस) के 74वें बैच को सम्‍बोधित किया। यह कस्‍टमाईज्‍ड कार्यक्रम 74वें बैच के 61 आईआरएस अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए राष्‍ट्रीय प्रत्‍यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) के सहयोग से आईआईआईडीईएम द्वारा आयोजित, अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण माडयूल है। यह पाठ्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग, इसकी भूमिका एवं कार्यों तथा निर्वाचन प्रक्रिया में आईआरएस अधिकारियों के भावी भूमिका को समझने के लिए एक संक्षिप्‍त विवरण प्रदान करता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रणाली को समझने के लिए अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए कक्षा/ऑनलाइन सत्र तथा फील्‍ड का दौरा होता है। 

केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड से श्रीमती स्मिता झींगरान, प्रधान डीजी, एचआरडी तथा आईआईआईडीईएम, भारत निर्वाचन आयोग एवं एनएडीटी के वरिष्‍ठ अधिकारी परस्‍पर वार्ता के दौरान उपस्थित थे। 

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मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुशील चन्‍द्रा ने युवा अधिकारी प्रशिक्षुओं को सम्‍बोधित करते हुए कहा कि दृढ़  निश्‍चय, प्रतिबद्धता त‍था निष्‍पक्षता, सिविल सेवाओं के सिद्धांत हैं। उन्‍होंने कहा कि सिविल सेवा देश की सेवा करने हेतु आकांक्षाओं को पूरा करने तथा अपनी प्रतिभा का भरपूर  इस्‍तेमाल करने के अवसर के लिए एक व्‍यापक फलक प्रदान करती हैं। सीईसी ने युवाओं को उत्‍कृष्‍टता को एक आदत बनाने और ईमानदारी तथा निष्‍पकटता के साथ राष्‍ट्र की सेवा करने की सलाह दी। उन्‍होंने अधिकारी प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे करदाताओं के प्रति अधिकाधिक मित्रवत व्‍यवहार करें और कर चोरों के साथ सख्‍ती से पेश आएं। 

सीबीडीटी अध्‍यक्ष के रूप में की गई पहलों को याद करते हुए उन्‍होंने सु-शासन के लिए सर्वांगी परिवर्तन शुरू करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों द्वारा नाम-निर्देशन पत्रों के साथ जमा किए जाने वाले संपत्तियों और देनदारियों के सभी विवरण की घोषणा के लिए एक प्रारूप के रूप में वर्ष 2018 में प्रपत्र 26 में किए गए व्‍यापक संशोधन की निर्णायक भूमिका का उल्‍लेख किया। 

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अधिकारियों को सम्‍बोधित करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री चन्‍द्रा ने कहा कि आईआरएस अधिकारी प्रशिक्षुओं का यह बैच किसी भी समूह सेवा का दूसरा ऐसा बैच है जिसे बैच के परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के एक अभिन्‍न भाग के रूप में निर्वाचन प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि आईआरएस अधिकारी, व्‍यय अनुवीक्षण, वित्‍त तथा लेखा प्रक्रिया में अपने गहन ज्ञान के कारण भारत निर्वाचन आयोग की व्‍यय अनुवीक्षण प्रक्रिया के लिए एक परिसंपति साबित हुए हैं। 

निर्वाचनों के दौरान व्‍यय अनुवीक्षण की महत्‍ता को स्‍वीकार करते हुए, श्री चंद्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग देश में स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष तथा प्रलोभन मुक्‍त निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि व्‍यय प्रेक्षकों के रूप में अनेक आईआरएस अधिकारी यह सुनिश्चित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि धनबल की वजह से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों में एक समान अवसर की उपलब्‍धता बाधित न हो। विशेष व्‍यय प्रेक्षकों को नियुक्‍त करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि हाल के कुछ निर्वाचनों को वास्‍तव में वरिष्‍ठ आईआरएस अधिकारियों द्वारा निभाई गई सतर्क भूमिका के कारण ही रद्द कर दिया गया है। श्री चंद्रा ने युवा अधिकारियों से कहा कि वे अपने कर्तव्‍यों का ईमानदारी से निर्वहन करें ताकि वे भी एक अनुकरणीय भूमिका निभा सकें और स्‍वतंत्र, निष्‍पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन सुनिश्चित करने में अपनी सुविज्ञता का योगदान दे सकें।

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सीईसी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल तथा पुदुचेरी में आयोजित हाल ही के विधान सभा निर्वाचनों में प्रभावी अनुवीक्षण के परिणामस्‍वरूप रिकार्ड जब्तियां हुई हैं। अधिकारियों के समन्वित प्रयासों तथा कड़ी निगरानी के परिणामस्‍वरूप, वर्ष 2021 में जब्तियों में भारी वृद्धि हुई, जो कि वर्ष 2016 में इन राज्‍यों में आयोजित पिछले निर्वाचनों में हुई जब्‍ती के आंकड़ों से 4.5 गुना से भी अधिक थी। श्री चंद्रा ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग के साथ आईआरएस अधिकारियों की बढ़ती हुई सहभागिता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थियों द्वारा दायर किए गए शपथपत्रों में मिथ्‍या वचनों की जांच और राजनीतिक दलों के योगदान एवं वार्षिक रिपोर्टों के विश्‍लेषण से संबंधित लम्बित मामलों में तेजी लाने के लिए इस वर्ष सीबीडीटी द्वारा एक अलग निर्वाचन प्रकोष्‍ठ बनाया गया है।

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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