इस फाइल के बारे में
सं. डीसी/पीएन/3/2021
दिनांकः 20.12.2021
प्रेस नोट
आज, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्रीमती रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयुक्त, जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की गरिमामय उपस्थिति में सभी पांच सहयोगी सदस्यों- डॉ फारूक अब्दुल्ला, सांसद, डॉ जितेंद्र सिंह, सांसद, श्री मोहम्मद अकबर लोन, सांसद, श्री हसनैन मसूदी, सांसद, श्री जुगल किशोर शर्मा, सांसद से तथा अपनी दूसरी बैठक में जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के प्रयोजनों के लिए एसोसिएट सदस्यों के साथ मुलाकात की। इस तरह की पहली बैठक 18 फरवरी, 2021 को हुई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र भी इस बैठक में शामिल हुए थे।
अध्यक्ष ने बैठक में आगे आने के लिए सहयोगी सदस्यों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि यह बैठक परिसीमन के कार्य को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अपनी टिप्पणी में अपनी यात्रा के दौरान जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में लोगों के साथ बातचीत में आयोग के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिसीमन का कार्य समग्र वैधानिक ढांचे के भीतर और जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। उन्होंने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 60(2)(ख) के साथ पठित परिसीमन अधिनियम, 2002 की धारा 9(1)(क) पर प्रकाश डाला, जो निर्दिष्ट करती है कि सभी निर्वाचन क्षेत्र, जहां तक संभव हो, भौगोलिक दृष्टि से सघन क्षेत्र होंगे, तथा भौतिक सुविधाओं, प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाओं, संचार की सुविधाओं और सार्वजनिक सुविधाओं को महत्व दिया जाना होगा।
एसोसिएट सदस्यों ने इस तथ्य की सराहना की कि इस आयोग ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र का दौरा किया और बड़ी संख्या में लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि परिसीमन के कार्य में सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
श्री चंद्र भूषण कुमार, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त ने किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि संघ राज्य क्षेत्र में पिछले परिसीमन के बाद से जिलों की संख्या 12 से 20 और तहसीलों की संख्या 52 से बढ़कर 207 तक बढ़ गई है। संघ राज्य क्षेत्र के जिलों में जनसंख्या घनत्व किश्तवाड़ में 29 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से लेकर श्रीनगर में 3436 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. तक अलग-अलग है। संघ राज्य क्षेत्र में, प्रशासन विशिष्ट क्षेत्रों में काम करने वाले सरकारी अधिकारियों को दुर्गम स्थानों, इसकी पहुंच, गंभीर खराब मौसमी परिस्थितियां, शेष राज्य (अब संघ राज्य क्षेत्र) से हटकर कुछ समय की अवधि के लिए कटे रहना, चिकित्सा, शैक्षिक, आवासीय और जीवन की अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी और घोर अपर्याप्तता, इसके स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों और जीवन की इसी तरह की अन्य कठोर परिस्थितियों के लिए प्रतिपूरक भत्ता आवंटित करता रहा है। संघ राज्य क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और उन स्थानों में, निवासियों को लगातार दुर्गम और रहन-सहन की अनिश्चित परिस्थितियों के कारण बंकरों में आश्रय लेने के लिए मजबूर है।
इसके बाद, आयोग ने बताया कि इन सभी को ध्यान में रखते हुए, परिसीमन आयोग ने इन जिलों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के आवंटन का प्रस्ताव करते हुए सभी 20 जिलों को तीन व्यापक श्रेणियों ए, बी और सी में वर्गीकृत किया है, जिसमें प्रति विधानसभा क्षेत्र (एसी) की औसत जनसंख्या का +/- 10% का मार्जिन दिया गया है। आयोग ने, कुछ जिलों के लिए, एक अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव रखा है ताकि अपर्याप्त संचार वाले भौगोलिक क्षेत्रों और उनकी अत्यधिक दुर्गमता या अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दुर्गम परिस्थितियों के कारण सार्वजनिक सुविधाओं की कमी के प्रतिनिधित्व को संतुलित किया जा सके। जम्मू-कश्मीर में पहली बार जनसंख्या के आधार पर 90 सीटों में से 9 (नौ) सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जातियों के लिए सात सीटें प्रस्तावित हैं।
आयोग ने पेपर-1 साझा किया, जिसमें 31.12.2021 तक अपने विचार/टिप्पणियां/सुझाव प्रस्तुत करने के अनुरोध के साथ सभी सदस्यों के साथ जिलों के स्तर पर प्रस्तावित सीट आवंटन का वर्णन किया गया था।
अध्यक्ष को धन्यवाद देने के साथ बैठक समाप्त हुई।