इस फाइल के बारे में
सं.56/राजनैतिक दल/पीपीएस-।।।/2021
दिनांक: 20 जून, 2022
आदेश
आयोग के दिनांक 25.05.2022 के आदेश के क्रम में आगे यह निर्णय लिया गया है कि उन 111 रजिस्ट्रीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों को सूची से हटा दिया जाए जिनके संबंध में संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने आयोग के दिनांक 26.05.2022 के अर्धशासकीय पत्र और दिनांक 27.11.2019 के आयोग के पत्र के अनुपालन में डाक प्राधिकारियों द्वारा दी गई टिप्पणी के आधार पर अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं।
यत:, भारत के व्यक्तिगत नागरिकों की संस्था/निकाय का एक राजनैतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29क के उपबंधों द्वारा शासित है; और
यत: उपर्युक्त धारा 29क के तहत निर्वाचन आयोग में किसी संस्था के एक राजनैतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन के प्रयोजन का उल्लेख उसी धारा में किया गया है नामत: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रयोजनों के लिए उक्त धारा के उपबंधों का लाभ उठाना, जिसका अर्थ उक्त अधिनियम के तहत आयोग द्वारा संचालित निर्वाचनों में भाग लेना है; और
यत:, इन 111 रजिस्ट्रीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के पते, धारा 29क(4) के तहत रजिस्ट्रीकरण अपेक्षा के रूप में सांविधिक रूप से अपेक्षित थे। पते में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की सूचना धारा 29क(9) के तहत भारत निर्वाचन आयोग को देनी अपेक्षित थी, जिसका उन्होंने अनुपालन नहीं किया है। इन सभी रजिस्ट्रीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों का अस्तित्व नहीं पाया गया है चाहे संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा इनका वास्तविक सत्यापन किया गया हो अथवा संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा इन दलों के रजिस्टर्ड पतों पर भेजे गए अवितरित पत्रों के संबंध में डाक प्राधिकारियों द्वारा दी गई टिप्पणी के आधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हो। अत: अब, इस मामले के सभी संबद्ध तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, और भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29क के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग ने उक्त धारा 29क और निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश, 1968 के पैरा 17 के तहत आयोग द्वारा अनुरक्षित रजिस्ट्रीकृत राजनैतिक दलों की सूची से इन रजिस्ट्रीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के नाम हटा दिए हैं। इससे व्यथित कोई भी दल, राजनैतिक दल के अस्तिव में होने के सभी साक्ष्यों, वर्षवार वार्षिक अंकेक्षित लेखों सहित अन्य विधिक एवं विनियामक अनुपालनों, अंशदान रिपोर्ट, व्यय रिपोर्ट, वित्तीय लेन-देन (बैंक खाते सहित) के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं सहित अद्यतित पदाधिकारियों के विवरण के साथ इस आदेश के जारी होने के 30 दिनों के भीतर संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी/निर्वाचन आयोग से संपर्क करें। ऐसे रजिस्ट्रीकृत अमान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों की पृथक्कृत सूची, मौजूदा विधिक फ्रेमवर्क के तहत अपेक्षित कार्रवाई हेतु संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और सीबीडीटी को भेजी जाएगी।