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भारत निर्वाचन आयोग ने अपने दिनांक 29 मार्च, 2023 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/24/2023 के द्वारा कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उसी तारीख से लागू हो गए हैं


ECI-IT Team
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इस फाइल के बारे में

 

सं. 437/केटी-एलए/2023                                                

 दिनांकः 03 मई, 2023

 

नोटिस

 

       यतः, भारत निर्वाचन आयोग ने अपने दिनांक 29 मार्च, 2023 के प्रेस नोट सं. ईसीआई/पीएन/24/2023 के द्वारा कर्नाटक विधान सभा के साधारण निर्वाचन की घोषणा की है और राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध उसी तारीख से लागू हो गए हैं; और

 

       यतः, राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता उपबंधित करती है कि:-

(क)  खंड 3.8.2 (ii) निर्दिष्ट करता है कि "किसी भी व्यक्ति को ऐसी किसी गतिविधि में लिप्त नहीं होना चाहिए या ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन पर आक्रमण करने के समान हो या ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जो दुर्भावनापूर्ण हो या जिससे शालीनता एवं नैतिकता का हनन होता हो।"

(ख)  खंड 4.3.1 विनिर्दिष्ट करता है कि "राजनीतिक दल और अभ्यर्थी निजी जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचेंगे, जो अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से नहीं जुड़ा है। इस में यह भी प्रावधान है कि कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ाए या आपसी घृणा पैदा करे या तनाव पैदा करे।"

(ग)   खंड 4.3.2 में विनिर्दिष्ट है कि "निर्वाचन अभियान के उच्च स्तर बनाए रखे जाएं।"

(घ)   खंड 4.3.2 (ii) में विनिर्दिष्ट है कि "निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक संवाद के गिरते स्तर पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए, राजनीतिक दलों को नोटिस दिया कि आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन किए जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है।"

 

यतः, आयोग को श्री पीयूश गोयल, श्री अनिल बलुनी और श्री ओम पाठक, बीजेपी से दिनांक 2 मई, 2023 की एक शिकायत प्राप्त हुई है (प्रति संलग्न) कि आपने 30 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक के "कलबुर्गी" में एक जनसभा में एक वक्तव्य दिया है, जिसमें आपने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है।

 

       यतः, आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के आलोक में उक्त भाषण की वीडियो की जांच की गई थी और इसके निम्नलिखित भाग को उपर्युक्त आदर्श आचार संहिता के उपबंध का उल्लंघन करने वाला पाया गया है-

 

       "ऐसा नालायक बेटा बैठा तो कैसा होता भाई? घर कैसे चलेगा?"

 

       यतः, प्रथम दृष्टया आयोग का मत है कि आपने उक्त बयान देकर आदर्श आचार संहिता के उपर्युक्त उपबंध का उल्लंघन किया है;

       अतः, अब आपको एतद्द्वारा दिनांक 04.05.2023 को सायं 5.00 बजे तक कारण बताने के लिए कहा जाता है कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए आपके विरुद्ध उपयुक्त कार्रवाई क्यों न की जाए?

 

       ध्यान दें कि निर्धारित समय के भीतर यदि आपकी ओर से कोई उत्तर नहीं मिलता तो यह मान लिया जाएगा कि इस मामले में आपको कुछ नहीं कहना है और आपको आगे सूचित किए बिना भारत निर्वाचन आयोग इस मामले में उपयुक्त कार्रवाई अथवा निर्णय करेगा।

 

 

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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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