इस फाइल के बारे में
सं. ईसीआई/पीएन/44/2023 दिनांक: 19 जुलाई, 2023 निर्वाचन आयोग ने असम के लिए परिसीमन प्रस्ताव पर गुवाहाटी में लोक सुनवाई प्रारंभ की |
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भारत निर्वाचन आयोग ने असम के लिए परिसीमन प्रस्ताव पर गुवाहाटी में आज लोक सुनवाई प्रारंभ की। आयोग, जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार और दोनों निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय एवं श्री अरूण गोयल शामिल हैं, राजनैतिक दलों, नागरिक समाज संगठनों और समाज के अन्य वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ तीन दिनों से भी अधिक समय से शुक्रवार तक सुनवाई कर रहे हैं।
जून, 2023 में प्रस्ताव के प्रकाशित होने के बाद, इस महीने की 11 तारीख तक सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं। इस अवधि के दौरान 780 से भी अधिक अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। लोक सुनवाई परिसीमन की प्रक्रिया के दौरान आयोग द्वारा परामर्श प्राप्त करने के लिए की जाने वाली कवायद का हिस्सा है।
जिलावार सार्वजनिक बैठकों एवं राजनैतिक दलों के साथ बैठक का कार्यक्रम:
दिनांक |
बैठक का कार्यक्रम - जिलावार और राजनैतिक दलों के साथ |
प्राप्त किए गए अभ्यावेदन |
19.07.2023 (2 बजे अपराह्न) |
कामरूप (एम), पश्चिम करबी अंगलोंग, चिरांग, बक्सा, दीमा हासो, कामरूप, कोकराझार, उदालगुड़ी, करबी अंगलोंग एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों |
270+ |
20.07.2023 (9:30 बजे पूर्वाह्न) |
गोलपारा, बोंगाईगांव, बारपेटा, नलबाड़ी, सोनितपुर, करीमगंज, दारंग, हेलाकंडी, काचर, दक्षिण सालमारा, नगांव, मोरीगांव और धुबरी |
400+ |
20.07.2023 (3:30 बजे अपराह्न) |
राष्ट्रीय और राज्यीय राजनैतिक दलों |
06 |
21.07.2023 (9:30 बजे पूर्वाह्न) |
तिनसुकिया, धेमाजी, लखिमपुर, सिबसागर, जोरहाट, डिब्रुगढ़, चराईदेव, गोलाघाट और माजुली |
95+ |
परिसीमन प्रस्ताव लोक सभा में सीटों की संख्या 14 और विधान सभा में सीटों की संख्या 126 को बनाए रखना चाहता है। अनुसूचित जनजातियों के लिए राज्य विधान सभा के 126 सीटों में से 19 सीटें आबंटित करने का प्रस्ताव है और लोक सभा के 14 सीटों में से 2 सीटें आबंटित करने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जातियों के लिए विधान सभा में 09 सीटें और लोक सभा में 1 सीट आबंटित करने का प्रस्ताव है।
परिसीमन प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले आयोग ने मार्च, 2023 में गुवाहाटी का दौरा किया था। उस समय के परामर्शों के दौरान, 11 राजनैतिक दलों और 71 संगठनों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे। असम में पिछली परिसीमन प्रक्रिया वर्ष 1976 में पूरी की गई थी।