इस फाइल के बारे में
सं. ईसीआई/प्रे.नो./27/2019 दिनांक: 14 मार्च, 2019
प्रेस नोट
विषय: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी निर्वाचनों हेतु सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों को ब्रीफ करने के लिए पूर्ण दिवसीय सत्र आयोजित करना।
भारत निर्वाचन आयोग ने आज लोक सभा और चार राज्यों की विधान सभा के आगामी निर्वाचनों की तैयारी के रूप में निर्वाचन होने वाले राज्यों में तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों हेतु पहला ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया। आईएएस, आईपीएस अधिकारियों तथा साथ ही भारतीय राजस्व सेवा और कुछ अन्य केन्द्रीय सेवाओं से लिए गए 1800 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने इस ब्रीफिंग बैठक में भाग लिया। इन अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में तैनात किया जा रहा है।
प्रेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण करवाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने इंगित किया कि अधिकारियों को निष्ठावान होने की आवश्यकता है और उनके पास कोई विकल्प नहीं होना चाहिए सिवाय इसके कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई गलती न की जाए। श्री अरोड़ा ने स्मरण किया कि हाल ही में आयोजित राज्य निर्वाचनों में ईवीएम-वीवीपीएटी हेतु निर्धारित प्रोटोकाल का अनुसरण करने में चूक की घटनाओं या निर्वाचक नामावली से कुछ नामों के छूट जाने अथवा मतों की गणना में देरी का प्रतिशत नगण्य रहा है और पृष्ठभूमि में रहकर सभी अच्छा कार्य चलता रहा। उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाया कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की आधारशिला के रूप में कार्य करने के लिए वर्ष 1950 से एक विशिष्ट संस्था के रूप में संस्थापित, भारत निर्वाचन आयोग विभिन्न कार्यक्षेत्रों के अधिकारियों को इसमें सम्मिलित करता रहा है जो सुपरिभाषित कर्तव्यों के अनुसार निर्वाचनों के संचालन में मदद करते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इस बात पर बल दिया कि निर्वाचन प्रक्रिया का पालन करते समय अधिकारी प्रेक्षक के रूप में भारी कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं और आयोग यह देखता है कि ये अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उन्हें विनिर्दिष्ट कर्तव्यों का वे ईमानदारी से निर्वहन करें। श्री अरोड़ा ने नोट किया कि बदलते हुए समय में धनबल और साथ ही सोशल मीडिया के दुरूपयोग के बारे में सरोकार, नई चुनौतियों के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का प्रयास न केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन अपितु पारदर्शी, निष्पक्ष और नैतिक निर्वाचन भी आयोजित करवाना है।
निर्वाचन आयुक्त, श्री अशोक लवासा ने समूह को स्मरण करवाया कि प्रेक्षक के रूप में उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ईसीआई के सभी अनुदेशों का अक्षरश: कार्यान्वयन हो। श्री लवासा ने उल्लेख किया कि हाल ही में आरंभ किए गए सी-विजिल ऐप ने आयोग की सहायता करने के लिए प्रत्येक नागरिक को सशक्त किया है ताकि वे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में अपनी आंखे खुली रखते हुए सतर्क रहें। परन्तु इस ऐप की उपलब्धता ने अपने आप ही निर्वाचन तंत्र का प्रबंधन और निरीक्षण करने वाले अधिकारियों पर और अधिक जिम्मेदारी डाल दी है। उन्होंने इस संबंध में पुन: उल्लेख किया कि प्रेक्षकों को जमीनी स्तर पर सभी स्टेकहोल्डरों के लिए सुलभ और उपलब्ध रहने की आवश्यकता है क्योंकि ये अधिकारी पूरी तरह से ईसीआई का अभिवृद्धित अंग होते हैं।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चन्द्रा ने अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि प्रेक्षक के रूप में उनकी भूमिका आयोग की आंख और कान बनना है ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने में सभी निवारक उपाय किए जा सकें। उन्होंने इंगित किया कि व्यय प्रेक्षकों की भूमिका तब और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है जब मतदाताओं को प्रलोभित करने के तरीके भी बहुत अभिनव हों।
दिनभर के ब्रीफिंग सत्र के दौरान अधिकारियों को ईसीआई के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, उप निर्वाचन आयुक्तों और महानिदेशकों द्वारा निर्वाचन प्रबंधन के विभिन पहलुओं के बारे में व्यापक और गहन इनपुट दिए गए। निर्वाचन योजना, प्रेक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियां, निर्वाचक नामावलियों से सम्बन्धित मुद्दों, आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन, विधिक प्रावधानों, ईवीएम/वीवीपीएटी प्रबंधन, मीडिया सहयोग और आयोग के अग्रगामी कार्यक्रम स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचक सहभागिता) के अधीन चल रहे मतदाता सुविधा सम्बन्धी कार्यकलापों पर विस्तृत विषयक प्रस्तुतीकरण दिए गए। प्रेक्षकों को निर्वाचन प्रक्रिया के प्रभावी और कुशल प्रबंधन तथा मतदाता सुविधा हेतु आयोग द्वारा इस क्षेत्र में आरंभ की गई विभिन्न आईटी पहल और मोबाइल एप्लीकेशनों से परिचित करवाया गया। प्रेक्षकों को ईवीएम और वीवीपीएटी का कार्यात्मक प्रदर्शन किया गया और उन्हें बहुआयामी तकनीकी सुरक्षा विशिष्टियों, प्रशासनिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियात्मक सुरक्षापाय, जो ईवीएम ईको-सिस्टम को पूर्णत: सुरक्षित, मजबूत, विश्वसनीय, छेड़छाड़ रहित और प्रामाणिक बनाते हैं, सम्बन्धी लक्षणों के बारे में ब्रीफ किया गया।
निर्वाचन प्रबंधन के विभिन्न विषयों पर सभी विषयक प्रस्तुतीकरणों के संकलन, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्रोफाइल और राष्ट्रीय निर्वाचन प्लानर और निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण पर अनुदेशों का सार-संग्रह, जैसे व्यापक प्रकाशनों का आयोग द्वारा अनावरण किया गया जिन्हें प्रेक्षकों को उपलब्ध करवाया गया ताकि उनके काम में आसानी हो सके।
भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार एक नया मोबाइल ऐप ‘ऑब्ज़र्वर ऐप’ शुरू किया है। इस ऐप का प्रयोग करते हुए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षक सुरक्षित तरीके से अपनी प्रेक्षक रिपोर्ट ईसीआई को प्रस्तुत कर सकते हैं जिससे वे मोबाइल ऐप से सुसंगत दस्तावेजों को अपलोड कर सकते हैं। प्रेक्षक ड्यूटी पर रहते हुए सभी महत्वपूर्ण अधिसूचनाएं, एलर्ट और तत्काल संदेश, इस ऐप पर प्राप्त करेंगे। यह प्रेक्षकों को उनकी तैनाती की स्थिति, पहचान पत्र डाउनलोड करने और प्रोफाइल अपडेट करने में सुविधा प्रदान करेगा। चूंकि, प्रेक्षक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन सम्बन्धी मामलों के रियल-टाइम निष्पादन में पूरी तरह से शामिल रहेंगे इसलिए सी-विजिल ऐप उनके क्षेत्राधिकार में इन सभी मामलों को देखने में मदद करेगा। उड़न दस्तों द्वारा मामले की जांच कर लेने के पश्चात, प्रेक्षक लिखित टिप्पणी कर सकते हैं। निर्वाचन की संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान प्रेक्षक ईसीआई के साथ प्रतिनियुक्ति पर होते हैं।
What's New in Version Friday 26 April 2019 11:15
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