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अगले पांच वर्षों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श करने हेतु देशभर के स्वीप नोडल अधिकारियों का सम्मेलन।


इस फाइल के बारे में

सं.ईसीआई/प्रेस नोट/64/2019
दिनांक: 13 जून, 2019

प्रेस नोट

विषय: अगले पांच वर्षों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श करने हेतु देशभर के स्वीप नोडल अधिकारियों का सम्मेलन।

लोक सभा निर्वाचन, 2019 के दौरान आउटरीच कार्यक्रमों की कार्यनीति और कार्यान्वयन की समीक्षा करने और अगले 5 वर्षों के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 10-11 जून, 2019 को गुरूग्राम में टैरी रीट्रीट में स्वीप नोडल अधिकारियों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। 

11 जून को समापन सत्र में, निर्वाचन आयुक्त, श्री अशोक लवासा ने ऐतिहासिक मतदान प्रतिशत, भागीदारी में सबसे कम लैंगिक अंतर और निर्वाचनों को सुगम बनाने के लिए व्यवस्थित प्रयासों के लिए बधाई देते हुए 36 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों के स्वीप नोडल अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सच्ची भावना से और क्या किया जा सकता था, पर आत्मनिरीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे सरोकार वाले क्षेत्रों की पहचान करें और कम भागीदारी वाले क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करें ताकि कम भागीदारी के कारणों को बेहतर रूप से समझा जा सके। 18-19 वर्ष के नए पात्र मतदाताओं के बीच पंजीकरण में अंतर और पंजीकृत आबादी के 32% के बीच भागीदारी अंतर को चिह्नित करते हुए, श्री लवासा ने कहा कि निर्वाचन आयोग को वृद्धिशील प्रगति से आगे जाने और छलांग लगाने के बारे में सोचना होगा जिसके लिए शायद निर्वाचन प्रबंधन के कई पहलुओं में बड़े बदलाव करने की जरूरत है। श्री लवासा ने अधिकारियों से कहा कि वे निर्वाचन तंत्र से बाहर के लोगों से मिलें ताकि नए विचार प्राप्त हो सकें और उन्हें शामिल किया जा सके। 

इससे पहले, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, श्री उमेश सिन्हा ने निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को ऐसी दक्षता प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए जहां किसी निर्वाचक को पंजीकृत करने के लिए कम समय लगे और पंजीकृत निर्वाचक के लिए अपना वोट डालने की पूरी प्रक्रिया आसान बने और नागरिकों के लिए सुविधा हो सके। श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि मतदाताओं की संख्या के साथ-साथ, निर्वाचन सहभागिता की गुणवत्ता में सुधार लाने पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। 

देशभर के स्वीप नोडल अधिकारी राज्यों के अनुभवों, सामना की गई चुनौतियों, अच्छी पद्धतियों के साथ-साथ मामला अध्ययन पर जानकारी साझा करने के लिए पहले दिन एकत्रित हुए। सम्मेलन के दूसरे दिन, अधिकारियों ने 6 विषयों अर्थात् महत्वपूर्ण अंतर, सुगम निर्वाचन, युवा एवं लिंग, निर्वाचक साक्षरता क्लब, सहभागिता और स्वयंसेवक और सोशल मीडिया का उपयोग और स्वीप के अगले चरण के लिए नीति तैयार की। सुबह को सोशल मीडिया पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया कि ट्विटर और इंस्टाग्राम पर मतदाताओं को प्रभावी ढंग से कैसे जोड़ा जाए।  

सम्मेलन के दौरान तैयार किए गए सभी बिंदुओं पर स्वीप कार्यक्रम के चरण IV का और आगे विस्तार करने के लिए आगे काम किया जाएगा  जो वर्ष 2020-2024 को कवर करेगा।

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