इस फाइल के बारे में
विषय: बिहार, ओडिशा और गुजरात से राज्य सभा के उप निर्वाचन – तत्संबंधी।
राज्य सभा में नीचे दिए गए कारणों की वजह से बिहार, गुजरात और ओडिशा से छह आकस्मिक रिक्तियां हैं :
क्रम सं |
राज्य |
सदस्य का नाम |
रिक्ति का कारण |
कार्यकाल की अवधि |
1. |
बिहार |
रवि शंकर प्रसाद |
23.5.2019 को 17 वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित |
2.4.2024 |
2. |
गुजरात |
शाह अमितभाई अनिलचंद्र |
23.5.2019 को 17वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित |
18.8.2023 |
3. |
स्मृति ज़ुबिन ईरानी |
24.5.2019 को 17वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित |
18.8.2023 |
|
4. |
ओडिशा |
अच्युतानन्द सामंता |
24.5.2019 को 17वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित |
3.4.2024 |
5. |
प्रताप केशरी देब |
ओडिशा विधान सभा के लिए निर्वाचित। 9.6.2019 को सीट रिक्त हो गयी |
1.7.2022 |
|
6. |
सौम्य रंजन पटनाईक |
6.6.2019 को त्यागपत्र दिया |
3.4.2024 |
आयोग ने प्रत्येक रिक्त पद के लिए निम्नलिखित अनुसूची के अनुसार उपर्युक्त रिक्तियों को भरने के लिए उपर्युक्त राज्यों से राज्य सभा के लिए उप-निर्वाचन का संचालन करने का निर्णय लिया है –
क्रम सं |
कार्यक्रम |
दिनांक एवं दिन |
1. |
अधिसूचना जारी करना |
18 जून , 2019 (मंगलवार) |
2. |
नाम-निर्देशन करने की अंतिम तिथि |
25 जून, 2019 (मंगलवार) |
3. |
नाम-निर्देशनों की संवीक्षा |
26 जून , 2019 (बुधवार) |
4. |
अभ्यर्थिताएं वापिस लेने की अंतिम तिथि |
28 जून, 2019 (शुक्रवार) |
5. |
मतदान की तिथि |
5 जुलाई , 2019 (शुक्रवार) |
6. |
मतदान का समय |
पूर्वाह्न 9:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक |
7. |
मतगणना |
5 जुलाई, 2019 (शुक्रवार) अपराह्न 5:00 बजे से |
8. |
वह तारीख जिससे पूर्व निर्वाचन सम्पन्न कर लिया जाएगा |
9 जुलाई, 2019 ( मंगलवार) |
यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राज्य सभा सहित सभी सदनों के उप-निर्वाचनों की रिक्तियों को अलग रिक्तियों के रूप में माना जाता है और अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की जाती हैं और प्रत्येक रिक्ति के लिए अलग- अलग मतदान होता है, हालाँकि उप-निर्वाचनों के लिए कार्यक्रम अनुसूची एकसमान हो सकती है। यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, की धारा 147 से 151 के प्रावधानों के अनुरूप है, और ऐसे मामलों में यह आयोग की निरंतर कवायद रही है। वर्ष 1994 की सिविल रिट याचिका सं. 132 (ए.के. वालिया बनाम भारत सरकार और अन्य) और वर्ष 2006 की रिट याचिका सं.9357 (सत्यपाल मलिक बनाम भारत निर्वाचन आयोग) में माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा क्रमश: दिनांक 14.1.1994 एवम् 20.01.2009 को दिए गए अपने निर्णय में अलग-अलग निर्वाचनों को उचित ठहराया गया है।