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  • माननीय आयोग

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      श्री राजीव कुमार
      मुख्य निर्वाचन आयुक्त
       
      1 सितंबर, 2020 से भारत निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यरत श्री राजीव कुमार ने 15 मई, 2022 को 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपना पदभार संभाला। निर्वाचन आयोग में पदभार संभालने से पहले, श्री राजीव कुमार सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष थे। बिहार/झारखंड कैडर के 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री राजीव कुमार फरवरी, 2020 में अधिवर्षिता पर सेवानिवृत्त हुए थे।
      19 फरवरी 1960 को जन्मे और बीएससी, एलएलबी, पीजीडीएम और लोक नीति एवं संधारणीयता में कला निष्‍णात (एमए) की शैक्षिक उपाधियां प्राप्त करने वाले, श्री राजीव कुमार के पास केन्‍द्र और राज्य में विभिन्न मंत्रालयों में सामाजिक क्षेत्र, पर्यावरण और वन, मानव संसाधन, वित्त एवं बैंकिंग क्षेत्र में 36 वर्ष से अधिक समय तक काम करने का व्‍यापक अनुभव है।
      निर्वाचन आयुक्त के रूप में इनके कार्यकाल के दौरान कोविड के मुश्किल दौर में वर्ष 2020 में बिहार विधान सभा, मार्च-अप्रैल 2021 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल राज्‍यों की विधान सभाओं और हाल-फिलहाल वर्ष 2022 की शुरुआत में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्‍तराखंड और उत्‍तर प्रदेश राज्‍यों में चुनाव आयोजित करवाए गए।
      भारत सरकार के वित्त सचिव-सह-सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग (सितम्बर 2017 - फरवरी 2020) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्री कुमार ने वित्तीय सेवाएं क्षेत्र को नेतृत्‍व प्रदान किया और, अन्य बातों के साथ साथ, बैंकिंग, बीमा और पेंशन क्षेत्र में प्रमुख पहल/सुधार लागू करने में योगदान किया। श्री कुमार ने वित्‍तीय क्षेत्र में बैंकों के बडे पैमाने पर विलयनों एवं अधिग्रहणों की परिकल्‍पना एवं कार्यान्‍वयन में भी योगदान किया। इन्‍होंने 2.11 लाख करोड रुपए इतनी बडी धनराशि से सरकारी क्षेत्र के बैंकों के लिए अभूतपूर्व पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम की योजना बनाई और उसे लागू किया ताकि सरकारी क्षेत्र के पास पर्याप्‍त पूंजी बनी रहे और डिफॉल्‍ट से बचा जा सके। इन्‍हें बैंकिंग क्षेत्र की कायापलट करने और बहुत कम समय में यह स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है कि उधारदाता और उधार प्राप्‍तकर्ता ऋण के विवेकपूर्ण मानदंडों का अनुपालन करें। काले धन के प्रचलन पर बहुस्‍तरीय तरीके से अंकुश लगाने के लिए श्री राजीव कुमार ने बनावटी इक्विटी तैयार करने के लिए प्रयुक्‍त ~3.38 लाख शेल कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगा दी थी। इनके द्वारा राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को भी सुचारू बनाया गया, जिससे केन्‍द्र सरकार के अनिवार्य अंशदान में बढोतरी किए जाने के सहित, केन्‍द्र सरकार के लगभग 18 लाख कार्मिक को फायदा पहुंचा।
       
       
      श्री कुमार पारदर्शिता लाने, सूचना के क्रय-‍विक्रय पर रोक लगाने और प्रौद्योगिक अनुप्रयोगों के इस्‍तेमाल करने और/या जहां कहीं भी जरूरत हो, कानून या मौजूदा नीतिगत व्‍यवस्‍था में संशोधन करने के माध्‍यम से समाज के संवेदनशील वर्गों की रक्षा करने के प्रबल पक्षधर रहे हैं। इस दिशा में की गई कुछ पहल में निर्धन जमाकर्ताओं को निहायत ही जरूरी सुरक्षा प्रदान करने और अवैध निक्षेप (जमा) संग्रहण स्‍कीमों के संकट से निपटने के लिए अविनियमित निक्षेप स्‍कीम पाबंदी अधिनियम, 2019 पारित करवाना;  पीएमसी बैंक मामला जैसे कदाचारों से बचने के लिए बहुराज्‍यीय सहकारिता बैंकों के ऊपर भारतीय रिजर्व बैंक की विनियामकीय शक्तियों को सशक्‍त करने के लिए बैंककारी विनियमन अधिनियम में संशोधन, शामिल हैं। 
      श्री राजीव कुमार भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, नाबार्ड के केन्‍द्रीय बोर्ड में निदेशक; सदस्य, आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी); सदस्य, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी); सदस्य, बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी); सदस्य, वित्तीय क्षेत्र विनियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएसीएस); सदस्य, सिविल सेवा बोर्ड के साथ-साथ कई अन्य ऐसे बोर्डों और समितियों के सदस्‍य रहे हैं।
      श्री कुमार 2014 से 2017 तक स्थापना अधिकारी, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग भी रहे हैं और उससे पहले व्‍यय विभाग में संयुक्त सचिव थे। इन्‍होंने भारत सरकार में वरिष्‍ठ स्‍तर की नियुक्तियों में सत्‍यनिष्‍ठा और ईमानदारी को प्रोत्‍साहित करने के लिए पारदर्शी कार्मिक प्रबंधन का सूत्रपात किया। आप नीति आयोग के पुनर्गठन के लिए गठित कार्यबल के सदस्‍य भी थे। इस कार्यबल की रिपोर्ट के आधार पर नीति आयोग की वर्तमान संरचना अनुमोदित की गई थी।
      वर्ष 2001-2007 के दौरान जनजातीय कार्य मंत्रालय में निदेशक और संयुक्त सचिव के रूप में श्री कुमार ने अनुसूचित जनजाति (वन अधिकारों का पुनर्गठन) विधेयक, 2005 का प्रारूप तैयार किया। फील्‍ड में, इन्होंने निदेशक, प्राथमिक शिक्षा, बिहार; निदेशक उद्योग, बिहार; उपायुक्त, जिला विकास आयुक्त, अपर जिला मजिस्‍ट्रेट (कानून एवं व्यवस्था) और सब डिवीजनल मजिस्‍ट्रेट के रूप में कार्य किया है।
      श्री कुमार अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करना पसंद करते हैं। आप अपनी दो पुत्रियों के लिए एक स्वाभिमानी पिता और करीबी दोस्त हैं। आप एक उत्‍साही ट्रेकर हैं और लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, तिब्बत में हिमालय के और सहयाद्री, पश्चिमी घाट, पालघाट, आदि में भी अनेक दर्रों को पार कर चुके हैं। आपको भारतीय कंठ शास्त्रीय और भक्ति संगीत; ध्यान पसंद है।
       
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      निर्वाचन आयुक्त
      श्री अनूप चंद्र पाण्डेय ने 09 जून, 2021 को निर्वाचन आयुक्त (ईसी) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। श्री पाण्डेय भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं और अगस्त, 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, पद से सेवानिवृत्त हुए। 
      भारत सरकार के लगभग 37 वर्षों के उत्कृष्ट सेवा-काल के दौरान, श्री पाण्डेय ने केंद्र और उत्तर प्रदेश के अपने राज्य कैडर में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में काम किया है। 
      श्री पाण्‍डेय ने उत्‍तर प्रदेश में प्रधान सचिव योजना, प्रधान सचिव चिकित्‍सीय शिक्षा, अपर मुख्‍य सचिव वित्त और औद्योगिक विकास आयोग के रूप में कार्य किया है। 
      भारत निर्वाचन आयोग में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व, श्री पाण्डेय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण निरीक्षण समिति, उत्तर प्रदेश के सदस्य के रूप में कार्य किया।  
      श्री पाण्डेय ने केंद्रीय सरकार में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान विभिन्‍न विभागों (पोर्टफोलियो) में कार्य किया है। उन्होंने अपर सचिव, रक्षा मंत्रालय और संयुक्त सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में कार्य किया। वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निदेशक और भारतीय मानक ब्‍यूरो में अपर महानिदेशक के पद पर भी कार्यरत रहे। 
      श्री पाण्डेय की लेखन में अत्यधिक रुचि है और उन्होंने "Governance in Ancient India" नामक पुस्तक भी लिखी है जिसमें ऋग्वैदिक काल से 650 ईसवी तक प्राचीन भारतीय  सिविल सेवा के क्रमिक विकास, स्‍वरूप, कार्यक्षेत्र, कार्यों और सभी संबद्ध पहलुओं की विवेचना की गई है। 
      15 फरवरी, 1959 को जन्मे श्री अनूप चंद्र पाण्डेय, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक उपाधि और पंजाब विश्वविद्यालय से मैटेरियल्स मेनेजमेंट में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्‍त हैं। श्री अनूप चंद्र पाण्डेय की इतिहास के अध्ययन में गहरी रुचि है और वे  मगध विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास में विद्या वाचस्‍पति (पीएच डी) हैं।
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      निर्वाचन आयुक्त 
      श्री अरुण गोयल ने 21 नवंबर, 2022 को भारत के निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। श्री गोयल भारतीय प्रशासनिक सेवा के पंजाब कैडर के 1985 बैच के अधिकारी हैं और 37 वर्षों से अधिक की सेवा पूरी करने के बाद सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के पद से सेवानिवृत्त हुए। 7 दिसंबर 1962 को पटियाला में जन्मे श्री गोयल ने गणित विषय में विज्ञान निष्‍णात (एमएससी) की उपाधि प्राप्‍त की है और प्रथम श्रेणी में प्रथम आने और पंजाबी विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाओं में कीर्तिमान कायम करने के लिए इन्‍हें कुलाधिपति उत्कृष्‍टता पदक से सम्मानित किया गया। आप चर्चिल कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड से विकास अर्थशास्त्र में विशेष योग्यता के साथ स्नातकोत्तर हैं और आपने जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड विश्‍वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमरीका में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 
      भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव के रूप में, आप भारत में ई-वाहन अभियान को उल्लेखनीय मोड़ तक ले आए। आपने ऑटो इंडस्‍ट्री के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) रिकॉर्ड समय में लागू की और 42,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य से भी अधिक 67690 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया और इसी तरह, एडवान्‍स्‍ड केमिस्‍ट्री सेल बैटरी स्‍टोरेज के लिए पीएलआई के अंतर्गत 50 गीगावॉट क्षमता के लक्ष्य की तुलना में 98 गीगावॉट क्षमता की विनिर्माण ईकाइयों की स्थापना हुई। इंजीनियरिंग तथा अनुसंधान और विकास में तेजी लाने तथा इसके लिए अनुकूल परिवेश तैयार करने के लिए इन्होंने छह वेब-आधारित ओपन मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इन्‍नोवेशन प्लेटफॉर्म तैयार करवाए ताकि इंडस्‍ट्री के सामने पेश आ रही प्रौद्योगिकीय समस्‍याओं की पहचान करने और उनके लिए सुव्यवस्थित तरीके से समाधान क्राउडसोर्स करने के लिए भारत के तकनीकी संसाधनों और संबंधित इंडस्‍ट्री को एक नेटवर्क पर लाया जा सके जिससे कि स्टार्ट-अप में और भारतीय नवोन्‍मेषणों (इन्‍नोवेशन) के लिए एंजल फंडिंग में तेजी लाई जा सके। आपने पूरे भारत में 41 केन्‍द्रीय लोक उद्यम प्रतिष्‍ठानों (सीपीएसई) का परिचालन स्वामित्व परिप्रेक्ष्‍य से किया और उनके प्रचालन, विनिवेश, समापन, पुनरुद्धार, पुनर्गठन, परिसमापन आदि को दिशा दी। 
      भारत सरकार में, आपने संस्कृति मंत्रालय के सचिव; दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष; श्रम और रोजगार मंत्रालय के अपर सचिव और वित्त सलाहकार; राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया है। 
      आप लुधियाना (1995-2000) और बठिंडा (1993-94) जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी भी रहे हैं जहां आपने लोकसभा और विधानसभा के विभिन्न चुनावों का कुशलतापूर्वक संचालन किया। 
      पंजाब में प्रधान सचिव के रूप में, आपने न्यू चंडीगढ़ और अन्य सभी प्रमुख शहरों की मास्टर योजनाओं का संचालन किया, बहुत समय से लंबित पड़े विद्युत सुधारों को लागू किया: बिजली बोर्ड को निगमों में परिवर्तित किया, अवसंरचनात्मक निर्माण कार्यों की प्राक्कलन प्रक्रिया में परिवर्तन किए और ई-निविदा प्रणाली का चलन शुरू किया जिसके परिणामस्वरूप राजकोष में 25% की बचत हुई। 
      आप प्रकृति प्रेमी व्यक्ति हैं और उत्‍साही पर्यटक हैं। आपको स्काइडाइविंग, स्कूबा डाइविंग, व्हाइट-वाटर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और माउंटेन ज़िपिंग पसंद है।
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eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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