संविधान के अनुच्छेद 324 में निर्वाचन आयोग, को निर्वाचक नामावली के रख-रखाव तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से निर्वाचनों के संचालन की इसकी शक्तियों और कार्यों का उपबंध है। अनुच्छेद 325 में यह उपबंध है कि कोई भी व्यक्ति केवल धर्म, वर्ग, जाति, लिंग या इनमें से किसी भी आधार पर निर्वाचक नामावली में शामिल होने के लिए अयोग्य नहीं होगा। अनुच्छेद 324 में यह उपबंध है- लोकसभा और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के निर्वाचन, वयस्क मताधिकर के आधार पर होंगे; भारत का प्रत्येक नागरिक जिसकी आयु इस संबंध में विधि द्वारा यथानिर्धारित तिथि को 18 वर्ष से कम न हो और जो अन्यथा अयोग्य घोषित न किया गया हो, ऐसे किसी भी निर्वाचन में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने का हकदार होगा। निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 49ढ के अधीन प्रावधान, भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में दिव्यांगजनों को सहायता के मुद्दों का पूरी तरह से समाधान किया गया है। नियम 49ढ के अधीन, यदि दृष्टिहीनता या शारीरिक अशक्तताओं के कारण, कोई निर्वाचक इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन पर प्रतीक पहचानने में असमर्थ है या उस पर उपयुक्त बटन दबाकर मत दर्ज करने में असमर्थ है, तो पीठासीन अधिकारी निर्वाचक को अपनी ओर से या अपनी इच्छा के अनुसार मत दर्ज करने के लिए मतदान कम्पार्टमेंट में अपने साथ ऐसे एक साथी को ले जाने की अनुमति देगा, जिसकी आयु अठ्ठारह वर्ष से कम न हो।
-
मतदान कार्मिकों को दिव्यांगजनों की विशेष आवश्यकताओं के बारे में उचित निदेश दिए जाने हैं और उन्हें प्रशिक्षण कक्षाओं के माध्यम से संवेदनशील और शिष्ट बनाया जाना है तथा मतदान केन्द्र पर उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जानी है।
-
सभी सार्वजनिक भवनों में, जहां मतदान केन्द्र अवस्थित हों, स्थाई रैंप उपलब्ध कराए जाते हैं। ऐसे निर्वाचकों को अपनी व्हीलचेयर मतदान केन्द्र के भीतर ले जाने के लिए समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिएं। जहां स्थाई रैंप नहीं बनाए गए हैं, वहां अस्थाई रैंप बनाए जाने चाहिएं।
-
सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अग्रिम रूप से पर्याप्त प्रचार किया जाए ताकि दिव्यांगजन पहले से ही उन सुविधाओं से अवगत हों, और इस प्रकार वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित हों।
-
प्रेक्षकों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी सुविधाएं दी गई हैं; ऐसी सुविधाएं न होने के बारे में संबंधित सरकार को अधिसूचित किया जाना चाहिए ताकि वह भविष्य में सुधार की कार्रवाई कर सके।