मतदाता हेल्पलाइन ऐप (एंड्राइड के लिए)
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    सं.ईसीआई/प्रे.नो./21/2020 दिनांकः 10 फरवरी, 2020 प्रेस नोट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 के लिए परिणाम के रुझानों के प्रसार हेतु व्यवस्था-11 फरवरी, 2020 दिल्ली विधानसभा निर्वाचनों के परिणाम रुझान सभी मतगणना केंद्रों के अलावा निम्नलिखित स्थानों पर 11 फरवरी, 2020 को सुबह 8 बजे से उपलब्ध होंगे। 1. परिणाम भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट http://results.eci.gov.in पर प्रदर्शित किए जाते हैं और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा दौर-वार परिणाम प्रदर्शित करने के लिए कुछ-कुछ मिनटों बाद अद्यतन किए जाते हैं। 2. परिणाम गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर उपलब्ध “मतदाता हेल्पलाइन” मोबाइल एप पर भी उपलब्ध हैं। रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा उनके संबंधित मतगणना केंद्रों से प्रणाली में भरी गई सूचना वेबसाइट/मोबाइल एप पर दिखाई जाएगी।
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    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020: - 1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020– मतगणना – तत्‍संबंधी। 2. मतदान वाले दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश दिया जाना-तत्‍संबंधी। 3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 - मदिरा इत्‍यादि की बिक्री पर प्रतिबंध-तत्‍संबंधी। 4. रिटर्निंग अधिकारियों/सहायक रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा मतगणना हॉल के अन्‍दर मोबाइल फोन ले जाना
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    सं. भा.नि.आ./प्रेसनोट/115/2019 दिनाँकः 7 दिसम्बर, 2019 प्रेस नोट झारखंड की विधानसभा, 2019 के साधारण निर्वाचनों के दूसरे चरण में मतदान झारखंड विधानसभा के निर्वाचनों के दूसरे चरण में आज 20 विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों में निर्वाचन संपन्न हुआ। तदनुसार, सात जिलों अर्थात् पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिम सिंहभूम, रांची, खूंटी, गुमला और सिमडेगा में मतदान संपन्न हुआ। इस निर्वाचन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:- · 20 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से 18 नक्सल प्रभावित हैं। · 6,066 मतदान केंद्रों में से 4,478 मतदान केंद्रों (73% से अधिक) को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया, पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। · 1,455 मतदान केंद्रों में मतदान दलों को मतदान से दो दिन पहले भेजने की आवश्यकता थी। · 346 मतदान कर्मियों की तैनाती के लिए 4 हेलिकॉप्टर लगाए गए थे। · इस चरण में कुल 48,25,038 मतदाता शामिल थे, जिसमें 10,492 सेवा मतदाता और 62,565 दिव्यांग मतदाता थे। 29 महिला अभ्यर्थियों सहित कुल 260 अभ्यर्थी निर्वाचनों में भाग ले रहे हैं। · 5,847 स्वयं सेवकों द्वारा दिव्यांगजनों को उनके घर से मतदान केंद्रों तक लाने, ले-जाने में सहायता प्रदान की गई। उन्हें लाने ले जाने के लिए कुल 2,079 वाहनों का प्रयोग किया गया। दिव्यांगजनों के लिए मतदान केंद्रों में 2,934 व्हील चेयर उपलब्ध कराई गईं। · धन बल का दुरुपयोग रोकने के लिए आयोग द्वारा व्यापक तंत्र स्थापित किया गया। पूरे राज्य में आज तक कुल 16.0 करोड़ रूपये जब्त किए जा चुके हैं। · दूसरे चरण के तीन विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्रों (अर्थातः 48-जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 293 मतदान केंद्र, 49-जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 330 मतदान केंद्र और 52-चाईबासा (अ.ज.जा.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 284 मतदान केंद्र) में नवारंभित बूथ एप का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया (क्लिप संलग्न हैं)। यह एप मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर पंक्ति में खड़े मतदाताओं की संख्या के संबंध में सही और वास्तविक सूचना लेकर देता है। मतदाता प्रतिशत के अनुमानित आंकड़े:- प्रेस नोट जारी करते समय कुछ मतदान केंद्रों में अभी भी मतदान चल रहा था। पीठासीन अधिकारी की डायरी और अन्य दस्तावेज़ों का सत्यापन और संवीक्षा करने के बाद अंतिम मतदान प्रतिशत का पता चल पाएगा। अपराह्न 5:00 बजे तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे चरण के सभी 20 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आज लगभग 62.40% मतदान होने का अनुमान है। विधान सभा निर्वाचन 2014 में इन 20 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम मतदान प्रतिशत 68.01 प्रतिशत था। ईवीएम और वीवीपीएटीः- आज संपन्न हुए मतदान में ईवीएम/वीवीपीएटी के बारे में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विधान सभा के सभी 20 निर्वाचन क्षेत्रों में आज, अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार केवल 0.20% बैलेट यूनिट, 0.20% कंट्रोल यूनिट और 0.69% वीवीपीएटी को बदला गया था। मतदान दिवस की घटनाएं:- मुख्य निर्वाचन अधिकारी/सामान्य प्रेक्षकों द्वारा निम्नलिखित घटनाओं की रिपोर्ट भेजी गई हैः i. प्रातः लगभग 9:30 बजे मतदान केंद्र-36, सिसई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, गुमला जिले में तैनात आरपीएफ और कुछ ग्रामीणों के बीच हाथापाई हुई। रिपोर्ट के अनुसार कुछ ग्रामीणों ने एक जवान पर हमला करने और उसका हथियार छीनने का प्रयास किया। अगली घटना में ग्रामीणों ने जवानों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए जिन्हें तदुपरांत गोली चलानी पड़ी। इस घटना में गोली लगने से जिलानी अंसारी (बाघनी निवासी) नाम का व्यक्ति मारा गया जबकि दो अन्य ग्रामीण घायल हो गए। जिला पुलिस के पुलिस अधिकारी और आरपीएफ के कुछ जवान भी घायल हुए। वहां पुनः मतदान कराने का आदेश दिया जा रहा है। ii. 52-चाईबासा में आगजनी की एक घटना हुई, जब 84-प्राथमिक विद्यालय जोजोहातू-1 के बूथ से एक बस में मतदाताओं को रिलोकेटिड बूथ मिडल स्कूल पंडावीर ले जाया जा रहा था। किसी के घायल होने की खबर नहीं है। iii. आज सायं खूंटी जिले के तमाड़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अडकी ब्लॉक से वापिस लौट रहे एक मतदान दल पर नक्सलियों ने गोली चलाई। बचाव और तलाशी अभियान जारी है।
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    ईसीआई/प्रेस नोट/120/2019 दिनांक: 22.12.2019 प्रेस नोट विषय: झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों का प्रचार-प्रसार करने की व्‍यवस्‍था – 23 दिसंबर, 2019 भारत निर्वाचन आयोग ने एक एकीकृत आईसीटी गणना एप्‍लीकेशन विकसित की है, जो वेबसाइट http://results.eci.gov.in और वोटर हेल्‍पलाइन (एन्‍ड्रायड और आईओएस) मोबाइल एप पर परिणाम प्रदर्शित करेगी। उक्‍त वेबसाइट दिनांक 23 दिसंबर, 2019 को प्रात: 8 बजे से झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन के परिणामों को प्रदर्शित करना शुरू कर देगी। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित केंद्रीकृत साफ्टवेयर ‘एन्‍कोर’ में रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा डाटा सीधे प्रविष्‍ट किया जाता है। इस एप्‍लीकेशन से रिटर्निंग अधिकारी साफ्टवेयर में डाटा की तालिका-वार प्रविष्टि कर सकता है जिससे समय की पर्याप्‍त बचत होती है और परिणाम तथा रूझानों का त्रुटिरहित डाटा प्रदर्शित होता है। 2. ईसीआई के आईसीटी दल द्वारा विकसित गणना साफ्टवेयर गणना प्रक्रिया के दौरान रिटर्निंग अधिकारियों के लिए अनिवार्य विभिन्‍न प्रकार की सांविधिक रिपोर्टों जैसे कि प्ररूप-20, अंतिम परिणाम शीट, परिणामों की औपचारिक घोषणा के लिए 21-ग और 21 ड़ में निर्वाचन विवरणी तैयार करने/संकलित करने की सुविधा प्रदान करता है। रिटर्निंग अधिकारी गणना पूरी होने के बाद सिस्‍टम द्वारा सृजित इन रिपोर्टों को डाउनलोड कर सकता है और एक अबाधित परिवेश में सांविधिक अपेक्षाओं को पूरा कर सकता है। 3. भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन रूझान टीवी की भी शुरूआत की है, जिस पर परिणामों के रूझानों के रियल टाइम में पूर्ण ग्राफिक रूप से सूक्ष्‍म विवरण प्रकाशित किए जाते हैं। जब भी रिटर्निंग अधिकारी द्वारा आधिकारिक घोषणा के बाद प्रत्‍येक राउंड की गणना का डाटा प्रविष्‍ट किया जाता है, तो यह डाटा उन्‍नत स्रोत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके बिना किसी मैनुअल हस्‍तक्षेप के निर्वाचन रूझान टीवी पर प्रदर्शित होता है। इन पैनलों को रिटर्निंग अधिकारियों और मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा बड़े टीवी पैनलों का उपयोग करके सार्वजनिक स्‍थानों पर स्‍वत: प्रदर्शित किए जाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जा सकता है और समनुरूप बनाया जा सकता है।
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    ईसीआई/प्रे.नो./116/2019 दिनांकः 12 दिसम्बर, 2019 प्रेस नोट झारखंड विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के तीसरे चरण में शांतिपूर्ण मतदान दिनांक 12.12.2019 को 8 जिलों (कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, सरायकेला, खरसवां और रांची) में शामिल 17 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों में तीसरे चरण के निर्वाचन सम्पन्न हुए। मतदान दिवस बिना किसी दुर्घटना के, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, युवा-वर्ग, इत्यादि सहित मतदाताओं की अत्यन्त उत्साहपूर्ण सहभागिता के साथ शांतिपूर्वक बीता। महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे दी गई हैं:- 7,016 में से 5,342 मतदान केंद्रों (76.14% से अधिक) को गंभीर की श्रेणी में श्रेणीकृत किया गया; पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। 188 मतदान केंद्रों में मतदान दलों को दो दिन पहले भेजे जाने की जरूरत पड़ी। 160 मतदान कर्मियों को पहुँचाने के लिए 3 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया। इस चरण में 56,18,267 मतदाताओं, जिसमें 10,365 सेवा मतदाता और 63,616 दिव्यांग मतदाता शामिल थे, को कवर किया गया। 32 महिला अभ्यर्थियों सहित 309 अभ्यर्थी मैदान में थे। 7,336 स्वयंसेवकों ने दिव्यांग मतदाताओं को उनके घरों से मतदान केंद्रों तक पहुँचाने के लिए सुविधा प्रदान की। उनके परिवहन के लिए 1,953 वाहनों की व्यवस्था की गई। मतदान केंद्रों पर 3,581 व्हीलचेयरों की व्यवस्था की गई। आयोग ने धन-बल के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एक विस्तृत तंत्र स्थापित किया। पूरे राज्य में अब तक की गई जब्ती का कुल मुल्य 16.75 करोड़ रुपए है। मतदाताओं को कतार में खड़े मतदाताओं की संख्या के बारे में जानकारी देने के लिए हाल में तैयार किए गए बूथ एप का तीसरे चरण के तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों, नामतः, 23-रामगढ़ (405 मतदान केंद्र), 25-हजारीबाग (486 मतदान केंद्र) एवं 63-रांची (370 मतदान केंद्र) में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। 1. मतदाता टर्नआउट के अनुमानित आंकड़े (अपराह्न 5.00 बजे): प्रेस नोट जारी होने के समय कुछ मतदान केंद्रों में मतदान चल ही रहे थे। पीठासीन अधिकारी की डायरियों एवं अन्य दस्तावेजों के सत्यापन और संवीक्षा के बाद अंतिम मतदान आंकड़ों के बारे में पता चलेगा। अप. 5.00 बजे तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, तीसरे चरण के 17 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों के लिए आज अनुमानित मतदान आंकड़ा 62.03% है। इन 17 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विधान सभा निर्वाचन 2014 के दौरान अंतिम मतदान आंकड़ा 64.02% था। 2. ईवीएम एवं वीवीपीएटीः- आज मतदान के दौरान ईवीएम/वीवीपीएटी के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होने की रिपोर्ट नहीं मिली है। आज, सभी 17 निर्वाचन-क्षेत्रों में, अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मतदान के दौरान केवल 0.43% बीयू, 0.44% सीयू और 1.13% वीवीपीएटी बदले गए।
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    सं.ईसीआई/प्रे.नो./18/2020 दिनांकः 31 जनवरी, 2020 प्रेस नोट विषय: भारत निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा, 2020 के साधारण निर्वाचन हेतु श्री बी मुरली कुमार को विशेष व्यय प्रेक्षक और श्री एम के दास को विशेष पुलिस प्रेक्षक के रूप में नियुक्त करता है भारत निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के सिविल और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 के लिए श्री बी मुरली कुमार (पूर्व आईआरएस-1983) को विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में और श्री मृणाल कांति दास (सेवानिवृत्त आईपीएस 1977) को विशेष पुलिस प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में श्री मुरली, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली से परामर्श करके, निर्वाचन तंत्र द्वारा किए जा रहे कार्यों का पर्यवेक्षण और अनुवीक्षण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदाताओं को नकदी, शराब और मुफ्त वस्तुएं आदि वितरित करके लुभाने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ सी-विजिल, मतदाता हेल्पलाइन 1950 के माध्यम से प्राप्त शिकायतों और आसूचना इन्पुट के आधार पर कठोर और प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई की जाए। इसी प्रकार से, श्री दास को विशेष पुलिस प्रेक्षक के रूप में तैनाती और अन्य सुरक्षा संबंधी मुद्दों के निरीक्षण का कार्य सौंपा गया है। यह भी स्मरणीय है कि श्री एम के दास, जो मणिपुर पुलिस के महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए, को पूर्व में भी वर्ष 2019 के लोक सभा निर्वाचनों के दौरान त्रिपुरा और मिजोरम के लिए और हाल ही में आयोजित हुए झारखंड विधान सभा निर्वाचनों के लिए विशेष पुलिस प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। श्री बी मुरली कुमार को भी आयकर विभाग के अन्वेषण विंग में उनके पिछले अनुभवों को देखते हुए, 8-वेल्लोर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए और हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र एवं झारखंड में विधान सभा निर्वाचनों के लिए विशेष व्यय प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।
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    सं.ईसीआई/प्रे.नो./19/2020 दिनांकः 31 जनवरी, 2020 प्रेस नोट आयोग ने सीईओ दिल्ली, मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और दिल्ली प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली में मतदान की तैयारियों की समीक्षा की भारत निर्वाचन आयोग ने आज मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली, विशेष पुलिस आयुक्त के साथ-साथ जिला निर्वाचन अधिकारियों, जिला पुलिस आयुक्तों, स्थानीय निकायों के नोडल अधिकारियों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक का आयोजन किया और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 के लिए मतदान संबंधी तैयारियों की एक व्यापक गहन समीक्षा की एवं दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, गृह सचिव, वित्त सचिव, विशेष पुलिस आयुक्तों और सीईओ, दिल्ली के साथ भी एक बैठक हुई जिसमें दिल्ली में 8 फरवरी, 2020 को सभी मतदान केंद्रों पर सुचारू रूप से निर्वाचनों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि आयोग के अधिदेश को ध्यान में रखते हुए, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, सुलभ, समावेशी और सहभागी तरीके से संचालित किए जाएं। उन्होंने कहा कि जब भी अपेक्षित होगा, आयोग मदद के लिए तैयार रहेगा, लेकिन निष्पक्ष, न्यायपूर्ण, वैधानिक और भेदभावरहित निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र स्तर के अधिकारियों को जहां भी आवश्यकता होगी, तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार रहना चाहिए। श्री अरोड़ा ने विशेष रूप से दिल्ली के सीमावर्ती जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान यह सुनिश्चित करने के लिए आकर्षित किया कि विशेष रूप से चिन्हित संवेदनशील मतदान केंद्रों में पर्याप्त कानून एवं व्यवस्था के प्रबंध किए जाएं ताकि सभी मतदाता सुरक्षित माहौल में अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने में आश्वस्त महसूस करें। बैठक को संबोधित करते हुए, चुनाव आयुक्त श्री अशोक लवासा ने कहा कि हालांकि सामान्य स्तर की तैयारी संतुष्टि का एक स्रोत है, तथापि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है कि प्रशासनिक नियंत्रण या दक्षता में कोई चूक न हो और आने वाली किसी भी परिस्थिति को संभालने के लिए नियमित रूप से जमीनी स्तर पर कार्रवाई की जाती हो। निर्वाचन आयुक्त, श्री सुशील चंद्रा ने शून्य-त्रुटि निष्पादन सुनिश्चित करने और दिल्ली में शांतिपूर्ण निर्वाचन कराने में किसी भी प्रकार की संतुष्टि के खिलाफ अधिकारियों को आगाह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थानीय टीमों को आईटी टीमों और सीमावर्ती राज्य के समकक्ष अधिकारियों के साथ कानून और व्यवस्था एवं व्यय संवेदनशील पॉकेटों पर पर्याप्त ध्यान देना सुनिश्चित करने के लिए समन्वय बनाए रखना चाहिए। मुख्य सचिव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली ने आयोग को अवगत कराया कि दिल्ली में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचन सुनिश्चित करवाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। पुलिस आयुक्त ने आश्वस्त किया कि दिल्ली पुलिस कानून और व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखेगी और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई करेगी। आयोग में दिल्ली के प्रभारी, वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त, श्री संदीप सक्सेना ने अन्य बातों के साथ-साथ निर्वाचक नामावली प्रबंधन, मतदान बूथ व्यवस्था, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, परिवहन योजना की गुणवत्ता और निष्ठा, निर्वाचन प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देते हुए मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण, ईवीएम-वीवीपीएटी प्रक्रियाएं, शिकायत निवारण तंत्र, प्रेक्षकों की तैनाती, मतदाताओं की सुविधा के लिए और ड्यूटी पर मतदान अधिकारियों के लिए आईटी एप्लीकेशनों का उपयोग, ईवीएम स्ट्रांग रूम की व्यवस्था, मतगणना वाले दिन की व्यवस्था आदि के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा आरंभ की। सीईओ दिल्ली, डॉ. रणबीर सिंह ने आयोग को आश्वासन दिया कि शांतिपूर्ण निर्वाचन कराने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरा निर्वाचन तंत्र स्थानीय निकायों के साथ मिलकर पूरी तरह जुड़ा हुआ है। मतदाता पहचान पत्रों को समयपूर्वक वितरित करने, डाक मतपत्र की सुविधा का विकल्प देने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष परिवहन सुविधा प्रदान करने, मतदाताओं को अपने मतदान बूथों पर कतार में उनकी संख्या की जानकारी प्रदान करने के लिए 11 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में क्यूआर कोड की सुविधा और पायलट एरिया में अतिरिक्त स्टाफ लगाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। संबंधित डीईओ और डीसीपी ने पर्याप्त निगरानी का आश्वासन दिया, जिसमें सीमावर्ती और ग्रामीण इलाके, कार्मिक प्रबंधन और प्रशिक्षण, मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं पर ध्यान, स्थानीय समुदायों के साथ उचित भरोसा कायम रखने के उपाय, कानून और व्यवस्था एवं व्यय संवेदनशील पॉकेटों में संवेदनशील संबंधी मैपिंग, जब्तीकरण और निवारक कार्रवाई और बरती जा रही सावधानी शामिल हैं। यह स्मरणीय है कि आयोग द्वारा 26 दिसंबर, 2019 को मतदान की तैयारियों का आकलन करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों जैसे कि सीएस, सीओपी, सीईओ, डीईओ, डीसीपी, स्थानीय निकाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित अन्य सभी संबंधित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ एक व्यापक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इससे पहले भी, वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त, श्री संदीप सक्सेना, ने दिल्ली के निर्वाचन से संबंधित सभी अधिकारियों के साथ को 4 नवंबर, 2019 एवं 10 दिसंबर, 2019 और 28 जनवरी, 2020 को मतदान की तैयारियों की बैठकें आयोजित की थीं।
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    ईसीआई/प्रे.नो./121/2019 दिनांक: 26 दिसंबर, 2019 प्रेस नोट दिल्‍ली विधान सभा निर्वाचन 2020 के लिए आयोग ने मतदान तैयारियों की समीक्षा की मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा, श्री अशोक लवासा निर्वाचन आयुक्‍त, और श्री सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्‍त ने आज 26 दिसंबर, 2019 को आयोग मुख्‍यालय, दिल्‍ली में दिल्‍ली विधान सभा निर्वाचनों के लिए मतदान तैयारियों की समीक्षा की। जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस उपायुक्‍तों, पुलिस आयुक्‍तों, एनडीएमसी अध्‍यक्ष, एमसीडी आयुक्‍त और दिल्‍ली छावनी बोर्ड के सीईओ और विभिन्‍न प्रवर्तन एजेंसियों के नोडल अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। आयोग ने मुख्‍य सचिव और दिल्‍ली पुलिस आयुक्‍त के साथ अलग से बैठक की। अधिकारियों से बात करते हुए मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, श्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि भारतीय संविधान ने भारत निर्वाचन आयोग को अनुच्‍छेद 324 के अंतर्गत स्‍वंतत्र, निष्‍पक्ष और विश्‍वसनीय निर्वाचन कराने का अधिदेश दिया है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने निर्वाचन अधिकारियों से आह्ववान किया कि वे राष्‍ट्रीय राजधानी राज्‍य क्षेत्र, दिल्‍ली में दोषरहित निर्वाचन का संचालन करें। इस अवसर पर बोलते हुए निर्वाचन आयुक्‍त, श्री अशोक लवासा ने निर्वाचन अधिकारियों को निदेश दिया कि वे सी-विजिल एप के माध्‍यम से प्राप्‍त शिकायतों पर तत्‍परतापूर्वक कार्रवाई करें और ईवीएम/वीवीपीएटी प्रशिक्षणों पर ध्‍यान दें। बैठक के दौरान, डॉ. रणबीर सिंह, सीईओ, दिल्‍ली द्वारा एक संक्षिप्‍त प्रस्‍तुतीकरण पेश किया गया जिसमें तैयारियों की वस्‍तुस्थिति पर प्रकाश डाला गया। उन्‍होंने निर्वाचक नामावलियों, मैनपावर उपलब्‍धता, ईवीएम/वीवीपीएटी, सभी निर्वाचन अधिकारियों के प्रशिक्षण, और मतदाता टर्नआउट बढ़ाने के लिए कम टर्नआउट वाले स्‍थानों पर ध्‍यान केंद्रित और लक्षित करने वाली स्‍वीप गतिविधियों के संबंध में वस्‍तुस्थिति से अवगत कराया। समीक्षा के दौरान डॉ. रणबीर सिंह, सीईओ ने आयोग को दिव्‍यांगजनों और वरिष्‍ठ नागरिक मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए, किए गए विशेष उपायों के बारे में बताया। इन उपायों में पिक एवं ड्रॉप की सुविधा भी शामिल है। उन्‍होंने सभी मतदान केंद्र स्‍थानों पर तैयार की जा रही सुविधाओं जैसे क्रैच सुविधा, रैंप, पानी की सुविधा, मोबाइल लॉकर, सेल्‍फी प्‍वाइंट, प्रतीक्षालय, व्‍हील चेयर, आदि के बारे आयोग को बताया। श्री प्रवीर रंजन, विशेष आयुक्‍त, दिल्‍ली पुलिस, जो राज्‍य पुलिस नोडल अधिकारी हैं, ने दिल्‍ली में कानून एवं व्‍यवस्‍था की साधारण स्थिति और आयोग द्वारा यथा-अधिदेशित सभी उपायों को लागू करने के लिए दिल्‍ली पुलिस द्वारा बनाई जा रही योजना के बारे में प्रस्‍तुतीकरण दिया। आयोग ने सभी डीईओ और डीसीपी को निदेश दिया कि वे संवेदनशील जगहों का तत्‍काल आकलन सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की भयादोहन को रोका जा सके। आयोग ने सभी डीईओ को यह भी निदेश दिया कि वे 1:10 अथवा उससे कम प्रवणता के रैंप और 6 से अधिक मतदान बूथों वाले के स्‍थानों पर मोबाइल शौचालयों की समुचित सुविधा के सहित सुनिश्चित न्‍यूनतम सुविधाओं की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करें। आयोग ने सभी स्‍थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि सभी सुविधाएं आयोग द्वारा निर्धारित एएमएफ मानकों के अनुसार सभी मतदान केंद्रों पर उपलब्‍ध हों। डीईओ को यह भी निदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर उसे दूर करने के लिए स्‍थानीय निकायों के साथ उचित समन्‍वय किया जाए। आयोग ने ईवीएम/वीवीपीएटी पर विस्‍तृत प्रत्‍यक्ष प्रशिक्षण की आवश्‍यकता पर बल दिया और इसका व्‍यक्तिगत रूप से अनुवीक्षण करने के लिए डीईओ को निदेश दिया। आयोग ने सीविजिल पर सभी एमसीसी/व्‍यय अनुवीक्षण दलों को कड़ाई से प्रशिक्षण दिए जाने पर बल दिया जिससे वो इस एप पर नागरिक द्वारा दर्ज शिकायत के खिलाफ तुरंत प्रभावी कार्रवाई कर सकें। आयोग ने डीईओ को फोटो मतदाता पर्चियों के उचित एवं यथासमय वितरण को सुनिश्चित करने का निदेश भी दिया। आयोग ने परिवहन विभाग को संकड़ी गलियों में मतदान दलों और मशीनों के सुगम मूवमेंट के लिए अपेक्षाकृत अधिक छोटे आकार के वाहनों की पर्याप्‍त संख्‍या सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ने सभी डीईओ और डीसीपी एवं सभी अन्‍य विभागों को अब से निर्वाचन कार्य को अधिकतम प्राथमिकता देने का निदेश दिया, जिससे कि निर्वाचन का सफल संचालन सुनिश्चित किया जा सके। मुख्‍य सचिव, प्रधान सचिव (गृह) और दिल्‍ली पुलिस के आयुक्‍त के साथ बैठक के दौरान, आयोग ने निर्वाचन के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए दिल्‍ली सरकार के सभी विभागों के साथ समग्र पर्यवेक्षण और समन्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा। सम्‍पूर्ण आयोग ने जिलों के स्‍तर पर तैयारियों की स्थिति की समीक्षा की। सभी डीईओ ने अपने संबंधित डीसीपी के साथ अपने जिलों पर विस्‍तृत प्रस्‍तुतीकरण दिया। आयोग को निर्वाचक नामावलियों और जनशक्ति आवश्‍यकताओं को अंतिम रूप दिए जाने, प्रशिक्षण व्‍यवस्‍थाओं एवं स्‍वीप पहल, आदि के संबंध में डीईओ द्वारा की गई उपक्रमात्‍मक कार्रवाई के बारे में सूचित किया गया। डीसीपी ने आयोग को जिलों की कानून और व्‍यवस्‍था पहलुओं के बारे में सूचित किया। इस अवसर पर आयोग ने दिल्‍ली में लोक सभा निर्वाचन, 2019 पर सीईओ, दिल्‍ली द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल पुस्‍तक, ‘‘सैल्‍यूटिंग द वोटर्स ऑफ दिल्‍ली’’ का विमोचन किया।
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    सं.: ईसीआई/प्रे.नो./07 /2020/संचार दिनांक: 15 जनवरी, 2020 प्रेस नोट विषय: राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग द्वारा जारी दिनांक 15 जनवरी, 2020 के आदेश संख्‍या 437/टीए-वि.स/1/2020/संचार की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।
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    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विधान सभा के साधारण निर्वाचन हेतु अनुसूची (सभी 70 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) मतदान संबंधी कार्यकलाप अनुसूची राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तारीख 14.01.2020 (मंगलवार) नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख 21.01.2020 (मंगलवार) नामनिर्देशनों की संवीक्षा हेतु तारीख 22.01.2020 (बुद्धवार) अभ्‍यर्थिता वापस लेने की अंतिम तारीख 24.01.2020 (शुक्रवार) मतदान की तारीख 08.02.2020 (शनिवार) मतगणना की तारीख 11.02.2020 (मंगलवार) निर्वाचन समापन की तारीख 13.02.2020 (बृहस्पतिवार)
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    ईसीआई/प्रे.नो./06/2020 दिनांक: 14 जनवरी, 2020 प्रेस नोट आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधानसभा निर्वाचनों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया। भारत निर्वाचन आयोग ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के आगामी निर्वाचनों हेतु तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग बैठक का आयोजन किया, जिसके लिए अनुसूची की घोषणा 6 जनवरी, 2020 को की गई थी। दिल्ली के 70 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एकल चरण के मतदान की तारीख 8 फरवरी, 2020 है और मतगणना 11 फरवरी, 2020 को की जाएगी। भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और साथ ही भारतीय राजस्व सेवा तथा अन्य केंद्रीय सेवाओं से लगभग 150 से अधिक अधिकारियों को आज सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों की ब्रीफिंग बैठक के लिए बुलाया गया था। अधिकारियों को पर्याप्त संख्या में वास्तविक ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री सुनील अरोड़ा ने उन्हें सलाह दी कि वे क्षेत्र में तैनात अधिकारियों की टीमों के साथ गहन समन्वय बनाए रखें और हर समय उपलब्ध रहें। श्री अरोड़ा ने विशेष रूप से उन्हें आयोग के दिशानिर्देशों का पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पालन करने और सौंपे गए कार्यों को पूरा करने में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरतने के साथ नीति संहिता का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने प्रेक्षकों से कहा कि वे सभी मतदान केंद्रों पर उचित आश्‍वस्‍त न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित करें। इस तथ्य के बावजूद कि राष्ट्रीय राजधानी में अवसंरचना अन्य आंतरिक स्थानों से श्रेष्ठ है, उन्होंने प्रेक्षकों से कहा कि वे वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और महिला मतदाताओं को उचित सुविधा की जांच के लिए मतदान बूथों का दौरा करें, ताकि समावेशी निर्वाचन के सिद्धांत के लिए आयोग की प्रतिबद्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने दोहराया कि आयोग किसी भी प्रकार की जान-बूझकर की गई लापरवाही को बर्दाशत नहीं करेगा। निर्वाचन आयुक्त, श्री अशोक लवासा ने प्रेक्षकों की भूमिका के महत्व पर बल दिया। श्री लवासा ने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित करने कि किसी भी प्रकार की चूक, चाहे वह बहुत छोटी हो, निर्वाचन प्रक्रिया में बाधा नहीं डाले, के लिए महत्वपूर्ण कार्यकलाप करने अपेक्षित हों, तो अधिकारियों को उसपर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। निर्धारित अनुदेशों के संबंध में परिचित होने और दिल्ली निर्वाचनों में शुरू की जा रही अतिरिक्त सुविधाओं जैसे कि आवश्यक सेवाओं की श्रेणियों के लिए अनुपस्थित मतदाता सुविधा, 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध मतदाताओं और चिह्नित दिव्यांगजनों को सुविधा; फोटो मतदाता पर्चियों पर क्यूआर कोड रीडर के विशिष्ट विवरणों पर ध्यान देने से कार्य सौंपे गए प्रेक्षकों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को शिकायतों का निवारण करने और अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रहने की सलाह दी। अधिकारीगणों से बात करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया कि प्रेक्षक के रूप में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कार्य निष्‍पादित करना उनका सांविधिक कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि प्रतिनियुक्त अधिकारियों को अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन में तटस्थ और निष्पक्ष रहना चाहिए और जमीनी स्तर पर आयोग का वास्तविक चेहरा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों को निर्वाचन आयोग के नियमों और मानक प्रचालन प्रक्रियाओं यथा मतदान बूथों पर सुविधाओं, संवेदनशीलता संबंधी मानचित्रण अथवा गैर-जमानती वारंट का अनुपालन, लाइसेंसी हथियारों को जमा करवाने और व्यय प्रबंधन मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। आज आधे दिन तक चलने वाले ब्रीफिंग सत्र में महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग, श्री उमेश सिन्हा द्वारा चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप के पहलुओं के संबंध में; वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त, श्री संदीप सक्सेना, जो भारत निर्वाचन आयोग में दिल्ली राज्य के प्रभारी भी हैं, द्वारा निर्वाचक नामावली संबंधी मामलों और आईटी अनुप्रयोगों के संबंध में; उप निर्वाचन आयुक्त, श्री सुदीप जैन द्वारा ईवीएम वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली के संबंध में तथा उप निर्वाचन आयुक्त, श्री चन्द्र भूषण कुमार द्वारा विधिक मामलों के संबंध में व्यापक ब्रीफिंग सत्र आयोजित किए गए। निदेशक (व्यय), श्री विक्रम बत्रा ने व्यय प्रबंधन संबंधी मामलों का संक्षिप्त विवरण दिया और महानिदेशक (संचार), श्री धीरेंद्र ओझा ने अधिकारियों को पेड न्यूज, मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समितियों तथा सोशल मीडिया के पहलुओं के संबंध में संक्षेप में जानकारी दी। प्रेक्षकों को यह विशेष रूप से बताया गया कि हालांकि हाल के झारखंड निर्वाचनों में, 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों और दिव्यांगजन मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र सुविधा प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई थी, तथापि दिल्ली के सभी 70 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में घर से वोट डालने में सक्षम होने की वैकल्पिक सुविधा 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं; दिव्यांगजनों के रूप में चिह्नित मतदाताओं और मतदान के दिन दिल्ली मेट्रो में ऑन-ड्यूटी स्टाफ, उत्तर रेलवे परिवहन (यात्री और माल) सेवाओं, एवं मीडिया में कार्यरत लोगों, जिनके लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में मतदान-दिवस की गतिविधियों को कवर करने के लिए प्राधिकार पत्र जारी किए गए हैं, जैसी अनिवार्य सेवाओं में नियुक्‍त व्‍यक्तियों को दी जाएगी। आईटी अनुप्रयोग यथा एनेबलिंग कॉम्युनिकेशन इन रियल टाइम एनवायरमेंट (ENCORE), जो अभ्यर्थी का नाम निर्देशन, शपथपत्रों को अपलोड करने, प्रतीक चिह्न निर्दिष्ट करने, अभ्यर्थियों के नाम-निर्देशनों की संवीक्षा करने, अभ्यर्थियों की अनुमतियों की संवीक्षा करने, मतों की गणना और परिणाम घोषित करने इत्यादि जैसे विभिन्न पहलुओं के संपूर्ण प्रबंधन के लिए निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रयुक्त किए जाने हेतु एक एकीकृत पोर्टल है, का प्रभावी और शीघ्रातिशीघ्र काम-काज करने के लिए प्रयोग किया जाएगा। फोटो मतदाता पर्ची की क्यूआर कोड रीडिंग इत्यादि को सुविधाजनक बनाने हेतु अन्य एप्स भी लगभग 11 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में स्वतंत्र, निष्‍पक्ष, शांतिपूर्ण, समावेशी, सुगम्य, नैतिक और सहभागी निर्वाचनों हेतु प्रयोग में लाए जाएंगे।
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    No. 3/4/ID/2020/SDR/VOL.I Dated: 16th January, 2020 To, The Chief Electoral Officer NCT of Delhi Subject: General Election to the State Legislative Assemblyof NCT of Delhi, 2020- Commission’s order regarding identification of electors. Sir, I am directed to enclose herewith Commission's Order dated 16thJanuary, 2020 regarding identification of electors at the General Election to the State Legislative Assembly of NCT of Delhi. 2. The Commission has directed that all electors in all constituencies who have been issued EPIC have to produce the Electors Photo Identity Card (EPIC) for their identification at the polling station before casting their votes. Those electors who are not able to produce the EPIC shall produce one of the alternative photo identity documents mentioned in paragraph 7 of the Order for establishing their identity. The list of documents is reproduced below for clarity: (i) Passport, (ii) Driving License, (iii)Service Identity Cards with photograph issued to employees by Central/State Govt./PSUs/Public Limited Companies, (iv) Passbooks with photograph issued by Bank/Post Office, (v) PAN Card, (vi) Smart Card issued by RGI under NPR, (vii) MNREGA Job Card, (viii) Health Insurance Smart Card issued under the scheme of Ministry of Labour, (ix) Pension document with photograph, (x) Official identity cards issued to MPs/MLAs/MLCs, and (xi) Aadhaar Card. 3. In the case of EPIC, minor discrepancies in the entries therein should be ignored provided the identity of the elector can be established by the EPIC. If an elector produces an EPIC which has been issued by the Electoral Registration Officer of another Assembly Constituency, such card shall also be accepted for identification provided the name of that elector finds place in the electoral roll pertaining to the polling station where the elector has turned up for voting. If it is not possible to establish the identity of the elector on account of mismatch of photograph, etc. the elector shall have to produce one of the alternative photo documents mentioned in Para 7 of the Order. 4. On earlier occasions, the Commission had allowed Photo Voter Slip as a document for identification. However, there have been representations against its use as a stand-alone identification document on the grounds of misuse as these are printed after the finalization of the roll and distributed just close to the poll through Booth Level Officers. The design of Photo Voter Slip does not incorporate any security feature. In fact, Photo Voter Slip was started as an alternative document as the coverage of EPIC was not complete. As per available information, at present, 100 per cent electors possess EPIC, and more than 99 per cent adults have been issued Aadhaar Cards. Taking all these facts in view, Commission has now decided that Photo Voter Slip shall henceforth not be accepted as a stand-alone identification document for voting. However, Photo Voter Slip will continue to be prepared and issued to electors as part of the awareness building exercise. In order to make it clear to the electors that Photo Voter Slips shall not be accepted as a stand-alone identification document for voting, the words 'THIS SLIP WILL NOT BE ACCEPTED FOR THE PURPOSE OF IDENTIFICATION IN POLLING STATION. YOU ARE REQUIRED TO CARRY EPIC OR ONE OF THE 11 ALTERNATIVE DOCUMENTS SPECIFIED BY THE COMMISSION FOR VOTING" shall be printed on the Photo Voter Slip in bold letters. Photo Voter Slips shall continue to be printed. 5. Overseas electors shall have to produce their original passport only for identification. 6. The Order may be brought to the notice of the Returning Officers and all Presiding Officers. A copy of the Order translated in the vernacular language should be supplied to each of the Presiding Officers. The Order shall be got published in the StateGazette, immediately. This Order shall also be given wide publicity through print/electronic media for information of the general public and electors immediately and subsequently at regular intervals till the date of polling. This should include paid Advertisements in the newspapers. All political parties in your State/UT and contesting candidates may also be informed, in writing, regarding these directions. 7. The Returning Officers shall explain the implications of this Order and explain the contents thereof to all Presiding Officers through special briefings. They should also ensure that a copy of this letter is available with the Presiding Officers at all polling stations /booths in the constituency. 8. Kindly acknowledge receipt and confirm action taken.
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    No. 576/3/EVM/2020/SDR-Vol.I Dated: 14th January,2020 To, The Chief Electoral Officer NCT of Delhi Subject: -General Election to the Legislative Assembly of NCT of Delhi- Use of Electronic Voting Machines and VVPAT. Sir, I am directed to enclose herewith the Commission’s Direction dated 14thJanuary, 2020, regarding use of Electronic Voting Machines and VVPAT at the current General Election to the Legislative Assembly of NCT of Delhi. The Direction may be published in the Official Gazette of NCT of Delhi immediately. 2. I am further directed to invite your attention to the Rules 49A, 49B, 49P and 49T(2) of the Conduct of Elections Rules, 1961, relating to the designs of voting machines, form and language(s) of the ballot paper on the balloting unit, design and language of tendered ballot paper and the manner of sealing of voting machines after the poll. The related instruction in this regard contained in the Chapter on‘Postal Ballot Papers and Ballot Papers for Voting Machines’, in Returning Officers’ Handbook, 2019edition may kindly be followed. Attention is also invited to the instructions regarding use of VVPAT system and sealing of the paper slip after counting is completed. 3 The above mentioned instructions may be brought to the notice of the Returning Officers of the Constituencies concerned for their information and compliance. 4. The aforesaid decision of the Commission may also be given wide publicity. 5. As regards counting of votes, your attention is invited to the provisions of Rules 50 to 54A, 60 to 66A and 55C to 57C of the Conduct of Elections Rules, 1961, and also the Commission’s detailed directions and instructions relating to counting of votes as contained in the Returning Officers’ Handbook, 2019 and the other supplementary instructions issued on the subject, from time to time. The Returning Officers should be instructed to follow the said directions and instructions scrupulously. 6. Kindly acknowledge receipt and confirm action taken. Yours faithfully, (Abhishek Tiwari) Under Secretary --------------------------- To be published in the Official Gazette of State Government of NCT of Delhi ELECTION COMMISSION OF INDIA Nirvachan Sadan, Ashoka Road, New Delhi – 110001 Dated: 14thJanuary, 2020 DIRECTION No.576/3/EVM/2020/SDR-Vol.I:- Whereas, Section 61A of the Representation of the People Act, 1951, provides that the giving and recording of votes by Voting Machines in such manner as may be prescribed, may be adopted in such constituency or constituencies as the Election Commission of India may, having regard to the circumstances of each case, specify; and 2. Whereas, as per the proviso to Rule 49A of the Conduct of Elections Rules, 1961, a Printer with a drop box of such design, as may be approved by the Election Commission of India, may also be attached to voting machine for printing a paper trail of the vote, in such constituency or constituencies or parts thereof as the Election Commission of India may direct; and 3. Whereas, the Commission has considered the circumstances in all the Constituencies for theGeneral Election to the Legislative Assembly of NCT of Delhi announced by the Commission’s Press Note No. ECI/PN/4/2020 dated 6th January, 2020 ,and is satisfied that sufficient number of Electronic Voting Machines and Printers for printing Paper Trail [Voter Verifiable Paper Audit Trail(VVPAT)] are available for taking the poll in all the Assembly Constituencies of NCT of Delhi, the polling personnel are well trained in efficient handling of the Electronic Voting Machines and Printers for Paper Trail (hereafter referred to as ‘VVPAT Printers’) and the electors are also fully conversant with the operation of the Electronic Voting Machines and the VVPAT Printers; 4. Now, therefore, the Election Commission of India, in exercise of its powers under the said Section 61A of the Representation of the People Act, 1951, and Rule 49A of the Conduct of Elections Rules, 1961, hereby specifies all the Assembly Constituencies of NCT of Delhi for the general election to the Legislative Assembly notified on 14-01-2020as theconstituencies in which the votes,shall be given and recorded by means of Electronic Voting Machines and VVPAT printers in the manner prescribed, under the Conduct of Elections Rules, 1961, and the supplementary instructions issued by the Commission from time to time on the subject. 5. The Commission also hereby approves the design of the Electronic Voting Machine and the Printer with the drop box (the VVPAT Printers) as developed by the Bharat Electronics Ltd., Bangalore and Electronics Corporation of India Ltd., Hyderabad, which shall be attached to the said machines, to be used for the giving and recording of votes in all the Constituencies. By Order, (N.T.BHUTIA) Secretary
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    सं. 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या./एमसीसी/2020 दिनांक: 6 जनवरी, 2020 सेवा में मत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्‍ट्रपति भवन, नई दिल्‍ली। सचिव, भारत सरकार, कार्यक्रम कार्यान्‍वयन विभाग, सरदार पटेल भवन, नई दिल्‍ली। मुख्‍य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार दिल्ली। मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली। विषय: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2020- सांसद/विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी करना। महोदय, मुझे, निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/04/2020 दिनांक 6 जनवरी, 2020 (प्रेस नोट ईसीआई की वेबसाइट – www.eci.gov.in पर उपलब्‍ध है) का संदर्भ लेने का निदेश हुआ है जिसके अनुसार आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन की घोषणा के परिणामस्‍वरूप राजनैतिक दलों एवं अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन की घोषणा की है। 2. आयोग ने अनुदेश दिया है कि सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के अंतर्गत निधियों को अवमुक्‍त करना निम्‍नलिखित निर्बंधनों के अधीन होगा:- क) देश के ऐसे किसी भी भाग में, जहां निर्वाचन प्रक्रियाधीन है, सांसद (राज्‍य सभा सदस्‍य सहित) स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन कोई भी नई निधियां जारी नहीं की जाएगी। इसी प्रकार, निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक विधान सभा सदस्‍य/विधान परिषद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि के अधीन, यदि कोई ऐसी योजना प्रचालन में है, नई निधियां जारी नहीं की जाएंगी। ख) ऐसे कार्य के संदर्भ में कोई कार्य शुरू नहीं किया जाएगा जिसमें इस पत्र के जारी होने से पहले कार्य आदेश तो जारी कर दिए गए है परन्‍तु फील्‍ड में वास्‍तव में काम शुरू नही हुआ है। ये कार्य निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्‍तव में शुरू हो चुका है तो उसे जारी रखा जा सकता है। ग) पूरे हो गए कार्य(र्यों) के लिए भुगतानों को जारी करने पर कोई रोक नहीं होगी बशर्ते संबंधित अधिकारी पूर्ण रूप से संतुष्‍ट हों। घ) जहां योजनाएं अनुमोदित कर दी गई है तथा निधियां उपलब्‍ध करा या जारी कर दी गई हैं और सामग्रियों का प्रापण कर लिया गया है एवं कार्यस्‍थल पर पहुच गई हैं ऐसी योजनाएं कार्यक्रम के अनुसार कार्यान्वित की जा सकती हैं।
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    ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु/प्रकार्या./एमसीसी/2020 दिनांक : 6 जनवरी, 2020 सेवा में, 1. मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 2. मुख्‍य सचिव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार, दिल्ली, और 3. मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली। विषय : दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई-तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित कराने के लिए अनुसूची की घोषणा की है, अतः आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही ‘आदर्श आचार संहिता’ तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के साधारण निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उपबंधों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निम्नलिखित निदेश दिए हैं:- 1. सम्पत्ति का विरूपण- पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2015-सीसीएस, दिनांक 29 दिसम्बर, 2015; सं. 437/6/अनुदेश/2012-सीसीएण्डबीई दिनांक 18 जनवरी, 2012 तथा सं. 3/7/2008/जेएस-II दिनांक 7 अक्तूबर, 2008 में निहित ईसीआई अनुदेशों में सम्पत्ति के विरूपण के रोकथाम का प्रावधान है। आयोग ने अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा समयबद्ध रूप से कार्रवाई करने के लिए निम्नलिखित यथानिर्धारित निदेश दिए हैं- (क) सरकारी सम्पत्ति का विरूपण- इस प्रयोजन के लिए सरकारी परिसर में ऐसा कोई भी सरकारी कार्यालय तथा कैम्पस शामिल होगा, जिसमें कार्यालय भवन स्थित है। सरकारी सम्पत्ति पर मौजूद सभी प्रकार के भित्ति लेखन (वॉल राइटिंग), पोस्टर्स/पेपर्स या किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट/होर्डिंग, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचनों की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा दिए जाएंगे। (ख) सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण तथा सार्वजनिक स्थान का दुरूपयोग- सार्वजनिक सम्पत्ति में तथा सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, रेलवे पुलों, रोडवेजों, सरकारी बसों, बिजली/टेलीफोन खंभों, नगर निगम/ नगर पालिका/स्थानीय निकाय के भवनों आदि में भित्ति लेखन/पोस्टरों/ किसी अन्य रूप में विरूपण के पर्चे के रूप में सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापन या, कट आउट/ होर्डिंग, बैनर, फ्लैग इत्यादि को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 48 घंटों के भीतर हटा दिया जाएगा। (ग) सम्पत्ति का विरूपण- निजी सम्पत्ति पर प्रदर्शित तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निदेशों, यदि कोई हो, के अध्यधीन सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 72 घंटो के भीतर हटा दिया जाएगा। 2. सरकारी वाहनों का दुरूपयोग- आयोग के दिनांक 10 अप्रैल, 2014 के पत्र सं. 464/अनुदेश/2014/ईपीएस में निहित समेकित अनुदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंधित है कि किसी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी या निर्वाचन से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा (निर्वाचन से संबंधित किसी सरकारी ड्यूटी का निष्‍पादन करने वाले पदाधिकारियों को छोड़कर) निर्वाचन के दौरान प्रचार करने, निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्य या निर्वाचन से संबंधित यात्रा करने के लिए सरकारी वाहन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा (उसमें उल्लिखित कुछ अपवादों के अध्‍यधीन)। पद, ‘सरकारी वाहन’ का अर्थ ऐसे वाहनों से है और इसमें ऐसे वाहन शामिल होंगे जो परिवहन के प्रयोजनार्थ प्रयुक्त हों या प्रयुक्त किए जाने योग्य हों, चाहे वे यांत्रिक शक्ति या अन्यथा द्वारा चालित हों, और इनमें केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, केन्द्र/राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केन्द्र/राज्य सरकार के संयुक्त क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगर निगम, विपणन बोर्ड, सहकारी समितिय या ऐसे कोई अन्य निकाय शामिल होंगे जिसमें सार्वजनिक निधियां निवेशित की गई हों, भले ही कुल निधियों में से एक छोटा सा हिस्सा ही हों, । मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ईसीआई के अनुदेशों के अनुपालन के लिए निर्वाचनों की घोषणा के 24 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। 3. सार्वजनिक-राजकोष की लागत पर विज्ञापन- दिनांक 5 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/1/2014-सीसी एंड बीई में ईसीआई अनुदेशों में यह प्रावधान है कि निर्वाचन अवधि के दौरान सत्तारूढ़ दल की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से उपलब्धियों के बारे में सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों में विज्ञापन दिए जाने और राजनीतिक समाचार एवं प्रचार-प्रसार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जनसंचार के दुरूपयोग से निरपवाद रूप से बचा जाना चाहिए। सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए सार्वजनिक राजकोष की लागत पर इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिन्ट मीडिया में कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि किसी विज्ञापन को दूरदर्शन प्रसारण या प्रिन्ट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी किया जा चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों का दूरदर्शन प्रसारण/प्रकाशन तत्काल रोक दिया जाए तथा घोषणा की तारीख से किन्हीं भी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिन्ट मीडिया में ऐसा कोई भी विज्ञापन प्रकाशित न हो, तथा इसे तत्काल वापिस ले लिया जाना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के तुरन्त पश्चात् सरकार की उपलब्धियों को दर्शाते हुए प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी विज्ञापन को हटाने/रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 4. आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक पदाधिकारी का फोटो- दिनांक 20 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2014- सीसी एंड बीई में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि केन्द्र/राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मंत्रियों, राजनीतिज्ञों या राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को हटा दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यीय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी के फोटो को हटाने/छिपाने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 5. विकास/निर्माण संबंधी कार्यकलाप-मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के 72 घंटे के भीतर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर किसी शिकायत को विधिमान्य बनाने की स्थिति में संदर्भ हेतु कार्य की निम्नलिखित सूची प्राप्त करेंगेः i. कार्य की सूची जिसे स्थल पर पहले ही आरंभ किया जा चुका है। ii. नए कार्य की सूची जिसे स्थल पर आरंभ नहीं किया गया है। 6. व्यय अनुवीक्षण तथा आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए कार्यकलाप-घोषणा के बाद उड़न दस्ता, एफ एस टी, वीडियो टीम, शराब/नकदी/विनिषिद्ध औषधियों के लिए गहन जांच,ड्रग/स्वापक के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग के उड़न दस्तों को तत्काल सक्रिय किया जाना चाहिए। 7. शिकायत निगरानी प्रणाली- निर्वाचन कराए जाने वाले राज्य में वेबसाइट तथा कॉल सेन्टर पर आधारित एक शिकायत निवारण प्रणाली होगी। कॉल सेन्टर का टोल फ्री नंबर 1950 है। टोल फ्री कॉल सेन्टर नंबर पर कॉल करके या वेबसाइट पर शिकायतें दर्ज करके की जा सकती है। शिकायतकर्ताओं को एसएमएस द्वारा या कॉल सेन्टर द्वारा भी की गई कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर की गई कार्रवाई के विवरण भी देख सकते हैं। यह प्रणाली घोषणा के 24 घंटे के भीतर क्रियाशील होनी चाहिए। सभी शिकायतों को यथासमय एवं उचित रूप से निपटाया जाना चाहिए। जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष को अवश्य सक्रिय किया जाए तथा विशेष रूप से पर्याप्त कार्मिक शक्ति तैनात की जाए एवं अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए, नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे लोगों की तैनाती की जाए तथा किसी टाल-मटोल या शंका से बचने के लिए उनका ड्यूटी रोस्टर अवश्य बनाया जाए। 8. आईटी एप्लीकेशन आधिकारिक वेबसाइट तथा सोशल मीडिया सहित सभी आई टी एप्लीकेशन -घोषणा किए जाने के साथ ही चालू हो जाएंगी। 9. मतदाताओं तथा राजनीतिक दलों की जागरूकता के लिए सूचना का प्रचार-प्रसार करना- निर्वाचन संबंधी प्रमुख गतिविधि का प्रचार मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, सभी आवश्यक सूचना का प्रचार-प्रसार रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा के माध्यम से किया जाएगा। सरकारी चैनल में मतदाता शिक्षा सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। 10. शैक्षणिक संस्थान तथा सिविल सोसाइटी से सक्रिय सहयोग- आम जनता तथा अन्य हितधारकों में निर्वाचन संबंधी सूचना का व्यापक प्रचार करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों तथा सिविल सोसाइटी से सहयोग लिया जा सकता है। 11. मीडिया सेन्टर- मीडिया के माध्यम से ईवीएम/वीवीपीएटी के प्रयोग सहित निर्वाचन प्रणाली के बारे में मतदाताओं, राजनीतिक दलों तथा अन्य स्टेकहोल्डरों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। 12. एमसीएमसी/डीईएमसी- दिनांक 24 मार्च, 2014 के पत्र सं. 491/एमसीएमसी/2014/संचार में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जाने वाले उनके प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन के लिए जिला तथा राज्य स्तर, जैसी भी स्थिति हो, पर मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से सम्पर्क करेंगे। आयोग ने उपर्युक्त पत्र में निहित अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निदेश दिए हैं। 13. नियंत्रण कक्ष- जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष तत्काल अवश्य चालू किया जाए तथा जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा पर्याप्त कार्मिक शक्ति की तैनाती तथा अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए। सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान ईसीआई सचिवालय में शिकायत निवारण केन्द्र सहित एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।
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    सं.437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या./एमसीसी/2020 दिनांक: 6 जनवरी, 2020 सेवा में 1. मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। 2. मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार, दिल्ली। 3. मुख्य निर्वाचन अधिकारीः- दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली। विषय : आदर्श आचार संहिता लागू होना-दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन 2020- तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि निर्वाचन आयोग ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा के लिए साधारण निर्वाचन आयोजित करने के लिए अनुसूची की उद्घोषणा की है। (प्रेस नोट सं.ईसीआई/प्रे.नो./04/2020, दिनांक 6 जनवरी, 2020 जो आयोग की वेबसाइटwww.eci.gov.in पर उपलब्ध है)। 2. इस उद्घोषणा के साथ ही राजनैतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता के उपबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और तब तक लागू रहेंगे जब तक दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधान सभा में साधारण निर्वाचन सम्पन्न न हो जाएं। इसे केन्द्र/राज्य सरकार, सभी मंत्रालयों/विभागों और केन्‍द्र सरकार / राज्‍य सरकार के सभी कार्यालयों के ध्‍यान में लाया जाए। आपके द्वारा जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति सूचना एवं रिकार्ड हेतु भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाए। 3. आपका ध्‍यान ‘सत्‍तासीन दल’ से संबंधित आदर्श आचार संहिता के उपबंधों की ओर आकृष्‍ट किया जाता है जिसमें अन्‍य बातों के साथ-साथ यह कहा गया है कि सत्तासीन दल, चाहे केन्‍द्र में या संबंधित राज्‍य में यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी ऐसी शिकायत के लिए कोई कारण न दिया जाए कि उसने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिए शासकीय हैसियत का प्रयोग किया है और विशेष रूप से :- (i) (क) मंत्री अपने शासकीय दौरे को निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य से नहीं मिलाएंगे और निर्वाचन प्रचार अभियान संबंधी कार्य के दौरान शासकीय क्षेत्र या कार्मिकों का उपयोग भी नहीं करेंगे; (ख) सरकारी हवाई-जहाज, वाहनों सहित सरकारी परिवहन, तंत्र एवं कार्मिकों का उपयोग सत्तासीन दल के हित को प्रोत्‍साहित करने के लिए नहीं किया जाएगा; (ii) निर्वाचन सभाओं को आयोजित करने के लिए सार्वजनिक स्‍थानों जैसे मैदानों आदि का उपयोग और निर्वाचनों के संबंध में एयरक्राफ्ट के लिए हैलीपैड का प्रयोग अपने द्वारा एकाधिकार रूप से नहीं किया जाएगा। अन्‍य दलों और अभ्‍यर्थियों को उन्‍हीं शर्तों एवं निबंधनों के आधार पर ऐसे स्‍थानों एवं सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी जिन बातों एवं निबंधनों पर सत्तासीन दल द्वारा उनका उपयोग किया जाता है; (iii) जहां के लिए निर्वाचनों की घोषणा हुई है या जहां निर्वाचन हो रहे हैं, वहां के विश्राम गृह, डाक बंगला या अन्‍य सरकारी आवास को उपयोग करने के लिए किसी राज्य द्वारा जैड स्केल सुरक्षा प्रदान किए गए राजनीतिक पदाधिकारियों को या जिन्हें विभिन्न राज्यों में या केन्द्र सरकार में इससे ऊपर या इसके समकक्ष स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है, को एक समान आधार पर उपयोग करने के लिए प्रदान किए जाएंगे।यह इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसा आवास पहले से ही निर्वाचन सम्बन्धी अधिकारियों या प्रेक्षकों को आबंटित न हो या उनके द्वारा धारित न हो। सरकारी आवास गृह/आराम गृह या अन्य सरकारी आवास इत्यादि में ठहरने के समय ऐसे राजनीतिक पदाधिकारी कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं करेंगे। यर्थ (iv) समाचार पत्रों और अन्‍य मीडिया में सरकारी खजाने की लागत से विज्ञापन जारी करने और राजनैतिक समाचारों के दलगत कवरेज के लिए निर्वाचन अवधि के दौरान शासकीय मास मीडिया के दुरुपयोग तथा सत्तासीन दल की प्रत्‍याशाओं को आगे बढ़ाने की दृष्टि से उपलब्धियों के बारे में प्रचार से निष्‍ठापूर्वक बचा जाना चाहिए; (v) मंत्री और अन्य प्राधिकारी, आयोग द्वारा निर्वाचनों की उद्घोषणा किए जाने के समय से विवेकाधीन निधियों में से अनुदानों/भुगतानों को स्‍वीकृति प्रदान नहीं करेंगे; और (vi) आयोग द्वारा निर्वाचनों की उद्घोषणा के समय से, मंत्री और अन्‍य प्राधिकारी – (क) किसी रूप में कोई वित्तीय अनुदानों की उद्घोषणा नहीं करेंगे या उनके लिए वचन नहीं देंगे; या (ख) किसी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं की आधारशीला नहीं रखेंगे (लोक सेवकों के सिवाय); या (ग) सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं की व्‍यवस्‍था आदि के बारे में कोई वचन नहीं देंगे; या (घ) सरकार सार्वजनिक उपक्रमों आदि में ऐसी कोई तदर्थ नियुक्तियां नहीं करेगी जिनमें सत्तासीन दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रभाव हो। 4. जैसा कि उपर्युक्‍त पैरा 3 {खंड IV} से ज्ञातव्य है, सरकारी खजाने की लागत से सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए इलेक्‍ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि कोई विज्ञापन, प्रसारण या प्रिंट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी हो चुका है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्‍ट्रानिक मीडिया में ऐसे विज्ञापनों के प्रसारण को तत्‍क्षण रोक दिया जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आज से ही ऐसा कोई विज्ञापन किन्‍हीं भी समाचारपत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिंट मीडिया में प्रकाशित न किया जाए और इसे शीघ्र वापस ले लिया जाए। 5. इस संबंध में आयोग के दिनांक 5 मार्च, 2009 के पत्र सं. 437/6/2009-सीसीबीई के तहत जारी अनुदेश, आयोग की वेबसाइट “http://eci.nic.in/” पर उपलब्‍ध है जो आपकी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु ‘महत्वपूर्ण अनुदेश’ नामक शीर्षक के अन्तर्गत है।आपके मार्गदर्शन के लिए इस लिंक पर आयोग के अन्‍य सभी अनुदेश भी उपलब्‍ध हैं। 6. आयोग इसके अतिरिक्‍त निदेश देता है कि निर्वाचन के संचालन से संबंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण पर पूरी रोक होगी। इनमें निम्‍नलिखित सम्मिलित होंगे किंतु वहीं तक सीमित नहीं होंगे:- (i) मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी और अपर/संयुक्‍त/उप मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी; (ii) मंडल आयुक्‍त; (iii) जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर एवं निर्वाचनों के संचालन से संबंधित राजस्‍व अधिकारी; (iv) निर्वाचनों के प्रबंधन से जुड़े पुलिस विभाग के अधिकारी यथा, रेंज महानिरीक्षक एवं उप महानिरीक्षक, वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी यथा, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्‍य पुलिस अधिकारी, जो लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 28क के अधीन आयोग में प्रतिनियुक्‍त हैं; (v) निर्वाचन की उद्घोषणा की तारीख से पूर्व उपर्युक्‍त श्रेणियों के अधिकारियों की बाबत जारी किंतु आज की तारीख तक कार्यान्वित नहीं किए गए स्‍थानान्‍तरण आदेशों को इस संबंध में आयोग से विशिष्‍ट अनुमति लिए बिना लागू नहीं किया जाना चाहिए; (vi) यह रोक निर्वाचन के पूरा होने तक प्रभावी रहेगी। आयोग आगे यह और निदेश देता है कि राज्‍य सरकार को राज्‍य में निर्वाचन के प्रबंधन में भूमिका वाले वरिष्‍ठ अधिकारियों का स्‍थानान्‍तरण करने से बचना चाहिए। (vii) ऐसे मामलों में, जहां प्रशासनिक अत्‍यावश्‍यकताओं के कारण किसी अधिकारी का स्‍थानान्‍तरण आवश्‍यक है, वहां संबंध राज्‍य सरकार को पूर्व स्‍वीकृति के लिए पूर्ण औचित्‍य के साथ आयोग से संपर्क करना चाहिए। 7. कृपया इस पत्र की पावती भेजी जाए।
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/05/2020 दिनांक : 09 जनवरी, 2019 प्रेस नोट विषय: राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 - लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली की विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2020 आयोजित कराने संबं‍धी अनुसूची दिनांक 06 जनवरी, 2020 को घोषित कर दी गई है। मतदान दिनांक 08.02.2020 को एक चरण में आयोजित किया जाना निर्धारित है। लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप माध्‍यम/साधनों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे उद्धृत किए गए हैं:- (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाली अड़तालीस घंटो की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिबंध- (1) कोई भी व्‍यक्ति- (क) .............................. (ख) चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरणों के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे; (ग) ................................................................... मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान (2) वह व्‍यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा कारावास में, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा। (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या प्रकल्पित है)। 2. निर्वाचनों के दौरान कभी-कभी टी.वी चैनलों द्वारा उनकी पैनल चर्चाओं/ वाद-विवाद तथा अन्‍य समाचारों और वर्तमान मामला कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त धारा 126 के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। विगत मे भी आयोग ने यह स्‍पष्‍ट किया था कि उक्‍त धारा 126, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या परिकल्पित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय होगा। 3. आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा टेलीविजन प्रसारित/रेडिया प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय सूची में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों द्वारा दिए गए विचारों/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की संभावनाओं को प्रोत्‍साहित करने/प्रतिकूल प्रभाव डालने का अर्थ लगाया जाए। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपीनियन पोल तथा वाद-विवादों के परिणामों विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा। 4. इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि सभी राज्यों में मतदान प्रारंभ होने से तथा मतदान समाप्त होने के आधा घंटा बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल आयोजित करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है। 5. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफ एम चैनल आउटडोर किसी भी प्रसारण संबंधी घटनाओं (एग्जिट पोल के अलावा) के संचालन, जो शालीनता, सांप्रदायिक एकता के अनुसरण आदि के संबंध में केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्‍वतंत्र है। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनीतिक विषय पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और दिशानिर्देश संख्या 491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्टूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसी अनुमति देते हुए कानून और व्‍यवस्‍था की स्थिति सहित सभी संगत पहलू ध्‍यान में रखेंगे। जहां तक राजनीतिक विज्ञापनों का संबंध है, आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व प्रमाणन किया जाना आवश्यक है। 6. निर्वाचन के दौरान पालन करने हेतु प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा जारी निम्‍नलिखित दिशा-निर्देशों की ओर सभी प्रिन्‍ट मीडिया का भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है: (i) प्रेस का यह कर्तव्‍य होगा कि वह निर्वाचनों तथा अभ्‍यर्थियों के बारे में विषयपरक रिपोर्ट दें। समाचार पत्रों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे निर्वाचनों के दौरान किसी अभ्‍यर्थी/पार्टी या घटना के बारे में अतिशोक्तिपूर्ण रिपोर्टों और दूषित निर्वाचन प्रचारों में हिस्‍सा लें। व्‍यवहार में, दो या तीन कड़ी प्रतियोगिता वाले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी सारी मीडिया को अपनी ओर ध्‍याना‍कर्षित करते हैं। वास्‍तविक प्रचार पर रिपोर्ट तैयार करते समय समाचार पत्र में ऐसा कोई महत्‍वपूर्ण बिंदु नहीं छोड़ना चाहिए जो कि अभ्‍यर्थी द्वारा उठाया गया हो और जो उसके विरोधी पर आक्षेप लगाता हो। (ii) सांप्रदायिक या जाति आधार पर वोट मांगते हुए निर्वाचन प्रचार करना निर्वाचन नियमावली के अधीन निषेध है। अत:, प्रेस को धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच विद्वेष या घृणा की भावना को बढ़ावा देने से बचना चाहिए। (iii) प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी के आचारण और उसके निजी चरित्र के संबंध में कोई मिथ्‍या या आलोचनात्‍मक वक्‍तव्‍य अथवा उसकी अभ्‍यर्थिता या नाम वापस लेने के संबंध में किसी प्रकार के प्रकाशन से बचना चाहिए ताकि निर्वाचनों में उस अभ्‍यर्थी की अपेक्षाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित न होने पाएं। प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी/दल के विरूद्ध असत्‍यापित आरोपों को प्रकाशित नहीं करना चाहिए। (iv) प्रेस, किसी अभ्‍यर्थी/दल को सुव्‍यक्‍त करने में वित्‍तीय अथवा अन्‍य किसी प्रकार के प्रलोभन को स्‍वीकार नहीं करेगा। यह किसी अभ्‍यर्थी/दल की ओर से उनको दी जाने वाली कोई भी सुविधा या आतिथ्‍य स्‍वीकार नहीं करेगी। (v) प्रेस से किसी विशेष अभ्‍यर्थी/दल के प्रचार में शामिल होने की अपेक्षा नहीं की जाती है। यदि यह ऐसा करती है तो यह ऐसे अन्‍य अभ्‍यर्थी/दल को इस संबंध में जवाब देने के अधिकार की अनुमति भी देगी। (vi) प्रेस, सत्‍ताधारी पार्टी/सरकार की उपलब्धियों के संबंध में सरकारी खर्च/राजकोष पर किसी विज्ञापन को स्‍वीकार/प्रकाशित नहीं करेगी। (vii) प्रेस, निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग अधिकारियों या मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निदेशों/आदेशों/अनुदेशों का पालन करेगी। 7. एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है :- (i) समाचार (न्‍यूज़) प्रसारकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तथा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के अधीन निर्धारित नियमों तथा विनियमों के अनुसार सुसंगत निर्वाचन मामलों, राजनैतिक दलों, अभ्‍यर्थियों, अभियान मामलों तथा मतदान प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को वस्‍तुनिष्‍ठ तरीके से सूचित करने का प्रयास करना चाहिए। (ii) न्‍यूज़ चैनलों को पार्टी या अभ्‍यर्थी के संबंध में किसी भी प्रकार की राजनैतिक संबद्धता का उल्‍लेख करना चाहिए। जब तक वे सार्वजनिक रूप से किसी विशेष पार्टी या अभ्यर्थी का समर्थन नहीं करते हैं, समाचार प्रसारकों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे अपनी निर्वाचन संबंधी रिपोर्टिंग में संतुलित एवं निष्‍पक्ष बने रहें। (iii) न्‍यूज़ प्रसारकों को सभी प्रकार की अफवाहों, निराधार अटकलबाजियों तथा गलत सूचना देने से बचना चाहिए, विशेषत:, जब यह किन्‍ही विशेष दलों या अभ्‍यर्थियों के संबंध में हो। ऐसा कोई भी अभ्‍यर्थी/राजनैतिक दल जो कि इस प्रकार से बदनाम किया गया है या मिथ्‍या निरूपण, गलत सूचना देने या सूचना के प्रसारण द्वारा समरूप क्षति से पीडि़त है, तो उसमें तुरंत सुधार लाया जाए और जहां उचित लगे जवाब देने का अवसर भी प्रदान किया जाए। (iv) समाचार प्रसारकों को ऐसे सभी राजनैतिक तथा वित्‍तीय दबावों से बचना चाहिए जो कि निर्वाचनों की कवरेज तथा निर्वाचन संबंधी मामलों पर प्रभाव डालते हों। (v) समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों में प्रसारित संपादकीय तथा विशेषज्ञ राय के बीच स्‍पष्‍ट अंतर रखना चाहिए। (vi) वे समाचार प्रसारक जो राजनैतिक दलों से वीडियो सामग्री प्राप्‍त करते है, उन्‍हें इसका उल्‍लेख करना चाहिए और इसे उचित रूप से टैग भी करना चाहिए। (vii) घटनाओं, तारीखों, स्‍थानों और उद्धरणों के संबंध में निर्वाचनों तथा निर्वाचन संबंधी मामलों से संबंध रखने वाले समाचारों/कार्यक्रमों की प्रत्‍येक मूलवस्‍तु के संबंध में यथार्थता सुनिश्चित करते समय विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। यदि गलती से या असावधानी से किसी गलत सूचना का प्रसारण हो जाता है तो जैसे ही प्रसारक के ध्‍यान में यह बात आती है तो वह उसे उसी विशिष्‍टता से संपन्‍न करेगा जैसे कि मूल प्रसारण के समय किया था। (viii) समाचार प्रसारकों, उनके संवाददाताओं और अधिकारियों को धन, किसी प्रकार का उपहार या ऐसा कोइ समर्थन स्‍वीकार नही करना चाहिए जो उन पर किसी प्रकार का प्रभाव डाले या प्रभाव डालता हुआ प्रतीत हो, हितों संबंधी विरोध उत्‍पन्‍न करे या प्रसारक अथवा उसके कार्मिक की विश्‍वसीनयता को क्षति पहुंचाए। (ix) समाचार प्रसारक किसी प्रकार का ‘घृणापूर्ण भाषण’ या अन्‍य प्रकार के आपित्‍तजनक अंशों का प्रसारण नहीं करेंगे जिससे हिंसा या जनाक्रोश को बढ़ावा मिले या अव्‍यवस्‍था फैले क्‍योंकि सांप्रदायिक या जाति के आधार पर प्रचार करना निर्वाचन विधि के अधीन निषेध है। समाचार प्रसारकों को ऐसी रिपोर्टों से कड़ाईपूर्वक परहेज करना चाहिए जिससे धर्म, वंश, समुदाय, क्षेत्र या भाषा के आधार पर वैमनस्‍यता या घृणा की भावना को बढ़ावा मिले। (x) समाचार प्रचारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाचारों तथा पेड सामग्री का अंतर बनाए रखने में सावधानी बरतें। सारी पेड सामग्री पर ‘‘पेड विज्ञापन’’ या ‘‘पेड सामग्री’’ स्‍पष्‍ट रूप से चिहनित किया जाना चाहिए और एनबीए द्वारा जारी दिनांक 24.11.2011 के ‘‘पेड न्‍यूज़ पर प्रतिमानक और दिशा-निर्देश’’ के अनुसरण में पेड सामग्री कार्यान्वित होने चाहिएं। (X i) ओपीनियन पोल को रिपोर्ट करते समय उसकी सटीकता और निष्‍पक्षता का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए, दर्शकों के लिए यह खुलासा किया जाना चाहिए, कि ओपीनियन पोल के संचालन और उसके प्रसारण के लिए उन्‍हें किसने अधिकृत किया है, किसने उसका संचालन किया है और किसने उसके लिए भुगतान किया है। यदि किसी समाचार प्रसारक के पास ओपीनियन पोल अथवा अन्‍य निर्वाचन प्रेक्षणों का परिणाम है तो उसे ऐसे मतदानों की उनकी सीमाबद्धता सहित सीमाओं तथा कार्यक्षेत्र और उसका संदर्भ या उल्‍लेख अवश्‍य करना चाहिए। ओपीनियन पोल के प्रसारण के साथ ऐसी सूचना भी अवश्‍य दी जानी चाहिए जिससे दर्शक मतदान का महत्‍व यथा प्रयुक्‍त पद्धति, सैंपल का आकार, त्रुटियों की गुंजाइश, फील्‍डवर्क तारीखें तथा प्रयोग किए गए आंकड़े को समझ सकें। प्रसारक को इस संबंध में भी सूचना देनी चाहिए कि वोट शेयर किस प्रकार सीट शेयर में बदल जाता है। (xii)प्रसारक, लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम,1951 की धारा 126 (1)(ख) के उल्लंघन में, मतदान समाप्त होने के नियत समय के साथ 48 घंटे के दौरान कोई भी “निर्वाचन सामग्री”, अर्थात निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य या मंशा से प्रसारित नहीं करेगा। (xiii)भारत निर्वाचन आयोग, समाचार प्रसारकों द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से निर्वाचनों की समाप्ति और निर्वाचनों परिणामों की घोषणा तक किए गए प्रसारणों का अनुवीक्षण करेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण(एनबीएसए) को सदस्‍य प्रसारक द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के उल्‍लंघन के मामले की शिकायत पर एनबीएसए द्वारा इसके विनियमों के अधीन ही कार्रवाई की जाएगी। (xiv) प्रसारकों को, संभव स्‍तर तक, मतदान प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं को प्रभावी रूप से सूचित करने के लिए मतदान का महत्‍व बताने तथा साथ ही कैसे, कब और कहां वोट करें, वोट के लिए रजिस्‍टर कराने और मतपत्र की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदाता शिक्षा कार्यक्रम चलाने चाहिए। (xv) समाचार प्रसारकों को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा औपचारिक रूप से परिणामों की घोषणा किए जाने तक किसी भी प्रकार के अंतिम, औपचारिक और निश्‍चित परिणामों का प्रसारण नहीं करना चाहिए जब‍तक कि ऐसे परिणामों में इस बात का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख न हो कि वे अनाधिकारिक हैं या अधूरे या अपूर्ण परिणाम अथवा प्रक्षपेण हैं जिन्‍हें अंतिम परिणामों के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। 8. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया के लिए “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” भी विकसित किया है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता दिल्‍ली के विधान सभा निर्वाचन, 2020 में भी लागू होती है। सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “वोलंटेरी कोड ऑफ एथिक्स” के निम्नलिखित पाठ की ओर आकर्षित किया जाता है: i. प्रतिभागियों का प्रयास होगा, जहां उपयुक्त हो, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, उनके उत्पादों और/या सेवाओं पर निर्वाचकीय मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उपयुक्त नीतियों और प्रक्रियाओं को तैनात किया जाए। ii. प्रतिभागियों का यह प्रयास होगा के वे स्वैच्छिक रूप से सूचना, शिक्षा और संचार अभियान चलाने के लिए निर्वाचकीय कानूनों और अन्य संबंधित निर्देशों सहित जागरूकता पैदा करने का प्रयास करेंगे। प्रतिभागियों का यह भी प्रयास होगा कि वे अपने उत्पादों/सेवाओं पर ईसीआई में नोडल अधिकारी को प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रयास करेंगे, जिसमें कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अनुरोध भेजने के लिए तंत्र भी शामिल है। iii. प्रतिभागियों और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक अधिसूचना तंत्र विकसित किया है जिसके द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, विधि द्वारा स्थापित प्रक्रियायों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 और अन्य प्रयोज्य निर्वाचन विधियों के संभावित उल्लंघनों के बारे में प्रासंगिक प्लेटफार्मों को अधिसूचित कर सकता है। सिन्हा समिति की सिफारिशों के अनुसार धारा 126 के तहत उल्लिखित उल्लंघनों के 3 घंटे के भीतर लिए इन वैध कानूनी आदेशों को स्वीकृत और/या कार्रवाई की जाएगी। अन्य सभी वैध कानूनी अनुरोधों पर उल्लंघन की रिपोर्ट की प्रकृति के आधार पर प्रतिभागियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। iv. प्रतिभागी साधारण निर्वाचनों की अवधि के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाली समर्पित रिपोर्टिंग तंत्र तैयार/उसका मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं और समर्पित व्यक्ति(यों)/(टीमों) की नियुक्ति कर रहे हैं। ये व्यक्ति/टीमें इंटरफेस करेंगी और आयोग से ऐसे विधिपूर्ण अनुरोध प्राप्त होने पर नियत विधिक प्रक्रिया का पालन करके त्वरित कार्रवाई करने में सहायता करने के लिए फीडबैक का आदान-प्रदान करेंगी। v. प्रतिभागी विधि के अधीन उनके दायित्वों के अनुसार राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा ताकि निर्वाचन संबंधी विज्ञापनों, जिसमें साथ-साथ आयोजित कराए जाने वाले निर्वचनों के लिए और हरियाणा और महाराष्ट्र विधान सभा के निर्वाचनों एवं विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप निर्वाचनों के लिए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों के नाम हों,के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और/या भारत निर्वाचन आयोग के मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) द्वारा जारी पूर्व प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सके। इसके अतिरिक्त, ईसीआई द्वारा प्रतिभागियों को अधिसूचित रूप से राजनीतिक विज्ञापनों का भुगतान करने की प्रक्रिया/कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी जो इस तरह के प्रमाणीकरण की सुविधा नहीं देते हैं। vi. प्रतिभागी पेड राजनीतिक विज्ञापनों के साथ-साथ इस तरह के विज्ञापनों के लिए पहले से मौजूद लेबल/डिस्क्लोजर तकनीक का उपयोग करने में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। vii. प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग से इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के माध्यम से प्राप्त वैध अनुरोध के अनुसार, उनके संबंधित प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों पर एक अपडेट प्रदान करेंगे। viii. आईएएमएआई इस कोड के तहत किए गए उपायों पर प्रतिभागियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा और निर्वाचन अवधि के दौरान आईएएमएआई तथा प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के साथ निरंतर सम्पर्क में रहेंगे। उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत् रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।
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    ECI/PN/119/2019 Dated: 20th December, 2019 PRESS NOTE Voting concludes in Jharkhand with Peaceful Voting in Phase-VAssembly Constituencies in General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 Absentee Voter Status Facility provided for the first time in the country to PwD and 80+ aged voters of seven ACs in Jharkhand The Fifth and final Phase of election took place in 16 Assembly Constituencies (ACs) spread across six districts (Sahebganj, Pakur, Dumka, Jamtara, Deoghar and Giridih) in Jharkhand today. The poll today went off peacefully, without any incident, with very enthusiastic participation of voters including PWDs, senior citizens, youth etc. • 3,690 out of 5,389 polling stations (more than 68.47%) were categorized as critical; adequate security arrangements were made. • 1 chopper was deployed to drop 62 polling personnel. • This phase covered 40,05,287 voters, including 3,076 service voters and 50,053 PwD voters. Total 237 Candidates including 29 female Candidates are in fray. • In this phase 7,505Volunteers facilitated bringing PwD voters from their houses to the polling stations. 2,766vehicles were deployed to facilitate their transport. 2,065wheelchairs were provided at the Polling Stations. In all phases, a total of 31,833 Volunteers facilitated to bring PwD voters from their houses to the polling stations; 11,338 vehicles were deployed to facilitate their transport and 14,036 wheelchairs were provided at the Polling Stations. • The Absentee Voter status was provided to PwD and 80+ Voters of four Assembly Constituencies of Phase-V (namely Rajmahal, Pakur, Godda and Jamtara) and they were given the facility to vote through Postal Ballot at their doorstep. In this phase, 802 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot. This facility of Absentee Voter status was provided for the first time in the country to PwD and 80+ aged voters of total 7 Assembly Constituencies in Jharkhand (viz, 01-Rajmahal AC, 05-Pakur AC, 09-Jamtara AC, 15-Deoghar AC, 17-Godda AC, 36-Bokaro AC and 40-Dhanbad AC). A total of 2,018 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot across the State. • Total value of seizures across the State till today is Rs 18.76Crore. • In 10 Assembly Constituencies of Phase-II, III & IV, the Booth App was used successfully. • 1. Approx. voter turnout figures (at 5.00 PM) : At the time of release of the Press Note, the voting in some of the Polling Stations was still going on. The final Voting Turnout will be known after the verification and scrutiny of Presiding Officers’ Diaries and other documents. As of reports received till 5.00 pm, the approximate voter turnout figure for all the 16 ACs of 5thphase today is 70.83%. The final voter turnout in LAE 2014 for these 16 ACs was 73.31%. The approximate voter Turnout for all 81 ACs across all phases of Jharkhand is 65.17%. The final voter turnout for LAE2014 was 66.53%. 2. EVMs& VVPATs : No complaint regarding EVM/VVPAT have been reported during the poll today. Across the 16 ACs today, as per figures received till now only 0.53% BUs,0.78% CUs and 2.23% VVPATs were replaced.
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    ECI/PN/117/2019 Dated: 16th December, 2019 PRESS NOTE Peaceful Voting in Phase IV of the General Election to the Legislative Assembly of Jharkhand, 2019 The Fourth Phase of election took place in 15 Assembly Constituencies (ACs) covered in 4 districts (Deoghar, Giridih, Bokaro and Dhanbad) on 16.12.2019. The poll today went off peacefully, without any incident, with very enthusiastic participation of voters including PWDs, senior citizens, youth etc. • 4,203 out of 6,101 polling stations (more than 69 %) were categorized as critical; adequate security arrangements were made. • 74 polling stations required dispatching polling teams two days in advance. • 2 choppers were deployed to drop 158 polling personnel. • This phase covered 47,85,009 voters, including 7,430 service voters and 64,318 PwD voters. 221 Candidates including 22 female and 1 third gender Candidates are in fray. • 4,039 Volunteers facilitated bringing PwD voters from their houses to the polling stations. 3,432 vehicles were deployed to facilitate their transport. 2,504 wheelchairs were provided at the Polling Stations. • For the first time Absentee Voter status was provided to PwD and 80+ Voters of 3 Assembly Constituencies and they were given the facility to vote through Postal Ballot at their doorstep. A total of 1216 PwD and 80+ voters exercised their franchise using this provision of Postal Ballot. • The Commission put in place an elaborate mechanism to curb the misuse of money power. Total value of seizures across the State till today is Rs 16.97 Crore. • In four Assembly Constituencies of Phase-IV (viz., 15-Deoghar (SC), 31-Gandey, 36-Bokaro and 41-Jharia ACs), the Booth App to facilitate voters to know about the number of voters in the queue was used successfully. 1. Approx. voter turnout figures (at 5.00 PM) : At the time of release of the Press Note, the voting in some of the Polling Stations was still going on. The final Voting Turnout will be known after the verification and scrutiny of Presiding Officers’ Diaries and other documents. As of reports received till 5.00 pm, the approximate voter turnout figure for all the 15 ACs of 4th phase today is 62.46 %. The final voter turnout in LAE 2014 for these 15 ACs was 64.66%. 2. EVMs & VVPATs : No complaint regarding EVM/VVPAT have been reported during the poll today. Across the 15 ACs today, as per figures received till now only 0.30 % BUs, 0.28 % CUs and 0.87 % VVPATs were replaced, which is one of the lowest replacement.
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    सं.: ईसीआई/प्रे.नो./106/2019/संचार दिनांक: 04 नवंबर, 2019 प्रेस नोट विषय: झारखण्‍ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019- राष्ट्रीय/राज्यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय का आबंटन-तत्संबंधी। झारखण्‍ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 में राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनैतिक दलों को रेडियो प्रसारण/दूरदर्शन प्रसारण के समय के आबंटन के संबंध में आयोग द्वारा जारी दिनांक 04 नवंबर, 2019 के आदेश संख्‍या 437/टीए-वि.स/1/2019/संचार की एक प्रति जन साधारण के सूचनार्थ संलग्‍न है।
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/102/2019 दिनांक: 01 नवंबर, 2019 झारखंड विधान सभा के साधारण निर्वाचन हेतु अनुसूची मतदान कार्यक्रम चरण I चरण II चरण III चरण IV चरण V राजपत्र अधिसूचना जारी करने की तारीख 06.11.2019 (बुधवार) 11.11.2019 (सोमवार) 16.11.2019 (शनिवार) 22.11.2019 (शु्क्रवार) 26.11.2019 (मंगलवार) नामनिर्देशन करने की अंतिम तारीख 13.11.2019 (बुधवार) 18.11.2019 (सोमवार) 25.11.2019 (सोमवार) 29.11.2019 (शुक्रवार) 03.12.2019 (मंगलवार) नामनिर्देशनों की संवीक्षा हेतु तारीख 14.11.2019 (गुरूवार) 19.11.2019 (मंगलवार) 26.11.2019 (मंगलवार) 30.11.2019 (शनिवार) 04.12.2019 (बुधवार) अभ्‍यर्थिता वापस लेने की अंतिम तारीख 16.11.2019 (शनिवार) 21.11.2019 (गुरूवार) 28.11.2019 (गुरूवार) 02.12.2019 (सोमवार) 06.12.2019 (शुक्रवार) मतदान की तारीख 30.11.2019 (शनिवार) 07.12.2019 (शनिवार) 12.12.2019 (गुरूवार) 16.12.2019 (सोमवार) 20.12.2019 (शुक्रवार) मतगणना की तारीख 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) 23.12.2019 (सोमवार) समापन की तारीख 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार) 26.12.2019 (गुरूवार)
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    सं. ईसीआई/प्रेस नोट/105/2019 दिनांक : 04 नवम्बर, 2019 प्रेस नोट विषय: झारखण्ड राज्य विधान सभा का साधारण निर्वाचन, 2019-लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में संदर्भित अवधि के दौरान मीडिया कवरेज। झारखण्ड राज्य विधान सभा के साधारण निर्वाचन,2019 आयोजित कराने संबं‍धी अनुसूची दिनांक 1 नवम्बर, 2019 को घोषित कर दी गई है। राज्य में दिनांक 30.11.2019, 07.12.2019, 12.12.2019, 16.12.2019 तथा 20.12.2019 को 05 (पांच) चरणों में मतदान आयोजित किया जाना निर्धारित है। लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 126 किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति हेतु निर्धारित घंटे से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप माध्‍यम/साधनों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन का निषेध करती है। उक्‍त धारा 126 के सुसंगत अंश नीचे उद्धृत किए गए हैं:- (126. मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाली अड़तालीस घंटो की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिबंध- (1) कोई भी व्‍यक्ति- (क) .............................. (ख) चलचित्र, टेलीविजन या अन्‍य समरूप उपकरणों के माध्‍यम से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेंगे; (ग) ................................................................... मतदान क्षेत्र में किसी भी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले अड़तालीस घंटों की कालावधि के दौरान (2) वह व्‍यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधों का उल्‍लंघन करेगा कारावास में, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकती है, या जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा। (3) इस धारा में, ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ पद से अभिप्रेत है कोई ऐसी बात जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या प्रकल्पित है)। 2. निर्वाचनों के दौरान कभी-कभी टी.वी चैनलों द्वारा उनकी पैनल चर्चाओं/ वाद-विवाद तथा अन्‍य समाचारों और वर्तमान मामला कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की उपर्युक्‍त धारा 126 के उल्‍लंघन का आरोप लगता रहा है। विगत मे भी आयोग ने यह स्‍पष्‍ट किया था कि उक्‍त धारा 126, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्‍त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान अन्‍य बातों के साथ-साथ टेलीविजन या समरूप उपकरणों के माध्‍यम से किसी भी निर्वाचन संबंधी बात के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाती है। उस धारा में ‘‘निर्वाचन संबंधी बात’’ को ऐसी बात के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी निर्वाचन के परिणाम पर असर डालने या उसे प्रभावित करने के लिए आशयित या परिकल्पित हो। धारा 126 के उपर्युक्‍त उपबंधों का उल्‍लंघन दो वर्ष के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों द्वारा दंडनीय होगा। 3. आयोग इस बात को पुन: दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों तथा केबल नेटवर्कों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 में संदर्भित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा टेलीविजन प्रसारित/रेडिया प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय सूची में पैनल के सदस्‍यों/प्रतिभागियों द्वारा दिए गए विचारों/अपीलों सहित कोई ऐसी सामग्री न हो जिससे निर्वाचन के परिणामों को प्रभावित करने/असर डालने या अभ्‍यर्थी(र्थियों) अथवा किसी विशेष दल की संभावनाओं को प्रोत्‍साहित करने/प्रतिकूल प्रभाव डालने का अर्थ लगाया जाए। अन्‍य बातों के अलावा, इसमें किसी भी ओपीनियन पोल तथा वाद-विवादों के परिणामों विश्‍लेषण, विजुअल तथा साउंड बाइट्स का प्रदर्शन भी शामिल होगा। 4. इस संबंध में, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126क की ओर ध्‍यान आकर्षित किया जाता है जो कि सभी राज्यों में मतदान प्रारंभ होने से तथा मतदान समाप्त होने के आधा घंटा बाद तक के बीच की अवधि के दौरान एग्जिट पोल आयोजित करने और उसके परिणामों को प्रसारित करने को प्रतिबंधित करती है। 5. लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 126 द्वारा कवर न होने वाली अवधि के दौरान संबंधित टीवी/रेडियो/केबल/एफ एम चैनल आउटडोर किसी भी प्रसारण संबंधी घटनाओं (एग्जिट पोल के अलावा) के संचालन, जो शालीनता, सांप्रदायिक एकता के अनुसरण आदि के संबंध में केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के अधीन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रोग्राम कोड और आदर्श आचार संहिता के उपबंधों के अनुरूप हो, हेतु आवश्‍यक अनुमति के लिए राज्‍य/जिला स्‍थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्‍वतंत्र है। सभी इंटरनेट वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफार्म पर सभी राजनीतिक विषय पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और दिशानिर्देश संख्या 491/एसएम/2013/संचार, दिनांक 25 अक्टूबर, 2013 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए। संबंधित मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसी अनुमति देते हुए कानून और व्‍यवस्‍था की स्थिति सहित सभी संगत पहलू ध्‍यान में रखेंगे। जहां तक राजनीतिक विज्ञापनों का संबंध है, आयोग के दिनांक 15 अप्रैल, 2004 के आदेश संख्‍या 509/75/2004/जेएस-I के अनुसार राज्‍य/जिला स्‍तर पर गठित समिति द्वारा इसका पूर्व प्रमाणन किया जाना आवश्यक है। 6. निर्वाचन के दौरान पालन करने हेतु प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा जारी निम्‍नलिखित दिशा-निर्देशों की ओर सभी प्रिन्‍ट मीडिया का भी ध्‍यान आकर्षित किया जाता है: (i) प्रेस का यह कर्तव्‍य होगा कि वह निर्वाचनों तथा अभ्‍यर्थियों के बारे में विषयपरक रिपोर्ट दें। समाचार पत्रों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे निर्वाचनों के दौरान किसी अभ्‍यर्थी/पार्टी या घटना के बारे में अतिशोक्तिपूर्ण रिपोर्टों और दूषित निर्वाचन प्रचारों में हिस्‍सा लें। व्‍यवहार में, दो या तीन कड़ी प्रतियोगिता वाले निर्वाचन लड़ने वाले अभ्‍यर्थी सारी मीडिया को अपनी ओर ध्‍याना‍कर्षित करते हैं। वास्‍तविक प्रचार पर रिपोर्ट तैयार करते समय समाचार पत्र में ऐसा कोई महत्‍वपूर्ण बिंदु नहीं छोड़ना चाहिए जो कि अभ्‍यर्थी द्वारा उठाया गया हो और जो उसके विरोधी पर आक्षेप लगाता हो। (ii) सांप्रदायिक या जाति आधार पर वोट मांगते हुए निर्वाचन प्रचार करना निर्वाचन नियमावली के अधीन निषेध है। अत:, प्रेस को धर्म, वंश, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर लोगों के बीच विद्वेष या घृणा की भावना को बढ़ावा देने से बचना चाहिए। (iii) प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी के आचारण और उसके निजी चरित्र के संबंध में कोई मिथ्‍या या आलोचनात्‍मक वक्‍तव्‍य अथवा उसकी अभ्‍यर्थिता या नाम वापस लेने के संबंध में किसी प्रकार के प्रकाशन से बचना चाहिए ताकि निर्वाचनों में उस अभ्‍यर्थी की अपेक्षाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित न होने पाएं। प्रेस को किसी अभ्‍यर्थी/दल के विरूद्ध असत्‍यापित आरोपों को प्रकाशित नहीं करना चाहिए। (iv) प्रेस, किसी अभ्‍यर्थी/दल को सुव्‍यक्‍त करने में वित्‍तीय अथवा अन्‍य किसी प्रकार के प्रलोभन को स्‍वीकार नहीं करेगा। यह किसी अभ्‍यर्थी/दल की ओर से उनको दी जाने वाली कोई भी सुविधा या आतिथ्‍य स्‍वीकार नहीं करेगी। (v) प्रेस से किसी विशेष अभ्‍यर्थी/दल के प्रचार में शामिल होने की अपेक्षा नहीं की जाती है। यदि यह ऐसा करती है तो यह ऐसे अन्‍य अभ्‍यर्थी/दल को इस संबंध में जवाब देने के अधिकार की अनुमति भी देगी। (vi) प्रेस, सत्‍ताधारी पार्टी/सरकार की उपलब्धियों के संबंध में सरकारी खर्च/राजकोष पर किसी विज्ञापन को स्‍वीकार/प्रकाशित नहीं करेगी। (vii) प्रेस, निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग अधिकारियों या मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी सभी निदेशों/आदेशों/अनुदेशों का पालन करेगी। 7. एनबीएसए द्वारा दिनांक 03 मार्च, 2014 को जारी ‘‘निर्वाचन प्रसारण हेतु दिशा-निर्देश” की ओर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है :- (i) समाचार (न्‍यूज़) प्रसारकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तथा लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 के अधीन निर्धारित नियमों तथा विनियमों के अनुसार सुसंगत निर्वाचन मामलों, राजनैतिक दलों, अभ्‍यर्थियों, अभियान मामलों तथा मतदान प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को वस्‍तुनिष्‍ठ तरीके से सूचित करने का प्रयास करना चाहिए। (ii) न्‍यूज़ चैनलों को पार्टी या अभ्‍यर्थी के संबंध में किसी भी प्रकार की राजनैतिक संबद्धता का उल्‍लेख करना चाहिए। जब तक वे सार्वजनिक रूप से किसी विशेष पार्टी या अभ्यर्थी का समर्थन नहीं करते हैं, समाचार प्रसारकों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे अपनी निर्वाचन संबंधी रिपोर्टिंग में संतुलित एवं निष्‍पक्ष बने रहें। (iii) न्‍यूज़ प्रसारकों को सभी प्रकार की अफवाहों, निराधार अटकलबाजियों तथा गलत सूचना देने से बचना चाहिए, विशेषत:, जब यह किन्‍ही विशेष दलों या अभ्‍यर्थियों के संबंध में हो। ऐसा कोई भी अभ्‍यर्थी/राजनैतिक दल जो कि इस प्रकार से बदनाम किया गया है या मिथ्‍या निरूपण, गलत सूचना देने या सूचना के प्रसारण द्वारा समरूप क्षति से पीडि़त है, तो उसमें तुरंत सुधार लाया जाए और जहां उचित लगे जवाब देने का अवसर भी प्रदान किया जाए। (iv) समाचार प्रसारकों को ऐसे सभी राजनैतिक तथा वित्‍तीय दबावों से बचना चाहिए जो कि निर्वाचनों की कवरेज तथा निर्वाचन संबंधी मामलों पर प्रभाव डालते हों। (v) समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों में प्रसारित संपादकीय तथा विशेषज्ञ राय के बीच स्‍पष्‍ट अंतर रखना चाहिए। (vi) वे समाचार प्रसारक जो राजनैतिक दलों से वीडियो सामग्री प्राप्‍त करते है, उन्‍हें इसका उल्‍लेख करना चाहिए और इसे उचित रूप से टैग भी करना चाहिए। (vii) घटनाओं, तारीखों, स्‍थानों और उद्धरणों के संबंध में निर्वाचनों तथा निर्वाचन संबंधी मामलों से संबंध रखने वाले समाचारों/कार्यक्रमों की प्रत्‍येक मूलवस्‍तु के संबंध में यथार्थता सुनिश्चित करते समय विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। यदि गलती से या असावधानी से किसी गलत सूचना का प्रसारण हो जाता है तो जैसे ही प्रसारक के ध्‍यान में यह बात आती है तो वह उसे उसी विशिष्‍टता से संपन्‍न करेगा जैसे कि मूल प्रसारण के समय किया था। (viii) समाचार प्रसारकों, उनके संवाददाताओं और अधिकारियों को धन, किसी प्रकार का उपहार या ऐसा कोइ समर्थन स्‍वीकार नही करना चाहिए जो उन पर किसी प्रकार का प्रभाव डाले या प्रभाव डालता हुआ प्रतीत हो, हितों संबंधी विरोध उत्‍पन्‍न करे या प्रसारक अथवा उसके कार्मिक की विश्‍वसीनयता को क्षति पहुंचाए। (ix) समाचार प्रसारक किसी प्रकार का ‘घृणापूर्ण भाषण’ या अन्‍य प्रकार के आपित्‍तजनक अंशों का प्रसारण नहीं करेंगे जिससे हिंसा या जनाक्रोश को बढ़ावा मिले या अव्‍यवस्‍था फैले क्‍योंकि सांप्रदायिक या जाति के आधार पर प्रचार करना निर्वाचन विधि के अधीन निषेध है। समाचार प्रसारकों को ऐसी रिपोर्टों से कड़ाईपूर्वक परहेज करना चाहिए जिससे धर्म, वंश, समुदाय, क्षेत्र या भाषा के आधार पर वैमनस्‍यता या घृणा की भावना को बढ़ावा मिले। (x) समाचार प्रचारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समाचारों तथा पेड सामग्री का अंतर बनाए रखने में सावधानी बरतें। सारी पेड सामग्री पर ‘‘पेड विज्ञापन’’ या ‘‘पेड सामग्री’’ स्‍पष्‍ट रूप से चिहनित किया जाना चाहिए और एनबीए द्वारा जारी दिनांक 24.11.2011 के ‘‘पेड न्‍यूज़ पर प्रतिमानक और दिशा-निर्देश’’ के अनुसरण में पेड सामग्री कार्यान्वित होने चाहिएं। (XI) ओपीनियन पोल को रिपोर्ट करते समय उसकी सटीकता और निष्‍पक्षता का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए, दर्शकों के लिए यह खुलासा किया जाना चाहिए, कि ओपीनियन पोल के संचालन और उसके प्रसारण के लिए उन्‍हें किसने अधिकृत किया है, किसने उसका संचालन किया है और किसने उसके लिए भुगतान किया है। यदि किसी समाचार प्रसारक के पास ओपीनियन पोल अथवा अन्‍य निर्वाचन प्रेक्षणों का परिणाम है तो उसे ऐसे मतदानों की उनकी सीमाबद्धता सहित सीमाओं तथा कार्यक्षेत्र और उसका संदर्भ या उल्‍लेख अवश्‍य करना चाहिए। ओपीनियन पोल के प्रसारण के साथ ऐसी सूचना भी अवश्‍य दी जानी चाहिए जिससे दर्शक मतदान का महत्‍व यथा प्रयुक्‍त पद्धति, सैंपल का आकार, त्रुटियों की गुंजाइश, फील्‍डवर्क तारीखें तथा प्रयोग किए गए आंकड़े को समझ सकें। प्रसारक को इस संबंध में भी सूचना देनी चाहिए कि वोट शेयर किस प्रकार सीट शेयर में बदल जाता है। (xii)प्रसारक, लोक प्रतिनिधत्व अधिनियम,1951 की धारा (1)(ख) के उल्लंघन में, मतदान समाप्त होने के नियत समय के साथ 48 घंटे के दौरान कोई भी “निर्वाचन सामग्री”, अर्थात निर्वाचन के परिणाम को प्रभावित करने के उद्देश्य या मंशा से प्रसारित नहीं करेगा। (xiii) भारत निर्वाचन आयोग, समाचार प्रसारकों द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से निर्वाचनों की समाप्ति और निर्वाचनों परिणामों की घोषणा तक किए गए प्रसारणों का अनुवीक्षण करेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण(एनबीएसए) को सदस्‍य प्रसारक द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के उल्‍लंघन के मामले की शिकायत पर एनबीएसए द्वारा इसके विनियमों के अधीन ही कार्रवाई की जाएगी। (xiv) प्रसारकों को, संभव स्‍तर तक, मतदान प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं को प्रभावी रूप से सूचित करने के लिए मतदान का महत्‍व बताने तथा साथ ही कैसे, कब और कहां वोट करें, वोट के लिए रजिस्‍टर कराने और मतपत्र की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदाता शिक्षा कार्यक्रम चलाने चाहिए। (xv) समाचार प्रसारकों को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा औपचारिक रूप से परिणामों की घोषणा किए जाने तक किसी भी प्रकार के अंतिम, औपचारिक और निश्‍चित परिणामों का प्रसारण नहीं करना चाहिए जब‍तक कि ऐसे परिणामों में इस बात का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख न हो कि वे अनाधिकारिक हैं या अधूरे या अपूर्ण परिणाम अथवा प्रक्षपेण हैं जिन्‍हें अंतिम परिणामों के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। 8. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोशिएसन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने लोक सभा के लिए साधारण निर्वाचन, 2019 के दौरान निर्वाचन प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा बनाए रखने के लिए अपने प्लेटफार्म का स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं नीतिपरक उपयोग सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रतिभागी सोशल मीडिया के लिए “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” भी विकसित किया है। जैसा कि आईएएमएआई द्वारा दिनांक 23.09.2019 के पत्र द्वारा सहमति दी गई है, “वालंटैरी कोड ऑफ एथिक्स” का सभी निर्वाचनों में अनुपालन किया जाएगा। तद्नुसार, यह संहिता झारखण्ड के विधान सभा निर्वाचन, 2019 में भी लागू होती है। सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का ध्यान दिनांक 20 मार्च, 2019 के “वोलंटेरी कोड ऑफ एथिक्स” के निम्नलिखित पाठ की ओर आकर्षित किया जाता है: i. प्रतिभागियों का प्रयास होगा, जहां उपयुक्त हो, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, उनके उत्पादों और / या सेवाओं पर निर्वाचकीय मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उपयुक्त नीतियों और प्रक्रियाओं को तैनात किया जाए। ii. प्रतिभागियों का यह प्रयास होगा के वे स्वैच्छिक रूप से सूचना, शिक्षा और संचार अभियान चलाने के लिए निर्वाचकीय कानूनों और अन्य संबंधित निर्देशों सहित जागरूकता पैदा करने का प्रयास करेंगे। प्रतिभागियों का यह भी प्रयास होगा कि वे अपने उत्पादों/सेवाओं पर ईसीआई में नोडल अधिकारी को प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रयास करेंगे, जिसमें कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार अनुरोध भेजने के लिए तंत्र भी शामिल है। iii. प्रतिभागियों और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक अधिसूचना तंत्र विकसित किया है जिसके द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, विधि द्वारा स्थापित प्रक्रियायों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 और अन्य प्रयोज्य निर्वाचन विधियों के संभावित उल्लंघनों के बारे में प्रासंगिक प्लेटफार्मों को अधिसूचित कर सकता है। सिन्हा समिति की सिफारिशों के अनुसार धारा 126 के तहत उल्लिखित उल्लंघनों के 3 घंटे के भीतर लिए इन वैध कानूनी आदेशों को स्वीकृत और/या कार्रवाई की जाएगी। अन्य सभी वैध कानूनी अनुरोधों पर उल्लंघन की रिपोर्ट की प्रकृति के आधार पर प्रतिभागियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। iv. प्रतिभागी साधारण निर्वाचनों की अवधि के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के लिए उच्च प्राथमिकता वाली समर्पित रिपोर्टिंग तंत्र तैयार/उसका मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं और समर्पित व्यक्ति(यों)/(टीमों) की नियुक्ति कर रहे हैं। ये व्यक्ति/टीमें इंटरफेस करेंगी और आयोग से ऐसे विधिपूर्ण अनुरोध प्राप्त होने पर नियत विधिक प्रक्रिया का पालन करके त्वरित कार्रवाई करने में सहायता करने के लिए फीडबैक का आदान-प्रदान करेंगी। v. प्रतिभागी विधि के अधीन उनके दायित्वों के अनुसार राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के लिए एक तंत्र प्रदान करेगा ताकि निर्वाचन संबंधी विज्ञापनों, जिसमें साथ-साथ आयोजित कराए जाने वाले निर्वचनों के लिए और हरियाणा और महाराष्ट्र विधान सभा के निर्वाचनों एवं विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के उप निर्वाचनों के लिए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों के नाम हों,के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग और/या भारत निर्वाचन आयोग के मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) द्वारा जारी पूर्व प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सके। इसके अतिरिक्त, ईसीआई द्वारा प्रतिभागियों को अधिसूचित रूप से राजनीतिक विज्ञापनों का भुगतान करने की प्रक्रिया / कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी जो इस तरह के प्रमाणीकरण की सुविधा नहीं देते हैं। vi. प्रतिभागी पेड राजनीतिक विज्ञापनों के साथ-साथ इस तरह के विज्ञापनों के लिए पहले से मौजूद लेबल/डिस्क्लोजर तकनीक का उपयोग करने में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। vii. प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग से इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के माध्यम से प्राप्त वैध अनुरोध के अनुसार, उनके संबंधित प्लेटफार्मों के दुरुपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा किए गए उपायों पर एक अपडेट प्रदान करेंगे। viii. आईएएमएआई इस कोड के तहत किए गए उपायों पर प्रतिभागियों के साथ समन्वय स्थापित करेगा और निर्वाचन अवधि के दौरान आईएएमएआई तथा प्रतिभागी भारत निर्वाचन आयोग के साथ निरंतर सम्पर्क में रहेंगे। उपर्युक्‍त दिशा-निर्देशों का सभी संबंधित मीडिया द्वारा विधिवत् रूप से अनुपालन किया जाना चाहिए।
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    ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­सं. 437/6/1/ईसीआई/अनु/प्रकार्या./एमसीसी/2019 दिनांक : 1 नवम्बर, 2019 सेवा में, मंत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली। मुख्‍य सचिव झारखण्ड सरकार, रांची, और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, झारखण्ड, रांची। विषय : झारखण्ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन, 2019 की घोषणा के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए की जाने वाली तत्काल कार्रवाई-तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने झारखण्ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन आयोजित कराने के लिए अनुसूची की घोषणा की है, अतः आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के साथ ही ‘आदर्श आचार संहिता’ तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। झारखण्ड विधान सभा के साधारण निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उपबंधों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निम्नलिखित निदेश दिए हैं:- 1. सम्पत्ति का विरूपण- पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2015-सीसीएस, दिनांक 29 दिसम्बर, 2015; सं. 437/6/अनुदेश/2012-सीसीएण्डबीई दिनांक 18 जनवरी, 2012 तथा सं. 3/7/2008/जेएस-II दिनांक 7 अक्तूबर, 2008 में निहित ईसीआई अनुदेशों में सम्पत्ति के विरूपण के रोकथाम का प्रावधान है। आयोग ने अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने तथा समयबद्ध रूप से कार्रवाई करने के लिए निम्नलिखित यथानिर्धारित निदेश दिए हैं- (क) सरकारी सम्पत्ति का विरूपण- इस प्रयोजन के लिए सरकारी परिसर में ऐसा कोई भी सरकारी कार्यालय तथा कैम्पस शामिल होगा, जिसमें कार्यालय भवन स्थित है। सरकारी सम्पत्ति पर मौजूद सभी प्रकार के भित्ति लेखन (वॉल राइटिंग), पोस्टर्स/पेपर्स या किसी अन्य रूप में विरूपण, कटआउट/होर्डिंग, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचनों की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा दिए जाएंगे। (ख) सार्वजनिक सम्पत्ति का विरूपण तथा सार्वजनिक स्थान का दुरूपयोग- सार्वजनिक सम्पत्ति में तथा सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, रेलवे पुलों, रोडवेजों, सरकारी बसों, बिजली/टेलीफोन खंभों, नगर निगम/ नगर पालिका/स्थानीय निकाय के भवनों आदि में भित्ति लेखन/पोस्टरों/ किसी अन्य रूप में विरूपण के पर्चे के रूप में सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापन या, कट आउट/ होर्डिंग, बैनर, फ्लैग इत्यादि को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 48 घंटों के भीतर हटा दिया जाएगा। (ग) सम्पत्ति का विरूपण- निजी सम्पत्ति पर प्रदर्शित तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निदेशों, यदि कोई हो, के अध्यधीन सभी अप्राधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को आयोग द्वारा निर्वाचनों की घोषणा से 72 घंटो के भीतर हटा दिया जाएगा। 2. सरकारी वाहनों का दुरूपयोग- आयोग के दिनांक 10 अप्रैल, 2014 के पत्र सं. 464/अनुदेश/2014/ईपीएस में निहित समेकित अनुदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंधित है कि किसी राजनीतिक दल, अभ्यर्थी या निर्वाचन से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति द्वारा (निर्वाचन से संबंधित किसी सरकारी ड्यूटी का निष्‍पादन करने वाले पदाधिकारियों को छोड़कर) निर्वाचन के दौरान प्रचार करने, निर्वाचन प्रचार संबंधी कार्य या निर्वाचन से संबंधित यात्रा करने के लिए सरकारी वाहन के प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा (उसमें उल्लिखित कुछ अपवादों के अध्‍यधीन)। पद, ‘सरकारी वाहन’ का अर्थ ऐसे वाहनों से है और इसमें ऐसे वाहन शामिल होंगे जो परिवहन के प्रयोजनार्थ प्रयुक्त हों या प्रयुक्त किए जाने योग्य हों, चाहे वे यांत्रिक शक्ति या अन्यथा द्वारा चालित हों, और इनमें केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, केन्द्र/राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केन्द्र/राज्य सरकार के संयुक्त क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय, नगर निगम, विपणन बोर्ड, सहकारी समितिय या ऐसे कोई अन्य निकाय शामिल होंगे जिसमें सार्वजनिक निधियां निवेशित की गई हों, भले ही कुल निधियों में से एक छोटा सा हिस्सा ही हों, । मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ईसीआई के अनुदेशों के अनुपालन के लिए निर्वाचनों की घोषणा के 24 घंटे के भीतर आवश्यक कार्रवाई करेंगे। 3. सार्वजनिक-राजकोष की लागत पर विज्ञापन- दिनांक 5 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/1/2014-सीसी एंड बीई में ईसीआई अनुदेशों में यह प्रावधान है कि निर्वाचन अवधि के दौरान सत्तारूढ़ दल की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से उपलब्धियों के बारे में सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों में विज्ञापन दिए जाने और राजनीतिक समाचार एवं प्रचार-प्रसार के पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जनसंचार के दुरूपयोग से निरपवाद रूप से बचा जाना चाहिए। सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के लिए सार्वजनिक राजकोष की लागत पर इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिन्ट मीडिया में कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यदि किसी विज्ञापन को दूरदर्शन प्रसारण या प्रिन्ट मीडिया में प्रकाशन के लिए पहले ही जारी किया जा चुका है, तो यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर ऐसे विज्ञापनों का दूरदर्शन प्रसारण/प्रकाशन तत्काल रोक दिया जाए तथा घोषणा की तारीख से किन्हीं भी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि अर्थात् प्रिन्ट मीडिया में ऐसा कोई भी विज्ञापन प्रकाशित न हो, तथा इसे तत्काल वापिस ले लिया जाना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के तुरन्त पश्चात् सरकार की उपलब्धियों को दर्शाते हुए प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी विज्ञापन को हटाने/रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 4. आधिकारिक वेबसाइट पर राजनीतिक पदाधिकारी का फोटो- दिनांक 20 मार्च, 2014 के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2014- सीसी एंड बीई में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि केन्द्र/राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध मंत्रियों, राजनीतिज्ञों या राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को हटा दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्यीय विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी के फोटो को हटाने/छिपाने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। 5. विकास/निर्माण संबंधी कार्यकलाप-मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी निर्वाचनों की घोषणा के 72 घंटे के भीतर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर किसी शिकायत को विधिमान्य बनाने की स्थिति में संदर्भ हेतु कार्य की निम्नलिखित सूची प्राप्त करेंगेः i. कार्य की सूची जिसे स्थल पर पहले ही आरंभ किया जा चुका है। ii. नए कार्य की सूची जिसे स्थल पर आरंभ नहीं किया गया है। 6. व्यय अनुवीक्षण तथा आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के लिए क्रियाकलाप-घोषणा के बाद उड़न दस्ता, एफ एस टी, वीडियो टीम, शराब/नकदी/विनिषिद्ध औषधियों के लिए गहन जांच,ड्रग/स्वापक के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग के उड़न दस्तों को तत्काल सक्रिय किया जाना चाहिए। 7. शिकायत निगरानी प्रणाली- निर्वाचन कराए जाने वाले राज्य के पास वेबसाइट तथा कॉल सेन्टर पर आधारित एक शिकायत निवारण प्रणाली होगी। कॉल सेन्टर का टोल फ्री नंबर 1950 है। टोल फ्री कॉल सेन्टर नंबर पर कॉल करके या वेबसाइट पर शिकायतें दर्ज करके की जा सकती है। शिकायतकर्ताओं को एसएमएस द्वारा या कॉल सेन्टर द्वारा भी की गई कार्रवाई की सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों पर की गई कार्रवाई के विवरण भी देख सकते हैं। यह प्रणाली घोषणा के 24 घंटे के भीतर क्रियाशील होनी चाहिए। सभी शिकायतों को यथासमय एवं उचित रूप से निपटाया जाना चाहिए। जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष को अवश्य सक्रिय किया जाए तथा विशेष रूप से पर्याप्त कार्मिक शक्ति तैनात की जाए एवं अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए, नियंत्रण कक्ष में चौबीस घंटे लोगों की तैनाती की जाए तथा किसी टाल-मटोल या शंका से बचने के लिए उनका ड्यूटी रोस्टर अवश्य बनाया जाए। 8. आईटी एप्लीकेशन-घोषणा किए जाने के साथ ही आधिकारिक वेबसाइट तथा सोशल मीडिया सहित सभी आई टी एप्लीकेशन चालू हो जाएंगी। 9. मतदाताओं तथा राजनीतिक दलों की जागरूकता के लिए सूचना का प्रचार-प्रसार करना- निर्वाचन संबंधी प्रमुख गतिविधि का प्रचार मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, सभी आवश्यक सूचना का प्रचार-प्रसार रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा के माध्यम से किया जाएगा। सरकारी चैनल में मतदाता शिक्षा सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। 10. शैक्षणिक संस्थान तथा सिविल सोसाइटी से सक्रिय सहयोग- आम जनता तथा अन्य हितधारकों में निर्वाचन संबंधी सूचना का व्यापक प्रचार करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों तथा सिविल सोसाइटी से सहयोग लिया जा सकता है। 11. मीडिया सेन्टर- मीडिया के माध्यम से ईवीएम/वीवीपीएटी के प्रयोग सहित निर्वाचन प्रणाली के बारे में मतदाताओं, राजनीतिक दलों तथा अन्य पणधारियों के मध्य जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। 12. एमसीएमसी/डीईएमसी- दिनांक 24 मार्च, 2014 के पत्र सं. 491/एमसीएमसी/2014/संचार में निहित ईसीआई अनुदेश में यह प्रावधान है कि सभी पंजीकृत राजनीतिक दल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किए जाने वाले उनके प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन के लिए जिला तथा राज्य स्तर पर, जैसी भी स्थिति हो, मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से सम्पर्क करेंगे। आयोग ने उपर्युक्त पत्र में निहित अपने अनुदेशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निदेश दिए हैं। 13. नियंत्रण कक्ष- जिला स्तर पर 24x7 नियंत्रण कक्ष तत्काल अवश्य चालू किया जाए तथा जिला निर्वाचन अधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा पर्याप्त कार्मिक शक्ति की तैनाती तथा अन्य लाजिस्टिक्स सुनिश्चित किया जाए। सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान ईसीआई सचिवालय में शिकायत निवारण केन्द्र सहित एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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