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    सं.: ईसीआई/पीएन/89/ 2020 दिनांक: 17 नवम्बर, 2020 प्रेस नोट महाराष्ट्र के ‘धुले-सह-नंदुरबार स्थानीय प्राधिकारी’ निर्वाचन क्षेत्र के स्थगित किए गए उप-निर्वाचन के मतदान और मतगणना की तारीख की घोषणा। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/29/2020, दिनांक 04.03.2020 के माध्यम से महाराष्ट्र विधान परिषद की ‘धुले-सह-नंदुरबार स्थानीय प्राधिकारी’ निर्वाचन क्षेत्र के आसीन सदस्य श्री अमरीष भाई रसिकलाल पटेल के त्यागपत्र के कारण रिक्त हुई सीट को भरने के लिए उप-निर्वाचन की घोषणा की, जो दिनांक 05.03.2020 की अधिसूचना संख्या 100/एमटी-एलसी/02/2020-एलएसी के माध्यम से अधिसूचित की गई थी। नाम-निर्देशन वापस लेने की अंतिम तारीख 16.03.2020 के बाद, निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों की सूची प्ररूप 7ख में प्रकाशित कर दी गई थी, जिसमें दो अभ्यर्थी निर्वाचन मैदान में थे। आयोग के दिनांक 05.03.2020 की अधिसूचना के अनुसार, निर्वाचन 30.03.2020 (सोमवार) को आयोजित किया जाना था और जैसा कि आयोग द्वारा पूर्व में घोषणा की गई थी, जिस तारीख तक निर्वाचन कार्य संपन्न किया जाना था वह 01.04.2020 (बुधवार) थी। 2. कोविड-19 के कारण उत्पन्न अप्रत्याशित सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति पर विचार करते हुए और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित दिशानिर्देशों और आदेशों के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 153 के साथ पठित भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिनांक 24.03.2020 की अपनी अधिसूचना के द्वारा निर्वाचन की अवधि को 60 दिन के लिए बढ़ा दिया, जिसे बाद में क्रमश: दिनांक 22.05.2020 और 06.07.2020 की अधिसूचना के द्वारा पुन: 45 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। 3. यह भी निर्दिष्ट कर दिया गया था कि दिनांक 05.03.2020 की अधिसूचना के तहत पहले ही किए जा चुके कार्यों की सूची को बकाया कार्यों के प्रयोजन से वैध बनाए रखना था जैसा कि उक्त अधिसूचना के तहत निर्धारित किया गया था। 4. आयोग ने, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, महाराष्ट्र से प्राप्त सूचना पर विचार करके अब यह निर्णय लिया है कि महाराष्ट्र विधान परिषद की ‘धुले-सह-नंदुरबार स्थानीय प्राधिकारी’ निर्वाचन क्षेत्र के लिए उक्त उप-निर्वाचन निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाए :- कार्य तारीख मतदान की तारीख 1 दिसम्बर, 2020 (मंगलवार) मतदान का समय पूर्वा. 08:00 बजे से अप. 05:00 बजे तक मतगणना 3 दिसम्बर, 2020 (गुरुवार) तारीख, जिससे पहले निर्वाचन संपन्न करा लिया जाएगा 07 दिसम्बर, 2020 (सोमवार) 5. इस निर्वाचन से संबंधित आदर्श आचार संहिता निर्वाचन क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। कृपया आयोग की वेबसाइट में निम्नलिखित लिंक पर विवरण देखें--- http://eci.gov.in/files/file/4070-bienniel-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ 6. सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रियाओं के दौरान सभी व्यक्तियों द्वारा निम्नलिखित विस्तृत दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाना है:- निर्वाचन संबंधी प्रत्येक गतिविधि के समय प्रत्येक व्यक्ति चेहरे पर मास्क लगाएगा निर्वाचन के प्रयोजन से उपयोग में लाए जाने वाले प्रत्येक हॉल/कक्ष/परिसरों के प्रवेश द्वार पर (क) सभी व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी (ख) सभी जगहों पर सेनीटाइज़र उपलब्ध कराए जाएंगे राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के कोविड-19 संबंधी वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी बनाए रखी जाएगी। यथाव्यावहार्य, सामाजिक दूरी के मानकों को सुनिश्चित करने के लिए बड़े सभागारों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें प्रयोग में लाया जाना चाहिए। कोविड-19 के विस्तृत दिशा-.निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मतदान-कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों के आवागमन के लिए पर्याप्त संख्या में वाहनों की व्यवस्था की जाएगी। 7. कोविड-19 अवधि में निर्वाचन संचालन के दौरान, सख्ती से अनुपालन किए जाने वाले विस्तृत दिशानिर्देशों के लिए, कृपया आयोग की वेबसाइट में निम्नलिखित लिंक पर देखें:- http://eci.gov.in/files/file/12167-broad-guidelines-for-conduct-of-general-electionbye-election-during-covid-19/
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    सं. ईसीआई/प्रे.नो./68/2020 दिनांकः 29 सितम्बर, 2020 प्रेस नोट विषयः विभिन्न राज्यों के संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों एवं विधान सभाओं में उप-निर्वाचन-तत्संबंधी। विभिन्न राज्यों की विधान सभा में आज की तारीख के अनुसार सात (7) निम्नलिखित रिक्तियां हैं- क्र.सं. राज्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या एवं नाम 1. असम 74-रंगापारा 2. असम 108-सिबसागर 3. केरल 106-कुट्टनाद 4. केरल 117-चवरा 5. तमिलनाडु 10-तिरूवोट्टीयुर 6. तमिलनाडु 46-गुडियाट्टम (अ.जा.) 7. पश्चिम बंगाल 13-फलकाटा (अ.जा.) 2. आयोग को चार राज्यों अर्थात् असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से इनपुट प्राप्त हुए हैं जिनमें निर्वाचनों के संचालन में हो रही कठिनाइयों और इससे संबंधित मुद्दों को व्यक्त किया गया है, जिसमें असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में सदन का कार्यकाल क्रमशः 31.05.2021, 01.06.2021, 24.05.2021 और 30.05.2021 तक है। 3. उपर्युक्त को देखते हुए, आयोग ने इस समय असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल राज्‍य की विधान सभाओं में उपर्युक्त सात रिक्तियों के लिए निर्वाचनों के संचालन की घोषणा न करने का निर्णय लिया है। 3. अन्य के संबंध में, संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और विधान सभा में वर्तमान रिक्तियों के लिए, आयोग संबंधित राज्यों से आवश्यकतानुसार इनपुट प्राप्त करने के बाद निर्णय लेगा। (सुमित मुखर्जी) वरि. प्रधान सचिव
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    सं. 52/2020/एसडीआर/ईटीपीबीएस/खंड II दिनांक: 08 अक्तूबर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार छत्तीसगढ़ गुजरात हरियाणा झारखंड कर्नाटक मध्य प्रदेश मणिपुर नागालैंड ओडिशा तेलंगाना उत्तर प्रदेश विषय: बिहार लोक सभा एवं बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के लिए उप-निर्वाचन, 2020-सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्टॉनिक रूप से प्रेषित करने के संबंध में आयोग का निदेश-तत्संबंधी। महोदय/महोदया, मुझे इसके साथ निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 के उप-नियम (1) के दूसरे परंतुक के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 08 अक्तूबर, 2020 को जारी निदेश की प्रति इसके साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है, जिसमें बिहार के 1- वाल्मीकिनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र एवं 12 राज्यों के 59 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों (अनुलग्नक-I के अनुसार) से मौजूदा उप-निर्वाचन के दौरान सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करने की रीति निर्धारित की गई है। 2. सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र प्रेषित करने हेतु रिटर्निंग अधिकारी को इस निदेश की एक प्रति अग्रेषित की जाए। इसकी संसूचना जिला निर्वाचन अधिकारी और अन्य निर्वाचन प्राधिकारियों को भी दी जाए। रिटर्निंग अधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को भी इस बारे में अवगत कराया जाए। 3. कृपया इस पत्र की पावती भेजें। भवदीय (अभिषेक तिवारी) अवर सचिव ******************* अनुलग्नक-I क्र. सं. राज्य का नाम संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम 1 बिहार 1-वाल्मीकिनगर क्र. सं. राज्य का नाम विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम 1 छत्तीसगढ़ 24-मरवाही (अ.ज.जा) 2 गुजरात 01-अबडासा 3 गुजरात 61-लींबडी 4 गुजरात 65-मोरबी 5 गुजरात 94-धारी 6 गुजरात 106-गढडा (अ.जा.) 7 गुजरात 147-करजण 8 गुजरात 173-डांग (अ.ज.जा.) 9 गुजरात 181-कपराडा (अ.ज.जा.) 10 हरियाणा 33-बरोदा 11 झारखंड 10-दुमका (अ.ज.जा) 12 झारखंड 35-बेरमो 13 कर्नाटक 136-सिरा 14 कर्नाटक 154-राजाराजेश्वरीनगर 15 मध्य प्रदेश 04-जौरा 16 मध्य प्रदेश 5-सुमावली 17 मध्य प्रदेश 6-मुरैना 18 मध्य प्रदेश 7-दिमनी 19 मध्य प्रदेश 8-अम्बाह (अ.जा.) 20 मध्य प्रदेश 12-मेहगांव 21 मध्य प्रदेश 13-गोहद (अ.जा.) 22 मध्य प्रदेश 15-ग्वालियर 23 मध्य प्रदेश 16-ग्वालियर पूर्व 24 मध्य प्रदेश 19-डबरा (अ.जा.) 25 मध्य प्रदेश 21-भाण्डेर (अ.जा.) 26 मध्य प्रदेश 23-करेरा (अ.जा.) 27 मध्य प्रदेश 24-पोहरी 28 मध्य प्रदेश 28-बामोरी 29 मध्य प्रदेश 32-अशोकनगर (अ.जा.) 30 मध्य प्रदेश 34-मुंगावली 31 मध्य प्रदेश 37-सुरखी 32 मध्य प्रदेश 53-मलहरा 33 मध्य प्रदेश 87-अनुपपुर (अ.ज.जा.) 34 मध्य प्रदेश 142-सांची (अ.जा.) 35 मध्य प्रदेश 161-ब्यावरा 36 मध्य प्रदेश 166-आगर (अ.जा.) 37 मध्य प्रदेश 172-हाटपिपल्या 38 मध्य प्रदेश 175-मांधाता 39 मध्य प्रदेश 179-नेपानगर (अ.ज.जा.) 40 मध्य प्रदेश 202-बदनावर 41 मध्य प्रदेश 211-सांवेर (अ.जा.) 42 मध्य प्रदेश 226-सुवासरा 43 मणिपुर 30-लिलोंग 44 मणिपुर 34-वाँग्जिंग टेन्था 45 मणिपुर 22-बाँगोई 46 मणिपुर 51-सैतू (अ.ज.जा.) 47 मणिपुर 60-सिंघाट (अ.ज.जा.) 48 नागालैंड 14-दक्षिणी अंगामी-I (अ.ज.जा.) 49 नागालैंड 60-पुंगरो-किफिरे (अ.ज.जा.) 50 उड़ीसा 38-बालासौर 51 उड़ीसा 102-तिरतोल (अ.जा.) 52 तेलंगाना 41-डुब्बक 53 उत्तर प्रदेश 40-नौगावां सादात 54 उत्तर प्रदेश 65-बुलंदशहर 55 उत्तर प्रदेश 95-टूण्डला (अ.जा.) 56 उत्तर प्रदेश 162-बांगरमऊ 57 उत्तर प्रदेश 218-घाटमपुर (अ.जा.) 58 उत्तर प्रदेश 337-देवरिया 59 उत्तर प्रदेश 367-मल्हनी ***************** भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001 सं. 52/2020/एसडीआर/खंड-। दिनांक: 08 अक्तूबर, 2020 निदेश निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 के उप-नियम (1) के दूसरे परंतुक के उपबंधों के अनुसरण में निर्वाचन आयोग एतदद्वारा, सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रानिक साधनों द्वारा डाक मतपत्रों के प्रेषण के लिए और सेवा मतदाताओं से वापस प्राप्त हुए इन डाक मतपत्रों की गणना के लिए निम्नलिखित रीतियों का निर्धारण करता है:- 1. प्रेषित किए जाने वाले दस्तावेज – रिटर्निंग अधिकारी निम्नलिखित दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित करेगा: (क) डाक मतपत्र, (ख) प्ररूप 13–क–निर्वाचक द्वारा घोषणा, (ग) प्ररूप 13-ख-आवरण ए के लिए लेबल (भीतरी लिफाफा), (घ) प्ररूप 13-ग-आवरण बी के लिए लेबल (बाहरी लिफाफा) (ङ) प्ररूप 13-घ-निर्वाचक के मार्गनिर्देशन हेतु अनुदेश 2. प्रेषण की रीति - केंद्रीय प्रशासन अधिकारी (सी-एडमिन) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाक मतपत्र जारी करने के संबंध में 'आरओ प्रचालन' सक्रिय कर देने के उपरांत, रिटर्निंग अधिकारी सिस्टम में लॉग-इन करने में समर्थ हो जाएगा और निम्नलिखित कार्यकलाप करेगा: क. निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए डाटा प्रविष्ट 'करेगा/देखेगा' (अर्थात निर्वाचन का विवरण, निर्वाचन क्षेत्र का राज्य कोड, निर्वाचन क्षेत्र का प्रकार (विधान सभा या संसदीय निर्वाचन क्षेत्र), निर्वाचन क्षेत्र की संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम, निर्वाचन की तिथि और चिह्
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    सं. 4/2020/एसडीआर/खंड-I दिनांक: 21 अक्‍तूबर, 2020 सेवा में, मान्‍यताप्राप्त राष्‍ट्रीय/राज्‍यीय राजनीतिक दलों के अध्‍यक्ष/महासचिव विषय: वैश्विक महामारी कोविड-19 की अवधि के दौरान प्रचार-अभियान – तत्‍संबंधी। महोदय/महोदया, भारत निर्वाचन आयोग ने दिनांक 9 अक्तूबर, 2020 को अपने परामर्शी पत्र(प्रति संलग्‍न) के तहत सभी चरणों में, विशेषकर जहां व्यक्तिगत रूप में लोक संपर्क निहित हो, वैश्विक महामारी कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग देने को कहा था। लोक स्‍वास्‍थ्‍य के व्‍यापक हित में सभी स्‍टेकहोल्‍डरों का यह कर्तव्‍य बनता है कि वे मास्‍क पहनने, सैनिटाइजरों को इस्‍तेमाल करने तथा सामाजिक दूरी का पालन करने सहित निवारक उपायों का पालन करें। उपर्युक्‍त उल्लिखित परामर्शीपत्र के पैरा 4 में विशेष रूप से उल्लिखित किया गया था कि: ‘‘लोगों का प्रतिनिधि होने के नाते यह सुनिश्चित करने की व्यापक जिम्मेदारी राजनैतिक दलों की है कि वे न केवल यथा-विहित लोक स्वास्थ्य सुरक्षा के नियत मानदंडों का पालन करने में जिला प्रशासन तंत्र के साथ सहयोग करें, बल्कि प्रचार के दौरान जमीनी व्यवस्था करते समय अपने कैडर में सभ्य व्यवहार के लिए अनुशासन की भावना भी पैदा करें। यह अनुरोध किया जाता है कि आप अपने सभी फील्ड प्रतिनिधियों को परामर्श दें कि वे लोक स्वास्थ्य के व्यापक हित में सभी मौजूदा अनुदेशों का पालन करने में अधिकतम सतर्कता और सावधानी बरतें तथा उपबंधों के उल्लंघन से संबंधित किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचें।’’ इससे पूर्व, अपने दिनांक 21 अगस्‍त, 2020 के विस्तृत दिशा-निर्देशों में, आयोग ने यह भी कहा था कि लोक संपर्क की अवधि के दौरान इन आदेशों का पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के उपबंधों के अनुसार, और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार तथा गृह मंत्रालय के दिनांक 29 जुलाई, 2020 के आदेश सं. 40-3/2020-डीएम-I(ए) में यथाविनिर्दिष्‍ट प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। आयोग के नोटिस में ऐसी जनसभाओं के दृष्टातं सामने आए हैं जिनमें सामाजिक दूरी का घोर उल्‍लंघन करते हुए अपार जन समूह एकत्रित हुआ और राजनीतिक दल/प्रचारक, निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/अनुदेशों की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए मास्क लगाए बिना जनसमूह को संबोधित कर रहें हैं। ऐसा करके, राजनीतिक दल और अभ्‍यर्थी, न केवल आयोग के दंडमुक्‍त दिशा-निर्देशों की अवज्ञा कर रहें है बल्कि स्‍वयं को और रैलियों/बैठकों में शामिल होने वाले लोगों को भी वैश्विक महामारी के दौरान संक्रमण के जोखिम में डाल रहे हैं। यह दोहराने की आवश्‍यकता नहीं है कि निर्वाचनों के दौरान, राजनीतिक दल/संस्‍थाएं निर्वाचक प्रक्रिया में अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण स्‍टेकहोल्‍डर हैं और वे निर्वाचन अभियान के लिए आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने के प्रति कर्तव्‍यबद्ध हैं। आयोग ने रैलियों/बैठकों में जन समूह को अनुशासित न रखें जाने के लिए राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों की अनदेखी को गंभीरता से लिया है और एतद्द्वारा दोहराता है और उन्हें परामर्श भी देता है कि निर्वाचन अभियान के दौरान अधिकतम सतर्कता एवं सावधानी बरतें। आयोग को मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और जिला मशीनरी से यह अपेक्षा है कि वे इस प्रकार का उल्‍लंघन करने वाले संबंधित अभ्‍यर्थियों और आयोजकों के विरूद्ध यथोचित और संगत उपबंधों के अनुसार दंडात्‍मक कार्रवाई करें। निर्वाचनरत राज्‍यों के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारियों और राज्‍य सरकारों को कड़े अनुपालन हेतु अलग से अनुदेश जारी किए जा रहें हैं। आयोग आपसे संपूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि हमारी जिला निर्वाचन मशीनरी यह सुनिश्चित कर सके कि आयोजकों सहित सभी सहभागी समस्‍त निवारक उपायों का पालन करें। भवदीय, (नरेंन्‍द्र एन. बुटोलिया) वरि. प्रधान सचिव
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    सं. 576/एक्जिट/2020/एसडीआर/खंड II दिनांकः 14 अक्तूबर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार छत्तीसगढ़ गुजरात हरियाणा झारखंड कर्नाटक मध्य प्रदेश मणिपुर नागालैंड ओडिशा तेलंगाना उत्तर प्रदेश विषयः लोक सभा तथा राज्य विधान सभाओं के उप-निर्वाचन, 2020 – एक्जिट पोल – तत्संबंधी। महोदय, मुझे आयोग की अधिसूचना सं. 576/एक्जिट/2020/एसडीआर/खंड II, दिनांक 14 अक्तूबर, 2020 को इस अनुरोध के साथ अग्रेषित करने का निदेश हुआ है कि इसे राज्य के राजपत्र के असाधारण अंक में प्रकाशित किया जाए तथा अभिलेखन हेतु इसकी एक प्रति आयोग को भेजी जाए। इसे समाचार ब्यूरो, मीडिया घरानों, रेडियो और टेलीविजन चैनलों आदि सहित सभी संबंधितों के ध्यान में लाया जाए। भवदीय (अभिषेक तिवारी) अवर सचिव
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    सं. 491/एमसीएमसी/2020/संचार दिनांकः 19 अक्तूबर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मणिपुर, इम्फाल विषयः मणिपुर विधान सभा के लिए उप-निर्वाचन में मतदान दिवस को और मतदान दिवस से एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन-तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि विगत में प्रिंट मीडिया में प्रकाशित अपमानजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों संबंधी घटनाएं आयोग के ध्यान में लाई गई हैं। निर्वाचनों के अंतिम चरण में ऐसे विज्ञापन, सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को दूषित करते हैं। ऐसे मामलों में प्रभावित अभ्यर्थियों और दलों के पास स्पष्टीकरण देने/खंडन करने संबंधी कोई भी अवसर नहीं होता है। 2. यह सुनिश्चित करने कि ऐसे उत्तेजक, भ्रामक और घृणापूर्ण विज्ञापनों के कारण कोई अप्रिय घटना न घटित हो और ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं, के लिए आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन अपनी शक्तियों और इस प्रयोजनार्थ इसे सक्षम बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश देता है कि प्रिंट मीडिया में राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों या किसी अन्य संगठन या व्यक्ति द्वारा मतदान दिवस पर और सभी चरणों में मतदान दिवस से एक दिन पूर्व अर्थात दिनांक 6 एवं 7 नवम्बर, 2020 को तब तक कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करवाया जाएगा, जब तक कि राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों आदि द्वारा प्रकाशन के लिए प्रस्तावित विज्ञापन की सामग्री को आपके राज्य में राज्य/जिला स्तर पर, जैसा भी मामला हो, एमसीएमसी समिति से पूर्व प्रमाणित न कराया गया हो। 3. इसके अतिरिक्त यह भी निदेश दिया जाता है कि उपर्युक्त निदेशानुसार और समाचार पत्र में विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, राज्य/जिला स्तर पर एमसीएमसी को तत्काल सचेत (एलर्ट) और क्रियाशील कर दिया जाए ताकि राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों तथा अन्य से प्राप्त ऐसे सभी विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन और जांच की जा सके। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एमसीएमसी द्वारा अविलम्ब निर्णय लिया जाए। 4. आयोग के उपर्युक्त निदेशों को राज्य के सभी राजनैतिक दलों के अध्यक्षों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों तथा समाचार पत्रों के ध्यान में लाया जाए तथा सामान्य सूचनार्थ और कड़े अनुपालन हेतु जन-संचार की सभी प्रकार की मीडिया में इसका व्यापक प्रचार भी किया जाए। 5. ये निदेश तत्काल प्रभावी होंगे। 6. इस संबंध में जारी किए गए अनुदेशों की एक प्रति तत्काल आयोग को भी पृष्ठांकित की जाए। भवदीय (प्रमोद कुमार शर्मा) सचिव
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    सं. 3/4/आईडी/2020/एसडीआर/खंड. II दिनांकः 14 अक्तूबर, 2020 सेवा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार छत्तीसगढ़ गुजरात हरियाणा झारखंड कर्नाटक मध्य प्रदेश मणिपुर नागालैंड ओडिशा तेलंगाना उत्तर प्रदेश विषयः बिहार लोक सभा एवं छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के लिए उप-निर्वाचन, 2020 – मतदान केंद्रों के निर्वाचकों की पहचान – तत्संबंधी। महोदय, मुझे बिहार लोक सभा एवं छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश विधान सभाओं (अनुलग्नक-I के अनुसार) के लिए उप-निर्वाचनों में निर्वाचकों की पहचान के संबंध में, निर्वाचन आयोग के दिनांक 14 अक्तूबर, 2020 के आदेश को इसके साथ संलग्न करने का निदेश हुआ है। 2. निर्वाचन आयोग ने निदेश दिया है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी निर्वाचकों, जिन्हें एपिक जारी किया जा चुका है, को अपना मत डालने से पहले मतदान केंद्र पर अपनी पहचान के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) प्रस्तुत करना होगा। जो निर्वाचक एपिक प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आदेश के पैराग्राफ 7 में उल्लिखित किसी एक वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा। 3. एपिक के संबंध में, प्रविष्टियों में मामूली विसंगतियों को नजरअंदाज कर देना चाहिए बशर्ते कि निर्वाचक की पहचान उक्त द्वारा सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक ऐसा एपिक प्रस्तुत करता है जो किसी अन्य विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे पत्र भी पहचान के लिए स्वीकृत किए जाएंगे बशर्ते कि उस निर्वाचक का नाम, उस मतदान केंद्र, जहां वह मतदान करने आया है से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। यदि फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो तो निर्वाचक को पैरा 7 में उल्लिखित कोई एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा। 4. प्रवासी निर्वाचकों को पहचान के लिए केवल अपना वास्तविक भारतीय पासपोर्ट ही प्रस्तुत करना होगा। 5. इस आदेश को सभी रिटर्निंग अधिकारियों एवं पीठासीन अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए। रिटर्निंग अधिकारी विशेष ब्रीफिंग के माध्यम से पीठासीन अधिकारियों को इस आदेश के निहितार्थ तथा विषय-वस्तु के बारे में बताएंगे। प्रत्येक पीठासीन अधिकारी को मातृभाषा में अनूदित आदेश की प्रति को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। रिटर्निंग अधिकारियों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों के पास आदेश की प्रतियां उपलब्ध हों। आदेश को तत्काल राज्य के राजपत्र में प्रकाशित किया जाना चाहिए और उसकी एक प्रति को आयोग में इसके सूचना तथा अभिलेखन हेतु भेजा जाना चाहिए। 6. इस आदेश का आम जनता और निर्वाचकों की सूचना के लिए तत्काल और तत्पश्चात मतदान की तारीख तक नियमित अंतराल पर प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। इसमें अखबारों में पेड विज्ञापन शामिल होने चाहिएं। इन अनुदेशों के संबंध में, अपने राज्य/संघ राज्य-क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को भी लिखित में सूचित किया जाना चाहिए। 7. पूर्व में भी, निर्वाचन आयोग ने पहचान के लिए दस्तावेज के रूप में फोटो मतदान पर्ची की अनुमति दी थी। हालांकि, फोटो मतदाता पर्ची में किसी भी प्रकार की सुरक्षा संबंधी सुविधा नहीं होने की वजह से इसके दुरूपयोग होने के आधार पर एकमात्र पहचान दस्तावेज के रूप में इसका उपयोग करने के खिलाफ अभ्यावेदन दिए गए थे। चूंकि, 100 प्रतिशत निर्वाचकों के पास एपिक है, और 99 प्रतिशत वयस्कों को आधार कार्ड जारी किया जा चुका है, आयोग ने अब निर्णय लिया है कि फोटो मतदाता पर्ची को मतदान के लिए एक मात्र पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा, हालांकि फोटो मतदाता पर्ची तैयार होती रहेगी और जागरूकता पैदा करने के अभियान के रूप में निर्वाचकों को जारी की जाती रहेगी। निर्वाचकों को यह स्पष्ट करने के लिए कि फोटो मतदाता पर्चियों को मतदान के लिए एकमात्र पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा ये शब्द, फोटो मतदाता पर्ची में साफ अक्षरों में मुद्रित किए जाएंगे “मतदान केंद्र में इस पर्ची को पहचान के प्रयोजनार्थ स्वीकृत नहीं किया जाएगा। आपसे अनुरोध है कि एपिक अथवा आयोग द्वारा निर्धारित 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक को साथ में अवश्य लाएं” । 8. कृपया पावती दें और कृत कार्रवाई की पुष्टि करें। भवदीय (अभिषेक तिवारी) अवर सचिव
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    सं. 100/मध्य प्रदेश – वि.स./2020-(उप) दिनांकः 26 अक्तूबर, 2020 नोटिस यतः, आयोग द्वारा दिनांक 29 सितम्बर, 2020 को प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रे.नो./67/2020 के तहत मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए उप-निर्वाचनों की घोषणा कर दी गई है और उक्त प्रेस नोट के पैरा 4 के अनुसार आदर्श आचार संहिता के उपबंध उक्त तारीख से लागू हो गए हैं; और 2. यतः, आदर्श आचार संहिता के पैरा 1 के उप-पैरा (2) में, अन्य बातों के साथ-साथ, यह प्रावधान है कि दलों और अभ्यर्थियों को निजी जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना से बचना चाहिए, जिनका दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक कार्यकलापों से सरोकार न हो; और 3. यतः, आयोग ने अन्य बातों के साथ-साथ, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश की एक रिपोर्ट प्राप्त की है, जिसमें दिनांक 14 अक्तूबर, 2020 को सानवेर, इंदौर में रैली को संबोधित करते समय श्री कैलाश विजयवर्गीय, भारतीय जनता पार्टी के नेता ने कांग्रेस के नेताओं श्री कमलनाथ और श्री दिग्विजय सिंह को “चुन्नू-मुन्नू” के रूप में संबोधित किया; और 4. यतः, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश से एक रिपोर्ट मांगी गई थी, तथा उक्त को अब तथाकथित संबोधन (अनुलग्नक-1) के अधिकृत प्रतिलेख (ट्रांसक्रिप्ट) के साथ निम्नानुसार प्राप्त किया गया हैः “....ये दोनों सुनो चून्नू-मून्नू दिग्विजय जी और कमलनाथ जी ये दोनों चून्नू-मुन्नू इतने कलाकार हैं....... ये दोनों चुन्नू-मुन्नू एक मुख्यमंत्री बन गया और एक ट्रांसफर उद्योग ले कर अपने बंगले पर बैठ गया....... चुन्नू-मुन्नू गद्दार है और यहाँ लोगों को बोलते हैं शिवराज जी जैसे संत नेता के बारे में क्या बोलते हैं वे नालायक हैं....” 5. यतः, श्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिनांक 14 अक्तूबर, 2020 को रैली को संबोधित करने के भाषण के प्रतिलेख (ट्रांसक्रिप्ट) की आयोग में जांच की गई है और उनके बयान को ‘राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन हेतु आदर्श आचार संहिता के साधारण संचालन’ के भाग I के पैरा (2) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है; और 6. अब, इसलिए, आयोग आपको अवसर देता है कि आप इस नोटिस की प्राप्ति के 48 घंटों के भीतर दिए गए उपर्युक्त बयान के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ऐसा न करने पर भारत निर्वाचन आयोग आपको आगे संदर्भ दिए बिना निर्णय लेगा। अनुलग्नक: उपर्युक्त अनुसार आदेश से, (स्टैण्डहोप युहलुंग) वरिष्ठ प्रधान सचिव सेवा में श्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता, भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश
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    Bye Elections to the House of the people of Bihar and Legislative Assemblies of Chhattisgarh, Gujarat, Haryana, Jharkhand, Karnataka, Madhya Pradesh, Manipur, Nagaland, Odisha, Telangana and Uttar Pradesh,2020. - Identifications of electors of polling stations. The Election Commission hereby directs that for the Bye-Election, all electors who have been issued EPIC shall produce the EPIC for their identification at the polling station before casting their votes. Those electors who are not able to produce the EPIC shall produce one of the following alternative photo identity documents for establishing their identity: - Aadhaar Card, MNREGA Job Card, Passbooks with photograph issued by Bank/Post Office, Health Insurance Smart Card issued under the scheme of Ministry of Labour, Driving License, Pan Card, Smart Card issued by RGI under NPR, Indian Passport, Pension document with photograph, Service Identity Cards with photograph issued to employees by Central/State Govt./PSUs/Public Limited Companies, and Official identity cards issued to MPs/MLAs/MLCs.
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    सं.100/म.प्र.-वि.स./2020(उप.नि.) दिनांक: 26 अक्‍तूबर, 2020 आदेश यत:, आयोग ने मध्‍यप्रदेश विधान सभा के चल रहे उप-निर्वाचनों के दौरान ‘राजनीतिक दलों और अभ्‍यर्थियों के मार्गदर्शन की आदर्श आचार संहिता के साधारण संचालन’ भाग-I के पैरा (2) में विनिर्दिष्‍ट उपबंधों का उल्‍लंघन करने और आयोग के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/भा.नि.आ./ प्रकार्य/आआसं./2019, दिनांक 29 अप्रैल, 2019 द्वारा जारी परामर्शिका की अवमानना करने के लिए श्री कमल नाथ, पूर्व मुख्‍यमंत्री, मध्‍य प्रदेश को नोटिस सं. 100/म.प्र.-वि.स./2020(उप.नि.) दिनांक 21 अक्‍तूबर, 2020 जारी किया था; और 2. यत:, आयोग को उपर्युक्‍त नोटिस के लिए श्री कमलनाथ का उत्‍तर 22 अक्‍तूबर, 2020 को मिला है; और 3. यत:, श्री कमल नाथ ने अपने उपर्युक्‍त उत्‍तर में, अन्‍य बातों के साथ-साथ, निम्‍नलिखित निवेदन किया है:- (क) मेरे लिए और मेरी पार्टी के लिए - महिलाओं का सम्‍मान करना और उनकी गरिमा बनाए रखना सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण है। कहने की आवश्‍यकता नहीं है कि मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री के रूप में महिलाओं के सम्‍मान का संरक्षण, उनकी सुरक्षा और गरिमा बनाए रखना मेरे प्रशासन के महत्‍वपूर्ण आधारों में से एक था । (ख) भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने उल्‍लेखनीय निर्णयों में कई बार कहा है कि निर्वाचनों की गहमागहमी तत्‍क्षण कई बयान दे दिए जाते हैं। इस मामले में भी किसी महिला अथवा महिला जाति के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं था और न ही उनका अनादर करने की मंशा थी। यह केवल राजनीतिक परिदृश्‍य का एक उदाहरण था, जो अत्‍यंत नाटकीय होता है। (ग) किसी महिला के प्रति न तो कोई दुर्भावना थी और न ही अपमान करने की कोई मंशा। वास्‍तव में, इस घटना के अगले दिन अर्थात 19.10.2020 को मेरे द्वारा खेद व्‍यक्‍त करना और अपने कथन के बारे में स्‍पष्‍टकीकरण देना यह दर्शाता है कि आयोग की दिनांक 29.04.2019 को जारी परामर्शिका की उपेक्षा करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। (घ) अंत में, मैं आयोग को स्‍मरण कराना चाहता हूं कि महिलाओं की गरिमा बनाए रखना, मेरे सार्वजनिक जीवन की आधारशिला है और यह मेरे 40 वर्ष से अधिक के सार्वजनिक जीवन में किए गए मेरे कार्यों और शासन में प्रतिबिंबित होता है। (ङ) मैंने वर्ष 1980 से विभिन्‍न क्षमताओं में कार्य किए हैं – लोक सभा के सदस्‍य के रूप में, एक केंद्रीय मंत्री के रूप में और एक मुख्‍यमंत्री के रूप में। मुझ पर कभी भी महिलाओं या किसी के प्रति कदाचार अथवा क्रोधवश टिप्‍पणी करने का आरोप नहीं लगा है – चाहे संसद के भीतर हो अथवा संसद से बाहर। (च) मुझे आशा और विश्‍वास है कि मेरे सार्वजनिक जीवन के रिकार्ड को देखते हुए निर्वाचन आयोग मेरे इस उत्‍तर से संतुष्‍ट होगा। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान दिए गए अनर्गल बयान की वजह से किसी व्‍यक्ति के सार्व‍जनिक जिन्‍दगी के रिकार्ड को नजरांदाज नहीं किया जा सकता और न ही करना चाहिए। (छ) मैं अनुरोध करता हूं कि मेरे मौजूदा उत्‍तर को ध्‍यान में रखते हुए उतराधीन नोटिस के तहत मेरे विरूद्ध आरंभ की गई कार्रवाई को कृपया समाप्‍त किया जाए। 4. यत:, आयोग ने इस मामले पर गंभीरता से विचार किया है और उसका मानना है कि श्री कमलनाथ ने एक महिला के लिए ‘आइटम’ शब्‍द का प्रयोग किया है और यह आयोग के पत्र सं. 437/6/अनुदेश/भा.नि.आ./प्रकार्य/आआसं./2019, दिनांक 29 अप्रैल, 2019 के तहत जारी परामर्शिका का उल्‍लंघन है। 5. अत:, अब, आयोग श्री कमलनाथ, पूर्व मुख्‍यमंत्री, मध्‍य प्रदेश को एतद्द्वारा परामर्श देता है कि सार्वजनिक बयान देते समय उन्‍हें आदर्श आचार संहिता की अवधि में इस प्रकार के शब्‍दों अथवा कथनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। आदेश से, (स्‍टैंडहोप युहलुंग) वरिष्‍ठ प्रधान सचिव सेवा में, श्री कमलनाथ, पूर्व मुख्‍यमंत्री, मध्‍य प्रदेश, शिकारपुर, तहसील मोहखेड़, जिला – छिंदवाड़ा, मध्‍य प्रदेश
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    सं. ईसीआई/पीएन/72/2020 दिनांक: 05 अक्तूबर, 2020 प्रेस नोट विषय: मणिपुर विधान सभा में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचनों का कार्यक्रम-तत्संबंधी। आयोग ने मणिपुर विधान सभा में तीन (3) रिक्तियों को भरने के लिए निम्नलिखित उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसका विवरण निम्नानुसार है: क्र. सं. राज्य विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम 1 मणिपुर 22-वांगोई 2 मणिपुर 51-सैतु (अ.ज.जा.) 3 मणिपुर 60-सिंघाट (अ.ज.जा.) विभिन्न कारकों जैसे कि स्थानीय त्यौहार, मौसमी परिस्थितियां, सुरक्षा बलों का मूवमेंट, महामारी आदि को ध्यान में रखकर आयोग ने नीचे उल्लिखित कार्यक्रम के अनुसार, इन सभी रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन आयोजित करने का निर्णय लिया है: मतदान कार्यक्रम अनुसूची राजपत्र अधिसूचना जारी होने की तारीख 13.10.2020 (मंगलवार) नाम-निर्देशन की अंतिम तारीख 20.10.2020 (मंगलवार) नाम-निर्देशनों की संवीक्षा की तारीख 21.10.2020 (बुधवार) अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख 23.10.2020 (शुक्रवार) मतदान की तारीख 07.11.2020 (शनिवार) मतगणना की तारीख 10.11.2020 (मंगलवार) वह तारीख जिसके पहले निर्वाचनों को संपन्न करा लिया जाएगा 12.11.2020 (गुरुवार)
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    सं.: 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या/एमसीसी/2020 दिनांक: 29 सितम्बर, 2020 सेवा में 1. मत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्‍ट्रपति भवन, नई दिल्‍ली। निम्‍नलिखित सरकारों के मुख्‍य सचिव:- क) बिहार, पटना; छ) मध्य प्रदेश, भोपाल; ख) छत्तीसगढ़, रायपुर; ज) मणिपुर, इम्फाल; ग) गुजरात, गांधीनगर; झ) नागालैंड, कोहिमा; घ) हरियाणा, चंडीगढ़; ञ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ङ) झारखंड, रांची; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; च) कर्नाटक, बेंगलूरू; ठ) उत्तर प्रदेश, लखनऊ 3. मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी:- क) बिहार, पटना; छ) मध्य प्रदेश, भोपाल; ख) छत्तीसगढ़, रायपुर; ज) मणिपुर, इम्फाल; ग) गुजरात, गांधीनगर; झ) नागालैंड, कोहिमा; घ) हरियाणा, चंडीगढ़; ञ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ङ) झारखंड, रांची; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; च) कर्नाटक, बेंगलूरू; ठ) उत्तर प्रदेश, लखनऊ विषयः बिहार के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र और भिन्न राज्यों की राज्य विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने के लिए उप-निर्वाचन - आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन के संबंध में अनुदेश - तत्संबंधी। महोदय, मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आयोग ने प्रेस नोट सं. ईसीआई/प्रेस नोट/67/2020, दिनांक 29 सितम्बर, 2020 के तहत विभिन्न राज्यों के निम्नलिखित संसदीय/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आकस्मिक रिक्तियों को भरने हेतु उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा की हैः- राज्य का नाम निर्वाचन क्षेत्र का नाम एवं संख्या बिहार 1-वाल्मीकिनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र छत्तीसगढ़ 24-मरवाही (अ.ज.जा.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र गुजरात 01-अबडासा विधान निर्वाचन क्षेत्र 61-लींबडी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 65-मोरबी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 94-धारी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 106-गढडा (अ.जा.) विधान निर्वाचन क्षेत्र 147-करजण विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 173-डांग (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 181-कपराडा (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हरियाणा 33-बरोदा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र झारखंड 10-दुमका (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 35-बेरमो विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र कर्नाटक 136-सिरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 154-राजाराजेश्वरीनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश 04-जौरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 05-सुमावली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 06-मुरैना विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 07-दिमनी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 08-अम्बाह (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 12-मेहगांव विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 13-गोहद (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 15-ग्वालियर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 16-ग्वालियर (पूर्व) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 19-डबरा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 21-भाण्डेर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 23-करेरा (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 24-पोहरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 28-बामोरी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 32-अशोकनगर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 34-मुंगावली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 37-सुरखी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 53-मलहरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 87-अनूपपुर (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 142-सांची (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 161-ब्यावरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 166-आगर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 172-हाटपिपल्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 175-मांधाता विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 179-नेपानगर (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 202-बदनावर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 211-सांवेर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 226-सुवासरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र मणिपुर 30-लिलोंग विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 34-वाँग्जिंग टेन्‍था विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र नागालैंड 14-दक्षिणी अंगामी-I (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 60-पुंगरो-किफिरे (अ.ज.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र ओडिशा 38-बालासौर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 102-तिरतोल (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र तेलंगाना 41-डुब्बक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश 40-नौगावां सादात विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 65-बुलंदशहर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 95-टूण्डला (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 162-बांगरमऊ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 218-घाटमपुर (अ.जा.) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 337-देवरिया विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 367-मल्हनी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 2. आदर्श आचार सहिंता के उपबंध, आयोग द्वारा जारी पत्र सं. 437/6/अनुदेश/2016-सीसीएस दिनांक 29 जून, 2017 और सं. 437/6/विविध/ईसीआई/पत्र/प्रकार्य/एमसीसी/2017 दिनांक 18 जनवरी, 2018 (प्रतियां संलग्न) के आंशिक आशोधन के अध्यधीन, उस जिले (जिलों) में तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं जिनमें उप निर्वाचन होने वाले संसदीय/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का संपूर्ण अथवा कोई भाग सम्मिलित है। 3. इसे कृपया सभी संबंधितों के ध्यान में लाएं।
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    सं.: 437/6/1/ईसीआई/अनुदेश/प्रकार्या/एमसीसी/2020 दिनांक: 29 सितम्बर, 2020 सेवा में 1. मत्रिमंडल सचिव, भारत सरकार, राष्‍ट्रपति भवन, नई दिल्‍ली। 2. सचिव, भारत सरकार, कार्यक्रम कार्यान्‍वयन विभाग, सरदार पटेल भवन, नई दिल्‍ली। 3. निम्‍नलिखित सरकारों के मुख्‍य सचिव:- क) बिहार, पटना; छ) मध्य प्रदेश, भोपाल; ख) छत्तीसगढ़, रायपुर; ज) मणिपुर, इम्फाल; ग) गुजरात, गांधीनगर; झ) नागालैंड, कोहिमा; घ) हरियाणा, चंडीगढ़; ञ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ङ) झारखंड, रांची; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; च) कर्नाटक, बेंगलूरू; ठ) उत्तर प्रदेश, लखनऊ 4. मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी क) बिहार, पटना; छ) मध्य प्रदेश, भोपाल; ख) छत्तीसगढ़, रायपुर; ज) मणिपुर, इम्फाल; ग) गुजरात, गांधीनगर; झ) नागालैंड, कोहिमा; घ) हरियाणा, चंडीगढ़; ञ) ओडिशा, भुवनेश्वर; ङ) झारखंड, रांची; ट) तेलंगाना, हैदराबाद; च) कर्नाटक, बेंगलूरू; ठ) उत्तर प्रदेश, लखनऊ विषय: उप निर्वाचन - सांसद/विधायक स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियाँ जारी करना। महोदय, मुझे, आयोग के दिनांक 29 सितम्बर, 2020 के प्रेस नोट (आयोग की वेबसाइट “http://eci.gov.in/” पर उपलब्‍ध), जिसके द्वारा बिहार के संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र में तथा विभिन्न राज्‍यों की विधान सभाओं में आकस्मिक रिक्तियों को भरने हेतु उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा की गई है, के संदर्भ में यह कहने का निदेश हुआ है कि उप निर्वाचनों की इस घोषणा के परिणामस्‍वरूप राजनीतिक दलों तथा अभ्‍यर्थियों के मार्ग-दर्शन के लिए आर्दश आचार संहिता के प्रावधान तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। 2. संसद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना के अधीन निधियों को जारी किए जाने संबंधी मामले पर कार्रवाई उप-निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू करने के संबंध में आयोग के दिनांक 29 जून, 2017 के पत्र सं.437/6/अनुदेश/2016-सीसीएस के अनुसरण में की जाएगी, जो अन्‍य बातों के साथ-साथ यह उप‍बन्धित करता है कि- (क) संसद सदस्‍य (राज्‍य सभा सदस्‍यों सहित) स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि के अधीन जिले (जिलों) के किसी भी भाग में जहां पर वह विधान सभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र स्थित है, जहाँ निर्वाचन चल रहे हैं, में निर्वाचन प्रक्रिया के समाप्‍त होने तक कोई भी नई निधि जारी नहीं की जाएगी। यदि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र राज्‍य की राजधानी/महानगरों/नगर निगमों के अधीन आता है तो उपरोक्‍त अनुदेश केवल संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में ही लागू होंगे। इसी प्रकार से, विधान सभा सदस्‍य/विधान परिषद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि के अंतर्गत, यदि कोई ऐसी योजना संचालन में है तो निर्वाचन प्रक्रिया के समाप्‍त होने तक कोई भी नई निधि जारी नहीं की जाएगी। (ख) इस पत्र के जारी होने से पूर्व, जिन कार्यों के संबंध में कार्य आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं परंतु वास्तव में उस क्षेत्र में उन पर कार्य शुरू नहीं किया गया है, ऐसा कोई कार्य शुरू नहीं किया जाएगा। ये कार्य केवल निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति पर ही शुरू किए जा सकते हैं। हालांकि, यदि कोई कार्य वास्‍तव में शुरू कर दिया गया है तो उसे जारी रखा जा सकता है। (ग) संबंधित अधिकारियों की पूर्ण संतुष्टि के अध्‍यधीन पूरे किए गए कार्य(र्यों) के लिए भुगतान करने पर कोई प्रतिबन्‍ध नहीं होगा। (घ) जहां योजनाओं को स्‍वीकृति दी जा चुकी है एवं निधियाँ उपलब्‍ध करवा दी गई हों या जारी कर दी गई हों और जहां सामग्री प्राप्‍त कर ली गई हो और उसे कार्यस्‍थल पर पहुंचा दिया गया हो, तो ऐसी योजनाओं को कार्यक्रम के अनुसार निष्‍पादित किया जा सकता है।
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    Pre-certification of Political Advertisements in Print Media on the day of poll & one day prior to poll in Bye-elections - regarding. Letter to the CEOs of Chhattisgarh, Gujarat, Haryana, Jharkhand, Karnataka, Madhya Pradesh, Nagaland, Odisha, Telangana and Uttar Pradesh.
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    सं. ईसीआई/प्रे.नो./57/2020 दिनांक: 4 सितंबर, 2020 प्रेस विज्ञप्ति विभिन्न राज्यों में होने वाले उप-निर्वाचन आयोजित कराने के संबंध में आज आयोग की बैठक हुई। वर्तमान में, विधानसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले उप-निर्वाचन के लिए 65 स्पष्ट रिक्तियां हैं, जिनमें से विभिन्न राज्यों की राज्य विधानसभाओं में 64 रिक्तियां और संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए 1 (एक) रिक्ति है। आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों/मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट और इनपुट की समीक्षा की, जिसमें उन्होंने कुछ स्थानों पर असामान्य भारी बारिश और वैश्विक महामारी जैसी अन्य बाधाओं आदि सहित कई कारकों को देखते हुए अपने-अपने राज्यों में उप-निर्वाचनों को स्थगित करने की मांग की थी। यह देखते हुए कि बिहार के साधारण विधानसभा निर्वाचन भी होने वाले हैं और इन्हें दिनांक 29 नवंबर, 2020 से पहले पूरे करवाना अपेक्षित है, अत:, आयोग ने सभी 65 उप-निर्वाचनों और बिहार के साधारण विधानसभा निर्वाचनों का आयोजन लगभग उसी समय करवाने का निर्णय लिया है। उन्हें एक साथ आयोजित करवाने के प्रमुख कारकों में से एक कारक सीएपीएफ/अन्य कानून एवं व्यवस्था बलों की अपेक्षाकृत सहज आवाजाही और संबंधित संभारतंत्रीय मुद्दे हैं। बिहार के साधारण विधानसभा निर्वाचनों और इन उप-निर्वाचनों की अनुसूची की घोषणा आयोग द्वारा उचित समय पर की जाएगी।
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    Bye-election to the Maharashtra Legislative Council from Dhule-cum-Nandurbar Local Authorities' Constituency-Amendment Notification-regarding.
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    Bye-election to the Telangana Legislative Council from Nizamabad Local Authorities’ Constituency - Amendment Notification -reg.

ईसीआई मुख्य वेबसाइट


eci-logo.pngभारत निर्वाचन आयोग एक स्‍वायत्‍त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्‍तरदायी है। यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्‍य सभा, राज्‍य विधान सभाओं और देश में राष्‍ट्रपति एवं उप-राष्‍ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है। निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्‍छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है। 

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